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बहु तारा

सूची बहु तारा

एच॰डी॰ 188753, जो एक तीन तारों का मंडल है खगोलशास्त्र में बहु तारा दो से अधिक तारों का ऐसा गुट होता है जो पृथ्वी से दूरबीन के ज़रिये देखे जाने पर एक-दूसरे के समीप नज़र आते हैं। ऐसा दो कारणों से हो सकता है -.

21 संबंधों: एक्रक्स तारा, डॅल्टा सरसिनाए तारा, डॅल्टा सिगनाए तारा, तारायान, त्रिशंकु तारामंडल, देवयानी तारामंडल, ध्रुव तारा, ध्रुवमत्स्य तारामंडल, प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी, प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी बी, ब्रेकथ्रू स्टारशॉट, बेटा सॅफ़ॅई तारा, मित्र तारा, मूल तारा, सबसे रोशन तारों की सूची, सूंस तारामंडल, ज़ेटा ओरायोनिस तारा, वैन मानॅन का तारा, आयोटा ओरायोनिस तारा, क्रतु तारा, अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे तारा

एक्रक्स तारा

एक्रक्स एक्रक्स, जिसका बायर नाम "अल्फ़ा क्रूसिस" (α Crucis या α Cru) है, त्रिशंकु तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले सब से रोशन तारों में गिना जाता है। यह पृथ्वी से लगभग 321 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं। एक्रक्स वास्तव में एक बहु तारा है जो पृथ्वी से एक तारे जैसा प्रतीत होता है। .

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डॅल्टा सरसिनाए तारा

डॅल्टा सरसिनाए (Delta Circini) या δ सरसिनाए (δ Cir) परकार तारामंडल में स्थित एक बहु तारा मंडल है। इसे ऍचाआर ५६६४ (HR 5664) और ऍचडी १३५२४० (HD 135240) के नाम से भी जाना जाता है। इसका सापेक्ष कांतिमान +५.०९ है और यह हमारे सूरज से ७७० प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित है। .

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डॅल्टा सिगनाए तारा

डॅल्टा सिगनाए​, जिसका बायर नाम भी यही (δ Cygni या δ Cyg) है, हंस तारामंडल का एक तारा है। पृथ्वी से देखी गई इस तारे की चमक (सापेक्ष कान्तिमान) २.८७ मैग्नीट्यूड है और यह हमसे लगभग १६५ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। यह हंस तारामंडल का तीसरा सबसे रोशन तारा है। .

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तारायान

सन् १९७८ में डेडलस परियोजना में प्रस्तावित तारायान का चित्रण तारायान ऐसे अंतरिक्ष यान को कहते हैं जो एक तारे से दुसरे तारे तक यात्रा करने में सक्षम हो। ऐसे यान वर्तमान में केवल काल्पनिक हैं और विज्ञान कथा साहित्य में इनपर आधारित बहुत कहानियाँ मिलती हैं। हक़ीक़त में, मनुष्यों ने सौर मंडल के अन्दर यात्रा कर सकने वाले तो कई यान बनाए हैं लेकिन सूरज से किसी अन्य तारे तक जा सकने वाले कोई यान नहीं बनाए। केवल वॉयेजर प्रथम, वॉयेजर द्वितीय, पायोनीअर १० और पायोनीअर ११ ही सूरज के वातावरण से निकलकर अंतरतारकीय दिक् (इन्टरस्टॅलर स्पेस, यानि तारों के बीच का व्योम) में दाख़िल होने की क्षमता रखने वाले मानवों द्वारा निर्मित यान हैं। लेकिन इनमें स्वचालन शक्ति नहीं है और न ही इनमें कोई मनुष्य यात्रा कर रहे हैं। यह केवल अपनी गति से व्योम में बहते जा रहे हैं, इसलिए इन्हें सही अर्थों में तारायान नहीं कहा जा सकता। सूरज के बाद, पृथ्वी का सब से निकटतम तारा प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी है जो मित्र तारे के बहु तारा मंडल में मिलता है और हमसे ४.२४ प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। वॉयेजर प्रथम मानवों द्वारा बनाया गया सब से तेज़ गति का यान है और इसका वेग वर्तमान में प्रकाश की गति का १/१८,००० हिस्सा है (यानि १८ हज़ार गुना कम)। अगर इस गति पर मनुष्य पृथ्वी से प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी जाने का प्रयास करें, तो उन्हें ७२,००० साल लगेंगे। इसलिए यदि मनुष्य कभी कोई तारायान बनाते हैं तो उन्हें नयी तकनीकों का आविष्कार करने की ज़रुरत है जिनकी गति वॉयेजर प्रथम से बहुत अधिक होगी। बिना इसके मनुष्यों का किसी अन्य सौर मंडल में पहुँच पाने का कोई ज्ञात ज़रिया नहीं है। .

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त्रिशंकु तारामंडल

त्रिशंकु (क्रक्स) तारामंडल त्रिशंकु तारामंडल त्रिशंकु या क्रक्स (अंग्रेज़ी: Crux) तारामंडल अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची का सब से छोटा तारामंडल है। अंग्रेज़ी में इसे कभी-कभी "सदर्न क्रॉस" (Southern cross, दक्षिणी काँटा) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में सर्दियों और बसंत के मौसम में गुजरात से दक्षिणी क्षेत्रों में देखा जा सकता है, लेकिन उत्तर भारत से नहीं। पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध (हेमिसफ़ेयर) से यह किसी भी मौसम में देखा जा सकता है। .

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देवयानी तारामंडल

देवयानी तारामंडल बेटा ऐन्ड्रौमिडे (β And) उर्फ़ मिराक तारा देवयानी या ऐन्ड्रौमेडा एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। देवयानी तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में स्थित है। एण्ड्रोमेडा आकाशगंगा भी आकाश में इसी तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है। .

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ध्रुव तारा

ध्रुव मंडल के कुछ तारे, जिनमें से ध्रुव ए (A) मुख्य तारा है कैमरे का लेंस रात्री में लम्बे अरसे तक खुला रख कर रात में आसमान का चित्र खींचा जाए, तो प्रतीत होता है कि सारे तारे ध्रुव तारे के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं ध्रुव तारा, जिसका बायर नाम "अल्फ़ा उर्साए माइनोरिस" (α Ursae Minoris या α UMi) है, ध्रुवमत्स्य तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ४५वां सब से रोशन तारा भी है। यह पृथ्वी से लगभग ४३४ प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। हालांकि की पृथ्वी से यह एक तारा लगता है, यह वास्तव में एक बहु तारा मंडल है, जिसका मुख्य तारा (ध्रुव "ए") F7 श्रेणी का रोशन दानव तारा या महादानव तारा है। वर्तमान युग में ध्रुव तारा खगोलीय गोले के उत्तरी ध्रुव के निटक स्थित है, यानि दुनिया में अधिकतर जगहों से ध्रुव तारा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के ऊपर स्थित प्रतीत होता है। इस कारण से तारों से मार्गदर्शन लेते हुए समुद्र या रेगिस्तान जैसी जगहों से निकलने वाले यात्री अक्सर ध्रुव तारे का प्रयोग करते हैं। पृथ्वी के घूर्णन (रोटेशन) से रात्री में आकाश के लगभग सभी तारे धीरे-धीरे घुमते हुए लगते हैं, लेकिन ध्रुव तारा उत्तर की ओर स्थिर लगता है। अगर किसी कैमरे का लेंस लम्बे अरसे तक खुला रख कर रात में आसमान का चित्र खींचा जाए, तो तस्वीर में ऐसा प्रतीत होता है की सारे तारे ध्रुव के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं। .

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ध्रुवमत्स्य तारामंडल

ध्रुवमत्स्य तारामंडल ध्रुव तारे के बहु तारा मण्डल का एक काल्पनिक चित्र ध्रुवमत्स्य या अरसा माइनर एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। ध्रुवमत्स्य तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में स्थित है। ध्रुव तारा भी आकाश में इसी तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है। .

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प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी

प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी या मित्र सी, जिसका बायर नाम α Centauri C या α Cen C है, नरतुरंग तारामंडल में स्थित एक लाल बौना तारा है। हमारे सूरज के बाद, प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी हमारी पृथ्वी का सब से नज़दीकी तारा है और हमसे ४.२४ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है।, Pierre Kervella and Frederic Thevenin, ESO, 15 मार्च 2003 फिर भी प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी इतना छोटा है के बिना दूरबीन के देखा नहीं जा सकता।, Govert Schilling, स्प्रिंगर, 2011, ISBN 978-1-4419-7810-3,...

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प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी बी

प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी बी (Proxima Centauri b), जिसे केवल प्रॉक्सिमा बी (Proxima Centauri b) भी कहते हैं, प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी नामक लाल बौने तारे के वासयोग्य क्षेत्र में उस तारे की परिक्रमा करता हुआ एक ग़ैर-सौरीय ग्रह (यानि बहिर्ग्रह) है। हमारे सौर मंडल से लगभग ४.२ प्रकाशवर्ष (यानि एक ट्रिलियन या दस खरब किलोमीटर) दूर स्थित प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी तारा सूरज के बाद पृथ्वी का सबसे समीपी तारा है और मित्र तारे (उर्फ़ अल्फ़ा सेन्टॉरी, Alpha Centauri) के त्रितारा मंडल में से एक है और हमारे अपने सौर मंडल के बाद सबसे समीपी ग्रहीय मंडल है। पृथ्वी में ऊपर देखने पर मित्र तारा आकाश के नरतुरंग तारामंडल क्षेत्र में दिखता है। प्रॉक्सिमा बी ग्रह मिलने यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला ने अगस्त २०१६ में की थी। .

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ब्रेकथ्रू स्टारशॉट

एक कल्पित सौर पाल ब्रेकथ्रू स्टारशॉट (Breakthrough Starshot) एक अनुसंधान और अभियान्त्रिकी परियोजना है जिसका ध्येय प्रकाश पाल (light sail) से चलने वाले अंतरिक्ष यानों का एक बेड़ा विकसित करना है जो पृथ्वी से ४.३७ प्रकाशवर्ष दूर स्थित मित्र तारे (Alpha Centauri) के बहु तारा मंडल तक पहुँच सके। इन परिकल्पित अंतरिक्ष यानों का नाम "स्टारचिप" (StarChip) रखा गया है और इन्हें प्रकाश की गति का १५% से २०% तक का वेग देने का प्रस्ताव है। इस रफ़्तार से वे लगभग २० से ३० वर्षों में मित्र तारे के मंडल तक पहुँच सकेंगे और वहाँ से पृथ्वी को सूचित करेंगे। इतनी दूरी पर उनसे प्रसारित संकेतों को पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग ४ साल लगेंगे। यह यान इतनी तेज़ी से चल रहे होंगे की वे केवल कुछ देर के लिये मंडल में रहकर आगे अंतरिक्ष में निकल जाएँगे। प्रस्तावकों की चेष्टा है कि इस अंतराल में यह यान अगस्त २०१६ में मिले प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी बी (Proxima Centauri b) नामक स्थलीय ग्रह (जो पृथ्वी से ज़रा बड़ा ग़ैर-सौरीय ग्रह है) के समीप से भी उड़ें और उसकी तस्वीरें खींचकर पृथ्वी भेजें। .

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बेटा सॅफ़ॅई तारा

वृषपर्वा (सिफ़ियस) तारामंडल में 'β' के चिह्न द्वारा नामांकित तारा है बेटा सॅफ़ॅई, जिसका बायर नाम भी यही (β Cephei या β Cep) है, वृषपर्वा तारामंडल में स्थित एक तारा है। यह हमसे क़रीब ६९० प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) लगभग +३.१४ है, हालांकि यह एक परिवर्ती तारा है जिसकी चमक ऊपर-नीचे होती रहती है। इस तारे के नाम पर परिवर्ती तारों की एक विशेष श्रेणी का नामकरण किया गया है जिसके सददास्यों को बेटा सॅफ़ॅई परिवर्ती तारे बुलाया जाता है। .

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मित्र तारा

मित्र मंडल के तीन तारों और हमारे सूरज के आकारों और रंगों की आपस में तुलना शक्तिशाली दूरबीन के ज़रिये मित्र तारे का एक दृश्य (बीच का सब से रोशन तारा) मित्र "बी" की परिक्रमा करते ग़ैर-सौरीय ग्रह का काल्पनिक चित्रण मित्र या अल्फ़ा सॅन्टौरी, जिसका बायर नाम α Centauri या α Cen है, नरतुरंग तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से चौथा सब से रोशन तारा भी है। पृथ्वी से एक दिखने वाला मित्र तारा वास्तव में तीन तारों का बहु तारा मंडल है। इनमें से दो तो एक द्वितारा मंडल में हैं और इन्हें मित्र "ए" और मित्र "बी" कहा जाता है। तीसरा तारा इनसे कुछ दूरी पर है और उसे मित्र "सी" या "प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी" का नाम मिला है। सूरज को छोड़कर, प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी हमारी पृथ्वी का सब से नज़दीकी तारा है और हमसे 4.24 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है। फिर भी प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी इतना छोटा है के बिना दूरबीन के देखा नहीं जा सकता। अक्टूबर २०१२ में वैज्ञनिकों ने घोषणा करी कि मित्र तारा मंडल के एक तारे (मित्र "बी") के इर्द-गिर्द एक ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करता हुआ पाया गया है। इस ग्रह का नाम 'मित्र बी-बी' (Alpha Centauri Bb) रखा गया और यह पृथ्वी से सब से नज़दीकी ज्ञात ग़ैर-सौरीय ग्रह है लेकिन यह अपने तारे के बहुत पास है और वासयोग्य क्षेत्र में नहीं पड़ता।, Mike Wall, 16 अक्टूबर 2012, NBC News, Accessed: 19 अक्टूबर 2012,...

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मूल तारा

मूल तारा (λ Sco) वॄश्चिक तारामंडल में ठीक बिच्छु की काल्पनिक आकृति के डंक पर स्थित "λ" के निशान वाला तारा है मूल या शौला, जिसका बायर नाम "लाम्डा स्कोर्पाए" (λ Scorpii या λ Sco) है, वॄश्चिक तारामंडल का दूसरा सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले पच्चीसवा सब से रोशन तारा है। मूल तारा एक बहु तारा मंडल है जिसके तीन हिस्से दिखते हैं। .

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सबसे रोशन तारों की सूची

किसी तारे की चमक उसकी अपने भीतरी चमक, उसकी पृथ्वी से दूरी और कुछ अन्य परिस्थितियों पर निर्भर करती है। किसी तारे के निहित चमकीलेपन को "निरपेक्ष कान्तिमान" कहते हैं जबकि पृथ्वी से देखे गए उसके चमकीलेपन को "सापेक्ष कान्तिमान" कहते हैं। खगोलीय वस्तुओं की चमक को मैग्निट्यूड में मापा जाता है - ध्यान रहे के यह मैग्निट्यूड जितना कम होता है सितारा उतना ही ज़्यादा रोशन होता है। .

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सूंस तारामंडल

सूंस (डॅल्फ़ाइनस) तारामंडल हबल अंतरिक्ष दूरबीन द्वारा खींची गई सूंस तारामंडल में दिखने वाले ऍन॰जी॰सी॰ ६९३४ नामक गोल तारागुच्छ की तस्वीर सूंस या डॅल्फ़ाइनस तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में दिखने वाला एक तारामंडल है जो खगोलीय मध्यरेखा के काफ़ी समीप पड़ता है। यह अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है और दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी उनमें भी शामिल था। .

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ज़ेटा ओरायोनिस तारा

ज़ेटा ओरायोनिस एक नीला महादानव तारा है जो हमारे सूरज से बहुत बड़ा है ज़ेटा ओरायोनिस कालपुरुष तारामंडल में आंच नीहारिका (फ़्लेम नेब्युला) के समीप नज़र आता है ज़ेटा ओरायोनिस, जिसके बायर नामांकन में भी यही नाम (ζ Ori या ζ Orionis) दर्ज है, आकाश में कालपुरुष तारामंडल में स्थित एक तीन तारों का बहु तारा मंडल है। इसका मुख्य तारा (जिसे "ज़ेटा ओरायोनिस ए" कहा जाता है) एक अति-गरम नीला महादानव तारा है और यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ३१वाँ सब से रोशन तारा है। यह हमसे ७०० प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) २.०४ है। अगर तीनों तारों को इकठ्ठा देखा जाए तो इनकी मिली-जुली चमक १.७२ मैग्निट्यूड है। ध्यान रहे के खगोलीय मैग्निट्यूड एक विपरीत माप है और यह जितना कम हो चमक उतनी ही ज़्यादा होती है। .

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वैन मानॅन का तारा

वैन मानॅन का तारा मीन तारामंडल में स्थित एक सफ़ेद बौना तारा है। यह पृथ्वी से लगभग 14.1 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है और व्याध तारे और प्रस्वा तारे के मंडलों में मौजूद सफ़ेद बौने तारों के बाद हमारे सौर मंडल के तीसरा सब से पास वाला सफ़ेद बौना है। यह पहला सफ़ेद बौना मिला था जो किसी बहु तारा मंडल में किसी अन्य तारे के साथ गुरुत्वाकर्षक बंधन में नहीं बंधा है। .

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आयोटा ओरायोनिस तारा

आयोटा ओरायोनिस (Iota Orionis) या ι ओरायोनिस (ι Ori), जो हत्स्य (Hatysa) भी कहलाता है, कालपुरुष तारामंडल के ऍनजीसी 1980 नामक खुले तारागुच्छ में स्थित एएक बहु तारा मंडल है। यह उस तारामंडल का आठवाँ सबसे रोशन सदस्य है और +2.77 का सापेक्ष कांतिमान रखता है। अनुमानित है कि यह हमारे सूरज से लगभग 2,300 प्रकाशवर्ष (710 पारसैक) दूर स्थित है। बिना दूरबीन से देखने पर यह एक तारा प्रतीत होता है लेकिन सक्षम दूरबीन से इसमें तीन अलग तारे दिखते हैं, जिन्हें आयोटा ओरायोनिस ए (Iota Orionis A), आयोटा ओरायोनिस बी (Iota Orionis B) और आयोटा ओरायोनिस सी (Iota Orionis C) नामांकित करा गया है। और अधिक शक्तिशाली दूरबीन से देखने पर ज्ञात होता है कि आयोटा ओरायोनिस ए स्वयं एक द्वितारा है, और इसके दो तारों को आयोटा ओरायोनिस एए (Iota Orionis Aa) तथा आयोटा ओरायोनिस एबी (Iota Orionis Ab) नामांकित करा गया है। .

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क्रतु तारा

सप्तर्षि तारामंडल में क्रतु तारे (α UMa) का स्थान क्रतु, जिसका बायर नामांकन "अल्फ़ा अर्से मॅजोरिस" (α UMa या α Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का तीसरा सबसे रोशन तारा और पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में से ४०वाँ सब से रोशन तारा है। यह हमसे १२४ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) १.७९ है। यह वास्तव में एक बहु तारा मंडल है। .

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अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे तारा

अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे देवयानी तारामंडल में अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे का स्थान अल्फ़ा ऐन्ड्रौमिडे, जिसका बायर नाम भी यही (α Andromedae या α And) है, देवयानी तारामंडल का सब से रोशन तारा है और पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ५४वाँ सब से रोशन तारा है। यह हमसे ९७ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) २.०६ है। पृथ्वी से एक दिखने वाला यह तारा वास्तव में एक द्वितारा है जिसके दो तारे एक-दूसरे से बहुत कम दूरी पर एक-दूसरे की परिक्रमा कर रहे हैं। इनमें से ज़्यादा रोशन तारे के वातावरण विचित्र है: उसमें बहुत अधिक मात्रा में पारा और मैंगनीज़ पाए गए हैं और वह सब से रोशन ज्ञात पारा-मैंगनीज़ तारा है।See §4 for component parameters and Table 3, §5 for elemental abundances in .

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