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बिजनौर जिला

सूची बिजनौर जिला

बिजनौर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बिजनौर है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

38 संबंधों: चांदपुर (तहसील), बिजनौर, धामपुर (तहसील), बिजनौर, नरदेव सिंह, नरदेव सिंह "दतियाना", नरदेव सिंह दतियानवी, नजीबाबाद (तहसील), बिजनौर, नगीना (तहसील), बिजनौर, नौटंकी, बरनावा, बसन्‍त सिंह, बाहुपुरा, बिजनौर (तहसील), बिजनौर, मुरादाबाद, मोटेश्वर महादेव मन्दिर, रामनगर तहसील, रोहिलखन्ड मंडल, लक्सर तहसील, शिवराम, शेख, अल्‍लाह बख्‍श, साहू जैन परिवार, संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध, हफीज मुहम्‍मद इब्राहीम, हरिद्वार तहसील, हरिद्वार जिला, जसपुर तहसील, गंगा नदी, गंगा की सहायक नदियाँ, गोविन्‍द सहाय, आत्माराम, काँगड़ी गाँव, कुंवर देवेन्‍द्र सिंह, कुंवर सत्‍यवीर, कुंवर, सत्‍यवीर, कोटद्वार तहसील, उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२, उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची, उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, उत्तर प्रदेश के ज़िले

चांदपुर (तहसील), बिजनौर

यह तहसील बिजनौर जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 491 गांव हैं। .

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धामपुर (तहसील), बिजनौर

यह तहसील बिजनौर जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 899 गांव हैं। .

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नरदेव सिंह

नरदेव सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 24 - चान्‍दपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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नरदेव सिंह "दतियाना"

नरदेव सिंह "दतियाना",भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 21 - चान्‍दपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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नरदेव सिंह दतियानवी

नरदेव सिंह दतियानवी,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 53 - चांदपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से स्‍वतंत्र प्रगतिशील विधान मण्‍डलीय दल की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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नजीबाबाद (तहसील), बिजनौर

यह तहसील बिजनौर जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 526 गांव हैं। .

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नगीना (तहसील), बिजनौर

यह तहसील बिजनौर जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 539 गांव हैं। .

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नौटंकी

'सुल्ताना डाकू' नामक मशहूर नौटंकी के एक प्रदर्शन में देवेन्द्र शर्मा और पलक जोशी एक और नौटंकी का नज़ारा नौटंकी (Nautanki) उत्तर भारत, पाकिस्तान और नेपाल के एक लोक नृत्य और नाटक शैली का नाम है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीनकाल से चली आ रही स्वांग परम्परा की वंशज है और इसका नाम मुल्तान (पाकिस्तानी पंजाब) की एक ऐतिहासिक 'नौटंकी' नामक राजकुमारी पर आधारित एक 'शहज़ादी नौटंकी' नाम के प्रसिद्ध नृत्य-नाटक पर पड़ा।, Don Rubin, Taylor & Francis, 2001, ISBN 978-0-415-26087-9,...

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बरनावा

बरनावा या वारणावत मेरठ से ३५ किलोमीटर दूर और सरधना से १७ कि.मी बागपत जिला में स्थित एक तहसील है। इसकी स्थापना राजा अहिरबारन तोमर ने बहुत समय पूर्व की थी। यहां महाभारत कालीन लाक्षाग्रह चिन्हित है। लाक्षाग्रह नामक इमारत के अवशेष यहां आज एक टीले के रूप में दिखाई देते हैं। महाभारत में कौरव भाइयों ने पांडवों को इस महल में ठहराया था और फिर जलाकर मारने की योजना बनायी थी। किन्तु पांडवों के शुभचिंतकों ने उन्हें गुप्त रूप से सूचित कर दिया और वे निकल भागे। वे यहां से गुप्त सुरंग द्वारा निकले थे। ये सुरंग आज भी निकलती है, जो हिंडन नदी के किनारे पर खुलती है। इतिहास अनुसार पांडव इसी सुरंग के रास्ते जलते महल से सुरक्षित बाहर निकल गए थे।। मुसाफ़िर हूं यारों। १६ दिसम्बर २००८। नीरज जाट जी जनपद में बागपत व बरनावा तक पहुंचने वाली कृष्णा नदी का यहां हिंडन में मिलन होता है। उल्लेखनीय है कि पांडवों ने जो पाँच गाँव दुर्योधन से माँगे थे वह गाँव पानीपत, सोनीपत, बागपत, तिलपत, वरुपत (बरनावा) यानि पत नाम से जाने जाते हैं। जब श्रीकृष्ण जी संधि का प्रस्ताव लेकर दुर्योधन के पास आए थे तो दुर्योधन ने कृष्ण का यह कहकर अपमान कर दिया था कि "युद्ध के बिना सुई की नोक के बराबर भी जमीन नहीं मिलेगी।" इस अपमान की वजह से कृष्ण ने दुर्योधन के यहाँ खाना भी नहीं खाया था। वे गए थे महामुनि विदुर के आश्रम में। विदुर का आश्रम आज गंगा के उस पार बिजनौर जिले में पड़ता है। वहां पर विदुर जी ने कृष्ण को बथुवे का साग खिलाया था। आज भी इस क्षेत्र में बथुवा बहुतायत से उगता है। .

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बसन्‍त सिंह

बसन्‍त सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 18 - अफजलगढ़ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनसंघ पार्टी की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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बाहुपुरा

बाहुपुरा (मेहलकी) (Bahupura) या कलाँपुर बुज़ुर्ग, तहसील नज़ीबाबाद ज़िला बिजनौर, उत्तर प्रदेश में स्थित एक गाँव है। बाहुपुरा गाँव में 60% से अधिक आबादी कृषि पर आधारित हैं| बहुत कम लोग सरकारी नौकरियों में हैं| अधिकतर लोग खेतीहर मजदूर हैं| .

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बिजनौर (तहसील), बिजनौर

यह तहसील बिजनौर जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 557 गांव हैं। .

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मुरादाबाद

मुरादाबाद भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक नगर है जो कि पीतल हस्तशिल्प के निर्यात के लिए प्रसिद्ध है। रामगंगा नदी के तट पर स्थित मुरादाबाद पीतल पर की गई हस्तशिल्प के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसका निर्यात केवल भारत में ही नहीं अपितु अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और मध्य पूर्व एशिया आदि देशों में भी किया जाता है। अमरोहा, गजरौला और तिगरी आदि यहाँ के प्रमुख पयर्टन स्थलों में से हैं।http://moradabad.nic.in/ रामगंगा और गंगा यहाँ की दो प्रमुख नदियाँ हैं। मुरादाबाद विशेष रूप से प्राचीन समय की हस्तकला, पीतल के उत्पादों पर की रचनात्मकता और हॉर्न हैंडीक्राफ्ट के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह जिला बिजनौर जिला के उत्तर, बदायूँ जिला के दक्षिण, रामपुर जिला के पूर्व और ज्योतिबा फुले नगर जिला के पश्चिम से घिरा हुआ है। .

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मोटेश्वर महादेव मन्दिर

मोटेश्वर महादेव मंदिर भारत के उत्तरी राज्य उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर तहसील में स्थित एक मन्दिर है। यहां के चैती मैदान में महादेव नगर के किनारे चैती मंदिर स्थित यह मंदिर महाभारत कालीन बताया जाता है और इसका शिवलिंग बारहवां उप ज्योतिर्लिंग माना जाता है। शिवलिंग की मोटाई अधिक होने के कारण यह मोटेश्वर महादेव मंदिर के नाम से विख्यात है। स्कंद पुराण के अनुसार भगवान शिव ने कहा कि जो भक्त कांवड़ कंधे पर रखकर हरिद्वार से गंगा जल लाकर यहां चढ़ाएगा, उसे मोक्ष मिलेगा। इसी मान्यता के कारण लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर यहा लोग कांवड़ चढ़ाते हैं। मोटेश्वर महादेव मंदिर दूसरी मंजिल पर है। इस शिवलिंग के चारों ओर तांबे का फर्श बना है और इसे जागेश्वर के एक कारीगर ने बनाया था। शिवलिंग की मोटाई अधिक होने के कारण इसे कोई अपने दोनों हाथों से घेर नहीं पाता है। .

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रामनगर तहसील

रामनगर तहसील भारत के उत्तराखंड राज्य में नैनीताल जनपद की एक तहसील है। नैनीताल जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय रामनगर नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में कालाढूंगी तहसील, पश्चिम में उत्तर प्रदेश राज्य का बिजनौर जिला, और गढ़वाल जनपद की कोटद्वार तहसील, उत्तर में नैनीताल और अल्मोड़ा जनपद की सल्ट तहसील, तथा दक्षिण में उधम सिंह नगर जनपद की जसपुर, और काशीपुर तहसील है। .

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रोहिलखन्ड मंडल

वर्तमान उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों के मानचित्र में रोहिलखंड का स्थान रोहिलखंड मंडल ब्रिटिश भारत के प्रान्त यूनाइटेड प्रौविन्सेज़ ऑफ़ ऐग्रा ऐण्ड औध के 9 प्रशासनिक मंडलों में से एक था। इसमें रोहिलखंड क्षेत्र के जिले शामिल थे। .

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लक्सर तहसील

लक्सर तहसील भारत के उत्तराखंड राज्य में हरिद्वार जनपद की एक तहसील है। हरिद्वार जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय लक्सर नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में उत्तर प्रदेश राज्य का बिजनौर जिला, पश्चिम में रुड़की तहसील, उत्तर में हरिद्वार तहसील, तथा दक्षिण में उत्तर प्रदेश राज्य का सहारनपुर जिला है। .

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शिवराम

शिवराम,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 50 - नजीबाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनसंघ की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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शेख, अल्‍लाह बख्‍श

शेख, अल्‍लाह बख्‍श,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 51 - अफजलगढ़ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से स्‍वतंत्र प्रगतिशील विधान मण्‍डलीय दल की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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साहू जैन परिवार

Sसाहू जैन परिवार भारत का एक उद्यमी परिवार है। वे टाइम्स समूह तथा इसकी पितृ संस्था बेनेट कोलमान ऐण्ड एवं कंपनी लि. के स्वामी हैं। यह परिवार अग्रवाल जैन परिवार है। ये लोग मेरठ के निकट नजीबाबाद (बिजनौर जिला) के मूल निवासी हैं। .

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संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध

संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध (अंग्रेजी: United Provinces of Agra and Oudh; उच्चारण: यूनाईटेड प्राॅविन्सेज़ ऑफ ऐग्रा ऐण्ड औध) ब्रिटिश भारत में स्वाधीनता से पूर्व एकीकृत प्रान्त का नाम था जो 22 मार्च 1902 को आगरा व अवध नाम की दो प्रेसीडेंसी को मिलाकर बनाया गया था। उस समय सामान्यतः इसे संयुक्त प्रान्त (अंग्रेजी में यू॰पी॰) के नाम से भी जानते थे। यह संयुक्त प्रान्त लगभग एक शताब्दी 1856 से 1947 तक अस्तित्व में बना रहा। इसका कुल क्षेत्रफल वर्तमान भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के संयुक्त क्षेत्रफल के बराबर था। जिसे आजकल उत्तर प्रदेश या अंग्रेजी में यू॰पी॰ कहते हैं उसमें ब्रिटिश काल के दौरान रामपुर व टिहरी गढ़वाल जैसी स्वतन्त्र रियासतें भी शामिल थीं। 25 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान की घोषणा से एक दिन पूर्व सरदार बल्लभ भाई पटेल ने इन सभी रियासतों को मिलाकर इसे उत्तर प्रदेश नाम दिया था। 3 जनवरी 1921 को जो राज्य पूर्णत: ब्रिटिश भारत का अंग बन गया था उसे स्वतन्त्र भारत में 20वीं सदी के जाते-जाते सन् 2000 में पुन: विभाजित कर उत्तरांचल (और बाद में उत्तराखण्ड) राज्य को स्थापित किया गया। .

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हफीज मुहम्‍मद इब्राहीम

हफीज मुहम्‍मद इब्राहीम,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 50 - नजीबाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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हरिद्वार तहसील

हरिद्वार तहसील भारत के उत्तराखंड राज्य में हरिद्वार जनपद की एक तहसील है। हरिद्वार जनपद के उत्तरी भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय हरिद्वार नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में उत्तर प्रदेश राज्य का बिजनौर जिला, पश्चिम में रुड़की तहसील, उत्तर में गढ़वाल जनपद की कोटद्वार तहसील और देहरादून जनपद की ऋषिकेश तहसील, तथा दक्षिण में लक्सर तहसील है। .

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हरिद्वार जिला

हरिद्वार, जिसे हरद्वार भी कहा जाता है, भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक जिला है, जिसके मुख्यालय हरिद्वार नगर में स्थित हैं। इस जिले के उत्तर में देहरादून जिला, पूर्व में पौड़ी गढ़वाल जिला, पश्चिम में उत्तर प्रदेश राज्य का सहारनपुर जिला तथा दक्षिण में उत्तर प्रदेश राज्य के ही मुजफ्फरनगर तथा बिजनौर जिले हैं। हरिद्वार जिले की स्थापना २८ दिसंबर १९८८ को उत्तर प्रदेश राज्य के सहारनपुर मण्डल के अंतर्गत सहारनपुर जिले की हरिद्वार और रुड़की तहसीलों, मुजफ्फरनगर जिले की सदर तहसील के ५३ गांवों और बिजनौर जिले की नजीबाबाद तहसील के २५ गांवों को मिलाकर हुई थी। ९ नवंबर २००० को हरिद्वार नवगठित उत्तराखण्ड राज्य का हिस्सा बन गया। २०११ में १८,९०,४२२ की जनसंख्या के साथ यह उत्तराखण्ड का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला है। हरिद्वार, भेल रानीपुर, रुड़की, मंगलाौर, धन्देरा, झबरेड़ा, लक्सर, लन्ढौरा और मोहनपुर-मोहम्मदपुर जिले के महत्वपूर्ण शहर हैं। .

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जसपुर तहसील

जसपुर तहसील भारत के उत्तराखंड राज्य में उधम सिंह नगर जनपद की एक तहसील है। उधम सिंह नगर जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय जसपुर नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में काशीपुर तहसील, पश्चिम में उत्तर प्रदेश राज्य का बिजनौर जिला, उत्तर में नैनीताल जनपद की रामनगर तहसील, तथा दक्षिण में उत्तर प्रदेश राज्य का मुरादाबाद जिला है। .

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गंगा नदी

गंगा (गङ्गा; গঙ্গা) भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर २,५१० किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखण्ड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। २,०७१ कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। १०० फीट (३१ मी॰) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौन्दर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किये गये हैं। इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी ही जाती हैं, मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाये जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बांध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। गंगा की इस अनुपम शुद्धीकरण क्षमता तथा सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसको प्रदूषित होने से रोका नहीं जा सका है। फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवम्बर,२००८ में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (१६०० किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। .

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गंगा की सहायक नदियाँ

देवप्रयाग में भागीरथी (बाएँ) एवं अलकनंदा (दाएँ) मिलकर गंगा का निर्माण करती हुईं गंगा नदी भारत की एक प्रमुख नदी है। इसका उप द्रोणी क्षेत्र भागीरथी और अलकनंदा में हैं, जो देवप्रयाग में मिलकर गंगा बन जाती है। यह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है। राजमहल की पहाड़ियों के नीचे भागीरथी नदी, जो पुराने समय में मुख्‍य नदी हुआ करती थी, निकलती है जबकि पद्मा पूरब की ओर बहती है और बांग्लादेश में प्रवेश करती है। यमुना, रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी, महानदी और सोन गंगा की महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ है। चंबल और बेतवा महत्‍वपूर्ण उप सहायक नदियाँ हैं जो गंगा से मिलने से पहले यमुना में मिल जाती हैं। पद्मा और ब्रह्मपुत्र बांग्‍लादेश में मिलती है और पद्मा अथवा गंगा के रूप में बहती रहती है। गंगा में उत्तर की ओर से आकर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियाँ यमुना, रामगंगा, करनाली (घाघरा), ताप्ती, गंडक, कोसी और काक्षी हैं तथा दक्षिण के पठार से आकर इसमें मिलने वाली प्रमुख नदियाँ चंबल, सोन, बेतवा, केन, दक्षिणी टोस आदि हैं। यमुना गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है जो हिमालय की बन्दरपूँछ चोटी के आधार पर यमुनोत्री हिमखण्ड से निकली है। हिमालय के ऊपरी भाग में इसमें टोंस तथा बाद में लघु हिमालय में आने पर इसमें गिरि और आसन नदियाँ मिलती हैं। इनके अलावा चम्बल, बेतवा, शारदा और केन यमुना की अन्य सहायक नदियाँ हैं। चम्बल इटावा के पास तथा बेतवा हमीरपुर के पास यमुना में मिलती हैं। यमुना इलाहाबाद के निकट बायीँ ओर से गंगा नदी में जा मिलती है। रामगंगा मुख्य हिमालय के दक्षिणी भाग नैनीताल के निकट से निकलकर बिजनौर जिले से बहती हुई कन्नौज के पास गंगा में जा मिलती है। करनाली मप्सातुंग नामक हिमनद से निकलकर अयोध्या, फैजाबाद होती हुई बलिया जिले के सीमा के पास गंगा में मिल जाती है। इस नदी को पर्वतीय भाग में कौरियाला तथा मैदानी भाग में घाघरा कहा जाता है। गंडक हिमालय से निकलकर नेपाल में 'शालग्रामी' नाम से बहती हुई मैदानी भाग में 'नारायणी' उपनाम पाती है। यह काली गंडक और त्रिशूल नदियों का जल लेकर प्रवाहित होती हुई सोनपुर के पास गंगा में मिल जाती है। कोसी की मुख्यधारा अरुण है जो गोसाई धाम के उत्तर से निकलती है। ब्रह्मपुत्र के बेसिन के दक्षिण से सर्पाकार रूप में अरुण नदी बहती है जहाँ यारू नामक नदी इससे मिलती है। इसके बाद एवरेस्ट कंचनजंघा शिखरों के बीच से बहती हुई अरूण नदी दक्षिण की ओर ९० किलोमीटर बहती है जहाँ इसमें पश्चिम से सूनकोसी तथा पूरब से तामूर कोसी नामक नदियाँ इसमें मिलती हैं। इसके बाद कोसी नदी के नाम से यह शिवालिक को पार करके मैदान में उतरती है तथा बिहार राज्य से बहती हुई गंगा में मिल जाती है। अमरकंटक पहाड़ी से निकलकर सोन नदी पटना के पास गंगा में मिलती है। मध्य प्रदेश के मऊ के निकट जनायाब पर्वत से निकलकर चम्बल नदी इटावा से ३८ किलोमीटर की दूरी पर यमुना नदी में मिलती है। काली सिंध, बनास और पार्वती इसकी सहायक नदियाँ हैं। बेतवा नदी मध्य प्रदेश में भोपाल से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, विदिशा, झाँसी, जालौन आदि जिलों में होकर बहती है। इसके ऊपरी भाग में कई झरने मिलते हैं किन्तु झाँसी के निकट यह काँप के मैदान में धीमे-धीमें बहती है। इसकी सम्पूर्ण लम्बाई ४८० किलोमीटर है। यह हमीरपुर के निकट यमुना में मिल जाती है। इसे प्राचीन काल में वत्रावटी के नाम से जाना जाता था। भागीरथी नदी के दायें किनारे से मिलने वाली अनेक नदियों में बाँसलई, द्वारका, मयूराक्षी, रूपनारायण, कंसावती और रसूलपुर नदियाँ प्रमुख हैं। जलांगी और माथा भाँगा या चूनीं बायें किनारे से मिलती हैं जो अतीत काल में गंगा या पद्मा की शाखा नदियाँ थीं। किन्तु ये वर्तमान समय में गंगा से पृथक होकर वर्षाकालीन नदियाँ बन गई हैं। .

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गोविन्‍द सहाय

गोविन्‍द सहाय,भारत के उत्तर प्रदेश की दूसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1957 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 54 - नगीना विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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आत्माराम

डॉ आत्माराम (१२ अक्टुबर, १९०८ - ६ फ़रवरी १९८३) भारत के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। उनकी स्मृति में केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा 'आत्माराम पुरस्कार' दिया जाता है। चश्मे के काँच के निर्माण में उनका उल्लेखनीय योगदान था। वे केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान के निदेशक रहे तथा २१ अगस्त १९६६ को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक का पद संभाला। .

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काँगड़ी गाँव

कांगड़ी हरिद्वार के निकट गंगा के पूर्वी तट पर दूसरी ओर बिजनौर जिले में बसा हुआ एक बहुत छोटा गाँव है। पिछली शताब्दी के आरंभ में इस गाँव के पास स्वामी श्रद्धानंद जी (तत्कालीन महात्मा मुंशीराम-1857-1926 ई.) ने एक गुरुकुल की स्थापना की। यह उस समय के शिक्षा जगत्‌ में एक सर्वथा नवीन और क्रांतिकारी प्रयत्न था। ब्रिटिश प्रधान मंत्री श्री रैम्ज़े मैकडोनल्ड के शब्दों में 'मेकाले के बाद भारत में शिक्षा के क्षेत्र में जो सबसे महत्वपूर्ण और मौलिक प्रयत्न हुआ है, वह गुरुकुल है।' अत: इसे देश और विदेश में असाधारण ख्याति प्राप्त हुई। गुरुकुल काँगड़ी शिक्षाविषयक एक विशिष्ट विचारधारा का प्रतीक बन गया। .

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कुंवर देवेन्‍द्र सिंह

कुंवर देवेन्‍द्र सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 22 - नजीबाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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कुंवर सत्‍यवीर

कुंवर सत्‍यवीर,भारत के उत्तर प्रदेश की चौथी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1967 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 23 - बिजनौर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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कुंवर, सत्‍यवीर

कुंवर, सत्‍यवीर,भारत के उत्तर प्रदेश की तीसरी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1962 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के 20 - बिजनौर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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कोटद्वार तहसील

कोटद्वार तहसील भारत के उत्तराखंड राज्य में गढ़वाल जनपद की एक तहसील है। गढ़वाल जनपद के दक्षिणी भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय कोटद्वार नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में नैनीताल जनपद की रामनगर तहसील तथा अल्मोड़ा जनपद की सल्ट तहसील, पश्चिम में हरिद्वार जनपद की लक्सर तहसील, उत्तर में लैंसडौन, सतपुली और धूमाकोट तहसील, तथा दक्षिण में उत्तर प्रदेश राज्य का बिजनौर जिला है। .

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उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२

उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक राज्य राजमार्ग है। १४६.९८ किलोमीटर लम्बा यह राजमार्ग कैराना से शुरू होकर रेहर तक जाता है। इसे पानीपत-खटीमा मार्ग भी कहा जाता है। यह मुज़फ़्फ़र नगर और बिजनौर जिलों से होकर गुजरता है। सन् २००० में उत्तर प्रदेश के विभाजन से पहले यह राजमार्ग रेहर से आगे नैनीताल जिले के खटीमा नगर तक जाता था। .

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उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची

उत्तर प्रदेश राज्य में कुल ३५ राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ४०६३५ किमी है; और ८३ राज्य राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ८४३२ किमी है। .

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उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

उत्तर प्रदेश एक भारतीय राज्य है, जिसकी सीमाऐं नेपाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के साथ मिलती हैं। राज्य के उत्तर में हिमालय है और दक्षिण में दक्कन का पठार स्थित है। इन दोनों के बीच में, गंगा, यमुना, घाघरा समेत कई नदियां पूरब की तरफ बहती हैं। उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल है। 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या 199,581,477 है। उत्तर प्रदेश को 18 मण्डलों के अंतर्गत 75 जिलों में विभाजित किया गया है। 2011 में 199,581,477 की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 6.88 प्रतिशत मात्र है, लेकिन भारत की 16.49 प्रतिशत आबादी यहां निवास करती है। 2011 तक राज्य में 64 ऐसे नगर हैं, जिनकी जनसंख्या 100,000 से अधिक है। 1,640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 4,542,184 की जनसंख्या के साथ कानपुर राज्य का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है। .

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उत्तर प्रदेश के ज़िले

उत्तर प्रदेश भारत का एक राज्य है और प्रशासनिक रूप से कई ज़िलों में बंटा हुआ है। इन ज़िलों को 'विभाग' नामक भौगोलिक व प्रशासनिक समूहों में एकत्रित किया गया है। वर्तमान काल में उत्तर प्रदेश १८ विभागों में बांटा गया है जो आगे स्वयं ७५ ज़िलों में बंटे हैं।, Lalmani Verma, The Indian Express, 01 Dec 2011 .

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