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पर्वत

सूची पर्वत

माउंट एवरेस्ट, दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत (दाहिनी ओर)। बाएँ ओर की चोटी नुप्त्से है। पर्वत या पहाड़ पृथ्वी की भू-सतह पर प्राकृतिक रूप से ऊँचा उठा हुआ हिस्सा होता है, जो ज़्यादातर आकस्मिक तरीके से उभरा होता है और पहाड़ी से बड़ा होता है। पर्वत ज़्यादातर एक लगातार समूह में होते हैं। पर्वत ४ प्रकर के होते है.

133 संबंधों: चामलांग, चोमो लोन्ज़ो, टार्डीग्रेड, टिबेस्टी पर्वत, टेबल माउंटन, टोडा, टीटीकाका झील, एरीजोना, झील, डारविन पर्वत (ऐन्डीज़), तुर्कमेनिस्तान, तेन्दुआ, तोमानीवी पर्वत, तोंगशानजिआबु, थलचिन्ह, दक्षिण अमेरिका, दूनागिरी, देहरादून जिला, दोड्डबेट्ट, दीरन, नक्की झील, नुब्त्से, न्येनचेन थंगल्हा पर्वत, नेपाल का ध्वज, नेपाल का प्रशासनिक विभाजन, परिक्रमा, पर्वत निर्माण, पर्वतन, पर्वतारोहण, प्रलय, प्लेट विवर्तनिकी, पृथ्वी की आतंरिक संरचना, पोरोंग री, फू बिया, बानदुंग, बाल्तोरो कांगरी, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, बाइंथा ब्राक, भारत, भारत के भू-आकृतिक प्रदेश, भू-संतुलन, भू-आकृति विज्ञान, भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव, भूविज्ञान, भूगोल शब्दावली, मनास्लु, मरुस्थल, मलिका परबत, मानचित्र, मामोस्तोंग कांगरी, ..., मालूबितिंग, मांडलगढ़, मिन्या कोन्का, मकड़ा पर्वत, मुकेशपुरी, यूरेनियम अयस्क, राजस्थान की झीलें, रिमो १, लाबुचे कांग, लंका, लूलूसर, शिमला, शिशापांगमा, श्रीभार्गवराघवीयम्, शेरपी कांगरी, सतलुज नदी, समुद्र मन्थन, ससेर कांगरी, सारामाती पर्वत, साल्तोरो कांगरी, सिगुअंग री, सिंघी कांगरी, संपीडित वायु, सुंधा माता मंदिर, स्थलरूप, स्थलीय ग्रह, स्नोई पहाड़ियाँ, सूर्य देवता, सीढ़ीदार खेत, हनुमत धाम, हरामोश, हिम रेखा, हिमालचुली, हिमालय, होगर पर्वत, जन्नू, जाम्बवन्त, जॉन टूज़ो विल्सन, घेंट कांगरी, वर्षा, वलित पर्वत, विश्व धरोहर, विश्व के सर्वोच्च पर्वतों की सूची, वैदिक धर्म, खरताफु, खाटूश्यामजी, गाडी चुली, गाशरब्रुम, गिम्मीगेला चुली, गंग बेनछेन, गंगा चोटी, गंगखर पुनसुम, ग्याचुंगकांग, ग्याला पेरी, ग्राम पंचायत झोंपड़ा, सवाई माधोपुर, ग्वालियर का क़िला, गीतरामायणम्, ओलम्पस मोन्स, आठ हज़ारी, आरोहण मार्ग, इन्सेलबर्ग, करजिअंग, कश्मीर, काब्रु पर्वत, किलिमंजारो, कंगफू कांग, कुनहार नदी, कुला कांगरी, कैटादिन, के१२ पर्वत, के६ पर्वत, कोल (भूविज्ञान), कोल्वी गुफा, कोज़िअस्को पर्वत, कीरात चुली, अन्नपूर्णा पुंजक, अपरशैल, अप्सरासस कांगरी, अबी गमिन, अरबुदा पर्वत, अष्टावक्र, उत्तर भारत बाढ़ २०१३, उदयपुर जिला (नेपाल) सूचकांक विस्तार (83 अधिक) »

चामलांग

चामलांग (Chamlang) या गुरुंग चामलांग (Gurung Chamlang) हिमालय के महालंगूर हिमाल खण्ड के दक्षिणी भाग में स्थित एक पर्वत है जो विश्व का 80वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह नेपाल में मकालू पर्वत के पास खड़ा हुआ है। .

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चोमो लोन्ज़ो

चोमो लोन्ज़ो (Chomo Lonzo) तिब्बत में नेपाल की सीमा के पास स्थित हिमालय का एक पर्वत है। यह हिमालय के महालंगूर हिमाल भाग में मकालू पर्वत से ५ किमी पूर्वोत्तर में खड़ा हुआ है। इसके तीन शिखर हैं: उत्तरी मुख्य शिखर (7804मी) एक लगभग 7250मी ऊँचाई वाले भाग से मध्य शिखर (7565मी) से जुड़ा है जो स्वयं एक लगभग 7050मी ऊँचाई वाले भाग से उत्तरी (या पश्चिमोत्तरी) लगभग 7200मी ऊँचे शिखर से जुड़ा हुआ है। .

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टार्डीग्रेड

टार्डीग्रेड (Tardigrade) एक जल में रहने वाला आठ-टाँगों वाला सूक्ष्मप्राणी है। इन्हें सन् 1773 में योहन गेट्ज़ा नामक जीववैज्ञानिक ने पाया था। टार्डीग्रेड पृथ्वी पर पर्वतों से लेकर गहरे महासागरों तक और वर्षावनों से लेकर अंटार्कटिका तक लगभग हर जगह रहते हैं। टार्डीग्रेड पृथ्वी का सबसे प्रत्यास्थी (तरह-तरह की परिस्थितियाँ झेल सकने वाला) प्राणी है। यह 1 केल्विन (−272 °सेंटीग्रेड) से लेकर 420 केल्विन (150 °सेंटीग्रेड) का तापमान और महासागरों की सबसे गहरी गर्तो में मौजूद दबाव से छह गुना अधिक दबाव झेल सकते हैं। मानवों की तुलना में यह सैंकड़ों गुना अधिक विकिरण (रेडियेशन) में जीवित रह सकते हैं और अंतरिक्ष के व्योम में भी कुछ काल तक ज़िन्दा रहते हैं। यह 30 वर्षों से अधिक बिना कुछ खाए-पिए रह सकते हैं और धीरे-धीरे लगभग पूरी शारीरिक क्रियाएँ रोक लेते हैं और उनमें सूखकर केवल 3% जल की मात्रा रह जाती है। इसके बाद जल व आहार प्राप्त होने पर यह फिर क्रियशील हो जाते हैं और शिशु जन सकते हैं। फिर भी औपचारिक रूप से इन्हें चरमपसंदी नहीं माना जाता क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में यह जितनी अधिक देर रहें इनकी मृत्यु होने की सम्भावना उतनी ही अधिक होती है जबकि सच्चे चरमपसंदी जीव अलग-अलग उन चरम-परिस्थितियों में पनपते हैं जिनके लिए वे क्रमविकास (एवोल्यूशन) की दृष्टि से अनुकूल हों। .

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टिबेस्टी पर्वत

टिबेस्टी पर्वत अल्जीरिया, अफ्रीका में स्थित एक पर्वत है। यह ज्वालामुखी पर्वत है। श्रेणी:अल्जीरिया के पर्वत श्रेणी:सहारा मरुस्थल श्रेणी:ज्वालामुखी पर्वत.

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टेबल माउंटन

टेबल माउंटन (अंग्रेज़ी: Table Mountain, अर्थ: मेज़ पहाड़), जिसे स्थानीय अफ़्रीकी खोईखोई भाषा में होएरिकवाग्गो (Hoerikwaggo) कहते हैं, दक्षिण अफ़्रीका के केप टाउन नगर के पास स्थित एक चपटे और समतल शिखर वाला एक प्रसिद्ध पर्वत है। यह एक पर्यटक आकर्षण और थलचिन्ह है। इसे पास ही स्थित केप ऑफ़ गुड होप नामक अंतरीप से समुद्र से भी देखा जा सकता है। .

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टोडा

श्रेणी:भारत की जनजातियाँ श्रेणी:केरल की जनजातियां टोडा जनजाति भारत की निलगिरी पहाड़ियों की सबसे प्राचीन और असामान्य जनजाति है। टोडा को कई नामों से जाना जाता है जैसे टूदास, टूडावनस और टोडर। टोडा नाम 'टुड' शब्द, टोड जनजाति के पवित्र टुड पेड़ से लिया गया माना जाता है। टोडा लोगो की अपनी भाषा है और उनके पास गुप्त रीति-रिवाजों और अपाना नियम हैं। टोड के लोगा प्रकृति ओर पहाड़ी देवताओं की पूजा करते हे, जैसे भगवान अमोद और देवी टीकीरजी। .

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टीटीकाका झील

टिटीकाका झील पेरू एवं बोलीविया की सीमा पर स्थित एक झील है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई ३८१२ मीटर (१२,५०० फीट) है। जलीय मात्रा के अनुसार यह झील दक्षिण अमरीका की सबसे बड़ी झील है।Grove, M. J., P. A. Baker, S. L. Cross, C. A. Rigsby and G. O. Seltzer 2003 Application of Strontium Isotopes to Understanding the Hydrology and Paleohydrology of the Altiplano, Bolivia-Peru.

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एरीजोना

thumbnail एरीजोना (Arizona) संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिणपश्चिमी हिस्से में स्थित राज्य है। इसका सबसे बड़ा शहर और राजधानी फ़िनक्स है। दूसरा सबसे बड़ा राज्य टक्सन है और उसके बाद फ़िनक्स के महानगर क्षेत्र स्थित शहर मेसा, ग्लेनडेल, चंदलर और स्कोत्ट्सडेल है। एरीजोना संयुक्त राज्यों में शामिल होने वाला ४८व राज्य था जिसे की इसमें १४ फरबरी १९१२ को समिलित किया गया। इसी दिन इस राज्य की देश में माने जाने वाली भूमि की वर्षागाठ भी थी। एरीजोना अपने रेगिस्तानी मौसम, भयंकर गर्मी और हल्की ठंड के लिए जाना जाता है। पर राज्य के उच्च इलाकों में बहुत पहाड़ व जंगल है, इसी कारण वहाँ का मौसम अन्य राज्य के मुकाबले ठंडा रहता है। जुलाई १ २००६ के अनुसार एरीजोना देश में आबादी के हिसाब से सबसे तेजी से बढ़ता राज्य है। इससे पहले यह दर्जा नेवादा के पास था। राज्य का एक-चौथाई इलाका मूल अमेरिकी आदिवासी के लिये संरक्षित है। राज्य की आधिकरिक भाषा अँग्रेजी है जिसे बोलने वाले जनसंख्या के 74 प्रतिशत है। स्पेनी 19.5 प्रतिशत द्वारा बोली जाती है। 2015 में राज्य की आबादी 68,28,065 अनुमानित की गई है। जिस हिसाब से उसका अमेरिकी राज्यों में 14वां स्थान है। Image:Tree, Canyon de Chelly, Apache County AZ.jpg Image:Sedona Arizona-27527-4.jpg Image:Lockett Meadow, 1996.jpg श्रेणी:संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य.

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झील

एक अनूप झील बैकाल झील झील जल का वह स्थिर भाग है जो चारो तरफ से स्थलखंडों से घिरा होता है। झील की दूसरी विशेषता उसका स्थायित्व है। सामान्य रूप से झील भूतल के वे विस्तृत गड्ढे हैं जिनमें जल भरा होता है। झीलों का जल प्रायः स्थिर होता है। झीलों की एक महत्वपूर्ण विशेषता उनका खारापन होता है लेकिन अनेक झीलें मीठे पानी की भी होती हैं। झीलें भूपटल के किसी भी भाग पर हो सकती हैं। ये उच्च पर्वतों पर मिलती हैं, पठारों और मैदानों पर भी मिलती हैं तथा स्थल पर सागर तल से नीचे भी पाई जाती हैं। किसी अंतर्देशीय गर्त में पाई जानेवाली ऐसी प्रशांत जलराशि को झील कहते हैं जिसका समुद्र से किसी प्रकार का संबंध नहीं रहता। कभी-कभी इस शब्द का प्रयोग नदियों के चौड़े और विस्तृत भाग के लिए तथा उन समुद्र तटीय जलराशियों के लिए भी किया जाता है, जिनका समुद्र से अप्रत्यक्ष संबंध रहता है। इनके विस्तार में भिन्नता पाई जाती है; छोटे छोटे तालाबों और सरोवर से लेकर मीठे पानीवाली विशाल सुपीरियर झील और लवणजलीय कैस्पियन सागर तक के भी झील के ही संज्ञा दी गई है। अधिकांशत: झीलें समुद्र की सतह से ऊपर पर्वतीय प्रदेशों में पाई जाती हैं, जिनमें मृत सागर, (डेड सी) जो समुद्र की सतह से नीचे स्थित है, अपवाद है। मैदानी भागों में सामान्यत: झीलें उन नदियों के समीप पाई जाती हैं जिनकी ढाल कम हो गई हो। झीलें मीठे पानीवाली तथा खारे पानीवाली, दोनों होती हैं। झीलों में पाया जानेवाला जल मुख्यत: वर्ष से, हिम के पिघलने से अथवा झरनों तथा नदियों से प्राप्त होता है। झीले बनती हैं, विकसित होती हैं, धीरे-धीरे तलछट से भरकर दलदल में बदल जाती हैं तथा उत्थान होंने पर समीपी स्थल के बराबर हो जाती हैं। ऐसी आशंका है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की बृहत झीलें ४५,००० वर्षों में समाप्त हो जाएंगी। भू-तल पर अधिकांश झीलें उत्तरी गोलार्ध में स्थित हैं। फिनलैंड में तो इतनी अधिक झीलें हैं कि इसे झीलों का देश ही कहा जाता है। यहाँ पर १,८७,८८८ झीलें हैं जिसमें से ६०,००० झीलें बेहद बड़ी हैं। पृथ्वी पर अनेक झीलें कृत्रिम हैं जिन्हें मानव ने विद्युत उत्पादन के लिए, कृषि-कार्यों के लिए या अपने आमोद-प्रमोद के लिए बनाया है। झीलें उपयोगी भी होती हैं। स्थानीय जलवायु को वे सुहावना बना देती हैं। ये विपुल जलराशि को रोक लेती हैं, जिससे बाढ़ की संभावना घट जाती है। झीलों से मछलियाँ भी प्राप्त होती हैं। .

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डारविन पर्वत (ऐन्डीज़)

डारविन पर्वत (अंग्रेज़ी: Mount Darwin, स्पेनी: Monte Darwin) तिएर्रा देल फ़ुएगो पर बीगल जलसंधि से उत्तर में स्थित एक पर्वत है। यह ऐन्डीज़ पर्वतमाला की कोरदियेरा डारविन उपशाखा का सदस्य है। शिस्ट पत्थरों के बने इस पहाड़ की ऊँची दक्षिणी ढलानों पर भीमकाय हिमानियाँ (ग्लेशियर) चलती हैं। किसी ज़माने में यह तिएर्रा देल फ़ुएगो का सबसे बुलन्द पर्वत समझा जाता था लेकिन अब यह ख़िताब 'शिप्टन पर्वत' (Monte Shipton) के अनौपचारिक नाम से बुलाए जाने वाले एक २,५८० मीटर (८,४६० फ़ुट) ऊँचा पहाड़ को जाता है। .

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तुर्कमेनिस्तान

तुर्कमेनिस्तान (तुर्कमेनिया के नाम से भी जाना जाता है) मध्य एशिया में स्थित एक तुर्किक देश है। १९९१ तक तुर्कमेन सोवियत समाजवादी गणराज्य (तुर्कमेन SSR) के रूप में यह सोवियत संघ का एक घटक गणतंत्र था। इसकी सीमा दक्षिण पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान, दक्षिण पश्चिम में ईरान, उत्तर पूर्व में उज़्बेकिस्तान, उत्तर पश्चिम में कज़ाख़िस्तान और पश्चिम में कैस्पियन सागर से मिलती है। 'तुर्कमेनिस्तान' नाम फारसी से आया है, जिसका अर्थ है, 'तुर्कों की भूमि'। देश की राजधानी अश्गाबात (अश्क़ाबाद) है। इसका हल्के तौर पर "प्यार का शहर" या "शहर जिसको मोहब्बत ने बनाया" के रूप में अनुवाद होता है। यह अरबी के शब्द 'इश्क़' और फारसी प्रत्यय 'आबाद' से मिलकर बना है।, Bradley Mayhew, Lonely Planet, 2007, ISBN 978-1-74104-614-4,...

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तेन्दुआ

तेन्दुआ (Panthera pardus उचारण: पैन्थेरा पार्डस) पैन्थरा जीनस का एक विडाल (बड़ी बिल्ली प्रजाति) है जो अफ़्रीका और एशिया में पाया जाता है। यह विडाल प्रजातियों जैसे शेर, बाघ और जैगुअर की तुलना में सबसे छोटा होता है। .

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तोमानीवी पर्वत

तोमानीवी पर्वत (Mount Tomanivi), जो पहले विक्टोरिया पर्वत (Mount Victoria) कहलाता था, प्रशांत महासागर में स्थित फ़िजी देश का सबसे ऊँचा पर्वत है। यह उस देश के विति लेवु द्वीप की उत्तरी उच्चभूमियों में खड़ा है और वास्तव में एक मृत ज्वालामुखी है। विति लेवु द्वीप की मुख्य नदियाँ - रेवा नदी, नवुआ नदी, सिन्गातोका नदी और बा नदी - इसी पर्वत की ढलानों से शुरु होती हैं। .

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तोंगशानजिआबु

तोंगशानजिआबु (Tongshanjiabu) या तेरी कांग (Teri Kang) हिमालय के लुनाना क्षेत्र में स्थित एक पर्वत है जो विश्व का 103वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह भूटान और तिब्बत की विवादित सीमा पर स्थित है। तिब्बत पर चीन का नियंत्रण है और उसके अनुसार यह सीमा पर है जबकि भूटान का दावा है कि यह पर्वत पूरी तरह उसके क्षेत्र में है। एक स्रोत के अनुसार "तेरी कांग" इस पर्वत की एक निचली चोटी का नाम है। .

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थलचिन्ह

थलचिन्ह (landmark) किसी ऐसी प्राकृतिक या कृत्रिम आकृति या वस्तु को कहा जाता है जिसका प्रयोग नौवहन (नैविगेशन) में स्थान बताने या समझने के लिये करा जाए। अक्सर यह कोई दूर से नज़र आने वाला और आसानी से पहचाना जाने वाला वृक्ष, स्थापत्य, पर्वत, झील, मीनार, इत्यादि हो सकता है। .

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दक्षिण अमेरिका

दक्षिण अमेरिका (स्पेनी: América del Sur; पुर्तगाली: América do Sul) उत्तर अमेरिका के दक्षिण पूर्व में स्थित पश्चिमी गोलार्द्ध का एक महाद्वीप है। दक्षिणी अमेरिका उत्तर में १३० उत्तरी अक्षांश (गैलिनस अन्तरीप) से दक्षिण में ५६० दक्षिणी अक्षांश (हार्न अन्तरीप) तक एवं पूर्व में ३५० पश्चिमी देशान्तर (रेशिको अन्तरीप) से पश्चिम में ८१० पश्चिमी देशान्तर (पारिना अन्तरीप) तक विस्तृत है। इसके उत्तर में कैरीबियन सागर तथा पनामा नहर, पूर्व तथा उत्तर-पूर्व में अन्ध महासागर, पश्चिम में प्रशान्त महासागर तथा दक्षिण में अण्टार्कटिक महासागर स्थित हैं। भूमध्य रेखा इस महाद्वीप के उत्तरी भाग से एवं मकर रेखा मध्य से गुजरती है जिसके कारण इसका अधिकांश भाग उष्ण कटिबन्ध में पड़ता है। दक्षिणी अमेरिका की उत्तर से दक्षिण लम्बाई लगभग ७,२०० किलोमीटर तथा पश्चिम से पूर्व चौड़ाई ५,१२० किलोमीटर है। विश्व का यह चौथा बड़ा महाद्वीप है, जो आकार में भारत से लगभग ६ गुना बड़ा है। पनामा नहर इसे पनामा भूडमरुमध्य पर उत्तरी अमरीका महाद्वीप से अलग करती है। किंतु पनामा देश उत्तरी अमरीका में आता है। ३२,००० किलोमीटर लम्बे समुद्रतट वाले इस महाद्वीप का समुद्री किनारा सीधा एवं सपाट है, तट पर द्वीप, प्रायद्वीप तथा खाड़ियाँ कम हैं जिससे अच्छे बन्दरगाहों का अभाव है। खनिज तथा प्राकृतिक सम्पदा में धनी यह महाद्वीप गर्म एवं नम जलवायु, पर्वतों, पठारों घने जंगलों तथा मरुस्थलों की उपस्थिति के कारण विकसित नहीं हो सका है। यहाँ विश्व की सबसे लम्बी पर्वत-श्रेणी एण्डीज पर्वतमाला एवं सबसे ऊँची टीटीकाका झील हैं। भूमध्यरेखा के समीप पेरू देश में चिम्बोरेजो तथा कोटोपैक्सी नामक विश्व के सबसे ऊँचे ज्वालामुखी पर्वत हैं जो लगभग ६,०९६ मीटर ऊँचे हैं। अमेजन, ओरीनिको, रियो डि ला प्लाटा यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं। दक्षिण अमेरिका की अन्य नदियाँ ब्राज़ील की साओ फ्रांसिस्को, कोलम्बिया की मैगडालेना तथा अर्जेण्टाइना की रायो कोलोरेडो हैं। इस महाद्वीप में ब्राज़ील, अर्जेंटीना, चिली, उरुग्वे, पैराग्वे, बोलिविया, पेरू, ईक्वाडोर, कोलोंबिया, वेनेज़ुएला, गुयाना (ब्रिटिश, डच, फ्रेंच) और फ़ाकलैंड द्वीप-समूह आदि देश हैं। .

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दूनागिरी

दूनागिरी भूमंडल में दक्षिण एशिया स्थित भारतवर्ष के उत्तराखण्ड प्रदेश के अन्तर्गत कुमांऊँ क्षेत्र के अल्मोड़ा जिले में एक पौराणिक पर्वत शिखर का नाम है। द्रोण, द्रोणगिरी, द्रोण-पर्वत, द्रोणागिरी, द्रोणांचल, तथा द्रोणांचल-पर्वत इसी पर्वत के पर्यायवाची शब्द हैं। कालान्तर के उपरांत द्रोण का अपभ्रंश होते-होते वर्तमान में इस पर्वत को कुमांऊँनी बोली के समरूप अथवा अनुसार दूनागिरी नाम से पुकारा जाने लगा है। यथार्थत: यह पौराणिक उल्लिखित द्रोण है। .

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देहरादून जिला

यह लेख देहरादून जिले के विषय में है। नगर हेतु देखें देहरादून। देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है। इस जिले में ६ तहसीलें, ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ शहर और ७६४ आबाद गाँव हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ कोई नहीं रहता। देश की राजधानी से २३० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह नगर अनेक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों के कारण भी जाना जाता है। यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अपनी सुंदर दृश्यवाली के कारण देहरादून पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और विभिन्न क्षेत्र के उत्साही व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशिष्ट बासमती चावल, चाय और लीची के बाग इसकी प्रसिद्धि को और बढ़ाते हैं तथा शहर को सुंदरता प्रदान करते हैं। देहरादून दो शब्दों देहरा और दून से मिलकर बना है। इसमें देहरा शब्द को डेरा का अपभ्रंश माना गया है। जब सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस क्षेत्र में आए तो अपने तथा अनुयायियों के रहने के लिए उन्होंने यहाँ अपना डेरा स्थापित किया। www.sikhiwiki.org.

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दोड्डबेट्ट

नीलगिरी पर्वत, डोड्डाबेट्टा से दोड्डबेट्ट भारत के पश्चिमी घाट की पर्वतमाला का एक पर्वत है। यह तमिलनाडु राज्य के नीलगिरि जिले में नीलगिरि पर्वत की सबसे ऊँची तथा हिमालय के दक्षिण में स्थित सभी पर्वतों से ऊँची चोटी है। यह चोटी समुद्र तल से 2623 मीटर ऊपर है। घाटियों में इसी ढालों पर सिनकोना के सरकारी बागान हैं। इसकी चोटी पर मौसम विज्ञान वेधशाला भी है। यह चोटी ऊटी से केवल 10 किलोमीटर दूर है इसलिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से घाटी का नजारा अदभुत दिखाई पड़ता है। लोगों का कहना है कि जब मौसम साफ होता है तब यहां से दूर के इलाके भी दिखाई देते हैं जिनमें कायंबटूर के मैदानी इलाके भी शामिल हैं। यह ऊटी से ४ किमी पूर्व-पूर्वोत्तर में,, है। इसकी ऊंचाई है। इसके बाद धेक्यूबा (ऊंचाई), कट्टडाडू (ऊंचाई) एवं कुलकुडी (ऊंचाई) डोडाबेट्टा से निकटता से जुड़ी अन्य चोटियां हैं। .

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दीरन

दीरन (Diran) काराकोरम पर्वतमाला की राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह विश्व का 93वाँ सर्वोच्च पर्वत है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले की नगर वादी में स्थित है। यह राकापोशी से पूर्व में खड़ा हुआ है। इस से होने वाले हिमस्खलन में हर वर्ष मृत्युएँ होती हैं। .

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नक्की झील

नक्की झीलनक्की झील माउंट आबू का एक सुंदर पर्यटन स्थल है। मीठे पानी की यह झील, जो राजस्थान की सबसे ऊँची झील हैं सर्दियों में अक्सर जम जाती है। कहा जाता है कि एक हिन्दू देवता ने अपने नाखूनों से खोदकर यह झील बनाई थी। इसीलिए इसे नक्की (नख या नाखून) नाम से जाना जाता है। झील से चारों ओर के पहाड़ियों का दृश्य अत्यंत सुंदर दिखता है। इस झील में नौकायन का भी आनंद लिया जा सकता है। नक्की झील के दक्षिण-पश्चिम में स्थित सूर्यास्त बिंदू से डूबते हुए सूर्य के सौंदर्य को देखा जा सकता है। यहाँ से दूर तक फैले हरे भरे मैदानों के दृश्य आँखों को शांति पहुँचाते हैं। सूर्यास्त के समय आसमान के बदलते रंगों की छटा देखने सैकड़ों पर्यटक यहाँ आते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य का नैसर्गिक आनंद देनेवाली यह झील चारों ओऱ पर्वत शृंखलाओं से घिरी है। यहाँ के पहाड़ी टापू बड़े आकर्षक हैं। यहाँ कार्तिक पूर्णिमा को लोग स्नान कर धर्म लाभ उठाते हैं। झील में एक टापू को ७० अश्वशक्ति से चलित विभिन्न रंगों में जल फव्वारा लगाकर आकर्षक बनाया गया है जिसकी धाराएँ ८० फुट की ऊँचाई तक जाती हैं। झील में नौका विहार की भी व्यवस्था है। झील के किनारे एक सुंदर बगीचा है, जहाँ शाम के समय घूमने और नौकायन के लिए पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ता है। पास ही में बनी दुकानों से राजस्थानी शिल्प का सामान खरीदा जा सकता है। यहाँ संगमरमर पत्थर से बनी मूर्तियों और सूती कोटा साड़ियाँ काफी लोकप्रिय है। यहाँ की दुकानों से चाँदी के आभूषणों की खरीददारी भी की जा सकती है। .

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नुब्त्से

नुप्त्से या नुब्चे (ནུབ་རྩེ།, Nuptse) हिमालय के महालंगूर हिमाल नामक खण्ड के खुम्बु क्षेत्र में स्थित एक पर्वत है। यह एवरेस्ट पर्वत से २ किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम में स्थित है। यह ल्होत्से से जुड़ा हुआ है और इसकी स्थलाकृतिक उदग्रता स्वतंत्र रूप से ५०० किमी से कम है जिस कारणवश इसे एक स्वतंत्र पर्वत नहीं माना जाता, हालांकि इसकी सबसे ऊँची चोटी की ऊँचाई ७,८६१ मीटर (२५,७९१ फ़ुट) है। यदी यह ल्होत्से से अलग इसी ऊँचाई का पर्वत होता तो इसे विश्व का २१वाँ सर्वोच्च पर्वत होने का दर्जा मिला हुआ होता। .

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न्येनचेन थंगल्हा पर्वत

न्येनचेन थंगल्हा (तिब्बती: གཉན་ཆེན་ཐང་ལྷ་, चीनी: 念青唐古拉峰, अंग्रेज़ी: Mount Nyenchen Tanglha) दक्षिणी तिब्बत में स्थित एक पर्वत है। यह पारहिमालय पर्वतमाला और उसकी न्येनचेन थंगल्हा उपशृंखला का सबसे ऊँचा पहाड़ है। न्येनचेन थंगल्हा इस उपशृंखला के पश्चिमी भाग में यरलुंग त्संगपो नदी (ब्रह्मपुत्र नदी) और चांगथंग पठार की बंद जलसम्भर द्रोणियों के बीच में और नम्त्सो झील से दक्षिण में खड़ा है। प्रशासनिक रूप से यह तिब्बत के ल्हासा विभाग के दमझ़ुंग ज़िले में स्थित है ('दमझ़ुंग' में बिन्दुयुक्त 'झ़' का उच्चारण देखें)। इस पहाड़ का तिब्बती संस्कृति में काफ़ी महत्व है और इसका उल्लेख कई तिब्बती लोककथाओं में मिलता है। .

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नेपाल का ध्वज

नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज विश्व का एक मात्र ऐसा झन्डा है जो चौकोर या आयताकार नहीं है जो दो त्रिकोणिय आकार को ऊपर नीचे रख कर बनाया गया है। विश्व में एक और झंडा है जो चौकोर नही है वह है अमेरिका के ओहाइयो का। नेपाल के राष्ट्रिय झंडे के ऊपर वाले त्रिकोण में एक अर्ध चाँद और नीचे वाली त्रिकोण में एक सूर्य अंकित है जिसका मतलब बताया जाता है कि जब तक सूरज-चाँद रहेगा तब तक पृथ्वी पर नेपाल का अस्तित्व रहेगा। इस ध्वज के किनारे नीले रंग के किनारे लगे हैं जो शान्ति का प्रतिक है। ध्वज के बीच का भाग गहरे लाल रंग का है जो नेपाल का राष्ट्रीय रंग है। नेपाल का राष्ट्रीय पुष्प गुराँस भी इसी रंग का है। गहरा लाल विजय का भी प्रतिक है। 1962 तक नेपाल के झंडे पर चाँद और सूरज पर चेहरे बने होते थें। ध्वज का आधुनिकीकरण करने के लिए ध्वज के चंद्र और सूर्य पर से चेहरे को हटा दिया गया लेकिन फिर भी राजा अपने ध्वज पर चाँद और सूरज पर चेहरे का प्रयोग राजतंत्र खत्म होने (2008) तक करता रहा। इस ध्वज को 16 दिसम्बर 1962 को अपनाया गया जब देश का नया संविधान लिखा गया। यह अनोखा त्रिकोणिय ध्वज शताब्दियों से नेपाल में प्रयोग में चलता रहा लेकिन द्वि त्रिकोणिय ध्वज का इस्तेमाल 19 वीं शताब्दि से चलन में आया। ध्वज के आज का स्वरुप इसके प्राथमिक स्वरुप से लिया गया है जिसका प्रयोग 2000 साल पहले से हो रहा है। .

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नेपाल का प्रशासनिक विभाजन

संघीय लोकतान्त्रिक गणतन्त्र नेपाल एक छोटा देश है जो दक्षिण एशिया में भारत और चीन के बीच में स्थित है। यह देश पूरी तरह से स्थलरुद्ध है। .

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परिक्रमा

भारतीय धर्मों (हिन्दू, जैन, बौद्ध आदि) में पवित्र स्थलों के चारो ओर श्रद्धाभाव से चलना 'परिक्रमा' या 'प्रदक्षिणा' कहलाता है। मन्दिर, नदी, पर्वत आदि की परिक्रमा को पुण्यदायी माना गया है। चौरासी कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा आदि का विधान है। परिक्रमा की यात्रा पैदल, बस या दूसरे साधनों से तय की जा सकती है लेकिन अधिकांश लोग परिक्रमा पैदल चलकर पूर्ण करते हैं। ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन, अयोध्या में सरयू, चित्रकूट में कामदगिरि और दक्षिण भारत में तिरुवन्मलई की परिक्रमा होती है जबकि उज्जैन में चौरासी महादेव की यात्रा का आयोजन किया जाता है। .

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पर्वत निर्माण

पर्वतों का निर्माण करती हैं। .

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पर्वतन

पर्वतन (अंग्रेजी: Orogeny), उन बलों और घटनाओं की व्याख्या करता है जो विवर्तनिक प्लेटों के संचलन के फलस्वरूप पृथ्वी के स्थलमंडल (पर्पटी और ऊपरी प्रवार) में आये गहन संरचनात्मक विरूपण का कारण बनते हैं। विवर्तनिक प्लेटों के इस संचलन से निर्मित यह अत्यधिक विरूपित शैल संरचनायें पर्वतजन कहलाती हैं। सामान्य शब्दों में पर्वतन वह प्रक्रिया है जिसमें वलन (folding), भ्रंशन (faulting) तथा क्षेपण (thrusting) के द्वारा किसी पर्वत का उद्भव अथवा निर्माण होता है। .

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पर्वतारोहण

2004 में नेपाल के इम्जा से (आइलैंड पीक) के 20,305 (6189 मीटर) ऊँचे शिखर पर अपने अंतिम कदम बढ़ाता हुआ पर्वतारोही एक खुली खाई पर्वतारोहण या पहाड़ चढ़ना शब्द का आशय उस खेल, शौक़ अथवा पेशे से है जिसमें पर्वतों पर चढ़ाई, स्कीइंग अथवा सुदूर भ्रमण सम्मिलित हैं। पर्वतारोहण की शुरुआत सदा से अविजित पर्वत शिखरों पर विजय पाने की महत्वाकांक्षा के कारण हुई थी और समय के साथ इसकी 3 विशेषज्ञता वाली शाखाएं बन कर उभरीं हैं: चट्टानों पर चढ़ने की कला, बर्फ से ढके पर्वतों पर चढ़ने की कला और स्कीइंग की कला.

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प्रलय

प्रलय का अर्थ होता है संसार का अपने मूल कारण प्रकृति में सर्वथा लीन हो जाना, सृष्टि का सर्वनाश, सृष्टि का जलमग्न हो जाना। पुराणों में काल को चार युगों में बाँटा गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार जब चार युग पूरे होते हैं तो प्रलय होती है। इस समय ब्रह्मा सो जाते हैं और जब जागते हैं तो संसार का पुनः निर्माण करते हैं और युग का आरम्भ होता है। प्रकृति का ब्रह्म में लीन (लय) हो जाना ही प्रलय है। संपूर्ण ब्रह्मांड ही प्रकृति कही गई हैं जो सबसे शक्तिशाली है। .

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प्लेट विवर्तनिकी

प्लेट विवर्तनिकी (Plate tectonics) एक वैज्ञानिक सिद्धान्त है जो पृथ्वी के स्थलमण्डल में बड़े पैमाने पर होने वाली गतियों की व्याख्या प्रस्तुत करता है। साथ ही महाद्वीपों, महासागरों और पर्वतों के रूप में धरातलीय उच्चावच के निर्माण तथा भूकम्प और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के भौगोलिक वितरण की व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। यह सिद्धान्त बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में अभिकल्पित महाद्वीपीय विस्थापन नामक संकल्पना से विकसित हुआ जब 1960 के दशक में ऐसे नवीन साक्ष्यों की खोज हुई जिनसे महाद्वीपों के स्थिर होने की बजाय गतिशील होने की अवधारणा को बल मिला। इन साक्ष्यों में सबसे महत्वपूर्ण हैं पुराचुम्बकत्व से सम्बन्धित साक्ष्य जिनसे सागर नितल प्रसरण की पुष्टि हुई। हैरी हेस के द्वारा सागर नितल प्रसरण की खोज से इस सिद्धान्त का प्रतिपादन आरंभ माना जाता है और विल्सन, मॉर्गन, मैकेंज़ी, ओलिवर, पार्कर इत्यादि विद्वानों ने इसके पक्ष में प्रमाण उपलब्ध कराते हुए इसके संवर्धन में योगदान किया। इस सिद्धान्त अनुसार पृथ्वी की ऊपरी लगभग 80 से 100 कि॰मी॰ मोटी परत, जिसे स्थलमण्डल कहा जाता है, और जिसमें भूपर्पटी और भूप्रावार के ऊपरी हिस्से का भाग शामिल हैं, कई टुकड़ों में टूटी हुई है जिन्हें प्लेट कहा जाता है। ये प्लेटें नीचे स्थित एस्थेनोस्फीयर की अर्धपिघलित परत पर तैर रहीं हैं और सामान्यतया लगभग 10-40 मिमी/वर्ष की गति से गतिशील हैं हालाँकि इनमें कुछ की गति 160 मिमी/वर्ष भी है। इन्ही प्लेटों के गतिशील होने से पृथ्वी के वर्तमान धरातलीय स्वरूप की उत्पत्ति और पर्वत निर्माण की व्याख्या प्रस्तुत की जाती है और यह भी देखा गया है कि प्रायः भूकम्प इन प्लेटों की सीमाओं पर ही आते हैं और ज्वालामुखी भी इन्हीं प्लेट सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं। प्लेट विवर्तनिकी में विवर्तनिकी (लातीन:tectonicus) शब्द यूनानी भाषा के τεκτονικός से बना है जिसका अर्थ निर्माण से सम्बंधित है। छोटी प्लेट्स की संख्या में भी कई मतान्तर हैं परन्तु सामान्यतः इनकी संख्या 100 से भी अधिक स्वीकार की जाती है। .

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पृथ्वी की आतंरिक संरचना

पृथ्वी की आतंरिक संरचना शल्कीय अर्थात परतों के रूप में है, जैसे प्याज के छिलके परतों के रूप में होते हैं। इन परतों की मोटाई का सीमांकन रासायनिक अथवा यांत्रिक विशेषताओं के आधार पर किया जा सकता है। की सबसे ऊपरी परत एक ठोस परत है, मध्यवर्ती अत्यधिक गाढ़ी परत है और बाह्य तरल तथा आतंरिक ठोस अवस्था में है। की आतंरिक संरचना के बारे में जानकारी के स्रोतों को दो हिस्सों में विभक्त किया जा सकता है। प्रत्यक्ष स्रोत, जैसे से निकले पदार्थो का अध्ययन, से प्राप्त आंकड़े इत्यादि, कम गहराई तक ही जानकारी उपलब्ध करा पाते हैं। दूसरी ओर अप्रत्यक्ष स्रोत के रूप में का अध्ययन अधिक गहराई की विशेषताओं के बारे में जानकारी देता है। .

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पोरोंग री

पोरोंग री (Porong Ri) हिमालय के लांगटांग क्षेत्र में स्थित एक पर्वत है जो विश्व का 86वाँ पर्वत है। यह तिब्बत में नेपाल की सीमा से १ किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित है। .

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फू बिया

फू बिया (लाओ: ພູເບັ້ຍ, अंग्रेज़ी: Phou Bia) लाओस का सबसे ऊँचा पर्वत है। यह सिएंगखुअंग प्रान्त में सिएंगखुअंग पठार की दक्षिणी सीमा पर अन्नामी पहाड़ियों में स्थित है। अपनी ऊँचाई के कारण इसके शिखर पर मौसम ठंडा रहता है और इसके आसपास के क्षेत्र पर कोहरा और बादल बने रहते हैं। यह पूरा क्षेत्र वनों से सुसज्जित है और पारम्परिक रूप से यहाँ ह्मोंग समुदाय बसता रहा है। .

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बानदुंग

बानदुंग (Bandung) इण्डोनेशिया के पश्चिम जावा प्रान्त का सबसे बड़ा शहर और राजधानी है। इसके महानगर क्षेत्र में सन् 2015 में 84,95,928 निवासी थे, जिसके आधार पर यह इण्डोनेशिया का दूसरा सबसे बड़ा महानगर क्षेत्र था। केन्द्रीय शहर की आबादी 25 लाख है जिसके अनुसार यह देश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। बानदुंग जावा द्वीप पर राष्ट्रीय राजधानी जकार्ता से 140 किलोमीटर (87 मील) दक्षिणपूर्व में समुद्रतल से 768 मीटर (2,520 फ़ुट) की ऊँचाई पर बसा हुआ है। अपनी ऊँचाई के कारण यहाँ का तापमान सालभर अन्य इण्डोनेशियाई शहरों से ठंडा रहता है। यह एक नदी द्रोणी में ज्वालामुखीय पहाड़ियों से घिरा हुआ है। सन् 2018 के एशियाई खेलों के मेज़बान नगरों में बानदुंग भी एक है। .

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बाल्तोरो कांगरी

बाल्तोरो कांगरी (Baltoro Kangri), जो सुनहरा सिंहासन या सुनहरा तख़्त (Golden Throne) भी कहलाता है, काराकोरम पर्वतमाला का एक ऊँचा पर्वत है जो विश्व का 82वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के स्कर्दू ज़िले में गाशरब्रुम उपश्रेणी से दक्षिण में और चोगोलीसा पर्वत से पूर्व में स्थित है। भारत इस पूरे क्षेत्र पर सम्प्रभुता का दावा करता है। प्रसिद्ध बाल्तोरो हिमानी (ग्लेशियर), जो पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर विश्व की पाँचवी सबसे लम्बी हिमानी है, इसी पर्वत की ढलानों से आरम्भ होती है। बाल्तोरो कांगरी की उत्तरी ढलान से अब्रूज़ी हिमानी उत्पन्न होती है। ध्यान दें कि मिलते-जुलते नाम के बावजूद यह पर्वत बाल्तोरो मुज़ताग़ का हिस्सा नहीं है। .

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बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में टाइगर बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है। यह वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था। इसका क्षेत्रफल 437 वर्ग किमी है। यहां शेर आसानी से देखा जा सकता है। यह मध्यप्रदेश का एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जो 32 पहाड़ियों से घिरा है यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। बाघों का गढ़ (बांधवगढ़?) 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस उद्यान में एक मुख्य पहाड़ है जो 'बांधवगढ़' कहलाता है। 811 मीटर ऊँचे इस पहाड़ के पास छोटी-छोटी पहाड़ियाँ हैं। पार्क में साल और बंबू के वृक्ष प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं। बाँधवगढ़ से सबसे नजदीक विमानतल जबलपुर में है जो 164 किलोमीटर की दूरी पर है। रेल मार्ग से भी बाँधवगढ़ जबलपुर, कटनी और सतना से जुड़ा है। खजुराहो से बाँधवगढ़ के बीच 237 किलोमीटर की दूरी है। दोनों स्थानों के बीच केन नदी के कुछ हिस्सों को क्रोकोडाइल रिजर्व घोषित किया गया है। .

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बाइंथा ब्राक

बाइंथा ब्राक (Baintha Brakk), जिसे दानव (The Ogre, द ओगर) भी कहा जाता है, काराकोरम पर्वतमाला की पनमाह मुज़ताग़ उपश्रेणी का सबसे ऊँचा पर्वत है और विश्व का 87वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में है जिसपर भारत अपनी सम्प्रभुता और अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का अंग होने का दावा करता है। यह एक तीखी ढलान और पत्थरीली चट्टानों वाला पर्वत है जिसे चढ़ना बहुत कठिन माना जाता है। यह बियाफ़ो हिमानी की उत्तरी तरफ़ खड़ा हुआ है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत के भू-आकृतिक प्रदेश

भारत एक विशाल देश है जिसमें अनेक धरातलीय विविधताएँ, विषमताएँ और जटिलताएँ पाई जाती हैं। यहाँ ऊँचे-ऊँचे पर्वत, पठार तथा समतल मैदानी सभी प्रकार की स्थलाकृतियाँ पाई जाती है। इनकी विद्यमानता के परिणाम स्वरूप भारत का भू-आकृति प्रादेशीकरण (Physiographic Regionalisation) अत्यन्त कठिन कार्य है। इस कार्य के लिए लम्बे समय से अनेक विद्वान प्रयत्नशील रहे हैं, परन्तु वे त्रुटिमुक्त प्रादेशीकरण प्रस्तुत करने में सफल नहीं हो सके। इस क्षेत्र में आर0 एल0 सिंह और बी0 के0 राय के प्रयास काफी सराहनीय एवं अग्रणी माने जाते हैं। इनका संक्षिप्त विवरण निम्नांकित है: .

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भू-संतुलन

सर जोर्ज ऐयरी का भूसंतुलन मॉडल भू-संतुलन या समस्थिति (lsostasy) का अर्थ है पृथ्वी की भूपर्पटी के सतही उच्चावच के रूप में स्थित पर्वतों, पठारों और समुद्रों के उनके भार के अनुसार भूपर्पटी के नीचे स्थित पिघली चट्टानों के ऊपर संतुलन बनाए रखने की अवस्था। पृथ्वी का स्थलमण्डल अपने नीचे स्थित एस्थेनोस्फियर पर एक प्रकार से तैरता हुआ स्थित है और संतुलन के लिए यह आवश्यक माना जाता है कि जहाँ धरातल पर ऊँचे पर्वत या पठार हैं वहाँ स्थलमण्डल की मोटाई अधिक है और इसका निचला हिस्सा पर्वतों की जड़ों की तरह एस्थेनोस्फियर में अधिक गहराई तक घुस हुआ है। पर्वतों के नीचे स्थलमण्डल के इस नीचे एस्थेनोस्फियर में प्रविष्ट भाग अथवा समुद्रों के नीचे कम गहराई तक घुसे भाग के संतुलन की व्यख्या करने वाले तीन मॉडल प्रस्तुत किये गए हैं। आइसोस्टैसी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम क्लैरेंस डटन (Clarence Dutton) ने 1889 में किया था। .

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भू-आकृति विज्ञान

धरती की सतह भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology) (ग्रीक: γῆ, ge, "पृथ्वी"; μορφή, morfé, "आकृति"; और λόγος, लोगोस, "अध्ययन") भू-आकृतियों और उनको आकार देने वाली प्रक्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन है; तथा अधिक व्यापक रूप में, उन प्रक्रियाओं का अध्ययन है जो किसी भी ग्रह के उच्चावच और स्थलरूपों को नियंत्रित करती हैं। भू-आकृति वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश करते हैं कि भू-दृश्य जैसे दिखते हैं वैसा दिखने के पीछे कारण क्या है, वे भू-आकृतियों के इतिहास और उनकी गतिकी को जानने का प्रयास करते हैं और भूमि अवलोकन, भौतिक परीक्षण और संख्यात्मक मॉडलिंग के एक संयोजन के माध्यम से भविष्य के बदलावों का पूर्वानुमान करते हैं। भू-आकृति विज्ञान का अध्ययन भूगोल, भूविज्ञान, भूगणित, इंजीनियरिंग भूविज्ञान, पुरातत्व और भू-तकनीकी इंजीनियरिंग में किया जाता है और रूचि का यह व्यापक आधार इस विषय के तहत अनुसंधान शैली और रुचियों की व्यापक विविधता को उत्पन्न करता है। पृथ्वी की सतह, प्राकृतिक और मानवोद्भव विज्ञान सम्बन्धी प्रक्रियाओं के संयोजन की प्रतिक्रिया स्वरूप विकास करती है और सामग्री जोड़ने वाली और उसे हटाने वाली प्रक्रियाओं के बीच संतुलन के साथ जवाब देती है। ऐसी प्रक्रियाएं स्थान और समय के विभिन्न पैमानों पर कार्य कर सकती हैं। सर्वाधिक व्यापक पैमाने पर, भू-दृश्य का निर्माण विवर्तनिक उत्थान और ज्वालामुखी के माध्यम से होता है। अनाच्छादन, कटाव और व्यापक बर्बादी से होता है, जो ऐसे तलछट का निर्माण करता है जिसका परिवहन और जमाव भू-दृश्य के भीतर या तट से दूर कहीं अन्य स्थान पर हो जाता है। उत्तरोत्तर छोटे पैमाने पर, इसी तरह की अवधारणा लागू होती है, जहां इकाई भू-आकृतियां योगशील (विवर्तनिक या तलछटी) और घटाव प्रक्रियाओं (कटाव) के संतुलन के जवाब में विकसित होती हैं। आधुनिक भू-आकृति विज्ञान, किसी ग्रह के सतह पर सामग्री के प्रवाह के अपसरण का अध्ययन है और इसलिए तलछट विज्ञान के साथ निकट रूप से संबद्ध है, जिसे समान रूप से उस प्रवाह के अभिसरण के रूप में देखा जा सकता है। भू-आकृतिक प्रक्रियाएं विवर्तनिकी, जलवायु, पारिस्थितिकी, और मानव गतिविधियों से प्रभावित होती हैं और समान रूप से इनमें से कई कारक धरती की सतह पर चल रहे विकास से प्रभावित हो सकते हैं, उदाहरण के लिए, आइसोस्टेसी या पर्वतीय वर्षण के माध्यम से। कई भू-आकृति विज्ञानी, भू-आकृतिक प्रक्रियाओं की मध्यस्थता वाले जलवायु और विवर्तनिकी के बीच प्रतिपुष्टि की संभावना में विशेष रुचि लेते हैं। भू-आकृति विज्ञान के व्यावहारिक अनुप्रयोग में शामिल है संकट आकलन जिसमें शामिल है भूस्खलन पूर्वानुमान और शमन, नदी नियंत्रण और पुनर्स्थापना और तटीय संरक्षण। .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव

extreme weather). (Third Assessment Report) इस के अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change)। इस भविष्यवाणी की प्रभावों के ग्लोबल वार्मिंग इस पर पर्यावरण (environment) और के लिए मानव जीवन (human life) कई हैं और विविध.यह आम तौर पर लंबे समय तक कारणों के लिए विशिष्ट प्राकृतिक घटनाएं विशेषता है, लेकिन मुश्किल है के कुछ प्रभावों का हाल जलवायु परिवर्तन (climate change) पहले से ही होने जा सकता है।Raising sea levels (Raising sea levels), glacier retreat (glacier retreat), Arctic shrinkage (Arctic shrinkage), and altered patterns of agriculture (agriculture) are cited as direct consequences, but predictions for secondary and regional effects include extreme weather (extreme weather) events, an expansion of tropical diseases (tropical diseases), changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems (changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems), and drastic economic impact (economic impact)। चिंताओं का नेतृत्व करने के लिए हैं राजनीतिक (political) सक्रियता प्रस्तावों की वकालत करने के लिए कम (mitigate), समाप्त (eliminate), या अनुकूलित (adapt) यह करने के लिए। 2007 चौथी मूल्यांकन रिपोर्ट (Fourth Assessment Report) के द्वारा अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change) (आईपीसीसी) ने उम्मीद प्रभावों का सार भी शामिल है। .

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भूविज्ञान

पृथ्वी के भूवैज्ञनिक क्षेत्र पृथ्वी से सम्बंधित ज्ञान ही भूविज्ञान कहलाता है।भूविज्ञान या भौमिकी (Geology) वह विज्ञान है जिसमें ठोस पृथ्वी का निर्माण करने वाली शैलों तथा उन प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जिनसे शैलों, भूपर्पटी और स्थलरूपों का विकास होता है। इसके अंतर्गत पृथ्वी संबंधी अनेकानेक विषय आ जाते हैं जैसे, खनिज शास्त्र, तलछट विज्ञान, भूमापन और खनन इंजीनियरी इत्यादि। इसके अध्ययन बिषयों में से एक मुख्य प्रकरण उन क्रियाओं की विवेचना है जो चिरंतन काल से भूगर्भ में होती चली आ रही हैं एवं जिनके फलस्वरूप भूपृष्ठ का रूप निरंतर परिवर्तित होता रहता है, यद्यपि उसकी गति साधारणतया बहुत ही मंद होती है। अन्य प्रकरणों में पृथ्वी की आयु, भूगर्भ, ज्वालामुखी क्रिया, भूसंचलन, भूकंप और पर्वतनिर्माण, महादेशीय विस्थापन, भौमिकीय काल में जलवायु परिवर्तन तथा हिम युग विशेष उल्लेखनीय हैं। भूविज्ञान में पृथ्वी की उत्पत्ति, उसकी संरचना तथा उसके संघटन एवं शैलों द्वारा व्यक्त उसके इतिहास की विवेचना की जाती है। यह विज्ञान उन प्रक्रमों पर भी प्रकाश डालता है जिनसे शैलों में परिवर्तन आते रहते हैं। इसमें अभिनव जीवों के साथ प्रागैतिहासिक जीवों का संबंध तथा उनकी उत्पत्ति और उनके विकास का अध्ययन भी सम्मिलित है। इसके अंतर्गत पृथ्वी के संघटक पदार्थों, उन पर क्रियाशील शक्तियों तथा उनसे उत्पन्न संरचनाओं, भूपटल की शैलों के वितरण, पृथ्वी के इतिहास (भूवैज्ञानिक कालों) आदि के अध्ययन को सम्मिलित किया जाता है। .

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भूगोल शब्दावली

कोई विवरण नहीं।

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मनास्लु

मनास्लु (Manaslu), जो कुतंग (Kutang) भी कहलाता है, पृथ्वी का आठवाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। यह 8,163 मीटर (26,781 फ़ुट) ऊँचा पर्वत मध्योत्तर नेपाल के गोरखा ज़िले में स्थित है और हिमालय के मनसिरी हिमाल नामक भाग का सदस्य है। .

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मरुस्थल

अटाकामा मरुस्थल मरुस्थल या रेगिस्तान ऐसे भौगोलिक क्षेत्रों को कहा जाता है जहां जलपात (वर्षा तथा हिमपात का योग) अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा काफी कम होती है। प्रायः (गलती से) रेतीले रेगिस्तानी मैदानों को मरुस्थल कहा जाता है जोकि गलत है। यह बात और है कि भारत में सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र (थार) एक रेतीला मैदान है। मरूस्थल (कम वर्षा वाला क्षेत्र) का रेतीला होना आवश्यक नहीं। मरुस्थल का गर्म होना भी आवश्यक नहीं है। अंटार्कटिक, जोकि बर्फ से ढका प्रदेश है, विश्व का सबसे बड़ा मरुस्थल है ! विश्व के अन्य देशों में कई ऐसे मरुस्थल हैं जो रेतीले नहीं है। .

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मलिका परबत

मलिका परबत (अंग्रेज़ी: Malika Parbat, उर्दु: ملکہ پربت) पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी क्षेत्र का सबसे ऊँचा पर्वत है। यह सैफ़-उल-मुलूक झील से ६ किमी दक्षिण में आँसू झील के समीप स्थित है। .

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मानचित्र

विश्व का मानचित्र (२००४, सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक) पृथ्वी के सतह के किसी भाग के स्थानों, नगरों, देशों, पर्वत, नदी आदि की स्थिति को पैमाने की सहायता से कागज पर लघु रूप में बनाना मानचित्रण कहलाता हैं। मानचित्र दो शब्दों मान और चित्र से मिल कर बना है जिसका अर्थ किसी माप या मूल्य को चित्र द्वारा प्रदर्शित करना है। जिस प्रकार एक सूक्ष्मदर्शी किसी छोटी वस्तु को बड़ा करके दिखाता है, उसके विपरीत मानचित्र किसी बड़े भूभाग को छोटे रूप में प्रस्तुत करते हैं जिससे एक नजर में भौगोलिक जानकारी और उनके अन्तर्सम्बन्धों की जानकारी मिल सके। मानचित्र को नक्शा भी कहा जाता है। आजकल मानचित्र केवल धरती, या धरती की सतह, या किसी वास्तविक वस्तु तक ही सीमित नहीं हैं। उदाहरण के लिये चन्द्रमा या मंगल ग्रह की सतह का मानचित्र बनाया जा सकता है; किसी विचार या अवधारणा का मानचित्र बनाया जा सकता है; मस्तिष्क का मानचित्रण (जैसे एम आर आई की सहायता से) किया जा रहा है। .

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मामोस्तोंग कांगरी

मामोस्तोंग कांगरी (Mamostong Kangri) काराकोरम पर्वतमाला की रिमो मुज़ताग़ उपश्रेणी में स्थित एक ऊँचा पर्वत है जो विश्व का 48वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह सियाचिन हिमानी से 30 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व में स्थित है और प्रशासनिक रूप से भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र में आता है। .

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मालूबितिंग

मालूबितिंग (Malubiting), जो मालूबितिंग पश्चिम (Malubiting West) भी कहलाता है काराकोरम पर्वतमाला की राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह विश्व का 58वाँ सर्वोच्च पर्वत है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के गिलगित ज़िले में स्थित है। यह राकापोशी से 40 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व और गिलगित शहर से 50 किमी पूर्व में खड़ा हुआ है। चोगो लुंगमा हिमानी (ग्लेशियर) मालूबितिंग की ढलानों पर ही आरम्भ होता है। .

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मांडलगढ़

मांडलगढ़ एक भारत के राजस्थान राज्य के भीलवाड़ा जिले का एक नगर है | .

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मिन्या कोन्का

मिन्या कोन्का (Minya Konka) या गोंगा पर्वत (Mount Gongga) चीन के सिचुआन प्रान्त का सर्वोच्च पर्वत और विश्व का 41वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह हेंगदुआन पर्वतमाला में स्थित है और विश्व का पूर्वतम 7,000 मीटर से अधिक ऊँचाई का पर्वत है। तिरिच मीर और कोंगुर ताग़ के बाद यह हिमालय व काराकोरम से बाहर विश्व का तीसरा सर्वोच्च पर्वत भी है।Arnold Heim:.

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मकड़ा पर्वत

मकड़ा (अंग्रेज़ी: Makra Peak, उर्दु: مکڑا چوٹی, मकड़ा चोटी) पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी क्षेत्र में एक रमणीय पर्वत है। इसकी ढलानों की हिमानियों (ग्लेशियर) का पिघलता पानी कुनहार नदी (नैनसुख नदी) को जल प्रदान करता है। यह काग़ान वादी का सबसे ऊँचा पर्वत नहीं है क्योंकि वह ख़िताब मलिका परबत को जाता है। .

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मुकेशपुरी

मुकेशपुरी (अंग्रेज़ी: Mukeshpuri, उर्दु: مکشپوری), जिसे बोलचाल में संक्षिप्त रूप से मोशपुरी कह दिय जाता है, पाकिस्तान के उत्तरी ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के ऐब्टाबाद ज़िले में स्थित एक २,८०० मीटर ऊँचा पर्वत है। यह पर्वत महाभारत के पाण्डव भाईयों से सम्बन्धित है जिन्हें स्थानीय रूप से "पंज पीर" कहा जाता है। पर्वत की चोटी को पंजाबी भाषा में "पाण्डुआ दा स्थान" कहते हैं। .

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यूरेनियम अयस्क

औटूनाइट, द्वितीय यूरेनियम खनिज है, जिसका नाम फ्रांस के औटून से लिया गया। यूरेनियम अयस्क भंडार पृथ्वी के गर्भ में स्थित सांद्र यूरेनियम है, जो आर्थिक रूप से उन्नति के लिए निकाला जाता है। यूरेनियम धरती के गर्भ में पाया जाने वाला बहुत आम तत्व है, जो चाँदी से 40 गुणा और सोने से पाँच सौ गुणा अधिक पाया जाता है। यह लगभग हर पहाड़, मिट्टी, नदियों और महासागरों में पाया जा सकता है। लेकिन कठिनाई केवल उन इलाकों को ज्ञात करने की है, जहाँ यह सांद्र अवस्था में पाया जाता है। .

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राजस्थान की झीलें

प्राचीन काल से ही राजस्थान में अनेक प्राकृतिक झीलें विद्यमान है। मध्य काल तथा आधुनिक काल में रियासतों के राजाओं ने भी अनेक झीलों का निर्माण करवाया। राजस्थान में मीठे और खारे पानी की झीलें हैं जिनमें सर्वाधिक झीलें मीठे पानी की है। .

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रिमो १

रिमो १ (Rimo I) काराकोरम पर्वतमाला की रिमो मुज़ताग़ उपश्रेणी में स्थित एक ऊँचा पर्वत है जो विश्व का 71वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह रिमो पुंजक का सबसे ऊँचा पर्वत है। .

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लाबुचे कांग

लाबुचे कांग (Labuche Kang) या लाबुचे कांग १ (Labuche Kang I) या चोकसिआम (Choksiam) हिमालय का एक पर्वत है जो तिब्बत में स्थित है। यह विश्व का 75वाँ सर्वोच्च पर्वत है। हिमालय के समीपी खण्ड को कभी-कभी "लाबुचे हिमाल" या "पमारी हिमाल" भी कहते हैं। यह रोल्वालिंग हिमाल से पश्चिमोत्तर और शिशापांगमा से पूर्व में स्थित है। .

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लंका

सोने की लंका का कलात्मक चित्रण लंका एक पौराणिक द्वीप है जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत आदि हिन्दू ग्रन्थों में हुआ है। इसका राजा रावण था। यह 'त्रिकुट' नामक तीन पर्वतों से घिरी थी। रामायण के अनुसार, जब रावण ने हनुमान को दण्ड देने के लिए उनकी पूँछ में कपड़े लपेटकर उसको तेल में भिगोकर आग लगा दी थी तब हनुमान ने पूरी लंका में कूद-कूदकर उसे जला दिया था। जब राम ने रावण का वध किया तब उसके भाई विभीषण को लंका का राजा बनाया। आज का श्री लंका ही पौराणिक लंका माना जाता है। पाण्डवों के समय रावण के वंशज ही लंका पर राज्य कर रहे थे। महाभारत के अनुसार, युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ की पूर्ति के लिए सहदेव अश्व लेकर लंका गये थे। .

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लूलूसर

लूलूसर या लालूसर (दोनों नाम प्रचलित हैं) पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी में स्थित एक पर्वतीय झील और पर्वतों का समूह है। ३,४१० मीटर (११,१९० फ़ुट) की ऊँचाई पर स्थित यह झील कुनहार नदी का मूल स्रोत है। यह एक बड़ा पर्यटक-आकर्षण है। .

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शिमला

शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। 1864 में, शिमला को भारत में ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था। एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल, शिमला को अक्सर पहाड़ों की रानी के रूप में जाना जाता है। .

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शिशापांगमा

शिशापांगमा (अंग्रेज़ी: Shishapangma, तिब्बती: ཤིས་ས་སྤང་མ།), जो गोसाईन्थान (Gosainthān) भी कहलाता है, हिमालय का एक 8,027 मीटर (26,335 फ़ुट) ऊँचा पर्वत है। यह तिब्बत के शिगात्से विभाग के न्यलाम ज़िले में स्थित है और नेपालकी सीमा से ५ किमी दूर है। तिब्बत पर चीन का नियंत्रण है और चीन ने उसे बाहरी विश्व से बहुत देर तक बंद रखा था जिस कारणवश यह विश्व का अंतिम आठ हज़ारी पर्वत था जिसे मानवों द्वारा चढ़ा गया। शिशापांगमा विश्व का १४वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है और हिमालय के जुगल हिमाल नामक भाग में स्थित है, जिसे कभी-कभी लांगतांग हिमाल का हिस्सा माना जाता है। .

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श्रीभार्गवराघवीयम्

श्रीभार्गवराघवीयम् (२००२), शब्दार्थ परशुराम और राम का, जगद्गुरु रामभद्राचार्य (१९५०-) द्वारा २००२ ई में रचित एक संस्कृत महाकाव्य है। इसकी रचना ४० संस्कृत और प्राकृत छन्दों में रचित २१२१ श्लोकों में हुई है और यह २१ सर्गों (प्रत्येक १०१ श्लोक) में विभक्त है।महाकाव्य में परब्रह्म भगवान श्रीराम के दो अवतारों परशुराम और राम की कथाएँ वर्णित हैं, जो रामायण और अन्य हिंदू ग्रंथों में उपलब्ध हैं। भार्गव शब्द परशुराम को संदर्भित करता है, क्योंकि वह भृगु ऋषि के वंश में अवतीर्ण हुए थे, जबकि राघव शब्द राम को संदर्भित करता है क्योंकि वह राजा रघु के राजवंश में अवतीर्ण हुए थे। इस रचना के लिए, कवि को संस्कृत साहित्य अकादमी पुरस्कार (२००५) तथा अनेक अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। महाकाव्य की एक प्रति, कवि की स्वयं की हिन्दी टीका के साथ, जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित की गई थी। पुस्तक का विमोचन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा ३० अक्टूबर २००२ को किया गया था। .

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शेरपी कांगरी

शेरपी कांगरी (Sherpi Kangri) जम्मू और कश्मीर में काराकोरम पर्वतमाला की साल्तोरो पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का एक ऊँचा पर्वत है जो विश्व का 74वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह सियाचिन हिमानी से पश्चिम में स्थित है। यह घेंट कांगरी से 5 किमी दक्षिण और साल्तोरो कांगरी से 10 किमी पश्चिमोत्तर में खड़ा हुआ है। .

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सतलुज नदी

सतलुज (पंजाबी: ਸਤਲੁਜ, अँग्रेजी:Sutlej River, उर्दू: درياۓ ستلُج) उत्तरी भारत में बहनेवाली एक सदानीरा नदी है। इसका पौराणिक नाम शतद्रु है। जिसकी लम्बाई पंजाब में बहने वाली पाँचों नदियों में सबसे अधिक है। यह पाकिस्तान में होकर बहती है। .

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समुद्र मन्थन

अंगकोर वाट में समुद्र मंथन का भित्ति चित्र। समुद्र मन्थन एक प्रसिद्ध हपौराणिक katha है। यह कथा भागवत पुराण, महाभारत तथा विष्णु पुराण में आती है। .

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ससेर कांगरी

ससेर कांगरी (Saser Kangri) काराकोरम पर्वतमाला की ससेर मुज़ताग़ नामक उपश्रेणी के एक पुंजक का नाम है। इसमें कई पर्वत आते हैं जिनमें से ससेर कांगरी १ सबसे ऊँचा है। यह सब भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित हैं। .

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सारामाती पर्वत

सारामाती, जो कभी-कभी सरामाती या सैरामाती भी उच्चारित किया जाता है, भारत के नागालैण्ड राज्य का सबसे ऊँचा पर्वत है। ३,८२६ मीटर लम्बा यह पहाड़ भारत की बर्मा के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खड़ा है और उस देश के सगाइंग मण्डल का भी सबसे ऊँचा बिन्दु है। यह नागालैण्ड के ट्वेनसांग शहर के समीप है। सर्दियों में सारामाती पर अक्सर हिमपात होता है और हिम कई सप्ताह तक स्थाई रूप से पहाड़ की चोटी ढके रहता है। .

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साल्तोरो कांगरी

साल्तोरो कांगरी (Saltoro Kangri) या के१० (K10) जम्मू और कश्मीर में काराकोरम पर्वतमाला की साल्तोरो पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का सर्वोच्च पर्वत है और विश्व का 31वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह सियाचिन हिमानी से पश्चिम में स्थित है। .

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सिगुअंग री

सिगुअंग री (Siguang Ri) हिमालय के महालंगूर हिमाल खण्ड का एक पर्वत है जो विश्व का 83वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह तिब्बत के शिगात्से विभाग में नेपाल की सीमा के पास और चोयु पर्वत से 6 उत्तर-उत्तरपूर्व में स्थित है। .

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सिंघी कांगरी

सिंघी कांगरी (Singhi Kangri) काराकोरम की सियाचिन मुज़ताग़ उपश्रेणी में एक पर्वत है। यह विश्व का १०८वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है और इसका एक अंग चीन के क़ब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी में स्थित है जिसे चीन शिंजियांग प्रान्त के अधीन प्रशासित करता है। .

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संपीडित वायु

वायवीय सर्किट. वायु में दबाव होता है। साधारणतया इसकी अनुभूति हमें नहीं होती। यदि हमारे शरीर के किसी अंग से वायु निकाल ली जाए, तब वायु के दबाव की अनुभूति हमें सरलता से हो जाती है। समुद्रतल पर वायु के दबाव की मात्रा ७६० मिमी पारे से दाब के तुल्य होती है। जैसे जैसे हम वायु में ऊपर उठते हैं, तैसे तैसे दबाव कम होता जाता है। यहाँ तक कि कुछ पहाड़ के शिखरों पर दबाव की मात्रा प्रति वर्ग इंच 9 पाउंड भार तक पाई गई है। वायु को दबाया भी जा सकता है। दबाने से उसका दबाव बढ़ जाता है। ऐसी दबी हुई वायु का संपीडित वायु (compressed air) कहते हैं। दबाने की इस क्रिया का 'संपीडित करना' कहते हैं। संपीडन से वायु का आयतन कम हो जाता है और दबाव बढ़ जाता है। इस प्रकार वायु का दबाव काफी ऊँचा बढ़ाया जा सकता है। .

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सुंधा माता मंदिर

सुंधा माता का मन्दिर लगभग 900 वर्ष के करीब पुराना है जो ऊँची पहाड़ी पर बसा है इसमें "माँ सुंधा" की मूर्ति स्थापित है यह जालौर ज़िले के भीनमाल,सुंधा में स्थित है।.

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स्थलरूप

आस्ट्रेलिया मे स्थित आयर्स चट्टान या उल्लेर्रू का एक दृश्य अर्जेंटीना मे स्थित एक शंक्वाकार पहाड़ी स्थलरूप अथवा स्थलाकृति (अंग्रेज़ी: Landform) भूगोल और अन्य पृथ्वी विज्ञानों में प्रयुक्त शब्द है जिसका आशय एक भू-आकृतिक इकाई से है जिसे सामान्यतः उसकी धरातलीय बनावट अर्थात आकृति के द्वारा पहचाना जाता है। सामान्य भाषा में जमीन की ऊँचाई-निचाई द्वारा जो आकृतियाँ बनती हैं उन्हें स्थलरूप कहते हैं। .

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स्थलीय ग्रह

सीरीस (बौना ग्रह)। स्थलीय ग्रह या चट्टानी ग्रह मुख्य रूप से सिलिकेट शैल अथवा धातुओ से बना हुआ ग्रह होता है। हमारे सौर मण्डल में स्थलीय ग्रह, सूर्य के सबसे निकटतम, आंतरिक ग्रह है। स्थलीय ग्रह अपनी ठोस सतह की वजह से गैस दानवों से काफी अलग होते हैं, जो कि मुख्यतः हाइड्रोजन, हीलियम और विभिन्न प्रावस्थाओ में मौजूद पानी के मिश्रण से बने होते हैं। .

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स्नोई पहाड़ियाँ

स्नोई पहाड़ियाँ (Snowy Mountains), जो द स्नोईज़ (The Snowies) भी कहलाती है, ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊँची पर्वतमाला है, जिनमें ऑस्ट्रेलिया की मुख्यभूमि का सबसे ऊँचा पर्वत, २२२८ मीटर लम्बा माउंट कोज़िअस्को (Mount Kosciuszko), भी पाया जाता है। यह पर्वतशृंखला न्यू साउथ वेल्ज़ राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है और महान विभाजक पर्वतमाला का हिस्सा है। स्नोई पहाड़ियों में हर शीतऋतु में बड़ी मात्रा में हिमपात होता है जो ऑस्ट्रेलिया के लिये असाधारण है। इस कारणवश यह पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय है। इन पहाड़ों में माउंटन प्लम-पाइन (mountain plum-pine, अर्थ: पहाड़ी आलूबुख़ारा-चीड़, हालांकि इसका न आलूबुख़ारे और न चीड़ से कोई वास्तविक सम्बन्ध है) नामक छोटे कद का कोणधारी वृक्ष मिलता है जो सम्भवत पृथ्वी का सबसे दीर्घायु वनस्पति है। पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में होने की वजह से ऑस्ट्रेलिया में सबसे अधिक सर्दी जून, जुलाई और अगस्त के महीनों में होती है और तभी स्नोई पहाड़ियों में बर्फ़ भी गिरती है। आमतौर पर यह बसंत ऋतु तक पिघल जाती है। ऑस्ट्रेलियाई मुख्यभूमि से बाहर तस्मानिया द्वीप की ऊच्चभूमि पर भी हिमपात देखा जाता है। .

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सूर्य देवता

कोई विवरण नहीं।

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सीढ़ीदार खेत

वियतनाम के सा पा में सीढ़ीदार खेत सीढ़ीदार खेत, पर्वतीय या पहाड़ी प्रदेशों की ढलवां भूमि पर कृषि के उद्देश्य से विकसित क्षेत्रों को कहते हैं। इन प्रदेशों में मैदानी इलाकों के आभाव में पहाड़ों की ढलानों पर सीढ़ियों के आकार के छोटे छोटे खेत विकसित किए जाते हैं जो, मृदा अपरदन और बारिश के पानी को बहने से रोकने में सहायक होते हैं। इन खेतों में वो फसलें जिन्हें अधिक पानी की आवश्यकता होती है जैसे कि धान आदि को प्रभावी रूप से उगाया जा सकता है। जानवरों के पहाड़ी ढलानों पर चरने के फलस्वरूप हुये कम पैमाने के मृदा अपरदन के कारण प्राकृतिक रूप से छोटे आकार के सीढ़ीदार खेत विकसित हो जाते हैं। .

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हनुमत धाम

हनुमत धाम हनुमत धाम भारत में उत्तरप्रदेश के ऐतिहासिक नगर शाहजहाँपुर में बिसरात घाट पर खन्नौत नदी के बीचोबीच स्थित एक पर्यटन स्थल है। यहाँ पर 104 फुट ऊँची हनुमान की विशालकाय मूर्ति स्थापित है। हनुमत धाम को बनाने का संकल्प शहर के विधायक सुरेश कुमार खन्ना ने उस समय लिया था जब वे पहली वार उत्तर प्रदेश सरकार में मन्त्री बने थे। ऐसा माना जाता है कि भारतवर्ष में हनुमानजी की यह सबसे बड़ी प्रतिमा है। .

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हरामोश

हरामोश (Haramosh), जो पर्वत 58 (Peak 58) भी कहलाता है, काराकोरम पर्वतमाला का एक पर्वत है जो विश्व का 67वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह राकापोशी के समीप स्थित है और काराकोरम की जिस उपश्रेणी में यह दोनों खड़े हैं उसे राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला कहा जाता है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में है, जिसे भारत अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का भाग मानता है। हरामोश गिलगित शहर से 65 किमी दूर सिन्धु नदी के उत्तरी किनारे पर खड़ा है। .

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हिम रेखा

हिम रेखा ऊँचे पर्वतों में वह रेखा होती है जिसके ऊपर अमूमन पूरे वर्ष बर्फ़ ठहरी हुयी होती है। यह एक पट रेखा होती है और ऊँचे पर्वतों में साफ़ दिखाई देती है। .

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हिमालचुली

हिमालचुली, जिसे दो शब्दों में हिमाल चुली भी लिखा जाता है, नेपाल में हिमालय के मनसिरी हिमाल भाग में स्थित एक पर्वत है। यह विश्व का १८वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है और मनास्लू के बाद मनसिरी हिमाल का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। हिमालचुली के तीन मुख्य शिखर हैं: पूर्वी (७८९३ मीटर), पश्चिमी (७५४० मीटर) और उत्तरी (७३७१ मीटर)। .

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हिमालय

हिमालय पर्वत की अवस्थिति का एक सरलीकृत निरूपण हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं। इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर। इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं- पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान और चीन। अन्तरिक्ष से लिया गया हिमालय का चित्र संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटियाँ हैं। विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है। हिमालय में 100 से ज्यादा पर्वत शिखर हैं जो 7200 मीटर से ऊँचे हैं। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं। 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है। हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज। भूनिर्माण के सिद्धांतों के अनुसार यह भारत-आस्ट्र प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बना है। हिमालय के निर्माण में प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। भारतीय ग्रंथ गीता में भी इसका उल्लेख मिलता है (गीता:10.25)। .

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होगर पर्वत

टिबेस्टी पर्वत अल्जीरिया, अफ्रीका में स्थित एक पर्वत है। यह ज्वालामुखी पर्वत है। श्रेणी:अल्जीरिया के पर्वत श्रेणी:सहारा मरुस्थल श्रेणी:ज्वालामुखी पर्वत.

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जन्नू

जन्नू (Jannu) या कुम्भकर्ण (Kumbhakarna), जिसे लिम्बू भाषा में फोक्तंग लुंगमा (Phoktanglungma) कहते हैं, हिमालय का एक पर्वत है। यह कंचनजंघा से पश्चिम में पूर्वी नेपाल में स्थित है। यह विश्व का 32वाँ सर्वोच्च पर्वत है। किरात समुदाय में इस पर्वत को पवित्र माना जाता है। .

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जाम्बवन्त

जाम्बवन्त रामायण के एक प्रमुख पात्र हैं। वे ऋक्ष प्रजाति के थे। उनका सन्दर्भ महाभारतसे भी है। स्यमंतक मणि के लिये श्री कृष्ण एवं जामवंत में नंदिवर्धन पर्वत (तत्कालीन नाँदिया, सिरोही, राजस्थान) पर २८ दिनो तक युध्द चला। जामवंत को श्री कृष्ण के अवतार का पता चलने पर अपनी पुत्री जामवन्ती का विवाह श्री कृष्ण द्वारा स्थापित शिवलिंग (रिचेश्वर महादेव मंदिर नांदिया) की शाक्शी में करवाया .

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जॉन टूज़ो विल्सन

जॉन टूज़ो विल्सन एक कनाडाई भूवैज्ञानिक थे जिन्होंने प्लेट विवर्तनिकी के क्षेत्र में योगदान दिया। उन्होंने सागर नितल प्रसरण और पर्वत निर्माण पर अपना योगदान दिया तथा ज्वालामुखियों के अध्ययन में काफ़ी महत्वपूर्ण कार्य किये। .

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घेंट कांगरी

घेंट कांगरी (Ghent Kangri) या घेंत कांगरी या घेंत १ (Ghent I) जम्मू और कश्मीर में काराकोरम पर्वतमाला की साल्तोरो पर्वतमाला नामक उपश्रेणी में स्थित एक ऊँचा पर्वत है और विश्व का 69वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह सियाचिन हिमानी से ज़रा पश्चिम में स्थित है। इस पर्वत पर वर्तमान में पाकिस्तान का क़ब्ज़ा है लेकिन भारत इस क्षेत्र पर अपनी सम्प्रभुता होने का दावा करता है। .

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वर्षा

वर्षा (Rainfall) एक प्रकार का संघनन है। पृथ्वी के सतह से पानी वाष्पित होकर ऊपर उठता है और ठण्डा होकर पानी की बूंदों के रूप में पुनः धरती पर गिरता है। इसे वर्षा कहते हैं। .

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वलित पर्वत

वलित पर्वत (अंग्रेज़ी:Fold mountains)वे पर्वत हैं जिनका निर्माण वलन नामक भूगर्भिक प्रक्रिया के तहत हुआ है। प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धांत के बाद इनके निर्माण के बारे में यह माना जाता है कि भूसन्नतियों में जमा अवसादों के दो प्लेटों के आपस में करीब आने के कारण दब कर सिकुड़ने और सिलवटों के रूप में उठने से हुआ है। टर्शियरी युग में बने वलित पर्वत आज सबसे महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखलाओं में से हैं जैसे ऐल्प्स, हिमालय, इत्यादि। .

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विश्व धरोहर

यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .

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विश्व के सर्वोच्च पर्वतों की सूची

पृथ्वी पर कम-से-कम 109 पर्वत हैं जिनकि ऊँचाई समुद्रतल से 7,200 मीटर (23,622 फ़ुट) से अधिक है। इनमें से अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप और तिब्बत की सीमा पर स्थित हैं, और कुछ मध्य एशिया में हैं। इस सूचि में केवल ऐसे ही शिखर सम्मिलित हैं जिन्हें अकेला खड़ा पर्वत माना जा सकता है, यानि एक ही पर्वत के अलग-अलग शिखरों को नहीं गिना गया है। .

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वैदिक धर्म

वैदिक रीति से होता यज्ञ वैदिक धर्म वैदिक सभ्यता का मूल धर्म था, जो भारतीय उपमहाद्वीप और मध्य एशिया में हज़ारों वर्षों से चलता आ रहा है। वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म अथवा आधुनिक हिन्दू धर्म इसी धार्मिक व्यवस्था पर आधारित हैं। वैदिक संस्कृत में लिखे चार वेद इसकी धार्मिक किताबें हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार ऋग्वेद और अन्य वेदों के मन्त्र ईश्वर द्वारा ऋषियों को प्रकट किये गए थे। इसलिए वेदों को 'श्रुति' (यानि, 'जो सुना गया है') कहा जाता है, जबकि श्रुतिग्रन्थौके अनुशरण कर वेदज्ञद्वारा रचा गया वेदांगादि सूत्र ग्रन्थ स्मृति कहलाता है। वेदांग अन्तर्गत के धर्मसूत्र पर ही आधार करके वेदज्ञ मनु,अत्रि,याज्ञावल्क्य आदि द्वारा रचित अनुस्मतिृको भी स्मृति ही माना जाता है।ईसके वाद वेद-वेदांगौंके व्याखाके रुपमे रामायण महाभारतरुपमे ईतिहासखण्ड और पुराणखण्डको वाल्मीकि और वेदव्यासद्वारा रचागया जिसके नीब पर वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म,विभिन्न वैष्णवादि मतसम्बद्ध हिन्दूधर्म,और अर्वाचीन वैदिक मत आर्यसमाजी,आदि सभीका व्यवहार का आधार रहा है। कहा जाता है। वेदों को 'अपौरुषय' (यानि 'जीवपुरुषकृत नहीं') भी कहा जाता है, जिसका तात्पर्य है कि उनकी कृति दिव्य है। अतःश्रुति मानवसम्बद्ध प्रमादादि दोषमुक्त है।"प्राचीन वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म"का सारा धार्मिक व्यवहार विभन्न वेद शाखा सम्बद्ध कल्पसूत्र,श्रौतसूत्र,गृह्यसूत्र,धर्मसूत्र आदि ग्रन्थौंके आधारमे चलता है। इसके अलावा अर्वाचीन वैदिक (आर्य समाज) केवल वेदौंके संहिताखण्डको ही वेद स्वीकारते है। यही इन् दोनोमें विसंगति है। वैदिक धर्म और सभ्यता की जड़ में सन्सारके सभी सभ्यता किसी न किसी रूपमे दिखाई देता है। आदिम हिन्द-ईरानी धर्म और उस से भी प्राचीन आदिम हिन्द-यूरोपीय धर्म तक पहुँचती हैं, जिनके कारण बहुत से वैदिक देवी-देवता यूरोप, मध्य एशिया और ईरान के प्राचीन धर्मों में भी किसी-न-किसी रूप में मान्य थे, जैसे ब्रह्मयज्ञमे जिनका आदर कीया जाता है उन ब्रह्मा,विष्णु,रुद्र,सविता,मित्र, वरुण,और बृहस्पति (द्यौस-पितृ), वायु-वात, सरस्वती,आदि। इसी तरह बहुत से वैदिकशब्दों के प्रभाव सजातीय शब्द पारसी धर्म और प्राचीन यूरोपीय धर्मों में पाए जाते हैं, जैसे कि सोम (फ़ारसी: होम), यज्ञ (फ़ारसी: यस्न), पितर- फादर,मातर-मादर,भ्रातर-ब्रदर स्वासार-स्विष्टर नक्त-नाइट् इत्यादि।, Forgotten Books, ISBN 978-1-4400-8579-6 .

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खरताफु

खरताफु (Khartaphu) हिमालय के महालंगूर हिमाल खण्ड का का एक पर्वत है जो विश्व का 102वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह तिब्बत के शिगात्से विभाग की खरता घाटी में एवरेस्ट पर्वत से 7 किमी पूर्वोत्तर में स्थित है। खरताफु 7,213 मीटर (23,665 फ़ुट) ऊँचा है और इसका खरताफु पश्चिम (Khartaphu West) नामक एक 7,018 मीटर (23,025 फ़ुट) ऊँचा उपपर्वत भी है। .

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खाटूश्यामजी

श्री खाटू श्याम जी भारत देश के राजस्थान राज्य के सीकर जिले में एक प्रसिद्ध कस्बा है, जहाँ पर बाबा श्याम का विश्व विख्यात मंदिर है। .

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गाडी चुली

गाडी चुली (Ngadi Chuli), जो पर्वत २९ (Peak 29) और डकूरा (Dakura) भी कहलाता है, नेपाल में हिमालय के मनसिरी हिमाल भाग में स्थित एक पर्वत है। यह विश्व का २०वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है और मनास्लू व हिमालचुली के बाद मनसिरी हिमाल का तीसरा सबसे ऊँचा पर्वत है।Günter Seyfferth (2014) at himalaya-info.org .

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गाशरब्रुम

गाशरब्रुम (Gasherbrum) हिमालय की काराकोरम पर्वतश्रेणी की बाल्तोरो हिमानी के पूर्वोत्तरी छोर पर स्थित एक पर्वतों का समूह है जो उत्तरी कश्मीर में ३५ अंश ४४ मिनट उत्तरी अक्षांश तथा ७६ अंश ४२ मिनट पूर्वी देशान्तर पर स्थित हैं। यह शक्सगाम घाटी और गिलगित-बल्तिस्तान की सीमा पर स्थित है, जिनपर चीन व पाकिस्तान का नियंत्रण है हालांकि जिन्हें भारत अपना भाग बताता है। इस पुंजक में विश्व के तीन आठ हज़ारी पर्वत हैं, यानि वे जिनकी ऊँचाई 8,000 मीटर से अधिक है। .

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गिम्मीगेला चुली

गिम्मीगेला चुली (Gimmigela Chuli) या जुड़वे (The Twins) हिमालय का एक पर्वत है जो कंचनजंघा पर्वत से लगभग 4.2 उत्तर-उत्तरपूर्व की दूरी पर नेपाल की भारत के सिक्किम राज्य की सीमा पर स्थित है। गिम्मीगेला के दो शिखर हैं - मुख्य 7,350 मीटर ऊँचा गिम्मीगेला चुली १ कहलाने वाला शिखर भारत-नेपाल सीमा पर है और छोटा 7,005 मीटर ऊँचा गिम्मीगेला चुली २ कहलाने वाला शिखर पूरी तरह भारत में है। यह दोनों शिखर एक साथ दिखने से ही इस पर्वत का नाम "जुड़वे" भी पड़ गया है। .

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गंग बेनछेन

गंग बेनछेन (Gang Benchhen), जिसे चीनी लहजे में कंगपेनचिंग (Kangpenqing) कहा जाता है, हिमालय की बइकु हिमालय उपश्रेणी का एक पर्वत है जो विश्व का 90वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह तिब्बत के शिगात्से विभाग में नेपाल की सीमा के पास स्थित है। .

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गंगा चोटी

गंगा चोटी (अंग्रेज़ी: Ganga Choti, उर्दु: گنگا چوٹی) आज़ाद कश्मीर के बाग़ ज़िले में सुधन गली गाँव के पास स्थित एक रमणीय पर्वत है। यह पीर पंजाल पर्वतमाला का सदस्य है और पीर मस्तान राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर खड़ा है। गंगा चोटी पाक-अधिकृत कश्मीर आने वाले पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण है। .

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गंगखर पुनसुम

गंगखर पुनसुम (Gangkhar Puensum, གངས་དཀར་སྤུན་གསུམ) भूटान का सर्वोच्च पर्वत है। यह हिमालय में है और तिब्बत की सीमा के पास है। चीन का तिब्बत पर नियंत्रण है और वह यह दावा करता है कि यह पर्वत तिब्बत में है। वर्तमान (फ़रवरी २०१७) तक इसके मुख्य शिखर पर कोई मानव आरोहण सम्भव नहीं हो पाया था और कुछ स्रोतों के अनुसार यह विश्व का कभी न चढ़ा गया सबसे ऊँचा पर्वत है। .

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ग्याचुंगकांग

ग्याचुंगकांग (अंग्रेज़ी: Gyachung Kang, नेपाली: ग्याचुंकाङ) हिमालय के महालंगूर हिमाल नामक भाग में स्थित एक 7,952 मीटर (26,089 फ़ुट) ऊँचा पर्वत है जो विश्व का 15वाँ सबसे ऊँचा पहाड़ है। यह पृथ्वी का सबसे ऊँचा पर्वत है जो आठ हज़ारी समूह से बाहर है। ग्याचुंगकांग चोयु और एवरेस्ट पर्वत के बीच नेपाल और तिब्बत की सीमा पर स्थित है। इसकी ढलान पर 19,400 फ़ुट की ऊँचाई पर नुप ला नामक पहाड़ी दर्रा है जिस से नेपाल में से तिब्बत में प्रवेश करा जा सकता है। .

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ग्याला पेरी

ग्याला पेरी (चीनी: 加拉白垒, अंग्रेज़ी: Gyala Peri) दक्षिणी-पूर्वी तिब्बत में यरलुंग त्संगपो महान घाटी के मुख पर स्थित एक पर्वत है। यह पारहिमालय पर्वतमाला और उसकी न्येनचेन थंगल्हा उपशृंखला का सदस्य है। यह नमचा बरवा पर्वत के पास (भारत में ब्रह्मपुत्र नदी कहलाने वाली) यरलुंग त्संगपो नदी के पार खड़ा हुआ है। नमचा बरवा के इतना क़रीब होने के कारण इसे कभी-कभी हिमालय के नमचा बरवा हिमाल का सदस्य भी गिन लिया जाता है हालंकि क़ायदे से यरलुंग त्संगपो के दूसरी पार के पहाड़ पारहिमालय पर्वतमाला के सदस्य समझे जाते हैं। .

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ग्राम पंचायत झोंपड़ा, सवाई माधोपुर

झोंपड़ा गाँव राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले की चौथ का बरवाड़ा तहसील में आने वाली प्रमुख ग्राम पंचायत है ! ग्राम पंचायत का सबसे बड़ा गाँव झोंपड़ा है जिसमें मीणा जनजाति का नारेड़ा गोत्र मुख्य रूप से निवास करता हैं। ग्राम पंचायत में झोंपड़ा, बगीना, सिरोही, नाहीखुर्द एवं झड़कुंड गाँव शामिल है। झोंपड़ा ग्राम पंचायत की कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 5184 है और ग्राम पंचायत में कुल घरों की संख्या 1080 है। ग्राम पंचायत की सबसे बड़ी नदी बनास नदी है वहीं पंचायत की सबसे लम्बी घाटी चढ़ाई बगीना गाँव में बनास नदी पर पड़ती है। ग्राम पंचायत का सबसे विशाल एवं प्राचीन वृक्ष धंड की पीपली है जो झोंपड़ा, बगीना एवं जगमोंदा गाँवों से लगभग बराबर दूरी पर पड़ती है। .

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ग्वालियर का क़िला

ग्वालियर का क़िला ग्वालियर शहर का प्रमुखतम स्मारक है। यह किला 'गोपांचल' नामक पर्वत पर स्थित है। किले के पहले राजा का नाम सूरज सेन था, जिनके नाम का प्राचीन 'सूरज कुण्ड' किले पर स्थित है। इसका निर्माण ८वीं शताब्दी में मान सिंह तोमर ने किया था। विभिन्न कालखण्डों में इस पर विभिन्न शासकों का नियन्त्रण रहा। गुजरी महल का निर्माण रानी मृगनयनी के लिए कराया गया था। वर्तमान समय में यह दुर्ग एक पुरातात्विक संग्रहालय के रूप में है। इस दुर्ग में स्थित एक छोटे से मन्दिर की दीवार पर शून्य (०) उकेरा गया है जो शून्य के लेखन का दूसरा सबसे पुराना ज्ञात उदाहरण है। यह शून्य आज से लगभग १५०० वर्ष पहले उकेरा गया था। .

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गीतरामायणम्

गीतरामायणम् (२०११), शब्दार्थ: गीतों में रामायण, जगद्गुरु रामभद्राचार्य (१९५०-) द्वारा २००९ और २०१० ई में रचित गीतकाव्य शैली का एक संस्कृत महाकाव्य है। इसमें संस्कृत के १००८ गीत हैं जो कि सात कांडों में विभाजित हैं - प्रत्येक कांड एक अथवा अधिक सर्गों में पुनः विभाजित है। कुल मिलाकर काव्य में २८ सर्ग हैं और प्रत्येक सर्ग में ३६-३६ गीत हैं। इस महाकाव्य के गीत भारतीय लोक संगीत और शास्त्रीय संगीत के विभिन्न गीतों की ढाल, लय, धुन अथवा राग पर आधारित हैं। प्रत्येक गीत रामायण के एक या एकाधिक पात्र अथवा कवि द्वारा गाया गया है। गीत एकालाप और संवादों के माध्यम से क्रमानुसार रामायण की कथा सुनाते हैं। गीतों के बीच में कुछ संस्कृत छंद हैं, जो कथा को आगे ले जाते हैं। काव्य की एक प्रतिलिपि कवि की हिन्दी टीका के साथ जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित की गई थी। पुस्तक का विमोचन संस्कृत कवि अभिराज राजेंद्र मिश्र द्वारा जनवरी १४, २०११ को मकर संक्रांति के दिन किया गया था। .

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ओलम्पस मोन्स

ओलम्पस मोन्स (Olympus Mons) (लैटिन: माउंट ओलम्पस), मंगल ग्रह पर एक बड़ा ज्वालामुखी पहाड़ है। करीबन २२ कि॰मी॰ (१४ मील) की उंचाई के साथ,Plescia, J. B. (2004).

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आठ हज़ारी

आठ हजारी अर्थात समुद्र सतह से 8000 मी.

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आरोहण मार्ग

एक आरोहण मार्ग या आरोहण पथ या चढ़ाई का रास्ता वह रास्ता होता है जिसके द्वारा एक पर्वतारोही किसी पहाड़, चट्टान, या बर्फ शिला की चोटी तक पहुँचता है। विभिन्न मार्ग नाटकीय रूप से मुश्किल और भिन्न हो सकते हैं और एक बार अगर कोई चोटी पर पहुँच भी जाये तो वहाँ पर ठहरना और अवरोहण (उतरना) मुश्किल हो सकता है। मार्ग के विकल्प महत्वपूर्ण हो सकते हैं। निर्देशक पुस्तिका, यदि उपलब्ध हो तो इसमे दिए गये मार्गों के विस्तृत चित्र और तस्वीरें सहायक सिद्ध हो सकते हैं। श्रेणी:आरोहण मार्ग.

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इन्सेलबर्ग

संयुक्त राज्य अमेरिका का एक इन्सेलबर्ग इन्सेलबर्ग जर्मन भाषा का शब्द हैं जिसका अर्थ पर्वत, द्वीप या द्विपीय पर्वत होता हैं। विस्तृत रेगिस्तान में कठोर चट्टाने (जिनका अपरदन नहीं हो पाता) के सामान्य सतह से ऊचे टीले इस तरह लगते हैं मानो सागर में द्विप खडे हों। इन्सेलबर्ग के किनारे तिरछे ढालों वाले होते हैं। बोनहार्ट नामक विद्वान ने इस प्रकार के इन्सेलबर्ग के निर्माण की स्थलाकृतिक क्रिया का पता लगाया था। श्रेणी:भू-आकृति विज्ञान.

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करजिअंग

करजिअंग (Karjiang) हिमालय का एक पर्वत है जो तिब्बत में भूटान की सीमा के पास स्थित है और कुला कांगरी व गंगखर पुनसुम के समीप है। .

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कश्मीर

ये लेख कश्मीर की वादी के बारे में है। इस राज्य का लेख देखने के लिये यहाँ जायें: जम्मू और कश्मीर। एडवर्ड मॉलीनक्स द्वारा बनाया श्रीनगर का दृश्य कश्मीर (कश्मीरी: (नस्तालीक़), कॅशीर) भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे उत्तरी भौगोलिक क्षेत्र है। कश्मीर एक मुस्लिमबहुल प्रदेश है। आज ये आतंकवाद से जूझ रहा है। इसकी मुख्य भाषा कश्मीरी है। जम्मू और कश्मीर के बाक़ी दो खण्ड हैं जम्मू और लद्दाख़। .

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काब्रु पर्वत

काब्रु (Kabru) हिमालय का एक पर्वत है जो कंचनजंघा के समीप भारत के सिक्किम राज्य व नेपाल की सीमा पर स्थित है। यह विश्व का ६५वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह ७,००० मीटर से अधिक ऊँचाई रखने वाला दुनिया का दक्षिणतम पर्वत है। .

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किलिमंजारो

किलिमंजारो, अपने तीन ज्वालामुखीय शंकु, किबो, मवेन्ज़ी, और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी है और अफ्रीका का उच्चतम पर्वत है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से है (उहरू शिखर / किबो शिखर).

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कंगफू कांग

कंगफू कांग (Kangphu Kang) हिमालय के लुनाना क्षेत्र में स्थित एक पर्वत है जो विश्व का 107वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह भूटान और तिब्बत की विवादित सीमा पर स्थित है। तिब्बत पर चीन का नियंत्रण है और उसके अनुसार यह सीमा पर है जबकि भूटान का दावा है कि यह पर्वत पूरी तरह उसके क्षेत्र में है। .

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कुनहार नदी

कुनहार नदी (अंग्रेज़ी: Kunhar River, उर्दु: دریائے کنہار), जो नैन-सुख नदी (Nain-Sukh, نین سکھ) भी कहलाती है, पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त में बहने वाली एक १६६ किमी लम्बी नदी है। यह सिन्धु नदी के जलसम्भर का भाग है।"," Volume XIV, The Henry G. Allen Company, 1890,...

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कुला कांगरी

कुला कांगरी (Kula Kangri, གངས་དཀར་སྤུན་གསུམ) सम्भवतः भूटान का सर्वोच्च पर्वत है, हालांकि अधिक स्रोतों के अनुसार यह गौरव समीप ही स्थित गंगखर पुनसुम नामक पर्वत को जाता है। यह हिमालय में है और तिब्बत की सीमा के पास है। चीन का तिब्बत पर नियंत्रण है और वह यह दावा करता है कि यह पर्वत तिब्बत में है। .

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कैटादिन

कैटादिन (Mount Katahdin) संयुक्त राज्य अमरीका, के उत्तरपूर्व सीमांत पर मेन राज्य के मध्य भाग में पिस्कैटाक्वॉइस जनपद के अंतर्गत स्थित पर्वत जिसकी ऊँचाई ५,२६८ फुट है। यह पूर्णतया ग्रेनाइट चट्टानों से निर्मित है और कई भागों में नग्न पत्थर सतह पर उभर आए हैं। बाहर की ओर चट्टानों के टूटने फूटने से पर्वत विदीर्ण एवं बीहड़ सा लगता है। शिखरांचल पर लाइकेन तथा उसी जाति छोटे पौधे उगते हैं। इसके दो ढाई हजार फुट नीचे आदि जाति के छोटे पौधे मिलते हैं। ऊँचाई से देखने पर सारा पर्वतक्षेत्र शंक्वाकार ग्रेनाइट शिखर एवं मध्यांचलों में प्रवाहित छोटी बड़ी नदियाँ तथा झीलें बहुत ही मनोरम दृश्य उपस्थित करती हैं। शिखरांचल में ग्रेनाइट चट्टानों के ऊपर कहीं-कहीं ट्रैप (Trap boulders) तथा अन्य चट्टानें मिलती हैं जिनमें बलुआ पत्थर प्रमुख हैं। सारा पर्वतप्रांत बीहड़ एवं दुर्गम है और केवल पेनॉब्सकाट नदी एकमात्र मार्ग प्रदान करती हैं; इसमें भी बालू के ढूहे एवं प्रपात इत्यादि हैं। प्राकृतिक सौंदर्य एवं बीहड़ता के कारण कैटादिन पर्वत प्रांत तथा आसपास के क्षेत्रों को १९३१ ई० में राष्ट्रीय बाग (National park) का रूप दे दिया गया है। कैटादिन पर्वत श्रेणी:पर्वत श्रेणी:एक हज़ारी.

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के१२ पर्वत

के१२ (K12) जम्मू और कश्मीर में काराकोरम पर्वतमाला की साल्तोरो पर्वतमाला नामक उपश्रेणी में स्थित एक ऊँचा पर्वत है और विश्व का 61वाँ सर्वोच्च पर्वत है। यह सियाचिन हिमानी से ज़रा पश्चिम में स्थित है। हालांकि यह पाक-अधिकृत कश्मीर के पास है, इसके ऊपर भारत का पूरा नियंत्रण है। .

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के६ पर्वत

के६ पर्वत (K6 mountain), जो बल्तिस्तान पर्वत (Baltistan Peak) भी कहलाता है, काराकोरम पर्वतमाला की माशरब्रुम पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का एक ऊँचा पर्वत है। यह 7,282 मीटर (23,891 फ़ुट) ऊँचा पहाड़ विश्व का 89वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में है, जिसे भारत अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का अंग मानता है। यह हूशे घाटी के एक छोर पर खड़ा है। .

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कोल (भूविज्ञान)

भूविज्ञान में कोल (Col) दो पर्वतों के बीच में उपस्थित कटक (ridge) का सबसे नीचला स्थान होता है। यदी दो पर्वतों के बीच में से निकलना हो तो कोल ही सबसे निम्न स्थान होता है। बड़े कोल को अक्सर पहाड़ी दर्रा (mountain pass) कहा जाता है। विश्व में कई कोल प्रसिद्ध हैं, मसलन हिमालय में उत्तर कोल (North Col) एवरेस्ट पर्वत और चंग्त्से पर्वत के बीच में स्थित कटक के ऊपर से निकलने का एक तीखी दीवारों वाली दरार है जिसे हिमानियों लाखों वर्षों में बह-बह ने काटकर बनाया है। .

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कोल्वी गुफा

कोल्वी गुफा या खोल्वी गुफा कोल्वी गाँव में स्थित एक गुफा है। कोल्वी गाँव जो मुख्य रूप भारतीय राज्य राजस्थान में आता है। यह एक कठोर पहाड़ में बसी एक गुफा है जिसे गौतम बुद्ध की गुफा कहा जाता है। यह गुफा हरियाण्वी वास्तुकला में बनाई गई है। .

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कोज़िअस्को पर्वत

कोज़िअस्को पर्वत (अंग्रेज़ी: Mount Kosciuszko, माउंट कोज़िअस्को) ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स राज्य में स्नोई पहाड़ियों की मुख्य शृंखला में स्थित एक पर्वत है। समुद्रतल से २,२२८ मीटर (७,३१० फ़ुट) ऊँचा यह पर्वत ऑस्ट्रेलिया की मुख्यभूमि का सबसे ऊँचा बिन्दु है। न्गारिगो नामक एक स्थानीय ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी भाषा में इसका मूल नाम जगुंगल (Jagungal) है, हालांकि इस नाम के अन्य रूप भी प्रचलित थे।; cited in Alan E.J. Andrews, Kosciusko: The Mountain in History, O'Connor, A.C.T, Tabletop Press, 1991, p.50.

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कीरात चुली

कीरात चुली (Kirat Chuli) या तम्बू पर्वत (Tent Peak) हिमालय का एक पर्वत है जो भारत के सिक्किम राज्य और नेपाल की सीमा पर कंचनजंघा पर्वत के पास स्थित है। यह विश्व का 76वाँ सर्वोच्च पर्वत है। .

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अन्नपूर्णा पुंजक

अन्नपूर्णा (Annapurna) हिमालय का एक पर्वतीय पुंजक है जिसमें एक आठ हज़ारी, १३ ७,००० मीटर से ऊँचे और १६ ६,००० मीटर से ऊँचे पर्वत हैं। यह पुंजक ५५ किमी लम्बा है और उत्तर-मध्य नेपाल में स्थित है। यह पश्चिम में काली गण्डकी तंगघाटी, उत्तर व पूर्व में मर्श्यान्गदी नदी और दक्षिण में पोखरा घाटी द्वारा घिरा हुआ है। इसका सर्वोच्च पर्वत अन्नपूर्णा १ मुख्य है जो समुद्रतल से ८,०९१ मीटर (२६,५४५ फ़ुट) ऊँचा है और विश्व का १०वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। ऐतिहासिक रूप से अन्नपूर्णा पुंजक की चोटियाँ पर्वतारोहियों के लिए विश्व के सबसे ख़तरनाक शिखरों में आती हैं, हालांकि १९९० के बाद कंचनजंघा पर अधिक मृत्यु दर रहा है। मार्च २०१२ तक अन्नपूर्णा १ मुख्य को १९१ बार चढ़ा जा चुका था और पर्वत पर ६१ लोग मारे जा चुके थे। यह सफल चढ़ाई और मृत्युओं का अनुपात किसी भी अन्य आठ-हज़ारी पर्वत से अधिक है। अक्तूबर २०१४ में बर्फ़ीले तूफ़ानों और हिमस्खलन में अन्नपूर्णा क्षेत्र में ३९ लोगों की जाने गई। .

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अपरशैल

अपरशैल प्राचीन धान्यकटक के निकट का एक पर्वत। भोटिया ग्रंथों से ज्ञात होता है कि पूर्वशैल और अपरशैल धान्यकटक (आंध्र) के पूर्व और पश्चिम में स्थित पर्वत थे जिनके ऊपर बने विहार पूर्वशैलीय और अपरशैलीय कहलाते थे। ये दोनों चैत्यवादी थे और इन्हीं नामों से उस काल में दो बौद्ध निकाय भी प्रचलित थे। कथावत्थु नामक बौद्ध ग्रंथ में जिन अशोककालीन आठ बौद्ध निकायों का खंडन किया गया है उनमें ये दोनों सम्मिलित हैं। कथावत्थु के अनुसार अपरशैलीय मानते थे कि भोजन-पान के कारण अर्हत्‌ का भी वीर्यपतन संभव है, व्यक्ति का भाग्य उसके लिए पहले से ही नियत है तथा एक ही समय अनेक वस्तुओं की ओर हम ध्यान दे सकते हैं। कुछ स्रोतों से ज्ञात होता है कि इस निकाय के प्रज्ञाग्रंथ प्राकृत में थे। अपरशैल श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अप्सरासस कांगरी

अप्सरासस कांगरी (Apsarasas Kangri) काराकोरम की सियाचिन मुज़ताग़ उपश्रेणी में एक पर्वत है। यह विश्व का ९६वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है और इसका एक अंग चीन के क़ब्ज़े वाली शक्सगाम घाटी में स्थित है जिसे चीन शिंजियांग प्रान्त के अधीन प्रशासित करता है। .

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अबी गमिन

अबी गमिन (Abi Gamin) या इबी गमिन (Ibi Gamin) हिमालय के गढ़वाल हिमालय खण्ड में स्थित एक ऊँचा पर्वत है जो कामेट पर्वत की एक सहायक चोटी है। इसका अधिकांश भाग भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चमोली ज़िले में है और कुछ उत्तरी अंश तिब्बत के न्गारी विभाग में आता है। .

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अरबुदा पर्वत

अरबुदा पर्वत महाकाव्य महाभारत में वर्णित एक पर्वत श्रृंखला है। यह पर्वत दक्षिणी राजस्थान, भारत की पहचान है। इस पर्वत पर अर्जुन ने बारह तक तीर्थयात्रा की थी। .

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अष्टावक्र

अष्टावक्र अष्टावक्र अद्वैत वेदान्त के महत्वपूर्ण ग्रन्थ अष्टावक्र गीता के ऋषि हैं। अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। 'अष्टावक्र' का अर्थ 'आठ जगह से टेढा' होता है। कहते हैं कि अष्तावक्र का शरीर आठ स्थानों से तेढा था। .

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उत्तर भारत बाढ़ २०१३

जून 2013 में, उत्तर भारत में भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गयी। इससे प्रभावित अन्य राज्य हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश हैं। बाढ़ के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ और बहुत से लोग बाढ़ में बह गए और हजारों लोग बेघर हो गये। इस भयानक आपदा में 5000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, .

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उदयपुर जिला (नेपाल)

उदयपुर जिला नेपाल के प्रदेश संख्या १ के १४ जिलों में से एक जिला है। जिले का मुख्यालय त्रियुगा/गाइघाट है और जिले का कुल क्षेत्रफल २०६३ किमी² है। २०११ के जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या ३१७५३२ है। यह जिला समुद्र सतह से ३६० मीटर से २३१० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। .

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