लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

पितृवंश समूह के

सूची पितृवंश समूह के

ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी समुदायों के कई पुरुष पितृवंश समूह 'के' (K) के वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह के या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप K एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह आईजेके से उत्पन्न हुई एक शाखा है। अंदाज़ा लगाया जाता है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ४७,००० वर्ष पहले दक्षिण एशिया या पश्चिम एशिया में रहता था। इस पितृवंश समूह के सदस्य ओशिआनिया के द्वीपों पर और ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी समुदायों में मिलते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप, इण्डोनेशिया और फ़िलीपीन्स के भी आदिवासी समुदायों में भी बहुत कम संख्या में भी इसके वंशज पुरुष मिलते हैं। .

4 संबंधों: पितृवंश समूह टी, पितृवंश समूह आईजेके, पितृवंश समूह के(ऍक्सऍलटी), मनुष्य पितृवंश समूह

पितृवंश समूह टी

दुनिया में पितृवंश समूह टी का फैलाव - आंकड़े बता रहे हैं के किस इलाक़े के कितने प्रतिशत पुरुष इसके वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह टी या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप T एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह के से उत्पन्न हुई एक शाखा है। इस पितृवंश के पुरुष भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ समुदायों में मिलते हैं। दक्षिण भारत के येरुकाला आदिवासी, पश्चिम बंगाल के बाओड़ी जनजाति और राजस्थान के लोधा समुदाय के अधिकांश पुरुष इसके वंशज हैं। अफ़्रीका में सोमालिया और दक्षिणी मिस्र के पुरुषों में इसके वंशज भारी मात्रा में पाए जाते हैं। ईरान में केरमान शहर के पारसी समुदाय और दक्षिण-पश्चिमी ईरान के बख्तिआरी बंजारा समुदाय में भी इसके काफ़ी वंशज मिलते हैं। यूरोप में जर्मनी, इटली के सार्दिनिया द्वीप, स्पेन और पुर्तगाल में इसके सदस्य मिलते हैं। उत्तर-पूर्वी पुर्तगाल के यहूदी समुदाय में इसके वंशज भारी मात्रा में मौजूद हैं। माना जाता है के मूल पितृवंश समूह टी जिस पुरुष के साथ आरम्भ हुआ वह आज से २५,०००-३०,००० साल पहले मध्य पूर्व का रहने वाला था। .

नई!!: पितृवंश समूह के और पितृवंश समूह टी · और देखें »

पितृवंश समूह आईजेके

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह आईजेके या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप IJK एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह ऍफ़ से उत्पन्न हुई एक शाखा है और आगे चलकर इसकी स्वयं दो शाखाएँ हैं - पितृवंश समूह आईजे और पितृवंश समूह के। सीधा पितृवंश समूह आईजेके का सदस्य आज तक कोई नहीं मिला है और न ही कोई सीधा पितृवंश समूह आईजे का सदस्य मिला है। फिर भी पितृवंश समूह आई, पितृवंश समूह जे और पितृवंश समूह के का अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिकों का मानना है के आईजेके और आईजे दोनों समूह कभी अस्तित्व में ज़रूर थे चाहे उनके सदस्य बहुत ही कम संख्या में ही क्यों न रहे हों। अनुमान है के जिस पुरुष से यह आईजेके पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ४०,०००-४५,००० वर्ष पहले पश्चिम एशिया में रहता था। .

नई!!: पितृवंश समूह के और पितृवंश समूह आईजेके · और देखें »

पितृवंश समूह के(ऍक्सऍलटी)

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह के (ऍक्सऍलटी) या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप K(xLT), जिसे पहले पितृवंश समूह ऍमऍनओपीऍस या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप MNOPS बुलाया जाता था, एक पितृवंश समूह है।Jacques Chiaroni, Peter A. Underhill, and Luca L. Cavalli-Sforza, "Y chromosome diversity, human expansion, drift, and cultural evolution," PNAS published online before print November 17, 2009, doi: 10.1073/pnas.0910803106 यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह के से उत्पन्न हुई एक शाखा है। विश्व में इसकी उपशाखाओं - ऍम, ऍनओ, पी और ऍस - के तो बहुत पुरुष मिलते हैं, लेकिन सीधा पितृवंश समूह के (ऍक्सऍलटी) का सदस्य आज तक कोई नहीं मिला है। फिर भी वैज्ञानिकों का मानना है के इसे समूह के वंशज कभी ज़रूर रहे होंगे। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ३५,०००-४५,००० वर्ष पहले मध्य एशिया या भारतीय उपमहाद्वीप में रहता था। .

नई!!: पितृवंश समूह के और पितृवंश समूह के(ऍक्सऍलटी) · और देखें »

मनुष्य पितृवंश समूह

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह उस वंश समूह या हैपलोग्रुप को कहते हैं जिसका पुरुषों के वाए गुण सूत्र (Y-क्रोमोज़ोम) पर स्थित डी॰एन॰ए॰ की जांच से पता चलता है। अगर दो पुरुषों का पितृवंश समूह मिलता हो तो इसका अर्थ होता है के उनका हजारों साल पूर्व एक ही पुरुष पूर्वज रहा है, चाहे आधुनिक युग में यह दोनों पुरुष अलग-अलग जातियों से सम्बंधित ही क्यों न हों। .

नई!!: पितृवंश समूह के और मनुष्य पितृवंश समूह · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »