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फ्लैश गॉर्डन

सूची फ्लैश गॉर्डन

फ्लैश गाॅर्डन (अंग्रेजी; Flash Gordon) एक काल्पनिक नायक है जिसकी अंतरिक्ष के रोमांचक यात्राओं की कहानियों को काॅमिक्स स्ट्रिप द्वारा प्रकाशित करते है और जिसकी चित्रण मूल रचनाकार एलेक्स रेमण्ड ने की है।"Flash Gordon", in Guy Haley (editor) Sci-Fi Chronicles: A Visual History of the Galaxy's Greatest Science Fiction.Richmond Hill, Ontario: Firefly Books, 2014.

6 संबंधों: डायमण्ड कॉमिक्स, द फैण्टम, फ्लैश गॉर्डन, भारतीय कॉमिक्स, मिंग, कॉमिक्स

डायमण्ड कॉमिक्स

डायमण्ड काॅमिक्स प्राइवेट लिमिटेड (अंग्रेजी; Diamond Comics Pvt. Ltd.) भारत स्थित एक काॅमिक्स पुस्तक वितरक एवं प्रकाशक विभाग है। .

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द फैण्टम

द फैण्टम (अंग्रेजी; The Phantom/ अनुवाद; बेताल), एक अमेरिकी एडवेंचर काॅमिक्स/चित्रकथाओं के दीर्घकालिक श्रंखला के काल्पनिक एवं फंतासी नायक हैं, जिसे पहली बार जादूगर मेण्ड्रेक के रचयिता ली फ़ाॅक ने फरवरी १९३६ में प्रकाशित किया, जिसे अब मुख्यतः अंतर्राष्ट्रीय तौर पर फ्रयु पब्लिकेशन प्रकाशित करती है। मुख्य किरदार, "फैण्टम", काल्पनिक पोशाक पहना एक क्राईम-फाईटर (अपराध-विरोधी) है जिसका शरणस्थल अफ्रीका के काल्पनिक राष्ट्र बैंगाला में बताया जाता हैं। इस किरदार की प्रसिद्धि को दूरदर्शन, फ़िल्म तथा विडियो गेम में काफी भूनाया गया है। इस श्रंखला का आरंभ फरवरी १७, १९३६ से दैनिक समाचार पत्रों में स्ट्रिप या पट्टी के रूप जारी किया गया, ओर फिर मई २८, १९३९ की रविवार के साप्ताहिक तौर पर रंगीन पट्टी के रूप में जारी किया गया;और दोनों ही वर्ष २०१६ तक अबभी जारी है। सन् १९६६ में, किंग फीचर्स का दावा था कि "द फैण्टम" तब वैश्विक स्तर पर ५८३ विभिन्न अखबारों में इसका प्रकाशन जारी रहा था। अपनी लोकप्रियता के चरम पर, इस पट्टी को प्रत्येक दिन १०० करोड़ से अधिक लोगों के द्वारा पढ़ा गया था। फ़ाॅक ने १९९९ तक अपने देहांत से पूर्व तक "द फैण्टम" पर करते रहें; उनके गुजरने के बाद वर्तमान में, उनकी काॅमिक्स का लेखन टोनी डी'पाउल और चित्र आदि का काम पाउल रयान (सोम-शनि) एवं टेरी बिटी (रवि) ने आज भी इसे जारी रखा। वहीं पूर्व कलाकार जिन्होंने अखबारों में इसके स्ट्रिप बनाने का योगदान दिया उनमें रे मूर, विल्सन मैक'काॅय, बिल लिगनेंट, सी बैरी, जाॅर्ज ऑलसेन, केथ विलियम्स, फ्रेड फ्रेडरिक, ग्राहम नोलान एवं एड्युआर्डो बैरेटो आदि शामिल रहे। चित्रकथाओं के पट्टी में, जैसा कहा जाता है कि फैण्टम की यह २१वीं पीढ़ियों तक चली क्राईम फाईटिंग का आरंभ सन् १५३६ से हुआ था, क्रिस्टोफर वाॅकर के पिता (जहाँ उनका भी क्रिस्टोफर नाम था) एक ब्रिटिश नाविक थे जिनपर समुद्री लुटेरों ने हमला कर मार डाला। अपने मृत पिता की खोपड़ी से वह प्रतिज्ञा लेता है कि सभी तरह के अपराध एवं अपराधियों के उन्मूलन करेगा, क्रिस्टोफर द्वारा शुरू किया "द फैण्टम" की विरासत पीढ़ी दर पीढ़ी पिता से बेटे तक निभाते रहें। कईयों ने फ़ैन्टम को "चलता फिरता प्रेत", "गार्जियन ऑफ द इस्टर्न डार्क" तथा "अजर-अमर वाले व्यक्ति" जैसे उपनामों की उपाधि दे दी।Peter Coogan,Superhero: The Secret Origin of a Genre.

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फ्लैश गॉर्डन

फ्लैश गाॅर्डन (अंग्रेजी; Flash Gordon) एक काल्पनिक नायक है जिसकी अंतरिक्ष के रोमांचक यात्राओं की कहानियों को काॅमिक्स स्ट्रिप द्वारा प्रकाशित करते है और जिसकी चित्रण मूल रचनाकार एलेक्स रेमण्ड ने की है।"Flash Gordon", in Guy Haley (editor) Sci-Fi Chronicles: A Visual History of the Galaxy's Greatest Science Fiction.Richmond Hill, Ontario: Firefly Books, 2014.

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भारतीय कॉमिक्स

भारतीय कॉमिक्स अथवा भारतीय चित्रकथा (अंग्रेजी; Indian comics) वह कॉमिक्स पुस्तकें एवं ग्राफिक उपन्यास जिनका सांस्कृतिक संबंध भारत द्वारा प्रकाशन से जुड़ा हो जिन्हें अंग्रेज़ी अथवा विभिन्न भारतीय भाषाओं में जारी करता है। भारत में कॉमिक्स पठन एवं उसके प्रसंगों को लेकर एक लंबी परंपरा जुड़ी हुई हैं जहाँ व्यापक पैमाने पर दशकों से लोककथाएं एवं पौराणिक गाथाओं को बाल चित्रकथाओं के शक्ल में पहुँचाया जा रहा है। भारतीय कॉमिक्स बहुतायत संख्या में देश में प्रकाशित होती है। लगभग बीते १९८० से १९९० के दशक तक, जब कॉमिक्स उद्योग का दौर काफी शीर्ष पर था तब उस वक्त की कई लोकप्रिय कॉमिक्स की ५००,००० लाख से अधिक प्रतियाँ एक हफ्तें में बिक जाती थी लेकिन समय गुजरने के बाद अब बमुश्किल ५०,००० हजार प्रतियाँ ही बिक पाती हैं। कभी भारतीय कॉमिक्स उद्योग का रहा स्वर्णकालिक दौर, आज की बढ़ती सैटेलाइट टेलीविजन (विशेषकर बच्चों पर बनने वाले चैनलों) एवं विडियो गेम उद्योगों की बढ़ती प्रतिस्पर्धा से आज पतन के दौर में संघर्ष कर रहा है। मगर आज भी विगत तीन दशकों से title.

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मिंग

मिंग नाम से निम्न लेख है.

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कॉमिक्स

कॉमिक्स (अंग्रेजी; Comics/शब्दार्थ; चित्रकथा) एक माध्यम है जहाँ विचारों को व्यक्त करने के लिए सामान्य पाठ्यक्रम के अपेक्षा चित्रों, एवं बहुधा शब्दों के मिश्रण तथा अन्य चित्रित सूचनाओं की सहायता से पढ़ा जाता है। काॅमिक्सों में निरंतर किसी भी विशिष्ट भंगिमाओं एवं दृश्यों को चित्रों के पैनल द्वारा जाहिर किया जाता रहा है। अक्सर शाब्दिक युक्तियों को स्पीच बैलुनों, अनुशीर्षकों (कैप्शन), एवं अर्थानुरणन जिनमें संवाद, वृतांत, ध्वनि प्रभाव एवं अन्य सूचनाओं को भी इनसे व्यक्त करते हैं। चित्रित पैनलों के आकार एवं उनकी व्यवस्थित संयोजन से कहानी को व्याख्यान करने से पढ़ना सरल हो जाता है। कार्टूनिंग एवं उनके ही अनुरूप किया गया इल्सट्रैशन द्वारा चित्र बनाना काॅमिक्स का सामान्यतः अनिवार्य अंग रहा है; फ्युमेटी एक विशेष फाॅर्म या शैली हैं जिनमें पहले से खिंची फोटोग्राफिक चित्रों का इस्तेमाल कर काॅमिक्स का रूप दिया जाता है। सामान्य फाॅर्मों में काॅमिक्स को हम काॅमिक्स स्ट्रिप (पट्टी या कतरनों), संपादकीय या गैग (झुठे) कार्टूनों तथा काॅमिक्स पुस्तकों द्वारा पढ़ा करते हैं। वहीं गत २०वीं शताब्दी तक, अपने सीमित संस्करणों जैसे ग्राफिक उपन्यासों, काॅमिक्स एलबम, और टैंकोबाॅन के रूप में इसने सामान्यतया काफी उन्नति पायी है और अब २१वीं सदी में ऑनलाइन वेबकाॅमिक्स के तौर पर भी काफी कामयाब साबित हुई है। काॅमिक्स इतिहास का विविध विकास भी सांस्कृतिक विविधता की देन है। बुद्धिजीवी मानते है कि इस तरह की शुरुआत हम प्रागैतिहासिक युग के लैस्काउक्स की गुफा चित्रों से अंदाजा लगा सकते हैं। वहीं २०वीं के मध्य तक, काॅमिक्स का विस्तार संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, पश्चिमी युरोपीय प्रांतों (विशेषकर फ्रांस एवं बेल्जियम), और जापान में खूब निखार आया। युरोपीय काॅमिक्स के इतिहास में गौर करें तो १८३० में रुडोल्फ टाॅप्फेर की बनाई कार्टून स्ट्रिप काफी लोकप्रिय थे, जो आगे चलकर उनकी बनाई द एडवेंचर ऑफ टिनटिन १९३० तक स्ट्रिप एवं पुस्तक के रूप काफी कामयाब रही थी। अमेरिकी काॅमिक्स ने सार्वजनिक माध्यम पाने के लिए २०वीं के पूर्व तक अखबारों के काॅमिक्स स्ट्रिप द्वारा पैठ जमाई; पत्रिका-शैली की काॅमिक्स पुस्तकें भी १९३० में प्रकाशित होने लगी, और १९३८ में सुपरमैन जैसे प्रख्यात किरदार के आगमन बाद सुपरहीरो पीढ़ी का एक नया दौर उदय हुआ। वहीं जापानी काॅमिक्स या कार्टूनिंग (मैंगा) का मूल इतिहास तो १२वीं शताब्दी के पूर्वाद्ध से भी पुराना है। जापान में आधुनिक काॅमिक्स स्ट्रिप का उदय २०वीं में ही हुआ, और काॅमिक्स पत्रिकाओं एवं पुस्तकों का भारी उत्पादन भी द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुआ जिसमें ओसामु तेज़ुका जैसे कार्टूनिस्टों को काफी शोहरत दिलाई। हालाँकि काॅमिक्स का इतिहास तब तक दोयम दर्जे के रूप में जाना जाता रहा था, लेकिन २०वीं सदी के अंत तक आते-आते जनता तथा शैक्षिक संस्थाओं ने जैसे इसे तहे दिल से स्वीकृति दे दी। वहीं "काॅमिक्स" अंग्रेजी परिभाषा में एकवचन संज्ञा के तौर पर देखा जाता है जब इसका तात्पर्य किसी मध्यम और बहुवचन को विशेष उदाहरणों व घटनाओं को, व्यक्तिगत स्ट्रिपों अथवा काॅमिक्स पुस्तकों के जरीए प्रस्तुत किया जाता है। यद्यपि अन्य परिभाषा इन हास्यकारक (या काॅमिक) जैसे कार्य पूर्व अमेरिकी अखबारों के काॅमिक्स स्ट्रिपों पर प्रबल रूप से प्रयोग होता था, पर जल्द इसने गैर-हास्य जैसे मापदंडों का भी निर्माण कर लिया। अंग्रेजी में सामान्य तौर पर काॅमिक्स के उल्लेख की तरह ही विभिन्न संस्कृतियों में भी उनकी मूल भाषाओं में उपयोग होता रहा है, जैसे जापानी काॅमिक्स को मैन्गा, एवं फ्रेंच भाषा की काॅमिक्सों को बैन्डिस डेसीनीस कहा जाता हैं। लेकिन अभी तक काॅमिक्स की सही परिभाषा को लेकर विचारकों तथा इतिहासकारों के मध्य आम सहमति नहीं बनी है; कुछेक अपने तर्क पर बल देते हैं कि यह चित्रों एवं शब्दों का संयोजन हैं, कुछ इसे अन्य चित्रों से संबंधित या क्रमबद्ध चित्रों की कहानी कहते है, और कुछ अन्य इतिहासकार स्वीकारते है यह किसी व्यापक पैमाने के पुनरुत्पादन की तरह है जिसमें किसी विशेष पात्र की निरंतर आवृति होती रहती है। विभिन्न काॅमिक्स संस्कृति एवं युग द्वारा बढ़ते इस मिश्रित-परागण से इसकी व्याख्या देना भी अब काफी जटिल हो चुका है। .

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फ्लैश गार्डन, फ्लैश गाॅर्डन

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