6 संबंधों: डेबिट, दोहरी प्रविष्टि प्रणाली, रोकड़, लेखापरीक्षा, लेखाकरण, खाता।
डेबिट
Tularam ko diye 10000 (नामे) डेबिट और जमा (क्रेडिट) बहीखाता और लेखा.की औपचारिक शर्तें हैं। ये लेखांकन में सर्वाधिक मौलिक अवधारणाएं हैं, जो लेखा प्रणाली में दर्ज प्रत्येक लेन-देन के दोनों पहलुओं को दर्शाते हैं। एक नामे (डेबिट) लेन-देन एक परिसंपत्ति (ऐसेट) या किसी खर्च के लेन-देन, कोइ जमा (क्रेडिट) एक ऐसे लेन-देन की ओर संकेत करता है जो देयता या लाभ का कारण होगा। एक डेबिट लेन-देन का किसी जमा शेष राशि को कम करने अथवा किसी डेबिट शेष राशि को बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक जमा लेन-देन का एक नामे (डेबिट) शेष राशि को कम करने अथवा जमा (क्रेडिट) शेष राशि को बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक लेखा अगर जो अपेक्षित था ठीक उसका उलटा दर्शाता है, जैसेकि एक आस्ति खाते को जमा लेखा के रूप में दर्ज किया जाता है, तो इसे प्रति लेखा के रूप में सन्दर्भित करते हैं। संचित मूल्यह्रास इसका एक उदाहरण होगा, जो दरअसल एक आस्ति प्रति लेखा है, क्योंकि यह ऐसेट (परिसंपत्ति) के मूल्य को कम कर देता है। .
नई!!: बही-खाता और डेबिट · और देखें »
दोहरी प्रविष्टि प्रणाली
लेखाकरण में दोहरी प्रविष्टि प्रणाली या दोहरी खतान प्रणाली (Double-entry system) बहीखाता की एक पद्धति है। इसका नाम 'दोहरी प्रविष्टि' इसलिए है क्योंकि इसके अन्तर्गत किसी खाते की प्रत्येक प्रविष्टि के संगत किसी दूसरे खाते में एक विपरीत प्रविष्टि का होना जरूरी है। उदाहरण के लिए, १०० रूपए की कमाई को दर्ज करने के लिए दो प्रविष्टियाँ आवश्यक होंगी-.
नई!!: बही-खाता और दोहरी प्रविष्टि प्रणाली · और देखें »
रोकड़
अर्थशास्त्र में रोकड़ या नकदी मुद्रा के भौतिक रूप में धन को कहते है, जैसे बैंक के नोट और सिक्के। बही-खाता और वित्त में रोकड़ चालू परिसंपत्ति है जिसमें मुद्रा या मुद्रा समकक्ष शामिल होते हैं जिन्हें तुरंत उपयोग किया जा सकता हैं। नकदीविहीन समाज अवधारणा है जहाँ नकदी का प्रयोग शून्य या न्यूनतम हो। .
नई!!: बही-खाता और रोकड़ · और देखें »
लेखापरीक्षा
लेखा परीक्षा, अंकेक्षण या ऑडिट (audit) का सबसे व्यापक अर्थ किसी व्यक्ति, संस्था, तन्त्र, प्रक्रिया, परियोजना या उत्पाद का मूल्यांकन करना है। लेखा परीक्षा यह सुनिश्चित करने के लिये की जाती है कि दी गयी सूचना वैध एवं विश्वसनीय है। इससे उस तन्त्र के आन्तरिक नियन्त्रण का भी मूल्यांकन प्राप्त होता है। लेखा परीक्षा का उद्देश्य यह होता है कि लेखा परीक्षा के बाद व्यक्ति/संस्था/तन्त्र/प्रक्रिया के बार में एक राय या विचार व्यक्त किया जाय। वित्तीय लेखा परीक्षा (financial audits) की स्थिति में वित्त सम्बन्धी कथनों (statements) को सत्य एवं त्रुटिरहित घोषित किया जाता है यदि उनमें गलत कथन न हों। परम्परागत रूप से लेखा परीक्षा मुख्यत: किसी कम्पनी या किसी वाणिज्यिक संस्था के वित्तीय रिकार्डों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिये की जाती थी। किन्तु आजकल आडिट के अन्तर्गत अन्य सूचनाएँ (जैसे पर्यावरण की दृष्टि से कामकाज की स्थिति) भी सम्मिलित की जाने लगी हैं। .
नई!!: बही-खाता और लेखापरीक्षा · और देखें »
लेखाकरण
चित्र:उदाहरण.jpgलेखा शास्त्र शेयर धारकों और प्रबंधकों आदि के लिए किसी व्यावसायिक इकाई के बारे में वित्तीय जानकारी संप्रेषित करने की कला है। लेखांकन को 'व्यवसाय की भाषा' कहा गया है। हिन्दी में 'एकाउन्टैन्सी' के समतुल्य 'लेखाविधि' तथा 'लेखाकर्म' शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है। लेखाशास्त्र गणितीय विज्ञान की वह शाखा है जो व्यवसाय में सफलता और विफलता के कारणों का पता लगाने में उपयोगी है। लेखाशास्त्र के सिद्धांत व्यावसयिक इकाइयों पर व्यावहारिक कला के तीन प्रभागों में लागू होते हैं, जिनके नाम हैं, लेखांकन, बही-खाता (बुक कीपिंग), तथा लेखा परीक्षा (ऑडिटिंग)। .
नई!!: बही-खाता और लेखाकरण · और देखें »
खाता
खाता शब्द के निम्नलिखित अर्थ हो सकते हैं.
नई!!: बही-खाता और खाता · और देखें »