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बन्द जलसम्भर

सूची बन्द जलसम्भर

मंगोलिया का एक बंद जलसंभर जहाँ सारा बहता जल समुद्र की बजाय उएउएरेग नूर झील में आकर ठहर जाता है बंद जलसंभर या समावृत जलसंभर भूगोल में ऐसे जलसंभर क्षेत्र को कहा जाता है जिसमें वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी एकत्रित हो कर किसी नदी के ज़रिये समुद्र या महासागर में बहने की बजाय किसी सरोवर, दलदली क्षेत्र या शुष्क क्षेत्र में जाकर वहीँ रुक जाता है। आम तौर पर जो भी पानी धरती पर बारिश या हिमपात के कारण पड़ता है वो नदियों, नेहरों और झरनों के द्वारा ऊंचे इलाकों से निचले इलाकों की ओर बहता है। यह चलते पानी के समूह एक-दुसरे से संगम करते रहते हैं जब तक के एक ही बड़ी नदी न बन जाए। फिर यह नदी आगे चलकर किसी सागर में मिल जाती है। लेकिन जो क्षेत्र सागरों से ढलान, पहाड़ों या रेगिस्तानों की वजह से पृथक हैं वहाँ पर पानी सब से निचले स्थान पर पहुँच कर रुक जाता है। ऐसे स्थानों पर या तो झीलें बन जाती हैं या धरती पानी को सोख लेती है। दुनिया की सब से बड़ी झीलों में ऐसे ही बंद जलसंभारों की वजह से बनी हुई कुछ झीलें हैं, जैसे की अरल सागर और कैस्पियन सागर। .

14 संबंधों: तारिम द्रोणी, तारिम द्रोणी/आलेख, तारिम नदी, नमक का मैदान, न्येनचेन थंगल्हा पर्वत, नेवाडा, बाल्काश झील, सांभर झील, सीस्तान द्रोणी, जलसम्भर, इसिक कुल, अफ़ार द्रोणी, अवाश नदी, अक्साई चिन झील

तारिम द्रोणी

तारिम द्रोणी अंतरिक्ष से तारिम द्रोणी की तस्वीर तारिम क्षेत्र में मिला खरोष्ठी में लिखा एक काग़ज़ का टुकड़ा (दूसरी से पाँचवी सदी ईसवी) तारिम द्रोणी या तारिम बेसिन मध्य एशिया में स्थित एक विशाल बंद जलसंभर इलाका है जिसका क्षेत्रफल ९०६,५०० वर्ग किमी है (यानि सम्पूर्ण भारत का लगभग एक-चौथाई क्षेत्रफल)। वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था में तारिम द्रोणी चीनी जनवादी गणराज्य द्वारा नियंत्रित श़िंजियांग उइग़ुर स्वराजित प्रदेश नाम के राज्य में स्थित है। तारिम द्रोणी की उत्तरी सीमा तियाँ शान पर्वत श्रंखला है और दक्षिणी सीमा कुनलुन पर्वत श्रंखला है। कुनलुन पर्वत श्रंखला तारिम द्रोणी के इलाक़े को दक्षिण में स्थित तिब्बत के पठार से विभाजित करती है। तारिम द्रोणी का अधिकतर क्षेत्र रेगिस्तानी है और हलकी आबादी वाला है। यहाँ ज़्यादातर लोग उइग़ुर और अन्य तुर्की जातियों के हैं। .

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तारिम द्रोणी/आलेख

तारिम द्रोणी तारिम द्रोणी या तारिम बेसिन मध्य एशिया में स्थित एक विशाल बंद जलसंभर इलाका है जिसका क्षेत्रफल ९०६,५०० वर्ग किमी है (यानि सम्पूर्ण भारत का लगभग एक-चौथाई क्षेत्रफल)। वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था में तारिम द्रोणी चीनी जनवादी गणराज्य द्वारा नियंत्रित श़िंजियांग उइग़ुर स्वराजित प्रदेश नाम के राज्य में स्थित है। तारिम द्रोणी की उत्तरी सीमा तियाँ शान पर्वत श्रंखला है और दक्षिणी सीमा कुनलुन पर्वत श्रंखला है। कुनलुन पर्वत श्रंखला तारिम द्रोणी के इलाक़े को दक्षिण में स्थित तिब्बत के पठार से विभाजित करती है। द्रोणी या जलसंभर उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं जहाँ वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी नदियों, नेहरों और नालों से बह कर एक ही स्थान पर एकत्रित हो जाता है। भारत में यमुना का जलसंभर वह क्षेत्र है जहाँ यमुना नदी में विलय हो जाने वाले सारे नदी नाले फैले हुए है और जिसके अंत से केवल यमुना नदी ही निकास करती है। बंद जलसंभर ऐसा जलसंभर होता है जिसमें वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी एकत्रित हो कर किसी नदी के ज़रिये समुद्र या महासागर में बहने की बजाय किसी सरोवर, दलदली क्षेत्र या शुष्क क्षेत्र में जाकर वहीँ रुक जाता है। अंग्रेज़ी में "द्रोणी" को "बेसिन" (basin), "जलसंभर" को "वॉटरशॅड" (watershed) या "कैचमेंट" (catchment) और बंद जलसंभर को "एनडोरहेइक बेसिन" (endorheic basin) कहा जाता है। तारिम द्रोणी का अधिकतर क्षेत्र रेगिस्तानी है और हलकी आबादी वाला है। यहाँ ज़्यादातर लोग उइग़ुर और अन्य तुर्की जातियों के हैं। इस क्षेत्र का उत्तर भारत और पाकिस्तान के साथ गहरा ऐतिहासिक और आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक) सम्बन्ध है। यहाँ पर पाई गई लगभग सारी प्राचीन लिखाई खरोष्ठी लिपि में है, बोले जाने वाली प्राचीन भाषाएँ तुषारी भाषाएँ थीं जो भाषावैज्ञानिक दृष्टि से हिन्द-आर्य भाषाओं की बहनें मानी जाती हैं और जितने भी प्राचीन शव मिले हैं उनमें हर पुरुष का आनुवंशिकी पितृवंश समूह आर१ए१ए है जो उत्तर भारत के ३०-५०% पुरुषों में भी पाया जाता है, लेकिन पूर्वी एशिया की चीनी, जापानी और कोरियाई आबादियों में और पश्चिमी एशिया की अरब आबादियों में लगभग अनुपस्थित है। .

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तारिम नदी

तारिम नदी के जलसम्भर क्षेत्र का नक़्शा तारिम नदी (उईग़ुर:, तारिम दरियासी; चीनी: 塔里木河, तालीमु हे; अंग्रेजी: Tarim River) चीन के शिंजियांग प्रांत की मुख्य नदी है। इसी नदी के नाम पर महान तारिम द्रोणी का नाम पड़ा है, जो मध्य एशिया में कुनलुन पर्वतों और तियान शान पर्वतों के बीच और तिब्बत के पठार से उत्तर में स्थित है। १,३२१ किलोमीटर लम्बा यह दरिया चीन की सबसे लम्बी नदी है जो समुद्र में नहीं बहती, यानि जो एक बन्द जलसम्भर वाली नदी है।, Yue-man Yeung, Jianfa Shen, Chinese University Press, 2004, ISBN 978-962-996-157-2,...

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नमक का मैदान

दक्षिण अमेरिका के बोलीविया देश का सालार दे उयुनी नमक का मैदान, जिसमें व्यापार के लिए नमक की ढेरियाँ बनाई गयी हैं आरजेन्टीना में सालार दे आरिसारो भौगोलिक दृष्टि से नमक के मैदान किसी खारी झील के स्थायी या अस्थायी रूप से सूख जाने पर बन जाते हैं। प्रायः यह बन्द जलसम्भर वाले क्षेत्रों में बनते हैं। ऐसे बंद जलसंभर क्षेत्रों में वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी एकत्रित हो कर किसी नदी के ज़रिये समुद्र या महासागर में बहने की बजाय किसी सरोवर या शुष्क क्षेत्र में जाकर वहीँ रुक जाता है। इस पानी में नमक और अन्य लवण समुद्र में बह जाने कि जगह उसी झील में इकट्ठे होते रहते हैं। गरमी के मौसम में या युगान्तरण के साथ-साथ उस क्षेत्र के सूखा हो जाने पर वहां नमक और अन्य लवणों की एक मोटी और अत्यंत समतल तह जम जाती है जो समय के साथ सख्त भी हो जाती है। .

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न्येनचेन थंगल्हा पर्वत

न्येनचेन थंगल्हा (तिब्बती: གཉན་ཆེན་ཐང་ལྷ་, चीनी: 念青唐古拉峰, अंग्रेज़ी: Mount Nyenchen Tanglha) दक्षिणी तिब्बत में स्थित एक पर्वत है। यह पारहिमालय पर्वतमाला और उसकी न्येनचेन थंगल्हा उपशृंखला का सबसे ऊँचा पहाड़ है। न्येनचेन थंगल्हा इस उपशृंखला के पश्चिमी भाग में यरलुंग त्संगपो नदी (ब्रह्मपुत्र नदी) और चांगथंग पठार की बंद जलसम्भर द्रोणियों के बीच में और नम्त्सो झील से दक्षिण में खड़ा है। प्रशासनिक रूप से यह तिब्बत के ल्हासा विभाग के दमझ़ुंग ज़िले में स्थित है ('दमझ़ुंग' में बिन्दुयुक्त 'झ़' का उच्चारण देखें)। इस पहाड़ का तिब्बती संस्कृति में काफ़ी महत्व है और इसका उल्लेख कई तिब्बती लोककथाओं में मिलता है। .

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नेवाडा

मानचित्र में स्थिति नेवाडा (Nevada) संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित राज्य है। नेवादा 7वां सबसे व्यापक क्षेत्र वाला और 34वां सबसे अधिक आबादी वाला अमरीकी राज्य है। नेवादा काफी हद तक रेगिस्तान और अर्ध-शुष्क है, जिसमें से अधिकतर इलाका ग्रेट बेसिन (एक बन्द जलसम्भर) के भीतर है। ग्रेट बेसीन के दक्षिण में स्थित क्षेत्र मोहावी मरुस्थल के भीतर हैं। नेवाडा का पता लगाने वाले पहले यूरोपीय लोग स्पैनिश थे। यह क्षेत्र न्यू स्पेन नामक स्पेनी कालोनी का हिस्सा बन गया और 1821 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद मेक्सिको का हिस्सा बन गया। मैक्सिकन-अमेरिकी युद्ध में अपनी जीत के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1848 में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। नेवादा 31 अक्टूबर 1864 को 36वां राज्य बना। 1940 में नेवाडा की आबादी केवल 1,10,000 से थोड़ी ही अधिक थी। हालांकि जुआ वैध होने के कारण नेवादा 20वीं शताब्दी में एक प्रमुख पर्यटन स्थल में बदल गया। 2016 के अनुमान के मुताबिक राज्य की जनसंख्या 29,40,058 है। राज्य का सबसा बड़ा शहर लास वेगास है। .

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बाल्काश झील

बलख़श झील के जलसम्भर का नक़्शा अंतरिक्ष से बलख़श झील का नज़ारा बाल्काश झील (कज़ाख़: Балқаш Көлі, अंग्रेज़ी: Lake Balkhash) मध्य एशिया के क़ाज़ाख़स्तान देश में स्थित एक विशाल झील है। यह एशिया की सबसे बड़ी झीलों में से एक है। इसका कुल क्षेत्रफल १६,४०० किमी२ है, लेकिन इसमें पानी डालने वाली नदियों से सिंचाई के लिए पानी खिचने की वजह से इसका आकार घट रहा है। बीच में एक धरती की ऊँगली इसे दो हिस्सों में बांटती है - पश्चिमी भाग का पानी मीठा है जबकि पूर्वी भाग का पानी खारा है। पूर्वी भाग पश्चिमी भाग से अधिक गहरा है। इसका सबसे गहरा स्थान केवल २६ मीटर गहरा है।, Bradley Mayhew, Lonely Planet, 2007, ISBN 978-1-74104-614-4,...

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सांभर झील

भारत के राजस्थान राज्य में जयपुर नगर के समीप स्थित यह लवण जल (खारे पानी) की झील है। यह झील समुद्र तल से 1,200 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। जब यह भरी रहती है तब इसका क्षेत्रफल 90 वर्ग मील रहता है। इसमें तीन नदियाँ आकर गिरती हैं। इस झील से बड़े पैमाने पर नमक का उत्पादन किया जाता है। अनुमान है कि अरावली के शिष्ट और नाइस के गर्तों में भरा हुआ गाद (silt) ही नमक का स्रोत है। गाद में स्थित विलयशील सोडियम यौगिक वर्षा के जल में घुसकर नदियों द्वारा झील में पहुँचाता है और जल के वाष्पन के पश्चात झील में नमक के रूप में रह जाता है।566 ecv me nirman vasudev chohan duvara .

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सीस्तान द्रोणी

सीस्तान द्रोणी क्षेत्र सीस्तान क्षेत्र का अंतरिक्ष से नज़ारा - एक रेतीला तूफ़ान चलता हुआ दिख रहा है सीस्तान द्रोणी या सीस्तान बेसिन (अंग्रेज़ी: Sistan Basin) दक्षिण-पश्चिमी अफ़्ग़ानिस्तान और दक्षिण-पूर्वी ईरान में स्थित एक बंद जलसंभर इलाका है। यह दुनिया के सबसे शुष्क क्षेत्रों में से एक है और यहाँ अक्सर सूखा पड़ता है। यहाँ पर अफ़्ग़ानिस्तान के पर्वती क्षेत्रों से बहुत से नदी-झरने पानी लाते हैं तो अफ़्ग़ानिस्तान की गोदज़रेह द्रोणी में जाते हैं (यह सीस्तान द्रोणी का एक धंसा हुआ क्षेत्र है)। यहाँ पर हिन्दु कुश पर्वतों से उभरने वाली हेलमंद नदी भी अपना पानी लाती है।, World Book, Inc, World Book.com, 2002, ISBN 978-0-7166-1295-7,...

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जलसम्भर

जलसंभर का उदहारण - लाल रंग की लकीर जलविभाजक क्षेत्र को दर्शा रही है जलसंभर या द्रोणी उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं जहाँ वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी नदियों, नेहरों और नालों से बह कर एक ही स्थान पर एकत्रित हो जाता है। उस स्थान से या तो एक ही बड़ी नदी में पानी जलसंभर क्षेत्र से निकास कर के आगे बह जाता है, या फिर किसी सरोवर, सागर, महासागर या दलदली इलाक़े में जा के मिल जाता है। इस सन्दर्भ में कभी-कभी जलविभाजक शब्द का भी प्रयोग होता है क्योंकि भिन्न-भिन्न जलसंभर किसी भी विस्तृत क्षेत्र को अलग-अलग जल मंडलों में विभाजित करते हैं। जलसंभर खुले या बंद हो सकते हैं। बंद जलसंभारों में पानी किसी सरोवर या सूखे सरोवर में जा कर रुक जाता है। जो बंद जलसंभर शुष्क स्थानों पर होते हैं उनमें अक्सर जल आ कर गर्मी से भाप बनकर हवा में वाष्पित (इवैपोरेट) हो जाता है या उसे धरती सोख लेती है। पड़ौसी जलसंभर अक्सर पहाड़ों, पर्वतों या धरती की भिन्न ढलानों के कारण एक-दुसरे से विभाजित होते हैं। भौगोलिक दृष्टि से जलसंभर एक कीप (यानि फनल) का काम करते हैं क्योंकि वे एक विस्तृत क्षेत्र के पानी को इक्कठा कर के एक ही नदी, जलाशय, दलदल या धरती के भीतर पानी सोखने वाले स्थान पर ले जाते हैं। .

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इसिक कुल

अंतरिक्ष से इसिक कुल झील किर्गिज़स्तान के नक़्शे में इसिक कुल (उत्तर-पूर्व में) इसिक कुल (किर्गिज़: Ысык-Көл, रूसी: Иссык-Куль, अंग्रेजी: Issyk Kul) पूर्वी किर्गिज़स्तान के उत्तर तियान शान पर्वतों में स्थित एक बंद जलसम्भर वाली झील है। यह विश्व की दसवीं सबसे बड़ी झील है और कैस्पियन सागर के बाद दुनिया की दूसरी सब से बड़ी खारी झील है। किर्गिज़ भाषा में इसके नाम का अर्थ 'गरम झील' है क्योंकि बर्फ़ से ढके पहाड़ों से घिरे होने के बावजूद भी इसका पानी बर्फ़ में नहीं जम जाता। इसिक कुल का पानी खारा होने के कारण ही यह कभी नहीं जमता (नमकीन पानी ज़्यादा मुश्किल से जमता है)।, Sally Pomme Clayton, Sophie Herxheimer, Frances Lincoln Ltd., 2010, ISBN 978-1-84507-278-0,...

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अफ़ार द्रोणी

अफ़ार द्रोणी का नक़्शा डनाकील रेगिस्तान का एक दृश्य अफ़ार द्रोणी, डनाकील द्रोणी या अफ़ार त्रिकोण अफ़्रीका के सींग के पास स्थित एक धंसा हुआ इलाक़ा है जो तीन देशों (इरीट्रिया, इथियोपिया और जिबूटी) में फैली हुई है। यह एक बंद जलसम्भर है जिसमें सिर्फ़ एक नदी (अवाश नदी) दाख़िल होती है जिसका पानी कुछ खारी झीलों में रुक जाता है। अफ़र द्रोणी महान दरार घाटी का सुदूर उत्तर-पूर्वी हिस्सा है। .

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अवाश नदी

अवाश इथियोपिया की एक प्रमुख नदी है जिसका पूरा मार्ग ईथियोपिया के अंदर ही पड़ता है। यह आडिस अबाबा से पश्चिम में स्थित वरक़े पर्वत से शुरु होती है और लगभग १,२०० किमी का रास्ता तय करके एक झीलों की शृंखला में अन्त होती है जो गारगोरी झील से शुरु और अब्बे झील में अन्त होती हैं। यह झीलें जिबूती की सरहद पर स्थ्ति हैं। अवाश इथियोपिया के अम्हारा प्रदेश, ओरोमिया प्रदेश और सोमाली प्रदेश पर वस्तृत एक बन्द जलसम्भर की मुख्य नदी है। इसकी घाटी में मानव जाति अपने आरम्भिक काल से ही रह रही है और इसे १९८० में एक विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त हुआ।, Unesco, pp.

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अक्साई चिन झील

अक्साई चिन झील (अंग्रेज़ी: Aksai Chin Lake; चीनी: 阿克赛钦湖, Akesaiqin Hu, अकेसाईचिन हू) लद्दाख़ के अक्साई चिन क्षेत्र में स्थित एक बन्द जलसम्भर झील है। इस इलाक़े को भारत अपने जम्मू व कश्मीर राज्य का अभिन्न अंग मानता है, लेकिन इसपर चीन का नियंत्रण है जो इसे शिंजियांग प्रान्त के ख़ोतान विभाग के भाग के रूप में प्रशासित करता है। झील १५ किमी लम्बी और ६-८ किमी चौड़ी है और कुनलुन पर्वत शृंखला से दक्षिण में स्थित है। कारगिलिक (शिंजियांग) से ल्हात्से (तिब्बत) जाने वाला चीनी राष्ट्रीय राजमार्ग २१९ झील से लगभग २० किमी दक्षिण से गुज़रता है। .

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