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बेतिया

सूची बेतिया

बेतिया बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले का एक शहर है। यह पश्चिमी चंपारण जिला का मुख्यालय भी है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है। इसके पश्चिम में उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला पड़ता है। 'बेतिया' शब्द 'बेंत' (cane) से व्युत्पन्न है जो कभी यहाँ बड़े पैमाने पर उत्पन्न होता था (अब नहीं)। अंग्रेजी काल में बेतिया राज दूसरी सबसे बड़ी जमींदारी थी जिसका क्षेत्रफल १८०० वर्ग मील थी। इससे उस समय २० लाख रूपये लगान मिलता था। इसका उत्तरी भाग ऊबड़-खाबड़ तथा दक्षिणी भाग समतल तथा उर्वर है। यह हरहा नदी की प्राचीन तलहटी में स्थित प्रमुख नगर है। यह मुजफ्फरपुर से १२४ किमी दूर है तथा पहले बेतिया जमींदारी की राजधानी था। यहाँ के महाराजा का महल दर्शनीय है। महात्मा गांधी ने बेतिया के हजारी मल धर्मशाला में रहकर सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी। १९७४ के संपूर्ण क्रांति में भी बेतिया की अहम भुमिका थी। यहां के अमवा मझार गांव के रहने वाले श्यामाकांत तिवारी ने जयप्रकाश नारायण के कहने पर पूरे जिले में आंदोलन को फैलाया। यह एक कृषि प्रधान क्षेत्र है जहाँ गन्ना, धान और गेहूँ सभी उगते हैं। यह गाँधी की कर्मभूमि और ध्रुपद गायिकी के लिए प्रसिध है। बेतिया से मुंबई फ़िल्म उद्योग का सफ़र तय कर चुके मशहूर फ़िल्म निर्देशक प्रकाश झा ने इस क्षेत्र के लोगों की सरकारी नौकरी की तलाश पर 'कथा माधोपुर' की रचना की। .

18 संबंधों: चंपारण, चौदहवीं लोकसभा, दामोदर राव, नील विद्रोह, पश्चिमी चंपारण, बानूछापर, बिहार में यातायात, बगहा, भारत के शहरों की सूची, महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, महेन्द्रनाथ मंदिर , सिवान , बिहार, राम प्रसाद 'बिस्मिल', रघुनाथ झा, रेणु देवी, हाजीपुर, वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान, गोपाल राम गहमरी, गोपाल सिंह नेपाली

चंपारण

चंपारण बिहार प्रान्त का एक जिला था। अब पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण नाम के दो जिले हैं। भारत और नेपाल की सीमा से लगा यह क्षेत्र स्वाधीनता संग्राम के दौरान काफी सक्रिय रहा है। महात्मा गाँधी ने अपनी मशाल यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन से जलायी थी। बेतियापश्चिमी चंपारण का जिला मुख्यालय है और मोतिहारी पूर्वी चम्पारण का। चंपारण से ३५ किलोमीटर दूर दक्षिण साहेबगंज-चकिया मार्ग पर लाल छपरा चौक के पास अवस्थित है प्राचीन ऐतिहासिक स्थल केसरिया। यहाँ एक वृहद् बौद्धकालीन स्तूप है जिसे केसरिया स्तूप के नाम से जाना जाता है। .

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चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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दामोदर राव

दामोदर  राव (जन्म २१ अगस्त १९७७)  एक भारतीय गायक, संगीतकार व अभिनेता हैं, इनके पिता का नाम रामधनी राव और माता का नाम लालपरी देवी है, इन्होंने गायकी और संगीत में लगभग ९५ भोजपुरी और हिंदी सिनेमा तथा ८०० वीडियो एल्बम किये है और इन्हें भोजपुरी के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में से जाना जाता है, इनका संगीत मधुर और कर्णप्रिय होता है।  .

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नील विद्रोह

बंगाल में नील के एक कारखाने का दृष्य (१८६७) नील विद्रोह किसानों द्वारा किया गया एक आन्दोलन था जो बंगाल के किसानों द्वारा सन् १८५९ में किया गया था। किन्तु इस विद्रोह की जड़ें आधी शताब्दी पुरानी थीं, अर्थात् नील कृषि अधिनियम (indigo plantation act) का पारित होना। इस विद्रोह के आरम्भ में नदिया जिले के किसानों ने 1859 के फरवरी-मार्च में नील का एक भी बीज बोने से मना कर दिया। यह आन्दोलन पूरी तरह से अहिंसक था तथा इसमें भारत के हिन्दू और मुसलमान दोनो ने बराबर का हिस्सा लिया। सन् १८६० तक बंगाल में नील की खेती लगभग ठप पड़ गई। सन् १८६० में इसके लिए एक आयोग गठित किया गया। .

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पश्चिमी चंपारण

चंपारण बिहार के तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत भोजपुरी भाषी जिला है। हिमालय के तराई प्रदेश में बसा यह ऐतिहासिक जिला जल एवं वनसंपदा से पूर्ण है। चंपारण का नाम चंपा + अरण्य से बना है जिसका अर्थ होता है- चम्‍पा के पेड़ों से आच्‍छादित जंगल। बेतिया जिले का मुख्यालय शहर हैं। बिहार का यह जिला अपनी भौगोलिक विशेषताओं और इतिहास के लिए विशिष्ट स्थान रखता है। महात्मा गाँधी ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन से सत्याग्रह की मशाल जलायी थी। .

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बानूछापर

बानूछापर बिहार राज्य के पश्चिमी चम्पारण जिले के बेतिया प्रखण्ड का एक पंचायत है। यह बेतिया जिला मुख्यालय से बिल्कुल सटा है। बेतिया स्टेशन बानूछापर पंचायत मे ही आता है। यहाँ के लोग जिले के अन्य पंचायतो के लोगो से काफी सुविधा सम्पन्न हैं। श्रेणी:बिहार का भूगोल.

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बिहार में यातायात

यह लेख बिहार राज्य की सार्वजनिक और निजी परिवहन प्रणाली के बारे में है। .

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बगहा

बगहा भारत के बिहार प्रान्त के पश्चिमी चंपारण जिले की एक नगरपालिका (कस्बा) है। यह बूढ़ी गण्डक जिसका प्राचीन नाम सदानीरा है,उसी के किनारे स्थित है। यहाँ शिक्षा एक समय में अँधेरे में था। लेकिन, सरकारी विद्यालयों राजकीय मध्य विद्यालय, डी.

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भारत के शहरों की सूची

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महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय

महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय भारत का एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है जो बिहार के मोतिहारी में स्थित है। मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यायल की स्थापना होने से सिर्फ चंपारण बल्कि आसपास के जिलों का शैक्षणिक विकास होगा। मोतिहारी सहित गोपालगंज, बेतिया, शिवहर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी आदि जिलों के युवा उच्च शिक्षा के लिए दूसरे प्रदेश का रूख करते थे। .

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महेन्द्रनाथ मंदिर , सिवान , बिहार

बिहार राज्य के सीवान जिला से लगभग 35 किमी दूर सिसवन प्रखण्ड के अतिप्रसिद्ध मेंहदार गांव में स्थित भगवान शिव के प्राचीन महेंद्रनाथ मन्दिर का निर्माण नेपाल नरेश महेंद्रवीर विक्रम सहदेव सत्रहवीं शताब्दी में करवाया था और इसका नाम महेंद्रनाथ रखा था। ऐसी मान्यता है कि मेंहदार के शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पर नि:संतानों को संतान व चर्म रोगियों को चर्म रोग रोग से निजात मिल जाती है । .

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राम प्रसाद 'बिस्मिल'

राम प्रसाद 'बिस्मिल' (११ जून १८९७-१९ दिसम्बर १९२७) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें ३० वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। राम प्रसाद एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी (निर्जला एकादशी) विक्रमी संवत् १९५४, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में जन्मे राम प्रसाद ३० वर्ष की आयु में पौष कृष्ण एकादशी (सफला एकादशी), सोमवार, विक्रमी संवत् १९८४ को शहीद हुए। उन्होंने सन् १९१६ में १९ वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रखा था। ११ वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उन पुस्तकों को बेचकर जो पैसा मिला उससे उन्होंने हथियार खरीदे और उन हथियारों का उपयोग ब्रिटिश राज का विरोध करने के लिये किया। ११ पुस्तकें उनके जीवन काल में प्रकाशित हुईं, जिनमें से अधिकतर सरकार द्वारा ज़ब्त कर ली गयीं। --> बिस्मिल को तत्कालीन संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध की लखनऊ सेण्ट्रल जेल की ११ नम्बर बैरक--> में रखा गया था। इसी जेल में उनके दल के अन्य साथियोँ को एक साथ रखकर उन सभी पर ब्रिटिश राज के विरुद्ध साजिश रचने का ऐतिहासिक मुकदमा चलाया गया था। --> .

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रघुनाथ झा

रघुनाथ झा (9 अगस्त, 1939 – 15 जनवरी, 2018) राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में केंद्रीय भारी उद्योग एवं लोक उद्यम राज्यमंत्री थे। उनका 37 सालों का संसदीय जीवन रहा। वे लगातार छह बार शिवहर से विधायक और दो बार क्रमशः गोपालगंज और बेतिया से सांसद रहे। वे बिहार सरकार में डेढ़ दर्जन से अधिक विभागों के मंत्री रहे थे। जनता दल के गठन के बाद उसके प्रथम प्रदेश अध्यक्ष के साथ साथ पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर नीत समाजवादी जनता पार्टी और समता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे। वर्ष 1990 में उन्होने लालू प्रसाद यादव को बिहार के मुख्यमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। .

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रेणु देवी

रेणु देवी एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। वे पूर्व बिहार सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। वे चार बार बेतिया से बिहार विधान सभा की सदस्य चुनी गई। .

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हाजीपुर

हाजीपुर (Hajipur) भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त के वैशाली जिला का मुख्यालय है। हाजीपुर भारत की संसदीय व्यवस्था के अन्तर्गत एक लोकसभा क्षेत्र भी है। 12 अक्टुबर 1972 को मुजफ्फरपुर से अलग होकर वैशाली के स्वतंत्र जिला बनने के बाद हाजीपुर इसका मुख्यालय बना। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावा आज यह शहर भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे मुख्यालय है, इसकी स्थापना 8 सितम्बर 1996 को हुई थी।, राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .

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वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान

वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है। वाल्‍मीकि नगर, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के सबसे उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक छोटा कस्‍बा है जहां कम आबादी है और यह अधिकांशत: वन क्षेत्र के अंदर है। पश्चिमी चंपारण जिले का एक रेलवे स्‍टेशन नरकटिया गंज के रेल हैड के पास स्थित है। यह पार्क उत्तर में नेपाल के रॉयल चितवन नेशनल पार्क और पश्चिम में हिमालय पर्वत की गंडक नदी से घिरा हुआ है। यहां पर आप बाघ, स्‍लॉथ बीयर, भेडिए, हिरण, सीरो, चीते, अजगर, पीफोल, चीतल, सांभर, नील गाय, हाइना, भारतीय सीवेट, जंगली बिल्लियां, हॉग डीयर, जंगली कुत्ते, एक सींग वाले राइनोसिरोस तथा भारतीय भैंसे कभी कभार चितवन से चलकर वाल्‍मीकि नगर में आ जाते हैं। .

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गोपाल राम गहमरी

गोपाल राम गहमरी (1866-1946) हिंदी के महान सेवक, उपन्यासकार तथा पत्रकार थे। वे 38 वर्षों तक बिना किसी सहयोग के 'जासूस' नामक पत्रिका निकालते रहे, २०० से अधिक उपन्यास लिखे, सैकड़ों कहानियों के अनुवाद किए, यहां तक कि रवीन्द्रनाथ ठाकुर की 'चित्रागंदा' काव्य का भी (पहली बार हिंदी अनुवाद गहमरीजी द्वारा किया गया) अनुवाद किए। वह ऐसे लेखक थे, जिन्होंने हिंदी की अहर्निश सेवा की, लोगों को हिंदी पढऩे को उत्साहित किया, ऐसी रचनाओं का सृजन करते रहे कि लोगों ने हिंदी सीखी। यदि देवकीनंदन खत्री के बाद किसी दूसरे लेखक की कृतियों को पढ़ने के लिए गैरहिंदी भाषियों ने हिंदी सीखी तो वे गोपालराम गहमरी ही थे। गहमरी ने प्रारंभ में नाटकों का अनुवाद किया, फिर उपन्यासों का अनुवाद करने लगे। बंगला से हिन्दी में किया गया इनका अनुवाद तब बहुत प्रामाणिक माना गया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी गोपालराम गहमरी ने कविताएं, नाटक, उपन्यास, कहानी, निबंध और साहित्य की विविध विधाओं में लेखन किया, लेकिन प्रसिद्धि मिली जासूसी उपन्यासों के क्षेत्र में। 'जासूस' नामक एक मासिक पत्रिका निकाली। इसके लिए इन्हें प्रायः एक उपन्यास हर महीने लिखना पड़ा। 200 से ज्यादा जासूसी उपन्यास गहमरीजी ने लिखे। 'अदभुत लाश', 'बेकसूर की फांसी', 'सरकती लाश', 'डबल जासूस', 'भयंकर चोरी', 'खूनी की खोज' तथा 'गुप्तभेद' इनके प्रमुख उपन्यास हैं। जासूसी उपन्यास-लेखन की जिस परंपरा को गहमरी ने जन्म दिया, उसका हिन्दी में विकास ही न हो सका। .

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गोपाल सिंह नेपाली

गोपाल सिंह नेपाली गोपाल सिंह नेपाली (1911 - 1963) हिन्दी एवं नेपाली के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होने बम्बइया हिन्दी फिल्मों के लिये गाने भी लिखे। वे एक पत्रकार भी थे जिन्होने "रतलाम टाइम्स", चित्रपट, सुधा, एवं योगी नामक चार पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। सन् १९६२ के चीनी आक्रमन के समय उन्होने कई देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताएं लिखीं जिनमें 'सावन', 'कल्पना', 'नीलिमा', 'नवीन कल्पना करो' आदि बहुत प्रसिद्ध हैं। .

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