3 संबंधों: प्रजा परिषद, भारतीय जनसंघ, मौलि चन्द्र शर्मा।
प्रजा परिषद
प्रजा परिषद् भारत का एक राजनैतिक दल था जिसने जम्मू तथा कश्मीर को भारत के संविधान में विशेष दर्जा (धारा ३७०) देने के विरुद्ध संघर्ष किया। पंडित प्रेम नाथ डोगरा ने बलराज मधोक के साथ मिल कर प्रजा परिषद का गठन किया था। प्रजा परिषद ने नारा दिया, देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान: नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे। १९७० में इस दल का भारतीय जनसंघ में विलय हो गया। .
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भारतीय जनसंघ
'''दीपक''' या '''दीया''' - भारतीय जनसंघ का चुनावचिह्न था। भारतीय जनसंघ के संस्थापक '''डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ भारत का एक पुराना राजनैतिक दल था जिससे १९८० में भारतीय जनता पार्टी बनी। इस दल का आरम्भ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में की गयी थी। इस पार्टी का चुनाव चिह्न दीपक था। इसने 1952 के संसदीय चुनाव में २ सीटें प्राप्त की थी जिसमे डाक्टर मुखर्जी स्वयं भी शामिल थे। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू आपातकाल (1975-1976) के बाद जनसंघ सहित भारत के प्रमुख राजनैतिक दलों का विलय कर के एक नए दल जनता पार्टी का गठन किया गया। आपातकाल से पहले बिहार विधानसभा के भारतीय जनसंघ के विधायक दल के नेता लालमुनि चौबे ने जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बिहार विधानसभा से अपना त्यागपत्र दे दिया। जनता पार्टी 1980 में टूट गयी और जनसंघ की विचारधारा के नेताओं नें भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। भारतीय जनता पार्टी 1998 से 2004 तक राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की सबसे बड़ी पार्टी रही थी। 2014 के आम चुनाव में इसने अकेले अपने दम पर सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की। .
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मौलि चन्द्र शर्मा
मौलि चन्द्र शर्मा भारत के एक वरिष्ट राजनेता तथा वकील थे। वे मूलतः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यकर्ता थे किन्तु स्वतन्त्रता के उपरान्त जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और उसके उपाध्यक्ष तथा अध्यक्ष बने। श्रेणी:भारतीय राजनीतिज्ञ.