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परिदर्शी

सूची परिदर्शी

Zeiss submarine periscope optical design. Submarine monocular attack periscope. परिदर्शी (Periscope) एक प्रकाशिक यंत्र है जिसके द्वारा प्रेक्षक छिपा रहकर भी अपने चारों ओर के वातावरण को देख सकता है। इसका उपयोग पनडुब्बी, युद्धपोत, क्रूज़र युद्धक्षेत्र में छिपे सैनिकों द्वारा, एवं तोपखाने के तोपची अफसर द्वारा लक्ष्य को देखने और शत्रु की गतिविधि का ज्ञान करने के लिए होता है। प्रथम विश्वयुद्ध के समय में खाइयों से शत्रु पर नजर रखने के लिये इसका उपयोग हुआ था। कुछ प्रकार की बन्दूकों एवं तोपधारी गाड़ियों (armored vehicle) में भी इसका प्रयोग होता है। .

2 संबंधों: द्विनेत्री दूरदर्शी, वैज्ञानिक यन्त्र

द्विनेत्री दूरदर्शी

एक विशिष्ट पोर्रो प्रिज़्म द्विनेत्री दूरदर्शी की डिजाइन फादर चेरुबिन डी'ऑर्लियंस द्वारा निर्मित द्विनेत्री दूरदर्शी, 1681, मुसी डेस कला एट मैटियर्स द्विनेत्री (binocular), फील्ड ग्लास अथवा द्विनेत्री दूरदर्शी (binocular telescope) समान अथवा दर्पण सममिति वाले दूरदर्शी-युग्म है, जो साथ-साथ लगे होते हैं तथा एक दिशा में देखने के लिए परिशुद्धता से लगाए जाते हैं। एक साधरण द्विनेत्री दूरदर्शी, गैलिलिओ किस्म के दो दूरदर्शियों का युग्म होता है। द्विनेत्री का उपयोग पार्थिव वस्तुओं के देखने में होता है, इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि इस प्रकार के द्विनेत्री में वस्तु का सीधा प्रतिबिंब बने। गैलिलियों किस्म के दूरदर्शी सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं। इसलिए साधारण द्विनेत्री दूरदर्शी के निर्माण में इसी प्रकार के दूरदर्शी का उपयोग होता है। साधारण द्विनेत्री दूरदर्शी को नाट्य दूरबीन कहते हैं। टेलिस्कोप (मोनोक्युलर) के विपरीत दूरबीन (बाइनोक्युलर) उपयोगकर्ता को त्रि-आयामी छवि प्रस्तुत कराती है: अपेक्षाकृत नज़दीक की वस्तुओं को देखते समय दर्शक की दोनों आंखों के लिए थोड़े से अलग दृष्टिकोण से छवियां प्रस्तुत होती हैं जो कि मिल कर गहराई का प्रभाव प्रस्तुत करती हैं। मोनोक्युलर टेलिस्कोप के विपरीत इसमें भ्रम से बचने के लिए एक आंख को बंद अथवा ढकने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। दोनों आंखों के प्रयोग से दृष्टिसंबंधी तीव्रता (रिज़ोल्यूशन) काफी बढ़ जाती है और ऐसा काफी दूर की वस्तुओं के लिए भी होता है जहां गहराई का आभास स्पष्ट नहीं होता। .

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वैज्ञानिक यन्त्र

ऑल्टीमीटर - इससे विमानोँ की ऊँचाई नापी जाती हैं। अमीटर - इससे विद्युत धारा को नापा जाता हैं। एनिमोमीटर - इससे वायु की शक्ति तथा गति को नापा जाता हैं। आडियोमीटर - यह मनुष्य द्वारा ध्वनि के सुनने की क्षमता को मापने वाला यंत्र हैं। ओडियोफोन - इसे लोग सुनने में सहायता के लिए कान में लगाते हैं। बैरोग्राफ - यह वायुमण्डल के दाब में होने वाले परिवर्तन को नापता है और स्वतः ही इसका ग्राफ बना देता हैं। बाइनोकुलर्स - इससे दूर स्थित वस्तुयें स्पष्ट देखी जा सकती हैं। कैलीपर्स - इससे गोल वस्तुओँ के भीतरी तथा बाहरी व्यास नापा जा सकता है। इससे मोटाई भी नापी जा सकती हैं। कैलोरीमीटर - इससे ऊष्मा की मात्रा मापी जाती हैं। कारडियोग्राम - इससे हृदय रोग से ग्रसित व्यक्ति की हृदय गति की जाँच की जाती हैं। सिनेमोटोग्राफ - इस यंत्र के द्वारा छोटी-छोटी फिल्म के चित्रोँ को बड़ा करके दिखाया जाता हैं। इसमें अनेक लैंसोँ को इस प्रकार लगाया जाता है कि चित्र गतिमय दिखाई देते हैं। दिक्सूचक सुई (कम्पास नीडिल) - इसके द्वारा किसी स्थान की दिशा ज्ञात की जाती हैं। एपीडायस्कोप - इस यंत्र के द्वारा अपारदर्शक चित्र पर्दे पर दिखाये जा सकते हैं। यूडिओमीटर - इसके द्वारा गैसोँ में रासायनिक क्रिया के कारण होने वाले आयतन के परिवर्तनोँ को नापा जाता हैं। फेदोमीटर - इससे समुद्र की गहराई नापी जाती हैं। ग्रामोफोन - इस उपकरण के द्वारा रिकॉर्ड पर अंकित ध्वनि तंरगोँ को पुनः उत्पादित किया जा सकता है और सुना जा सकता हैं। ग्रेवोमीटर - इससे पानी की सतह पर तेल की उपस्थिति ज्ञात की जाती हैं। आर्द्रतामापी (हाइग्रोमीटर) - इससे वायुमण्डल में व्याप्त आर्द्रता नापी जाती हैं। हाइड्रोफोन - इससे पानी में ध्वनि को अंकित किया जाता हैं। लैक्टोमीटर - इससे दूध की शुद्धता ज्ञात की जाती हैं। मैनोमीटर - इससे गैसोँ का दाब ज्ञात करते हैं। सूक्षमदर्शी (माइक्रोस्कोप) - बहुत ही सूक्ष्म वस्तुओँ को इस उपकरण द्वारा आवर्धन करके (Magnify) देखा जाता हैं। माइक्रोटोम - इसे किसी वस्तु को बहुत पतले-पतले भागोँ में काटने के काम में लाया जाता हैं। ओडोमीटर - इससे मोटर गाड़ी की गति को ज्ञात किया जाता हैं। पैराशूट - यह छाते के समान उपकरण है जिससे युद्ध या आपात स्थिति के समय वायुयान से नीचे कूदा जा सकता हैं। परिदर्शी (पेरिस्कोप) - इसके द्वारा जब पनडुब्बी पानी के अंदर होती है तो पानी की सतह का अवलोकन कर सकती है और इसमें बैठे लोग बिना किसी के जाने हुए बिना किसी बाधा के बाहरी हलचल ज्ञात कर सकते हैं। फोनोग्राफ - इससे ध्वनि की तरगोँ को पुनः ध्वनि में परिवर्तित किया जाता हैं। फोटो कैमरा - इससे फोटोग्राफ लेकर कैमीकल्स की सहायता से इसे डेवलप किया जाता है ताकि सही चित्र बनकर निकलें। पिपेट - इसकी सहायता से द्रव की मापी गई मात्रा दूसरे बर्तन में डाली जा सकती हैं। विभवमापी (पोटेन्शियोमीटर) - इससे किसी सेल के विद्युत वाहक बल तथा तार के दो सिरोँ के विभवान्तर की नाप होती हैं। पायरोमीटर - उच्च तापोँ को मापने का उपकरण हैं। रेडियेटर - यह कारोँ तथा गाड़ियोँ के इंजनो को ठण्डा करने वाला उपकरण हैं। वर्षामापी (रेन गेज) - इससे किसी विशेष स्थान पर हुई वर्षा की मात्रा नापी जाती हैं। रेडियोमीटर - इस यंत्र द्वारा विकीर्ण ऊर्जा की तीव्रता को नापा जाता हैं। शर्करामापी - यह यंत्र किसी घोल में शक्कर की मात्रा नापने के काम आता हैं। भूकम्पमापी (सिस्मोग्राफ) - इस यंत्र से पृथ्वी सतह पर आने वाले भूकम्प के झटकोँ का स्वतः ही ग्राफ चित्रित होता हैं। स्पेक्ट्रोमीटर - इस यंत्र के माध्यम से स्पेक्ट्रम की उत्पत्ति की जाती है जिससे कि विभिन्न किरणोँ के तरंग दैर्ध्य को नापा जा सकें। वेगमापी (स्पीडोमीटर) - इससे किसी मोटर गाड़ी की चालन गति ज्ञात की जाती हैं। स्फैरोमीटर - इससे धरातल की वक्रता नापी जाती हैं। स्फिग्मोमेनोमीटर - इससे धमनियोँ में बहने वाले रक्त का दाब नापा जाता हैं। स्फिग्मोफोन - इससे नाड़ी धड़कन को तेज ध्वनि में सुना जा सकता हैं। स्टीरियोस्कोप - यह एक प्रकार का उत्तम वाइनोकुलर है। इससे किसी द्विविमीय चित्र को भली-भांति देखा जा सकता हैं। स्टेथिस्कोप - इससे हृदय तथा फेफड़ोँ की आवाज को सुना जा सकता है और रोग के लक्षण ज्ञात किये जा सकते हैं। स्टोप वॉच - इससे किसी कार्य या क्रिया की समय अवधि (यदि वह 30 मिनट से अधिक नहीं है) सही रूप में नापी जा सकती हैं। स्ट्रोवोस्कोप - इससे उन वस्तुओँ को जो तेज गति से घूम रही है रूकी हुई अवस्था में उनकी जाँच की जाती हैं। टैकोमीटर - इससे वायुयानोँ तथा मोटर वोटोँ की गति नापी जाती हैं। टेलीफोन - इसके द्वारा दो व्यक्ति, जो एक दूसरे से दूर होते हैं, आपस में बातचीत कर सकते हैं। दूरदर्शी (टेलिस्कोप) - इसकी सहायता से दूर स्थित वस्तुयें स्पष्ट देखी जा सकती हैं। टेलस्टार - 10 जुलाई 1962 को कैप कैनडी से छोड़ा गया यह अंतरिक्ष का संचार उपग्रह है इसके द्वारा एक देश के निवासी दूसरे देश के निवासियोँ से टेलिफोन द्वारा बातचीत कर सकते हैं इसके अतिरिक्त टेलिविजन संचार भी विभिन्न देशोँ में इसके द्वारा संभव हो सका हैं। थ्योडोलाइट - यह सर्वेक्षण करने का यंत्र है जो क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर कोणोँ को नापकर दूरी को ज्ञात कराता हैं। तापयुग्म (थर्मोकपल) - जब भिन्न-भिन्न धातुओँ के तारोँ को सिरोँ पर जोड़ा जाय और उनमें से एक ओर के सिरोँ को गर्म किया जाये तथा दूसरी ओर के सिरोँ को एक कम स्थिर ताप पर रखा जाये तो परिपथ में एक विधुत धारा बहने लगती हैं इस प्रकार भिन्न धातुओँ के जोड़े को थर्मोकपल कहते हैं। थर्मोस्टेट - इस यंत्र के द्वारा उष्मा अपूर्ति पर नियंन्नण करके किसी वस्तु या पदार्थ का तापमान किसी बिन्दु पर नियत कर दिया जाता हैं। विस्कोमीटर - इस यंत्र से द्रवोँ की श्यानता नापी जाती हैं। लाइफ बोट तथा लाइफ वेस्ट - जब कोई जहाज डूबता है तो इनको उपयोग में लाकर यात्रियोँ को बचाया जाता हैं। .

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