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परामर्श

सूची परामर्श

किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत समस्याओं एवं कठिनाइयों को दूर करने के लिये दी जाने वाली सहायता, सलाह और मार्गदर्शन, परामर्श (Counseling) कहलाता है। परामर्श देने वाले व्यक्ति को परामर्शदाता (काउन्सलर) कहते हैं। निर्देशन (गाइडेंस) के अन्तर्गत परामर्श एक आयोजित विशिष्ट सेवा है। यह एक सहयाेगी प्रक्रिया है। इसमें परामर्शदाता साक्षात्कार एवं प्रेक्षण के माध्यम से सेवार्थी के निकट जाता है उसे उसकी शक्ति व सीमाओं के बारे में उसे सही बोध कराता है। सभी समाजों में परामर्श देने और परामर्श प्राप्त करने की परम्परा पायी जाती है। चाहे दो विकल्पों में एक चयन की समस्या हो, किसी भी प्रकार के भ्रम की स्थिति हो, अथवा मानसिक तनाव हो, परामर्श आवश्यक और अपरिहार्य हो जाता है। परामर्श में कम से कम दो व्यक्तियों की लिप्तता अवश्य होती है, एक परामर्शक या परामर्श दाता और दूसरा परामर्श प्राप्त करने वाला। व्यक्ति अपनी निजी समस्याओं के समाधान के लिए परामर्श चाहता है। व्यक्तिगत समस्या शारीरिक, मानसिक, व्यवसाय सम्बन्धी तथा समाज सम्बन्धी हो सकती है जिसके लिए उसे परामर्शक की आवश्यकता होती है। परामर्श मूलतः पारस्परिक होता है। इसका आधार परम्परा विश्वास है। व्यक्ति परामर्श उसी से लेता है जिसमें उसका विश्वास होता है और यदि परामर्शक सच्चा, ईमानदार और सन्निष्ठ है तो वह उसी व्यक्ति को परामर्श देता है जिसे वह समझता है कि वह परामर्श को स्वीकार करेगा और यथा सम्भव इसका पालन करेगा। व्यावसायिक निर्देशन (प्रोफेशनल गाइडेंस) के क्षेत्र में प्रमुख योगदान करने वाले विख्यात लेखक ई॰ डब्ल्यू॰ मायस ने लिखा है कि परामर्श देना एक महान कला है इस प्रकार परामर्शक को बहुत ही सावधानी तथा सतर्कता से परामर्श देना चाहिए। परामर्शक को अनुभवी, सुधी, सजग और परिपक्व होना चाहिए जिसका लाभ प्रत्याशी को मिल सके। समाज-गठन के आरम्भिक दिनों में परामर्श न तो व्यवस्थित था और न वैज्ञानिक। इसकी कोई प्रक्रिया नहीं थी। इसका कोई स्वरूप भी नहीं था। परामर्शक परामर्श देने के पूर्व किसी प्रकार की तैयारी भी नहीं करता था और न किसी निश्चित लक्ष्य को ध्यान में रख कर परामर्शेच्छु परामर्श की आकांक्षा करता था। समय के अनुसार परामर्श का स्वरूप भी बदलता गया। जिस प्रकार से विभिन्न शास्त्रों एवं विज्ञानों, में नवीन अवधारणा, प्रक्रिया तथा व्यवस्था का समावेश हुआ उसी प्रकार परामर्श भी उससे अछूता नहीं रहा है। हैरमिन के अनुसार- परामर्श मनोपचारात्मक सम्बन्ध है जिसमें एक प्रार्थी एक सलाहकार से प्रत्यक्ष सहायता प्राप्त करता है या नकारात्मक भावनाओं को कम करने का अवसर और व्यक्तित्व में सकारात्मक वृद्धि के लिये मार्ग प्रशस्त होता है। मायर्स ने लिखा है- परामर्श से अभिप्राय दो व्यक्तियों के बीच सम्बन्ध है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को एक विशेष प्रकार की सहायता करता है। विलि एवं एण्ड्र ने कहा कि परामर्श पारस्परिक रूप से सीखने की प्रक्रिया है। इसमें दो व्यक्ति सम्मिलित होते है सहायता प्राप्त करने वाला और दूसरा प्रशिक्षित व्यक्ति जो प्रथम व्यक्ति की सहायता इस प्रकार करता है कि उसका अधिकतम विकास हो सकें। ब्रीवर ने परामर्श को बातचीत करना, विचार-विमर्श करना तथा मित्रतापूर्वक वार्तालाप करना बताया है। .

14 संबंधों: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, तम्बाकू धूम्रपान, परामर्श मनोविज्ञान, परामर्शदाता, प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स, बृहदांत्र कैन्सर, भूत-प्रेत का अपसारण, सैनिक मनोविज्ञान, विज्ञापन एजेंसी, आइएसओ ९०००, कर्कट रोग, अतिसार, उद्यम संसाधन योजना, उद्यम संसाधन योजना (एंटरप्राइज़ रीसोर्स प्लानिंग)

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस लिमिटेड (टीसीएस) एक भारतीयबहुराष्ट्रीय कम्पनी सॉफ्टवेर सर्विसेस एवं कंसल्टिंग कंपनी है। यह दुनिया की सबसे बड़ी सूचना तकनीकी तथा बिज़नस प्रोसेस आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता कंपनियों में से है। साल २००७ में, इसे एशिया की सबसे बड़ी सूचना प्रोद्योगिकी कंपनी आँका गया। भारतीय आई टी कंपनियों की तुलना में टीसीएस के पास सबसे अधिक कर्मचारी हैं। टीसीएस के ४४ देशों में २,५४,००० कर्मचारी हैं। ३१ मार्च २०१२ को ख़त्म होने वाले वित्तीय वर्ष में कंपनी ने १०.१७ अरब अमेरिकी डॉलर का समेकित राजस्व हासिल किया। टीसीएस भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी है। टीसीएस एशिया की सबसे बड़ी कंपनी समूह में से एक टाटा समूह का एक हिस्सा है। टाटा समूह ऊर्जा, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, निर्माण, रसायन, इंजीनियरिंग एवं कई तरह के उत्पाद बनाता है। वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी का मुनाफा 33.19% बढ़कर 7,000.64 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी की आमदनी करीब 8% बढ़कर 30,028.92 करोड़ रुपये हो गयी। अप्रैल 2018 में, टीसीएस बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अपनी एम-कैप 6,79,332.81 करोड़ रुपये (102.6 अरब डॉलर) के बाद 100 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण करने वाली पहली भारतीय आईटी कंपनी बन गई, और दूसरी भारतीय कंपनी (रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2007 में इसे हासिल करने के बाद)। .

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तम्बाकू धूम्रपान

तम्बाकू धूम्रपान एक ऐसा अभ्यास है जिसमें तम्बाकू को जलाया जाता है और उसका धुआं या तो चखा जाता है या फिर उसे सांस में खींचा जाता है। इसका चलन 5000-3000 ई.पू.के प्रारम्भिक काल में शुरू हुआ। कई सभ्यताओं में धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान इसे सुगंध के तौर पर जलाया गया, जिसे बाद में आनंद प्राप्त करने के लिए या फिर एक सामाजिक उपकरण के रूप में अपनाया गया। पुरानी दुनिया में तम्बाकू 1500 के दशक के अंतिम दौर में प्रचलित हुआ जहां इसने साझा व्यापारिक मार्ग का अनुसरण किया। हालांकि यह पदार्थ अक्सर आलोचना का शिकार बनता रहा है, लेकिन इसके बावज़ूद वह लोकप्रिय हो गया। जर्मन वैज्ञानिकों ने औपचारिक रूप से देर से 1920 के दशक के अन्त में धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर के बीच के संबंधों की पहचान की जिससे आधुनिक इतिहास में पहले धूम्रपान विरोधी अभियान की शुरुआत हुई। आंदोलन तथापि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुश्मनों की सीमा में पहुंचने में नाकाम रहा और उसके बाद जल्द ही अलोकप्रिय हो गया। 1950 में स्वास्थ्य अधिकारियों ने फिर से धूम्रपान और कैंसर के बीच के सम्बंध पर चर्चा शुरू की। वैज्ञानिक प्रमाण 1980 के दशक में प्राप्त हुए, जिसने इस अभ्यास के खिलाफ राजनीतिक कार्रवाई पर जोर दिया। 1965 से विकसित देशों में खपत या तो क्षीण हुई या फिर उसमें गिरावट आयी। हालांकि, विकासशील दुनिया में बढ़त जारी है। तम्बाकू के सेवन का सबसे आम तरीका धूम्रपान है और तम्बाकू धूम्रपान किया जाने वाला सबसे आम पदार्थ है। कृषि उत्पाद को अक्सर दूसरे योगज के साथ मिलाया जाता है और फिर सुलगाया जाता है। परिणामस्वरूप भाप को सांस के जरिये अंदर खींचा जाता है फिर सक्रिय पदार्थ को फेफड़ों के माध्यम से कोशिकाओं से अवशोषित कर लिया जाता है। सक्रिय पदार्थ तंत्रिका अंत में रासायनिक प्रतिक्रियाओं को शुरू करती है जिससे हृदय गति, स्मृति और सतर्कता और प्रतिक्रिया की अवधि बढ़ जाती है। डोपामाइन (Dopamine) और बाद में एंडोर्फिन(endorphin) का रिसाव होता है जो अक्सर आनंद से जुड़े हुए हैं। 2000 में धूम्रपान का सेवन कुछ 1.22 बिलियन लोग करते थे। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में धूम्रपान की संभावना अधिक होती हैं तथापि छोटे आयु वर्ग में इस लैंगिक अंतर में गिरावट आती है। गरीबों में अमीरों की तुलना में और विकसित देशों के लोगों में अमीर देशों की तुलना में धूम्रपान की संभावना अधिक होती है। धूम्रपान करने वाले कई किशोरावस्था में या आरम्भिक युवावस्था के दौरान शुरू करते हैं। आम तौर पर प्रारंभिक अवस्था में धूम्रपान सुखद अनुभूतियां प्रदान करता है, सकारात्मक सुदृढीकरण के एक स्रोत के रूप में कार्य करता है। एक व्यक्ति में कई वर्षों के धूम्रपान के बाद परिहार के लक्षण और नकारात्मक सुदृढीकरण उसे जारी रखने का प्रमुख उत्प्रेरक बन जाता है। .

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परामर्श मनोविज्ञान

परामर्श मनोविज्ञान या उपबोधन मनोविज्ञान (Counseling psychology) एक मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञता है जो परामर्श प्रक्रिया एवं परिणाम; पर्यवेक्षण एवं प्रशिक्षण; जीवन विकास एवं परामर्श तथा निवारण एवं स्वास्थ्य जैसे विभिन्न व्यापक क्षेत्र और शोध में प्रयुक्त की जाती है। परामर्श मनोविज्ञान प्रैक्टिशनर (जिन्हें परामर्शदाता कहा जाता है) व्यक्तियों से बात करते हैं, उनकी मानसिक स्थिति को समझते हैं तथा उन्हें परेशान करने वाली समस्याओं से उबरने के श्रेष्ठ उपाय उन्हें सुझाते हैं। .

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परामर्शदाता

परामर्शदाता ऐसे व्यवसायी को कहते हैं जो किसी क्षेत्र विशेष में विशेषज्ञता रखता है और दूसरों की तत्सम्बन्धी समस्याओं के लिये समाधान सुझाता है। .

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प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स

1998 मर्जर के पहले पीडब्लू (PW) लोगो मर्जर के पहले सी&एल लोगो प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स (या पीडब्ल्यूसी) दुनिया की सबसे बड़ी प्रोफेशनल सर्विसेज फर्मों में से एक और चार बड़ी लेखा फर्मों में से सबसे बड़ी फर्म हैं। इसका गठन 1998 में प्राइस वॉटरहाउस और कूपर्स एंड लेब्रैंड, दोनों लंदन में गठित हुईं कंपनियों के बीच विलय के बाद किया गया था। प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स ने 2009 के वित्तीय वर्ष में दुनिया भर में 26.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एकत्रित राजस्व अर्जित किया और 151 देशों में लगभग 163,000 लोगों को इसने रोजगार प्रदान किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, जहां 2009 में यह सबसे बड़ा निजी स्वामित्व वाला आठवां संगठन था, यह प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स एलएलपी (LLP) के रूप में संचालित होता है। प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स के केपीएमजी, अर्नस्ट एंड यंग और डेलोटी टच तोहमात्सू सहित चार बड़े ऑडिटर हैं। .

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बृहदांत्र कैन्सर

कोलोरेक्टल कैंसर में जिसे बृहदांत्र कैंसर या बड़ी आंत का कैंसर भी कहा जाता है, बृहदांत्र, मलाशय या उपांत्र में कैंसर का विकास शामिल होता है। इससे दुनिया भर में प्रतिवर्ष 655,000 मौतें होती हैं, संयुक्त राज्य में कैंसर का यह चौथा सबसे सामान्य प्रकार है और पश्चिमी दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का तीसरा प्रमुख कारण है। कोलोरेक्टल कैंसर, बृहदांत्र में एडिनोमेटस पौलिप से पैदा होता है। मशरूम के आकार की ये वृद्धि आमतौर पर सामान्य होती है, पर समय बीतते-बीतते इनमे से कुछ कैंसर में बदल जाती हैं। स्थानीयकृत बृहदान्त्र कैंसर का आमतौर पर बृहदांत्रोस्कोपी के माध्यम से निदान किया जाता है। तेजी से बढ़ने वाले वे कैंसर जो बृहदांत्र की दीवार तक सीमित रहते हैं (TNM चरण I और II), सर्जरी द्वारा ठीक किये जा सकते हैं। यदि इस चरण में चिकित्सा नहीं हुई तो वे स्थानीय लिम्फ नोड तक फ़ैल जाते हैं (चरण III), जहां 73% को सर्जरी और कीमोथिरेपी द्वारा ठीक किया जा सकता है। दूरवर्ती अंगो को प्रभावित करने वाला मेटास्टैटिक कैंसर (चरण IV) का इलाज सामान्यतया संभव नहीं है, हालांकि कीमोथेरेपी जिन्दगी बढ़ा देती है और कुछ बेहद बिरले उदाहरणों में सर्जरी और कीमोथिरेपी दोनों से रोगियो को ठीक होते देखा गया है। रेक्टल कैंसर में रेडिऐशन का इस्तेमाल किया जाता है। कोशिकीय और आणविक स्तर पर, कोलोरेक्टल कैंसर Wnt सिग्नलिंग पाथवे में परिवर्तन के साथ शुरू होता है। जब Wnt (डब्लूएनटी) एक ग्राही को कोशिका पर बांध देता है तो इससे आणवीय घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हो जाती है। इस श्रृंखला का अंत β- कैटेनिन के केन्द्रक में जाने और DNA पर जीन को सक्रिय करने में होता है। कोलोरेक्टल कैंसर में इस श्रृंखला के साथ जीन क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। प्रायः APC नाम का जीन जो Wnt पाथवे में "अवरोध" होता है, क्षतिग्रस्त हो जाता है। बिना क्रियाशील APC ब्रेक के Wnt पाथवे "चालू" स्थिति में अटक जाता है। .

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भूत-प्रेत का अपसारण

सेंट फ्रांसिस ने अरेज्जो में राक्षसों का भूत-अपसारण किया; गिओटो द्वारा एक फ्रेस्को पर एक चित्रण में. भूत-प्रेत का अपसारण अर्थात एक्सॉसिज़्म (प्राचीन लैटिन शब्द exorcismus, ग्रीक शब्द exorkizein – शपथ देकर बांधना) किसी ऐसे व्यक्ति अथवा स्थान से भूतों या अन्य आत्मिक तत्त्वों को निकालने की प्रथा है। जिसके बारे में विश्वास किया जाता है कि भूत ने उसे शपथ दिलाकर अपने वश में कर लिया है। यह प्रथा अत्यंत प्राचीन है तथा अनेक संस्कृतियों की मान्यताओं का अंग रही है। प्राचीन काल से माना जाता है कि इस दुनिया से परे एक और दुनिया होती है और इस दुनियाँ को मौत कि दुनिया के नाम से जाना जाता हे। जैसे हम सब को पता हे कि मौत कि दुनिया मे मृत लोगो कि आत्माएं होती है लेकिन इसके परे इस मौत कि दुनिया मे राक्षस और आध्यत्मिक संस्था का साया भी होता है। लोग जब मरते है तब उनकी आत्मा का उध्धार नहीं होता या इसके विपरीत बहुत सारी शर्ते होती है। जैसे कि अगर कोइ इन्सान एक ऐसी मौत मरा है जिसमें उसको बहुत तक्लीफ हुई हो या फिर बे मौत मारा गया हो तो इस के कारण उस इन्सान का आत्मा उस जगह पर ही रह जाती है और आसानी से उस आत्मा का उद्धर नहि होता, कोइ ऐसे स्थान भी होते हे जिधर से मृत लोगो कि आत्मा उध्दार होता हैं, यह जगह कोइ घना जंगल मे होता हे यातो फिर कोइ सुन्सान जगह में। ऐसे ही जगह से मृत दुनिया से राक्षस और आध्यात्मिक सन्स्था हमारी दुनिया मे प्रवेश करते है, और जीवित इन्सानो कि आत्मा पर शिकार करते हैं और इसी अवस्था मे झाङ-फूँक कि सन्कल्पना आती हैं। झाड़-फूँक राक्षस और आध्यात्मिक सन्स्थाओ का हटाना उत्ना का अभ्यास होता हे। झाड़-फूँक ऐसे लोग या जगह या चीज़ों पर किया जाता हे जो राक्शस या किसी आध्याथ्मिक सन्स्थाओ के अधीन होते हे। झाड़-फूँक ओझा के आध्याथ्मिक विश्वासो के आधार पर किया जाता हे। धर्म के आधार पर झाड़-फूँक के अन्य तरीके होते हे। कुछ ऐसे दर्वाज़े होते हे जो खुल्ने पर बुरे सप्ने हकीकत मे बदल जाते हे। .

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सैनिक मनोविज्ञान

सैनिक अभियानों के लिये आवश्यक मित्र या शत्रु के सशस्त्र बलों के व्यवहार का अध्ययन, समझ और अनुमान लगाने के प्रयुक्त मनोविज्ञान को सैन्य मनोविज्ञान या सैनिक मनोविज्ञान (Military psychology) कहते हैं। सैनिक मनोविज्ञान का उपयोग सेना के लोगों को परामर्श देने, उनके तनाव एवं श्रांति (थकान) को कम करने तथा सैन्य अभियानों के कारण आये मानसिक अभिघात (trauma) की चिकित्सा के लिये भी किया जाता है। सैन्य-मनोविज्ञान, एक सैनिक के संपूर्ण क्रियाकलाप का वैज्ञानिक पद्धति से अध्ययन करता है। वह सैनिक के उत्साह, साहस, अनुशासन, भय, नेतृत्व आदि के विषय में मनोवैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। आधुनिक युद्धों का प्रमुख उद्देश्य शुत्र को अपनी नीतियों मानने के लिए तथा आत्मसमर्पण करने के लिये विवश करना होता है। क्योंकि आधुनिक युद्धों की सफलता केवल सैनिक कार्यवाहियों पर ही निर्भर नहीं होती, बल्कि उसमें मनोवैज्ञानिक तत्वों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। मनोवैज्ञानिक उपायों का उपयोग कर शत्रु के मनोबल को तोड़ दिया जाता है। सैन्य कार्यवाही केवल युद्धकाल तक ही सीमित होती हैं, जबकि मनोवैज्ञानिक युद्ध शांतिकाल में भी चलती रहती है। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मानसिक तनाव की स्थिति में युद्धभूमि से पलायन कर रहे सैनिकों के मनोबल को पुनः स्थापित करने के लिये सैन्य मनोविज्ञान का उपयोग किया गया। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान् सैनिकों के व्यक्तित्व परीक्षण एवम् अभिरूचि परीक्षण में सैन्य मनोविज्ञान की अहम् भूमिका रही थी। स्पष्ट है कि युद्ध और मनोविज्ञान का आपस में गहरा संबंध है और उन्हें अलग किया जाना संभव नहीं। आधुनिक सेना की रचना को देखते हुए यह अत्यंत आवश्यक प्रतीत होता है कि विभिन्न शाखाओं के संचालन हेतू अत्यधिक ज्ञान एवम् कुशलता की आवश्यकता है। महर्षि शुक्राचार्य ने शुक्रनीति के अंतर्गत मनोवैज्ञानिक युद्ध के रूपों का उल्लेख किया है, यथा - .

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विज्ञापन एजेंसी

विज्ञापन एजेंसी या ऐड एजेंसी ऐसी सेवाओं का व्यापार है जिसमें अपने ग्राहकों के लिए विज्ञापन बनाना, उनका नियोजन करना और संभालना (कभी-कभी प्रचार के दूसरे तरीके) भी शामिल हैं। विज्ञापन एजेंसी ग्राहक से पूर्ण रूप से स्वतंत्र होती है और ग्राहक के उत्पादों या सेवाओं को बेचने के लिए अलग नज़रिया प्रदान करती है। एक एजेंसी अपने ग्राहकों के लिए विपणन, ब्रांड बनाने और बिक्री से जुड़े प्रचार की समग्र रणनीतियों को संभाल सकती है। विशिष्ट विज्ञापन एजेंसियों के ग्राहकों में उद्योग जगत औऱ निगम, लाभ निरपेक्ष संगठन और सरकारी एजेंसियां भी शामिल हैं। विज्ञापन के प्रचार के लिए एजेंसियों को किराये पर भी लिया जा सकता है। .

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आइएसओ ९०००

ISO 9000 गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों के मानकों का एक वर्ग है। ISO 9000 की देखभाल ISO, अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन द्वारा की जाती है और मान्यता एवं प्रमाणन निकायों द्वारा इसका प्रबंधन किया जाता है। समय के साथ आवश्यकताओं से प्रेरित परिवर्तनों के अनुसार नियमों का अद्यतन किया जाता है। ISO 9001:2008 (जो ISO 9000 वर्ग के मानकों में से एक है) की आवश्यकताओं में से कुछ जो शामिल हैं.

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कर्कट रोग

कर्कट (चिकित्सकीय पद: दुर्दम नववृद्धि) रोगों का एक वर्ग है जिसमें कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित वृद्धि (सामान्य सीमा से अधिक विभाजन), रोग आक्रमण (आस-पास के उतकों का विनाश और उन पर आक्रमण) और कभी कभी अपररूपांतरण अथवा मेटास्टैसिस (लसिका या रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फ़ैल जाता है) प्रदर्शित करता है। कर्कट के ये तीन दुर्दम लक्षण इसे सौम्य गाँठ (ट्यूमर या अबुर्द) से विभेदित करते हैं, जो स्वयं सीमित हैं, आक्रामक नहीं हैं या अपररूपांतरण प्रर्दशित नहीं करते हैं। अधिकांश कर्कट एक गाँठ या अबुर्द (ट्यूमर) बनाते हैं, लेकिन कुछ, जैसे रक्त कर्कट (श्वेतरक्तता) गाँठ नहीं बनाता है। चिकित्सा की वह शाखा जो कर्कट के अध्ययन, निदान, उपचार और रोकथाम से सम्बंधित है, ऑन्कोलॉजी या अर्बुदविज्ञान कहलाती है। कर्कट सभी उम्र के लोगों को, यहाँ तक कि भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकांश किस्मों का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है। कर्कट में से १३% का कारण है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, २००७ के दौरान पूरे विश्व में ७६ लाख लोगों की मृत्यु कर्कट के कारण हुई। कर्कट सभी जानवरों को प्रभावित कर सकता है। लगभग सभी कर्कट रूपांतरित कोशिकाओं के आनुवंशिक पदार्थ में असामान्यताओं के कारण होते हैं। ये असामान्यताएं कार्सिनोजन या का कर्कटजन (कर्कट पैदा करने वाले कारक) के कारण हो सकती हैं जैसे तम्बाकू धूम्रपान, विकिरण, रसायन, या संक्रामक कारक.

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अतिसार

अतिसार या डायरिया (अग्रेज़ी:Diarrhea) में या तो बार-बार मल त्याग करना पड़ता है या मल बहुत पतले होते हैं या दोनों ही स्थितियां हो सकती हैं। पतले दस्त, जिनमें जल का भाग अधिक होता है, थोड़े-थोड़े समय के अंतर से आते रहते हैं। .

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उद्यम संसाधन योजना

उद्यम संसाधन योजना (अंग्रेजी;एंटरप्राइज़ रीसोर्स प्लानिंग) (ERP) एक कंपनी-व्यापी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रणाली है जिसका उपयोग साझा डाटा भंडारों द्वारा सभी संसाधनों, सूचना और व्यापार संबंधी प्रकार्यों के समंवय और प्रबंधन हेतु होता है। एक ERP प्रणाली में एक सेवा उन्मुख वास्तुकला होती है जिसमें अनुखंडिय (मोड्यूलर) हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की इकाइयां तथा "सेवाएं" होती हैं जो एक लोकल एरिया नेटवर्क पर संचार करती हैं। यह अनुखंडित डिजाइन एक व्यापार को डाटा अखंडता को बनाये रखते हुए अनुखंडों को जोड़ने या परिवर्तित करने की अनुमति प्रदान करता है, एक साझा डाटाबेस में जो केंद्रस्थ अथवा वितरित सकता है। .

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उद्यम संसाधन योजना (एंटरप्राइज़ रीसोर्स प्लानिंग)

उद्यम संसाधन योजना (एंटरप्राइज़ रीसोर्स प्लानिंग) (ERP) एक कंपनी-व्यापी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रणाली है जिसका उपयोग साझा डाटा भंडारों द्वारा सभी संसाधनों, सूचना और व्यापार संबंधी प्रकार्यों के समंवय और प्रबंधन हेतु होता है। एक ERP प्रणाली में एक सेवा उन्मुख वास्तुकला होती है जिसमें अनुखंडिय (मोड्यूलर) हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की इकाइयां तथा "सेवाएं" होती हैं जो एक लोकल एरिया नेटवर्क पर संचार करती हैं। यह अनुखंडित डिजाइन एक व्यापार को डाटा अखंडता को बनाये रखते हुए अनुखंडों को जोड़ने या परिवर्तित करने की अनुमति प्रदान करता है, एक साझा डाटाबेस में जो केंद्रस्थ अथवा वितरित सकता है। .

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