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बहिष्कृत हितकारिणी सभा

सूची बहिष्कृत हितकारिणी सभा

बहिष्कृत हितकारिणी सभा अछूतों (दलित / अस्पृश्य) के उन्नती के लिए सामाजिक आंदोलन निर्माण करने की दृष्टिसे डॉ. भीमराव आंबेडकर जी ने २० जुलाई १९२४ को मुंबई में ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ की स्थापना की। सामाजिक और राजनैतिक दृष्टिसे अतिदीन, अतिपिडीत भारतीओं को समाज में औरोके बराबर लाना, यह इस सभा का प्रमुख ध्येय था। अछूतों (दलित) को समाज के बाहर रखकर, उन्हें नागरी, धार्मिक और राजनैतिक अधिकार दिए गए नहीं थे। उनके अधिकारों के प्रति दलितों में जागृती निर्माण करना यह डॉ.

1 संबंध: भीमराव आम्बेडकर

भीमराव आम्बेडकर

भीमराव रामजी आम्बेडकर (१४ अप्रैल, १८९१ – ६ दिसंबर, १९५६) बाबासाहब आम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय, भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) के खिलाफ सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री, भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की। जीवन के प्रारम्भिक करियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम वकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता; वह भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और बातचीत में शामिल हो गए, पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत और भारत की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं। .

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