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बुरुशस्की

सूची बुरुशस्की

बुरुशस्की एक भाषा है जो पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के उत्तरी भागों में बुरुशो समुदाय द्वारा बोली जाती है। यह एक भाषा वियोजक है, यानि विश्व की किसी भी अन्य भाषा से कोई ज्ञात जातीय सम्बन्ध नहीं रखती और अपने भाषा-परिवार की एकमात्र ज्ञात भाषा है। सन् २००० में इसे हुन्ज़ा-नगर ज़िले, गिलगित ज़िले के उत्तरी भाग और ग़िज़र ज़िले की यासीन व इश्कोमन घाटियों में लगभग ८७,००० लोग बोलते थे। इसे जम्मू और कश्मीर राज्य के श्रीनगर क्षेत्र में भी लगभग ३०० लोग बोलते हैं। भारत में बुरुशस्की के अलावा केवल मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के सीमावर्ती बुलढाणा क्षेत्र की निहाली भाषा ही दूसरी ज्ञात भाषा वियोजक है। .

16 संबंधों: डोमाकी भाषा, दिआमेर ज़िला, निहाली भाषा, नगर (गिलगित-बल्तिस्तान), नगर वादी, भाषा वियोजक, यासीन वादी, हुन्ज़ा घाटी, हुन्ज़ा-नगर ज़िला, विंशाधारी, ग़िज़र ज़िला, गिलगित, गिलगित ज़िला, गिलगित-बल्तिस्तान, इश्कोमन, अलियाबाद

डोमाकी भाषा

डोमाकी (Domaaki) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में कुछ सैंकड़ों लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक दार्दी भाषा है। यह डूमा समुदाय के सदस्यों द्वारा बोली जाती है जिनकी लोकमान्यता है कि वे कहीं दक्षिण में मध्य भारत से आकर कश्मीर घाटी से गुज़रते हुए नगर और हुन्ज़ा की घाटियों में पहुंचकर बस गए थे। यहाँ से वे आगे काश्गर तक भी पहुँच गए। अधिकतर डूमा लोगों ने अपनी मातृभाषा छोड़कर शीना भाषा बोलना शुरू कर दिया और केवल नगर व हुन्ज़ा वादियों में ही डोमाकी चलती आ रही है। डूमा लोग पेशे से लोहार और मरासी (संगीतकार) हुआ करते थे लेकिन आजकल यह भिन्न व्यवसायों में लग गए हैं। १९८९ में केवल ५०० लोग डोमाकी मातृभाषी गिने गए थे और इनकी गिनती कम होती जा रही थी। इनमें से अधिकतर हुन्ज़ा में और कुछ नगर में हैं। हुन्ज़ा की डोमाकी और नगर की डोमाकी में कुछ अंतर हैं लेकिन इनके बोलने वाले एक-दूसरे को समझ सकते हैं। सभी डोमाकी बोलने वाले अपने आसपास के बहुसंख्यक बुरुशसकी या शीना लोगों की ज़बाने भी बोल लेते हैं। .

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दिआमेर ज़िला

दिआमेर ज़िला​ पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र का एक ज़िला है। इसकी राजधानी चिलास है। २००४ में इसे विभाजित करके अलग अस्तोर ज़िला बनाया गया। .

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निहाली भाषा

निहाली भाषा पश्चिम-मध्य भारत के मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र राज्यों के कुछ छोटे भागों में बोली जाने वाली एक भाषा है। यह एक भाषा वियोजक है, यानि विश्व की किसी भी अन्य भाषा से कोई ज्ञात जातीय सम्बन्ध नहीं रखती और अपने भाषा-परिवार की एकमात्र ज्ञात भाषा है। भारत में इसके अलावा केवल जम्मू और कश्मीर की बुरुशस्की भाषा ही दूसरी ज्ञात भाषा वियोजक है। निहाली समुदाय की संख्या लगभग ५,००० है लेकिन सन् १९९१ की जनगणना में इनमें से केवल २,००० ही इस भाषा को बोलने वाले गिने गए थे। निहाली समुदाय ऐतिहासिक रूप से कोरकू समुदाय से सम्बन्धित रहा है और उन्हीं के गाँवों में बसता है। इस कारण से निहाली बोलने वाले बहुत से लोग कोरकू भाषा में भी द्विभाषीय होते हैं। निहाली बोली में बहुत से शब्द आसापास की भाषाओं से लिए गए हैं और साधारण बोलचाल में लगभग ६०-७०% शब्द कोरकू के होते हैं। भाषावैज्ञानिकों के अनुसार मूल निहाली शब्दावली के केवल २५% शब्द ही आज प्रयोग में हैं। .

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नगर (गिलगित-बल्तिस्तान)

नगर (Nagar) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले में स्थित एक शहर है। यह हुन्ज़ा नदी के किनारे २,६८८ मीटर (८,८२२ फ़ुट) की ऊँचाई पर बसा हुआ है। चीन-द्वारा नियंत्रित शिंजियांग प्रान्त को ख़ुंजराब दर्रे के ज़रिये पाकिस्तान से जोड़ने वाला प्रसिद्ध काराकोरम राजमार्ग नगर से भी गुज़रकर निकलता है। यह जिस वादी में स्थित है उसका नाम भी नगर वादी है और यह किसी ज़माने में नगर रियासत का क्षेत्र हुआ करता था। नगर शहर को वादी से अलग बताने के लिये कभी-कभी नगर ख़ास भी कहते हैं। यहाँ के अधिकतर लोग बुरुशस्की बोलते हैं हालांकि स्थानीय लोगों को शीना भाषा भी आती है।, pp.

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नगर वादी

हुन्ज़ा नदी के पार नगर वादी का दृश्य नगर वादी (Nagar Valley) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र की एक प्रमुख घाटी है। यह हुन्ज़ा-नगर ज़िले में स्थित है और प्रशासनिक रूप से दो तहसीलों में बंटी है जिन्हें नगर-१ और नगर-२ कहते हैं। यह वादी काराकोरम पर्वतक्षेत्र में २,४३८ मीटर (७,९९९ फ़ुट) की औसत ऊँचाई पर स्थित है और इस से राकापोशी और दीरन जैसे पर्वत देखे जा सकते हैं। इस घाटी में पहले नगर रियासत हुआ करती थी जो १९७४ में 'शुमाली इलाक़े' नामक प्रशासनिक इकाई में विलय कर दी गई। यही 'शुमाली इलाक़े' वर्तमान में गिलगित-बलतिस्तान कहलाते हैं। इस रियासत की राजधानी नगर ख़ास आज भी नगर वादी का प्रमुख शहर है। .

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भाषा वियोजक

भाषा वियोजक (language isolate) ऐसी प्राकृतिक भाषा है जिसका किसी भी अन्य भाषा से कोई जातीय सम्बन्ध न हो, यानि जो अपने भाषा परिवार में बिलकुल अकेली हो और जिसका किसी भी अन्य भाषा के साथ कोई सांझी पूर्वज भाषा न हो। यूरोप की बास्क भाषा और एशिया की कोरियाई भाषा इसके उदाहरण हैं। भारत में जम्मू और कश्मीर की बुरुशस्की भाषा और मध्य प्रदेश की निहाली भाषा दोनों ही भाषा वियोजक हैं। .

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यासीन वादी

यासीन (Yasin) या वोरशीगूम (Worshigum) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के ग़िज़र ज़िले की एक घाटी है। प्रशासनिक दृष्टि से यह ग़िज़र ज़िले की एक तहसील भी है। यासीन वादी हिन्दु कुश पर्वतों में स्थित है और यहाँ से पूर्व में इश्कोमन वादी पहुँचने के लिए असम्बर दर्रे नामक एक पर्वतीय दर्रे से गुज़रना पड़ता है।, Robert W. Bradnock, Trade & Travel Publications, 1994,...

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हुन्ज़ा घाटी

हुन्ज़ा में बलतित क़िला हुन्ज़ा घाटी पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले मे स्थित एक घाटी है। यह गिलगित से उत्तर में नगर वादी के समीप रेशम मार्ग पर स्थित है। इसमें कई छोटी छोटी बस्तीयों का जमावड़ा है। सब से बड़ी बस्ती करीमाबाद है, हालांकि इसका मूल नाम "बलतित" था। घाटी से राकापोशी का नज़ारा बहुत सुंदर है। यहाँ के मुख्य व्यवसाय पाकिस्तानी सेना और पर्यटन से सम्बन्धित है। वादी से हुन्ज़ा नदी गुज़रती है। स्थानीय लोग बुरुशस्की बोलते है। बलतित क़िला देखने की जगह है। श्रेणी:गिलगित-बल्तिस्तान की घाटियाँ.

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हुन्ज़ा-नगर ज़िला

हुन्ज़ा-नगर ज़िला​ पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र का एक ज़िला है। इसकी राजधानी अलियाबाद शहर है। २०१० तक यह ज़िला गिलगित ज़िले का हिस्सा हुआ करता था। यह हुन्ज़ा रियासत और नगर रियासत नामक दो भूतपूर्व रियासतों को मिलाकर बना है। .

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विंशाधारी

विंशाधारी (vigesimal) ऐसी संख्या प्रणाली होती है जो २० (बीस) पर आधारित हो, ठीक इसी तरह जैसे दशमलव प्रणाली दस पर आधारित होती है। गिलगित-बल्तिस्तान में बोली जाने वाली बुरुशस्की भाषा इसकी एक उदाहरण है। .

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ग़िज़र ज़िला

ग़िज़र ज़िले का नक़्शा जिसमें गाँव-बस्तियाँ दिखाएँ गए हैं ग़िज़र​ पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र का पश्चिमतम ज़िला है। इसकी राजधानी गाहकूच शहर है। यहाँ कई जातियाँ रहती हैं और तीन मुख्य भाषाएँ बोली जाती हैं - खोवार, शीना और बुरूशसकी। इनके अलावा इस ज़िले के इश्कोमन क्षेत्र में कुछ वाख़ी और ताजिक बोलने वाले भी यहाँ रहते हैं। कुछ गुज्जर लोग भी इस जिले में बसे हुए हैं। .

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गिलगित

कारगाह में बुद्ध की तस्वीर गिलगित (अंग्रेजी: Gilgit, उर्दू) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। गिलगित शहर, गिलगित जिले के अंतर्गत गिलगित की एक तहसील है। इसका प्राचीन नाम सर्गिन था जो बाद में गिलित हो गया। स्थानीय लोगों आज भी इसे गिलित या सर्गिन-गिलित पुकारते हैं। बुरुशस्की भाषा में, इसे गील्त और वाख़ी और खोवार में इसे गिल्त कहा जाता है। प्राचीन संस्कृत साहित्य में इसे घल्लाता नाम से जाना जाता है। स्कर्दू के साथ साथ गिलगित शहर काराकोरम और हिमालय की अन्य पर्वतमालाओं के पर्वतारोही अभियानों के लिए उत्तरी क्षेत्रों के दो प्रमुख केन्द्रों में से एक है। .

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गिलगित ज़िला

गिलगित ज़िला​ पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र का एक ज़िला है। इसकी राजधानी गिलगित शहर है। २०१० तक हुन्ज़ा-नगर ज़िला भी गिलगित ज़िले का हिस्सा हुआ करता था। .

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गिलगित-बल्तिस्तान

गिलगित-बल्तिस्तान (उर्दू:, बलती: གིལྒིཏ་བལྟིསྟན), पाक-अधिकृत कश्मीर के भीतर एक स्वायत्तशासी क्षेत्र है जिसे पहले उत्तरी क्षेत्र या शुमाली इलाक़े (शुमाली इलाक़ाजात) के नाम से जाना जाता था। यह पाकिस्तान की उत्तरतम राजनैतिक इकाई है। इसकी सीमायें पश्चिम में खैबर-पख़्तूनख्वा से, उत्तर में अफ़ग़ानिस्तान के वाख़ान गलियारे से, उत्तरपूर्व में चीन के शिन्जियांग प्रान्त से, दक्षिण में और दक्षिणपूर्व में भारतीय जम्मू व कश्मीर राज्य से लगती हैं। गिलगित-बल्तिस्तान का कुल क्षेत्रफल 72,971 वर्ग किमी (28,174 मील²) और अनुमानित जनसंख्या लगभग दस लाख है। इसका प्रशासनिक केन्द्र गिलगित शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग 2,50,000 है। 1970 में "उत्तरी क्षेत्र” नामक यह प्रशासनिक इकाई, गिलगित एजेंसी, लद्दाख़ वज़ारत का बल्तिस्तान ज़िला, हुन्ज़ा और नगर नामक राज्यों के विलय के पश्चात अस्तित्व में आई थी। पाकिस्तान इस क्षेत्र को विवादित कश्मीर के क्षेत्र से पृथक क्षेत्र मानता है जबकि भारत और यूरोपीय संघ के अनुसार यह कश्मीर के वृहत विवादित क्षेत्र का ही हिस्सा है। कश्मीर का यह वृहत क्षेत्र सन 1947 के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का विषय है। .

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इश्कोमन

इश्कोमन या इश्कुमन (Ishkoman) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के ग़िज़र ज़िले की एक घाटी है। प्रशासनिक दृष्टि से यह ग़िज़र ज़िले की एक तहसील है।, Amir Jan Haqqani, 11 मार्च 2012, Pamir Times,...

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अलियाबाद

अलियाबाद (Aliabad) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले की राजधानी और प्रमुख आर्थिक केन्द्र है। यह हुन्ज़ा नदी की घाटी में उसी नदी की दो शाखाओं के बीच बसा हुआ है। मई २०१० में सरकारी अफ़सरों ने चेतावनी जारी करी की यह शहर पास की अत्ताबाद झील द्वारा डुबोए जाने के ख़तरे में है। पाकिस्तान को चीन से जोड़ने वाला काराकोरम राजमार्ग अलियाबाद से गुज़रकर निकलता है। स्थानीय लोग बुरुशस्की भाषा बोलते हैं और यहाँ उसकी एक विशेष उपभाषा प्रचलित है।, pp.

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