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बिजनौर

सूची बिजनौर

बिजनौर भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। हिमालय की उपत्यका में स्थित बिजनौर को जहाँ एक ओर महाराजा दुष्यन्त, परमप्रतापी सम्राट भरत, परमसंत ऋषि कण्व और महात्मा विदुर की कर्मभूमि होने का गौरव प्राप्त है, वहीं आर्य जगत के प्रकाश स्तम्भ स्वामी श्रद्धानन्द, अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक डॉ॰ आत्माराम, भारत के प्रथम इंजीनियर राजा ज्वालाप्रसाद आदि की जन्मभूमि होने का सौभाग्य भी प्राप्त है। साहित्य के क्षेत्र में जनपद ने कई महत्त्वपूर्ण मानदंड स्थापित किए हैं। कालिदास का जन्म भले ही कहीं और हुआ हो, किंतु उन्होंने इस जनपद में बहने वाली मालिनी नदी को अपने प्रसिद्ध नाटक 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' का आधार बनाया। अकबर के नवरत्नों में अबुल फ़जल और फैज़ी का पालन-पोषण बास्टा के पास हुआ। उर्दू साहित्य में भी जनपद बिजनौर का गौरवशाली स्थान रहा है। क़ायम चाँदपुरी को मिर्ज़ा ग़ालिब ने भी उस्ताद शायरों में शामिल किया है। नूर बिजनौरी जैसे विश्वप्रसिद्ध शायर इसी मिट्टी से पैदा हुए। महारनी विक्टोरिया के उस्ताद नवाब शाहमत अली भी मंडावर,बिजनौर के निवासी थे, जिन्होंने महारानी को फ़ारसी की पढ़ाया। संपादकाचार्य पं. रुद्रदत्त शर्मा, बिहारी सतसई की तुलनात्मक समीक्षा लिखने वाले पं. पद्मसिंह शर्मा और हिंदी-ग़ज़लों के शहंशाह दुष्यंत कुमार,विख्यात क्रांतिकारी चौधरी शिवचरण सिंह त्यागी, पैजनियां - भी बिजनौर की धरती की देन हैं। वर्तमान में महेन्‍द्र अश्‍क देश विदेश में उर्दू शायरी के लिए विख्‍यात हैं। धामपुर तहसील के अन्‍तर्गत ग्राम किवाड में पैदा हुए महेन्‍द्र अश्‍क आजकल नजीबाबाद में निवास कर रहे हैं। .

44 संबंधों: चौदहवीं लोकसभा, चौहान वंश, , डकैती, तसलीम अहमद, द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, दिव्य प्रेम सेवा मिशन, दुष्यंत कुमार, नज़ीर अहमद देहलवी, नजीबाबाद, पद्मसिंह शर्मा, परमानन्द श्रीवास्तव, प्रसृत अर्धविवृत अग्रस्वर, प्राकृतिक चिकित्सा का इतिहास, बिजनौर जिला, भटियाना खुशहालपुर, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार, भारत के शहरों की सूची, भारतीय कवियों की सूची, मनोज कुमार पारस, महाराजा बिजली, मायावती, मुफ्ती शमून कासमी, याहियापुर, रसूलपुर सैद, राजा ज्वालाप्रसाद, श्याम बहादुर वर्मा, सुशांत कुमार, हरिद्वार, हिन्दी साहित्य निकेतन, हिन्दी कवियों की सूची, ज्वालाप्रसाद, जैनेन्द्र कुमार, विशाल भारद्वाज, खड़ीबोली, काशीपुर, उत्तराखण्ड, असलमपुर झोझा, उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश पुलिस, उत्तर प्रदेश में मुसलमान, उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017, उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची, उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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चौहान वंश

शाकम्भरी के चाहमान या चौहान वंश (संस्कृत: चौहानवंशः; आंग्ल: Chauhan dynasty) गुर्जर व राजपूतों के प्रसिद्ध वंशों में से अन्यतम है। 'चौहान' ये उत्तरभारत के आर्यों का कोई वंश है। चौहान गोत्र गुर्जर और राजपूतों में अन्तर्भूत होता है। शाकम्भरी में चौहान वंश के संस्थापक वासुदेव चौहान थे इतिहासविदों का मत है कि, चौहानवंशीय जयपुर के साम्भर तालाब के समीप में, पुष्कर-प्रदेश में और आमेर-नगर में निवास करते थे। सद्य वे उत्तरभारत में विस्तृत रूप से फैले हैं। उत्तरप्रदेशराज्य के मैनपुरी बिजनौर जिले में अथवा नीमराणा राजस्थान में बहुधा निवास करते हैं। श्रेणी:चौहान वंश श्रेणी:राजस्थान का इतिहास.

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ऍ की ध्वनि सुनिए ए की ध्वनि सुनिए - यह ऍ से भिन्न है ऐ की ध्वनि सुनिए - यह भी ऍ से भिन्न है ऍ मराठी भाषा का एक वर्ण है। ऍ और ऑ असल देवनागरी में नहीँ पाएं जाते। फ़िलहाल हिंदी में ऑ वर्ण का उपयोग तो पूरी तरह किया जाने लगा है, लेकिन ऍ का उपयोग अभी भी साधारणतः नहीँ किया जाता। ऍ वर्ण के उच्चारण को अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (अ॰ध॰व॰) के ɛ चिन्ह से लिखा जाता है जो औपचारिक रूप से अर्धविवृत प्रसृत अग्रस्वर (open-mid front unrounded vowel) कहलाता है। इसका प्रयोग अक्सर अंग्रेज़ी के शब्दों को लिखने के लिए किया जाता है। इसकी ध्वनि हिंदी के शब्दों में भी पाई जाती है लेकिन प्रथानुसार उन्हें भिन्न तरीक़े से लिखा जाता है। .

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डकैती

सुल्ताना डाकू नामक नौटन्की का एक दृश्य - सुल्ताना अपनी माशूका नीलकँवल के साथ ब्राज़ील की सरकार की तरफ़ से एक डाकू को ज़िन्दा या मुर्दा पकड़वाने के इनाम का इश्तेहार इतालवी चित्रकार साल्वातोर रोसा एक डाकुओं के अड्डे पर उनका चित्र बनाते हुए डकैती हिन्सा या हिन्सा की धमकी से ग़ैर-क़ानूनी ढंग से किसी अन्य व्यक्ति का धन, माल, जान, पशुधन या अन्य वास्तु छीन लेने को कहते हैं। डकैती करने वाले व्यक्तियों को डाकू या दस्यु कहा जाता है। डाकू अक्सर गिरोहों का भाग होते हैं और ऐसे क्षेत्रों में अड्डे बनाते हैं जहाँ पुलिस और अन्य क़ानून के रखवालों का पहुँचना कठिन हो। राहज़नी एक विशेष प्रकार की डकैती होती है जिसमें यात्रा कर रहे लोगों पर हमला कर के उनसे चोरी की जाती है या स्वयं उनपर बलात्कार या क़त्ल जैसा अपराध किया जाता है।, M. Durga Prasad, E. J. Lazarus, 1874,...

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तसलीम अहमद

तसलीम अहमद एक राजनेता और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। ये उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नजीबाबाद विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

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द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (The Times of India, TOI के रूप में संक्षेपाक्षरित) भारत में प्रकाशित एक अंग्रेज़ी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है। इसका प्रबन्धन और स्वामित्व बेनेट कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा किया जाता है। दुनिया में सभी अंग्रेजी भाषा के व्यापक पत्रों में इस अखबार की प्रसार संख्या सर्वाधिक है। 2005 में, अखबार ने रिपोर्ट दी कि (24 लाख से अधिक प्रसार के साथ) इसे ऑडिट बुरो ऑफ़ सर्क्युलेशन के द्वारा दुनिया के सबसे ज्यादा बिकने वाले अंग्रेजी भाषा के सामान्य समाचार पत्र के रूप में प्रमाणित किया गया है। इसके वावजूद भारत के भाषायी समाचार पत्रों (विशेषत: हिन्दी के अखबारों) की तुलना में इसका प्रसार बहुत कम है। टाइम्स ऑफ इंडिया को मीडिया समूह बेनेट, कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा प्रकाशित किया जाता है, इसे टाइम्स समूह के रूप में जाना जाता है, यह समूह इकॉनॉमिक टाइम्स, मुंबई मिरर, नवभारत टाइम्स (एक हिंदी भाषा का दैनिक), दी महाराष्ट्र टाइम्स (एक मराठी भाषा का दैनिक) का भी प्रकाशन करता है। .

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दिव्य प्रेम सेवा मिशन

दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार स्थित कुष्ट रोगियों की सेवा करने वाली एक संस्था है। इसकी स्थापना सन् १९९७ में श्री आशीष गौतम ने की। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के निवादा ग्राम में जन्मे इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा ग्रहण करने वाले इस नौजवान साधक आशीष के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानन्द हैं। अब "सेवा कुंज" नाम से विख्यात इस स्थान पर अपने कुछ नौजवान कर्मठ सहयोगियों के साथ श्री आशीष अपने इस मिशन द्वारा कुष्ठ रोगियों व उनके बच्चों के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा-संस्कार, स्वावलम्बन के कार्यक्रमों से उन्हें नवजीवन प्रदान कर उनमें जीवन के प्रति आशा व उल्लास का संचार तो कर ही रहे हैं, साथ ही वे तथाकथित सभ्य समाज में ई संवेदना को भी जगाने के प्रयास में निरंतर जुटे हैं। .

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दुष्यंत कुमार

दुष्यंत कुमार त्यागी (१९३३-१९७५) एक हिन्दी कवि और ग़ज़लकार थे। दुष्यंत कुमार का जन्‍म उत्तर प्रदेश में बिजनौर जनपद की तहसील नजीबाबाद के ग्राम राजपुर नवादा में हुआ था। जिस समय दुष्यंत कुमार ने साहित्य की दुनिया में अपने कदम रखे उस समय भोपाल के दो प्रगतिशील शायरों ताज भोपाली तथा क़ैफ़ भोपाली का ग़ज़लों की दुनिया पर राज था। हिन्दी में भी उस समय अज्ञेय तथा गजानन माधव मुक्तिबोध की कठिन कविताओं का बोलबाला था। उस समय आम आदमी के लिए नागार्जुन तथा धूमिल जैसे कुछ कवि ही बच गए थे। इस समय सिर्फ़ ४२ वर्ष के जीवन में दुष्यंत कुमार ने अपार ख्याति अर्जित की। निदा फ़ाज़ली उनके बारे में लिखते हैं "दुष्यंत की नज़र उनके युग की नई पीढ़ी के ग़ुस्से और नाराज़गी से सजी बनी है। यह ग़ुस्सा और नाराज़गी उस अन्याय और राजनीति के कुकर्मो के ख़िलाफ़ नए तेवरों की आवाज़ थी, जो समाज में मध्यवर्गीय झूठेपन की जगह पिछड़े वर्ग की मेहनत और दया की नुमानंदगी करती है। " .

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नज़ीर अहमद देहलवी

नज़ीर अहमद देहलवी (१८३०-१९१२), जिन्हें औमतौर पर डिप्टी नज़ीर अहमद (उर्दू) बुलाया जाता था, १९वीं सदी के एक विख्यात भारतीय उर्दू-लेखक, विद्वान और सामाजिक व धार्मिक सुधारक थे। उनकी लिखी कुछ उपन्यास-शैली की किताबें, जैसे कि 'मिरात-उल-उरूस' और 'बिनात-उल-नाश' और बच्चों के लिए लिखी पुस्तकें, जैसे कि 'क़िस्से-कहानियाँ' और 'ज़ालिम भेड़िया', आज तक उत्तर भारत व पाकिस्तान में पढ़ी जाती हैं। .

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नजीबाबाद

नजीबाबाद उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले में स्थित एक नगर है। नजीबाबाद को मुग़ल सम्राट-अहमदशाह के समकालीन नवाब नज़ीबुद्दौला ने 1750 ई. में बसाया था। नजीबाबाद मालन नदी से कुछ दूर पर गढ़वाल की तराई में स्थित है। नज़ीबुद्दौला एक सफल कूटनीतिज्ञ था और मुग़ल साम्राज्य की तत्कालीन राजनीति में इसका काफ़ी दख़ल था। इसका मक़बरा नजीबाबाद में स्थित है। 1857 के विद्रोह में नज़ीबुद्दौला के उत्तराधिकारी नवाब दुंदू खाँ ने अंग्रेजों के विरुद्ध बग़ावत की थी, जिसके कारण उसकी रियासत ज़ब्त कर ली गई और उसका एक भाग रामपुर रियासत को दे दिया गया। नजीबाबाद जिला बिजनौर की तहसील है। तहसील नजीबाबाद में ग्राम: अल्हैयारपुर, कायरी फूल, खलीलपुर, गुढा, गाजीपुर, गोविन्दपुर, चाण्डत तुर्क, चांडत जट, दहीरपुर, नकीपुर रामराय, नरायनपुर, नरूल्लापुर बादली, नूरुलदहरपुर, बुडगरी, ब्रहमजीतपुर चन्दा, बाकरपुर जयराम, बादशाहपुरमाईदास, भगवानपुर, भागूवाला, मलकपुर, मौ.अलीपुरवीरभानA, रामकायरी, राहतपुर खुर्द, लालपुरशौजीमल, शाहपुर सुक्खा, सबलगढ, सभाचन्दपुर केशो, सराये जलाल, सरायेजलाल (अ0ह0), सलेमपुर, सुगंरपुर, सुल्तानपुर सादात, अकबरपुर आवला, अकबरपुर चौगावां, अकबराबाद, अगुपुरा प्यारा, अनवर पुर चतर, अब्दुल्लापुर, अब्बुल फजलपुर खास, अबुलफजलपुर तबेला, अमान नगर, अमानुल्लापुर, अमीपुर माईदास, अरगूपुरा, अरजानीपुर, अलावलपुर नैनू, अलीपुरा, अशरफपुर, अहमद पुर मजीद, अहमदपुर सादात, असदुल्लापुर, असलमपुर झोझा, आजमपुर गाजी, आजमपुर मौ.अली, आजमपुर यार मौहम्मद, आजमाबाद, आरफपुर खजूरी, आलमपुर, आलमपुर आसूं, आलमपुर गंगा, आसू नंगली औरंगजेबपुर फाजिल औरंगजेबपुर महमूद औरंगपुर नन्दलाल औरंगपुर फत्तेखां औरंगपुर फत्ता औरंगपुर बसन्ता औरंगपुर भिक्कू औरंगपुर हृदय औरंगाबाद औरंजेबपुर गुलाल, औंरगजेबपुर चन्दा, इब्राहीमपुर जमालुद्दीन, इब्राहीमपुर बावन, इब्राहीमपुर राजू Z.A, इब्राहीमपुर वहाऊद्दीन, इब्राहीमपुरराजू अ0, इस्लामपुर बेगा, इस्लामपुर मीरा, इस्लामपुर शाह अली, इस्लामपुर हटटू, इस्लामपुर सादात, इस्लामपुर साहू, इस्सेपुर, उमरपुर, ऊमरी, कुतुबपुर, कुतुबपुर नंगली, कुम्हैड़ा, केशोपुर, कनकपुर, कमालपुर, करमस खेडी, करौली, कल्याणपुर, कल्हैडी A, कल्हैडी BA, कला नंगली, कलापुर बुर्जुग, कवलनैन पुर, कादरपुर तय्यब, कामगारपुर, कामराजपुर, काशीरामपुर, कोटावाली, कौडॢया, खटाई, खतीरका, खुशहालपुर मडका, खसौर, खेडा, खैरपुर जालीका, खैरूल्लापुर B.A., खैरूल्लापुरA, खानपुर, खानपुर शर्फुदीन (अ0ह0), खानपुरशर्फुदीन हुसैन, गजरौला, गढमलपुर, गनौरा, गुजरपुर आसू, गुजरपुरा, गुलाम अलीपुर राजू, गुलामअलीपुरनाथा, गुनियापुर, गाजीपुर, गाजीपुर हिदायत, गोकलपुर सुन्दर, गोपालखेडी, गोपालपुर, गोयला ए., गोयला B.A., गौसपुर एतमाली, गौसपुर राये, गौसपुर बिला एतमाली, गांगूवाला, घघेडी, चतरभोजपुर कुशल, चतरुवाला, चन्दगोयला, चन्दपुरा, चन्दौक, चमरौला, चाहसलूनो, छापर, ज्वाला चन्डी, ज्वाली लाला, जगदीशपुर, जगदीसपुर, जटपुरा, जटपुरा खास, जटपुरा भौंडा, जफरपुर, जफरुल्लापुर, जम्हीरी, जमालपुर खोको, जलालपुर सुल्तान, जलालाबाद, जुल्फकारपुर, जहानपुर, जहांनाबाद, जसपुर, जसवन्तपुर, जादोपुर, जाफरपुर, जाफराबाद, जालपुर, जालबपुर गूदड, जीतपुर खास, जीवनपुर, झक्काकी, टोडरपुर, टोडा, डूंगरपुर, ढाकी साधो, तर्करुबपुर इसराजखेडीA, तकर्रूबपुरइसराजखेडी, तकीपुर हरवंश, तरीकमपुर, तरीकमपुर दरगो, तेली नंगली, तैय्यबपुर गौरवा, ताजपुर, तातारपुर लालू, ताहरपुर इशहाक, थापल, दूधला, दूधली, दुल्हापुर, दयालपुर ज्ञानपुर, दरगोपुर, दरियापुर, दाऊदपुर नन्हेडा, दाऊदपुर हाजी, दानियालपुर, धनसीनी, धनौरा, धनौरी कुवंर, धर्मपुर, धर्मपुर धन्सी, धर्मपुर भगवान, धर्मपुर भोजा, धर्मागढी (गैर आबाद), न्यामतपुर, नजीबपुर सादात, नजीबाबाद, नजीमपुर, नन्दपुर, नूरपुर डहरा, नूरमपुर, नसरुल्लापुर, नसीरपुर मिठारी, नेकपुर, नंगला इस्लाम, नंगला उभ्भन, नंगला पिथौरा, नंगला हरदास, नंगला सेम्भल, नारायणपुर इच्छा बी0 ए0, नारायणपुरइच्छाA, नारायनपुर रतन, नौरंगपुर, नौरोजपुर, नांगल, नीबपुर, पदारथपुर, परतापपुर, पर्वतपुर मखदूमपुर, पुरनपुर गढी-, पुरूषोत्तमपुर, पून्डरी खुर्द, पूरनपुर गढ़ी बी.ए., पूरनपुर नरोत्तम, पृथीपुर, प्रेमपुर, पाडला, पाडली, पीपलसाना, फैजाबाद, फजलपुर खास, फजलपुर पर्वत, फजलपुर भोया, फजलपुर मान, फजलपुर हैबत, फजलपुर हबीब, फजलपुरफतेउल्ला, फतहउल्लापुर, फतहपुर राजाराम, फतेहऊल्लापुर दुर्ग, फरजपुर, बढापुर, बरकातपुर, बरखुरदारपुरगोपाल, बरमपुर, बशीरपुर, बुडगरा, बूङपुर नैन सिह, बूढपुर मुफ्ती, बूलचन्दपुर, बहादरपुर, बहादरपुरशर्फुददीन, बसेड़ा, बसेडी, बेगमपुर भौनावाला, बेगमपुर रुपचन्द, बेगमपुर शादी, बेहड़ा चौहान, बैवलवाला, बाकरपुर, बादशाहपुर खोशी, बंशगोपालपुर, बीतरा, बीरुवाला, भगवानवाला, भटौली, भदौला, भनेड़ा, भरैका, भोगपुर, भोजपुर, मथुरापुर मोर, मदसूदनपुर देवीदास, मन्सूरपुर बेगुनाह, मनुपुरा, मनोहर वाला, मल्हपुर, मलूकवाली, मुकन्दपुर गोपाल, मुकन्दपुर रामू, मुकीमपुर दुनिया, मुकीमपुर पदारथ, मुबारकपुर, मुबारकपुर खोशा, मुबारकपुर मीरा, मुबारकपुर राठे, मुबारकपुर हरदास, मुबारकपुर सहारन, मुबारकपुरहरबल्लभ, मुरशदपुर, मुस्तफापुर, मुस्तफापुर आंसू, मुस्तफापुरनौआबाद, मुस्वीखानपुर, मुस्सेपुर, महेशपुर, मूंगरपुर, महमूदपुर, महमसापुर, महलकी, महारायपुर शेख, महावतपुर गौरवा, महावतपुर दलपत, महावतपुर नाथा A, महावतपुर नाथा BA, महावतपुर बिल्लौच, मेदूवाला, मेमन सादात, मंडावली, मानपुर, मायापुरी, मालीपुर, मोचीपुरा, मोटाढाक, मोथला, मोमिनपुर दासू, मोमिनपुर लालू, मोमिनपुर लाला, मोहिउद्दीनपुर, मौ.

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पद्मसिंह शर्मा

पं.

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परमानन्द श्रीवास्तव

परमानन्द श्रीवास्तव (जन्म: 10 फ़रवरी 1935 - मृत्यु: 5 नवम्बर 2013) हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार थे। उनकी गणना हिन्दी के शीर्ष आलोचकों में होती है। गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रेमचन्द पीठ की स्थापना में उनका विशेष योगदान रहा। कई पुस्तकों के लेखन के अतिरिक्त उन्होंने हिन्दी भाषा की साहित्यिक पत्रिका आलोचना का सम्पादन भी किया था। आलोचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये उन्हें व्यास सम्मान और भारत भारती पुरस्कार प्रदान किया गया। लम्बी बीमारी के बाद उनका गोरखपुर में निधन हो गया। .

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प्रसृत अर्धविवृत अग्रस्वर

प्रसृत अर्धविवृत अग्रस्वर (open-mid front unrounded vowel) एक प्रकार की स्वर ध्वनी होती है जिसका प्रयोग कुछ भाषाओं को बोलने में होता है। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसे ɛ के चिन्ह द्वारा प्रदर्शित करा जाता है। हिन्दी में इसे "ऍ" के वर्ण के प्रयोग से लिखा जाता है। .

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प्राकृतिक चिकित्सा का इतिहास

प्राकृतिक चिकित्सा का इतिहास उतना ही पुराना है जितना स्वयं प्रकृति। यह चिकित्सा विज्ञान आज की सभी चिकित्सा प्राणालियों से पुराना है। अथवा यह भी कहा जा सकता है कि यह दूसरी चिकित्सा पद्धतियों कि जननी है। इसका वर्णन पौराणिक ग्रन्थों एवं वेदों में मिलता है, अर्थात वैदिक काल के बाद पौराणिक काल में भी यह पद्धति प्रचलित थी। आधुनिक युग में डॉ॰ ईसाक जेनिग्स (Dr. Isaac Jennings) ने अमेरिका में 1788 में प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग आरम्भ कर दिया था। जोहन बेस्पले ने भी ठण्डे पानी के स्नान एवं पानी पीने की विधियों से उपचार देना प्रारम्भ किया था। महाबग्ग नामक बोध ग्रन्थ में वर्णन आता है कि एक दिन भगवान बुद्ध के एक शिष्य को सांप ने काट लिया तो उस समय विष के नाश के लिए भगवान बुद्ध ने चिकनी मिट्टी, गोबर, मूत्र आदि को प्रयोग करवाया था और दूसरे भिक्षु के बीमार पड़ने पर भाप स्नान व उष्ण गर्म व ठण्डे जल के स्नान द्वारा निरोग किये जाने का वर्णन 2500 वर्ष पुरानी उपरोक्त घटना से सिद्ध होता है। प्राकृतिक चिकित्सा के साथ-2 योग एवं आसानों का प्रयोग शारीरिक एवं आध्यात्मिक सुधारों के लिये 5000 हजारों वर्षों से प्रचलन में आया है। पतंजलि का योगसूत्र इसका एक प्रामाणिक ग्रन्थ है इसका प्रचलन केवल भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी है। प्राकृतिक चिकित्सा का विकास (अपने पुराने इतिहास के साथ) प्रायः लुप्त जैसा हो गया था। आधुनिक चिकित्सा प्राणालियों के आगमन के फलस्वरूप इस प्रणाली को भूलना स्वाभाविक भी था। इस प्राकृतिक चिकित्सा को दोबारा प्रतिष्ठित करने की मांग उठाने वाले मुख्य चिकित्सकों में बड़े नाम पाश्चातय देशों के एलोपैथिक चिकित्सकों का है। ये वो प्रभावशाली व्यक्ति थे जो औषधि विज्ञान का प्रयोग करते-2 थक चुके थे और स्वयं रोगी होने के बाद निरोग होने में असहाय होते जा रहे थे। उन्होने स्वयं पर प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोग करते हुए स्वयं को स्वस्थ किया और अपने शेष जीवन में इसी चिकित्सा पद्धति द्वारा अनेकों असाध्य रोगियों को उपचार करते हुए इस चिकित्सा पद्धति को दुबारा स्थापित करने की शुरूआत की। इन्होने जीवन यापन तथा रोग उपचार को अधिक तर्कसंगत विधियों द्वारा किये जाने का शुभारम्भ किया। प्राकृतिक चिकित्सा संसार मे प्रचलित सभी चिकित्सा प्रणाली से पुरानी है आदिकाल के ग्रंथों मे जल चिकित्सा व उपवास चिकित्सा का उल्लेख मिलता है पुराण काल मे (उपवास)को लोग अचूक चिकित्सा माना करते थे .

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बिजनौर जिला

बिजनौर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बिजनौर है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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भटियाना खुशहालपुर

भटियाना खुशहालपुर भारत देश में उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद बिजनौर की धामपुर तहसील के अंतर्गत आता है। यह पूर्व से ही एक स्वतन्त्र न्याय पंचायत गांव रहा है। आज मैं राहुल कुमार चौहान दिनांक 21 अक्‍टुबर सन् 2016 को अपने ग्राम भटियाना खुशहालपुर के बारे में तथ्‍यपरक जानकारी से सबको अवगत करवा रहा हूँ। भटियाना खुशहालपुर न्‍याय पंचायत पूर्व काल से ही सम्‍पन्‍न पंचायतो में से एक रही है। आस-पास के सभी गांवो में, क्षेत्रो में भटियाना खुशहालपुर अपना विशेष स्‍थान रखता है। भटियाना खुशहालपुर में सभी व्‍यक्ति एक दूसरे का सम्‍मान करते हैं एवं परस्‍पर भाईचारे को बनाऐ रखते हैं। किसी भी प्रकार की विपत्ति आने पर एक-दूसरे का तन-मन-धन से सहयोग भी करते हैं।.

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भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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भारतीय कवियों की सूची

इस सूची में उन कवियों के नाम सम्मिलित किये गये हैं जो.

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मनोज कुमार पारस

मनोज कुमार पारस एक राजनेता और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। ये उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नगीना विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

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महाराजा बिजली

महाराजा बिजली पासी मध्यकाल में पासी जाति के एक राजा हुए। वर्तमान उत्तर प्रदेश राज्य के कुछ हिस्सों तक उनका शासन था। वे पृथ्वीराज चौहान के समकालीन थे। कहा जाता है कि उन्होंने अपने शासनकाल में कुल १२ किले बनवाये। इसके अतिरिक्त बिजनौर नगर की स्थापना का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है। उनके नाम पर १९९९ में एक महाविद्यालय की स्थापना की गयी; लखनऊ में स्थित इस कॉलेज का नाम "महाराजा बिजली पासी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय" है। १६ नवंबर २००० को भारत सरकार द्वारा उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया गया था। उनके किले के खँडहर आज भी लखनऊ में स्थित हैं। .

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मायावती

मायावती (जन्मः १५ जनवरी १९५६; पूरा नाम: मायावती प्रभू दास) भारतीय राजनीतिज्ञ एवं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष है, जो भारतीय समाज के सबसे कमजोर वर्गों - बहुजनों या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग और धार्मिक अल्पसंख्यकों के जीवन में सुधार के लिए सामाजिक परिवर्तन के एक मंच पर केंद्रित है। दलित राजनीति की पुरोधा भारतीय राजनीति में अपना दखल रखने वाली इस दलित महिला ने चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली।https://web.archive.org/web/20080608020955/http://www.upgov.nic.in/upinfo/cm_profile_blue%20latest.htm .

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मुफ्ती शमून कासमी

मुफ़्ती शमून कासमी का जन्म 25 मई सन 1967 में भारत प्रांत के उत्तर प्रदेश के बिजनौर नगर में हुआ था। कासमी की पहचान एक समाजसेवी के रूप में है। ये भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भी हैं। .

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याहियापुर

याहियापुर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले में एक छोटा सा गाँव है। यह गाँव राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 से बस थोडा सा ही हटकर, खतौली से लगभग ३ किलोमीटर दूर बिजनौर जाने वाली सड़क (जिसे मीरापुर सड़क भी कहा जाता है) पर स्थित है। यहाँ की अधिकांश आबादी शिक्षित है और कृषि यहाँ के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय है। यह खतौली डाकखाने के अंतर्गत आता है जिसका पिन कोड 251201 है। .

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रसूलपुर सैद

जनाब सैय्यद अशरफ उल हसन 22 नवम्बर1984.

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राजा ज्वालाप्रसाद

ज्वालाप्रसाद (१८७२ - १६ सितंबर १९४४) भारत के प्रसिद्ध सिविल इंजीनियर, व काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उप कुलपति (वाईस चांसलर) थे। ज्वाला प्रसाद की पौत्रवधू रूचि वीरा सदर से विधायक व इनके पौत्र कुंवर उदयन वीरा सपा नेता हैं। .

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श्याम बहादुर वर्मा

श्याम बहादुर वर्मा (जन्म: 10 अप्रैल 1932 बरेली मृत्यु: 20 नवम्बर 2009 दिल्ली) हिन्दी के उद्भट विद्वान थे। उन्होंने विवाह नहीं किया। पुस्तकें ही उनकी जीवन संगिनी थीं। तीन कमरों वाले फ्लैट में श्याम बहादुर अकेले रहते थे। उनके प्रत्येक कमरे में फर्श से लेकर छत तक पुस्तकें ही पुस्तकें नज़र आती थीं। उन्होंने हिन्दी साहित्य को कई शब्द कोश प्रदान किये। दिल्ली विश्वविद्यालय से विजयेन्द्र स्नातक के मार्गदर्शन में उन्होंने हिन्दी काव्य में शक्तितत्व विषय पर शोध करके पीएच॰डी॰ की और डी॰ए॰वी॰ कॉलेज में प्राध्यापक हो गये। परन्तु अध्ययन का क्रम फिर भी न टूटा। गणित में एम॰एससी॰ से लेकर अंग्रेजी, संस्कृत, हिन्दी और प्राचीन भारतीय इतिहास जैसे अनेकानेक विषयों में उन्होंने एम॰ए॰ की परीक्षाएँ न केवल उत्तीर्ण कीं अपितु प्रथम श्रेणी के अंक भी अर्जित किये। बौद्धिक साधना के साक्षात् स्वरूप थे। उनकी सम्पूर्ण साहित्यिक सेवाओं के लिये हिन्दी अकादमी, दिल्ली ने वर्ष 1997-98 में साहित्यकार सम्मान प्रदान किया। 20 नवम्बर 2009 को नई दिल्ली में उनका निधन हुआ। .

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सुशांत कुमार

सुशांत कुमार एक राजनेता और उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। ये उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के बढ़ापुर विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। .

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हरिद्वार

हरिद्वार, उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले का एक पवित्र नगर तथा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ है। यह नगर निगम बोर्ड से नियंत्रित है। यह बहुत प्राचीन नगरी है। हरिद्वार हिन्दुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक है। ३१३९ मीटर की ऊंचाई पर स्थित अपने स्रोत गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से २५३ किमी की यात्रा करके गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश करती है, इसलिए हरिद्वार को 'गंगाद्वार' के नाम से भी जाना जाता है; जिसका अर्थ है वह स्थान जहाँ पर गंगाजी मैदानों में प्रवेश करती हैं। हरिद्वार का अर्थ "हरि (ईश्वर) का द्वार" होता है। पश्चात्कालीन हिंदू धार्मिक कथाओं के अनुसार, हरिद्वार वह स्थान है जहाँ अमृत की कुछ बूँदें भूल से घड़े से गिर गयीं जब God Dhanwantari उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे। ध्यातव्य है कि कुम्भ या महाकुम्भ से सम्बद्ध कथा का उल्लेख किसी पुराण में नहीं है। प्रक्षिप्त रूप में ही इसका उल्लेख होता रहा है। अतः कथा का रूप भी भिन्न-भिन्न रहा है। मान्यता है कि चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थीं। वे स्थान हैं:- उज्जैन, हरिद्वार, नासिक और प्रयाग। इन चारों स्थानों पर बारी-बारी से हर १२वें वर्ष महाकुम्भ का आयोजन होता है। एक स्थान के महाकुम्भ से तीन वर्षों के बाद दूसरे स्थान पर महाकुम्भ का आयोजन होता है। इस प्रकार बारहवें वर्ष में एक चक्र पूरा होकर फिर पहले स्थान पर महाकुम्भ का समय आ जाता है। पूरी दुनिया से करोड़ों तीर्थयात्री, भक्तजन और पर्यटक यहां इस समारोह को मनाने के लिए एकत्रित होते हैं और गंगा नदी के तट पर शास्त्र विधि से स्नान इत्यादि करते हैं। एक मान्यता के अनुसार वह स्थान जहाँ पर अमृत की बूंदें गिरी थीं उसे हर की पौड़ी पर ब्रह्म कुण्ड माना जाता है। 'हर की पौड़ी' हरिद्वार का सबसे पवित्र घाट माना जाता है और पूरे भारत से भक्तों और तीर्थयात्रियों के जत्थे त्योहारों या पवित्र दिवसों के अवसर पर स्नान करने के लिए यहाँ आते हैं। यहाँ स्नान करना मोक्ष प्राप्त करवाने वाला माना जाता है। हरिद्वार जिला, सहारनपुर डिवीजनल कमिशनरी के भाग के रूप में २८ दिसम्बर १९८८ को अस्तित्व में आया। २४ सितंबर १९९८ के दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा ने 'उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक, १९९८' पारित किया, अंततः भारतीय संसद ने भी 'भारतीय संघीय विधान - उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम २०००' पारित किया और इस प्रकार ९ नवम्बर २०००, के दिन हरिद्वार भारतीय गणराज्य के २७वें नवगठित राज्य उत्तराखंड (तब उत्तरांचल), का भाग बन गया। आज, यह अपने धार्मिक महत्त्व के अतिरिक्त भी, राज्य के एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र के रूप में, तेज़ी से विकसित हो रहा है। तेज़ी से विकसित होता औद्योगिक एस्टेट, राज्य ढांचागत और औद्योगिक विकास निगम, SIDCUL (सिडकुल), भेल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) और इसके सम्बंधित सहायक इस नगर के विकास के साक्ष्य हैं। .

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हिन्दी साहित्य निकेतन

हिंदी साहित्य निकेतन एक प्रकाशन प्रतिष्ठान है, जिसकी स्थापना डा. गिरिराज शरण अग्रवाल ने 1961 में की। 1973 में यह संस्थान बिजनौर में आ गया। तीर और तरंग के नाम से एक संग्रह प्रकाशित हुआ जिसका विमोचन 24 अक्टूबर 1964 को हुआ। यह पहली पुस्तक थी जो हिन्दी साहित्य निकेतन ने प्रकाशित की। संस्था ने अभी तक लगभग तीन सौ पुस्तकें प्रकाशित की हैं। संस्था की ओर से एक त्रैमासिक पत्रिका 'शोध-दिशा' नाम से प्रकाशित होती है। .

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हिन्दी कवियों की सूची

हिन्दी कविता की परम्परा बहुत लम्बी है। कुछ विद्बान सरहपाद को हिन्दी का पहला कवि मानते हैं। सरहपाद और उनके समवर्ती व परवर्ती सिद्धों ने दोहों और पदों के रूप में अपनी स्फुट रचनाएं प्रस्तुत कीं। रासोकाल तक आते-आते प्राचीन हिन्दी का रूप स्थिर हो चुका था। अपभ्रंश और शुरुआती हिन्दी परस्पर घुली-मिली दिखाई देती हैं। धीरे-धीरे हिन्दी में परिष्कार होता रहा और अपभ्रंश भाषा के पटल से लुप्त हो गई।.

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ज्वालाप्रसाद

राजा ज्वालाप्रसाद (१८७२ ईo - १६ सितंबर १९४४) भारत के प्रसिद्ध इंजीनियर एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रत्युपकुलपति (सन् १९३६) थे। .

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जैनेन्द्र कुमार

प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्रकुमार (२ जनवरी, १९०५- २४ दिसंबर, १९८८) का विशिष्ट स्थान है। वह हिंदी उपन्यास के इतिहास में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक के रूप में मान्य हैं। जैनेंद्र अपने पात्रों की सामान्यगति में सूक्ष्म संकेतों की निहिति की खोज करके उन्हें बड़े कौशल से प्रस्तुत करते हैं। उनके पात्रों की चारित्रिक विशेषताएँ इसी कारण से संयुक्त होकर उभरती हैं। जैनेंद्र के उपन्यासों में घटनाओं की संघटनात्मकता पर बहुत कम बल दिया गया मिलता है। चरित्रों की प्रतिक्रियात्मक संभावनाओं के निर्देशक सूत्र ही मनोविज्ञान और दर्शन का आश्रय लेकर विकास को प्राप्त होते हैं। .

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विशाल भारद्वाज

विशाल भारद्वाज भारतीय हिन्दी फिल्म उद्योग बॉलीवुड के एक प्रसिद्ध संगीतकार, गीतकार, पटकथा लेखक व निर्देशक हैं। उन्हे गॉडमदर और इश्किया के लिये सर्वश्रेष्ठ संगीत के राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। विशाल के शब्दों मे "गुलजार" उनके प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। .

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खड़ीबोली

खड़ी बोली वह बोली है जिसपर ब्रजभाषा या अवधी आदि की छाप न हो। ठेंठ हिंदी। आज की राष्ट्रभाषा हिंदी का पूर्व रूप। इसका इतिहास शताब्दियों से चला आ रहा है। यह परिनिष्ठित पश्चिमी हिंदी का एक रूप है। .

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काशीपुर, उत्तराखण्ड

काशीपुर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। उधम सिंह नगर जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित काशीपुर जनसंख्या के मामले में कुमाऊँ का तीसरा और उत्तराखण्ड का छठा सबसे बड़ा नगर है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार काशीपुर नगर की जनसंख्या १,२१,६२३, जबकि काशीपुर तहसील की जनसंख्या २,८३,१३६ है। यह नगर भारत की राजधानी, नई दिल्ली से लगभग २४० किलोमीटर, और उत्तराखण्ड की अंतरिम राजधानी, देहरादून से लगभग २०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काशीपुर को पुरातन काल से गोविषाण या उज्जयनी नगरी भी कहा जाता रहा है, और हर्ष के शासनकाल से पहले यह नगर कुनिन्दा, कुषाण, यादव, और गुप्त समेत कई राजवंशों के अधीन रहा है। इस जगह का नाम काशीपुर, चन्दवंशीय राजा देवी चन्द के एक पदाधिकारी काशीनाथ अधिकारी के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इसे १६-१७ वीं शताब्दी में बसाया था। १८ वीं शताब्दी तक यह नगर कुमाऊँ राज्य में रहा, और फिर यह नन्द राम द्वारा स्थापित काशीपुर राज्य की राजधानी बन गया। १८०१ में यह नगर ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आया, जिसके बाद इसने १८१४ के आंग्ल-गोरखा युद्ध में कुमाऊँ पर अंग्रेजों के कब्जे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। काशीपुर को बाद में कुमाऊँ मण्डल के तराई जिले का मुख्यालय बना दिया गया। ऐतिहासिक रूप से, इस क्षेत्र की अर्थव्यस्था कृषि तथा बहुत छोटे पैमाने पर लघु औद्योगिक गतिविधियों पर आधारित रही है। काशीपुर को कपड़े और धातु के बर्तनों का ऐतिहासिक व्यापार केंद्र भी माना जाता है। आजादी से पहले काशीपुर नगर में जापान से मखमल, चीन से रेशम व इंग्लैंड के मैनचेस्टर से सूती कपड़े आते थे, जिनका तिब्बत व पर्वतीय क्षेत्रों में व्यापार होता था। बाद में प्रशासनिक प्रोत्साहन और समर्थन के साथ काशीपुर शहर के आसपास तेजी से औद्योगिक विकास हुआ। वर्तमान में नगर के एस्कॉर्ट्स फार्म क्षेत्र में छोटी और मझोली औद्योगिक इकाइयों के लिए एक इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल एस्टेट निर्माणाधीन है। भौगोलिक रूप से काशीपुर कुमाऊँ के तराई क्षेत्र में स्थित है, जो पश्चिम में जसपुर तक तथा पूर्व में खटीमा तक फैला है। कोशी और रामगंगा नदियों के अपवाह क्षेत्र में स्थित काशीपुर ढेला नदी के तट पर बसा हुआ है। १८७२ में काशीपुर नगरपालिका की स्थापना हुई, और २०११ में इसे उच्चीकृत कर नगर निगम का दर्जा दिया गया। यह नगर अपने वार्षिक चैती मेले के लिए प्रसिद्ध है। महिषासुर मर्दिनी देवी, मोटेश्वर महादेव तथा मां बालासुन्दरी के मन्दिर, उज्जैन किला, द्रोण सागर, गिरिताल, तुमरिया बाँध तथा गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब काशीपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। .

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असलमपुर झोझा

असलमपुर झोझा बिजनौर जिले की नजीबाबाद तहसील स्थित एक गाँव हैं। यह गाँव रसूलपुर सैद से मिला हुआ हैँ। गाँव मे सर्वाधिक जनसंख्या कृषि पर आश्रित हैँ।.

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उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

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उत्तर प्रदेश पुलिस

उत्तर प्रदेश पुलिस भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में २३६,२८६वर्ग.कि.मी के क्षेत्र में २० करोड़ जनसंख्या (वर्ष 2011 के अनुसार) में न्याय एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु उत्तरदायी पुलिस सेवा है। ये पुलिस सेवा न केवल भारत वरन विश्व की सबसे बड़ी पुलिस सेवा है। सेवा के महानिदेशक-पुलिस की कमान की शक्ति १.७० लाख के लगभग है जो 75 जिलों में ३१ सशस्त्र बटालियनों एवं अन्य विशिष्ट स्कंधों में बंटी व्यवस्था का नियामन करती है। इन स्कंधों में प्रमुख हैं: इंटेलिजेंस, इन्वेस्टिगेशन, एंटी-करप्शन, तकनीकी, प्रशिक्षण एवं अपराध-विज्ञान, आदि। .

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उत्तर प्रदेश में मुसलमान

2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में मुसलमान 38,483, 967 (19.26%) है, और भारत के उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा धार्मिक अल्पसंख्यक बनता है। उत्तर प्रदेश के मुस्लिमों को भी हिंदुस्तानी मुसलमान (ہندوستانی مسلمان) के रूप में जाना जाता है। वे सांप्रदायिक और बारादारी डिवीजनों के साथ-साथ बोली और भौगोलिक वितरण द्वारा विभेदित होते हैं। फिर भी, उत्तर प्रदेश मुस्लिम सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कारकों के आधार पर समूह पहचान की भावना रखते हैं। इनमें इस्लाम धर्म, एक फारसी सांस्कृतिक परंपरा और हिंदी, उर्दू भाषा शामिल है। वे एक पुराने ऐतिहासिक विरासत को दर्शाते हुए एक समान रूप से शहरी समुदाय भी हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार रामपुर जिला और संभल, रामपुर, अमरोहा, बहराइच, और बिजनौर शहरो में मुस्लिम बहुमत हैं। .

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उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२

उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग १२ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक राज्य राजमार्ग है। १४६.९८ किलोमीटर लम्बा यह राजमार्ग कैराना से शुरू होकर रेहर तक जाता है। इसे पानीपत-खटीमा मार्ग भी कहा जाता है। यह मुज़फ़्फ़र नगर और बिजनौर जिलों से होकर गुजरता है। सन् २००० में उत्तर प्रदेश के विभाजन से पहले यह राजमार्ग रेहर से आगे नैनीताल जिले के खटीमा नगर तक जाता था। .

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017

उत्तर प्रदेश की सत्तरहवीं विधानसभा के लिए आम चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक सात चरणों में आयोजित हुए। इन चुनावों में मतदान प्रतिशत लगभग 61% रहा। भारतीय जनता पार्टी ने 312 सीटें जीतकर तीन-चौथाई बहुमत प्राप्त किया जबकि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी गठबन्धन को 54 सीटें और बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों से संतोष करना पड़ा। पिछले चुनावों में समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनायीं थी। 18 मार्च 2017 को भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। .

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उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची

उत्तर प्रदेश राज्य में कुल ३५ राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ४०६३५ किमी है; और ८३ राज्य राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई ८४३२ किमी है। .

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उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

उत्तर प्रदेश एक भारतीय राज्य है, जिसकी सीमाऐं नेपाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के साथ मिलती हैं। राज्य के उत्तर में हिमालय है और दक्षिण में दक्कन का पठार स्थित है। इन दोनों के बीच में, गंगा, यमुना, घाघरा समेत कई नदियां पूरब की तरफ बहती हैं। उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल है। 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या 199,581,477 है। उत्तर प्रदेश को 18 मण्डलों के अंतर्गत 75 जिलों में विभाजित किया गया है। 2011 में 199,581,477 की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 6.88 प्रतिशत मात्र है, लेकिन भारत की 16.49 प्रतिशत आबादी यहां निवास करती है। 2011 तक राज्य में 64 ऐसे नगर हैं, जिनकी जनसंख्या 100,000 से अधिक है। 1,640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 4,542,184 की जनसंख्या के साथ कानपुर राज्य का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है। .

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