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बाड़मेर

सूची बाड़मेर

बाड़मेर राजस्थान राज्य का दूसरा बड़ा जिला है। यह अपने स्थापत्य के साथ साथ देश के सबसे बड़े तेल और कोयला उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। यह बाड़मेर जिला का मुख्यालय है। इस शहर की स्थापना बहाड़ राव ने 13वीं शताब्दी में की थी। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम बाड़मेर पड़ा यानि बार का पहाड़ी किला। एक समय 'मालानी' के नाम से जाना जाने वाला बाड़मेर अपनी जीवंतता के कारण सैलानियों को बहुत भाता है। बाड़मेर की यात्रा की एक विशेषता यह भी है कि यह हमें राजस्थान के ग्रामीण जीवन से रूबरू कराता है। यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले गांव, पारंपरिक पोशाकें पहने लोगों और रेत पर पड़ती सुनहरी धूप, बाड़मेर की यह मनोरम छवि आंखों में बस जाती है। मार्च के महीने में पूरा बाड़मेर रंगों से भर जाता है क्योंकि वह वक्त बाड़मेर महोत्सव का होता है। यह समय यहां आने का सबसे सही समय है। .

62 संबंधों: चान्दराई (बाड़मेर), चुतर सिंह हत्याकांड, चौदहवीं लोकसभा, चौहटन, टांका, तरुण राय कागा, थार एक्सप्रेस, थार महोत्सव, देचू, नागणेच्या मां, नाकोड़ा, पचपदरा, पचपदरा झील, पदमाराम मेघवाल, प्रतापगढ़, राजस्थान, प्रियंका मेघवाल, पृथ्वीराज चौहान, बाड़मेर रेलवे स्टेशन, बाड़मेर जिला, बायतू, बालोतरा, भारत में पर्यटन, भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची, भारत के तेल शोधनागारों की सूची, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, मरू प्रदेश, मल्लीनाथ पशु मेला, तिलवाड़ा, मुनाबाव, मेवाराम जैन, रानी भटियानी, राष्ट्रीय राजमार्ग १५, राजस्थान, राजस्थान में पर्यटन, राजस्थान में जैन धर्म, राजस्थान के पशु मेले, राजस्थान के शहर, राजस्थान के जिले, राजस्थान के वन्य-जीव अभयारण्य, राजस्थान की झीलें, राजस्थान की जलवायु, राजेन्द्र सिंह भिंयाड़, सरस्वती नदी, सायर जयपाल, सुक्री नदी, जसवंत सिंह, जोधपुर संभाग, विरधी चन्द जैन, गुड़ामालानी, गोडावण, गोपाराम मेघवाल, ..., आसोतरा, इनाणिया, इंदिरा गांधी नहर, कमलेश नागरकोटी, कोरणा, अणखिया, अमृत नाहटा, अजरक, उत्तरलाई, उत्तरलाई एयर फ़ोर्स स्टेशन, उम्मेद सिँह (राजनीतिज्ञ), २०११ पाकिस्तान भूकम्प सूचकांक विस्तार (12 अधिक) »

चान्दराई (बाड़मेर)

Chandrai एक गांव है जो की पचपदरा ब्लॉक के के, भारत.

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चुतर सिंह हत्याकांड

चुतर सिंह हत्याकांड जिसमें २५ जून २०१६ राजस्थान राज्य के जैसलमेर ज़िले के मोकळा गांव का निवासी २१ वर्षीय चुतर सिंह सोढ़ा जो कि जैसलमेर पुलिस के अंतर्गत एक हिस्ट्रीशीटर था उसका पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया, लेकिन राजपूत समाज के अंतर्गत चुतर सिंह का एनकाउंटर न मानकर हत्या माना है। जैसलमेर पुलिस के अनुसार चुतर सिंह पर बाड़मेर में ये एक हिस्ट्रीशीटर थे जिनके खिलाफ १७ मामले दर्ज थे। .

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चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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चौहटन

चौहटन एक राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिला मुख्यालय से ४८ किमी पच्छिम की ओर बसा हुआ कस्बा है। इसका पुराना नाम चोथापुर पाटन नगरी था। कहते हैं पांडवों ने अपने वनवास का अधिकांशसमय यही पर बिताया.था यहाँ पर बाड़मेर मार्ग पर अति प्राचीन चीफल नाडी हे इसका निर्माण बरसों पूर्व भीमजी पांडव ने खेल-२ में किया था इसका पानी १ साल तक नहीं सुखता यह नाडी चोहटन की पहाड़ियों से आने वाले बरसाती पानी से भरती हे पहाड़ियो पर अनेक तीर्थ स्थल हे इन्द्रभाण तालाब का पानी गंगाजल के समान पवित्र माना जाता है यहाँ पर विरात्रा माता का भव्य मंदिर है तथा सूंईया महादेव का मंदिर है। यहां डुंगरपुरी जी महाराज की प्राचीन समाधि है यहां देश के अनेको हिस्सों से लोग दर्शन करने को आते ह यहां पर वैर माता का अति प्राचीन मंदिर है यहाँ पर मां जगदम्बा ने बालिका के रूप में अनेक असूरों का संहार करके वैर लिया था पिपलीया झरना विष्णू पगलिया आदि अनेक धाम है। चौहटन से 13 किलोमीटर दूर कोनरा गांव है। .

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टांका

टांका एक पारम्परिक तकनीकी का थार रेगिस्तान (राजस्थान) में प्रयोग किया जाने वाला पानी का एक बड़ा गढ्ढा है। इसमें पानी को इकठ्ठा किया जाता है तथा बाल्टी की मदद से बाहर निकाल कर उपयोग में लिया जाता है। यह मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में ही बनाए जाते हैं। टांका सामान्यतया: गोलाकार का ही होता है लेकिन वर्तमान में चोकोर टांके भी बनाए जाते हैं। .

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तरुण राय कागा

तरुण राय कागा एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान राजस्थान विधानसभा में बाड़मेर जिले के चौहटन विधानसभा क्षेत्र (राजस्थान) से विधायक है। वे भारतीय जनता पार्टी दल के राजनेता है। .

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थार एक्सप्रेस

थार एक्सप्रेस एक अंतर्राष्ट्रीय रेलगाड़ी है जो पाकिस्तान में कराँची एवं भारत में जोधपुर शहरों को आपस में जोड़ती है। मुनाबाओ एवं खोखरापार जो एक दूसरे से छह किलोमीटर दूर है क्रमश: भारत एवं पाकिस्तान में अंतिम सीमांत स्टेशन हैं। इन दो देशों के बीच चलने वाली ये सबसे पुरानी रेल सेवा है। यह रेल सेवा 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद पटरियाँ क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण रोक दी गयी थी जिसे 41 साल बाद 18 फरवरी 2006 को फिर से शुरु किया गया। कराँची पहुँचने से पहले यह रेल सेवा अपनी यात्रा के दौरान जमराव, सैंदद, पिथारू ढोरो नारो, छोरे एवं खोखरापार स्टेशनों से होकर गुजरती है। कस्टम से संबंधित कागजातों की जाँच भारत में बाड़मेर एवं पाकिस्तान में मीरपुर खास स्टेशनों पर की जाती है। यह 329km.की दूरी तय करती है। .

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थार महोत्सव

थार महोत्सव बाड़मेर जिले में लगने वाला एक प्रसिद्ध मेला है। जिसमें देशी-विदेशी जनता भाग लेती है। यह मेला तीन दिन तक लगता है। .

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देचू

देचू राजस्थान राज्य के जोधपुर जिले में स्थित रेगिस्तानी क्षेत्र, कस्बा तथा पंचायत समिती है। यह जोधपुर से लगभग 125 किलोमीटर दूर है तथा जोधपूर जैसलमेर राष्ट्रीय राजमार्ग 125 व मेगा हाईवे पर स्थित है। देचू में काफी बड़े-बड़े रेत के टीले जिन्हें स्थानीय भाषा में 'धोरा' कहा जाता है। गाँव में कई होटल तथा रिसोर्ट भी हैं। देचू में रेलवे लाईन की सुविधा नहीं है। देचू में काफी सारे विदेशी यात्री भी घूमने आते हैं जो चाँदनी रात्री में सांस्कृतिक कार्यक्रम, ऊँट की सवारी तथा मरूधरा की माटी में खेलने का लुत्फ उठाते हैं। गाँव में डाकघर भी है तथा इनका पिन कोड ३४२३१४ है। देचू की जनसंख्या २०११ की जनगणना के अनुसार ६१२१ है। .

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नागणेच्या मां

नागणेच्या माँ (नागणेची मां) (Nagnechiya Maa) सूर्यवंशी राठौड़ राजपूतों की एक कुलदेवी है। इतिहास के अनुसार राव दूहड़ के पोत्र राव शिओजी एक बार कन्नौज गए जहां पर राठौड़ राज करते थे। और इन्होंने राजस्थान के बाड़मेर ज़िले में नागणेच्या मां के मन्दिर की स्थापना की थी। मन्दिर में देवी को हर हिन्दू पूजा पाठ कर सकता है।१२०० ईस्वी में राव दूहड़ जी ने मां को शक्ति और देवी के रूप में देखा तब इन्होंने राठौड़ों की कुलदेवी रख दिया। पूर्व में कन्नौज में ज्योत नहीं करने देते थे इस कारण दूहड़ जी ने राजस्थान के खेड़ क्षेत्र में एक मन्दिर का निर्माण करवाया। .

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नाकोड़ा

नाकोड़ा (अंग्रेजी:Nakoda) भारत के राजस्थान राज्य के बाड़मेर ज़िले का एक प्रसिद्ध गांव है। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार गांव का नाम मेवनगर है। गांव नगारा के नाम से भी जाना जाता है इनके अलावा इतिहास में यह विभिन्न नामों से जैसे विरमपुरा,मेहवा के नाम से भी जाना जाता था। नाकोड़ा में एक प्रसिद्ध पार्श्व जैन मन्दिर भी है। जो कि जैन धर्म का एक तीर्थ स्थल कहलाता है। .

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पचपदरा

पचपदरा भारत में राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिले की एक तहसील है। पदपदरा नमक उत्पादक के लिए विश्व प्रसिद्ध है। राजस्थान में रिफायनरी यहां पर प्रस्तावित है। .

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पचपदरा झील

पचपदरा झील राजस्थान की एक खारे पानी की झील है जो राज्य के बाड़मेर ज़िले के बालोतरा तहसील के पचपदरा गाँव में स्थित है। इस झील से नमक का उत्पादन होता है। इस झील में खारवाल जाति के लोग मोरली झाड़ी के उपयोग द्वारा नमक के स्फटिक बनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ४०० वर्ष पूर्व पंचा नामक भील के द्वारा दलदल को सुखा कर इस झील के आसपास की बस्तियों का निर्माण करवाया था। .

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पदमाराम मेघवाल

पदमाराम मेघवाल एक राजनेता तथा राजस्थान विधानसभा में बाड़मेर जिले के चौहटन विधानसभा क्षेत्र (राजस्थान) से पूर्वविधायक है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दल के राजनेता है। .

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प्रतापगढ़, राजस्थान

प्रतापगढ़, क्षेत्रफल में भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान के ३३वें जिले प्रतापगढ़ जिले का मुख्यालय है। प्राकृतिक संपदा का धनी कभी इसे 'कान्ठल प्रदेश' कहा गया। यह नया जिला अपने कुछ प्राचीन और पौराणिक सन्दर्भों से जुड़े स्थानों के लिए दर्शनीय है, यद्यपि इसके सुविचारित विकास के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग ने कोई बहुत उल्लेखनीय योगदान अब तक नहीं किया है। .

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प्रियंका मेघवाल

प्रियंका मेघवाल एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा राजस्थान के बाड़मेर जिले से जिला परिषद की जिला प्रमुख है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर जिला प्रमुख चुनी गई। .

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पृथ्वीराज चौहान

पृथ्वीराज चौहान (भारतेश्वरः पृथ्वीराजः, Prithviraj Chavhan) (सन् 1178-1192) चौहान वंश के हिंदू क्षत्रिय राजा थे, जो उत्तर भारत में १२ वीं सदी के उत्तरार्ध में अजमेर (अजयमेरु) और दिल्ली पर राज्य करते थे। वे भारतेश्वर, पृथ्वीराजतृतीय, हिन्दूसम्राट्, सपादलक्षेश्वर, राय पिथौरा इत्यादि नाम से प्रसिद्ध हैं। भारत के अन्तिम हिन्दूराजा के रूप में प्रसिद्ध पृथ्वीराज १२३५ विक्रम संवत्सर में पंद्रह वर्ष (१५) की आयु में राज्य सिंहासन पर आरूढ हुए। पृथ्वीराज की तेरह रानीयाँ थी। उन में से संयोगिता प्रसिद्धतम मानी जाती है। पृथ्वीराज ने दिग्विजय अभियान में ११७७ वर्ष में भादानक देशीय को, ११८२ वर्ष में जेजाकभुक्ति शासक को और ११८३ वर्ष में चालुक्य वंशीय शासक को पराजित किया। इन्हीं वर्षों में भारत के उत्तरभाग में घोरी (ग़ोरी) नामक गौमांस भक्षण करने वाला योद्धा अपने शासन और धर्म के विस्तार की कामना से अनेक जनपदों को छल से या बल से पराजित कर रहा था। उसकी शासन विस्तार की और धर्म विस्तार की नीत के फलस्वरूप ११७५ वर्ष से पृथ्वीराज का घोरी के साथ सङ्घर्ष आरंभ हुआ। उसके पश्चात् अनेक लघु और मध्यम युद्ध पृथ्वीराज के और घोरी के मध्य हुए।विभिन्न ग्रन्थों में जो युद्ध सङ्ख्याएं मिलती है, वे सङ्ख्या ७, १७, २१ और २८ हैं। सभी युद्धों में पृथ्वीराज ने घोरी को बन्दी बनाया और उसको छोड़ दिया। परन्तु अन्तिम बार नरायन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज की पराजय के पश्चात् घोरी ने पृथ्वीराज को बन्दी बनाया और कुछ दिनों तक 'इस्लाम्'-धर्म का अङ्गीकार करवाने का प्रयास करता रहा। उस प्रयोस में पृथ्वीराज को शारीरक पीडाएँ दी गई। शरीरिक यातना देने के समय घोरी ने पृथ्वीराज को अन्धा कर दिया। अन्ध पृथ्वीराज ने शब्दवेध बाण से घोरी की हत्या करके अपनी पराजय का प्रतिशोध लेना चाहा। परन्तु देशद्रोह के कारण उनकी वो योजना भी विफल हो गई। एवं जब पृथ्वीराज के निश्चय को परिवर्तित करने में घोरी अक्षम हुआ, तब उसने अन्ध पृथ्वीराज की हत्या कर दी। अर्थात्, धर्म ही ऐसा मित्र है, जो मरणोत्तर भी साथ चलता है। अन्य सभी वस्तुएं शरीर के साथ ही नष्ट हो जाती हैं। इतिहासविद् डॉ.

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बाड़मेर रेलवे स्टेशन

बाड़मेर रेलवे स्टेशन (स्टेशन कूट - BME) भारतीय रेलवे के उत्तर पश्चिम रेलवे मंडल का एक रेलवे स्टेशन हैं | .

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बाड़मेर जिला

बाड़मेर जिला भारतीय राज्य राजस्थान का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बाड़मेर नगर है, जबकि अन्य मुख्य कस्बे बालोतरा,गुड़ामलानी, बायतु,सिवाना,जसोल,चौहटन,धोरीमन्ना और उत्तरलाई हैं। बाड़मेर में एक रिफ़ाइनरी भी प्रस्तावित है। .

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बायतू

बायतू एक राजस्थान के बाड़मेर जिले की एक तहसील है। यहां पर सिद्ध श्री खेमाबाबा का मन्दिर प्रसिद्ध है। यह स्थान बाड़मेर से जोधपुर रेलमार्ग पर स्थित है। बायतु के चार भाग है बायतु भीमजी, बायतु चिमनजी, बायतु भोपजी, बायतु पनजी| बायतु में खेमा बाबा का मंदिर होने के कारण ये प्रशिद्ध है और खेमा बाबा के यहाँ हजारो की तानाद में लोग माघ और चैत्र माश में आते है | .

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बालोतरा

बालोतरा राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिले का एक शहर है। (बालोतरा खुद ज़िला बनने को तैयार है।) बालोतरा को "वस्त्र नगरी" के नाम से जाना जाता है। .

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भारत में पर्यटन

हर साल, 3 मिलियन से अधिक पर्यटक आगरा में ताज महल देखने आते हैं। भारत में पर्यटन सबसे बड़ा सेवा उद्योग है, जहां इसका राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.23% और भारत के कुल रोज़गार में 8.78% योगदान है। भारत में वार्षिक तौर पर 5 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन और 562 मिलियन घरेलू पर्यटकों द्वारा भ्रमण परिलक्षित होता है। 2008 में भारत के पर्यटन उद्योग ने लगभग US$100 बिलियन जनित किया और 2018 तक 9.4% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ, इसके US$275.5 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है। भारत में पर्यटन के विकास और उसे बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय नोडल एजेंसी है और "अतुल्य भारत" अभियान की देख-रेख करता है। विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद के अनुसार, भारत, सर्वाधिक 10 वर्षीय विकास क्षमता के साथ, 2009-2018 से पर्यटन का आकर्षण केंद्र बन जाएगा.

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भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची

शिकोहाबाद तहसील के ग्राम नगला भाट में श्री मुकुट सिंह यादव जो ग्राम पंचायत रूपसपुर से प्रधान भी रहे हैं उनके तीन पुत्र हैं गजेंद्र यादव नगेन्द्र यादव पुष्पेंद्र यादव प्रधान जी का जन्म सन १९५० में हुआ था उन्होंने अपना सारा जीवन ग़रीबों के लिए क़ुर्बान कर दिया था और वो ५ भाईओ में सबसे छोटे थे और अपने परिवार को बाँधे रखा ११ मार्च २०१५ को उनका देहावसान हो गया ! वो आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा हैं इस लेख में भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची है। भारत में रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या 7,000 और 8,500 के बीच अनुमानित है। भारतीय रेलवे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने के साथ दुनिया में चौथा सबसे बड़ा नियोक्ता है। सूची तस्वीर गैलरी निम्नानुसार है। .

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भारत के तेल शोधनागारों की सूची

भारत में कुल मिलाकर २३ तेल शोधनागार है। दिसंबर २०१७ के अनुसार इन सब की मिलाकर कुल क्षमता २४७.६ एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) है। .

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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मरू प्रदेश

मरू प्रदेश उत्तर-पश्चिम भारत का प्रस्तावित राज्य है जो राजस्थान के कुछ भूभागों को मिलाकर बनाने का प्रयास है। प्रस्तावित राज्य में बाडमेर, बीकानेर, चुरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, झुन्झुनू, ओसियां (जोधपुर की एक तहसील), नागौर और सीकर को शामिल हैं। .

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मल्लीनाथ पशु मेला, तिलवाड़ा

200px यह पशु मेला भारतीय राज्य राजस्थान के बाड़मेर ज़िले में आयोजित होता है। यह मेला वीर योद्धा रावल मल्लीनाथ की स्मृति में आयोजित होता है। विक्रम संवत १४३१ में मलीनाथ के गद्दी पर आसीन होने के शुभ अवसर पर एक विशाल समारोह का आयोजन किया गया था जिसमें दूर-दूर से हजारों लोग शामिल हुए। आयोजन की समाप्ति पर लौटने के पहले इन लोगों ने अपनी सवारी के लिए ऊंट, घोड़ा और रथों के सुडौल बैलों का आपस में आदान-प्रदान किया तथा यहीं से इस मेले का उद्भव हुआ। इस मेले का संचालन पशुपालन विभाग ने सन १९५८ में संभाला। यह मेला प्रतिवर्ष चैत्र बुदी ग्यारस से चैत्र सुदी ग्यारस तक बाड़मेर जिले के पचपदरा तहसील के के तिलवाड़ा गांव में लूनी नदी पर लगता है इस पशु मेले में सांचोर की नस्ल के बैलों के अलावा बड़ी संख्या में मालानी नस्ल के घोड़े और ऊंठ की भी बिक्री होती है। .

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मुनाबाव

मुनाबाव एक भारत के राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिले का गाँव है। यह भारत-पाक सीमा पर स्थित है। भारत पाकिस्तान के मध्य चलने वाली रेल थार एक्सप्रेस मुनाबाव से होकर आती है। .

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मेवाराम जैन

मेवाराम जैन एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान राजस्थान विधानसभा में बाड़मेर से विधायक है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता है। .

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रानी भटियानी

माता रानी भटियानी रानी भटियानी एक हिन्दू देवी है जो पश्चिमी राजस्थान, भारत और सिंध, पाकिस्तान में उनके प्रमुख मंदिरों में जसोल, बाड़मेर और जैसलमेर है, जहां उन्हें भुआसा कहा जाता है। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग १५

१५२६ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग पठानकोट, पंजाब को समाखियाली, गुजरात (काँदला) के पास) से जोड़ता है। इसका रूट पठानकोट - अमृतसर - भटिंडा - गंगानगर - बीकानेर - जैसलमेर - बाड़मेर - समाखियाली है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

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राजस्थान में पर्यटन

राजस्थान भारत का एक राज्य है जो पर्यटन के लिए सबसे अच्छा राज्य माना जाता है। राजस्थान राज्य में हर ज़िले में कई दर्शनीय स्थल देखने को मिलते है, यहां विशेषरूप से दुर्ग है जो लगभग हर ज़िले में है। इनके अलावा राजस्थान में कई पौराणिक मन्दिर भी है। प्राकृतिक सुंदरता और महान इतिहास से संपन्न राजस्थान में पर्यटन उद्योग समृद्धिशाली है। राजस्थान देशीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यकटों, दोनों के लिए एक उचित पर्यटन स्थल है। भारत की सैर करने वाला हर तीसरा विदेशी सैलानी राजस्थान देखने ज़रूर आता है क्योंकि यह भारत आने वाले पर्यकटों के लिए "गोल्डन ट्रायंगल" का हिस्सा है। जयपुर के महल, उदयपुर की झीलें और जोधपुर, बीकानेर तथा जैसलमेर के भव्य दुर्ग भारतीय और विदेशी सैलानोयों के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक हैं। इन प्रसिद्ध स्थलों को देखने के लिए यहां हज़ारों पर्यटक आते हैं। जयपुर का हवामहल, जोधपुर, बीकानेर के धोरे और जैसलमेर के धोरे काफी प्रसिद्ध हैं। जोधपुर का मेहरानगढ़ दुर्ग,चित्तौड़गढ़ दुर्ग काफी प्रसिद्ध है। यहां राजस्थान में कई पुरानी हवेलियाँ भी है जो वर्तमान में हैरीटेज होटलें बन चुकी हैं। पर्यटन ने यहाँ आतिथ्य क्षेत्र में भी रोज़गार को बढ़ावा दिया है। यहां की मुख्य मिठाई "घेवर" है। .

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राजस्थान में जैन धर्म

राजस्थान भारत के पश्चिम भाग में स्थित राज्य है, जिसका जैन धर्म के साथ बहुत ऐतिहासिक सम्बन्ध रहा है। दक्षिणी राजस्थान श्वेताम्बर जैन धर्म का केन्द्र बिन्दु रहा है। दिगम्बर के भी बड़े केन्द्र राजस्थान के उत्तरी व पूर्वी भागों में स्थित हैं। .

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राजस्थान के पशु मेले

भारतीय राज्य राजस्थान में सभी जिलों और ग्रामीण स्तर पर लगभग 250 से अधिक पशु मेला का प्रतिवर्ष आयोजन किया जाता है। कला, संस्कृति, पशुपालन और पर्यटन की दृष्टि से यह मेले अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। देश विदेश के हजारों लाखों पर्यटक इसके माध्यम से लोक कला एवं ग्रामीण संस्कृति से रूबरू होते हैं। राज्य स्तरीय पशु मेलों के आयोजनों में नगरपालिका और ग्राम पंचायतों की ओर से पशुपालकों को पानी, बिजली पशु चिकित्सा व टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार की ओर से इन मेलों में समय-समय पर प्रदर्शनी और अन्य ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। राजस्थान राज्य स्तरीय पशु मेला में अधिकांश मेले लोक देवी देवताओं एवं महान पुरुषों के नाम से जुड़े हुए हैं पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले राज्य स्तरीय पशु मेले कुछ इस प्रकार है। .

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राजस्थान के शहर

* अजमेर,.

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राजस्थान के जिले

राजस्थान के ७ मंडलों में ३३ जिले हैं जो इस प्रकार हैं।- श्रेणी:राजस्थान से सम्बन्धित सूचियाँ.

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राजस्थान के वन्य-जीव अभयारण्य

देश का सबसे अधिक दुर्लभ पक्षी गोडावण है जो राजस्थान के बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर जिले में अधिक संख्या में मिलता है राजस्थान में तीन राष्ट्रीय उद्यान, २५ वन्य जीव अभ्यारण्य एवं ३३ आखेट निषेद क्षेत्र घोषित किए जा चुके हैं। भारतीय वन्यजीव कानून १९७२ देश के सभी राज्यों में लागू है। राज्य में वन्य प्राणियों के प्राकृतिक आवास को जानने के लिए भू-संरचना के अनुसार प्रदेश को चार मुख्य भागों में बांटा जा सकता है- १ मरुस्थलीय क्षेत्र, २ पर्वतीय क्षेत्र, ३ पूर्वी तथा मैदानी क्षेत्र और ४ दक्षिणी क्षेत्र। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान जो कि भरतपुर में स्थित है यह एक राष्ट्रीय उद्यान है अर्थात एक अंतर्राष्ट्रीय पार्क जिसे पक्षियों का स्वर्ग भी कहा जाता है। धार्मिक स्थलों के साथ जुड़े ओरण सदैव ही पशुओं के शरणस्थल रहे हैं केंद्र सरकार द्वारा स्थापित पशु-पक्षियों का स्थल राष्ट्रीय उद्यान व राज्य सरकार द्वारा स्थापित स्थल अभ्यारण्य कहलाता है। .

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राजस्थान की झीलें

प्राचीन काल से ही राजस्थान में अनेक प्राकृतिक झीलें विद्यमान है। मध्य काल तथा आधुनिक काल में रियासतों के राजाओं ने भी अनेक झीलों का निर्माण करवाया। राजस्थान में मीठे और खारे पानी की झीलें हैं जिनमें सर्वाधिक झीलें मीठे पानी की है। .

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राजस्थान की जलवायु

उत्तर-पश्चिमी भारत में राजस्थान का जलवायु आम तौर पर शुष्क या अर्ध-शुष्क है और वर्ष भर में काफी गर्म तापमान पेश करता है, साथ ही गर्मी और सर्दियों दोनों में चरम तापमान होते हैं। भारत का यह राज्य राजस्थान उत्तरी अक्षांश एवं पूर्वी देशांतर पर स्थित है। उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाने वाली रेखाएं देशांतर रेखाएं तथा देशांतर रेखाओं के अक्षीय कोण अथवा पृथ्वी के मानचित्र में पश्चिम से पूर्व अथवा भूमध्य रेखा के समानांतर रेखाएं खींची जाती हैं उन्हें अक्षांश रेखाएं कहा जाता है। राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार २३°३ उत्तरी अक्षांश से ३०°१२ उत्तरी अक्षांश तक है तथा देशांतरीय विस्तार ६०°३० पूर्वी देशांतर से ७८°१७ पूर्वी देशांतर तक है। कर्क रेखा राजस्थान के दक्षिण अर्थात बांसवाड़ा जिले के मध्य (कुशलगढ़) से होकर गुजरती है इसलिए हर साल २१ जून को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले पर सूर्य सीधा चमकता है। राज्य का सबसे गर्म जिला चुरु जबकि राज्य का सबसे गर्म स्थल जोधपुर जिले में स्थित फलोदी है। इसी प्रकार राज्य में गर्मियों में सबसे ठंडा स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है इसलिए माउंट आबू को राजस्थान का शिमला कहा जाता है। पृथ्वी के धरातल से क्षोभ मंडल में जैसे-जैसे ऊंचाई की ओर बढ़ते हैं तापमान कम होता है तथा प्रति १६५ मीटर की ऊंचाई पर तापमान १ डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। राजस्थान का गर्मियों में सर्वाधिक दैनिक तापांतर वाला जिला जैसलमेर है जबकि राज्य में गर्मियों में सबसे ज्यादा धूल भरी आंधियां श्रीगंगानगर जिले में चलती है राज्य में विशेषकर पश्चिमी रेगिस्तान में चलने वाली गर्म हवाओं को लू कहा जाता है। राजस्थान में गर्मियों में स्थानीय चक्रवात के कारण जो धूल भरे बवंडर बनते हैं उन्हें भभुल्या कहा जाता है गर्मियों में राज्य के दक्षिण पश्चिम तथा दक्षिणी भागों में अरब सागर में चक्रवात के कारण तेज हवाओं के साथ चक्रवाती वर्षा भी होती है राजस्थान के पश्चिमी रेगिस्तान में गर्मियों में निम्न वायुदाब की स्थिति उत्पन्न होती है फलस्वरूप महासागरीय उच्च वायुदाब की मानसूनी पवने आकर्षित होती है तथा भारतीय उपमहाद्वीप के ऋतु चक्र को नियमित करने में योगदान देती है। राजस्थान में मानसून की सर्वप्रथम दक्षिण पश्चिम शाखा का प्रवेश करती है अरावली पर्वतमाला के मानसून की समानांतर होने के कारण राजस्थान में कम तथा अनियमित वर्षा होती है। राज्य का सबसे आर्द्र जिला झालावाड़ है जबकि राज्य का सबसे आर्द्र स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है जबकि सबसे शुष्क जिला जैसलमेर है। राज्य का दक्षिण पश्चिम दक्षिण तथा दक्षिणी पूर्वी भाग सामान्यतया आर्द्र कहलाता है। जबकि पूर्वी भाग सामान्यतया उप आर्द्र कहलाता है जबकि पश्चिमी भाग शुष्क प्रदेश में आता है इसके अलावा राजस्थान का उत्तर तथा उत्तर पूर्वी भाग सामान्यतया अर्ध अर्ध शुष्क प्रदेश में आता है। .

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राजेन्द्र सिंह भिंयाड़

राजेन्द्र सिंह भिंयाड़ (जन्म: 06 मार्च 1980) भारत के पश्चिमी सीमावर्ती क्षैत्र में विशेषकर बाड़मेर-जैसलमेर, जालोर, सिरोही, बिकानेर क्षैत्र के जन सरोकारों के मुद्दों पर लगातार जन आंदोलनों का नेतृत्व करते है। राजेन्द्र सिंह भिंयाड़ जन सरोकारों से जुड़ी राजनीति के लिए जाने जाते है। राजनीति के अतिरिक्त,विभिन्न जन मुद्दों पर लेखन के माध्यम से भी जन जागरण का काम करते है। उनकी पढ़ने में गहरी अभिरुचि है तथा निजी लाईब्रेरी में हजारों की संख्या में विभिन्न विषयों की पुस्तकों का संग्रह है। उनके हिंदी और अंग्रेजी के लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते है। आपने पश्चिम राजस्थान में भूमि अधिग्रहण के विरुद्ध भी काम किया है। .

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सरस्वती नदी

सरस्वती एक पौराणिक नदी जिसकी चर्चा वेदों में भी है। ऋग्वेद (२ ४१ १६-१८) में सरस्वती का अन्नवती तथा उदकवती के रूप में वर्णन आया है। यह नदी सर्वदा जल से भरी रहती थी और इसके किनारे अन्न की प्रचुर उत्पत्ति होती थी। कहते हैं, यह नदी पंजाब में सिरमूरराज्य के पर्वतीय भाग से निकलकर अंबाला तथा कुरुक्षेत्र होती हुई कर्नाल जिला और पटियाला राज्य में प्रविष्ट होकर सिरसा जिले की दृशद्वती (कांगार) नदी में मिल गई थी। प्राचीन काल में इस सम्मिलित नदी ने राजपूताना के अनेक स्थलों को जलसिक्त कर दिया था। यह भी कहा जाता है कि प्रयाग के निकट तक आकार यह गंगा तथा यमुना में मिलकर त्रिवेणी बन गई थी। कालांतर में यह इन सब स्थानों से तिरोहित हो गई, फिर भी लोगों की धारणा है कि प्रयाग में वह अब भी अंत:सलिला होकर बहती है। मनुसंहिता से स्पष्ट है कि सरस्वती और दृषद्वती के बीच का भूभाग ही ब्रह्मावर्त कहलाता था। .

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सायर जयपाल

सायर जयपाल मेघवाल समुदाय के मेघवंशी जाति के व्यक्ति थे तथा पोखरन के जागीरदार राजा अजमल सिँह तंवर के घोड़ो को चराते थे| अवतारी बाबा रामदेव पीर का अवतरण (जन्म) उनके घर हुआ था। जिसे अवतार बताया गया जो एक रहस्य है। .

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सुक्री नदी

सुकड़ी नदी पाली जिले में अरावली पर्वतमाला के पश्चिमी ढलान से बहती है और लूनी नदी के साथ विलय से पहले जालौर जिले और राजस्थान के बाड़मेर जिले से होकर बहती है। बांकली डैम जालौर जिले में इस नदी पर स्थित है।.

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जसवंत सिंह

जसवंत सिंह (जन्म - ३ जनवरी १९३८) भारत के एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। वे मई 16, 1996 से जून 1, 1996 के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्तमंत्री रह चुके हैं। ५ दिसम्बर १९९८ से १ जुलाई २००२ के दौरान वे वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री बने। फिर साल 2002 में यशवंत सिन्हा की जगह वे एकबार फिर वित्तमंत्री बने और इस पद पर मई २००४ तक रहे। वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने बाजार-हितकारी सुधारों को बढ़ावा दिया।वे स्वयं को उदारवादी नेता मानते थे। १५वीं लोकसभा में वे दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। वे राजस्थान में बाड़मेर के जसोल गांव के निवासी है और 1960 के दशक में वे भारतीय सेना में अधिकारी रहे। पंद्रह साल की उम्र में वे भारतीय सेना में शामिल हुए थे। वे जोधपुर के पूर्व महाराजा गज सिंह के करीबी माने जाते हैं। जसवंत सिंह मेयो कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवास्ला के छात्र रह चुके हैं। 2001 में उन्हें "सर्वश्रेष्ठ सांसद" का सम्मान मिला। १९ अगस्त २००९ को भारत विभाजन पर उनकी किताब जिन्ना-इंडिया, पार्टिशन, इंडेपेंडेंस में नेहरू-पटेल की आलोचना और जिन्ना की प्रशंसा के लिए उन्हें उनके राजनीतिक दल भाजपा से निष्कासित कर दिया गया और फिर वापस लिया गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान के बाड़मेर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के विरोध में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। उन्हें इस बगावत के लिए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया। .

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जोधपुर संभाग

जोधपुर संभाग को एक प्रभाग भी कहा जाता है। यह राजस्थान में प्रशासनिक भौगोलिक इकाई में से एक है। इसमें ये छः जिले आते हैं - बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, पाली, सिरोही। .

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विरधी चन्द जैन

विरधी चन्द जैन एक भारतीय राजनेता है। ये भारत के राजस्थान की बाड़मेर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद व कही बार विधायक रहे। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य है। .

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गुड़ामालानी

गुड़ामालानी राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिले का एक कस्बा है। इसे मालाणी क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। .

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गोडावण

राजस्थान का राज्य-पक्षी: गोडावण गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड; वैज्ञानिक नाम: Ardeotis nigriceps) एक बड़े आकार का पक्षी है जो भारत के राजस्थान तथा सीमावर्ती पाकिस्तान में पाया जाता है। उड़ने वाली पक्षियों में यह सबसे अधिक वजनी पक्षियों में है। बड़े आकार के कारण यह शुतुरमुर्ग जैसा प्रतीत होता है। यह राजस्थान का राज्य पक्षी है। सोहन चिड़िया, हुकना, गुरायिन आदि इसके अन्य नाम हैं। यह पक्षी भारत और पाकिस्तान के शुष्क एवं अर्ध-शुष्क घास के मैदानों में पाया जाता है। पहले यह पक्षी भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा एवं तमिलनाडु राज्यों के घास के मैदानों में व्यापक रूप से पाया जाता था। किंतु अब यह पक्षी कम जनसंख्या के साथ राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और संभवतः मध्य प्रदेश राज्यों में पाया जाता है। IUCN की संकटग्रस्त प्रजातियों पर प्रकाशित होने वाली लाल डाटा पुस्तिका में इसे 'गंभीर रूप से संकटग्रस्त' श्रेणी में तथा भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 में रखा गया है। इस विशाल पक्षी को बचाने के लिए राजस्थान सरकार ने एक प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट का विज्ञापन "मेरी उड़ान न रोकें" जैसे मार्मिक वाक्यांश से किया गया है। भारत सरकार के वन्यजीव निवास के समन्वित विकास के तहत किये जा रहे 'प्रजाति रिकवरी कार्यक्रम (Species Recovery Programme)' के अंतर्गत चयनित 17 प्रजातियों में गोडावण भी सम्मिलित है। यह जैसलमेर के मरू उद्यान, सोरसन (बारां) व अजमेर के शोकलिया क्षेत्र में पाया जाता है। यह पक्षी अत्यंत ही शर्मिला है और सघन घास में रहना इसका स्वभाव है। यह पक्षी 'सोन चिरैया', 'सोहन चिडिया' तथा 'शर्मिला पक्षी' के उपनामों से भी प्रसिद्ध है। गोडावण का अस्तित्व वर्तमान में खतरे में है तथा इनकी बहुत कम संख्या ही बची हुई है अर्थात यह प्रजाति विलुप्ति की कगार पर है। यह सर्वाहारी पक्षी है। इसकी खाद्य आदतों में गेहूँ, ज्वार, बाजरा आदि अनाजों का भक्षण करना शामिल है किंतु इसका प्रमुख खाद्य टिड्डे आदि कीट है। यह साँप, छिपकली, बिच्छू आदि भी खाता है। यह पक्षी बेर के फल भी पसंद करता है। राजस्थान में अवस्थित राष्ट्रीय मरु उद्यान में गोडावण की घटती संख्या को बढ़ाने के लिये आगामी प्रजनन काल में सुरक्षा के समुचित प्रबंध किए गए हैं।; राष्ट्रीय मरु उद्यान (डेज़र्ट नेशनल पार्क) 3162 वर्ग किमी.

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गोपाराम मेघवाल

गोपाराम मेघवाल एक राजनीतिज्ञ तथा राजस्थान विधानसभा में बाड़मेर जिले के सिवाना विधानसभा क्षेत्र (राजस्थान) के पूर्व विधायक है। वे राजस्थान के राज्य अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व चैयरमेन तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता है। .

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आसोतरा

' आसोतरा एक गांव है जहां विश्व का दूसरा ब्रह्मा मन्दिर है। जिनका निर्माण ब्रह्मऋषि संत खेतारामजी महाराज ने करवाया था। पहला मन्दिर जो पुष्कर,राजस्थान में स्थित है। .

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इनाणिया

इनाणिया दाधीच ब्राह्मण एवं जाट समुदाय की एक गोत्र है जो मुख्यतः राजस्थान में बाडमेर, नागौर, जयपुर में तथा मध्य प्रदेश के रतलाम में निवास करते हैं। .

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इंदिरा गांधी नहर

इन्दिरा गाँधी नहर राजस्थान की प्रमुख नहर हैं। इसका पुराना नाम "राजस्थान नहर" था। यह राजस्थान प्रदेश के उत्तर-पश्चिम भाग में बहती है। राजस्थान की महत्वाकांक्षी इंदिरा गांधी नहर परियोजना से मरूस्थलीय क्षेत्र में चमत्कारिक बदलाव आ रहा है और इससे मरूभूमि में सिंचाई के साथ ही पेयजल और औद्योगिक कार्यो के लिए॰भी पानी मिलने लगा है। नहर निर्माण से पूर्व लोगों को कई मील दूर से पीने का पानी लाना पड़ता था। लेकिन अब परियोजना के अन्तर्गत बारह सौ क्यूसेक पानी केवल पेयजल उद्योग, सेना एवं ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आरक्षित किया गया है। विशेषतौर से चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर और नागौर जैसे रेगिस्तानी जिलों के निवासियों को इस परियोजना से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं। राजस्थान नहर सतलज और व्यास नदियों के संगम पर निर्मित हरिके बांध से निकाली गई है। यह नहर पंजाब व राजस्थान को पानी की आपूर्ति करती है। पंजाब में इस नहर की लम्बाई 132 किलोमीटर है और वहां इसे राजस्थान फीडर के नाम से जाना जाता है। इससे इस क्षेत्र में सिंचाई नहीं होती है बल्कि पेयजल की उपलब्धि होती है। राजस्थान में इस नहर की लम्बाई 470 किलोमीटर है। राजस्‍थान में इस नहर को राज कैनाल भी कहते हैं। राजस्‍थान नहर इसकी मुख्‍य शाखा या मेन कैनाल 256 किलोमीटर लंबी हे जबकि वितरिकाएं 5606 किलोमीटर और इसका सिंचित क्षेत्र 19.63 लाख हेक्‍टेयर आंका गया है। इसकी मेनफीडर 204 किलोमीटर लंबी है जिसका 35 किलोमीटर हिस्‍सा राजस्‍थान व 169 किलोमीटर हिस्‍सा पंजाब व हरियाणा में है।यह नहर राजस्थान की एक प्रमुख नहर है। इस नहर का उद्घाटन 31 मार्च 1958 को हुआ जबकि दो नवंबर 1984 को इसका नाम इंदिरा गांधी नहर परियोजना कर दिया गया। श्रेणी:राजस्थान की प्रमुख नहरें.

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कमलेश नागरकोटी

कमलेश नागरकोटी (जन्म २८ दिसंबर १९९९) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है उन्होंने २६ फरवरी २०१७ को २०१६-१७ की विजय हजारे ट्रॉफी में राजस्थान के लिए अपनी लिस्ट ए क्रिकेट की शुरुआत की थी। दो दिन बाद, उन्होंने पहली बार राजस्थान के लिए लिस्ट ए क्रिकेट में हैट्रिक ली थी, यह हैट्रिक इन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में गुजरात के ली हैं। इसके बाद इन्हें दिसंबर २०१७ में, 2018 आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में मौका दिया हैं। बाड़मेर, राजस्थान का यह इतनी कम उम्र का गेंदबाज आज १४९ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से भी ज्यादा तेज गेंद फेंकता है इस कारण यह अब दुनिया भर में लोकप्रिय हो गए हैं। .

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कोरणा

कोरणा एक भारतीय राज्य राजस्थान के बाड़मेर ज़िले का एक गांव है जो बालोतरा तहसील के अंतर्गत आता है। गांव का पिन कोड 344026 है तथा टेलीफोन का कोड नम्बर 02988 है। 2011 की जनगणना के अनुसार गांव की जनसंख्या 2634 है। आगोलाई,जोलियाली इत्यादि इनके निकटवृति गांव है। यहां की अधिकतर जनसंख्या खेती पर निर्भर करती है। कोरणा गांव में उप डाकघर तथा सरकारी विद्यालय तथा कई निजी विद्यालय भी है। .

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अणखिया

अणखिया भारत के राजस्थान राज्य में बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी तहसील का एक गांव है। .

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अमृत नाहटा

अमृत नाहटा (16 मई 1928 – 26 अप्रैल 2001) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, जो तीन बार लोक सभा के लिए चुने गये, तथा फ़िल्म निर्माता थे। वो दो बार बाड़मेर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। यद्दपि उन्होंने आपातकाल के पश्चात कांग्रेस को छोड़ दिया और 1977 में विवादास्पद फ़िल्म किस्सा कुर्सी का बनाने चले गये। उन्होंने एक बार दुबारा जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में पाली निर्वाचन क्षेत्र से पर्चा भरा और लोकसभा में अपनी सेवायें दी। .

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अजरक

अरजक (اجرڪ) सिन्ध, कच्छ, तथा बाड़मेर आदि में निर्मित एक विशेष प्रकार की ब्लॉक-प्रिन्ट की गयी शाल का नाम है। इन शालों की डिजाइन और पैटर्न कुछ विशेष होती है। इनको बनाने में उपयोग किये जाने वाले सामान्य रंग ये हैं- नीला, लाल, काला, पीला और हरा। समय के साथ अरजक सिन्धी संस्कृति एवं परम्परा की पहचान बन चुका है। .

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उत्तरलाई

उत्तरलाई राजस्थान (भारत) के बाड़मेर जिले का एक गांव है। यहाँ भारतीय वायु सेना का एयर फ़ोर्स स्टेशन है। .

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उत्तरलाई एयर फ़ोर्स स्टेशन

उत्तरलाई एयर फ़ोर्स स्टेशन (Uttarlai Air Force Station (Uttarlai AFS)) एक मिलिट्री एयर फ़ोर्स स्टेशन है जिसका अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन विमानक्षेत्र कोड (ICAO कोड) VA2A है। यह भारत के राजस्थान राज्य तथा बाड़मेर जिले में स्थित है। इसका संचालन भारतीय वायु सेना करती है। .

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उम्मेद सिँह (राजनीतिज्ञ)

उम्मेद सिँह बाड़मेर के रावल तथा भारतीय राजनेता है। वे पूर्व राजस्थान विधानसभा में बाड़मेर, शिव, डीडवाना से विधायक थे। .

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२०११ पाकिस्तान भूकम्प

२०११ पाकिस्तान भूकम्प १९ जनवरी २०११ को रात १:५३ (भारतीय समयानुसार) पर पाकिस्तान में आया शक्तिशाली भूकम्प था। दक्षिण पश्चिमी पाकिस्तान में रिक्टर पैमाने पर ७.४ की तीव्रता वाले इस भूकम्प का केन्द्र पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रान्त था। संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार इस भूकम्प का केन्द्र धरातल से ८४ किलोमीटर नीचे था जिस कारण इतनी अधिक तीव्रता ला सकने वाले इस भूकम्प से जन-धन की भारी क्षती नहीं हुई। इस भूकम्प के झटके पड़ोसी देशों और कुछ दूरी पर स्थित देशों तक में महसूस किए गए जैसे भारत, अफ़्गानिस्तान, ईरान, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन। मेर्साली परिमाप (मेप) पर इस भूकम्प की तीव्रता विभिन्न स्थानों पर इस प्रकार थी: इस्लामाबाद में मेप ४, कराची में मेप ४, मस्कट मेप मेप ४, दिल्ली में मेप ४, काबुल में मेप ३, दुबई में मेप ३ और अबू धाबी में मेप ३। इस भूकम्प से पाकिस्तान के दलबण्डिन में २०० मिट्टी के घरों के ढ़हने के समाचार हैं। क्वेटा में २ महिलाएँ भूकम्प के कारण हृदयाघात से मर गईं। क्वेटा भूकम्प-केन्द्र से लगभग ३३० किमी उत्तरपश्चिम में स्थित है, जहाँ तीव्रता मेप ४ थी। .

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