4 संबंधों: पितृवंश समूह जे, पितृवंश समूह आई, पितृवंश समूह आईजेके, मनुष्य पितृवंश समूह।
पितृवंश समूह जे
पितृवंश समूह जे का मध्य पूर्व और अरबी प्रायद्वीप में फैलाव। आंकड़े बता रहें हैं के इन इलाकों के कितने प्रतिशत पुरुष इस पितृवंश के वंशज हैं। भारत तक इसका हल्का फैलाव देखा जा सकता है। मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह जे या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप J एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह आईजे से उत्पन्न हुई एक शाखा है। इस पितृवंश के पुरुष अधिकतर मध्य पूर्व और अरबी प्रायद्वीप में मिलते हैं, हालांकि भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य एशिया और दक्षिण यूरोप के कुछ पुरुष भी इसके सदस्य हैं। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ३०,०००-५०,००० वर्ष पहले अरबी प्रायद्वीप में या उसके आस-पास रहता था। भारत में इसकी उपशाखा पितृवंश समूह जे२ के वंशज पुरुष अधिक मिलते हैं। ठीक यही उपशाखा भूमध्य सागर के इर्द-गिर्द के इलाक़ों में भी मिलती है। .
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पितृवंश समूह आई
पितृवंश समूह आई का यूरोप और तुर्की में फैलाव - आंकड़े बता रहें हैं के इन इलाकों के कितने प्रतिशत पुरुष इस पितृवंश के वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह आई या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप I एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह आईजे से उत्पन्न हुई एक शाखा है। इस पितृवंश के पुरुष अधिकतर यूरोप और तुर्की में ही मिलते हैं, हालांकि मध्य पूर्व और मध्य एशिया के कुछ पुरुष भी इसके सदस्य हैं। सारे यूरोपीय पुरुषों में से लगभग २०% पुरुष इसके वंशज हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर यह तादाद ज़्यादा है, जैसे की बॉस्निया और हर्ज़ेगोविना के लगभग ६५% पुरुष इसके सदस्य हैं। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग २५,०००-३०,००० वर्ष पहले यूरोप या तुर्की के अनातोलिया क्षेत्र में रहता था। .
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पितृवंश समूह आईजेके
मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह आईजेके या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप IJK एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह ऍफ़ से उत्पन्न हुई एक शाखा है और आगे चलकर इसकी स्वयं दो शाखाएँ हैं - पितृवंश समूह आईजे और पितृवंश समूह के। सीधा पितृवंश समूह आईजेके का सदस्य आज तक कोई नहीं मिला है और न ही कोई सीधा पितृवंश समूह आईजे का सदस्य मिला है। फिर भी पितृवंश समूह आई, पितृवंश समूह जे और पितृवंश समूह के का अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिकों का मानना है के आईजेके और आईजे दोनों समूह कभी अस्तित्व में ज़रूर थे चाहे उनके सदस्य बहुत ही कम संख्या में ही क्यों न रहे हों। अनुमान है के जिस पुरुष से यह आईजेके पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ४०,०००-४५,००० वर्ष पहले पश्चिम एशिया में रहता था। .
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मनुष्य पितृवंश समूह
मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह उस वंश समूह या हैपलोग्रुप को कहते हैं जिसका पुरुषों के वाए गुण सूत्र (Y-क्रोमोज़ोम) पर स्थित डी॰एन॰ए॰ की जांच से पता चलता है। अगर दो पुरुषों का पितृवंश समूह मिलता हो तो इसका अर्थ होता है के उनका हजारों साल पूर्व एक ही पुरुष पूर्वज रहा है, चाहे आधुनिक युग में यह दोनों पुरुष अलग-अलग जातियों से सम्बंधित ही क्यों न हों। .