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पांडुरंग शास्त्री आठवले

सूची पांडुरंग शास्त्री आठवले

पांडुरंग शास्त्री आठवले (19 अक्टूबर 1920 - 25 अक्टूबर 2003), भारत के दार्शनिक, आध्यात्मिक गुरू तथा समाज सुधारक थे। उनको प्राय: दादाजी के नाम से जाना जाता है जिसका मराठी में अर्थ 'बड़े भाई साहब' होता है। उन्होने सन् १९५४ में स्वाध्याय आन्दोलन चलाया और स्वाध्याय परिवार की स्थापना की। स्वाध्याय आन्दोलन श्रीमद्भागवद्गीता पर आधारित आत्म-ज्ञान का अन्दोलन है जो भारत के एक लाख से अधिक गावों में फैला हुआ है और इसके कोई लाखो सदस्य हैं। दादाजी गीता एवं उपनिषदों पर अपने प्रवचन के लिये प्रसिद्ध थे। उन्हें सन् १९९७ में धर्म के क्षेत्र में उन्नति के लिये टेम्पल्टन पुरस्कार (Templton Prize) से सम्मानित किया गया। सन् १९९९ में उन्हें सामुदायिक नेतृत्व के लिये मैगससे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। उसी वर्ष भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया। .

2 संबंधों: टेंपलटन पुरस्कार, भारतीय समाजसुधारक

टेंपलटन पुरस्कार

टेंपलटन पुरस्कार प्रतिवर्ष टेंपलटन फ़ाउण्डेशन द्वारा दिया जाने वाला एक पुरस्कार है। इसकी शुरूआत 1973 में हुई थी और यह किसी ऐसे जीवित व्यक्ति को दिया जाता है जिसने अध्यात्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। वर्ष २०१२ में यह पुरस्कार तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को दिया गया था। इससे पहले यह पुरस्कार मदर टेरेसा (1973) सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1975)बाबाआमटे(1990),पांडुरंग शास्त्री आठवले (1997) को भी दिया जा चुका है। मदर टेरेसा को पुरस्कृत करने के साथ ही इसकि शुरूआत हुई थी और वे इस पुरस्कार को पाने वाली पहली व्यक्ति थीं। .

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भारतीय समाजसुधारक

भारतीय समाज सुधारक, जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव स्थापित करने में मदद की है एक समृद्ध इतिहास के कुछ मामलों में, राजनीतिक कार्रवाई और दार्शनिक शिक्षाओं के माध्यम से दुनिया भर में अपने प्रभाव से प्रभावित किया है, यह एक साथ समाज सुधारकों जो उम्र के माध्यम से रहता है की एक विस्तृत सूची डाल करने के लिए लगभग असंभव है। नीचे उनमें से कुछ कर रहे हैं।.

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