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बांग्लादेश

सूची बांग्लादेश

बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.

1249 संबंधों: चटगाँव (शहर), चटगाँव जिला, चट्टग्राम नगर निगम, चट्टग्राम पहाड़ी क्षेत्र, चट्टग्राम विभाग, चन्दनाईश उपज़िला, चर भद्रासन उपज़िला, चर राजीबपुर उपज़िला, चरफ्यासन उपज़िला, चाटमोहर उपज़िला, चाटखिल उपज़िला, चाँदपुर सदर उपज़िला, चानक, चान्दिना उपज़िला, चार दलीय गठबंधन, चारघाट उपज़िला, चांदी का वरक़, चिट्टागोंग, चितलमारी उपज़िला, चिन राज्य, चिरिरबन्दर उपज़िला, चिलमारी उपज़िला, चिंकारा, चिक्की, चकोरिय़ा उपज़िला, चुनारुघाट उपज़िला, चुय़ाडाङ्गा सदर उपज़िला, चौद्दग्राम उपज़िला, चौहाली उपज़िला, चौगाछा उपज़िला, चीतल, चीनी पैंगोलिन, चीज़ की सूची, टायो रोल्स, टाङाइल सदर उपज़िला, टङ्गीबाड़ी उपज़िला, टुङ्गिपाड़ा उपज़िला, टेस्ट क्रिकेट, टेकनाफ उपज़िला, टीवीएस कप 2003, ऍफ़ के ऍम मुनीम, ए टी ऍम अफजल, ए बी ऍम खैरुल हक, ए क्यू एम बदरुद्दोज़ा चौधरी, एम एम रुहुल अमीन, एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप 1998-99, एशियाई भूरा बादल, एशियाई राजमार्ग १, एशियाई राजमार्ग २, एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड एकाउंटेंट्स, ..., एसीसी इमर्जिंग टीम कप, एसीसी इमर्जिंग टीम कप 2017, एंड फ्लिक्स, एक इकाई व्यवस्था, एकतारा, ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम, ए॰ बी॰ बर्धन, ऐयाजुद्दीन अहमद, झपकी, झालोकाठी सदर उपज़िला, झिनाइदह सदर उपज़िला, झिनाइगाती उपज़िला, झिकरगाछा उपज़िला, ठाकुरगाँओ सदर उपज़िला, डामुड्या उपज़िला, डिमला उपज़िला, डिश टीवी, डुमुरिय़ा उपज़िला, डेरिल मिशेल, डेव वॉटमोर, डोमार उपज़िला, ढाका, ढाका डिवीजन क्रिकेट टीम, ढाका दक्षिण नगर निगम, ढाका नगर निगम, ढाका प्रीमियर डिवीज़न क्रिकेट लीग, ढाका प्रीमियर डिवीज़न क्रिकेट लीग 2017, ढाका मेट्रो रेल, ढाका मेट्रोपोलिस क्रिकेट टीम, ढाका विश्वविद्यालय, ढाका उत्तर नगर निगम, ढाका-खुलना राजमार्ग, ढाका-इस्तांबुल फ्रेट कॉरिडोर, ढाकेश्वरी मन्दिर, तन्चंग्या लोग, तनोर उपज़िला, तबला, तबलीग़ी जमात, तसलीमा नसरीन, ताड़ाश उपज़िला, ताड़ाइल उपज़िला, तापी गैस परियोजना, तारागञ्ज उपज़िला, ताराकान्दा उपज़िला, तालतली उपज़िला, ताला उपज़िला, ताहिरपुर उपज़िला, ताजमहल बांग्लादेश, ताजुद्दीन अहमद, तितालिया संधि, तितास उपज़िला, तिब्बत, तजमुद्दीन उपज़िला, तंत्रसाहित्य के विशिष्ट आचार्य, त्रिपुरा, त्रिपुरी लोग, त्रिशाल उपज़िला, त्रैलोक्यनाथ चक्रवर्ती, तेतुलिय़ा उपज़िला, तेरखादा उपज़िला, तीन बीघा 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भेदरगञ्ज उपज़िला, भोला सदर उपज़िला, भोलाहाट उपज़िला, मठबाड़िय़ा उपज़िला, मणिपुरी बटेर, मणिपुरी भाषा, मणिउर रजा चौधरी, मतलब दक्षिण उपज़िला, मतलब उत्तर उपज़िला, मदन उपज़िला, मदारगंज उपज़िला, मधुपुर उपज़िला, मधुखाली उपज़िला, मनपुरा उपज़िला, मनिरामपुर उपज़िला, मनोहरदी उपज़िला, मनोहरगञ्ज उपज़िला, ममित ज़िला, मय़मनसिंह, मय़मनसिंह सदर उपज़िला, मय़मनसिंह विभाग, मलमल, मल्लयुद्ध, मश्क़, मशीहुर रहमान, मसाला, महमूदुल अमीन चौधरी, महमूदुल्लाह, महादेवपुर उपज़िला, महानामव्रत ब्रह्मचारी, महालछड़ि उपज़िला, महागठबंधन (बांग्लादेश), महिलाओं से छेड़छाड़, महेशपुर उपज़िला, महेशखाली उपज़िला, महेंद्र सिंह धोनी, माटिराङ्गा उपज़िला, मातंगिनी हाजरा, मातृ दिवस, मादारीपुर सदर उपज़िला, माधबपुर उपज़िला, मानसून, मानिकगञ्ज सदर उपजिल्ला, मानिकछड़ि उपज़िला, मान्दा उपज़िला, मालदीव, मालपुआ, माल्टो भाषा, मावल्यान्नॉंग, मागुरा सदर उपज़िला, माइकल मधुसुदन दत्त, मिटामइन उपज़िला, मिठापुकुर उपज़िला, मिर्ज़ागंज उपज़िला, मिर्जापुर उपज़िला, मिज़ो लोग, मिज़ोरम, मिजानुर्रहमान चौधरी, मई 2015 नेपाल भूकम्प, मंग्ला उपज़िला, मकर संक्रान्ति, मुण्डा भाषाएँ, मुद्रा चिह्न, मुन्सिगञ्ज सदर उपज़िला, मुरादनगर उपज़िला, मुलादी उपज़िला, मुशफिकुर रहीम, मुस्तफ़िज़ूर रहमान, मुस्तफा कमाल (न्यायाधीश), मुहम्मद हबीबुर रहमान, मुजिबनगर उपज़िला, मुग़ल साम्राज्य, मुंडारी भाषा, मुकसुदपुर उपज़िला, मुक्त व्यापार क्षेत्र, मुक्तागाछा उपज़िला, मुक्तिर गान, मुक्तिवाहिनी, म्यान्मार, म्हार भाषा, मौलवीबाजार सदर उपज़िला, मृणाल सेन, मैत्री एक्सप्रेस, मैं बोरिशाइल्ला, मेलानदह उपज़िला, मेहदी हसन (क्रिकेटर), मेहमान ख़ाना, मेहंदीगंज उपज़िला, मेहेरपुर सदर उपज़िला, मेघना नदी, मेघना उपज़िला, मेघनाद साहा, मेगावती सुकर्णोपुत्री, मोतीउर रहमान निज़ामी, मोरेलगञ्ज उपज़िला, मोल्लाहाट उपज़िला, मोहनपुर उपज़िला, मोहनगंज उपज़िला, मोहम्मद तफ़ज़्ज़ुल इस्लाम, मोहम्मद मिथुन, मोहम्मद मुज़म्मिल हुसैन, मोहम्मद मोहम्मदुल्लाह, मोहम्मद युनुस, मोहम्मद रुहुल अमीन, मोहम्मद हबीबुर्रहमान, मोहम्मद करीम फज़लुल, मोहाम्मदपुर उपज़िला, मीरपुर उपज़िला, मीरसराइ उपज़िला, यदुनाथ सरकार, यशोर सदर उपज़िला, याह्या ख़ान, युद्ध, युगाण्डा से भारतीयों का निष्कासन, यूटीसी+०६:००, यूएस-बांग्ला एयरलाइन्स, यूएस-बांग्ला एयरलाइन्स विमान दुर्घटना, येशोर, रबीन्द्रनाथ ठाकुर, रानीनगर उपज़िला, रानीशंकैल उपज़िला, रामपाल उपज़िला, रामसर सम्मेलन, रामानंद सेनगुप्ता, रामगञ्ज उपज़िला, रामगड़ उपज़िला, रामगति उपज़िला, रामु उपज़िला, राय़पुर उपज़िला, राय़पुरा उपज़िला, रायगंज उपज़िला, राष्ट्रभाषा, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति, राहुल वैद्य, राजनगर उपज़िला, राजबाड़ी सदर उपज़िला, राजबोंग्शी भाषा, राजशाही नगर निगम, राजशाही विभाग, राजशाही कॉलेज, राजस्थली उपज़िला, राजापुर उपज़िला, राजारहाट उपज़िला, राजैर उपज़िला, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, राखीगढ़ी, राउजान उपज़िला, राङ्गामाटि सदर उपज़िला, राङ्गुनिय़ा उपज़िला, रवि रामपॉल, रवींद्र संगीत, रखाइन राज्य, रंगपुर नगर निगम, रंगपुर सदर उपज़िला, रंगपुर विभाग, रंगबिरंगी उड़न गिलहरी, रंगीला रसूल, रङ्गबाली उपज़िला, रुमा उपज़िला, रौमारी उपज़िला, रैडक्लिफ़ अवार्ड, रैगिंग, रूना लैला, रूपसा उपज़िला, रूपगञ्ज उपज़िला, रूज़ा शरीफ, रेड लाइट एरिया, रेबा सोम, रेल गेज, रॉयगंज एम. एल. हाई स्कूल, रोय़ांछड़ि उपज़िला, रोहित शर्मा, रोहिंग्या भाषा, रोहिंग्या लोग, रोहू मछली, रोआनू चक्रवात, 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(मागुरा), श्रीबरदी उपज़िला, श्रीमंगल उपज़िला, श्रीवत्स गोस्वामी, शैलकूपा उपज़िला, शेर शाह सूरी, शेर सिंह राणा, शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, शेरपुर सदर उपज़िला, शेरपुर उपज़िला, शेरेबांग्ला नगर थाना, शेख मुजीबुर्रहमान, शेख मुजीबुर्रहमान का हत्याकाण्ड, शेख रज्जाक अली, शेख हसीना, शोनाडांगा थाना, सचिन तेंदुलकर, सदरपुर उपज़िला, सन्द्बीप उपज़िला, सफ़ेद गाल वाला तीतर, सब्बीर रहमान, सम्पर्क भाषा, समोसा, सरपंच, सरसों का तेल, सराइल उपज़िला, सरिशाबाड़ी उपज़िला, सर्पगन्धा, सर्बानन्द सोणोवाल, सरोजिनी साहू, सरीसृप, सलमा अख़्तर, साटुरिय़ा उपज़िला, साँथिय़ा उपज़िला, साँवा, सातकानिय़ा उपज़िला, सातक्षीरा सदर उपज़िला, सादुल्लापुर उपज़िला, सापाहार उपज़िला, साभार उपज़िला, सारिय़ाकान्दी उपजिला, सार्क, सार्क फाउंटेन, सालथा उपज़िला, साघाटा उपज़िला, सांसद, साउथ जोन क्रिकेट टीम (बांग्लादेश), सिन्धु-गंगा के मैदान, सिराजदीखान उपज़िला, सिराजगंज सदर उपज़िला, सिलहट विभाग, सिल्वर जुबली इंडिपेंडस कप 1997-98, सिलेट नगर निगम, सिलेट सदर उपज़िला, सिलेटी भाषा, सिलीगुड़ी, सिंड़ा उपज़िला, सिंह (पशु), सिङ्गाइर उपज़िला, सईद अनवर, सखिपुर उपज़िला, संथाली भाषा, संयुक्त भूयोजना एशिया के लिए, संज्ञेय अपराध, सुचित्रा सेन, सुनामगञ्ज सदर उपज़िला, सुन्दरवन, सुन्दरगञ्ज उपज़िला, सुनील गंगोपाध्याय, सुबर्ण चर उपज़िला, सुमात्रा गैंडा, सुर्मा नदी, सुरेन्द्र कुमार सिन्हा, सुरेन्द्रनाथ दासगुप्त, सुज़ुकी, सुजानगर उपज़िला, सुंजामुल इस्लाम, स्टुअर्ट बिन्नी, स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास, स्वतंत्रता दिवस (बांग्लादेश), स्वामी निगमानन्द परमहंस, स्वामी प्रणवानन्द, सैदपुर, सैन्य और अर्धसैनिक बलों की संख्या के आधार पर देशों की सूची, सैम मानेकशॉ, सैयद ए बी महमूद हुसैन, सैयद नज़रुल इस्लाम, सैयद रहीम जिल्लुर मुदस्सर हुसैन, सैय़दपुर उपज़िला, सूखा, सेनबाग उपज़िला, सोनाटोला उपज़िला, सोनारगाँव, सोनारगाँओ उपज़िला, सोनागाजी उपज़िला, सोनाइमुड़ि उपज़िला, सोमपुर महाविहार, सोहन पापड़ी, सीताकुण्ड उपज़िला, हनफ़ी पन्थ, हरिणाकुण्ड उपज़िला, हरिदास ठाकुर, हरिनटाना थाना, हरिपुर उपज़िला, हरिरामपुर उपज़िला, हर्शल गिब्स, हरी सिंह थापा, हलवा, हाटहाजारी उपज़िला, हातिबान्धा उपज़िला, हातिय़ा उपज़िला, हाबीगञ्ज सदर उपज़िला, हार्ट-स्पॉटेड कठफोड़वा, हालुआघाट उपज़िला, हाजीगञ्ज उपज़िला, हावड़ा, हाखा चिन भाषा, हाइमचर उपज़िला, हाकिमपुर उपज़िला, हाउर, हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार, हिमसागर आम, हिल्सा, हिज़ला उपज़िला, हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ, हुमायुन आजाद, हुसैन मोहम्मद इर्शाद, हुसैन जिलुर रहमान, ह्मार लोग, हैना मॉन्टेना, हूलोक गिबन, हो भाषा, होमना उपज़िला, होसेनपुर उपज़िला, जनसंख्या घनत्व के अनुसार देशों की सूची, जमालपुर सदर उपज़िला, जमालगंज उपज़िला, जमुना नदी, बांग्लादेश, जयपुरहाट सदर उपज़िला, जलढाका उपज़िला, जलेबी, ज़मीरुद्दीन सरकार, ज़ारदा, ज़ाकीगंज उपज़िला, ज़िनेदिन जिदेन, ज़ियानगर उपज़िला, ज़ोरामथंगा, जातियो स्मृतीशोऊधो, जातीय पार्टी (मंजू), जातीय पार्टी (इरशाद), जातीय संसद भवन, जानजिरा उपज़िला, जियाउर्रहमान, जिल्लुर रहमान, जगदीश चन्द्र बसु, जगन्नाथपुर उपज़िला, जंगली तीतर, जुड़ी उपज़िला, जुराछड़ि उपज़िला, जुलाई २०१६ बगदाद आतंकी हमला, ज्योति बसु, ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित, ज्योतिर्मयी देवी, जैन्तापुर उपज़िला, जैक प्रेगेर, जेम्स पॅटिन्सन, जॉय बांग्ला, जोगेन्द्र नाथ मंडल, जी.बी रोड, नई दिल्ली, जीपीएस ऐडेड जियो ऑगमेंटिड नैविगेशन, जीबननगर उपज़िला, जीवनानंद दास, ईश्वरदी उपज़िला, ईश्वरगंज उपज़िला, ईश्वरी प्रसाद गुप्ता, ईस्ट जोन क्रिकेट टीम (बांग्लादेश), घाटाइल उपज़िला, घिओर उपज़िला, घोड़ाघाट उपज़िला, वनोन्मूलन, वरेन्द्र, वसन्त पञ्चमी, वार भाषा, विद्याधर चक्रवर्ती, विपिनचंद्र पाल, विमान (बहुविकल्पी), विलायत ख़ाँ, विल्स एशिया कप 1988, विश्व पर्यावरण दिवस, विश्व में बौद्ध धर्म, विश्व में इस्लाम धर्म, विश्व के देशों में शहरों की सूचियाँ, विश्व के सभी देश, विश्व की मुद्राएँ, विश्वमारी, विजया मुखोपाध्याय, विकिसम्मेलन भारत, वजीरपुर उपज़िला, वंगाला, वैदिक सभ्यता, वैश्वीकरण, वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली, खसिक भाषाएँ, खाड़ी युद्ध, खान जाहान अली थाना, खानसामा उपज़िला, खालिदा ज़िया, खालिय़ाजुड़ि उपज़िला, खालिशपुर थाना, खासी, खासी भाषा, खागड़ाछड़ि सदर उपज़िला, खांडकर मुश्ताक अहमद, खियांग, खंडकार महमूद हसन, खुलना नगर निगम, खुलना कोतवाली थाना, खेल जगत २०१०, खोरठा भाषा, खोकसा उपज़िला, गणभवन, गफरगाँओ उपज़िला, गम्भीरा, गलाचिपा उपज़िला, ग़रारा, गाबतली उपजिला, गारो, गारो भाषा, गाजीपुर नगर निगम, गाजीपुर सदर उपज़िला, गांनी उपज़िला, गाइबान्धा सदर उपज़िला, गिबन, गजारिय़ा उपज़िला, गंगा नदी, गंगा सूंस (डॉल्फिन), गंगा का आर्थिक महत्त्व, गंगा के बाँध एवं नदी परियोजनाएँ, गंगा की सहायक नदियाँ, गङ्गाछड़ा उपज़िला, गुनाहार, गुरुदासपुर उपज़िला, गुरुनाथ विद्यानिधि, ग्रैंड ट्रंक रोड, गौरनदी उपज़िला, गौरीपुर उपज़िला, गोदागारी उपज़िला, गोपालपुर उपज़िला, गोपालगञ्ज सदर उपज़िला, गोपीनाथ कविराज, गोबिन्दगञ्ज उपज़िला, गोमस्तपुर उपज़िला, गोय़ालन्द उपज़िला, गोय़ाइनघाट उपज़िला, गोरखा रेजिमेंट (भारत), गोलापगञ्ज उपज़िला, गोसाइरहाट उपज़िला, गोस्था पाल, गीता दत्त, आटपाड़ा उपज़िला, आटाइकुला उपज़िला, आटघरिय़ा उपज़िला, आटोय़ारी उपज़िला, आड़ाइहाजार उपज़िला, आत्राइ उपज़िला, आदमदिघी उपज़िला, आदितमारी उपज़िला, आदित्य बिड़ला समूह, आनवरा उपज़िला, आपातकाल (भारत), आम, आमतली उपज़िला, आमार शोनार बांग्ला, आर्चर ब्लड, आर्य वंश, आलफाडाङा उपज़िला, आलमडाङ्गा उपज़िला, आलिकदम उपज़िला, आलू के चिप्स, आशाशुनि उपज़िला, आशुगञ्ज उपज़िला, आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी, आईसीसी महिला ट्वेंटी-20 विश्व कप, आईसीसी महिला ट्वेंटी-20 विश्व कप क्वालीफायर 2013, आईसीसी क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर 2018, आखाउड़ा उपज़िला, आग्नेय भाषापरिवार, आगैलझाड़ा उपज़िला, आंबेडकर जयंती, आइएसओ ३१६६ - १, आक्केलपुर उपज़िला, इटना उपज़िला, इन्नोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स, इमरती, इयान बेल, इयाजुद्दीन अहमद, इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड, इस्लाम, इस्लामपुर उपज़िला, इस्लामिक टीवी, इस्लामी सहयोग संगठन, इस्लामी सैन्य गठबंधन, इंडियन एयरलाइंस, इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार, कचुय़ा उपज़िला, कचुय़ा उपज़िला (बागेरहाट), कटिय़ादि उपज़िला, कट्ठा, कतला, कनाईपुर, कबड्डी, कबिट, कबिरहाट उपज़िला, कमरख, कमरखन्द उपज़िला, कमलनगर उपज़िला, कमलगञ्ज उपज़िला, कमालुद्दीन हुसैन, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ बांग्लादेश, कय़रा उपज़िला, कराची, करिमगञ्ज उपज़िला, कर्णफुली थाना, कर्णफुली नदी, कर्क रेखा, कलमाकान्दा उपज़िला, कला स्नातक, कलापाड़ा उपज़िला, कलारोय़ा उपज़िला, कसबा उपज़िला, क़व्वाली, काँठालिय़ा उपज़िला, काँस, कादम्बिनी गांगुली, कादिरी संप्रदाय, कानाइघाट उपज़िला, कापासिय़ा उपज़िला, काप्ताइ उपज़िला, कामरूप, कार्टून नेटवर्क (भारत), कालाई उपज़िला, कालिय़ा उपज़िला, कालिय़ाकैर उपज़िला, कालिहाति उपज़िला, कालिज, 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कीर्तनखोला नदी, अटल बिहारी वाजपेयी, अताउर रहमान खान, अदिति महसिन, अनमूल हक, अनिसा मोहम्मद, अनंत जलील, अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस, अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन के सदस्य राष्ट्र, अनीता देसाई, अपवाह तन्त्र, अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प, अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी, अब्दुर रज्जाक, अब्दुर्रहमान बिस्वास, अब्दुस्सत्तार, अबू सादात मोहम्मद सायेम, अबू सईद चौधरी, अभय़नगर उपज़िला, अभियान्त्रिकी में स्नातक, अरिसेन आहूबूडु, अरुणाचल प्रदेश, अरुंधति घोष, अली अक़बर ख़ाँ, अशोक, अशोक के अभिलेख, अष्टग्राम उपज़िला, असम, असम विश्वविद्यालय, असम आन्दोलन, असमिया भाषा, अहले सुन्नत वल जमात, अजमेरीगंज उपज़िला, अजॉय चक्रबर्ती, अवेंजर्स: एज ऑफ़ अल्ट्रॉन, अखण्ड भारत, अखिल असम छात्र संघ, अगरतला, अगस्त २०१०, अग्रहरि, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, अंग्रेज़ी भाषा, उत्तर बंगाल, उदय शंकर, उपमहाद्वीप, उपजिला निर्वाहि अधिकारी, उबला चावल, उराँव, उर्दू भाषा, उर्दू आन्दोलन, उर्वरक, उलिपुर उपज़िला, उल्लाहपाड़ा उपज़िला, उष्णकटिबंधीय चक्रवात, उस्ताद अली अकबर खां, उस्मानी नगर उपज़िला, उखिय़ा उपज़िला, ऋत्विक घटक, छातक उपज़िला, छागलनाइय़ा उपज़िला, छौंक, १ फ़रवरी, १ई+११ मी॰², १० जनवरी, ११ जनवरी, १३ मई २००८ जयपुर बम विस्फोट, १४ दलीय गठबंधन, १४ दिसम्बर, १५ दिसम्बर, १६ दिसम्बर, १७२५ तक क्रिकेट का इतिहास, १८ दलीय गठबंधन, १९२२, १९४३ का बंगाल का अकाल, १९४७ का भारत-पाक युद्ध, १९७१, १९७१ का भारत-पाक युद्ध, २००० एशिया कप, २००७, २००७ क्रिकेट विश्व कप, २००९, २०१०, २०११ क्रिकेट विश्व कप, २०१२ एशिया कप, २०१३ शाहबाग विरोध, २०१४ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०, २०१५ क्रिकेट विश्व कप, २०१६ में आए भूकम्पों की सूची, २०१६ उत्तर-पूर्व भारत भूकम्प, २१ मार्च, २२ नवम्बर, ३ मार्च, ५ दिसम्बर, ७ अगस्त, 1978 एशियाई खेल, 1998 आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी, 2007 चटगाँव बाढ़, 2010 एशियाई खेल, 2010 एशियाई खेल पदक तालिका, 2014 आईसीसी विश्व ट्वेंटी20, 2016 गुलशन हमला, 2016 आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी-20, 2016 अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप, 2016 उड़ी हमला, 2017 दक्षिण एशिया बाढ़ सूचकांक विस्तार (1199 अधिक) »

चटगाँव (शहर)

चटगाँव या चटगांव (बांग्ला: চট্টগ্রাম चट्टोग्राम), बांग्लादेश का एक प्रमुख बंदरगाह और दूसरा सबसे बड़ा शहर है। चटगांव एक गहरे पानी का प्राकृतिक बंदरगाह है। बंगाल की खाड़ी के पूर्वी तट और कर्णफुली नदी के मुहाने पर स्थित यह शहर, देश के दक्षिणी विभाग में पड़ता है। 2011 में इसकी अनुमानित जनसंख्या 65 लाख से अधिक थी। दक्षिण एशिया में यह वाणिज्य, उद्योग और जहाजरानी (शिपिंग) का एक प्रमुख केंद्र है। यह दुनिया के सबसे तेजी से विकसित होते महानगरों में से भी एक है। सदियों से चटगाँव के इस प्राचीन प्राकृतिक बंदरगाह ने बंगाल और बंगाल की खाड़ी के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों के लिए एक प्रवेश द्वार का कार्य किया है। इस बंदरगाह ने मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और चीन के व्यापारियों को आकर्षित किया है। अरब अन्वेषक इब्न-बतूता, वेनिस के व्यापारी निकोलो डे' कोंटी और चीनी एडमिरल झेंग ही समेत कई ऐतिहासिक यात्री इस बंदरगाह से होकर गुजरे हैं। 16 वीं सदी के पुर्तगाली साम्राज्य में इसे पोर्टो ग्रांडे डी बेंगाला के नाम से जाना जाता था। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के अंतिम स्वतंत्र नवाब को हराने के बाद 1760 में बंदरगाह का नियंत्रण प्राप्त किया। 19 वीं सदी में ब्रिटिश राज के तहत, आधुनिक चटगाँव बंदरगाह के विकास के लिए असम-बंगाल रेलवे का निर्माण किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध में बर्मा अभियान के दौरान यह मित्र देशों की सेना के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बना। 1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद, चटगाँव पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा बन गया। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध की शुरुआत में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा चटगाँव से की गयी। .

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चटगाँव जिला

चटगाँव जिला या चट्टग्राम जिला (চট্টগ্রাম জেলা) बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्व अंचल के चट्टग्राम विभाग का एक प्रशासनिक अंचल है। पर्वत, समुद्र, उपत्यका, वन आदि के कारण चट्टग्राम जितना भौगोलिक वैचित्रय बांग्लादेश के किसी अन्य जिले में नहीं है। बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा नगर चट्टग्राम इसी जिले में स्थित है। यहां पर चट्टल भवानी (मां का दांयी भुजा गिरी थी) का मंदिर है जो 52 शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर जिले के चन्द्रनाथ पर्वत शिखर पर स्थित है। श्रेणी:चटगाँव उपक्षेत्र के जिले.

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चट्टग्राम नगर निगम

चट्टग्राम सिटी कॉर्पोरेशन यानि चट्टग्राम नगर निगम, बांग्लादेश के चट्टग्राम नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के चट्टग्राम नगर के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। चट्टग्राम, बांग्लादेश के चट्टग्राम विभाग में स्थित, बांग्लादेश के बृहत्तम् नगरों में से एक है। इस निकाय की स्थापना चट्टग्राम के प्रशासन हेतु एक नगर पालिका के रूप में हुआ था, तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम के स्तर पर उन्नतस्थ कर दिया गया। .

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चट्टग्राम पहाड़ी क्षेत्र

चट्टग्राम पहाड़ी क्षेत्र (अंग्रेज़ी: Chittagong Hill Tracts, बंगाली: পার্বত্য চট্টগ্রাম), जिसे ऐतिहासिक रूप से सी०ऍच०टी० (CHT) भी कहते थे, दक्षिणपूर्वी बांग्लादेश में बर्मा की सीमा के साथ स्थित एक क्षेत्र है। यह बांग्लादेश का एकमात्र पहाड़ी क्षेत्र है और उस देश का एकलौता क्षेत्र है जहाँ मूल रूप से बौद्ध धर्मियों व हिन्दुओं की बहुसंख्या है। सन् १९८४ तक यह एक ज़िला था लेकिन उस वर्ष में इसका तीन ज़िलों में विभाजन कर दिया गया: खग्रचारी, रंगमती और बंदरबन। प्रशासनिक दृष्टि से यह चट्टग्राम विभाग का हिस्सा है। यह चकमा समुदाय की मातृभूमि है। .

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चट्टग्राम विभाग

चटगाँव या चट्टग्राम विभाग, (बांग्ला: में চট্টগ্রাম, चॉट्टोग्राम) बांग्लादेश का एक उपक्षेत्र है। इसका मुख्यालय चटगाँव है। इस उप विभाग में ११ जिले हैं। बंदरबन, ब्राह्मनबरिआ, चाँदपुर, चटगाँव, कोमिला, कौक्सबाजार, फेनी, खग्रचारी, लक्ष्मीपुर, नोकाहाली, रंगमती श्रेणी:बांग्लादेश के विभाग श्रेणी:चट्टग्राम विभाग.

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चन्दनाईश उपज़िला

चन्दनाईश उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चर भद्रासन उपज़िला

चर भद्रासन उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के फरिदपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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चर राजीबपुर उपज़िला

चर राजीबपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के कुड़िग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुड़िग्राम सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चरफ्यासन उपज़िला

चरफ्यासन उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के भोला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय भोला सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चाटमोहर उपज़िला

चाटमोहर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के पाबना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पाबना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चाटखिल उपज़िला

चाटखिल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के नोय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नोय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चाँदपुर सदर उपज़िला

चाँदपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चाँदपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय चाँदपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चानक

चानक या चीनी बटेर (Rain Quail या Black-breasted Quail) (Coturnix coromandelica) बटेर की एक जाति है जो भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती है। यह जाति कंबोडिया, थाइलैंड, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत, म्यानमार, वियतनाम और श्रीलंका की मूल निवासी है। .

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चान्दिना उपज़िला

चान्दिना उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चार दलीय गठबंधन

चार दलीय गठबंधन, बांग्लादेश की एक पूर्व राष्ट्रीय राजनैतिक गठबंधन थी। जिसका नेतृत्व बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के हाथ में था। इसकी वर्त्तमान अनुयायी 18 दलीय गठबंधन है। .

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चारघाट उपज़िला

चारघाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के राजशाही ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। .

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चांदी का वरक़

चांदी का वरक़ या सिर्फ वरक़, (अन्य नामः वरक या वरख या वर्क), चांदी अथवा शयोजकमांसर्क से बना एक पतरा (पर्ण) है और भारत और पड़ोसी देशों जैसे कि पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश आदि में इसका उपयोग मिठाईयों और व्यंजनों को सजाने के लिए किया जाता है। चांदी को खाया जा सकता है हालांकि, यह पूर्णतया स्वादविहीन होती है। चांदी तत्व का एक बड़ी मात्रा में सेवन अर्जीरिया का कारण बन सकता है, लेकिन वर्क में इसकी बहुत ही कम मात्रा होने के कारण इसे शरीर के लिए हानिकारक नहीं माना जाता। वरक़ बनाने के लिए चांदी को पीट पीट कर एक चादर में ढाला जाता है और इसकी मोटाई मात्र कुछ माइक्रोमीटर ही रह जाती है। इसे सहेजने के लिए इसे कागज की परतों के बीच रखा जाता है और इसे उपयोग से पहले इन कागजों मे से निकाला जाता है। यह बहुत ही नाज़ुक होता है और छूने पर छोटे छोटे टुकड़ों में टूट जाता है। शाकाहारी लोगों का दावा है कि, क्योंकि वरक़ बनाने के लिए चांदी को पशुओं की अति लचीली आंतों के बीच रख कर पीटा जाता है और इन आंतों का कुछ हिस्सा इस वर्क का भी हिस्सा बन जाता है इसलिए, वरक़ एक तरह से एक मांसाहारी उत्पाद है। .

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चिट्टागोंग

चिट्टागोंग एक भारतीय ऐतिहासिक युद्ध वाली फिल्म है, जिसका निर्माण बेबब्रता पैन ने किया है। इसमें मुख्य किरदार में मनोज बाजपई हैं। यह कहानी ब्रिटिश भारत के एक गाँव की है, जो अब बांग्लादेश में है। इसका प्रदर्शन सिनेमाघरों में 12 अक्टूबर 2012 में हुआ था। इसने कुल 31 लाख रुपये की कमाई की थी। इस फिल्म को पहले फिल्म के सर्वश्रेष्ठ निर्देशक हेतु राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला है। .

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चितलमारी उपज़िला

चितलमारी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के बगेरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगेरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चिन राज्य

चिन राज्य (बर्मी: ချင်းပြည်နယ်) बर्मा के मध्य-पश्चिम में स्थित एक राज्य है। इसके उत्तर में भारत का मणिपुर राज्य, पश्चिम में भारत का मीज़ोरम राज्य और दक्षिण-पश्चिम में बांग्लादेश है। .

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चिरिरबन्दर उपज़िला

चिरिरबन्दर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चिलमारी उपज़िला

चिलमारी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के कुड़िग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुड़िग्राम सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चिंकारा

चिंकारा दक्षिण एशिया में पाया जाने वाला एक प्रकार का गज़ॅल है। यह भारत, बांग्लादेश के घास के मैदानों और मरुभूमि में तथा ईरान और पाकिस्तान के कुछ इलाकों में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई कन्धे तक ६५ से.मी.

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चिक्की

चिक्की आम तौर पर मूंगफली और गुड़ से बनी पारंपरिक भारतीय मिठाई (भंगुर) है। चिक्की कई प्रकार की होती है, जो महाराष्ट्र में बहुत प्रसिद्ध है। चिक्की एक स्नैक अर्थात अल्पाहार की श्रेणी में आती है जिसे मुख्य रूप से मूंगफली और गुड़ द्वारा बनाई जाती है। उत्तर भारत, विशेष रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में, इस मिठाई को लयिया पट्टी कहते है। भारत के सिंध और सिंधी क्षेत्रों में, इसे लेई या लाई और बांग्लादेश में कोटकोटी के नाम से जानी जाती है। .

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चकोरिय़ा उपज़िला

चकोरिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के काॅक्सबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय काॅक्सबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चुनारुघाट उपज़िला

चुनारुघाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के हाबीगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ८ उपज़िले हैं, और मुख्यालय हाबीगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चुय़ाडाङ्गा सदर उपज़िला

चुय़ाडांगा सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला चुय़ाडांगा जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह खुलना विभाग के चुय़ाडांगा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय चुय़ाडांगा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चौद्दग्राम उपज़िला

चौद्दग्राम उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चौहाली उपज़िला

चौहाली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के सिराजगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिराजगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चौगाछा उपज़िला

चौगाछा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के यशोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय यशोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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चीतल

चीतल, या चीतल मृग, या चित्तिदार हिरन हिरन के कुल का एक प्राणी है, जो कि श्री लंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, भारत में पाया जाता है। पाकिस्तान के भी कुछ इलाकों में भी बहुत कम पाया जाता है। अपनी प्रजाति का यह एकमात्र जीवित प्राणी है। .

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चीनी पैंगोलिन

चीनी पैंगोलिन (Chinese pangolin), जिसका वैज्ञानिक नाम मैनिस पेन्टाडैक्टाएला (Manis pentadactyla) है, पैंगोलिन की एक जीववैज्ञानिक जाति है जो उत्तरी भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा, उत्तरी हिन्दचीन, ताइवान और दक्षिणी चिन (जिसमें हाइनान द्वीप भी शामिल है) में पाया जाता है। यह पैंगोलिन की आठ जातियों में से एक है और अति-संकटग्रस्त माना जाता है। चीन व पूर्वी एशिया में इसके मांस को खाने से सम्बन्धित कई अन्धविश्वास हैं कि उस से कई रोग ठीक होते हैं हालाकि चिकित्सकों ने इस मान्यता को सरासर झूठ पाया है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के अनुसार पिछ्ले १५ सालों में इसकी संख्या में ज़बरदस्त गिरावट हुई है। .

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चीज़ की सूची

यह उत्पत्ति स्थान के आधार पर चीज़ की सूची है। दुकान पर चीज़ काउंटर दुकान के कूलर में चीज़ थाली में परोसे हुए चीज़ों के विभिन्न प्रकार सुपरमार्केट में कई प्रकार की चीज़ .

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टायो रोल्स

टायो रोल्स (पूर्व मे टाटा योडोगावा) टाटा इस्पात की सहायक कंपनी है जो कास्ट रोल, रोल जाली, विशेष कास्टिंग और ढलवां लोहे के निर्माण में शामिल है। यह भारत की टाटा स्टील और जापान के योडोगावा स्टील्स के बीच संयुक्त उद्यम है और इसका मुख्यालय जमशेदपुर, झारखंड (भारत) मे स्थित है। यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 504961 कोड के साथ सूचीबद्ध है। टायो का भारत में एक व्यापक ग्राहक आधार मौजूद है। टायो ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बांग्लादेश, बेल्जियम, कनाडा, मिस्र, जर्मनी, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, नेपाल, नार्वे, न्यूजीलैंड, ओमान, कतर, सऊदी अरब, स्वीडन, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, त्रिनिदाद, ताइवान, संयुक्त अरब अमीरात, रोमानिया, चेक गणराज्य और संयुक्त राज्य अमेरिका को रोल निर्यात करता है। श्रेणी:टाटा समूह.

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टाङाइल सदर उपज़िला

टाङाइल सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला टाङाइल जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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टङ्गीबाड़ी उपज़िला

टंगीबाड़ी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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टुङ्गिपाड़ा उपज़िला

टुंगिपाड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के गोपालगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला गोपालगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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टेस्ट क्रिकेट

टेस्ट क्रिकेट, क्रिकेट का सबसे लम्बा स्वरूप होता है। इसे खिलाड़ियों की खेल क्षमता की वास्तविक परीक्षा माना गया है, हालाँकि आजकल इस खेल का एकदिवसीय स्वरूप अधिक लोकप्रिय है। .

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टेकनाफ उपज़िला

टेकनाफ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के काॅक्सबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय काॅक्सबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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टीवीएस कप 2003

2003 टीवीएस कप एक वनडे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट था, जिसे बांग्लादेश में 11 से 21 अप्रैल 2003 को आयोजित किया गया था। टूर्नामेंट भारत, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका द्वारा खेला गया था। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच फाइनल में दो बार धोया गया, जिसमें फाइनल में दोनों ने ट्रॉफी का हिस्सा रखा। .

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ऍफ़ के ऍम मुनीम

ऍफ़ के ऍम मुनीम एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति अहसानुद्दीन चौधरी द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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ए टी ऍम अफजल

ए टी ऍम अफजल एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुर रहमान बिस्वास द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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ए बी ऍम खैरुल हक

ए बी ऍम खैरुल हक एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति जिल्लुर रहमान द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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ए क्यू एम बदरुद्दोज़ा चौधरी

ए क्यू एम बदरुद्दोज़ा चौधरी बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १४ नवम्बर २००१ से २१ जून २००२ तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के राष्ट्रपति.

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एम एम रुहुल अमीन

एम एम रुहुल अमीन एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति इयाजुद्दीन अहमद द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप 1998-99

एशियाई क्रिकेट परिषद द्वारा आयोजित पहली एशियाई टेस्ट चैम्पियनशिप 16 फरवरी और 16 मार्च 1999 के बीच आयोजित हुई थी। एशियन टेस्ट चैम्पियनशिप 14 फरवरी से 17 मार्च (24 दिसंबर 1998) 24 दिसंबर 1998 पीटर क्रिस्टी द्वारा भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका टूर्नामेंट में भाग लिया; बांग्लादेश प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता क्योंकि आईसीसी ने उन्हें टेस्ट की स्थिति दी थी। इस टूर्नामेंट को टेस्ट क्रिकेट विश्व कप के पूर्ववर्ती माना गया था कि आईसीसी 9 सदस्य देशों की योजना बना रहा था। टूर्नामेंट लगभग दौरे के संघर्षों, टेलीविजन अधिकारों और सुरक्षा चिंताओं के कारण जनवरी 1999 में रद्द कर दिया गया था। तीन राउंड-रोबिन टूर्नामेंट मैचों का आयोजन प्रत्येक देश के साथ एक-दूसरे की बैठक के दौरान किया गया था और शीर्ष दो पक्ष अंतिम रूप से खेलते थे। एक जीत 12 अंकों के बराबर थी, एक टाई 6 अंक और ड्रॉ या नुकसान के लिए कोई अंक नहीं दिए गए थे। इसके अलावा, गेंदबाजी और बल्लेबाजी प्रदर्शन (स्कोरिंग सिस्टम देखें) के लिए टीमों को बोनस अंक दिए गए थे। तीनों देशों: भारत (कलकत्ता), श्रीलंका (कोलंबो) और पाकिस्तान (लाहौर) के बीच राउंड रॉबिन मैच के स्थान घूम रहे थे, जबकि फाइनल ढाका में बांग्लादेश में एक तटस्थ स्थल के रूप में आयोजित किया गया था। पाकिस्तान ने श्रीलंका को फाइनल में एक पारी और 175 रनों से हराकर पहले एशियाई टेस्ट चैंपियन बनने और पुरस्कार राशि में 250,000 अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार प्राप्त किया। हारने वाले फाइनल में श्रीलंका को 145,000 अमेरिकी डॉलर और पहले दौर के हारे हुए भारत, 100,000 अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार मिला। उद्घाटन एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप 11 फरवरी 1999 सादी थॉफीक 'मैन ऑफ द सीरीज़', वसीम अकरम, 20,000 यूएस डॉलर, जबकि 'मैन ऑफ द मैच' विजेताओं को पुरस्कार राशि में 5000 अमेरिकी डॉलर मिले। .

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एशियाई भूरा बादल

दिसंबर 2001 में पूर्वी भारत और बांग्लादेश के ऊपर एयरोसौल एशियाई भूरा बादल, वायु प्रदूषकों द्वारा बारबार बनने वाला एक विशाल बादल अथवा परत है जिसकी मोटाई लगभग 3000 मी होती है और इसका विस्तार दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों तक होता है जिनमें उत्तरी हिंद महासागर, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं। दुनिया के इस हिस्से में सर्दियों के चार महीने लगभग न के बराबर बारिश होती है, जिसके कारण आकाश में व्याप्त प्रदूषक और धूल के कण धुल नहीं पाते और समय के साथ इनकी सघनता बढ़ती रहती है। कभी कभी तो सूरज भी अस्पष्ट नज़र आता है। प्रदूषण की इस मोटी परत को दुनिया का सबसे बड़ा प्रदूषण माना जाता है। उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों में यह बादल प्रति वर्ष जनवरी से मार्च के मध्य हवा में तैरते एक विशाल भूरा धब्बे के समान दिखाई देता है जो दक्षिण एशिया के अधिकांश और हिंद महासागर के उत्तरी भाग को ढके रहता है। यह विभिन्न कणों, एयरोसौल और जैविक सामग्री के दाहन, औद्योगिक उत्सर्जन और मोटर वाहनों द्वारा उत्सर्जित गैसीय प्रदूषकों के मिश्रण से बनता है। इसका एक उल्लेखनीय उदाहरण ग्रामीण भारत और बांग्लादेश में ईंधन के रूप में जलाया जाने वाला गोबर है। इन कणों से बना यह कुहासा विषैला होता है और वर्षा और धूप पर यह विपरीत प्रभाव डालता है। इसके प्रभावों के चलते प्रतिवर्ष लाखों लोग अपनी जान गंवाते है। .

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एशियाई राजमार्ग १

एशियाई राजमार्ग १ (ए एच १) एशियाई राजमार्ग जाल में सबसे लम्बा राजमार्ग है। इसकी कुल लम्बाई २०,५५७ किलोमीटर (१२,७७४ मील) है। यह टोक्यो, जापान से शुरू होकर कोरिया, चीन, हांगकांग, दक्षिण पूर्व एशिया, बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और ईरान से होता हुआ तुर्की और बुल्गारिया तक जाता है। इस्तांबुल के पश्चिम में यह यूरोपीय ई८० मार्ग से मिल जाता है। .

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एशियाई राजमार्ग २

एशियाई राजमार्ग २ (ए एच २) एशियाई राजमार्ग जाल के अंतर्गत १३,१७७ किलोमीटर (८,१८८ मील) लम्बी एक सड़क है। यह इंडोनेशिया के देनपसार से शुरू होकर मेरक और सिंगापुर होते हुए ईरान के खोस्रावी नगर तक जाती है। .

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एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड एकाउंटेंट्स

यह एक आउटडोर परिचय है एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड एकाउंटेंट्स (Association of Chartered Certified Accountants) एक ब्रिटिश लेखा निकाय है जो दुनिया भर में चार्टर्ड सर्टिफाइड एकाउंटेंट (पहचान के अक्षर एसीसीए (ACCA) या एफसीसीए (FCCA)) की योग्यता प्रदान करता है। यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते लेखा निकायों में से एक है जिसके पास 170 देशों में 140,000 सदस्य और 404,000 सहयोगी एवं छात्र हैं (अप्रैल 2010 के अनुसार).

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एसीसी इमर्जिंग टीम कप

एसीसी इमर्जिंग टीम कप एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) प्रणाली का हिस्सा है। उद्घाटन एसीसी इमर्जिंग टीम कप 2013 में आयोजित किया है, और आठ टीमों को चित्रित किया गया था। .

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एसीसी इमर्जिंग टीम कप 2017

2017 एसीसी उभरते राष्ट्रों के कप बांग्लादेश में आयोजित एक क्रिकेट टूर्नामेंट है। आठ टीमें टूर्नामेंट में भाग ले रही हैं जिसमें चार अंडर-23 आयु वर्ग के टेस्ट देशों की टीम और एशिया की चार शीर्ष एसोसिएट टीम शामिल हैं। यह प्रतियोगिता एसीसी (एशियन क्रिकेट काउंसिल) द्वारा आयोजित की जाती है। श्रेणी:क्रिकेट प्रतियोगितायें श्रेणी:२०१७ में क्रिकेट.

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एंड फ्लिक्स

एंड फ्लिक्स (&flix) एक अंग्रेजी फिल्मों का चैनल है, जिसे ज़ी मनोरंजन उद्योग ने 3 जून 2018 को ज़ी स्टूडियो के स्थान पर शुरू किया था। इसमें हर रविवार नए फिल्मों को दिखाया जाता है, जिसमें अधिकतर फिल्में सोनी पिक्चर्स की होती हैं, और अन्य फिल्में पैरामाउंट, डिज़्नी और अन्य स्टुडियो के होते हैं। ये चैनल एसडी और एचडी दोनों में उपलब्ध है। .

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एक इकाई व्यवस्था

एक इकाई व्यवस्था या नीति, (अथवा वन-यूनिट् सिस्टम्), पाकिस्तान की एक पुर्वतः परवर्तित प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसके अंतर्गत, तत्कालीन पाकिस्तानी भूमि के दोनों भिन्न टुकड़ों को "एक प्रशासनिक इकाई" के रूप में ही शासित किये जाने की योजना रखी गई थी। इस तरह की प्रशासनिक नीति को अपनाने का मुख्य कारण, सर्कार द्वारा, पाकिस्तानी अधिराज्य के दो विभक्त एवं पृथक भौगोलिक आंचलों की एक ही केंद्रीय व्यवस्था के अंतर्गत शासन में आने वाली घोर प्रशासनिक असुविधाएँ, एवं भौगोलिक कठिनाईयाँ बताई गई थी। अतः इस भौगोलिक व प्रशासनिक विषय के समाधान के रूप में, सरकार ने इन दो भौगोलीय हिस्सों को ही, एक महासंघीय ढांचे के अंतर्गत, पाकिस्तान के दो वाहिद प्रशासनिक इकाइयों के रूप में स्थापित करने की नीति बनाई गई। इस्के तहत, तत्कालीन मुमलिकात-ए-पाकिस्तान के, पूर्वी भाग में मौजूद स्थिति के अनुसार ही, पश्चिमी भाग के पाँचों प्रांतों व उनकी प्रांतीय सरकारों को भंग कर, एक प्रांत, पश्चिमी पाकिस्तान गठित किया गया, वहीं पूर्वी भाग (जो अब बांग्लादेश है) को पूर्वी पाकिस्तान कह कर गठित किया गया। तत्प्रकार, पाकिस्तान, एक इकाई योजना के तहत, महज दो प्रांतों में विभाजित एक राज्य बन गया। वन यूनिट योजना की घोषणा प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा के शासनकाल के दौरान 22 नवंबर 1954 को की गई, और 14 अक्टूबर 1955 को देश के पश्चिमी भाग के सभी प्रांतों को एकीकृत कर, पश्चिमी पाकिस्तान प्रांत गठित किया गया, जिसमें, सभी प्रांतों के अलावा तत्कालीन, राजशाहियों और कबाइली इलाके भी शामिल थे। इस प्रांत में 12 प्रमंडल थे, और इसकी राजधानी लाहौर थी। दूसरी ओर पूर्वी बंगाल के प्रांत को पूर्वी पाकिस्तान का नाम दिया गया, जिसकी राजधानी ढाका थी। संघीय राजधानी(कार्यपालिका) को वर्ष 1959 में कराँची से रावलपिंडी स्थानांतरित किया गया, जहां सेना मुख्यालय था, और नई राजधानी, इस्लामाबाद के पूरा होने तक यहां मौजूद रहा जबकि संघीय विधानपालिका को ढाका में स्थापित किया गया। इस नीति का उद्देश्य बज़ाहिर प्रशासनिक सुधार लाना था लेकिन कई लिहाज से यह बहुत विनाशकारी कदम था। पश्चिमी पाकिस्तान में मौजूद बहुत सारी राज्यों ने इस आश्वासन पर विभाजन के समय पाकिस्तान में शामिल हो गए थे कि उनकी स्वायत्तता कायम रखी जाएगी लेकिन वन इकाई बना देने के फैसले से सभी स्थानीय राज्यों का अंत हो गया। इस संबंध में बहावलपुर, खीरिपोर और कलात के राज्य विशेषकर उल्लेखनीय हैं। मामले इस समय अधिक गंभीर समय 1958 ई। के तख्तापलट के बाद मुख्यमंत्री का पद समाप्त कर दिया गया और राष्ट्रपति ने पश्चिमी पाकिस्तान के विकल्प अपने पास रख लिए। राजनीतिक विशेषज्ञों यह भी समझते हैं कि पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों को एकजुट करने के उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान की भाषाई और राजनीतिक इकाई का जोर तोड़ना था। अंततः एक जुलाई 1970 को राष्ट्रपति याह्या खान ने एक इकाई का सफाया करते हुए पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों बहाल कर दिया। .

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एकतारा

एकतारा अथवा इकतारा भारतीय संगीत का लोकप्रिय तंतवाद्य यंत्र है जिसका प्रयोग भजन या सुगम संगीत में किया जाता है। इसमें एक ही तार लगा होता है। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मिस्र के पारंपरिक संगीत में इसका प्रयोग होता है। इकतारा मूलतः भारतीय कवियों तथा घुमक्कड़ गवैयों द्वारा प्रयोग किया जाता था। निचला गुंजयमान यंत्र वे लौकी से बनाते थे, और ऊपर का गला बनाने के लिए बांस का प्रयोग करते थे। .

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ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम

अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम अथवा ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (A P J Abdul Kalam), (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015) जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। इन्होंने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा। इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई। कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। इन्होंने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये। .

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ए॰ बी॰ बर्धन

अर्धेन्दु भूषण बर्धन (25 सितम्बर 1924 – 2 जनवरी 2016) अथवा ए॰बी॰ बर्धन भारत के सबसे पुराने राजनीतिक दलों में से एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के भूतपूर्व महासचिव थे। वो ऑल इंडिया डिफ़ेन्स इम्पलॉइज़ एसोसिएशन के उपाध्यक्ष, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी फ़ेडरेशन और ऑल इंडिया इलेक्ट्रिक इम्पलॉइज़ फ़ेडरेशन के अध्यक्ष रहे थे। .

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ऐयाजुद्दीन अहमद

ऐयाजुद्दीन अहमद बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल ६ सितंबर २००२ से १२ फ़रवरी २००९ तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के राष्ट्रपति.

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झपकी

एक झपकी लेते हुए एक जवान औरत का चित्र.(झूला, गस्टेव कुर्बेट (1844).) झपकी दोपहर की शुरूआत, अक्सर दोपहर के भोजन के बाद थोड़ी देर के लिए उंघने को कहते हैं। नींद का इस तरह का समय कुछ देशों, खासकर जहां मौसम गर्म होता है, में एक आम परंपरा है। सियेस्ट शब्द लैटिन होरा सेक्सटा - "छठा घंटा" (भोर से दोपहर तक की गिनती, इसलिए दोपहर यानी "दोपहर का आराम").

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झालोकाठी सदर उपज़िला

झालोकाठी सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला झालोकाठी जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बरिशाल विभाग के झालोकाठी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय झालोकाठी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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झिनाइदह सदर उपज़िला

झिनाइदह सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला झिनाइदह जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह खुलना विभाग के झिनाइदह ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय झिनाइदह सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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झिनाइगाती उपज़िला

झिनाइगाती उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के शेरपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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झिकरगाछा उपज़िला

झिकरगाछा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के यशोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय यशोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ठाकुरगाँओ सदर उपज़िला

ठाकुरगाँओ सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला ठाकुरगाँओ जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह रंगपुर विभाग के ठाकुरगाँओ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय ठाकुरगाँओ सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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डामुड्या उपज़िला

डामुड्या उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के शरिय़तपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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डिमला उपज़िला

डिमला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के निलफामारी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय निलफामारी सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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डिश टीवी

डिश टीवी भारत की पहली डीटीएच मनोरंजन सेवा है। इस पर डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच), पे-पर-वियु आदि सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यह एमपेग-2 डिजिटल संपीड़न तकनीक की मदद से कर एनएसएस-6 उपग्रह के द्वारा अपनी सेवाएं संचारित करता है। 2011 में "भारत फॉर्च्यून 500" द्वारा प्रकाशित भारत के सबसे बड़े मीडिया कंपनियों की सूची में डिश टी० वी० इंडिया लिमिटेड को #437 और # 5 स्थान मिला था। एस्सेल समूह द्वारा प्रारम्भ की गई इस उपग्रह प्रसारण सेवा के उपभोगता भारत, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान के अलावा दक्षिण-पूर्वी एशिया में भी हैं | वर्तमान में डिश टीवी के पास २८५ से भी ज़्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चैनल्स और २५ रेडियो चैनल्स हैं | .

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डुमुरिय़ा उपज़िला

डुमुरिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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डेरिल मिशेल

कोई विवरण नहीं।

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डेव वॉटमोर

डेवनल फ्रेड्ररिक वॉटमोर (जन्म 16 मार्च, 1954, कोलंबो, श्रीलंका) एक पूर्व अन्तर्राष्ट्रीय आस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ी है और वर्तमान समय में बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कोच है। अपने छोटे अन्तर्राष्ट्रीय करियर में उन्होने मार्च 1979 से जनवरी 1980 तक 7 टेस्ट मैच और 1 एकदिवसीय मैच खेला। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होने विक्टोरिया के लिए 6,000 से ज्यादा रन बनाए। अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट से 1988/89 में संयास लेने के बाद वे क्रिकेट कोच बन गए। उन्होने श्रीलंका की क्रिकेट टीम को दो अलग समय में कोच किया, जिसमे पहले समय में श्रीलंका की टीम ने 1996 क्रिकेट विश्व कप जीता। उन दो अंतराल के मध्य में उन्होने लैन्कशायर की टीम को कोच किया। जहाँ उनकी टीम ने 1998 और 1999 में नैशनल लीग और 1998 की नैट्वेस्ट ट्राफी जीती। 2003 से वे बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कोच है। श्रेणी:ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:श्रीलंका के लोग श्रेणी:1954 में जन्मे लोग.

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डोमार उपज़िला

डोमार उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के निलफामारी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय निलफामारी सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ढाका

ढाका (बांग्ला: ঢাকা) बांग्लादेश की राजधानी है। बूढ़ी गंगा नदी के तट पर स्थित यह देश का सबसे बड़ा शहर है। राजधानी होने के अलावा यह बांग्लादेश का औद्यौगिक और प्रशासनिक केन्द्र भी है। यहाँ पर धान, गन्ना और चाय का व्यापार होता है। ढाका की जनसंख्या लगभग 1.1 करोड़ है (२००१ की जनसंख्या: ९,०००,०२)) जो इसे दुनिया के ग्यारहवें सबसे बड़ी जनसंख्या वाले शहर का दर्जा भी दिलाता है। ढाका का अपना इतिहास रहा है और इसे दुनिया में मस्जिदों के शहर के नाम से जाना जाता है। मुगल सल्तनत के दौरान इस शहर को १७ वीं सदी में जहांगीर नगर के नाम से भी जाना जाता था, यह न सिर्फ प्रादेशिक राजधानी हुआ करती थी बल्कि यहाँ पर निर्मित होने वाले मलमल के व्यापार में इस शहर का पूरी दुनिया में दबदबा था। आधुनिक ढाका का निर्माण एवं विकास ब्रिटिश शासन के दौरान उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ और जल्द ही यह कोलकाता के बाद पूरे बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया। भारत विभाजन के बाद १९४७ में ढाका पूर्वी पाकिस्तान की प्रशासनिक राजधानी बना तथा १९७२ में बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आने पर यह राष्ट्रीय राजधानी घोषित हुआ। आधुनिक ढाका देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था, एवं संस्कृति का मुख्य केन्द्र है। ढाका न सिर्फ देश का सबसे साक्षर (६३%) शहर है- - बल्कि बांग्लादेश के शहरों में सबसे ज्यादा विविधता वाला शहर भी है। हालांकि आधुनिक ढाका का शहरी आधारभूत ढांचा देश में सबसे ज्यादा विकसित है परंतु प्रदूषण, यातायात कुव्यवस्था, गरीबी, अपराध जैसी समस्यायें इस शहर के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। सारे देश से लोगों का ढाका की ओर पलायन भी सरकार के लिए एक बड़ी समस्या का रूप लेता जा रहा है। .

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ढाका डिवीजन क्रिकेट टीम

ढाका डिवीजन क्रिकेट टीम बांग्लादेश के सात प्रशासनिक क्षेत्रों में से एक ढाका डिवीजन का प्रतिनिधित्व करने वाली बांग्लादेशी प्रथम श्रेणी की टीम है। टीम नेशनल क्रिकेट लीग में प्रतिस्पर्धा करती है। वे ढाका में धनमंडी क्रिकेट स्टेडियम में अपने अधिकांश घरेलू खेल खेलते हैं। बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) में समकक्ष टीम ढाका डायनामाइट्स है।.

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ढाका दक्षिण नगर निगम

ढाका दक्षिण सिटी कॉर्पोरेशन यानि ढाका दक्षिण नगर निगम, बांग्लादेश के ढाका नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के ढाका नगर के दक्षिण भाग के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कार्यशील, दो नगर निगमों में से एक है। इसकी स्थापना पूरे ढाका के प्रशासन के लिए जिम्मेदार, पूर्व ढाका नगर निगम के द्विभाजन के साथ हुआ था। इसकी स्थापना से पूर्व, पूरे ढाका के लिए केवल एक ही नगर निगम हुआ करता था तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम को द्विभाजित कर दिया गया। .

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ढाका नगर निगम

ढाका सिटी कॉर्पोरेशन यानि ढाका नगर निगम, बांग्लादेश के ढाका नगर में पूर्वतः आधारित एक गतकालीन पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य था, जिसपर बांग्लादेश के ढाका नगर के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए थे। इसे दिसंबर 2011 में भंग कर दिया गया था और दो विभक्त निगम निकाय स्थापित किये गए: ढाका उत्तर नगर निगम और ढाका दक्षिण नगर निगम। जिनकी स्थापना से पूर्व, पूरे ढाका के लिए केवल एक ही नगर निगम हुआ करता था तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम को द्विभाजित कर दिया गया। .

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ढाका प्रीमियर डिवीज़न क्रिकेट लीग

ढाका प्रीमियर डिवीजन क्रिकेट लीग में भी ढाका प्रीमियर लीग के रूप में जाना जाता है, एक क्लब लिस्ट ए क्रिकेट बांग्लादेश में टूर्नामेंट है। .

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ढाका प्रीमियर डिवीज़न क्रिकेट लीग 2017

2016-17 ढाका प्रीमियर डिवीजन क्रिकेट लीग ढाका प्रीमियर डिवीज़न क्रिकेट लीग का चौथा संस्करण है, वर्तमान में बांग्लादेश में होने वाली एक लिस्ट ए क्रिकेट प्रतियोगिता है। टूर्नामेंट 12 अप्रैल 2017 को शुरू हुआ। टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ी का स्थानान्तरण 17 मार्च 2017 को शुरू हुआ। अबाहानी लिमिटेड मौजूदा चैंपियन हैं। .

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ढाका मेट्रो रेल

ढाका मेट्रो (Dhaka Metro) बांग्लादेश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर ढाका में निर्माणाधीन एक अनुमोदित मेट्रो रेल प्रणाली है। यह सरकार की परिवहन समन्वय प्राधिकरण (डीटीसीए) द्वारा तैयार 20 साल की लंबी सामरिक परिवहन योजना (एसटीपी) का हिस्सा है। वर्तमान में मेट्रो रेल प्रणाली में एमआरटी (मास रैपिड ट्रांजिट) लाइन-6 के रूप में संदर्भित एक लाइन शामिल है, जिसमें भविष्य में अन्य मेट्रो रेल लाइनों को जोड़ा जाएगा। .

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ढाका मेट्रोपोलिस क्रिकेट टीम

ढाका मेट्रोपोलिस क्रिकेट टीम ढाका, बांग्लादेश में स्थित एक प्रथम श्रेणी क्रिकेट टीम है। टीम राष्ट्रीय क्रिकेट लीग में प्रतिस्पर्धा करती है।.

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ढाका विश्वविद्यालय

ढाका विश्वविद्यालय (बांग्ला: ঢাকা বিশ্ববিদ্যালয় ढाका बिश्शोबिद्दॅलॉय्) बांग्लादेश का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय ढाका में स्थित है। यह बांग्लादेश का प्राचीनतम विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 1921 में हुई थी। .

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ढाका उत्तर नगर निगम

ढाका उत्तर सिटी कॉर्पोरेशन यानि ढाका उत्तर नगर निगम, बांग्लादेश के ढाका नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के ढाका नगर के उत्तरी भाग के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कार्यशील, दो नगर निगमों में से एक है। इसकी स्थापना पूरे ढाका के प्रशासन के लिए जिम्मेदार, पूर्व ढाका नगर निगम के द्विभाजन के साथ हुआ था। इसकी स्थापना से पूर्व, पूरे ढाका के लिए केवल एक ही नगर निगम हुआ करता था तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम को द्विभाजित कर दिया गया। .

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ढाका-खुलना राजमार्ग

यह बाँग्लादेश में स्थित राजमार्ग है जो राजधानी ढाका को कनाईपुर होते हुए खुलना से जोड़ता है। .

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ढाका-इस्तांबुल फ्रेट कॉरिडोर

ढाका-इस्तांबुल फ्रेट कॉरिडोर एक अंतरराष्ट्रीय रेल मार्ग परियोजना है।यह रेल मार्ग परियोजना बांग्लादेश,भारत,पाकिस्तान,ईरान और तुर्की को जोड़ती है।http://www.business-standard.com/article/news-ians/india-to-trial-run-goods-train-on-dhaka-istanbul-freight-corridor-117030300947_1.htmlभारत का पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इस कॉरिडोर का एक हिस्सा है। .

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ढाकेश्वरी मन्दिर

ढाकेश्वरी मन्दिर ढाका नगर का सबसे महत्वपूर्ण मन्दिर है। इन्हीं ढाकेश्वरी देवी के नाम पर ही ढाका का नामकरण हुआ है। भारत के विभाजन से पहले तक ढाकेश्वरी देवी मन्दिर सम्पूर्ण भारत के शक्तिपूजक समाज के लिए आस्था का बहुत बड़ा केन्द्र था। 12वीं शताब्दी में सेन राजवंश के बल्लाल सेन ने ढाकेश्वरी देवी मन्दिर का निर्माण करवाया था। ढाकेश्वरी पीठ की गिनती शक्तिपीठ में की जाती है क्योंकि यहां पर सती के आभूषण गिरे थे। ढाकेश्वरी मंदिर (१९०४ में; फ्रिज काप (Fritz Kapp) द्वारा लिया गया फोटो) .

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तन्चंग्या लोग

तन्चंग्या, बांग्लादेश के चीटगां हिल ट्रैक्ट्स (सी.एच.टी) में रहने वाले १३ जनजातियों में से एक हैं। .

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तनोर उपज़िला

तनोर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के राजशाही ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। .

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तबला

तबला भारतीय संगीत में प्रयोग होने वाला एक तालवाद्य है जो मुख्य रूप से दक्षिण एशियाई देशों में बहुत प्रचलित है। यह लकड़ी के दो ऊर्ध्वमुखी, बेलनाकार, चमड़ा मढ़े मुँह वाले हिस्सों के रूप में होता है, जिन्हें रख कर बजाये जाने की परंपरा के अनुसार "दायाँ" और "बायाँ" कहते हैं। यह तालवाद्य हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में काफी महत्वपूर्ण है और अठारहवीं सदी के बाद से इसका प्रयोग शाष्त्रीय एवं उप शास्त्रीय गायन-वादन में लगभग अनिवार्य रूप से हो रहा है। इसके अतिरिक्त सुगम संगीत और हिंदी सिनेमा में भी इसका प्रयोग प्रमुखता से हुआ है। यह बाजा भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, और श्री लंका में प्रचलित है। एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका पहले यह गायन-वादन-नृत्य इत्यादि में ताल देने के लिए सहयोगी वाद्य के रूप में ही बजाय जाता था, परन्तु बाद में कई तबला वादकों ने इसे एकल वादन का माध्यम बनाया और काफी प्रसिद्धि भी अर्जित की। नाम तबला की उत्पत्ति अरबी-फ़ारसी मूल के शब्द "तब्ल" से बतायी जाती है। हालाँकि, इस वाद्य की वास्तविक उत्पत्ति विवादित है - जहाँ कुछ विद्वान् इसे एक प्राचीन भारतीय परम्परा में ही उर्ध्वक आलिंग्यक वाद्यों का विकसित रूप मानते हैं वहीं कुछ इसकी उत्पत्ति बाद में पखावज से निर्मित मानते हैं और कुछ लोग इसकी उत्पत्ति का स्थान पच्छिमी एशिया भी बताते हैं। .

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तबलीग़ी जमात

तबलीगी जमाअत (Urdu: تبلیغی جماعت‎, Tablīghī Jamā‘at; Arabic: جماعة التبليغ‎, Jamā‘at at-Tablīgh; Bengali: তাবলীগ জামাত; Hindi: तबलीग़ी जमात; English: Society for spreading faith) विश्व की सतह पर सुन्नी इस्लामी धर्म प्रचार आंदोलन है, जो मुसलमानों को मूल इस्लामी पद्दतियों की तरफ़ बुलाता है।  खास तौर पर धार्मिक तरीके, वेशाभूश, वैयक्तिक गति विधियां। Rabasa, Angel (2004).

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तसलीमा नसरीन

तसलीमा नसरीन (जन्म: २५ अगस्त १९६२) बांग्ला लेखिका एवं भूतपूर्व चिकित्सक हैं जो १९९४ से बांग्लादेश से निर्वासित हैं। १९७० के दशक में एक कवि के रूप में उभरीं तसलीमा १९९० के दशक के आरम्भ में अत्यन्त प्रसिद्ध हो गयीं। वे अपने नारीवादी विचारों से युक्त लेखों तथा उपन्यासों एवं इस्लाम एवं अन्य नारीद्वेषी मजहबों की आलोचना के लिये जानी जाती हैं। बांग्लादेश में उनपर जारी फ़तवे के कारण आजकल वे कोलकाता में निर्वासित जीवन जी रही हैं। हालांकि कोलकाता में मुसलमानों के विरोध के बाद उन्हें कुछ समय के लिये दिल्ली और उसके बाद फिर स्वीडन में भी समय बिताना पड़ा लेकिन इसके बाद जनवरी २०१० में वे भारत लौट आईं। उन्होंने भारत में स्थाई नागरिकता के लिये आवेदन किया है लेकिन भारत सरकार की ओर से उस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। यूरोप और अमेरिका में एक दशक से भी अधिक समय रहने के बाद, तस्लीमा 2005 में भारत चले गए, लेकिन 2008 में देश से हटा दिया गया, हालांकि वह दिल्ली में रह रही है, भारत में एक आवासीय परमिट के लिए दीर्घावधि, बहु- 2004 के बाद से प्रवेश या 'एक्स' वीज़ा। उसे स्वीडन की नागरिकता मिली है। स्त्री के स्वाभिमान और अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए तसलीमा नसरीन ने बहुत कुछ खोया। अपना भरापूरा परिवार, दाम्पत्य, नौकरी सब दांव पर लगा दिया। उसकी पराकाष्ठा थी देश निकाला। नसरीन को रियलिटी शो बिग बॉस 8 में भाग लेने के लिए कलर्स (टीवी चैनल) की तरफ से प्रस्ताव दिया गया है। तसलीमा ने इस शो में भाग लेने से मना कर दिया है। .

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ताड़ाश उपज़िला

ताड़ाश उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के सिराजगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिराजगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ताड़ाइल उपज़िला

ताड़ाइल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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तापी गैस परियोजना

तापी गैस परियोजना अंतर्राष्ट्रीय परियोजना है। तापी शब्द तुर्कमेनिस्तान,अफगानिस्तान,पाकिस्तान और इंडिया के आदि अक्षरों से मिलकर बना है। यह तापी शब्द उक्त चारों देशों को एक साथ व्यक्त करता है। त .

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तारागञ्ज उपज़िला

तारागंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के रंगपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रंगपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ताराकान्दा उपज़िला

ताराकान्दा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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तालतली उपज़िला

तालतली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरगुना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरगुना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ताला उपज़िला

ताला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के सातक्षीरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सातक्षीरा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ताहिरपुर उपज़िला

ताहिरपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ताजमहल बांग्लादेश

पूर्ण ढाँचा निर्माणाधीन ताजमहल ताजमहल बांग्लादेश (बांग्ला: তাজ মহল বাংলাদেশ) मूल ताजमहल का एक प्रतिरूप है जो एक मुगल समाधि है और जो आगरा, भारत में स्थित है। यह प्रतिरूप बांग्लादेश की राजधानी ढाका से लगभग २९ किमी की दूरी पर स्थित एक स्थान सोनारगाँव में है। अपने मूल के विपरीत, इस भवन के निर्माण में केवल पाँच वर्ष लगे और कथित रूप इसके धनी मालिक ने इसपर ५.८ करोड़ डॉलर खर्च किए। अहसानुल्लाह मोनी, एक धनी बांग्लादेशी चलचित्र-निर्माता, ने यह बताया कि उन्होंने किस प्रकार यह प्रतिकृति बनाई ताकि उनके देश के निर्धन लोग पड़ोसी देश भारत के प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल को देखने का अपना सपना पूरा कर सकें। इस प्रतिकृति के निर्माण का भारत में विरोध किया गया। बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग का कहना है कि वह अहसानुल्लाह मोनी के विरूद्ध मूल भवन के कॉपीराइट के उल्लंघन का मुकदमा दायर करेगा। मूल भवन लगभग ३०० वर्ष पुराना है। मोनी का कहना है कि उन्होंने इटली से संगमरमर, बेल्जियम से हीरे और गुम्बद के लिए लगभग १६० किलो ताँबे का आयात किया है, पर कुछ लोगों का कहना है कि यह सम्पूर्ण प्रतिकृति नहीं है और यह उस सामान से नहीं बना है जिसका की दावा किया गया है। .

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ताजुद्दीन अहमद

ताजुद्दीन अहमद, (बांग्ला: তাজউদ্দীন আহমদ) (जुलाई 23, 1925 – नवंबर 3, 1975) एक बांग्लादेशी राजनयिक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने बांग्लादेश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में युद्धकालीन अंतरिम सरकार का मुक्ति युद्ध में निर्णायक नेतृत्व किया था। उन्हें बांग्लादेश के जन्म एवं स्वतंत्रता के सबसे प्रभावशाली, निर्णायक एवं सूत्रधारी शख़्सियतों में गिना जाता है। 1971 में अंतरिम सरकार के उनके नेतृत्व नें बांग्लादेशी राष्ट्रवादियों के विभिन्न राजनीतिक, सामरिक, जातिगत एवं सांस्कृतिक खेमों को एकजुट कर दिया था। .

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तितालिया संधि

तितालिया संधि सिक्किम के चोग्याल (राजा) और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच हुआ था। इस संधि को कैप्टेन बर्रे लैटर ने फरवरी 1817 में निपटाया था, इस संधि के तहत ब्रिटिश ने सिक्किम कि सुरक्षा कि गारंटी दी और नेपाल द्वारा सदियों पहले सिक्किम का कब्जा किया हुआ भू-भाग सिक्किम को वापस दिलाया। इस भू-भाग के लिए ब्रिटिशों को नेपाल से 1814-16 में अंग्रेज-नेपाल युद्ध लड़ना पड़ा था। बदले में सिक्किम ने अंग्रेजों को व्यापार करने का अधिकार दिया और तिब्बत सिमा तक पहुंचने के लिए उनके रास्ते को प्रयोग करने का अधिकार दिया था। इस संधि पर तितालिया नामक स्थान पर हस्ताक्षर किया गया था, जो अब तेतुलिया उपजिला नाम से जाना जाता है। यह स्थान अब बांग्लादेश के रंगपुर जिले में पड़ता है। सिक्किम का राजपत्र, 1894 द्वारा एचएच रिसले, में यह लिखा हुआ था कि "तितालिया संधि के द्वारा, ब्रिटिश भारत ने सिक्किम का सर्वोपरि का पद प्राप्त कर लिया है और तब से यह साफ-जाहिर रहा है कि उस राज्य में ब्रिटिशों का हि प्रमुख प्रभाव रहा। .

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तितास उपज़िला

तितास उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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तिब्बत

तिब्बत का भूक्षेत्र (पीले व नारंगी रंगों में) तिब्बत के खम प्रदेश में बच्चे तिब्बत का पठार तिब्बत (Tibet) एशिया का एक क्षेत्र है जिसकी भूमि मुख्यतः उच्च पठारी है। इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है। चीन द्वारा तिब्बत पर चढ़ाई के समय (1955) वहाँ के राजनैतिक व धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत में आकर शरण ली और वे अब तक भारत में सुरक्षित हैं। .

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तजमुद्दीन उपज़िला

तजमुद्दीन उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के भोला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय भोला सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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तंत्रसाहित्य के विशिष्ट आचार्य

तन्त्र साहित्य अत्यन्त विशाल है। प्राचीन समय के दुर्वासा, अगस्त्य, विश्वामित्र, परशुराम, बृहस्पति, वशिष्ठ, नंदिकेश्वर, दत्तात्रेय आदि ऋषियों ने तन्त्र के अनेकों ग्रन्थों का प्रणयन किया, उनका विवरण देना यहाँ अनावश्यक है। ऐतिहासिक युग में शंंकराचार्य के परम गुरु गौडपादाचार्य का नाम उल्लेखयोग्य है। उनके द्वारा रचित 'सुभगोदय स्तुति' एवं 'श्रीविद्यारत्न सूत्र' प्रसिद्ध हैं। मध्ययुग में तांत्रिक साधना एवं साहित्य रचना में जितने विद्वानों का प्रवेश हुआ था उनमें से कुछ विशिष्ट आचार्यो का संक्षिप्त विवरण यहाँ दिया जा रहा है- लक्ष्मणदेशिक: ये शादातिलक, ताराप्रदीप आदि ग्रथों के रचयिता थे। इनके विषय में यह परिचय मिलता है कि ये उत्पल के शिष्य थे। आदि शंकराचार्य: वेदांगमार्ग के संस्थापक सुप्रसिद्ध भगवान शंकराचार्य वैदिक संप्रदाय के अनुरूप तांत्रिक संप्रदाय के भी उपदेशक थे। ऐतिहासिक दृष्टि से पंडितों ने तांत्रिक शंकर के विषय में नाना प्रकार की आलोचनाएं की हैं। कोई दोनों को अभिन्न मानते हैं और कोई नहीं मानते हैं। उसकी आलोचना यहाँ अनावश्यक है। परंपरा से प्रसिद्ध तांत्रिक शंकराचार्य के रचित ग्रंथ इस प्रकार हैं- किसी-किसी के मत में 'कालीकर्पूरस्तव' की टीका भी शंकराचार्य ने बनाई थी। पृथिवीधराचार्य अथवा 'पृथ्वीधराचार्य: यह शंकर के शिष्कोटि में थे। इन्होंने 'भुवनेश्वरी स्तोत्र' तथा 'भुवनेश्वरी रहस्य' की रचना की थी। भुवनेश्वरी स्तोत्र राजस्थान से प्रकाशित है। वेबर ने अपने कैलाग में इसका उल्लेख किया है। भुवनेश्वरी रहस्य वाराणसी में भी उपलब्ध है और उसका प्रकाशन भी हुआ है। पृथ्वीधराचार्य का भुवनेश्वरी-अर्चन-पद्धति नाम से एक तीसरा ग्रंथ भी प्रसिद्ध है। चरणस्वामी: वेदांत के इतिहास में एक प्रसिद्ध आचार्य हुए हैं। तंत्र में इन्होंने 'श्रीविद्यार्थदीपिका' की रचना की है। 'श्रीविद्यारत्न-सूत्र-दीपिका' नामक इनका ग्रंथ मद्रास लाइब्रेरी में उपलब्ध है। इनका 'प्रपंच-सार-संग्रह' भी अति प्रसिद्ध ग्रंथ है। सरस्वती तीर्थ: परमहंस परिब्राजकाचार्य वेदांतिक थे। यह संन्यासी थे। इन्होंने भी 'प्रपंचसार' की विशिष्ट टीका की रचना की। राधव भट्ट: 'शादातिलक' की 'पदार्थ आदर्श' नाम्नी टीका बनाकर प्रसिद्ध हुए थे। इस टीका का रचनाकाल सं॰ 1550 है। यह ग्रंथ प्रकाशित है। राधव ने 'कालीतत्व' नाम से एक और ग्रंथ लिखा था, परंतु उसका अभी प्रकाशन नहीं हुआ। पुण्यानंद: हादी विद्या के उपासक आचार्य पुण्यानंद ने 'कामकला विलास' नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की थी। उसकी टीका 'चिद्वल्ली' नाम से नटनानंद ने बनाई थी। पुण्यानंद का दूसरा ग्रंथ 'तत्वविमर्शिनी' है। यह अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है। अमृतानंदनाथ: अमृतानदनाथ ने 'योगिनीहृदय' के ऊपर दीपिका नाम से टीकारचना की थी। इनका दूसरा ग्रंथ 'सौभाग्य सुभगोदय' विख्यात है। यह अमृतानंद पूर्ववर्णित पुणयानंद के शिष्य थे। त्रिपुरानंद नाथ: इस नाम से एक तांत्रिक आचार्य हुए थे जो ब्रह्मानंद परमहंस के गुरु थे। त्रिपुरानंद की व्यक्तिगत रचना का पता नहीं चलता। परंतु ब्रह्मानंद तथा उनके शिष्य पूर्णानंद के ग्रंथ प्रसिद्ध हैं। सुंदराचार्य या सच्चिदानंद: इस नाम से एक महापुरुष का आविर्भाव हुआ था। यह जालंधर में रहते थे। इनके शिष्य थे विद्यानंदनाथ। सुंदराचार्य अर्थात् सच्चिदानंदनाथ की 'ललितार्चन चंद्रिका' एवं 'लधुचंद्रिका पद्धति' प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। विद्यानंदनाथ का पूर्वनाम श्रीनिवास भट्ट गोस्वामी था। यह कांची (दक्षिण भारत) के निवासी थे। इनके पूर्वपुरुष समरपुंगव दीक्षित अत्यंत विख्यात महापुरुष थे। श्रीनिवास तीर्थयात्रा के निमित जालंधर गए थे और उन्होंने सच्चिदानंदनाथ से दीक्षा ग्रहण कर विद्यानंद का नाम धारण किया। गुरु के आदेश से काशी आकर रहने लगे। उन्होंने बहुत से ग्रंथों की रचना की जिनमें से कुछ के नाम इस प्रकार हैं- 'शिवार्चन चंद्रिका', 'क्रमरत्नावली', 'भैरवार्चापारिजात', 'द्वितीयार्चन कल्पवल्ली', 'काली-सपर्या-क्रम-कल्पवल्ली', 'पंचमेय क्रमकल्पलता', 'सौभाग्य रत्नाकर' (36 तरंग में),'सौभग्य सुभगोदय', 'ज्ञानदीपिका' और 'चतु:शती टीका अर्थरत्नावली'। सौभाग्यरत्नाकर, ज्ञानदीपिका और अर्थरत्नावली सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय, वाराणसी से प्रकाशित हुई हैं। नित्यानंदनाथ: इनका पूर्वनाम नाराणय भट्ट है। उन्होंने दुर्वासा के 'देवीमहिम्न स्तोत्र' की टीका की थी। यह तन्त्रसंग्रह में प्रकाशित है। तन्त्रसंग्रह सम्पूर्णानन्दविश्वविद्यालय से प्रकाशित है। उनका 'ताराकल्पलता पद्धति' नामक ग्रंथ भी मिलता है। सर्वानंदनाथ: इनका नाम उल्लेखनीय है। यह 'सर्वोल्लासतंत्र' के रचयिता थे। इनका जन्मस्थान मेहर प्रदेश (बांग्लादेश) था। ये सर्वविद्या (दस महाविद्याओं) के एक ही समय में साक्षात् करने वाले थे। इनका जीवनचरित् इनके पुत्र के लिखे 'सर्वानंद तरंगिणी' में मिलता है। जीवन के अंतिम काल में ये काशी आकर रहने लगे थे। प्रसिद्ध है कि यह बंगाली टोला के गणेश मोहल्ला के राजगुरु मठ में रहे। यह असाधारण सिद्धिसंपन्न महात्मा थे। निजानंद प्रकाशानंद मल्लिकार्जुन योगीभद्र: इस नाम से एक महान सिद्ध पुरुष का पता चलता है। यह 'श्रीक्रमोत्तम' नामक एक चार उल्लास से पूर्ण प्रसिद्ध ग्रंथ के रचयिता थे। श्रीक्रमोत्तम श्रीविद्या की प्रासादपरा पद्धति है। ब्रह्मानंद: इनका नाम पहले आ चुका है। प्रसिद्ध है कि यह पूर्णनंद परमहंस के पालक पिता थे। शिक्ष एवं दीक्षागुरु भी थे। 'शाक्तानंद तरंगिणी' और'तारा रहस्य' इनकी कृतियाँ हैं। पूर्णानंद: 'श्रीतत्त्वचिंतामणि' प्रभृति कई ग्रंथों के रचयिता थे। श्रीतत्वचिन्तामणि का रचनाकाल 1577 ई॰ है। 'श्यामा अथवा कालिका रहस्य', 'शाक्त क्रम', 'तत्वानंद तरंगिणी', 'षटकर्मील्लास' प्रभृति इनकी रचनाएँ हैं। प्रसिद्ध 'षट्चक्र निरूपण', 'श्रीतत्वचितामणि' का षष्ठ अध्याय है। देवनाथ ठाकुर तर्कपंचानन: ये 16वीं शताब्दी के प्रसिद्ध ग्रंथकार थे। इन्होंने 'कौमुदी' नाम से सात ग्रंथों की रचना की थी। ये पहले नैयायिक थे और इन्होंने 'तत्वचिंतामणि' की टीका आलोक पर परिशिष्ट लिखा था। यह कूचविहार के राजा मल्लदेव नारायण के सभापंडित थे। इनके रचित 'सप्तकौमुदी' में 'मंत्रकौमुदी' एवं 'तंत्र कौमुदी' तंत्रशास्त्र के ग्रंथ हैं। इन्होंने 'भुवनेश्वरी कल्पलता' नामक ग्रंथ की भी रचना की थी। गोरक्ष: प्रसिद्ध विद्वान् एवं सिद्ध महापुरुष थे। 'महार्थमंजरी' नामक ग्रंथरचना से इनकी ख्याति बढ़ गई थी। इनके ग्रंथों के नाम इस प्रकार हैं- "महार्थमंजरी' और उसकी टीका 'परिमल', 'संविदुल्लास', 'परास्तोत्र', 'पादुकोदय', 'महार्थोदय' इत्यादि। 'संवित्स्तोत्र' के नाम से गोरक्ष के गुरु का भी एक ग्रंथ था। गोरक्ष के गुरु ने 'ऋजु विमर्शिनी' और 'क्रमवासना' नामक ग्रंथों की भी रचना की थी। सुभगानंद नाथ और प्रकाशानंद नाथ: सुभगांनंद केरलीय थे। इनका पूर्वनाम श्रीकंठेश था। यह कश्मीर में जाकर वहाँ के राजगुरु बन गए थे। तीर्थ करने के लिये इन्होंने सेतुबंध की यात्रा भी की जहाँ कुछ समय नृसिंह राज्य के निकट तंत्र का अध्ययन किया। उसके बाद कादी मत का 'षोडशनित्या' अर्थात् तंत्रराज की मनोरमा टीका की रचना इन्होंने गुरु के आदेश से की। बाईस पटल तक रचना हो चुकी थी, बाकी चौदह पटल की टीका उनके शिष्य प्रकाशानंद नाथ ने पूरी की। यह सुभगानंद काशी में गंगातट पर वेद तथा तंत्र का अध्यापन करते थे। प्रकाशानंद का पहला ग्रंथ 'विद्योपास्तिमहानिधि' था। इसका रचनाकाल 1705 ई॰ है। इनका द्वितीय ग्रंथ गुरु कृत मनोरमा टीका की पूर्ति है। उसका काल 1730 ई॰ है। प्रकाशानंद का पूर्वनाम शिवराम था। उनका गोत्र 'कौशिक' था। पिता का नाम भट्टगोपाल था। ये त्र्यंबकेश्वर महादेव के मंदिर में प्राय: जाया करते थे। इन्होंने सुभगानंद से दीक्षा लेकर प्रकाशानंद नाम ग्रहण किया था। कृष्णानंद आगमबागीश: यह बंग देश के सुप्रसिद्ध तंत्र के विद्वान् थे जिनका प्रसिद्ध ग्रंथ 'तंत्रसार' है। किसी किसी के मतानुसार ये पूर्णनंद के शिष्य थे परंतु यह सर्वथा उचित प्रतीत नहीं होता। ये पश्वाश्रयी तांत्रिक थे। कृष्णानंद का तंत्रसार आचार एवं उपासना की दृष्टि से तंत्र का श्रेष्ठ ग्रंथ है। महीधर: काशी में वेदभाष्यकार महीधर तंत्रशास्त्र के प्रख्यात पंडित हुए हैं। उनके ग्रंथ 'मन्त्रमहोदधि' और उसकी टीका अतिप्रसिद्ध हैं (रचनाकाल 1588 ई॰)। नीलकंठ: महाभारत के टीकाकार रूप से महाराष्ट्र के सिद्ध ब्रह्मण ग्रंथकार। ये तांत्रिक भी थे। इनकी बनाई 'शिवतत्वामृत' टीका प्रसिद्ध हैं। इसका रचनाकाल 1680 ई॰ है। आगमाचार्य गौड़ीय शंकर: आगमाचार्य गौड़ीय शंकर का नाम भी इस प्रसंग में उल्लेखनीय है। इनके पिता का नाम कमलाकर और पितामह का लंबोदर था। इनके प्रसिद्ध ग्रंथ तारा-रहस्य-वृत्ति और शिवार्च(र्ध)न माहात्म्य (सात अध्याय में) हैं। इसके अतिरिक्त इनके द्वारा रचित और भी दो-तीन ग्रंथों का पता चलता है जिनकी प्रसिद्धि कम है। भास्कर राय: 18वीं शती में भास्कर राय एक सिद्ध पुरुष काशी में हो गए हैं जो सर्वतंत्र स्वतंत्र थे। इनकी अलौकिक शक्तियाँ थी। इनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं- सौभाग्य भास्कर' (यह ललिता सहस्र-नाम की टीका है, रचनाकाल 1729 ई0) 'सौभाग्य चंद्रोदय' (यह सौभाग्यरत्नाकर की टीका है।) 'बरिबास्य रहस्य', 'बरिबास्यप्रकाश'; 'शांभवानंद कल्पलता'(भास्कर शाम्भवानन्दकल्पलता के अणुयायी थे - ऐसा भी मत है), 'सेतुबंध टीका' (यह नित्याषोडशिकार्णव पर टीका है, रचनाकाल 1733 ई॰); 'गुप्तवती टीका' (यह दुर्गा सप्तशती पर व्याख्यान है, रचनाकाल 1740 ई॰); 'रत्नालोक' (यह परशुराम 'कल्पसूत्र' पर टीका है); 'भावनोपनिषद्' पर भाष्य प्रसिद्ध है कि 'तंत्रराज' पर भी टीका लिखी थी। इसी प्रकार 'त्रिपुर उपनिषद्' पर भी उनकी टीका थी। भास्कर राय ने विभिन्न शास्त्रों पर अनेक ग्रंथ लिखे थे। प्रेमनिधि पंथ: इनका निवास कूर्माचल (कूमायूँ) था। यह घर छोड़कर काशी में बस गए थे। ये कार्तवीर्य के उपासक थे। थोड़ी अवस्था में उनकी स्त्री का देहांत हुआ। काशी आकर उन्होंने बराबर विद्यासाधना की। उनकी 'शिवतांडव तंत्र' की टीका काशी में समाप्त हुई। इस ग्रंथ से उन्हें बहुत अर्थलाभ हुआ। उन्होने तीन विवाह किए थे। तीसरी पत्नी प्राणमंजरी थीं। प्रसिद्व है कि प्राणमंजरी ने 'सुदर्शना' नाम से अपने पुत्र सुदर्शन के देहांत के स्मरणरूप से तंत्रग्रंथ लिखा था। यह तंत्रराज की टीका है। प्रेमनिधि ने 'शिवतांडव' टीका ' मल्लादर्श', 'पृथ्वीचंद्रोदय' और 'शारदातिलक' की टीकाएँ लिखी थीं। उनके नाम से 'भक्तितरंगिणी', 'दीक्षाप्रकाश' (सटीक) प्रसिद्ध है। कार्तवीर्य उपासना के विषय में उन्होंने 'दीपप्रकाश नामक' ग्रथ लिखा था। उनके 'पृथ्वीचंद्रोदय' का रचनाकाल 1736 ई॰ है। कार्तवीर्य पर 'प्रयोग रत्नाकर' नामक प्रसिद्ध ग्रंथ है। 'श्रीविद्या-नित्य-कर्मपद्धति-कमला' तंत्रराज से संबंध रखता है। वस्तुत: यह ग्रंथ भी प्राणमंजरी रचित है। उमानंद नाथ: यह भास्कर राय के शिष्य थे और चोलदेश के महाराष्ट्र राजा के सभापंडित थे। इनके दो ग्रंथ प्रसिद्ध हैं- 1.

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त्रिपुरा

त्रिपुरा उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित भारत का एक राज्य है। यह भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है जिसका क्षेत्रफल १०४९१ वर्ग किमी है। इसके उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में बांग्लादेश स्थित है जबकि पूर्व में असम और मिजोरम स्थित हैं। सन २०११ में इस राज्य की जनसंख्या लगभग ३६ लाख ७१ हजार थी। अगरतला त्रिपुरा की राजधानी है। बंगाली और त्रिपुरी भाषा (कोक बोरोक) यहाँ की मुख्य भाषायें हैं। आधुनिक त्रिपुरा क्षेत्र पर कई शताब्दियों तक त्रिपुरी राजवंश ने राज किया। त्रिपुरा की स्थापना 14वीं शताब्दी में माणिक्य नामक इंडो-मंगोलियन आदिवासी मुखिया ने की थी, जिसने हिंदू धर्म अपनाया था। 1808 में इसे ब्रिटिश साम्राज्य ने जीता, यह स्व-शासित शाही राज्य बना। 1956 में यह भारतीय गणराज्य में शामिल हुआ और 1972 में इसे राज्य का दर्जा मिला। त्रिपुरा का आधे से अधिक भाग जंगलों से घिरा है, जो प्रकृति-प्रेमी पर्यटकों को आकर्षित करता है, किंतु दुर्भाग्यवश यहां कई आतंकवादी संगठन पनप चुके हैं जो अलग राज्य की मांग के लिए समय-समय पर राज्य प्रशासन से लड़ते रहते हैं। हैंडलूम बुनाई यहां का मुख्य उद्योग है। .

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त्रिपुरी लोग

त्रिपुरी लोग त्विप्र राज्य के मूल निवासी हैं जिसमें वर्तमान समय के पूर्वोत्तर भारत तथा बांग्लादेश के कुछ भाग आते थे। त्रिपुरी लोगों के देववर्मा नामक राजपरिवार ने २००० वर्षों तक त्रुरा राज्य पर शासन किया। १९४९ में यह राज्य भारत में सम्मिलित हो गया। श्रेणी:भारत के लोग.

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त्रिशाल उपज़िला

त्रिशाल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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त्रैलोक्यनाथ चक्रवर्ती

त्रैलोक्यनाथ चक्रवर्ती (1888 - 1 अगस्त 1970) भारत के क्रान्तिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत को स्वतंत्र कराने के लिए उन्होने अपने जीवन के श्रेष्ठतम तीस वर्ष जेल की काल कोठरियों में बिताये। उनका संघर्षशील व्यक्तित्व, अन्याय, अनीति से जीवनपर्यन्त जूझने की प्रेरक कहानी है। त्रैलोक्य चक्रवर्ती को 'ढाका षडयंत्र केस' तथा 'बारीसाल षडयंत्र केस' का अभियुक्त बनाया गया था। आप 'महाराज' के नाम से प्रसिद्ध थे। .

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तेतुलिय़ा उपज़िला

तेतुलिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के पंचगड़ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय पंचगड़ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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तेरखादा उपज़िला

तेरखादा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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तीन बीघा गलियारा

तीन बीघा गलियारा भारत और बांग्लादेश की सीमा पर स्थित एक भारत का भूभाग है जो सितम्बर २०११ में बंगलादेश को लीज पर दे दिया गया ताकि बांग्लादेश के दहग्राम-अंगरपोटा नामक अंतर्वेशों (छिटमहल/enclaves) को सीधे भूमार्ग से बंगलादेश से जोड़ा जा सके। .

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तीस्ता नदी

तिस्ता नदी भारत के सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल राज्य तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। यह सिक्किम और पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी विभाग की मुख्य नदी है। पश्चिम बंगाल में यह दार्जिलिङ जिले में बहती है। तिस्ता नदी को सिक्किम और उत्तरी बंगाल की जीवनरेखा कहा जाता है। सिक्किम और पश्चिम बंगाल से बहती हुई यह बांग्लादेश में प्रवेश करती है और ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है। इस नदी की पूरी लम्बाई ३१५ किमी है। भारत और बंग्ला देश के बीच संयुक्त रूप से प्रवाहित होने वाली यह नदी भारत के सिक्किम और पश्चिम बंगा होते हुए बंगला देश में प्रवेश करती है। बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली यह नदी भारत के साथ ही बंगला देश की समृद्धि की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण नदी है। हिन्दू पुराणों के अनुसार यह नदी देवी पार्वती के स्तन से निकली है। 'तिस्ता' का अर्थ 'त्रि-स्रोता' या 'तीन-प्रवाह' है। सिक्किम प्रान्त की जितनी लम्बाई है लगभग पूरी लम्बाई लेकर बहती यह नदी वरदान्त हिमालय का समसितोष्ण र नदी की घाटी से उष्णकटिबंध तापमान को काटकर ले जाती है। चमकिली हरे (emerald) रंग की यह नदी बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी में मिलनेसे पूर्व सिक्किम और पश्चिम बंगाल की सीमा॑ओं के रूप में बहती है। .

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थानचि उपज़िला

थानचि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के बन्दरबान ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ७ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बन्दरबान सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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थाली (बर्तन)

स्टील की थाली एक खाना लगी भरी हुई थाली थाली (नेपाली: थाली, तमिल: தட்டு) भोजन करने के लिए एक बर्तन है जिसमें ज्यादातर भारत में ही प्रयोग की जाती है। साथ ही थाली का प्रयोग विशिष्ट खाने बनाने के लिए भी किया जाता है। यह भारत, नेपाल, बांग्लादेश, फिजी, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, मॉरीशस और सिंगापुर में भोजन करने के लिए लोकप्रिय है। .

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थेरवाद

थाई भिक्षु बर्मा के रंगून शहर में श्वेडागोन पगोडा थेरवाद या स्थविरवाद वर्तमान काल में बौद्ध धर्म की दो प्रमुख शाखाओं में से एक है। दूसरी शाखा का नाम महायान है। थेरवाद बौद्ध धर्म भारत से आरम्भ होकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व की ओर बहुत से अन्य एशियाई देशों में फैल गया, जैसे कि श्रीलंका, बर्मा, कम्बोडिया, वियतनाम, थाईलैंड और लाओस। यह एक रूढ़िवादी परम्परा है, अर्थात् प्राचीन बौद्ध धर्म जैसा था, उसी मार्ग पर चलने पर बल देता है। .

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दशमिना उपज़िला

दशमिना उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पटुय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पटुय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दही (योगहर्ट या योगर्ट)

तुर्की दही एक तुर्की ठंडा भूख बढ़ाने वाला दही का किस्म दही (Yoghurt) एक दुग्ध-उत्पाद है जिसे दूध के जीवाण्विक किण्वन के द्वारा बनाया जाता है। लैक्टोज के किण्वन से लैक्टिक अम्ल बनता है, जो दूध के प्रोटीन पर कार्य करके इसे दही की बनावट और दही की लाक्षणिक खटास देता है। सोय दही, दही का एक गैर-डेयरी विकल्प है जिसे सोय दूध से बनाया जाता है। लोग कम से कम 4,500 साल से दही-बना रहे हैं-और खा रहे हैं। आज यह दुनिया भर में भोजन का एक आम घटक है। यह एक पोषक खाद्य है जो स्वास्थ्य के लिए अद्वितीय रूप से लाभकारी है। यह पोषण की दृष्टि से प्रोटीन, कैल्सियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन B6 और विटामिन B12 में समृद्ध है। .

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दामुड़हुदा उपज़िला

दामुड़हुदा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के चुय़ाडांगा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय चुय़ाडांगा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दाल-भात

दाल-भात (दालभात, ডাল ভাত, દાળ ભાત, डाळ भात) भारतीय उपमहाद्वीप की लोकप्रिय भोजन है, इसे बांग्लादेश, नेपाल और भारत में दैनिक भोजन के रूप में बनाया जाता है। श्रेणी:उत्तर नेपाल का खाना.

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दागनभूँइय़ा उपज़िला

दागनभूँइय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के फेनी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय फेनी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दाकोप उपज़िला

दाकोप उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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दाउदकान्दि उपज़िला

दाउदकान्दि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दिन-रात क्रिकेट

दिन-रात क्रिकेट मैच का एक दृश्य ट्रेंट ब्रीज का दिन-रात क्रिकेट (अंग्रेजी: Day/Night Cricket और Floodlight Cricket) जो कि आमतौर पर दिन और रात में खेले जाने वाले क्रिकेट मैचों को कहा जाता है। दिन - रात का पहला मैच प्रथम श्रेणी क्रिकेट के तहत १९९४ में खेला गया था। अभी वर्तमान में लगभग ७० से ८० प्रतिशत तक दिन-रात में ही मैच खेले जाते हैं। २०११ आईसीसी क्रिकेट विश्व कप जो कि भारत,बांग्लादेश तथा श्रीलंका में आयोजित किया गया था उनके लगभग आधे मैच दिन-रात में खेले गए थे। २०१५ में ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूज़ीलैंड में आयोजित किया गया २०१५ आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के मैच भी दिन-रात खेले गए थे। .

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दिनाजपुर सदर उपज़िला

दिनाजपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला दिनाजपुर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दिनेश चन्द्र गुप्त

महान क्रान्तिकारी दिनेश चन्द्र गुप्त दिनेश चन्द्र गुप्त (6 दिसम्बर 1911 – 7 जुलाई 1931) भारत के क्रान्तिकारी थे जिन्होने भारत पर ब्रितानी उपनिवेश के विरुद्ध संघर्ष किया। दिनेश गुप्त का जन्म बंगाल के मुंशीगंज जिले के जोशोलांग गाँव में हुआ था जो अब बांग्लादेश में है। ८ दिसम्बर १९३० को यूरोपियन वेश में तीन युवा क्रांतिकारी दिनेश चन्द्र गुप्त, विनय बसु और बादल गुप्ता कोलकाता की राइटर्स बिल्डिंग में प्रवेश कर गए और जेलों में भारतीय कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार करने वाले इन्स्पेक्टर जनरल ऑफ़ प्रिजन एन.एस.

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दिनेश दासगुप्त

दिनेश दासगुप्त (५ नवम्बर १९११ - २३ अगस्त २००६) भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन के महान क्रांतिकारी थे। अंग्रेजों ने उन्हें लकाले पानी की सजा दी थी। अगर सच्चे अर्थों में किसी को क्रांतिकारी समाजवादी कहा जा सकता है तो दिनेश दासगुप्त के नाम का स्मरण आयेगा ही.

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दिघलिय़ा उपज़िला

दिघलिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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दवा कंपनियों की सूची

स्वास्थ्य सेवा राजस्व द्वारा श्रेणित 50 सबसे बड़ी दवा और जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों की सूची निम्नलिखित है.

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दक्षिण एशिया वन्यजीव प्रवर्तन नेटवर्क

दक्षिण एशिया वन्यजीव प्रवर्तन नेटवर्क (South Asia Wildlife Enforcement Network (SAWEN/सावन)) दक्षिण एशियाई देशों की अन्त्र-सरकार संस्था है जो वन्यजीवों से सम्बन्धित कानूनों को कार्यान्वित करने का कार्य करती है। इसमें भारत, श्रीलंका, अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव तथा पाकिस्तान सम्मिलित हैं। इसका आरम्भ २०११ में भूटान से किया गया था। यह संस्था क्षेत्रीय सहयोग द्वारा वन्यजीवों से सम्बन्धित अपराधों को रोकने का कार्य करती है। इसका सचिवालय काठमाण्डू में है। .

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दक्षिण एशिया उपग्रह

दक्षिण एशिया उपग्रह (इंग्लिश: South Asia Satellite) जिसका नाम पहले सार्क उपग्रह (SAARC Satellite) था, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) क्षेत्र के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा बनाया गया भू-समकालिक संचार और मौसम विज्ञान उपग्रह है। २०१४ में नेपाल में आयोजित १८वें सार्क शिखर सम्मेलन के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उपग्रह सार्क के सदस्य देशों की आवश्यकताओं की सेवा का विचार रखा था। जो उनकी 'पहले पड़ोस' नीति का हिस्सा था। हालांकि उपग्रह सार्क क्षेत्र में सेवा करने का इरादा है, पाकिस्तान कार्यक्रम से बाहर निकल गया, जबकि अफगानिस्तान और बांग्लादेश ने अपनी वचनबद्धता देने का वायदा नहीं किया था।, Economic Times .

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दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र

दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र के बारे में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन के बारहवें अधिवेशन में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हुआ था। जिसमें भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान एवं मालदीव के बीच 2016 तक मुक्त व्यापार क्षेत्र कायम करने का प्रस्ताव रखा गया। इसमें सार्क देशों के सारे विदेश मंत्री उपस्थित थे। इसमें साप्टा पर इन देशों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किये थे। .

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दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय

दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (एसएयू), दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के आठ सदस्य राज्यों द्वारा प्रायोजित एक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है। आठ देश हैं: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका। दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय ने अकबर भवन, भारत में अस्थायी परिसर में, 2010 में छात्रों को स्वीकार करना शुरू किया। इसका स्थायी परिसर भारत में दक्षिण दिल्ली, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (आईजीएनओयू) के बगल में मैदान गढ़ी में होगा। विश्वविद्यालय का पहला अकादमिक सत्र अगस्त 2010 में दो स्नातकोत्तर शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ अर्थशास्त्र और कंप्यूटर विज्ञान में शुरू हुआ था। 2014 के रूप में एसएयू ने गणित, जैव प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर विज्ञान, विकास अर्थशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय संबंधों, कानून और समाजशास्त्र में मास्टर और एमफिल / पीएचडी कार्यक्रमों की पेशकश की। 8 देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा हस्ताक्षरित एक अंतर-सरकारी समझौते के अनुसार सार्क के सभी सदस्य राष्ट्रों द्वारा विश्वविद्यालय की डिग्री मान्यता प्राप्त है। दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय, प्रमुख रूप से सभी आठ सार्क देशों से छात्रों को आकर्षित करता है, हालांकि अन्य महाद्वीपों के छात्र भी भाग लेते हैं। छात्रों के प्रवेश के लिए कोटा प्रणाली है। हर साल एसएयू सभी 8 देशों में कई केन्द्रों में प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। .

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दक्षिण एशियाई खेल

दक्षिण एशिया ओलम्पिक परिषद चिह्न दक्षिण एशियाई खेल (जिन्हें सैफ़ खेल या सैग और पूर्व में दक्षिण एशियाई संघ खेलों के नाम से भी जाना जाता था) द्वि-वार्षिक बहु-क्रीड़ा प्रतियोगिता है, जिसमें दक्षिण एशियाई खिलाड़ी प्रतिभागी होते हैं। इन खेलों का शासी निकाय दक्षिण एशियाई खेल परिषद है, जिसकी स्थापना १९८३ में हुई थी। वर्तमान में सैग के आठ सदस्य हैं अफ़्गानिस्तान, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत, भूटान, मालदीव और श्रीलंका। प्रथम सैफ़ खेल १९८४ में काठमांडु, नेपाल में आयोजित हुए थे और तबसे ये खेल प्रति दो वर्षों के अन्तराल पर आयोजित होते हैं, केवल कुछ अवसरों को छोड़कर। २००४ में दक्षिण एशियाई खेल परिषद की ३२वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया की इन खेलों का नाम दक्षिण एशियाई संघ खेलों से बदलकर दक्षिण एशियाई खेल कर दिया जाए क्योंकि अधिकारियों का मानना था की संघ शब्द प्रतियोगिता पर कम बल दे रहा है और भीड़ आकर्षित करने में बाधक बन रहा है। इस खेलों को बहुधा दक्षिण एशिया ओलम्पिक खेलों के रूपान्तर के रूप में बढ़ाचढ़ा कर प्रस्तुत किया जाता है। .

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दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। संगठन के सदस्य देशों की जनसंख्या (लगभग 1.5 अरब) को देखा जाए तो यह किसी भी क्षेत्रीय संगठन की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली है। इसकी स्थापना ८ दिसम्बर १९८५ को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी। अप्रैल २००७ में संघ के 14 वें शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान इसका आठवा सदस्य बन गया। .

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दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन के सदस्य राष्ट्र

दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (Association of Southeast Asian Nations) दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र का संगठन है जिसका लक्ष्य सदस्य राष्ट्रों के मध्य आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, सांस्कृतिक विकास तथा क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देना है। आसियान के 10 सदस्य राष्ट्र, एक उम्मीद्वार राष्ट्र तथा एक पर्यवेक्षक राष्ट्र है। आसियान की स्थापना 8 अगस्त 1967 में पाँच सदस्यों के साथ की गयी थी: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन्स, सिंगापुर तथा थाईलैंड। .

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दक्षिण सुनामगंज उपज़िला

दक्षिण सुनामगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दक्षिण सुरमा उपज़िला

दक्षिण सुरमा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दक्षेस महासचिव

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन महासचिव, सार्क सचिवालय का प्रमुख है, जिसका काठमांडू, नेपाल में मुख्यालय है। सार्क आठ दक्षिण एशियाई सदस्य देशों, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच एक आर्थिक और भू राजनीतिक संघ है। सदस्य-राज्यों के मंत्रियों की परिषद द्वारा चुनाव से तीन साल की अवधि के लिए महासचिव नियुक्त किया जाता है। 1987 को बांग्लादेशी राजनयिक अबुल अहसान ने अपने पहले महासचिव के रूप में काठमांडू में सार्क सचिवालय की स्थापना की थी और नेपाल के राजा बिरेंद्र बीर बिक्रम शाह ने उद्घाटन किया था। इसकी रचना के बाद से, इसके सदस्य देशों ने कुल 13 तेरह सचिवों को रूप में योगदान दिया है। पाकिस्तान के राजनयिक अमजद हुसैन बी सियाल 1 मार्च, 2017 को प्रभार संभालने वाले मौजूदा महासचिव हैं। .

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दक्षेस गान

दक्षेस गान जो आठ दक्षिण एशियाई देशों के लिए एक प्रस्तावित क्षेत्रीय गान है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका इस दक्षेस के सदस्य हैं। इस गान रचनाकार भारतीय राजनयिक और कवि अभय कुमार हैं। वें नेपाल स्थित भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (प्रेस, सूचना एवं संस्कृति) के रूप में तैनात हैं। अभय कुमार ने दक्षेस गान को मूलत: हिंदी में लिखा है लेकिन अब इसका अनुवाद सात अन्य दक्षेस राष्ट्रों की मातृभाषा में किया हैं। इस गान को लिखकर अभय कुमार ने दक्षेस देशों में परस्पर सहयोग की भावना को और पुष्ट करने की कोशिश की हैं। गान में दक्षेस के सभी आठ देशों- नेपाल, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मालदीव, श्रीलंका और भूटान की भाषाओं का इस्तेमाल किया गया है। दक्षेस गान को सर्वप्रथम नेपाल से प्रकाशित हिन्दी मासिक ‘हिमालिनी’ नामक वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया। .

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दुमकी उपज़िला

दुमकी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पटुय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पटुय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दुर्गा पूजा

दूर्गा पूजा (দুর্গাপূজা अथवा দুৰ্গা পূজা अथवा ଦୁର୍ଗା ପୂଜା, सुनें:, "माँ दूर्गा की पूजा"), जिसे दुर्गोत्सव (দুর্গোৎসব अथवा ଦୁର୍ଗୋତ୍ସବ, सुनें:, "दुर्गा का उत्सव" के नाम से भी जाना जाता है) अथवा शरदोत्सव दक्षिण एशिया में मनाया जाने वाला एक वार्षिक हिन्दू पर्व है जिसमें हिन्दू देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। इसमें छः दिनों को महालय, षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा को मनाये जाने की तिथियाँ पारम्परिक हिन्दू पंचांग के अनुसार आता है तथा इस पर्व से सम्बंधित पखवाड़े को देवी पक्ष, देवी पखवाड़ा के नाम से जाना जाता है। दुर्गा पूजा का पर्व हिन्दू देवी दुर्गा की बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। अतः दुर्गा पूजा का पर्व बुराई पर भलाई की विजय के रूप में भी माना जाता है। दुर्गा पूजा भारतीय राज्यों असम, बिहार, झारखण्ड, मणिपुर, ओडिशा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में व्यापक रूप से मनाया जाता है जहाँ इस समय पांच-दिन की वार्षिक छुट्टी रहती है। बंगाली हिन्दू और आसामी हिन्दुओं का बाहुल्य वाले क्षेत्रों पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा में यह वर्ष का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। यह न केवल सबसे बड़ा हिन्दू उत्सव है बल्कि यह बंगाली हिन्दू समाज में सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से सबसे महत्त्वपूर्ण उत्सव भी है। पश्चिमी भारत के अतिरिक्त दुर्गा पूजा का उत्सव दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, कश्मीर, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में भी मनाया जाता है। दुर्गा पूजा का उत्सव 91% हिन्दू आबादी वाले नेपाल और 8% हिन्दू आबादी वाले बांग्लादेश में भी बड़े त्यौंहार के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में विभिन्न प्रवासी आसामी और बंगाली सांस्कृतिक संगठन, संयुक्त राज्य अमेरीका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैण्ड, सिंगापुर और कुवैत सहित विभिन्न देशों में आयोजित करवाते हैं। वर्ष 2006 में ब्रिटिश संग्रहालय में विश्वाल दुर्गापूजा का उत्सव आयोजित किया गया। दुर्गा पूजा की ख्याति ब्रिटिश राज में बंगाल और भूतपूर्व असम में धीरे-धीरे बढ़ी। हिन्दू सुधारकों ने दुर्गा को भारत में पहचान दिलाई और इसे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों का प्रतीक भी बनाया। .

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दुर्गापुर उपज़िला, नेत्रकोना

दुरगापुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दुर्गापुर उपज़िला, राजशाही

दुर्गापुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के राजशाही ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। .

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दौलतपुर थाना

दौलतपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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दौलतपुर उपज़िला

दौलतपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के कुष्टिय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुष्टिय़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दौलतपुर उपज़िला (मानिकगञ्ज)

दौलतपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मानिकगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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दौलतखान उपज़िला

दौलतखान उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के भोला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय भोला सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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देबहाटा उपज़िला

देबहाटा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के सातक्षीरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सातक्षीरा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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देबीद्बार उपज़िला

देबीद्बार उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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देबीगञ्ज उपज़िला

देबीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के पंचगड़ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय पंचगड़ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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देराइ उपज़िला

देराइ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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देलदुय़ार उपज़िला

देलदुय़ार उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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देशों के दूरभाष कूट की सूची

यह ITU-T की सिफारिश E.164 के अनुसार देशों की दूरभाष कुट सँख्या कि सुची है। .

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देशों के राजचिह्नों की सूची

This gallery of sovereign state coats of arms shows the coat of arms (or an emblem serving a similar purpose) of each of the sovereign states in the list of sovereign states.

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देशी भाषाओं में देशों और राजधानियों की सूची

निम्न चार्ट विश्व के देशों को सूचीबद्ध करता है (जैसा की यहां परिभाषित किया गया है), इसमें उनके राजधानीयों के नाम भी शामिल है, यह अंग्रेजी के साथ साथ उस देश की मूल भाषा और/या सरकारी भाषा में दी गयी है। ज टी की कोण नॉन en .

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देशीय कोड उच्चतम डोमेन

देशीय कोड उच्चतम डोमेन (Country code top-level domain) या सी॰सी॰टी॰ऍल॰डी॰ (ccTLD) किसी देश, राष्ट्र या अधीन क्षेत्र के लिए प्रयोग होने वाली या आरक्षित इंटरनेट उच्चतम डोमेन (Top-level domain) को कहते हैं। सभी आस्की (कम्प्यूटर में अंग्रेज़ी की रोमन लिपि) पर आधारित सीसीटीऍलडी दो अक्षरों के होते हैं, मसलन नेपाल का सीसीटीऍलडी '.np' और श्रीलंका का सीसीटीऍलडी '.lk' है।, Request for Comments, Jon Postel, Network Working Group, Accessed 2011-02-07,...

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दोय़ाराबाजार उपज़िला

दोय़ाराबाजार उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दोहार उपज़िला

दोहार उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के ढाका ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल ५ उपज़िले है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है, और वृहत्तर ढाका महानगर क्षेत्र का अंश है। .

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दीघिनाला उपज़िला

दीघिनाला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के खागड़ाछड़ि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय खागड़ाछड़ि सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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दीवानगंज उपज़िला

दीवानगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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धनबाड़ी उपज़िला

धनबाड़ी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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धर्मपाशा उपज़िला

धर्मपाशा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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धानुक जाति

धानुक (अंग्रेजी: Dhanuk), एक जातीय समूह है जिसके सदस्य बांग्लादेश, भारत और नेपाल में पाए जाते हैं। भारत में धानुक दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार, त्रिपुरा, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पाए जाते हैं। उन्हें पिछड़े जाति का दर्जा प्रदान किया गया है । नेपाल मे वे सप्तरी, सिरहा और धनुषा के तराई जिलों में बसे हुए हैं। वे या तो क्षत्रिय या एक अल्पसंख्यक स्वदेशी लोग हैं। पूर्वी तराई के धानुक मंडल के रूप में भी जाना जाता है । और पश्चिमी तराई के धानुक 'पटेल' कहलाते हैं। बिहार में धानुक जसवाल कुर्मी के रूप में भी जाना जाता है। पूरे बिहार में इनके उपनाम सिंह, महतो, मंडल, राय, पटेल, विश्वास इत्यादि हैं। दोनों देशों में धानुक हिन्दू हैं, और इस तरह के भोजपुरी और अवधी के रूप में हिंदी के विभिन्न बोलियों, बोलते हैं। परंपरा के अनुसार, 'धनुक' संस्कृत शब्द 'धनुषकः' से लिया गया है जिसका अर्थ है धनुषधारी। धानुक जा‍ति‍ के लोग राजा महाराजा काल मे उनकी अग्रिम पंक्ति में धनुर्धर थे जो पहला आक्रमण करते थे किसी भी युद्ध मे, क्योंकि इनकी निशानेबाजी सभी जातियों में सबसे अच्छी थी। धानुक जो धनुष्क से उद्धरित हुआ है इसका मतलब ही धनुष चलाने वाला होता है जिसका उल्लेख मालिक मुहम्मद जायसी की किताब पद्मावत में भी उल्लेख है। आशीर्वादी लाल श्रीवास्तव की किताब दिल्ली सल्तनत में भी इसी बात का उल्लेख है। .

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धामराइ उपज़िला

धामराइ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के ढाका ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल ५ उपज़िले है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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धामुरहाट उपज़िला

धामुरहाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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धारीदार करैत

धारीदार करैत धारीदार करैत (Bungarus fasciatus) भारत, बांग्लादेश एवं दक्षिणपूर्व एशिया में पाया जाने वाला विषधर साँप है। यह एक जहरीला सांप है जो विषहीन सांपों का भक्षण कर उनकी संख्या को नियंत्रित रखते हुए जैव विविधता में महत्वपूर्ण योगदान देता है। .

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धालेश्वरी नदी

धालेश्वरी नदी धालेश्वरी नदी बांग्लादेश में बहनेवाली जमुना नदी की शाखा है। यह मुंशीगंज और मदनगंज होती हुई जूट और धान के सघन क्षेत्रों में प्रवाहित होती है। इसमें ब्रह्मपुत्र नदी की एक शाखा आकर ठीक नारायणगंज के पूर्व में मिल जाती है। इसकी उत्तरी शाखा का नाम 'बूढ़ी गंगा नदी' है, जिसपर प्रसिद्ध नगर ढाका स्थित है। .

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धुनट उपज़िला

धुनट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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धुपचँचिय़ा उपजिला

धुपचँचिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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धुबरी

धुबरी नगर, पश्चिमी असम राज्य, पूर्वोत्तर भारत में स्थित है। बांग्लादेश सीमा के ठीक पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित धुबुरी चावल, पटसन, मछली और अन्य उत्पादों का व्यापार केंद्र है। .

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धोबाउड़ा उपज़िला

धोबाउड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नड़ागाति उपज़िला

नड़ागाति उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के नड़ाइल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 3 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नड़ाइल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नड़ाइल सदर उपज़िला

नड़ाइल सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला नड़ाइल जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह खुलना विभाग के नड़ाइल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 3 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नड़ाइल सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नड़िय़ा उपज़िला

नड़िय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के शरिय़तपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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नबाबगञ्ज उपज़िला

नबाबगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नबीनगर उपज़िला

नबीनगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के ब्राह्मणबाड़िय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नबीगंज उपज़िला

नबीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के हाबीगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ८ उपज़िले हैं, और मुख्यालय हाबीगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नरसिंदी सदर उपज़िला

नरसिंदी सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नरसिंदी जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए अंतरराष्ट्रीय प्रधानमन्त्रीय यात्राओं की सूची

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मई २०१६ में तेहरान, ईरान में पधारते हुए। २०१४ के आम चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधान मंत्री बने। नरेन्द्र मोदी द्वारा की गयीं अन्तर्राष्ट्रीय प्रधानमन्त्रीय यात्राओं की सूची इस प्रकार है। .

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नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति

नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति को मोदी सिद्धान्त भी कहते हैं। २६ मई, २०१४ को सत्ता में आने के तुरन्त बाद से ही मोदी सरकार ने अन्य देशों के साथ सम्बन्धों को नया आयाम देने की दिशा में कार्य करना आरम्भ कर दिया। श्रीमती सुषमा स्वराज भारत की विदेश मंत्री हैं। दक्षिण एशिया के अपने पड़ोसियों से सम्बन्ध सुधारना मोदी की विदेश नीति के केन्द्र में है। इसके लिए उन्होने १०० दिन के अन्दर ही भूटान, नेपाल, जापान की यात्रा की। इसके बाद अमेरिका, म्यांमार, आस्ट्रेलिया और फिजी की यात्रा की। श्रीमती सुषमा स्वराज ने भी बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, सिंगापुर, वियतनाम, बहरीन, अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, यूएसए, यूके, मॉरीसस, मालदीव, यूएईदक्षिण कोरिया, चीन, ओमान, और श्रीलंका की यात्रा की है। ९वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं के साथ मोदी .

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नलछिटी उपज़िला

नलछिटी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के झालोकाठी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 4 उपज़िले हैं, और मुख्यालय झालोकाठी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नाचोल उपज़िला

नाचोल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नवाबगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय नवाबगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नाटोर सदर उपज़िला

नाटोर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला नाटोर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह राजशाही विभाग के नाटोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नाटोर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नात ए शरीफ़

नात ए शरीफ़: (अरबी - نعت) उर्दू और फ़ारसी में नात ए शरीफ़ (نعت شریف): इस्लामी पद्य साहित्य में एक पद्य रूप है, जिस में पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब की तारीफ़ करते लिखी जाती है। इस पद्य रूप को बडे अदब से गाया भी जाता है। अक्सर नात ए शरीफ़ लिखने वाले आम शायर को नात गो शायर कहते हैं और गाने वाले को नात ख्वां कहते हैं। यह नात ख्वानी का रिवाज भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश में आम है। भाशा अनुसार देखें तो, पश्तो, बंगाली, उर्दू और पंजाबी में नात ख्वानी आम है। नात ख्वां तुर्की, फ़ारसी, अरबी, उर्दू, बंगाली, पंजाबी, अंग्रेज़ी, कश्मीरी और सिंधी भाशाओं में आम है। .

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नानिय़ाचर उपज़िला

नानिय़ाचर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के रांगामाटि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रांगामाटि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नान्दाईल उपज़िला

नान्दाईल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नाराय़णगञ्ज नगर निगम

नाराय़णगंज सिटी कॉर्पोरेशन यानि नाराय़णगंज नगर निगम, बांग्लादेश के नाराय़णगंज नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के नाराय़णगंज नगर के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। नाराय़णगंज, बांग्लादेश के नाराय़णगंज विभाग में स्थित, बांग्लादेश के बृहत्तम् नगरों में से एक है। इस निकाय की स्थापना नाराय़णगंज के प्रशासन हेतु एक नगर पालिका के रूप में हुआ था, तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम के स्तर पर उन्नतस्थ कर दिया गया। .

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नाराय़णगञ्ज सदर उपज़िला

नाराय़णगंज सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नाराय़णगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नाराय़णगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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नालडांगा उपज़िला

नालडांगा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नाटोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नाटोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नालिताबाड़ी उपज़िला

नालिताबाड़ी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के शेरपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नासिर जमशेद

नासिर जमशेद (Nasir Jamshed) (ناصر جمشید; जन्म ०६ दिसम्बर १९८९) एक क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर है जो पाकिस्तान क्रिकेट टीम की ओर से टेस्ट क्रिकेट,एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और ट्वेन्टी - ट्वेन्टी क्रिकेट खेलते है। नासिर जमशेद बांए हाथ के एक शुरुआती क्रम के बल्लेबाज है यानी टीम के ओपनर बल्लेबाज है। .

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नासिरनगर उपज़िला

नासिरनगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के ब्राह्मणबाड़िय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नासिराबाद (स्वरूपकाठी) उपज़िला

नासिराबाद उपजिला या स्वरूपकाठी, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पिरोजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पिरोजपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नागरपुर उपज़िला

नागरपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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नागेश्वरी उपज़िला

नागेश्वरी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के कुड़िग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुड़िग्राम सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नाइक्ष्यंछड़ि उपज़िला

नाइक्ष्यंछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के बन्दरबान ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ७ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बन्दरबान सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नितु कुंडु

The SAARC fountain, Dhaka नितु कुंडु (पुरा नाम: नित्य गोपाल कुंडु) का जन्म 3 दिसंबर 1935 को बंग्लादेश में हुआ था। ये एक शिल्पकार एंव कलाकार थें.

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निमतपुर उपज़िला

निमतपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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निलफामारी सदर उपज़िला

निलफामारी सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला निलफामारी जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह रंगपुर विभाग के निलफामारी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय निलफामारी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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निलीना अब्राहम

निलीना अब्राहम (उर्फ़ दत्ता) (जन्म २७ जुलाई १९२५) भारत के केरल के लेखक और अनुवादक  हैं। इनका जन्म वे बांग्लादेश हुआ था। इन्होंने बंगाली भाषा, राजनीतिक विज्ञान और इतिहास में मास्टर की डिग्री हासिल करने के बाद, वे केरल के एर्नाकुलम क्षेत्र में वापस आने के बाद, महाराजा कॉलेज में बंगाली प्रोफेसर के रूप में और तिरुवनंतपुरम के द्रविड़ भाषा विज्ञानओं की इंटरनेशनल स्कूल में डॉ सुनीति कुमार चट्टर्जी बंगाली प्रोफेसर बनके कार्य पर रही। वे आठ से अधिक बंगाली किताबों को मलयालम एवं दस मलयालम किताबों को बंगाली में अनुवाद कर चुकी है। १९८९ में उन्होंने मलयालम मूल की, मिकों मोहम्मद बशीर द्वारा लिखी गई छोटे कहानियों का संकलन Pathummayude Adu और Balyakalasakhi को मलयालम में अनुवाद करने के लिए उनको  साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया। ये एर्नाकुलम वास करते हैं और इनके पति का नाम इब्राहीम ट्रॅन है। .

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निहारी

निहारी (نهاری) पाकिस्तान, भारत, But if there is one dish that migrated from Delhi to Karachi and became a roaring success then it is none other than nihari, a curry with lots of red meat, a sprinkling of bheja (brain) and garnished with thin slices of ginger.

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निकलोडियन भारत

निकलोडियन भारत (अंग्रेज़ी: Nickelodeon India) या निक (अंग्रेज़ी: Nick), बच्चों को समर्पित एक टेलीविजन चैनल है जिसका मुख्यालय भारत में मुंबई में स्थित है। यह वायाकॉम 18 का हिस्सा है। भारत में निकलोडियन चार भाषाओं क्रमश: अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में उपलब्ध है। इसे भारत में सन 1999 में वायाकॉम इंटरनेशनल द्वारा शुरु किया गया था जबकि आज इसका संचालन वायाकॉम 18 द्वारा किया जाता है। भारत में यह सभी प्रमुख केबल टीवी प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है। निकलोडियन भारत को श्रीलंका और बांग्लादेश में सभी देय टीवी प्लेटफार्मों पर देखा जा सकता है। .

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निकली उपज़िला

निकली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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नजीरपुर उपज़िला

नजीरपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पिरोजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पिरोजपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नव वर्ष

भारतीय नववर्ष की विशेषता   - ग्रंथो में लिखा है कि जिस दिन सृष्टि का चक्र प्रथम बार विधाता ने प्रवर्तित किया, उस दिन चैत्र शुदी १ रविवार था। हमारे लिए आने वाला संवत्सर २०७५ बहुत ही भाग्यशाली होगा, क़्योंकि इस वर्ष भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को रविवार है,   शुदी एवम  ‘शुक्ल पक्ष एक ही  है। चैत्र के महीने के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि (प्रतिपद या प्रतिपदा) को सृष्टि का आरंभ हुआ था।हमारा नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को शरू होता है| इस दिन ग्रह और नक्षत्र मे परिवर्तन होता है | हिन्दी महीने की शुरूआत इसी दिन से होती है | पेड़-पोधों मे फूल,मंजर,कली इसी समय आना शुरू होते है,  वातावरण मे एक नया उल्लास होता है जो मन को आह्लादित कर देता है | जीवो में धर्म के प्रति आस्था बढ़ जाती है | इसी दिन ब्रह्मा जी  ने सृष्टि का निर्माण किया था | भगवान विष्णु जी का प्रथम अवतार भी इसी दिन हुआ था | नवरात्र की शुरुअात इसी दिन से होती है | जिसमे हमलोग उपवास एवं पवित्र रह कर नव वर्ष की शुरूआत करते है | परम पुरूष अपनी प्रकृति से मिलने जब आता है तो सदा चैत्र में ही आता है। इसीलिए सारी सृष्टि सबसे ज्यादा चैत्र में ही महक रही होती है। वैष्णव दर्शन में चैत्र मास भगवान नारायण का ही रूप है। चैत्र का आध्यात्मिक स्वरूप इतना उन्नत है कि इसने वैकुंठ में बसने वाले ईश्वर को भी धरती पर उतार दिया। न शीत न ग्रीष्म। पूरा पावन काल। ऎसे समय में सूर्य की चमकती किरणों की साक्षी में चरित्र और धर्म धरती पर स्वयं श्रीराम रूप धारण कर उतर आए,  श्रीराम का अवतार चैत्र शुक्ल नवमी को होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि  के ठीक नवे दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था | आर्यसमाज की स्थापना इसी दिन हुई थी | यह दिन कल्प, सृष्टि, युगादि का प्रारंभिक दिन है | संसारव्यापी निर्मलता और कोमलता के बीच प्रकट होता है हमारा अपना नया साल *  *विक्रम संवत्सर विक्रम संवत का संबंध हमारे कालचक्र से ही नहीं, बल्कि हमारे सुदीर्घ साहित्य और जीवन जीने की विविधता से भी है। कहीं धूल-धक्कड़ नहीं, कुत्सित कीच नहीं, बाहर-भीतर जमीन-आसमान सर्वत्र स्नानोपरांत मन जैसी शुद्धता। पता नहीं किस महामना ऋषि ने चैत्र के इस दिव्य भाव को समझा होगा और किसान को सबसे ज्यादा सुहाती इस चैत मेे ही काल गणना की शुरूआत मानी होगी। चैत्र मास का वैदिक नाम है-मधु मास। मधु मास अर्थात आनंद बांटती वसंत का मास। यह वसंत आ तो जाता है फाल्गुन में ही, पर पूरी तरह से व्यक्त होता है चैत्र में। सारी वनस्पति और सृष्टि प्रस्फुटित होती है,  पके मीठे अन्न के दानों में, आम की मन को लुभाती खुशबू में, गणगौर पूजती कन्याओं और सुहागिन नारियों के हाथ की हरी-हरी दूब में तथा वसंतदूत कोयल की गूंजती स्वर लहरी में। चारों ओर पकी फसल का दर्शन,  आत्मबल और उत्साह को जन्म देता है। खेतों में हलचल, फसलों की कटाई, हंसिए का मंगलमय खर-खर करता स्वर और खेतों में डांट-डपट-मजाक करती आवाजें। जरा दृष्टि फैलाइए, भारत के आभा मंडल के चारों ओर। चैत्र क्या आया मानो खेतों में हंसी-खुशी की रौनक छा गई। नई फसल घर मे आने का समय भी यही है | इस समय प्रकृति मे उष्णता बढ्ने लगती है, जिससे पेड़ -पौधे, जीव-जन्तु मे नव जीवन आ जाता है | लोग इतने मदमस्त हो जाते है कि आनंद में मंगलमय  गीत गुनगुनाने लगते है | गौर और गणेश कि पूजा भी इसी दिन से तीन दिन तक राजस्थान मे कि जाती है | चैत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के समय जो वार होता है वह ही वर्ष में संवत्सर का राजा कहा जाता है,  मेषार्क प्रवेश के दिन जो वार होता है वही संवत्सर का मंत्री होता है इस दिन सूर्य मेष राशि मे होता है | नये साल के अवसर पर फ़्लोरिडा में आतिशबाज़ी का एक दृश्य। नव वर्ष एक उत्सव की तरह पूरे विश्व में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। .

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नवाबगञ्ज उपज़िला

नवाबगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के ढाका ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल ५ उपज़िले है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है, और वृहत्तर ढाका महानगर क्षेत्र का अंश है। .

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नवाबगंज सदर उपज़िला

नवाबगंज सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला नवाबगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह राजशाही विभाग के नवाबगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय नवाबगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नगरकान्दा उपज़िला

नगरकान्दा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के फरिदपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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नंदीग्राम उपजिला

नंदीग्राम उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नओगाँ सदर उपज़िला

नओगाँ सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला नओगाँ जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नकला उपज़िला

नकला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के शेरपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नुक्‍कड़ नाटक

पुणे के एक पार्क में नुक्कड़-नाटक का दृश्य नुक्‍कड़ नाटक एक ऐसी नाट्य विधा है, जो परंपरागत रंगमंचीय नाटकों से भिन्‍न है। यह रंगमंच पर नहीं खेला जाता तथा आमतौर पर इसकी रचना किसी एक लेखक द्वारा नहीं की जाती, बल्कि सामाजिक परिस्थितियों और संदर्भों से उपजे विषयों को इनके द्वारा उठा लिया जाता है। जैसा कि नाम से जाहिर है इसे किसी सड़क, गली, चौराहे या किसी संस्‍थान के गेट अथवा किसी भी सार्वजनिक स्‍थल पर खेला जाता है। इसकी तुलना सड़क के किनारे मजमा लगा कर तमाशा दिखाने वाले मदारी के खेल से भी की जा सकती है। अंतर यह है कि यह मजमा बुद्धिजीवियों द्वारा किसी उद्देश्‍य को सामने रख कर लगाया जाता है। भारत में आधुनिक नुक्कड़ नाटक को लोकप्रिय बनाने का श्रेय सफ़दर हाशमी को जाता है। उनके जन्म दिवस १२ अप्रैल को देशभर में राष्ट्रीय नुक्कड़ नाटक दिवस के रूप में मनाया जाता है। .

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नेत्रकोना सदर उपज़िला

नेत्रकोना सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मयमनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह उपज़िला नेत्रकोना जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नेशनल क्रिकेट लीग

नॅशनल क्रिकेट लीग बांग्लादेश में सबसे पुराना घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता है। .

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नेशनल क्रिकेट लीग 2017

2017-18 नॅशनल क्रिकेट लीग नॅशनल क्रिकेट लीग का उन्नीसवां संस्करण था, जो बांग्लादेश में आयोजित एक प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता थी। टूर्नामेंट 15 सितंबर, 2017 को शुरू हुआ, जिसमें आठ टीमों को दो स्तरों पर रखा गया। टियर 2 में शीर्ष टीम को अगले सीज़न के लिए टियर 1 में पदोन्नत किया गया था, साथ ही टीयर 1 में नीचे की टीम को टीयर 2 में स्थानांतरित किया गया था खुलना डिवीजन पूर्व चैंपियन है। टूर्नामेंट में दो महीने का ब्रेक था, जो अक्टूबर के मध्य में शुरू हुआ था, जबकि बांग्लादेश प्रीमियर लीग था। राजशाही डिवीजन को फाइनल राउंड के खेले जाने से पहले टियर 1 में पदोन्नत किया गया। अपने अंतिम मैच में ढाका डिवीजन को एक पारी और 49 रन से हराकर खुलना डिवीजन ने अपना खिताब बरकरार रखा। अगले सीजन के लिए ढाका डिवीजन को भी टियर 2 में स्थानांतरित किया गया था। .

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नेशनल क्रिकेट लीग २०१६-१७

2016-17 नॅशनल क्रिकेट लीग बांग्लादेश में आयोजित किया जा रहा है, नॅशनल क्रिकेट लीग प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता के अठारहवें संस्करण है। टूर्नामेंट 25 सितंबर 2016 को शुरू किया था। खुल्ना डिवीजन गत चैम्पियन हैं। भारी बारिश बारह एक ड्रॉ के अलावा किसी अन्य परिणाम में समाप्त होने से केवल दो मैचों के साथ मैच के पहले तीन राउंड प्रभावित। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने घोषणा की है कि सभी मैचों में 14 अक्टूबर 2016 पर जगह लेने के लिए निर्धारित जब तक मौसम में सुधार देरी हो जाएगा। हालांकि, वहाँ के मौसम में कोई सुधार नहीं है और उन मैचों था और भविष्य जुड़नार आगामी बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) की वजह से स्थगित कर दिया गया था। टूर्नामेंट को गरीबी रेखा से नीचे के समापन के बाद 20 दिसंबर 2016 को फिर से शुरू कर दिया गया। .

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नोय़ाखाली सदर उपज़िला

नोय़ाखाली सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला नोय़ाखाली जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह चट्टग्राम विभाग के नोय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नोय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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नोवाखाली

250px नोवाखाली (Noakhali) या मैजदी (Maijdi) बांग्लादेश के चटगाँव (Chittagong) मंडल में एक जिला है। इस जिले में मुख्य गंगवार क्षेत्र के अतिरिक्त मेघना नदी के मुहाने के कई द्वीप सम्मिलित हैं। इसका उत्तरी एवं मध्य भाग मेघना नदी की सतह से नीचा है, इसलिए यहाँ मकानों की बाढ़ की सतह से ऊपर उठाना पड़ता है। अधिकांश पर छोटे छोटे परवों में बसे हुए हैं। धान, जूट, लाल मिर्च, प्याज और तिलहन यहाँ की मुख्य फसलें हैं। नारियल, दाल तथा गन्ने का भी उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होता है। नारियल से तेल निकाला जाता है। पीतल के बरतल, सूती वस्त्र तथा इत्र भी यहाँ बनाए जाते हैं। यहाँ का औसत ताप २७ डिग्री सें.

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नीम

नीम भारतीय मूल का एक पूर्ण पतझड़ वृक्ष है। यह सदियों से समीपवर्ती देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यानमार (बर्मा), थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका आदि देशों में पाया जाता रहा है। लेकिन विगत लगभग डेढ़ सौ वर्षों में यह वृक्ष भारतीय उपमहाद्वीप की भौगोलिक सीमा को लांघ कर अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एवं मध्य अमरीका तथा दक्षिणी प्रशान्त द्वीपसमूह के अनेक उष्ण और उप-उष्ण कटिबन्धीय देशों में भी पहुँच चुका है। इसका वानस्पतिक नाम ‘Melia azadirachta अथवा Azadiracta Indica’ है। .

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पटिय़ा उपज़िला

पटिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पटुय़ाखाली सदर उपज़िला

पटुय़ाखाली सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला पटुय़ाखाली जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बरिशाल विभाग के पटुय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय पटुय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पञ्चगड़ सदर उपज़िला

पंचगड़ सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला पंचगड़ जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह रंगपुर विभाग के पंचगड़ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय पंचगड़ सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पत्थरघाटा उपज़िला

पत्थरघाटा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरगुना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरगुना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पत्नीतला उपज़िला

पत्नीतला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पद्मा

पद्मा (बांग्ला: পদ্মা) एक नदी है जो बांग्लादेश में गंगा की मुख्य धारा है। अर्थात् गंगा नदी बांग्लादेश में प्रवेश करते ही 'पद्मा' के नाम से जानी जाती है। राजमहल से ३० किमी पूर्व में गंगा की एक शाखा निकलकर मुर्शिदाबाद, बहरमपुर, नदिया, हुगली और कलकत्ता होती हुई पश्चिम-दक्षिण की ओर बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है, जो 'भागीरथी' शाखा के नाम से प्रसिद्ध है। मूल नदी के संगम स्थान से गंगा, 'पद्मा' नाम धारण कर पबना और गोआलंद होती हुई गई है। गोआलंद के निकट ब्रह्मपुत्र नदी की शाखा, जो 'जमुना' नाम से प्रसिद्ध है, आकर इसमें गिरी है। इसके बाद मूल नदी ने ब्रह्मपुत्र के साथ मिलकर 'मेघना' नाम धारण किया है और नोआखाली के निकट समुद्र में मिल गई है। पद्मा नदी की कुल लबाई २२५ मील है। राजशाही, पश्चिमी बांग्लादेश में एक प्रमुख शहर, पद्मा के उत्तर तट पर स्थित है। श्रेणी:बांग्लादेश की नदियाँ श्रेणी:बांग्लादेश.

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पन्नालाल घोष

पण्डित पन्नालाल घोष (31 जुलाई १९११ - २० अप्रैल १९६०) भारत के प्रसिद्ध बांसुरीवादक थे। उनका मूल नाम 'अमल ज्योति घोष' था। वे अलाउद्दीन खान के शिष्य थे। उनका जन्म वर्तमान बांग्लादेश के बारासात में हुआ था। .

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पपीहा

पपीहा एक पक्षी है जो दक्षिण एशिया में बहुतायत में पाया जाता है। यह दिखने में शिकरा की तरह होता है। इसके उड़ने और बैठने का तरीका भी बिल्कुल शिकरा जैसा होता है। इसीलिए अंग्रेज़ी में इसको Common Hawk-Cuckoo कहते हैं। यह अपना घोंसला नहीं बनाता है और दूसरे चिड़ियों के घोंसलों में अपने अण्डे देता है। प्रजनन काल में नर तीन स्वर की आवाज़ दोहराता रहता है जिसमें दूसरा स्वर सबसे लंबा और ज़्यादा तीव्र होता है। यह स्वर धीरे-धीरे तेज होते जाते हैं और एकदम बन्द हो जाते हैं और काफ़ी देर तक चलता रहता है; पूरे दिन, शाम को देर तक और सवेरे पौं फटने तक। .

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पबना विद्रोह

१९वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में बंगाल के पबना नामक स्थान में किसानों ने जमींदारों द्वारा शोषण के विरुद्ध विद्रोह किया था, जिसे पबना विद्रोह कहते हैं। पबना, राजशाही राज की जमींदारी के अन्दर था और यह वर्धमान राज के बाद सबसे बड़ी जमींदारी थी। उस जमींदारी के संस्थापक राजा कामदेव राय थे। पबना विद्रोह जितना अधिक जमींदारों के खिलाफ था उतना सूदखोरों और महाजनों के विरुद्ध नहीं थ। 1870-80 के दशक के पूर्वी बंगाल (अभी का बांग्लादेश) के किसानों ने जमींदारों द्वारा बढ़ाए गए मनमाने करों के विरोध में विद्रोहस्वरूप रोष प्रकट किया। .

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पबा उपज़िला

पबा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के राजशाही ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। .

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परमेश्वर नारायण हक्सर

परमेश्वर नारायण हक्सर (1913–1998) स्वतंत्र भारत के राजनीतिक लोकतंत्र को प्राप्त करने की प्रक्रिया में एक रणनीतिकार थे। उनक महत्वपूर्ण कार्य इन्दिरा गांधी के राजनीतिक सलाहकार के रूप में था। वो केंद्रीकरण और समाजवाद के समर्थक थे। हक्सर ऑस्ट्रिया और नाइजीरिया में भारतीय राजनयिक थे जिन्होंने राजदूत के रूप में काम किया। .

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परशा उपज़िला

परशा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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परशुराम उपज़िला

परशुराम उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के फेनी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय फेनी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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परवेज़ रसूल

परवेज़ ग़ुलाम रसूल ज़रगर (जन्म: २३ फ़रवरी १९८९) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वे घरेलू क्रिकेट में जम्मू और कश्मीर के लिए एक हरफ़नमौला के तौर पर खेलते हैं। रसूल दाहिने हाथ से ऑफ ब्रेक गेंदबाजी और दाहिने हाथ से ही बल्लेबाजी करते हैं। २0१४ में बांग्लादेश के खिलाफ खेलने के साथ ही वे भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले जम्मू कश्मीर के पहले क्रिकेटर बने। .

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पर्वतीय बांस का तीतर

पर्वतीय बांस का तीतर Mountain Bamboo Partridge (Bambusicola fytchii) तीतर के कुल का एक पक्षी है। .

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पलताना ऊर्जा परियोजना

पलताना ऊर्जा परियोजना (Palatana Power Project) भारत के त्रिपुरा राज्य के दक्षिणी भाग में प्रस्तावित एक गैस ऊर्जा परियोजना है। ७२६ मेगावाट क्षमता की यह परियोजना ओएनजीसी तथा त्रिपुरा पावर कॉरपोरेशन का एक संयुक्त उपक्रम है। यह परियोजना पर्यावरणीय कारणों से लंबित रही है। वर्तमान में इस परियोजना को केंद्र सरकार की अनुमति मिल गयी है। पलताना तक उपक्रम निर्माण हेतु संसाधनों की आपूर्ति एक प्रमुख समस्या रही है। इस दिशा में बांग्लादेश ने सहयोग कर स्थानीय साझेदारी का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है। परियोजना हेतु संयंत्र निर्माण की सामग्री बांग्लादेश के मार्ग से पलताना तक पहुँचायी गयी है। .

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पलाश उपज़िला

पलाश उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नरसिंदी जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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पलाशबाड़ी उपज़िला

पलाशबाड़ी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के गाइबान्धा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय गाइबान्धा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पश्चिम त्रिपुरा जिला

त्रिपुरा राज्य के ४ जिले हैंपश्चिम त्रिपुरा भारतीय राज्य त्रिपुरा का एक जिला है। जिले का मुख्यालय अगरतला है जो राज्य की राजधानी भी है। पश्चिम त्रिपुरा जहां एक ओर मंदिरों के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर यह जगह ऊंचे पर्वत, महल और झील आदि के लिए भी प्रसिद्ध है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह काफी महत्वपूर्ण है। .

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पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) (बंगाली: পশ্চিমবঙ্গ) भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। इसके पड़ोस में नेपाल, सिक्किम, भूटान, असम, बांग्लादेश, ओडिशा, झारखंड और बिहार हैं। इसकी राजधानी कोलकाता है। इस राज्य मे 23 ज़िले है। यहां की मुख्य भाषा बांग्ला है। .

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पश्चिम जयन्तिया हिल्स जिला

जयंतिया हिल्स भारतीय राज्य मेघालय का एक जिला है। जिले का मुख्यालय जोवाई है। २२ फ़रवरी १९७२ को जयन्तिया हिल जिला सृजित किया गया था। इसका कुल भौगोलिक क्षेत्रफ़ल है और यहां की जनसंख्या २,९५,६९२ है। यहां का जिला मुख्यालय जोवाई में स्थित है। जयन्तिया हिल्स जिला राज्य में कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक जिला है। जिले भर में कोयले की खानें दिखाई देती हैं। इसके अलावा यहां चूनेपत्थर का खनन भी वृद्धि पर है क्योंकि सीमेण्ट उद्योग यहां जोरों पर है और उसमें चूनेपत्थर की ऊंची मांग है। हाल के कुछ वर्षों में ही एक बड़े जिले को दो छोटे जिलों: पश्चिम जयतिया एवं पूर्वी जयन्तिया हिल्स में बांट दिया गया था क्षेत्रफल - 3,819 वर्ग कि.मी.

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पश्चिमी पाकिस्तान

पश्चिमी पाकिस्तान(مغربی پاکستان, मग़रिबी पाकिस्तान, পশ্চিম পাকিস্তান, पोश्चिम पाकिस्तान), एक इकाई व्यवस्था के तहत, तत्कालीन पाकिस्तान (पाकिस्तान अधिराज्य) की पश्चिमी इकाई थी, जो अब, (बांग्लादेश के अलग होने के बाद से) वर्तमान पाकिस्तान है। .

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पहर

सामय् पहर भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बंगलादेश में इस्तेमाल होने वाली समय की एक ईकाई है। भारत में यह उत्तर भारत के क्षेत्र में अधिक प्रयोग होती है।, Amir Khusro, W.H. Allen, 1882,...

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पहाड़ी मैना

आम हिल Myna (सारिका), कभी - कभी "मैना" वर्तनी और पूर्व बस"हिल Myna रूप में जाना जाता", सबसे अधिक मैना पक्षी में देखा पक्षीपालन, जहां यह अक्सर बस बाद के दो नामों से करने के लिए भेजा.

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पाटग्राम उपज़िला

पाटग्राम उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के लालमनिरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय लालमनिरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पाँचबीबी उपज़िला

पाँचबीबी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के जयपुरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय जयपुरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पानछड़ि उपज़िला

पानछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के खागड़ाछड़ि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय खागड़ाछड़ि सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पाबना सदर उपज़िला

पाबना सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला पाबना जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह राजशाही विभाग के पाबना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पाबना सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पारंपरिक संगीत

ग्रैमी अवार्ड्स की शब्दावली में अब पारंपरिक संगीत शब्द का प्रयोग "लोक संगीत " के स्थान पर किया जाता है। इस बदलाव का पूर्ण विवरण विश्व संगीत लेख के शब्दावली अनुभाग में पाया जा सकता है। अन्य संगठनों ने इसी तरह के परिवर्तन किए हैं, हालांकि गैर-शैक्षणिक हलकों में, तथा सीडी बेचने वाली कई वेबसाइटों पर, "लोक संगीत" वाक्यांश का प्रयोग बहुत सारे अर्थों में किया जाता है। .

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पार्बतीपुर उपज़िला

पार्बतीपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पांशा उपज़िला

पांशा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के राजबाड़ी ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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पाइकगाछा उपज़िला

पाइकगाछा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान टेलिविज़न कॉरपोरेशन

अयूब ख़ान पाकिस्तान टेलिविज़न कॉरपोरेशन या पी॰टी॰वी॰ पाकिस्तान का सरकारी टेलिविज़न प्रसारक है। इसका सर्वप्रथम प्रसारण २६ नवम्बर १९६४ को लाहौर से किया गया था। सन् २००७ तक इसने छह चैनलों पर प्रसारण करना चालू कर दिया था। .

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पाकिस्तान में हिन्दू धर्म

पाकिस्तान में हिंदु धर्म का अनुसरण करने वाले कुल जनसंख्या के लगभग 2% है। पूर्वतन जनगणना के समय पाकिस्तानी हिंदुओं को जाति (1.6%) और अनुसूचित जाति (0.25%) में विभाजित किया गया।  पाकिस्तान को ब्रिटेन से स्वतन्त्रता 14 अगस्त, 1947 मिली उसके बाद 44 लाख हिंदुओं और सिखों ने आज के भारत की ओर स्थानान्तरण किया, जबकि भारत से 4.1 करोड़ मुसलमानों ने पाकिस्तान में रहने के लिये स्थानातरण किया।Boyle, Paul; Halfacre, Keith H.; Robinson, Vaughan (2014).

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पाकिस्तान का इतिहास

पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ। इसके पहले सन् 1930 में शायर मुहम्मद इक़बाल ने भारत के उत्तर-पश्चिमी चार प्रान्तों -सिन्ध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद)- को मिलाकर एक अलग राष्ट्र का मांग की थी। 1947 अगस्त में भारत के विभाजन के फलस्वरूप पाकिस्तान का जन्म हुआ। उस समय पाकिस्तान में वर्तमान पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों सम्मिलित थे। सन् 1971 में भारत के साथ हुए युद्ध में पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा (जिसे उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था) बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र हो गया। आज का पाकिस्तानी भूभाग कई संस्कृतियों का गवाह रहा है। आज के पाकिस्तानी भूभाग में ईसा के 3000 साल पहले सिन्धुघाटी सभ्यता का जन्म हुआ। यह 1500 ईसापूर्व के आसपास नष्ट हो गई और 1200 ईसापूर्व के आसपास आर्यों की एक शाखा भारत आई। ईसापूर्व सन् 543 में यह फारस के हखामनी शासकों के साम्राज्य का अंग बना। सिकन्दर ने 330 ईसापूर्व के आसपास हखामनी शासक दारा तृतीय को हराकर उसके सम्पूर्ण साम्राज्य पर कब्जा कर लिया। उसके साम्राज्य को उसके सेनापतियों ने बाँट लिया और इस क्षेत्र मे एक अभूतपूर्व यूनानी-बैक्टियन संस्कृति का अंग बना। इसके बाद यह मौर्य साम्राज्य का अंग बना। इसके बाद शक (सीथियनों की भारतीय शाखा) और फिर कुषाणों की शाखा यहाँ आई। सन् 712 में फारस के एक अरब सेनापति मुहम्मद-बिन-क़ासिम ने सिन्ध के नरेश को हरा दिया। इसके बाद यहाँ इस्लाम का आगमन हुआ। इस क्षेत्र पर गजनवियों का अधिकार बारहवीं सदी में हुआ और 1206 में यह दिल्ली सल्तनत का अंग बन गया। सन् 1526 में दिल्ली की सत्ता पर मुगलों का अधिकार हो गया और 1857 के बाद यहाँ अंग्रेजों का शासन आया। 14 अगस्त 1947 को यह स्वतंत्र हुआ। .

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पाकिस्तान अधिराज्य

पाकिस्तानी अधिराज्य (ﻣﻤﻠﮑﺖِ ﭘﺎﮐﺴﺘﺎﻥ., मुम्लिक़ात्'ए पाकिस्तान; পাকিস্তান অধিরাজ্য, पाकिस्तान ओधिराज्जो) नवनिर्मित देश, पाकिस्तान की स्वायत्त्योपनिवेशिय अवस्था थी। इस शासनप्रणाली के तहत पाकिस्तान को भारत विभाजन के बाद, ब्रिटिश साम्राज्य का एक स्वशासित व स्वतंत्र इकाइ(अधिराज्य) के रूप मे स्थापित किया गया था। पाकिस्तानी अधिराज्य की स्थापना भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७ के तहत ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद तथाकथित तौर पर भारतिय उपमहाद्वीप की मुस्लिम आबादी के लिए हुआ था। एसकी कुल भूभाग मौजूदा इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान व बांग्लादेश के बराबर थी। 1956 में पाकिस्तान का पहला संविधान के लागू होने के साथ ही "पाकिस्तान अधिराज्य" की विस्थापना हो गई जब अधिराजकिय राजतांत्रिक व्यवस्था को इस्लामिक गणराज्य से बदल दिया गया। इस व्यवस्था के तहत पाकिस्तान ब्रिटिश हुक़ूमत से स्वतंत्र हो गया एवं ब्रिटिश राष्ट्रमंडल का हिस्सा होने के नाते अन्य ब्रिटिश स्वायत्त्योपनिवेशों की ही तरह, ब्रिटेन के राजा(ततकालीन जार्ज षष्ठम) को पाकिस्तान के राजा का प्रभार भी सौंप दिया गया, हालांकी, (तथ्यस्वरूप) पाकिस्तान के राजा का लग-भग सारा संवैधानिक व कार्याधिकार पाकिस्तान में उनके प्रतिनिधी पाकिस्तान के महाराज्यपाल (गवर्नर-जनरल) के अधिकार में था। ऐसी व्यवस्था सारे ब्रिटिश-स्वायत्त्योपनिवेशों में रहती है। पाकिस्तान अधिराज्य कुल 9 सालों तक, १९४७ से १९५६ तक अस्तित्व में रहा था, जिस बीच 4 महाराज्यपालों की नियुक्ती हुई थी। भारत विभाजन व स्वतंत्रता के बाद संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटिश भारत की सदस्यता भारतीय अधिराज्य को दे दी गई जबकी पाकिस्तान ने नई सदस्यता प्राप्त की। .

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पाकिस्तान, भारत

पाकिस्तान پاکِستان नाम का यह गांव बिहार के उत्तर-पूर्व में स्थित पूर्णिया जिले के जिला मुख्यालय पूर्णिया शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर श्रीनगर प्रखंड के सिंघिया पंचायत में आता है। गांव 'पाकिस्तान' में 250 से ज्यादा लोग निवास करते हैं और यहां 100 से अधिक मतदाता हैं। सबसे मजेदार यह है कि इस गांव में मुस्लिम समुदाय का एक भी घर नहीं है। सभी परिवार संथाल आदिवासियों के हैं। इस पाकिस्तान में एक भी मस्जिद नहीं है। सरकारी रिकार्ड में भी इस गांव का नाम पाकिस्तान है। 1947 में विभाजन के तुरंत बाद ही इसका नाम पाकिस्तान रख दिया गया था। इस गांव में रहने वाले अधिकांश मुस्लिमों ने बंटवारे के समय पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) जाना पसंद किया था, उनकी याद में इस गांव का नाम पाकिस्तान दे दिया। इस पाकिस्तान में गरीबी और निरक्षरता है। 31.51 प्रतिशत साक्षरता वाले पूर्णिया जिले के इस गांव में शायद ही कोई साक्षर मिल जाए। गांव तक न तो सड़क है न ही कोई स्कूल या अस्पताल। .

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पाकिस्तानी संविधान का पहला संशोधन

पाकिस्तान के संविधान का पहला संशोधन दस्तावेजों में आधिकारिक तौर पर संविधान (पहला संशोधन) अधिनियम, 1974 कहा जाता है। यह संशोधन 4 मई 1974 को लागू हुई। इस संशोधन की रो से संविधान पाकिस्तान के अनुच्छेद 1, 8, 17, 61, 101, 193, 199, 200, 209, 212, 250, 260 और 272 में जबकि संविधान पाकिस्तान के पहले कार्यक्रम में परिवर्तन की गईं। इस संशोधन के बाद पाकिस्तान सीमाओं ाज़सर नौ निर्धारित किया गया और पूर्वी पाकिस्तान के संदर्भ को पाकिस्तान से बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र राज्य स्वीकार करने के बाद हटा दिया गया। .

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पाकुन्दिय़ा उपज़िला

पाकुन्दिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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पितृ दिवस

फादर्स डे पिताओं के सम्मान में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला पर्व हैं जिसमे पितृत्व (फादरहुड), पितृत्व-बंधन तथा समाज में पिताओं के प्रभाव को समारोह पूर्वक मनाया जाता है। अनेक देशों में इसे जून के तीसरे रविवार, तथा बाकी देशों में अन्य दिन मनाया जाता है। यह माता के सम्मान हेतु मनाये जाने वाले मदर्स डे(मातृ-दिवस) का पूरक है। .

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पिरोजपुर सदर उपज़िला

पिरोजपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला पिरोजपुर जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बरिशाल विभाग के पिरोजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय पिरोजपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पुठिय़ा उपज़िला

पुठिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के राजशाही ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। .

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प्नार भाषा

प्नार (Pnar), पनार, जयंतिया (Jaintia) या सिन्तेंग (Synteng) भारत के पूर्वोत्तरी मेघालय राज्य व बांग्लादेश के कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की खसिक शाखा की एक भाषा है। माना जाता है कि यह आदि-खसी भाषा की सबसे समीपी जीवित भाषा है। .

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प्याज

हरीप्याज प्याज प्याज़ एक वनस्पति है जिसका कन्द सब्ज़ी के रूप में प्रयोग किया जाता है। भारत में महाराष्ट्र में प्याज़ की खेती सबसे ज्यादा होती है। यहाँ साल मे दो बार प्याज़ की फ़सल होती है - एक नवम्बर में और दूसरी मई के महीने के क़रीब होती है। प्याज़ भारत से कई देशों में निर्यात होता है, जैसे कि नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, इत्यादि। प्याज़ की फ़सल कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश जैसी जगहों पर अलग-अलग समय पर तैयार होती है। विश्व में प्याज 1,789 हजार हेक्टर क्षेत्रफल में उगाई जाती हैं, जिससे 25,387 हजार मी.

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प्रतापादित्य

प्रतापादित्य (1561-1611 ई) येशोर (जेशोर) के राजा तथा भूस्वामी थे। उन्होने मुगलों के विरुद्ध युद्ध किया। अपने चरमोत्कर्ष के समय उनका राज्य वर्तमान पश्चिम बंगाल के नदिया, उत्तर चौबीस परगना और दक्षिण चौबीस परगना जिलों सहित वर्तमान बांग्लादेश में उत्तर में कुश्टिया जिले से लेकर पूर्व में बड़ीसाल, सुन्दरबन तथा दक्षिण में बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ था। .

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प्रधानमंत्री (टीवी सीरीज)

प्रधानमंत्री टीवी शो की 2013 में, शेखर कपूर ने एबीपी न्यूज़ पर मेजबानी की। इस कार्यक्रम में भारतीय की रियासतों के विलय से लेकर देश के अलग-अलग प्रधानमंत्री चुनने की पूरी कहानी है। यह 13 जुलाई, 2013 को प्रीमियर हुआ। इसका उद्देश्य भारतीय इतिहास के तथ्यों को कभी भी पहले कभी नहीं देखा गया है। साप्ताहिक कार्यक्रम भारत के इतिहास को 1 9 47 से वर्तमान दिन तक का इतिहास देता है। टीवी श्रृंखला प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, अभिनेता और मेजबान शेखर कपूर द्वारा होस्ट की गई है और निर्देशित हैं पुनीत शर्मा। यह पिछले 65 वर्षों में 13 प्रधान मंत्रियों के कार्यकाल के दौरान देश में बदलाव पेश करने का एक अनूठा प्रयास है। प्रधानमंत्रियों ने हर शनिवार को 10 बजे प्रसारित किया। राखी पपिया जोशी और सोहन ठाकुर निर्देशक काट रहे हैं। श्रृंखला ने सलमा सुल्तान द्वारा दूरदर्शन पर इंदिरा गांधी की मौत के प्रसारण का प्रसारण प्रसारित किया। प्रारंभ में 23 एपिसोड के लिए संकल्पना की गयी, प्रधानमंत्रि को 4 जनवरी 2014 को प्रसारित अंतिम एपिसोड के साथ 26 एपिसोड में बढ़ा दिया गया था। इस शो को पहले आइडिया ऑफ़ इंडिया का अफवाह माना गया था। प्रधानमंत्रि अब बांग्ला में 14 दिसंबर 2013 को एबीपी आनंद पर फिर से प्रसारित किया गया है, जिसमें बंगाली अभिनेता धृतिमन चटर्जी द्वारा होस्ट किया गया है और एबीपी माहा पर मराठी भाषा में सिंहासन के नाम से दोबारा प्रसारण किया गया है और 23 नवम्बर 2013 को मराठी अभिनेता विक्रम गोखले द्वारा होस्ट किया गया। .

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प्रधानमंत्री कार्यालय (बांग्लादेश)

गणप्रजातंत्री बांग्लादेश का प्रधानमंत्री कर्यालय या सहजतः प्रधानमंत्री कार्यालय(প্রধানমন্ত্রীর কার্যালয়, उच्चारण:प्रोधानमोन्त्रीर् कार्एयालाॅयो, Prime Minister's Office (PMO), प्राइम मिनिस्टरस् ऑफिस (पीएमओ)), एक सरकारी प्रशासनिक कार्यालय है जो ढाका महानगर के व्यस्ततम् क्षेत्र तेजगाँव में स्थित है। यह बांग्लादेश के/की प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत अधिकारिणी है, जिसे अकसर, कई मायनों में सरकार के एक मंत्रालय के रूप में भी देखा जाता है। इसकी जिम्मेदारी, सरकार के अन्य मंत्रालयी कार्यालयों के बीच विभिन्न मुद्दों पर समन्वयक संबंध बरकरार रखना। यह प्रधानमंत्री को कार्यकारिणी, सुरक्षा व अन्य प्रकार के सहयोग प्रदान करती है एवं प्रधानमंत्री को अपने दैनिक कार्यों में सहायता करती है। यह गुप्त मामलों (आसूचना) व गैर सरकारी संगठनों को नियंत्रित करता है, और प्रोटोकॉल(नवाचार) एवं समारोहों की व्यवस्था भी करता है। अन्य ऐसे भवनों के विरुद्ध, बांग्लादेश के/की प्रधानमंत्री का यह कार्यालय केवल कार्यालय ही है, उनका निवासी स्थान नहीं। प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास, ढाका के शेर-ए-बांग्ला नगर का गणभवन है। .

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प्रफुल्ल चाकी

प्रफुल्ल चाकी क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी (बांग्ला: প্রফুল্ল চাকী) (१० दिसंबर १८८८ - १ मई १९०८) का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। प्रफुल्ल का जन्म उत्तरी बंगाल के बोगरा जिला (अब बांग्लादेश में स्थित) के बिहारी गाँव में हुआ था। जब प्रफुल्ल दो वर्ष के थे तभी उनके पिता जी का निधन हो गया। उनकी माता ने अत्यंत कठिनाई से प्रफुल्ल का पालन पोषण किया। विद्यार्थी जीवन में ही प्रफुल्ल का परिचय स्वामी महेश्वरानन्द द्वारा स्थापित गुप्त क्रांतिकारी संगठन से हुआ। प्रफुल्ल ने स्वामी विवेकानंद के साहित्य का अध्ययन किया और वे उससे बहुत प्रभावित हुए। अनेक क्रांतिकारियों के विचारों का भी प्रफुल्ल ने अध्ययन किया इससे उनके अन्दर देश को स्वतंत्र कराने की भावना बलवती हो गई। बंगाल विभाजन के समय अनेक लोग इसके विरोध में उठ खड़े हुए। अनेक विद्यार्थियों ने भी इस आन्दोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रफुल्ल ने भी इस आन्दोलन में भाग लिया। वे उस समय रंगपुर जिला स्कूल में कक्षा ९ के छात्र थे। प्रफुल्ल को आन्दोलन में भाग लेने के कारण उनके विद्यालय से निकाल दिया गया। इसके बाद प्रफुल्ल का सम्पर्क क्रांतिकारियों की युगान्तर पार्टी से हुआ। .

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प्राकृतिक चिकित्सा का इतिहास

प्राकृतिक चिकित्सा का इतिहास उतना ही पुराना है जितना स्वयं प्रकृति। यह चिकित्सा विज्ञान आज की सभी चिकित्सा प्राणालियों से पुराना है। अथवा यह भी कहा जा सकता है कि यह दूसरी चिकित्सा पद्धतियों कि जननी है। इसका वर्णन पौराणिक ग्रन्थों एवं वेदों में मिलता है, अर्थात वैदिक काल के बाद पौराणिक काल में भी यह पद्धति प्रचलित थी। आधुनिक युग में डॉ॰ ईसाक जेनिग्स (Dr. Isaac Jennings) ने अमेरिका में 1788 में प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग आरम्भ कर दिया था। जोहन बेस्पले ने भी ठण्डे पानी के स्नान एवं पानी पीने की विधियों से उपचार देना प्रारम्भ किया था। महाबग्ग नामक बोध ग्रन्थ में वर्णन आता है कि एक दिन भगवान बुद्ध के एक शिष्य को सांप ने काट लिया तो उस समय विष के नाश के लिए भगवान बुद्ध ने चिकनी मिट्टी, गोबर, मूत्र आदि को प्रयोग करवाया था और दूसरे भिक्षु के बीमार पड़ने पर भाप स्नान व उष्ण गर्म व ठण्डे जल के स्नान द्वारा निरोग किये जाने का वर्णन 2500 वर्ष पुरानी उपरोक्त घटना से सिद्ध होता है। प्राकृतिक चिकित्सा के साथ-2 योग एवं आसानों का प्रयोग शारीरिक एवं आध्यात्मिक सुधारों के लिये 5000 हजारों वर्षों से प्रचलन में आया है। पतंजलि का योगसूत्र इसका एक प्रामाणिक ग्रन्थ है इसका प्रचलन केवल भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी है। प्राकृतिक चिकित्सा का विकास (अपने पुराने इतिहास के साथ) प्रायः लुप्त जैसा हो गया था। आधुनिक चिकित्सा प्राणालियों के आगमन के फलस्वरूप इस प्रणाली को भूलना स्वाभाविक भी था। इस प्राकृतिक चिकित्सा को दोबारा प्रतिष्ठित करने की मांग उठाने वाले मुख्य चिकित्सकों में बड़े नाम पाश्चातय देशों के एलोपैथिक चिकित्सकों का है। ये वो प्रभावशाली व्यक्ति थे जो औषधि विज्ञान का प्रयोग करते-2 थक चुके थे और स्वयं रोगी होने के बाद निरोग होने में असहाय होते जा रहे थे। उन्होने स्वयं पर प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोग करते हुए स्वयं को स्वस्थ किया और अपने शेष जीवन में इसी चिकित्सा पद्धति द्वारा अनेकों असाध्य रोगियों को उपचार करते हुए इस चिकित्सा पद्धति को दुबारा स्थापित करने की शुरूआत की। इन्होने जीवन यापन तथा रोग उपचार को अधिक तर्कसंगत विधियों द्वारा किये जाने का शुभारम्भ किया। प्राकृतिक चिकित्सा संसार मे प्रचलित सभी चिकित्सा प्रणाली से पुरानी है आदिकाल के ग्रंथों मे जल चिकित्सा व उपवास चिकित्सा का उल्लेख मिलता है पुराण काल मे (उपवास)को लोग अचूक चिकित्सा माना करते थे .

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प्राकृतिक आपदा

एक प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक जोखिम (natural hazard) का परिणाम है (जैसे की ज्वालामुखी विस्फोट (volcanic eruption), भूकंप, या भूस्खलन (landslide) जो कि मानव गतिविधियों को प्रभावित करता है। मानव दुर्बलताओं को उचित योजना और आपातकालीन प्रबंधन (emergency management) का आभाव और बढ़ा देता है, जिसकी वजह से आर्थिक, मानवीय और पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। परिणाम स्वरुप होने वाली हानि निर्भर करती है जनसँख्या की आपदा को बढ़ावा देने या विरोध करने की क्षमता पर, अर्थात उनके लचीलेपन पर। ये समझ केंद्रित है इस विचार में: "जब जोखिम और दुर्बलता (vulnerability) का मिलन होता है तब दुर्घटनाएं घटती हैं". जिन इलाकों में दुर्बलताएं निहित न हों वहां पर एक प्राकृतिक जोखिम कभी भी एक प्राकृतिक आपदा में तब्दील नहीं हो सकता है, उदहारण स्वरुप, निर्जन प्रदेश में एक प्रबल भूकंप का आना.बिना मानव की भागीदारी के घटनाएँ अपने आप जोखिम या आपदा नहीं बनती हैं, इसके फलस्वरूप प्राकृतिक शब्द को विवादित बताया गया है। .

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प्रीतिलता वादेदार

प्रीतिलता वादेदार (बांग्ला: প্রীতিলতা ওয়াদ্দেদার) (5 मई 1911 – 23 सितम्बर 1932) भारतीय स्वतंत्रता संगाम की महान क्रान्तिकारिणी थीं। वे एक मेधावी छात्रा तथा निर्भीक लेखिका भी थी। वे निडर होकर लेख लिखती थी। .

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पैसा

पैसा भारत की राष्ट्रीय मुद्रा रुपया का सौवा हिस्सा है। यह नाम बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल में भी है। यह बांग्लादेश के अलावा सभी देशों में रुपये के भाग होता है। जबकि यह बांग्लादेश में टका इसके भाग का होता है। .

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पूड़ी

पूरी या वास्तविक नाम पूड़ी (बहुवचन: पूड़ियाँ) एक एशियाई अखमीरी रोटी है जिसे भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में नाश्ते या हल्के भोजन के रूप में खाया जाता है। पुड़ी को सबसे अधिक नाश्ते में परोसा जाता है, इसके अतिरिक्त यह विशेष या औपचारिक समारोहों में परोसी जाती है। कभी कभी प्रसाद के रूप में भी पूड़ियाँ बाँटी जाती हैं। जॉर्जियाई भाषा में रोटी को पूड़ी कहा जाता है। .

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पूनम यादव (क्रिकेटर)

पूनम यादव (जन्म 24 अगस्त 1 99 1) एक भारतीय क्रिकेटर है जो भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए खेलती है।   उन्होंने 5 अप्रैल 2013 को बांग्लादेश के खिलाफ महिला ट्वेंटी -20 इंटरनेशनल (डब्ल्यूटी20आई) मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला प्रदर्शन किया। वह घरेलू क्रिकेट में मध्य क्षेत्र, उत्तर प्रदेश और रेलवे के लिए खेलती हैं। .

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पूर्वधला उपज़िला

पूर्वधला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पूर्वोत्तर भारत

पूर्वोत्तर भारत से आशय भारत के सर्वाधिक पूर्वी क्षेत्रों से है जिसमें एक साथ जुड़े 'सात बहनों' के नाम से प्रसिद्ध राज्य, सिक्किम तथा उत्तरी बंगाल के कुछ भाग (दार्जीलिंग, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार के जिले) शामिल हैं। पूर्वोत्तर भारत सांस्कृतिक दृष्टि से भारत के अन्य राज्यों से कुछ भिन्न है। भाषा की दृष्टि से यह क्षेत्र तिब्बती-बर्मी भाषाओँ के अधिक प्रचलन के कारण अलग से पहचाना जाता है। इस क्षेत्र में वह दृढ़ जातीय संस्कृति व्याप्त है जो संस्कृतीकरण के प्रभाव से बची रह गई थी। इसमें विशिष्ट श्रेणी के मान्यता प्राप्त आठ राज्य भी हैं। इन आठ राज्यों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए 1971 में पूर्वोतर परिषद (नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल / NEC) का गठन एक केन्द्रीय संस्था के रूप में किया गया था। नॉर्थ ईस्टर्न डेवेलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड (NEDFi) का गठन 9 अगस्त 1995 को किया गया था और उत्तरपूर्वीय क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) का गठन सितम्बर 2001 में किया गया था। उत्तरपूर्वीय राज्यों में सिक्किम 1947 में एक भारतीय संरक्षित राज्य और उसके बाद 1975 में एक पूर्ण राज्य बन गया। पश्चिम बंगाल में स्थित सिलीगुड़ी कॉरिडोर जिसकी औसत चौड़ाई 21 किलोमीटर से 40 किलोमीटर के बीच है, उत्तरपूर्वीय क्षेत्र को मुख्य भारतीय भू-भाग से जोड़ता है। इसकी सीमा का 2000 किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र अन्य देशों: नेपाल, चाइना, भूटान, बर्मा और बांग्लादेश के साथ लगती है। .

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पूर्वोत्तर सीमा रेलवे

पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (Northeast Frontier Railway), रेलवे बोर्ड, मत्रांलय के अधीन कार्यरत 16 जोनल रेल में से एक है। जैसा कि नाम है “पूर्वोत्तर सीमा रेल” भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित सभी राज्य बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम तथा त्रिपुरा को स्पर्श करता है। पू0 सी0 रेल भारत की सेवा में समर्पित है और इस क्षेत्र की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने की सच्ची आश ने इस रेल के निष्पादन को सुधारने में काफी मदद की है। बंगलादेश के साथ अंर्तबदल सुविधा तथा नेपाल और भूटान के लिए रेल शीर्ष के रूप में कार्य करने के अलावा पू0 सी0 रेल कुल 10 राज्यों की सेवा करती है। .

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पूर्वी पाकिस्तान

पूर्वी पाकिस्तान(পূর্ব পাকিস্তান,; مشرقی پاکستان,; East Pakistan, ईस्ट पाकिस्तान), एक इकाई व्यवस्था के तहत, तत्कालीन पाकिस्तान की पूर्वी इकाई थी। यह वर्तमान बांग्लादेश के स्थान पर, १९५५ से १९७१ तक विद्यमान था। इसकी राजधनी ढाका थी, एवं राजभाषा बांग्ला थी। पूर्वी पाकिस्तान का कुल भूक्षेत्र, १,४७,५७० वर्ग की•मी• था। यह पूर्व, उत्तर व पश्चिम दिशाओं में भारत से घिरा हुआ था, और दक्षिण की ओर, बंगाल की खाड़ी के तट पर था। साथ ही पूर्व में यह एक छोटी सी सीमा रेखा, बर्मा के साथ साझा करता था। यह पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रंशन में से एक रहा है, और अर्थव्यवस्था, राजनैतिक प्रतिनिधितिव व जनसंख्या के आधार पर, तत्कालीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य था। अंत्यतः, १६ दिसंबर १९७१ को, नौ महीनों तक चले युद्ध के पश्चात्, पूर्वी पाकिस्तान ने बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्रता घोषित कर दी। .

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पूर्वी बंगाल

पूर्वी बंगाल बंग भंग के समय बंगाल के पूर्वी भाग के लिए प्रयुक्त शब्द है। १९४७ में स्वतंत्रता के बाद यह भाग पाकिस्तान का भाग बना और वर्तमान में इसे बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। .

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पेकुय़ा उपज़िला

पेकुय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के काॅक्सबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय काॅक्सबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पोद्दार

पोद्दार भारत और बांग्लादेश के मूल निवासी एक उपनाम है। ये मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान और पंजाब में पाए जाते है। बांग्लादेश में, पोद्दार मुस्लिम गुटों के होते हैं, आमतौर पर चौधरी मुसलमानों के रूप में निर्दिष्ट किया जाता है। श्रेणी:उपनाम श्रेणी:भारतीय उपनाम.

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पीठा

पीठा(बंगाली: পিঠে, ओडिया: ପିଠା, बंगाली-असमिया: পিঠা piṭha, संस्कृत: पिष्टा; अपूप) भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी क्षेत्रों से चावल केक का एक प्रकार है, जिसमें बांग्लादेश है औरभारत में आम तौर पर ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वोत्तर क्षेत्र के पूर्वी राज्य भी शामिल है। पीठा आम तौर पर चावल के आटे से बने होते हैं, हालांकि गेहूं के आटे से भी पीठे बनाये जाते है। .

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पीरगञ्ज उपज़िला

पीरगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के रंगपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रंगपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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पीरगाछा उपज़िला

पीरगाछा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के रंगपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रंगपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फटिकछड़ि उपज़िला

फटिकछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फरिदपुर सदर उपज़िला

फरिदपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के फरिदपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला फरिदपुर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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फरिदगञ्ज उपज़िला

फरिदगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चाँदपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय चाँदपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फरक्का परियोजना

यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। गंगा के चरम उत्कर्ष रूप; फरक्का बैराज, जहां से एक धारा कोलकाता को हुगली बन कर जाती है। फ़रक्का बांध (बैराज) भारत के पश्चिम बंगाल प्रान्त में स्थित गंगा नदी पर बना एक बांध है। यह बांध बांगलादेश की सीमा से मात्र १० किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। इस बांध को १९७४-७५ में हिन्दुस्तान कन्स्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया था। इस बांध का निर्माण कोलकाता बंदरगाह को गाद (silt) से मुक्त कराने के लिये किया गया था जो की १९५० से १९६० तक इस बंदरगाह की प्रमुख समस्या थी। कोलकाता हुगली नदी पर स्थित एक प्रमुख बंदरगाह है। ग्रीष्म ऋतु में हुगली नदी के बहाव को निरंतर बनाये रखने के लिये गंगा नदी की के पानी के एक बड़े हिस्से को फ़रक्का बांध के द्वारा हुगली नदी में मोड़ दिया जाता है। इस पानी के वितरण के कारण बांगलादेश एवम भारत में लंबा विवाद चला। गंगा नदी के प्रवाह की कमी के कारण बांगलादेश जाने वाले पानी की लवणता बड़ जाती थी और मछ्ली पालन, पेयजल, स्वास्थ और नौकायान प्रभावित हो जाता था। मिट्टी में नमी की कमी के चलते बांगलादेश के एक बड़े क्षेत्र की भूमी बंजर हो गयी थी। इस विवाद को सुलझाने के लिये दोनो सरकारो ने आपस में समझौता करते हुए फ़रक्का जल संधि की रूप रेखा रखी। .

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फरीदपुर उपज़िला

फरीदपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के पाबना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पाबना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फ़ख़रुद्दीन अहमद

फकरुद्दीन अहमद, (बांग्ला:ফাকরুদ্দীন আহমেদ, जन्म 1 मई 1940) एक बांग्लादेशी अर्थशास्त्री, नौकरशाह और बांग्लादेश बैंक (बांग्लादेश का केंद्रीय बैंक) के गवर्नर थे। 12 जनवरी 2007 को उन्हें, राजनीतिक संकट के बीच, निष्पक्ष अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था। वे इस पद पर तकरीबन 2 वर्ष तक विराजमान रहे, जोकि साधारण कार्यकाल से कहीं अधिक है। तत्पश्चात 29 दिसंबर 2008 को साधारण चुनाव घोषित किए गए और अवामी लीग सत्ता पर काबिज हुई। .

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फ़ेञ्चुगञ्ज उपज़िला

फ़ेंचुगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फालूदा

फालूदा भारतीय उपमहाद्वीप में एक ठंडी मिठाई के रूप में बहुत लोकप्रिय है। परंपरागत रूप से यह गुलाब सिरप, सेवई, मीठी तुलसी के बीज और दूध के साथ जेली के टुकड़ों को मिलाकर बनाया जाता है, जो अक्सर आइसक्रीम के एक स्कूप के साथ सबसे ऊपर रहता है। फालूदा की उत्पत्ति पारस में हुई थी और यह भारतीय उपमहाद्वीप में लोकप्रिय है। वहीं कहा जाता है कि यह मिठाई 16 वीं से 18 वीं शताब्दी में भारत में बसने वाले कई मुस्लिम व्यापारियों और राजवंशों के साथ भारत आई थी। इसे मुगल साम्राज्य ने काफी बढ़ावा दिया। .

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फजले कबीर

फजले कबीर (जन्म:4 जुलाई, 1955) बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ‘बांग्लादेश बैंक’ के गवर्नर हैं। इसके पूर्व वे सोनाली बैंक के निदेशक मंडल के अध्यक्ष थे। उन्हें बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अतिउर रहमान के पद से इस्तीफा देने के उपरांत बांग्लादेश बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया। न्यूयार्क स्थित फेडरल बैंक में बांग्लादेश बैंक के खाते से हैकर्स द्वारा लगभग 81 मिलियन की चोरी की घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अतिउर रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। .

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फकिरहाट उपज़िला

फकिरहाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के बगेरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगेरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फुलतला उपज़िला

फुलतला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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फुलबाड़िय़ा उपज़िला

फुलबाड़िय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फुलबाड़ी उपज़िला (दिनाजपुर)

फुलबाड़ी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फुलबाड़ी उपज़िला (कुड़िग्राम)

फुलबाड़ी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के कुड़िग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुड़िग्राम सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फुलगाजी उपज़िला

फुलगाजी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के फेनी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय फेनी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फुलछड़ि उपज़िला

फुलछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के गाइबान्धा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय गाइबान्धा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फुजिता पैमाना

फुजिता पैमाना (एफ-स्केल) या फुजिता-पियर्सन स्केल बवंडरों के शक्ति मापन का एक रेटिंग पैमाना है। इसका आधार मानव निर्मित संरचनाओं व वनस्पति को हुई क्षति की जाँच है। फुजिता पैमाने की आधिकारिक श्रेणी का आकलन मौसमविद व इंजीनियर कई तथ्यों के अध्ययन के बाद करते हैं जैसे कि जमीनी व हवाई सर्वेक्षण तथा परिस्थितियों के अनुसार धरती पर पड़े बवंडर के घुमाव वृत्त, राडार द्वारा प्राप्त जानकारी प्रत्यक्षदर्शियों के साक्षात्कार मीडिया की ख़बरें व क्षति की स्थिर व वीडियो तस्वीरें आदि.

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फूलपुर उपज़िला

फूलपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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फेनी सदर उपज़िला

फेनी सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला फेनी जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह चट्टग्राम विभाग के फेनी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय फेनी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बटिय़ाघाटा उपज़िला

बटिय़ाघाटा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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बड़लेखा उपज़िला

बड़लेखा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के मौलवीबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मौलवीबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बदरगञ्ज उपज़िला

बदरगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के रंगपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रंगपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बदलगाछी उपज़िला

बदलगाछी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बद्रुल हैदर चौधरी

बद्रुल हैदर चौधरी एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति हुसैन मुहम्मद इरशाद द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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बनारीपाड़ा उपज़िला

बनारीपाड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरिशाल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरिशाल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बन्दर उपज़िला

बन्दर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नाराय़णगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नाराय़णगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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बराइग्राम उपज़िला

बराइग्राम उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नाटोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नाटोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बरिशाल नगर निगम

बरिशाल सिटी कॉर्पोरेशन यानि बरिशाल नगर निगम, बांग्लादेश के बरिशाल नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के बरिशाल नगर के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। बरिशाल, बांग्लादेश के बरिशाल विभाग में स्थित, बांग्लादेश के बृहत्तम् नगरों में से एक है। इस निकाय की स्थापना बरिशाल के प्रशासन हेतु एक नगर पालिका के रूप में हुआ था, तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम के स्तर पर उन्नतस्थ कर दिया गया। .

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बरिशाल सदर उपज़िला

बरिशाल सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला बरिशाल जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बरिशाल विभाग के बरिशाल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरिशाल सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बरिशाल विभाग

बारीसाल बांग्लादेश का एक विभाग है इसका मुख्यालय बारीसाल है। इस उपक्षेत्र या प्रान्त में ६ जिले हैं। बरगुना, बारीसाल, भोला, झालोकटी, पतुआखाली, पीरोजपुर श्रेणी:बांग्लादेश के विभाग *.

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बरगुना सदर उपज़िला

बरगुना सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला बरगुना जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बरिशाल विभाग के बरगुना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरगुना सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बरकल उपज़िला

बरकल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के रांगामाटि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रांगामाटि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बरुरा उपज़िला

बरुरा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बलदेव सिंह (रक्षामंत्री)

बलदेव सिंह (11 जुलाई, 1902 -- 29 जून, 1961) भारत के स्वतन्त्रता सेनानी एवं सिख नेता थे। वे भारत के प्रथम रक्षामन्त्री बने। सरदार बलदेव सिंह का जन्म 11 जुलाई, 1902 को जाट-सिख परिवार में हुआ था। बलदेव सिंह ने अपनी शिक्षा अम्बाला में पूरी करके अमृतसर में अपने पिताजी के साथ उनके काम में हाथ बंटाना शुरू किया। औद्यौगिक प्रतिष्ठान थे। 1930 में सरदार बलदेव सिंह ने राजनीति में प्रवेश किया। उनके पिता इंदर सिंह उस समय देश में स्टील किंग के तौर पर जाने जाते थे और उनका रुतबा अमीर पंजाबियों में शुमार था। उनके जमशेदपुर (अब झारखंड) और पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) में बलदेव सिंह भारत की राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे और लंदन सम्मेलन सहित अंग्रेजों के साथ सभी महत्वपूर्ण वार्ता में उन्होंने सिखों का प्रतिनिधित्व किया। वह जून 1942 से सितंबर 1946 तक आजादी से पहले संयुक्त पंजाब सरकार में विकास मंत्री थे। रक्षामंत्री के रूप में उन्होंने देश के विभाजन के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाई साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं भारत और पाकिस्तान के बीच सशस्त्र बलों के विभाजन व कश्मीरी घुसपैठ को रोकने में भी भूमिका निभाई थी। उस समय सबसे बड़ा मुद्दा था बटवारे के बाद उजड़कर आए लोगों को बसाना। होशियारपुर शहर के जोधामल रोड के साथ साथ वर्तमान राम कालोनी कैंप में शरणार्थी शिविर बनाए गए थे। बलदेव सिंह बतौर लोकसभा सदस्य रहते लोकसभा में शरणार्थियों की समस्याएं जोर-शोर से उठाते थे। श्रेणी:भारतीय स्वतंत्रता सेनानी.

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बलि प्रथा

बलि प्रथा मानव जाति में वंशानुगत चली आ रही एक सामाजिक प्रथा अर्थात सामाजिक व्यवस्था है। इस पारम्परिक व्यवस्था में मानव जाति द्वारा मानव समेत कई निर्दोष प्राणियों की हत्या यानि कत्ल कर दिया जाता है। विश्व में अनेक धर्म ऐसे हैं, जिनमें इस प्रथा का प्रचलन पाया जाता है। यह मनुष्य जाति द्वारा मात्र स्वार्थसिद्ध की व्यवस्था है, जिसे बलि-प्रथा कहते है। .

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बाटिक

बाटिक कला अपाई एक कपड़े पर बाटिक भारत की प्रमुख लोककलाओं में से एक है। यह वस्त्रों की छपाई की अत्यंत प्राचीन कला है और आज भी यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि श्रीलंका, बांग्लादेश, चीन, ईरान, द फिलीपींस, मलेशिया एवं थाइलैंड सहित पूरी दुनिया में बेहद लोकप्रिय है। .

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बाञ्छारामपुर उपज़िला

बांछारामपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के ब्राह्मणबाड़िय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बाँशखाली उपज़िला

बाँशखाली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बानिय़ाचङ् उपज़िला

बानिय़ाचं उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के हाबीगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ८ उपज़िले हैं, और मुख्यालय हाबीगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बान्दरबान सदर उपज़िला

बन्दरबान सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला बन्दरबान जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह चट्टग्राम विभाग के बन्दरबान ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ७ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बन्दरबान सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बाब -ए- ख़ैबर

पश्चिम मुख करते हुए बाब ए'ख़ैबर की तसवीर बाब ए'ख़ैबर (باب خیبر) (या बाब ए-ख़ैबर या बाब-ए-ख़ैबर) Naveed Hussain 22 January 2012 Express Tribune Retrieved 29 May 2014 एक स्मारकनुमा द्वारगाह है जो पाकिस्तान के फाटा(संध-शासित क़बाइली इलाक़े) सूबे में विख्यात ख़ैबर दर्रे के प्रवेश स्थान पर स्थित है। यह जमरूद के क़िले के पास, दक्षीण-पूर्व की ओर जी॰टी॰ रोड(तेरख़म राजमार्ग वाले हिस्से) पर पेशावर से तक़रीबन 20 कि॰मी॰ की दूरी पर जमरूद कस्बे में स्थित है। .

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बाबुगंज उपज़िला

बाबुगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरिशाल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरिशाल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बामना उपज़िला

बामना उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरगुना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरगुना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बारहसिंगा

बारहसिंगा या दलदल का मृग (Rucervus duvaucelii) हिरन, या हरिण, या हिरण की एक जाति है जो कि उत्तरी और मध्य भारत में, दक्षिणी-पश्चिम नेपाल में पाया जाता है। यह पाकिस्तान तथा बांग्लादेश में विलुप्त हो गया है। बारहसिंगा का सबसे विलक्षण अंग है उसके सींग। वयस्क नर में इसकी सींग की १०-१४ शाखाएँ होती हैं, हालांकि कुछ की तो २० तक की शाखाएँ पायी गई हैं। इसका नाम इन्ही शाखाओं की वजह से पड़ा है जिसका अर्थ होता है बारह सींग वाला।Prater, S. H. (1948) The book of Indian animals.

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बारहाट्टा उपज़िला

बारहाट्टा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बारोवारी

बारोवारी (बंगाली: বারোয়ারি) पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में त्योहारों के अवसर पर जनता से एकत्रित किए गए चंदे के साथ आयोजित सामूहिक पूजा और उत्सव को कहते हैं। दुर्गा पूजा के दिनों में बंगाल-भर में कई मोहल्लों में बारोवारियाँ संगठित होती हैं। .

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बारीसाल डिवीजन क्रिकेट टीम

बारीसाल डिवीजन क्रिकेट टीम या बारीसाल ब्लेज़र्स एक बांग्लादेशी प्रथम श्रेणी की टीम है जो बांग्लादेश के सात प्रशासनिक क्षेत्रों में से एक, बारीसाल डिवीजन का प्रतिनिधित्व करती है।.

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बाल-श्रम

बाल-श्रम का मतलब ऐसे कार्य से है जिसमे की कार्य करने वाला व्यक्ति कानून द्वारा निर्धारित आयु सीमा से छोटा होता है। इस प्रथा को कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संघटनों ने शोषित करने वाली प्रथा माना है। अतीत में बाल श्रम का कई प्रकार से उपयोग किया जाता था, लेकिन सार्वभौमिक स्कूली शिक्षा के साथ औद्योगीकरण, काम करने की स्थिति में परिवर्तन तथा कामगारों श्रम अधिकार और बच्चों अधिकार की अवधारणाओं के चलते इसमे जनविवाद प्रवेश कर गया। बाल श्रम अभी भी कुछ देशों में आम है। .

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बालागंज उपज़िला

बालागंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बालिय़ाडाङ्गी उपज़िला

बालिय़ाडांगी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के ठाकुरगाँओ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ठाकुरगाँओ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बालिय़ाकान्दि उपज़िला

बालिय़ाकान्दि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के राजबाड़ी ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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बासमती चावल

लाल बासमती चावल बासमती (Basmati,, باسمتى) भारत की लम्बे चावल की एक उत्कृष्ट किस्म है। इसका वैज्ञानिक नाम है ओराय्ज़ा सैटिवा। यह अपने खास स्वाद और मोहक खुशबू के लिये प्रसिद्ध है। इसका नाम बासमती अर्थात खुशबू वाली किस्म होता है। इसका दूसरा अर्थ कोमल या मुलायम चावल भी होता है। भारत इस किस्म का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसके बाद पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश आते हैं। पारंपरिक बासमती पौधे लम्बे और पतले होते हैं। इनका तना तेज हवाएं भी सह नहीं सकता है। इनमें अपेक्षाकृत कम, परंतु उच्च श्रेणी की पैदावार होती है। यह अन्तर्राष्ट्रीय और भारतीय दोनों ही बाजारों में ऊँचे दामों पर बिकता है। बासमती के दाने अन्य दानों से काफी लम्बे होते हैं। पकने के बाद, ये आपस में लेसदार होकर चिपकते नहीं, बल्कि बिखरे हुए रहते हैं। यह चावल दो प्रकार का होता है:- श्वेत और भूरा। के अनुसार, बासमती चावल में मध्यम ग्लाइसेमिक सूचकांक ५६ से ६९ के बीच होता है, जो कि इसे मधुमेह रोगियों के लिये अन्य अनाजों और श्वेत आटे की अपेक्षा अधिक श्रेयस्कर बनाता है। .

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बासाइल उपज़िला

बासाइल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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बाहुबल उपज़िला

बाहुबल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के हाबीगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ८ उपज़िले हैं, और मुख्यालय हाबीगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बाजार विभाजन,लक्ष्य निर्धारण, और स्थिति निर्धारण

भौगोलिक विभाजन निर्माता बाजार को भौगोलिक तरह से विभाजित कर सकता है जैसे राष्ट्र,राज्य,जलवायु,देश,शहर आदि। भौगोलिक विभाजन जनसांख्यिकीय और भौगोलिक दोनों की सुचना रखता जिससे कंपनी की रुरेखा अच्छी कर सकें। जैसे मौसम का हम उदहारण ले सकते है निर्माता बारिश के मौसम में छाता और बारिश से सुरक्षित होने योग्य वस्तुऐं बेच सकता है राज्य हर राज्य का रेहन सहन अलग होता है इसलिए उत्पादक को भी उनके जरुरत को नजर में रखतें हुए ही विभाजन करना चाहिए।.

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बाजितपुर उपज़िला

बाजितपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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बाघ

बाघ जंगल में रहने वाला मांसाहारी स्तनपायी पशु है। यह अपनी प्रजाति में सबसे बड़ा और ताकतवर पशु है। यह तिब्बत, श्रीलंका और अंडमान निकोबार द्वीप-समूह को छोड़कर एशिया के अन्य सभी भागों में पाया जाता है। यह भारत, नेपाल, भूटान, कोरिया, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया में अधिक संख्या में पाया जाता है। इसके शरीर का रंग लाल और पीला का मिश्रण है। इस पर काले रंग की पट्टी पायी जाती है। वक्ष के भीतरी भाग और पाँव का रंग सफेद होता है। बाघ १३ फीट लम्बा और ३०० किलो वजनी हो सकता है। बाघ का वैज्ञानिक नाम पेंथेरा टिग्रिस है। यह भारत का राष्ट्रीय पशु भी है। बाघ शब्द संस्कृत के व्याघ्र का तदभव रूप है। .

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बाघा उपज़िला

बाघा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के राजशाही ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। .

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बाघारपाड़ा उपज़िला

बाघारपाड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के यशोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय यशोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बाघाइछड़ि उपज़िला

बाघाइछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के रांगामाटि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रांगामाटि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बागमारा उपज़िला

बागमारा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के राजशाही ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। .

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बागातिपाड़ा उपज़िला

बागातिपाड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नाटोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नाटोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बागेरहाट सदर उपज़िला

बागेरहाट सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला बागेरहाट जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह खुलना विभाग के बागेरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बागेरहाट सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बांसी नदी

कोई विवरण नहीं।

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बांग्ला भाषा आन्दोलन

२१ फ़रवरी १९५२ को ढाका में आयोजित विशाल प्रदर्शन २१ फरवरी १९५३ को ढाका विश्वविद्यालय की छात्राएँ बांग्ला भाषा के लिये शान्तिपूर्ण मार्च करते हुए बांग्ला भाषा आन्दोलन (१९५२) तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में संघटित एक सांस्कृतिक एवं राजनैतिक आन्दोलन था। इसे 'भाषा आन्दोलन' भी कहते हैं। आन्दोलन की मांग थी कि बांग्ला भाषा को पाकिस्तान की एक आधिकारिक भाषा की मान्यता दी जाय तथा इसका उपयोग सरकारी कामकाज में, शिक्षा के माध्यम के रूप में, संचार माध्यमों में, मुद्रा तथा मुहर आदि पर जारी रखी जाय। इसके अलावा यह भी मांग थी कि बांग्ला भाषा को बांग्ला लिपि में ही लिखना जारी रखा जाय। यह आन्दोलन अन्ततः बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में परिणित हो गया। १९७१ में इसी के चलते भारत और पाकिस्तान में युद्ध हुआ और बांग्लादेश मुक्त हुआ। बांग्लादेश में २१ फ़रवरी को 'भाषा आन्दोलन दिवस' के रूप में याद किया जाता है तथा इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इस आन्दोलन तथा इसके शहीदों की स्मृति में ढाका मेडिकल कॉलेज के निकट 'शहीद मिनार' का निर्माण किया गया। .

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बांग्ला शब्दभण्डार

बांग्ला भाषा का शब्दभण्डार का मूल एवं आदि उत्स पालि एवं प्राकृत भाषाएँ हैं। बाद में बांग्ला भाषा में संस्कृत, फारसी, अरबी एवं विभिन्न भाषाओं से शब्द लिए गये। .

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बांग्ला सिनेमा

बांग्ला सिनेमा जो ढाका, बांग्लादेश में स्थित बंगाली भाषा का फिल्म उद्योग है। यह अक्सर 1970 के दशक के आरंभ से एक महत्वपूर्ण फिल्म उद्योग रहा है और इसे अक्सर ढेलीवुड (बंगाली ঢালিউড) के रूप में जाना जाता है। .

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बांग्लादेश त्रिकोणी सीरीज 2009-10

2009-10 में बांग्लादेश में त्रिकोणीय श्रृंखला आईडिया कप के लिए एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट थी, जिसे 4 जनवरी से 13 जनवरी 2010 तक बांग्लादेश में आयोजित किया गया था। टूर्नामेंट में भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम शामिल थी। टूर्नामेंट 13 जनवरी 2010 को आयोजित होने वाले फाइनल मैच में भारत को हराकर श्रीलंका ने जीता था। .

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बांग्लादेश त्रिकोणीय सीरीज 2018

2017-18 बांग्लादेश त्रि-राष्ट्र श्रृंखला एक आगामी क्रिकेट टूर्नामेंट है जिसे जनवरी 2018 में होना है। यह बांग्लादेश, श्रीलंका और ज़िम्बाब्वे के बीच एक त्रिकोणीय श्रृंखला होगी, जिसमें सभी मैचों एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) के रूप में खेले गए थे। शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम सभी मैच की मेजबानी करेगा, दोपहर से शुरू होने वाले प्रत्येक मैच के साथ। त्रिकोणीय श्रृंखला के बाद, श्रीलंका बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैच और दो ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय (टी20ई) खेलेंगे। श्रीलंका-जिम्बाब्वे का खेल 17 जनवरी को शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में आयोजित 100 वें वनडे होगा और स्टेडियम 100 वनडे की मेजबानी करने के लिए छठे स्थान पर होगा। .

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बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी

यह बांग्लादेश का एक राजनीतिक दल है। श्रेणी:बांग्लादेश के राजनीतिक दल.

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बांग्लादेश प्रीमियर लीग

बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल, बीपीएल भी BRB के रूप में जाना जाता है) एक पेशेवर बांग्लादेशी ट्वेंटी-20 क्रिकेट लीग मताधिकार है। लीग 2012 में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) द्वारा स्थापित किया गया था और बांग्लादेश में पेशेवर टी-20 क्रिकेट का उच्चतम स्तर है। अक्टूबर 2016 के रूप में, लीग के तीन संस्करणों के दौरान टूर्नामेंट के नियमों के उल्लंघन और मैच फिक्सिंग के आरोपों के कारण खेला गया है, प्रतिस्पर्धा नहीं है कि सभी छह फ्रेंचाइजी के निलंबन के बाद 2013-14 और 2014-15 के सीजन में लड़ा जा रहा है साथ 2012-13 सीजन। 2016-17 संस्करण के रूप में, लीग सात फ्रेंचाइजी के होते हैं। हर मौसम के साथ चैम्पियनशिप खेल आम तौर पर विजय दिवस से पहले दिन पर आयोजित, लगभग तीन सप्ताह के लिए रहता नवंबर और दिसंबर के दौरान खेला खेल के साथ। बीपीएल 2015 के मौसम के दौरान प्रति मैच औसत भीड़ के संबंध में सभी क्रिकेट लीग के बीच तीसरे उच्चतम औसत उपस्थिति है। 2016 में, बीपीएल दुनिया में दूसरा सबसे पीछा क्रिकेट लीग, दूसरी इंडियन प्रीमियर लीग के रूप में पता चला था। बीपीएल के ब्रांड मूल्यांकन के आसपास $500 मिलियन होने का अनुमान है। अक्टूबर 2016 के रूप में, मुशफिकुर रहीम जबकि केवन कूपर सबसे कैरियर विकेट (49) है लीग के इतिहास में सर्वाधिक रन (819) रन बनाए हैं। दो बीपीएल चैंपियनशिप के साथ, ढाका ग्लेडियेटर्स समाप्त टूर्नामेंट के सबसे सफल टीम है। मौजूदा चैंपियन कोमिल्ला विक्टोरिया, जो हार रहे हैं बारीसाल बुल्स फाइनल की आखिरी गेंद पर तीन विकेट से 2015 अंतिम। .

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बांग्लादेश बैंक

बांग्लादेश बैंक (বাংলাদেশ ব্যাংক) बांग्लादेश का केंद्रीय बैंक है और एशियाई क्लियरिंग यूनियन के सदस्य है। पिछले दिनों हैकरों ने इस बैंक से 8.1 करोड़ डॉलर यानी करीब 543 करोड़ रुपए की राशि निकाल ली थी। दुनिया में किसी बैंक से उड़ाई गई यह अब तक की सबसे बड़ी रकम है। इस घटना के बाद बांग्‍लादेश के केंद्रीय बैंक के प्रमुख अतीउर रहमान और उनके दो सहयोगियों ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था। यह चोरी न्‍यूयॉर्क स्थित फेडरल रिजर्व के अकाउंट से हुई है। यह राशि फॉरेन एक्‍सचेंज रिजर्व के तौर पर रखी गई थी। बांग्‍लादेश के पास मौजूदा समय में 27 अरब डॉलर का फॉरेन एक्‍सचेंज रिजर्व है। अतीउर रहमान के इस्तीफे के बाद फजले कबीर को नए गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है। .

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बांग्लादेश मुक्ति युद्ध

बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम १९७१ में हुआ था, इसे 'मुक्ति संग्राम' भी कहते हैं। यह युद्ध वर्ष १९७१ में २५ मार्च से १६ दिसम्बर तक चला था। इस रक्तरंजित युद्ध के माध्यम सेे बांलादेश ने पाकिस्तान से स्वाधीनता प्राप्त की। 16 दिसम्बर सन् १९७१ को बांग्लादेश बना था। भारत की पाकिस्तान पर इस ऐतिहासिक जीत को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। पाकिस्तान पर यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक थी। भारत ने ९३ हजार पाकिस्तानी सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। १९७१ के पहले बांलादेश, पाकिस्तान का एक प्रान्त था जिसका नाम 'पूर्वी पाकिस्तान' था जबकि वर्तमान पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान कहते थे। कई सालों के संघर्ष और पाकिस्तान की सेना के अत्याचार और बांग्लाभाषियों के दमन के विरोध में पूर्वी पाकिस्तान के लोग सड़कों पर उतर आए थे। १९७१ में आज़ादी के आंदोलन को कुचलने के लिए पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के विद्रोह पर आमादा लोगों पर जमकर अत्याचार किए। लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और अनगिनत महिलाओं की आबरू लूट ली गई। भारत ने पड़ोसी के नाते इस जुल्म का विरोध किया और क्रांतिकारियों की मदद की। इसका नतीजा यह हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी जंग हुई। इस लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिए। इसके साथ ही दक्षिण एशिया में एक नए देश का उदय हुआ। .

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बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय महिलाओं के साथ बलात्कार

सन १९७१ के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के समय पाकिस्तान की सेना जमात ए इस्लामी के बंगाली रजकरों ने बांग्लादेश की २ से ४ लाख स्त्रियों के साथ बलात्कार किया। इसके लिये विधिवत उच्चस्तरीय योजना बनायी गयी थी और फतवा जारी किया गया था। श्रेणी:बांग्लादेश का इतिहास.

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बांग्लादेश में धर्म-निरपेक्षतावादियों पर हमले

2013 से बांग्लादेश में कई धर्म-निरपेक्षतावादी लेखकों, ब्लॉगरों और प्रकाशकों की हत्या हुई है, और कई हमलों में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इन हमलों के लिए इस्लामी चरमपंथियों को ज़िम्मेदार माना जा रहा है। श्रेणी:बांग्लादेश श्रेणी:नास्तिकों का उत्पीड़न श्रेणी:मानवाधिकार हनन.

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बांग्लादेश में शहरों की सूची

बांग्लादेश में कुल चार मेट्रो शहर हैं और १०४ नगर निगम या म्युनिसिपैलिटी वाले शहर, जिन्हें वहाँ तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। बांग्लादेश के प्रमुख शहरों और कस्बों की सूची निम्नवत है: .

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बांग्लादेश में स्थानीय प्रशासन

बांग्लादेश में स्थानीय प्रशासन, तीन स्तरों में विभाजित है: ज़िला स्तर, उपज़िला स्तर तथा यूनियन स्तर, जिनमें प्रत्येक स्तर पर एक निस्वचित परिषद् तथा संबंधित निकाय स्थापित होते हैं। प्रत्येक निकेस पर स्थानीय प्रशासन से संबधित शक्तियां निहित होती है। .

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बांग्लादेश में कराधान

बांग्लादेश में कराधान, बांग्लादेश सरकार द्वारा, संविधान द्वारा सरकार को दिए गए अधिकार के हक से, आयत की जाती है। संविधान का अनुअनुच्छ 83 के अनुसार, कोई भी कर, संसदीय अधिनियम के गैर अंतर्गत नहीं लगाई जा सकती है। अतः बांग्लादेश में प्रत्येक करों की संसदीय स्वीकृति प्रति होना अनिवार्य है। .

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बांग्लादेश सरकार

बांग्लादेश सरकार(বাংলাদেশ সরকার, बांलादेश सरकार), बांग्लादेश के संविधान द्वारा स्थापित, बांग्लादेश की प्रशासनिक एवं नियंत्रक प्राधिकारिणी है। यह, संपूर्ण बांग्लादेशी भूमि के शासन पर अपनी प्रभुसत्ता का दावा रखती है। संविधान के अनुसार, देश को लोकतांत्रिक, गणतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत्, एक स्वतंत्र न्यायपालिका के साथ, परिचालित किये जाने की बात की गई है। संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष हैं, जबकि सरकार, प्रधानमंत्री व उनके द्वारा नामांकित मंत्रियों के नियंत्रण में कार्य करती है। प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री मिलकर बांग्लादेश की उच्चतम् शासनिक एवं निर्णयात्मक निकाय का गठन करते हैं, जिसे बांग्लादेशी लहजे में, मंत्रिसभा(মন্ত্রিসভা) या कैबिनेट कहते हैं। 1971 के अस्थायी सरकार के गठन एवं अंतरिम संविधान के परवर्तन पश्चात् से बांग्लादेश की सरकारी व्यवस्था न्यूनतम् पाँचबार बदली जा चुकी है। बांग्लादेश की वर्तमान सरकारी व्यवस्था बहुदलीय संसदीय प्रणाली पर आधारित है। वरतमान व्यवस्था में प्रधानमंत्री को सरकार प्रमुख का दर्जा प्राप्त है, एवं बहुदलीय लोकतांत्रिक ढाँचे में, सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के सिद्धांतों पर राष्ट्रीय संसद के सदस्यगण निर्वाचित होते हैं। कार्यपालिका पूर्णतः सरकार के नियंत्रण में होती है, जिसे प्रधानमंत्री व मंत्रिसभा के अन्य सदस्यगण परिचालित करते हैं। सरकार व सरकार के समस्त मंत्रियों की, संसद के प्रति उत्तरदेही है, और राष्ट्रीय संसद में सरकार के कीसी भी निर्णय, कार्य, कदम या योजना पर प्रश्न किया जा सकता है। इसके अलावा, संविधान संशोधन, महाभियोग व कानूनी फेरबदल जैसे कार्य भी संसदीय बहुमत द्वारा किया जाता है। न्यायपालिका और विधानपालिका के अलाव बांग्लादेश में एक स्वतंत्र श्रेणीबद्ध न्यायपालिका भी स्थापित है, जो न्यायिक मामलों को देखती है। .

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बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी

यह बांग्लादेश का एक राजनीतिक दल है। .

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बांग्लादेश जातीय पार्टी

बांग्लादेश जातीय पार्टी बांग्लादेश का एक राजनीतिक दल है जो लेफ्टिनेंट जनरल हुसैन मोहम्मद इरशाद द्वारा गठित मूल जातीय पार्टी से विलग होकर अस्तित्व में आयी। इसका पुराना नाम जातीय पार्टी (नाजिउर) था। ले॰ जनरल इरशाद द्वारा जातीय पार्टी का गठन वर्ष १९८५ में किया गया था। इस मूल पार्टी को अ़ब जातीय पार्टी (इरशाद) के नाम से जाना जाता है। .

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बांग्लादेश आब्जर्वर

यह् एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है। .

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बांग्लादेश का ध्वज

बांग्लादेश का ध्वज (बांग्ला: বাংলাদেশের জাতীয় পতাকা) बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज है, जिसे १७ जनवरी १९७२ में अपनाया गया था। ध्वज में एक हरे पृष्ठभूमि पर एक लाल गोला है जो उत्तोलक के ओर है, ताकि फहराते समय केंद्रित दिखाई दे। लाल गोला बांग्लादेश पर सूर्योदय को दर्शाता है और स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए लोगों के बहाए गए खून का प्रतीक है। हरा पृष्ठभूमि बांग्लादेश के हरे-भरे ज़मीन का प्रतीक है। ध्वज १९७१ के बांग्लादेश के स्वतंत्रा युद्ध के दौरान उपयोग किए गए ध्वद पर आधारित है, जिसमें लाल गोले के अंदर पीले रंग का मानचित्र था। १९७२ में इसे हटा दिया गया क्योंकि मानचित्र को ध्वज के दोनों ओर दर्शाना कठिन था। .

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बांग्लादेश का प्रशासनिक भूगोल

बांग्लादेश एक एकात्मक राज्य है, अतः उसकी शासन प्रणाली किसी एकमेव शक्ति के रूप में सुनियोजित है, जिसमें केन्द्रीय सरकार अन्ततः सर्वोच्च है, तथा सारी उपराष्ट्रीय इकाइयाँ और उनको प्राप्त होने वाले अधिकार केन्द्रीय सरकार के पूर्णतः अधीन हैं और केन्द्रीय सरकार के अंतर्गत् कार्य करती हैं(जोकि भारत या अमेरिका जैसे संघात्मक देशों के विरुद्ध है, जहाँ राज्य सरकारें संघीय सरकार से स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं)। अतः बांग्लादेश के उपराष्ट्रीय इकाइयाँ पूर्णतः प्रशासनिक निकाय हैं, और इनका राष्ट्रीय राजनीती में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है। .

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बांग्लादेश का संविधान

गणप्रजातंत्र बांग्लादेश का संविधान(গণপ্রজাতন্ত্রী বাংলাদেশের সংবিধান, सीधा लिप्यांतरण:गणप्रजातंत्री बांलादेशेर संविधान, उच्चारण:गाॅनोप्रोजातोन्त्री बांलादेशेर् शाॅम्बिधान्) स्वतंत्र, स्वतः स्वाधीन व सर्वसंप्रभुतासम्पन्न बांग्लादेशी राष्ट्र की सर्वोच्च विधि संहिता है। यह एक लिखित दस्तावेज़ है। सन १९७२ के नवंबर मास की 8 तारीख को बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद में यह संविधान अपनी गई एवं उसी वर्ष के १६ दिसंबर को अर्थात् बांग्लादेश की विजय दिवस की प्रथम वर्षगाँठ होते यह कार्यान्वित हुई। मूल संविधान अंग्रेज़ी भाषा में रचित है एवं इसका बंगाली में अनुवाद कराया गया है। तभी यह बांग्ला व अंग्रेज़ी दोनो भाषाओं में विद्यमान है। अंग्रेज़ी व बंगाली के मध्य अर्थगत विरोध दृश्यमान होने पर बंगाली संस्करण अनुसरणीय होगी। १७ सितंबर; वर्ष २०१४ के सोलहवें संशोधन सहित यह संविधान सर्वमत १६ बार संशोधित हुई है। यह संविधान के संशोधन हेतु राष्ट्रीय संसदीय सदस्यों की कुल संख्या की दो तिहाई भाग के मतों का प्रावधान है। हालाँकि, तेरहवें संशोधन रद्द करने के आदेश में बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया है की, संविधान की मूल ढाँचा परिवर्तित हो, ऐसी संशोधन नहीं किया जाएगा; लाने पर यह अधिकार क्षेत्र से परे होगा अतः अमान्य होगा। बांग्लादेश का संविधान केवल बांग्लादेश की सर्वोच्च विधि संहिता ही नहीं है; संविधान में बांग्लादेश की नामक राष्ट्रीय चरित्र वर्णित की गई है। इसमें बांग्लादेश की भौगोलिक सीमारेखा विस्तृत है। इस संविधान में दिये गए मूल ढाँचे के अनुसार: देश प्रजातांत्रिक होगा, गणतंत्र होगी इसकी प्रशासनिक नींव, जनगणन होंगे देश के सर्व शक्तियों के स्रोत और न्यायपालिका स्वतंत्रत होगी। गनगण सर्व शक्तियों के स्रोत होने पर भी देश में विधि शासन(कानून का शासन होगा)। बांग्लादेश के संविधान में राष्ट्रवाद, समाजवाद, गणतंत्र व धर्मनिरपेक्षता को राष्ट्र परिचालन के मूल सिद्धांतों के रूप में अपनाया गया है। .

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बांग्लादेश क्रिकेट टीम

बांग्लादेश क्रिकेट टीम बांग्लादेश की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम है। श्रेणी:राष्ट्रीय क्रिकेट टीम श्रेणी:क्रिकेट टीम.

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बांग्लादेश क्रिकेट लीग

बांग्लादेश क्रिकेट लीग के एक वार्षिक प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट है कि वर्ष 2012-13 के सत्र में बांग्लादेश में शुरू हुआ है। .

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बांग्लादेश क्रिकेट लीग 2017

बांग्लादेश क्रिकेट लीग 2016-17 बांग्लादेश क्रिकेट लीग, एक प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता के पांचवें संस्करण है। यह वर्तमान में 28 जनवरी से 7 मार्च 2017 को बांग्लादेश में आयोजित किया जा रहा है। टूर्नामेंट बांग्लादेश में अन्य प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता, नॅशनल क्रिकेट लीग 2016-17 के समापन के बाद खेला जाता है। सेंट्रल जोन गत चैम्पियन हैं। प्रतियोगिता में अपना पहला खिताब हासिल करने वाले नॉर्थ जोन ने टूर्नामेंट जीता। .

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बांग्लादेश क्रिकेट लीग 2018

2017-18 बांग्लादेश क्रिकेट लीग बांग्लादेश क्रिकेट लीग का छठा संस्करण है, ये एक प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता है। यह बांग्लादेश में आयोजित किया जा रहा है, और 6 जनवरी 2018 को शुरू किया गया। नॉर्थ ज़ोन मौजूदा चैंपियन हैं .

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बांग्लादेश के नगर निगमों की सूची

सिटी कॉर्पोरेशन बांग्लादेश में नगर निगम को कहा जाता है, जोकि बांग्लादेश के बड़े महानगरों के प्रशासनिक निययों को कहा जाता है। ये निगम, विभिन्न नागरिक सेवाओं और महानगरों के अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए ज़िम्मेदार होती है। वर्त्तमान समय में बांग्लादेश में कुल ११ सिटी कॉर्पोरेशन हैं। .

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बांग्लादेश के प्रधानमंत्री

गणप्रजातंत्र बांग्लादेश के प्रधानमंत्री (बांग्ला:বাংলাদেশের প্রধানমন্ত্রী, बाड़्ग्लादेशेर प्रोधानमोन्त्री), बांग्लादेश के राजप्रमुख के तौर पर स्थापित एक राजनैतिक पद है। बांग्लादेश की मंत्रीपरिषद शासित अथवा संसदीय सरकारी व्यवस्था में बांग्लादेश के राष्ट्रप्रमुख बांग्लादेश के राष्ट्रपति, राष्ट्रप्रमुख, वहीं, प्रधानमंत्री, सरकार प्रमुख अथवा राजप्रमुख होते हैं। प्रधानमंत्री व मंत्री परिषद सम्मिलित रूप से देश को प्रशासित एवं सरकारी तंत्र को नियंत्रित करते हैं। प्रधानमंत्री, मंत्रीपरिषद के प्रमुख होते हैं जो मिलकर सरकार की नीति निर्धारित करती है एवं राष्ट्रीय संसद के समक्ष निर्वाचित सरकार की नीतियों को प्रस्तुत करती है। साथ ही, समस्त मंत्रीपरिषद, सदन में सरकार की योजना व नीतियों की प्रस्तुति बचाव के लिए जिम्मेदार होते हैं। प्रधानमंत्री बांग्लादेश की एकसदनीय राष्ट्रीय संसद में बहुमत दल के नेता एवं सदन में सत्तापक्ष के नेता भी हैं। प्रधानमंत्री को कार्यकाल की शपथ बांग्लादेश के राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाती है। .

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बांग्लादेश के प्रधानमंत्रीगण की सूची

बांग्लादेश के प्रधानमंत्री की पूरी सूची में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने 1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद प्रधानमंत्री बांग्लादेश के पद की शपथ ली। .

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बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश

बांग्लादेश के मुख्या न्यायाधीश या प्रधान विचारपति(বাংলাদেশের প্রধান বিচারপতি), बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। वे देश की न्यायिक प्रणाली के प्रमुख एवं बांग्लादेश की उच्चतम न्यायालय के प्रमुख होते हैं। वे सर्वोच्च न्यायालय के तमाम न्यायाधीशों के प्रमुख होने के साथ साथ, बांग्लादेश की पूरी न्यायिक व्यवस्थापिका एवं तमाम अधिनस्त न्यायालयों के भी प्रमुख होते हैं। उन्हें बांग्लादेश के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। परम्परानुसार, सर्वोच्च अदालत के वरिष्ठताम् पदस्थ न्यायाधीश पर यह पद निहित किया जाता है। सर्वोच्च न्यायालय के मुखिया होने के नाते वे, न्यायलय के कार्यों में अहम् भूमिका निभाते हैं। न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा पदोन्नति एवं न्यायलय के अन्य प्रशासनिक कार्यों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उच्च न्यायालय विभाग के अस्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा उनकी स्थायी रूप से नियुक्ति एवं उच्च न्यायालय विभाग से अपीलीय विभाग में पदोन्नति, राष्ट्रपति द्वारा, मुख्यन्यायाधीश की सलाह पर होता है। वे बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय विभाग में मुकदमों की सुनवाई के लिए बैठते हैं। .

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बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीशगण की सूची

बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश का पद, बांग्लादेश सर्वोच्च न्यायिक पद है। इस पद पर विराजमान होने वाले पहले पदाधिकारी न्यायमूर्ति अब सादात मोहम्मह खान सयम थे, जोकि १६ दिसंबर १९७२ से नवंबर १९७५ तक इस पद पर रहे थे। तत्पश्चात, जनवरी २०१५ तक इस पद पर कुल २१ लोग विराजमान हो चुके हैं। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार सिन्हा इस पद पर १७ जनवरी २०१५ विराजमान हैं। वे हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं, तथा बिष्णुप्रिय मणिपुरी समुदाय से आते हैं, तथा वे बांग्लादेश में किसी भी अल्पसंख्यक जातीय समूहों से नियुक्त पहली मुख्य न्यायाधीश है। न्यायमूर्ति भावनी प्रसाद सिन्हा भी एक ही समुदाय से हैं। न्यायमूर्ति महौदय नाज़मन आरा सुल्ताना इस पद को सुशोभित करने वाली पहली महिला न्यायाधीश थीं, और मैडम जस्टिस कृष्णा देबनाथ बांग्लादेश की पहली महिला हिंदू न्यायाधीश है। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में छह महिला न्यायाधीशों रहे हैं। बांग्लादेश में सैन्य शासनके के दौरान, १९७३ से १९७५ के बीच, सर्वोच्च न्यायालय को द्विभाजित कर, दो भिन्न, उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय स्थापित किये गए थे। इस बीच, न्यायमूर्ति रूहुल इस्लाम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, और सैयद महमूद हुसैन सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। निम्न तालिका बांग्लादेश के सारे मुख्य न्यायाधीशों को सूचित करती है। .

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बांग्लादेश के यूनियन परिषद्

यूनियन परिषद्, बांग्लादेश में स्थानीय प्रशासन के हीनतम् ग्राम्य प्रशासन निकाय हैं। प्रत्येक यूनियन ९ "वार्डों" के सम्मिलन से बनता है, जिनमे सामान्यतः एक ग्राम को ही एक वार्ड के रूप में अंकित किया जाता है। प्रत्येक परिषद् १२ पार्षदों द्वारा रचित होता है, जिनमे से ३ सदस्य महिला होतीं हैं।यह परिषद् एक अध्यक्ष को चुनती है, जो इस पडिसह का प्रमुख होता है। प्रत्येक यूनियन की भौगोलिक सीमाएँ, जिले के उपायुक्त(डिप्टी कमिश्नर) निर्धारित करते हैं। यह निकाय संबंधित यूनियन में कृषि, औद्योदिक तथा सामाजिक विकास के किये जिम्मेदार, प्रमुख निकाय है। इन परिषदों को आमने कर्तव्यों की आपूर्ति हेतु विभिन्न अधिकार तथा वित्तीय स्रोत प्रदान किये गए हैं। .

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बांग्लादेश के राष्ट्रपति

बांग्लादेश के राष्ट्रपति का पद गणप्रजातंत्री बांग्लादेश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है। वर्तमान नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति को बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद द्वारा, खुले चुनाव प्रक्रिया द्वारा निर्वाचित होते हैं। राष्ट्रपति, बांग्लादेश की कार्यपालिका न्यायपालिका एवं विधानपालिका के सर्व शाखाओं के, पारंपरिक, प्रमुख एवं बांग्लादेश के सारे सशस्त्र बलों के सर्वादिनायक हैं। इस पद पर नियुक्त प्रत्येक राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। संसदीय बहुमत द्वारा निर्वाचित होने के कारण इस पद पर साधारण तौर पर शासक दल के प्रतिनिधि ही चुने जाते हैं। हालाँकि, एक बार निर्वाचित हो चुके पदाधिकारी चुनाव में पुनः खड़े होने के लिए मुक्त होते हैं। वर्ष 1991 में संसदीय गणतंत्र की शुरुआत से पूर्व, राष्ट्रपति का चुनाव जनता के मतों द्वारा होता था। संसदीय प्रणाली के पुनर्स्थापन के पश्चात से यह पद मूलतः एक पारंपरिक पद रह गया है, जिसकी, विशेषतः कोई सार्थक कार्यकारी शक्तियाँ नहीं हैं। प्रत्येक संसदीय साधारण चुनाव के पश्चात संसद की प्रथम अधिवेशन में राष्ट्रपति अपना उद्घाधाटनी अभिभाषण देते हैं। प्रत्येक वर्ष के प्रथम संसदीय अधिवेशन में भी राष्ट्रपति अपना उद्घाटनी अभिभाषण देते हैं। इसके अतिरिक्त, संसद में पारित हुई किसी भी अधिनियम को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके अलावा राष्ट्रपति अपने विवेक पर क्षमादान भी दे सकते हैं। सन 1956 में संसद में नए कानून पारित किए, जिनके द्वारा राष्ट्रपति की, संसद के भंग होने के बाद की कार्यकारी शक्तियों को, संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत बढ़ाया गया था। बांग्लादेश के राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर ढाका के बंगभवन में निवास करते हैं। कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह अपने पद पर तब तक विराजमान रहते हैं जब तक उनका उत्तराधिकारी पद पर स्थापित नहीं हो जाता। .

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बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची

बांग्लादेश के राष्ट्रपतियों की सूची .

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बांग्लादेश के राजनैतिक दल

बांग्लादेश, संवैधानिक रूप से एक बहुदलीय लोकतांत्रिक गणराज्य है, अर्थात्, सैद्धान्तिक रूप से बांग्लादेश में असंख्य राजनैतिक दल बनाये जा सकते हैं, तथा लोकतांत्रिक प्रक्रियानुसार राष्ट्रीय संसद में बहुमत प्राप्त करने वाले किसी भी दल या गठबंधन का, परवर्ती चुनाव तक, बांग्लादेश पर "शासन" करने का अधिकार होता है। बहरहाल, वर्त्तमान स्थिति में, बांग्लादेश एक "निकष्ट" द्विदलीय लोकतंत्र विकसित हो उठी है, जिसमें, दो प्रमुख राजनैतिक दल हैं, अवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी। इसके अलावा अनेक छोटे दल भी हैं, जो यदा दोनों दलों से स्वतंत्र हैं, या दोनों में से किसी एक दल के साथ गठबंधन में हैं। .

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बांग्लादेश के जिले

बांग्लादेश में जिले,(জেলা, उच्चारण:जेला) विभागों के अधीनस्थ, बांग्लादेश के द्वितीय स्तर के प्रशासनिक उपविभाजन हैं। बांग्लादेश को ऐसे, कुल ६४ जनपदों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जिलों को कई उपजिलों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जिले में औसतन ८ से १५ उपजिले होते हैं। जबकि न्यूनतम ४ और अधिक्तम् २२ उपजिले हैं। २०१६ की स्थितिनुसार, बांग्लादेश में कुल ४९३ उपजिले हैं। जिलों का नाम, सामान्यतः संभंधित जनपदीय मुख्यालय के नाम पर रखा जाता है, जिन्हें जिला सदर कहा जाता है। प्रत्येक जिले में, एक जिला आयुक्त नियुक्त किया जाता है, जोकि जिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है। तथा सरे जिलों में एक जिला परिषद् होती है, जोकि जिले की मुख्य प्रशासनिक निकाय होती है। .

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बांग्लादेश के जिलों की सूची

बांग्लादेश में जिले,(জেলা, उच्चारण:जेला) विभागों के अधीनस्थ, बांग्लादेश के द्वितीय स्तर के प्रशासनिक उपविभाजन हैं। बांग्लादेश को ऐसे, कुल ६४ जनपदों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जिलों को कई उपजिलों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जिले में औसतन ८ से १५ उपजिले होते हैं। जबकि न्यूनतम ४ और अधिक्तम् २२ उपजिले हैं। २०१६ की स्थितिनुसार, बांग्लादेश में कुल ४९३ उपजिले हैं। .

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बांग्लादेश के विभाग

बांग्लादेश के विभाग(বিভাগ, उच्चारण:बिभाग्/बीभाग्), बांग्लादेश के सबसे बड़े उपराष्ट्रीय-स्तरीन प्रशासनिक उपविभाजन हैं। बांग्लादेश को ऐसे, कुल ८ प्रशासनिक अंचलों में संयोजित किया गया है, जिन्हें विभाग कहा जाता है। प्रत्येक विभाग के अंतर्गत अधिक्तम् १३ (ढाका विभाग) और न्यूनतम् ४ (सिलेट विभाग) ज़िले आते हैं। इन विभागों का नाम, संभंधित विभागीय मुख्यालय के नाम पर रखा गया है। .

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बांग्लादेश के उपजिले

बांग्लादेश में उपजिले,(উপজেলা, उच्चारण:उपोजेला) जिलों के अधीनस्थ, बांग्लादेश के तृतीय स्तर के प्रशासनिक अंचल हैं। बांग्लादेश को ऐसे, कुल १९० प्रशासनिक अंचलों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक उपज़िले में अनेक यूनियन परिषद्, नगर पालिकाएँ और मोहल्ले और पाड़ाएँ होते है। प्रत्येक जिले में औसतन ८ से १५ उपजिले होते हैं, जबकि न्यूनतम ४ और अधिक्तम् २२ उपजिले हैं। इन उपजिलों को पूर्वतः "थाना" कहा जाता था। उपजिलों का नाम, सामान्यतः संभंधित जनपदीय मुख्यालय के नाम पर रखा जाता है। प्रत्येक उपजिले में, एक उपजिला निर्वाहि अधिकारी नियुक्त किया जाता है, जोकि उस उपजिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है। तथा सरे उपजिलों में एक उपजिला परिषद् होती है, जोकि उपजिले की मुख्य प्रशासनिक निकाय होती है। .

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बांग्लादेश के उपजिलों की सूची

बांग्लादेश में उपजिले,(উপজেলা, उच्चारण:उपोजेला) जिलों के अधीनस्थ, बांग्लादेश के तृतीय स्तर के प्रशासनिक अञ्चल हैं। बांग्लादेश को ऐसे, कुल १९० प्रशासनिक अञ्चलों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक उपज़िले में अनेक यूनियन परिषद्, नगर पालिकाएँ और मोहल्ले और पाड़ाएँ होते है। प्रत्येक जिले में औसतन ८ से १५ उपजिले होते हैं, जबकि न्यूनतम ४ और अधिक्तम् २२ उपजिले हैं। .

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बांग्लादेश को शामिल युद्धों के संपादन की सूची

इस सैन्य लड़ाई और शामिल है और बांग्लादेश, या बंगाल और इतिहास में विभिन्न अवधियों के दौरान बंगाल के लोगों में होने वाले युद्धों की एक सूची है। बंगाल की आधुनिक क्षेत्र अलग साम्राज्य के अधीन था जब लड़ाइयों और युद्ध का सबसे विशेष रूप से बंगाली के अधिकांश ब्रिटिश भारतीय सेना में सैन्य सेवा दे दिया और ब्रिटिश साम्राज्य के रूप में युद्ध लड़े, आई। .

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बांग्लादेश की न्यायपालिका

बांग्लादेश के न्यायिक व्यस्था, बांग्लादेशी भूमि पर निवास करने वाले लोगों को सामान्य तथा आपराधिक मामलों में न्याय प्रदान करने की व्यस्था है। इसका मूल ढांचा बांग्लादेश के संविधान के भाग ५ में दिया गया है। बांग्लादेश की न्यायपालिका के दो भाग हैं: सर्वोच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायपालिका। श्रेष्ठतर न्यायपालिका, बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रचित है, जिसके दो विभाग हैं, उच्च न्यायालय विभाग और अपीलीय विभाग, तथा अधीनस्थ न्यायपालिका में जिला न्यायालय इत्यादि जैसे सारे निम्नस्थ न्यायालय व न्यायाधिकरण आते हैं। .

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बांग्लादेश की मंत्रिसभा

बांग्लादेश की मंत्रीमंडल अथवा बांग्लादेश की मंत्रिसभा(বাংলাদেশের মন্ত্রিসভা, सटीक उच्चारण:बाड़्लादेशेर मोन्त्रीशाॅभा), बांग्लादेश की उच्चतम् शासनिक एवं निर्णयात्मक निकाय हैं। इसे बांग्लादेशी लहजे में, मंत्रिसभा(মন্ত্রিসভা) या कैबिनेट कहते हैं। प्रधानमंत्री व मंत्री परिषद सम्मिलित रूप से देश को प्रशासित एवं सरकारी तंत्र को नियंत्रित करते हैं। प्रधानमंत्री, मंत्रीपरिषद के प्रमुख होते हैं जो सम्मिलित रूप से शासन का परिचालन व सरकार की नीति निर्धारित करती है। इसके अतिरिक्त, सरकार के मंत्री, राष्ट्रीय संसद के समक्ष निर्वाचित सरकार की नीतियों की प्रस्तुती एवं सदन में सरकार की योजना व नीतियों के बचाव के लिए भी जिम्मेदार होती है। .

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बांग्लादेश की राजनीति

बांग्लादेश में राजनीति संविधान, में दिए गए संसदीय, प्रतिनिधित्व वादी लोकतांत्रिक, गणतांत्रिक प्रणाली के अंतर्गत होती है जिसके अनुसार: राष्ट्रपति बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष एवं बांग्लादेश के प्रधानमंत्री, सरकार एवं एक बहुदलीय जनतांत्रिक प्रणाली के प्रमुख होते हैं। कार्यकारी शक्तियाँ, बांग्लादेश की सरकार के अधिकारक्षेत्र के अंतर्गत आती हैं, एवं विधाई शक्तियां सरकार और संसद दोनों पर न्योछावर की गई हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश में एक स्वतंत्र श्रेणीबद्ध न्यायपालिका भी है, जिसके शिखर पर बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय है। बांग्लादेश के संविधान को सन 1972 में लिखा गया था और तब से लेकर आज तक इसमें कुल 16 संशोधन किए गए हैं। .

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बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय

बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय(बंगला: বাংলাদেশ সুপ্রীম কোর্ট, बांलादेश सूप्रीम कोर्ट), गणप्रजातंत्री बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत है और बांग्लादेश की न्यायिक व्यवस्था का शीर्षतम् निकाय है और देश की न्यायिक क्रम का शिखर बिंदू है। यह कानूनी और संवैधानिक मामलों में फैसला करने वाली अंतिम मध्यस्थ भी है। संविधान की धारा १०० के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय का आसन, राजधानी ढाका में अवस्थित है। इसे बांग्लादेश के संविधान की षष्ठम् भाग के चतुर्थ पाठ के द्वारा स्थापित किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान को कई संवैधानिक व न्यायिक विकल्प प्राप्त होते हैं, जिनकी व्याख्या बांग्लादेश के संविधान में की गई है। इस संसथान के दो "विभाग" है: अपीलीय विभाग और उच्च न्यायलय विभाग, तथा यह बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश व अपीलीय विभाग व उच्च न्यायालय विभाग के न्यायाधीशों का भी स्थायी कार्यालय की भी मेज़बानी भी करता है। अप्रैल 2018 की स्थिति अनुसार, अपीलीय विभाग में 4 और उच्च न्यायालय विभाग में 80 न्यायाधीश हैं, जिनमें 80 स्थायी हैं। इस न्यायालय को सामान्य बोलचाल में अक्सर हाई कोर्ट भी कहा जाता है, क्योंकि स्वतंत्रता पूर्व, अर्थात् १९७१ से पहले तक, इस भवन में पूर्वी पाकिस्तान की उच्च न्यायालय वास करती थी। .

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बांग्लादेश की संसद

राष्ट्रीय संसद या जातीय संसद(জাতীয় সংসদ., जातीयो शॉंशोद्), है जनप्रजातंत्र बांग्लादेश की सर्वोच्च विधाई सदन। इस एकसदनीय विधायिका के सदस्यों की कुल संख्या है 350। जिनमें 300 आसन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित सांसदों के लिए होते हैं एवं अवशिष्ट 50 आसन महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। आरक्षित आसनो के नारी सदस्यगण, पूर्वकथित 300 निर्वाचित सांसदों के मतों द्वारा परोक्ष निर्वाचन पद्धति से निर्वाचित होते हैं। निर्वाचित होती संसद की कार्यअवधि 5 वर्ष है। .

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बांग्लादेश अवामी लीग

बांग्लादेश अवामी लीग (बांग्ला: বাংলাদেশ আওয়ামী লীগ: उर्दु से शाब्दिक अनुवाद) बांग्लादेश की मुख्यधारा का एक प्रमुख धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल है। यह 1971 के बांग्ला असंतोष और विद्रोह का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उत्प्रेरक रहा है। 1984 के बाद से दल का नेतृत्व स्वर्गीय शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी शेख हसीना करती हैं। 16 दिसम्बर 1971 को एक स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व मे आने के बाद से, अवामी लीग चार बार सत्ता मे आयी है और इसने लगभग साढ़े आठ तक बांग्लादेश पर शासन किया है। दिसंबर 2008 में हुये संसदीय चुनावों में, अवामी लीग के नेतृत्व मे बने विशाल गठबंधन जो चार राजनीतिक द्वारा मिल कर बनाया गया था, ने जीत हासिल की है। अवामी लीग ने संसदीय सीटों में से 87% सीटों पर विजय प्राप्त की है और साढ़े सात साल के बाद पार्टी एक बार फिर से सत्तासीन हुई है। .

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बांग्लादेशी टका

बांग्लादेशी टका (बंगाली: টাকা, प्रतीक: ৳ या Tk, मुद्रा कूट: BDT) बांग्लादेश गणतन्त्र की आधिकारिक मुद्रा है। ৳10 या इससे अधिक मूल्य के बैंक नोटों को बांग्लादेश बैंक द्वारा जारी और नियंत्रित किया जाता है जबकि ৳1, ৳2 और ৳5 के बैंक नोटों को जारी करने की जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार के वित्त मंत्रालय की है। ৳1 को 100 पोइशा (पैसा) में विभाजित किया गया है। .

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बांग्लादेशी संविधान में संशोधनों की सूची

बांग्लादेश के संविधान, बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायि संहिता है। इसे 4 नवंबर 1972 को पारित किया गया था। इसमें कुल 11 भाग, 153 अनुच्छेद और 27 अनुसूचियां हैं। इस संविधान में संशोधन का भी प्रावधान भी दिया गया है। संविधान का भाग 10- अनुच्छेद 142, संविधान में संशोधनों से संबंधित विषय को विस्तृत रूप से अंकित करता है। संविधान के प्रावधानों के अनुसार संविधान में संशोधन के लिए राष्ट्रीय संसद के सदस्यसमूह के दो तिहाई संख्या के सकारात्मक मत की आवश्यक बताई गई है। अर्थात्, संविधान में संशोधन तभी लाया जा सकता है जब राष्ट्रीय संसद की दो तिहाई बहुमत इसके पक्ष में अपना मत दे। 2016 की स्थिति अनुसार बांग्लादेश के संविधान में कुल 16 बार संशोधन किए गए हैं। .

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बांग्लादेशी संविधान की प्रस्तावना

बांग्लादेश के संविधान की प्रस्तावना संविधान की उद्देशिका है, इसमें बांग्लादेशी राष्ट्र की मूल नीतियाँ व वैचारिक नींव को अंकित किया गया है। हालाँकि, यह बांग्लादेशी संविधान का अंश है, परंतु यह एक न्यायिक लेख नहीं है, अतः किसी भी कानून या अन्य वस्तु को उद्देशिका में लिखी बातों के आधार पर न्यायिक चुनौती नहीं दी जा सकती है। इस संविधान में दिये गए मूल ढाँचे के अनुसार: देश प्रजातांत्रिक होगा, गणतंत्र होगी इसकी प्रशासनिक नींव, बांग्लादेश के जनगणन होंगे देश के सर्व शक्तियों के स्रोत और न्यायपालिका स्वतंत्रत होगी। जनता सर्व शक्तियों के स्रोत होने पर भी देश में कानून का शासन होगा। उद्देशिका में राष्ट्रवाद, समाजवाद, गणतंत्र व धर्मनिरपेक्षता को राष्ट्र परिचालन के मूल सिद्धांतों के रूप में अपनाया गया है। इसके लेख में बांग्लेदेश के संविधान-निर्माताओं ने आलेवाली सरकारों, विधी निर्माताओं व पीढ़ियों से संविधान व उनके बांग्लादेश की कल्पना के संदर्भ में, उनके विचार, मूल सिद्धांतों व संविधान सचना की मूल नीतियों को अंकित किया है। .

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बांग्लापीडिया

बांग्लापीडिया या बांग्लादेश का राष्ट्रीय विश्वकोश, एशियाटिक सोसाइटी बांग्लादेश द्वारा प्रकाशित एक द्विभाषी और पहला बांग्लादेशी विश्वकोश है। यह बांग्ला और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध है। इसे प्रथम बार 2003 में 500 पृष्ठों वाले 10 खण्डों में प्रकाशित किया गया था। इसमें लगभग 6000 आलेख हैं। मुद्रित और आनलाइन संस्करण के अलावा यह सीडी रोम पर भी उपलब्ध है। इसका प्रस्तावित अद्यतन प्रति 2 वर्षों पश्चात होना तय पाया गया है। बांग्लापीडिया के प्रधान सम्पादक सिराजुल इस्लाम थे। लगभग 1200 बंग्लादेशी और विदेशी लेखकों ने इस विश्वकोश में उपलब्ध लेखों को लिखा है। इस परियोजना का वित्त-पोषण बंग्लादेशी सरकार, निजी क्षेत्र के संगठनों, शैक्षिक संस्थानों और यूनेस्को द्वारा किया गया है। इस परियोजना का मूल बजट 800,000 टका था, पर अंत में इस परियोजना पर एशियाटिक सोसाइटी को लगभग 8 करोड़ टका खर्च करना पड़ा। बांग्लादेश मुक्ति युद्ध और स्वदेशी लोगों पर की गयीं विवादास्पद प्रविष्टियों के बावजूद, दोनों बांग्ला और अंग्रेजी संस्करण प्रकाशन के समय से ही पर पाठकों के बीच लोकप्रिय हैं। बांग्लापीडिया एक सामान्य विश्वकोश न होकर, बांग्लादेश से संबंधित विषयों पर आधारित एक विशेष विश्वकोश है। विश्वकोश के प्रयोजनों के लिए, बांग्लादेश को एक ऐसे क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया गया है जो ऐतिहासिक रूप से क्रमश: प्राचीन पूर्वी भारत, सूबा बांग्ला, शाही बंगलाह, मुगल सूबा बंगला, बंगाल प्रेसीडेंसी, बंगाल प्रांत, पूर्वी बंगाल, पूर्वी पाकिस्तान और स्वतंत्र बांग्लादेश के रूप में अस्तित्व में आया। .

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बाकेरगंज उपज़िला

बाकेरगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरिशाल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरिशाल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बाउफल उपज़िला

बाउफल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पटुय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पटुय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बाङ्ला भाषा

बाङ्ला भाषा अथवा बंगाली भाषा (बाङ्ला लिपि में: বাংলা ভাষা / बाङ्ला), बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है। इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं। बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग २३ करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है। इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फ़ैले हैं। .

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बिन्तुरोंग

बिन्तुरोंग, जिसे भालूबिल्ली, एशियाई भालूबिल्ली या पालावान भालूबिल्ली भी कहते हैं, विवराइडे (Viverridae) परिवार का एक स्तनधारी जानवर है। इसके "भालूबिल्ली" बुलाए जाने के बावजूद यह न तो बिल्ली है और न ही भालू। इसका नाम ("बिन्तुरोंग") एक विलुप्त हो चुकी मलेशियाई भाषा से आया है और इस शब्द का अर्थ अज्ञात है। यह पशु वनों की ऊंची शाखों में रहना पसंद करता है और पूर्वोत्तर भारत के जंगलों में पाया जाता है। भारत से बाहर यह बंगलादेश, भूटान, बर्मा, कम्बोडिया, इंडोनीशिया, लाओस, मलेशिया, चीन, फ़िलीपीन्स, थाईलैंड और वियतनाम में मिलता है। यह एक निशाचरी जानवर है और रात को सक्रीय रहता है। बिन्तुरोंग अधिकतर फल खाते हैं, लेकिन अंडे, टहनियाँ, पत्ते, छोटे जानवर और चिड़ियाँ सभी इसकी ख़ुराक में सम्मिलित हैं। इसके प्राकृतिक वास-क्षेत्र में वनों के कट जाने से इसकी संख्या बहुत घाट गई है। अगर इसका पीछा करा जाए और इसे लगे की भागने का कोई उपाय नहीं है, तो बिन्तुरोंग बहुत ख़ुँख़ार तरह से लड़ सकता है। साधारण स्थितियों में यह हलकी हँसने जैसी आवाज़ करता है लेकिन क्रोध या डर में ऊँची और पतली चीखें निकालता है। चिड़ियाघरों में इसकी आयु २०-२५ साल तक देखी गई है। .

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बिप्लब कुमार देब

बिप्लब कुमार देब (जन्म 25 नवम्बर 1969) भारतीय राज्य त्रिपुरा के राजनीतिज्ञ हैं। वें 7 जनवरी 2016 से त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे 2018 में हुए त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा के जीत के सूत्रधार हैं। उन्होंने 9 मार्च 2018 को त्रिपुरा के दसवें मुख्यमन्त्री के रूप में शपथ ली। .

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बिमल राय

बिमल राय (बांग्ला: বিমল রায়) (जन्म: 12 जुलाई, 1909 निधन: 7 जनवरी, 1966) हिन्दी फ़िल्मों का एक प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक थे। .

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बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस

बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस (বিমান বাংলাদেশ এয়ারলাইন্স),.

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बिम्सटेक

बिम्सटेक (BIMSTEC), जिसका पूरा रूप बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) है, बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है। इसमें नवम्बर २०१६ में बांग्लादेश, भारत, बर्मा, श्रीलंका, थाईलैण्ड, भूटान और नेपाल सदस्य थे। .

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बिय़ानीबजार उपज़िला

बिय़ानीबजार उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बिरल उपज़िला

बिरल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बिरामपुर उपज़िला

बिरामपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बिलाइछड़ि उपज़िला

बिलाइछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के रांगामाटि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रांगामाटि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बिल्व

बिल्व, बेल या बेलपत्थर, भारत में होने वाला एक फल का पेड़ है। इसे रोगों को नष्ट करने की क्षमता के कारण बेल को बिल्व कहा गया है। इसके अन्य नाम हैं-शाण्डिल्रू (पीड़ा निवारक), श्री फल, सदाफल इत्यादि। इसका गूदा या मज्जा बल्वकर्कटी कहलाता है तथा सूखा गूदा बेलगिरी। बेल के वृक्ष सारे भारत में, विशेषतः हिमालय की तराई में, सूखे पहाड़ी क्षेत्रों में ४००० फीट की ऊँचाई तक पाये जाते हैं।।अभिव्यक्ति पर। दीपिका जोशी मध्य व दक्षिण भारत में बेल जंगल के रूप में फैला पाया जाता है। इसके पेड़ प्राकृतिक रूप से भारत के अलावा दक्षिणी नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, पाकिस्तान, बांग्लादेश, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया एवं थाईलैंड में उगते हैं। इसके अलाव इसकी खेती पूरे भारत के साथ श्रीलंका, उत्तरी मलय प्रायद्वीप, जावा एवं फिलीपींस तथा फीजी द्वीपसमूह में की जाती है।। वेबग्रीन पर धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होने के कारण इसे मंदिरों के पास लगाया जाता है। हिन्दू धर्म में इसे भगवान शिव का रूप ही माना जाता है व मान्यता है कि इसके मूल यानि जड़ में महादेव का वास है तथा इनके तीन पत्तों को जो एक साथ होते हैं उन्हे त्रिदेव का स्वरूप मानते हैं परंतु पाँच पत्तों के समूह वाले को अधिक शुभ माना जाता है, अतः पूज्य होता है। धर्मग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है।।अखिल विश्व गायत्री परिवार इसके वृक्ष १५-३० फीट ऊँचे कँटीले एवं मौसम में फलों से लदे रहते हैं। इसके पत्ते संयुक्त विपत्रक व गंध युक्त होते हैं तथा स्वाद में तीखे होते हैं। गर्मियों में पत्ते गिर जाते हैं तथा मई में नए पुष्प आ जाते हैं। फल मार्च से मई के बीच आ जाते हैं। बेल के फूल हरी आभा लिए सफेद रंग के होते हैं व इनकी सुगंध भीनी व मनभावनी होती है। .

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बिश्वनाथ उपज़िला

बिश्वनाथ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बिश्वम्भरपुर उपज़िला

बिश्वम्भरपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बिष्णुप्रिया मणिपुरी

बिष्णुप्रिया मणिपुरी ये जाति महाभारत योग के मणिपुर राज्य के प्राचीन जाति के रूप में माने जाते हैं | बिष्णुपुरिया, बिष्णुप्रिया या बिष्णुप्रिया मणिपुरी भारत के मणिपुर, असम, त्रिपुरा तथा बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ भागों में बोली जाने वाली भारत-आर्य कुल की भाषा है। यह कई इंडो-आर्यन भाषाओं जैसे मराठी, बंगाली, उड़िया, असमिया और वैदिक संस्कृत आदि से मिलता जुलता है। यह भाषा सर्व प्राचीन मणिपुर राज्य में उत्पन्न और विकसित हुई थी और मूल रूप से लोकताक नाम के झील के परिवेश तक ही सीमित थी सुरुवाती दौर में | कर्नल मैककुलक द्वारा मणिपूर की घाटी के एक खाते जैसे अन्य अधिकारियों ई.टी.

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बिजय़नगर उपज़िला

बिजय़नगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के ब्राह्मणबाड़िय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बगुड़ा सदर उपज़िला

बगुड़ा सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला बगुड़ा जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बंगभवन

बंगभवन (বঙ্গভবন बाॅड़्गोभाॅबोन, बंग(बंगाल) का भवन), बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित, बांग्लादेश के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास है। यह ढाका के केंद्र में, बंगभवन रोड, दिलखुशा एॅवेन्यू पर अवस्थित है। यह हर दिशा में बंगभवन उद्यान से घिरा हुआ है (पूर्व में नवाब दिलखुशा उद्यान)। ब्रिटिश राज के समय यह स्थल, दिलखुशा गवर्नमेंट हाउस की मेज़बानी किया करता था, जिसे किसी समय भारत के राजप्रतिनिधि वाइसराॅय एवं बंगाल के ब्रिटिशकालीन राज्यपाल उपयोगित किया करते थे। भारत विभाजन पश्चात् यह पूर्वी पाकिस्तान का राज्यपाल भवन बन गया। राष्ट्रपति अबू सईद चौधरी, 12 जनवरी 1972 को शपथ-ग्रहण पश्चात्, बतौर राष्ट्रपति, इस भवन में निवास कर इसकी शोभा बढ़ाने वाले प्रथम बांग्लादेशी राष्ट्रपति बने। .

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बंगलादेश के सैनिक विद्रोह

१९७१ में पाकिस्तान से स्वाधीन होने से लेकर अब तक बंगलादेश में अनेक बार सैनिक विद्रोह हो चुका है। .

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बंगाल

बंगाल (बांग्ला: বঙ্গ बॉंगो, বাংলা बांला, বঙ্গদেশ बॉंगोदेश या বাংলাদেশ बांलादेश, संस्कृत: अंग, वंग) उत्तरपूर्वी दक्षिण एशिया में एक क्षेत्र है। आज बंगाल एक स्वाधीन राष्ट्र, बांग्लादेश (पूर्वी बंगाल) और भारतीय संघीय प्रजातन्त्र का अंगभूत राज्य पश्चिम बंगाल के बीच में सहभाजी है, यद्यपि पहले बंगाली राज्य (स्थानीय राज्य का ढंग और ब्रिटिश के समय में) के कुछ क्षेत्र अब पड़ोसी भारतीय राज्य बिहार, त्रिपुरा और उड़ीसा में है। बंगाल में बहुमत में बंगाली लोग रहते हैं। इनकी मातृभाषा बांग्ला है। .

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बंगाल प्रेसीडेंसी

बंगाल प्रेसीडेंसी ब्रिटिश भारत का एक उपनिवेशित क्षेत्र था; यह क्षेत्र अविभाजित बंगाल से बना था। बंगाल के ये क्षेत्र आज बांग्लादेश और भारत के निम्न राज्यों में विभाजित हैं.

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बंगाल का विभाजन (1905)

पूर्वी बंगाल और असम प्रांत के मानचित्र बंगाल विभाजन के निर्णय की घोषणा 19 जुलाई 1905 को भारत के तत्कालीन वाइसराय लॉर्ड कर्ज़न द्वारा की गयी थी। विभाजन 16 अक्टूबर 1905 से प्रभावी हुआ। विभाजन के कारण उत्पन्न उच्च स्तरीय राजनीतिक अशांति के कारण 1911 में दोनो तरफ की भारतीय जनता के दबाव की वजह से बंगाल के पूर्वी एवं पश्चिमी हिस्से पुनः एक हो गए। .

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बंगाल की खाड़ी

बंगाल की खाड़ी विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है और हिंद महासागर का पूर्वोत्तर भाग है। यह मोटे रूप में त्रिभुजाकार खाड़ी है जो पश्चिमी ओर से अधिकांशतः भारत एवं शेष श्रीलंका, उत्तर से बांग्लादेश एवं पूर्वी ओर से बर्मा (म्यांमार) तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह से घिरी है। बंगाल की खाड़ी का क्षेत्रफल 2,172,000 किमी² है। प्राचीन हिन्दू ग्रन्थों के अन्सुआर इसे महोदधि कहा जाता था। बंगाल की खाड़ी 2,172,000 किमी² के क्षेत्रफ़ल में विस्तृत है, जिसमें सबसे बड़ी नदी गंगा तथा उसकी सहायक पद्मा एवं हुगली, ब्रह्मपुत्र एवं उसकी सहायक नदी जमुना एवं मेघना के अलावा अन्य नदियाँ जैसे इरावती, गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी आदि नदियां सागर से संगम करती हैं। इसमें स्थित मुख्य बंदरगाहों में चेन्नई, चटगाँव, कोलकाता, मोंगला, पारादीप, तूतीकोरिन, विशाखापट्टनम एवं यानगॉन हैं। .

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बंगाली थियेटर

बांग्ला रंगमंच मुख्य रूप से बंगाली भाषा में थिएटर को कहते हैं। बंगाली थिएटर मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, और बांग्लादेश में चलता है। शब्द कुछ हिंदी थियेटरों का उल्लेख करने के लिए भी हो सकता है जो बंगाली लोगों को स्वीकार हों। बांग्ला रंगमंच का मूल ब्रिटिश भारत है। यह 19 वीं सदी के आरंभ में निजी मनोरंजन के रूप में शुरू हुआ।Kundu, Pranay K. Development of Stage and Theatre Music in Bengal. आजादी के पूर्व बंगाली थिएटर ने ब्रिटिश राज के प्रति नापसंदगी प्रकट करने में एक निर्णायक भूमिका निभाई। 1947 में भारत की आजादी के बाद, वामपंथी आंदोलनों ने पश्चिम बंगाल में सामाजिक जागरूकता के एक उपकरण के  रूप में थिएटर को इस्तेमाल किया। इस ने कला के इस रूप में कुछ अनूठी विशेषताओं को जोड़ा जिस का अभी भी मजबूत प्रभाव पड़ता है। यह समूह खुद को वाणिज्यिक बंगाली रंगमंच से वैचारिक रूप से अलग स्थापत करते हैं। [प्रशस्ति पत्र की जरूरत] .

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बंगाली साहित्य

बँगला भाषा का साहित्य स्थूल रूप से तीन भागों में बाँटा जा सकता है - 1.

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बक्शीगंज उपज़िला

बक्शीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बक्सर का युद्ध

बक्सर का युद्ध २२ अक्टूबर १७६४ में बक्सर नगर के आसपास ईस्ट इंडिया कंपनी के हैक्टर मुनरो और मुगल तथा नबाबों की सेनाओं के बीच लड़ा गया था। बंगाल के नबाब मीर कासिम, अवध के नबाब शुजाउद्दौला, तथा मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना अंग्रेज कंपनी से लड़ रही थी। लड़ाई में अंग्रेजों की जीत हुई और इसके परिणामस्वरूप पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और बांग्लादेश का दीवानी और राजस्व अधिकार अंग्रेज कंपनी के हाथ चला गया। .

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बुड़िचं उपज़िला

बुड़िचं उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बुरहानुद्दीन उपज़िला

बुरहानुद्दीन उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के भोला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय भोला सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ब्रह्मपुत्र नदी

सुक्लेश्वर घाट से खींचा गया ब्रह्मपुत्र का तस्वीर ब्रह्मपुत्र (असमिया - ব্ৰহ্মপুত্ৰ, बांग्ला - ব্রহ্মপুত্র) एक नदी है। यह तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के दक्षिण में मानसरोवर के निकट चेमायुंग दुंग नामक हिमवाह से हुआ है।ब्रह्मपुत्र की लंबाई लगभग 2900 किलोमीटर है। ब्रह्मपुत्र का नाम तिब्बत में सांपो, अरुणाचल में डिहं तथा असम में ब्रह्मपुत्र है। ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश की सीमा में जमुना के नाम से दक्षिण में बहती हुई गंगा की मूल शाखा पद्मा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। सुवनश्री, तिस्ता, तोर्सा, लोहित, बराक आदि ब्रह्मपुत्र की उपनदियां हैं। ब्रह्मपुत्र के किनारे स्थित शहरों में डिब्रूगढ़, तेजपुर एंव गुवाहाटी प्रमुख हैं प्रायः भारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं पर ब्रह्मपुत्र एक अपवाद है। संस्कृत में ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र होता है। .

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ब्रह्मपुत्री भाषाएँ

ब्रह्मपुत्री भाषाएँ (Brahmaputran languages) या साल भाषाएँ (Sal languages) तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की एक उपशाखा की बोलियाँ हैं जो पूर्वी भारत और बर्मा व बंगलादेश के कुछ हिस्सों में बोली जाती हैं। .

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ब्राह्मणपाड़ा उपज़िला

ब्राह्मणपाड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपज़िला

ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के ब्राह्मणबाड़िय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ब्राह्मिनी चील

ब्राह्मिनी चील (वैज्ञानिक नाम: हैलीऐस्टर इंडस; अन्य नाम: खेमकरी या क्षेमकरी) चील जाति का एक प्रसिद्ध पक्षी है जो मुख्य रूप से भारतीय पक्षी है किंतु थाइलैंड, मलय, चीन से लेकर आस्ट्रेलिया तक पाया जाता है और पानी के आस-पास रहता है। यह बंदरगाहों के आसपास काफी संख्या में पाया जाता है और जहाज के मस्तूलों पर बैठा देखा जा सकता है। यह सड़ी-गली चीजें खाता और पानी के सतह पर पड़े कूड़े कर्कट को अपने पंजों में उठा लेता है। यह धान के खेतों के आसपास भी उड़ता देखा जाता है और मेढकों और टिड्डियों को पकड़ कर अपना पेट भरता है। यह 19 इंच लंबा पक्षी है जिसका रंग कत्थई, डैने के सिरे काले और सिर तथा सीने का रंग सफेद होता है। चोंच लंबी, दबी दबी और नीचे की ओर झुकी हुई होती है। इसकी बोली अत्यंत कर्कश होती है। यह अपना घोंसला पानी के निकट ही पेड़ की दोफ की डाल के बीच काफी ऊँचाई पर लगाता है। एक बार में मादा दो या तीन अंडे देती है। इसे लाल पीठ वाला समुद्री बाज भी कहा जाता है, एक माध्यम आकार की शिकारी पक्षी है, यह एक्सीपाईट्राइड परिवार की सदस्य है जिसमें कई अन्य दैनिक शिकारी पक्षी जैसे बाज, गिद्ध तथा हैरियर आदि भी आते हैं। ये भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया में पायी जाती हैं। ये मुख्य रूप से समुद्र तट पर और अंतर्देशीय झीलों में पायी जाती हैं, जहां वे मृत मछली और अन्य शिकार को खाती हैं। वयस्क पक्षी में लाल भूरे पंख तथा विरोधाभासी रंग में एक सफ़ेद रंग का सर तथा छाती होते हैं जिनको देख कर इन्हें अन्य शिकारी पक्षियों से अलग आसानी से पहचाना जा सकता है। .

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ब्रिटिश भारतीय सेना

भारतीय मुसलमान सैनिकों का एक समूह जिसे वॉली फायरिंग के आदेश दिए गए। ~1895 ब्रिटिश भारतीय सेना 1947 में भारत के विभाजन से पहले भारत में ब्रिटिश राज की प्रमुख सेना थी। इसे अक्सर ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में निर्दिष्ट नहीं किया जाता था बल्कि भारतीय सेना कहा जाता था और जब इस शब्द का उपयोग एक स्पष्ट ऐतिहासिक सन्दर्भ में किसी लेख या पुस्तक में किया जाता है, तो इसे अक्सर भारतीय सेना ही कहा जाता है। ब्रिटिश शासन के दिनों में, विशेष रूप से प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, भारतीय सेना न केवल भारत में बल्कि अन्य स्थानों में भी ब्रिटिश बलों के लिए अत्यधिक सहायक सिद्ध हुई। भारत में, यह प्रत्यक्ष ब्रिटिश प्रशासन (भारतीय प्रान्त, अथवा, ब्रिटिश भारत) और ब्रिटिश आधिपत्य (सामंती राज्य) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी थी। पहली सेना जिसे अधिकारिक रूप से "भारतीय सेना" कहा जाता था, उसे 1895 में भारत सरकार के द्वारा स्थापित किया गया था, इसके साथ ही ब्रिटिश भारत की प्रेसीडेंसियों की तीन प्रेसिडेंसी सेनाएं (बंगाल सेना, मद्रास सेना और बम्बई सेना) भी मौजूद थीं। हालांकि, 1903 में इन तीनों सेनाओं को भारतीय सेना में मिला दिया गया। शब्द "भारतीय सेना" का उपयोग कभी कभी अनौपचारिक रूप से पूर्व प्रेसिडेंसी सेनाओं के सामूहिक विवरण के लिए भी किया जाता था, विशेष रूप से भारतीय विद्रोह के बाद.

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ब्रिटिश राज

ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था‌- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .

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ब्रिटिश राज का इतिहास

ब्रिटिश राज का इतिहास, 1947 और 1858 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश शासन की अवधि को संदर्भित करता है। शासन प्रणाली को 1858 में स्थापित किया गया था जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सत्ता को महारानी विक्टोरिया के हाथों में सौंपते हुए राजशाही के अधीन कर दिया गया (और विक्टोरिया को 1876 में भारत की महारानी घोषित किया गया).

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ब्रिटिश काउंसिल

लंदन में ब्रिटिश काउंसिल भवन ढाका, बांग्लादेश में ब्रिटिश काउंसिल कार्यालय ब्रिटिश काउंसिल, यूनाइटेड किंगडम में आधारित एक लघु निकाय है जो अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक और सांस्कृतिक अवसर प्रदान करने में विशेषज्ञ है। यह शाही चार्टर द्वारा निगमित किया गया है और इंग्लैंड और वेल्स दोनों जगहों और स्कॉटलैंड में एक धर्मार्थ संस्था के रूप में पंजीकृत है। 1934 में स्थापित, इसे 1940 में किंग जॉर्ज VI द्वारा एक शाही चार्टर प्रदान किया गया। यूनाइटेड किंगडम सरकार में इसके 'प्रायोजित विभाग', विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय है, हालांकि इसे अपने रोज़ के परिचालन में स्वतंत्रता प्राप्त है। अप्रैल 2007 को, मार्टिन डेविडसन को इसका मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया। .

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ब्रेट ली

ब्रेट ली (जन्म 8 नवम्बर 1976 को वॉलोन्गॉन्ग, न्यू साउथ वेल्स में) एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ी हैं। ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में शामिल होने के बाद, ली को विश्व क्रिकेट में सबसे तेज गेंदबाजों में से एक के रूप में मान्यता मिली। अपने पहले दो वर्षों में से प्रत्येक में उन्होंने गेंद के साथ 20 से कम का औसत पाया, लेकिन उसके बाद से ज़्यादातर प्रारंभिक 30 अंक हासिल किया। वे एक पुष्ट क्षेत्ररक्षक हैं और उपयोगी निचले-क्रम के बल्लेबाज़, जिनका टेस्ट क्रिकेट में औसत 20 से अधिक रहा है। माइक हसी के साथ मिल कर, उन्होंने 2005-06 के बाद से एकदिवसीय मैचों में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे अधिक 7वें विकेट की भागीदारी (123) का रिकॉर्ड संभाल रखा है। .

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ब्रेंडन मैकुलम

ब्रेंडन बैरी मैकुलम (जन्म; २७ सितंबर १९८१), जिन्हें "बैज" के नाम से भी जाना जाता है एक पूर्व न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी है, जिन्होंने अपने कैरियर में सभी स्वरूपों में एक साथ क्रिकेट खेला है साथ ही ये सभी प्रारूपों में पूर्व कप्तान भी रह चुके है। मैकुलम के नाम टेस्ट मैचों में सबसे तेजी से रन बनाने वालों में भी एक है विशेषकर सभी समय का सबसे तेज टेस्ट शतक भी इनके नाम है इस कारण इन्हें न्यूजीलैंड क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों और कप्तानों में से एक माना जाता है। मैकुलम वर्तमान में ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं और ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो ट्वेन्टी-20 अंतरराष्ट्रीय शतक और २००० रन बनाने वाले पहले और अब तक के एकमात्र खिलाड़ी हैं। इन्होंने १८ फरवरी २०१४ को भारतीय टीम के खिलाफ ३०२ रन बनाकर एक नया कीर्तिमान बना गए और वह टेस्ट मैचों में तिहरे शतक बनाने वाले न्यूजीलैंड के पहले क्रिकेट खिलाड़ी बन गए। इसके अलावा २०१४ में, वह कैलेंडर ईयर (११६४ रनों के साथ) में १००० टेस्ट रनों का स्कोर करने वाले न्यूजीलैंड के पहले खिलाड़ी भी बन गये। इसके बाद इनका यह रिकॉर्ड केन विलियमसन ने २०१५ में ११८२ रन बनाकर तोड़ दिया। २० फरवरी २०१६ को इन्होंने अपने आखिरी टेस्ट मैच में ५४ गेंदों में सबसे तेज़ टेस्ट शतक बनाकर एक नया कीर्तिमान बना दिया। इसी के साथ इन्होंने विवियन रिचर्ड्स और मिस्बाह-उल-हक़ का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। मैकुलम ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में (२०१२ में बांग्लादेश के खिलाफ १२३) और ट्वेन्टी - २० क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर (२००८ में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए १५८ रन) में सबसे अधिक व्यक्तिगत स्कोर के रूप में पिछले रिकॉर्ड धारी रहे है लेकिन बाद में आईपीएल के २०१३ के संस्करण में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए क्रिस गेल ने १७५ रनों की पारी पुणे वॉयियर्स इंडिया के खिलाफ खेलकर इनको पीछे छोड़ दिया।इन्होंने २००८-२०१० तक इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेले और फिर से २०१२-२०१३ तक खेले। जबकि बीच में उन्होंने कोच्चि टस्कर्स केरल के लिए भी खेले। इसके बाद मैकुलम २०१४-२०१५ में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेले थे जबकि २०१६-२०१७ के आईपीएल में गुजरात लॉयन्स के लिए खेलने का मौका मिला। .

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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बैसाखी

बैसाखी नाम वैशाख से बना है। पंजाब और हरियाणा के किसान सर्दियों की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं। इसीलिए बैसाखी पंजाब और आसपास के प्रदेशों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह रबी की फसल के पकने की खुशी का प्रतीक है। इसी दिन, 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख इस त्योहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं। .

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बैकस्ट्रीट बॉयज़

बैकस्ट्रीट बॉयज़ एक अमरीकी वोकल दल है, जिसे कई बार ग्रैमी के लिए नामांकित किया जा चुका है। इसकी स्थापना ऑरलैंडो फ्लोरिडा में हुई, जिसे बॉय बैंड के निर्माता लू पर्लमैन ने ढूंढा एवं ये 1993 से एक साथ काम कर रहे हैं। बिलबोर्ड हॉट 100 के टॉप 40 लोकप्रिय गानों में उनके 14 गाने हैं एवं उन्होंने दुनिया भर में 130 मिलियन एल्बम बेच कर अपने आप को आज तक का दुनिया का सर्वाधिक बिकने वाला कलाकार एवं बॉय बैंड/संगीत का दल बना लिया है। अमरीकी बिलबोर्ड 200 के मुताबिक, साडे के बाद बैकस्ट्रीट बॉयज़ ही पहले ऐसे कलाकार हैं, जिनके शुरूआती सातों एल्बम चार्ट के सर्वश्रेष्ठ 10 में पहुंच गए हैं। उनके शुरुआती गाने अभी भी बहुत लोकप्रिय हैं। जब वे 2005 में पॉप जगत में लौटे, तो मात्र लाइव वाद्य यन्त्र (इनमें से कुछ तो वे खुद बजाते थे) एवं एक गिटार व पियानो से निकलती पॉप-रॉक ध्वनि के इस्तेमाल के साथ उनकी आवाज़ में काफी बदलाव आ गया था। 2005-2006 के दौरे के बाद, मूल सदस्य केविन रिचर्डसन ने 23 जून 2006 में दल छोड़ दिया,People.com (2006).

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बेड़ा उपज़िला

बेड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के पाबना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पाबना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बेतागी उपज़िला

बेतागी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरगुना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरगुना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बेलाबो उपज़िला

बेलाबो उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नरसिंदी जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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बेलकुचि उपज़िला

बेलकुचि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के सिराजगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिराजगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बेसन

चना दाल के पिसे आटे को बेसन कहते हैं। इसका उपयोग बहुत से देशों में होता है किन्तु भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश में भोजन के घटक के रूप बहुतायत में प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इसका जल या दही के साथ पेस्ट बनाकर चेहरे पर भी पोतते हैं। .

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बेगमगञ्ज उपज़िला

बेगमगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के नोय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नोय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बोचागञ्ज उपज़िला

बोचागंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बोड़ो भाषा

बोड़ो या बड़ो एक तिब्बती-बर्मी भाषा है जिसे भारत के उत्तरपूर्व, नेपाल और बांग्लादेश मे रहने वाले बोडो लोग बोलते हैं। बोडो भाषा भारतीय राज्य असम की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। भारत में यह विशेष संवैधानिक दर्जा प्राप्त २२ अनुसूचित भाषाओं में से एक है। बोडो भाषा आधिकारिक रूप से देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। .

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बोदा उपज़िला

बोदा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के पंचगड़ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय पंचगड़ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बोय़ालमारी उपज़िला

बोय़ालमारी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के फरिदपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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बोय़ालखाली उपज़िला

बोय़ालखाली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बोगरा का युद्ध

बोगरा का युद्ध भारत पाक युद्ध १९७१ का भाग था, जो वर्तमान बांग्लादेश में हुआ था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने भारत की सेना का जम कर मुकाबला किया था जिस के चलते भारी क्षति उठाने के बाद भी भारत युद्ध जीत नहीं पाया था। लेकिन भारतीय सेना की ज़बरदस्त नाकेबंदी से त्रस्त होकर पाक सेना ने ढाका में आत्म समर्पण कर दिया और इस प्रकार युद्ध समाप्त हुआ। श्रेणी:भारत-पाक युद्ध श्रेणी:१९७१ का भारत-पाक युद्ध.

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बीरगञ्ज उपज़िला

बीरगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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बीघा

बीघा भारत के कुछ हिस्सों तथा नेपाल एवं बांग्लादेश में जमीन की माप करने का पारम्परिक पैमाना है जिसका प्रयोग अब भी किया जाता है। भारतीय राज्य बंगाल, बिहार, गुजरात, असम इत्यादि में इसका प्रयोग होता है। बीघा हिन्दू लम्बाई गणना में क्षेत्रफ़ल मापने की इकाई है। एक बीघा १५०० से २५ऊ वर्ग मीटर तक होता है,.

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भण्डारिय़ा उपज़िला

भण्डारिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पिरोजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पिरोजपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में धर्म

तवांग में गौतम बुद्ध की एक प्रतिमा. बैंगलोर में शिव की एक प्रतिमा. कर्नाटक में जैन ईश्वरदूत (या जिन) बाहुबली की एक प्रतिमा. 2 में स्थित, भारत, दिल्ली में एक लोकप्रिय पूजा के बहाई हॉउस. भारत एक ऐसा देश है जहां धार्मिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता को कानून तथा समाज, दोनों द्वारा मान्यता प्रदान की गयी है। भारत के पूर्ण इतिहास के दौरान धर्म का यहां की संस्कृति में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। भारत विश्व की चार प्रमुख धार्मिक परम्पराओं का जन्मस्थान है - हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म तथा सिक्ख धर्म.

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भारत में आतंकवाद

भारत बहुत समय से आतंकवाद का शिकार हो रहा है। भारत के काश्मीर, नागालैंड, पंजाब, असम, बिहार आदि विशेषरूप से आतंक से प्रभावित रहे हैं। यहाँ कई प्रकार के आतंकवादी जैसे पाकिस्तानी, इस्लामी, माओवादी, नक्सली, सिख, ईसाई आदि हैं। जो क्षेत्र आज आतंकवादी गतिविधियों से लम्बे समय से जुड़े हुए हैं उनमें जम्मू-कश्मीर, मुंबई, मध्य भारत (नक्सलवाद) और सात बहन राज्य (उत्तर पूर्व के सात राज्य) (स्वतंत्रता और स्वायत्तता के मामले में) शामिल हैं। अतीत में पंजाब में पनपे उग्रवाद में आंतकवादी गतिविधियां शामिल हो गयीं जो भारत देश के पंजाब राज्य और देश की राजधानी दिल्ली तक फैली हुई थीं। 2006 में देश के 608 जिलों में से कम से कम 232 जिले विभिन्न तीव्रता स्तर के विभिन्न विद्रोही और आतंकवादी गतिविधियों से पीड़ित थे। अगस्त 2008 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के.

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भारत में इस्लाम

भारतीय गणतंत्र में हिन्दू धर्म के बाद इस्लाम दूसरा सर्वाधिक प्रचलित धर्म है, जो देश की जनसंख्या का 14.2% है (2011 की जनगणना के अनुसार 17.2 करोड़)। भारत में इस्लाम का आगमन करीब 7वीं शताब्दी में अरब के व्यापारियों के आने से हुआ था (629 ईसवी सन्‌) और तब से यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग बन गया है। वर्षों से, सम्पूर्ण भारत में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का एक अद्भुत मिलन होता आया है और भारत के आर्थिक उदय और सांस्कृतिक प्रभुत्व में मुसलमानों ने महती भूमिका निभाई है। हालांकि कुछ इतिहासकार ये दावा करते हैं कि मुसलमानों के शासनकाल में हिंदुओं पर क्रूरता किए गए। मंदिरों को तोड़ा गया। जबरन धर्मपरिवर्तन करा कर मुसलमान बनाया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि एक मुसलमान शासक टीपू शुल्तान खुद ये दावा करता था कि उसने चार लाख हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रकाशित: 11 दिसम्बर 1992 विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां सरकार हज यात्रा के लिए विमान के किराया में सब्सिडी देती थी और २००७ के अनुसार प्रति यात्री 47454 खर्च करती थी। हालांकि 2018 से रियायत हटा ली गयी है। .

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भारत में कुपोषण

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में हर साल कुपोषण के कारण मरने वाले पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या दस लाख से भी ज्यादा है.

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भारत और बांग्लादेश के अंतर्वेश

भारत और बांग्लादेश के अंतर्वेश (छिटमहल या इन्क्लेव) भारत और बांग्लादेश की सीमा पर सैकड़ों अन्तर्वेश (ছিটমহল; Enclaves) हैं। भारत के अन्तर्वेशों की संख्या १०६ है जबकि बंगलादेश के अन्तर्वेशों की संख्या ९२ है। बांग्लादेश के अन्तर्वेश भारत के पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, असम तथा मेघालय राज्यों में हैं। २०१० की जनगणना के अनुसार इन अन्तर्वेशों में कुल 51,549 लोग रहते हैं जिनमें से 37,334 भारतीय अन्तर्वेशों पर तथा 14,215 बांग्लादेशी अन्तर्वेशों पर रहते हैं।इन्हें न तो बांग्लादेश और न ही भारत अपना नागरिक मानने को तैयार है। भारत में मौजूद बांग्लादेशी छिटमहलों में भारत सरकार विकास के काम नहीं कर पाती और बांग्लादेश में मौजूद भारतीय छिटमहलों में वहां की सरकार। समस्या के समाधान के लिए लंबे समय से लगी दोनों सरकारें 162 ऐसे छिटमहलों की अदलाबदली के लिए तैयार हो गई हैं। जून २०१५ के आरम्भ में भारतीय संसद में अदलाबदली को कानूनी जामा पहनाने के लिए अधिनियम पारित हो चुका है। .

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भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

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भारत का भूगोल

भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत में भौगोलिक तत्वों के वितरण और इसके प्रतिरूप से है जो लगभग हर दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। दक्षिण एशिया के तीन प्रायद्वीपों में से मध्यवर्ती प्रायद्वीप पर स्थित यह देश अपने ३२,८७,२६३ वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। साथ ही लगभग १.३ अरब जनसंख्या के साथ यह पूरे विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है। भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के स्थलरूप पाए जाते हैं। एक ओर इसके उत्तर में विशाल हिमालय की पर्वतमालायें हैं तो दूसरी ओर और दक्षिण में विस्तृत हिंद महासागर, एक ओर ऊँचा-नीचा और कटा-फटा दक्कन का पठार है तो वहीं विशाल और समतल सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान भी, थार के विस्तृत मरुस्थल में जहाँ विविध मरुस्थलीय स्थलरुप पाए जाते हैं तो दूसरी ओर समुद्र तटीय भाग भी हैं। कर्क रेखा इसके लगभग बीच से गुजरती है और यहाँ लगभग हर प्रकार की जलवायु भी पायी जाती है। मिट्टी, वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनो की दृष्टि से भी भारत में काफ़ी भौगोलिक विविधता है। प्राकृतिक विविधता ने यहाँ की नृजातीय विविधता और जनसंख्या के असमान वितरण के साथ मिलकर इसे आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विविधता प्रदान की है। इन सबके बावजूद यहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है। हिमालय द्वारा उत्तर में सुरक्षित और लगभग ७ हज़ार किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा के साथ हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर स्थित भारत का भू-राजनैतिक महत्व भी बहुत बढ़ जाता है और इसे एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करता है। .

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भारत का विभाजन

माउण्टबैटन योजना * पाकिस्तान का विभाजन * कश्मीर समस्या .

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भारत का आर्थिक इतिहास

इस्वी सन ०००१ से २००३ ई तक विश्व के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का अंश; ध्यातव्य है कि १८वीं शताब्दी के पहले तक भारत और चीन विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ थीं भारत का आर्थिक विकास सिंधु घाटी सभ्यता से आरम्भ माना जाता है। सिंधु घाटी सभ्यता की अर्थव्यवस्था मुख्यतः व्यापार पर आधारित प्रतीत होती है जो यातायात में प्रगति के आधार पर समझी जा सकती है। लगभग 600 ई॰पू॰ महाजनपदों में विशेष रूप से चिह्नित सिक्कों को ढ़ालना आरम्भ कर दिया था। इस समय को गहन व्यापारिक गतिविधि एवं नगरीय विकास के रूप में चिह्नित किया जाता है। 300 ई॰पू॰ से मौर्य काल ने भारतीय उपमहाद्वीप का एकीकरण किया। राजनीतिक एकीकरण और सैन्य सुरक्षा ने कृषि उत्पादकता में वृद्धि के साथ, व्यापार एवं वाणिज्य से सामान्य आर्थिक प्रणाली को बढ़ाव मिल। अगले 1500 वर्षों में भारत में राष्ट्रकुट, होयसला और पश्चिमी गंगा जैसे प्रतिष्ठित सभ्यताओं का विकास हुआ। इस अवधि के दौरान भारत को प्राचीन एवं 17वीं सदी तक के मध्ययुगीन विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में आंकलित किया जाता है। इसमें विश्व के की कुल सम्पति का एक तिहाई से एक चौथाई भाग मराठा साम्राज्य के पास था, इसमें यूरोपीय उपनिवेशवाद के दौरान तेजी से गिरावट आयी। आर्थिक इतिहासकार अंगस मैडीसन की पुस्तक द वर्ल्ड इकॉनमी: ए मिलेनियल पर्स्पेक्टिव (विश्व अर्थव्यवस्था: एक हज़ार वर्ष का परिप्रेक्ष्य) के अनुसार भारत विश्व का सबसे धनी देश था और 17वीं सदी तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था था। भारत में इसके स्वतंत्र इतिहास में केंद्रीय नियोजन का अनुसरण किया गया है जिसमें सार्वजनिक स्वामित्व, विनियमन, लाल फीताशाही और व्यापार अवरोध विस्तृत रूप से शामिल है। 1991 के आर्थिक संकट के बाद केन्द्र सरकार ने आर्थिक उदारीकरण की नीति आरम्भ कर दी। भारत आर्थिक पूंजीवाद को बढ़ावा देन लग गया और विश्व की तेजी से बढ़ती आर्थिक अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनकर उभरा। .

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भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची

भारत के प्रधानमंत्री भारत गणराज्य की सरकार के मुखिया हैं। भारत के प्रधानमंत्री, का पद, भारत के शासनप्रमुख (शासनाध्यक्ष) का पद है। संविधान के अनुसार, वह भारत सरकार के मुखिया, भारत के राष्ट्रपति, का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद का मुखिया, तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है। भारत की राजनैतिक प्रणाली में, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल में का वरिष्ठ सदस्य होता है। .

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भारत के प्राचीन विश्वविद्यालय

भारतीय उपमहाद्वीप में कई स्थान अत्यंत पुराने शिक्षण केन्द्र रहे हैं:-.

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भारत के राष्‍ट्रीय चिन्ह

Indian Signs .

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भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

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भारत के सम्राट

ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ इंडिया का सितारा, जो ब्रिटिश साम्राज्यिक भारत के बिल्ले (चिह्न) के रूप में प्रयोग होता था। ”’भारत के सम्राट’”/”’साम्राज्ञी”, ”’ बादशाह-ए-हिं””, ”’ एम्परर/एम्प्रैस ऑफ इण्डिय”” वह उपाधि थी, जो कि अंतिम भारतीय मुगल शासक बहादुर_शाह_द्वितीय एवं भारत में ब्रिटिश राज के शासकों हेतु प्रयोग होती थी। कभी भारत के सम्राट उपाधि, भारतीय सम्राटों, जैसे मौर्य वंश के अशोक-महान। या मुगल_बादशाह अकबर-महान के लिये भी प्रयोग होती है। वैसे उन्होंने कभी भी यह उपाधियां अपने लिये नहीं घोषित कीं। .

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भारत की नदियों की सूची

भारत में मुख्यतः चार नदी प्रणालियाँ है (अपवाह तंत्र) हैं। उत्तरी भारत में सिंधु, उत्तरी-मध्य भारत में गंगा, और उत्तर-पूर्व भारत में ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली है। प्रायद्वीपीय भारत में नर्मदा, कावेरी, महानदी, आदि नदियाँ विस्तृत नदी प्रणाली का निर्माण करती हैं। यहाँ भारत की नदियों की एक सूची दी जा रही है: .

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भारत की संस्कृति

कृष्णा के रूप में नृत्य करते है भारत उपमहाद्वीप की क्षेत्रीय सांस्कृतिक सीमाओं और क्षेत्रों की स्थिरता और ऐतिहासिक स्थायित्व को प्रदर्शित करता हुआ मानचित्र भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि हिन्दू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म जैसे धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है। .

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भारत २०१०

इन्हें भी देखें 2014 भारत 2014 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2014 साहित्य संगीत कला 2014 खेल जगत 2014 .

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भारत-बांग्लादेश संबंध

भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश हैं और आमतौर पर उन दोनों के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं, हालांकि कभी-कभी सीमा विवाद होते हैं। बांग्लादेश की सीमा तीन ओर से भारत द्वारा ही आच्छादित है। ये दोनो देश सार्क, बिम्सटेक, हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ और राष्ट्रकुल के सदस्य हैं। विशेष रूप से, बांग्लादेश और पूर्व भारतीय राज्य जैसे पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा बंगाली भाषा बोलने वाले प्रांत हैं। १९७१ में पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के बिच बांग्लादेश मुक्ति युद्ध शुरु हुआ और भारत ने पूर्वी पाकिस्तान की ओर से दिसंबर १९७१ में हस्तक्षेप किया। फलस्वरूप बांग्लादेश राज्य के रूप में पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान की स्वतंत्रता को सुरक्षित करने में भारत ने मदद की। .

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भारती ब्रेल

भारतीय लिपियों को ब्रेल पद्धति से निरूपित करने के लिये विकसित एकसमान व्यवस्था को भारती ब्रेल कहते हैं। सन् 1951 के आसपास भारतीय लिपियों को लिखने की एकीकृत व्यवस्था स्वीकृत कर ली गयी जो श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश ने भी स्वीकार कर लिया है। भारती ब्रेल ६ डॉट पर आधारित है। यह भारत के सभी लिपियों के वर्णों के लिये, जहाँ तक सम्भव हुआ है, समान ब्रेल संकेत दिया गया है। .

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भारती इंटरप्राइजेज

भारती इंटरप्राइजेज (Bharti Enterprises), एक विशाल भारतीय व्यापारिक समूह है जिसका मुख्यालय भारत के नई दिल्ली में स्थित है, जहाँ से इसका संचालन संपूर्ण भारत और कुछ अन्य देशों में भी किया जाता है, जैसे श्री लंका, बांग्लादेश, जर्सी, गर्नसी और सेशेल्स; और साथ ही अफ्रीका के बुर्किना फासो, चाड, कांगो ब्राज़ाविल, कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, गबोन, घाना, केन्या, मेडागास्कर, मालावी, नाइजर, नाइजीरिया, सिएरा लेओन, तंज़ानिया, युगांडा और जाम्बिया में भी इसका विस्तार हो रहा है। इसकी स्थापना सुनील भारती मित्तल द्वारा की गयी थी। भारती एंटरप्राइजेज का व्यापार दूरसंचार, खुदरा, वित्तीय सेवाएं, उत्पादन और सॉफ्टवेयर क्षेत्रों में फ़ैल हुआ है। .

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भारतीय चुनाव

चुनाव लोकतंत्र का आधार स्तम्भ हैं। आजादी के बाद से भारत में चुनावों ने एक लंबा रास्ता तय किया है। 1951-52 को हुए आम चुनावों में मतदाताओं की संख्या 17,32,12,343 थी, जो 2014 में बढ़कर 81,45,91,184 हो गई है। 2004 में, भारतीय चुनावों में 670 मिलियन मतदाताओं ने भाग लिया (यह संख्या दूसरे सबसे बड़े यूरोपीय संसदीय चुनावों के दोगुने से अधिक थी) और इसका घोषित खर्च 1989 के मुकाबले तीन गुना बढ़कर $300 मिलियन हो गया। इन चुनावों में दस लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया गया। 2009 के चुनावों में 714 मिलियन मतदाताओं ने भाग लिया (अमेरिका और यूरोपीय संघ की संयुक्त संख्या से भी अधिक).

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भारतीय दण्ड संहिता

भारत भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code, IPC) भारत के अन्दर (जम्मू एवं काश्मीर को छोडकर) भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा व दण्ड का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता भारत की सेना पर लागू नहीं होती। जम्मू एवं कश्मीर में इसके स्थान पर रणबीर दण्ड संहिता (RPC) लागू होती है। भारतीय दण्ड संहिता ब्रिटिश काल में सन् १८६२ में लागू हुई। इसके बाद इसमे समय-समय पर संशोधन होते रहे (विशेषकर भारत के स्वतन्त्र होने के बाद)। पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी भारतीय दण्ड संहिता को ही लागू किया। लगभग इसी रूप में यह विधान तत्कालीन अन्य ब्रिटिश उपनिवेशों (बर्मा, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई आदि) में भी लागू की गयी थी। .

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भारतीय नाम

भारतीय पारिवारिक नाम अनेक प्रकार की प्रणालियों व नामकरण पद्धतियों पर आधारित होते हैं, जो एक से दूसरे क्षेत्र के अनुसार बदलतीं रहती हैं। नामों पर धर्म व जाति का प्रभाव भी होता है और वे धर्म या महाकाव्यों से लिये हुए हो सकते हैं। भारत के लोग विविध प्रकार की भाषाएं बोलते हैं और भारत में विश्व के लगभग प्रत्येक प्रमुख धर्म के अनुयायी मौजूद हैं। यह विविधता नामों व नामकरण की शैलियों में सूक्ष्म, अक्सर भ्रामक, अंतर उत्पन्न करती है। उदाहरण के लिये, पारिवारिक नाम की अवधारणा तमिलनाडु में व्यापक रूप से मौजूद नहीं थी। कई भारतीयों के लिये, उनके जन्म का नाम, उनके औपचारिक नाम से भिन्न होता है; जन्म का नाम किसी ऐसे वर्ण से प्रारंभ होता है, जो उस व्यक्ति की जन्म-कुंडली के आधार पर उसके लिये शुभ हो। कुछ बच्चों को एक नाम दिया जाता है (दिया गया नाम).

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भारतीय साम्राज्य खेल

भारतीय साम्राज्य खेल, एक राष्ट्रीय खेल स्पर्धा थी जिसका आयोजन भारतीय साम्राज्य ब्रिटिश राज में किया गया था। स्पर्धा सिर्फ एक बार 1909 में मद्रास में, आयोजित की गयी थी, जिसमें ब्रिटेन के समूचे भारतीय साम्राज्य के खिलाड़ियों ने भाग लिया था। भारतीय साम्राज्य में आधुनिक राष्ट्र, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका (सीलोन), म्यांमार (बर्मा), भूटान और ओमान शामिल थे। .

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भारतीय हाथी

कोण्णि, पतनम्तिट्ट में एक हाथी प्रशिक्षण केंद्र में सोमन नामक हाथी भारतीय हाथी, एलिफ़ास मैक्सिमस इंडिकस एशियाई हाथी की चार उपजातियों में से एक है। यह अधिकतम मात्रा में भारत में मिलता है। यह उपप्रजाति बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, कंबोडिया, चीन, लाओस, मलेशियाई प्रायद्वीप, बर्मा/म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड और वियतनाम में भी पाया जाता है। एशियाई हाथी की तीन अन्य उपजातियाँ हैं सुमात्राई हाथी (ए.मै. सुमात्रानुस), श्रीलंकाई हाथी (ए.मै. मैक्सिमस) और बोर्नियो का हाथी (ए.मै. बोर्निएंसिस)। .

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भारतीय विदेशी नागरिकता (ओसीआई) योजना

भारतीय विदेशी नागरिकता (ओसीआई) योजना 02.12.2005 से दोहरी नागरिकता प्रदान करने के लिए प्रचालित की गई थी। इसका अर्थ है भारत की नागरिकता के साथ एक विदेशी देश की नागरिकता रखना। एक विदेशी नागरिक, जो 26.01.1950 को भारत का नागरिक बनने का पात्र था या 26.01.1950 के बाद किसी समय भारत का नागरिक था या 15.08.1947 के बाद भारत का हिस्‍सा बनने वाले क्षेत्र का था और उसके बच्‍चे और बच्‍चों के बच्‍चे, बशर्तें कि उसके देश की नागरिकता में स्‍थानीय कानून के अनुसार या अन्‍य रूप में दोहरी नागरिकता की अनुमति है, तो उसे ओसीआई के रूप में पंजीकरण की पात्रता होगी। इन व्‍यक्तियों के अल्‍प वयस्‍क बच्‍चे भी इसके पात्र हैं। जबकि यदि आवेदक पाकिस्‍तान या बंगलादेश का नागरिक रहा है तो उसे ओसीआई की पात्रता नहीं होगी। .

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भारतीय गैण्डा

भारतीय गैण्डा, जिसे एक सींग वाला गैण्डा भी कहते हैं, विश्व का चौथा सबसे बड़ा जलचर जीव है। आज यह जीव अपने आवासीय क्षेत्र के घट जाने से संकटग्रस्त हो गया है। यह पूर्वोत्तर भारत के असम और नेपाल की तराई के कुछ संरक्षित इलाकों में पाया जाता है जहाँ इसकी संख्या हिमालय की तलहटी में नदियों वाले वन्यक्षेत्रों तक सीमित है। .

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भारतीय गेज

भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान तथा श्रीलंका ने कई गेजों की भिन्नता होते हुए भी उन्हें अपनाया, जिसमें से सर्वाधिक था। भारतीय रेल ने युनिगेज परियोजना आरंभ की, जिसके अधीन एक व्यवस्थित ढंग से अधिकांश संकरे गेजों को 1,676 मिमी में बदला जा रहा है। भारत में प्रचलित गेजों की मानक गेज से तुलना .

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भारतीय इतिहास तिथिक्रम

भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं तिथिक्रम में।;भारत के इतिहास के कुछ कालखण्ड.

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भारतीय इतिहास की समयरेखा

पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं भारत एक साझा इतिहास के भागीदार हैं इसलिए भारतीय इतिहास की इस समय रेखा में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की झलक है। .

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भारतीय क्रिकेट टीम का बांग्लादेश दौरा 2007

भारतीय क्रिकेट टीम ने मई 2007 में बांग्लादेश का दौरा किया और दो टेस्ट मैचों में तीन एकदिवसीय मैच खेले। पहला मैच 10 मई को खेला गया था, भारत के साथ तीन ओडीआई में पहला बांग्लादेश को पांच विकेट से हराया था - दो महीने से भी कम समय में बांग्लादेश ने विश्वकप में पांच विकेट से हराकर भारत को धराशायी कर दिया था, जिससे भारत ने प्रतियोगिता से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया था। भारत ने लगातार 46 रनों की जीत के साथ सीरीज़ जीत हासिल की, जिससे गौतम गंभीर शतक के लिए काफी योगदान दिया। तीसरे मैच को आंतरायिक बारिश के कारण छोड़ दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप जलगर्भित पिच बन गया था - चक्रवात आकाश की वजह से काफी हद तक इस क्षेत्र में लाया गया था जिसने उस दिन दक्षिण बांग्लादेश को पहले ही मारा था। एकदिवसीय सीरीज के अग्रणी स्कोरर और भारतीय विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने बल्ले के साथ फार्म में वापसी के बाद श्रृंखला के पुरस्कार के खिलाड़ी को घर में ले लिया और स्टंप के पीछे 3 विकेट लिए। दूसरे टेस्ट मैच में मोहम्मद अशरफुल ने 27 गेंदों में सबसे तेज अर्धशतक बनाया। टेस्ट श्रृंखला भारत के लिए 1-0 से जीत में समाप्त हुई; पहला टेस्ट बारिश से प्रभावित था, भारत ने दो घोषणाओं और पहली पारी में 149 रन की बढ़त के बावजूद बांग्लादेश को ड्रॉ हासिल करने में मदद की, लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने तीन दिवसीय पारी में तीन विकेट गंवाए और जीत हासिल की। .

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भारतीय क्रिकेट टीम का बांग्लादेश दौरा 2009-10

भारतीय क्रिकेट टीम ने 17 जनवरी से 28 जनवरी 2010 तक दो टेस्ट मैचों के लिए बांग्लादेश का दौरा किया। भारत ने श्रृंखला 2-0 से जीती। .

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भारतीय क्रिकेट टीम का बांग्लादेश दौरा 2014

भारतीय क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश मैं 15 से 19 जून 2014 को बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाफ तीन मैचों की एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) श्रृंखला खेलने का दौरा किया। भारत ने एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखला 2-0 से जीती, जिसमें एक मैच को छोड़ दिया गया था। .

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भारतीय क्रिकेट टीम का बांग्लादेश दौरा 2015

भारतीय क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश का दौरा 10 से 24 जून 2015 तक किया। इस दौरे में एक टेस्ट मैच और तीन वनडे मैच शामिल थे। मानसून सीज़न के दौरान होने वाली श्रृंखला के कारण, प्रत्येक ओडीआई को एक आरक्षित दिन आवंटित किया गया था। एक ही टेस्ट ड्रॉ में समाप्त हुआ और बांग्लादेश ने ओडीआई श्रृंखला 2-1 जीती। .

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भारतीय अर्थव्यवस्था की समयरेखा

यहाँ भारतीय उपमहाद्वीप के आर्थिक इतिहास की प्रमुख घटनाएँ संक्षेप में दी गई हैं। .

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भारतीय उपमहाद्वीप

भारतीय उपमहाद्वीप का भौगोलिक मानचित्र भारतीय उपमहाद्वीप, एशिया के दक्षिणी भाग में स्थित एक उपमहाद्वीप है। इस उपमहाद्वीप को दक्षिण एशिया भी कहा जाता है भूवैज्ञानिक दृष्टि से भारतीय उपमहाद्वीप का अधिकांश भाग भारतीय प्रस्तर (या भारतीय प्लेट) पर स्थित है, हालाँकि इस के कुछ भाग इस प्रस्तर से हटकर यूरेशियाई प्रस्तर पर भी स्थित हैं। .

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भारतीय उपमहाद्वीप का इस्लामी इतिहास

इस्लाम भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रमुख धर्म हैं। भारत की कुल जनसंख्या के 14.5%, पाकिस्तान के 97 %, बांग्लादेश के 89%, नेपाल के 6%,भूटान के 1.1% लोग इस्लाम धर्म के अनुयायी हैं। उपमहाद्वीप को इस्लाम से सबसे पहले अरबी व्यापरियो ने सातवी शताब्दी के मध्य में अवगत कराया। इस्लाम का व्यापक फैलाव सातवी शताब्दी के अंत में मोहम्मद-बिन-कासिम के सिंध पर आक्रमण और बाद के मुस्लिम शासकों के द्वारा हुआ। इस प्रान्त ने विश्व के कुछ महान इस्लामिक साम्राज्यों के उठान एवं पतन को देखा है। सातवी शतब्दी से लेकर सन १८५७ तक विभिन्न इस्लामिक साम्राज्यों ने भारत, पाकिस्तान एवं दुसरे देशों पर गहरा असर छोड़ा है। इस्लामिक शासक आपने साथ मध्य एवं पश्चिमी एशिया की विभिन्न कलाएं एवं विज्ञानं लेकर उपमहाद्वीप में आयें। भारतीय एवं इस्लामिक कलाओ का संगम ने विश्व को कई अनुपम धरोहर दी .

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भालुका उपज़िला

भालुका उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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भाषा आन्दोलन दिवस

भाषा आंदोलन के दिन या भाषा क्रांति दिवस या बंगाली भाषा आंदोलन दिवस (भाषा Andolôn Dibôs), जिसे भाषा शहीद दिवस या शहीद दिवस (Shôhid Dibôs), के रूप में भी संदर्भित करते हैं, एक राष्ट्रीय दिन है, जो बांग्लादेश में 1952 में बंगाली भाषा आंदोलन के दौरान विरोध प्रदर्शन करते समय मरने वाले छात्रों के बलिदान को याद रखने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। .

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भास्कर वर्मन

भास्कर वर्मन का निधानपुर शिलालेख कुमार भास्कर वर्मन (600 - 650) कामरूप के वर्मन राजवंश के शासकों में अन्तिम एवं अन्यतम राजा थे। अपने ज्येष्ठ भ्राता सुप्रतिश्थि वर्मन की मृत्यु के पश्चात उन्होने सत्ता सम्भाली। वे अविवाहित रहे तथा अनका कोई उत्तराधिकारी नहीं था। उनकी मृत्यु के बाद शालस्तम्भ ने कामरूप पर आक्रमण करके सत्ता पर अधिकार कर लिया और शालस्तम्भ राज्य अथवा म्लेच्छ राजवंश की स्थापना की। उत्तर भारत के राजा हर्षवर्धन (या शीलादित्य) कुमार भास्कर वर्मन के समकालीन थे। हर्षवर्धन के साथ उनकी मित्रता थी। उस समय गौड़ देश (या कर्णसुवर्ण, या बंगाल) में शशांक नामक राजा का शासन था। शशांक ने हर्षवर्धन के बड़े भाई राज्यवर्धन की हत्या कर दी। शशांक से अपने भाई की हत्या का प्रतिशोध लेने के लिये हर्षवर्धन ने शशांक के राज्य पर आक्रमण कर दिया। इस आक्रमण के समय कुमार भास्कर वर्मन ने हर्षवर्धन की सहायता की। गौड़ राजा शशांक पराजित हुआ। फलस्वरूप शशांक के राज्य कर्णसुबर्ण तथा गौड़ या पौण्ड्रबर्द्धन, भास्कर वर्मन के अधिकार में आ गये। इसके बाद भास्कर वर्मन विशाल राज्य का स्वामी बन गया। भास्कर वर्मन के समय में कामरूप राज्य की सीमा पश्चिम में बिहार तक और दक्षिण में ओडीसा तक विस्तृत थी। भास्कर वर्मन ने निधानपुर (सिलहट जिला, बांग्लादेश) में अपने शिविर से तांबे की छाप अनुदान जारी किए और इसे एक अवधि के लिए अपने नियंत्रण में रखा। चीनी यात्री युवान् च्वांग ने सातवीं शताब्दी में कामरुप का भ्रमण किया था। अपनी यात्रा के वर्णन में उसने लिखा है कि कामरूप राज्य का विस्तार १६७५ मील था और राजधानी प्राग्ज्योतिषपुर ६ मील विस्तृत थी। यद्यपि भास्कर वर्मन सनातन धर्म के अनुयायी थे किन्तु बौद्ध धर्म के अनुयायियों और बौद्ध भिक्षुओं का सम्मान करते थे। हर्षबर्द्धन, भास्कर वर्मन का यथेष्ट सम्मान करते थे। एक बार युवान् च्वांग के सम्मान के लिये राजा हर्षबर्धन ने प्रयाग में विशाल सभा का आयोजन किया था। जिसमें भारत के सभी विख्यात राजाओं को आमन्त्रित किया गया था। युवान् च्वांग ने यह भी लिखा है कि कामरुप में प्रवेश करने से पहले उसने एक महान नदी कर्तोय् को पार किया। कामरुप के पूर्व में चीनी सीमा के पास पहाड़ियों की एक पंक्ति थी। उन्होंने उल्लेख किया की फसलें नियमित हैं, लोग सत्यनिष्ट हैं और राजा ब्राह्मण हैं। .

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भांड

भांड (उर्दू:, पंजाबी: ਭਾਂਡ, अंग्रेज़ी: Bhand) उत्तर भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बंगलादेश के पारम्परिक समाजों में लोक-मनोरंजन करने वाले लोगों को कहा जाता है जो समय के साथ एक भिन्न जाति बन चुकी है। भांडों द्वारा किये प्रदर्शन को कभी-कभी स्वांग कहा जाता है।, Manohar Laxman Varadpande, Abhinav Publications, 1992, ISBN 978-81-7017-278-9,...

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भांजा

भांजा बहन के पुत्र को कहते हैं एक भतीजा एक व्यक्ति के भाई का बेटा। ऐतिहासिक रूप से, एक भतीझे अपने चाचा के विरासत के तार्किक प्राप्तकर्ता थे, अगर कोई बेटा या बेटी नही था, हालाकि कुछ उत्तरी बांग्लादेशी समाजों मे, एक भतीजे एक बेटी पर अधिकता लेता है, जबकि कुछ मध्ययुगीन अंग्रेजी कानून के खंड मे, भतीजे कई बार बेटियों को अधिक पसंद करते है। सामाजिक परिवेश मे एक स्थिर घर या शरणार्थी परिस्थितियो जैसे आदतों की कमी थी, चाचा और पिता समान रूप से अपने बेटों और भतीजे के लिये जिम्मेदारी सौंपा जाएगा। माता पिता के बीच, ने कुछ संसक्रितियो ने अपनी सामाजिक स्थिति मे बेटियो और भतीजो को समान दर्जा दिया है। कुछ संस्क्रुतियो और पारिवारिक परंपराओं में, एक व्यक्ति की पहली चचेरी बहन को एक बार निकालकर(एक के चचेरे भाई का बच्चा) का उल्लेख करना आम बात हैं, भतीजी या भतीजे के रूप मे। .

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भाङ्गा उपज़िला

भांगा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के फरिदपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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भाङ्गुरा उपज़िला

भांगुरा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के पाबना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पाबना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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भवभूषण मित्र

भवभूषण मित्र (उपाख्य सत्यानन्द जगद्गुरु, स्वामी सत्यानन्द पुरी; २७ जनवरी, १८८१ – १९७०) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारी थे जो सामजिक कार्य का त्याग कर मुक्तिसंग्रामी बन गये थे। वे अलीपुर बम काण्ड में अभियुक्त बनाये गये थे। वे बहुत दिनों तक आत्मगोपन की स्थिति में रहे। बाद में मुम्बई बन्दरगाह से गिरफ्तार किये गये और एक अन्य मामले में भी उन पर अभियोग चला। बाद के समय में वे वे संन्यासी का जीवन जिये तथा स्वाधीनता आन्दोलन के क्रान्तिकारियों के लिये प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रेरणा देते रहे। सुबोध सेनगुप्त तथा अंजलि बसु सम्पादित, संसद बाङालि चरिताभिधान, प्रथम खण्ड, साहित्य संसद, कलकाता, नवम्बर २०१३, पृष्ठ ५१२, ISBN 978-81-7955-135-6 .

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भवानीपुर शक्तिपीठ

भवानीपुर शक्तिपीठ बांग्लादेश के राजशाही डिवीजन के बोगरा जिले में स्थित है। करातोया नदी के किनारे स्थित इस मंदिर को हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में गिना जाता है। .

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भुञापुर उपज़िला

भुञापुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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भुरुङ्गामारी उपज़िला

भुरुंगामारी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के कुड़िग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुड़िग्राम सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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भुइयार

भुइयार अथवा भुईयार भारत में निवास करने वाला एक समुदाय अथवा जाति है, जो कि मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान आदि राज्यों में निवास करती है। भुइयार जाति पाकिस्तान और बंगलादेश में भी निवास करती है। भुइयार जाति को उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के आदेश सं0 1442/25-10-1957 दिनांक 22-05-1957 द्वारा अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित किया गया है। भुइयार जाति मुख्य रूप से कपड़ा बुनने का कार्य करती थी इस कारण से गाँव-देहात में इस जाति को भंयार जुलाहा, कोरी, कबीर पंथी आदि नामों से जाना जाता है। .

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भैरब उपज़िला

भैरब उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव

extreme weather). (Third Assessment Report) इस के अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change)। इस भविष्यवाणी की प्रभावों के ग्लोबल वार्मिंग इस पर पर्यावरण (environment) और के लिए मानव जीवन (human life) कई हैं और विविध.यह आम तौर पर लंबे समय तक कारणों के लिए विशिष्ट प्राकृतिक घटनाएं विशेषता है, लेकिन मुश्किल है के कुछ प्रभावों का हाल जलवायु परिवर्तन (climate change) पहले से ही होने जा सकता है।Raising sea levels (Raising sea levels), glacier retreat (glacier retreat), Arctic shrinkage (Arctic shrinkage), and altered patterns of agriculture (agriculture) are cited as direct consequences, but predictions for secondary and regional effects include extreme weather (extreme weather) events, an expansion of tropical diseases (tropical diseases), changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems (changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems), and drastic economic impact (economic impact)। चिंताओं का नेतृत्व करने के लिए हैं राजनीतिक (political) सक्रियता प्रस्तावों की वकालत करने के लिए कम (mitigate), समाप्त (eliminate), या अनुकूलित (adapt) यह करने के लिए। 2007 चौथी मूल्यांकन रिपोर्ट (Fourth Assessment Report) के द्वारा अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change) (आईपीसीसी) ने उम्मीद प्रभावों का सार भी शामिल है। .

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भूजपूर थाना

भूजपूर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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भेड़ामारा उपज़िला

भेड़ामारा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के कुष्टिय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुष्टिय़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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भेदरगञ्ज उपज़िला

भेदरगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के शरिय़तपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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भोला सदर उपज़िला

भोला सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला भोला जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बरिशाल विभाग के भोला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय भोला सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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भोलाहाट उपज़िला

भोलाहाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नवाबगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय नवाबगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मठबाड़िय़ा उपज़िला

मठबाड़िय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पिरोजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पिरोजपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मणिपुरी बटेर

मणिपुरी बटेर (Manipur Bush Quail) (Perdicula manipurensis) भारत में पाई जाने वाली बटेर पक्षी की एक क़िस्म है, जो कि पश्चिम बंगाल, असम, नागालैण्ड, मणिपुर और मेघालय के दलदली इलाकों में, जहाँ ऊँची घास होती है, पाया जाता है। पहले इसकी आबादी पर्याप्त थी और यह अक्सर पूर्वोत्तर भारत में तथा उत्तर भारत, जो अब बांग्लादेश है, में देखा जा सकता था। लेकिन इसके आवास क्षेत्रों के या तो संकुचित होने से और या खण्डित होने से इसकी आबादी निरंतर कम होती जा रही है और इसी कारण से इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने असुरक्षित श्रेणी में रखा है। इस पक्षी को आख़िरी बार सन् १९३२ में देखा गया था और वैज्ञानिकों का यह मानना था कि यह विलुप्त हो गया है। लेकिन सन् २००६ में फिर से मानस राष्ट्रीय उद्यान में देखा गया हालांकि इसका चित्र नहीं उतारा जा सका और अब पक्षी प्रेमियों में यह रोमांच का विषय हो गया है। इसको मणिपुरी भाषा में लैंक्स सॉइबॉल कहते हैं। .

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मणिपुरी भाषा

मणिपुरी (या मीतै भाषा, या मैतै भाषा) भारत के असम के निचले हिस्सों एवं मणिपुर प्रांत के लोगों द्वारा बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। इसकी कई उपभाषाएँ भी हैं। मणिपुरी भाषा, मेइतेइ मायेक लिपि में तथा पूर्वी नागरी लिपि में लिखी जाती है। मीतै लिपि में रचित एक पाण्डुलिपि .

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मणिउर रजा चौधरी

मणिउर रजा चौधरी एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति बद्रुद्दोज़ा चौधरी द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। वे बारहवें मुख्य न्यायाधीश थे, उनका कार्यकाल 369 तक चला था। .

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मतलब दक्षिण उपज़िला

मतलब दक्षिण उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चाँदपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय चाँदपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मतलब उत्तर उपज़िला

मतलब उत्तर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चाँदपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय चाँदपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मदन उपज़िला

मदन उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मदारगंज उपज़िला

मदारगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मधुपुर उपज़िला

मधुपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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मधुखाली उपज़िला

मधुखाली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के फरिदपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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मनपुरा उपज़िला

मनपुरा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के भोला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय भोला सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मनिरामपुर उपज़िला

मनिरामपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के यशोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय यशोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मनोहरदी उपज़िला

मनोहरदी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नरसिंदी जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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मनोहरगञ्ज उपज़िला

मनोहरगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ममित ज़िला

ममित ज़िला भारतीय राज्य मिज़ोरम के आठ ज़िलों में से एक ज़िला है, जिसकी सीमा भारत के त्रिपुरा व असम राज्यों तथा बांग्लादेश से लगती है। .

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मय़मनसिंह

मय़मनसिंह या मैमेनसिंह (ময়মনসিংহ, मॉय़मोन्-शिङ्हो), आधिकारिक तौर पर शहर के मेमेन्सिंघ की राजधानी है मेमेन्सिंघ विभाजन की बांग्लादेश.

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मय़मनसिंह सदर उपज़िला

मयमनसिंह सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मयमनसिंह विभाग के मयमनसिंह ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं। यह उपज़िला मयमनसिंह जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मय़मनसिंह विभाग

मयमनसिंह विभाग, बांग्लादेश का एक विभाग है। मयमनसिंह विभाग में कुल चार जिले हैं:मैमनसिंह शेरपुर जमालपुर नेत्रोकोना। श्रेणी:बांग्लादेश के विभाग.

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मलमल

ढाका की एक स्त्री बंगाली मसलिन धारण किये हुए (१८वीं शताब्दी) मसलिन या मलमल सरल बुनाई वाला सूती वस्त्र है। 'मसलिन' शब्द 'मसलीपट्नम' नामक भारतीय पत्तन से आया है। प्रसिद्ध है कि ढाका की मसलिन इतनी महीन होती थी मसलिन की साड़ी अंगूठी से निकल जाय किन्तु अंग्रेजों की दमनकारी व्यापारिक नीति के कारण यह उद्योग नष्ट हो गया। भारतीय मसलिन हाथ से निर्मित अत्यन्त कोमल सूत से हाथ से बुनी जाती थी। भारत का वह भाग जो आजकल बंगलादेश है, इसका मुख्य केन्द्र था। १७वीं और १८वीं शताब्दी में भारत से ही मसलिन पूरे यूरोप में निर्यात की जाती थी। .

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मल्लयुद्ध

मल्लयुद्ध भारत का एक पारम्परिक युद्धकला है। भारत के अतिरिक्त यह पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा श्रीलंका में भी प्रचलित थी। यह दक्षिणपूर्वी एशियाई कुश्ती की शैलियों जैसे नाबन से निकट संबंधी है। मल्लयुद्ध चार प्रकारों में विभाजित है जिनमें से प्रत्येक एक हिन्दू देवता या पौराणिक योद्धा के नाम पर है:- हनुमन्ती तकनीकी श्रेष्ठता पर केन्द्रित है, जाम्बुवन्ती प्रतिद्वन्दी को आत्मसर्मपण के लिये मजबूर करने हेतु लॉक्स तथा होल्डस का प्रयोग करती है, जरासन्धी अंगों तथा जोड़ों को तोड़ने पर केन्द्रित है जबकि भीमसेनी विशुद्ध रूप से ताकत पर केन्द्रित है। यह कुस्ती का प्राचीन रूप है। इसके दो प्रमुख प्रकार हैं धरनीपट्ट एबं आसुरा। धरनीपट्ट में हार-जीत का निश्चय विपक्षी को धरती पर पीठ के बल गिराना होता है। भीमसेनी तथा हनुमन्ती इसी तरह की उदहारण है। आसरा, मुक्त युद्ध है इसमे विपक्षी चोट पहुचाई जा सकती है लेकिन मिरतु नहीं होनी चाहिए। .

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मश्क़

मश्क़ों के साथ भिश्ती मश्क़ भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बंगलादेश में एक पारम्परिक पानी और अन्य द्रव्यों को ले जाने वाली चमड़े की थैली का नाम होता है। यह चमड़ा अक्सर बकरी की ख़ाल का बनता है जिसे जलरोधक बनाया गया हो, यानि जिसकी ऐसे तेल या रोग़न से मालिश की गई हो जो उसमें से पानी चूने से रोक सके। मश्क़ अलग-अलग आकारों में आया करते थे। छोटी मश्क़ों हाथ में उठाई जाती थीं और उनमें शराब जैसे द्रव्य रखे जाते थे, जबकि बड़ी मश्क़ें कंधे पर तंगी जाया करती थीं और उनमें पानी ले जाया जाता था। मश्क़ों में एक ही तंग-सा मूंह हुआ करता था।, John Lockwood Kipling, Rudyard Kipling, Macmillan and Co., 1891,...

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मशीहुर रहमान

महीशुर रहमान, (19241979) बांग्लादेश के एक वरिष्ठ मंत्री थे, जिनपर रेलमार्ग, सड़कों और राजमार्गों का प्रभार था। पद व औदे की हैसियत से वे 29 जून 1978 से 12 मार्च 1979 के बीच प्रधानमंत्री की हैसियत रखते थे। वे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना में निर्णायक थे। बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के पद को, शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या के कारणवश 15 अगस्त 1975 से बर्खास्त कर दिया गया था। जियाउर रहमान के राष्ट्रपति बनने के पश्चात, एक मंत्रित्वीय व्यवस्था को पुनर्स्थापित किया गया, और जून 1978 से उन्होंने बतौर मुख्य मंत्री/वरिष्ठ मंत्री कार्य किया। उनको प्रधानमंत्री बनने की बात थी, परंतु 12 मार्च 1979 को उनकी अकाल मृत्यु के कारण शाह अजीजुर रहमान को 15 अप्रैल 1979 को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बना दिया गया। .

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मसाला

गोवा की एक दुकान में मसाले इस्तानबुल की एक दुकान में मसाले भोजन को सुवास बनाने, रंगने या संरक्षित करने के उद्देश्य से उसमें मिलाए जाने वाले सूखे बीज, फल, जड़, छाल, या सब्जियों को मसाला (spice) कहते हैं। कभी-कभी मसाले का प्रयोग दूसरे फ्लेवर को छुपाने के लिए भी किया जाता है। मसाले, जड़ी-बूटियों से अलग हैं। पत्तेदार हरे पौधों के विभिन्न भागों को जड़ी-बूटी (हर्ब) कहते हैं। इनका भी उपयोग फ्लेवर देने या अलंकृत करने (garnish) के लिए किया जाता है। बहुत से मसालों में सूक्ष्मजीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है। .

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महमूदुल अमीन चौधरी

महमूदुल अमीन चौधरी एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकि बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति शहाबुद्दीन अहमद द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। वे इस पद के ग्यारहवें पदाधिकारी हैं। उनका कार्यकाल 1973 तक चला था। .

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महमूदुल्लाह

मोहम्मद महमुदुल्ला रियाद बंग्लादेश के क्रिकेट खिलाड़ी हैं। अभी वे टी-२० क्रिकेट टीम के कप्तान भी हैं। श्रेणी:जीवित लोग श्रेणी:1986 में जन्मे लोग.

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महादेवपुर उपज़िला

महादेवपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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महानामव्रत ब्रह्मचारी

300pxमहानामव्रत ब्रह्मचारी जी महानामव्रत ब्रह्मचारी (२५ दिसम्बर १९०४ - १८ अक्टूबर १९९९) वर्तमान बांग्लादेश में हिन्दू धर्म के महानाम सम्प्रदाय के एक साधु थे। वे दार्शनिक, लेखक एवं धर्म गुरु थे। .

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महालछड़ि उपज़िला

महालछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के खागड़ाछड़ि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय खागड़ाछड़ि सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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महागठबंधन (बांग्लादेश)

महागठबंधन, बांग्लादेश की एक प्रमुख राष्ट्रीय राजनैतिक गठबंधन है। जिसका नेतृत्व बांग्लादेश अवामी लीग करती है। इस गठबंधन में कुल 7 राजनैतिक दल हैं। पूर्वतः इसे १४ दलीय गठबंधन कहा जाता था। इसकी प्रमुख प्रतिद्वंदी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की नेतृत्व वाली १८ दलीय गठबंधन है। .

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महिलाओं से छेड़छाड़

महिलाओं से छेड़छाड़ भारत में और कभी-कभी पाकिस्तान और बांग्लादेश ज्योति पुरी द्वारा वुमन, बॉडी, डिज़ायर इन पोस्ट-कलोनियल इंडिया: नरेटिव्ज़ ऑफ़ जेंडर एंड सेक्शुआलिटी.

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महेशपुर उपज़िला

महेशपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के झिनाइदह ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय झिनाइदह सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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महेशखाली उपज़िला

महेशखाली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के काॅक्सबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय काॅक्सबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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महेंद्र सिंह धोनी

महेंद्र सिंह धोनी अथवा मानद लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी (एम एस धोनी भी) झारखंड, रांची के एक राजपूत परिवार में जन्मे पद्म भूषण, पद्म श्री और राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित भारतीय क्रिकेटर हैं। धोनी भारतीय क्रिकेटर तथा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं और भारत के सबसे सफल एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कप्तान हैं। शुरुआत में एक असाधारण उज्जवल व आक्रामक बल्लेबाज़ के नाम पर जाने गए। धोनी धीरे-धीरे भारतीय एक दिवसीय के सबसे शांतचित्त कप्तानों में से जाने जाते हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने २००७ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०, २००७-०८ कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज २००७-२००८ के सीबी सीरीज़ और बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी जीती जिसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को २-० से हराया उन्होंने भारतीय टीम को श्रीलंका और न्यूजीलैंड में पहली अतिरिक्त वनडे सीरीज़ जीत दिलाई ०२ सितम्बर २०१४ को उन्होंने भारत को २४ साल बाद इंग्लैंड में वनडे सीरीज में जीत दिलाई। धोनी ने कई सम्मान भी प्राप्त किए हैं जैसे २००८ में आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ़ द इयर अवार्ड (प्रथम भारतीय खिलाड़ी जिन्हें ये सम्मान मिला), राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार और २००९ में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री पुरस्कार साथ ही २००९ में विस्डन के सर्वप्रथम ड्रीम टेस्ट ग्यारह टीम में धोनी को कप्तान का दर्जा दिया गया। उनकी कप्तानी में भारत ने २८ साल बाद एक दिवसीय क्रिकेट विश्व कप में दुबारा जीत हासिल की। सन् २०१३ में इनकी कप्तानी में भारत पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी का विजेता बना। धोनी दुनिया के पहले ऐसे कप्तान बन गये जिनके पास आईसीसी के सभी कप है। इन्होंने २०१४ में टेस्ट क्रिकेट को कप्तानी के साथ अलविदा कह दिया था। इनके इस फैसले से क्रिकेट जगत स्तब्ध रह गया। धोनी लगातार दूसरी बार क्रिकेट विश्व कप में २०१५ क्रिकेट विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया और पहली बार भारत ने सभी ग्रुप मैच जीते साथ ही इन्होंने लगातार ११ विश्व कप में मैच जीतकर नया रिकार्ड भी बनाया ये भारत के पहले ऐसे कप्तान बने जिन्होंने १०० वनडे मैच जिताए हो। और उन्होनें कहा है कि जल्द ही वो एक ऐसा कदम उठाएंगे जो किसी कप्तान ने अपने कैरियर में नहीं उठाया वो टीम को २ हिस्सों में बाटेंगे जो खिलाड़ी अच्छा नहीं खेलेगा उसे वो दूसरी टीम में डाल देंगे और जो खिलाड़ी अच्छा खेलेगा वो उसे अपनी टीम में रख लेंगे इसमें कुछ नये खिलाड़ी भी आ सकते हैं। धोनी ने ४ जनवरी २०१७ को भारतीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेन्टी-ट्वेन्टी टीम की कप्तानी छोड़ी। .

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माटिराङ्गा उपज़िला

माटिरांगा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के खागड़ाछड़ि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय खागड़ाछड़ि सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मातंगिनी हाजरा

मातंगिनी हाजरा (19 अक्टूबर 1870) भारत की क्रान्तिकारी थीं। उन्हें 'गाँधी बुढ़ी' के नाम से जाना जाता था। मातंगिनी हाजरा का जन्म पूर्वी बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) मिदनापुर जिले के होगला ग्राम में एक अत्यन्त निर्धन परिवार में हुआ था। गरीबी के कारण 12 वर्ष की अवस्था में ही उनका विवाह ग्राम अलीनान के 62वर्षीय विधुर त्रिलोचन हाजरा से कर दिया गया। इस पर भी दुर्भाग्य उनके पीछे पड़ा रहा। छह वर्ष बाद वह निःसन्तान ही विधवा हो गयीं। पति की पहली पत्नी से उत्पन्न पुत्र उससे बहुत घृणा करता था। अतः मातंगिनी एक अलग झोपड़ी में रहकर मजदूरी से जीवनयापन करने लगीं। गाँव वालों के दुःख-सुख में सदा सहभागी रहने के कारण वे पूरे गाँव में माँ के समान पूज्य हो गयीं। 1932 में गान्धी जी के नेतृत्व में देश भर में स्वाधीनता आन्दोलन चला। वन्देमातरम् का घोष करते हुए जुलूस प्रतिदिन निकलते थे। जब ऐसा एक जुलूस मातंगिनी के घर के पास से निकला, तो उसने बंगाली परम्परा के अनुसार शंख ध्वनि से उसका स्वागत किया और जुलूस के साथ चल दी। तामलुक के कृष्णगंज बाजार में पहुँचकर एक सभा हुई। वहाँ मातंगिनी ने सबके साथ स्वाधीनता संग्राम में तन, मन, धन से संघर्ष करने की शपथ ली। मातंगिनी को अफीम की लत थी; पर अब इसके बदले उनके सिर पर स्वाधीनता का नशा सवार हो गया। 17 जनवरी, 1933 को ‘करबन्दी आन्दोलन’ को दबाने के लिए बंगाल के तत्कालीन गर्वनर एण्डरसन तामलुक आये, तो उनके विरोध में प्रदर्शन हुआ। वीरांगना मातंगिनी हाजरा सबसे आगे काला झण्डा लिये डटी थीं। वह ब्रिटिश शासन के विरोध में नारे लगाते हुई दरबार तक पहुँच गयीं। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और छह माह का सश्रम कारावास देकर मुर्शिदाबाद जेल में बन्द कर दिया। 1935 में तामलुक क्षेत्र भीषण बाढ़ के कारण हैजा और चेचक की चपेट में आ गया। मातंगिनी अपनी जान की चिन्ता किये बिना राहत कार्य में जुट गयीं। 1942 में जब ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ ने जोर पकड़ा, तो मातंगिनी उसमें कूद पड़ीं। आठ सितम्बर को तामलुक में हुए एक प्रदर्शन में पुलिस की गोली से तीन स्वाधीनता सेनानी मारे गये। लोगों ने इसके विरोध में 29 सितम्बर को और भी बड़ी रैली निकालने का निश्चय किया। इसके लिये मातंगिनी ने गाँव-गाँव में घूमकर रैली के लिए 5,000 लोगों को तैयार किया। सब दोपहर में सरकारी डाक बंगले पर पहुँच गये। तभी पुलिस की बन्दूकें गरज उठीं। मातंगिनी एक चबूतरे पर खड़ी होकर नारे लगवा रही थीं। एक गोली उनके बायें हाथ में लगी। उन्होंने तिरंगे झण्डे को गिरने से पहले ही दूसरे हाथ में ले लिया। तभी दूसरी गोली उनके दाहिने हाथ में और तीसरी उनके माथे पर लगी। मातंगिनी की मृत देह वहीं लुढ़क गयी। इस बलिदान से पूरे क्षेत्र में इतना जोश उमड़ा कि दस दिन के अन्दर ही लोगों ने अंग्रेजों को खदेड़कर वहाँ स्वाधीन सरकार स्थापित कर दी, जिसने 21 महीने तक काम किया। दिसम्बर, 1974 में भारत की प्रधानमन्त्री इन्दिरा गान्धी ने अपने प्रवास के समय तामलुक में मांतगिनी हाजरा की मूर्ति का अनावरण कर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। .

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मातृ दिवस

आधुनिक मातृ दिवस का अवकाश ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जार्विस के द्वारा समस्त माताओं तथा मातृत्व के लिए खास तौर पर पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधों को सम्मान देने के लिए आरम्भ किया गया था। यह दिवस अब दुनिया के हर कोने में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता हैं। जैसे कि पिताओं को सम्मान देने के लिए पितृ दिवस की छुट्टी मनाई जाती हैं। यह छुट्टी अंततः इतनी व्यवसायिक बन गई कि इसकी संस्थापक, एना जार्विस, तथा कई लोग इसे एक "होलमार्क होलीडे", अर्थात् एक प्रचुर वाणिज्यिक प्रयोजन के रूप में समझने लगे। एना ने जिस छुट्टी के निर्माण में सहयोग किया उसी का विरोध करते हुए इसे समाप्त करना चाहा। .

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मादारीपुर सदर उपज़िला

मादारीपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मादारीपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला मादारीपुर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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माधबपुर उपज़िला

माधबपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के हाबीगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ८ उपज़िले हैं, और मुख्यालय हाबीगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मानसून

जब ITCZ(उष्ण कटिबंधीय संरक्षित क्षेत्र)से जब व्यापारिक एवं समाॅगी हवाये ऊपर की ओर कोरियोलिस बल के कारण भारत के राज्य केरल मे 2महिना 10दिन मे मानसून पहुंचता है जो कि यहां सबसे पहले सबसे बाद मे भी मानसून यही होता है लेकिन भारत मे सबसे ज्यादा मानसून मासिनराम(मेघालय) मे होती है जो कि वहा पर औषतन बरसात 11873मिमी॰ की होती है । तमिलनाडु के नागरकायल (कन्याकुमारी के पास) में मानसून के बादल मानसून मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है। यहां ये उल्लेखनीय है, कि मॉनसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उप-सहारा अफ़्रीका, आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश है। मॉनसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मॉनसून आता है।.

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मानिकगञ्ज सदर उपजिल्ला

मानिकगंज सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मानिकगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला मानिकगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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मानिकछड़ि उपज़िला

मानिकछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के खागड़ाछड़ि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय खागड़ाछड़ि सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मान्दा उपज़िला

मान्दा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मालदीव

मालदीव या (Dhivehi: ދ ި ވ ެ ހ ި ރ ާ އ ް ޖ ެ Dhivehi Raa'je) या मालदीव द्वीप समूह, आधिकारिक तौर पर मालदीव गणराज्य, हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है, जो मिनिकॉय आईलेंड और चागोस अर्किपेलेगो के बीच 26 प्रवाल द्वीपों की एक दोहरी चेन, जिसका फेलाव भारत के लक्षद्वीप टापू की उत्तर-दक्षिण दिशा में है, से बना है। यह लक्षद्वीप सागर में स्थित है, श्री लंका की दक्षिण-पश्चिमी दिशा से करीब सात सौ किलोमीटर (435 mi) पर.

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मालपुआ

मालपुआ या अपूप एक प्रकार का पकवान है जो मैदा, खोया व चीनी से बनाया जाता है। मालपुआ एक प्रकार का पैनकेक है जो एक भोजन के अंत में परोसे गए मिठाई की तरह या एक नाश्ता की तरह परोसा जाता हैं। यह भारत और बांग्लादेश में काफी लोकप्रिय है। यह पुरी में जगन्नाथ प्रभु को सुबह के भोग (सकाला धुप) के रूप में लगाया जाता हैं बंगाली घरों में यह पौष संक्रांति के दौरान तैयार किया जाता है। मांसाहारी मैथिल परिवारों में यह होली के दौरान मटन करी के साथ पेश किया जाता है। मालपुआ के बनाने के लिए कुछ क्षेत्रों में इसके मिश्रण में पके केले को मसलकर, नारियल, आटा, और पानी या दूध डालकर तैयार किया जाता है। इस मिश्रण को स्वादिष्ट बनाने के लिए कभी कभी इसे इलायची के साथ संशोषित किया जाता है। मालपुए के बिहारी संस्करण में तलने से पहले घोल में चीनी डाली जाती हैं। जबकि ओडिशा तले गए पुए को चीनी के चाशनी में डाला जाता हैं। मालपुआ बांग्लादेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र और नेपाल में काफी लोकप्रिय हैं। जहां यह त्योहारों के दौरान अन्य मिठाई के साथ-साथ पेश किया जाता है। भगवान जगन्नाथ को चड़ाए जाने वाले छप्पन भोगों में अमालु (मालपुआ) भी एक हैं। रमजान के पवित्र मुस्लिम महीने के दौरान मालपुआ एक प्रसिद्ध पकवान है। भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में मुस्लिम परिवार उपवास तोड़ने के लिए (इफ्तार के दौरान) मालपुआ तैयार करते हैं। .

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माल्टो भाषा

मालटो या पहाड़िया पूर्व भारत के बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल व उड़ीसा राज्यों और बंग्लादेश के कुछ छोटे क्षेत्रों में बोली जाने वाली एक उत्तरी द्रविड़ भाषा है। इसकी कुमारभाग पहाड़िया और सौरिया पहाड़िया नामक दो उपभाषाएँ हैं जिन्हें कुछ भाषावैज्ञानिक दो सम्बन्धित लेकिन स्वतंत्र भिन्न भाषाएँ समझते हैं। कुमारभाग पहाड़िया झारखंड और पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा के कुछ सीमित क्षेत्रों में, जबकि सौरिया पहाड़िया बिहार और पश्चिम बंगाल में तथा बंग्लादेश के सीमित इलाक़ों में बोली जाती हैं। इन दोनों के शब्दों में ८०% की सामानता मापी गई है। मालटो भारत की सबसे उत्तरी द्रविड़ भाषा है।, Sanford B. Steever, pp.

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मावल्यान्नॉंग

मावल्यानांग में स्वच्छता मावल्यान्नॉंग भारतीय राज्य मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले का एक ग्राम है। मावल्यंनोंग अपनी मातृवंश समाज और एशिया का सबसे स्वच्छ ग्राम होने के लिए जाना जाता है। यह प्यानुर्सला सामुदायिक विकास केन्द्र और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्दर आता है। .

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मागुरा सदर उपज़िला

मागुरा सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला मागुरा जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह खुलना विभाग के मागुरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय मागुरा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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माइकल मधुसुदन दत्त

माइकल मधुसुदन दत्त माइकल मधुसुदन दत्त (बांग्ला: মাইকেল মধুসূদন দত্ত माइकेल मॉधुसूदॉन दॉत्तॉ) (1824-29 जून,1873) जन्म से मधुसुदन दत्त, बंगला भाषा के प्रख्यात कवि और नाटककार थे। नाटक रचना के क्षेत्र मे वे प्रमुख अगुआई थे। उनकी प्रमुख रचनाओ मे मेघनादबध काव्य प्रमुख है। .

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मिटामइन उपज़िला

मिटामइन उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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मिठापुकुर उपज़िला

मिठापुकुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के रंगपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रंगपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मिर्ज़ागंज उपज़िला

मिर्ज़ागंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पटुय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पटुय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मिर्जापुर उपज़िला

मिर्जापुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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मिज़ो लोग

मिज़ो पूर्वोत्तरी भारत, पश्चिमी बर्मा व पूर्वी बांग्लादेश में जड़े रखने वाला एक जातीय समूह है। वे मिज़ो भाषा और कुकी भाषा-परिवार की कुछ अन्य भाषाओं के मातृभाषी हैं। वर्तमानकाल में मिज़ो समुदाय पूर्ण भारत के लगभग सभी मुख्य नगरों में पाये जाते हैं। अधिकांश मिज़ो ईसाई मत के अनुयायी हैं हालांकि उनकी कुछ परम्परागत आस्थाएँ भी हैं। मिज़ो लोगों का साक्षरता दर ९१% है, जो भारत के सभी समुदायों में सबसे ऊँची श्रेणी पर है। .

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मिज़ोरम

मिजोरम भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। २००१ में यहाँ की जनसंख्या लगभग ८,९०,००० थी। मिजोरम में साक्षरता का दर भारत में सबसे अधिक ९१.०३% है। यहाँ की राजधानी आईजोल है। .

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मिजानुर्रहमान चौधरी

मिजानुर्रहमान चौधरी, एक बांग्लादेशी राजनेता थे, एवं 9 जुलाई 1986 से 27 मार्च 1988 के बीच वे, बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थे। .

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मई 2015 नेपाल भूकम्प

१२ मई २०१५ को दिन में १२ बजकर ३९ मिनट पर एक बार फिर ७.४ के परिमाण का भूकम्प आया। बजकर 9 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इसके बाद दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर फिर भूकंप का झटका आया। इसकी तीव्रता 4.4 थी। भूकम्प के ३ अभिकेन्द्रों में से २ नेपाल व १ अफगानिस्तान में है। नेपाल में इसकी तीव्रता ज्यादा है। नेपाल में एक केंद्र की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 और दूसरे की 6.2 मापी गई है। नेपाल के कोदारी में भूकंप का केंद्र जमीन से 18 किलोमीटर नीचे था। वहीं, अफगानिस्तान में भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 6.9 मापी गई है। इन झटकों के बाद दिल्ली और कोलकाता में मेट्रो रेल सेवा रोक दी गई है। .

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मंग्ला उपज़िला

मंग्ला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के बगेरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगेरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मकर संक्रान्ति

मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रान्ति पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। एक दिन का अंतर लौंद वर्ष के ३६६ दिन का होने ही वजह से होता है | मकर संक्रान्ति उत्तरायण से भिन्न है। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं, यह भ्रान्ति गलत है कि उत्तरायण भी इसी दिन होता है । उत्तरायण का प्रारंभ २१ या २२ दिसम्बर को होता है | लगभग १८०० वर्ष पूर्व यह स्थिति उत्तरायण की स्थिति के साथ ही होती थी, संभव है की इसी वजह से इसको व उत्तरायण को कुछ स्थानों पर एक ही समझा जाता है | तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। .

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मुण्डा भाषाएँ

आस्ट्रेशियाई (Austro-Asiatic) भाषाएँ; इनमें मुण्डा भाषाएँ पीले रंग में दिखायी गयी हैं। मुण्डा एक भाषापरिवार है जिसे भारत तथा बांग्लादेश के लगभग १ करोड़ लोग बोलते हैं। यह ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की एक शाखा है। इसका अर्थ है कि मुण्डा भाषा वियतनामी भाषा और खमेर भाषा से सम्बंधित है। हो, मुण्डारी और सन्ताली इस भाषासमूह की मुख्य भाषाएँ हैं। भारत में मुण्डा के अलावा ऑस्ट्रो-एशियाई परिवार की दो अन्य शाखाएँ मिलती हैं: निकोबारी भाषाएँ तथा खसिक भाषाएँ। .

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मुद्रा चिह्न

मुद्रा चिह्न किसी देश की राष्ट्रीय मुद्रा को दर्शाने वाला आधिकारिक चिह्न होता है। अभी की स्थिति तक केवल पाँच मुद्राएँ ऐसी हैं जिनके प्रतीक-चिह्न हैं। ये मुद्राएँ हैं: अमेरिकी डॉलर, जापानी येन, ब्रिटिश पाउण्ड, भारतीय रुपया और यूरोपीय यूरो। इन मुद्राओं के चिह्न इस प्रकार हैं: अन्तर्राष्ट्रीय रूप से मुद्रा-चिह्नों के स्थान पर आईएसओ ४२१७ कोड का उपयोग किया जाता है, हालांकि क्रमशः मुद्रा-चिह्न विभिन्न देशों में अधिक उपयोग में हो सकता है। विश्व की अधिकान्श मुद्राओं का कोई प्रतीक-चिह्न नहीं है। .

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मुन्सिगञ्ज सदर उपज़िला

मुन्सिगंज सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मुन्सिगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला मुन्सिगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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मुरादनगर उपज़िला

मुरादनगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मुलादी उपज़िला

मुलादी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरिशाल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरिशाल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मुशफिकुर रहीम

100px मुशफिकुर रहीम (अंग्रेजी:Mushfiqur Rahim) (जन्म:०९ मई १९८८) बोग्रा बांग्लादेश। बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी है जो विकेट-कीपर है। मुशफिकुर रहीम बांग्लादेश क्रिकेट टीम की कप्तानी भी कर चूके है। .

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मुस्तफ़िज़ूर रहमान

मुस्तफ़िज़ूर रहमान (जन्म: ६ सितम्बर १९९५) एक बांग्लादेशी बाएं हाथ के तेज गेंदबाज.

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मुस्तफा कमाल (न्यायाधीश)

मुस्तफा कमाल एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति शहाबुद्दीन अहमद द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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मुहम्मद हबीबुर रहमान

मुहम्मद हबीबुर रहमान एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुर रहमान बिस्वास द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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मुजिबनगर उपज़िला

मुजिबनगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के मेहेरपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 3 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मेहेरपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी:, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था। मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं। .

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मुंडारी भाषा

मुंडा लोगों द्वारा बोली ऑस्ट्रोसीएटिक भाषा परिवार की एक मुंडा भाषा है, और बारीकी से संथाली भाषा से संबंधित है। मुंडारी मुख्य रूप में पूर्व भारत, बांग्लादेश, नेपाल और मुंडा आदिवासी लोगों द्वारा बोली जाती है। "मुंडारी बानी", एक स्क्रिप्ट लिखने के लिए मुंडारी भाषा रोहिदास सिंह नाग द्वारा आविष्कार किया गया था। .

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मुकसुदपुर उपज़िला

मुकसुदपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के गोपालगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला गोपालगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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मुक्त व्यापार क्षेत्र

वर्तमान मुक्त व्यापार क्षेत्र ''एफ़टीए'' मुक्त व्यापार क्षेत्र (अंग्रेज़ी: फ्री ट्रेड एरिया; एफटीए) को परिवर्तित कर मुक्त व्यापार संधि का सृजन हुआ है। विश्व के दो राष्ट्रों के बीच व्यापार को और उदार बनाने के लिए मुक्त व्यापार संधि की जाती है। इसके तहत एक दूसरे के यहां से आयात-निर्यात होने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क, सब्सिडी, नियामक कानून, ड्यूटी, कोटा और कर को सरल बनाया जाता है। इस संधि से दो देशों में उत्पादन लागत बाकी के देशों की तुलना में काफ़ी सस्ती होती है। १६वीं शताब्दी में पहली बार इंग्लैंड और यूरोप के देशों के बीच मुक्त व्यापार संधि की आवश्यकता महसूस हुई थी। आज दुनिया भर के कई देश मुक्त व्यापार संधि कर रहे हैं। यह समझौता वैश्विक मुक्त बाजार के एकीकरण में मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है। इन समझौतों से वहां की सरकार को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण में मदद मिलती है। सरल शब्दों में यह कारोबार पर सभी प्रतिबंधों को हटा देता है। इस समझौते के बहुत से लाभ हैं। हाल में भारत ने १० दक्षिण एशियाई देशों के समूह आसियान के साथ छह वर्षो की लंबी वार्ता के बाद बैंकॉक में मुक्त व्यापार समझौता किया है। इसके तहत अगले आठ वर्षों के लिए भारत और आसियान देशों के बीच होने वाली ८० प्रतिशत उत्पादों के व्यापार पर शुल्क समाप्त हो जाएगा। इससे पूर्व भी भारत के कई देशों और यूरोपियन संघ के साथ मुक्त व्यापार समजौते हो चुके हैं। यह समझौता गरीबी दूर करने, रोजगार पैदा करने और लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में काफी सहायक हो रहा है। मुक्त व्यापार संधि न सिर्फ व्यापार बल्कि दो देशों के बीच राजनैतिक संबंध के बीच कड़ी का काम भी करती है। कुल मिलाकर यह संधि व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करने और दोतरफा व्यापार को सुचारू रूप से चलाने में सहायक सिद्ध होती है। इस दिशा में अमरीका-मध्य पूर्व एशिया में भी मुक्त क्षेत्र की स्थापना की गई है। सार्क देशों और शेष दक्षिण एशिया में भी साफ्टा मुक्त व्यापार समझौता १ जनवरी, २००६ से प्रभाव में है। इस समझौते के तहत अधिक विकसित देश- भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका अपनी उत्पाद शुल्क को घटाकर २०१३ तक ० से ५ प्रतिशत के बीच ले आएंगे। कम विकसित देश- बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और नेपाल को भी २०१८ तक ऐसा ही करना होगा। भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच भी प्रयास जारी हैं। .

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मुक्तागाछा उपज़िला

मुक्तागाछा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मुक्तिर गान

मुक्तिर गान (बांग्ला: মুক্তির গান / मुक्ति का गीत) वर्ष १९९५ में बांग्लादेश में बनी एक डॉक्युमेन्तरी फिल्म है जिसका निर्देशन तारेक मसूद तथा कैथरीन मसूद ने किया है। इस फिल्म में बंगालियों के सांस्कृतिक पहचान का बांग्लादेश के १९७१ के मुक्तिसंग्राम में पड़े प्रभाव को रेखांकित किया गया है। इसमें दिखाया गया है कि संगीत और गानों ने मुक्तिसैनिकों के लिये उत्साह और प्रेरणा प्रदान की और एक नवागत राष्ट्र के लिये आध्यात्मिक बन्धन का कार्य किया। श्रेणी:बांग्लादेशी फिल्म.

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मुक्तिवाहिनी

बांग्लादेश की मुक्ति में स्त्रियों की भूमिका- इस पोस्टर में लिखा है, 'बांग्लार मायेरा, मेयेरा सकलई मुक्तियोद्धा' (बांग्ला की माँए और लड़कियाँ सभी मुक्तियोद्धा हैं।) मुक्तिवाहिनी (बंगला: মুক্তি বাহিনী), उन सभी संगठनों का सामूहिक नाम है जिन्होने सन् १९७१ में पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध संघर्ष करके बांग्लादेश को पाकिस्तान से स्वतंत्र कराया। बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई के दौरान मुक्ति वाहिनी का गठन पाकिस्तान सेना के अत्याचार के विरोध में किया गया था। १९६९ में पाकिस्तान के तत्कालीन सैनिक शासक जनरल अयूब के खिलाफ पूर्वी पाकिस्तान में असंतोष बढ़ गया था और शेख मुजीबुर रहमान के आंदोलन के दौरान १९७० में यह अपने चरम पर था। मुक्ति वाहिनी एक छापामार संगठन था, जो पाकिस्तानी सेना के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध लड़ रहा था। मुक्ति वाहिनी को भारतीय सेना ने समर्थन दिया था। .

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म्यान्मार

म्यांमार यो ब्रह्मदेश दक्षिण एशिया का एक देश है। इसका आधुनिक बर्मी नाम 'मयन्मा' (မြန်မာ .

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म्हार भाषा

म्हार भाषा (जो भाषा के नाम का सही उच्चारण है) या ह्मार भाषा (Hmar language) तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की कुकी भाषा शाखा की मिज़ो उपशाखा की एक भाषा है। इसे बोलने वाले भी ह्मार लोग कहलाते हैं। ह्मार पूर्वोत्तरी भारत में मिज़ोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, असम व मेघालय में बिखरे समुदायों में बसे हुए हैं, लेकिन इतने विशाल भूक्षेत्र में फैले होने के बावजूद इनकी ह्मार उपभाषाएँ आपस में बख़ूबी बोली-समझी जा सकती हैं। कुछ हद तक यह अन्य कुकी भाषाओं को बोलने वालों के साथ भी समझी जा सकती है। बांग्लादेश के चटगाँव पहाड़ी क्षेत्र में भी कुछ ह्मार बोलने वाले रहते हैं। .

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मौलवीबाजार सदर उपज़िला

मौलवीबाजार सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला मौलवीबाजार जिले के ज़िला सदर, यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह सिलेट विभाग के मौलवीबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मौलवीबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मृणाल सेन

मृणाल सेन (बांग्ला: মৃণাল সেন मृणाल् शेन्) भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध निर्माता व निर्देशक हैं। इनकी अधिकतर फ़िल्में बांग्ला भाषा में हैं। उनका जन्म फरीदपुर नामक शहर में (जो अब बंगला देश में है) में १४ मई १९२३ में हुआ था। हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने बाद उन्होंने शहर छोड़ दिया और कोलकाता में पढ़ने के लिये आ गये। वह भौतिक शास्त्र के विद्यार्थी थे और उन्होंने अपनी शिक्षा स्कोटिश चर्च कॉलेज़ एवं कलकत्ता यूनिवर्सिटी से पूरी की। अपने विद्यार्थी जीवन में ही वे वह कम्युनिस्ट पार्टी के सांस्कृतिक विभाग से जुड़ गये। यद्यपि वे कभी इस पार्टी के सदस्य नहीं रहे पर इप्टा से जुड़े होने के कारण वे अनेक समान विचारों वाले सांस्कृतिक रुचि के लोगों के परिचय में आ गए | .

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मैत्री एक्सप्रेस

मैत्री एक्सप्रेस भारत और बांग्लादेश के बीच चलने वाली रेलगाडी है। यह 14 अप्रैल, 2008 से आरंभ हुई है। इसकी क्षमता ४१८ यात्रियों की है और यह सप्ताह मे एक बार चलती है। इसमे छह डिब्बे हैं, जिसमें से एक एसी-फर्स्ट का, एक पैंट्री कार, एक एसी चेयर कार और दो गैर एसी चेयर कार है। मैत्री एक्सप्रेस या मोइत्री एक्सप्रेस (बंगाली: মৈত্রী এক্সপ্রেস, हिन्दी: मैत्री एक्सप्रेस) एक अंतरराष्ट्रीय यात्री रेलगाड़ी है जो बंगलदेश की राजधानी ढाका- एवं भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से आपस में जोडती है। यह दोनों देशों के शहरों के बीच रेलवे की एकमात्र कड़ी है और 43 साल के लिए बंद रहने के बाद इसको पुन चालू किया गया है। इस ट्रेन का नाम मैत्री एक्सप्रेस हैं जो भारत एवं बांग्लादेश के बीच दोस्ती को दर्शाने के लिया रखा गया हैं। (बंगाली: পয়লা বৈশাখ) इस रेल सेवा का उद्घाटन बंगाली नव वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया था 14 अप्रैल, 2008. .

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मैं बोरिशाइल्ला

महुआ माझी का उपन्यास मैं बोरिशाइल्ला बांग्लादेश की मुक्ति-गाथा पर केंद्रित है। यह उपन्यास बहुत ही कम समय में खासा चर्चित हुआ है और इस कृति को सम्मानित भी किया गया है। इस उपन्यास के असामान्य शीर्षक के बारे में स्पष्टीकरण देती हुई वे, उपन्यास के प्राक्कथन में कहती हैं - “...जिस तरह बिहार के लोगों को बिहारी तथा भारत के लोगों को भारतीय कहा जाता है, उसी प्रकार बोरिशाल के लोगों को यहाँ की आंचलिक भाषा में बोरिशाइल्ला कहा जाता है। उपन्यास का मुख्य पात्र केष्टो, बोरिशाल का है। इसीलिए वह कह सकता है - मैं बोरिशाइल्ला।” इस उपन्यास में १९४८ से १९७१ तक के बांग्ला देश के ऐतिहासिक तथ्यों, पाकिस्तानी हुकूमत द्वारा बांग्लादेशी जनता पर किए अत्याचारों की घटनाओं तथा मुक्तिवाहिनी के संघर्ष गाथाओं को कथा सूत्र में पिरोया गया है। इस उपन्यास की रचना प्रक्रिया के विषय में वे कहती हैं कि बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम को अपने पहले ही उपन्यास का विषय बनाने का कारण था कि मैं नई पीढ़ी के लिए उसे एक दृष्टांत के रूप में पेश करना चाहती थी कि आज बेशक पूरी दुनिया में सारी लड़ाइयाँ धर्म के नाम पर ही लड़ी जा रही हैं, लेकिन सच तो ये हैं कि सारा खेल सत्ता का है। ये लड़ाइयाँ अब बंद होनी चाहिये। भाषा और शैली की दृष्टि से इस उपन्यास के अति साधारण व नीरस होने बात कही जाती है। आलोचकों का मानना है कि उपन्यास की भाषा अत्यंत साधारण है और समूचे उपन्यास में कहीं भी कोई भाषाई शिल्प दिखाई नहीं देता। कथन में प्रवाह नहीं है और उपन्यास घटना-प्रधान होते हुए भी आमतौर पर बोझिल-सा बना रहता है। जिसके कारण इसके कई खण्ड घोर अपठनीय ही बने रहते हैं। लेखिका ने शायद पाकिस्तानी सैनिकों तथा उर्दूभाषी नागरिकों द्वारा बांग्लाभाषियों पर किए गए अत्याचारों तथा मुक्तिवाहिनी के कार्यों के बहुत प्रामाणिक विवरण देने के लोभ में उपन्यास को बिखरा सा दिया है। घटना प्रधान कथानक में रहस्य का सर्वथा अभाव भी आगे पढ़ने की जिज्ञासा बनाए रखने में सहायक नहीं होता। .

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मेलानदह उपज़िला

मेलानदह उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मेहदी हसन (क्रिकेटर)

मेहदी हसन मिराज (born 25 October 1997) एक बांग्लादेशी क्रिकेटरों.

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मेहमान ख़ाना

मेहमान ख़ाना या बैठक उत्तर भारत, पाकिस्तान व बांग्लादेश के पारम्परिक घरों में वह कमरा होता है जहाँ अतिथियों को बैठाकर उनका सत्कार किया जाता है। इसे संस्कृत में अतिथि कक्ष कहा जाता था। पाकिस्तान व अफ़ग़ानिस्तान के पश्तून इलाक़ों में इसे हुजरा भी कहते हैं। इन कमरों में बैठने के लिए अक्सर मूढ़े और तख़्त / तख़्तपोश रखे होते हैं और व्यवस्था आधुनिक भारतीय शहरों के घरों के 'ड्राइंग रूम' से भिन्न होती है। .

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मेहंदीगंज उपज़िला

मेहंदीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरिशाल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरिशाल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मेहेरपुर सदर उपज़िला

मेहेरपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला मेहेरपुर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह खुलना विभाग के मेहेरपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 3 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मेहेरपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मेघना नदी

बांग्लादेश के मानचित्र में मेघना सहित अन्य नदियां मेघना नदी (बांग्ला: মেঘনা নদী) बांग्लादेश की एक मुख्य नदी है। यह गंगा नदी के मुहाने पर (डेल्टा) बनाने वाली तीन मुख्य सहायक नदियों में से एक है। इन नदियों से विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा, सुंदरवन बनता है, जो बंगाल की खाड़ी में खुलता है। मेघना में पद्मा नदी चांदपुर जिला में मिलती है और अंततः ये भोला जिला में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। River Meghna from the bridge over the river पूरी तरह बांग्लादेश की सीमाओं के भीतर सीमित नदियों में मेघना नदी सबसे चौड़े पाट वाली है। भोला के निकट एक बिंदु पर यह १२ कि.मी चौड़ी है। अपने अंतिम पड़ावों में नदी लगभग सीधी रेखा में बहती है। अपने बहुत ही शांत एवं सौम्य दृश्य के बावजूद भी यह नदी प्रत्येक वर्ष बहुत सए जान व माल की हानि का कारण बनती है। ढेरों फेरी सेवा की नावें इसमें डूबती हैं, जो सैंकड़ों की मृत्यु का कारण होती हैं। खासकर यह चांदपुर जिला के पास बहुत ही खतरनाक है। नदी की औसत गहराई है १०१२ फीट (३०८ मी.) और अधिकतम गहराई है १६२० फीट (४९० मी.)। यह नदी भारत के पश्चिमी बंगाल राज्य के डेल्टाई भाग में एस्चुअरी (estuary) बनाती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदी का अधिकांश जल यह नदी समुद्र तक पहुँचाती है। नदी अपने साथ बड़ी मात्रा में मिट्टी लाकर बिछाती है। नदी कभी कभी पाँच, या छह जल धाराओं में बँट जाती है। कभी यह विशाल क्षेत्र में चादर के समान फैलकर बहती है। इसके मुहाने में तीन मुख्य द्वीप हैं। इसमें साल भार नावें तथा स्टीमर सरलता से चलाए जा सकते हैं, लेकिन किनारे बलुए होने से धँस जाते हैं, जो नावों के लिये हानिप्रद है। मानसून के समय में यह खतरा और भी बढ़ जाता है। .

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मेघना उपज़िला

मेघना उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मेघनाद साहा

मेघनाद साहा (६ अक्टूबर १८९३ - १६ फरवरी, १९५६) सुप्रसिद्ध भारतीय खगोलविज्ञानी (एस्ट्रोफिजिसिस्ट्) थे। वे साहा समीकरण के प्रतिपादन के लिये प्रसिद्ध हैं। यह समीकरण तारों में भौतिक एवं रासायनिक स्थिति की व्याख्या करता है। उनकी अध्यक्षता में गठित विद्वानों की एक समिति ने भारत के राष्ट्रीय शक पंचांग का भी संशोधन किया, जो २२ मार्च १९५७ (१ चैत्र १८७९ शक) से लागू किया गया। इन्होंने साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान तथा इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साईन्स नामक दो महत्त्वपूर्ण संस्थाओं की स्थापना की। .

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मेगावती सुकर्णोपुत्री

दियाह प्रेमाता मेगावती सेतियावती सुकर्णोपुत्री, (जन्म 23 जनवरी 1947), जिन्हें मेगावती सुकर्णोपुत्री के नाम से जाना जाता है, इंडोनेशियाई राजनीतिज्ञ और विपक्षी दल पीडीआई-पी की नेता है। इन्होंने 23 जुलाई 2001 से लेकर 20 अक्टूबर 2004 तक इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला था और देश की पहली महिला राष्ट्रपति होने का गौरव हासिल किया था। इसके अलावा वे ऐसी पहली राजनीतिज्ञ हैं, जो इंडोनेशिया के स्वतंत्र होने के बाद पैदा हुईं। मेगावती इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो की पुत्री हैं। .

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मोतीउर रहमान निज़ामी

मोतीउर रहमान निज़ामी मोतीउर रहमान निज़ामी (31 मार्च 1943 - 11 मई 2016) एक बांग्लादेशी राजनीतिज्ञ, धर्मोपदेशक और बांग्लादेशी जमात-ए-इस्लामी का पूर्व नेता था। उसे 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान युद्ध अपराध करने के लिए 11 मई 2016 को फांसी दी गई। श्रेणी:1943 में जन्मे लोग श्रेणी:२०१६ में निधन श्रेणी:बांग्लादेश मुक्ति युद्ध.

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मोरेलगञ्ज उपज़िला

मोरेलगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के बगेरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगेरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मोल्लाहाट उपज़िला

मोल्लाहाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के बगेरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगेरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मोहनपुर उपज़िला

मोहनपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के राजशाही ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। .

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मोहनगंज उपज़िला

मोहनगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मोहम्मद तफ़ज़्ज़ुल इस्लाम

मोहम्मद तफ़ज़्ज़ुल इस्लाम एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति जिल्लुर रहमान द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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मोहम्मद मिथुन

मोहम्मद मिथुन अली (जन्म; १३ फरवरी १९९०) एक क्रिकेट खिलाड़ी है जो बांग्लादेश क्रिकेट टीम के लिए एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय तथा ट्वेन्टी ट्वेन्टी प्रारूप में प्रतिनिधित्व करते है। ये मुख्य रूप से एक विकेट-कीपर और सलामी बल्लेबाज के लिए जाने जाते है जिन्होंने अब तक २ वनडे और २ ही टी२० मैच खेले है। मोहम्मद मिथुन ने साल २०१४ में १७ जून को भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ पहला वनडे मैच खेला था जबकि पहला टी२० मैच १२ फरवरी २०१४ को श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था। इसके बाद इन्हें अब तक राष्ट्रीय टीम में मौका नहीं मिला है। .

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मोहम्मद मुज़म्मिल हुसैन

मोहम्मद मुज़म्मिल हुसैन एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति जिल्लुर रहमान द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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मोहम्मद मोहम्मदुल्लाह

मोहम्मद मोहम्मदुल्लाह, (बांग्ला:মোসাম্মদ মোহাম্মাদুল্লাহ)(२१ अक्टूबर १९२१ – ११ नवंबर १९९९) एक बांग्लादेशी राजनीतिज्ञ थे। वे बांग्लादेशी राजनीतिक दल, अवामी लीग से संबंधित थे। साथ ही वे बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम के भी भहत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे। वे, २४ दिसम्बर १९७३ से २५ जनवरी १९७५ तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। एवं अप्रैल 7 1973 से जनवरी 26 1974 तक, बांग्लादेशी संसद के अध्यक्ष भी रहे थे। .

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मोहम्मद युनुस

मोहम्मद युनुस बांग्लादेश के मोहम्मद युनुस को 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है। मोहम्मद युनुस तथा बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक को नोबेल शांति पुरस्कार संयुक्त रूप से मिला। .

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मोहम्मद रुहुल अमीन

मोहम्मद रुहुल अमीन एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति इयाजुद्दीन अहमद द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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मोहम्मद हबीबुर्रहमान

मोहम्मद हबीबुर्रहमान (बांग्ला: মুহাম্মদ হাবিবুর রহমান‎; 3 दिसंबर 1928 – 11 जनवरी 2014) 1995 में बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश थे। साथ ही वे 1996 की सामयिक सरकार के मुख्य सलाहकार भी थे, जिसने, सप्तम संसदीय चुनाव के निगरानी की थी। .

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मोहम्मद करीम फज़लुल

मोहम्मद करीम फज़लुल एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति जिल्लुर रहमान द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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मोहाम्मदपुर उपज़िला

मोहाम्मदपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के मागुरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 3 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मागुरा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मीरपुर उपज़िला

मीरपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के कुष्टिय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुष्टिय़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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मीरसराइ उपज़िला

मीरसराइ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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यदुनाथ सरकार

यदुनाथ सरकार (बांग्ला में उच्चारण, 'जदुनाथ सरकार') (1870 - 1958) भारत के एक प्रसिद्ध इतिहासकार थे। भारतीय मुगलकाल के इतिहास-लेखन के क्षेत्र में उनका अकादमिक योगदान अप्रतिम है| .

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यशोर सदर उपज़िला

यशोर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला यशोर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह खुलना विभाग के यशोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय यशोर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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याह्या ख़ान

याहया ख़ान जनरल आग़ा मुहम्मद याहया ख़ान क़िज़िलबश (जन्म: ४ फ़रवरी १९१७, मृत्यु: १० अगस्त १९८०) पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह और तीसरे राष्ट्रपति थे। उनका शासन सन् १९६९ में शुरू हुआ और दिसम्बर १९७१ में भारत-पाकिस्तान के दरम्यान लड़े गए बंगलादेश युद्ध के बाद ख़त्म हुआ। वे अयूब ख़ान के शासन से इस्तीफ़ा देने के बाद पाकिस्तान के मुख्य शासक बने थे और उनके बाद ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो ने शासन की बागडोर संभाली। पूर्वी पाकिस्तान के बंगाली समुदाय में विद्रोह की भावना को कुचलने के प्रयास में उसे और भी भड़का देने और फिर भारतीय सहायता से बंगलादेश के टूटकर अलग होने जाने के लिए अक्सर याहया ख़ान की नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है। .

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युद्ध

वर्ष १९४५ में कोलोन युद्ध एक लंबे समय तक चलने वाला आक्रामक कृत्य है जो सामान्यतः राज्यों के बीच झगड़ों के आक्रामक और हथियारबंद लड़ाई में परिवर्तित होने से उत्पन्न होता है। .

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युगाण्डा से भारतीयों का निष्कासन

युगाण्डा पूर्वी अफ़्रीका में स्थित एक देश है जहाँ 1970 के दशक के शुरुआती वर्षों से पहले भारतीय मूल की अच्छी-ख़ासी आबादी रहती थी। ये भारतीय ब्रिटिश नागरिकता के साथ युगाण्डा में रहते थे और तब के राष्ट्रपति ईदी अमीन के 4 अगस्त 1972 को दिए आदेश पर मजबूरन युगाण्डा छोड़ना पड़ा था। चूँकि इन भारतीयों के पूर्वज विभाजन से पहले वहाँ बसे थे इसलिए इनमें पाकिस्तानी और बांग्लादेशी भी शामिल थे। अमीन के निष्कासन आदेश के बाद लगभग आधे भारतीयों ने ब्रिटेन में शरण ली और बाक़ी अमेरिका, कनाडा और भारत चले गए। .

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यूटीसी+०६:००

यूटीसी+०६:०० UTC+06:00 यूटीसी से छ: घंटे आगे का समय मंडल है। यानी जब ग्रीनविच में दिन के १२ बज रहे होते हैं तो यूटीसी+६ वाले समय क्षेत्रों जैसे बांग्लादेश में शाम के ६ बज रहे होते हैं। .

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यूएस-बांग्ला एयरलाइन्स

यूएस-बांग्ला एयरलाइन्स एक निजी बांग्लादेशी विमान सेवा है जिसका मुख्यालय ढाका में है तथा प्रमुख विमानक्षेत्र शाहजलाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। .

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यूएस-बांग्ला एयरलाइन्स विमान दुर्घटना

यूएस-बांग्ला एयरलाइन्स विमान 211 (बीएस211/यूबीG211) एक यूएस-बांग्ला एयरलाइन्स अन्तर्राष्ट्रीय यात्री विमान था जो कि बांग्लादेश के शाहजलाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, ढाका से नेपाल के त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के मध्य चलता था। 12 मार्च 2018 को यूएस-बांग्ला एयरलाइन्स की बमबर्डीयर 8-क्यू400 विमान स्थानीय समयानुसार 14:15 बजे (8:30 यूटीसी) लैंडिंग के समय दुर्घटनाग्रस्त हो गयी तथा इसमे आग लग गयी। दुर्घटना के समय विमान में 67 यात्री तथा 4 चालक दल सवार थे। इस दुर्घटना में 51 लोगों की मृत्यु हो गयी तथा 20 लोग घायल हो गये। .

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येशोर

येशोर (उच्चारण: जेशोर) बांग्लादेश के दक्षिण पश्चिम में अवस्थित एक जिला है, पश्चिम में जिसकी सीमाएं भारत से मिलती हैं। मुग़लकाल सन १७८१ में जेसोर जिला स्थापित हुआ था। जेसोर में चार नगरपालिकाएं, ३६ वार्ड, ८ उपजिले, ९२ यूनियनें, १३२९ मौजे, १४३४ ग्राम और १२० मुहल्ले हैं। जैसोर के ८ उपजिले हैं- अभय नगर, बघेरपाड़ा, चौगाछा, जेसोर सदर, झिकरगाछा, केशवपुर, मनिरामपुर और शरशा। .

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रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (बंगाली: রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। .

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रानीनगर उपज़िला

रानीनगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रानीशंकैल उपज़िला

रानीशंकैल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के ठाकुरगाँओ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ठाकुरगाँओ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रामपाल उपज़िला

रामपाल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के बगेरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगेरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रामसर सम्मेलन

RAMSAR चिह्न रामसर सम्मेलन नम भूमि के संरक्षण के लिए विश्व स्तरीय प्रयास है। भविष्य के लिए झीलों एवं नम भूमि का संरक्षण‘ विषय पर आधारित इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रलय द्वारा राजस्थान सरकार एवं इन्टरनेशनल लेक एन्वायरन्मेंट कमेटी, जापान के सहयोग से किया गया है। बढते शहरीकरण एवं औद्योगीकरण के कारण विश्व भर में झीलों को अनेक प्रकार से क्षति पहुंची है। इसी कारण से सभी देशों में झीलों के पुनरूद्धार एवं उनकी जल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सघन प्रयास किये गये हैं। भारत पहला देश है जिसने कि जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए व्यापक कानून बनाया और इसी के साथ विश्व स्तर पर संरक्षण प्रयासों के तहत १९७१ में नम भूमि पर आयोजित रामसर कन्वेंशन में भी सक्रिय रूप से भागीदारी की थी। भारत में अनेक झीलों के संरक्षण के प्रयासों को विश्व स्तर पर सराहा गया है। चिल्का झील के पुनरुद्धार के लिए देश को रामसर संरक्षण अवार्ड दिया गया। इसी प्रकार भोपाल झील के संरक्षण कार्य की भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हुई है। झीलों तथा नम भूमि के संरक्षण के लिए सर्वप्रथम १९८४ में इस प्रकार का पहला सम्मेलन आयोजित किया गया था तथा इसके बाद दो वर्षों के अंतराल में विश्व के विभिन्न भागों में इसके सम्मेलन निरन्तर हो रहे हैं जो वैज्ञानिक सोच के साथ विकासशील देशों को झीलों तथा नम भूमि के रखरखाव के उपाय सुझाते हैं। उन्होंने आशा प्रकट की कि सम्मेलन में आने वाले सुझाव इस कार्य को एक नई दिशा प्रदान करेंगे। .

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रामानंद सेनगुप्ता

रामानंद सेनगुप्ता (8 मई 1916 – 23 अगस्त 2017), भारतीय सिनेमा के चलचित्रकार थे। उन्हें अपना पहला ब्रेक मिला जब उन्होंने कोलकाता में फिल्म कॉर्पोरेशन (तब कलकत्ता) में एक सहायक कैमरामैन के रूप में कार्य किया। एक पूर्णकालिक चलचित्रकार के रूप में उनकी पहली फिल्म ‘पूर्वाराग’ थी, जिसका निर्देशन वर्ष 1946 में अरेंदु मुखर्जी ने किया था। उन्होंने जीन रेनोइर, रित्विक घटक एवं मृणाल सेन जैसे महान एवं श्रेष्ठ लोगों के साथ काम किये थे। उन्होंने 70 से अधिक फिल्मों में काम किया। .

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रामगञ्ज उपज़िला

रामगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के लक्ष्मीपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय लक्ष्मीपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रामगड़ उपज़िला

रामगड़ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के खागड़ाछड़ि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय खागड़ाछड़ि सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रामगति उपज़िला

रामगति उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के लक्ष्मीपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय लक्ष्मीपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रामु उपज़िला

रामु उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के काॅक्सबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय काॅक्सबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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राय़पुर उपज़िला

राय़पुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के लक्ष्मीपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय लक्ष्मीपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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राय़पुरा उपज़िला

राय़पुरा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नरसिंदी जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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रायगंज उपज़िला

रायगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के सिराजगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिराजगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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राष्ट्रभाषा

राष्ट्रभाषा एक देश की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र में भाषा कार्यों में (जैसे लिखना, पढ़ना और वार्तालाप) के लिए प्रमुखता से प्रयोग में लाया जाता है। वह भाषा जिसमें राष्ट्र के काम किए जायें। राष्ट्र के काम-धाम या सरकारी कामकाज के लिये स्वीकृत भाषा। .

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राष्ट्रगान

राष्ट्रगान देश प्रेम से परिपूर्ण एक ऐसी संगीत रचना है, जो उस देश के इतिहास, सभ्यता, संस्कृति और उसकी प्रजा के संघर्ष की व्याख्या करती है। यह संगीत रचना या तो उस देश की सरकार द्वारा स्वीकृत होती है या परंपरागत रूप से प्राप्त होती है। .

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राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति

राष्ट्रीय ओलम्पिक समितियाँ (या NOCs) दुनिया भर में ओलम्पिक आंदोलन के राष्ट्रीय घटक हैं। अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के नियंत्रण में रहते हुए, वे ओलम्पिक खेलों में अपने लोगों की भागीदारी के आयोजन के लिए उत्तरदायी हैं। वे भविष्य के ओलम्पिक खेलों के लिए प्रत्याशी के रूप में अपने स्वायत्त क्षेत्रों के नगरों को मनोनीत कर सकते है। राओस भी अपने भौगोलिक सीमाओं के भीतर राष्ट्रीय स्तर पर अपने खिलाड़ियों के विकास और कोचों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दे सकते हैं। वर्ष २००८ तक कुल २०५ रा.ओ.स. है जो प्रभुसत्ता संपन्न और अन्य भौगोलिक क्षेत्रों दोनों का प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं। सयुंक्त राष्ट्र के सभी १९२ सदस्यों और १३ अन्य क्षेत्रों की ओलम्पिक समितियां हैं.

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राहुल वैद्य

राहुल वैद्य (राहुल वैद्य; जन्म 23 सितम्बर 1987 को नागपुर, भारत में) एक भारतीय गायक है। .

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राजनगर उपज़िला

राजनगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के मौलवीबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मौलवीबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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राजबाड़ी सदर उपज़िला

राजबाड़ी सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के राजबाड़ी ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला राजबाड़ी जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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राजबोंग्शी भाषा

राजबोंग्शी या कामता या रंगपुरी पूर्वोत्तर भारत, उत्तर बांग्लादेश, और नेपाल के पूर्वी भागों में राजबोंग्शी समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक हिन्द-आर्य भाषा है। इसे बोलने वाले कई लोग कोच भाषा भी बोलते हैं तथा अक्सर बंगाली या असमिया भाषाओं को भी बोल-समझ सकते हैं। इस भाषा के विभिन्न नाम हैं, जैसे राजवंशी, कामतापुरी, रंपुरी, गोवालपारीया, राजबोंग्शी, सृर्जापुरी, पोलिया और ताजपुरी।राजवंशी भाषा बांला और असमीया भाषा से मिलतती-जुलती भाषा है। राजवंशियों के भावैया गीत को 'बंगला गीत' भी कहा जाता है। भावैया गीत राजवंशियों की पहचान है। .

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राजशाही नगर निगम

राजशाही सिटी कॉर्पोरेशन यानि राजशाही नगर निगम, बांग्लादेश के राजशाही नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के राजशाही नगर के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। राजशाही, बांग्लादेश के राजशाही विभाग में स्थित, बांग्लादेश के बृहत्तम् नगरों में से एक है। इस निकाय की स्थापना राजशाही के प्रशासन हेतु एक नगर पालिका के रूप में हुआ था, तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम के स्तर पर उन्नतस्थ कर दिया गया। .

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राजशाही विभाग

राजशाही बांग्लादेश का एक उपक्षेत्र है इसका मुख्यालय राजशाही है। इस उपक्षेत्र या प्रान्त में १६ जिले हैं। बोगरा, दीनाजपुर, गाईबांधा, जयपुरहट, कुरीग्राम, लालमुनीरहाट, नौगाँव, नटोरे, नवाबगंज, नीलफामरी, पबना, पंचगढ़, राजशाही, रनपुर, सिराजगंज, ठाकुरगाँव। श्रेणी:बांग्लादेश के विभाग श्रेणी:राजशाही विभाग.

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राजशाही कॉलेज

राजशाही कॉलेज बांग्लादेश में उच्च शिक्षा का तीसरा सबसे पुराना संस्थान है। राजशाही शहर में 1873 में स्थापित, यह कहा जाता है कि ढाका कॉलेज और कॉलेज के बाद चटगांव बांग्लादेश में यह तीसरा सबसे पुराना कॉलेज है। श्रेणी:बांग्लादेश के विश्वविद्यालय.

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राजस्थली उपज़िला

राजस्थली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के रांगामाटि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रांगामाटि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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राजापुर उपज़िला

राजापुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के झालोकाठी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 4 उपज़िले हैं, और मुख्यालय झालोकाठी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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राजारहाट उपज़िला

राजारहाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के कुड़िग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुड़िग्राम सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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राजैर उपज़िला

राजैर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मादारीपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी

राजेन्द्र लाहिडी की दुर्लभ फोटो राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी (अंग्रेजी:Rajendra Nath Lahiri, बाँग्ला:রাজেন্দ্র নাথ লাহিড়ী, जन्म:१९०१-मृत्यु:१९२७) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी थे। युवा क्रान्तिकारी लाहिड़ी की प्रसिद्धि काकोरी काण्ड के एक प्रमुख अभियुक्त के रूप में हैं। .

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राखीगढ़ी

हारियाणा हरियानणा राखीगढ़ी हरियाणा के हिसार ज़िले में सरस्वती तथा दृषद्वती नदियों के शुष्क क्षेत्र में स्थित एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है। राखीगढ़ी सिन्धु घाटी सभ्यता का भारतीय क्षेत्रों में धोलावीरा के बाद दूसरा विशालतम ऐतिहासिक नगर है। राखीगढ़ी का उत्खनन व्यापक पैमाने पर 1997-1999 ई. के दौरान अमरेन्द्र नाथ द्वारा किया गया। राखीगढ़ी से प्राक्-हड़प्पा एवं परिपक्व हड़प्पा युग इन दोनों कालों के प्रमाण मिले हैं। राखीगढ़ी से महत्त्वपूर्ण स्मारक एवं पुरावशेष प्राप्त हुए हैं, जिनमें दुर्ग-प्राचीर, अन्नागार, स्तम्भयुक्त वीथिका या मण्डप, जिसके पार्श्व में कोठरियाँ भी बनी हुई हैं, ऊँचे चबूतरे पर बनाई गई अग्नि वेदिकाएँ आदि मुख्य हैं। .

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राउजान उपज़िला

राउजान उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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राङ्गामाटि सदर उपज़िला

रांगामाटि सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला रांगामाटि जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह चट्टग्राम विभाग के रांगामाटि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रांगामाटि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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राङ्गुनिय़ा उपज़िला

रांगुनिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रवि रामपॉल

रवींद्रनाथ रामपॉल (Ravindranath Rampaul) (जन्म; १५ अक्टूबर १९८४, प्रेयसाल, त्रिनिदाद और टोबैगो) एक वेस्टइंडीज के क्रिकेट खिलाड़ी है। ये भारतीय मूल के पहले ऐसे तेज गेंदबाज है जो वेस्टइंडीज के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हो। ये वेस्टइंडीज टीम के लिए टेस्ट, वनडे क्रिकेट और साथ ही टी २० क्रिकेट भी खेलते है। रवि रामपॉल आईपीएल में बैंगलोर की फ्रैंचाइज के लिए २०१३ के सीजन में खेले थे। रामपॉल वेस्टइंडीज टीम के लिए दाहिने हाथ से तेज गेंदबाजी और बाएं हाथ से बल्लेबाजी भी करते है ये मुख्य रूप से गेंदबाजी के लिए जाने जाते है। .

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रवींद्र संगीत

कोलकाता में रवीन्द्र संगीत का अनुष्ठान रवीन्द्र संगीत बांग्ला: রবীন্দ্রসঙ্গীত), जिसे अंग्रेजी में टैगोर सांस (टैगोर के गीत) के रूप में जाना जाता है, रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित एक संगीत विधा है, जिन्होंने सामान्य रूप से भारत और विशेष रूप से बंगाल की संगीत अवधारणा में एक नया आयाम जोड़ा. रवीन्द्र संगीत में स्रोतों के रूप में भारतीय शास्त्रीय संगीत और पारंपरिक लोक संगीत का उपयोग किया जाता है। टैगोर ने लगभग 2230 गीत लिखे थे। .

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रखाइन राज्य

रखाइन राज्य (बर्मी: ရခိုင်ပြည်နယ်) बर्मा के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक राज्य है। यह बंगाल की खाड़ी के साथ तटवर्ती है और पश्चिमोत्तर में बांग्लादेश से सीमावर्ती है। .

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रंगपुर नगर निगम

रंगपुर सिटी कॉर्पोरेशन यानि रंगपुर नगर निगम, बांग्लादेश के रंगपुर नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के रंगपुर नगर के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। रंगपुर, बांग्लादेश के रंगपुर विभाग में स्थित, बांग्लादेश के बृहत्तम् नगरों में से एक है। इस निकाय की स्थापना रंगपुर के प्रशासन हेतु एक नगर पालिका के रूप में हुआ था, तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम के स्तर पर उन्नतस्थ कर दिया गया। .

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रंगपुर सदर उपज़िला

रंगपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला रंगपुर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह रंगपुर विभाग के रंगपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रंगपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रंगपुर विभाग

रंगपुर विभाग, बांग्लादेश का एक विभाग। इसे राजशाही विभाग से निकल गया था। इसका मुख्यालय रंगपुर है। इसमें कुल 8 जिले हैं: दीनाजपुर, गाईबांधा, कुरीग्राम, लालमुनीरहाट, पंचगढ़, राजशाही, नीलफामरी, ठाकुरगाँव। श्रेणी:बांग्लादेश के विभाग श्रेणी:रंगपुर विभाग.

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रंगबिरंगी उड़न गिलहरी

रंगबिरंगी उड़न गिलहरी (Particolored flying squirrel), जिसका वैज्ञानिक नाम हायलोपीटीस ऐल्बोनाइजर (Hylopetes alboniger), एक प्रकार की उड़न गिलहरी है जो भारत, भूटान, नेपाल, बंग्लादेश, बर्मा, युन्नान (चीन), थाइलैण्ड, वियतनाम और लाओस में पाई जाती है। जीववैज्ञानिक वर्गीकरण की दृष्टि से यह कृतंक (रोडेन्ट) गण के हायलोपीटीस वंश की सदस्य है। इसका प्राकृतिक पर्यावास उपोष्णकटिबन्ध और उष्णकटिबन्ध शुष्क वनों में होता है और इन वनों के कटने से इस जाति पर दबाव बन आया है। .

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रंगीला रसूल

रंगीला रसूल १९२० के दशक में प्रकाशित पुस्तक है जो लाहौर के राजपाल एण्ड सन्स ने प्रकाशित की थी। इसके लेखक 'चामुपति एम ए' या किशन प्रसाद प्रताब नामक आर्यसमाजी थे किन्तु लेखक का नाम प्रकाशन ने कभी नहीं बताया। यह पुस्तक बहुत विवादास्पद सिद्ध हुई। इसमें पैगम्बर मुहम्मद के विवाह एवं सेक्स जीवन का रोचक ढंग से वर्णन किया गया है। यह पुस्तक मूलतः उर्दू में छपी थी किन्तु बाद में इसका हिन्दी संस्करण भी प्रकाशित हुआ। यह पुस्तक आज तक भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रतिबन्धित है। इसके जवाब में मुसलमानों के लगभग सभी गुटों की तरफ से मौलाना सनाउल्‍लाह अमृतसरी ने उर्दू में मुकददस रसूल बजवाब रंगीला रसूल लिखी। .

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रङ्गबाली उपज़िला

रंगबाली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पटुय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पटुय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रुमा उपज़िला

रुमा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के बन्दरबान ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ७ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बन्दरबान सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रौमारी उपज़िला

रौमारी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के कुड़िग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुड़िग्राम सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रैडक्लिफ़ अवार्ड

रैडक्लिफ़ रेखा 17 अगस्त 1947 को भारत विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा बन गई। सर सिरिल रैडक्लिफ़ की अध्यक्षता में सीमा आयोग द्वारा रेखा का निर्धारण किया गया, जो 88 करोड़ लोगों के बीच क्षेत्र को न्यायोचित रूप से विभाजित करने के लिए अधिकृत थे। भारत का विभाजन .

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रैगिंग

रैगिंग का शब्द अधिकांश रूप से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में प्रयोग किया जाता है। इस शब्द का मतलब है कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में वरिष्ठ छात्र नए छात्रों से अपनी बड़ाई प्रकट करने के लिए बहुत ही अपमानजनक रूप से पेश आते हैं, अभद्र हरकतें और अभद्र तरीकों का प्रदर्शन करने पर जोर देते हैं। यह कई बार घिनौना रूप धारण करता है जब नए छात्र मानसिक या शारीरिक यातना झेलने लगते हैं। --> वर्तमान रूप में कहा जाता है कि श्रीलंका दुनिया में रैगिंग से सर्वाधिक प्रभावित देश है। भारत में विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग ने भारतीय विश्वविद्यालयों में इसको रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन भी शुरू की गई है। .

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रूना लैला

रूना लैला (बांग्ला: রুনা লায়লা, जन्म १७ नवम्बर १९५२) एक बंगलादेशी गायिका और पार्श्वगायिका हैं जो सारे भारतीय उपमहाद्वीप में ख्याति प्राप्त कर चुकी हैं। उन्होंने बंगलादेश, भारत और पाकिस्तान की फ़िल्मी दुनिया में १९६० से लेकर १९८५ तक बहुत गाने गाये हैं। उनका सब से मशहूर गाना दमादम मस्त क़लन्दर है। .

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रूपसा उपज़िला

रूपसा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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रूपगञ्ज उपज़िला

रूपगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नाराय़णगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नाराय़णगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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रूज़ा शरीफ

रोज़ा शरीफ या शेख अहमद फारुकी सरहिंद (दरियाह के मुजदाद, अल्फ-सानी) के रूप में जाना जाता हैगुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब के उत्तर में एक छोटे से दूरी पर सरहिंद -बस्सी पठाना रोड पर स्थित है। शेख अहमद फारूकी 1563 से 1624 तक अकबर और जहांगीर के समय इस स्थान पर रहते थे। .

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रेड लाइट एरिया

दुनिया भर में वेश्यावृत्ति और वेश्यालयों की वैधता: हरे रंग की देशों और क्षेत्रों के स्थानों पर जहां वेश्यावृत्ति कानूनी और विनियमित है, नीले देशों और क्षेत्रों में जहां वेश्यावृत्ति कानूनी है लेकिन अनियमित है। और वेश्यालयों के रूप में संगठित गतिविधियों अवैध रूप से कर रहे हैं, लाल देश जहां पर वेश्यावृत्ति अवैध है। सभ्यता और संस्कृति के विकास के साथ वेश्यावृत्ति का भी पूरी दुनिया में चरम उभार हो चुका है। पोस्ट मॉडर्न सोसाइटी में वेश्यावृत्ति के अलग-अलग रूप भी सामने आए हैं। रेड लाइट इलाकों से निकल कर वेश्यावृत्ति अब मसाज पार्लरों एवं एस्कार्ट सर्विस के रूप में भी फल-फूल रही है। देह का धंधा कमाई का चोखा जरिया बन चुका है। गरीब और विकासशील देशों जैसे भारत, थाइलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि में सेक्स पर्यटन का चलन शुरू हो चुका है। जिस्मफरोशी दुनिया के पुराने धंधों में से एक है। बेबीलोन के मंदिरों से लेकर भारत के मंदिरों में देवदासी प्रथा वेश्यावृत्ति का आदिम रूप है। गुलाम व्यवस्था में गुलामों के मालिक वेश्याएं रखते थे। उन्होंने वेश्यालय भी खोले। तब वेश्याएं संपदा और शक्ति की प्रतीक मानी जाती थीं। मुगलों के हरम में सैकड़ों औरतें रहती थीं। जब अंग्रेजों ने भारत पर अधिकार किया तो इस धंधे का स्वरूप बदलने लगा। राजाओं ने अंग्रेजों को खुश करने के लिए तवायफों को तोहफे के रूप में पेश करना शुरू किया। पुराने वक्त के कोठों से निकल कर देह व्यापार का धंधा अब वेबसाइटों तक पहुंच गया है। इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी के मामले में पिछड़ी पुलिस के लिए इस नेटवर्क को भेदना खासा कठिन है। सिर्फ नेट पर अपनी जरूरत लिखकर सर्च करने से ऐसी दर्जनों साइट्स के लिंक मिल जाएंगे जहां हाईप्रोफाइल वेश्याओं के फोटो, फोन नंबर और रेट तक लिखे होते हैं। इन पर कालेज छात्राएं, मॉडल्स और टीवी-फिल्मों की नायिकाएं तक उपलब्ध कराने के दावे किए जाते हैं। .

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रेबा सोम

डॉ रेबा सोम (जन्म, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल) एक भारतीय अकादमिक, इतिहासकार, लेखक और शास्त्रीय गायक है।  वह कोलकाता में 'सांस्कृतिक संबंधों के लिए भारतीय परिषद' रबींद्रनाथ टैगोर केंद्र के निदेशक हैं। रेबा सोम रवींद्रसंगीत की एक प्रशिक्षित गायक भी है। उनकी कॉम्पैक्ट डिस्क, रवींद्रनाथ टैगोर (तृतीय मिलननेओ, रोम, इटली 2003 और सरेगामा - भारत, मई 2004) के चयनित गीतों में उनके अंग्रेजी अनुवाद और टैगोर के गीतों के लिप्यंतरण शामिल हैं। .

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रेल गेज

350px रेल गेज, किसी रेलवे लाइन की दो समानांतर भार वहन पटरियों के शीर्षों के भीतरी पक्षों के बीच की दूरी को परिभाषित करती है। दुनिया की लगभग साठ प्रतिशत रेलवे मिमी (4 फुट 8 में 1/2) की मानक गेज का उपयोग करती हैं। चौड़े गेज को ब्रॉड गेज या बड़ी लाइन कहा जाता है, छोटे गेज को नैरो गेज या छोटी लाइन कहते हैं, व एक मीटर चौड़े गेज को मीटर गेज या मीटर लाइन कहते हैं। जहां भिन्न गेज आपस में मिलते हैं, उसे गेज भंग (ब्रेक ऑफ गेज) कहते हैं। कुछ रेल ट्रैक दोहरे या तिहरे गेज के होते हैं, जिनमें तीन या चार पटरियां होती हैं। इन पर एक से अधिक गेज की गाड़ियां जा सकती हैं। गेज सह्य सीमा से पता चलता है कि वास्तविक गेज का नाप मानक नाप से सुरक्षा में रहते हुए कितना अंतर तक हो सकता है। उदाहरणतः यू.एस.

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रॉयगंज एम. एल. हाई स्कूल

School Campus रॉयगंज एम.

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रोय़ांछड़ि उपज़िला

रोय़ांछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के बन्दरबान ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ७ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बन्दरबान सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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रोहित शर्मा

रोहित गुरूनाथ शर्मा (Rohit Sharma) (जन्म: ३० अप्रैल १९८७) एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी है। इनका जन्म नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। रोहित मुख्य रूप से सलामी बल्लेबाज के रूप में जाने जाते हैं। रोहित टेस्ट क्रिकेट, वनडे और ट्वेन्टी-ट्वेन्टी के अलावा इंडियन प्रीमियर लीग में भी खेलते है इसके अतिरिक्त मुम्बई इंडियन्स टीम के कप्तान भी है। वर्तमान में वे भारतीय वनडे टीम के उप कप्तान भी है। उन्होंने अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ ०९ नवम्बर २०१३ को कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर खेलकर की थी उस मैच में रोहित ने १७७ रनों की पारी खेली थी, उन्होंने १०८ वनडे मैचों के बाद टेस्ट मैच खेला था। जबकि एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर की शुरुआत २३ जून २००७ को आयरलैण्ड क्रिकेट टीम के खिलाफ की थी। इनके अलावा रोहित ने अपने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी में अपना पहला मैच १९ सितम्बर २००७ को इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था। १३ नवम्बर २०१४ को कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर श्रीलंकाई टीम के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए २६४ रनों की पारी खेलकर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक मैच में सबसे ज्यादा रन अर्थात सर्वोच्च स्कोर बनाकर नया कीर्तिमान कायम किया है। रोहित शर्मा एक दिवसीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा दोहरे शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी है। इन्होंने वनडे में तीन दोहरे शतक लगाये है जो अभी तक किसी बल्लेबाज ने नहीं लगाए है। फ़ोर्ब्स इंडिया २०१५ के भारत के १०० शीर्ष प्रसिद्ध व्यक्तियों में शर्मा को ८वाँ स्थान मिला। महेंद्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर के बाद अपनी टीम को आईपीएल खिताब दिलाने वाले तीसरे कप्तान हैं। .

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रोहिंग्या भाषा

रोहिंग्या (अथवा), या रुऐंग्गा, राखीन राज्य के रोहिंग्या लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। रोहिंग्या बंगाली-असमिया भाषासमूह में से एक है। यह भाषा चटगाँवी भाषा से काफ़ी मिलती-जुलती है, जो पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में बोली जाती है। .

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रोहिंग्या लोग

रोहिंग्या लोग (ऐतिहासिक तौर पर अरकानी भारतीय (आकनीज़ इंडियंज़) के नाम से भी पहचाने जाते हैं) म्यांमार देश के रखाइन राज्य और बांग्लादेश के चटगाँव इलाक़े में बसने वाले राज्यविहीन हिन्द-आर्य लोगों का नाम है। रखाइन राज्य पर बर्मी क़ब्ज़े के बाद अत्याचार के माहौल से तंग आ कर बड़ी संख्या में रोहिंग्या लोग थाईलैंड में शरणार्थी हो गए। रोहिंग्या लोग आम तौर पर मुसलमान होते हैं, लेकिन अल्पसंख्या में कुछ रोहिंग्या हिन्दू भी होते हैं। ये लोग रोहिंग्या भाषा बोलते हैं। 2016-17 संकट से पहले म्यांमार में क़रीब 8 लाख रोहिंग्या लोग रहते थे और यह लोग इस देश की सरज़मीन पर सदियों से रहते आए हैं, लेकिन बर्मा के बौद्ध लोग और वहाँ की सरकार इन लोगों को अपना नागरिक नहीं मानते हैं। इन रोहिंग्या लोगों को म्यांमार में बहुत अत्याचार का सामना करना पड़ा है। बड़ी संख्या में रोहिंग्या लोग बांग्लादेश और थाईलैंड की सरहदों पर स्थित शरणार्थी कैंपों में अमानवीय हालातों में रहने को मजबूर हैं। युनाइटेड नेशंज़ के मुताबिक़ रोहिंग्या लोग दुनिया के सब से उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समूहों में से एक है। 1982 म्यांमार राष्ट्रीयता क़ानून के तहत रोहिंग्या लोगों को म्यांमार में नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबन्धित है। ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक़ 1982 क़ानून ने प्रभावी तौर पर रोहिंग्या लोगों के लिए राष्ट्रीयता प्राप्त करने की कोई भी सम्भवता दूर की थी। म्यांमार में रोहिंग्या लोगों का इतिहास 8वीं सदी में शुरू हुआ था, इसके बावजूद इन्हें म्यांमारी क़ानून के आठ "राष्ट्रीय समूहों" में से वर्गीकृत नहीं है। वे आंदोलन की स्वतंत्रता, राज्य शिक्षण प्राप्त करने से और नागरिक सेवा में काम करने से भी प्रतिबन्धित हैं। म्यांमार में रोहिंग्या लोगों की क़ानूनी अवस्था को दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद नीति यानि अपार्थीड के साथ तुलना हुई है।Marshall, Andrew R.C., August 12, 2013,, retrieved September 21, 2017Ibrahim, Azeem (fellow at,, and 2009), June 16, 2016 Yale Online,, September 21, 2017 Sullivan, Dan, January 19, 2017,,, retrieved September 21, 2017, former Archbishop of,, Laureate (anti-apartheid & national-reconciliation leader), January 19, 2017,, citing "Burmese apartheid" reference in 1978 at; also online at:, retrieved September 21, 2017 .

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रोहू मछली

रोहू मछली रोहू (वैज्ञानिक नाम - Labeo rohita) पृष्ठवंशी हड्डीयुक्त मछली है जो ताजे मीठे जल में पाई जाती है। इसका शरीर नाव के आकार का होता है जिससे इसे जल में तैरने में आसानी होती है। इसके शरीर में दो तरह के मीन-पक्ष (फ़िन) पाये जाते हैं, जिसमें कुछ जोड़े में होते हैं तथा कुछ अकेले होते हैं। इनके मीन पक्षों के नाम पेक्टोरेल फिन, पेल्विक फिन, (जोड़े में), पृष्ठ फिन, एनलपख तथा पुच्छ पंख (एकल) हैं। इनका शरीर साइक्लोइड शल्कों से ढँका रहता है लेकिन सिर पर शल्क नहीं होते हैं। सिर के पिछले भाग के दोंनो तरफ गलफड़ होते हें जो ढक्कन या अपरकुलम द्वारा ढके रहते हैं। गलफड़ों में गिल्स स्थित होते हैं जो इसका श्वसन अंग हैं। ढक्कन के पीछे से पूँछ तक एक स्पष्ट पार्श्वीय रेखा होती है। पीठ के तरफ का हिस्सा काला या हरा होता है और पेट की तरफ का सफेद। इसका सिर तिकोना होता है तथा सिर के नीचे मुँह होता है। इसका अंतः कंकाल हड्डियों का बना होता है। आहारनाल के ऊपर वाताशय अवस्थित रहता है। यह तैरने तथा श्वसन में सहायता करता है। भोजन के रूप में इसका विशेष महत्व है। भारत में उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा असम के अतिरिक्त थाइलैंड, पाकिस्तान और बांग्लादेश के निवासियों में यह सर्वाधिक स्वादिष्ट व्यंजनों में से एक समझी जाती है। उड़िया और बंगाली भोजन में इसके अंडों को तलकर भोजन के प्रारंभ में परोसा जाता है तथा परवल में भरकर स्वादिष्ट व्यंजन पोटोलेर दोलमा तैयार किया जाता है, जो अतिथिसत्कार का एक विशेष अंग हैं। बंगाल में इससे अनेक व्यंजन बनाए जाते हैं। इसे सरसों के तेल में तल कर परोसा जाता है, कलिया बनाया जाता है जिसमें इसे सुगंधित गाढ़े शोरबे में पकाते हैं तथा इमली और सरसों की चटपटी चटनी के साथ भी इसे पकाया जाता है। पंजाब के लाहौरी व्यंजनों में इसे पकौड़े की तरह तल कर विशेष रूप से तैयार किया जाता है। इसी प्रकार उड़ीसा के व्यंजन माचा-भाजी में रोहू मछली का विशेष महत्व है। ईराक में भी यह मछली भोजन के रूप में बहुत पसंद की जाती है। रोहू मछली शाकाहारी होती है तथा तेज़ी से बढ़ती है इस कारण इसे भारत में मत्स्य उत्पादन के लिए तीन सर्वश्रेष्ठ मछलियों में से एक माना गया है। .

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रोआनू चक्रवात

रोआनू चक्रवात श्रीलंका और भारत से होते हुए 21 मई को दोपहर के समय बांग्लादेश में पहुँचा जिसके कारण बांग्लादेश के कई तटीय इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं तथा कई इलाकों में जमीनें धंस गयी हैं। विभिन्न समाचार पत्रों के अनुसार अब तक लगभग 24 लोगों के मारे जाने की ख़बर है तथा पाँच लाख लोगों को अपना घर बार छोड़ना पड़ा है। चक्रवात की वजह से पूरे बांग्लादेश में बिजली आपूर्ति बाधित है तथा कई बन्दरगाहों पर कार्य पर रोक लगा दी है। चक्रवात से श्रीलंका में लगभग ९२ तथा बांग्लादेश में २६ लोगों की जाने गयी। इनके अलावा भारतीय राज्यों तमिलनाडु,उड़ीसा, केरल तथा आंध्रप्रदेश में भारी मूसलाधार बारिश हुई। .

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लतीफुर रहमान

लतीफ उर रहमान, (बांग्ला: লতিফুর রহমান; जन्म 1 मार्च 1936) बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं मुख्य सलाहकार थे। उनका जन्म जेस्सोर में, मार्च 1936 को हुआ था। वर्ष 1986 में उन्हें अस्थाई रूप से उच्च न्यायालय विभाग में, बतौर न्यायाधीश नियुक्त किया गया था, और 1981 में वह उसी विभाग में स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। 15 जनवरी 1991 में वह बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय विभाग में भतार न्यायाधीश नियुक्त किए गए, तथा 1 जनवरी सन 2000 में वह बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश के पद पर विराजमान हुए। 28 फरवरी को उन्होंने सेवानिवृत्ति ली। तत्पश्चात् सन 2000 की सामायिक सरकार में उन्हें मुख्य सलाहकार बनाया गया, जिसने अष्टम संसदीय चुनाव की देखरेख की थी। वे इस पद पर 15 जुलाई 2000 से 1 अक्टूबर 2001 तक रहे। .

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लामा उपज़िला

लामा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के बन्दरबान ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ७ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बन्दरबान सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लाल जंगली मुर्गा

लाल जंगली मुर्गा (Red junglefowl) (Gallus gallus) फ़ीज़ेन्ट कुल का पक्षी है जो उष्णकटिबंध के इलाकों में पाया जाता है। .

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लाल गले वाला तीतर

लाल गले वाला तीतर (Rufous-throated Partridge) (Arborophila rufogularis) तीतर कुल का एक पक्षी है जो दक्षिण तथा दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापक रूप से पाया जाता है। .

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लालन

ज्योतिरींद्रनाथ टैगोर द्वारा खींचा लालन का एकमात्र चित्र लालन, लालन साईं, लालन शाह, लालन फ़क़ीर या महात्मा लालन (बंगाली: লালন, अंदाज़न 1774 – 1890) बंगाली बौल संत, फ़क़ीर, गीतकार, समाज सुधारक तथा चिंतक थे। .

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लालपुर उपज़िला

लालपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नाटोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नाटोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लालमनिरहाट सदर उपज़िला

लालमनिरहाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला लालमनिरहाट जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह रंगपुर विभाग के लालमनिरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय लालमनिरहाट सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लालमोहन उपज़िला

लालमोहन उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के भोला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय भोला सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लाहौर संकल्पना

लाहौर प्रस्तावना,(قرارداد لاہور, क़रारदाद-ए-लाहौर; बंगाली: লাহোর প্রস্তাব, लाहोर प्रोश्ताब), सन 1940 में अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा प्रस्तावित एक आधिकारिक राजनैतिक संकल्पना थी जिसे मुस्लिम लीग के 22 से 24 मार्च 1940 में चले तीन दिवसीय लाहौर सत्र के दौरान पारित किया गया था। इस प्रस्ताव द्वारा ब्रिटिश भारत के उत्तर पश्चिमी पूर्वी क्षेत्रों में, तथाकथित तौर पर, मुसलमानों के लिए "स्वतंत्र रियासतों" की मांग की गई थी एवं उक्तकथित इकाइयों में शामिल प्रांतों को स्वायत्तता एवं संप्रभुता युक्त बनाने की भी बात की गई थी। तत्पश्चात, यह संकल्पना "भारत के मुसलमानों" के लिए पाकिस्तान नामक मैं एक अलग स्वतंत्र स्वायत्त मुल्क बनाने की मांग करने में परिवर्तित हो गया। हालांकि पाकिस्तान नाम को चौधरी चौधरी रहमत अली द्वारा पहले ही प्रस्तावित कर दिया गया था परंतु सन 1933 तक मजलूम हक मोहम्मद अली जिन्ना एवं अन्य मुसलमान नेता हिंदू मुस्लिम एकता के सिद्धांत पर दृढ़ थे, परंतु अंग्रेजों द्वारा लगातार प्रचारित किए जा रहे विभाजन प्रोत्साह गलतफहमियों मैं हिंदुओं में मुसलमानों के प्रति अविश्वास और द्वेष की भावना को जगा दिया था इन परिस्थितियों द्वारा खड़े हुए अतिसंवेदनशील राजनैतिक माहौल ने भी पाकिस्तान बनाने के उस प्रस्ताव को बढ़ावा दिया था इस प्रस्ताव की पेशी के उपलक्ष में प्रतीवर्ष 23 मार्च को पाकिस्तान में यौम-ए-पाकिस्तान(पाकिस्तान दिवस) के रूप में मनाया जाता है। .

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लाख

लाख (संस्कृत: लक्ष), (Lakh या lac), दक्षिण एशिया एवं कुछ अन्य देशों में प्रयुक्त एक संख्यात्मक इकाई है जो सौ हजार (१००,०००) के बराबर होती है। गणितीय पद्धति में इसे (105) भी लिखा जाता है। भारतीय संख्या पद्धति में इसे १,००,००० लिखा जाता है। आधिकारिक और अन्य प्रसंगों में लाख का प्रयोग भारत, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, म्यांमार तथा श्रीलंका आदि में बहुतायत में किया जाता है। .

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लाखाइ उपज़िला

लाखाइ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के हाबीगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ८ उपज़िले हैं, और मुख्यालय हाबीगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लाकसाम उपज़िला

लाकसाम उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जो कि बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले के अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपजिले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लाङ्गलकोट उपज़िला

लांगलकोट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लिटन दास

लिटन दास (बंगाली भाषा: লিটন দাস) (जन्म 13 अक्टूबर 1994) एक बांग्लादेशी क्रिकेटर है। वह एक दाएं हाथ के शुरुआती बल्लेबाज और विकेट-कीपर हैं। .

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लज्जा (पुस्तक)

लज्जा तसलीमा नसरीन द्वारा रचित एक बंगला उपन्यास है। यह उपन्यास पहली बार १९९३ में प्रकाशित हुआ था और कट्टरपन्थी मुसलमानों के विरोध के कारण बांगलादेश में लगभग छः महीने के बाद ही इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। इस अवधि में इसकी लगभग पचास हजार प्रतियाँ बिक गयीं। .

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लघु वित्त

कंबोडिया में समुदाय-आधारित बचत बैंक. ग़रीबों की सेवा करने वाले विविध वित्तीय संस्थान हैं। व्यष्टि-वित्त का मतलब है, उपभोक्ताओं तथा स्व-नियोजित व्यक्तियों सहित निम्न आय वर्ग के ग्राहकों को वित्तीय सेवाएं मुहैया कराना.

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लंबाई के आधार पर नदियों की सूची

एक जलपोत से नील नदी का दृश्य, मिस्र में लक्सर और असवान के बीच. यह पृथ्वी पर सबसे लंबी नदियों की सूची है। इसमें 1,000 किलोमीटर से अधिक वाले नदी तंत्र शामिल हैं। .

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लंबी चोंच का गिद्ध

लंबी चोंच का गिद्ध (Gyps tenuirostris) हाल ही में पहचानी गई जाति है। पहले इसे भारतीय गिद्ध की एक उपजाति समझा जाता था, लेकिन हाल के शोधों से पता चला है कि यह एक अलग जाति है। जहाँ भारतीय गिद्ध गंगा नदी के दक्षिण में पाया जाता है तथा खड़ी चट्टानों के उभार में अपना घोंसला बनाता है वहीं लंबी चोंच का गिद्ध तराई इलाके से लेकर दक्षिण-पूर्वी एशिया तक पाया जाता है और अपना घोंसला पेड़ों पर बनाता है। यह गिद्ध पुरानी दुनिया का गिद्ध है जो नई दुनिया के गिद्धों से अपनी सूंघने की शक्ति में भिन्न हैं। .

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लंगदु उपज़िला

लंगदु उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के रांगामाटि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रांगामाटि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लक्ष्मीपुर सदर उपज़िला

लक्ष्मीपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला लक्ष्मीपुर जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह चट्टग्राम विभाग के लक्ष्मीपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय लक्ष्मीपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लक्ष्मीमल्ल सिंघवी

लक्ष्मीमल्ल सिंघवी - डाकटिकट लक्ष्मीमल्ल सिंघवी (या लक्ष्मीमल सिंघवी) (९ नवंबर १९३१- ६ अक्टूबर २००७) ख्यातिलब्ध न्यायविद, संविधान विशेषज्ञ, कवि, भाषाविद एवं लेखक थे। उनका जन्म भारत के राजस्थान प्रांत में स्थित जोधपुर नगर में हुआ। १९६२ से १९६७ तक तीसरी लोक सभा के सदस्य श्री सिंघवी ने १९७२ से ७७ तक राजस्थान के एडवोकेट जनरल तथा अनेक वर्षों तक यूके में भारत के राजदूत पद पर कार्य किया। उन्हें १९९८ में पद्म भूषण से अलंकृत किया गया तथा १९९९ में वे राज्य सभा के सदस्य भी चुने गए। डॉ॰ लक्ष्मीमल सिंघवी ने नेपाल, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के संविधान रचे। उन्हें भारत में अनेक लोकपाल, लोकायुक्त संस्थाओं का जनक माना जाता है। डॉ॰ सिंघवी संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकार अधिवेशन और राष्ट्रकुल (कॉमनवेल्थ) विधिक सहायता महासम्मेलन के अध्यक्ष, विशेषज्ञ रहे। वे ब्रिटेन के सफलतम उच्चायुक्त माने जाते हैं। वे सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के चार बार अध्यक्ष रहे। उन्होंने विधि दिवस का शुभारंभ किया। डॉ॰ लक्ष्मीमल्ल सिंघवी ने हिंदी के वैश्वीकरण और हिंदी के उन्नयन की दिशा में सजग, सक्रिय और ईमानदार प्रयास किए। भारतीय राजदूत के रूप में उन्होंने ब्रिटेन में भारतीयता को पुष्पित करने का प्रयास तो किया ही, अपने देश की भाषा के माध्यम से न केवल प्रवासियों अपितु विदेशियों को भी भारतीयता से जोड़ने की कोशिश की। वे संस्कृतियों के मध्य सेतु की तरह अडिग और सदा सक्रिय रहे। वे भारतीय संस्कृति के राजदूत, ब्रिटेन में हिन्दी के प्रणेता और हिंदी-भाषियों के लिए प्रेरणा स्रोत थे। विश्व भर में फैले भारत वंशियों के लिए प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की संकल्पना डॉ॰ सिंघवी की ही थी। वे साहित्य अमृत के संपादक रहे और अपने संपादन काल में उन्होने श्री विद्यानिवास मिश्र की स्वस्थ साहित्यिक परंपरा को गति प्रदान की। भारतीय ज्ञानपीठ को भी श्री सिंघवी की सेवाएँ सदैव स्मरण रहेंगी। भारतीय डायसपोरा की अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष श्री सिंघवी ने अनेक पुस्तकों की रचना भी की है। वे कई कला तथा सांस्कृतिक संगठनों के संरक्षक भी थे। जैन इतिहास और संस्कृति के जानकार के रूप में मशहूर श्री सिंघवी ने कई पुस्तकें लिखीं जिनमें से अनेक हिंदी में हैं। श्री सिंघवी प्रवासी भारतीयों की उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष भी रहे। विधि और कूटनीति की कूट एवं कठिन भाषा को सरल हिन्दी में अभिव्यक्त करने में उनका कोई सानी नहीं था। विश्व हिन्दी सम्मेलन के आयोजनों में सदा उनकी अग्रणी भूमिका रहती थी। संध्या का सूरज: हिन्दी काव्य, पुनश्च (संस्मरणों का संग्रह), भारत हमारा समय, जैन मंदिर आदि उनकी प्रसिद्ध हिन्दी कृतियाँ हैं। अंग्रेज़ी में टुवर्डस ग्लोबल टुगैदरनेस (Towards Global Togetherness), डेमोक्रेसी एंड द रूल ऑफ़ द लॉ (Democracy and the Rule of the Law), फ्रीडम ऑन ट्रायल (Freedom on trial) आदि उनकी प्रसिद्ध अंग्रेज़ी पुस्तकें हैं। ८ दिसम्बर २००८ को भारतीय डाकतार विभाग ने उनके सम्मान में एक डाक-टिकट तथा प्रथम दिवस आवरण प्रकाशित किया है। .

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लक्षीछड़ि उपज़िला

लक्षीछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के खागड़ाछड़ि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय खागड़ाछड़ि सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लुंगलेई ज़िला

लुंगलेई ज़िला भारतीय राज्य मिज़ोरम के आठ ज़िलों में से एक है। भारत की जनगणना २०११ के अनुसार यह मिज़ोरम का अइज़ोल ज़िले के बाद दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला ज़िला है। .

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लुंगी

लुंगी पहने लड़का लुंगी (सारौंग के रूप में भी जानते हैं।) एक वस्त्र है। यह एक बर्मा भाषा का शब्द है और बर्मा की राष्ट्रीय पोषाक है। यह इंडोनेशिया, बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बर्मा, ब्रुनेई, मलेशिया, नेपाल, सिंगापुर, थाईलैण्ड, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रिका और दक्षिणी अरबी प्रायद्वीप की पारम्परिक पोशाक के रूप में पहना जाता है। यह बहुत ज्यादा गर्मी और नमी वाली क्षेत्रों में विशेष रूप से लोकप्रिय है। .

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लौहजं उपज़िला

लौहजं उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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लॉङ्गतलाई ज़िला

लॉङ्गतलाई ज़िला भारतीय राज्य मिज़ोरम के आठ ज़िलों में से एक है। ज़िला उत्तर में लुंगलेई ज़िले, पश्चिम में बांग्लादेश, दक्षिण में म्यांमार तथा पूर्व में सइहा ज़िले से घिरा है। ज़िले का क्षेत्रफल २५५७.१० वर्ग किमी है तथा लॉङ्गतलाई कस्बा ज़िले का मुख्यालय है। .

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लोहागड़ा उपज़िला

लोहागड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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लोक-विधि

विश्व में साधारण कानून प्रणालियों वाले देश लोक-विधि (common law / कॉमन लॉ) या 'साधारण कानून' ऐसे कानून को बोला जाता है जो संसदीय और विधान सभाओं में बनने के बजाए न्यायाधीशों द्वारा अदालतों में फ़ैसले सुना कर बनाया जाता है। साधारण कानून के अनुसार चलने वाली न्यायिक प्रणालियों में न्यायालयों में लड़े जा रहे मुक़द्दमों में अदालत उस से मिलते-जुलते पहले लड़े गए मुक़द्दमों के निर्णयों को ध्यान में रखती है और उनके अनुसार फ़ैसला सुनती है। भूतकाल में सुनाए गए सभी न्यायिक फ़ैसले मिलकर साधारण कानून बनाते हैं। जब भी कोई नया मसला किसी न्यायलय में सुनवाई के लिए आता है तो न्यायाधीश तय करते हैं कि ऐसा प्रश्न पहले देखा गया है कि नहीं। अगर देखा गया है, तो अदालत पर अनिवार्य है कि उस से मिलता-जुलता फ़ैसला सुनाए। अगर नहीं देखा गया है, तो इसमें सुनाया गया निर्णय आने वाले ऐसे मामलों के लिए भी निर्णायक कानून का रूप धारण कर लेता है। साधारण कानून प्रणालियाँ पहले ब्रिटेन में मध्यकाल में उत्पन्न हुई, लेकिन फिर भूतपूर्व ब्रिटिश साम्राज्य में सम्मिलित बहुत से देशों में फैल गई। आधुनिक युग में अमेरिका, भारत, मलेशिया, सिंगापुर, पाकिस्तान, श्रीलंका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ़्रीका, आयरलैंड, न्यु ज़ीलैंड, घाना और बांग्लादेश में साधारण कानून व्यवस्था का प्रयोग होता है। .

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लीची

लीची एक फल के रूप में जाना जाता है, जिसे वैज्ञानिक नाम (Litchi chinensis) से बुलाते हैं, जीनस लीची का एकमात्र सदस्य है। इसका परिवार है सोपबैरी। यह ऊष्णकटिबन्धीय फल है, जिसका मूल निवास चीन है। यह सामान्यतः मैडागास्कर, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, दक्षिण ताइवान, उत्तरी वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका में पायी जाती है। सैमसिंग के फूल, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल, भारत इसका मध्यम ऊंचाई का सदाबहार पेड़ होता है, जो कि 15-20 मीटर तक होता है, ऑल्टर्नेट पाइनेट पत्तियां, लगभग 15-25 सें.मी.

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शदमन इस्लाम

एक बांग्लादेशी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी है। ये मुख्य रूप से सलामी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते है। जो कि बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते है। मई २०१७ में, उन्होंने २०१६-१७ ढाका प्रीमियर डिवीजन क्रिकेट लीग में अबाहानी लिमिटेड के लिए खेलते हुए अपने लिस्ट ए क्रिकेट का पहला शतक बनाया था। इन्होंने साल २०१७-१८ बांग्लादेश क्रिकेट लीग में सेंट्रल जोन के लिए छह मैचों में सबसे ज्यादा ५०० रन बनाये थे। .

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शरणखोला उपज़िला

शरणखोला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के बगेरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगेरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शरिय़तपुर सदर उपज़िला

शरिय़तपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के शरिय़तपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला शरिय़तपुर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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शहाबुद्दीन अहमद

शहाबुद्दीन अहमद एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति हुसैन मुहम्मद इरशाद द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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शहजादपुर उपज़िला

शहजादपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के सिराजगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिराजगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शामी कबाब

शामी कबाब एक मुगलाई पकवान है। यह भारत एवं पाकिस्तान मे बहुत प्रचलित है। शामी कबाब भारतीय उपमहाद्वीप मे खाया जाने वाले कबाब का एक खास प्रकार है.

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शार्शा उपज़िला

शार्शा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के यशोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय यशोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शालिखा उपज़िला

शालिखा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के मागुरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 3 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मागुरा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शाल्ला उपज़िला

शाल्ला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शाह जलाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

हज़रत शाहजलाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (হজরত শাহজালাল আন্তর্জাতিক বিমানবন্দর Hôjrot Shahjalal Antorjatik Bimanbôndor), पूर्व नाम ज़िया अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र एवं ढाका अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, बांग्लादेश का सबसे बड़ा विमानक्षेत्र है। यह ढाका शहर में स्थित है और यहां १९८० से प्रचालन आरंभ हुआ और पुराने तेजगाँव एयरपोर्ट के बाद यहां से देश के सभि अन्तर्राष्ट्रीय प्रचालन आरंभ हो गये। यह सभी बांग्लादेशी वायुसेवाओं का गृह-बेस एवं हब है, जिनमें बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस, जीएमजी एयरलाइंस, रीजेंट एयरवेज़ एवं यूनाइटेड एयरवेज़ आते हैं। यह विमानक्षेत्र में बना है और देश के लगभग 66% अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्देशीय आगमन एवं प्रस्थान यहां से ही संपन्न होते हैं। इसके बाद देश का दूसरा बड़ा विमानक्षेत्र है शाह अमानत अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र जो चिट्टागौंग में स्थ्ति है यात्री संख्या का 21% भाग वहन करता है। ढाका विमानक्षेत्र से वार्षिक लगभग ४० लाख अन्तर्राष्ट्रीय एवं २० लाख अन्तर्देशीय यात्री तथा १,५०,००० टन माल यातायात संपन्न होता है। इस विमानक्षेत्र की यात्री क्षमता ८० लाख यात्री वार्षिक है, और सी.ए.ए.बी (CAAB) द्वारा यहां के लिये २०२६ तक के लिये पर्याप्तअनुमानित की गई है। वर्तमान में यहां से २६ वायुसेवाएं विश्व के १९ देशों के ३४ शहरों को अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्देशीय गंतव्यों को जोड़ती हैं। इनके अलावा ७ माल एवं कार्गो वायुसेवाएं भी यहां से संचालित होती हैं। यहां की दैनिक यातायात गतिविधि मात्रा १९० है। यहां की राजकीय वायुसेवा बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस यहां से यूरोप एवं एशिया के २० गंतव्यों को उड़ानें उपलब्ध कराती है। .

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शाह अमानत अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा

शाह अमानत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईएटीए: CGP, आईसीएओ: VGEG) (बंगाली: শাহ আমানত আন্তর্জাতিক বিমানবন্দর शाह अमानोत अंतरजातिक बीमानबोंदोर), चटगांव बांग्लादेश के दक्षिणी बंदरगाह शहर में सेवारत एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। बांग्लादेश का नागरिक उड्डयन प्राधिकरण इसका संचालन करता है। यह बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। यह बांग्लादेश वायु सेना द्वारा भी इस्तेमाल किया जाता है। यह पूर्व में एमए हन्नान अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता था, जो अवामी लीग के राजनीतिज्ञ एम ए हन्नान के नाम पर रखा गया था।, लेकिन बांग्लादेश की सरकार द्वारा 2 अप्रैल, 2005 को एक इस्लामी संत हजरत शाह अमानत के नाम पर इसका नामकरण कर दिया गया। .

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शाहबाज़पुर टाउन

शाहबाजपुर टाउन (बांग्ला: শাহবাজপুর টাউন), बांग्लादेश में एक छोटे नगर, मछली पकड़ने के बंदरगाह और प्रशासनिक मुख्यालय है। यह तितास की अपनी विस्तृत प्राकृतिक नदियों के लिए जाना जाता है। यह सबसे पुराना नदी बंदरगाह है। यह बांग्लादेश में सबसे पुरानी नौका टर्मिनल बंदरगाह क्षेत्र है। शाहबाजपुर टाउन भी नाम "शाहबाज" से जाना जाता है। (विशेषक) के साथ अपने पुराने नाम शाहबाज या शाहबाजपुर है। आधुनिक शाहबाजपुर टाउन शाहबाज अली से उसका नाम हो जाता है, मुगल साम्राज्य के सम्राट के प्रतिनिधि (1605 में मृत्यु हो गई)। आज, शाहबाजपुर टाउन, तितास नदी बांग्लादेश में सबसे का दौरा क्षेत्रीय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह अभी तक एक प्रमुख जिला पर्यटन स्थल नहीं बन गया है। .

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शाहबुद्दीन अहमद

शाहबुद्दीन अहमद बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल ९ अक्टूबर १९९६ से १४ नवम्बर २००१ तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के राष्ट्रपति.

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शाहरास्ति उपज़िला

शाहरास्ति उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चाँदपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय चाँदपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शाहजहाँपुर उपज़िला

शाहजहाँपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शाकिब खान

शाकिब खान (শাকিব খান., जन्म 28 मार्च 1979.http://sujonhera.com/shakib-khan-the-king-of-dhallywood-biography-and-wallpapers/) बांग्लादेशी अभिनेता हैं। उनका मूल नाम मसूद राणा है। खान ने सोहनुर रहमान सोहन की अन्नथ भालोबाशा (१९९९) से फ़िल्मों में पदार्पण किया लेकिन इससे उन्हें पर्याप्त ख्याति नहीं मिली। कुछ वर्षों बाद खान ने अपने आप को बांग्लादेश फिल्म इतिहास के सबसे सफल और सबसे अधिक भुगतान प्राप्त करने वाले अभिनेताओं में से एक के रूप में स्थापित किया। उन्होंने बांग्लादेशी सिनेमा में अपने अभिनय से अनेक उपलब्धियाँ प्राप की। उन्हें फ़िल्म भालोबसलेई घर बढ़ा जाय ना (२०१०)(२०१०) और खोदार परे मा मेरिल प्रथम पुरस्कार के सात नामांकन मिले जिसमें से पाँच जीते तथा दो राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जीते। .

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शाकिब अल हसन

शाकिब अल हसन (जन्म:२४ मार्च १९८७),मगुरा,खुलना,बांग्लादेश। एक क्रिकेट खिलाड़ी है जो बांग्लादेश क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं। शाकिब एक हरफनमौला खिलाड़ी है जो बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी तथा गेंदबाजी करते हैं। साथ ही ये बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कप्तान भी रह चूके है। इंडियन प्रीमियर लीग में पहले ये कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते थे जबकि २०१८ इंडियन प्रीमियर लीग में इन्हें सनराइजर्स हैदराबाद ने नीलामी में खरीद लिया था।। साथ ही ये वर्तमान में ऑल-राउन्डर खिलाड़ियों में शीर्ष पर है। .

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शिबचर उपज़िला

शिबचर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मादारीपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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शिबपुर उपज़िला

शिबपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नरसिंदी जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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शिबालय उपज़िला

शिबालय उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मानिकगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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शिबगंज उपज़िला, नवाबगंज

शिबगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नवाबगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय नवाबगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शिबगंज उपज़िला, बगुड़ा

शिबगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शिरिन शर्मीन चौधरी

शिरीन शर्मिन चौधरी एक बांग्लादेशी राजनेता है। वे बांग्लादेश संसद की वर्तमान व पहली महिला स्पीकर है। .

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शिलांग

शिलांग भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय की राजधानी है। भारत के पूर्वोत्तर में बसा शिलांग हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। इसे भारत के पूरब का स्कॉटलैण्ड भी कहा जाता है। पहाड़ियों पर बसा छोटा और खूबसूरत शहर पहले असम की राजधानी था। असम के विभाजन के बाद मेघालय बना और शिलांग वहां की राजधानी। लगभग 1695 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस शहर में मौसम हमेशा सुहावना बना रहता है। मानसून के दौरान जब यहां बारिश होती है, तो पूरे शहर की खूबसूरती और निखर जाती है और शिलांग के चारों तरफ के झरने जीवंत हो उठते है। .

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शिलांग के पर्यटन स्थल

शिलांग एक छोटा-सा शहर है जिसे पैदल घूमकर देखा जा सकता है। अपनी सुविधा के अनुसार सिटी बस या दिनभर के लिए ऑटो या टैक्सी किराए पर लेकर भी घूमा जा सकता है। शिलांग और उसके आसपास अनेक दर्शनीय स्थल है जैसे- .

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शकीरा

शकीरा इसाबेल मेबारक रिपोल (जन्म - २ फ़रवरी १९७७), जो शकीरा नाम से प्रसिद्ध हैं, एक कोलंबियन गायिका-गीतकार, संगीतकार, रिकॉर्ड निर्माता, नृत्यांगना और लोकोपकारक हैं, जो लैटिन अमेरिका के संगीत परिदृश्य में १९९० के दशक में एक संगीत प्रतिभा के रूप में उभरी। बेरेंकिया, कोलम्बिया में जन्मी और बड़ी हुई शकीरा ने विद्यालय में ही अपनी कई प्रतिभाओं को प्रदर्शित किया जिनमे रॉक एंड रोल, लैटिन तथा अरब में गायन क्षमता और गर्भ-नृत्य (बेली डांस) शामिल हैं। शकीरा की मातृभाषा स्पेनिश है पर वह सहज अंग्रेजी और पुर्तगाली और इतालवी, फ्रेंच तथा कातालान भी बोल लेती है। वह अरब शास्त्रीय संगीत भी जानती हैं। स्थानीय निर्माताओं के साथ किए उनके पहले दो एल्बम असफल हुए। उस वक्त शकीरा कोलंबिया के बाहर मशहूर नहीं थी। उन्होंने अपने खुद के ब्रांड के संगीत का निर्माण करने का फैसला किया। १९९५ में उन्होने पीएस देस्काल्सोस एल्बम निकला जिसने उन्हे लैटिन अमेरिका और स्पेन में खूब प्रसिद्धि दिलायी। १९९८ में उन्होंने ¿दोंदे एस्तन लोस लाद्रोनेस? (स्पेन: Dónde Están los Ladrones?) नामक एल्बम निकाला जिसके दुनिया भर में ७० लाख से अधिक प्रतियां बिकीं और उन्हे एक महत्वपूर्ण सफलता दिलाई। सन् २००१ में अपने संगीत वीडियो "व्हेनेवर, व्हेरेवर" (अनुवाद: जब भी, जहाँ भी) के जबर्दस्त सफलता के साथ, उन्होंने अपने एल्बम लांड्री सर्विस (अनुवाद: धुलाई - सेवा) से अंग्रेजी-बोलने वाली दुनिया में कदम रखा और दुनिया भर में १.३ करोड़ से अधिक प्रतियां बिकीं।, BMI.com चार साल बाद शकीरा ने दो एल्बम परियोजनाओं,ओरल फिक्सेशन खंड १ और ओरल फिक्सेशन खंड २ को जारी किया। दोनों ने उनकी सफलता को बल दिया विशेषतः २१वीं सदी का सबसे सफल गीत "हिप्स डोंट लाय"। अक्टूबर-नवम्बर 2009 के बाद शकीरा ने अपना नवीनतम एल्बम "शी वूल्फ " दुनिया भर में जारी किया। उन्होंने दो ग्रैमी पुरस्कार, सात लैटिनग्रैमी पुरस्कार जीते हैं और वह गोल्डन ग्लोब पुरस्कार के लिए भी नामांकित की गयी हैं। वह आज तक की सर्वाधिक-बिक्री वाली कोलंबियाई कलाकार और ग्लोरिया स्टेफान से पीछे दूसरी सबसे सफल लैटिन गायिका है, जिनके ५० मिलियन से अधिक एल्बम दुनिया भर में बिक चुके हैं। इसके अतिरिक्त वह दक्षिण अमेरिका की एकमात्र कलाकार है जो अमेरीकी बिलबोर्ड हॉट 100, ऑस्ट्रेलियाई ARIA चार्ट और ब्रिटेन सिंगल चार्ट में पहले स्थान तक पहुंच चुकी है। शकीरा का मशहूर गाना "वाका वाका"२०१० फुटबॉल विश्व कप के अधिकृत गाने के रूप में चुना गया था। शकीरा को हॉलीवुड वॉक ऑफ फेम में एक स्टार मिला है। .

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श्यामनगर उपज़िला

श्यामनगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के सातक्षीरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सातक्षीरा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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श्रीनगर उपज़िला

श्रीनगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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श्रीपुर उपज़िला

श्रीपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के गाजीपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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श्रीपुर उपज़िला (मागुरा)

श्रीपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के मागुरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 3 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मागुरा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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श्रीबरदी उपज़िला

श्रीबरदी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के शेरपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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श्रीमंगल उपज़िला

श्रीमंगल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के मौलवीबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मौलवीबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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श्रीवत्स गोस्वामी

श्रीवत्स गोस्वामी (जन्म १८ मई १९८९) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है जो एक बाएं हाथ के बल्लेबाज और विकेट-कीपर हैं। उनका जन्म कोलकाता, पश्चिम बंगाल में एक बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रतिभू गोस्वामी है। इन्होंने ११ वर्ष की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। इन्होंने बंगाल के लिए अंडर -१९ घरेलू क्रिकेट खेला है। जनवरी, २००८ में दक्षिण अफ्रीका में अंडर -१९ त्रिकोणीय श्रृंखला के दौरान, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ९७ और बांग्लादेश के खिलाफ १०४ रन बनाए थे। मलेशिया में २००८ के अंडर-१९ क्रिकेट विश्व कप में, उन्होंने लीग मैचों में से एक में ५८ और न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में ५१ रन बनाए थे। ये इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स के लिए खेल चुके है। जबकि जनवरी २०१८ में २०१८ इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में इन्हें सनराइजर्स हैदराबाद ने १ करोड़ से खरीदा है। .

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शैलकूपा उपज़िला

शैलकूपा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के झिनाइदह ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय झिनाइदह सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शेर शाह सूरी

शेरशाह सूरी (1472-22 मई 1545) (फारसी/पश्तो: فريد خان شير شاہ سوري, जन्म का नाम फ़रीद खाँ) भारत में जन्मे पठान थे, जिन्होनें हुमायूँ को 1540 में हराकर उत्तर भारत में सूरी साम्राज्य स्थापित किया था। शेरशाह सूरी ने पहले बाबर के लिये एक सैनिक के रूप में काम किया था जिन्होनें उन्हे पदोन्नति कर सेनापति बनाया और फिर बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया। 1537 में, जब हुमायूँ कहीं सुदूर अभियान पर थे तब शेरशाह ने बंगाल पर कब्ज़ा कर सूरी वंश स्थापित किया था। सन् 1539 में, शेरशाह को चौसा की लड़ाई में हुमायूँ का सामना करना पड़ा जिसे शेरशाह ने जीत लिया। 1540 ई. में शेरशाह ने हुमायूँ को पुनः हराकर भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया और शेर खान की उपाधि लेकर सम्पूर्ण उत्तर भारत पर अपना साम्रज्य स्थापित कर दिया। एक शानदार रणनीतिकार, शेर शाह ने खुद को सक्षम सेनापति के साथ ही एक प्रतिभाशाली प्रशासक भी साबित किया। 1540-1545 के अपने पांच साल के शासन के दौरान उन्होंने नयी नगरीय और सैन्य प्रशासन की स्थापना की, पहला रुपया जारी किया है, भारत की डाक व्यवस्था को पुनः संगठित किया और अफ़गानिस्तान में काबुल से लेकर बांग्लादेश के चटगांव तक ग्रांड ट्रंक रोड को बढ़ाया। साम्राज्य के उसके पुनर्गठन ने बाद में मुगल सम्राटों के लिए एक मजबूत नीव रखी विशेषकर हुमायूँ के बेटे अकबर के लिये। .

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शेर सिंह राणा

समशेर सिंह राणा उर्फ़ पंकज सिंह (जन्म:17 मई 1976) डकैत से सांसद बनी फूलन देवी की हत्या की। शेर सिंह राणा का जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था। .

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शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम

शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम (अंग्रेजी: Sher-e-Bangla National Cricket Stadium (SBNCS; শের-ই-বাংলা জাতীয় ক্রিকেট স্টেডিয়াম) जो किमीरपुर स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है, एक राष्ट्रीय क्रिकेट मैदान है जो कि बांग्लादेश के मीरपुर ढाका में स्थित है। मैदान में लगभग २६,००० तक दर्शक बैठ सकते हैं। .

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शेरपुर सदर उपज़िला

शेरपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के शेरपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं। यह उपज़िला शेरपुर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शेरपुर उपज़िला

शेरपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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शेरेबांग्ला नगर थाना

शेरेबांग्ला नगर(बांग्ला:শেরেবাংলা নগর) बांग्लादेश की राजधानी ढाका का एक थाना है, यह ढाका का एक प्रमुख एवं अतिमहत्वपूर्ण क्षेत्र है, और बांग्लादेश की संसद का भवन(जातीय संसद भवन), बांग्लदेश का प्रधानमंत्री निवास(गणभवन) एवं सचिवालय समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रालय व सरकारी कार्यालय यहाँ स्थित हैं। पाकिस्तान आंदोलन एवं बंगाली अस्मिता के महत्वपूर्ण व्यक्तिन्व, अबुल कासिम फज्लुल हक, जिन्हें शेर-ए-बांग्ला के नाम से भी जाना जाता था, के नाम पर इस क्षेत्र का नामकरण किया गया है। .

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शेख मुजीबुर्रहमान

बंगबन्धु '''शेख़ मुजीबुर रहमान (१९५० में)''' लाहौर में '''६-बिन्दु आन्दोलन''' की घोषणा करते हुए शेख़ मुजीबुर रहमान (1966) ०७ मार्च १९७१ को विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए शेख़ मुजीब शेख़ मुजीबुर रहमान (बंगाली: শেখ মুজিবুর রহমান; १७ मार्च १९२० – १५ अगस्त १९७५) बांग्लादेश के संस्थापक नेता, महान अगुआ एवं प्रथम राष्ट्रपति थे। उन्हें सामान्यत: बंगलादेश का जनक कहा जाता है। वे अवामी लीग के अध्यक्ष थे। उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सशस्त्र संग्राम की अगुवाई करते हुए बांग्लादेश को मुक्ति दिलाई। वे बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति बने और बाद में प्रधानमंत्री भी बने। वे 'शेख़ मुजीब' के नाम से भी प्रसिद्ध थे। उन्हें 'बंगबन्धु' की पदवी से सम्मानित किया गया। १५ अगस्त १९७५ को सैनिक तख़्तापलट के द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। उनकी दो बेटियों में एक शेख़ हसीना तख़्तापलट के बाद जर्मनी से दिल्ली आई और १९८१ तक दिल्ली रही और १९८१ के बाद बंग्लादेश जा के पिता की राजनैतिक विरासत को संभाला। .

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शेख मुजीबुर्रहमान का हत्याकाण्ड

बांग्लादेश के राष्ट्रपति शेख मुजिबुर रहमान का हत्याकाण्ड एक राजनीतिक तख्तापलट था जिसमें लगभग पूरे परिवार सहित उनकी हत्या कर दी गयी। यह घटना वर्ष १९७५ के १५ अगस्त को बांलादेश सेनाबाहिनी के एक दल द्वारा प्रातःकाल में हुई थी जो उन्हें गिरफ्तार करने के लिये गया था। उनकी हत्या के बाद खन्दकार मोशताक आहमद को राष्ट्रपति बना दिया गया जो मुजीब के कैबिनेट के एक मन्त्री थे। श्रेणी:बांग्लादेश का इतिहास.

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शेख रज्जाक अली

शेख रज्जाक अली (28 अगस्त 1928 – 7 जून 2015)एक बांग्लादेशी राजनेता, उप कानून मंत्री और बांग्लादेशी संसद के उपाध्यक्ष व दो बार के अध्यक्ष थे। 7 जून 2015 को उनका निधन हो गया। उनका जन्म, 1928 में खुलना जिला के पाईकगाछा के हितमपुर गाँव में हुआ था। और उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय से 1952 मे अर्थशास्त्र में एॅमए की डिगरी प्राप्त की और बाद में उसी विश्वविद्यालय से बंगाली साहित्य में एॅमए भी किया, और फिर वहीं से एॅलएॅलबी भी 1954 में किया। उन्होंने बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम में रकृय भागीदारी दीथी। और 1952 के भाषा आंदोलन, 1969 के जन आंदोलन और 1971 की बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में जम कर हिस्सा लिया था। साथ ही 1982-90 के एकतंत्र के खिलाफ आंदोलन मेंभी वे सक्रिय थे। .

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शेख हसीना

शेख हसीना शेख हसीना (जन्म: २८ सितम्बर १९४७) बांगलादेश की वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। वे बांलादेशे ९वीं राष्ट्रीय संसद के सरकारी पक्ष की प्रधान एवं बांग्लादेश अवामी लीग की नेत्री हैं। वे बांलादेश के महान स्वाधीनता संग्राम के प्रधान नेता तथा बांग्लादेश सरकार के प्रथम राष्ट्रपति राष्ट्रीय जनक बंगबन्धु शेख मुजीबुर्रहमान की पुत्री हैं। .

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शोनाडांगा थाना

शोनाडांगा थाना, बांग्लादेश का एक थाना/ उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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सचिन तेंदुलकर

सचिन रमेश तेंदुलकर (अंग्रेजी उच्चारण:, जन्म: २४ अप्रैल १९७३) क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ौं में गिने जाते हैं। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सन् २००८ में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। सन् १९८९ में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात् वह बल्लेबाजी में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में १४००० से अधिक रन बनाने वाले वह विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है।    उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुम्बई के लिये १४ वर्ष की उम्र में खेला था। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत १९८९ में पाकिस्तान के खिलाफ कराची से हुई। सचिन क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्व भर में उनके अनेक प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं जिनमें सबसे प्रचलित लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर है। क्रिकेट के अलावा वह अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं। तत्काल में वह राज्य सभा के सदस्य हैं, सन् २०१२ में उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर फिल्म ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’ बनी। इस फ़िल्म का टीज़र भी बहुत रोमांचक हैं। टीजर में एक ऐसे इंसान को उसी की कहानी सुनाते हुए देखेंगे जो एक शरारती बच्चे से एक हीरो बनकर उभरता है। ख़ुद सचिन तेंदुलकर का भी ये मानना है कि क्रिकेट खेलने से अधिक चुनौतीपूर्ण अभिनय करना है।सचिन – ए बिलियन ड्रीम्स’ का निर्माण रवि भगचंदका ने किया है और इसका निर्देशन जेम्स अर्सकिन ने। .

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सदरपुर उपज़िला

सदरपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के फरिदपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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सन्द्बीप उपज़िला

सन्द्बीप उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सफ़ेद गाल वाला तीतर

सफ़ेद गाल वाला तीतर (White-cheeked Partridge) (Arborophila atrogularis) तीतर कुल का एक पक्षी है जो पूर्वोत्तर भारत, चीन, म्यानमार तथा बांग्लादेश में पाया जाता है। .

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सब्बीर रहमान

सब्बीर रहमान (जन्म; २२ नवंबर, १९९१) एक बांग्लादेशी क्रिकेट खिलाड़ी है। ये राजशाही के रहने वाले हैं और राष्ट्रीय टीम के अलावा राजशाही डिवीजन के लिए भी खेलते हैं। ये एक ऑलराउंडर की भूमिका निभाते है। सब्बीर दाएं हाथ के बल्लेबाज और लेग ब्रेक गेंदबाज हैं। ये अंडर-१९ बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कप्तान भी रह चुके है। सब्बीर रहमान टेस्ट क्रिकेट, एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय और ट्वेन्टी ट्वेन्टी तीनों प्रारूपों में बांग्लादेश क्रिकेट टीम का करते है। .

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सम्पर्क भाषा

उस भाषा को सम्पर्क भाषा (lingua franca) कहते हैं जो किसी क्षेत्र में सामान्य रूप से किसी भी दो ऐसे व्यक्तियों के बीच प्रयोग हो जिनकी मातृभाषाएँ अलग हैं। इसे कई भाषाओं में 'लिंगुआ फ़्रैंका' (lingua franca) कहते हैं। इसे सेतु-भाषा, व्यापार भाज़ा, सामान्य भाषा या वाहन-भाषा भी कहते हैं। मानव इतिहास में सम्पर्क भाषाएँ उभरती रही हैं। .

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समोसा

समोसा एक तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन है। इसमें प्रायः मसालेदार भुने या पके हुए सूखे आलू, या इसके अलावा मटर, प्याज, दाल, कहीम कहीं मांसा भी भरा हो सकता है। इसका आकार प्रायः तिकोना होता है किन्तु आकार और नाप भिन्न-भिन्न स्थानों पर बदल सकता है। अधिकतर ये चटनी के संग परोसे जाते हैं। ये अल्पाहार या नाश्ते के रूप में भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, दक्षिण पश्चिम एशिया, अरब प्रायद्वीप, भूमध्य सागर क्षेत्र, अफ़्रीका का सींग, उत्तर अफ़्रीका एवं दक्षिण अफ़्रीका में प्रचलित हैं। .

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सरपंच

सरपंच पंचायत का प्रमुख होता है। सरपंच भारत में स्थानीय स्वशासन के लिए गांव स्तर पर विधिक संस्था ग्राम पंचायत का प्रधान होता है।पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के गॉवों में भी यह प्रसाशन प्रणाली पायी जाती है। सरपंच चुने गए पंचों की मदद से ग्राम पंचायत के महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेता है।सरपंच का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। .

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सरसों का तेल

सरसों का तेल सरसों के तेल शब्द का इस्तेमाल तीन भिन्न प्रकार के तेलों के लिए किया जाता है जो सरसों के बीज से बने होते हैं।.

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सराइल उपज़िला

सराइल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के ब्राह्मणबाड़िय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सरिशाबाड़ी उपज़िला

सरिशाबाड़ी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सर्पगन्धा

सर्पगन्धा एपोसाइनेसी परिवार का द्विबीजपत्री, बहुवर्षीय झाड़ीदार सपुष्पक और महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। इस पौधे का पता सर्वप्रथम लियोनार्ड राल्फ ने १५८२ ई. में लगाया था। भारत तथा चीन के पारंपरिक औषधियों में सर्पगन्धा एक प्रमुख औषधि है। भारत में तो इसके प्रयोग का इतिहास ३००० वर्ष पुराना है। सर्पगन्धा के पौधे की ऊँचाई ६ इंच से २ फुट तक होती है। इसकी प्रधान जड़ प्रायः २० से.

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सर्बानन्द सोणोवाल

सर्बानंद सोनोवाल (जन्म: 31 अक्टूबर 1962) असम के १४ वें मुख्यमंत्री हैं। वे भारत की सोलहवीं लोकसभा के सांसद हैं। २०१४ के चुनावों में वे असम की लखीमपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए। सोनोवाल का जन्म असम के डिब्रुगढ़ में हुआ है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें खेल एवं युवा मामलों के राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) का पद दिया गया। मई २०१६ में हुए असम विधान सभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे। चुनावों में पार्टी के विजयी होने के बाद सोनोवाल ने २४ मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। .

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सरोजिनी साहू

सरोजिनी साहू (ओड़िया: ସରୋଜିନୀ ସାହୁ) ओड़िया भाषा की एक प्रमुख साहित्यकार हैं। वे स्त्री विमर्श से जुड़ी कृतियों के लिए विशेष रूप से चर्चित रही हैं। सरोजिनी चेन्नई स्थित अंग्रेजी पत्रिका इंडियन एज ('Indian AGE) की सहयोगी संपादक हैं। कोलकाता की अंग्रेजी पत्रिका “किंडल” ने उन्हे भारत की 25 असाधारण महिलाओं में शुमार किया है। .

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सरीसृप

सरीसृप (Reptiles) प्राणी-जगत का एक समूह है जो कि पृथ्वी पर सरक कर चलते हैं। इसके अन्तर्गत साँप, छिपकली,मेंढक, मगरमच्छ आदि आते हैं। .

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सलमा अख़्तर

सलमा अख़्तर (बंगाली: সালমা আক্তার) बांग्लादेशी गायिका हैं। .

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साटुरिय़ा उपज़िला

साटुरिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मानिकगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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साँथिय़ा उपज़िला

साँथिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के पाबना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पाबना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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साँवा

सांवा घास साँवा या 'सावाँ' (Indian barnyard millet; वानस्पतिक नाम: Echinochloa frumentacea) एक मोटा अनाज है। इसके दाने या बीज बाजरे के साथ मिलाकर खाये भी जाते हैं। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश में यह खूब पैदा होती है। अनुपजाऊ भूमि पर भी इसकी खेती की जा सकती है जहाँ धान की फसल नहीं होती। Echinochloa colona नामक एक प्रकार की लंबी घास इसकी पूर्वज मानी जाती है जिसकी बालें चारे के काम आती हैं। .

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सातकानिय़ा उपज़िला

सातकानिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सातक्षीरा सदर उपज़िला

सातक्षीरा सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला सातक्षीरा जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह खुलना विभाग के सातक्षीरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सातक्षीरा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सादुल्लापुर उपज़िला

सादुल्लापुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के गाइबान्धा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय गाइबान्धा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सापाहार उपज़िला

सापाहार उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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साभार उपज़िला

साभार उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के ढाका ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल ५ उपज़िले है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है, और वृहत्तर ढाका महानगर क्षेत्र का अंश है। .

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सारिय़ाकान्दी उपजिला

सारिय़ाकान्दी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सार्क

कोई विवरण नहीं।

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सार्क फाउंटेन

सार्क फाउंटेन, दिसंबर 1985 में बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव राज्यों के प्रमुख द्वारा स्थापित किया गया था। हालांकि यह ढाका शहर में पन्था पथ पर स्थित है। एक सार्क शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर बांग्लादेश सरकार ने इस स्मारक की स्थापना की थी। बांग्लादेशी कलाकार नीतू कुंडू ने इसे डिज़ाइन किया और बनाया। यह केवल स्टील से बना है। .

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सालथा उपज़िला

सालथा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के फरिदपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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साघाटा उपज़िला

साघाटा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के गाइबान्धा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय गाइबान्धा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सांसद

सांसद, संसद में मतदाताओं का प्रतिनिधि होता है। अनेक देशों में इस शब्द का प्रयोग विशेष रूप से निम्न सदन के सदस्यों के लिए किया जाता है। क्योंकि अक्सर उच्च सदन के लिए एक अलग उपाधि जैसे कि सीनेट एवं इसके सदस्यों के लिये सीनेटर का प्रयोग किया जाता है सांसद अपनी राजनीतिक पार्टी के सदस्यों के साथ मिलकर संसदीय दल का गठन करते हैं। रोजमर्रा के व्यवहार में अक्सरसांसद शब्द के स्थान पर मीडिया में इसके लघु रूप "MP"का प्रयोग किया जाता है। .

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साउथ जोन क्रिकेट टीम (बांग्लादेश)

साउथ जोन क्रिकेट टीम एक प्रथम श्रेणी की क्रिकेट टीम है जो बांग्लादेश क्रिकेट लीग (बीसीएल) में दक्षिण-पश्चिमी बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व करती है।.

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सिन्धु-गंगा के मैदान

सिन्धु-गंगा मैदान का योजनामूलक मानचित्र सिन्धु-गंगा का मैदान, जिसे उत्तरी मैदानी क्षेत्र तथा उत्तर भारतीय नदी क्षेत्र भी कहा जाता है, एक विशाल एवं उपजाऊ मैदानी इलाका है। इसमें उत्तरी तथा पूर्वी भारत का अधिकांश भाग, पाकिस्तान के सर्वाधिक आबादी वाले भू-भाग, दक्षिणी नेपाल के कुछ भू-भाग तथा लगभग पूरा बांग्लादेश शामिल है। इस क्षेत्र का यह नाम इसे सींचने वाली सिन्धु तथा गंगा नामक दो नदियों के नाम पर पड़ा है। खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी होने के कारण इस इलाके में जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक है। 7,00,000 वर्ग किमी (2,70,000 वर्ग मील) जगह पर लगभग 1 अरब लोगों (या लगभग पूरी दुनिया की आबादी का 1/7वां हिस्सा) का घर होने के कारण यह मैदानी इलाका धरती की सर्वाधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है। सिन्धु-गंगा के मैदानों पर स्थित बड़े शहरों में अहमदाबाद, लुधियाना, अमृतसर, चंडीगढ़, दिल्ली, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, कोलकाता, ढाका, लाहौर, फैसलाबाद, रावलपिंडी, इस्लामाबाद, मुल्तान, हैदराबाद और कराची शामिल है। इस क्षेत्र में, यह परिभाषित करना कठिन है कि एक महानगर कहां शुरू होता है और कहां समाप्त होता है। सिन्धु-गंगा के मैदान के उत्तरी छोर पर अचानक उठने वाले हिमालय के पर्वत हैं, जो इसकी कई नदियों को जल प्रदान करते हैं तथा दो नदियों के मिलन के कारण पूरे क्षेत्र में इकट्ठी होने वाली उपजाऊ जलोढ़ मिटटी के स्रोत हैं। इस मैदानी इलाके के दक्षिणी छोर पर विंध्य और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाएं तथा छोटा नागपुर का पठार स्थित है। पश्चिम में ईरानी पठार स्थित है। .

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सिराजदीखान उपज़िला

सिराजदीखान उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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सिराजगंज सदर उपज़िला

सिराजगंज सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला सिराजगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह राजशाही विभाग के सिराजगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिराजगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सिलहट विभाग

सिलहट बांग्लादेश का एक उपक्षेत्र है इसका मुख्यालय सिलहट है। इस उपक्षेत्र या प्रान्त में ४ जिले हैं। हबीबगंज, मौलवी बजार, सुनामगंज, सिलहट। श्रेणी:बांग्लादेश के विभाग श्रेणी:सिलेट विभाग.

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सिल्वर जुबली इंडिपेंडस कप 1997-98

सिल्वर जुबली इंडिपेंडस कप जनवरी 1998 में ढाका, बांग्लादेश में आयोजित एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट था। टूर्नामेंट बांग्लादेश की आजादी के 25 वर्षों के उत्सव के रूप में आयोजित किया गया था और सभी खेलों का आयोजन बांग्लादेश राष्ट्रीय स्टेडियम, ढाका, बांग्लादेश में हुआ था। भारत, पाकिस्तान और मेजबान बांग्लादेश टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीमें थे। भारत तीन फाइनल में सर्वश्रेष्ठ फाइनल के तीसरे फाइनल में पाकिस्तान को हराकर टूर्नामेंट के विजेता थे। भारत ने एक रोमांचक मैच में पाकिस्तान के कुल 314/5 का सफलतापूर्वक पीछा किया, जो उस समय एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक सफल रन चेस के लिए विश्व रिकॉर्ड था। ऋषिकेश कानिटकर ने चार हिट की शुरुआत की, जब आखिरी दो गेंदों में 3 रनों की आवश्यकता थी, जिससे भारत ने रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा किया और रजत जयंती स्वतंत्रता कप को उछाला। सौरव गांगुली को तीसरे फाइनल में अपने शानदार शतक के लिए मैच के खिलाड़ी से सम्मानित किया गया था, जबकि सचिन तेंदुलकर को श्रृंखला के खिलाड़ी का नाम दिया गया था। .

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सिलेट नगर निगम

सिलेट सिटी कॉर्पोरेशन यानि सिलेट नगर निगम, बांग्लादेश के सिलेट नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के सिलेट नगर के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। सिलेट, बांग्लादेश के सिलेट विभाग में स्थित, बांग्लादेश के बृहत्तम् नगरों में से एक है। इस निकाय की स्थापना सिलेट के प्रशासन हेतु एक नगर पालिका के रूप में हुआ था, तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम के स्तर पर उन्नतस्थ कर दिया गया। .

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सिलेट सदर उपज़िला

सिलेट सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला सिलेट जिले के ज़िला सदर, यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सिलेटी भाषा

सिलेटी भाषा बांग्लादेश के सिलेट इलाके (जिसे सूरमा घाटी भी कहा जाता है) का भाषा है। सिलेटी भाषा सबसे ज्यादा बांग्लादेश और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के असम और त्रिपुरा में सबसे ज़्यादा बोली जाती है, इसके अलावा भारत के दूसरे उत्तरपूर्वी राज्यों के आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्से का भी मातृभाषा यही है। संयुक्त राजशाही, संयुक्त राज्य और खाड़ी के देशों में बसने वाले बंगलादेशी यह भाषा ज़्यादातर बोलते हैं। सिलेटी को अक्सर बंगाली का एक बोली माना जाता है और कभी कभी पारस्परिक स्पष्टता की कमी के कारण इसे कभी कभी एक अलग भाषा भी माना जाता है। सिलेट पहले कामरूप राज्य का हिस्सा था और असमिया भाषा के साथ सिलेटी बहुत मेल खाता है। पहले यह भाषा अपने लिपि में लिखी जाती थी, पर अब यह बंगाली लिपि में ही लिखी जाती है। .

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सिलीगुड़ी

'''सिलिगुड़ी''': पूर्वोत्तर भारत का प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी (बंगाली: শিলিগুড়ি) पश्चिम बंगाल का एक नगर है, जो दार्जिलिंग तथा जलपाईगुड़ी जिले में स्थित है। रेल और राजपथ का अंतस्थ होने के कारण, यह नगर दार्जिलिंग एवं सिक्किम के व्यापार का केंद्र है। जूट व्यवसाय नगर का प्रमुख व्यवसाय है। यह महानन्दा नदी के किनारे हिमालय के पाद पर स्थित है और जलपाईगुड़ी से ४२ किमी दूरी पर स्थित है। यह उत्तरी बंगाल का प्रमुख वाणिज्यिक, पर्यटक, आवागमन, तथा शैक्षिक केन्द्र है।२०११ में इसकी जनसंख्या ७ लाख थी। गुवाहाटी के बाद यह पूर्वोत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। यह पश्चिम बंगाल का महत्वपूर्ण व्यापार केन्द्र बन चुका है। इस नगर में लगभग २० हजार देसी और १५ हजार विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष आते हैं। नेपाल, भूटान तथा बांग्लादेश आदि पड़ोसी देशों और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के लिये भी यह वायु, सड़क तथा रेल यात्रा का पड़ाव बिन्दु है। यह चाय, आवागमन, पर्यटन तथा इमारती लकड़ी के लिये प्रसिद्ध है। .

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सिंड़ा उपज़िला

सिंड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नाटोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नाटोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सिंह (पशु)

सिंह (पेन्थेरा लियो) पेन्थेरा वंश की चार बड़ी बिल्लियों में से एक है और फेलिडे परिवार का सदस्य है। यह बाघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी सजीव बिल्ली है, जिसके कुछ नरों का वजन २५० किलोग्राम से अधिक होता है। जंगली सिंह वर्तमान में उप सहारा अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया से गायब हो गए थे। प्लेइस्तोसेन के अंतिम समय तक, जो लगभग १०,००० वर्ष् पहले था, सिंह मानव के बाद सबसे अधिक व्यापक रूप से फैला हुआ बड़ा स्तनधारी, भूमि पर रहने वाला जानवर था। वे अफ्रीका के अधिकांश भाग में, पश्चिमी यूरोप से भारत तक अधिकांश यूरेशिया में और युकोन से पेरू तक अमेरिका में पाए जाते थे। सिंह जंगल में १०-१४ वर्ष तक रहते हैं, जबकि वे कैद मे २० वर्ष से भी अधिक जीवित रह सकते हैं। जंगल में, नर कभी-कभी ही दस वर्ष से अधिक जीवित रह पाते हैं, क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों के साथ झगड़े में अक्सर उन्हें चोट पहुंचती है। वे आम तौर पर सवाना और चारागाह में रहते हैं, हालांकि वे झाड़ी या जंगल में भी रह सकते हैं। अन्य बिल्लियों की तुलना में सिंह आम तौर पर सामाजिक नहीं होते हैं। सिंहों के एक समूह जिसे अंग्रेजी मे प्राइड कहॉ जाता में सम्बन्धी मादाएं, बच्चे और छोटी संख्या में नर होते हैं। मादा सिंहों का समूह प्रारूपिक रूप से एक साथ शिकार करता है, जो अधिकांशतया बड़े अनग्युलेट पर शिकार करते हैं। सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं। सिंह आमतौर पर चयनात्मक रूप से मानव का शिकार नहीं करते हैं, फिर भी कुछ सिंहों को नर-भक्षी बनते हुए देखा गया है, जो मानव शिकार का भक्षण करना चाहते हैं। सिंह एक संवेदनशील प्रजाति है, इसकी अफ्रीकी रेंज में पिछले दो दशकों में इसकी आबादी में संभवतः ३० से ५० प्रतिशत की अपरिवर्तनीय गिरावट देखी गयी है। ^ डाटाबेस प्रवेश में एस बात का एक लंबा औचित्य सम्मिलित है कि यह प्रजाति संवेदनशील क्यों है। क्यों इस प्रजाति की दुर्दशा का एक भी सम्मिलित है सिंहों की संख्या नामित सरंक्षित क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों के बहार अस्थिर है। हालांकि इस गिरावट का कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, आवास की क्षति और मानव के साथ संघर्ष इसके सबसे बड़े कारण हैं। सिंहों को रोमन युग से पिंजरे में रखा जाता रहा है, यह एक मुख्य प्रजाति रही है जिसे अठारहवीं शताब्दी के अंत से पूरी दुनिया में चिडिया घर में प्रदर्शन के लिए रखा जाता रहा है। खतरे में आ गयी एशियाई उप प्रजातियों के लिए पूरी दुनिया के चिड़ियाघर प्रजनन कार्यक्रमों में सहयोग कर रहे हैं। दृश्य रूप से, एक नर सिंह अति विशिष्ट होता है और सरलता से अपने अयाल (गले पर बाल) द्वारा पहचाना जा सकता है। सिंह, विशेष रूप से नर सिंह का चेहरा, मानव संस्कृति में सबसे व्यापक ज्ञात जंतु प्रतीकों में से एक है। उच्च पाषाण काल की अवधि से ही इसके वर्णन मिलते हैं, जिनमें लॉसकाक्स और चौवेत गुफाओं की व नक्काशियां और चित्रकारियां सम्मिलित हैं, सभी प्राचीन और मध्य युगीन संस्कृतियों में इनके प्रमाण मिलते हैं, जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए गए। राष्ट्रीय ध्वजों पर, समकालीन फिल्मों और साहित्य में चित्रकला में, मूर्तिकला में और साहित्य में इसका व्यापक वर्णन पाया जाता है। .

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सिङ्गाइर उपज़िला

सिंगाइर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मानिकगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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सईद अनवर

सईद अनवर (سعید انور, कराची, पकिस्तान में 6 सितम्बर 1968 को जन्म) एक पूर्व पाकिस्तानी ओपनिंग बल्लेबाज हैं। वे एक बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जिन्हें मुख्य रूप से 1997 में चेन्नई में भारत के खिलाफ 194 रन बनाने के लिए जाना जाता है, यह एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय में किसी खिलाडी के द्वारा बनाया गया उच्चतम स्कोर था और अब दूसरे स्थान पर उच्चतम स्कोर है। .

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सखिपुर उपज़िला

सखिपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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संथाली भाषा

संताली मुंडा भाषा परिवार की प्रमुख भाषा है। यह असम, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ, बिहार, त्रिपुरा तथा बंगाल में बोली जाती है। संथाली, हो और मुंडारी भाषाएँ आस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार में मुंडा शाखा में आती हैं। संताल भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में लगभग ६० लाख लोगों से बोली जाती है। उसकी अपनी पुरानी लिपि का नाम 'ओल चिकी' है। अंग्रेजी काल में संथाली रोमन में लिखी जाती थी। भारत के उत्तर झारखण्ड के कुछ हिस्सोँ मे संथाली लिखने के लिये देवनागरी लिपि का प्रयोग होता है। संतालों द्वारा बोली जानेवाली भाषा को संताली कहते हैं। .

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संयुक्त भूयोजना एशिया के लिए

दक्षिणी एशिया .

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संज्ञेय अपराध

भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अपराध (क्राइम) की दो श्रेणीयाँ की गयी हैं-.

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सुचित्रा सेन

सुचित्रा सेन (जन्म: ६ अप्रैल १९३१ - १७ जनवरी २०१४) हिन्दी एवं बांग्ला फिल्मों की एक अभिनेत्री थीं। वह मुनमुन सेन की माँ थी। विशेषकर उत्तम कुमार के साथ अभिनय करन के कारण वे सारे बंगाल में अत्यन्त जनप्रिय हुईं। उत्तम-सुचित्रा की जोड़ी आज भी बांग्ला चलचित्र की श्रेष्ठ जोड़ी मानी जाती है। वे प्रथम भारतीय अभिनेत्री हैं जिनको किसी अन्तर्राष्ट्रीय चलचित्र महोत्सव में पुरस्कार प्रदान किया गया (श्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - 'सात पाके बाँधा' १९६३ के लिए, मास्को चलचित्र उत्सव)। .

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सुनामगञ्ज सदर उपज़िला

सुनामगंज सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला सुनामगंज जिले के ज़िला सदर, यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सुन्दरवन

सुंदरवन का उपग्रह चित्र सुंदरवन का उपग्रह चित्र, भारत एवं बांग्लादेश सुंदरवन या सुंदरबोन भारत तथा बांग्लादेश में स्थित विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा है। यहां के नरभक्षी बाघ 'बंगाल टाइगर' के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। मै .

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सुन्दरगञ्ज उपज़िला

सुन्दरगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के गाइबान्धा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय गाइबान्धा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सुनील गंगोपाध्याय

सुनील गंगोपाध्याय या सुनील गांगुली (সুনীল গঙ্গোপাধ্যায়), (7 सितम्बर 1934 – 23 अक्टूबर 2012) सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार थे। वो कवि और उपन्यासकार थे। .

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सुबर्ण चर उपज़िला

सुबर्ण चर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के नोय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नोय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सुमात्रा गैंडा

सुमात्रा गैंडा एक दुर्लभ परिवार राइनोसिरोटिडी के सदस्य और पांच वर्तमान गैंडों में से एक है। सुमात्रा गैंडों को "बालों गैंडों" भी कहा जाता है। यह वंश डाइसिरोराइनस का केवल वर्तमान प्रजातियों है। यह सबसे छोटा गैंडा है भले ही यह एक बड़ा स्तनपायी है। इस गैंडों २.३६-३.१८ मीटर (७.७-१०.४ फुट) की सिर और शरीर की लंबाई और ३५-७० सेंटीमीटर की पूंछ (१४-२८ में साथ, कंधे पर ११२-१४५ सेमी (३.६७-४.७६ फुट) उच्चा खड़ा है)। वजन ५०० से १००० किलोग्राम से पर्वतमाला है। यह भारत, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, और चीन में प्रजातियों का वर्षावन, दलदलों, और बादल जंगलों के सदस्य थे। यह केवल दो सींग के एशियन गैंडों है। सुमात्रा गैंडों आम तौर पर फल, टहनियाँ, पत्ते, और झाड़ियाँ पर फ़ीड कि एकान्त जीव हैं। अन्य गैंडों की तरह वे गंध और तेज सुनवाई की एक गहरी समझ है, और वे एक दूसरे को खोजने के लिए जंगल भर में सुगंधित ट्रेल्स के एक नेटवर्क छोड़ देते है। वह इंडोनेशिया में सबसे बड़ी आबादी मैं मौजूद हैं और सबा, मलेशिया में छोटे अवशेष आबादी मैं मौजूद हैं। सुमात्रा गैंडों प्रेमालाप और संतानों के पालन के लिए छोड़कर ज्यादातर एकान्त जानवर है। यह सबसे मुखर गैंडों का प्रजाति है और पौधे को घुमा कर मिट्टी पर पैटर्न बनाता है और मलमूत्र छोड़ने के माध्यम से संचार करता है। .

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सुर्मा नदी

सुर्मा भारत के असम राज्य और बांग्लादेश की नदी है। मणिपुर की उत्तरी पर्वतमाला से यह नदी निकलती है। इस नदी का उद्गम जप्वो (Japvo) के दक्षिणी पर्वतस्कंधों के मध्य में है। यहाँ से निकलने के बाद यह मणिपुर की पहाड़ियों से होकर बहती है। मणिपुर एवं कछार में इस नदी का नाम बराक है। कछार जिले में बदरपुर से कुछ आगे यह दो शाखाओं में बँट जाती है- उत्तरी शाखा और दक्षिणी शाखा। उत्तरी शाखा सुर्मा कहलाती है और बंगलादेश के सिलहट जिले से होकर बहती है। दक्षिणी शाखा कुसिआरा कहलाती है और यह पुन: बिबियाना या कालनी एवं बराक नामक शाखाओं में विभाजित हो जाती है। ये दोनों शाखाएँ आगे चलकर उत्तरी शाखा से मिल जाती है। बंगलादेश के मैमनसिंह जिले के भैरव बाजार नामक स्थान पर सुर्मा नदी ब्रह्मपुत्र की पुरानी शाखा से मिलती है। उद्गम स्थल से लेकर इस संगमस्थल तक सुर्मा नदी की कुल लंबाई लगभग 896 किमी है। अब यह इस संगमस्थल से लेकर नारायण गंज एवं चाँदपुर के मध्य तक, जहाँ सुर्मा एवं ब्रह्मपुत्र का संयुक्त जल गंगा से मिलता है, मेघना कहलाती है। श्रेणी:भारत की नदियाँ.

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सुरेन्द्र कुमार सिन्हा

सुरेन्द्र कुमार सिन्हाबांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के प्रथम हिन्दू प्रधान न्यायाधीश हैं। १७ जनवरी २०१५ को बंगलादेश के राष्ट्रपति ने देश के सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया। सिन्हा बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के २१ वें प्रधान न्यायाधीश हैं। .

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सुरेन्द्रनाथ दासगुप्त

200px सुरेन्द्रनाथ दासगुप्त (अक्टूबर 1887 – 18 दिसम्बर 1952) संस्कृत तथा दर्शन के विद्वान थे। वे विश्व के एक प्रमुख दार्शनिक तथा भारतीय दर्शन और साहित्य के भाग्य विद्वान् थे। कैम्ब्रिज यूनीवर्सिटी प्रेस की ओर से पांच खण्डों में प्रकाशित उनका 'भारतीय दर्शन का इतिहास' नामक ग्रंथ भारतीय दर्शन के प्रति उनकी एक विशिष्ट देन है। सुरेन्द्रनाथ दासगुप्त का मानना है कि सम्पूर्ण विश्व में अपनाई जा रही वैज्ञानिक विधि का प्रतिपादन भारतीय दार्शनिक-वैज्ञानिक गौतम या अक्षपाद ने न्यायसूत्र के रूप में किया था (एस.एन.दासगुप्ता, हिस्टरी ऑफ इण्डिन फिलोसॉफी)। उनका यह भी विचार है कि न्यायदर्शन की उत्पत्ति आयुर्वेदाचार्यों की चर्चाओं का परिणाम था। .

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सुज़ुकी

एक जापानी बहुराष्ट्रीय निगम है जिसका मुख्यालय हमामात्सू, जापान में स्थित है और जो काम्पैक्ट ऑटोमोबाइल और 4x4 वाहन, सभी रेंज की मोटरसाइकिल, ऑल-टेरेन वाहन (ATVs), आउटबोर्ड जहाज इंजन, व्हीलचेयर और अन्य प्रकार के छोटे आंतरिक दहन इंजन का उत्पादन करती है। उत्पादन मात्रा के आधार पर सुज़ुकी दुनिया भर में नौवीं सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल निर्माता है, करीब 45,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती है और 23 देशों में इसकी 35 मुख्य उत्पादन इकाइयां और 192 देशों में इसके 133 वितरक हैं। आंकड़ों के अनुसार जापान ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (जेएएमए) से सुज़ुकी जापान की छोटी कारों और ट्रकों की दूसरी सबसे बड़ी निर्माता है। जापानी भाषा में "सुज़ुकी" को उच्चारित किया जाता है, जिसमें पर बलाघात दिया जाता है। अंग्रेजी में इसका उच्चारण किया जाता है और ज़ु पर जोर डाला जाता है। इस उच्चारण का इस्तेमाल सुज़ुकी कंपनी द्वारा उन विपणन अभियानों के लिए किया जाता है जो अंग्रेजी भाषियों के लिए होते हैं। .

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सुजानगर उपज़िला

सुजानगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के पाबना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पाबना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सुंजामुल इस्लाम

एक बांग्लादेशी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी है। ये मुख्य रूप से बाएं हाथ से गेंदबाजी के लिए जाने जाते है। इन्होंने अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत साल २०१८ को ३१ जनवरी को श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ की थी तो एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में इन्होंने पहला मैच १९ मई २०१७ को खेला था। इनका जन्म बांग्लादेश के राजशाही में हुआ था। .

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स्टुअर्ट बिन्नी

स्टुअर्ट टेरेंस रोजर बिन्नी(जन्म 3 जून 1984) एक भारतीय क्रिकेटर है जो घरेलू रणजी ट्रॉफीमैच कर्नाटक की ओर से खेलते है। बिन्नी दाएँ हाथ से बल्लेबाजी तथा मध्यम गति की गेंदबाजी करते है। .

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स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास

कोई विवरण नहीं।

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स्वतंत्रता दिवस (बांग्लादेश)

'''जातीय स्मृति शौद्ध''': बांग्लादेश के स्वतन्त्रता-सेनानियों का स्मारक बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस (স্বাধীনতা দিবস शाधिनता दिबोश), 26 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन बांग्लादेश में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस अवसर पर बांग्लादेश में स्वतंत्रता दिवस परेड, राजनीतिक भाषणों, मेलों, संगीत समारोह के साथ बांग्लादेश की परंपराओं पर आधारित उत्सव मनाया जाता है। टीवी और रेडियो स्टेशनों में विशेष कार्यक्रमों और देशभक्ति के गीतों का प्रसारण किया जाता है। आम तौर पर इस दिन सुबह में आयोजित समारोह के दौरान एकतीस तोपों की सलामी दी जाती है। मुख्य सड़कों को राष्ट्रीय ध्वज से सजाया जाता है। विभिन्न राजनीतिक दल और सामाजिक संगठनों के द्वारा एक उचित तरीके से स्वतन्त्रता दिवस समारोह ढाका के आसपास तथा राष्ट्रीय स्मारकों पर आयोजित किया जाता है। बंगबंधु के नाम से विख्यात शेख मुजीबुर्रहमान के द्वारा 25 मार्च 1971 की आधी रात के बाद पाकिस्तान से अपने देश की आजादी की घोषणा की गई, उसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। 26 मार्च 1971 को बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा के साथ ही मुक्ति युद्ध की शुरुआत हो गई थी। अंत में जीत 16 दिसम्बर को एक ही वर्ष में हासिल किया गया था, जो विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। शेख मुजीबुर्रहमान ने पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र संग्राम की अगुवाई करते हुए बांग्लादेश को मुक्ति दिलाई। वे बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति बने और बाद में प्रधानमंत्री भी बने। .

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स्वामी निगमानन्द परमहंस

स्वामी निगमानन्द परमहंस (18 अगस्त 1880 - 29 नवम्बर 1935) भारत के एक महान सन्यासी ब सदगुरु थे। उनके शिश्य लोगं उन्हें आदरपूर्वक श्री श्री ठाकुर बुलाते हैं। ऐसा माना जाता है की स्वामी निगमानंद ने तंत्र, ज्ञान, योग और प्रेम(भक्ति) जैशे चतुर्विध साधना में सिद्धि प्राप्त की थी, साथ साथ में कठिन समाधी जैसे निर्विकल्प समाधी का भी अनुभूति लाभ किया था। उनके इन साधना अनुभूति से बे पांच प्रसिध ग्रन्थ यथा ब्रह्मचर्य साधन, योगिगुरु, ज्ञानीगुरु, तांत्रिकगुरु और प्रेमिकगुरु बंगला भाषा में प्रणयन किये थे। उन्होंने असाम बंगीय सारस्वत मठ जोरहट जिला और नीलाचल सारस्वत संघ पूरी जिला में स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। उन्होने सारे साधना मात्र तिन साल में (1902-1905) समाप्त कर लिया था और परमहंस श्रीमद स्वामी निगमानंद सारस्वती देव के नाम से विख्यात हुए। .

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स्वामी प्रणवानन्द

'''भारत सेवाश्रम संघ''' के संस्थापक '''स्वामी प्रणवानन्द''' स्वामी प्रणवानन्द (14 मई १८९६ - १९४१) एक सन्त थे जिन्होने भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना की। उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भी भाग लिया। वे बाबा गंभीरनाथ जी के शिष्य थे। सन् १९१७ में उन्होने भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना की। उनके अनुयायी उन्हे भगवान शिव का अवतार मानते हैं। .

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सैदपुर

सैदपुर (सैयदपुर) (সৈয়দপুর) नीलफमरी जिले का एक नगर है। यह नगर आस पास के जिला मुख्यालयों के लिये एक महत्वपूर्ण सूचना केन्द्र है। यहाँ पर स्थित सैदपुर विमानक्षेत्र एक घरेलू विमानक्षेत्र है। १८७० में स्थापित सैदपुर रेलवे कारखाना बांग्लादेश का सबसे बड़ा कारखाना है। पुराने समय असम-बंगाल रेललाइन के लिये एक महत्वपूर्ण कारखाना था। .

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सैन्य और अर्धसैनिक बलों की संख्या के आधार पर देशों की सूची

विश्व के देशों में २००९ तक सक्रीय बल इस सूची में विश्व के देशों के संख्या के आधार पर सेना और अर्धसैनिक बल है । इसमें पूर्णकालिक सेना और अर्धसैनिक बल सम्मिलित है । .

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सैम मानेकशॉ

सैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ (३ अप्रैल १९१४ - २७ जून २००८) भारतीय सेना के अध्यक्ष थे जिनके नेतृत्व में भारत ने सन् 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजय प्राप्त किया था जिसके परिणामस्वरूप बंगलादेश का जन्म हुआ था। .

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सैयद ए बी महमूद हुसैन

सैयद ए बी महमूद हुसैन एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति अबू सादात मोहम्मद सयम द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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सैयद नज़रुल इस्लाम

सैयद नजरुल इस्लाम बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १७ अप्रैल १९७१ से १० जनवरी १९७२ तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के राष्ट्रपति.

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सैयद रहीम जिल्लुर मुदस्सर हुसैन

सैयद रहीम जिल्लुर मुदस्सर हुसैन एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति इयाजुद्दीन अहमद द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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सैय़दपुर उपज़िला

सैय़दपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के निलफामारी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय निलफामारी सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सूखा

अकाल भोजन का एक व्यापक अभाव है जो किसी भी पशुवर्गीय प्रजाति पर लागू हो सकता है। इस घटना के साथ या इसके बाद आम तौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी, महामारी और मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है। जब किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक (कई महीने या कई वर्ष तक) वर्षा कम होती है या नहीं होती है तो इसे सूखा या अकाल कहा जाता है। सूखे के कारण प्रभावित क्षेत्र की कृषि एवं वहाँ के पर्यावरण पर अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था डगमगा जाती है। इतिहास में कुछ अकाल बहुत ही कुख्यात रहे हैं जिसमें करोंड़ों लोगों की जाने गयीं हैं। अकाल राहत के आपातकालीन उपायों में मुख्य रूप से क्षतिपूरक सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कि विटामिन और खनिज पदार्थ देना शामिल है जिन्हें फोर्टीफाइड शैसे पाउडरों के माध्यम से या सीधे तौर पर पूरकों के जरिये दिया जाता है।, बीबीसी न्यूज़, टाइम सहायता समूहों ने दाता देशों से खाद्य पदार्थ खरीदने की बजाय स्थानीय किसानों को भुगतान के लिए नगद राशि देना या भूखों को नगद वाउचर देने पर आधारित अकाल राहत मॉडल का प्रयोग करना शुरू कर दिया है क्योंकि दाता देश स्थानीय खाद्य पदार्थ बाजारों को नुकसान पहुंचाते हैं।, क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर लंबी अवधि के उपायों में शामिल हैं आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे कि उर्वरक और सिंचाई में निवेश, जिसने विकसित दुनिया में भुखमरी को काफी हद तक मिटा दिया है।, न्यूयॉर्क टाइम्स, 9 जुलाई 2009 विश्व बैंक की बाध्यताएं किसानों के लिए सरकारी अनुदानों को सीमित करते हैं और उर्वरकों के अधिक से अधिक उपयोग के अनापेक्षित परिणामों: जल आपूर्तियों और आवास पर प्रतिकूल प्रभावों के कारण कुछ पर्यावरण समूहों द्वारा इसका विरोध किया जाता है।, न्यूयॉर्क टाइम्स, 2 दिसम्बर 2007, दी अटलांटिक .

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सेनबाग उपज़िला

सेनबाग उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के नोय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नोय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सोनाटोला उपज़िला

सोनाटोला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सोनारगाँव

बड़ा सरदार बरी के खण्डहर, यह सोनारगाँव में एक भवन है। सोनारगाँव बंगाल में इसा खान के साम्राज्य की प्राचीन राजधानी है। यह वर्तमान नगर नारायणगंज, बांग्लादेश में स्थित है। महान मुस्लिम यात्री इब्न बतूता १४वीं सदी में यहाँ आया था। यह शेर शाह सूरी मार्ग का पूर्वी छोर है, जिसे शेर शाह सूरी द्वरा १६वीं सदी में बनवाया गया था और २,५०० किमी लम्बा यह मार्ग उत्तर भारत से होते हुए पाकिस्तान के उत्तर-पूर्वी सीमान्त प्रदेश के पेशावर में समाप्त होता है। .

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सोनारगाँओ उपज़िला

सोनारगाँओ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नाराय़णगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नाराय़णगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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सोनागाजी उपज़िला

सोनागाजी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के फेनी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय फेनी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सोनाइमुड़ि उपज़िला

सोनाइमुड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के नोय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नोय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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सोमपुर महाविहार

पाहाड़पुर बौद्धबिहार या सोमपुर बिहार या सोमपुर महाविहार एक प्राचीन बौद्ध बिहार है जो बर्तमान में ध्वंस अवस्था में है। यह बांग्लादेश के नवगाँव जिले के बादलगाछी उपजिले के पहाड़पुर में स्थित है। यह भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्रसिद्ध बौद्ध बिहारों में से एक है। १८७९ में कनिंघम ने इसकी खोज की थी। वर्ष १९८५ में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया। पालवंश के द्बितीय राजा धर्मपाल देव ने ८वीं शताब्दी के अन्तिम काल में या ९वीं शताब्दी में इस बिहार का निर्माण कराया था। इस बिहार के पास ही स्थित हलूद विहार और सीताकोट विहार (दिनाजपुर जिला) भी उसी काल के हैं। पहाडपुर के बौद्धबिहार को संसार का सबसे बड़ा बौद्ध बिहार कहा जा सकता है। आकार में इसकी तुलना नालन्दा महाविहार से की जा सकती है। यहाँ केवल भारतीय उपमहाद्वीप के ही नहीं बल्कि चीन, तिब्बत, बर्मा, मलेशिया, इन्डोनेशिया आदि देशों के बौद्ध भी धर्मचर्चा एवं धर्मज्ञान करने के लिये यहाँ आते थे। १०वीं शताब्दी में अतीश दीपंकर श्रीज्ञान इस बिहार के आचार्य थे। श्रेणी:बौद्ध विहार.

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सोहन पापड़ी

सोहन पापड़ी या सोम पापड़ी या सोहन हलवा या पतीशा एक लोकप्रिय भारतीय मिठाई है। इनके अलावा यह बांग्लादेश और पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय है। यह आकार में वर्गाकार है और कुरकुरा और परतदार बनावट की होती है। .

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सीताकुण्ड उपज़िला

सीताकुण्ड उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हनफ़ी पन्थ

हनफ़ी (अरबी الحنفي) सुन्नी इस्लाम के चार पन्थों में से सबसे पुराना और सबसे ज़्यादा अनुयायियों वाला पन्थ है। अबु खलीफ़ा, तुर्क साम्राज्य और मुगल साम्राज्य के शासक हनाफी पन्थ के अनुयायी थे। आज हनाफी स्कूल लिवैन्ट, इराक, अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत, चीन, मारीशस, तुर्की, अल्बानिया, मैसेडोनिया में बाल्कन में प्रमुख है। .

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हरिणाकुण्ड उपज़िला

हरिणाकुण्ड उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के झिनाइदह ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय झिनाइदह सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हरिदास ठाकुर

हरिदास ठाकुर (जन्म 1451 या 1450) महान वैष्णव सन्त थे। उन्होने हरे कृष्ण आन्दोलन के आरम्भिक प्रसार में महती भूमिका अदा की। रूप गोस्वामी तथा सनातन गोस्वामी के अतिरिक्त वे चैतन्य महाप्रभु के वे प्रमुख शिष्य थे। .

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हरिनटाना थाना

हरिनटाना थाना, बांग्लादेश का एक थाना/ उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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हरिपुर उपज़िला

हरिपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के ठाकुरगाँओ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ठाकुरगाँओ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हरिरामपुर उपज़िला

हरिरामपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मानिकगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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हर्शल गिब्स

हर्शल हरमन गिब्स (जन्म 23 फ़रवरी 1974, दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में), दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर हैं जो विशेष रूप से एक बल्लेबाज हैं। गिब्स ने स्कूली शिक्षा सेंट जोसेफ मरिस्ट कॉलेज से और फिर रोंड़ेबोश में दिओससन कॉलेज (Diocesan college) से प्राप्त की.

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हरी सिंह थापा

हरि सिंह थापा भारतीय अन्तराष्ट्रीय बक्सर एवम् राष्ट्रिय कोच हैं। हरि भारतीय बक्सिंगके पितामह उपाधि से परिचत हैं। भारत के ललात हिमालय के वृक्षस्थल एवं कूमार्चल की वीर प्रसविनी श्स्य श्यामला भूमी अनंत काल से ही देश भक्तो, वैज्ञानिको तथा वीर सेनानियो की जन्मदात्री रही है। इसी उत्तरांचल कि पावन धरती ने क्रीड़ा क्ष्रेत्र मै भी ऐसे अनेक ज्वाज्वल्यमान रत्नों को जन्म दिया है जिनकी आभा ने देश ही नहीं बाल्कि विदेशो को भी आलोकित किया है। जहां एक ओर स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद चीन और पाकिस्तान से युध मै एवं उसके बाद बांग्लादेश की स्वतंत्रता की लड़ाई के मैदान में यहां के जांबांजो ने अपने अद् भुत यूध कौशल एंव शोर्य से जनपद का नाम रोशन किया, वहीं दूसरी ओर जनपद पिथौरागढ़ के खिलाड़ियो ने खेल के मैदनों में भी अपने उत्कृष्ट खेल क प्रदर्शन से अन्तराष्ट्रीय खेल जगत के इतिहास में पिथौरागढ़ क नाम स्वणाक्षरों में अन्कित करवाया गया है। इन्हीं विशिष्ट खिलाड़ियो मै एक नाम है -अन्तराष्ट्रीय मुक्केबाज श्री हरी सिंह थापा का, जिन्होने अपनी लगन एवं मेहनत से मुक्केबाज क ऊंचे सपनों को पारकर भारत का श्रेष्ठ मुक्केबाज होने क गौरव प्राप्त किया। .

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हलवा

पिस्ता के साथ बाल्कन शैली में ताहिनी आधारित हलवा हलवा (या हलावा, हलेवेह, हेलवा, हलवाह, हालवा, हेलावा, हेलवा, हलवा, अलुवा, चालवा, चलवा) कई प्रकार की घनी, मीठी मिठाई को संदर्भित करता है, जिसे पूरे मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया, मध्य एशिया, पश्चिम एशिया, उत्तरी अफ्रीका, अफ्रीका का सींग, बाल्कन, पूर्वी यूरोप, माल्टा और यहूदी जगत में खाने के लिए पेश किया जाता है। शब्द हलवा (अरबी हलवा حلوى से) का प्रयोग दो प्रकार की मिठाई के वर्णन के लिए किया जाता है.

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हाटहाजारी उपज़िला

हाटहाजारी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हातिबान्धा उपज़िला

हातिबान्धा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के लालमनिरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय लालमनिरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हातिय़ा उपज़िला

हातिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के नोय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नोय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हाबीगञ्ज सदर उपज़िला

हाबीगंज सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला हाबीगंज जिले के ज़िला सदर, यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह सिलेट विभाग के हाबीगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ८ उपज़िले हैं, और मुख्यालय हाबीगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हार्ट-स्पॉटेड कठफोड़वा

हार्ट-स्पॉटेड कठफोड़वा (हेमीसिर्कस कैनेंटे) कठफोड़वा परिवार में पक्षियों की एक प्रजाति है। उनमें विपरीत रंगों, सफ़ेद तथा काले का संयोजन पाया जाता है, एक नाटे परन्तु सुदृढ़ शरीर के साथ एक ढलुआं आकार का सिर इसे आसानी से पहचाने जाने योग्य बनाते हैं, तथा इनकी नियमित पुकार इन्हें आसनी से खोजे जाने योग्य बनाती है, ये अपृष्ठवंशियों (मुख्यतः कीट) रूपी चारा खोजने के लिए वृक्षों की टहनियों के नीचे तनों पर जाते हैं। वे जोड़े अथवा छोटे समूह में देखे जाते हैं तथा अक्सर चारा खोजता हुआ मिश्रित-प्रजाति का समूह के भाग के रूप में भी दिखाई देते हैं। इनका व्यापक वितरण सम्पूर्ण एशिया में विशेष रूप से दक्षिण-पश्चिमी और मध्य भारत के जंगलों में, जो अपने विस्तार में हिमालय तथा दक्षिण-पूर्व एशिया से अलग होते हैं, पाया जाता है। .

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हालुआघाट उपज़िला

हालुआघाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हाजीगञ्ज उपज़िला

हाजीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चाँदपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय चाँदपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हावड़ा

हावड़ा(अंग्रेज़ी: Howrah, बांग्ला: হাওড়া), भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक औद्योगिक शहर, पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर एवं हावड़ा जिला एवं हावड़ सदर का मुख्यालय है। हुगली नदी के दाहिने तट पर स्थित, यह शहर कलकत्ता, के जुड़वा के रूप में जाना जाता है, जो किसी ज़माने में भारत की अंग्रेज़ी सरकार की राजधानी और भारत एवं विश्व के सबसे प्रभावशाली एवं धनी नगरों में से एक हुआ करता था। रवीन्द्र सेतु, विवेकानन्द सेतु, निवेदिता सेतु एवं विद्यासागर सेतु इसे हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित पश्चिम बंगाल की राजधानी, कोलकाता से जोड़ते हैं। आज भी हावड़, कोलकाता के जुड़वा के रूप में जाना जाता है, समानताएं होने के बावजूद हावड़ा नगर की भिन्न पहचान है इसकी अधिकांशतः हिंदी भाषी आबादी, जोकि कोलकाता से इसे थोड़ी अलग पहचान देती है। समुद्रतल से मात्र 12 मीटर ऊँचा यह शहर रेलमार्ग एवं सड़क मार्गों द्वारा सम्पूर्ण भारत से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहाँ का सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन है। हावड़ा स्टेशन पूर्व रेलवे तथा दक्षिणपूर्व रेलवे का मुख्यालय है। हावड़ स्टेशन के अलावा हावड़ा नगर क्षेत्र मैं और 6 रेलवे स्टेशन हैं तथा एक और टर्मिनल शालीमार रेलवे टर्मिनल भी स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग 2 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 6 इसे दिल्ली व मुम्बई से जोड़ते हैं। हावड़ा नगर के अंतर्गत सिबपुर, घुसुरी, लिलुआ, सलखिया तथा रामकृष्णपुर उपनगर सम्मिलित हैं। .

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हाखा चिन भाषा

हाखा चिन (Hakha Chin), जिसे लई (Lai), बौन्गशे (Baungshe) और पावी (Pawi) भी कहते हैं। इसके मातृभाषी अधिकतर भारत के मिज़ोरम राज्य में और बर्मा के चिन राज्य में रहते हैं। लई बोलने वाले कम संख्या में बंग्लादेश के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में भी मिलते हैं। वैसे तो बर्मा के चिन राज्य में औपचारिक रूप से कोई राजभाषा नहीं है लेकिन अधिकतर लोग वहाँ आपस में लई ही बोलते हैं और प्रान्तीय राजधानी हाखा में भी लई ही बोली जाती है। यह काफ़ी हद तक मिज़ो भाषा से भी सम्बन्धित है।, Ethnologue, 1983, 1991, 1996, 2000, access date August 9, 2008 .

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हाइमचर उपज़िला

हाइमचर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चाँदपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय चाँदपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हाकिमपुर उपज़िला

हाकिमपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हाउर

हाउर (बांग्ला: হাওর) बांग्लादेश के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित एक आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र है जिसका आकार एक कटोरे या उथली तश्तरी जैसा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण इस आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र का मुख्य फैलाव बांग्लादेश के सुनामगंज, हबीगंज और मौलवीबाज़ार जिलों और सिलहट सदर उपजिले में है, इसके अलावा इसका कुछ गौण हिस्सा किशोरगंज और नेत्रकोना जिलों में भी पड़ता है। यह एक आर्द्रभूमि पर्यावास के विभिन्न घटकों जैसे कि, नदियों, धाराओं, नहरों मौसमी बाढ़ वाले खेती के मैदानों और सैंकड़ों छोटे छोटे हाउरों और बीलों का सुंदर मिश्रण है। यहाँ पर विभिन्न आकारों वाले लगभग 400 हाउर और बील स्थित है जिनका विस्तार कुछ हेक्टेयर से लेकर हजारों हेक्टेयर तक है। .

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हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार

हिन्द - यूरोपीय भाषाओं देश बोल रही हूँ. गाढ़े हरे रंग के देश में जो बहुमत भाषा हिन्द - यूरोपीय परिवार हैं, लाइट ग्रीन एक देश वह जिसका आधिकारिक भाषा हिंद- यूरोपीय है, लेकिन अल्पसंख्यकों में है। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा-परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार (यानी कि सम्बंधित भाषाओं का समूह) हैं। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं। आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं: हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच, फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि। ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है, उसे आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा का नाम दे सकता है। यह संस्कृत से बहुत मिलती-जुलती थी, जैसे कि वह सांस्कृत का ही आदिम रूप हो। .

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हिमसागर आम

हिमसागर एक बहुत ही लोकप्रिय आम की किस्म है। यह भारत के पश्चिम बंगाल में और बांग्लादेश के राजशाही में मिलता है। इसे स्वाद और सुगंध में दुनिया के सभी आमों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसे अक्सर "आमों का राजा" कहा जाता है। इसके अन्दर नारंगी और पीला रंग होता है। इस फल का आकार मध्यम होता है और वजन 250 से 350 ग्राम तक होता है। इसमें 77% गुदा सामग्री होती है। कई लोगों को इस आम से इतना प्यार हो चुका है कि इस पर इन लोगों ने कई गाने और कवितायें भी लिख चुके हैं। .

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हिल्सा

हिल्सा मछलियाँ हिल्सा (बांग्ला: ইলিশ / इलिस) बंगाली लोगों में सबसे लोकप्रिय मछली है। यह बांग्लादेश का राष्ट्रीय मछली है और पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा आदि में भी अत्यधिक लोकप्रिय है। .

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हिज़ला उपज़िला

हिज़ला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरिशाल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरिशाल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ

हिंद महासागर तटीय सहयोग संध; Indian Ocean Rim Association: यह संघ क्षेत्रीय सहयोग और अंतर्महाद्वीपीय व्यापार में तेजी लाने के उद्देश्य से हिंद महासागर के तीन प्रायद्वीपों- एशिया, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया को एक मंच पर लाता है। .

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हुमायुन आजाद

हुमायुन आजाद (२८ अप्रैल १९४७ - ११ अगस्त २००४) (बांग्ला: হুমায়ুন আজাদ) बांग्लादेश के ढाका शहर में जन्मे एक प्रख्यात उपन्यासकार, कवि एवम आलोचक थे। उन्होने सत्तर से भी ज्यादा किताबें लिखीं जिसमें अधिकतर बांग्लादेश के रूढीवादी समाज, धर्म और सैन्य-शासन के खिलाफ हैं। तसलीमा नसरीन को बांग्लादेश ने केवल देश-निकाला करके बाहर भेज दिया था, परन्तु हुमायुन आजादको पहले धमकियों और बाद में कातिलाना हमलों का शिकार होना पड़ा। आखिरकार २७ अप्रैल २००४ को हुए एक खूनी हमले में वे बुरी तरह से घायल हो गए। हमले के बाद उनकी पत्नी उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले गईं, पर आजाद बच नहीं पाये। हुमायुन आजाद .

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हुसैन मोहम्मद इर्शाद

हुसैन मोहम्मद बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल २४ मार्च १९८२ से २७ मार्च १९८२ तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के राष्ट्रपति.

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हुसैन जिलुर रहमान

हुसैन जिलुर रहमान बांग्लादेश के नव निर्वाचित राष्ट्रपति हैं। श्रेणी:बांग्लादेश.

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ह्मार लोग

ह्मार लोग (Hmar) भारत के पूर्वोत्तर भाग के कई राज्यों में बसने वाले एक समुदाय का नाम है। इस नाम में कई चिन-कुकी-मिज़ो समुदाय सम्मिलित हैं। ह्मार का अर्थ "उत्तरी" होता है और ऐतिहासिक रूप से यह समुदाय लुशाई समुदायों से उत्तर में रहा करता था, हालांकि इस नामोत्पत्ति पर विवाद है और कुछ विद्वानों के अनुसार यह सिर पर बाल बाँधने की एक शैली-विशेष से आरम्भ हुआ था। .

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हैना मॉन्टेना

हैना मॉन्टेना एक एम्मी पुरस्कार - मनोनीत अमेरिकी टेलीविजन श्रृंखला है, जिसकी शुरूआत 24 मार्च 2006 को डिज़नी चैनल पर हुई थी.

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हूलोक गिबन

हूलोक गिबन (hoolock gibbon) गिबन के चार जीववैज्ञानिक वंशों में से एक है। इसमें दो जीववैज्ञानिक जातियाँ आती हैं और इसके सदस्य पूर्वोत्तरी भारत, दक्षिणपूर्वी चीन के युन्नान प्रान्त, पूर्वी बांग्लादेश और बर्मा में विस्तृत हैं। सियामंग के बाद यह दूसरे सबसे बड़े आकार का गिबन होता है। .

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हो भाषा

हो आस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार की मुंडा शाखा में एक भाषा है जो झारखंड, पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा के आदिवासी क्षेत्रों में लगभग १०,७७,००० जनों द्वारा बोली जाती है। .

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होमना उपज़िला

होमना उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के कुमिल्ला ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 16 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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होसेनपुर उपज़िला

होसेनपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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जनसंख्या घनत्व के अनुसार देशों की सूची

जनसँख्या घनत्व2006 के अनुसार जनसँख्या घनत्व के अनुसार देश एवं उनके निर्भर क्षेत्रों की सूची निवासी/वर्ग किमी में। स्त्रोत:.

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जमालपुर सदर उपज़िला

जमालपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मयमनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह उपज़िला जमालपुर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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जमालगंज उपज़िला

जमालगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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जमुना नदी, बांग्लादेश

बांग्लादेश की मुख्य नदियां, जमुना सहित जमुना नदी (बांग्ला: যমুনা जोमुना) बांग्लादेश की तीन मुख्य नदियों में से एक है। यह भारत से बांग्लादेश को बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्य धारा है। जमुना नदी दक्षिण को बहती है और गोआलुंडो घाट में पद्मा नदी में मिल जाती है। आगे पद्मा में मिलने के बाद चांदपुर जिला में यह मेघना नदी में मिल जाती है। इसका पूर्ण जल बंगाल की खाड़ी में मेघना नदी के रूप में मिलता है। नदी की औसत गहरायी है एवं अधिकतम गहरायी है.

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जयपुरहाट सदर उपज़िला

जयपुरहाट सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला जयपुरहाट जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह राजशाही विभाग के जयपुरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय जयपुरहाट सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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जलढाका उपज़िला

जलढाका उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के निलफामारी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय निलफामारी सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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जलेबी

जलेबी। जलेबी उत्तर भारत, पाकिस्तान व मध्यपूर्व का एक लोकप्रिय व्यंजन है। इसका आकार पेंचदार होता है और स्वाद करारा मीठा। इस मिठाई की धूम भारतीय उपमहाद्वीप से शुरू होकर पश्चिमी देश स्पेन तक जाती है। इस बीच भारत,बांग्लादेश, पाकिस्तान, ईरान के साथ तमाम अरब मुल्कों में भी यह खूब जानी-पहचानी है। आमतौर पर तो जलेबी सादी ही बनाई व पसंद की जाती है, पर पनीर या खोया जलेबी को भी लोग बडे चाव से खाते हैं। जलेबी भारत की राष्ट्रीय मिठाई हैं। .

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ज़मीरुद्दीन सरकार

ज़मीरुद्दीन सरकार बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल २१ जून २००२ से ६ सितंबर २००२ तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के राष्ट्रपति.

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ज़ारदा

ज़ारदा (زردہ) भारतीय उपमहाद्वीप की एक पारंपरिक मिठाई का पकवान है, जो उबले चावल, दूध और चीनी के साथ बनाया जाता है, और इसमें साथ में इलायची, किशमिश, केसर, पिस्ता या बादाम भी मिलाई जाता है। ज़ारदा नाम फारसी और उर्दू शब्द 'ज़ारद' (زرد‬) से आता हैजिसका अर्थ है 'पीला', इसलिए इसका रंग पीला होता है। ज़ारदा आमतौर पर भोजन के बाद परोसा जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप में, ज़ारदा शादी के विशेष अवसरों पर एक लोकप्रिय मिठाई के रूप में बनकर उभरी है। .

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ज़ाकीगंज उपज़िला

ज़ाकीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ज़िनेदिन जिदेन

ज़िनेदिन यज़ीद जिदेन (जन्म 23 जून 1972 मार्सियिल, फ़्रांस में. रियल मैड्रिड में फ्रेंच सहायक कोच और खेल निदेशक, फ्रांस की राष्ट्रीय टीम, जुवेंटस और रियल मैड्रिड के लिए आक्रामक मिडफील्डर के रूप में खेलने वाले एक सेवानिवृत्त विश्व कप विजेता फुटबॉलर हैं। व्यापक रूप से खेल का एक सब से बड़ा प्रमुख समझा हुआ, जिदेन, फ़्रांस, इटली और स्पेन में क्लब टीम्स के लिए खेले और फ्रेंच नॅशनल टीम के सदस्य थे। उसके पेशेवर प्रवीणता में 1998 विश्व कप और यूरो 2000 जीतने में फ़्रांस के मदद करने, साथ में रियल मेड्रिड के साथ 2002 के यु इ एफ ए चेम्पियन लीग जीतने शामिल है। तीन बार फीफा साल का विश्व खिलाड़ी विजेता केवल दो में से एक- दूसरा रह चुके रोनाल्डो -1998 में जिदेन बेल्लों डी'ऑर भी जीता. 2006 के विश्व कप के आखिरी खेल में स्कोर करते हुए प्रषित होने के बाद उसने व्यावसायिक फुटबोल से इस्तीफा लिया। .

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ज़ियानगर उपज़िला

ज़ियानगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पिरोजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पिरोजपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ज़ोरामथंगा

ज़ोरामथंगा (जन्म 13 जुलाई 1944) भारतीय राज्य मिज़ोरम के पूर्व मुख्यमंत्री हैं जो इस पद पर 4 दिसम्बर 1998 से दिसम्बर 2008 तक रहे। उनकी पार्टी मिज़ो नेशनल फ्रण्ट २००८ के चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से चुनाव हार गई। इस हार के बाद उन्होंने मदन मोहन लखेरा को 8 दिसम्बर 2008 को त्याग पत्र दे दिया और तीन दिन बाद अगले मुख्यमंत्री के कार्यभार ग्रहण करते ही कार्यभार समाप्त हुआ। .

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जातियो स्मृतीशोऊधो

जातियो स्मृतीशोऊधो या जातियो सृतीशोऊधो(জাতিয স্মৃতীসৌধ.) या राष्ट्रीय स्मृती स्मारक(या स्धारणतः राष्ट्रीय स्मारक) ढाका के सवर उपज़िले(या शाभार उपज़िल) में स्थित बांग्लादेश का राष्ट्रीय स्मारक है। बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की याद में निर्मित किये गए इस स्मृतीका को १९७१ के बांग्लदेश लिबरेशन वाॅर(बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध) के शहीदों के समर्पण एवं वीरता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। राजकीय यात्रा पर बांगलादेश पधारने वाले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष एवं राजनेता, परंपरानुसार इसी स्मारक पर अपनी श्रद्धांजली अर्पित करते हैं। १५० फ़ीट ऊंचे इस स्मारक की रूपाकृती एवं मानचित्र को सईयद मोईनुल हुसैन ने तईयार किया था। यह राजधानी ढाका से पश्चिमोत्तर दिशा में क़रीब ३५ कलोमीटर की दूरी पर स्थित है। .

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जातीय पार्टी (मंजू)

जातीय पार्टी (मंजू) बांग्लादेश का एक राजनीतिक दल है जो लेफ्टिनेंट जनरल हुसैन मोहम्मद इरशाद द्वारा गठित मूल जातीय पार्टी से विलग होकर अस्तित्व में आयी। ले॰ जनरल इरशाद द्वारा जातीय पार्टी का गठन वर्ष १९८५ में किया गया था। इस दल के प्रमुख नेता अनवर हुसैन मंजू हैं। .

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जातीय पार्टी (इरशाद)

जातीय पार्टी (इरशाद) बांग्लादेश का एक राजनीतिक दल है जो लेफ्टिनेंट जनरल हुसैन मोहम्मद इरशाद द्वारा गठित मूल जातीय पार्टी से जातीय पार्टी (नाजिउर) और जातीय पार्टी (मंजू) के रूप में दो टुकड़ों के विलग हो जाने के उपरांत शेष बचा हुआ मूल दल है। ले॰ जनरल इरशाद द्वारा जातीय पार्टी का गठन वर्ष १९८५ में किया गया था जिसे अ़ब जातीय पार्टी (इरशाद) के नाम से जाना जाता है। .

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जातीय संसद भवन

बांग्लादेश का '''जातीय संसद भवन''' जातीय संसद भवन (बांग्ला: জাতীয় সংসদ ভবন, अर्थ राष्ट्रीय संसद भवन) बांग्लादेश की संसद का नाम है। यह भवन ढाका के 'शेर-ए-बांग्ला नगर' में स्थित है। यह २०० एकड़ में फैला हुआ है और संसार के सबसे बड़े विधायी भवनों में से एक है। .

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जानजिरा उपज़िला

जानजिरा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के शरिय़तपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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जियाउर्रहमान

जियाउर्रहमान बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल २१ अप्रैल १९७७ से ३० मई १९८१ तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के राष्ट्रपति.

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जिल्लुर रहमान

जिलुर रहमान बांग्लादेश के वर्तमान राष्ट्रपति हैं श्रेणी:बांग्लादेश के राष्ट्रपति.

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जगदीश चन्द्र बसु

डॉ॰ (सर) जगदीश चन्द्र बसु (बंगाली: জগদীশ চন্দ্র বসু जॉगोदीश चॉन्द्रो बोशु) (30 नवंबर, 1858 – 23 नवंबर, 1937) भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था। वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया। वनस्पति विज्ञान में उन्होनें कई महत्त्वपूर्ण खोजें की। साथ ही वे भारत के पहले वैज्ञानिक शोधकर्त्ता थे। वे भारत के पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने एक अमरीकन पेटेंट प्राप्त किया। उन्हें रेडियो विज्ञान का पिता माना जाता है। वे विज्ञानकथाएँ भी लिखते थे और उन्हें बंगाली विज्ञानकथा-साहित्य का पिता भी माना जाता है। ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में जन्मे बसु ने सेन्ट ज़ैवियर महाविद्यालय, कलकत्ता से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। ये फिर लंदन विश्वविद्यालय में चिकित्सा की शिक्षा लेने गए, लेकिन स्वास्थ्य की समस्याओं के चलते इन्हें यह शिक्षा बीच में ही छोड़ कर भारत वापिस आना पड़ा। इन्होंने फिर प्रेसिडेंसी महाविद्यालय में भौतिकी के प्राध्यापक का पद संभाला और जातिगत भेदभाव का सामना करते हुए भी बहुत से महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किये। इन्होंने बेतार के संकेत भेजने में असाधारण प्रगति की और सबसे पहले रेडियो संदेशों को पकड़ने के लिए अर्धचालकों का प्रयोग करना शुरु किया। लेकिन अपनी खोजों से व्यावसायिक लाभ उठाने की जगह इन्होंने इन्हें सार्वजनिक रूप से प्रकाशित कर दिया ताकि अन्य शोधकर्त्ता इनपर आगे काम कर सकें। इसके बाद इन्होंने वनस्पति जीवविद्या में अनेक खोजें की। इन्होंने एक यन्त्र क्रेस्कोग्राफ़ का आविष्कार किया और इससे विभिन्न उत्तेजकों के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया। इस तरह से इन्होंने सिद्ध किया कि वनस्पतियों और पशुओं के ऊतकों में काफी समानता है। ये पेटेंट प्रक्रिया के बहुत विरुद्ध थे और मित्रों के कहने पर ही इन्होंने एक पेटेंट के लिए आवेदन किया। हाल के वर्षों में आधुनिक विज्ञान को मिले इनके योगदानों को फिर मान्यता दी जा रही है। .

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जगन्नाथपुर उपज़िला

जगन्नाथपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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जंगली तीतर

जंगली तीतर या बन तीतर (वन, बन यानि जंगल) (Swamp Francolin) (Francolinus gularis) फ़ीज़ैन्ट कुल का एक पक्षी है। इसका मूल निवास गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों की घाटियों में है– पश्चिमी नेपाल की तराई से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और अरुणाचल प्रदेश तक। पहले यह बांग्लादेश के चटगाँव इलाके तथा सुन्दरबन में प्रचुर मात्रा में पाया जाता था, लेकिन हाल में यह नहीं देखा गया है और अब यह अनुमान लगाया गया है कि इन इलाकों से इनका उन्मूलन हो गया है। भारत में यह सभी तराई के सुरक्षित क्षेत्रों में पाया गया है जो यह बतलाता है कि यह पूर्व अनुमानित आंकड़ों से अधिक संख्या में विद्यमान है। नेपाल में, जहाँ इसका आवास क्षेत्र २,४०० वर्ग कि॰मी॰ का है और निवास ३३० वर्ग कि.

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जुड़ी उपज़िला

जुड़ी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के मौलवीबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मौलवीबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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जुराछड़ि उपज़िला

जुराछड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के रांगामाटि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रांगामाटि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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जुलाई २०१६ बगदाद आतंकी हमला

इराक़ के बगदाद शहर के कराडा में ०३ जुलाई २०१६ को दो अलग -अलग आतंकवादी हमले हुए। जिसमें लगभग १६७ से ज्यादा लोग मारे गए और २०० से ज्यादा लोग घायल हुए। यह हमले इराक़ के स्थानीय समयानुसार अर्धरात्रि के (२ जुलाई २१:०० यूटीसी) को ईराक के कराडा ज़िले में सुसाइड कार ब्लास्ट हुआ जिसमें १०० से ज्यादा लोग मारे गए और १०० के करीब घायल हुए इन हमलो की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक़ एंड अल-शाम ने ली है। .

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ज्योति बसु

ज्योति बसु (बंगला: জ্যোতি বসু) (८ जुलाई १९१४ - १७ जनवरी २०१०) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जानेमाने राजनेता थे। वे सन् १९७७ से लेकर २००० तक पश्चिम बंगाल राज्य के मुख्यमंत्री रहकर भारत के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का कीर्तिमान स्थापित किए। वे सन् १९६४ से सन् २००८ तक सीपीएम पॉलित ब्यूरो के सदस्य रहे। .

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ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित

श्री ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित (१९३६-२००५), जिन्हें जे एन दीक्षित नाम से अधिक जाना जाता है, एक अनुभवी राजनयिक थे जो कि भारत के विदेश सचिव भी रहे। 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद वे वहाँ भारत के पहले उच्चायुक्त थे। वे पाकिस्तान और श्रीलंका में भी भारत के उच्चायुक्त रहे। 1936 में मद्रास में जन्मे जेएन दीक्षित 1958 में भारतीय विदेश सेवा में आए और उन्होंने दुनिया के कई देशों में भारत की नुमाइंदगी की। 1994 में सेवानिवृत होने के बाद से वो लगातार देश-विदेश में पढ़ाने के अलावा अख़बारों में लिखते रहे। वे हल, मैंचेस्टर, ऑक्सफ़ोर्ड,मेलबर्न, लंदन सहित कई अन्य पश्चिमी विश्वविद्यालयों में भी अकसर लेक्चर देने जाया करते थे। दीक्षित काँग्रेस पार्टी में विदेश मामलों की इकाई के उपाध्यक्ष रहे। २००४ के आमचुनाव से पहले विदेश, सुरक्षा और रक्षा मामलों पर उन्होंने काँग्रेस का एजेंडा या घोषणा-पत्र तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। वे 26 मई 2004 से 3 जनवरी 2005 (निधन) तक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रहे। .

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ज्योतिर्मयी देवी

ज्योतिर्मयी देवी (জ্যোতির্ময়ী দেবী) (1896–1988) बांग्ला भाषा की भारतीय लेखिका थी। उन्होने अपने बचपन के दिनों में राजस्थान की तथा भारत के विभाजन के समय बांग्लादेश की महिलाओं के बारे में मुख्य रूप से लिखा। वे अपनी कहानियों के लिए तथा सामाजिक टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं। उनकी किताबें कोलकाता में विभिन्न दुकानों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी उपलब्ध हैं। इनकी कहानी "डैनी" पश्चिम बंगाल की माध्यमिक शिक्षा के बंगाली पाठ्यक्रम का हिस्सा है। उनकी कृतियों का अनुवाद बांग्ला लेखिका बर्निता बागची ने किया है। .

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जैन्तापुर उपज़िला

जैन्तापुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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जैक प्रेगेर

जैक प्रेगेर (जन्म 25 जुलाई 1930 को मैन्चेस्टर, इंग्लैंड के एक यहूदी परिवार में हुआ) एक ब्रिटिश डॉक्टर हैं जो चिकित्सा उपचार के साथ-साथ पेशेवर प्रशिक्षण सुविधा भारत के शहर कोलकाता और पश्चिमी बंगाल की गरीब जनता को 1972 से प्रदान करते आ रहे हैं। इसी लक्ष्य के तहत उन्होंने कोलकाता रेस्क्यू नामक संस्था भी बनाई है। जैक ने छोटी-सी उम्र में न्याय का अर्थ समझ लिया था जब बालक अवस्था में उन्होंने अपनी फ़्रांस में जन्मी मौसी को हिटलर की सेना के हाथों जान गवाँते देखा था। जैक ने सेंट एडमंड हॉल, ऑक्स्फ़ोर्ड से स्नतक की शिक्षा पूरी की। यहीं से स्नातकोत्तर में अन्होंने अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र पढ़े। इसके पश्चात कुछ वर्षों के लिए वह वेल्स में किसान के रूप में काम करते रहे। फिर उन्होंने अपने खेत को बेचकर डॉक्टर बनने का निर्णय लिया। 1965 में उन्हें डबलिन के रॉयल कॉलेज ऑफ़ सरजिन्स में प्रवेश मिला। उस समय उनकी आयु 35 वर्ष की थी। .

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जेम्स पॅटिन्सन

वह तेज गेंदबाजी कर विकेट चटका रहा था, यह देखना शानदार था। इंडियन प्रीमियर लीग में उसे कोलकाता नाइट राइडर्स ने खरीदा था, लेकिन क्योंकि कोलकाता पहले से ही एक सितारा जड़ित टीम थी और केवल चार विदेशी खिलाड़ियों को खिलवाने के नियम ने उसके मौको को चोट पहुनचाई। वह ऑस्ट्रेलियाई टीम का खोज था। वह इंग्लैंड में २०१३ एशेज के दौरान घायल हो गया था। उसे २०१३ में कप्तान ने २०१४ जनवरी से एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए छोड़ दिया था क्युन्कि वह इंग्लैंड में वनडे मैच का विजेता टीम बनना चाहता था। उसे इस फरवरी दक्षिण अफ्रीकी श्रृंखला के लिए चयन किया। वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे अच्छे तेज गेंदबाजी प्रतिभाओं में से एक है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने नए गेंदबाज जेम्स पैटिनसन की जमकर प्रशंसा की है। श्रेणी:ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:1990 में जन्मे लोग श्रेणी:ऑस्ट्रेलियाई वनडे क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:जीवित लोग.

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जॉय बांग्ला

जॉय बांग्ला यानि जय बांग्ला (बंगाली: জয় বাংলা) बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम के समय मुक्तिवाहिनी नामक मुक्ति संगठन द्वारा प्रयुक्त नारा है। ज़ियाउर रहमान ने बांग्लादेशी स्वाधीनता की घोषणा करते हुए यह नारा का प्रयोग किया। .

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जोगेन्द्र नाथ मंडल

जोगेन्द्र नाथ मंडल पाकिस्तान के आधुनिक राज्य के मध्य और प्रमुख संस्थापक पिता में से एक थे, और देश के पहले कानून मंत्री और श्रमिक के रूप में सेवा करने वाले विधायक थे और यह राष्ट्रमंडल और कश्मीर मामलों के दूसरे मंत्री भी थे। एक भारतीय और बाद में पाकिस्तानी नेता जो पाकिस्तान में कानून और श्रम के पहले मंत्री थे। अनुसूचित जातियों (दलितों) के नेता के रूप में, जोगेंद्रनाथ ने मुस्लिम लीग के साथ पाकिस्तान के लिए अपनी मांग के साथ आम कारण बना दिया था, उम्मीद करते थे कि अनुसूचित जातियों को इसके लाभ मिलेगा और पाकिस्तान के पहले कैबिनेट में शामिल हो गए थे। कानून और श्रम पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमन्त्री लियाकत अली खान को अपना इस्तीफा देने के बाद पाकिस्तान के विभाजन के कुछ सालों बाद वह भारत में आकर चले गए, पाकिस्तानी प्रशासन के कथित हिंदू-विरोधी पूर्वाग्रह का हवाला देते हुए। .

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जी.बी रोड, नई दिल्ली

जीबी रोड यानी गारस्टिन बास्टिन रोड, राजधानी दिल्ली में सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है। सन् 1965 में इसका नाम बदल कर स्वामी श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गया। .

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जीपीएस ऐडेड जियो ऑगमेंटिड नैविगेशन

गगन के नाम से जाना जाने वाला यह भारत का उपग्रह आधारित हवाई यातायात संचालन तंत्र है। अमेरिका, रूस और यूरोप के बाद 10 अगस्त 2010 को इस सुविधा को प्राप्त करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया। .

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जीबननगर उपज़िला

जीबननगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के चुय़ाडांगा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय चुय़ाडांगा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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जीवनानंद दास

जीवनान्द दास जीवनानंद दास (१७ फ़रवरी १८९९- २२ अक्तुबर १९५४) बोरिशाल (बांग्लादेश) में जन्मे बांग्ला के सबसे जनप्रिय रवीन्द्रोत्तर कवि हैं। उन्हें १९५५ में मरणोपरांत श्रेष्ठ कविता के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। १९२६ में उनका पहला कविता संग्रह प्रकाशित हुआ। झरा पालक, धूसर पांडुलिपि, बनलता सेन, महापृथिबी, रूपसी बांगला आदि उनकी बहुचर्चित कृतियाँ हैं। रबीन्द्रनाथके रुमानी कविता के प्रभावको अस्वीकार कर उनहोनें अपनाहि एक अलग काव्यभाषा का जन्म दिया जो पहले पाठक-समाज को गवारा नहीं था। परन्तु २०वीं सदी के शेष भाग से वह उभर कर आयें और पाठक के दिलोदिमाग को चा गये। पहले तो रबीन्द्रनाथ भी उनके काव्यभाषा के खिलाफ कटु आलोचना किये थे। उनके जीवनकाल में वह केवल २६९ कवितायें प्रकाश कर पाये थे जिसमें १६२ था उनके प्रकाशित संकलनों में। उनके मृत्यु के बाद उनके सारे अप्रकाशित कवितायें प्रकाश होने के पश्चात यह संख्या ८०० से भी ज्यादा हो चुका है। यंहा तक की उनके घर से १२ अप्रकाशित उपन्यास मिले जो अपने-आप में अभिनव था। इसके अलावे ३५ कहानियाँ भी मिलीं। उनका पारिवारिक जीवन बहुत ही दुखद था। १९५४ में जब एकदिन वह कोलकाता के ट्रामसे कुचले पाये गये तो लोगों का मानना था कि वह आत्महत्या कर लिये हैं। .

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ईश्वरदी उपज़िला

ईश्वरदी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के पाबना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पाबना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ईश्वरगंज उपज़िला

ईश्वरगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ईश्वरी प्रसाद गुप्ता

ईश्वरी प्रसाद गुप्ता (जन्म: 5 फ़रवरी 1931, आरा, बिहार) 1958 बैच के अवकाशप्राप्त प्रशासनिक अधिकारी है जो भारत सरकार के गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव,त्रिपुरा के मुख्य सचिव एवं अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल पद पर रह चुके हैं। सरल एवं ईमानदार अधिकारियों में से एक गुप्ता जी समय-समय पर प्रशासनिक विषयों पर अपनी बेवाक राय समाचार पत्रों में पद पर रहते हुए भी व्यक्त करते रहे हैं। इस समय वे सपत्नीक अपने छोटे पुत्र विनोदकुमार गुप्ता के परिवार के साथ गुलमोहर इंक्लेव नई दिल्ली के एक साधारण से डी०डी०ए० फ्लैट में रह रहे हैं। .

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ईस्ट जोन क्रिकेट टीम (बांग्लादेश)

पूर्वी जोन क्रिकेट टीम एक प्रथम श्रेणी क्रिकेट टीम है जो बांग्लादेश क्रिकेट लीग (बीसीएल) में पूर्वी बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व करती है।.

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घाटाइल उपज़िला

घाटाइल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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घिओर उपज़िला

घिओर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मानिकगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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घोड़ाघाट उपज़िला

घोड़ाघाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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वनोन्मूलन

वनोन्मूलन का अर्थ है वनों के क्षेत्रों में पेडों को जलाना या काटना ऐसा करने के लिए कई कारण हैं; पेडों और उनसे व्युत्पन्न चारकोल को एक वस्तु के रूप में बेचा जा सकता है और मनुष्य के द्वारा उपयोग में लिया जा सकता है जबकि साफ़ की गयी भूमि को चरागाह (pasture) या मानव आवास के रूप में काम में लिया जा सकता है। पेडों को इस प्रकार से काटने और उन्हें पुनः न लगाने के परिणाम स्वरुप आवास (habitat) को क्षति पहुंची है, जैव विविधता (biodiversity) को नुकसान पहुंचा है और वातावरण में शुष्कता (aridity) बढ़ गयी है। साथ ही अक्सर जिन क्षेत्रों से पेडों को हटा दिया जाता है वे बंजर भूमि में बदल जाते हैं। आंतरिक मूल्यों के लिए जागरूकता का अभाव या उनकी उपेक्षा, उत्तरदायी मूल्यों की कमी, ढीला वन प्रबन्धन और पर्यावरण के कानून, इतने बड़े पैमाने पर वनोन्मूलन की अनुमति देते हैं। कई देशों में वनोन्मूलन निरंतर की जाती है जिसके परिणामस्वरूप विलोपन (extinction), जलवायु में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण (desertification) और स्वदेशी लोगों के विस्थापन जैसी प्रक्रियाएं देखने में आती हैं। .

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वरेन्द्र

वरेन्द्र (बंगाली: বরেন্দ্র, Varendra), जो बरिंद (Barind) भी कहलाता है, बंगाल का एक भौगोलिक क्षेत्र हुआ करता था जो अब बांग्लादेश के रंगपुर और राजशाही विभागों में बंटा हुआ है। वरेन्द्र में प्राचीन पुण्ड्रवर्धन नामक क्षेत्र भी शामिल था। .

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वसन्त पञ्चमी

वसंत पंचमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन स्त्रियाँ पीले वस्त्र धारण करती हैं। प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा जाता था उनमें वसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम था। जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों में सरसों का सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर बौर आ जाता और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा होती, यह वसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता था। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है। .

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वार भाषा

वार (War), जो वार-जयंतिया (War-Jaintia) भी कहलाती है, भारत के पूर्वोत्तरी मेघालय राज्य व बांग्लादेश के कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की खसिक शाखा की एक भाषा है। आम्वी (Amwi) भी इसकी एक बहुत समीपी उपभाषा है, इसलिए इन्हें अक्सर एक ही भाषा समझा जाता है। सन् 2001 में वार को भारत में 26,000 और बांग्लादेश में 16,000 बोलने वाले अनुमानित करे गए थे। .

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विद्याधर चक्रवर्ती

विद्याधर चक्रवर्ती। विद्याधर भट्टाचार्य (?)। विद्याधर (१६९३-१७५१) भारत के नगर-नियोजन के पुरोधा थे। आज से 286 साल पहले जयपुर जैसा सुव्यवस्थित और आधुनिक नगर बसाने के आमेर महाराजा सवाई जयसिंह के सपने को साकार करने में उनकी भूमिका सबसे निर्णायक और महत्वपूर्ण रही। गणित, शिल्पशास्त्र, ज्योतिष और संस्कृत आदि विषयों में उनकी असाधारण गति थी। विद्याधर बंगाल मूल के एक गौड़-ब्राह्मण थे, जिनके दस वैदिक ब्राह्मण पूर्वज आमेर-राज्य की कुलदेवी दुर्गा शिलादेवी की शिला खुलना-उपक्षेत्र के जैसोर (तब पूर्व बंगाल), अब बांग्लादेश) से लाने के समय जयपुर आये थे। उन्हीं में से एक के वंशज विद्याधर थे। .

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विपिनचंद्र पाल

बिपिन चंद्र पाल (बांग्ला:বিপিন চন্দ্র পাল) (७ नवंबर, १८५८ - २० मई १९३२) एक भारतीय क्रांतिकारी थे। भारतीय स्वाधीनता आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाली लाल-बाल-पाल की तिकड़ी में से एक विपिनचंद्र पाल राष्ट्रवादी नेता होने के साथ-साथ शिक्षक, पत्रकार, लेखक व वक्ता भी थे और उन्हें भारत में क्रांतिकारी विचारों का जनक भी माना जाता है। लाला लाजपत राय, बालगंगाधर तिलक एवं विपिनचन्द्र पाल (लाल-बाल-पाल) की इस तिकड़ी ने १९०५ में बंगाल विभाजन के विरोध में अंग्रेजी शासन के विरुद्ध आंदोलन किया जिसे बड़े स्तर पर जनता का समर्थन मिला। 'गरम' विचारों के लिए प्रसिद्ध इन नेताओं ने अपनी बात तत्कालीन विदेशी शासक तक पहुँचाने के लिए कई ऐसे तरीके अपनाए जो एकदम नए थे। इन तरीकों में ब्रिटेन में तैयार उत्पादों का बहिष्कार, मैनचेस्टर की मिलों में बने कपड़ों से परहेज, औद्योगिक तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में हड़ताल आदि शामिल हैं। उनके अनुसार विदेशी उत्पादों के कारण देश की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो रही थी और यहाँ के लोगों का काम भी छिन रहा था। उन्होंने अपने आंदोलन में इस विचार को भी सामने रखा। राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान गरम धड़े के अभ्युदय को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इससे आंदोलन को एक नई दिशा मिली और इससे लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी। राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान जागरुकता पैदा करने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। उनका विश्वास था कि केवल प्रेयर पीटिशन से स्वराज नहीं मिलने वाला है। .

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विमान (बहुविकल्पी)

कोई विवरण नहीं।

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विलायत ख़ाँ

उस्ताद विलायत ख़ाँ। विलायत खाँ का जन्म 1928 में गौरीपुर (इस समय बांग्लादेश) में एक संगीतज्ञ परिवार में हुआ था। पिता, प्रख्यात सितार वादक उस्ताद इनायत हुसैन ख़ाँ, की जल्दी मौत के बाद उन्होंने अपने नाना और मामा से सितार बजाना सीखा। आठ वर्ष की उम्र में पहली बार उनके सितारवादन की रिकॉर्डिंग हुई। उन्होंने पाँच दशकों से भी अधिक समय तक अपने सितार का जादू बिखेरा। उस्ताद विलायत ख़ाँ की पिछली कई पुश्तें सितार से जुड़ी रहीं और उनके पिता इनायत हुसैन ख़ाँ से पहले उस्ताद इमदाद हुसैन ख़ाँ भी जाने-माने सितारवादक रहे थे। उस्ताद विलायत ख़ाँ के दोनों बेटे, सुजात हुसैन ख़ाँ और हिदायत ख़ाँ भी तथा उनके भाई इमरात हुसैन ख़ाँ और भतीजे रईस ख़ाँ भी जाने माने सितार वादक हैं। वे संभवतः भारत के पहले संगीतकार थे जिन्होंने भारत की आज़ादी के बाद इंग्लैंड जाकर संगीत पेश किया था। विलायत ख़ाँ एक साल में आठ महीने विदेश में बिताया करते थे और न्यूजर्सी उनका दूसरा घर बन चुका था। विलायत ख़ाँ ने सितार वादन की अपनी अलग शैली, गायकी शैली, विकसित की थी जिसमें श्रोताओं पर गायन का अहसास होता था। उनकी कला के सम्मान में राष्ट्रपति फ़ख़रूद्दीन अली अहमद ने उन्हें आफ़ताब-ए-सितार का सम्मान दिया था और ये सम्मान पानेवाले वे एकमात्र सितारवादक थे। लेकिन उस्ताद विलायत खाँ ने 1964 में पद्मश्री और 1968 में पद्मविभूषण सम्मान ये कहते हुए ठुकरा दिए थे कि भारत सरकार ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान का समुचित सम्मान नहीं किया। उनके परिवार में उनकी दो पत्नियाँ, दो बेटे और दो बेटियाँ भी हैं। 13 मार्च 2004 को उनका देहांत हो गया। उन्हें फेफ़ड़े का कैंसर था जिसके इलाज के लिए वे जसलोक अस्पताल में भर्ती थे। उनका अधिकतर जीवन कोलकाता में बीता और उनका अंतिम संस्कार भी उन्हें उनके पिता की क़ब्र के समीप दफ़ना कर किया गया। ---- श्रेणी:भारतीय संगीत श्रेणी:शास्त्रीय संगीत श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:सितार वादक.

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विल्स एशिया कप 1988

1988 एशिया कप (जिसे विल्स एशिया कप के नाम से भी जाना जाता है) बांग्लादेश में 26 अक्टूबर और 4 नवंबर 1988 के बीच आयोजित तीसरे एशिया कप टूर्नामेंट था। चार टीमों ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया: भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और मेजबान देश बांग्लादेश। यह मैच पहली बार थे लिस्ट ए क्रिकेट बांग्लादेश में खेली जा रही है, फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के एक सहयोगी सदस्य, उनके विरोधियों के सभी पूर्ण सदस्य हैं। 1988 का एशिया कप एक राउंड रोबिन टूर्नामेंट था जहां हर टीम ने एक बार तीन अन्यों की भूमिका निभाई थी और शीर्ष दो टीमों ने फाइनल में जगह बनाने के लिए क्वालीफाई किया था। भारत और श्रीलंका ने फाइनल के लिए क्वालीफाई कर ली जिसमें भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराया और अपना दूसरा एशिया कप जीत लिया। .

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विश्व पर्यावरण दिवस

विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। .

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विश्व में बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है, और इसके संस्थापक गौतम बुद्ध (ईसवी पूर्व ५६३ - ईसवी पूर्व ४८३) थे। विश्व में करीब १९२ करोड़ (२८.७८%) लोक बौद्ध धर्म को माननेवाले है। दुसरे सर्वेक्षण के अनुसार १.६ अरब से १.८ अरब लोक (२३% से २५%) प्रतिनिधित्व बौद्ध करते है। बौद्ध धर्म एक धर्म और दर्शन है। संसार में ईसाई धर्म धर्म के बाद सबसे अधिक बौद्ध धर्म के ही अनुयायि पाये जाते। हालांकि कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार बौद्ध धर्म आबादी ४८.८ करोड़ से ५३.५ करोड़ (विश्व की जनसंख्या में ९% से १०%) भी बताई जाती है। विश्व के सभी महाद्विपों में बौद्ध धर्म के अनुयायि रहते है। बौद्ध धर्म दुनिया का पहला विश्व धर्म है, जो अपने जन्मस्थान से निकलकर विश्व में दूर दूर तक फैला। आज दुनिया में बौद्ध धर्म की आबादी हिन्दू धर्म से अधिक और इस्लाम धर्म के बराबर या इस्लाम धर्म से भी अधिक है। भारत में बौद्ध धर्म अल्पसंख्यक है, जबकि भारत में इस विश्व धर्म का उदय हुआ था। परंतु एशिया में बौद्ध धर्म प्रमुख धर्म बना रहा। २०१० में १.०७ अरब से १.२२ अरब जनसंख्या के साथ चीन बौद्धों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, चीन की कुल आबादी में ८०% से ९१% बौद्ध अनुयायि है। ज्यादातर चीनी बौद्ध महायान सम्प्रदाय के अनुयायि है। दुनिया की ६५% से ७०% बौद्ध आबादी चीन में रहती है। .

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विश्व में इस्लाम धर्म

इस्लाम; दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है। 2010 के एक अध्ययन के अनुसार जनवरी 2011 में जारी किया गया था, इस्लाम के पास 1.6 अरब अनुयायी हैं, जो विश्व की आबादी का 23% हिस्सा बनाता हैं। 2015 में एक और अध्ययन के अनुसार इस्लाम में 1.7 बिलियन अनुयायी हैं। अधिकांश मुस्लिम दो संप्रदायों में हैं: सुन्नी (80-90%, करीब 1.5 अरब लोग) या शिया (20-30%, लगभग 340-510 मिलियन लोग)। मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, अफ्रीका का हॉर्न, सहारा, मध्य एशिया और एशिया के कुछ अन्य हिस्सों में इस्लाम प्रमुख धर्म है। मुस्लिमों के बड़े समुदाय भी चीन, बाल्कन, भारत और रूस में पाए जाते हैं। दुनिया के अन्य बड़े हिस्सो में मुस्लिम आप्रवासी समुदायों की मेजबानी करते हैं; पश्चिमी यूरोप में, उदाहरण के लिए, ईसाई धर्म के बाद इस्लाम धर्म दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, जहां यह कुल आबादी का 6% या 24 मिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। .

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विश्व के देशों में शहरों की सूचियाँ

This is a list of articles on the cities of contemporary countries, states and dependencies.

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विश्व के सभी देश

यह विश्व के देशों की सूची, एक सिंहावलोकन कराती है, विश्व के राष्ट्रों का, जो कि देवनागरी वर्णक्रमानुसार व्यवस्थित है। इसमें स्वतंत्र राज्य भी सम्मिलित हैं। (जो कि अन्तराष्ट्रीय मान्यताप्राप्त हैं और जो अमान्यता प्राप्त), हैं, बसे हुए हैंपरतंत्र क्षेत्र, एवं खास शासकों के क्षेत्र भी। ऐसे समावेश मानदण्ड अनुसार यह सूची शब्द `देश' एवं `सार्वभौम राष्ट्र' को पर्यायवाची नहीं मानती। जैसा कि प्रायः साधारण बोलचाल में प्रयोग किया जाता है। कृप्या ध्यान रखें कि किन्हीं खास परिस्थितिवश एवं किन्हीं खास भाषाओं में 'देश' शब्द को सर्वथा प्रतिबंधात्मक अर्थ समझा जाता है। अतः केवल 193 निम्नलिखित प्रविष्टियाँ ही प्रथम शब्द (देश या राष्ट्र) में समझे जाएं। यह सूची दिए गए देशों के क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी क्षेत्रों को आवृत्त करती है, अर्थात क्षेत्र, जलीय क्षेत्र (जिसमें जलीय आंतरिक क्षेत्र एवं थल से लगे जलीय क्षेत्र भी आते हैं), विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र, कॉण्टीनेण्टल शैल्फ, एवं हवाई क्षेत्र.

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विश्व की मुद्राएँ

विश्व की कुछ प्रमुख मुद्राएँ निम्नलिखित हैं:-.

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विश्वमारी

विश्वमारी (यूनानी (ग्रीक) शब्द πᾶν पैन "सब" + δῆμος डेमोस "लोग" से), संक्रामक रोगों की एक महामारी है जो मानव आबादी के माध्यम से एक विशाल क्षेत्र, उदाहरण के लिए, एक महाद्वीप, या यहां तक कि दुनिया भर में भी फ़ैल रहा है। एक व्यापक स्थानिक रोग जो इस दृष्टि से स्थिर होता है कि इससे कितने लोग बीमार हो रहे हैं, एक विश्वमारी नहीं है। इसके अलावा, फ्लू विश्वमारियों में मौसमी फ्लू को तब तक शामिल नहीं किया जाता है जब तक मौसम का फ्लू एक विश्वमारी न हो। सम्पूर्ण इतिहास में चेचक और तपेदिक जैसी असंख्य विश्वमारियों का विवरण मिलता है। अधिक हाल की विश्वमारियों में एचआईवी (HIV) विश्वमारी और 2009 की फ्लू विश्वमारी शामिल है। .

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विजया मुखोपाध्याय

विजया मुखोपाध्याय (११ मार्च १९३७) बांग्ला भाषा की प्रसिद्ध कवयित्री हैं। उनका जन्म बांग्लादेश के ढाका नगर में विक्रमपुर गाँव में हुआ था। आमार प्रभूर जन्म, यदि शर्तहीन, भेंगे जाय अनंत, बादाम, उड़ंत, नामाबलि, दांडाओ तर्जनी उनके प्रमुख काव्य संग्रह हैं। एक संपूर्ण संकलन विजया मुखोपाध्यायेर श्रेष्ठ कविता भी प्रकाशित हुआ है। विश्व की अनेक भाषाओं में उनकी कविताओं का अनुवाद हुआ है। .

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विकिसम्मेलन भारत

विकिसम्मेलन भारत या (विकिकान्फेरेन्स इण्डिया) (अंग्रेजी:Wikiconference India) जो भारत में पहली बार मुम्बई शहर में १८ से २० नवम्बर २०११ को हुई थी। जिसका आयोजन मुम्बई विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया था और इसका उद्घाटन विकिपीडिया के संस्थापक जिमी वेल्स ने किया था। होने वाली पहली कान्फरेन्स थी जो मुम्बई विश्वविद्यालय में १८-१९-२० नबम्वर २०११ को आयोजित हुई थी। .

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वजीरपुर उपज़िला

वजीरपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरिशाल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरिशाल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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वंगाला

वंगाला (Wangala) भारत के पूर्वोत्तर में स्थित मेघालय राज्य और उत्तरी बांग्लादेश के कुछ क्षेत्रों में बसने वाले गारो समुदाय द्वारा नवम्बर के महीने में फ़सल-कटाई से सम्बन्धित एक उत्सव है। गारो भाषा में 'वंगाला' का अर्थ 'सौ ढोल' है और इस त्योहार में पारम्परिक गारो आस्थाओं के 'सलजोंग' नामक सूर्य-देवता का सम्मान किया जाता है जो फ़सल के अधिदेवता भी माने जाते हैं।, Col Ved Prakash, pp.

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वैदिक सभ्यता

प्राचीन भारत वैदिक सभ्यता प्राचीन भारत की सभ्यता है जिसमें वेदों की रचना हुई। भारतीय विद्वान् तो इस सभ्यता को अनादि परम्परा आया हुआ मानते हैं | पश्चिमी विद्वानो के अनुसार आर्यों का एक समुदाय भारत मे लगभग 1500 इस्वी ईसा पूर्व आया और उनके आगमन के साथ ही यह सभ्यता आरंभ हुई थी। आम तौर पर अधिकतर विद्वान वैदिक सभ्यता का काल 1500 इस्वी ईसा पूर्व से 500 इस्वी ईसा पूर्व के बीच मे मानते है, परन्तु नए पुरातत्त्व उत्खननो से मिले अवशेषों मे वैदिक सभ्यता के कई अवशेष मिले हैं जिससे आधुनिक विद्वान जैसे डेविड फ्राले, तेलगिरी, बी बी लाल, एस र राव, सुभाष काक, अरविन्दो यह मानने लगे है कि वैदिक सभ्यता भारत मे ही शुरु हुई थी और ऋग्वेद का रचना शुंग काल में हुयी, क्योंकि आर्यो के भारत मे आने का न तो कोई पुरातत्त्व उत्खननो से प्रमाण मिला है और न ही डी एन ए अनुसन्धानो से कोई प्रमाण मिला है इस काल में वर्तमान हिंदू धर्म के स्वरूप की नींव पड़ी थी जो आज भी अस्तित्व में है। वेदों के अतिरिक्त संस्कृत के अन्य कई ग्रंथो की रचना भी इसी काल में हुई थी। वेदांगसूत्रौं की रचना मन्त्र ब्राह्मणग्रंथ और उपनिषद इन वैदिकग्रन्थौं को व्यवस्थित करने मे हुआ है | अनन्तर रामायण, महाभारत,और पुराणौंकी रचना हुआ जो इस काल के ज्ञानप्रदायी स्रोत मानागया हैं। अनन्तर चार्वाक, तान्त्रिकौं,बौद्ध और जैन धर्म का उदय भी हुआ | इतिहासकारों का मानना है कि आर्य मुख्यतः उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों में रहते थे इस कारण आर्य सभ्यता का केन्द्र मुख्यतः उत्तरी भारत था। इस काल में उत्तरी भारत (आधुनिक पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा नेपाल समेत) कई महाजनपदों में बंटा था। .

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वैश्वीकरण

Puxi) शंघाई के बगल में, चीन. टाटा समूहहै। वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ स्थानीय या क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है। इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी प्रयुक्त किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं तथा एक साथ कार्य करते हैं। यह प्रक्रिया आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक ताकतों का एक संयोजन है।वैश्वीकरण का उपयोग अक्सर आर्थिक वैश्वीकरण के सन्दर्भ में किया जाता है, अर्थात, व्यापार, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, पूंजी प्रवाह, प्रवास और प्रौद्योगिकी के प्रसार के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में एकीकरण.

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वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली

वेस्टमिंस्टर महल, ब्रिटिश संसद का सभास्थल वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली, (सामान्य वर्तनी:वेस्टमिंस्टर प्रणाली) शासन की एक लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली है, जोकि सैकड़ों वर्षों के काल में, संयुक्त अधिराज्य में विकसित हुई थी। इस व्यवस्था का नाम, लंदन के पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर से आता है, जोकि ब्रिटिश संसद का सभास्थल है। वर्तमान समय में, विश्व के अन्य कई देशों में इस प्रणाली पर आधारित या इससे प्रभावित शासन-व्यवस्थाएँ स्थापित हैं। ब्रिटेन और राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों के अलावा, ऐसी व्यवस्थाओं को विशेषतः पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों के शासन-व्यवस्था में देखा जा सकता है। वेस्टमिंस्टर प्रणाली की सरकारें, विशेष तौर पर राष्ट्रमंडल देशों में देखा जा सकता है। इसकी शुरुआत, सबसे पहले कनाडा (Canada) प्रान्त में हुई थी, और तत्पश्चात ऑस्ट्रेलिया ने भी अपनी सरकार को इस ही प्रणाली के आधार पर स्थापित किया। आज के समय, विश्व भर में कुल ३३ देशों में इस प्रणाली पर आधारित या इससे प्रभावित शासन-व्यवस्थाएँ हैं। एक समय ऐसा भी था जब तमाम राष्ट्रमंडल या पूर्व-राष्ट्रमण्डल देश और उसके उपराष्ट्रीय इकाइयों में वेस्टमिन्स्टर प्रणाली की सरकारें थीं। बाद में, अन्य कई देशों ने अपनी शासन प्रणाली को बदल लिया। .

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खसिक भाषाएँ

खसिक भाषाएँ (Khasic languages) भारत के पूर्वोत्तरी मेघालय राज्य व बांग्लादेश के कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। .

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खाड़ी युद्ध

कोई विवरण नहीं।

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खान जाहान अली थाना

खान जाहान अली थाना, बांग्लादेश का एक थाना/ उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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खानसामा उपज़िला

खानसामा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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खालिदा ज़िया

खालेदा जिय़ा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हैं। इनका कार्यकाल 1991 से 1996 तक तथा 2001 से 2006 तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के प्रधानमन्त्री.

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खालिय़ाजुड़ि उपज़िला

खालिय़ाजुड़ि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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खालिशपुर थाना

खालिशपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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खासी

खासी (या खासिया, या खासा) एक जनजाति है जो भारत के मेघालय, असम तथा बांग्लादेश के कुछ क्षेत्रों में निवास करते हैं। ये खासी तथा जयंतिया की पहाड़ियों में रहनेवाली एक मातृकुलमूलक जनजाति है। इनका रंग काला मिश्रित पीला, नाक चपटी, मुँह चौड़ा तथा सुघड़ होता है। ये लोग हृष्टपुष्ट और स्वभावत: परिश्रमी होते है। स्त्री तथा पुरुष दोनों सिर पर बड़े बड़े बाल रखते हैं, निर्धन लोग सिर मुँडवा लेते हैं। .

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खासी भाषा

खसी (Khasi) या खासी पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य में खसी समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक भाषा है। यह ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की सदस्य है। खासी (जिसे खसी, खसिया या क्यी भी कहते हैं) ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं के मोन-ख्मेर परिवार की एक शाखा है। २००१ की भारतीय जनगणना के अनुसार खासी भाषा को बोलने वाले ११,२८,५७५ लोग मेघालय में रहते हैं। खासी भाषा के बहुत से शब्द की इण्डो-आर्य भाषाएं जैसे नेपाली, बांग्ला एवं असमिया से लिये गे हैं। इसके अलावा खासी भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है और यह भारत में अभी तक चल रही मोन-ख्मेर भाषाओ में से एक है। .

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खागड़ाछड़ि सदर उपज़िला

खागड़ाछड़ि सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला खागड़ाछड़ि जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह चट्टग्राम विभाग के खागड़ाछड़ि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय खागड़ाछड़ि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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खांडकर मुश्ताक अहमद

खांडकर मुश्ताक अहमद बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १५ अगस्त १९७५ से ६ नवम्बर १९७५ तक रहा। श्रेणी:बांग्लादेश के राष्ट्रपति.

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खियांग

खियांग युवती खियांग (बंगला: খিয়াং) बांग्लादेश के पार्वत्य चट्टग्राम (Chittagong Hill Tracts) की निवासी जनजाति है। ये लोग घर न बनाकर गुहाओं में रहते हैं और पशु चर्म और ऊन से बने वस्त्र पहनते हैं। इनकी धारणा के अनुसार ईश्वर के दो रूप हैं। एक तो 'खोजिंग' नामक देव है जो अराकान पर्वत के उच्च शिखर पर रहता है और सिंह उसका प्रहरी है। संकट के समय वे पशुबलि देकर उसे संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं। दूसरा ईश्वर 'पैंती' है जो दूर पश्चिम किसी महल में रहता है। सूर्य उसका सचिव है। वह दिन भर संसार की गतिविधि पर तीव्र दृष्टि रखता है और सायं छिप जाता है। श्रेणी:भारत की जनजातियाँ.

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खंडकार महमूद हसन

खंडकार महमूद हसन एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति इयाजुद्दीन अहमद द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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खुलना नगर निगम

खुलना सिटी कॉर्पोरेशन यानि खुलना नगर निगम, बांग्लादेश के खुलना नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के खुलना नगर के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। खुलना, बांग्लादेश के खुलना विभाग में स्थित, बांग्लादेश के बृहत्तम् नगरों में से एक है। इस निकाय की स्थापना खुलना के प्रशासन हेतु एक नगर पालिका के रूप में हुआ था, तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम के स्तर पर उन्नतस्थ कर दिया गया। .

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खुलना कोतवाली थाना

खुलना कोतवाली थाना, बांग्लादेश का एक थाना/ उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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खेल जगत २०१०

इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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खोरठा भाषा

खोरठा एक भाषा है जो भारत के झारखण्ड प्रदेश के कुछ भागों और बांग्लादेश के कुछ भागों में बोली जाती है। खोरठा भाषा झारखंड के दो प्रमंडलों (उत्तरी छोटानागपुर और संथाल परगना) के अधिकांश की मातृभाषा होने के साथ-साथ झारखंड के चौबीस जिलों मे से पंद्रह जिलों की पूणतः या अंशतः संपर्क भाषा है। .

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खोकसा उपज़िला

खोकसा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के कुष्टिय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुष्टिय़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गणभवन

गणभवन(গণভবন, उच्चारण:गाॅनोभाॅबोन), बांग्लादेशकी राजधानी ढाका में जातीय संसद भवन के निकट स्थित एक भवन है। यह बांग्लादेश के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास है। यह ढाका के शेर-ए-बांगला नगर क्षेत्र में, संसद भवन के उत्तरी कोने पर स्थित है। .

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गफरगाँओ उपज़िला

गफरगाँओ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गम्भीरा

गम्भीरा बंगाल का एक लोकसंगीत है। इसका प्रचलन बांग्लादेश के चाँपाइनबाबगंज जिला और पश्चिम बंगाल के मालदह अंचल में रहा है। गम्भीरा दलबद्ध होकर गाया जाता है। यह वर्णनामूलक गान है। ऐसी धरणा है कि गम्भीरा उत्सव का प्रचलन शिवपूजा के सन्दर्भ में हुआ। शिव का एक नाम 'गम्भीर' भी है। श्रेणी:पश्चिम बंगाल के लोक नृत्य श्रेणी:बांग्लादेश का लोकसंगीत श्रेणी:भारतीय लोकसंगीत bn:গম্ভীরা.

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गलाचिपा उपज़िला

गलाचिपा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पटुय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पटुय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ग़रारा

लखनवी शादी ग़रारा उत्तरी भारत के हिन्दी बोलने वाले क्षेत्रों की मुसलमान औरतों द्वारा पहना जाने वाला एक रिवायती लखनवी लिबास है। यह लिबास कुर्ती, दुपट्टा और चौड़े पैंटों से बना हुआ है। घुटने के क्षेत्र, जिसे गोटा कहा जाता है, अक्सर ज़री और ज़रदोज़ी की कढ़ाई से सजाया जाता है। रिवायती ग़राराओं का प्रत्येक चरण 12 मीटर से अधिक कपड़ों, अक्सर रेशम ब्रोकैड, से बना हुआ है। उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र के नवाबों के ज़माने में ग़रारों की व्युत्पत्ति हुई। 19वीं सदी के उत्तरार्ध और 20वीं सदी की शुरुआत में, ग़रारा लिबास हिन्दी-उर्दू बोलने वाले क्षेत्रों की मुसलमान औरतों के दरम्यान रोज़मर्रा का लिबास था। हालांकि अब ये रोज़मर्रा पहनावे के रूप में नहीं पहने जाते हैं, फिर भी ये हिन्दी-उर्दू बोलने वाले क्षेत्रों की मुसलमान औरतों और पाकिस्तान और बांग्लादेश में उर्दू-भाषी आप्रवासियों के दरम्यान शादी के लिबास के रूप में लोकप्रिय हैं। .

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गाबतली उपजिला

गाबतली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गारो

पारम्परिक वेशभूषा में एक गारो दम्पत्ति गारो, भारत की एक प्रमुख जनजाति है। गारो लोग भारत के मेघालय राज्य के गारो पर्वत तथा बांग्लादेश के मयमनसिंह जिला के निवासी आदिवासी हैं। इसके अलावा भारत में असम के कामरूप, गोयालपाड़ा और कारबि आंलं जिला में तथा बांग्लादेश में टांगाइल, सिलेट, शेरपुर, नेत्रकोना, सुनामगंज, ढाका और गाजीपुर जिलों में भी गारो लोग रहते हैं। .

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गारो भाषा

गारो भाषा (Garo language) या आचिक भाषा (আ·চিক ভাষা) पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य के गारो पहाड़ियाँ ज़िले तथा असम व त्रिपुरा के कुछ भागों में बोली जाने वाली एक भाषा है। इसे बांग्लादेश के कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में भी बोला जाता है। गारो भाषा का कोच एवं बोडो भाषाओ से, जो कि तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की सदस्य हैं, इनसे निकट सामीप्य है। गारो भाषा अधिकांश जनसंख्या द्वारा बोली जाती है और इसकी कई बोलियां प्रचलित हैं, जैसे अबेंग या अम्बेंग, अटोंग, अकावे (या अवे), मात्ची दुआल, चोबोक, चिसक मेगम या लिंगंगम, रुगा, गारा-गञ्चिंग एवं माटाबेंग। .

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गाजीपुर नगर निगम

गाजीपुर सिटी कॉर्पोरेशन यानि गाजीपुर नगर निगम, बांग्लादेश के गाजीपुर नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के गाजीपुर नगर के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। गाजीपुर, बांग्लादेश के ढाका विभाग में स्थित, बांग्लादेश के बृहत्तम् नगरों में से एक है। इस निकाय की स्थापना गाजीपुर के प्रशासन हेतु एक नगर पालिका के रूप में हुआ था, तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम के स्तर पर उन्नतस्थ कर दिया गया। .

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गाजीपुर सदर उपज़िला

गाजीपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के गाजीपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला गाजीपुर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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गांनी उपज़िला

गांनी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के मेहेरपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 3 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मेहेरपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गाइबान्धा सदर उपज़िला

गाइबान्धा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला गाइबान्धा जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह रंगपुर विभाग के गाइबान्धा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय गाइबान्धा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गिबन

गिबन (Gibbon) लंबी बाहोंवाला, पेड़ों पर दौड़नेवाला एक कपि का जीववैज्ञानिक कुल है जो उत्तरपूर्वी भारत, पूर्वी बंग्लादेश और दक्षिणपूर्वी चीन से लेकर इण्डोनेशिया के कई द्वीपों (सुमात्रा, जावा और बोर्नियो समेत) में पाया जाता है। गिबन कुल के चार जीववैज्ञानिक वंश और १७ जीववैज्ञानिक जातियाँ अस्तित्व में हैं। इनका रंग काला, भूरा और श्वेत का मिश्रण होता है। पूरे श्वेत रंग के गिबन बहुत् कम ही दिखते हैं। गिबन जातियों में सियामंग, श्वेत-हस्त या लार गिबन और हूलोक गिबन शामिल हैं। यह मानव, चिम्पैन्ज़ी, ओरंग उतान, गोरिला और बोनोबो जैसे महाकपियों की तुलना में आकार में छोटे होते हैं और उनसे अधिक बंदर-जैसे दिखते हैं लेकिन सभी कपियों की भाँति इनकी भी पूँछ नहीं होती और यह अक्सर अपने पिछले पाँवों पर चलते हैं। इन्हें अक्सर हीनकपि (smaller apes) कहा जाता है। ये पृथ्वी पर खड़े होकर तो चल सकते ही हैं, पेड़ों पर भी हाथ के सहारे से खड़े होकर चलते हैं। यह वृक्षों में डाल-से-डाल लटककर बहुत तेज़ी से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में सक्षम होते हैं। इन्हें एक डाल से ५० फ़ुट (१५ मीटर) दूर की डाल तक कूदते हुए और ५५ किमी प्रति घंटे (३४ मील प्रति घंटे) की गति से पेड़ों में घूमते हुए मापा गया है। उड़ सकने वाले स्तनधारियों को छोड़कर, यह विश्व के सबसे गतिशील वृक्ष विचरणी स्तनधारी हैं। गिबन आजीवन एक ही जीवनसाथी चुनकर उसके साथ रहने के लिये जाने जाते हैं हालांकि कुछ जीववैज्ञानिक इसपर विवाद करते हैं और उनके अनुसार गिबनों में कभी-कभी तलाक जैसी प्रक्रिया भी देखी जा सकती है। .

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गजारिय़ा उपज़िला

गजारिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नरसिंदी ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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गंगा नदी

गंगा (गङ्गा; গঙ্গা) भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर २,५१० किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखण्ड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। २,०७१ कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। १०० फीट (३१ मी॰) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौन्दर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किये गये हैं। इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी ही जाती हैं, मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाये जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बांध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। गंगा की इस अनुपम शुद्धीकरण क्षमता तथा सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसको प्रदूषित होने से रोका नहीं जा सका है। फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवम्बर,२००८ में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (१६०० किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। .

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गंगा सूंस (डॉल्फिन)

सिंधु नदी डॉल्फिन गंगा नदी डॉल्फिन (Platanista gangetica gangetica) and सिंधु नदी डॉल्फिन (Platanista gangetica minor) मीठे पानी की डॉल्फिन की दो प्रजातियां हैं। ये भारत, बांग्लादेश, नेपाल तथा पाकिस्तान में पाई जाती हैं। गंगा नदी डॉल्फिन सभी देशों के नदियों के जल, मुख्यतः गंगा नदी में तथा सिंधु नदी डॉल्फिन, पाकिस्तान के सिंधु नदी के जल में पाई जाती है। केंद्र सरकार ने ०५ अक्टूबर २००९ को गंगा डोल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है। गंगा नदी में पाई जाने वाली गंगा डोल्फिन एक नेत्रहीन जलीय जीव है जिसकी घ्राण शक्ति अत्यंत तीव्र होती है। विलुप्त प्राय इस जीव की वर्तमान में भारत में २००० से भी कम संख्या रह गयी है जिसका मुख्य कारण गंगा का बढता प्रदूषण, बांधों का निर्माण एवं शिकार है। इनका शिकार मुख्यतः तेल के लिए किया जाता है जिसे अन्य मछलियों को पकडनें के लिए चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है। एस समय उत्तर प्रदेश के नरोरा और बिहार के पटना साहिब के बहुत थोड़े से क्षेत्र में गंगा डोल्फिन बचीं हैं। बिहार व उत्तर प्रदेश में इसे 'सोंस' जबकि आसामी भाषा में 'शिहू' के नाम से जाना जाता है। यह इकोलोकेशन (प्रतिध्वनि निर्धारण) और सूंघने की अपार क्षमताओं से अपना शिकार और भोजन तलाशती है। यह मांसाहारी जलीय जीव है। यह प्राचीन जीव करीब १० करोड़ साल से भारत में मौजूद है। यह मछली नहीं दरअसल एक स्तनधारी जीव है। मादा के औसत लम्बाई नर डोल्फिन से अधिक होती है। इसकी औसत आयु २८ वर्ष रिकार्ड की गयी है। 'सन ऑफ़ रिवर' कहने वाले डोल्फिन के संरक्षण के लिए सम्राट अशोक ने कई सदी पूर्व कदम उठाये थे। केंद्र सरकार ने १९७२ के भारतीय वन्य जीव संरक्षण कानून के दायरे में भी गंगा डोल्फिन को शामिल लौया था, लेकिन अंततः राष्ट्रीय जलीव जीव घोषित करने से वन्य जी संरक्षण कानून के दायरे में स्वतः आ गया। १९९६ में ही इंटर्नेशनल यूनियन ऑफ़ कंजर्वेशन ऑफ़ नेचर भी इन डॉल्फिनों को तो विलुप्त प्राय जीव घोषित कर चुका था। गंगा में डॉल्फिनों की संख्या में वृद्धि 'मिशन क्लीन गंगा' के प्रमुख आधार स्तम्भ होगा, क्योंकि केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री जयराम रमेश के अनुसार जिस तरह बाघ जंगल की सेहत का प्रतीक है उसी प्रकार डॉल्फिन गंगा नदी के स्वास्थ्य की निशानी है। .

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गंगा का आर्थिक महत्त्व

गंगा में मत्स्य पालन गंगा भारत के आर्थिक तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग है। उसके द्वारा सींची गई खेती, उसके वनों में आश्रित पशुपक्षी, उसके जल में पलने वाले मीन मगर, उसके ऊपर बने बाँधों से प्राप्त बिजली और पानी, उस पर ताने गए पुलों से बढ़ता यातायात और उसके जलमार्ग से होता आवागमन और व्यापार तथा पर्यटन उसे भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण साधन साबित करते हैं। गंगा अपनी उपत्यकाओं से भारत और बांग्लादेश की कृषि आधारित अर्थ में भारी सहयोग तो करती ही है, यह अपनी सहायक नदियों सहित बहुत बड़े क्षेत्र के लिए सिंचाई के बारहमासी स्रोत भी हैं। इन क्षेत्रों में उगाई जाने वाली प्रधान उपज में मुख्यतः धान, गन्ना, दाल, तिलहन, आलू एवं गेहूँ हैं। जो भारत की कृषि आज का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। गंगा के तटीय क्षेत्रों में दलदल एवं झीलों के कारण यहां लेग्यूम, मिर्चें, सरसों, तिल, गन्ने और जूट की अच्छी फसल होती है। नदी में मत्स्य उद्योग भी बहुत जोरों पर चलता है। गंगा नदी प्रणाली भारत की सबसे बड़ी नदी प्रणाली है। इसमें लगभग ३७५ मत्स्य प्रजातियाँ उपलब्ध हैं। वैज्ञानिकों द्वारा उत्तर प्रदेश व बिहार में १११ मत्स्य प्रजातियों की उपलब्धता बतायी गयी है। फरक्का बांध बन जाने से गंगा नदी में हिल्सा मछली के बीजोत्पादन में सहायता मिली है। गंगा का महत्व पर्यटन पर आधारित आय के कारण भी है। इसके तट पर ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तथा प्राकृति सौंदर्य से भरपूर कई पर्यटन स्थल है जो राष्ट्रीय आज का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। गंगा नदी पर रैफ्टिंग के शिविरों का आयोजन किया जाता है। जो साहसिक खेलों और पर्यावरण द्वारा भारत के आर्थिक सहयोग में सहयोग करते हैं। गंगा तट के तीन बड़े शहर हरिद्वार, इलाहाबाद एवं वाराणसी जो तीर्थ स्थलों में विशेष स्थान रखते हैं। इस कारण यहाँ श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर बनी रहता है और धार्मिक पर्यटन में महत्वपूर्म योगदान करती है। गर्मी के मौसम में जब पहाड़ों से बर्फ पिघलती है, तब नदी में पानी की मात्रा व बहाव अच्छा होता है, इस समय उत्तराखंड में ऋषिकेश - बद्रीनाथ मार्ग पर कौडियाला से ऋषिकेश के मध्य रैफ्टिंग के शिविरों का आयोजन किया जाता है, जो साहसिक खोलों के शौकीनों और पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित कर के भारत के आर्थिक सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। .

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गंगा के बाँध एवं नदी परियोजनाएँ

श्रेणी:गंगा नदी.

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गंगा की सहायक नदियाँ

देवप्रयाग में भागीरथी (बाएँ) एवं अलकनंदा (दाएँ) मिलकर गंगा का निर्माण करती हुईं गंगा नदी भारत की एक प्रमुख नदी है। इसका उप द्रोणी क्षेत्र भागीरथी और अलकनंदा में हैं, जो देवप्रयाग में मिलकर गंगा बन जाती है। यह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है। राजमहल की पहाड़ियों के नीचे भागीरथी नदी, जो पुराने समय में मुख्‍य नदी हुआ करती थी, निकलती है जबकि पद्मा पूरब की ओर बहती है और बांग्लादेश में प्रवेश करती है। यमुना, रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी, महानदी और सोन गंगा की महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ है। चंबल और बेतवा महत्‍वपूर्ण उप सहायक नदियाँ हैं जो गंगा से मिलने से पहले यमुना में मिल जाती हैं। पद्मा और ब्रह्मपुत्र बांग्‍लादेश में मिलती है और पद्मा अथवा गंगा के रूप में बहती रहती है। गंगा में उत्तर की ओर से आकर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियाँ यमुना, रामगंगा, करनाली (घाघरा), ताप्ती, गंडक, कोसी और काक्षी हैं तथा दक्षिण के पठार से आकर इसमें मिलने वाली प्रमुख नदियाँ चंबल, सोन, बेतवा, केन, दक्षिणी टोस आदि हैं। यमुना गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है जो हिमालय की बन्दरपूँछ चोटी के आधार पर यमुनोत्री हिमखण्ड से निकली है। हिमालय के ऊपरी भाग में इसमें टोंस तथा बाद में लघु हिमालय में आने पर इसमें गिरि और आसन नदियाँ मिलती हैं। इनके अलावा चम्बल, बेतवा, शारदा और केन यमुना की अन्य सहायक नदियाँ हैं। चम्बल इटावा के पास तथा बेतवा हमीरपुर के पास यमुना में मिलती हैं। यमुना इलाहाबाद के निकट बायीँ ओर से गंगा नदी में जा मिलती है। रामगंगा मुख्य हिमालय के दक्षिणी भाग नैनीताल के निकट से निकलकर बिजनौर जिले से बहती हुई कन्नौज के पास गंगा में जा मिलती है। करनाली मप्सातुंग नामक हिमनद से निकलकर अयोध्या, फैजाबाद होती हुई बलिया जिले के सीमा के पास गंगा में मिल जाती है। इस नदी को पर्वतीय भाग में कौरियाला तथा मैदानी भाग में घाघरा कहा जाता है। गंडक हिमालय से निकलकर नेपाल में 'शालग्रामी' नाम से बहती हुई मैदानी भाग में 'नारायणी' उपनाम पाती है। यह काली गंडक और त्रिशूल नदियों का जल लेकर प्रवाहित होती हुई सोनपुर के पास गंगा में मिल जाती है। कोसी की मुख्यधारा अरुण है जो गोसाई धाम के उत्तर से निकलती है। ब्रह्मपुत्र के बेसिन के दक्षिण से सर्पाकार रूप में अरुण नदी बहती है जहाँ यारू नामक नदी इससे मिलती है। इसके बाद एवरेस्ट कंचनजंघा शिखरों के बीच से बहती हुई अरूण नदी दक्षिण की ओर ९० किलोमीटर बहती है जहाँ इसमें पश्चिम से सूनकोसी तथा पूरब से तामूर कोसी नामक नदियाँ इसमें मिलती हैं। इसके बाद कोसी नदी के नाम से यह शिवालिक को पार करके मैदान में उतरती है तथा बिहार राज्य से बहती हुई गंगा में मिल जाती है। अमरकंटक पहाड़ी से निकलकर सोन नदी पटना के पास गंगा में मिलती है। मध्य प्रदेश के मऊ के निकट जनायाब पर्वत से निकलकर चम्बल नदी इटावा से ३८ किलोमीटर की दूरी पर यमुना नदी में मिलती है। काली सिंध, बनास और पार्वती इसकी सहायक नदियाँ हैं। बेतवा नदी मध्य प्रदेश में भोपाल से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, विदिशा, झाँसी, जालौन आदि जिलों में होकर बहती है। इसके ऊपरी भाग में कई झरने मिलते हैं किन्तु झाँसी के निकट यह काँप के मैदान में धीमे-धीमें बहती है। इसकी सम्पूर्ण लम्बाई ४८० किलोमीटर है। यह हमीरपुर के निकट यमुना में मिल जाती है। इसे प्राचीन काल में वत्रावटी के नाम से जाना जाता था। भागीरथी नदी के दायें किनारे से मिलने वाली अनेक नदियों में बाँसलई, द्वारका, मयूराक्षी, रूपनारायण, कंसावती और रसूलपुर नदियाँ प्रमुख हैं। जलांगी और माथा भाँगा या चूनीं बायें किनारे से मिलती हैं जो अतीत काल में गंगा या पद्मा की शाखा नदियाँ थीं। किन्तु ये वर्तमान समय में गंगा से पृथक होकर वर्षाकालीन नदियाँ बन गई हैं। .

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गङ्गाछड़ा उपज़िला

गंगाछड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के रंगपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रंगपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गुनाहार

# रीडायरेक्ट धुपचँचिय़ा उपजिला .

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गुरुदासपुर उपज़िला

गुरुदासपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नाटोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नाटोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गुरुनाथ विद्यानिधि

गुरुनाथ विद्यानिधि (1862–1931) संस्कृत के विद्वान थे। उनका जन्म वर्तमान बंगलादेश के ढाका जिले के विक्रमपुर गाँव में हुआ था। उन्होने कई ग्रन्थों की रचना की जो संस्कृत विद्वानों एवं शोधार्थियों के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं। मुग्धवोध व्याकरण, मित्रलाभ, अमरकोश, साहित्य दर्पण, तथा छन्द मंजरी आदि उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं। श्रेणी:संस्कृत विद्वान.

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ग्रैंड ट्रंक रोड

ग्रैंड ट्रंक रोड, दक्षिण एशिया के सबसे पुराने एवं सबसे लम्बे मार्गों में से एक है। दो सदियों से अधिक काल के लिए इस मार्ग ने भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी एवं पश्चिमी भागों को जोड़ा है। यह हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांगलादेश के चटगाँव से प्रारंभ होता है और लाहौर (पाकिस्तान) से होते हुए अफ़ग़ानिस्तान में काबुल तक जाता है। पुराने समय में इसे, उत्तरपथ,शाह राह-ए-आजम,सड़क-ए-आजम और बादशाही सड़क के नामों से भी जाना जाता था। यह मार्ग, मौर्य साम्राज्य के दौरान अस्तित्व में था और इसका फैलाव गंगा के मुँह से होकर साम्राज्य के उत्तर-पश्चिमी सीमा तक हुआ करता था। आधुनिक सड़क की पूर्ववर्ती का पुनःनिर्माण शेर शाह सूरी द्वारा किया गया था। सड़क का काफी हिस्सा १८३३-१८६० के बीच ब्रिटिशों द्वारा उन्नत बनाया गया था। .

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गौरनदी उपज़िला

गौरनदी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरिशाल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरिशाल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गौरीपुर उपज़िला

गौरीपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गोदागारी उपज़िला

गोदागारी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के राजशाही ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। .

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गोपालपुर उपज़िला

गोपालपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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गोपालगञ्ज सदर उपज़िला

गोपालगंज सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के गोपालगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला गोपालगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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गोपीनाथ कविराज

महामहोपाध्याय श्री गोपीनाथ कविराज महामहोपाध्याय श्री गोपीनाथ कविराज (७ सितम्बर 1887 - १२ जून 1976) संस्कृत के विद्वान और महान दार्शनिक थे। १९१४ में पुतकालयाक्ष्यक्ष से आरम्भ करते हुए वे १९२३ से १९३७ तक वाराणसी के शासकीय संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य रहे। इस कालावधि में वे सरस्वती भवन ग्रन्थमाला के सम्पादक भी रहे। गोपीनाथ कविराज बंगाली थे और इनके पिताजी का नाम वैकुण्ठनाथ बागची था। आप का जन्म ब्रिटिश भारत के ग्राम धमरई जिला ढाका (अब बांग्लादेश) मे हुआ था। उनका जन्म प्रतिष्ठित बागची घराने मे हुआ था और "कविराज" उनको सम्मान में कहा जाता था। आपने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा श्री मधुसूदन ओझा एवं शशिधर "तर्क चूड़ामणि" के निर्देशन मे जयपुर मे प्रारंभ किया। महामहोपाध्याय पं॰ गोपीनाथ कविराज वर्तमान युग के विश्वविख्यात भारतीय प्राच्यविद् तथा मनीषी रहे हैं। इनकी ज्ञान-साधना का क्रम वर्तमान शताब्दी के प्रथम दशक से आरम्भ हुआ और प्रयाण-काल तक वह अबाधरूप से चलता रहा। इस दीर्घकाल में उन्होंने पौरस्त्य तथा पाश्चात्य ज्ञान-विज्ञान की विशिष्ट चिन्तन पद्धतियों का गहन अनुशीलन कर, दर्शन और इतिहास के क्षेत्र में जो अंशदान किया है उससे मानव-संस्कृति तथा साधना की अंतर्धाराओं पर नवीन प्रकाश पड़ा है, नयी दृष्टि मिली है। उन्नीसवीं शती के धार्मिक पुनर्जागरण और बीसवीं शती के स्वातन्त्र्य-आन्दोलन से अनुप्राणित उनकी जीवन-गाथा में युगचेतना साकार हो उठी है। प्राचीनता के सम्पोषक एवं नवीनता के पुरस्कर्ता के रूप में कविराज महोदय का विराट् व्यक्तित्व संधिकाल की उन सम्पूर्ण विशेषताओं से समन्वित है, जिनसे जातीय-जीवन प्रगति-पथ पर अग्रसर होने का सम्बल प्राप्त करता रहा है। इनके द्वारा रचित एक शोध तांत्रिक वाङ्मय में शाक्त दृष्टि के लिये उन्हें सन् १९६४ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (संस्कृत) से सम्मानित किया गया। .

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गोबिन्दगञ्ज उपज़िला

गोबिन्दगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के गाइबान्धा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय गाइबान्धा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गोमस्तपुर उपज़िला

गोमस्तपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नवाबगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय नवाबगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गोय़ालन्द उपज़िला

गोय़ालन्द उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के राजबाड़ी ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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गोय़ाइनघाट उपज़िला

गोय़ाइनघाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गोरखा रेजिमेंट (भारत)

गोरखा रेजिमेंट 1947 में भारत की आजादी के बाद से, ब्रिटेन-भारत-नेपाल त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार, छह गोरखा रेजिमेंट, पहले ब्रिटिश भारतीय सेना का हिस्सा, भारतीय सेना का हिस्सा बन गए और तब से कभी भी सेवा की है। सैनिक मुख्य रूप से नेपाल के जातीय नेपाली गोरखाओं और नेपाल के जातीय लोग हैं जो भारतीय गोरखा के रूप में जाने जाते हैं, उनकी लड़ाई में साहस का इतिहास है, गोरखा सैनिकों द्वारा जीती वीरता पुरस्कारों और गोरखा को सम्मानित होने वाले युद्ध सम्मान से पहले और बाद में भारतीय सेना। 7 वीं गोरखा राइफल्स और 10 वीं गोरखा राइफल्स के गोरखा सैनिकों को समायोजित करने के लिए स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना में सातवां गोरखा राइफल्स रेजिमेंट फिर से उठाया गया, जिन्होंने ब्रिटिश सेना को स्थानांतरित न करने का फैसला किया। .

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गोलापगञ्ज उपज़िला

गोलापगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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गोसाइरहाट उपज़िला

गोसाइरहाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के शरिय़तपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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गोस्था पाल

गोस्था बेहरी पॉल (२० अगस्त १८९६ – ८ अप्रैल १९७६) भारतीय पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी थे। उनका जन्म बंगाल प्रेसिडेन्सी के फ़रिदाबाद जिले के भोजेश्वर (वर्तमान में बांग्लादेश में स्थित) में हुआ। वो बचपन में ही कोलकाता आ गये और जीवन भर कोलकाता में ही रहे। भारत सरकार ने १९६२ में उन्हें खेलों के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मनित किया। .

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गीता दत्त

गीता दत्त एक विख्यात भारतीय गायिका थीं। इनका जन्म भारत के विभाजन से पहले फरीदपुर में हुआ। उन्होंने हिंदी सिनेमा में एक पार्श्व गायिका के रूप में विशेष पहचान पाई। श्रेणी:हिन्दी अभिनेत्री श्रेणी:गायिका श्रेणी:1930 में जन्मे लोग श्रेणी:मृत लोग.

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आटपाड़ा उपज़िला

आटपाड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मयमनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आटाइकुला उपज़िला

आटाइकुला उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के पाबना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पाबना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आटघरिय़ा उपज़िला

आटघरिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के पाबना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पाबना सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आटोय़ारी उपज़िला

आटोय़ारी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के पंचगड़ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय पंचगड़ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आड़ाइहाजार उपज़िला

आड़ाइहाजार उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के नाराय़णगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला नाराय़णगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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आत्राइ उपज़िला

आत्राइ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के नओगाँ ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नओगाँ सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आदमदिघी उपज़िला

आदमदिघी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आदितमारी उपज़िला

आदितमारी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के लालमनिरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय लालमनिरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आदित्य बिड़ला समूह

आदित्य बिड़ला समूह भारत के साथ थाईलैंड, दुबई, सिंगापुर,, म्यांमार, लाओस, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मिस्र, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, चीन, अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, हंगरी, ब्राजील, इटली, फ्रांस, लक्समबर्ग, स्विट्जरलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, वियतनाम और कोरिया समेत 25 देशों में कार्यरत मुंबई में स्‍थित मुख्‍यालय वाला एक बहुराष्ट्रीय सांगठनिक निगम है। आदित्य बिड़ला समूह यूएस 30 बिलियन यूएस$ का संगठन है जो अपने राजस्‍व का 60% भारत के बाहर से प्राप्त करता है। समूह स्‍वयं द्वारा संचालित सभी औधोगिक क्षेत्रों में प्रमुख खिलाड़ी है। बिरला समूह हेवेट-इकॉनामिक टाइम्‍स और वॉल स्‍ट्रीट जर्नल स्‍टडी 2007 के द्वारा एशिया में शीर्ष 20 के बीच भारत के श्रेष्ठ नियोक्‍ता के रूप में घोषित किया गया है। समूह की उत्पत्ति भारत के अग्रणी उद्योगपति घनश्‍याम दास बिरला के द्वारा पहली बार स्‍थापित संगठन में निहित है। .

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आनवरा उपज़िला

आनवरा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आपातकाल (भारत)

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, जिन्होंने भारत के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करवाई। 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस पर प्रतिबंधित कर दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान चलाया गया। जयप्रकाश नारायण ने इसे 'भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि' कहा था। .

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आम

आम एक प्रकार का रसीला फल होता है। इसे भारत में फलों का राजा भी बोलते हैं। इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है। आमों की प्रजाति को मेंगीफेरा कहा जाता है। इस फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी, इसके बाद धीरे धीरे अन्य देशों में फैलने लगी। इसका सबसे अधिक उत्पादन भारत में होता है। यह भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रीय फल माना जाता है और बांग्लादेश में इसके पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा प्राप्त है। .

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आमतली उपज़िला

आमतली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरगुना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरगुना सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आमार शोनार बांग्ला

Amar Sonar Bangla Music.svg आमार शोनार बांग्ला के नोट का पहला हिस्सा अमार शोनार बांग्ला (मेरा सोने का बंगाल या मेरा सोने जैसा बंगाल), बांग्लादेश का राष्ट्रगान है, जिसे गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था। यह बांग्ला भाषा में है। गुरुदेव ने इसे बंग भंग के समय सन १९०६ में लिखा था जब मजहब के आधार पर अंग्रेजों ने बंगाल को दो भागों में बांट दिया था। यह गीत बंगाल के एकीकरण के लिये माहौल बनाने के लिये लिखा गया था। स्वतन्त्र होने के बाद बांग्लादेश ने सन १९७२ में इस गीत की प्रथम दस पंक्तियों को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया। .

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आर्चर ब्लड

आर्चर केन्ट ब्लड (Archer Kent Blood, मार्च 20, 1923 – सितम्बर 3, 2004) एक अमेरिकी दूत थे। सन् 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान वे ढाका में अमेरिकी वाणिज्यदूतावास (कॉन्सुलेट) में तायनात थे। ढाका, जो आज बांग्लादेश की राजधानी है, उस समय पूर्वी पाकिस्तान का मुख्यालय था। आर्चर ब्लड उस समय ढाका से अपनी (यानि अमेरिकी) सरकार को पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे अत्याचार के विरुद्ध एक तार भेजेने के लिए प्रसिद्ध हुए। यह तार आगे जाकर ब्लड तार (Blood Telegram) कहलाया। .

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आर्य वंश

आर्य वंश ऐतिहासिक रूप से 19वीं शताब्दी के अंत और 20वीं शताब्दी के आरम्भ में पश्चिमी सभ्यता में आर्यवंशी काफी प्रभावशाली लोग हुआ करते थे। माना जाता है कि इस विचार से यह व्यूत्पन्न है कि हिंद युरोपीय भाषा के बोलने वाले मूल लोगों और उनके वंशजों ने विशिष्ट जाति या वृहद श्वेत नस्ल की स्थापना की। ऐसा माना जाता है कि कभी-कभी आर्यन जाति से ही आर्यवाद अस्तित्व में आया। आरम्भ में इसे मात्र भाषाई आधार पर जाना जाता था लेकिन नाज़ी और नव-नाज़ी में जातिवाद की उत्पत्ति के बाद सैधांतिक रूप से इसका प्रयोग जादू-टोना और श्वेत प्रतिष्ठा को स्थापित करने के लिए किया जाने लगा। .

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आलफाडाङा उपज़िला

आलफाडाङा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के फरिदपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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आलमडाङ्गा उपज़िला

आलमडांगा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के चुय़ाडांगा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय चुय़ाडांगा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आलिकदम उपज़िला

आलिकदम उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के बन्दरबान ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ७ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बन्दरबान सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आलू के चिप्स

आलू के चिप्स यहां पुनर्निर्देशित है। एकवचन उपयोग के लिए, आलू के चिप देखें आलू के चिप्स (जिन्हें अमेरिकन, ऑस्ट्रेलियन, कनाडियन, सिंगापुर, दक्षिणी अफ्रीका, हवाई इंग्लिश, भारतीय इंग्लिश तथा जमैका की इंग्लिश के साथ साथ अधिकांश यूरोपीय भाषाओं में चिप्स के नाम से; ब्रिटिश तथा आयरिश इंग्लिश में क्रिस्प्स, तथा न्यू ज़ीलैंड में चिपीस के नाम से जाना जाता है) दरसल आलू की पतली फांक हैं जिन्हें तला जाता है। आलू के चिप्स को सामान्यरूप से एक क्षुधावर्धक, अतिरिक्त व्यंजन, या नाश्ते के रूप में परोसा जाता है। बुनियादी चिप्स पके हुए तथा नमक मिलाये गए होते हैं; अतिरिक्त विविधताओं को बनाने के लिए अनेक स्वादों तथा सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है जिनमें सीजनिंग, जड़ी-बूटियां, मसाले, चीज़ तथा कृत्रिम योज्य शामिल होते हैं। क्रिस्प्स, तथापि, ब्रिटेन तथा आयरलैंड में नाश्ते के लिए बनाये गए अनेक उत्पादों को कहा जाता है, इनमें से कुछ आलू से बनते हैं, परन्तु ये मक्का, मैदा तथा कसावा से भी बनाये जाते हैं। इस प्रकार के क्रिस्प्स का एक उदाहरण मॉन्स्टर मंच है। क्रिस्प्स का प्रयोग उत्तरी अमेरिका में भी होता है जहां इन्हें आलू से बने नाश्ते के रूप में जाना जाता है जिनका सुखाये हुए आलू के फ्लेक व अन्य पूरक वस्तुओं से पुनर्निर्माण किया जाता है, उदाहरण के लिए "बेकद ले'स" व प्रिंगल्स, हालांकि तकनीकी रूप से प्रिंगल तेल में "क्विक फ्राई" किये जाते हैं। आलू के चिप्स अंग्रेजी भाषी देशों में तथा कई अन्य पश्चिमी देशों के स्नैक खाद्य बाजार का एक प्रमुख भाग हैं। 2005 में वैश्विक आलू चिप बाजार का कुल राजस्व 16.4 बिलियन डॉलर था। यह उस वर्ष के नमकीन नाश्तों के कुल बाज़ार का 35.5% था (46.1 बिलियन डॉलर).

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आशाशुनि उपज़िला

आशाशुनि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के सातक्षीरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सातक्षीरा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आशुगञ्ज उपज़िला

आशुगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के ब्राह्मणबाड़िय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी

आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी (अंग्रेज़ी: ICC Champions Trophy), विश्व क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा आयोजित की जाने वाली एक द्विवार्षिक प्रतियोगिता है। इसे क्रिकेट के विश्व कप के बाद सबसे बड़ी प्रतियोगिता के रूप में देखा जाता है और कुछ लोग इसे मिनी विश्व कप भी कहते हैं। १९९८ से शुरु होकर अभी तक कुल ८ बार इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है जिसे, समयवार क्रम में, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, भारत तथा श्रीलंका (अनिर्णीत), वेस्ट इंडीज़, ऑस्ट्रेलिया, भारत व पाकिस्तान ने जीता है। टूर्नामेंट के आठ संस्करणों में कुल मिलाकर तेरह टीमों ने भाग लिया, जिसमें आठ ने 2017 में आखिरी संस्करण में भाग लिया। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीन प्रारूपों में से प्रत्येक के लिए केवल एक शिखर टूर्नामेंट रखने के आईसीसी के लक्ष्य के अनुरूप रखा गया था। .

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आईसीसी महिला ट्वेंटी-20 विश्व कप

आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी-20 महिलाओं की टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप है। घटना शासी निकाय खेल से आयोजित किया जाता है, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पहले संस्करण के साथ 2009 में इंग्लैंड में आयोजित किया जा रहा। पहले तीन टूर्नामेंटों के लिए, वहाँ आठ प्रतिभागियों थे, लेकिन इस संख्या के बाद 2014 संस्करण से दस करने के लिए उठाया गया है। प्रत्येक टूर्नामेंट में टीमों की एक निर्धारित संख्या स्वचालित रूप से चुने जाते हैं, ट्वेंटी-20 विश्व कप क्वालीफायर के द्वारा निर्धारित शेष टीमों के साथ। ऑस्ट्रेलिया, ट्वेंटी-20 विश्व कप में सबसे सफल टीम है, जबकि 2016 में सबसे हाल के टूर्नामेंट में वेस्ट इंडीज ने जीती, तीन टूर्नामेंट जीत चुके हैं। .

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आईसीसी महिला ट्वेंटी-20 विश्व कप क्वालीफायर 2013

2013 आईसीसी महिला ट्वेंटी-20 विश्व कप क्वालीफायर एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट डबलिन, आयरलैंड में आयोजित 23 जुलाई से 1 अगस्त 2013 था। टूर्नामेंट के शीर्ष तीन टीमें बांग्लादेश में 2014 के ट्वेंटी-20 विश्व कप के लिए आगे बढ़ने के साथ, महिला विश्व ट्वेंटी-20 क्वालीफायर के उद्घाटन संस्करण था। आठ टीमों के टूर्नामेंट में खेला था। मेजबान, आयरलैंड, क्षेत्रीय क्वालीफाइंग टूर्नामेंट से 2012 ट्वेंटी-20 विश्व कप में पाकिस्तान और श्रीलंका के दो सबसे कम रखा टीमों, साथ ही पांच टीमों से जुड़े हुए थे। पाकिस्तान और श्रीलंका दोनों पर चले गए टूर्नामेंट में अपराजित होने के लिए, शीर्षक साझा करने के बाद अंतिम बारिश से बाधित किया गया था। आयरलैंड तीसरे स्थान के प्ले ऑफ में नीदरलैंड्स को पराजित भी ट्वेंटी-20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने के लिए। .

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आईसीसी क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर 2018

2018 आईसीसी विश्व कप क्वालीफायर एक आगामी क्रिकेट टूर्नामेंट है जिसे 2018 मार्च में जिम्बाब्वे में आयोजित किया जाना है, 2019 विश्व कप के लिए अंतिम योग्यता का फैसला करने के लिए। शीर्ष दो टीमों को विश्व कप के लिए अर्हता प्राप्त होगी, मेजबानों और सात टीमें जो पहले से ही आईसीसी वनडे चैम्पियनशिप में अपनी रैंकिंग के माध्यम से योग्य हैं में शामिल हो गए हैं। टूर्नामेंट शुरू में बांग्लादेश में होने का आयोजन किया गया था, लेकिन मई 2017 में यह बताया गया कि यह जगह दूसरे स्थान पर आयोजित की जाएगी क्योंकि बांग्लादेश स्वत: योग्यता के करीब था, और इस प्रकार इस टूर्नामेंट में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होगी। तीन बोलियां विचाराधीन थीं: एक जिम्बाब्वे से, एक संयुक्त अरब अमीरात से और आयरलैंड और स्कॉटलैंड से संयुक्त बोली। अक्टूबर 2017 में, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने घोषणा की कि जिम्बाब्वे इस आयोजन की मेजबानी करेगा। जनवरी 2018 में, आईसीसी ने टूर्नामेंट के लिए सभी जुड़नार और जगहों की पुष्टि की। टूर्नामेंट के समापन के बाद, नीदरलैंड (जिसने आईसीसी वर्ल्ड क्रिकेट लीग चैम्पियनशिप जीती) और शीर्ष तीन एसोसिएट सदस्य टीम 2022 तक एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ओडीआई) स्थिति अर्जित करेगी। .

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आखाउड़ा उपज़िला

आखाउड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के ब्राह्मणबाड़िय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आग्नेय भाषापरिवार

ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ​ (Austro-Asiatic languages) या मोन-ख्मेर भाषाएँ या आग्नेय भाषाएँ दक्षिण-पूर्वी एशिया में विस्तृत एक भाषा परिवार है भाषाएँ भारत और बंगलादेश में जहाँ-तहाँ और चीन की कुछ दक्षिणी सीमावर्ती क्षेत्रों में भी बोलीं जाती हैं। इनमें केवल ख्मेर, वियतनामी और मोन का लम्बा लिखित इतिहास है और केवल ख्मेर और वियतनामी को अपने क्षेत्रों में सरकारी भाषा होने का दर्जा प्राप्त है। अन्य सभी भाषाएँ अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा बोली जाती हैं। कुल मिलाकर ऍथनोलॉग भाषा सूची में इस परिवार की १६८ सदस्य भाषाएँ गिनी गई हैं। भारत में खासी और मुंडा भाषाएँ इस परिवार में आती हैं। .

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आगैलझाड़ा उपज़िला

आगैलझाड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के बरिशाल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ६ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बरिशाल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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आंबेडकर जयंती

आंबेडकर जयंती या भीम जयंती डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जिन्हें बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है, के जन्म दिन १४ अप्रैल को तौहार के रूप में भारत समेत पुरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन को 'समानता दिवस' और 'ज्ञान दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकी जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले प्रतिभाशाली डॉ॰ भीमराव आंबेडकर को समानता के प्रतिक और ज्ञान के प्रतिक भी कहां जाता है। भीमराव विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन, संविधान निर्माण और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर की पहली जयंती सदाशिव रणपिसे इन्होंने १४ अप्रेल १९२८ में पुणे शहर में मनाई थी। रणपिसे आंबेडकर के अनुयायी थे। उन्होंने आंबेडकर जयंती की प्रथा शुरू की और भीम जयंतीचे अवसरों पर बाबासाहेब की प्रतिमा हाथी के अंबारी में रखकर रथसे, उंट के उपर कई मिरवणुक निकाली थी। उनके जन्मदिन पर हर साल उनके लाखों अनुयायी उनके जन्मस्थल भीम जन्मभूमि महू (मध्य प्रदेश), बौद्ध धम्म दीक्षास्थल दीक्षाभूमि, नागपुर और उनका समाधी स्थल चैत्य भूमि, मुंबई में उन्हें अभिवादन करने लिए इकट्टा होते है। सरकारी दफ्तरों और भारत के हर बौद्ध विहार में भी आंबेडकर की जयंती मनाकर उन्हें नमन किया जाता है। विश्व के 55 से अधिक देशों में डॉ॰ भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाई जाती है। गुगल ने डॉ॰ आंबेडकर की 124 वी जयंती 2015 पर अपने 'गुगल डुडल' पर उनकी तस्वीर लगाकर उन्हें अभिवादन किया। तीन महाद्विपों के देशों में यह डुडल था। .

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आइएसओ ३१६६ - १

देशों की सूची - ISO 3166-1.

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आक्केलपुर उपज़िला

आक्केलपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के जयपुरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय जयपुरहाट सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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इटना उपज़िला

इटना उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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इन्नोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स

इन्नोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स २०१२ में बने गयी एक इस्लाम विरोधी फिल्म है। पूरे इस्लामी दुनिया में इस कि तीखी प्रतिक्रिया हुई, लीबिया में गुस्साए लोगों ने अमेरिकी दूतावास पर हमला कर दिया। मिस्र, पाकिस्तान, भारत, सउदी अरब, बंगलादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, तुर्की, सूडान, अफगानिस्तान, इराक, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, अमेरिका समेत सम्पूर्ण विश्व में इसके विरोध में प्रदर्शन हुए। इस फिल्म कि निंदा ईसाई समाज ने भी की है। .

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इमरती

इमरती एक प्रकार का मीठा पकवान है जो उर्द की दाल के घोल और चीनी की चाशनी से बनाया जाता है। इमरती या झंग्री एक प्रकार की स्वादिष्ट मिठाई हैं जो भारत एवं इसके आस पास के देशों में मुग़ल रसोइयों द्वारा लायी गयी थी। यह उरद दाल के पिसी गयी मिश्रण को तेल में तलकर बनाई जाती हैं। इसका आकर गोल एवं फूलों की तरह होता हैं। तलने के बाद इसे चीनी के चासनी में डाला जाता है। इस व्यंजन को जलेबी भी कुछ लोग गलती से समझ लेते हैं, जो आकार में इससे थोड़ी पतली एवं इमारती से एवं ज्यादा मीठी होती हैं। इमरती उड़द के आटे की घोल से बनाया जाता हैं एवं इसे बोलचाल की भाषा जलेबी परपू (दाल) भी कहा जाता हैं चीनी की चाशनी एवं केशर इसमें रंग लाने के लिए मिलाया जाता है। .

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इयान बेल

इयान रोनाल्ड बेल इयान रोनाल्ड बेल एमबीई (MBE) (जन्म 11 अप्रैल 1982 को) इंग्लैंड के एक टेस्ट क्रिकेटर हैं। वे वारविकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के लिए काउंटी क्रिकेट भी खेलते हैं। वे दाहिने हाथ के उच्च/मध्यम क्रम के बल्लेबाज हैं, जिन्हें द टाइम्स ने "खूबसूरत तलवार" जैसा और सामयिक दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज के रूप में वर्णित किया है। उन्हें अपनी तीक्ष्ण सजगता और मैदान पर गेंद पकड़ने के करीबी क्षेत्रों में मैदान पर डटे रहने वाले के रूप में बताया गया है। बेल इंग्लैंड के लिए टेस्ट और एक दिवसीय अंतराष्ट्रीय दोनों मैचों में खेलते हैं और बारह टेस्ट शतक बना चुके हैं। 2006 में नए साल की सम्मान सूची में इयान बेल को 2005 में सफल एशेज दौरे में उनकी भूमिका के लिए एमबीई (MBE) से सम्मानित किया गया और नवंबर 2006 में इंटरनेशनल क्रिकेट कौंसिल ने उन्हें प्रतिष्ठित साल के उभरते हुए खिलाड़ी के रूप में सम्मानित किया। 2008 और 2009 के दौरान वे कभी-कभी ही इंग्लैंड टीम के सदस्य होते थे, लेकिन 2009 में एशेज के दौरान उन्होंने टेस्ट टीम में जगह बनाई, जिसमें इंग्लैंड जीता और उसके बाद के वर्ष में कई एकदिवसीय मैचों में खेले। 2010 के दौरान अगली सर्दियों में पहला एशेज शतक, जिसने इंग्लैंड एशेज जीतने में मदद की, लगाने के पहले उन्होंने वारविकशायर की कप्तानी की और सीबी 40 फाइनल में जीत हासिल की.

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इयाजुद्दीन अहमद

याजुद्दिन अहमद (बांग्ला: য়াজউদ্দিন আহম্মেদ) (१ फरवरी, 1931) के वर्तमान राष्ट्रपति बांग्लादेश की है और कार्यालय में 2002 के बाद से पैदा की गई है। जन्म है विक्रमपुर ढाका जिला, तत्कालीन बंगाल प्रांत, ब्रिटिश भारत में पैदा हुई थी (अब मुंशिगंज जिला, बांग्लादेश)। श्रेणी:1931 में जन्मे लोग.

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इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड

इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड (इरकॉन) एक केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है जिसकी स्थापना कम्पनी अधिनियम,1956 के अंतगर्त एक सरकारी कंपनी के रूप में की गई है। इरकॉन की स्थापना विश्‍व के विकासशील देशों को अपनी स्वयं की रेल व्यवस्था संस्थापित करने या अनुरक्षण करने में सहयोग देने तथा सहयोग देने तथा निजी क्षेत्र क लिये परियोजनाओं को निष्पादित करने में भारतीय रेल के अनुभव का उपयोग करने के लिये की गई थी। इरकॉन अपनी निर्माण गतिविधियों की संपूर्ण श्रंखला के लिए टीयूवी जर्मनी से आईएसओ-9001:2000 प्रमाणन प्राप्त करने वाली पहली कम्पनी है। यह निर्माण क्षेत्र की सार्वजनिक उद्यम कंपनी है जिसे भारत सरकार द्वारा मिनी रत्‍न की उपाधि प्रदान की गयी है तथा जिसने अनुसूची "क" कंपनी का स्तर प्राप्त किया है। .

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इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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इस्लामपुर उपज़िला

इस्लामपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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इस्लामिक टीवी

इस्लामिक टीवी एक बांग्ला टीवी चैनल है। यह एक इस्लामिक धार्मिक चैनल है। श्रेणी:बंगाली टीवी चैनल.

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इस्लामी सहयोग संगठन

निलंबित देश ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कारपोरेशन: Organisation of Islamic Cooperation (OIC) इस्लामिक देशों के मध्य सभी विषयों में सहयोग को प्रोत्साहित करता है। जिसका औपचारिक नाम: ऑर्गेनाइजेशन डी ला को-ऑपरेशन इस्लामिक (फ्रेंच)। मुख्यालय: जेद्दा, (सऊदी अरब) मेँ स्थित है तथा सदस्यता वाले देश: अफगानिस्तान, अल्बानिया, अल्जीरिया, अज़रबैजान, बहरीन, बांग्लादेश, बेनिन, ब्रूनेई, दार-ए- सलाम, बुर्किना फासो, कैमरून, चाड, कोमोरोस, आईवरी कोस्ट, जिबूती, मिस्र, गैबॉन, गाम्बिया, गिनी, गिनी-बिसाऊ, गुयाना, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, जार्डन, कजाखस्तान, कुवैत, किरगिज़स्तान, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, मालदीव, माली, मॉरिटानिया, मोरक्को, मोजाम्बिक, नाइजर, नाइजीरिया, ओमान, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, कतर, सऊदी अरब, सेनेगल, सियरा लिओन, सोमालिया, सूडान, सूरीनाम, सीरिया, ताजिकिस्तान, टोगो, ट्यूनीशिया, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, युगांडा, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान, यमन। और आधिकारिक भाषाएं: अरबी, अंग्रेजी और फ्रांसीसी है। .

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इस्लामी सैन्य गठबंधन

इस्लामी सैन्य गठबंधन: (आईएमए) (अरबी: التحالف الإسلامي العسكري لمحاربة الإرهاب), और इस्लामी सैन्य काउंटर टेररिज्म कोएलिशन (आईएमसीटीसी) के रूप में भी जाना जाता है, मुस्लिम दुनिया में एक अंतर-सरकारी आतंकवाद विरोधी गठबंधन है, जो सेना के चारों ओर एकजुट है आईएसआईएस और अन्य आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ हस्तक्षेप।.

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इंडियन एयरलाइंस

इंडियन एयरलाइंस का एक विमान, सिंगापुर में चांगी एयरपोर्ट पर इंडियन भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की एक विमान सेवा कंपनी है। इसकी उड़ाने IC के नाम से जानी जाती हैं। .

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इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार

इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में दिया जाता है। १९८४ में उनकी हत्या कर दी गई थी। उनकी स्मृति में स्थापित 'इंदिरा गांधी मेमोरिल ट्रस्ट' द्वारा वर्ष १९८६ से 'इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार' प्रति वर्ष विश्व के किसी ऐसे व्यक्ति को प्रदान किया जाता है जिसने समाज सेवा, निरस्त्रीकरण या विकास के कार्य में महत्वपूर्ण योगदान किया हो। इस पुरस्कार के अंतर्गत २५ लाख रुपए नकद, एक ट्रॉफी और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाता है। .

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कचुय़ा उपज़िला

कचुय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चाँदपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय चाँदपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कचुय़ा उपज़िला (बागेरहाट)

कचुय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के बगेरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगेरहाट सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कटिय़ादि उपज़िला

कटिय़ादि उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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कट्ठा

कठ्ठा भारत और बांग्लादेश में भूमि का क्षेत्रफल की पारम्परिक ईकाई है। २० कठ्ठा मिलाकर १ बीघा होता है। कठ्ठा यह भारत, नेपाल और बांग्लादेश में भूमि का क्षेत्रफल की एक पारम्परिक इकाई है। २० कठ्ठा मिलाकर १ बीघा होता है। यह इकाई अभी भी बांग्लादेश और भारत में बहुत अधिक उपयोग में है,  लेकिन इसका आकार जगह - जगह के अनुसार काफी भिन्न होता है। भारतीय राज्य बिहार में, एक कटा 750 फुट² से 2000 फुट² तक भिन्न होता है इसके अलावा यह क्रमशः लंबाई 32 और चौड़ाई 30 फुट हो सकता है। उत्तर बिहार और पटना में, 1 कठ्ठा आम तौर पर 1361 फुट² के बराबर है तथा: 1 बीघा .

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कतला

कतला मछली कतला या भाकुर (Gibelion catla) मछली की एक जाति है। यह भारत, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान की नदियों एवं स्वच्छ जलस्रोतों में पायी जाती है। FAO Fisheries and Aquaculture Department, Cultured Aquatic Species Information Programme .

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कनाईपुर

बंग्लादेश का एक शहर। यह राजधानी ढाका से करीब १२० किलोमीटर की दूरी पर ढाका खुलना राजमार्ग पर स्थित है। .

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कबड्डी

कबड्डी एक खेल है, जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में खेली जाती है। कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: उत्तर भारत में किया जाता है, इस खेल को दक्षिण में चेडुगुडु और पूरब में हु तू तू के नाम से भी जानते हैं। यह खेल भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान में भी उतना ही लोकप्रिय है। तमिल, कन्नड और मलयालम में ये मूल शब्द, (கை-பிடி) "कै" (हाथ), "पिडि" (पकडना) का रूपान्तरण है, जिसका अनुवाद है 'हाथ पकडे रहना'। कबड्डी, बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है। .

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कबिट

कबीट कबिट (Limonia acidissima L. / लीमोन्या आकीदीस्सीमा) एक फल है जो बेल जैसा होता है। इसे 'कपित्थ' या कठबेल भी कहते हैं। आयुर्वेद में कबीट को पेट रोगों का विशेषज्ञ माना गया है। इसका जहाँ शरबत इस्तेमाल किया जाता है, वहीं चटनी भी खूब पसंद की जाती है। भारत में कबीट दक्षिण भारत से लेकर ठेठ उत्तर पया जाता है। इसके अलावा यह बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्री लंका, जावा, मलेशिया आदि में भी पाया जाता है। मोटे तौर पर कबीट को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। पहले वर्ग में छोटे आकार के कबीट फल होते हैं जो स्वाद में बहुत खट्टे होते हैं साथ ही गले पर भी असर करते हैं। दूसरे वर्ग में वह कबीट है जो आकार में बड़ा होता है। इसका गूदा खट्टापन लिए मीठा होता है। .

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कबिरहाट उपज़िला

कबिरहाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के नोय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नोय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कमरख

पेड़ पर लगे हुए कमरख कमरख (Carambola या starfruit) एक फल है। यह स्वाद में खट्टा होता है और इसकी चटनी, अचार आदि बनाया जाता है। यह भारत, बंगलादेश, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस में पैदा होते हैं। इसके अलावा यह पेरू, कोलम्बिया, त्रिनिदाद, इक्वेटर, गुयाना, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी पैदा होता है। इसका फल प्रायः पाँच कोण के तारे जैसी आकृति का होता है। .

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कमरखन्द उपज़िला

कमरखन्द उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के सिराजगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिराजगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कमलनगर उपज़िला

कमलनगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के लक्ष्मीपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय लक्ष्मीपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कमलगञ्ज उपज़िला

कमलगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के मौलवीबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मौलवीबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कमालुद्दीन हुसैन

कमालुद्दीन हुसैन एक बांग्लादेशी न्यायाधीश थे। वे बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जोकी बांग्लादेश का सर्वोच्च न्यायिक पद है। उन्हें इस पद पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति जियाउर रहमान द्वारा, परंपरानुसार, वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया गया था। .

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कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ बांग्लादेश

यह बांग्लादेश का एक राजनीतिक दल है। .

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कय़रा उपज़िला

कय़रा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के खुलना ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल 15 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। .

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कराची

कराची पाकिस्तान का सबसे बड़ा नगर है और सिन्ध प्रान्त की राजधानी है। यह अरब सागर के तट पर बसा है और पाकिस्तान का सबसे बड़ा बन्दरगाह भी है। इसके उपनगरों को मिलाकर यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह 3527 वर्ग किलोमीटर में फैला है और करीब 1.45 करोड़ लोगों का घर है। यहाँ के निवासी इस शहर की ज़िन्दादिली की वजह से इसे रौशनियों का शहर और क़ैद-ए-आज़म जिन्ना का निवास स्थान होने की वजह से इसे शहर-ए-क़ैद कह कर बुलाते हैं। जिन्‍नाह की जन्‍मस्‍थली के लिए प्रसिद्ध कराची पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत की राजधानी है। यह पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा शहर है। अरब सागर के तट पर बसा कराची पाकिस्‍तान की सांस्‍कृतिक, आर्थिक और शैक्षणिक राजधानी मानी जाती है। यह पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा बंदरगाह शहर भी है। यह शहर पाकिस्‍तान आने वाले पर्यटकों के बीच भी खासा लोकप्रिय है। पर्यटक यहां बीच, म्‍यूजियम और मस्जिद आदि देख सकते हैं। आज के पाकिस्तानी भूभाग का मानवीय इतिहास कम से कम 5000 साल पुराना है, यद्यपि इतिहास पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ। आज का पाकिस्तानी भूभाग कई संस्कृतियों का गवाह रहा है। ईसापूर्व 3300-1800 के बीच यहाँ सिन्धुघाटी सभ्यता का विकास हुआ। यह विश्व की चार प्राचीन ताम्र-कांस्यकालीन सभ्यताओं में से एक थी। इसका क्षेत्र सिन्धु नदी के किनारे अवस्थित था पर गुजरात (भारत) और राजस्थान में भी इस सभ्यता के अवशेष पाए गए हैं। मोहेन्जो-दारो, हड़प्पा इत्यादि स्थल पाकिस्तान में इस सभ्यता के प्रमुख अवशेष-स्थल हैं। इस सभ्यता के लोग कौन थे इसके बारे में विद्वानों में मतैक्य नहीं है। कुछ इसे आर्यों की पूर्ववर्ती शाखा कहते हैं तो कुछ इसे द्रविड़। कुछ इसे बलोची भी ठहराते हैं। इस मतभेद का एक कारण सिन्धु-घाटी सभ्यता की लिपि का नहीं पढ़ा जाना भी है। ऐसा माना जाता है कि 1500 ईसापूर्व के आसपास आर्यों का आगमन पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों के मार्फ़त भारत में हुआ। आर्यों का निवास स्थान कैस्पियन सागर के पूर्वी तथा उत्तरी हिस्सों में माना जाता है जहाँ से वे इसी समय के करीब ईरान, यूरोप और भारत की ओर चले गए थे। सन् 543 ईसापूर्व में पाकिस्तान का अधिकांश इलाका ईरान (फारस) के हख़ामनी साम्राज्य के अधीन आ गया। लेकिन उस समय इस्लाम का उदय नहीं हुआ था; ईरान के लोग ज़रदोश्त के अनुयायी थे और देवताओं की पूजा करते थे। सन् 330 ईसापूर्व में मकदूनिया (यूनान) के विजेता सिकन्दर ने दारा तृतीय को तीन बार हराकर हखामनी वंश का अन्त कर दिया। इसके कारण मिस्र से पाकिस्तान तक फैले हखामनी साम्राज्य का पतन हो गया और सिकन्दर पंजाब तक आ गया। ग्रीक स्रोतों के मुताबिक उसने सिन्धु नदी के तट पर भारतीय राजा पुरु (ग्रीक - पोरस) को हरा दिया। पर उसकी सेना ने आगे बढ़ने से इनकार कर दिया और वह भारत में प्रवेश किये बिना वापस लौट गया। इसके बाद उत्तरी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में यूनानी-बैक्ट्रियन सभ्यता का विकास हुआ। सिकन्दर के साम्राज्य को उसके सेनापतियों ने आपस में बाँट लिया। सेल्युकस नेक्टर सिकन्दर के सबसे शक्तिशाली उत्तराधिकारियों में से एक था। मौर्यों ने 300 ईसापूर्व के आसपास पाकिस्तान को अपने साम्राज्य के अधीन कर लिया। इसके बाद पुनः यह ग्रीको-बैक्ट्रियन शासन में चला गया। इन शासकों में सबसे प्रमुख मिनांदर ने बौद्ध धर्म को प्रोत्साहित किया। पार्थियनों के पतन के बाद यह फारसी प्रभाव से मुक्त हुआ। सिन्ध के राय राजवंश (सन् 489-632) ने इसपर शासन किया। इसके बाद यह उत्तर भारत के गुप्त और फारस के सासानी साम्राज्य के बीच बँटा रहा। सन् 712 में फारस के सेनापति मुहम्मद बिन क़ासिम ने सिन्ध के राजा को हरा दिया। यह फारसी विजय न होकर इस्लाम की विजय थी। बिन कासिम एक अरब था और पूर्वी ईरान में अरबों की आबादी और नियंत्रण बढ़ता जा रहा था। हालांकि इसी समय केन्द्रीय ईरान में अरबों के प्रति घृणा और द्वेष बढ़ता जा रहा था पर इस क्षेत्र में अरबों की प्रभुसत्ता स्थापित हो गई थी। इसके बाद पाकिस्तान का क्षेत्र इस्लाम से प्रभावित होता चला गया। पाकिस्तानी सरकार के अनुसार इसी समय 'पाकिस्तान की नींव' डाली गई थी। इसके 1192 में दिल्ली के सुल्तान पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद ही दिल्ली की सत्ता पर फारस से आए तुर्कों, अरबों और फारसियों का नियंत्रण हो गया। पाकिस्तान दिल्ली सल्तनत का अंग बन गया। सोलहवीं सदी में मध्य-एशिया से भाग कर आए हुए बाबर ने दिल्ली की सत्ता पर अधिकार किया और पाकिस्तान मुगल साम्राज्य का अंग बन गया। मुगलों ने काबुल तक के क्षेत्र को अपने साम्राज्य में मिला लिया था। अठारहवीं सदी के अन्त तक विदेशियों (खासकर अंग्रेजों) का प्रभुत्व भारतीय उपमहाद्वीप पर बढ़ता गया.

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करिमगञ्ज उपज़िला

करिमगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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कर्णफुली थाना

कर्णफुली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चट्टग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 22 उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में चट्टग्राम नगर के निकट अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कर्णफुली नदी

कर्णफुली नदी (बांग्ला: কর্ণফুলি कोर्णोफूली), चटगाँव और चटगाँव पर्वतीय क्षेत्र की सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण नदी है। यह बांग्लादेश के दक्षिण पूर्वी हिस्से में बहती है। इसका उद्गम भारत के राज्य, मिजोरम, के लुशाई पर्वतों से होता है। इस नदी की चौड़ाई 667 मीटर (2,188 फुट) है और लम्बाई 270 किलोमीटर (170 मील) है। यह चटगाँव पर्वतीय क्षेत्र से होकर बहती है और अंतत: इसका विसर्जन बंगाल की खाड़ी में होता है। 1960 के दशक में कप्ताई क्षेत्र में कर्णफुली नदी पर एक बड़ा पनबिजली संयंत्र लगाया गया था। नदी के मुहाने पर बांग्लादेश का एक प्रमुख बंदरगाह चटगाँव बंदरगाह स्थित है। .

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कर्क रेखा

विश्व के मानचित्र पर कर्क रेखा कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा‎ के समानान्तर पर, ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा हैं। यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक हैं जो पृथ्वी के मानचित्र पर परिलक्षित होती हैं। कर्क रेखा पृथ्वी की उत्तरतम अक्षांश रेखा हैं, जिसपर सूर्य दोपहर के समय लम्बवत चमकता हैं। यह घटना जून क्रांति के समय होती है, जब उत्तरी गोलार्ध सूर्य के समकक्ष अत्यधिक झुक जाता है। इस रेखा की स्थिति स्थायी नहीं हैं वरन इसमें समय के अनुसार हेर-फेर होता रहता है। २१ जून को जब सूर्य इस रेखा के एकदम ऊपर होता है, उत्तरी गोलार्ध में वह दिन सबसे लंबा व रात सबसे छोटी होती है। यहां इस दिन सबसे अधिक गर्मी होती है (स्थानीय मौसम को छोड़कर), क्योंकि सूर्य की किरणें यहां एकदम लंबवत पड़ती हैं। कर्क रेखा के सिवाय उत्तरी गोलार्ध के अन्य उत्तरतर क्षेत्रों में भी किरणें अधिकतम लंबवत होती हैं। याहू जागरण पर इस समय कर्क रेखा पर स्थित क्षेत्रों में परछाईं एकदम नीचे छिप जाती है या कहें कि नहीं बनती है। इस कारण इन क्षेत्रों को अंग्रेज़ी में नो शैडो ज़ोन कहा गया है। भास्कर पर इसी के समानान्तर दक्षिणी गोलार्ध में भी एक रेखा होती है जो मकर रेखा कहलाती हैं। भूमध्य रेखा इन दोनो के बीचो-बीच स्थित होती हैं। कर्क रेखा से मकर रेखा के बीच के स्थान को उष्णकटिबन्ध कहा जाता हैं। इस रेखा को कर्क रेखा इसलिए कहते हैं क्योंकि जून क्रांति के समय सूर्य की स्थिति कर्क राशि में होती हैं। सूर्य की स्थिति मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ने को उत्तरायण एवं कर्क रेखा से मकर रेखा को वापसी को दक्षिणायन कहते हैं। इस प्रकार वर्ष ६-६ माह के में दो अयन होते हैं। अभिव्यक्ति पर .

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कलमाकान्दा उपज़िला

कलमाकान्दा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कला स्नातक

बैचलर ऑफ आर्ट, बी.ए. (baccalaureus artium, B.A.,BA,A.B., या AB) कला में एक शैक्षणिक उपाधि है।बैचलर ऑफ आर्ट एक स्नातक का विषय जो तीन या चार सालों में पूर्ण किया जाता है। इसमें कई विषय होते हैं - अंग्रेजी,विज्ञान,सामाजिक तथा इतिहास इत्यादि। इन देशों में 3 सालों का पाठ्यक्रम उपलब्ध है - यूरोपियन यूनियन, ऑस्ट्रेलिया, अल्बानिया, हर्जगोविनीया, बोसिना,भारत, न्यूज़ीलैण्ड, ईजराइल,आईलैण्ड,नार्वे,सिंगापुर,दक्षिण अफ्रिका, वेस्ट इंडिज़, स्विटर्जलैण्ड तथा कनाडा। इन देशों में 4 सालों का कोर्स उपलब्ध है - अफ़ग़ानिस्तान, लेबनान, अरमेनिया, यूनान, बांग्लादेश, अज़रबैजान, इजिप्ट, ईरान, जापान, नाईजीरिया, सर्बिया, पाकिस्तान, फ़िलीपिंस, थाईलैण्ड, रूस,आयरलैण्ड, ईराक,दक्षिण कोरिया, तुनुसिया, कुवैत तथा तुर्की। .

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कलापाड़ा उपज़िला

कलापाड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पटुय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पटुय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कलारोय़ा उपज़िला

कलारोय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के सातक्षीरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सातक्षीरा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कसबा उपज़िला

कसबा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के ब्राह्मणबाड़िय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय ब्राह्मणबाड़िय़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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क़व्वाली

क़व्वाली (उर्दू: قوٌالی) भारतीय उपमहाद्वीप में सूफ़ीवाद और सूफ़ी परंपरा के अंतर्गत भक्ति संगीत की एक धारा के रूप में उभर कर आई। इसका इतिहास 700 साल से भी ज्यादा पुराना है। वर्तमान में यह भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश सहित बहुत से अन्य देशों में संगीत की एक लोकप्रिय विधा है। क़व्वाली का अंतर्राष्ट्रीय स्वरुप नुसरत फतेह अली खान और के गायन से सामने आया। .

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काँठालिय़ा उपज़िला

काँठालिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के झालोकाठी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 4 उपज़िले हैं, और मुख्यालय झालोकाठी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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काँस

काँस एक प्रकार की लंबी घास होती है जो कि मूलतः दक्षिण एशिया में पाई जाती है। यह घास ३ मी.

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कादम्बिनी गांगुली

कादम्बिनी गांगुली (जन्म- 18 जुलाई, 1861, भागलपुर, बिहार; मृत्यु- 3 अक्टूबर, 1923, कलकत्ता, ब्रिटिश भारत) भारत की पहली महिला स्नातक और पहली महिला फ़िजीशियन थीं। यही नहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी कादम्बिनी गांगुली को ही प्राप्त है। कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था। इन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की लचर स्थिति पर भी काफ़ी कार्य किया। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं। उनमें देशभक्ति की भावना बंकिमचन्द्र की रचनाओं से ही जागृत हुई थी। .

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कादिरी संप्रदाय

कादरी संप्रदाय (अरबी: القادريه, फ़ारसी:قادریه, कादरी) सूफ़ियों का एक संप्रदाय है। इसका नाम अब्दुल क़ादिर जीलानी (1077–1166) के नाम पर रखा गया है जो गिलान के रहने वाले थे। यह संप्रदाय इस्लाम के मूलतत्व पर आधारित है। यह संप्रदाय अरबी बोलने वाले देशों के साथ-साथ तुर्की, इंडोनेशिया, अफ़ग़ानिस्तान, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, बाल्कन, रूस, फ़लस्तीन, इज़राइल, चीनी जनवादी गणराज्य,Gladney, Dru.

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कानाइघाट उपज़िला

कानाइघाट उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कापासिय़ा उपज़िला

कापासिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के गाजीपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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काप्ताइ उपज़िला

काप्ताइ उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के रांगामाटि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रांगामाटि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कामरूप

प्राचीन कामरुप कामरुप, (प्राग्ज्योतिच्हा पौराणिक कथा मे), असम का पहला ऐतिहासिक राज्य है जो कि लगभग 800 वर्षों के लिए- 350 और 1140 CE के बीच अस्तित्व में था। वर्तमान दिन गुवाहाटी और तेजपुर में उनकी राजधानियों से तीन राजवंशों द्वारा शासित थे। यह पूरे ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में और उत्तरी बंगाल और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में व्याप्त था। हालाँकि यह ऐतिहासिक राज्य 12 वीं सदी मे गायब हो कर छोटे राजनीतिक संस्थाओं मे बदल गया। कामरूप की धारणा बनी और प्राचीन और मध्ययुगीन इतिवृत्त इस नाम से इस क्षेत्र को संदर्भित करना जारी रखा। अलाउद्दीन हुसैन शाह, जो काम्ता राज्य पर 15 वीं सदी मे आक्रमण किया, उसके सिक्के इस क्षेत्र को कम्रु या कम्रुद् कहा। कामरूप आज असम का एक जीला मात्र रह गया है। .

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कार्टून नेटवर्क (भारत)

कार्टून नेटवर्क भारत एक भारतीय बाल चैनल है। कार्टून नेटवर्क एक भारत में प्रसारित होने वाला पूर्व अंग्रेज़ी चैनल है। कार्टून नेटवर्क इंडिया एक केबल और सेटेलाइट टेलीविज़न चैनल है, जो टर्नर ब्रॉडकास्टिंग के द्वारा बनाई गई है, यह चैनल टाइम वॉर्नर की एक इकाई है जो एनिमेटेड प्रोग्रामिंग केलिए बनी है, जिसका मुख्यालय बम्बई, महाराष्ट्र में है। "कार्टून नेटवर्क" का १९९५ में दोहरे चैनल के रूप में भारत में प्रसारण शुरू हुआ,TCM और कार्टून नेटवर्क | टीएनटी और कार्टून नेटवर्क, जिसका प्रसारण ५:३० am से ५:३० pm तक होता था। फिर १ जुलाई २००१ में कार्टून नेटवर्क इंडिया में टर्नर क्लासिक फिल्म की जगह पर २४ घंटे शुरू हुआ, जिसका प्रसारण नेपाल और भूटान में शरू हुआ। कार्टून नेटवर्क भारत में हिंदी, अंग्रेज़ी, तेलुगु और तमिल में प्रसारित होता है। कार्टून नेटवर्क भारत के आलावा नेपाल, भूटान, श्रीलंका और बंगलादेश में भी प्रसारित होती है। श्रेणी:अंग्रेजी टीवी चैनल श्रेणी:तेलुगु चैनल.

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कालाई उपज़िला

कालाई उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के जयपुरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय जयपुरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कालिय़ा उपज़िला

कालिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के नड़ाइल ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 3 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नड़ाइल सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कालिय़ाकैर उपज़िला

कालिय़ाकैर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के गाजीपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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कालिहाति उपज़िला

कालिहाति उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के टाङाइल ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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कालिज

कालिज (Kalij pheasant) (वैज्ञानिक नाम: Lophura leucomelanos) फ़ीज़ॅन्ट कुल का एक पक्षी है जो हिमालय के निचले स्थानों में पाया जाता है। .

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कालकिनी उपज़िला

कालकिनी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के मादारीपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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कालीगञ्ज उपज़िला

कालीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के गाजीपुर ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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कालीगञ्ज उपज़िला (झिनाइदह)

कालीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के झिनाइदह ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय झिनाइदह सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कालीगञ्ज उपज़िला (सातक्षीरा)

कालीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के सातक्षीरा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 5 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सातक्षीरा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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काशिय़ानी उपज़िला

काशिय़ानी उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के गोपालगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला गोपालगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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काहारोल उपज़िला

काहारोल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के दिनाजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १३ उपज़िले हैं, और मुख्यालय दिनाजपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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काहालू उपजिला

काहालू उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के बगुड़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 12 उपज़िले हैं, और मुख्यालय बगुड़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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काज़ी नज़रुल इस्लाम

काजी नज़रुल इस्लाम (কাজী নজরুল ইসলাম), (२४ मई १८९९ - २९ अगस्त १९७६) अग्रणी बांग्ला कवि, संगीतज्ञ, संगीतस्रष्टा और दार्शनिक थे। वे बांग्ला भाषा के अन्यतम साहित्यकार, देशप्रेमी तथा बंगलादेश के राष्ट्रीय कवि हैं। पश्चिम बंगाल और बंगलादेश दोनो ही जगह उनकी कविता और गान को समान आदर प्राप्त है। उनकी कविता में विद्रोह के स्वर होने के कारण उनको 'विद्रोही कवि' के नाम से जाना जाता है। उनकी कविता का वर्ण्यविषय 'मनुष्य के ऊपर मनुष्य का अत्याचार' तथा 'सामाजिक अनाचार तथा शोषण के विरुद्ध सोच्चार प्रतिवाद'। .

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काजी जफर अहमद

मौदूद अहमद, एक बांग्लादेशी राजनेता थे, एवं 12 अगस्त 1989 से 6 दिसंबर 1990 के बीच वे, बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थे। .

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काजीपुर उपज़िला

काजीपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के सिराजगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिराजगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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काग़ज़ का आकार

A आकार का चार्ट, आईएसओ A श्रृंखला और अमेरिकी लेटर तथा लीगल फौर्मेट्स के साथ तुलना को दर्शाता हुआ। अलग-अलग समय पर और विभिन्न देशों में कागज के कई मानक आकार दिए गए हैं, लेकिन आज एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय आईएसओ मानक (जिसमें A4 और इसके आसपास के आकार शामिल हैं) और उत्तरी अमेरिका में इस्तेमाल किये जाने वाले एक स्थानीय मानक का प्रयोग किया जाता है। .

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कांताजी मंदिर, दिनाजपुर

कांताजी मंदिर बांग्लादेश के दिनाजपुर में स्थित एक उत्तर मध्यकालीन हिंदू मंदिर है। इस मंदिर के आराध्य देवता भगवान कृष्ण हैं। बंगाल के कृष्ण-भक्त राधा-माधव संप्रदाय का यह प्रमुख मंदिर है, अठारहवीं सदी के शिल्प और स्थापत्य का बेजोड़ नमूना है। .

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काउनिय़ा उपज़िला

काउनिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के रंगपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रंगपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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काउखाली उपज़िला (राङ्गामाटि)

काउखाली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के रांगामाटि ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 10 उपज़िले हैं, और मुख्यालय रांगामाटि सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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काउखाली उपज़िला, पिरोजपुर

कौखाली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह बरिशाल विभाग के पिरोजपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय पिरोजपुर सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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काॅक्सबाजार सदर उपज़िला

काॅक्सबाजार सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला काॅक्सबाजार जाला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह चट्टग्राम विभाग के काॅक्सबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय काॅक्सबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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किरात लोग

सकेला पर्व मनाते हुए किरात राई लोग किराती ध्वज किरात (या किराती, किराँती, किराँत) हिमालय क्षेत्र के देश्ज लोग हैं जो नेपाल, उसके पूर्व में भारत, बांग्लादेश, म्यांमार और आगे तक पाये जाते हैं। .

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किशनगंज

किशनगंज बिहार का एक शहर है। यह किशनगंज जिला का मुख्यालय है। बिहार की राजधानी पटना से 425 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित यह जगह पहले कृष्‍णाकुंज के नाम से जाना जाता था। बंगाल, नेपाल और बंगलादेश की सीमा से सटा किशनगंज पहले पुर्णिया जिले का अनुमंडल था। बिहार सरकार ने 14 जनवरी 1990 को इसे पूर्ण रूप से जिला घोषित कर दिया। पर्यटन की दृष्टि से यहां पर पर्यटक खगरा मेला, नेहरु शांति पार्क, चुर्ली किला जैसे जगह घूम सकते है। यहां से पानीघाट, गंगटोक, कलिंगपोंग, दाजर्लिंग जैसे पर्यटन स्‍थल भी कुछ ही दूरी पर स्थित है। .

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किशनगंज जिला

किशनगंज बिहार का एक जिला है। बिहार की राजधानी पटना से 425 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित यह जगह पहले कृष्‍णाकुंज के नाम से जाना जाता था। बंगाल, नेपाल और बंगलादेश की सीमा से सटा किशनगंज पहले पूर्णिया जिले का अनुमंडल था। बिहार सरकार ने 14 जनवरी 1990 को इसे पूर्ण रूप से जिला घोषित कर दिया। पर्यटन की दृष्टि से यहां पर पर्यटक खगरा मेला, नेहरु शांति पार्क, चुर्ली किला जैसे जगह घूम सकते हैं। यहां से पानीघाट, गंगटोक, कलिंगपोंग, दाजर्लिंग जैसे पर्यटन स्‍थल भी कुछ ही दूरी पर स्थित है। यहां का मुख्यालय किशनगंज है। श्रेणी:बिहार के जिले.

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किशोरगञ्ज सदर उपज़िला

किशोरगंज सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला किशोरगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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किशोरगञ्ज उपज़िला

किशोरगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के निलफामारी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय निलफामारी सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कगिसो रबाडा

कगिसो रबाडा (जन्म २५ मई १९९५) एक दक्षिणी अफ्रीकी के क्रिकेट खिलाड़ी है, जो आज क्रिकेट के सभी प्रारूपों में खेलते है। रबाडा जिन्हें केजी के उपनाम से जाना जाता है, और ये एक तेज गेंदबाज है और हाईवेल्ट लॉयंस के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते है। नवंबर २०१४ में इन्होंने अपने सीमित ओवरों के क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका के लिए क्रिकेट खेलना शुरू किया था। जबकि इन्होंने अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत नवंबर 2015 में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ खेलकर की थी। इस प्रकार जनवरी २०१८ तक आईसीसी की वनडे और टेस्ट में यह 22 वर्षीय क्रिकेटर नंबर एक पर रहा हैं। जुलाई 2016 में, क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के वार्षिक डिनर में छह पुरस्कारों के लिए रबाडा प्रथम क्रिकेट खिलाड़ी बने थे, जिसमें क्रिकेटर ऑफ दी इयर का पुरस्कार भी शामिल था। इस प्रकार कगिसो रबाडा ने अपने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी क्रिकेट कैरियर की शुरुआत ५ नवम्बर २०१४ को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के खिलाफ की थी। इन्होंने अब तक अपने क्रिकेट कैरियर में इतनी कम उम्र के होने के बाद बहुत लोकप्रियता पायी हैं। .

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कंवरपाल गुर्जर

कंवरपाल गुर्जर; जन्म: 08 मई 1960) हरियाणा के जिला(यमुनानगर), कंवरपाल, गाँव बहादुरपुर, पोस्ट ऑफिस खिजराबाद, तहसील छछरौली, जिला यमुनानगर। हरियाणा में भाजपा से (3 नवंबर, 2014) को 13वी विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में शपथ ग्रहण की। कंवरपाल हरियाणा के यमुनानगर जिले के रहने वाले है और 13वी विधानसभा में जगाधरी से विधायक है इनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार में बहुत बहुमल्य मुद्दों पर बिल पास किये जा रहे हैं, अपने कार्य और कर्तव्य के प्रति कंवरपाल जी की सच्ची सेवा और धार्मिक कार्यो में निजी योगदान इनके धार्मिक सवभाव को दर्शाता है। अपनी सादगी और मिलनसार वर्ताव के कारण जनता में इतना फेमस शायद ही कोई और विधायक होगा, जिसने जनता से इतना प्यार प्राप्त किया हो, राजनीती और काजनीति का एक बहुत अच्छा उदहारण अगर कंवरपाल जी को कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। .

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कुठीबाड़ी, शिलईदहा

शिलईदहा कुठीबाड़ी बांग्लादेश के कुश्तिया जिले मेें एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। कुठीबाड़ी का निर्माण द्वारकानाथ टैगोर ने करवाया था। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने यहां अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय बिताया और साहित्य रचना की। यहीं रहकर उन्होंने अपनी रचना गीतांजलि का अंगरेजी अनुवाद किया जिसे नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कुड़िग्राम सदर उपज़िला

कुड़िग्राम उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला कुड़िग्राम जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह रंगपुर विभाग के कुड़िग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुड़िग्राम सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कुड़ुख

कुड़ुख या 'कुरुख' एक भाषा है जो भारत, नेपाल, भूटान तथा बांग्लादेश में बोली जाती है। भारत में यह बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल के उराँव जनजातियों द्वारा बोली जाती है। यह द्रविण परिवार से संबन्धित है। इसको 'उराँव भाषा' भी कहते हैं। छत्तीसगढ़ में बसने वाली उरांव जाति की बोली को कुरुख कहते हैं। इस भाषा में तमिल और कनारी भाषा के शब्दों की बहुतायत है। कुड़ुख भाषा को पश्चिम बंगाल में राजकीय भाषा के रूप में फरवरी २०१८ में स्वीकृति मिली थी। .

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कुतुबदिय़ा उपज़िला

कुतुबदिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के काॅक्सबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय काॅक्सबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कुमार संगाकारा

कुमार चोकशानडा संगाकारा (කුමාර් සංගක්කාර) (जन्म 27 अक्टूबर 1977, मटाले, श्रीलंका) एक श्रीलंकाई क्रिकेटर और श्रीलंकाकी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं। वे बाएं हाथ के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं। वे खेल के सभी रूपों में एक विकेट-कीपर और शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में खेलते थे, लेकिन टेस्ट मैचों में उन्होंने इस क्रम को छोड़ दिया, क्योंकि जब वे एक शुद्ध बल्लेबाज के रूप में खेलते हैं तो टेस्ट में उनकी बल्लेबाजी का औसत काफी अधिक है। .

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कुमारखाली उपज़िला

कुमारखाली उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के कुष्टिय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुष्टिय़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कुमिल्ला नगर निगम

कुमिल्ला सिटी कॉर्पोरेशन यानि कुमिल्ला नगर निगम, बांग्लादेश के कुमिल्ला नगर में आधारित एक स्वशासित पौरप्रशासन निकाय व निगम-ऐक्य है, जिसपर बांग्लादेश के कुमिल्ला नगर के प्रशासन और विकास तथा नागरिक सुविधाओं से संबंधित प्रभार निहित किये गए हैं। कुमिल्ला, बांग्लादेश के चट्टग्राम विभाग में स्थित, बांग्लादेश के बृहत्तम् नगरों में से एक है। इस निकाय की स्थापना कुमिल्ला के प्रशासन हेतु एक नगर पालिका के रूप में हुआ था, तत्पश्चात्, नगर के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के मद्देनज़र इसे नगर निगम के स्तर पर उन्नतस्थ कर दिया गया। .

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कुरमाली भाषा

कुरमाली भाषा झारखण्ड की एक प्रमुख भाषा है। यह एक अंतर-प्रांतीय भाषा है। इसका विस्तार क्षेत्र "उडीष्य शिखर, नागपुर, आधा-आधी खड़गपुर" लोकोक्ति से ज्ञात होता है। कुरमाली के क्षेत्र राजनितिक मानचित्र द्वारा परिसीमित नहीं किया जा सकता.

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कुर्ता

220px कुर्ता या कुरता एक पारंपरिक भारतीय पोशाक है, यह एक लम्बी कमीज की तरह होता है जो घुटनों तक लंबा होता है और पजामा के साथ पहना जाता है जो या तो कुर्ते के रँग से मिलता जुलता होता है या सफेद होता है। कुरते को आम प्रयोग और खास मौकों दोनो के लिये इस्तेमाल किया जाता है हलाकि खास मौकों पर पहने जाने वाला कुर्ता आम तौर से ज्यादा फैशनेबल होते हैं। कुर्ते सूती, ऊनी और रेशमी सभी तरह के सामग्रियों में मिलते हैं। भारत और पड़ोसी देशों बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी कुर्ते की परंपरा रही है। कुर्ते के कई परिवर्धित रूप हैं जिनमें शेरवानी, पठानी सूट इत्यादि प्रमुख। औरतें भी कुर्तों का इस्तेमाल करती हैं किन्तु इन्हें आमतौर पर कुर्ती और अन्य नामों से पुकारा जाता है। .

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कुलाउड़ा उपज़िला

कुलाउड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के मौलवीबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं, और मुख्यालय मौलवीबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कुलिय़ारचर उपज़िला

कुलिय़ारचर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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कुष्टिय़ा सदर उपज़िला

कुष्टिय़ा सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह उपज़िला कुष्टिय़ा जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह खुलना विभाग के कुष्टिय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुष्टिय़ा सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कुकी भाषाएँ

कुकी भाषाएँ (Kukish languages) या कुकी-चिन भाषाएँ (Kuki-Chin languages) पूर्वोत्तरी भारत, पश्चिमी बर्मा और पूर्वी बंग्लादेश में बोली जाने वाली लगभग ५० तिब्बती-बर्मी भाषाओं का समूह है। इसमें मिज़ो भाषा व हाखा चिन भाषा शामिल हैं। .

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कुकी जनजाति

---- कुकी मंगोली नस्ल की एक वनवासी जाति है जो असम और अराकान के बीच लुशाई और काचार जिले में रहती है। इनको चिन, जोमी, मिजो (मिज़ोरम में) भी कहते हैं। कूकी लोग भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों, उत्तरी म्याँआर, बंगलादेश के चित्तग्राम पहाड़ियों पर निवास करते हैं। भारत में अरुणाचल प्रदेश को छोडकर वे सभी उत्तरपूर्वी राज्यों में पाये जाते हैं। अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर उनका बिखरे होना मुख्यतः ब्रिटेन की औपनिवेशिक नीति का परिणाम है। इसके बोंजुंग कुकी, बायटे कुकी, खेलमा कुकी आदि कई कुलवाची भेद हैं। ये बलिष्ठ एवं ठिंगने होते हैं और नागा लोगों की अपेक्षा अधिक खूंखार समझे जाते हैं। आज से लगभग डेढ सौ वर्ष पूर्व लुशाई और कुकी लोगों में युद्ध हुआ जिसमें कुकी लोगों की हार हुई और वे अपना निवास छोड़कर काचार में आ बसे। उन्हें तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने प्रश्रय दिया और २०० कुकियों को सीमांत रक्षार्थ सैनिक शिक्षा दी। कुकी लोग अपने सरदार की आज्ञा का पालन अपना धर्म समझते हैं। सरदार उनका एक प्रकार से राजा होता है और समझा जाता है कि वह दैवी अंश है। इस कारण वे लोग उसका कभी अनादर करने का साहस नहीं करते वरन् वह जो आदेश देता है उसका आँख मूँदकर पालन करते हैं। विशेष अवसर आने पर सरदार संकेत द्वारा आदेश जारी करता है। यदि कोई व्यक्ति सरदार का भाला सुसज्जित रूप में लेकर गाँव में घूमता है तो उसका अर्थ होता है कि सरदार ने सब लोगों को अविलंब बुलाया है। इस वर्ग का प्रत्येक व्यक्ति अपने सरदार को प्रति वर्ष करस्वरूप एक टोकरी चावल, एक बकरी, एक कुक्कुट और अपने शिकार का चौथा भाग प्रदान करता है और चार दिन की कमाई देता है। सरदार की सहायता के लिए एक मंत्रिमंडल होता है जिसकी सहायता से वह न्याय करता है। कुकी लोगों में विश्वासघात की सजा मृत्यु है। खून के अपराध में खूनी और उसके परिवार को गुलामी करनी होती है। स्त्रियों को किसी प्रकार की स्वतंत्रता नहीं है, उनपर सरदार का आदेश लागू होता है। कुकी लोग 'उथेन' नामक देवता की पूजा करते हैं। श्रेणी:भारत की जनजातियाँ.

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क्षेतलाल उपज़िला

क्षेतलाल उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के जयपुरहाट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय जयपुरहाट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कृष्णास्वामी सुंदरजी

जनरल कृष्णास्वामी सुंदरजी, पीवीएसएम (२८ अप्रैल १९३० - ८ फरवरी १९९९), १९८६ से १९८८ तक भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष थे। अपने सेना के करियर के दौरान, उन्होंने इंदिरा गांधी के आदेशों के तहत,स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर करने के लिए,ऑपरेशन ब्लू स्टार के संचालन की स्वीकृति दी थी । मानव अधिकारों के उल्लंघनों के आरोपों के साथ, सैन्य विफलता के रूप में व्यापक रूप से इसकी आलोचना की गई है। उन्होंने भारतीय सेना के लिए कई तकनीकी सुधारों की शुरुआत की। बोफोर्स स्कैंडल में बोफोर्स होविट्जर की सिफारिश करने में उनकी भूमिका के लिए उनसे भी सवाल किया गया था। सेना प्रमुख के रूप में, उन्होंने राजस्थान सीमा के साथ ऑपरेशन ब्रैस्स्टैक की योजना बनाई और निष्पादित किया जो एक प्रमुख सैन्य अभ्यास था। उनका आधिकारिक नाम कृष्णस्वामी सुंदरराजन था, लेकिन वह सुंदरजी के अनौपचारिक नाम के लोकप्रिय रूप से जाने जाते थे। .

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कैलाशहर

कैलाशहर भारतीय राज्य त्रिपुरा में स्थित एक नगर महापालिका तथा उनाकोटी ज़िला का मुख्यालय भी है। इस नगर बांग्लादेश के साथ सीमा भी लगती है। .

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केन्दुय़ा उपज़िला

केन्दुय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची

केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची में विभिन्न देशों के विभिन्न नगरों के केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्र दिए गए हैं। .

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केरानीगञ्ज उपज़िला

केरानीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के ढाका ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, कुल ५ उपज़िले है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है, और वृहत्तर ढाका महानगर क्षेत्र का अंश है। .

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केशबपुर उपज़िला

केशबपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के यशोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय यशोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कोच भाषा

कोच एक तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की ब्रह्मपुत्रीय शाखा की एक भाषा है जिसे भारत के उत्तरपूर्व, नेपाल और बांग्लादेश में रहने वाले कोच राजबोंग्शी लोग बोलते हैं। कोच बोलने वाले अक्सर राजबोंग्शी भाषा भी जानते हैं। .

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कोच राजबोंग्शी लोग

राजबोंग्शी या कोच राजबोंग्शी पूर्वोत्तरी भारत के असम राज्य का एक समुदाय है जो कुछ हद तक पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग, बिहार, मेघालय, नेपाल, बांग्लादेश व भूटान में भी बसा हुआ है। यह मूल रूप से ब्रह्मपुत्र नदी की घाटी के निचले भाग के वासी हैं और कामतापुर क्षेत्र में बहुसंख्यक हैं। .

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कोटचाँदपुर उपज़िला

कोटचाँदपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के झिनाइदह ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ९ उपज़िले हैं, और मुख्यालय झिनाइदह सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कोटालीपाड़ा उपज़िला

कोटालीपाड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के गोपालगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह उपज़िला गोपालगंज जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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कोम्पानीगञ्ज उपज़िला (नोय़ाखाली)

कोम्पानीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के नोय़ाखाली ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय नोय़ाखाली सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कोम्पानीगञ्ज उपज़िला, सिलेट

कोम्पानीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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कोक बोरोक भाषा

कोक बोरोक या तिप्राकक भाषा या त्रिपुरी भाषा भारत के त्रिपुरा राज्य के त्रिपुरी समुदाय और बंगलादेश के कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाएँ हैं। 'कोक' का अर्थ 'भाषा' और 'बोरोक' का अर्थ 'लोग' होता है। यहाँ बोरोक शब्द से अर्थ त्रिपुरी लोग है। कोक बोरोक तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की सदस्य है और असम में बोली जाने वाली बोड़ो भाषा और दिमासा भाषा की निकट सम्बन्धी है।, Pauthang Haokip, pp.

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कोकबोरोक स्क्रिप्ट

कोकबोरोक भारत की त्रिपुरा राज्य की आधिकारिक भाषा है। यह एक भाषा है, जो कि भारत और बांग्लादेश में 19 लाख लोगों द्वारा व्यापक रूप से बोली जाती है। कोकबोरोक शब्द दो शब्द 'कोक' और 'बोरोक', 'कोक' का एक संयोजन है जिसका अर्थ है "भाषा" और "बोरोक" जिसका अर्थ है "मानव", इसलिए, एक साथ कोकबरोक का अर्थ है मनुष्य की भाषा या उनकी भाषा बोरोक लोग लेकिन यह 20 वीं सदी की शुरुआत से पहले पूरी तरह से अलग था बोकोक लोगों की भाषा के रूप में कोकबरोक शब्द का उपयोग करने के बजाय, भाषा को टिपरा के रूप में भी जाना जाता था, टिप्रेस की भाषा भी थी। टिपरा कुछ अन्य भाषाओं का मिश्रित था जो कि मूल रूप से त्रिपुरा में बोली जाती हैं, ये हलाम भाषा, मोक भाषा, डार्लोंग भाषा और वर्तमान कोकबोरोक भाषा हैं। टिपरा में एक स्क्रिप्ट भी थी जो अब तक विलुप्त हो चुकी है, जिसे कोलोमा के नाम से जाना जाता है। टिपरा शब्द का प्रयोग करने की श्रृंखला, त्रिपुरा की सभी देशी भाषाओं को व्यक्त करने के लिए, व्यक्तिगत रूप से कोकबोरोक को बोडो-कछारी शाखा के परिवार से संबंधित लोगों की भाषा के रूप में तब्दील किया गया। में 70 और 80 वहाँ थे एक जन आंदोलनों, और विद्रोह के विकास के लिए कोकबोरोक भाषा और भाषा को संरक्षित करने के लिए अमीर त्रिपुरी संस्कृति है । शुरुआत में 21 वीं सदी की मांग का उपयोग करने के लिए लैटिन लिपि में लिखने कोकबोरोक भाषा उठाया है । उसके बाद से कई संगठन का उपयोग करता है लैटिन लिपि में प्रकाशित करने के लिए किताबें, लेख, पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, और अपने विचारों को व्यक्त करने में मीडिया और सामाजिक मीडिया, का उपयोग कर के बजाय पूर्वी नागरी लिपि (बंगाली स्क्रिप्ट) है.

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कीर्तनखोला नदी

कीर्तनखोला (बांग्ला: কীর্তনখোলা) एक नदी है जो बांग्लादेश के सयेश्ताबाद (बरिशाल जिला) से निकलकर गजालिया के पास गाबखान नहर में मिल जाती है। इसकी कुल लम्बाई १६० किमी है। यह नदी मूलतः आड़ियाल खाँ नदी की एक शाखा है। श्रेणी:विश्व की नदियाँ.

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अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpeyee), (जन्म: २५ दिसंबर, १९२४) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता भी हैं। वे भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक हैं और १९६८ से १९७३ तक उसके अध्यक्ष भी रहे। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं की। इससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चलता है। सम्प्रति वे राजनीति से संन्यास ले चुके हैं और नई दिल्ली में ६-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते हैं। .

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अताउर रहमान खान

अताउर रहमान खान, (আতাউর রহমান খান; 1907–1991) एक बांग्लादेशी, वकील, लेखक व राजनेता थे, जो 1956–1958 के बीच, पूर्वी पाकिस्तान के मुख्यमंत्री थे, और 30 मार्च 1984 से 1 जनवरी 1985 तक बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थे। .

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अदिति महसिन

अदिति महसिन (Aditi Mohsin; जन्म: ढाका) एक बांग्लादेशी गायक हैं। वह एक मधुर रवींद्र संगीत गायक है। .

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अनमूल हक

कोई विवरण नहीं।

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अनिसा मोहम्मद

अनिसा मोहम्मद (जन्म 7 अगस्त 1988) त्रिनिदाद और टोबैगो की एक महिला क्रिकेट खिलाड़ी है। वे दाएं हाथ की ऑफ-स्पिन गेंदबाज है, और वे त्रिनिदाद और टोबैगो और वेस्टइंडीज की महिला क्रिकेट टीम के लिए खेलती है। 14 वर्ष की आयु से अपनी अंतरराष्ट्रीय पारी की शुरुआत करने के बाद से उन्होंने 111 महिला एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) और 92 महिला ट्वेन्टी २० अंतरराष्ट्रीय (टी-20 आई) मैच खेल चुकी हैं। उन्होंने महिलाओं के टी-20 अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में सबसे अधिक 106 विकेट लिए हैं, जोकि इस अंतरराष्ट्रीय प्रारूप में अब तक के गेंदबाजों से काफी आगे हैं। महिला एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय में वह वर्तमान में 145 विकेट के साथ सबसे अधिक विकेट लेने वालों की सूची में चौथे स्थान पर है। .

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अनंत जलील

अनंत जलील (बांग्ला में: এম এ জলিল অনন্ত) अक्सर ए० जे० के नाम से जाने जाते हैं। जलील बांग्लादेशी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेताओं में माने जाते हैं। इन्होंने स्वयं को एक बांग्लादेशी अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और व्यापारी के रूप में स्थापित है। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:अभिनेता श्रेणी:चित्र जोड़ें श्रेणी:जीवित लोग श्रेणी:बंगाल के लोग.

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अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस २१ फ़रवरी को मनाया जाता है। १७ नवंबर, १९९९ को यूनेस्को ने इसे स्वीकृति दी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि विश्व में भाषाई एवँ सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता को बढ़ावा मिले। यूनेस्को द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की घोषणा से बांग्लादेश के भाषा आन्दोलन दिवस (बांग्ला: ভাষা আন্দোলন দিবস / भाषा आन्दोलोन दिबॉश) को अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकृति मिली, जो बांग्लादेश में सन १९५२ से मनाया जाता रहा है। बांग्लादेश में इस दिन एक राष्ट्रीय अवकाश होता है। २००८ को अन्तर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष घोषित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के महत्व को फिर दोहराया है। .

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अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन के सदस्य राष्ट्र

अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन में राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन के सदस्यओं की सूची है। अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन का चिन्ह .

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अनीता देसाई

अनीता देसाई (जन्म: 24 जून 1937) एक प्रख्यात लेखिका हैं।.

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अपवाह तन्त्र

डेल्टाई भाग में अपवाह तंत्र अपवाह तन्त्र या प्रवाह प्रणाली (drainage system) किसी नदी तथा उसकी सहायक धाराओं द्वारा निर्मित जल प्रवाह की विशेष व्यवस्था है।सोनल गुप्ता - यह एक तरह का जालतन्त्र या नेटवर्क है जिसमें नदियाँ एक दूसरे से मिलकर जल के एक दिशीय प्रवाह का मार्ग बनती हैं। किसी नदी में मिलने वाली सारी सहायक नदियाँ और उस नदी बेसिन के अन्य लक्षण मिलकर उस नदी का अपवाह तन्त्र बनाते हैं। .

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अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प

2015 नेपाल भूकम्प क्षणिक परिमाण परिमाप पर 7.8 या 8.1 तीव्रता का भूकम्प था जो 25 अप्रैल 2015 सुबह 11:56 स्थानीय समय में घटित हुआ था। भूकम्प का अधिकेन्द्र लामजुंग, नेपाल से 38 कि॰मी॰ दूर था। भूकम्प के अधिकेन्द्र की गहराई लगभग 15 कि॰मी॰ नीचे थी। बचाव और राहत कार्य जारी हैं। भूकंप में कई महत्वपूर्ण प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर व अन्य इमारतें भी नष्ट हुईं हैं। 1934 के बाद पहली बार नेपाल में इतना प्रचंड तीव्रता वाला भूकम्प आया है जिससे 8000 से अधिक मौते हुई हैं और 2000 से अधिक घायल हुए हैं। भूकंप के झटके चीन, भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किये गये। नेपाल के साथ-साथ चीन, भारत और बांग्लादेश में भी लगभग 250 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भूकम्प की वजह से एवरेस्ट पर्वत पर हिमस्खलन आ गया जिससे 17 पर्वतारोहियों के मृत्यु हो गई। काठमांडू घाटी में यूनेस्को विश्व धरोहर समेत कई प्राचीन एतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुचाँ है। 18वीं सदी में निर्मित धरहरा मीनार पूरी तरह से नष्ट हो गयी, अकेले इस मीनार के मलबे से 200 से ज्यादा शव निकाले गये। भूकम्प के बाद के झटके 12 मई 2015 तक भारत, नेपाल, चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान व पडोसी देशों में महसूस किये जाते रहे। .

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अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी

अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी (1 जुलाई 1915-30 अगस्त 2001) बांग्लादेश के नौवें राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल २७ मार्च १९८२ से ११ दिसम्बर १९८३ तक रहा। चौधरी, अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन श्रेणी:1915 में जन्मे लोग श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अब्दुर रज्जाक

अब्दुर रज्जाक (আব্দুর রাজ্জাক; जन्म 15 जून 1982) एक बांग्लादेशी क्रिकेटर है, जो वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट खेलता है और खेल के सीमित प्रारूपों से सेवानिवृत्त होता है। देश द्वारा उत्पादित सबसे अच्छे गेंदबाजों में से एक माना जाता है, रज्जाक ओडीआई में 200 विकेट लेने वाले पहले बांग्लादेशी हैं। सक्लेन मुश्ताक ने हैट-ट्रिक लेने के बाद वह पहले बाएं हाथ के स्पिनर और दूसरे स्पिनर भी हैं। वह ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय में बांग्लादेश की पहली टोपी है। उन्होंने 2001/02 सीजन में खुलेना डिवीजन के लिए बांग्लादेशी घरेलू स्तर पर अपनी प्रथम श्रेणी की शुरुआत की। एक लंबे बाएं हाथ के रूढ़िवादी स्पिन गेंदबाज होने के लिए सर्वश्रेष्ठ जाने के लिए, उन्होंने अपने पहले सत्र में राष्ट्रीय विभाजन शीर्षक में अपने विभाजन का मार्गदर्शन करने में मदद की। वहां से उन्हें बांग्लादेश ए (पूर्ण राष्ट्रीय टीम के लिए प्रशिक्षण टीम) के लिए चुना गया था, जो कि जिम्बाब्वे ए के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, जिसमें ढाका में एक खेल में 17 रन देकर 7 विकेट शामिल थे। हालांकि उन्होंने सिर्फ नौ टेस्ट खेले हैं, लेकिन वह वनडे इंटरनेशनल (ओडीआई) में और अधिक सफल रहे हैं और प्रारूप में बांग्लादेश के अग्रणी विकेट लेने वाले हैं। जनवरी 2018 में, वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 500 विकेट लेने वाले पहले बांग्लादेश खिलाड़ी बने। चार साल बाद, उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 8 फरवरी 2018 को टेस्ट टीम में वापसी की। .

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अब्दुर्रहमान बिस्वास

अबुर्रहमान विश्वास (1926-2017) बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १० अक्टूबर १९९१ से ९ अक्टूबर १९९६ तक रहा।.

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अब्दुस्सत्तार

अब्दुस्सत्तार बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल ३० मई १९८१ २४ मार्च १९८२ तक रहा। अब्दुस्सत्तार श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अबू सादात मोहम्मद सायेम

अबू सादात मोहम्मद सायेम बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल ६ नवम्बर १९७५ से २१ अप्रैल १९७७ तक रहा। सायेम, अबू सादात मोहम्मद श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अबू सईद चौधरी

अबू सईद चौधरी बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १२ जनवरी १९७२ से २४ दिसम्बर १९७३ तक रहा। चौधरी, अबू सईद श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अभय़नगर उपज़िला

अभय़नगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के यशोर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय यशोर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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अभियान्त्रिकी में स्नातक

बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (सामान्यतः संक्षिप्ताक्षर में BE या BEng) एक पूर्वस्नातक की शैक्षिक डिग्री है जिससे ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कनाडा, चीन, डेनमार्क, मिस्र, फिनलैंड, जर्मनी, हांगकांग,भारत, इंडोनेशिया, आयरलैंड, जॉर्डन, कोरिया, लेबनान, मलेशिया, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, नार्वे, पाकिस्तान, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, वियतनाम, ज़ाम्बिया और जिम्बाब्वे के इंजीनियरिंग विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को तीन से पांच साल के अध्ययन के बाद सम्मानित किया जाता है। विश्व भर में योग्यता का स्वरुप बदलता रहता है अतः, यह पेशेवर डिग्री हो भी सकती है और नहीं भी हो सकती है और इसमें इंजीनियरिंग काम का उपक्रम शामिल हो सकता है अथवा नहीं भी हो सकता है। यह पाठ्यक्रम एक राष्ट्रीय पेशेवर संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त हो भी सकता हैं या नहीं भी.

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अरिसेन आहूबूडु

अरिसेन आहूबूडु (सिंहली भाषा: කලාසූරි අරිසෙන් අහුබුදු, 1920–2011) श्रीलंका के मैलेगा, कोग्गला, मुड़ियाल्लागहवट्टा में पैदा हुए एक श्रीलंकाई लेखक, वक्ता, विद्वान, नाटककार तथा सिंहली गीतकार, लेखक और कवि थे। उन्होने अपने जीवन में अपनी साहित्यिक कृतियों के लिए कलाश्री नामक तीन सरकारी पुरस्कार तथा सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के लिए सरसवाईया फिल्म पुरस्कार प्राप्त किए। उनकी मृत्यु 26 मई 2011 को हुई। .

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अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश ('अरुणांचल' नहीं) भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। अरुणाचल का अर्थ हिन्दी मे "उगते सूर्य का पर्वत" है (अरूण + अचल; 'अचल' का अर्थ 'न चलने वाला' .

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अरुंधति घोष

अरुंधती घोष (25 नवंबर 1939 – 26 जुलाई 2016) एक पूर्व भारतीय राजनयिक थी। इन्होने आस्ट्रिया, मिस्र, दक्षिण कोरिया, हालैंड और कई अन्य देशों में राजदूत के रूप में काम किया था। ये संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत भी रह चुकी हैं। .

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अली अक़बर ख़ाँ

उस्ताद अली अक़बर ख़ाँ (बांग्ला: আলী আকবর খাঁ) मैहर घराने के भारतीय शास्त्रीय संगीतज्ञ और सरोद वादक थे। उनकी विश्वव्यापी संगीत प्रस्तुतियों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत तथा सरोद वादन को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। .

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अशोक

चक्रवर्ती सम्राट अशोक (ईसा पूर्व ३०४ से ईसा पूर्व २३२) विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय) था। उनका राजकाल ईसा पूर्व २६९ से २३२ प्राचीन भारत में था। मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज्य किया है तथा उनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान, ईरान तक पहुँच गया था। सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यान्मार के अधिकांश भूभाग पर था, यह विशाल साम्राज्य उस समय तक से आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शिर्ष स्थान पर ही रहे हैं। सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है। सम्राट अशोक को ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहाँ जाता है, जिसका अर्थ है - ‘सम्राटों का सम्राट’, और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को मिला है। सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया में तथा अन्य आज के सभी महाद्विपों में भी बौद्ध धर्म धर्म का प्रचार किया। सम्राट अशोक के संदर्भ के स्तंभ एवं शिलालेख आज भी भारत के कई स्थानों पर दिखाई देते है। इसलिए सम्राट अशोक की ऐतिहासिक जानकारी एन्य किसी भी सम्राट या राजा से बहूत व्यापक रूप में मिल जाती है। सम्राट अशोक प्रेम, सहिष्णूता, सत्य, अहिंसा एवं शाकाहारी जीवनप्रणाली के सच्चे समर्थक थे, इसलिए उनका नाम इतिहास में महान परोपकारी सम्राट के रूप में ही दर्ज हो चुका है। जीवन के उत्तरार्ध में सम्राट अशोक भगवान बुद्ध की मानवतावादी शिक्षाओं से प्रभावित होकर बौद्ध हो गये और उन्ही की स्मृति में उन्होने कई स्तम्भ खड़े कर दिये जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल - लुम्बिनी - में मायादेवी मन्दिर के पास, सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर एवं आदी श्रीलंका, थाईलैंड, चीन इन देशों में आज भी अशोक स्तम्भ के रूप में देखे जा सकते है। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे। सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई जिसमें तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, कंधार आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे। इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से कई छात्र शिक्षा पाने भारत आया करते थे। ये विश्वविद्यालय उस समय के उत्कृट विश्वविद्यालय थे। शिलालेख सुरु करने वाला पहला शासक अशोक ही था, .

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अशोक के अभिलेख

अशोक के शिलालेख पूरे भारतीय उपमहाद्वीप और अफ़्ग़ानिस्तान में मिलें हैं ब्रिटिश संग्राहलय में छठे शिलालेख का एक हिस्सा अरामाई का द्विभाषीय शिलालेख सारनाथ के स्तम्भ पर ब्राह्मी लिपि में शिलालेख मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक द्वारा प्रवर्तित कुल ३३ अभिलेख प्राप्त हुए हैं जिन्हें अशोक ने स्तंभों, चट्टानों और गुफ़ाओं की दीवारों में अपने २६९ ईसापूर्व से २३१ ईसापूर्व चलने वाले शासनकाल में खुदवाए। ये आधुनिक बंगलादेश, भारत, अफ़्ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और नेपाल में जगह-जगह पर मिलते हैं और बौद्ध धर्म के अस्तित्व के सबसे प्राचीन प्रमाणों में से हैं। इन शिलालेखों के अनुसार अशोक के बौद्ध धर्म फैलाने के प्रयास भूमध्य सागर के क्षेत्र तक सक्रिय थे और सम्राट मिस्र और यूनान तक की राजनैतिक परिस्थितियों से भलीभाँति परिचित थे। इनमें बौद्ध धर्म की बारीकियों पर ज़ोर कम और मनुष्यों को आदर्श जीवन जीने की सीखें अधिक मिलती हैं। पूर्वी क्षेत्रों में यह आदेश प्राचीन मगधी भाषा में ब्राह्मी लिपि के प्रयोग से लिखे गए थे। पश्चिमी क्षेत्रों के शिलालेखों में खरोष्ठी लिपि का प्रयोग किया गया। एक शिलालेख में यूनानी भाषा प्रयोग की गई है, जबकि एक अन्य में यूनानी और अरामाई भाषा में द्विभाषीय आदेश दर्ज है। इन शिलालेखों में सम्राट अपने आप को "प्रियदर्शी" (प्राकृत में "पियदस्सी") और देवानाम्प्रिय (यानि देवों को प्रिय, प्राकृत में "देवानम्पिय") की उपाधि से बुलाते हैं। .

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अष्टग्राम उपज़िला

अष्टग्राम उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह ढाका विभाग के किशोरगंज ज़िले का एक उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका के निकट अवस्थित है। .

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असम

असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है। असम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। असम भारत का एक सीमांत राज्य है जो चतुर्दिक, सुरम्य पर्वतश्रेणियों से घिरा है। यह भारत की पूर्वोत्तर सीमा २४° १' उ॰अ॰-२७° ५५' उ॰अ॰ तथा ८९° ४४' पू॰दे॰-९६° २' पू॰दे॰) पर स्थित है। संपूर्ण राज्य का क्षेत्रफल ७८,४६६ वर्ग कि॰मी॰ है। भारत - भूटान तथा भारत - बांग्लादेश सीमा कुछ भागो में असम से जुडी है। इस राज्य के उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पूर्व में नागालैंड तथा मणिपुर, दक्षिण में मिजोरम तथा मेघालय एवं पश्चिम में बंग्लादेश स्थित है। .

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असम विश्वविद्यालय

असम विश्वविद्यालय (আসাম বিশ্ববিদ্যালয়) भारत का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय दक्षिण असम में स्थित है, जिसकी सीमाएँ बांग्लादेश, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय और नागालैंड से मिलती हैं। विश्वविद्यालय का परिसर सिलचर से लगभग 20 किमी दूर, दुर्गाकोणा में के क्षेत्र में स्थित है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत नौ संकाय (संस्थान) हैं, जो कि सामाजिक विज्ञान, मानविकी, भाषा, जीवन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, सूचना विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन अध्ययन संबंधी शैक्षणिक पाठ्यक्रम का प्रस्ताव करते है। इन नौ संकायों के अंतर्गत 29 विभाग हैं। असम विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत पांच जिलों के 51 स्नातक महाविद्यालय आते हैं। देश के कोने कोने से विविध अनुशासनों के शिक्षकों को आकर्षित कर असम विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के प्रति अंतरानुशासनात्मक दृष्टिकोण का उदाहरण प्रस्तुत करता है। .

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असम आन्दोलन

भारतीय राजनीति में असम आंदोलन क्षेत्रीय और जातीय अस्मिता जुड़े आन्दोलनों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस आंदोलन के दौरान असम के भू-क्षेत्र में बाहरी लोगों, खास तौर पर बांग्लादेश से आये लोगों को असम से बाहर निकालने के लिए ज़बरदस्त गोलबंदी हुई। इस आंदोलन की एक विशिष्टता यह ही थी कि इसे कई स्थानों पर ग़ैर-असमिया लोगों का भी समर्थन मिला। इसने राष्ट्रीय स्तर पर बहिरागतों के कारण स्थानीय समुदायों को होने वाली मुश्किलों और असुरक्षा-बोध के मसले पर रोशनी डाली। लेकिन इसके साथ ही इसने इस ख़तरे को भी रेखांकित किया कि भाषाई और सांस्कृतिक अस्मिता की परिभाषा जितनी संकुचित होती है, दूसरी भाषाओं और संस्कृतियों को अन्य या बाहरी घोषित करने की प्रवृत्ति मज़बूत होती चली जाती है। .

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असमिया भाषा

आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की शृंखला में पूर्वी सीमा पर अवस्थित असम की भाषा को असमी, असमिया अथवा आसामी कहा जाता है। असमिया भारत के असम प्रांत की आधिकारिक भाषा तथा असम में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। इसको बोलने वालों की संख्या डेढ़ करोड़ से अधिक है। भाषाई परिवार की दृष्टि से इसका संबंध आर्य भाषा परिवार से है और बांग्ला, मैथिली, उड़िया और नेपाली से इसका निकट का संबंध है। गियर्सन के वर्गीकरण की दृष्टि से यह बाहरी उपशाखा के पूर्वी समुदाय की भाषा है, पर सुनीतिकुमार चटर्जी के वर्गीकरण में प्राच्य समुदाय में इसका स्थान है। उड़िया तथा बंगला की भांति असमी की भी उत्पत्ति प्राकृत तथा अपभ्रंश से भी हुई है। यद्यपि असमिया भाषा की उत्पत्ति सत्रहवीं शताब्दी से मानी जाती है किंतु साहित्यिक अभिरुचियों का प्रदर्शन तेरहवीं शताब्दी में रुद्र कंदलि के द्रोण पर्व (महाभारत) तथा माधव कंदलि के रामायण से प्रारंभ हुआ। वैष्णवी आंदोलन ने प्रांतीय साहित्य को बल दिया। शंकर देव (१४४९-१५६८) ने अपनी लंबी जीवन-यात्रा में इस आंदोलन को स्वरचित काव्य, नाट्य व गीतों से जीवित रखा। सीमा की दृष्टि से असमिया क्षेत्र के पश्चिम में बंगला है। अन्य दिशाओं में कई विभिन्न परिवारों की भाषाएँ बोली जाती हैं। इनमें से तिब्बती, बर्मी तथा खासी प्रमुख हैं। इन सीमावर्ती भाषाओं का गहरा प्रभाव असमिया की मूल प्रकृति में देखा जा सकता है। अपने प्रदेश में भी असमिया एकमात्र बोली नहीं हैं। यह प्रमुखतः मैदानों की भाषा है। .

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अहले सुन्नत वल जमात

अहले सुन्नत या सुन्नी उन्हें कहा जाता हैं जो क़ुरान और पैगम्बर मुहम्मद साहब के तरीके (सुन्नत)को ज़िन्दगी गुजरने का तरीका मानते हैं ये नाम शिया उर्फ राफ़ज़ीयो से अपने को अलग पएहचन बताने के लिए भी किया जाता हैं दक्षिण एशिया में आधिकारिक तौर पर अहले सुन्नत में बड़े तौर पर तीन गिरोह आते हैं बरेलवी,देवबंदी,अहले हदीस या सलफ़ी। बरेलवी मुहीम दक्षिण एशिया में सूफी आंदोलन के अंतर्गत एक उप-आंदोलन को कहा जाता है यह अहले सुन्नत वल जमात से निकली एक मुहिम हैं जिसे उन्नीसवीं एवं बीसवीं सदी के भारत में रोहेलखंड स्थित बरेली से सुन्नी विद्वान अहमद रजा खान कादरी ने प्रारंभ किया था,। बरेलवी सुन्‍नी हनफी बरेलवी मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा है जो अब बडी संख्या में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान दक्षिण अफ्रीका एवं ब्रिटेन में संघनित हैं। आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा कादरी ने अपनी प्रसिद्ध फतवा रजविया के माध्यम से भारत में पारंपरिक और रूढ़िवादी इस्लाम का बचाव करते हुए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। देवबंदी मुहीम को वास्तव में एक सूफी मुहिम जिसे इस्माइल देहलवी देवबंदियों के बड़े आलिमो क़ासिम नानोतवी,अशरफ अली थानवी,खलील अम्बेठवी ने सऊदी अरब की वहाबियत को तक़लीद का जामा पहना कर इसे दक्षिण एशियाई मुसलमानों के सामने प्रस्तुत किया। दक्षिण एशिया के ज़्यादातर सुन्नी बरेलवी होते हैं। देओबंदी सुन्नी भी खासी तादाद में है। अहले हदीस वह सुन्नी हैं जो सूफिज्म में विश्वास नहीं करते इन्हें सलफ़ी भी कहा जाता हैं क्यों की ये इस्लाम को उस तरह समझने और मानाने का दावा करते हैं हैं जिस तरह सलफ(पहले ३०० साल के मुस्लमान) ने क़ुरान और सुन्नत को समझा, सलफ़ी सुन्नी उर्फ़ अहले हदीस ज़यादातर सऊदी अरब और क़तर में हैं। ये किसी इमाम की तक़लीद नहीं करते। ऐसा कहा जाता हैं कि पूरे विश्व के मुसलमानों में कट्टरपंथ फ़ैलाने का काम देओबंदी और वहाबी विचारधारा ने किया है हालांकि कश्मीर और चेचन्या में उग्रवाद की शुरुआत सूफी पंथ के मानने वालों ने ही कि थी। 1925 में अरब पर आले सऊद द्वारा तीसरे और निर्णायक क़ब्ज़े के बाद नाम बदलकर सऊदी अरब रख दिया और धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व की विरासतों को मूर्तिपूजा(शिर्क) की संज्ञा देकर ढहा दिया गया जिसमे सैय्यदा फातिमा की मज़ार और उस्मान गनी की मज़ार शामिल है। फतेहपुर सीकरी, उत्तर प्रदेश में सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के मकबरे बरेलवी एक नाम दिया गया है सुन्नी मुसलमान के गिरोह को जो सूफिज्म में विश्वास रखते हैं और सैकड़ों बरसों से इस्लाम सुनियत के मानने वाले हैं। बरेलवियो को आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान के लगाव की वजह से लोग बरेलवी बोलते हैं! इन्हें रजॉखानी भी कहा जाता हैं अहले सुन्नत वाल जमात को वहाबी देओबंदी विचारधारा द्वारा बरेलवी बोलने के अनेक कारण हैं जिसमे खुद को सुन्नी बताना भी लक्ष्यहो सकता है ! सुन्नी जमाअत में सबसे पहले अहमद रज़ा ने देओबंदी आलिमों की गुस्ताखाना किताबों पर फतावे लगाये और आम मुसलमानों को इनके गलत अकीदे के बारे में अवगत कराया! हसंमुल हरामेंन लिखकर अपने साफ़ किया की दारुल उलूम देओबंद हकीक़त में गलत विचारधारा को मानने वाला स्कूल है। भारत में इस्लाम के प्रचार व प्रसार में सूफियों (इस्लामी मनीषियों) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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अजमेरीगंज उपज़िला

अजमेरीगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के हाबीगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ८ उपज़िले हैं, और मुख्यालय हाबीगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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अजॉय चक्रबर्ती

पण्डित अजॉय चक्रबर्ती (जन्म: २५ दिसम्बर १९५२) एक प्रतिष्ठित भारतीय हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीतकार, गीतकार, गायक और गुरु हैं। उन्हें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीतकारी के विशिष्ठ व्यक्तित्वों में गिना जाता है। पटियाला कसूर घराना उनकी विशेष दक्षता है, तथा वे मूलतः उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली साहब और उस्ताद बरकत अली खान की गायकी का प्रतिनिधित्व करता हैं। तथा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय परम्परा के अन्य घराने, जैसे इंदौर, दिल्ली, जयपुर, ग्वालियर, आगरा, किराना, रामपुर तथा दक्षिण भारतीय कर्नाटिक संगीत की शैलियों का भी इनकी गायिकी पर प्रभाव पड़ता है। .

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अवेंजर्स: एज ऑफ़ अल्ट्रॉन

अवेंजर्स: ऐज ऑफ़ अल्ट्रॉन (Avengers: Age of Ultron) 2015 में बनी अमेरिकी सुपर हीरो फिल्म है। ये 2012 की द अवेंजर्स की अगली कड़ी है। इसमें आयरन मैन (रॉबर्ट डॉनी जुनियर) है। इसमें थॉर (क्रिस हेम्सवर्थ), ब्लैक विडो (स्कारलेट जोहानसन), कैप्टेन अमेरिका (क्रिस इवांस), हॉक आइ (जेरेमी रेनर) और हल्क (मार्क रूफोलो) हैं। उनको चुनौती देने के लिए क्विकसिल्वर (एरन टेलर) और स्कारलेट विच (एलिजाबेथ ओल्सन) खलनायक की भूमिकाओं में हैं तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता से युक्त अल्ट्रॉन भी। .

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अखण्ड भारत

अखण्ड भारत भारत के प्राचीन समय के अविभाजित स्वरूप को कहा जाता है। प्राचीन काल में भारत बहुत विस्तृत था जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, बर्मा, थाइलैंड आदि शामिल थे। कुछ देश जहाँ बहुत पहले के समय में अलग हो चुके थे वहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि अंग्रेजों से स्वतन्त्रता के काल में अलग हुये। अखण्ड भारत वाक्यांश का उपयोग हिन्दू राष्ट्रवादी संगठनों शिवसेना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा विश्व हिन्दू परिषद आदि द्वारा भारत की हिन्दू राष्ट्र के रूप में अवधारणा के लिये भी किया जाता है।Yale H. Ferguson and R. J. Barry Jones, Political space: frontiers of change and governance in a globalizing world, page 155, SUNY Press, 2002, ISBN 978-0-7914-5460-2Sucheta Majumder, "Right Wing Mobilization in India", Feminist Review, issue 49, page 17, Routledge, 1995, ISBN 978-0-415-12375-4Ulrika Mårtensson and Jennifer Bailey, Fundamentalism in the Modern World (Volume 1), page 97, I.B.Tauris, 2011, ISBN 978-1-84885-330-0 इन संगठनों द्वारा अखण्ड भारत के मानचित्र में पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि को भी दिखाया जाता है। ये संगठन भारत से अलग हुये इन देशों को दोबारा भारत में मिलाकर अविभाजित भारत का निर्माण चाहते हैं। अखण्ड भारत का निर्माण सैद्धान्तिक रूप से संगठन (हिन्दू एकता) तथा 'शुद्धि से जुड़ा है। भाजपा जहाँ इस मुद्दे पर संशय में रहती है वहीं संघ इस विचार का हमेशा मुखर वाहक रहा है। संघ के विचारक हो०वे० शेषाद्री की पुस्तक The Tragic Story of Partition में अखण्ड भारत के विचार की महत्ता पर बल दिया गया है। संघ के समाचारपत्र ऑर्गनाइजर में सरसंघचालक मोहन भागवत का वक्तव्य प्रकाशित हुआ जिसमें कहा गया कि केवल अखण्ड भारत तथा सम्पूर्ण समाज ही असली स्वतन्त्रता ला सकते हैं। भारत में मुस्लिम शासकों से पूर्व भारत छोटे छोटी रियासतों में बट गया था, जिन्‍हें पुन: मिलाकर मुस्लिम शासकों ने अखण्‍ड भारत की स्‍थापना की थी। वर्तमान परिस्थितियों में अखण्‍ड भारत के सम्‍बन्‍ध में यह कहना उचित होगा कि वर्तमान परिस्थियों में अखण्‍ड भारत की परिकल्‍पना केवल कल्‍पना मात्र है, ऐसा सम्‍भव प्रतीत नहीं होता है। शिवसेना के सुप्रिमो व हिन्दु ह्रदय सम्राट कहे जाने वाले बाल ठाकरे ने अखण्ड भारत कि स्थापना मे पहले बचे हुए भारत को हिन्दु राष्ट्र घोषित करने के लिए शिवसेना को चुनाव मे उतारा हैं। अखंड भारत में आज के अफगानिस्थान, पाकिस्तान, तिब्बत, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका आते है केवल इतना ही नहीं कालांतर में भारत का साम्राज्य में आज के मलेशिया, फिलीपीन्स, थाईलैंड, दक्षिण वियतनाम, कंबोडिया,इंडोनेशिया आदि में सम्मिलित थे। सन् 1875 तक (अफगानिस्थान, पाकिस्तान, तिब्बत, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका) भारत का ही हिस्सा थे लेकिन 1857 की क्रांति के पश्चात ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिल गई थी उन्हें लगा की इतने बड़े भू-भाग का दोहन एक केंद्र से  करना संभव नहीं है एवं फुट डालो एवं शासन करो की नीति अपनायी एवं भारत को अनेकानेक छोटे-छोटे हिस्सो में बाँट दिया केवल इतना ही नहीं यह भी सुनिश्चित किया की कालांतर में भारतवर्ष पुनः अखंड न बन सके।http://www.shivprasad.in/akhand-bharat/.

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अखिल असम छात्र संघ

अखिल असम छात्र संघ (All Assam Students Union or AASU) भारत के असम राज्य का एक छात्र संघ है। आसू एक अत्यन्त सक्रिय छात्र संगठन है। आसू ने बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों के विरुद्ध छ:-वर्षीय असम आन्दोलन चलाया। .

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अगरतला

अगरतला (আগরতলা) भारत के त्रिपुरा प्रान्त की राजधानी है। अगरतला की स्थापना 1850 में महाराज राधा कृष्ण किशोर माणिक्य बहादुर द्वारा की गई थी। बांग्लादेश से केवल दो किमी दूर स्थित यह शहर सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। अगरतला त्रिपुरा के पश्चिमी भाग में स्थित है और हरोआ नदी शहर से होकर गुजरती है। पर्यटन की दृष्टि से यह एक ऐसा शहर है, जहां मनोरंजन के तमाम साधन हैं, एंडवेंचर के ढेरों विकल्प हैं और सांस्कृतिक रूप से भी बेहद समृद्ध है। इसके अलावा यहां पाए जाने वाले अलग-अलग प्रकार के जीव-जन्तु और पेड़-पौधे अगरतला पर्यटन को और भी रोचक बना देते हैं। अगरतला उस समय प्रकाश में आया जब माणिक्य वंश ने इसे अपनी राजधानी बनाया। 19वीं शताब्दी में कुकी के लगातार हमलों से परेशान होकर महाराज कृष्ण माणिक्य ने उत्तरी त्रिपुरा के उदयपुर स्थित रंगामाटी से अपनी राजधानी को अगरतला स्थानान्तरित कर दिया। राजधानी बदलने का एक और कारण यह भी था कि महाराज अपने साम्राज्य और पड़ोस में स्थित ब्रिटिश बांग्लादेश के साथ संपर्क बनाने चाहते थे। आज अगरतला जिस रूप में दिखाई देता है, दरअसल इसकी परिकल्पना 1940 में महाराज वीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर ने की थी। उन्होंने उस समय सड़क, मार्केट बिल्डिंग और नगरनिगम की योजना बनाई। उनके इस योगदान को देखते हुए ही अगरतला को ‘बीर बिक्रम सिंह माणिक्य बहादुर का शहर’ भी कहा जाता है। शाही राजधानी और बांग्लादेश से नजदीकी होने के कारण अतीत में कई बड़ी नामचीन हस्तियों ने अगरतला का भ्रमण किया। रविन्द्रनाथ टैगोर कई बार अगरतला आए थे। उनके बारे में कहा जाता है कि त्रिपुरा के राजाओं से उनके काफी गहरे संबंध थे। .

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अगस्त २०१०

कोई विवरण नहीं।

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अग्रहरि

अग्रहरि या अग्रहरी एक भारतीय उपनाम हैं। यह उपनाम वैश्य समुदाय द्वारा इस्तेमाल किया जाता हैं जो अपने आप को पौराणिक सूर्यवंशी सम्राट महाराजा अग्रसेन (४२५० ई.पू. से ६३७ ईसवी) के वंशज मानते हैं। .

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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (en: International Solar Alliance, इंटरनैशनल सोलर अलायंस) (पुराना नाम:इंटरनेशनल एजेंसी फॉर सोलर टेक्नोलॉजीज़ एंड एप्लीकेशन्स, en: International Agency for Solar Technologies & Applications), (INSTA) सौर ऊर्जा पर आधारित १२१ देशों का एक सहयोग संगठन है जिसका शुभारंभ भारत व फ्राँस द्वारा 30 नवंबर 2015 को पैरिस में किया गया। यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई पहल का परिणाम है जिसकी घोषणा उन्नहोंने सर्वप्रथम लंदन के वेंबली स्टेडियम में अपने उद्बोधन के दौरान की थी। http://hindi.economictimes.indiatimes.com/business/business-news/global-solar-alliance-with-india-will-increase-step/articleshow/49972752.cms यह संगठन कर्क व मकर रेखा के बीच स्थित राष्ट्रों को एक मंच पर लाएगा। ऐसे राष्ट्रों में धूप की उपलब्धता बहुलता में है। इस संगठन में ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उत्तर बंगाल

उत्तर बंगाल (बांग्ला: উত্তরবঙ্গ) शब्द का इस्तेमाल बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के उत्तरी भागों के लिए किया जाता है। बांग्लादेश के भाग में प्राय: राजशाही और रंगपुर मण्डल/उप-मण्डल आते हैं। आम तौर पर यह जमुना नदी के पश्चिम और पद्मा नदी के उत्तर में पड़ने वाला क्षेत्र है। पश्चिम बंगाल भाग में इसका अभिप्राय कूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और मालदा ज़िलों से है। बिहार भाग में किशनगंज जिला शामिल है। इसमें दार्जिलिंग हिल्स के कुछ हिस्से भी शामिल हैं। परंपरागत रूप से, हुगली नदी पश्चिम बंगाल को दक्षिण और उत्तरी बंगाल में विभाजित करती है और फिर उत्तरी बंगाल पुन: तराई और दोआर क्षेत्रों में विभाजित होता है। श्रेणी:पश्चिम बंगाल का भूगोल श्रेणी:बांग्लादेश.

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उदय शंकर

उदय शंकर (8 दिसम्बर 1900 - 26 सितंबर 1977) (উদয় শংকর) भारत में आधुनिक नृत्य के जन्मदाता और एक विश्व प्रसिद्ध भारतीय नर्तक एवं नृत्य-निर्देशक (कोरियोग्राफर) थे जिन्हें अधिकतर भारतीय शास्त्रीय, लोक और जनजातीय नृत्य के तत्वों में पिरोये गए पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य में पश्चिमी रंगमंचीय तकनीकों को अपनाने के लिए जाना जाता है; इस प्रकार उन्होंने आधुनिक भारतीय नृत्य की नींव रखी और बाद में 1920 और 1930 के दशक में उसे भारत, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में लोकप्रिय बनाया और भारतीय नृत्य को दुनिया के मानचित्र पर प्रभावशाली ढंग से स्थापित किया। न्यूयॉर्क टाइम्स, 6 अक्टूबर 1985.

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उपमहाद्वीप

उपमहाद्वीप एक महाद्वीप के भीतर एक बड़े, अपेक्षाकृत घुन्ना भूभाग है। शब्दकोश प्रविष्टियों के अनुसार उपमहाद्वीप को महाद्वीप के बाकी हिस्सों से एक निश्चित भौगोलिक या राजनीतिक स्वतंत्रता होती है।वाक्यांश "उपमहाद्वीप" आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप को संदर्भित करता है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव और श्रीलंका शामिल है। श्रेणी:भूभाग.

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उपजिला निर्वाहि अधिकारी

उपजिला निर्वाहि अधिकारी, (উপজেলা নির্বাহী কর্মকর্তা, उच्चारण:उपोजेला निर्बाही कॉर्मोकॉर्ता) का पद, बांग्लादेश में, उपजिला-स्तर का एक गैर-निर्वाचित प्रशासनिक स्तर का पद होता है, जोकि उपजिले के प्रशासन को कार्यान्वित करने हेतु ज़िम्मेदार होते है। इस पद के पदाधिकारी, बांग्लादेश सिविल सेवा के सहायक सचिव के स्तर के अधिकारी होते हैं। इस पद को पूर्वतः "थाना निर्वाहि अधिकारी कहा जाता था। .

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उबला चावल

उबला चावल धान को छिलका सहित आंशिक रूप से उबालने के बाद उसे सुखाकर जो चावल निकाला जाता है उसे उबला चावल (Parboiled rice) कहते हैं। इसके लिये, धान को पहले पानी में कुछ समय के भिग्कर रखा जाता है, फिर उसे उबाला जाता है और अन्ततः सुखा लिया जाता है। इस प्रक्रिया को अपनाने से ढेंका या हाथ से भी चावल निकालने में आसानी होती है। इसके अलावा इस प्रक्रिया के करने से चावल में चमक आती है तथा उसमें पोषक तत्त्व अधिक रह जाते हैं। विश्व का लगभग ५०% उबला चावल खाया जाता है। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यान्मार, मलेशिया, नेपाल, श्री लंका, गिनिया, दक्षिण, अफ्रीका, इटली, स्पेन, नाइजेरिया, थाईलैण्ड, स्विट्जरलैण्ड और फ्रांस में उबालकर चावल निकालने की विधि प्रचलित है। .

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उराँव

ओराँव या 'कुड़ुख' भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं। ये भारत के केन्द्रीय एवं पूर्वी राज्यों में तथा बंगलादेश के निवासी हैं। इनकी भाषा का नाम भी 'उराँव' या 'कुड़ुख' है। .

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उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

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उर्दू आन्दोलन

उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य में उर्दू को भारतीय उपमहाद्वीप के सभी मुसलमानों की भाषा तथा सांस्कृतिक-राजनीतिक पहचान की भाषा बनाने का सामाजिक-राजनैतिक प्रयास उर्दू आन्दोलन कहलाता है। यह आन्दोलन मुगल साम्राज्य के पतन के बाद आरम्भ हुआ तथा अलीगढ़ आन्दोलन से इसको बल मिला। उर्दू आन्दोलन का आल इंडिया मुस्लिम लीग तथा पाकिस्तान आन्दोलन पर बहुत प्रभाव पड़ा। इसके अलावा १९५२ में उर्दू के कारण ही पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में बंगाली भाषा आन्दोलन आरम्भ हुआ। .

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उर्वरक

खाद डालते हुए; खाद एक जैविक उर्वरक है। उर्वरक (Fertilizers) कृषि में उपज बढ़ाने के लिए प्रयुक्त रसायन हैं जो पेड-पौधों की वृद्धि में सहायता के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। पानी में शीघ्र घुलने वाले ये रसायन मिट्टी में या पत्तियों पर छिड़काव करके प्रयुक्त किये जाते हैं। पौधे मिट्टी से जड़ों द्वारा एवं ऊपरी छिड़काव करने पर पत्तियों द्वारा उर्वरकों को अवशोषित कर लेते हैं। उर्वरक, पौधों के लिये आवश्यक तत्वों की तत्काल पूर्ति के साधन हैं लेकिन इनके प्रयोग के कुछ दुष्परिणाम भी हैं। ये लंबे समय तक मिट्टी में बने नहीं रहते हैं। सिंचाई के बाद जल के साथ ये रसायन जमीन के नीचे भौम जलस्तर तक पहुँचकर उसे दूषित करते हैं। मिट्टी में उपस्थित जीवाणुओं और सुक्ष्मजीवों के लिए भी ये घातक साबित होते हैं। इसलिए उर्वरक के विकल्प के रूप में जैविक खाद का प्रयोग तेजी से लोकप्रीय हो रहा है। भारत में रासायनिक खाद का सर्वाधिक प्रयोग पंजाब में होता है। .

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उलिपुर उपज़िला

उलिपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह रंगपुर विभाग के कुड़िग्राम ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 9 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुड़िग्राम सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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उल्लाहपाड़ा उपज़िला

उल्लाहपाड़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह राजशाही विभाग के सिराजगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ५ उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिराजगंज सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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उष्णकटिबंधीय चक्रवात

इसाबेल तूफान (2003) के रूप में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के 7 अभियान के दौरान कक्षा से देखा. आंख, आईव़ोल और आसपास के उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की विशेषता rainbands स्पष्ट रूप से कर रहे हैं अंतरिक्ष से इस दृश्य में दिखाई देता है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात एक तूफान प्रणाली है जो एक विशाल निम्न दबाव केंद्र और भारी तड़ित-झंझावातों द्वारा चरितार्थ होती है और जो तीव्र हवाओं और घनघोर वर्षा को उत्पन्न करती है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात की उत्पत्ति तब होती है जब नम हवा के ऊपर उठने से गर्मी पैदा होती है, जिसके फलस्वरूप नम हवा में निहित जलवाष्प का संघनन होता है। वे अन्य चक्रवात आंधियों जैसे नोर'ईस्टर, यूरोपीय आंधियों और ध्रुवीय निम्न की तुलना में विभिन्न ताप तंत्रों द्वारा उत्पादित होते है, अपने "गर्म केंद्र" आंधी प्रणाली के वर्गीकरण की ओर अग्रसर होते हुए.

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उस्ताद अली अकबर खां

उस्ताद अली अकबर खां उस्ताद अली अकबर खां (१४ अप्रैल १९२२ - १९ अप्रैल २००९) जाने-माने सरोद वादक एवं हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साधक थे। उस्ताद अली अकबर खान को पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था और पिछले पाँच दशकों से उन्होंने दुनिया में भारतीय शास्त्रीय संगीत का झंडा बुलंद रखा था। भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिम में प्रतिष्ठित करने के क्षेत्र में उनका महान योगदान था। .

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उस्मानी नगर उपज़िला

उस्मानी नगर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सिलेट ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 13 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सिलेट सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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उखिय़ा उपज़िला

उखिय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के काॅक्सबाजार ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय काॅक्सबाजार सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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ऋत्विक घटक

ऋत्विक घटक (ঋত্বিক (কুমার) ঘটক, ऋतिक (कुमार) घोटोक; 4 नवम्बर 1925 से 6 फ़रवरी 1976) एक बंगाली भारतीय फिल्म निर्माता और पटकथा लेखक थे। भारतीय फिल्म निर्देशकों के बीच घटक का स्थान सत्यजीत रे और मृणाल सेन के समान है। .

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छातक उपज़िला

छातक उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के सुनामगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 11 उपज़िले हैं, और मुख्यालय सुनामगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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छागलनाइय़ा उपज़िला

छागलनाइय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के फेनी ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय फेनी सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

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छौंक

छौंक लगाने की तैयारी छौंक जिसे तड़का (पश्चिमी भाग) या बघार (दक्षिणी भाग) भी कहते हैं, मुख्यत: भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में विभिन्न व्यंजनों को पकाने में प्रयोग की जाने वाली एक विधि है। छौंक लगाने में घी या तेल को गर्म कर उसमें खड़े मसाले (अथवा पिसे मसाले भी) डाले जाते हैं ताकि उनमें समाहित सुगंधित तेल उनकी कोशिकाओं से निकल कर, उस व्यंजन जिसमें इन मसालों को मिलाया जाना है, को, उसका वो खास स्वाद प्रदान कर सकें। छौंक को किसी व्यंजन की शुरुआत या फिर अंत में मिलाया जा सकता है। शुरुआत मे लगे छौंक में अमूमन खड़े मसालों के साथ साथ पिसे मसाले और नमक भी मिलाया जाता है जबकि अंत में लगे छौंक में अक्सर खड़े मसाले ही डाले जाते हैं। शुरुआत में लगा छौंक अक्सर सब्जी पकाने में प्रयोग किया जाता है, जबकि दाल, सांबर आदि व्यंजनों में इसे अंत में मिलाया जाता है। .

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१ फ़रवरी

1 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 32वां दिन है। साल मे अभी और 333 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 334)। .

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१ई+११ मी॰²

क्यूबा का क्षेत्रफल लगभग १,००,००० कि.मी२ है। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के परिमाण के क्रम समझने हेतु यहां १,००,००० वर्ग कि.मी से १०,००,००० वर्ग कि.मी के क्षेत्र दिये गए हैं।.

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१० जनवरी

10 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 10वाँ दिन है। साल में अभी और 355 दिन बाकी है (लीप वर्ष में 356)। .

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११ जनवरी

११ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ११वाँ दिन है। साल में अभी और ३५४ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३५५)। .

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१३ मई २००८ जयपुर बम विस्फोट

13 मई, 2008 को जयपुर में शृंखलाबद्ध सात बम विस्फोट किए गए। विस्फोट १२ मिनट की अवधि के भीतर घनी आबादी वाले स्थलों पर किए गए। आठवाँ बम निष्कृय पाया गया। प्रारंभिक सूचनाओं में मृतकों कि संख्या ६० बताई गई थी। इन विस्फोटों को हवा महल के निकट सहित विभिन्न इलाकों में साइकिलों के जरिये अंजाम दिया गया, जहाँ विदेशी पर्यटक आमतौर पर आते हैं। विस्फोटों के बाद काफी देर तक शहर की मोबाइल और टेलीफोन लाइनें जाम हो गईं, जिससे दूसरे शहरों में मौजूद लोग अपने परिजनों और रिश्तेदारों की खैरियत जानने के लिए परेशान होते रहे। ये धमाके त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार, माणक चौक, बड़ी चोपड़ और छोटी चोपड़ पर हुए। त्रिपोलिया बाजार में भी एक विस्फोट हुआ, जहाँ एक हनुमान मंदिर है और उस समय वहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। ये सभी धमाके दो किलोमीटर के दायरे में हुए। पुलिस ने कहा कि हनुमान मंदिर के निकट बम निरोधक दस्ते ने एक विस्फोटक को निष्क्रिय कर दिया है। मौके पर खून बिखरा पड़ा था। धमाके इतने शक्तिशाली थे कि कुछ लोगों के शव तो कुछ फुट ऊपर तक उड़ गए। हमले की साजिश काफी सावधानी से रची गई थी। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक एएस गिल ने कहा कि निश्चित तौर पर यह आतंकवादी हमला था। .

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१४ दलीय गठबंधन

१४ दलीय गठबंधन, बांग्लादेश की एक पूर्व राष्ट्रीय राजनैतिक गठबंधन थी। जिसका नेतृत्व बांग्लादेश अवामी लीग के हाथ में था। इसकी वर्त्तमान अनुयायी महागठबंधन है। .

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१४ दिसम्बर

14 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 348वॉ (लीप वर्ष मे 349 वॉ) दिन है। साल में अभी और 17 दिन बाकी है। भारत देशमें १४ दिसम्बर के रोज राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिन मनाया जाता है। .

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१५ दिसम्बर

१५ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४९वॉ (लीप वर्ष मे ३५० वॉ) दिन है। साल में अभी और १६ दिन बाकी है। .

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१६ दिसम्बर

१६ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५०वाँ (लीप वर्ष मे ३५१वाँ) दिन है। वर्ष में अभी और १५ दिन बाकी है। .

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१७२५ तक क्रिकेट का इतिहास

क्रिकेट के ज्ञात मूल से लेकर इंग्लैंड का प्रमुख खेल बन जाने और अन्य देशों में इसकी शुरुआत किये जाने तक इस खेल के विकास के पदचिह्न 1725 तक क्रिकेट का इतिहास में दर्ज हैं। क्रिकेट पर पुराना निश्चित सन्दर्भ 1598 में मिलता है और इससे साफ हो जाता है कि क्रिकेट 1550 की सदी में खेला जाता था, लेकिन इसकी असली उत्पत्ति एक रहस्य ही है। एक निश्चित हद तक इतना कहा जा सकता है कि इसकी शुरूआत 1550 से पहले हुई थी, दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के केंट, ससेक्स, सरे में से कहीं से हुई, ज्यादा संभावना उस क्षेत्र से जो वेल्ड के रूप में जाना जाता है। दूसरे खेलों जैसे कि स्टूलबॉल और राउंडर्स की तरह, बल्लेबाज़, गेंदबाज़ और क्षेत्ररक्षकों के साथ क्रिकेट अपेक्षाकृत छोटे घास पर खेला जा सकता है, विशेष रूप से 1760 के दशक तक गेंद मैदान में दिया जाता था। इसलिए जंगलों की सफाई और जहां भेड़ चरते हैं, खेल के लिए उपयुक्त जगह हो सकती है। क्रिकेट के बारे में छिटपुट उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि मूल रूप से यह बच्चों का खेल था। इसके बाद 17वीं शताब्दी में इसे कर्मचारियों द्वारा अपना लिया गया। चार्ल्स प्रथम के शासनकाल के दौरान इसके संरक्षक और कभी-कभी खिलाड़ी के रूप में कुलीन वर्ग की दिलचस्पी इसमें बढ़ने लगी। उनके लिए इसमें सबसे बड़ा आकर्षण यह था कि इस खेल में जुआ खेलने की गुंजाइश थी और इसी कारण प्रत्यावर्तन के बाद के वर्षों में यह फैलता गया। हनोवेरियन शासन के समय से, क्रिकेट में निवेश ने पेशेवर खिलाड़ी और पहला प्रमुख क्लब तैयार किया, इस तरह लंदन और दक्षिण इंग्लैंड में यह खेल लोकप्रिय सामाजिक गतिविधि के रूप में स्थापित हुआ। इस बीच अंग्रेज़ उपनिवेशवादियों ने उत्तर अमेरिका और वेस्ट इंडीज में क्रिकेट की शुरुआत की; और ईस्ट इंडिया कंपनी के नाविक और व्यापारी इसे भारतीय उपमहाद्वीप ले गये। .

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१८ दलीय गठबंधन

१८ दलीय गठबंधन, बांग्लादेश की एक प्रमुख राष्ट्रीय राजनैतिक गठबंधन है। जिसका नेतृत्व बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी करती है। इस गठबंधन में कुल 18 राजनैतिक दल हैं। पूर्वतः इसे चार दलीय गठबंधन कहा जाता था। इसकी प्रमुख प्रतिद्वंदी बांग्लादेश अवामी लीग की नेतृत्व वाला महागठबंधन है। .

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१९२२

1922 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९४३ का बंगाल का अकाल

भूख से मरा एक बच्चा 1943-44 में बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश, भारत का पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा) एक भयानक अकाल पड़ा था जिसमें लगभग 30 लाख लोगों ने भूख से तड़पकर अपनी जान जान गंवाई थी। ये द्वितीय विश्वयुद्ध का समय था। माना जाता है कि अकाल का कारण अनाज के उत्पादन का घटना था, जबकि बंगाल से लगातार अनाज का निर्यात हो रहा था। हालांकि, विशेषज्ञों के तर्क इससे अलग हैं। एक नई पुस्तक का कहना है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे विंस्टन चर्चिल ने जानबूझकर लाखों भारतीयों को भूखे मरने दिया। बर्मा पर जापान के कब्जे के बाद वहां से चावल का आयात रुक गया था और ब्रिटिश शासन ने अपने सैनिकों और युद्ध में लगे अन्य लोगों के लिए चावल की जमाखोरी कर ली थी, जिसकी वजह से 1943 में बंगाल में आए सूखे में तीस लाख से अधिक लोग मारे गए थे। चावल की कमी होने के कारण कीमतें आसमान छू रही थी और जापान के आक्रमण के डर से बंगाल में नावों और बैलगाड़ियों को जब्त या नष्ट किए जाने के कारण आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त हो गई। बाजार में चावल मिल नहीं रहा था, गावों में भूखमरी फैल रही थी और चर्चिल ने खाद्यान्न की आपात खेप भेजने की मांग बार बार ठुकरा दी। 1943 के बंगाल में कोलकाता की सड़कों पर भूख से हड्डी हड्डी हुई मांएं सड़कों पर दम तोड़ रही थीं। लोग सड़े खाने के लिए लड़ते दिखते थे तो ब्रिटिश अधिकारी और मध्यवर्ग भारतीय अपने क्लबों और घरों पर गुलछर्रे उड़ा रहे थे। बंगाल की मानव-रचित भुखमरी ब्रिटिश राज के इतिहास के काले अध्यायों में से एक रही है, लेकिन लेखक मधुश्री मुखर्जी का कहना है कि उन्हें ऐसे सबूत मिले हैं जो दिखाते हैं कि लोगों की दुःस्थिति के लिए चर्चिल सीधे तौर पर जिम्मेदार थे। .

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१९४७ का भारत-पाक युद्ध

भारत और पाकिस्तान के बीच प्रथम युद्ध सन् १९४७ में हुआ था। यह कश्मीर को लेकर हुआ था जो १९४७-४८ के दौरान चला। .

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१९७१

१९७१ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७१ का भारत-पाक युद्ध

1971 भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना। 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया था। करगिल युद्ध में भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड कर्नल बीबी वत्स ने भारत की जीत और पाकिस्तान की हार के 10 बड़े कारण बताए। 1.

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२००० एशिया कप

भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश ने क्रिकेट के लिए एशिया कप के सातवें संस्करण में भाग लिया, जो बांग्लादेश में मई-जून 2000 के बीच आयोजित हुआ था। पाकिस्तान ने फाइनल में श्रीलंका को 39 रन से हराकर टूर्नामेंट जीता। ढाका के बंगबंधु राष्ट्रीय स्टेडियम में सभी खेलों का आयोजन किया गया था। यूसुफ योहाना को मैन ऑफ द सीरीज़ घोषित किया गया था। .

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२००७

वर्ष २००७ सोमवार से प्रारम्भ होने वाला ग्रेगोरी कैलंडर का सामान्य वर्ष है। .

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२००७ क्रिकेट विश्व कप

२००७ ICC क्रिकेट विश्व कप, टूर्नामेंट का नौवां संस्करण था और इसे 13 मार्च से 28 अप्रैल 2007 तक वेस्ट इंडीज़ में, खेल के एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में खेला गया.

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२००९

२००९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००९ बृहस्पतिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। संयुक्त राष्ट्र संघ, यूनेस्को एवं आइएयू ने १६०९ में गैलीलियो गैलिली द्वारा खगोलीय प्रेक्षण आरंभ करने की घटना की ४००वीं जयंती के उपलक्ष्य में इसे अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष घोषित किया है। .

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२०१०

वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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२०११ क्रिकेट विश्व कप

आईसीसी (ICC) क्रिकेट विश्व कप २०११, दसवां क्रिकेट विश्व कप था और इसकी मेजबानी टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले तीन दक्षिण एशियाई देशों द्वारा की गई थी: भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश.

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२०१२ एशिया कप

२०१२ एशिया कप एशिया कप का ११वां संस्करण था जो बांग्लादेश में आयोजित किया गया था। इसकी शुरुआत ११ मार्च २०१२ को हुई और फाइनल मैच २२ मार्च २०१२ को पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के बीच खेला गया था जिसमें पाकिस्तान ने बांग्लादेश को २ रनों से हराया था। .

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२०१३ शाहबाग विरोध

२०१३ के बांग्लादेश के शहबाघ जन आन्दोलन की शुरुवात ५ फ़रवरी २०१३ को ढाका, बांग्लादेश में हुई, जिसमे अब्दुल कादिर मोल्लाह और अतिरिक्त सभी बांग्लादेशी मुक्ति संग्राम के आरोपित युद्ध अपराधियों के लिए मौत की सज़ा की मांग करी गयी, | ५ फ़रवरी २०१३ को बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायलय ने मोल्लाह को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई क्यूंकि वह मुक्ति संग्राम के दौरान नरसंघार, हत्या और बलात्कार (नाबालिक लड़कियों के बलात्कार का भी) का दोषी पाया गया। .

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२०१४ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०

२०१४ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० का पांचवा संस्करण था। जिसे बांग्लादेश ने आयोजित किया था। इसकी शुरुआत १६ मार्च को हुई थी तथा ०६ अप्रैल २०१४ को खेला गया था जिसमें श्रीलंका ने जीत दर्ज की थी। यह बांग्लादेश के आठ शहरों में खेला गया था — ढाका,चिटगांव,रंगपुर,खुलना,बरिसाल,कोक्स बाजार,नारायणगंज और साइलेट थे। आईसीसी ने २०१० में ही यह फैसला कर दिया था कि २०१४ का विश्व कप बांग्लादेश ही खेला जाएगा। .

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२०१५ क्रिकेट विश्व कप

आईसीसी (ICC) क्रिकेट विश्व कप २०१५, 11 वाँ आईसीसी क्रिकेट विश्व कप था, और इसकी मेजबानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड द्वारा मिलकर की गई। यह 2015 फ़रवरी 14 - मार्च 29 तक चला जिसके दौरान 49 मैच 14 स्थानों में खेले गए। 26 मैच ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड, ब्रिस्बेन, कैनबरा, होबार्ट, मेलबोर्न, पर्थ और सिडनी में आयोजित किए गए तथा 23 मैच न्यूजीलैंड के ऑकलैंड, क्राइस्टचर्च, डुनेडिन, हैमिल्टन, नेपियर, नेल्सन और वेलिंग्टन में हुए। टूर्नामेंट का फाइनल मेलबोर्न क्रिकेट ग्रांउड पर खेला गया और इसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता। .

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२०१६ में आए भूकम्पों की सूची

यह 2016 आए में भूकम्पों की सूची है। केवल परिमाण 6 या उससे ऊपर के भूकंप शामिल किए गए हैं। सभी तिथियों यूटीसी समय के अनुसार सूचीबद्ध हैं। .

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२०१६ उत्तर-पूर्व भारत भूकम्प

३ जनवरी को उत्तर पूर्वी भारत में इम्फाल मणिपुर में ६.७ तीव्रता का तेज भूकम्प आया जिसमें कुल ११ लोगों की जानें गई तथा लगभग २०० लोग घायल हुए। इस भूकम्प में कई इमारतें ध्वस्त हुए हैं। भूकंप को दृढ़ता से बांग्लादेश में भी महसूस किया गया था। .

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२१ मार्च

21 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 80वॉ (लीप वर्ष मे 81 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 285 दिन बाकी है। .

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२२ नवम्बर

२२ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२६वॉ (लीप वर्ष मे ३२७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ३९ दिन बाकी हैं। .

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३ मार्च

3 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 62वॉ (लीप वर्ष में 63 वॉ) दिन है। साल में अभी और 303 दिन बाकी है। .

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५ दिसम्बर

5 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 339वॉ (लीप वर्ष मे 340 वॉ) दिन है। साल में अभी और 26 दिन बाकी है। .

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७ अगस्त

7 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 219वॉ (लीप वर्ष मे 220 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 146 दिन बाकी है। .

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1978 एशियाई खेल

आठवें एशियाई खेल ९ दिसंबर से २० दिसंबर, १९७८ के बीच बैंकाक, थाईलैण्ड में आयोजित किए गए थे। पाकिस्तान ने भारत और बांग्लादेश के साथ विवादों के चलते इन खेलों की मेजंबानी स्थगित कर दी। वित्तीय कारणों के चलते सिंगापुर खेलों की मेज़बानी करने से पीछे हट गया। थाईलैण्ड ने सहायता करने की पेशकश की और इसलिए एशियाड बैंकाक में आयोजित किया गया। राजनीतिक मोर्चे पर, इस्राइल को एशियाई खेलों से निष्कासित कर दिया गया। कुल २५ एशियाई देशों के ३,८४२ खिलाड़ियों ने इन खेलों में भाग लिया। पहली बार सम्मिलित किए गए खेल थे तीरंदाज़ी और गेंदबाजी। .

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1998 आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी

1 99 8 के आईसीसी नॉॉकऑट ट्रॉफी (आधिकारिक तौर पर विल्स इंटरनेशनल कप के रूप में जाना जाता है) बांग्लादेश में आयोजित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट था। यह विश्व कप से अलग पहला टूर्नामेंट था, जिसमें सभी टेस्ट खेलने वाले देशों को शामिल किया गया। न्यूजीलैंड ने मुख्य नॉकआउट चरण के लिए क्वालीफाई करने के लिए प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में जिम्बाब्वे को हराया। इस टूर्नामेंट के भविष्य के संस्करण अब आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी के नाम से जाना जाता है। दक्षिण अफ्रीका ने फाइनल में वेस्ट इंडीज को फाइनल में हराकर इस प्रतियोगिता में जीत दर्ज की। इस टूर्नामेंट का उद्घाटन फिफा कन्फेडरेशन कप के आधार पर हुआ, जहां उनके सम्मानित टीमों की सर्वश्रेष्ठ टीम एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबला करती है लेकिन इस मामले में आईसीसी वनडे चैम्पियनशिप में शीर्ष टीम एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं। .

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2007 चटगाँव बाढ़

चटगाँव जो कि बांग्लादेश का प्रमुख बंदरगाह एवं आकार में दूसरे नंबर का शहर है, वहाँ जून २००७ में बाढ़ आई और जीवन अस्त-वयस्त हो गया। बांग्लादेश में अधिकारियों का कहना है कि चटगाँव में ज़मीन खिसकने और बाढ़ के चलते मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 118 हो गई है। श्रेणी:बाढ़ श्रेणी:मौसम संबंधित विपदायें श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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2010 एशियाई खेल

सोलहवें एशियाई खेल, १२ नवम्बर से २७ नवम्बर, २०१० के बीच चीन के गुआंग्झोऊ में आयोजित किए जाएँगे। बीजिंग, जिसने १९९० के एशियाई खेलों की मेज़बानी की थी, के बाद गुआंग्झोऊ इन खेलों का आयोजन करने वाला दूसरा चीनी नगर होगा। इसके अतिरिक्त यह इतनी बड़ी संख्या में खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित करने वाला अन्तिम नगर होगा, क्योंकि एशियाई ओलम्पिक परिषद ने भविष्य के खेलों के लिए नए नियम लागू किए हैं जो २०१४ के खेलों से यथार्थ में आएँगे। गुआंग्झोऊ को ये खेल १ जुलाई, २००४ को प्रदान किए गए थे, जब वह इकलौता बोली लगाने वाला नगर था। यह तब हुआ जब अन्य नगर, अम्मान, क्वालालम्पुर और सियोल बोली प्रक्रिया से पीछे हट गए। खेलों की सह-मेज़बानी तीन पड़ोसी नगरों डोंग्गूआन, फ़ोशन और शानवेइ के द्वारा भी की जाएगी। .

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2010 एशियाई खेल पदक तालिका

गुआंग्डोंग ओलम्पिक स्टेडियम एथलेटिक्स की प्रतिस्पर्धाओं का मेज़बान था। ग्वांगझोउ जिम्नेसियम में टेबल टेनिस व वॉलीबॉल की स्पर्धाए आयोजित की गई थी। 2010 एशियाई खेल (आधिकारिक तौर पर 16वे एशियाई खेल) एक बहु-खेल प्रतियोगिता थी जो चीन के ग्वांगझोउ शहर में 12 नवम्बर से 27 नवम्बर 2010, के बीच आयोजित की गई थी। 1990 में बीजिंग के उपरान्त ग्वांगझोउ एशियाई खेलों की मेज़बानी करने वाला दूसरा चीनी शहर था। खेलों में 45 एशियाई राष्ट्रीय ओलम्पिक समितियों (आई॰ओ॰सी॰) से चयनित 9,704 एथलीटों ने कुल 476 प्रतिस्पर्धाओं में विभाजित 42 खेलों में भाग लिया।शर्मा, मुकेश (27 नवम्बर 2010).

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2014 आईसीसी विश्व ट्वेंटी20

2014 आईसीसी विश्व ट्वेंटी20 आईसीसी विश्व ट्वेंटी20 का पांचवा संस्करण था, जिसकी मेजबानी बांग्लादेश ने की। यह टूर्नामेंट 16 मार्च से 6 अप्रैल 2014 आयोजित हो रहा है। यह बांग्लादेश में तीन स्थानों पर खेला गया ये स्थान थे — ढाका, चटगाँव और सिलहट। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने बांग्लादेश को 2010 में इस टूर्नामेंट की मेजबानी दी। इस टूर्नामेंट का खिताब श्रीलंका ने भारत को 6 विकेट से हराकर जीता। .

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2016 गुलशन हमला

2016 गुलशन हमला 1 जुलाई 2016 को स्थानीय समय के अनुसार रात 9:20 बजे बांग्लादेश के राजधानी ढाका के गुलशन क्षेत्र में हुआ था। इसमें नौ हमलावरों ने ढाका के राजनयिक क्षेत्र में स्थित होली आर्टिसन बेकरी पर हमला किया। आतंकियों ने वहां बम भी फेंके और कई दर्जन लोगों को बंधक भी बना लिया। पुलिस के साथ मुठभेड़ में दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई। उनके द्वारा हमले के दौरान कथित तौर पर "अल्लाहु अकबर"! कहा गया। 20 विदेशी और 6 बंदूकधारी हमले के दौरान मारे गए। बंदूकधारियों में से एक को पकड़ लिया गया और 13 बंधकों को बांग्लादेश सेना ने छुड़वा लिया। .

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2016 आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी-20

2016 आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी-20 आईसीसी महिला ट्वेंटी-20 विश्व कप, महिलाओं के ट्वेंटी -20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की विश्व चैम्पियनशिप के पांचवें संस्करण था। भारत घटना पहली बार के लिए, साथ मैच 15 मार्च से 3 अप्रैल 2016 को खेला मेजबानी की। पहली बार टूर्नामेंट में पुरुषों की ट्वेंटी-20 विश्व कप के साथ एक साथ चला गया था के साथ प्रत्येक टूर्नामेंट के फाइनल (ईडन गार्डन, कोलकाता में) एक ही स्थल पर एक ही दिन में खेला था। वेस्टइंडीज के कप्तान स्टेफनी टेलर टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी नामित किया गया था, उससे अधिक रन किसी भी अन्य खिलाड़ी की तुलना में बनाए। .

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2016 अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप

2016 आईसीसी अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप 22 जनवरी 2016 से 14 फ़रवरी तक बांग्लादेश में आयोजित होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय सीमित ओवरों का क्रिकेट टूर्नामेंट है। 2004 के खेल के बाद, यह अंडर -19 क्रिकेट विश्व कप का ग्यारहवाँ, और बांग्लादेश में आयोजित होने वाला दूसरा संस्करण होगा। .

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2016 उड़ी हमला

उरी हमला 18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हुआ, एक आतंकी हमला है जिसमें 18 जवान शहीद हो गए। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला है। उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया है। इनकी योजना के तहत ही सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया। हमलावरों के द्वारा निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जा सके। - एनडीटीवी - 19 सितम्बर 2016 अमेरिका ने उड़ी हमले को "आतंकवादी" हमला करार दिया। .

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2017 दक्षिण एशिया बाढ़

राहत कार्य में जुटा भारतीय वायुसेना का हेलिकाप्टर 2017 में अत्यधिक मानसून की बारिश के कारण दक्षिण एशियाई देशों भारत, नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान में 4.1 करोड़ लोग विस्थापित हुए। कई हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो गई। अकेले भारत में 600 लोगों की और कुल 1,200 लोगों की मौत हो गई। .

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