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पोताला महल

सूची पोताला महल

300px पोताला महल (तिब्बती भाषा: པོ་ཏ་ལ) ल्हासा शहर के उत्तर पश्चिमी भाग में खड़े लाल पहाड़ी पर स्थित है। यह एक शानदार बुर्जनुमा भवन है जो तिब्बत का एक प्रतीकात्मक वास्तु है। समूचा निर्माण तिब्बती वास्तु शैली में किया गया और पहाड़ पर खड़ा हुआ है। इसका निर्माण १६४५ में आरम्भ हुआ। यह महल तिब्बत के थुबो राजकाल में राजा सोंगत्सांकांबू ने थांग राजवंश की राजकुमारी वनछङ के साथ विवाह के लिए बनवाया था। 17वीं शताब्दी में उसके पुनर्निर्माण के बाद वह विभिन्न पीढियों के दलाई लामा का आवास बनाया गया। वह तिब्बत के राजनीतिक व धार्मिक मिश्रित शासन का केन्द्र था। पोताला महल में बेशुमार कीमती चीजें सुरक्षित रखी हुई हैं और देश का एक कलाकृति खजाना माना जाता है। वर्ष 1994 में पोताला महल विश्व सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया। पोताला महल के दो भाग हैं- लाल महल और श्वेत महल। .

1 संबंध: तवांग मठ

तवांग मठ

तवांग मठ भारत के अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक बौद्ध मठ है। यह भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है और ल्हासा के पोताला महल के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मठ है। यह तवांग नदी की घाटी में तवांग कस्बे के निकट स्थित है। 300 साल पहले बने इस मठ को बौद्ध भिक्षु अंतरराष्ट्रीय धरोहर मानते हैं। इसे 1680 में मेराक लामा लोद्रे ग्यास्तो ने बनवाया। इसमें 570 से ज्यादा बौद्ध भिक्षु रहते हैं। समुद्र तल से 10,000 फुट की ऊंचाई पर तवांग चू घाटी में बने इस मठ में दुनिया भर के बौद्ध भिक्षु और पर्यटक आते हैं। पहाड़ी पर बने होने के कारण तवांग मठ से पूरी त्वांग घाटी के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। यह मठ दूर से दुर्ग जैसा दिखाई देता है। इसके प्रवेश द्वार का नाम 'काकालिंग' है जो देखने में झोपडी जैसा लगता है और इसकी दो दीवारों के निर्माण में पत्थरों का प्रयोग किया गया है। इन दीवारों पर खूबसूरत चित्रकारी की गई है जो पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। तवांग मठ .

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