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परक्राम्य लिखत अधिनियम १८८१

सूची परक्राम्य लिखत अधिनियम १८८१

परक्राम्य लिखत अधिनियम १८८१ या 'विनिमय साध्य विलेख नियम १८८१' (Negotiable Instruments Act, 1881) भारत का एक कानून है जो पराक्रम्य लिखत (प्रॉमिजरी नोट, बिल्ल ऑफ एक्सचेंज तथा चेक आदि) से सम्बन्धित है। पूरे भारत में कार्य करने वाले वित्तीय संस्थान, उद्योग संगठन और यहां तक कि सामान्य जन भी अपने लेन-देन अधिकतर चेक के माध्यम से करते हैं। चेक के माध्यम से वित्तीय कारोबार में होने वाली सुविधाओं के साथ-साथ समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। चेक के माध्यम से कारोबार में होने वाली शिकायतों को दर्ज कराने की व्यवस्था ‘परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881’ में प्रदान की गई है। .

2 संबंधों: परक्राम्य लिखत, व्यावसायिक कानून

परक्राम्य लिखत

परक्राम्य लिखत (negotiable instrument) उन लिखतों को कहते हैं जो मांगे जाने पर या एक निश्चित अवधि के पश्चात एक निश्चित राशि देने का वचन देते हैं। उदाहरण- प्रॉमिसरी नोट, बिल ऑफ इक्सचेंज, बैंक नोट, डिमाण्ड ड्राफ्ट और चेक आदि। .

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व्यावसायिक कानून

व्यावसायिक कानून या 'व्यावसायिक सन्नियम' (Commercial law या business law) कानूनों के उस समुच्चय का नाम है जो व्यापार, वाणिज्य, क्रय-विक्रय, में लगे व्यक्तियों एवं संगठननों के अधिकार, सम्बन्ध, तथा व्यहार का नियमन करता है।प्रायः इसे सिविल कानून (दीवानी कानून) की एक शाखा के रूप में देखा जाता है। .

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