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प्रशासन

सूची प्रशासन

किसी क्षेत्र में विशिष्ट शासन या किन्ही मानव प्रबंधन गतिविधियों को प्रशासन (administration) कहा जा सकता है। प्रशासन से निम्नलिखित का बोध हो सकता है-.

35 संबंधों: तहसील, दंगा, नैगम शासन, नोबेल संस्थान, पाँचवीं रिपोर्ट, प्रबन्धन, प्राचीन मिस्र, प्रखण्ड, बनगाँव (बिहार ), भारत का योजना आयोग, मानव संसाधन प्रबंधन, राज्य सिविल सेवा, राजीव गौबा, रैडक्लिफ़ कॉलेज, लोक प्रशासन, लोक प्रशासन का इतिहास, शुक्रनीति, समेकित बाल संरक्षण योजना, संगठनात्मक विकास, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, सूचना प्रौद्योगिकी, हर्बट होप रिस्ली, जयपुर का इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड, जोधपुर रेलवे स्टेशन, वित्त प्रशासन, विकास प्रशासन, वुडरो विल्सन, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, वीरेंद्र दयाल, ग्रैंड ट्रंक रोड, आई टी आई एल, काँठ, क्षेत्रवाद, अनुमंडल, उत्सर्जन व्यापार

तहसील

तहसील भारत की एक प्रशासनिक ईकाई है। एक राज्य कई जिलों से मिलकर बना होता है। एक जिले के अन्दर कई तालुक या तहसील या प्रखण्ड होते हैं।तहसील का प्रभाई अधिकारी तहसीलदार होता है। श्रेणी:प्रशासनिक विभाग श्रेणी:प्रशासन राजस्थान के करौली जिले मे ब्लॉक वाइज तहसील निम्न प्रकार है.

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दंगा

दंगा (इंग्लिश: Riot) सामाजिक विकार का एक रूप है जिसमें सामान्यतः एक हिंसक समूह प्रशासन, संपत्ति या लोगों के खिलाफ सार्वजनिक अशांति का माहौल पैदा कर देता है। दंगों में आम तौर पर बर्बरता और सार्वजानिक या निजी संपत्ति का विनाश देखने को मिलता है। संपत्ति का प्रकार इसमें शामिल लोगों के हठ पर निर्भर करता है। लक्ष्य में दुकानें, कारें, रेस्तरां, राज्य के स्वामित्व वाली संस्थाओं और धार्मिक इमारतों भी शामिल हो सकतीं हैं। .

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नैगम शासन

नैगम शासन या 'कम्पनी शासन' या कॉरपोरेट शासन प्रक्रियाओं, रिवाजों, नीतियों, क़ानून और संस्थाओं की एक व्यवस्था है, जिनसे निगम (या कंपनी) निर्देशित, प्रशासित या नियंत्रित होती है। कॉर्पोरेट प्रशासन में कई हितधारकों के बीच संबंध और लक्ष्य भी शामिल हैं, जिनके लिए निगम नियंत्रित होती है। प्रमुख हितधारकों में हैं, शेयरधारक/सदस्य, प्रबंधन और निदेशक मंडल.

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नोबेल संस्थान

नोबेल संस्थान वित्त और प्रशासन प्रबंधन के लिए 29 जून 1900 को स्थापित की गयी एक निजी संस्था है। यह तब से नोबेल पुरस्कार का आयोजन करती है। यह डाइनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के अंतिम इच्छा पर आधारित है। .

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पाँचवीं रिपोर्ट

सन् १८१३ में ब्रिटिश संसद में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिनमें से एक रिपोर्ट पाँचवी रिपोर्ट कहलाती थी। इस रिपोर्ट में भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के प्रशासन और क्रियाकलापों का वर्णन था। इस रिपोर्ट में जमींदारों और रैयतों (किसानों) की अर्जियाँ तथा अलग-अलग जिलों के कलेक्टरों की रिपोर्टें, राजस्व विवरणियों से सम्बन्धित सांख्यिकीय तालिकाएँ और अधिकारियों द्वारा बंगाल तथा मद्रास के राजस्व तथा न्यायिक प्रशासन पर लिखी हुई टिप्पणीया शामिल थीं। श्रेणी:भारत में ब्रिटिश राज.

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प्रबन्धन

व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन (Management) का अर्थ है - उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन (planning), संगठन-निर्माण (organizing), स्टाफिंग (staffing), नेतृत्व करना (leading या directing), तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं। संगठन भले ही बड़ा हो या छोटा, लाभ के लिए हो अथवा गैर-लाभ वाला, सेवा प्रदान करता हो अथवा विनिर्माणकर्ता, प्रबंध सभी के लिए आवश्यक है। प्रबंध इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। प्रबंध में पारस्परिक रूप से संबंधित वह कार्य सम्मिलित हैं जिन्हें सभी प्रबंधक करते हैं। प्रबंधक अलग-अलग कार्यों पर भिन्न समय लगाते हैं। संगठन के उच्चस्तर पर बैठे प्रबंधक नियोजन एवं संगठन पर नीचे स्तर के प्रबंधकों की तुलना में अधिक समय लगाते हैं। kisi bhi business ko start krne se phle prabandh yaani ke managements ki jaroort hoti h .

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प्राचीन मिस्र

गीज़ा के पिरामिड, प्राचीन मिस्र की सभ्यता के सबसे ज़्यादा पहचाने जाने वाले प्रतीकों में से एक हैं। प्राचीन मिस्र का मानचित्र, प्रमुख शहरों और राजवंशीय अवधि के स्थलों को दर्शाता हुआ। (करीब 3150 ईसा पूर्व से 30 ई.पू.) प्राचीन मिस्र, नील नदी के निचले हिस्से के किनारे केन्द्रित पूर्व उत्तरी अफ्रीका की एक प्राचीन सभ्यता थी, जो अब आधुनिक देश मिस्र है। यह सभ्यता 3150 ई.पू.

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प्रखण्ड

प्रखण्ड भारत की एक प्रशासनिक इकाई है। एक राज्य कई जिलों से मिलकर बना होता है। एक जिले के अन्दर कई प्रखण्ड होते हैं। एक प्रखंड में कई गाँव होते हैं। श्रेणी:प्रशासन.

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बनगाँव (बिहार )

बनगाँव भारत के बिहार राज्य के सहरसा जिले के पश्चिम मे अवस्थित एक गाँव है जिसकी पहचान सदियों से रही है। जनसँख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से ये गाँव ना सिर्फ राज्य के बल्कि देश के सबसे बड़े गांवों मे एक हैं। २००१ की जनगणना के मुताबिक़ इस गाँव की आबादी ६०००० है हालांकि पिछले दशक जनसख्या मे बढोत्तरी को ध्यान मे रखते हुए ये संख्या वर्तमान मे ७००००-७५००० के मध्य मे हो सकती है। यह गाँव कोसी प्रमंडल के कहरा प्रखंड के अंतर्गत आता है। इस गाँव से तीन किलोमीटर पूर्व मे बरियाही बाजार, आठ किलोमीटर पश्चिम मे माँ उग्रतारा की पावन भूमि महिषी और उत्तर मे बिहरा गाँव अवस्थित है। इस गाँव मे तीन पंचायतें हैं। हर पंचायत के एक मुखिया हैं। सरकार द्वारा समय समय पर पंचायती चुनाव कराये जातें है। इन्ही चुनावों से हर पंचायत के सदस्यों का चुनाव किया जाता है। वक्त के हर पड़ाव पर इस गाँव का योगदान अपनी आंचलिक सीमा के पार राज्य, देश और दुनिया को मिलता रहा है। इन योगदानों मे लोक शासन, समाज सेवा, साहित्य, पत्रकारिता, राजनीति, देशसेवा और भक्ति मे योगदान प्रमुख हैं। भक्ति और समाजसेवा के ऐसे की एक स्तंभ, संत लक्ष्मीनाथ गोसाईं, जिन्होंने इस गाँव को अपनी कर्मभूमि बनाई, को लोग भगवान की तरह पूजते है। उनका मंदिर गाँव के प्रमुख दार्शनिक स्थलों मे से एक है। गाँव के बोलचाल की भाषा मैथिली है और यहाँ हिंदू तथा इस्लाम धर्मों को माननेवाले सदियों से आपसी सामंजस्य और धार्मिक सहिष्णुता से साथ रहते हैं। .

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भारत का योजना आयोग

भारत का योजना आयोग, भारत सरकार की एक संस्था थी जिसका प्रमुख कार्य पंचवर्षीय योजनायें बनाना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने पहले स्वतंत्र दिवस के भाषण में यह कहा कि उनका इरादा योजना कमीशन को भंग करना है। 2014 में इस संस्था का नाम बदलकर नीति आयोग (राष्‍ट्रीय भारत परिवर्तन संस्‍थान) किया गया। भारत में योजना आयोग के संबंध में कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है। 15 मार्च 1950 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित प्रस्ताव के द्वारा योजना की स्थापना की गई थी। योजना आयोग का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है। 17 अगस्त 2014 को योजना आयोग खत्म कर दिया गया और इसके जगह पर नीति आयोग का गठन हुआ। नीति आयोग भारत सरकार की एक थिंक टैंक है। योजना आयोग का हेड क्वार्टर योजना भवन के नाम से जाना जाता था। यह नई दिल्ली में है। इसके अतिरिक्त इसके अन्य कार्य हैं: -.

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मानव संसाधन प्रबंधन

मानव संसाधन प्रबंधन (HRM) किसी प्रतिष्ठान की सबसे मूल्यवान उन आस्तियों के प्रबंधन का कौशलगत और सुसंगत दृष्टिकोण है- जो वहां काम कर रहे हैं तथा व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से व्यापार के उद्देश्यों की प्राप्ति में योगदान दे रहे हैं। "मानव संसाधन प्रबंधन" और "मानव संसाधन" (HR) शब्दों का स्थान मुख्यतः "कार्मिक प्रबंधन" शब्द ने ले लिया है, जो प्रतिष्ठान में लोगों के प्रबंधन में शामिल प्रक्रियाओं की व्याख्या करता है। सामान्य अर्थ में HRM का मतलब लोगों को रोजगार देना, उनके संसाधनों का विकास करना, उपयोग करना, उनकी सेवाओं को काम और प्रतिष्टान की आवश्यकता के अनुरूप बनाये रखना और बदले में (भरण-पोषण) मुआवजा देते रहना है। .

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राज्य सिविल सेवा

भारतीय सिविल सेवाके अनुरूप राज्य स्तर पर प्रशासन की सहायता के लिये राज्य सिविल सेवाऐं होती हैं, जिसे राज्य सिविल सेवा के रूप में भी जाना जाता है, यह राज्य स्तर की सिविल सेवा है और इसमें राज्य सरकार की स्थायी नौकरशाही होती हैं। 1947 से 50 की अवधि में इन सेवाओं की स्थापना तथा तत्संबंधी अन्य निश्चयों के साथ ही साथ संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत के लिए एक संविधान का निर्माण कर दिया और विभिन्न रियासतों के विलयन के बाद देश में राजनीतिक एकता स्थापित हो गई। संविधान का स्वरूप, जिसके अधीन ये लोकसेवाएँ थीं, इन राजनीतिक परिवर्तनों को ध्यान में रखकर स्थिर किया गया था। राज्यों का ढाँचा संघात्मक बनाया गया था, तथापि सार्वजनिक सेवारत कर्मचारियों की मनमानी पदच्युति, स्थानांतरण, पदों के न्यूनीकरण आदि से बचाव के लिए सारे देश में एक जैसी व्यवस्था संविधान द्वारा की गई। समस्त देश में सार्वजनिक सेवाओं और पदों पर भरती और नियुक्ति लोकसेवा आयोगों के माध्यम से करने की व्यवस्था की गई। सेवा की स्थितियों, उन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्यवाही तथा सेवाकाल में हुई क्षति अथवा विवाद आदि की अवस्था में इन कर्मचारियों के अधिकारों से संबंधित नियमादि बनाने के संबंध में भी इन आयोगों की राय लेना आवश्यक माना गया।.

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राजीव गौबा

राजीव गौबा एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी तथा वर्तमान भारत के गृह सचिव हैं | .

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रैडक्लिफ़ कॉलेज

रैडक्लिफ कॉलेज कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में एक महिला उदार कला महाविद्यालय था और सभी पुरुष हार्वर्ड कॉलेज के लिए महिला समन्वय संस्थान के रूप में काम किया। यह सात श्रमिकों कॉलेजों में से एक भी था, जिसमें से ब्रायन मॉर कॉलेज के साथ एक विशेष बौद्धिक, साहित्यिक और स्वतंत्र विचारधारा वाले छात्र शरीर होने की लोकप्रिय प्रतिष्ठा को साझा किया गया। रैडक्लिफ़ ने राडक्लिफ़ कॉलेज डिप्लोमा को अंडरग्रेजुएट और ग्रेजुएट छात्रों को अपने इतिहास के पहले 70 या इतने सालों के लिए और 1963 से शुरू होने वाले हार्वर्ड-रेडक्लिफ डिप्लोमा को सीधे अंडरग्रेजुएट्स को प्रदान किया। हार्वर्ड के साथ एक औपचारिक "गैर विलय विलय" 1997 में, हार्वर्ड के साथ पूर्ण एकीकरण 1999 में पूर्ण हुआ। आज, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के भीतर, रैडक्लिफ के पूर्व प्रशासनिक परिसर (रैडक्लिफ यार्ड) रैडक्लिफ इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी का घर है, और रैडक्लिफ़ क्वाड्रंगल (फोर्ब्ज़ेमर हाउस, काबोट हाउस, और क्यूरी हाउस) को हार्वर्ड कॉलेज हाउस सिस्टम में शामिल किया गया है। 1999 के समेकन की शर्तों के तहत, रैडक्लिफ यार्ड और रैडक्लिफ क्वाडरजले ने "रेडक्लिफ" नामांकन को कायम रखा।.

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लोक प्रशासन

लोक प्रशासन (Public administration) मोटे तौर पर शासकीय नीति (government policy) के विभिन्न पहलुओं का विकास, उन पर अमल एवं उनका अध्ययन है। प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है। एक अनुशासन के रूप में इसका अर्थ वह जनसेवा है जिसे 'सरकार' कहे जाने वाले व्यक्तियों का एक संगठन करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य और अस्तित्व का आधार 'सेवा' है। इस प्रकार की सेवा उठाने के लिए सरकार को जन का वित्तीय बोझ करों और महसूलों के रूप में राजस्व वसूल कर संसाधन जुटाने पड़ते हैं। जिनकी कुछ आय है उनसे कुछ लेकर सेवाओं के माध्यम से उसका समतापूर्ण वितरण करना इसका उद्देश्य है। किसी भी देश में लोक प्रशासन के उद्देश्य वहां की संस्थाओं, प्रक्रियाओं, कार्मिक-राजनीतिक व्यवस्था की संरचनाओं तथा उस देश के संविधान में व्यक्त शासन के सिद्धातों पर निर्भर होते हैं। प्रतिनिधित्व, उत्तरदायित्व, औचित्य और समता की दृष्टि से शासन का स्वरूप महत्व रखता है, लेकिन सरकार एक अच्छे प्रशासन के माध्यम से इन्हें साकार करने का प्रयास करती है। .

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लोक प्रशासन का इतिहास

एक व्यवस्थित अध्ययन के रूप में लोक-प्रशासन का विकास अभी नया ही है। लोक-प्रशासन के शैक्षिक अध्ययन का प्रारम्भ करने का श्रेय वुडरो विल्सन को जाता है जिसने १८८७ में प्रकाशित अपने लेख ‘द स्टडी ऑफ ऐडमिनिस्ट्रेशन' में इस शास्त्र के वैज्ञानिक आधार को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस लेख में राजनीति तथा प्रशासन के बीच स्पष्ट भिन्नता दिखाई गई और घोषित किया गया कि प्रशासन की राजनीति से दूर रहना चाहिए। इसी को तथाकथित ‘राजनीति-प्रशासन-द्विभाजन’ कहते हैं। लोक प्रशासन का इतिहास निम्नलिखित 5 चरणों में विभाज्य है- .

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शुक्रनीति

शुक्रनीति एक प्रसिद्ध नीतिग्रन्थ है। इसकी रचना करने वाले शुक्र का नाम महाभारत में 'शुक्राचार्य' के रूप में मिलता है। शुक्रनीति के रचनाकार और उनके काल के बारे में कुछ भी पता नहीं है। शुक्रनीति में २००० श्लोक हैं जो इसके चौथे अध्याय में उल्लिखित है। उसमें यह भी लिखा है कि इस नीतिसार का रात-दिन चिन्तन करने वाला राजा अपना राज्य-भार उठा सकने में सर्वथा समर्थ होता है। इसमें कहा गया है कि तीनों लोकों में शुक्रनीति के समान दूसरी कोई नीति नहीं है और व्यवहारी लोगों के लिये शुक्र की ही नीति है, शेष सब 'कुनीति' है। शुक्रनीति की सामग्री कामन्दकीय नीतिसार से भिन्न मिलती है। इसके चार अध्यायों में से प्रथम अध्याय में राजा, उसके महत्व और कर्तव्य, सामाजिक व्यवस्था, मन्त्री और युवराज सम्बन्धी विषयों का विवेचन किया गया है। .

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समेकित बाल संरक्षण योजना

समेकित बाल संरक्षण योजना समेकित बाल संरक्षण योजना (ICPS) महिला एवं बाल विकास मंत्रालय,भारत सरकार की एक विस्तृत योजना है जिसका उद्देश्य देश में बच्चों के लिए एक संरक्षणकारी वातावरण तैयार करना है 'यह एक केंद्रीय रूप से प्रायोजित योजना है जो न केवल गलीकूचों और कामकाजी बच्चों के लिए योजना,किशोर न्याय का प्रशासन,आदि जैसी, मंत्रालय की मौजूदा सभी बाल संरक्षण योजनाओं को एक छत्र के अंतर्गत लाती है, बल्कि केंद्रीय बजट में बाल संरक्षण कार्यक्रमों के लिए अधिक आवंटन भी प्रस्तावित करती है' इस योजना का उद्देश्य बच्चों को कार्यक्षम और प्रभावकारी रूप से संरक्षण प्रदान करने वाली व्यवस्था के निर्माण के सरकार /राज्य के दायित्व को पूरा करने में योगदान करना है' यह "बाल अधिकारों की रक्षा" और "बच्चे के सर्वोत्ताम हित" के आधारभूत सिद्धांतों पर तथा किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2000, संशोधित अधिनियम, 2006 और उसमें दी गई नियमावली पर आधारित है। यह देखरेख और संरक्षण के ज़रूरतमंद बच्चों और विधि का उल्लंघन करने वाले किशोरों का समग्रतापूर्ण विकास,देखरेख, संरक्षण और उपचार के प्रति बाल-मैत्रीपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए किशोर न्याय अधिनियम और उसकी नियमावली को प्रोन्नत करती है ' समेकित बाल संरक्षण योजना (आईसीपीएस) के लक्ष्य इस प्रकार हैं: कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के कल्याण में सुधार हेतु योगदान करना और साथ ही ऐसी असुरक्षाओं, स्थितियों और कार्रवाइयों में कमी लाना जिनकी वजह से बच्चे की उपेक्षा, शोषण और अलगाव जन्म लेते हैं ' समेकित बाल संरक्षण योजना का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण बाल संरक्षण सेवाओं में सुधार ला कर; बाल अधिकारों के बारे में जन जागरूकता पैदा करके; बाल संरक्षण के लिए जवाबदेही को लागू करके, आवश्यक सेवाओं का संस्थाकरण करके और वर्तमान ढांचों को मजबूत बना कर; कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के लिए सांविधिक और सहायता सेवाएं प्रदान करने हेतु सरकार के सभी स्तरों पर कार्यशील ढांचों की स्थापना करके; साक्ष्य-आधारित अनुश्रवण और मूल्यांकन, सभी स्तरों पर क्षमताओं को बढ़ा कर; ज्ञान-आधार का निर्माण करके; और परिवार एवं समुदाय के स्तर पर बाल संरक्षण के कार्य का सुदृढ़ीकरण करके इन लक्ष्यों को प्राप्त करना है' .

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संगठनात्मक विकास

संगठनात्मक विकास (OD) किसी संगठन की प्रभावकारिता और व्यावहारिकता को बढ़ाने के लिये एक नियोजित, संगठन-स्तरीय प्रयास होता है। वॉरेन बेनिस (Warren Bennis) ने OD का उल्लेख परिवर्तन के प्रति एक प्रतिक्रिया, एक जटिल शिक्षात्मक रणनीति के रूप में किया है, जिसका उद्देश्य संगठन के विश्वासों, दृष्टिकोणों, मूल्यों और संरचना को बदलना होता है, ताकि उन्हें नई प्रौद्योगिकियों, विपणन और चुनौतियों, तथा स्वतः परिवर्तन की आश्चर्यचकित कर देने वाली दर के साथ बेहतर ढंग से अनुकूलित किया जा सके.

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार

सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की एक शाखा है जो सूचना, प्रसारण, प्रेस और फिल्मों से संबंधित नियमों, विनियमों और कानूनों के निर्माण और प्रशासन का शीर्ष निकाय है। इस मंत्रालय की वर्तमान कैबिनेट मंत्री, स्मृति ईरानी है। मंत्रालय, भारत सरकार की प्रमुख प्रसारण शाखा, प्रसार भारती के प्रशासन के लिए भी उत्तरदायी है। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड भी इस मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाला भारत सरकार का एक प्रमुख निकाय है, जो भारत में प्रदर्शित होने वाली सभी फिल्मों के विनियमन के लिए भी उत्तरदायी है। .

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सूचना प्रौद्योगिकी

२००५ में विश्व के विभिन्न देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर व्यय राशि (यूएसए की तुलना में) सूचना प्रौद्योगिकी (en:information technology) आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना (इंफार्मेशन) संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिजाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से सम्बन्धित है। सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर पर आधारित सूचना-प्रणाली का आधार है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। संचार क्रान्ति के फलस्वरूप अब इलेक्ट्रानिक संचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology, ICT) भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है। .

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हर्बट होप रिस्ली

हर्बट होप रिस्ली .

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जयपुर का इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड

जयपुर इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड गुरूवार २९ अक्टूबर २००९ को हुआ था। इस अग्निकाण्ड में राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर शहर के निकट स्थित सांगानेर में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तेल भण्डार डिपो में भीषण आग लग गई जिसमें कंपनी को जहाँ करोड़ों की हानि हुई, वहीं इस दुर्घटना में ११ लोगों की मृत्यु भी हो गयी। .

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जोधपुर रेलवे स्टेशन

जोधपुर रेलवे स्टेशन जोधपुर,राजस्थान,भारत में स्थित एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन भारतीय रेल के उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन है। .

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वित्त प्रशासन

कृपया वित्त प्रबन्धन से भ्रमित न हों। ---- वित्तीय प्रशासन (Financial Administration) शब्द का प्रयोग व्यापक अर्थ में किया जाता है। इसमें वे सब प्रक्रियायें सम्मिलित की जाती हैं जो कि निम्न कार्यों को सम्पन्न करने में उत्पन्न होती हैः वित्त के बिना सरकार अपने उद्देश्य में पूर्णतः सफल नहीं हो सकती। प्रशासन के लिये वित्त की इतनी अधिक महत्ता होने के कारण वित्त के प्रशासन का अध्ययन भी अत्यन्त महत्वपूर्ण हो गया है। जो सरकार वित्तीय प्रशासन की एक सन्तोषजनक व्यवस्था का निर्माण कर लेती है वह अपने कार्यों का प्रबन्ध कुशलता के साथ करने की दिशा में काफी आगे बढ़ जाती है। इस प्रकार वित्तीय प्रशासन, जोकि एक सी व्यवस्था तथा रीतियों का निर्माण करता है जिनके द्वारा लोक सेवाओं के संचालन के लिये धन प्राप्त किया जाता है, व्यय किया जाता है और उसका लेखा रखा जाता है, आधुनिक सरकार का हृदय माना जाता है। वित्तीय प्रशासन एक ऐसी गतिशील प्रक्रिया है जो कि निम्नलिखित संक्रियाओं (Operations) की एक सतत शृंखला का निर्माण करती है -.

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विकास प्रशासन

विकास प्रशासन (Development Administration) का अर्थ विकास से सम्बन्धित प्रशासन से लिया जाता है। यह सरकार द्वारा योजनाबद्ध तरीके से राष्ट्र के अर्थव्यवस्था मे परिमाणात्मक एवं गुणात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक प्रयास है। यह सरकार की उस हर एक गतिविधि का नाम है, जिसमें जन-कल्याण या राष्ट्रीय-विकास निहित है। अतः यह न केवल सामान्य/ नियामकीय प्रशासन (Regulatory Administration) से जुड़ा है अपितु मानवीय जीवन के सभी पहलू- सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक इत्यादि भी इससे जुड़े हैं। .

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वुडरो विल्सन

वुडरो विल्सन (Woodrow Wilson) (१८५६-१९२४) अमेरिका के २८ वें राष्ट्रपति थे। विल्सन को लोक प्रशासन के प्रकार्यों की व्याख्या करने वाले अकादमिक विद्वान, प्रशासक, इतिहासकार, विधिवेत्ता और राजनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है। .

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वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी) हिन्दी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं के वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दों को परिभाषित एवं नए शब्दों का विकास करता है। भारत की स्वतंत्रता के बाद वैज्ञानिक-तकनीकी शब्दावली के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सन् १९५० में बोर्ड की स्थापना की। सन् १९५२ में बोर्ड के तत्त्वावधान में शब्दावली निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। अन्तत: १९६० में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय और 1961 ई. में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना हुई। इस प्रकार विभिन्न अवसरों पर तैयार शब्दावली को 'पारिभाषिक शब्द संग्रह' शीर्षक से प्रकाशित किया गया, जिसका उद्देश्य एक ओर वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के समन्वय कार्य के लिए आधार प्रदान करना था और दूसरी ओर अन्तरिम अवधि में लेखकों को नई संकल्पनाओं के लिए सर्वसम्मत पारिभाषिक शब्द प्रदान करना था। स्वतंत्रता के बाद भारत के संविधान के निर्माताओं का ध्यान देश की सभी प्रमुख भाषाओं के विकास की ओर गया। संविधान में हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई और केंद्रीय सरकार को यह दायित्व सौंपा गया कि वह हिंदी का विकास-प्रसार करें एवं उसे समृद्ध करे। तदनुसार भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 351 के अधीन हिंदी का विकास एवं समृद्धि की अनेक योजनाएँ आरंभ कीं। इन योजनाओं में हिंदी में तकनीकी शब्दावली के निर्माण का कार्यक्रम भी शामिल किया गया ताकी ज्ञान-विज्ञान की सभी शाखाओं में हिंदी के माध्यम से अध्ययन एवं अध्यापन हो सके। शब्दावली निर्माण कार्यक्रम को सही दिशा देने के लिए 1950 में शिक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में वैज्ञानिक शब्दावली बोर्ड की स्थापना की गई। पहले यह कार्य शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत हिंदी एकक द्वारा किया जाता था किन्तु बाद में विभिनन विषयों की हिंदी शब्दावली का निर्माण करने के दौरान यह ज्ञात हुआ कि यह काम बहुत ही अधिक विशाल, गहन और बहुआयामी है। इसके पूरे होने में बहुत सकय लगेगा और इस कार्य के लिए सभी विषयों के विशेषज्ञों एवं भाषाविदों की आवश्यकता होगी। अतः भारत सरकार ने 1 अक्तूबर, 1961 को प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ॰ डी.एस. कोठारी की अध्यक्षता में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना की ताकि शब्दावली निर्माण का कार्य सही एवं व्यापक परिप्रेक्ष्य में कार्यान्वित किया जा सके। .

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वीरेंद्र दयाल

वीरेंद्र दयाल भारत सरकार ने १९९२ में प्रशा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली से हैं। वीरेंद्र दयाल (जन्म 29 जनवरी 1935) एक भारतीय सिविल सेवक, राजनयिक और एक पूर्व बावर्ची दे कैबिनेट सचिव जनरल रह चुके हैं। उन्होंने निदेशक के कार्यालय के विशेष राजनीतिक मामलों के संयुक्त राष्ट्र के रूप में और जो भारत राजनेता एक पूर्व मंत्री के विदेश, २००५ के पॉल वोल्कर समिति रिपोर्ट में नटवर सिंह, सहित की एक संख्या के खिलाफ लगाया आरोप की जांच की विशेष दूत के रूप में सेवा की है। वह एक पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी और विवि १९५६ के दयाल राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत में सदस्य के रूप में १९९८ से २००६ के लिए दो सालो के लिए बैठ गया। यह अपने कार्यकाल के दौरान वह दक्षिण एशिया में और कार्यकारी सहायक के उच्चायुक्त की क्षमता में वियतनाम के नाव लोग संकट में शरणार्थियों में शामिल किया गया था। श्रेणी:१९९२ पद्म भूषण .

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ग्रैंड ट्रंक रोड

ग्रैंड ट्रंक रोड, दक्षिण एशिया के सबसे पुराने एवं सबसे लम्बे मार्गों में से एक है। दो सदियों से अधिक काल के लिए इस मार्ग ने भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी एवं पश्चिमी भागों को जोड़ा है। यह हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांगलादेश के चटगाँव से प्रारंभ होता है और लाहौर (पाकिस्तान) से होते हुए अफ़ग़ानिस्तान में काबुल तक जाता है। पुराने समय में इसे, उत्तरपथ,शाह राह-ए-आजम,सड़क-ए-आजम और बादशाही सड़क के नामों से भी जाना जाता था। यह मार्ग, मौर्य साम्राज्य के दौरान अस्तित्व में था और इसका फैलाव गंगा के मुँह से होकर साम्राज्य के उत्तर-पश्चिमी सीमा तक हुआ करता था। आधुनिक सड़क की पूर्ववर्ती का पुनःनिर्माण शेर शाह सूरी द्वारा किया गया था। सड़क का काफी हिस्सा १८३३-१८६० के बीच ब्रिटिशों द्वारा उन्नत बनाया गया था। .

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आई टी आई एल

इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी इन्फ्रस्ट्रक्चर लाइब्ररी.

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काँठ

काँठ (अंग्रेजी: Kanth, Moradabad) भारत में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले का एक बहुत पुराना कस्बा है। यह विकसित अच्छे खासे नगर में तब्दील हो चुका है। प्रशासन की दृष्टि से इसकी अपनी नगरपालिका भी है। भौगोलिक दृष्टि से काँठ अक्षांश-देशान्तर पर अवस्थित है। यह नगर रामगंगा नदी के दाहिने किनारे पर समुद्र तल से 655 फुट की ऊँचाई पर बसा हुआ है। यहाँ पर संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के जमाने से अवध एण्ड रुहेलखण्ड रेलवे का बहुत पुराना रेलवे स्टेशन भी है। इसके अलावा धामपुर से मुरादाबाद जाने वाली सड़क पर स्थित होने के कारण यह नगर कोलकाता से दूर है। उत्तर रेलवे के अलावा यह नगर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के माध्यम से सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश से भी जुड़ा हुआ है। .

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क्षेत्रवाद

क्षेत्रवाद से अभिप्राय किसी देश के उस छोटे से क्षेत्र से है जो आर्थिक,सामाजिक आदि कारणों से अपने पृथक् अस्तित्व के लिए जागृत है। .

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अनुमंडल

अनुमंडल भारत की एक प्रशासनिक इकाई है। एक राज्य कई जिलों से मिलकर बना होता है। एक जिले के अन्दर कई अनुमंडल होते हैं। श्रेणी:प्रशासन श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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उत्सर्जन व्यापार

जर्मनी में एक कोयला ऊर्जा संयंत्र. उत्सर्जन व्यापार करने के कारण, कोयला अन्य विकल्पों की तुलना में एक कम प्रतियोगी ईंधन बन सकता है। उत्सर्जन व्यापार (कैप एंड ट्रेड के रूप में भी ज्ञात) एक प्रशासनिक दृष्टिकोण है जिसका प्रयोग प्रदूषकों के उत्सर्जन में कटौती को प्राप्त करने पर आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करके प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। एक केन्द्रीय प्राधिकरण (आमतौर पर एक सरकारी निकाय), उत्सर्जित किए जा सकने वाले प्रदूषक की मात्रा पर एक सीमा या कैप निर्धारित करता है। कंपनियों या अन्य समूहों को उत्सर्जन परमिट जारी किए जाते हैं और उन्हें एक बराबर संख्या में छूटें (या क्रेडिट) रखने की आवश्यकता होती है जो उत्सर्जन करने की एक विशिष्ट मात्रा के अधिकार को दर्शाता है। छूट और क्रेडिट की कुल मात्रा, सीमा से अधिक नहीं हो सकती, जो कुल उत्सर्जन को उस स्तर तक के लिए सीमित कर देती है। वे कंपनियां जिन्हें अपने उत्सर्जन छूट को बढ़ाने की जरूरत है, उनके लिए यह आवश्यक है कि वे उन लोगों से क्रेडिट खरीदें जो कम प्रदूषण करते हैं। इन छूटों का स्थानांतरण व्यापार कहलाता है। जवाब में, खरीददार, प्रदूषण के लिए एक शुल्क दे रहा है, जबकि विक्रेता को, उत्सर्जन को आवश्यकता से अधिक कम करने के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। इस प्रकार, सिद्धांत रूप में, जो लोग उत्सर्जन को सबसे सस्ते तरीके से कम कर सकते हैं वे ऐसा करेंगे, समाज पर न्यूनतम असर के साथ प्रदूषण में कमी को प्राप्त करना। विभिन्न वायु प्रदूषकों में सक्रिय व्यापार कार्यक्रम मौजूद हैं। ग्रीनहाउस गैसों के लिए सबसे बड़ी यूरोपियन यूनियन एमिशन ट्रेडिंग स्कीम है। संयुक्त राज्य अमेरिका में अम्ल वर्षा को कम करने के लिए एक राष्ट्रीय बाज़ार है और नाइट्रोजन आक्साइड में कई क्षेत्रीय बाज़ार हैं। अन्य प्रदूषकों के लिए बाज़ार अपेक्षाकृत छोटे और अधिक स्थानीयकृत हुआ करते हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

प्रशासन (व्यवसाय), प्रशासनिक

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