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बर्धमान जिला

सूची बर्धमान जिला

वर्धमान भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल का एक जिला है। इसका मुख्यालय दामोदर नदी के किनारे २३ डिग्री २५' उत्तरी अक्षांश तथा ८७ डिग्री ८५' पूर्वी देशान्तर पर स्थित वर्धमान शहर में हैं। प्रदेश की राजधानी कोलकाता से १०० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। इसका नामकरण २४वें जैन तीर्थंकर महावीर के नाम पर हुआ है। मुगल काल में इसका नाम शरिफाबाद हुआ करता था। मुगल बादशाह जहांगीर के फरमान पर १७वीं शताब्दी में एक व्यापारी कृष्णराम राय ने वर्धमान में अपनी जमींदारी शूरू की। कृष्णराम राय के वंशजों ने १९५५ तक वर्धमान पर शासन किया। वर्धमान जिले में मिले पाषाण काल के अवशेष तथा सिंहभूमि, पुरूलिया, धनबाद और बांकुड़ा जिले के अवशेषों में समानताएँ हैं। इससे पता चलता है कि यह सम्पूर्ण क्षेत्र एक ही प्रकार की सभ्यता और संस्कृति का पोषक था। वर्धमान नाम अपने आप में ही जैन धर्म के २४वें तीर्थंकर महावीर वर्धमान से जुड़ा हुआ है। पार्श्वनाथ की पहाड़िया जैनों का एक महत्वपूर्ण धार्मिक केन्द्र था। यह भी वर्धमान जिले के सीमा से लगा हुआ है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि महावीर अपने धर्म के प्रचार एवं प्रसार के सिलसिले में वर्धमान आए थे। जिले में विभिन्न तीर्थंकरो की पत्थर की बनी प्रतिमाएँ प्राप्त हुई हैं। गुप्त काल एवं सेन युग में वर्धमान का एक महत्वपूर्ण स्थान था। सल्तनत काल एवं मुगलकालों में वर्धमान एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केन्द्र था। जहांगीर की पत्नी नूरजहां वर्धमान की ही थी। नूरजहाँ का पहला पति शेर अफगान वर्धमान का जागीरदार था। जहांगीर ने नूरजहाँ को हासिल करने के लिए कुतुबुद्दीन को वर्धमान का सूबेदार नियुक्त किया। कुतुबुद्दीन और शेर अफगान के बीच वर्तमान वर्धमान रेलने स्टेशन के निकट भयंकर संग्राम हुआ। अंततः दोनो ही मारे गए। आज भी इनकी समाधियो को एक दूसरे के पास वर्धमान में देखा जा सकता है। अकबर के समय में अबुल फजल और फैजी के षडयंत्रों का शिकार होने से बचने के लिए पीर बहराम ने दिल्ली छोड़ दिया। पीर बहराम को इसी वर्धमान शहर ने आश्रय दिया। आज भी यहाँ के हिन्दू और मुस्लिम उन्हें श्रद्धा-पूर्वक स्मरण करते हैं। वर्धमान में एक बहुत बड़ा आम का बगीचा है। यह बगीचा सैकड़ों हिन्दू औरतों के अपने पति के साथ उनकी चिता पर सती होने का गवाह है। मुगलों ने इस्ट इंडिया कम्पनी को तीन ग्राम- सुतानती, गोविन्दपुर तथा कलिकाता एक संधि के जरिए हस्तांतरित कर दिए थे। इस संधि पर हस्ताक्षर वर्धमान में ही हुआ था। कालांतर में यही तीनो ग्राम विकसीत होकर कोलकाता के रूप में जाने गए। .

15 संबंधों: चितरंजन, चुरुलिया, दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल, पश्चिम बंगाल में स्थित राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची, पश्चिम बंगाल के जिले, बटुकेश्वर दत्त, बर्नपुर, हावड़ा, हुगली नदी, ईश्वर गुप्ता सेतु, आसनसोल, आसनसोल अरुणोदय उच्च विद्यालय (HS), काज़ी नज़रुल इस्लाम, कुलटि

चितरंजन

चितरंजन भारत के पश्चिम बंगाल का एक प्रमुख शहर है। श्रेणी:पश्चिम बंगाल श्रेणी:पश्चिम बंगाल के शहर.

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चुरुलिया

चुरुलिया पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले के आसनसोल उपखण्ड का एक गाँव है। यह आसनसोल से सटा हुआ है। इसी गाँव में प्रसिद्ध कवि काजी नज़रुल इस्लाम का जन्म हुआ था। श्रेणी:बंगाल का भूगोल.

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दुर्गापुर

दुर्गापुर भारत के पश्चिम बंगाल का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। श्रेणी:पश्चिम बंगाल श्रेणी:पश्चिम बंगाल के शहर.

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पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) (बंगाली: পশ্চিমবঙ্গ) भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। इसके पड़ोस में नेपाल, सिक्किम, भूटान, असम, बांग्लादेश, ओडिशा, झारखंड और बिहार हैं। इसकी राजधानी कोलकाता है। इस राज्य मे 23 ज़िले है। यहां की मुख्य भाषा बांग्ला है। .

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पश्चिम बंगाल में स्थित राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची

राष्ट्रीय महत्व के स्मारक, भारत में स्थित वे ऐतिहासिक, प्राचीन अथवा पुरातात्विक संरचनाएँ, स्थल या स्थान हैं, जोकि, प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 किए अधीन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से भारत की संघीय सरकार या राज्य सरकारों द्वारा संरक्षिक होती हैं। ऐसे स्मारकों को "राष्ट्रीय महत्व का स्मारक" होने के मापदंड, प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 द्वारा परिभाषित किये गए हैं। ऐसे स्मारकों को इस अधिनियम के मापदंडों पर खरा उतरने पर, एक वैधिक प्रक्रिया के तहत पहले "राष्ट्रीय महत्व" का घोषित किया जाता है, और फिर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के संसाक्षणाधीन कर दिया जाता है, ताकि उनकी ऐतिहासिक महत्व क्व मद्देनज़र, उनकी उचित देखभाल की जा सके। राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों को भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण द्वारा घोषित की जाती है, निम्न सूचि, सर्वेक्षण की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त है।.

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पश्चिम बंगाल के जिले

पश्चिम बंगाल में 23 जिले है —, दक्षिण 24 परगना, उत्तर दिनाजपुर जिला, कूचबिहार जिला, कोलकाता जिला, जलपाईगुङी जिला, दार्जिलिंग जिला, नादिया जिला, पश्चिम मेदिनीपुर जिला, पुरूलिया जिला, पूर्व मेदिनीपुर जिला,बाँकुड़ा जिला, बीरभूम जिला, मालदह जिला, मुर्शिदाबाद जिला, वर्धमान जिला, हावङा जिला और हुगली जिलापश्चिमी वर्धमान जिलादक्षिणी दिनाजपुर जिला कलिम्पोग जिलाझाड़ग्राम जिलाअलीपुरद्रार जिलाउत्तर 24 परगना जिला श्रेणी:बंगाल.

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बटुकेश्वर दत्त

महान क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त बटुकेश्वर दत्त (नवंबर १९०८ - १९ जुलाई १९६५) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। बटुकेश्वर दत्त को देश ने सबसे पहले 8 अप्रैल 1929 को जाना, जब वे भगत सिंह के साथ केंद्रीय विधान सभा में बम विस्फोट के बाद गिरफ्तार किए गए। उन्होनें आगरा में स्वतंत्रता आंदोलन को संगठित करने में उल्लेखनीय कार्य किया था। .

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बर्नपुर

बर्नपुर (बांग्ला: বার্ণপুর), पश्चिम बंगाल के आसनसोल उप मंडल का प्रमुख औद्योगिक नगर है। यह बर्धमान जिले में पड़ता है जो पश्चिम बंगाल के पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्र के खनन-औद्योगिक क्षेत्र के केन्द्र में है। इस नगर का नाम 'बर्न एण्ड कम्पनी' के नाम पर पड़ा है जिसने सन् १९१८ में इस्को को बढ़ावा दिया था। लौह-निर्माण संयंत्र के बनने के बाद यह कस्बा बस गया। सन् १९१८ में 'इण्डियन स्टैण्डर्ड वैगन फैक्टरी' को भी यहाँ स्थापित किया गया। .

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हावड़ा

हावड़ा(अंग्रेज़ी: Howrah, बांग्ला: হাওড়া), भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक औद्योगिक शहर, पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर एवं हावड़ा जिला एवं हावड़ सदर का मुख्यालय है। हुगली नदी के दाहिने तट पर स्थित, यह शहर कलकत्ता, के जुड़वा के रूप में जाना जाता है, जो किसी ज़माने में भारत की अंग्रेज़ी सरकार की राजधानी और भारत एवं विश्व के सबसे प्रभावशाली एवं धनी नगरों में से एक हुआ करता था। रवीन्द्र सेतु, विवेकानन्द सेतु, निवेदिता सेतु एवं विद्यासागर सेतु इसे हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित पश्चिम बंगाल की राजधानी, कोलकाता से जोड़ते हैं। आज भी हावड़, कोलकाता के जुड़वा के रूप में जाना जाता है, समानताएं होने के बावजूद हावड़ा नगर की भिन्न पहचान है इसकी अधिकांशतः हिंदी भाषी आबादी, जोकि कोलकाता से इसे थोड़ी अलग पहचान देती है। समुद्रतल से मात्र 12 मीटर ऊँचा यह शहर रेलमार्ग एवं सड़क मार्गों द्वारा सम्पूर्ण भारत से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहाँ का सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन है। हावड़ा स्टेशन पूर्व रेलवे तथा दक्षिणपूर्व रेलवे का मुख्यालय है। हावड़ स्टेशन के अलावा हावड़ा नगर क्षेत्र मैं और 6 रेलवे स्टेशन हैं तथा एक और टर्मिनल शालीमार रेलवे टर्मिनल भी स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग 2 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 6 इसे दिल्ली व मुम्बई से जोड़ते हैं। हावड़ा नगर के अंतर्गत सिबपुर, घुसुरी, लिलुआ, सलखिया तथा रामकृष्णपुर उपनगर सम्मिलित हैं। .

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हुगली नदी

हुगली (बांग्ला - হুগলী) भारत की एक नदी है। .

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ईश्वर गुप्ता सेतु

ईश्वर गुप्ता सेतु या कल्याणी सेतु, हुगली और नदिया ज़िले के बीच, हुगली नदी पर निर्मित एक सेतु है। इस सेतु की कुल लम्बाई १.०४ किलोमीटर (०.६५ मील) है, जिसके पूर्वी छोर पे, पश्चिम बंगाल का कल्याणी शहर, और पशिमी छोर पर बाँसबेड़िया स्थित है। इस सेतु द्वारा, नदिया और उत्तर चौबीस परगना ज़िले के संग, बर्धमान, हुगली और बीरभूम ज़िले सड़कमार्ग द्वारा जुड़ते हैं। यह सेतु, कल्याणी गतिमार्ग द्वारा कोलकाता महानगर से जुड़ता है। यह, राष्ट्रीय राजमार्ग-३४ को राष्ट्रीय राजमार्ग-२ से जोड़ता है। इस पुल का उपयोग प्रतिदिन २००० वाहन करते हैं। .

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आसनसोल

आसनसोल (আসানসোল) कोलकाता के बाद पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा शहर है। छोटा नागपुर के पठार के लगभग मध्य में प्रदेश के पश्चिमी सीमा पर स्थित यह नगर खनिज पदार्थों में धनी है। यहाँ सेनेरैल साइकिल का भारत प्रसिद्ध कारखाना है। दस लाख से अधिक जनसंख्या वाला यह महानगर वर्धमान जिले का एक प्रखंड है एवं यह भारत के उन ११ शहरों में से एक है जो विश्व के १०० सबसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों की सूची में हैं। प्रदेश की राजधानी कोलकाता से २०० किलोमीटर दूर दामोदर नदी की घाटी में स्थित इस नगर के अर्थव्यवस्था का आधार कोयला एवं स्टील हैं। यहाँ कार्यबल की संख्या अधिक है और, मामूली प्रति व्यक्ति आय के उच्च शैक्षिक संस्थानों, अच्छी परिवहन कनेक्शन, कई आवास परिसरों और उद्योग, संस्थाओं, परिवहन और वाणिज्य के लिए उपयुक्त भूमि है। इसका भीतरी भाग बांकुरा और पुरुलिया जिलों और उत्तर बंगाल, उड़ीसा और झारखंड राज्यों के कुछ हिस्सों से जुड़ा हुआ है। आसनसोल नाम दो अलग अलग आसन (दामोदर नदी के तट पर पाया पेड़ की एक प्रजाति) पेड़ और सोल भुमी/Sol-land (खनिजों में समृद्ध भूमि) से प्राप्त होती है। .

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आसनसोल अरुणोदय उच्च विद्यालय (HS)

कोई विवरण नहीं।

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काज़ी नज़रुल इस्लाम

काजी नज़रुल इस्लाम (কাজী নজরুল ইসলাম), (२४ मई १८९९ - २९ अगस्त १९७६) अग्रणी बांग्ला कवि, संगीतज्ञ, संगीतस्रष्टा और दार्शनिक थे। वे बांग्ला भाषा के अन्यतम साहित्यकार, देशप्रेमी तथा बंगलादेश के राष्ट्रीय कवि हैं। पश्चिम बंगाल और बंगलादेश दोनो ही जगह उनकी कविता और गान को समान आदर प्राप्त है। उनकी कविता में विद्रोह के स्वर होने के कारण उनको 'विद्रोही कवि' के नाम से जाना जाता है। उनकी कविता का वर्ण्यविषय 'मनुष्य के ऊपर मनुष्य का अत्याचार' तथा 'सामाजिक अनाचार तथा शोषण के विरुद्ध सोच्चार प्रतिवाद'। .

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कुलटि

कुलटि (बांग्ला: কুলটি), पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिला का एक एक कस्बा है जो आसनसोल का पश्चिमी समीपवर्ती भाग है। पहले यह एक छोटा सा गाँव था किन्तु इंडियन आइरन ऐण्ड स्टील कम्पनी के कारण य बढ़ते-बढ़ते कस्बा बन गया है। सन १८७० में भारत की पहली वात्या भट्ठी (ब्लास्ट फरनेस) यहाँ स्थापित हुई थी। उस समय औद्योगिक रूप से विकसित राष्ट्रों के पास भी बहुत कम वात्या भट्ठियाँ हुआ करती थीं। श्रेणी:पश्चिम बंगाल का भूगोल.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

वर्धमान जिला, वर्धमान जिले

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