लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

पूर्णिया जिला

सूची पूर्णिया जिला

पूर्णिया जिला पुरनिया या पूर्णियाँ बिहार राज्य का ज़िला है। इसके उत्तर में अररिया तथा किशनगंज जिला, पूर्व में पश्चिम बंगाल का दिनाजपुर, पश्चिम में मधेपुरा जिला, दक्षिण में भागलपुर तथा कटिहार जिला सीमा बनाती है। इसका क्षेत्रफल ३२२९ वर्ग किमी है। उत्तर की ओर धरातल पथरीला तथा पूर्व की ओर नदियों एवं प्राकृतिक स्रोतों से बने कभी न सूखनेवाले दलदल एवं पश्चिम की ओर रेतीले घास के मैदान मिलते हैं। गंगा के अलावा कोसी, महानंदा तथा पनार नदियाँ बहती हैं। पूर्व की ओर कहीं-कहीं उत्तम जलोढ़ मिट्टी मिलती है। वर्षा शीघ्र प्रारंभ होती तथा जोरों के साथ होती है। वार्षिक वर्षा का औसत ७१ इंच रहता है। कृषि में धान के अतिरिक्त दालें, तिलहन और तंबाकू भी पैदा हाता है। पशु छोटे तथा कमजोर हाते हैं। उद्योगों में मोटे रंगीन कपड़े, बैलगाड़ियों के पहिए, चटाइयाँ तथा जूट के सामान बनाए जाते हैं। श्रेणी:बिहार के जिले.

8 संबंधों: पाकिस्तान, भारत, पूर्णिया, बिहार सरकार, बिहार के प्रमंडल, बिहार के जिले, भोला पासवान शास्त्री, मधेपुरा जिला, जलालगढ़ का किला

पाकिस्तान, भारत

पाकिस्तान پاکِستان नाम का यह गांव बिहार के उत्तर-पूर्व में स्थित पूर्णिया जिले के जिला मुख्यालय पूर्णिया शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर श्रीनगर प्रखंड के सिंघिया पंचायत में आता है। गांव 'पाकिस्तान' में 250 से ज्यादा लोग निवास करते हैं और यहां 100 से अधिक मतदाता हैं। सबसे मजेदार यह है कि इस गांव में मुस्लिम समुदाय का एक भी घर नहीं है। सभी परिवार संथाल आदिवासियों के हैं। इस पाकिस्तान में एक भी मस्जिद नहीं है। सरकारी रिकार्ड में भी इस गांव का नाम पाकिस्तान है। 1947 में विभाजन के तुरंत बाद ही इसका नाम पाकिस्तान रख दिया गया था। इस गांव में रहने वाले अधिकांश मुस्लिमों ने बंटवारे के समय पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) जाना पसंद किया था, उनकी याद में इस गांव का नाम पाकिस्तान दे दिया। इस पाकिस्तान में गरीबी और निरक्षरता है। 31.51 प्रतिशत साक्षरता वाले पूर्णिया जिले के इस गांव में शायद ही कोई साक्षर मिल जाए। गांव तक न तो सड़क है न ही कोई स्कूल या अस्पताल। .

नई!!: पूर्णिया जिला और पाकिस्तान, भारत · और देखें »

पूर्णिया

पूर्णिया भारत के बिहार प्रान्त का एक जिला एवं जिला मुख्यालय है। यहाँ से नेपाल तथा पूर्वोत्तर भारत जाने का रास्ता है। एन एच 31 जो कि इस्ट-वेस्ट कोरीडर का हिस्सा है उत्तर भारत को आसाम, सिक्कीम, मेघालय, अरुणाचल, त्रिपुरा, नागालैंड, मणीपुर, मिजोरम तथा भुटान से जोड‍़ता है। पूर्णिया पूर्वोत्तर बिहार का सबसे बड़ा नगर है। यह नगर स्वास्थ्य सेवा, मोटर पार्ट, अनाज और किराना मंडी के कारण पूरे पूर्वी भारत में विख्यात है। मुगल काल से ही पूर्णिया प्रशासनिक दृष्टीकोण से महत्वपूर्ण स्थान रहा है, अंग्रजी हुकूमत के दौर में भी यहां से आस-पास के इलाकों पर नियंत्रण किया जाता था। वर्तमान में पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय है जिसके अंत्रगत पूर्णिया, कटीहार, अररिया और किशनगंज जिले आते हैं। पूर्णिया, सौरा नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित नगर है। यहाँ कारागृह तथा कार्यालयों की इमारतें अच्छी हालत में हैं। कंबल, चटाइयाँ और सरसों के तेल पेरने आदि का काम होता है तथा यहाँ की उत्पादित वस्तुएँ यहीं खप जाती हैं। .

नई!!: पूर्णिया जिला और पूर्णिया · और देखें »

बिहार सरकार

प्रशासनिक सुविधा के लिए बिहार राज्य को 9 प्रमंडल तथा 38 मंडल (जिला) में बाँटा गया है। जिलों को क्रमश: 101 अनुमंडलों, 534 प्रखंडों, 8,471 पंचायतों, 45,103 गाँवों में बाँटा गया है। राज्य का मुख्य सचिव नौकरशाही का प्रमुख होता है जिसे श्रेणीक्रम में आयुक्त, जिलाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी या अंचलाधिकारी तथा इनके साथ जुड़े अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण रिपोर्ट करते हैं। पंचायत तथा गाँवों का कामकाज़ सीधेतौर पर चुनाव कराकर मुखिया, सरपंच तथा वार्ड सदस्यों के अधीन संचालित किया जाता है। पटना, तिरहुत, सारण, दरभंगा, कोशी, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर तथा मगध प्रमंडल के अन्तर्गत आनेवाले जिले इस प्रकार हैं.

नई!!: पूर्णिया जिला और बिहार सरकार · और देखें »

बिहार के प्रमंडल

Bihar बिहार में (२००५ की सूचना के अनुसार) ९ प्रमंडल (कमिशनरी),३८ जिले (मंडल), 101 अनुमंडल,534 प्रखंड, 8,471 पंचायत और 45,103 गांव है हैं। .

नई!!: पूर्णिया जिला और बिहार के प्रमंडल · और देखें »

बिहार के जिले

बिहार में कुल 38 जिले हैं जो 9 प्रमण्डलों में बँटे हैं। जिले इस प्रकार है.

नई!!: पूर्णिया जिला और बिहार के जिले · और देखें »

भोला पासवान शास्त्री

भोला पासवान शास्त्री एक भारतीय राजनेता थे जो १९६८ और १९७१ के बीच तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। .

नई!!: पूर्णिया जिला और भोला पासवान शास्त्री · और देखें »

मधेपुरा जिला

मधेपुरा भारत के बिहार राज्य का जिला है। इसका मुख्यालय मधेपुरा शहर है। सहरसा जिले के एक अनुमंडल के रूप में रहने के उपरांत ९ मई १९८१ को उदाकिशुनगंज अनुमंडल को मिलाकर इसे जिला का दर्जा दे दिया गया। यह जिला उत्तर में अररिया और सुपौल, दक्षिण में खगड़िया और भागलपुर जिला, पूर्व में पूर्णिया तथा पश्चिम में सहरसा जिले से घिरा हुआ है। वर्तमान में इसके दो अनुमंडल तथा ११ प्रखंड हैं। मधेपुरा धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध जिला है। चंडी स्थान, सिंघेश्‍वर स्थान, श्रीनगर, रामनगर, बसन्तपुर, बिराटपुर और बाबा करु खिरहर आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से हैं। .

नई!!: पूर्णिया जिला और मधेपुरा जिला · और देखें »

जलालगढ़ का किला

जलालगढ का किला, बिहार राज्य के पूर्णिया जिला में जलालगढ़ में स्थित है। यह प्राचीन भग्नावशेष ऐतिहासिक महत्व रखता है। वस्तुत: यह मुगलकालीन सैनिक छावनी है। जलालगढ़ का यह ऐतिहासिक मुगलकालीन किला कब, किसने बनवाया इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं है। परंतु कुछ इतिहासकारों ने बंगाल के नवाब द्वारा फौजी कैंप के लिए किले के स्थापना की जानकारी देते हैं। सामरिक दृष्टि से देश की सुरक्षा के लिए यह किला का निर्माण किया गया था। पूर्णिया के जिलाधिकारी एलएसएसओ मेली द्वारा लिखा गया कि पूर्णिया के प्रथम गजेटियर केपीएस मेनन 1911 ई. के अनुसार इस ऐतिहासिक किले का निर्माण खगड़ा किशनगंज के प्रथम राजा सैयद मोहम्मद जलालुद्दीन खां द्वारा हुआ था। सैयद जलालुद्दीन खां के राजा का खिताब मुगल बादशाह जहांगीर द्वारा किया गया था। जानकारों के अनुसार 16वीं शताब्दी में इस ऐतिहासिक किले का निर्माण सीमा क्षेत्र सरहद की सुरक्षा एवं मोरंग नेपाल क्षेत्र के लुटेरों से यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया था। जलालगढ़ के कुछ बुजुर्गो के अनुसार इस ऐतिहासिक किले के राजा सैयद मोहम्मद जलालुद्दीन खां के नाम पर ही जलालगढ़ पड़ा। सैनिकों की छावनी के रूप में जलालगढ़ के सीमा के निकट जलालगढ़ का ऐतिहासिक किले का निर्माण हुआ। उस समय नेपाल का सरहद जलालगढ़ सीमा तक था, इसलिए इस ऐतिहासिक किले का निर्माण सीमा जलालगढ़ में हुआ। लगभग छह एकड़ जमीन में आयताकार दीवारों से घिरा एक विशाल परिसर है। दीवार की लम्बाई पूरब से पश्चिम लगभग 550 फीट तथा दक्षिण से उत्तर लगभग 400 फीट है। दीवार की मोटाई 7 फीट एवं लगभग 22 फीट उंची है। दीवारों की जोड़ाई सूर्खी-चूना के गारा पर किया गया है। किले का मुख्य प्रवेश द्वार पूरब दिशा में है, जिसकी उंचाई नौ फीट, चौड़ाई 13 फीट तथा किले की एक निकासी द्वार दक्षिण दिशा में है। जिसकी उंचाई सात फीट और चौड़ाई साढ़े पांच फीट है। किले की लगभग एक सौ एकड़ जमीन है। जिस पर लोग खेती करते हैं और किले के आन्तरिक परिसर में भी खेती कर रहे हैं। किले के द्वार पर काठ के भारी चौखट-किबाड़ थे, जो 1962 ई. तक देखा गया था। कीले के चारों कोण पर अर्धचन्द्राकार कमरा बना हुआ है। किले से पूरब सटे कोसी नदी है जिसका सम्पर्क नदी मार्ग द्वारा सीधे मुर्शिदाबाद के नवाब से जुड़ा हुआ था। जनश्रृति के अनुसार परमान नदी खाता से किला तक सुरंग है। इतिहास से स्पष्ट है कि नेपाल की सीमा गंगा नदी के किनारे तक जाती थी, जिसे तात्कालिक नवाबों ने युद्ध द्वारा नेपाल को धकेलते जोगबनी तक पहुंचा दिया। श्रेणी:भारत के किले श्रेणी:चित्र जोड़ें.

नई!!: पूर्णिया जिला और जलालगढ़ का किला · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

पुरनिया जिला, पुर्णिया जिला, पूर्णियां जिला

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »