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प्राकृतिक गैस

सूची प्राकृतिक गैस

प्राकृतिक गैस का विश्व के विभिन्न देशों में उत्पादन प्राकृतिक गैस (Natural gas) कई गैसों का मिश्रण है जिसमें मुख्यतः मिथेन होती है तथा ०-२०% तक अन्य उच्च हाइड्रोकार्बन (जैसे इथेन) गैसें होती हैं। प्राकृतिक गैस ईंधन का प्रमुख स्रोत है। यह अन्य जीवाश्म ईंधनों के साथ पायी जाती है। यह करोडों वर्ष पुर्व धरती के अन्दर जमें हुये मरे हुये जीवो के सडे गले पदार्थ से बनती है। यह गैसिय अवस्था मे पाइ जाती है। सामान्यत यह मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्युटेन, पेन्टेन का मिष्रण है, जिसमे मिथेन ८० से ९० % तक पायि जाति है। इसके अतिरिक्त कुच असुध्धिया भी पायी जाती है, जैसे सल्फर, जल वास्प, आदि होते है। .

56 संबंधों: ऊर्जा, ऊष्मा चालकता, चीन-पाक आर्थिक गलियारा, ट्रैक्टर, एथिलीन, एनरॉन, एनरॉन घोटाला, तुर्की, त्रिनिदाद और टोबैगो, द्रवित पेट्रोलियम गैस, देरवेज़े, पाताल का द्वार, पारिस्थितिक पदचिह्न, प्रांगार चक्र, पृथ्वी, पेट्रोलियम निष्कर्षण, बलक़ान प्रान्त, बायेल्सा राज्य, बाकू आतेशगाह, बंगाल की खाड़ी, बोलिविया, भू-तापीय ऊर्जा, मध्य साइबेरियाई पठार, मरी प्रान्त, मरी, तुर्कमेनिस्तान, यारकन्द ज़िला, यूनाइटेड किंगडम, रियाउ, शिलारस, शैल, शैल-रसायन, स्टेटऑयल, सैन होज़े, कैलिफोर्निया, हरित वाहन, हाइड्रोजन, हाइड्रोकार्बन, हाइब्रिड वाहन, हिलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, जीलिन, जीवाश्म ईंधन, ईन्धन, ईरान, खनिजों का बनना, गणकीय तरल यांत्रिकी, गैस, गैस शहर, इंडियाना, गैस संपीडक, गैस स्टोव, गैसनिर्माण, ..., गेल (इंडिया) लिमिटेड, कारा सागर, कार्बन फुटप्रिंट, किज़िल कुम रेगिस्तान, कूलिंग टॉवर, कोनोकोफिलिप्स सूचकांक विस्तार (6 अधिक) »

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

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ऊष्मा चालकता

भौतिकी में, ऊष्मा चालकता (थर्मल कण्डक्टिविटी) पदार्थों का वह गुण है जो दिखाती है कि पदार्थ से होकर ऊष्मा आसानी से प्रवाहित हो सकती है या नहीं। ऊष्मा चालकता को k, λ, या κ से निरूपित करते हैं। जिन पदार्थों की ऊष्मा चालकता अधिक होती है उनसे होकर समान समय में अधिक ऊष्मा प्रवाहित होती है (यदि अन्य परिस्थितियाँ, जैसे ताप का अन्तर, पदार्थ की लम्बाई और क्षेत्रफल आदि समान हों)। जिन पदार्थों की ऊष्मा चालकता बहुत कम होती हैं उन्हें ऊष्मा का कुचालक (थर्मल इन्सुलेटर) कहा जाता है। ऊष्मा चालकता के व्युत्क्रम (रेसिप्रोकल) को उष्मा प्रतिरोधकता (thermal resistivity) कहते हैं। .

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चीन-पाक आर्थिक गलियारा

नक़्शा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा या उर्दू में पाकिस्तान-चीन इक़तिसादी राहदारी (चीनी: 中国 - 巴基斯坦 经济 走廊) एक बहुत बड़ी वाणिज्यिक परियोजना है, जिसका उद्देश्य दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान से चीन के उत्तर-पश्चिमी स्वायत्त क्षेत्र शिंजियांग तक ग्वादर बंदरगाह, रेलवे और हाइवे के माध्यम से तेल और गैस की कम समय में वितरण करना है। आर्थिक गलियारा चीन-पाक संबंधों में केंद्रीय महत्व रखता है, गलियारा ग्वादर से काशगर तक लगभग 2442 किलोमीटर लंबा है। यह योजना को सम्पूर्ण होने में काफी समय लगेगा। इस योजना पर 46 बिलियन डॉलर लागत का अनुमान किया गया है। यह गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान होते हुए जायेगा। विविध सूचनाओं के अनुसार ग्वादर बंदरगाह को इस तरह से विकसित किया जा रहा है, ताकि वह 19 मिलियन टन कच्चे तेल को चीन तक सीधे भेजने में सक्षम होगा। .

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ट्रैक्टर

सामान से भरी ट्रॉली खींचता हुआ कर्षित्र ट्रैक्टर (कर्षित्र) आधुनिक कृषि के उपयोग में आने वाला प्रमुख उपकरण है। यह एक ऐसी गाड़ी है जो कम चाल पर अधिक कर्षण बल (ट्रैक्टिव इफर्ट) प्रदान करने के लिये डिजाइन की गयी होती है। यह अपने पीछे जुडी हुई कृषि उपकरण, सामान लदी ट्रैलर, ट्राली आदि खींचने का कार्य भी करता है। इसके ऊपर कुछ ऐसे कृषि उपकरण भी लगाये जाते हैं जिन्हें ट्रैक्टर से प्राप्त शक्ति से चलाया जाता है। .

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एथिलीन

एथिलीन (Ethylene; (IUPAC नाम: एथीन/ethene) एक हाइड्रोकार्बन है जिसका अणुसूत्र or H2C.

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एनरॉन

एनरॉन कॉर्पोरेशन (पूर्व में NYSE टिकर प्रतीक ENE) एक अमेरिकी ऊर्जा कम्पनी थी जो मूलतः टेक्सास के डाउनटाउन ह्यूस्टन में एनरॉन कॉम्प्लेक्स में स्थित थी। 2001 में अपने दिवालिया होने से पहले एनरॉन में लगभग 22,000 कर्मचारी कार्यरत थे और यह विश्व की एक अग्रणी विद्युत्, प्राकृतिक गैस, संचार और लुगदी और काग़ज़ की कंपनियां थीं, वर्ष 2000 में जिसका दावाकृत राजस्व लगभग $101 बिलियन था। फॉर्च्यून ने एनरॉन को लगातार छह वर्षों के लिए "अमेरिका की सर्वाधिक नवोन्मेषी कंपनी" का नाम दिया। 2001 के अंत में यह खुलासा हुआ कि इसकी सूचित वित्तीय स्थिति मूल रूप से संस्थागत, व्यवस्थित और रचनात्मक रूप से नियोजित लेखांकन धोखाधड़ी के कारण निरंतर बनी हुई थी, जो "एनरॉन घोटाले" के रूप में विख्यात है। तब से एनरॉन स्वैच्छिक निगमित धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की लोकप्रिय प्रतीक बन गई। इस घोटाले ने संयुक्त राज्य के कई अन्य निगमों के लेखांकन प्रणालियों पर सवाल खड़े किए और 2002 के सारबेंस-ऑक्स्ले अधिनियम की स्थापना का एक मुख्य कारण बना। इस घोटाले ने व्यापक व्यापार जगत को भी प्रभावित किया जिसके परिणाम स्वरूप आर्थर एंडरसन लेखांकन फर्म का विघटन हुआ। 2001 के उत्तरार्ध में एनरॉन ने न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट में दिवालियापन संरक्षण मुकदमा दायर करवाया और अपने दिवालियेपन के वकीलों के रूप में वेइल, गॉट्शल एंड मैन्जेस को चुना। अमेरिका के इतिहास में एक सबसे बड़ा और सबसे जटिल दिवालियापन मुकदमा चलने के बाद, वह पुनर्गठन की एक न्यायालय-अनुमोदित योजना के अनुसार, नवंबर 2004 में दिवालियापन से उभरी.

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एनरॉन घोटाला

अक्टूबर 2001 में रहस्योद्घाटन होने वाले एनरॉन घोटाले के परिणामस्वरूप अंततः टेक्सास के हॉस्टन की एनरॉन कॉर्पोरेशन (Enron Corporation) नामक एक अमेरिकी ऊर्जा कंपनी को दिवालियापन का और दुनिया के पांच सबसे बड़े लेखा-परीक्षण एवं लेखाशास्त्र साझेदारी प्रतिष्ठानों में से एक, आर्थर एंडरसन (Arthur Andersen) को विघटन का मुंह देखना पड़ा.

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तुर्की

तुर्की (तुर्क भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। स्थिति: 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अत: इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं। टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं। यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है। एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैं: 1.

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त्रिनिदाद और टोबैगो

त्रिनिदाद और टोबैगो आधिकारिक रूप से त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य कैरिबियाई सागर में स्थित, पूरी तरह से द्विपों पर स्थित देश है। यह दक्षिण कैरिबिया में, वेनेज़ुएला के उत्तर-पूर्व में है। इसकी जलसीमा बारबाडोस से उत्तर-पूर्व में, गयाना से दक्षिण-पूर्व में तथा वेनेज़ुएला से दक्षिण और पश्चिम में जलसीमा साझा करती है। इस देश का क्षेत्रफल ५,१३० वर्ग किलोमीटर है। इस द्वीप समूह में दो मुख्य द्वीप है- त्रिनिदाद और टोबैगो। इन मुख्य द्वीपों के अलावा कई छोटे-छोटे द्वीप हैं। त्रिनिदाद, देश के ९४% क्षेत्र और ९६% आबादी के साथ, देश का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा जनसँख्या वाला द्वीप है। त्रिनिदाद द्वीप, १४९८ में कोलंबस के आगमन से लेकर १८ फ़रवरी १७९७ में स्पैनिश गवर्नर के ब्रिटेन को आत्मसमर्पण तक, स्पेन के अधीन था। इस दौरान टोबैगो द्वीप पर स्पैनिश, ब्रिटिश, फ्रेंच, डच, कौरलैंड का शासन रहा। सन १८०२ मई त्रिनिदाद और टोबैगो को एमिएन्ज़ की संधि के तहत ब्रिटेन को सौंप दिया गया था। १९६२ में इसे आज़ादी मिली और १९७६ में यह गणराज्य बना। इसकी अर्थव्यवस्था अन्य अंग्रेजी भाषी केरिबियन देशों से उलट मुख्यतः उद्योगों पर आधारित है। इस देश की सरकार ने देश का बहुत अच्छी तरह से आर्थिक विकास किया। २००३-२००८ के बीच देश की विकास दर ७% थी। यह कैरीबिया की आर्थिक शक्ति है। .

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द्रवित पेट्रोलियम गैस

एलपीजी के सिलिण्डर द्रवित पेट्रोलियम गैस (Liquefied petroleum gas / LPG) को रसोई गैस के रूप में अधिक जाना जाता है। यह वस्तुतः कई हाइड्रोकार्बन गैसों का मिश्रण है। यह घरों में खाना पकाने, गरम करने वाले उपकरणों एवं कुछ वाहनों में इंधन के रूप में प्रयुक्त होती है। आजकल यह एक शीतलक (रेफ्रिजिरेन्ट) के रूप में क्लोरोफ्लोरो कार्बन के स्थान पर क्रमशः अधिकाधिक प्रयुक्त होने लगी है क्योंकि इसके प्रयोग से ओजोन परत को कोई नुकसान नहीं होता। .

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देरवेज़े

पाताल का द्वार का सुलगता हुआ छीद्र, सन् २००१ की तस्वीर देरवेज़े या दरवाज़ा तुर्कमेनिस्तान के आख़ाल प्रान्त में स्थित एक गाँव है। यह काराकुम रेगिस्तान के मध्य में राष्ट्रीय राजधानी अश्गाबात से लगभग २६० किमी दूर स्थित है। यहाँ रहने वाले ज़्यादातर लोग तुर्कमेन समुदाय के अर्ध-ख़ानाबदोश जीवनी व्यतीत करने वाले तेके क़बीले के सदस्य हैं। तुर्कमेन भाषा में 'दरवाज़ा' का वही अर्थ है जो हिन्दी में होता है, यानि 'द्वार'। .

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पाताल का द्वार

देरवेज़े का 'पाताल का द्वार', सन् २०११ दूर से दृश्य पाताल का द्वार (अंग्रेज़ी: Door to Hell) तुर्कमेनिस्तान के आख़ाल प्रान्त के देरवेज़े गाँव में एक प्राकृतिक गैस का क्षेत्र है। यहाँ पर ज़मीन में बने एक बड़े छेद से निकलती हुई गैस सन् १९७१ से लगातार जल रही है। इससे पैदा होने वाली गंधक (सल्फ़र​) की गंध मीलों दूर तक पूरे क्षेत्र में फैली रहती है। .

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पारिस्थितिक पदचिह्न

पारिस्थितिक पदचिह्न, पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्रों पर मानवीय माँग का एक मापक है। यह इंसान की मांग की तुलना, पृथ्वी की पारिस्थितिकी के पुनरुत्पादन करने की क्षमता से करता है। यह मानव आबादी द्वारा उपभोग किए जाने वाले संसाधनों के पुनरुत्पादन और उससे उत्पन्न अपशिष्ट के अवशोषण और उसे हानिरहित बनाकर लौटाने के लिए ज़रूरी जैविक उत्पादक भूमि और समुद्री क्षेत्र की मात्रा को दर्शाता है। इसका प्रयोग करते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर प्रत्येक व्यक्ति एक निश्चित जीवन शैली अपनाए, तो मानवता की सहायता के लिए पृथ्वी के कितने हिस्से (या कितने पृथ्वी ग्रह) की ज़रूरत होगी। 2006 के लिए मनुष्य जाति के कुल पारिस्थितिक पदचिन्ह को 1.4 पृथ्वी ग्रह अनुमानित किया गया था, अर्थात मानव जाति पारिस्थितिक सेवाओं का उपयोग पृथ्वी द्वारा उनके पुनर्सृजन की तुलना में 1.4 गुना तेज़ी से करती है। प्रति वर्ष इस संख्या की पुनर्गणना की जाती है – संयुक्त राष्ट्र को आधारभूत आंकड़े इकट्ठा करने और प्रकाशित करने में समय लगने के कारण यह तीन साल पीछे चलती है। जहां पारिस्थितिक पदचिह्न शब्द का व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है, वहीं इसके मापन के तरीके भिन्न होते हैं। हालांकि गणना के मानक अब ज्यादा तुलनात्मक और संगत परिणाम देने वाले बन कर उभर रहे हैं। .

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प्रांगार चक्र

कार्बन चक्र आरेख. काली संख्याएं बिलियन टनों में सूचित करती हैं कि विभिन्न जलाशयों में कितना कार्बन संग्रहीत है ("GtC" से तात्पर्य कार्बन गिगाटन और आंकडे लगभग 2004 के हैं). गहरी नीली संख्याएं सूचित करती हैं कि प्रत्येक वर्ष कितना कार्बन जलाशयों के बीच संचालित होता है। इस चित्र में वर्णित रूप से अवसादों में कार्बोनेट चट्टान और किरोजेन के ~70 मिलियन GtC शामिल नहीं हैं। कार्बन चक्र जैव-भूरासायनिक चक्र है जिसके द्वारा कार्बन का जीवमंडल, मृदामंडल, भूमंडल, जलमंडल और पृथ्वी के वायुमंडल के साथ विनिमय होता है। यह पृथ्वी के सबसे महत्वपूर्ण चक्रों में एक है और जीवमंडल तथा उसके समस्त जीवों के साथ कार्बन के पुनर्नवीनीकरण और पुनरुपयोग को अनुमत करता है.

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पृथ्वी

पृथ्वी, (अंग्रेज़ी: "अर्थ"(Earth), लातिन:"टेरा"(Terra)) जिसे विश्व (The World) भी कहा जाता है, सूर्य से तीसरा ग्रह और ज्ञात ब्रह्माण्ड में एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन उपस्थित है। यह सौर मंडल में सबसे घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। रेडियोधर्मी डेटिंग और साक्ष्य के अन्य स्रोतों के अनुसार, पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 बिलियन साल हैं। पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण, अंतरिक्ष में अन्य पिण्ड के साथ परस्पर प्रभावित रहती है, विशेष रूप से सूर्य और चंद्रमा से, जोकि पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह हैं। सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के दौरान, पृथ्वी अपनी कक्षा में 365 बार घूमती है; इस प्रकार, पृथ्वी का एक वर्ष लगभग 365.26 दिन लंबा होता है। पृथ्वी के परिक्रमण के दौरान इसके धुरी में झुकाव होता है, जिसके कारण ही ग्रह की सतह पर मौसमी विविधताये (ऋतुएँ) पाई जाती हैं। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण के कारण समुद्र में ज्वार-भाटे आते है, यह पृथ्वी को इसकी अपनी अक्ष पर स्थिर करता है, तथा इसकी परिक्रमण को धीमा कर देता है। पृथ्वी न केवल मानव (human) का अपितु अन्य लाखों प्रजातियों (species) का भी घर है और साथ ही ब्रह्मांड में एकमात्र वह स्थान है जहाँ जीवन (life) का अस्तित्व पाया जाता है। इसकी सतह पर जीवन का प्रस्फुटन लगभग एक अरब वर्ष पहले प्रकट हुआ। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिये आदर्श दशाएँ (जैसे सूर्य से सटीक दूरी इत्यादि) न केवल पहले से उपलब्ध थी बल्कि जीवन की उत्पत्ति के बाद से विकास क्रम में जीवधारियों ने इस ग्रह के वायुमंडल (the atmosphere) और अन्य अजैवकीय (abiotic) परिस्थितियों को भी बदला है और इसके पर्यावरण को वर्तमान रूप दिया है। पृथ्वी के वायुमंडल में आक्सीजन की वर्तमान प्रचुरता वस्तुतः जीवन की उत्पत्ति का कारण नहीं बल्कि परिणाम भी है। जीवधारी और वायुमंडल दोनों अन्योन्याश्रय के संबंध द्वारा विकसित हुए हैं। पृथ्वी पर श्वशनजीवी जीवों (aerobic organisms) के प्रसारण के साथ ओजोन परत (ozone layer) का निर्माण हुआ जो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र (Earth's magnetic field) के साथ हानिकारक विकिरण को रोकने वाली दूसरी परत बनती है और इस प्रकार पृथ्वी पर जीवन की अनुमति देता है। पृथ्वी का भूपटल (outer surface) कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेटों में विभाजित है जो भूगर्भिक इतिहास (geological history) के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान को विस्थापित हुए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से धरातल का करीब ७१% नमकीन जल (salt-water) के सागर से आच्छादित है, शेष में महाद्वीप और द्वीप; तथा मीठे पानी की झीलें इत्यादि अवस्थित हैं। पानी सभी ज्ञात जीवन के लिए आवश्यक है जिसका अन्य किसी ब्रह्मांडीय पिण्ड के सतह पर अस्तित्व ज्ञात नही है। पृथ्वी की आतंरिक रचना तीन प्रमुख परतों में हुई है भूपटल, भूप्रावार और क्रोड। इसमें से बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और एक ठोस लोहे और निकल के आतंरिक कोर (inner core) के साथ क्रिया करके पृथ्वी मे चुंबकत्व या चुंबकीय क्षेत्र को पैदा करता है। पृथ्वी बाह्य अंतरिक्ष (outer space), में सूर्य और चंद्रमा समेत अन्य वस्तुओं के साथ क्रिया करता है वर्तमान में, पृथ्वी मोटे तौर पर अपनी धुरी का करीब ३६६.२६ बार चक्कर काटती है यह समय की लंबाई एक नाक्षत्र वर्ष (sidereal year) है जो ३६५.२६ सौर दिवस (solar day) के बराबर है पृथ्वी की घूर्णन की धुरी इसके कक्षीय समतल (orbital plane) से लम्बवत (perpendicular) २३.४ की दूरी पर झुका (tilted) है जो एक उष्णकटिबंधीय वर्ष (tropical year) (३६५.२४ सौर दिनों में) की अवधी में ग्रह की सतह पर मौसमी विविधता पैदा करता है। पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा (natural satellite) है, जिसने इसकी परिक्रमा ४.५३ बिलियन साल पहले शुरू की। यह अपनी आकर्षण शक्ति द्वारा समुद्री ज्वार पैदा करता है, धुरिय झुकाव को स्थिर रखता है और धीरे-धीरे पृथ्वी के घूर्णन को धीमा करता है। ग्रह के प्रारंभिक इतिहास के दौरान एक धूमकेतु की बमबारी ने महासागरों के गठन में भूमिका निभाया। बाद में छुद्रग्रह (asteroid) के प्रभाव ने सतह के पर्यावरण पर महत्वपूर्ण बदलाव किया। .

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पेट्रोलियम निष्कर्षण

धरती पर स्थित पेट्रोलियम कुओं की योजना (1) प्लेटफॉर्म (2) ऊपरी चट्टान (3) पेट्रोलियम कूप (4) शैल पेट्रोलागार पेट्रोलियम निष्कर्षण (extraction of petroleum) से तात्पर्य धरती के अन्दर से उपयोगी पेट्रोलियम निकालने की प्रक्रिया से है। .

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बलक़ान प्रान्त

तुर्कमेनिस्तान में बलक़ान प्रान्त (हरे रंग में) बलक़ान प्रांत में कैस्पियन सागर पर तुर्कमेनबाशी बंदरगाह बलक़ान प्रान्त (तुर्कमेनी: Balkan welaýaty, अंग्रेज़ी: Balkan Province, फ़ारसी) तुर्कमेनिस्तान की एक विलायत (यानि प्रान्त) है। यह उस देश के सुदूर पश्चिम में स्थित है और इसकी सरहदें ईरान, उज़बेकिस्तान, कज़ाख़स्तान और कैस्पियन सागर से लगती हैं। इस प्रान्त का क्षेत्रफल १,३९,२७० किमी२ है और सन् २००५ की जनगणना में इसकी आबादी ५,५३,५०० अनुमानित की गई थी। बलक़ान प्रान्त की राजधानी बलक़ानाबात (Балканабат) शहर है, जिसे पहले नेबित दाग़ (Nebit Dag) बुलाया जाता था। बलक़ान प्रांत की आबादी का घनत्व तुर्कमेनिस्तान के सभी प्रान्तों में सबसे कम है।, Rafis Abazov, Scarecrow Press, 2005, ISBN 978-0-8108-5362-1,...

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बायेल्सा राज्य

बायेल्सा (Bayelsa) पश्चिमी अफ़्रीका में स्थित नाइजीरिया देश का एक राज्य है। यह देश के दक्षिणी भाग में स्थित है। राज्य में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के खनिज भारी मात्रा में मौजूद हैं। अधिकांश लोग ईसाई हैं। .

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बाकू आतेशगाह

آتش) यानि अग्नि का ज़िक्र करती है। बाकू आतेशगाह का मंदिर और उसके इर्द-गिर्द का क्षेत्र अज़रबैजानी डाक टिकट बाकू आतेशगाह या ज्वाला मंदिर अज़रबेजान की राजधानी बाकू के पास के सुराख़ानी शहर में स्थित एक मध्यकालीन हिन्दू धार्मिक स्थल है। इसमें एक पंचभुजा (पेंटागोन) अकार के अहाते के बीच में एक मंदिर है। बाहरी दीवारों के साथ कमरे बने हुए हैं जिनमें कभी उपासक रहा करते थे। बाकू आतेशगाह का निर्माण १७वीं और १८वीं शताब्दियों में हुआ था और १८८३ के बाद इसका इस्तेमाल तब बंद हो गया जब इसके इर्द-गिर्द ज़मीन से पेट्रोल और प्राकृतिक गैस निकालने का काम शुरू किया गया। १९७५ में इसे एक संग्राहलय बना दिया गया और अब इसे देखने हर वर्ष १५,००० सैलानी आते हैं। २००७ में अज़रबेजान के राष्ट्रपति के आदेश से इसे एक राष्ट्रीय ऐतिहासिक-वास्तुशिल्पीय आरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया। .

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बंगाल की खाड़ी

बंगाल की खाड़ी विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है और हिंद महासागर का पूर्वोत्तर भाग है। यह मोटे रूप में त्रिभुजाकार खाड़ी है जो पश्चिमी ओर से अधिकांशतः भारत एवं शेष श्रीलंका, उत्तर से बांग्लादेश एवं पूर्वी ओर से बर्मा (म्यांमार) तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह से घिरी है। बंगाल की खाड़ी का क्षेत्रफल 2,172,000 किमी² है। प्राचीन हिन्दू ग्रन्थों के अन्सुआर इसे महोदधि कहा जाता था। बंगाल की खाड़ी 2,172,000 किमी² के क्षेत्रफ़ल में विस्तृत है, जिसमें सबसे बड़ी नदी गंगा तथा उसकी सहायक पद्मा एवं हुगली, ब्रह्मपुत्र एवं उसकी सहायक नदी जमुना एवं मेघना के अलावा अन्य नदियाँ जैसे इरावती, गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी आदि नदियां सागर से संगम करती हैं। इसमें स्थित मुख्य बंदरगाहों में चेन्नई, चटगाँव, कोलकाता, मोंगला, पारादीप, तूतीकोरिन, विशाखापट्टनम एवं यानगॉन हैं। .

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बोलिविया

बोलीविया (/bəlɪviə/; स्पेनिश:बोलीविया; अंग्रेजी: Bolivia), जिसे आधिकारिक तौर पर बोलीविया बहुराष्ट्रीय देश के रूप में जाना जाता है, पश्चिमी-मध्य दक्षिण अमेरिका में स्थित एक स्थलरुद्ध देश है। इसकी राजधानी सूक्रे है जबकि सरकारी परिसर ला पाज में स्थित है। सबसे बड़ा शहर और प्रमुख आर्थिक और वित्तीय केंद्र सांता क्रूज़ डी ला सिएरा है, जो ल्लोनोस ओरिएंटलस (उष्णकटिबंधीय निचले इलाकों) पर स्थित है, जो बोलीविया के पूर्व में स्थित अधिकांश सपाट क्षेत्र है। यह संवैधानिक रूप से एकतापूर्ण राज्य है, जो नौ प्रांतों में विभाजित है। इसकी भूगोल पश्चिम में एंडीज़ की चोटी से, पूर्वी निचले इलाके में, अमेज़ॅन बेसिन के भीतर स्थित है। यह उत्तर और पूर्व में ब्राजील द्वारा, दक्षिण-पूर्व में पैराग्वे द्वारा, दक्षिण में अर्जेंटीना द्वारा, दक्षिण-पश्चिम में चिली द्वारा और उत्तर-पश्चिम में पेरू द्वारा सीमाबद्ध है। देश का एक-तिहाई हिस्सा एंडीज़ पर्वत श्रृंखला पर स्थित है।1,098,581 किमी2 (424,164 वर्ग मील) के क्षेत्रफल के साथ, बोलीविया दक्षिण अमेरिका का 5वाँ सबसे बड़ा देश और दुनिया का 27वाँ सबसे बड़ा देश है। 1.1 करोड़ की अनुमानित देश की आबादी, बहु जातिय है, जिसमें इंडियन, मेस्टिज़ो, युरोपीयन, एशियाई और अफ्रीकी शामिल हैं। स्पेनिश उपनिवेशवाद से उत्पन्न नस्लीय और सामाजिक अलगाव आधुनिक युग तक जारी है। स्पेनिश आधिकारिक और प्रमुख भाषा है, हालांकि 36 स्वदेशी भाषाओं को भी आधिकारिक स्थिति प्राप्त है, जिनमें से सबसे अधिक बोली जाने वाली गुआरानी, ​​आयमारा और क्वेचुआ भाषाएं हैं। स्पेनिश उपनिवेशीकरण से पहले, बोलीविया का पर्वतीय क्षेत्र इंका साम्राज्य का हिस्सा था, जबकि उत्तरी और पूर्वी निचले इलाकों में स्वतंत्र जनजातियों का निवास था। कुज़्को और असुन्सियोन से आये स्पेनिश विजयविदों ने 16वीं शताब्दी में इस क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया। स्पेनिश औपनिवेशिक काल के दौरान बोलीविया को चार्कास के शाही दरबार द्वारा प्रशासित किया जाता था। स्पेन ने बोलीविया की खानों से निकाले गए चांदी पर अपने साम्राज्य का एक बड़ा हिस्सा बनाया। 1809 में आजादी के लिए पहली बार आवाहन के बाद, 16 साल तक चले युद्ध के बाद गणतंत्र की स्थापना की गई, और इसे सिमोन बोलिवर नाम दिया गया। 19वीं और 20वीं शताब्दी की शुरुआत में बोलिविया ने पड़ोसी देशों को कई परिधीय क्षेत्रों पर नियंत्रण खो दिया, जिसमें 1879 में चिली द्वारा अपनी तटरेखा का कब्जा शामिल है। 1971 तक बोलिविया अपेक्षाकृत राजनीतिक रूप से स्थिर रहा, इसके बाद ह्यूगो बेंजर ने तख्ता पलट कर जुआन जोसे टोरेस की अस्थिर सरकार को गिरा कर सैन्य तानाशाही स्थापित की; 1976 में अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में टॉरेस की हत्या कर दी गई थी। राष्ट्रपति बेंजर ने देश की तेजी से आर्थिक विकास की अगुवाई की, जिसने देश को स्थिर करने का काम किया, हालांकि उनका शासन वामपंथी और समाजवादी विपक्षी और असंतोष के अन्य रूपों पर टूट गया, जिसके परिणामस्वरूप कई बोलीवियन नागरिकों को यातना और मौत के घाट उतरना पड़ा। 1978 में बेंजर को हटा दिया गया और बाद में 1997 से 2001 तक बोलिविया में लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित राष्ट्रपति का शासन लौट आया। 2006 से एवो मोरालेस देश के राष्ट्रपति है। आधुनिक बोलीविया संयुक्त राष्ट्र, आईएमएफ, एनएएम, ओएएस, एक्टो, बैंक ऑफ द साउथ, एएलबीए और यूएसएएन का प्रमुख सदस्य है। एक दशक से अधिक तक बोलीविया लैटिन अमेरिका में सबसे तेजी से आर्थिक विकास करने वाले देशों में से एक था, हालांकि यह दक्षिण अमेरिका के सबसे गरीब देशों में से एक बना हुआ है। यह एक विकासशील देश है, जिसकी मानव विकास सूचकांक में मध्यम श्रेणी है। यहाँ गरीबी का स्तर 38.6 प्रतिशत है, और यह लैटिन अमेरिका में सबसे कम अपराध दरों में से एक है। इसकी मुख्य आर्थिक गतिविधियों में कृषि, वानिकी, मछली पकड़ना, खनन, और कपड़ा, कपड़े, परिष्कृत धातुओं और परिष्कृत पेट्रोलियम जैसे विनिर्माण सामान शामिल हैं। बोलीविया खनिज, विशेष रूप से टिन में बहुत समृद्ध है। .

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भू-तापीय ऊर्जा

आइसलैंड के नेसजावेलीर जीओथर्मल पॉवर स्टेशन से उठता भाप. भू-तापीय ऊर्जा (जिसे जियोथर्मल पॉवर कहते हैं, ग्रीक धातु जियो से आया है, जिसका अर्थ है पृथ्वी और थर्मोस अर्थात ताप) वह ऊर्जा है जिसे पृथ्वी में संग्रहित ताप से निकाला जाता है। यह भू-तापीय ऊर्जा, ग्रह के मूल गठन से, खनिज के रेडियोधर्मी क्षय से और सतह पर अवशोषित सौर ऊर्जा से उत्पन्न होती है। पेलिओलिथिक काल से इसका प्रयोग स्नान के लिए और रोमन काल से स्थानों को गर्म करने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन अब इसे बिजली उत्पन्न करने के लिए बेहतर रूप में जाना जाता है। दुनिया भर में, भू-तापीय संयंत्रों में यथा 2007, 10 गीगावाट बिजली उत्पन्न करने की क्षमता है और अभ्यास में यह बिजली की वैश्विक मांग का 0.3% की आपूर्ति करती है। 28 गीगावाट की एक अतिरिक्त भू-तापीय ताप क्षमता को जिला तापक, स्थान तापक, स्पा, औद्योगिक प्रक्रियाओं, नमक हटाने और कृषि अनुप्रयोगों के लिए स्थापित किया गया है। भू-तापीय ऊर्जा लागत प्रभावी, विश्वसनीय, टिकाऊ, संपोषणीय और पर्यावरण के अनुकूल है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से यह प्लेट विवर्तनिक सीमाओं के निकट के क्षेत्रों तक सीमित रही है। हाल के तकनीकी विकासों ने व्यवहार्य संसाधनों की सीमाओं और आकार को नाटकीय रूप से विस्तार दिया है, विशेष रूप से गृह तापन जैसे अनुप्रयोगों के लिए और बड़े पैमाने पर दोहन की संभावनाओं को भी खोला है। भू-तापीय कुएं, ग्रीन हाउस गैसों को छोड़ते हैं जो धरती के भीतर गहरे फंसी होती है, लेकिन ये उत्सर्जन, ऊर्जा की प्रति यूनिट के हिसाब से जीवाश्म ईंधन की तुलना में बहुत कम हैं। परिणामस्वरूप, भू-तापीय ऊर्जा में वैश्विक गर्मी को कम अर्ने में मदद करने की क्षमता है यदि इन्हें जीवाश्म ईंधन के स्थान पर व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाए.

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मध्य साइबेरियाई पठार

मध्य साइबेरियाई पठार साइबेरिया में येनिसेय नदी और लेना नदी के बीच स्थित है मध्य साइबेरियाई पठार (रूस: Среднесиби́рское плоского́рье, स्रेदनेसिबिर्स्कोय प्लोस्कोगोर्ये; अंग्रेज़ी: Central Siberian Plateau) उत्तर एशिया के साइबेरिया इलाक़े में येनिसेय नदी और लेना नदी के बीच में स्थित एक पठार है। इसके अलग-अलग ऊँचाइयों वाले भिन्न हिस्से हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ३५ लाख वर्ग किमी है। इसके उत्तर में पूतोराना पहाड़ हैं और इसके दक्षिण में पूर्वी सायन पर्वत और बायकाल पर्वत स्थित हैं। पूर्व में यह पठार याकूत के मैदान की निचली भूमि में बदल जाता है। अगर पूरे साइबेरिया का क्षेत्रफल देखा जाए तो मध्य साइबेरियाई पठार उसका एक-तिहाई हिस्सा है। इस पठार में छोटी गर्मियाँ और लम्बी भयंकर ठण्ड वाली सर्दियाँ होती हैं। इसके अधिकाँश भाग पर कोणधारी (कॉनिफ़ॅरस) वृक्षों के वन फैले हुए हैं। निचली तुन्गुसका नदी इस क्षेत्र की प्रमुख नदी है। यहाँ बहुत से खनिज मिलते हैं, जैसे कि कोयला, लोहा, सोना, प्लैटिनम, हीरा और प्राकृतिक गैस। दक्षिण अफ़्रीका के बाद रूस ही दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्लैटिनम का उत्पादक है और विश्वभर की ३०% प्लैटिनम आपूर्ति यहीं से आती है। .

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मरी प्रान्त

तुर्कमेनिस्तान में मरी प्रान्त (हरे रंग में) मरी शहर में एक मस्जिद मरी प्रान्त (तुर्कमेनी: Mary welaýaty, Мары велаяты; अंग्रेज़ी: Mary Province; फ़ारसी:, मर्व) तुर्कमेनिस्तान की एक विलायत (यानि प्रान्त) है जो उस देश के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इसकी सरहद अफ़्ग़ानिस्तान से लगती हैं। इस प्रान्त का क्षेत्रफल ८७,१५० किमी२ है और सन् २००५ की जनगणना में इसकी आबादी १४,८०,४०० अनुमानित की गई थी।Statistical Yearbook of Turkmenistan 2000-2004, National Institute of State Statistics and Information of Turkmenistan, Ashgabat, 2005.

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मरी, तुर्कमेनिस्तान

प्राचीन मर्व शहर के कुछ खँडहर मरी (तुर्कमेनी: Mary, Мары; अंग्रेज़ी: Mary; फ़ारसी:, मर्व) तुर्कमेनिस्तान के मरी प्रांत की राजधानी है। इसके पुराने नाम 'मर्व' (Merv), 'मेरु' और 'मारजियाना' (Margiana) हुआ करते थे। यह काराकुम रेगिस्तान में मुरग़ाब नदी के किनारे बसा हुआ एक नख़लिस्तान (ओएसिस) है। सन् २००९ में इसकी आबादी १,२३,००० थी जो १९८९ में ९२,००० से बढ़ी हुई थी। .

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यारकन्द ज़िला

चीन के शिंजियांग प्रांत के काश्गर विभाग (पीला रंग) के अन्दर स्थित यारकन्द ज़िला (गुलाबी रंग) यारकन्द शहर में एक सड़क यारकन्द ज़िला (उइग़ुर:, चीनी: 莎车县, अंग्रेज़ी: Yarkand) चीन के शिंजियांग प्रांत के काश्गर विभाग में स्थित एक ज़िला है। इसका क्षेत्रफल ८,९६९ वर्ग किमी है और सन् २००३ की जनगणना में इसकी आबादी ३,७३,४९२ अनुमानित की गई थी। इसकी राजधानी यारकंद नाम का ही एक ऐतिहासिक शहर है जिसका भारतीय उपमहाद्वीप के साथ गहरा सांस्कृतिक और व्यापारिक सम्बन्ध रहा है। यारकन्द तारिम द्रोणी और टकलामकान रेगिस्तान के दक्षिणी छोर पर स्थित एक नख़लिस्तान (ओएसिस) क्षेत्र है जो अपना जल कुनलुन पर्वतों से उत्तर की ओर उतरने वाली यारकन्द नदी से प्राप्त करता है। इसके मरूद्यान (ओएसिस) का क्षेत्रफल लगभग ३,२१० वर्ग किमी है लेकिन कभी इस से ज़्यादा हुआ करता था। तीसरी सदी ईस्वी में यहाँ रेगिस्तान के फैलने से यह उपजाऊ इलाक़ा थोड़ा घट गया। यारकन्द में अधिकतर उइग़ुर लोग बसते हैं। यहाँ कपास, गेंहू, मक्की, अनार, ख़ुबानी, अख़रोट और नाशपाती उगाए जाते हैं। इस ज़िले के ऊँचे इलाक़ों में याक और भेड़ पाले जाते हैं। यहाँ की धरती के नीचे बहुत से मूल्यवान खनिज मौजूद हैं, जैसे की पेट्रोल, प्राकृतिक गैस, सोना, ताम्बा, सीसा और कोयला। .

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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रियाउ

रियाउ दक्षिणपूर्व एशिया के इण्डोनेशिया देश के सुमात्रा द्वीप पर स्थित एक प्रान्त है। यह सुमात्रा के मध्य-पूर्वी तट पर स्थित है। रियाउ पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, रबड़ और अन्य सम्पदाओं से भरपूर होने के कारण देश के सबसे समृद्ध प्रान्तों में से एक है। .

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शिलारस

बिना साफ़ किया शिलारस (कच्चा शिलारस) शिलारस (पेट्रोलियम) एक अत्यधिक उपयोगी पदार्थ हैं, जिसका उपयोग देनिक जीवन में बहुत अधिक होता हैं। शिलारस वास्तव में उदप्रांगारों का मिश्रण होता है। इसका निर्माण भी कोयले की तरह वनस्पतियों के पृथ्वी के नीचे दबने तथा कालांतर में उनके ऊपर उच्च दाब तथा ताप के आपतन के कारण हुआ। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले शिलारस को अपरिष्कृत तेल (Crude Oil) कहते हैं जो काले रंग का गाढ़ा द्रव होता है। इसके प्रभाजी आसवन (फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन) से केरोसिन, पेट्रोल, डीज़ल, प्राकृतिक गैस, वेसलीन,तारकोल ल्यूब्रिकेंट तेल इत्यादि प्राप्त होते हैं। दरअसल जब तेल के भंडार पृथ्वी पर कहीं ढूंढे जाते हैं, तब यह गाढ़े काले रंग का होता है। जिसे क्रूड ऑयल कहा जाता है और इसमें उदप्रांगारों की बहुलता होती है। उदप्रांगारों की खासियत यह होती है कि इनमें मौजूद हाइड्रोजन और प्रांगार के अणु एक दूसरे से विभिन्न श्रृंखलाओं में बंधे होते हैं। ये श्रृंखलाएं तरह-तरह की होती हैं। यही श्रृंखलाएं विभिन्न प्रकार के तेल उत्पादों का स्रोत होती हैं। इनकी सबसे छोटी श्रृंखला मिथेन नामक प्रोडक्ट का आधार बनती है। इनमें लंबी श्रृंखलाओं वाले उदप्रांगारों ठोस जैसे कि मोम या टार नामक उत्पाद का निर्माण करते हैं। सछिद्र चट्टान (4) में शिलारस स्थित है। जब पृथ्वी से तेल खोद कर निकाला जाता है उस वक्त अपरिष्कृत तेल (क्रूड ऑयल) ठोस रूप में होता है। इससे तेल के विभिन्न रूप पाने के लिए अपरिष्कृत तेल में मौजूद उदप्रांगार के विभिन्न चेन को अलग करना पड़ता है। उदप्रांगार के विभिन्न चेनों को अलग करने की प्रक्रिया रासायनिक क्रांस जोड़ने उदप्रांगार कहलाती है। जिसे हम शोधन प्रक्रिया के नाम से जानते हैं। यह शोधन प्रक्रिया शोधन कारखानें (रिफाइनरीज) में होती है। एक तरह से यह शोधन बेहद आसान भी होता है और मुश्किल भी। यह सरल तब होता है जब क्रूड ऑयल में पाए जाने वाले उदप्रांगारों के बारे में पता हो और मुश्किल तब जब इसकी जानकारी नहीं होती है। दरअसल हर प्रकार के उदप्रांगारों का क्वथनांक के, अलग-अलग होता है इस तरह आसवन की प्रक्रिया से उन्हें आसानी से अलग किया जा सकता है। तेल शोधक कारखाना की पूरी प्रक्रिया में यह एक महत्वपूर्ण चरण होता है। दरअसल अपरिष्कृत तेल को अलग-अलग तापमान पर गर्म करके वाष्प एकत्रित करके तथा उसे दोबारा संघनित करके उदप्रांगार की अलग-अलग चेन निकाल ली जाती हैं। तेल शोधक कारखाना (ऑयल रिफाइनरी) में शोधन का यह सबसे सामान्य और पुराना तरीका है। उबलते तापमान का उपयोग करने वाली इस विधि को प्रभाजी आसवन कहते हैं। आसवन का एक तरीका यह भी होता है कि उदप्रांगार की एक लंबी चेन को जैसे का तैसा निकाल लेने के बजाए उसे छोटी-छोटी चेन्स में तोड़कर निकाल लिया जाता है। इस प्रक्रिया को रासायनिक प्रसंस्करण कहते हैं। तो बच्चे अब आप समझ गए होंगे कि पेट्रोल और कैरोसिन के अलावा दूसरे ईंधन कैसे बनते हैं। इस सारी प्रक्रिया में तेल शोधक कारखाना की अहम भूमिका हो .

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शैल

कलराडो स्प्रिंग्स कंपनी का गार्डेन ऑफ् गॉड्स में स्थित ''संतुलित शैल'' कोस्टा रिका के ओरोसी के निकट की चट्टानें पृथ्वी की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रकृति के हो या चाक या रेत की भांति कोमल; चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों, चट्टान अथवा शैल (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों का सम्मिश्रण हैं। चट्टान कई बार केवल एक ही खनिज द्वारा निर्मित होती है, किन्तु सामान्यतः यह दो या अधिक खनिजों का योग होती हैं। पृथ्वी की पपड़ी या भू-पृष्ठ का निर्माण लगभग २,००० खनिजों से हुआ है, परन्तु मुख्य रूप से केवल २० खनिज ही भू-पटल निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भू-पटल की संरचना में ऑक्सीजन ४६.६%, सिलिकन २७.७%, एल्यूमिनियम ८.१ %, लोहा ५%, कैल्सियम ३.६%, सोडियम २.८%, पौटैशियम २.६% तथा मैग्नेशियम २.१% भाग का निर्माण करते हैं। .

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शैल-रसायन

सउदी अरब का एक शैल-रसायन कारखाना पेट्रोलियम से व्युत्पन्न रासायनिक उत्पादों को शैल-रसायन (Petrochemicals या petroleum distillates) कहते हैं। कुछ ऐसे भी पदार्थ हैं जो पेट्रोलियम से भी व्युत्पन्न किये जा सकते है तथा कोयला, प्राकृतिक गैस, मक्का, गन्ना आदि से भी। शैल रसायन के दो मुख्य प्रकार हैं-.

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स्टेटऑयल

स्टेटऑयल एएसए (अंग्रेजी: Statoil ASA) जो अपना व्यापार स्टेटऑयल के नाम से करती है और जिसे पहले स्टेटऑयलहाइड्रो (StatoilHydro) के नाम से जाना जाता था, 1972 में स्थापित नॉर्वे की एक तेल कंपनी है। यह अपने 30340 कर्मचारियों के साथ नॉर्वे की सबसे बड़ी कंपनी है। स्टेटऑयल ओस्लो और न्यूयार्क के शेयर बाज़ारों पर सूचीबद्ध है, तथापि, कंपनी के शेयरों का अधिकांश यानि कि लगभग 67%, नार्वे सरकार के स्वामित्व के आधीन है जिसका हित प्रबंधन नॉर्वे का तेल और गैस मंत्रालय करता है। स्टेटऑयल का मुख्यालय नार्वे की राजधानी स्टवान्गर में स्थित है। स्टेटऑयल का नाम स्टेट यानि कि राष्ट्र (या राज्य) और ऑइल यानि कि तेल, को आपस में मिलाकर प्राप्त किया गया है। स्टेटऑयल एक पूर्ण एकीकृत पेट्रोलियम कंपनी है, जिसका प्रचालन उत्पादन के क्षेत्र में 13 देशों और विपणन के क्षेत्र में 8 देशों में होता है। राजस्व के आधार पर फोर्ब्स पत्रिका ने स्टेटऑयल को विश्व की 13 सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनियों में शुमार किया गया है और राजस्व, मुनाफे और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से पूरे नॉर्डिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है। .

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सैन होज़े, कैलिफोर्निया

सैन होज़े (जिसका स्पेनिश में अर्थ है - सेंट जोसफ) कैलिफोर्निया का तीसरा सबसे बड़ा शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका का दसवां सबसे बड़ा शहर और सांता क्लारा काउंटी का काउंटी सीट है। यह देश के 31वें सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्र का एक ऐंकर है जो सैन फ्रांसिस्को खाड़ी के दक्षिणी छोर पर स्थित है। सैन होज़े कभी एक छोटा सा कृषि शहर था जहां 1950 के दशक से अब तक बड़ी तेज़ी से विकास हुआ है। जनसंख्या, भूमि क्षेत्र, एवं औद्योगिक विकास की दृष्टि से सैन होज़े खाड़ी क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है। 1 जनवरी 2010 तक इसकी अनुमानित जनसंख्या 1,023,083 थी। सैन होज़े की नींव 29 नवम्बर 1777 को नुएवा कैलिफोर्निया के स्पेनिश कॉलोनी के पहले कस्बे, एल पुएब्लो डी सैन होज़े डी ग्वाडालूप (El पुएब्लो de San José de Guadalupe), के रूप में रखी गई, जो बाद में अल्टा कैलिफोर्निया बना.

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हरित वाहन

एक प्रकार का हरित वाहन। हरित वाहन ऐसे वाहनों को कहते हैं, जिससे बहुत कम प्रदूषण होता है और पर्यावरण पर बहुत कम दुष्प्रभाव पड़ता है। यह पेट्रोल आदि से चलते हैं, लेकिन इनसे उतना अधिक प्रदूषण नहीं होता है। कुछ हरित वाहन वैकल्पिक स्रोत से चलते हैं। जैसे विद्युत, प्राकृतिक गैस द्वारा आदि। .

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हाइड्रोजन

हाइड्रोजन पानी का एक महत्वपूर्ण अंग है शुद्ध हाइड्रोजन से भरी गैस डिस्चार्ज ट्यूब हाइड्रोजन (उदजन) (अंग्रेज़ी:Hydrogen) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल परमाणु भी है। प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो वायुमण्डल के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं। यह एक गैसीय पदार्थ है जिसमें कोई गंध, स्वाद और रंग नहीं होता है। यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। इसकी परमाणु संख्या 1, संकेत (H) और परमाणु भार 1.008 है। यह आवर्त सारणी में प्रथम स्थान पर है। साधारणतया इससे दो परमाणु मिलकर एक अणु (H2) बनाते है। हाइड्रोजन बहुत निम्न ताप पर द्रव और ठोस होता है।।इण्डिया वॉटर पोर्टल।०८-३०-२०११।अभिगमन तिथि: १७-०६-२०१७ द्रव हाइड्रोजन - 253° से.

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हाइड्रोकार्बन

मिथेन एक प्रमुख हाइड्रोकार्बन है। इसके अणु का त्रि-बिमीय 'बाल ऐण्ड स्टिक मॉडल' हाइड्रोकार्बन कार्बनिक यौगिक होते हैं जो हाइड्रोजन और कार्बन के परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं। इनका मुख्य स्रोत भूतैल है। प्राकृतिक गैस में भी केवल हाइड्रोकार्बन पाए जाते हैं। हाइड्रोकार्बन संतृप्त तथा असंतृप्त दो प्रकार के होते हैं। .

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हाइब्रिड वाहन

होंडा इनसाइट हाइब्रिड NYPD आवागमन प्रवर्तन द्वारा उपयोग किया जाने वाला प्रियूस एक हाइब्रिड वाहन एक ऐसा वाहन है, जो वाहन को चलाने के लिए दो या दो से अधिक भिन्न ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करता है। यह शब्द सबसे अधिक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व़ीइकल्स अर्थात् संकर विद्युत वाहन (HEVs), के रूप में जाना जाता है, जिसमें एक आंतरिक दहन इंजन और एक या एक से अधिक विद्युत मोटर होते हैं। .

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हिलियम

तरलीकृत हीलियम शुद्ध हीलियम से भरी गैस डिस्चार्ज ट्यूब हिलियम (Helium) एक रासायनिक तत्त्व है जो प्रायः गैसीय अवस्था में रहता है। यह एक निष्क्रिय गैस या नोबेल गैस (Noble gas) है तथा रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, विष-हीन (नॉन-टॉक्सिक) भी है। इसका परमाणु क्रमांक २ है। सभी तत्वों में इसका क्वथनांक (boiling point) एवं गलनांक (melting point) सबसे कम है। द्रव हिलियम का प्रयोग पदार्थों को अत्यन्त कम ताप तक ठण्डा करने के लिये किया जाता है; जैसे अतिचालक तारों को १.९ डिग्री केल्विन तक ठण्डा करने के लिये। हीलियम अक्रिय गैसों का एक प्रमुख सदस्य है। इसका संकेत He, परमाणुभार ४, परमाणुसंख्या २, घनत्व ०.१७८५, क्रांतिक ताप -२६७.९०० और क्रांतिक दबाव २ २६ वायुमंडल, क्वथनांक -२६८.९० सें.

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हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एक फॉर्च्यून 500 कंपनी (2012 में 267 वें स्थान पर) है, जो भारत सरकार की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत तेल शोधन और विपणन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम को सरकार द्वारा नवरत्न श्रेणी में रखा गया है। भारत में इसका पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन मे कुल योगदान 20.9% और तेल शोधन मे 10.3% है। इसके स्वामित्व मे दो तटीय तेल परिशोधन कारखाने (ऑयल रिफाईनरी) हैं। इन परिशोधिकाओं (रिफाईनरी) मे कई प्रकार के पेट्रोलियम उत्पाद जैसे इंधन तेल (फ्यूल ऑयल) और स्नेहक (ल्युब्रीकेंट) का निर्माण होता है। पश्चिमी तट पर स्थित मुंबई रिफाईनरी की क्षमता 5.5 एम.एम.टी.पी.ए तथा पूर्वी तट पर स्थित विशाखापत्तनम रिफाईनरी की क्षमता 7.5 एम.एम.टी.पी.ए है। कंपनी की मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकैमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) की अत्याधुनिक मंगलौर रिफाइनरी जिसकी क्षमता 9 एम.एम.टी.पी.ए है, मे कुल इक्विटी भागीदारी 16.95% है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने मित्तल एनर्जी समूह के साथ संयुक्त उद्यम एच एम ई एल में एक नयी तेल परिशोधिका गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी को पंजाब के भटिंडा मे स्थापित किया है, जिसका लोकार्पण भारत के प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने 28 अप्रैल 2012 को किया। .

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जीलिन

चीन में जीलिन प्रांत (लाल रंग में) जीलिन (चीनी: 吉林, अंग्रेज़ी: Jilin, मान्छु: ᡤᡳ᠍ᡵᡳ᠌ᠨ ᡠᠯᠠ) जनवादी गणराज्य चीन के सुदूर पूर्वोत्तर में स्थित एक प्रांत है जो ऐतिहासिक मंचूरिया क्षेत्र का भाग है। 'जीलिन' शब्द मान्छु भाषा के 'गीरिन उला' (ᡤᡳ᠍ᡵᡳ᠌ᠨ ᡠᠯᠠ, Girin Ula) से आया है जिसका मतलब 'नदी के साथ' होता है। इसके चीनी भावचित्रों का अर्थ 'शुभ वन (जंगल)' है और इसका संक्षिप्त एकाक्षरी चिह्न '吉' (जी) है। जीलिन प्रान्त की सीमाएँ पूर्व में रूस और उत्तर कोरिया को लगती हैं। इस प्रान्त का क्षेत्रफल १,८७,४०० वर्ग किमी है, यानि भारत के कर्नाटक राज्य से ज़रा ज़्यादा। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी २,७४,६२,२९७ थी जो लगभग भारत के पंजाब राज्य के बराबर थी। जीलिन की राजधानी चांगचून शहर है। .

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जीवाश्म ईंधन

कोल, एक प्रकार का जीवाश्म ईंधन है। जीवाश्म ईंधन एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है। यह लगभग 65 करोड़ वर्ष पूर्व जीवों के जल कर उच्च दाब और ताप में दबने से हुई है। यह ईंधन पेट्रोल, डीजल, घासलेट आदि के रूप में होता है। इसका उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आदि में किया जाता है। .

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ईन्धन

जलती हुई प्राकृतिक गैस ईधंन (Fuel) ऐसे पदार्थ हैं, जो आक्सीजन के साथ संयोग कर काफी ऊष्मा उत्पन्न करते हैं। 'ईंधन' संस्कृत की इन्ध्‌ धातु से निकला है जिसका अर्थ है - 'जलाना'। ठोस ईंधनों में काष्ठ (लकड़ी), पीट, लिग्नाइट एवं कोयला प्रमुख हैं। पेट्रोलियम, मिट्टी का तेल तथा गैसोलीन द्रव ईधंन हैं। कोलगैस, भाप-अंगार-गैस, द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस और प्राकृतिक गैस आदि गैसीय ईंधनों में प्रमुख हैं। आजकल परमाणु ऊर्जा भी शक्ति के स्रोत के रूप में उपयोग की जाती है, इसलिए विखंडनीय पदार्थों (fissile materials) को भी अब ईंधन माना जाता है। वैज्ञानिक और सैनिक कार्यों के लिए उपयोग में लाए जानेवाले राकेटों में, एल्कोहाल, अमोनिया एवं हाइड्रोजन जैसे अनेक रासायनिक यौगिक भी ईंधन के रूप में प्रयुक्त होते हैं। इन पदार्थों से ऊर्जा की प्राप्ति तीव्र गति से होती है। विद्युत्‌ ऊर्जा का प्रयोग भी ऊष्मा की प्राप्ति के लिए किया जाता है इसलिए इसे भी कभी-कभी ईंधनों में सम्मिलित कर लिया जाता है। .

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ईरान

ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .

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खनिजों का बनना

खनिजों का बनना (formation) अनेक प्रकार से होता है। बनने में उष्मा, दाब तथा जल मुख्य रूप से भाग लेते हैं। निम्नलिखित विभिन्न प्रकारों से खनिज बनते हैं: (१) मैग्मा का मणिभीकरण (Crystallization from magma) - पृथ्वी के आभ्यंतर में मैग्मा में अनेक तत्व आक्साइड एवं सिलिकेट के रूपों में विद्यमान हैं। जब मैग्मा ठंडा होता है तब अनेक यौगिक खनिज के रूप में मणिभ (क्रिस्टलीय) हो जाते है और इस प्रकार खनिज निक्षेपों (deposit) को जन्म देते हैं। इस प्रकार के मुख्य उदाहरण हीरा, क्रोमाइट तथा मोनेटाइट हैं। (२) ऊर्ध्वपातन (Sublimation)- पृथ्वी के आभ्यंतर में उष्मा की अधिकता के कारण अनेक वाष्पशील यौगिक गैस में परिवर्तित हो जाते हैं। जब यह गैस शीतल भागों में पहुँचती है तब द्रव दशा में गए बिना ही ठोस बन जाती है। इस प्रकार के खनिज ज्वालामुखी द्वारों के समीप, अथवा धरातल के समीप, शीतल आग्नेय पुंजों (igneous masses) में प्राप्त होते हैं। गंधक का बनना उर्ध्वपातन क्रिया द्वारा ही हुआ है। (३) आसवन (Distillation) - ऐसा समझा जाता है कि समुद्र की तलछटों (sediments) में अंतर्भूत (imebdded) छोटे जीवों के कायविच्छेदन के पश्चात्‌ तैल उत्पन्न होता है, जो आसुत होता है और इस प्रकार आसवन द्वारा निर्मित वाष्प पेट्रोलियम में परिवर्तित हो जाता है अथवा कभी-कभी प्राकृतिक गैसों को उत्पन्न करता है। (४) वाष्पायन एवं अतिसंतृप्तीकरण (Vaporisation and Supersaturation) - अनेक लवण जल में घुल जाते हैं और इस प्रकार लवण जल के झरनों तथा झीलों को जन्म देते हैं। लवण जल का वाष्पायन द्वारा लवणों का अवशोषण (precipitation) होता है। इस प्रकार लवण निक्षेप अस्तित्व में आते हैं। इसके अतिरिक्त कभी कभी वाष्पायन द्वारा संतृप्त स्थिति आ जाने पर घुले हुए पदार्थों मणिभ पृथक हो जाते हैं। (५) 'गैसों, द्रवों एवं ठोसों की पारस्परिक अभिक्रियाएँ - जब दो विभिन्न गैसें पृथ्वी के आभ्यंतर से निकलकर धरातल तक पहुँचती हैं तथा परस्पर अभिक्रिया करती हैं तो अनेक यौगिक उत्पन्न होते है उदाहरणार्थ: इसी प्रकार गैसें कुछ विलयनों पर अभिक्रिया करती हैं। फलस्वरूप कुछ खनिज अवक्षिप्त हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, जब हाइड्रोजन सल्फाइड गैस ताम्र-सल्फेट-विलयन से पारित होती है तब ताम्र सल्फाइड अवक्षिप्त हो जाता है। कभी ये गैसें ठोस पदार्थ से अभिक्रिया कर खनिजों को उत्पन्न करती हैं। यह क्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि अनेक खनिज सिलिकेट, आक्साइड तथा सल्फाइड के रूप में इसी क्रिया द्वारा निर्मित होते हैं। किसी समय ऐसा होता है कि पृथ्वी के आभ्यंतर का उष्ण आग्नेय शिलाओं से पारित होता है एवं विशाल संख्या में अयस्क कार्यों (ore bodies) को अपने में विलीन कर लेता है। यह विलयन पृथ्वी तल के समीप पहुँच कर अनेक धातुओं को अवक्षिप्त कर देता है। स्वर्ण के अनेक निक्षेप इसी प्रकार उत्पन्न हुए हैं। कुछ अवस्थाओं में इस प्रकार के विलयन पृथ्वीतल के समीप विभिन्न शिलाओं के संपर्क में आते हैं तथा एक एक करके कणों का प्रतिस्थापन (replacement) होता है, अर्थात्‌ जब शिला के एक कण का निष्कासन होता है तो उस निष्कासित कण के स्थान पर धात्विक विलयन के एक कण का प्रतिस्थापन हो जाता है। इस प्रकार शिलाओं के स्थान पर नितांत नवीन धातुएँ मिलती हैं, जिनका आकार और परिमाण प्राचीन प्रतिस्थापित शिलाओं का ही होता है। अनेक दिशाओं में यदि शिलाओं में कुछ विदार (cracks) या शून्य स्थान (void or void spaces) होते हैं तो पारच्यवित विलयन (percolating solution) उन शून्य स्थानों में खनिज निक्षेपों को जन्म देते हैं। यह क्रिया अत्यंत सामान्य है, जिसने अनेक धात्विक निक्षेपों को उत्पन्न किया है। (६) जीवाणुओं (bacteria) द्वारा अवक्षेपण - यह भली प्रकार से ज्ञात है कि कुछ विशेष प्रकार के जीवाणुओं में विलयनों से खनिज अवक्षिप्त करने की क्षमता होती है। उदाहरणार्थ, कुछ जीवाणु लौह को अवक्षिप्त करते हैं। ये जीवाणु विभिन्न प्रकार के होते हैं तथा विभिन्न प्रकार के निक्षेपों का निर्माण करते हैं। (७) कलिलीय निक्षेपण (Collodial Deposition) - वे खनिज, जो जल में अविलेय हैं, विशाल परिमाण में कलिलीय विलयनों में परिवर्तित हो जाते हैं तथा जब इनसे कोई विद्युद्विश्लेष्य (electroyte) मिलता है तब ये विलयन अवक्षेप देते हैं। इस प्रकार कोई भी धातु अवक्षिप्त हो सकती है। कभी कभी अवक्षेपण के पश्चात्‌ अवक्षिप्त खनिज मणिभीय हो जाते हैं, किंतु अन्य दशाओं में ऐसा नहीं होता। (८) ऋतुक्षारण प्रक्रम (Weathering Process) - यह ऋतुक्षारण शिलाओं के अपक्षय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है उसी प्रकार जो विलयन बनते हैं उनमें लौह, मैंगनीज तथा दूसरे यौगिक हो सकते हैं। ये यौगिक, विलयनों द्वारा सागर में ले जाए जाते हैं और वहीं वे अवक्षिप्त हो जाते हैं। लौह तथा मैगनीज के निक्षेप इसी प्रकार उत्पन्न हुए। ऋतुक्षारण या तो पूर्ववर्ती (pre-existing) शिलाओं से अथवा पूर्ववर्ती खनिज निक्षेपों से हो सकता है। कुछ दशाओं में किसी शिला में कुछ अधोवर्ग (low grade) के विकिरित खनिज (disseminated minerals) होते हैं। तलीय जल शिलाओं के साधारण अवयवों को विलीन कर लेता है और अवशिष्ट भाग को मूल विकीरित खनिजों से समृद्ध करता है। अनेक अयस्क निक्षेप, अवशिष्ट उत्पाद के रूप में पाए जाते हैं, जैसे बाक्साइट। कुछ शिलाएँ, जैसे ग्रैनाइट (कणाश्म), वियोजन (disintegration) के पश्चात्‌ काइनाइट जैसे खनिजों को उत्पन्न करती हैं। (९) उपरूपांतरण (Metamorphism)-कुछ निक्षेप पूर्ववर्ती तलछटों के उपरूपांतरणों द्वारा निर्मित होते हैं। उदाहरण के लिए, चूना पत्थर संगमरमर को तथा कुछ मृत्तिकाएँ और सिलिका निक्षेप सिलोमनाइट को उत्पन्न करते हैं। .

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गणकीय तरल यांत्रिकी

गणकीय तरल यांत्रिकी द्वारा नासा के यान ऑर्बिटर के पार्श्व प्रवाह क्षेत्र का अनुमानित चित्र गणकीय तरल गतिकी या अभिकलनीय तरल गतिकी (Computational Fluid Dynamics or CFD), तरल यांत्रिकी (fluid mechanics) और गणक विधियों का एक एक मिश्र विषय है जिसमें आंकिक विधियों (Numerical Methods) की मदद से तरल गति के जटिल समीकरणों का हल निकाला जाता है। संगणकों के आ जाने से इस विषय में शोध और विकास के कार्य तेजी से चलने लगे हैं। .

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गैस

गैसों का कण मॉडल: गैसों के कणों के बीच की औसत दूरी अपेक्षाकृत अधिक होती है। गैस (Gas) पदार्थ की तीन अवस्थाओं में से एक अवस्था का नाम है (अन्य दो अवस्थाएँ हैं - ठोस तथा द्रव)। गैस अवस्था में पदार्थ का न तो निश्चित आकार होता है न नियत आयतन। ये जिस बर्तन में रखे जाते हैं उसी का आकार और पूरा आयतन ग्रहण कर लेते हैं। जीवधारियों के लिये दो गैसे मुख्य हैं, आक्सीजन गैस जिसके द्वारा जीवधारी जीवित रहता है, दूसरी जिसे जीवधारी अपने शरीर से छोड़ते हैं, उसका नाम कार्बन डाई आक्साइड है। इनके अलावा अन्य गैसों का भी बहु-प्रयोग होता है, जैसे खाना पकाने वाली रसोई गैस। पानी दो गैसों से मिलकर बनता है, आक्सीजन और हाइड्रोजन। .

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गैस शहर, इंडियाना

गैस शहर के हवाई दृश्य गैस शहर इंडियाना के ग्रांट काउंटी में स्थित एक शहर है। २०१० की जनगणना में जनसंख्या ५९६५ थी। .

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गैस संपीडक

गैस संपीडक (gas compressor) एक यांत्रिक युक्ति है जो गैस का आयतन घटाकर उसका दाब बढ़ा देती है। कम्प्रेसर और पम्प में समानता है - दोनो ही किसी तरल का दाब बढ़ाते हैं और दोनो ही किसी पाइप से तरल को ला-लेजा (यातायात) सकते हैं। चूंकि गैसें संपीड्य (compressible) हैं इसलिये गैस संपीडक गैस का आयतन भी कम करता है जबकि द्रव अपेक्षाकृत बहुत कम संपीड्य होने कारण पम्प द्रव का आयतन बहुत ही कम बदल पाते हैं। (अर्थात, पम्प का मुख्य काम दाबढ़ाना है, न कि आयतन कम करना) .

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गैस स्टोव

गैस स्टोव जलता हुआ द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (LPG) स्टोव खाना पकाने के सन्दर्भ में, गैस स्टोव वह स्टोव है जिसमें ऊष्मा के लिये ज्वाला पैदा करने के लिये प्राकृतिक गैस, प्रोपेन, ब्यूटेन, द्रवीकृत पेट्रोल गैस या कोई अन्य ज्वलनशील गैस का प्रयोग किया जाता है। गैस के उपयोग के पहले खाना पकाने के लिये कोयला या लकड़ी आदि ठोस ईंधनों का ही प्रयोग किया जाता था। सबसे पहले १८२० के दशक में गैस स्टोव का उपयोग आरम्भ हुआ। श्रेणी:भोजन श्रेणी:घरेलू उपयोग की वस्तुएँ.

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गैसनिर्माण

गैसनिर्माण दो उद्देश्यों से होता है। कुछ गैसें प्रकाश उत्पन्न करने के लिये बनाई जाती हैं। ऐसी गैसों को "प्रदीपक गैस" कहते हैं। कुछ गैसें ईंधन के लिये बनाई जाती हैं। ऐसी गैसों को "तापन गैस" कहते हैं। दोनों किस्म की गैसें "दाह्म गैस" हैं। इन्हें "औद्योगिक गैस" भी कहते हैं। गैसनिर्माण के एक संयंत्र की रूपरेखा (IGCC .

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गेल (इंडिया) लिमिटेड

गेल (इण्डिया) का प्रतीक चिह्न गेल (इंडिया) लिमिटेड भारत का एक नवरत्‍न सार्वजनिक उपक्रम है और भारत की प्रमुख प्राकृतिक गैस कंपनी है, जिसमें प्राकृतिक गैस मूल्‍य श्रृंखला (अन्‍वेषण और उत्‍पादन, प्रोसेसिंग, संचरण, वितरण और विपणन सहित) के सभी पहलुओं और संबंधित सेवाओं का समावेश है। गठन 16 अगस्‍त, 1984 कारोबार (2008-09) 23,776 करोड़ रुपए निवल लाभ (2008-09) 2804 करोड़ रुपए कर्मचारी 3,480 पंजीकृत कार्यालय 16, भीकाएजी कामा प्‍लेस, आर. के. पुरम, नई दिल्‍ली-110066 बाजार शेयर प्राकृतिक गैस संचरण में 78%; प्राकृतिक गेस विणन में 70% .

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कारा सागर

कारा सागर की अवस्थिति दर्शाता मानचित्र आर्कटिक महासागर का एक भाग, कारा सागर (रूसी: море Карское) साइबेरिया के उत्तर में स्थित है। पश्चिम में इसे बेरिंट सागर से कारा जलडमरूमध्य और नोवाया ज़ेमल्या तथा पूर्व में, लाप्टेव सागर से इसे सेवेर्नाया ज़ेमल्या अलग करते हैं। कारा सागर की भौगोलिक उत्तरी सीमा का निर्धारण कोलसाट अंतरीप, ग्राहम बेल द्वीप, फ्रांज जोसेफ भूमि से लेकर आर्कटिक अंतरीप (आर्कटिक केप) जो कि सेवेर्नाया ज़ेमल्या का सबसे उत्तरी सिरा है, से गुजरती रेखा के द्वारा होता है। कारा सागर की लंबाई 1450 किलोमीटर, चौड़ाई लगभग 970 किलोमीटर, क्षेत्रफल 880000 किमी² तथा औसत गहराई लगभग 110 मीटर (360 फीट) है। कारा सागर, बेरिंट सागर जो कि अन्ध महासागर की अपेक्षाकृत गर्म जलधाराओं को ग्रहण करता है, की तुलना में अधिक ठंडा है और वर्ष में नौ महीने से अधिक समय तक जमा रहता है। कारा सागर में ओब, येनिसेय, प्यासिना और टैमिरा नदियां विसर्जित होती हैं और इनके मीठे पानी के कारण इसकी लवणता बदलती रहती है। इसके मुख्य बंदरगाह नोवी और डिकसोन हैं और यह मछली पकड़ने का प्रमुख स्थल है, बावजूद इसके की वर्ष के सिर्फ दो महीने ही इस गतिविधि के लिए उपयुक्त होते हैं, क्योंकि बाकी समय यह जमा रहता है। पश्चिम साइबेरियाई तेल बेसिन के विस्तार के तौर पर यहाँ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के भंडारों को खोजा गया है पर अभी तक इनका दोहन शुरु नहीं हुआ है। आर्किटिक महासागर को दुनिया का ‘एसी’ कहा जाता है, ये महासागर दुनिया की हिफाजत करता है। लेकिन आर्किटिक महासागर की बर्फ की मोटी चादर के नीचे दबी है एक न्‍यूक्लियर पनडुब्‍बी। इस पनडुब्‍बी में परमाणु बम के बराबर रेडियो एक्टिव पदार्थ है और ये पदार्थ समुद्र के पानी में घुलता जा रहा है। यकीन मानिए ये खतरा किसी एटम बम से कम नहीं है। .

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कार्बन फुटप्रिंट

कार्बन फुटप्रिंट का अर्थ किसी एक संस्था, व्यक्ति या उत्पाद द्वारा किया गया कुल कार्बन उत्सर्जन होता है। यह उत्सर्जन कार्बन डाइऑक्साइड या ग्रीनहाउस गैसों के रूप में होता है।। हिन्दुस्तान लाइव। २२ दिसम्बर २००९ कार्बन फुटप्रिंट का नाम इकोलॉजिकल फुटप्रिंट विमर्श से निकला है। यह इकोलॉजिकल फुटप्रिंट का ही एक अंश है। उससे भी अधिक यह लाइफ साइकिल असेसमेंट (एल.सी.ए) का हिस्सा है। किसी व्यक्ति, संस्था या वस्तु के कार्बन फुटप्रिंट का आकलन ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के आधार पर किया जा सकता है। संभवत: कार्बन फुटप्रिंट का सबसे बड़ा कारण मानव की यात्रा इच्छा ही होती है। इसके साथ ही एक अन्य बड़ा कारण घर में प्रयोग होने वाली विद्युत भी है। वैज्ञानिकों के अनुसार मानव की लगभग सभी आदतें, जिनमें खानपान से लेकर पहने जाने वाले कपड़े तक शामिल हैं, उसके कार्बन फुटप्रिंट का कारण बनते हैं। ग्रीनहाउस गैसों में कमी लाने के कई तरीके हैं। सौर, पवन ऊर्जा के अधिक इस्तेमाल और पौधा रोपण आदि से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाई जा सकती है। कार्बन उत्सर्जन और अन्य ग्रीनहाउस गैसों का वातावरण में निकास जीवाश्म ईंधन, कच्चे तेल और कोयले के जलने से होता है। क्योटो प्रोटोकॉल में कार्बन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैसों पर निश्चित समय-सीमा के अंतर्गत रोक लगाने का मसौदा भी प्रतुत किया गया था। .

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किज़िल कुम रेगिस्तान

उज़बेकिस्तान में किज़िल कुम में एक बस्ती से निकलती सड़क अंतरिक्ष से किज़िल कुम - तस्वीर में मध्य में नीचे की तरफ - दाएँ में कैस्पियन सागर है और उस से ज़रा बाएँ में अधिकतर सूखा हुआ अरल सागर, किज़िल कुम दो नदियों की रेखाओं (आमू दरिया और सिर दरिया) के बीच का इलाक़ा है किज़िल कुम में रेत का टीला किज़िल कुम या क़िज़िल क़ुम (उज़बेक: Qizilqum; कज़ाख़: Қызылқұм; अंग्रेज़ी: Kyzyl Kum) मध्य एशिया में स्थित एक रेगिस्तान है। इसका क्षेत्रफल २,९८,००० वर्ग किमी (१,१५,००० वर्ग मील) है और यह दुनिया का ११वाँ सबसे बड़ा रेगिस्तान है। यह आमू दरिया और सिर दरिया के बीच के दोआब में स्थित है। इसका अधिकाँश हिस्सा कज़ाख़स्तान और उज़बेकिस्तान में आता है, हालांकि एक छोटा भाग तुर्कमेनिस्तान में भी पड़ता है। तुर्की भाषाओँ में 'किज़िल कुम' का मतलब 'लाल रेत' है और इस रेगिस्तान की रेतों में मिश्रित पदार्थ बहुत से स्थानों में इसे एक लालिमा देते हैं। इस से दक्षिण-पश्चिम में आमू दरिया के पार काराकुम रेगिस्तान पड़ता है जिसके नाम का अर्थ 'काली रेत' है।, R. Lal, Psychology Press, 2007, ISBN 978-0-415-42235-2,...

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कूलिंग टॉवर

डिडकोट पॉवर स्टेशन, ब्रिटेन पर प्राकृतिक ड्राफ्ट वेट कूलिंग हाइपरबोलिक टॉवर्स यांत्रिक रूप से प्रेरित ड्राफ्ट कूलिंग टॉवर कूलिंग टॉवर्स ऊष्मा निष्कासन के वे उपकरण हैं जिनका उपयोग संसाधित अपशिष्ट ऊष्मा को वातावरण में छोड़ने के लिए किया जाता है। कूलिंग टॉवर्स में संसाधित उष्मा को निकालने के लिए पानी के वाष्पीकरण के लिए या तो वेट-बल्ब वाले वायु तापमान के समीप क्रियाशील तरल को ठंडा करने के लिए उपयोग किया जाता है या फिर ड्राई-बल्ब वाले वायु तापमान के समीप क्रियाशील तरल को ठंडा करने के लिए पूरी तरह से वायु पर निर्भर रहना पड़ता है। सामान्य अनुप्रयोगों में तेल शोधक कारखाने, रासायनिक संयंत्र, ऊर्जा संयंत्रों और इमारत को ठंडा करने में प्रयुक्त किया जाने वाला प्रवाहित होने वाले पानी को ठंडा करना शामिल है। टॉवर्स छोटी छत से लेकर बड़ी छत वाली बहुत बड़ी अंडाकार संचरनाएं(छवि 1 में दिखाएनुसार) हो सकती हैं जिनकी ऊंचाई लगभग 200 मीटर तक ऊंची और चौड़ाई 100 मीटर तक या आयतकार संरचना (चित्र 2 में दिखाएनुसार) के समान हो सकती हैं जिनकी उंचाई 40 मीटर तक और लंबाई 80 मीटर तक हो सकती है। छोटे टॉवर सामान्यतः फैक्ट्री में बनते हैं, जबकि बड़ों का निर्माण साइट पर ही किया जाता है। उन्हें आमतौर पर परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से जोड़ कर देखा जाता है। अंडाकार कूलिंग टॉवर का पेटेंट फ्रेडरिक वैन इटैरसन और जेरार्ड क्युपर्स द्वारा 1918 में किया गया। .

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कोनोकोफिलिप्स

कोई विवरण नहीं।

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