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पश्चिमी सिंहभूम

सूची पश्चिमी सिंहभूम

पश्चिमी सिंहभूम भारत के झारखंड प्रदेश का एक जिला है जिसका मुख्यालय चाईबासा है। श्रेणी:झारखंड श्रेणी:नक्सल प्रभावित जिले‎.

8 संबंधों: चाईबासा, झारखण्ड, नोआमुंडी, पश्चिमी सिंगभूम, मधु कोड़ा, सरायकेला खरसांवां, सिमडेगा, सिंहभूम

चाईबासा

चाईबासा झारखंड प्रान्त के पश्चिमी सिंहभूम जिला का मुख्यालय है। चाईबासा में अधिकांश रोजगार सरकारी संस्थाओं के कर्मचारियों के रूप में है। एसीसी (ACC) नामक सीमेन्ट बनाने वाली कम्पनी का कारखाना चैबासा से १८ किमी दूर झिनकपानी में स्थित है। एस आर रुंगटा समूह, ठाकुर प्रसाद साव ऐंड सन्स, साहा ब्रदर्स आदि कम्पनियाँ यहाँ पर बहुत सारा खनन कार्य करतीं हैं। चाईबासा में अनेकों लघुस्तरीय इस्पात निर्माता कम्पनियाँ स्थित हैं। .

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झारखण्ड

झारखण्ड यानी 'झार' या 'झाड़' जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखंड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है जो जर्मनी में खनिज-प्रदेश के नाम से विख्यात है। 1930 के आसपास गठित आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा की अगुआई में अलग ‘झारखंड’ का सपना देखा.

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नोआमुंडी

नोआमुंडी झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला में स्थित है। प्रशासनिक इकाई के रूप में यह एक प्रखंड है.

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पश्चिमी सिंगभूम

कोई विवरण नहीं।

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मधु कोड़ा

मधु कोडा (जन्म 6 जनवरी 1971 पाताहातू, पश्चिमी सिंहभूम) झारखंड के भूतपूर्व मुख्यमंत्री हैं। उन्हें इस नवनिर्मित राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री के रूप में 18 सितंबर 2006 को दि्लाई गयी थी। श्री कोडा के मंत्रिमंडल में आठ मंत्री हैं एवं वे भारत के किसी भी प्रांत में निर्दलीय उम्मीद्वार के रूप में मुख्यमंत्री बनने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। मधु कोडा के राजनैतिक जीवन की शुरुआत आल झारखंड स्टूडेंड यूनियन के एक कार्यकर्ता के रूप में हुई थी बाद में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भी सदस्य बने। 2000 के झारखंड विधानसभा के चुनावों में वे भाजपा उम्मीद्वार के रूप में जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से चयनित हुए। बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में वे पंचायती राज मंत्री बने और बाद में वे 2003 में अर्जुन मुंडा की सरकार बनने के बाद भी इसी पद पर काबिज रही। 2005 की विधानसभा चुनावों में उन्हें भाजपा द्वारा उम्मीद्वार बनाने से मना कर दिया गया। इसके बाद वे एक निर्दलीय के रूप में उसी विधान सभा सीट से चुने गये। खंडित जनादेश के कारण वे भाजपा के नेतृत्व में बननेवाली अर्जुन मुंडा की सरकार का उन्होंने बाहर से समर्थन किया और उन्हें खान एवं भूवैज्ञानिक मामलों का मंत्री बनाया गया। सितंबर 2006 में श्री कोडा और अन्य तीन निर्दलीय विधायकों ने श्री मुंडा की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया जिससे सरकार अल्पमत में आ गयी। बाद में विपक्ष संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार कर अपनी सरकार बनायी जिसमें झामुमो, राजद, युनाइटेड गोअन्स डेमोक्रैटिक पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, फारवर्ड ब्लाक, 3 निर्दलीय विधायक शामिल थे। जिसमें कांग्रेस बाहर से समर्थन कर रही है। .

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सरायकेला खरसांवां

इस जिले में तीन लोकसभा के क्षेत्रों का हिस्सा आता है जिनमें रांची, सिंहभूम एवं खूंटी शामिल हैं। श्रेणी:झारखंड श्रेणी:झारखंड के शहर.

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सिमडेगा

सिमडेगा भारत में झारखंड प्रान्त का एक जिला है। यह राज्य के दक्षिण पश्चिम हिस्से में स्थित है। भौगोलिक रूप से यह उत्तर में गुमला, पूर्व में राँची एवं पश्चिमी सिंहभूम, दक्षिण में उड़ीसा, एवं पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है। जिले का कुल क्षेत्रफल लगभग 3768.13 वर्ग किमी है। यहाँ की ज्यादातर आबादी, लगभग 71 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों की है जो झारखंड में किसी भी जिले से ज्यादा है। सिमडेगा जिले में दस प्रखंड हैं जिनमें - सिमडेगा, कोलेबिरा, बांसजोर, कुरडेग, केरसई, बोलबा, पाकरटांड, ठेठईटांगर, बानो एवं जलडेगा शामिल हैं। वैसे तो पूरा सिमडेगा जिला ही प्राकृतिक दृष्टि से पर्यटन क्षेत्र की तरह है, क्योंकि यह पूरी तरह से प्राकृति की गोद में बसा है, फिर भी सिमडेगा जिले के प्रमुख स्थल हैं - केलाघाघ डैम, अनजान शाह पीर बाबा, रामरेखा धाम, केतुन्गा धाम। इसके अलवा यहाँ हरीयाली, नदी, डैम, झरने, के लिहाज से पूरा सिमडेगा ही पर्यटन स्थल है। मेहनती किसान, यहाँ के लोग, यहाँ की संस्कृति काफी अलग और सुंदर है। .

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सिंहभूम

कोई विवरण नहीं।

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