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बिहार सरकार

सूची बिहार सरकार

प्रशासनिक सुविधा के लिए बिहार राज्य को 9 प्रमंडल तथा 38 मंडल (जिला) में बाँटा गया है। जिलों को क्रमश: 101 अनुमंडलों, 534 प्रखंडों, 8,471 पंचायतों, 45,103 गाँवों में बाँटा गया है। राज्य का मुख्य सचिव नौकरशाही का प्रमुख होता है जिसे श्रेणीक्रम में आयुक्त, जिलाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी या अंचलाधिकारी तथा इनके साथ जुड़े अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण रिपोर्ट करते हैं। पंचायत तथा गाँवों का कामकाज़ सीधेतौर पर चुनाव कराकर मुखिया, सरपंच तथा वार्ड सदस्यों के अधीन संचालित किया जाता है। पटना, तिरहुत, सारण, दरभंगा, कोशी, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर तथा मगध प्रमंडल के अन्तर्गत आनेवाले जिले इस प्रकार हैं.

23 संबंधों: चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, तेज प्रताप यादव, धनबाद, नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान, बिहटा, पटना सिलसिलेवार बम धमाके, 2013, बरौनी थर्मल पावर स्टेशन, बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, बी एस डी एम, भारत सारावली, मुजफ्फरपुर प्रौद्योगिकी संस्थान, राम दुलारी सिन्हा, राष्ट्रीय औषधीय पादप मिशन, रोहतास दुर्ग, शिवहर, सीता कुंड, गंगाशरण सिंह, गुलाब खंडेलवाल, आरा नागरी प्रचारिणी सभा, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, २००९, 2017 पटना नाव दुर्घटना, 2017 बिहार बाढ़

चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय

चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (Chanakya National Law University (CNLU)) पटना में स्थित एक स्वायत्त विधि विद्यालय है। इसकी स्थापना बिहार सरकार द्वारा २००६ में की गयी थी। यह कानूनी शिक्षा के लिये समर्पित सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश विश्वविद्यालय के पदेन कुलपति हैं। .

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तेज प्रताप यादव

तेज प्रताप यादव एक भारतीय राजनेता तथा वर्तमान में बिहार विधानसभा में महुआ से विधायक है । वे पूर्व में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री थे । श्री यादव राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तथा राबड़ी देवी के बड़े पुत्र है। .

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धनबाद

धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह शहर भारत में कोयला व खनन में सबसे अमीर है। पुर्व मैं यह मानभुम जिला के अधीन था। यहां कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान हैं। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संसथान यहाँ पाए जाते हैं। यहां का वाणिज्य बहुत व्यापक है। झारखंड में स्थित धनबाद को भारत की कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानें देखी जा सकती हैं। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्‍व में प्रसिद्ध है। यह खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं। खदानों के अलावा भी यहां पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, चारक, तोपचांची और मैथन प्रमुख हैं। पर्यटकों को यह पर्यटक स्थल और खदानें बहुत पसंद आती है और वह इनके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। कम्बाइन्ड बिल्डिंग चौक .

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नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान, बिहटा

नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संसथान (एन एस आई टी), बक्सर, पटना, भारत में स्तिथ एक निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालय है जिसमे बी.टेक.

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पटना सिलसिलेवार बम धमाके, 2013

पटना सिलसिलेवार बम धमाके 27 अक्टूबर 2013 को पटना शहर में गान्धी मैदान और पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर हुए। ये धमाके भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की रैली के कुछ समय पूर्व हुए। पटना के गान्धी मैदान पर यह रैली आयोजित की गयी थी। रैली स्थल पर 5 तथा रेलवे स्टेशन पर 2 धमाके हुए। सिलसिलेवार हुए कुल 7 बम धमाकों में 6 लोग मरे तथा 83 लोग घायल हुए। .

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बरौनी थर्मल पावर स्टेशन

बरौनी थर्मल पावर स्टेशन (बरौनी थर्मल वाष्प शक्ति प्रतिष्ठान) एक मौजूदा 320 मेगावाट कोयला आधारित बिजली स्टेशन है जो बिहार राज्य विद्युत बोर्ड (बीएसईबी) के पास है। पावर स्टेशन बिहार, भारत के बेगूसराय जिले में स्थित है। बिहार में बरौनी थर्मल पावर स्टेशन रूसी सहयोग के साथ अस्तित्व में आया और वर्ष 1962 में इसका संचालन हुआ। राष्ट्रीय सम विकास योजना के तहत भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के द्वारा करीब छह सौ करोड़ रुपये की लागत से बरौनी थर्मल की 110 मेगावाट क्षमता वाली छठी और सातवीं इकाई का आधुनिकीकरण व नवीनीकरण किया जा रहा है। वर्ष 2006 में बंद पड़े बरौनी थर्मल में सातवीं इकाई का वर्ष 2010 में तथा छठी इकाई का जीर्णोद्धार कार्य वर्ष 2012 में शुरू किया गया था। अभी तक मात्र सातवीं इकाई का कार्य किसी तरह पूरा किया गया है। बरौनी न्यू एक्सटेंशन प्रोजेक्ट का काम वर्ष 2011 में शुरू हुआ था। विस्तार योजना में 250 मेगावाट क्षमता का दो यूनिट आठवी और नौवीं का निर्माण कार्य भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के द्वारा वर्ष 2014 में पूरा किया जाना था। बिहार सरकार एनटीपीसी लिमिटेड को बारूनी थर्मल पावर स्टेशन को सौंपने पर विचार कर रही है। 17 अप्रैल 2018 को, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य कैबिनेट ने बरौनी थर्मल पावर स्टेशन को एनटीपीसी लिमिटेड (राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड) को सौंपने की मंजूरी दे दी। 15 मई 2018 को, बिहार सरकार ने थर्मल प्लांट को 33-वर्षीय पट्टे के लिए राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन को सौंपने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। .

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बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम

बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम (या बीएसआरटीसी), बिहार राज्य की सड़क परिवहन कंपनी है। बीएसआरटीसी को १९५९ में सड़क परिवहन निगम अधिनियम, १९५० के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया था। यह पूरी तरह बिहार सरकार के स्वामित्व में है। .

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बिहार विद्यालय परीक्षा समिति

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board / BSEB) बिहार सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्था है जो बिहार के माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं की परीक्षाएँ संचालित करता है। .

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बी एस डी एम

बिहार कौशल विकास मिशन (Bihar Skill Development mission/बी एस डी एम) बिहार सरकार द्वारा चलाया गया एक अभियान (मिशन) है जो महाराष्ट्र के 'एम के सी एल' (maharastra knowladge corporation limited) के तर्ज पर बिहार मे भी नये योजनाओ को प्रस्तुत किया है। इसने बिहार के १५-२५ वर्स के युवाओ के लिये कुशल युवा प्रोग्रम प्रस्तुत किया है जिसके अन्तर्गत तीन प्रकार के पथय्क्रम समिल्लित किया गया है-.

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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मुजफ्फरपुर प्रौद्योगिकी संस्थान

मुजफ्फरपुर प्रौद्योगिकी संस्थान (एमआईटी मुजफ्फरपुर / MIT, Muzaffarpur के नाम से अधिक लोकप्रिय) बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित सार्वजनिक, सह-शिक्षा वाला इंजीनियरी महाविद्यालय है। यह बिहार सरकार स्वारा पूर्णत: वित्तपोषित है। इसकी स्थापना सन् १९५४ में हुई थी और यह देश के उन गिने-चुने इंजीनियरी महाविद्यालयों में से है जिनकी स्थापना भारत की स्वतंत्रता के तुरन्त बाद हुई थी। इस महाविद्यालय में इंजीनियरी एवं फार्मेसी के स्नातक एवं परास्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं। .

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राम दुलारी सिन्हा

राम दुलारी सिन्हा (1922–1994) एक भारतीय सांसद और केंद्र में गृह राज्यमंत्री रह चुकी हैं। वे उन कुछ महिलाओं में से एक रही हैं जिन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था। वे इस पद पर 23 फ़रवरी 1988 से 12 फ़रवरी 1990 तक रहीं। .

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राष्ट्रीय औषधीय पादप मिशन

बिहार सरकार द्वारा राष्ट्रीय औषधीय पादप मिशन के अंतर्गत औषधीय पौधों की खेती, आधारभूत संरचना के विकास, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, बाजार व्यवस्था आदि से संबंधित योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत फसल के विविधीकरण (Crop Diversification) द्वारा राज्य के किसानों, ग्रामीण युवाओं एवं महिलाओं को आय के अधिक आय का स्रोत उपलब्ध कराना है। इस हेतु गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के व्यवहार कर देशी चिकित्सा पद्धति में काम आने वाले, निर्यात योग्य अत्यधिक माँग वाले औषधीय पादपों का समूह में खेती करने, आधारभूत संरचना विकास करने, प्रसंस्करण/ मूल्य संवर्धन एवं उत्पादों की बाजार व्यवस्था के लिए सहायता प्रदान करना है। कृषिकरण की इस परियोजना में वैसे औषधीय पादपों को शामिल किया जाना है जिसकी बाजार व्यवस्था सुनिश्चित हों। श्रेणी:बिहार सरकार श्रेणी:औषधीय पादप श्रेणी:कृषि.

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रोहतास दुर्ग

रोहतासगढ़ दुर्ग या रोहतास दुर्ग, बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है। यह भारत के सबसे प्राचीन दुर्गों में से एक है। यह बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से लगभग 55 और डेहरी आन सोन से 43 किलोमीटर की दूरी पर सोन नदी के बहाव वाली दिशा में पहाड़ी पर स्थित है। यह समुद्र तल से 1500 मीटर ऊँचा है। कहा जाता है कि इस प्राचीन और मजबूत किले का निर्माण त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा त्रिशंकु के पौत्र व राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था। बहुत दिनों तक यह हिन्दू राजाओं के अधिकार में रहा, लेकिन 16वीं सदी में मुसलमानों के अधिकार में चला गया और अनेक वर्षों तक उनके अधीन रहा। इतिहासकारों का मत है कि किले की चारदीवारी का निर्माण शेरशाह ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से कराया था, ताकि कोई किले पर हमला न कर सके। बताया जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई (1857) के समय अमर सिंह ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का संचालन किया था। रोहतास गढ़ का किला काफी भव्य है। किले का घेरा ४५ किमी तक फैला हुआ है। इसमें कुल 83 दरवाजे हैं, जिनमें मुख्य चार- घोड़ाघाट, राजघाट, कठौतिया घाट व मेढ़ा घाट हैं। प्रवेश द्वार पर निर्मित हाथी, दरवाजों के बुर्ज, दीवारों पर पेंटिंग अद्भुत है। रंगमहल, शीश महल, पंचमहल, खूंटा महल, आइना महल, रानी का झरोखा, मानसिंह की कचहरी आज भी मौजूद हैं। परिसर में अनेक इमारतें हैं जिनकी भव्यता देखी जा सकती है। .

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शिवहर

शिवहर बिहार के तिरहुत प्रमंडल का एक नवगठित जिला है। इस जिले के पूरब एवं उत्तर में सीतामढी, पश्चिम में पूर्वी चंपारण तथा दक्षिण में मुजफ्फरपुर जिला है। शिवहर बिहार का सबसे छोटा एवं आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत ही पिछडा हुआ जिला है। वर्षा एवं बाढ़ के दिनों में इसका संपर्क अपने पडोसी जिलों से भी पूरी तरह कट जाता है। बज्जिका एवं हिन्दी यहाँ की मुख्य भाषाएँ है। .

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सीता कुंड

पूनौरा धाम मंदिर स्थित सीता कुंड सीता-कुंड सीतामढ़ी के पुनौरा ग्राम स्थित एक हिन्दू तीर्थ स्थल है। यहाँ एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है। सीतामढ़ी से ५ किलोमीटर दूर यह स्थल पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। पुनौरा और जानकी कुंड:यह स्थान पौराणिक काल में पुंडरिक ऋषि के आश्रम के रूप में विख्यात था। सीतामढी से ५ किलोमीटर पश्चिम स्थित पुनौरा में हीं देवी सीता का जन्म हुआ था। मिथिला नरेश जनक ने इंद्र देव को खुश करने के लिए अपने हाथों से यहाँ हल चलाया था। इसी दौरान एक मृदापात्र में देवी सीता बालिका रूप में उन्हें मिली। मंदिर के अलावे यहाँ पवित्र कुंड है। .

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गंगाशरण सिंह

गंगाशरण सिंह (१९०५ - १९८८) भारत के स्वतंत्रता-संग्राम-सेनानी, राज्यसभा-सदस्य एवं हिन्दी साहित्यकार थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में थे तथा कांग्रेस सोसलिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से थे। वे बिहार से तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे (1956–62, 1962-68 तथा 1968-1974 तक नामित सदस्य)। वे बाबू राजेन्द्र प्रसाद के निकट सहयोगी थे। पटना में जयप्रकाश नारायण और गंगा बाबू एक ही घर में साथ-साथ रहते थे। .

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गुलाब खंडेलवाल

गुलाब खण्डेलवाल एक भारतीय कवि हैं। .

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आरा नागरी प्रचारिणी सभा

ब्रिटिश हुकूमत में जब हिन्दी की उपेक्षा की जा रही थी तब नागरी लिपि के प्रचार और हिन्दी साहित्य के विस्तार के लिए उतर भारत में दो स्थानों पर नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना की गयी। एक काशी (उत्तर प्रदेश) और दूसरा आरा (बिहार) में। आरा में नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना 12 अक्टूबर 1901 ई. को स्व.

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आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय बिहार का एक विश्वविद्यालय है जो बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम २००८ द्वारा शासित है। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त है। बिहार सरकार द्वारा इस विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य के तकनीकी, चिकित्सीय, प्रबन्ध तथा व्यावसायिक शिक्षा के विकास एवं प्रबन्धन के लिये किया गया है। वर्तमान समय में यह CNLU पटना के अस्थायी कार्यालय से चलाया जा रहा है। बिहार सरकार ने इसके अपने प्रांगण (कैम्पस) के निर्माणार्थ 95 करोड़ रूपये निर्धारित किये हैं। .

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२००९

२००९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००९ बृहस्पतिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। संयुक्त राष्ट्र संघ, यूनेस्को एवं आइएयू ने १६०९ में गैलीलियो गैलिली द्वारा खगोलीय प्रेक्षण आरंभ करने की घटना की ४००वीं जयंती के उपलक्ष्य में इसे अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष घोषित किया है। .

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2017 पटना नाव दुर्घटना

14 जनवरी 2017 को भारतीय नगर पटना, बिहार में एक नाव, जिसमे 70 लोग सवार थे, गंगा नदी में डूब गयी। इस दुर्घटना में अब तक कम से कम 24 लोगो की मौत हुई है। यह दुर्घटना पटना के एनआईटी घाट के निकट हुई। .

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2017 बिहार बाढ़

2017 बिहार बाढ़ ने उत्तर बिहार के 19 जिलों को प्रभावित किया, जिससे 514 लोगों की मौत हो गई। इस बाढ़ से 1 करोड़ 71 लाख लोग प्रभावित हुए। इस बाढ़ ने मरने वालों की संख्या में पिछले नौ वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह भारत का सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित राज्य है, जिसमें 76% आबादी ऐसी जगह पर रहती है, जहाँ बाढ़ का पानी कभी भी तबाही मचा सकता है। ऐसी तबाही सामान्यतः मानसून के समय भारी वर्षा के कारण होती है। बिहार सरकार ने इस बाढ़ से मरने वाले जानवरों की संख्या 192 बताई है। 8.5 लाख से अधिक लोगों ने अपने घरों को खो दिया है, अररिया जिले में अकेले 2.2 लाख बेघर लोगों का हिस्सा है। इस बाढ़ के कारण पूर्वमध्य रेलवे को ₹47 करोड़ रुपये का नुक्सान हुआ, जिसमें ₹26 करोड़ सामानों के नष्ट होने के कारण और बाकी का नुकसान ट्रेन रद्द होने के कारण हुआ। .

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