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पद्म श्री

सूची पद्म श्री

पद्म श्री या पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है। भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में यह चौथा पुरस्कार है इससे पहले क्रमश: भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण का स्थान है। इसके अग्रभाग पर, "पद्म" और "श्री" शब्द देवनागरी लिपि में अंकित रहते हैं। 2010 (आजतक) तक, 2336 व्यक्ति इस पुरस्कार को प्राप्त कर चुके हैं। .

470 संबंधों: चन्द्र प्रकाश देवल, चन्द्रशेखर कम्बार, चमु कृष्ण शास्त्री, चरणजीत सिंह, चाकचुक चुआनबावरा, चित्रा नाइक, चंदगी राम, टॉम ऑल्टर, एच बोनीफेस प्रभु, एन आर नारायणमूर्ति, एम एस सथ्यू, एम सुभद्रा नायर, एम॰जे॰ गोपालन, एम॰के॰ बिनोदिनी देवी, एलम इन्दिरा देवी, एस.एच. रज़ा, एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, ए॰ आर॰ रहमान, डायना एडुल्जी, डैनी डेन्जोंगपा, डॉ मंडन मिश्र, डी. आर. कार्तिकेयन, तनु पद्मनाभन, तरला दलाल, तारक मेहता, ताशी तोन्डूप, तुलसी मुंडा, तीजनबाई, थेनुम्‍गल पॉलूस जैकब, दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे, दया कि‍शोर हाजरा, दशरथ माँझी, दामोदर बापट, दारिपल्ली रामैया, दिवालीबेन भील, दि‍नेश सिंह, दुर्गा लाल, दुर्गा जैन, देविका रानी, देवेन्द्र सत्यार्थी, दीपिका पल्लीकल, दीपक पुरी, धनराज पिल्ले, धर्मवीर भारती, नन्दमूरि तारक रामाराव, नरगिस (अभिनेत्री), नरेन्द्र कोहली, नरेन्‍द्र कुमार पांडेय, नरेश बेदी, नलिनी बाला देवी, ..., नहीद आबि‍दी, नाट्यकल्पद्रुमम्, नाना पाटेकर, नारायण सिंह भाटी, नारायण सुर्वे, नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर, नारायण कार्तिकेयन, नाहीद आबिदी, निर्मल सिंह (बहुविकल्पी), निर्मल सिंह खालसा, निर्मल कुमार बोस, नंदना सेन, नैना लाल किदवई, नैना आप्टे जोशी, नेमाई घोष, नेमिचन्द्र जैन, नेक चन्द सैनी, नोबोरू कराशिमा, नीति‍श नायक, पद्म पुरस्कार, पद्म भूषण, पद्म श्री पुरस्कार (१९५४-५९), पद्म श्री पुरस्कार (१९६०-६९), पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९), पद्म श्री पुरस्कार (१९८०–१९८९), पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९), पद्म श्री पुरस्कार (२०००–२००९), पद्म सम्मान, पद्मश्री पुरस्कार (२०१०–२०१९), पद्मा सचदेव, परवीन ताल्‍हा, परेश मैती, पियोंग तेमजिन जमीर, पवन राज गोयल, पंडित बुद्धदेव दासगुप्ता, पंजाब रेजिमेंट, पंकज उधास, पुर्णेन्दु कुमार बनर्जी, पुल्लेला गोपीचंद, पुखराज बाफना, पुकाडील जॉन, प्रताप गोवि‍न्‍द राव पवार, प्रद्युम्न कृष्ण काव, प्रमोद करण सेठी, प्रहलाद सिंह टिपानिया, प्राण कुमार शर्मा, प्रियंवदा मोहंती हेजमादी, प्रेम नज़ीर, प्रेमन्द्र मित्र, पी. कीलेमसुन्‍गला, पीनाज़ मसानी, पी॰ टी॰ उषा, पी॰सी॰ सरकार, पी॰वी॰ सिंधु, फणीश्वर नाथ "रेणु", फातिमा ज़कारिया, फिलिप अगस्तिन, बर्था ग्याद्यकेस डखर, बलबीर सिंह सीचेवाल, बलराम भार्गव, बलराज कोमल, बशीर बद्र, बसंती बिष्ट, बाबा सेवा सिंह, बाबा आमटे, बालकृष्ण भगवन्त बोरकर, बाईचुंग भूटिया, बिमन बिहारी दास, बिली अर्जन सिंह, बंशी कौल, बछेंद्री पाल, ब्रह्मदत्त, ब्रह्मा सि‍ह, ब्रह्मानन्दम, बृज कृष्ण चांदीवाला, बेग़म अख़्तर, बेकल उत्साही, बीना अग्रवाल, भारत भूषण (योगी), भारत रत्‍न, भारत की सम्मान प्रणाली, भारत की संस्कृति, भारतीय सिनेमा, भारतीय सेना के युद्ध सम्मान, भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान, भालचंद्र नेमाडे, भावना सोमाया, भवरलाल जैन, भक्ति यादव, भुपेन हजारिका, मणीन्द्र अग्रवाल, मथुर सवाणी, मदन लाल मधु, मदर टेरेसा, मधुमिता बिष्ट, मन्ना डे, मनोरा जाफा, ममता सोधा, मलाथी कृष्णामूर्ति हॉला, मल्लिका श्रीनिवासन, महमूदा अली शाह, महाश्वेता देवी, महेन्द्र कपूर, महेश वर्मा, महेंद्र सिंह धोनी, माधवन चन्द्रदाथन, मामूट्टी, मायाधर राउत, मारिया अरोड़ा कूटो, मारियो मिरांडा, मालिनी अवस्थी, मालविका सभरवाल, मि‍लि‍न्‍द वसन्‍त कि‍रतने, मगध महिला कॉलेज, मंजुला अनागनी, मकबूल फ़िदा हुसैन, मकरध्वज दारोगा, मुनि जिनविजय, मुसाफिर राम भारद्वाज, मुस्तानसिर बार्मा, मुस्ताक अली, मुजफ्फर हुसैन (पत्रकार), मुकुटधर पाण्डेय, मुकुल चंद गोस्वामी, मैरी कॉम, मेलविल डि मेलो, मोना चंद्रवती गुप्ता, मोहन बाबू, मोहन मि‍श्रा, मोहन आगाशे, मोहनलाल (अभिनेता), मोहम्मद रफ़ी, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद हामिद अंसारी, मोहम्मद अली बेग, मीना शाह (बैडमिंटन), यलवर्ती नायुदम्मा, रणजीत देसाई, रमाकांत देशपांडे, रमाकांत अचरेकर, रमेश कृष्णन, रस्किन बॉण्ड, रानी कर्णा, राफेल फर्नांडीज, राम दयाल मुंडा, राम नाथ शास्त्री, राम मोहन, राम सुतार, रामाराव ओनुमोलू, रामारंजन मुखर्जी, राशिद खान, राहुल द्रविड़, राज मोहिनी देवी, राजकुमार अछौबा सिंह, राजेन्द्र कुमार (अभिनेता), राजेश सरैया, राजेश कुमार ग्रोवर, राखी गुलज़ार, रितु मेनन, रितु कुमार, रजनी कुमार, रघुनाथ मोहपात्रा, रवि भूषण ग्रोवर, रवि कुमार नारा, रविशंकर रावल, रवीन्द्र नारायण सिंह, रंजना गौहर, रंजीत भार्गव, रेहाना खातुन, रोमुअलड डी'सुजा, लालज़ुइया कॉलेनी, लालगुडी जयरामन, लिएंडर पेस, लवराज सिंह धर्मशक्‍तु, लखनऊ विश्वविद्यालय, लक्ष्मी चंद गुप्ता, लक्ष्मी मजुमदार, लक्ष्मीनारायण साहू, लूसी उम्मेन, लेंटिना ओ ठक्कर, लीलाधर जगूड़ी, शतरंज, शमशाद बेगम (सामाजिक कार्यकर्ता), शमीम देव आज़ाद, शरण रानी, शशांक आर जोशी, शशि कला, शहनाज़ हुसैन, शान्ताराम बलवन्त मजुमदार, शारदा सिन्हा, शालिनी ताई मोघे, शाहरुख़ ख़ान, शिवमंगल सिंह 'सुमन', शिवकुमार शर्मा, शुभा मुद्गल, श्याम बेनेगल, श्याम सिंह 'शशि', श्यामलाल गुप्त 'पार्षद', श्रेयान्स प्रसाद जैन, श्री लाल जोशी, श्रीदेवी, शेखर पाठक, शेखर बासु, शीतल राणे महाजन, शीला झुनझुनवाला, शीला मेहरा, सचिन तेंदुलकर, सच्चिदानंद राउतराय, सतपाल (पहलवान), सत्यजित राय को मिले सम्मान, सम्मान, सरदार सिंह, सरदार अंजुम, सरुन्ग्बम बिमला कुमारी देवी, सर्वेश्‍वर सहारि‍या, सादिक-उर-रहमान किदवई, सानिया मिर्ज़ा, साबरी खान, सावित्री चटर्जी, साइना नेहवाल, साइखोम मीराबाई चानू, सितारा देवी, सिद्धार्थ मुखर्जी, सिल्वरिन स्वर, संतोष यादव, संतोष सीवान, संजीव कपूर, सुदर्शन पटनायक, सुधा कौल, सुधीर तैलंग, सुनीता नारायण, सुनीता रानी, सुनील डबास, सुनील दत्त, सुनील दास, सुनील प्रधान, सुप्रिया देवी, सुभाष पालेकर, सुमन साहय, सुमित्रा गुहा, सुरव्रत कुमार आचार्य, सुरेंद्र दुबे, सुशान्त कुमार दासगुप्ता, स्मिता पाटिल, स्वाति पिरामल, सौरव गांगुली, सूनी तारापोरवाला, सेन्‍गाकू मायदा, सेरिंग लैंडौल, सोहन लाल द्विवेदी, सी॰ एन॰ आर॰ राव, हबीब तनवीर, हम्पी कोनेरु, हरि उप्पल, हरिहरन, हरिकृष्ण जैन, हर्षवर्धन नियोतिया, हरी शंकर शर्मा, हरीश चन्द्र सिंह रावत, हलधर नाग, हसमुख चमनलाल साह, हाओबाम ओंगबी निंगबी देवी, हाकि‍म सैयद खलफेतुल्लाह, हकीम सय्यद ज़िल्लुर रहमान, हेस्नाम कन्हाईलाल, जतिन गोस्वामी, जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर, जय भगवान चौधरी, जयंता कुमार घोष, जसपाल राणा, ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर, जानकी अम्माल, जानकीवल्लभ शास्त्री, जागर, जितेन्द्र उधमपुरी, जगदीश प्रसाद, जुथिका रॉय, जैक गिब्सन (अध्यापक), जे.आर. गंगारमणी, जेमिनी गणेशन, जेरुसा झिरद, जीतेंद्र अभिषेकी, जीव मिलखा सिंह, ई डी जेमीस, ई श्रीधरन, ई कृष्णा ऐय्यर, वर्गीज कुरियन, वहीदा रहमान, वामसी मुथा, वाराणसी, वासिफुद्दीन डागर, वासुदेव एस गायतोंडे, वाईखोम गोजेन मि‍तेई, विनायक पांडुरंग करमरकर, विनोद दुआ, विल्सन जोन्स (बिलियर्ड्स खिलाड़ी), विश्व मोहन भट्ट, विश्वनाथन आनंद, विष्‍णु नारायणन नम्‍बूति‍री, विजय प्रसाद दीम्री, विजय भटकर, विजय घाटे, विजय कुमार सारस्वत, विजयदान देथा, विक्रम सेठ, वुप्पलादादियम नगय्या, वैरामुत्तु, वैजयन्ती माला, वैकम मुहम्मद बशीर, वेण्डल ऑगस्टीन रॉड्रीक्स, वेद कुमारी घई, वेरा हिंगोरानी, वेंकटरमण कृष्णमूर्ति, वीणा टंडन, खुशदेव सिंह, गणेश नारायणदास देवी, गान्धर्व महाविद्यालय, गिरिराज किशोर (साहित्यकार), गिरीश कर्नाड, गुरु हनुमान, गुल बर्धन, गोपालदास नीरज, गोपालप्रसाद व्यास, गोविन्द चन्द्र पाण्डेय, गोवि‍न्‍दन सुन्‍दरराजन, गीत सेठी, गीता महालिक, ओम पुरी, ओम प्रकाश उपाध्‍याय, ओ॰ ऍन॰ वी॰ कुरुप, आचार्य रामचंद्र वर्मा, आरती साहा, आलोक मेहता, आशा देवी आर्ययानाकम, आशा पारेख, आशापूर्णा देवी, इन्दिरा नाथ, इन्‍दि‍रा चक्रवर्ती, इब्राहीम अलकाजी, इरफ़ान ख़ान, इला रमेश भट्ट, इंदिरा मिरी, इंदिरा हिंदुजा, कन्हैयालाल नन्दन, कन्हैयालाल सेठिया, कपिलदेव, कमल हासन, कमल जीत संधू, कमलाबाई होसपेट, कर्णम मल्लेश्वरी, कर्मेल बर्कसन, कलामण्डलम सत्यभामा, कलीम आजिज़, कामिनी ए.राव, कामिल बुल्के, किरण मार्टिन, किरण कार्निक, किशन महाराज, कि‍रण कुमार अलुर सेलि‍न, कि‍रि‍टकुमार मनसुखलाल आचार्य, कविता कृष्णमूर्ति, कंवर पाल सिंह गिल, कुमार सानु, कुर्अतुल ऐन हैदर, क्षत्रियम ओन्गबी थोरैनीसबी देवी, क्षमा मैत्रेय, क्षेम चंद 'सुमन', कृष्ण चंद्र चुनेकर, कृष्ण बिहारी मिश्र, कृष्ण लाल, कृष्णा पूनिया, कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन, कैफ़ी आज़मी, कैलाश चंद्र अग्रवाल, कैलाश सांखला, के ए दिनशा, के पी सक्सेना, के राघवन, के शंकर पिल्लई, के. के. अग्रवाल, के.के. हेब्बार, के॰ जी॰ सुब्रमण्यम, कोदगानुर एस. गोपीनाथ, कोमल कोठारी, कोलाकालुरी इनौच, अतुल कुमार, अनन्त आत्माराम काणेकर, अनिल काकोदकर, अनिल कुमार भल्ला, अनिल कुमार गुप्त, अनिल कोहली, अनुपम खेर, अनुज (रामानुज) शर्मा, अन्ना हजारे, अनीता देसाई, अमिताभ मट्टू, अमृत तिवारी, अमोद गुप्‍ता, अरविंद कुमार (शैक्षणिक), अरविंदर सिंह सोइन, अरुण शर्मा (पुरातत्वविद), अरुण शर्मा (असमिया साहित्यकार), अर्जुन प्रजापति, अलका क्रिप्लानी, अशोक चक्रधर, अशोक पनगडि‍या, अशोक राजगोपाल, अशोक सेन, अशोक कुमार मागो, अजय कुमार परि‍दा, अजित वाडेकर, अजॉय चक्रबर्ती, अवतार सिंह चीमा, अंजलि एला मेनन, अंजू बॉबी जॉर्ज, अक्षय कुमार को प्राप्त पुरस्कारों और नामांकनों की सूची, उदित नारायण, उल्हास काशलकर, उस्ताद मोइनुद्दीन खान, २०१३ में निधन सूचकांक विस्तार (420 अधिक) »

चन्द्र प्रकाश देवल

डॉ॰ चन्द्र प्रकाश देवल (अथवा चंद्र प्रकाश देवल) प्रसिद्ध राजस्थानी कवि और अनुवादक हैं। वो राजस्थानी साहित्य अकादमी सलाहकार परिषद के संयोजक भी हैं। .

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चन्द्रशेखर कम्बार

चंद्रशेखर कंबार (ಚಂದ್ರಶೇಖರ ಕಂಬಾರ; जन्म: २ जनवरी १९३७) एक कन्नड़ भाषा के कवि, नाटककार एवं लोकसाहित्यकार हैं। उन्होंने कन्नड़ भाषा में फिल्मों का निर्देशन भी किया है और वे हम्पी में कन्नड़ विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति भी रहे हैं। उनके उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान के आलोक में उन्हें 2010 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई है। इनके द्वारा रचित एक नाटक सिरिसंपिगे के लिये उन्हें सन् १९९१ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कन्नड़) से सम्मानित किया गया। .

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चमु कृष्ण शास्त्री

श्री चमु कृष्ण शास्त्री चमू कृष्ण शास्त्री, संस्कृत भारती के सहसंस्थापक हैं। उन्होंने समस्त विश्व में संस्कृतभाषा के पुनर्जागरण के लिये संस्कृत भारती संस्था की स्थापना की। भारत सरकार ने उन्हें जनवरी २०१७ में पद्मश्री से सम्मानित किया। श्रीचमूकृष्णशास्त्री वैश्विक समुदाय में भारत की सांस्कृतिक राशि की प्रतीक संस्कृत भाषा के माध्यम से भारतीय सभ्यता को पुनः प्रतिष्ठित करनेवाले एक उत्साही शिक्षाविद् है। इन का स्पष्ट मानना है कि संस्कृत विश्व में सामाजिक समन्वय स्थापित करने की अद्भुत कुंजिका है। संस्कृत शिक्षण को जीवन्त सम्प्रेषण की भाषा का रूप देने वाले श्री चमूकृष्णशास्त्री ने लगभग तीन दशक पूर्व अपने कुछ साथियों के साथ संस्कृत को दैनिक व्यवहार की भाषा के रूप में ढालने का स्वप्न देखा था। और, इसी स्वप्न को आकार देने हेतु ‘संस्कृतभारती’ संस्था का गठन किया था। आज यह संस्था विश्व व्यापी संस्था के रूप में विश्व को संस्कृत साहित्य में व्याप्त उदात्त वैचारिक जल से सिंचित कर रही है। इस की शाखाएं अमरीका, कनाडा, यू.के., आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया तक व्याप्त हैं। श्री चमूकृष्णशास्त्री ने संस्कृतभारती में सम्भाषणात्मक संस्कृत से सम्बद्ध दश दिवसीय संस्कृत शिबिरों को प्रारम्भ कर संस्कृत शिबिरों को एक नई दिशा प्रदान की। ये संस्कृत शिबिर अब तक प्रायः ९० लाख लोगों को संस्कृत सम्भाषण में दक्ष कर चुके हैं। इन के प्रयासों ने अनेकों विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में सम्भाषणात्मक संस्कृत-शिक्षण सम्बन्धी पाठ्यक्रमों को प्रारम्भ करने की प्रेरणा प्रदान की है। ‘संस्कृत-गृह’ एवं ‘मातृभाषा के रूप में संस्कृतभाषी बच्चों’ सम्बन्धी योजना इनकी अनूठी योजना है। इनके प्रयासों से देश के विभिन्न राज्यों में शताधिक कार्यकर्ता संस्कृत प्रचार-प्रसार के कार्य में अहर्निश संलग्न हैं। संस्कृतभारती के विभिन्न पाठ्यक्रमों के द्वारा सहस्राधिक लोग संस्कृत के अध्ययन-अध्यापन में संलग्न हैं। अमरीका में ‘विदेशीभाषा के रूप में चलनेवाला संस्कृत का पाठ्यक्रम’ इन्हीं के प्रयासों का परिणाम है। इन्होंने संस्कृत सम्बन्धी संस्कृत में १३ पुस्तकों की रचना की है। इनके द्वारा प्रारम्भ की गई ‘सरस्वतीयोजना’ के अन्तर्गत अनेकों देशी एवं विदेशी भाषाओं की पुस्तकें संस्कृत में अनूदित की गईं। युवापीढ़ी को लेखन के प्रति प्रेरित करने हेतु इनके द्वारा आयोजित किया गया ‘विश्वसंस्कृतपुस्तकमेला’ एवं ‘संस्कृतसाहित्योत्सव’ अपने-आप में एक अनूठे एवं अतिउत्साह पूर्ण प्रयास थे। संस्कृत क्षेत्र में कृत विभिन्न कार्यों के कारण ये ‘राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान’ सहित अनेकों विश्वविद्यालयों की विभिन्न समितियों के सदस्य हैं। भारत सरकार द्वारा गठित संस्कृत सम्बन्धी समिति के द्वारा तैयार किए गए ‘Road Map for the Development of Sanskrit- Ten Tear Perspective Plan’ (2016) के ये अभिन्न सदस्य रहे हैं। श्री चमू कृष्ण शास्त्री संस्कृत में मन्त्रमुग्ध, प्रेरित एवं उत्तेजित करने वाले वक्ता व लेखक हैं। वे श्री मद्भगवद्गीता के सिद्धान्तों के अनुपालन में विश्वास करने वाले निष्कामी कार्यकर्ता हैं। श्री चमू कृष्ण शास्त्री एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व के प्रतीक हैं। .

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चरणजीत सिंह

चरणजीत सिंह (जन्म ३ फ़रवरी १९३१) पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और कप्तान हैं। उन्हें भारत सरकार ने १९६४ में पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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चाकचुक चुआनबावरा

चाकचुक चुआनबावरा को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे मि‍जोरम राज्य से हैं। .

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चित्रा नाइक

चित्रा नाइक एक भारतीय शिक्षाविद्, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता है। वह भारतीय शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष और भारत के योजना आयोग के विशेषज्ञ सदस्य भी है। वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित गैर-औपचारिक शिक्षा समिति की अध्यक्ष और राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के सदस्य थी। भारत सरकार ने १९८६ में पद्म श्री के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। .

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चंदगी राम

चंदगी राम भारत के प्रसिद्ध पहलवान हैं। १९६० एवं १९७० के दशकों में उनकी पहलवानी की चर्चा जोरों पर थी। उन्हें "हिन्द केसरी", "भारत केसरी" और इसी तरह की तमाम उपाधियों से सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित् किया और उसके बाद पद्मश्री से भी सम्मानित किये गये। .

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टॉम ऑल्टर

टॉम बीच ऑल्टर (जन्म: २२ जून १९५०,मृत्यु 29 सितंबर 2017) हिन्दी फ़िल्मों और रंग-मंच के अभिनेता थे। वे मूल रूप से अमरीकी थे। २००८ में अन्हें पद्म श्री सम्मान भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया था। .

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एच बोनीफेस प्रभु

एच बोनीफेस प्रभु को खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे कर्नाटक राज्य से हैं। .

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एन आर नारायणमूर्ति

नागवार रामाराव नारायणमूर्ति (जन्म: २० अगस्त १९४६) भारत की प्रसिद्ध सॉफ़्टवेयर कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और जानेमाने उद्योगपति हैं। उनका जन्म मैसूर में हुआ। आई आई टी में पढ़ने के लिए वे मैसूर से बैंगलौर आए, जहाँ १९६७ में इन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ इन्जीनियरिंग की उपाधि और १९६९ में आई आई टी कानपुर से मास्टर ऑफ टैक्नोलाजी (M.Tech) की उपाधि प्राप्त की। नारायणमूर्ति आर्थिक स्थिति सुदृढ़ न होने के कारण इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ थे। उनके उन दिनों के सबसे प्रिय शिक्षक मैसूर विशवविद्यालय के डॉ॰ कृष्णमूर्ति ने नारायण मूर्ति की प्रतिभा को पहचान कर उनको हर तरह से मदद की। बाद में आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाने पर नारायणमूर्ति ने डॉ॰ कृष्णमूर्ति के नाम पर एक छात्रवृत्ति प्रारंभ कर के इस कर्ज़ को चुकाया। .

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एम एस सथ्यू

मैसूर श्रीनिवास सथ्यू (जन्म मैसूर, कर्नाटक में)  भारत का एक प्रमुख फिल्म निर्देशक, स्टेज डिजाइनर और कला निर्देशक है। वह सब से ज़यादा भारत के विभाजन के आधार पर अपनी निर्देशकीय फिल्म गरम हवा (1973) के लिए जाना जाता है। उन्होंने 1975 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। Barnouw, Erik, and S. Krishnaswamy, Indian Film, New York and London, 1963.

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एम सुभद्रा नायर

एम सुभद्रा नायर को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे केरल राज्य से हैं। .

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एम॰जे॰ गोपालन

मोरप्पकम जोस्यम गोपालन (६ जून १९०९, मोरप्पकम, तमिलनाडु, भारत – २१ दिसम्बर २००३, चेन्नई) एक भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होंने भारतीय टीम के सदस्य के रूप में क्रिकेट और हॉकी खेली। उन्हें भारत सरकार ने १९६४ में पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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एम॰के॰ बिनोदिनी देवी

महाराज कुमारी बिनोदिनी देवी (6 फ़रवरी 1922 – 17 जनवरी 2011) मणिपुरी भाषा की भारतीय लेखिका थीं। वे दक्षिण पूर्व हिमालयी राज्य पूर्वोत्तर भारत और मणिपुर के पूर्व शाही परिवार की सदस्या थीं।उन्हें साहित्य और शिक्षा के लिए वर्ष 1976 में भारत सरकार के द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .

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एलम इन्दिरा देवी

एलम इन्दिरा देवी को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे मणिपुर राज्य से हैं। .

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एस.एच. रज़ा

सैयद हैदर रज़ा उर्फ़ एस.एच.

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एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम

श्रीपति पण्डितराध्युल बालसुब्रमण्यम (तेलुगु: శ్రీపతి పండితారాధ్యుల బాలసుబ్రహ్మణ్యం; अंग्रेज़ी: S. P. Balasubrahmanyam; जन्म 4 जून 1946) एक भारतीय पार्श्वगायक, अभिनेता, संगीत निर्देशक, गायक और फ़िल्म निर्माता हैं। उन्हें कभी-कभी एसपीबी अथवा बालु के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने छः बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और आन्ध्र प्रदेश सरकार द्वारा २५ बार तेलुगू सिनेमा में नन्दी पुरस्कार भी जीता। .

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ए॰ आर॰ रहमान

अल्लाह रक्खा रहमान लोकप्रिय रूप से ए॰ आर॰ रहमान भारतीय फिल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार हैं, जिन्होंने मुख्य रूप से हिन्दी और तमिल फिल्मों में संगीत दिया है। इनका जन्म 6 जनवरी, 1967 को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ। जन्मतः उनका नाम ‘अरुणाचलम् शेखर दिलीप कुमार मुदलियार’ रखा गया। धर्मपरिवर्तन के पश्चात उन्होंने अल्लाह रक्खा रहमान नाम धारण किया। ए. आर.

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डायना एडुल्जी

डायना एडुल्जी (Diana Fram Edulji) (जन्म; २६ जनवरी १९५६) एक पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी है जो भारत की राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम के टेस्ट और एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला करती थी। डायना भारतीय महिला टीम की कप्तान भी रह चुकी है। डायना को खेलों के सबसे बड़े पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार से १९८३ में नवाजा गया था। और २००२ में पद्म श्री पुरस्कार से भी नवाजा गया था। .

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डैनी डेन्जोंगपा

डैनी डेन्जोंगपा (जन्म- २५ फ़रवरी १९४८) एक भारतीय अभिनेता हैं। ये हिन्दी फ़िल्मों में काम करते हैं। ये भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित कलाकार हैं।सिक्किम में जन्म डैनी भुटिया जाति के हैं एवं भुटिया इनकी मातृभाषा है। अपने शूरूवाती दिनों में ये नेपाली तथा हिन्दी फ़िल्मों में गीत गाते थे। .

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डॉ मंडन मिश्र

आठवीं शताब्दी के दार्शनिक मण्डन मिश्र के लिये वहाँ जाएँ। ---- डॉ मंडन मिश्र (७ जून १९२९ - १५ नवम्बर, २००१) संस्कृत के प्रसिद्ध पण्डित थे जिन्होने श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना की। सन् २००० में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। डॉ॰ मण्डन मिश्र का जन्म 7 जून 1929 ई. को जयपुर से 50 किलोमीटर दूर हणूतिया नामक गाँव में हुआ। आपके पिता पं॰ श्री कन्हैयालाल मिश्र कर्मकाण्ड के अच्छे विद्वान् थे। डॉ॰ मिश्र की प्रारम्भिक शिक्षा अमरसर और उच्च शिक्षा जयपुर में हुई। आपने मीमांसा और साहित्य में सर्वोत्तम श्रेणी में आचार्य, तथा संस्कृत में सर्वोत्तम श्रेणी से एम.ए. एवं मीमांसा दर्शन का समालोचनात्मक इतिहास विषय पर राजस्थान विश्वविद्यालय से पी.एच.डी.

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डी. आर. कार्तिकेयन

देवारायपुरम रामसामी कार्तिकेयन (D. R. Karthikeyan) तमिलनाडु के एक भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी है और केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महानिदेशक थे। .

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तनु पद्मनाभन

'तनु पद्मनाभन' भारत के प्रसिद्ध खगोल भौतिक वैज्ञानिक हैं। उनका जन्म १० मार्च १९५७ को तिरुवनन्तपुरम मे हुआ था। 2011 में आप आयुका मे वैज्ञानिक के तौर पर कार्यरत हैं। गुरुत्वाकर्षण और क्वांटम सिद्धांत के क्षेत्र में आपका योगदान उल्लेखनीय है। .

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तरला दलाल

तरला दलाल (जन्म: 1936–6 नवम्बर 2013) भारत की एक प्रख्यात भोजन लेखिका व रसोइया थीं। इन्होंने खाना पकाने के कई कार्यक्रमों जैसे तरला दलाल शो व कुक इट अप विद् तरला दलाल की मेज़बान की थी। हालांकि यह कई प्रकार के व्यंजनों और स्वस्थ खाना पकाने की विधियों के बारे में लिखती थीं, परन्तु भारतीय व्यंजनों, विशेष रूप से गुजराती व्यंजनों में इनकी विशेषज्ञता थी। वर्ष 2007 में इन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। 6 नवम्बर 2013 को दिल का दौरा पड़ने से इनका निधन हो गया था। .

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तारक मेहता

तारक मेहता एक भारतीय लेखक थे। यह मुख्यतः दुनिया ने उंधा चश्मा नामक गुजराती भाषा में एक लेख लिखने के कारण जाने जाते हैं। उन्होंने कई प्रकार के हास्य कहानी आदि का गुजराती में अनुवाद किया। इनका साप्ताहिक लेख पहली बार मार्च 1971 में चित्रलेखा नामक एक साप्ताहिक अखबार में आया। इस वर्ष यह 80 पुस्तकों को प्रकाशित किए। जिसमें 3 पुस्तक उनके दिव्य भास्कर नामक अखबार में छापे जाने वाले लेख पर आधारित थे। 2008 में असित कुमार मोदी ने इस कहानी पर तारक मेहता का उल्टा चश्मा धारावाहिक बनाया, जो सब टीवी पर प्रसारित होता है। इस कहानी में एक तारक मेहता का भी किरदार है। इस किरदार को शैलेश लोधा निभा रहे हैं। .

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ताशी तोन्डूप

ताशी तोन्डूप को लोक-कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे जम्मू एवं कश्मीर राज्य से हैं। .

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तुलसी मुंडा

तुलसी मुण्डा  भारतीय राज्य उड़ीसा से एक प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता है जिसे पद्म श्री से 2001 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था। तुलसी मुण्डा ने आदिवासी लोगों के बीच साक्षरता के प्रसार के लिए बहुत काम किया। मुंडा ने उड़ीसा के खनन क्षेत्र में एक विद्यालय स्थापित करके भविष्य के सैकड़ों आदिवासी बच्चों को शोषित दैनिक श्रमिक बनने से बचाया है। एक लड़की के रूप में, उसने खुद इन खानों में एक मजदूर के रूप में काम किया था। यह एक दिलचस्प तथ्य है कि जब आदिवासी बच्चे अपने स्कूलों में जाते हैं, तो वे राज्य के अन्य हिस्सों में सामान्य विद्यालयों में भाग लेने वाले बहुत से बच्चों से आगे निकल जाते हैं। 2011 में तुलसी मुंडा ने ओडिशा लिविंग लीजेंड अवार्ड फॉर एक्सिलेंस इन सोशल सर्विस प्राप्त किया।  तुलसी मुंडा ने उड़ीसा में महिलाओं की बढ़ती ताकत की परिघटना को आगे बढ़ाया। साठ साल की उम्र को पार कर चुकी तुलसी मुंडा वंचितों के बीच साक्षरता फैलाने के लिए अपने मिशन के लिए जानी जाती हैं। विनोबा भावे ने जब 1963 में उड़ीसा में भूदान आंदोलन पदयात्रा के दौरान उड़ीसा का दौरा किया, तो उससे मुलाकात ने इसे उस रास्ते पर अग्रसर कर दिया जिससे उन्हें अपने लोगों की किस्मत को बदलना था। उस पदयात्रा पर तुलसी ने विनोबा से वादा किया कि वह जीवन भर उनके दिशानिर्देशों और सिद्धांतों का पालन करेगी। एक साल बाद 1964 में आचार्य के आदर्शों और लक्ष्यों से उत्साहित और उनकी सामाजिक सेवा प्रशिक्षण से लैस हो कर उसने सेरेन्डा में काम करना शुरू किया। विनोबा भावे के आदर्शों से प्रेरित होकर अशिक्षित तुलसी मुंडा ने आदिवासी खदान श्रमिकों के बच्चों के लिए एक महुआ वृक्ष के तले एक स्कूल खोला। चैरिटी घर से शुरू होती है, लेकिन तुलसी ने सेरेन्डा को भी चुना क्योंकि "यह बेहद पिछड़ा और गरीब था"। आज उनके प्रयासों से न केवल सेरेन्डा के ग्रामीणों को, जहां वह अपनी आदिवासी विकास समिति के साथ आधारित है, लेकिन इस आदिवासी बेल्ट के लगभग 100 किमी आसपास रहने वाले लोगों को भी फायदा हुआ है। लोकप्रिय तौर पर 'तुलसीपा' के रूप में जानी  जाती, उसने अपनी समिति के तत्वावधान में चलाए गए विद्यालय के माध्यम से क्षेत्र के पूरे शैक्षिक आंकड़ों और सामाजिक स्तर को बदल दिया है। जोडा से लगभग 7 किमी दूर (लौह अयस्क खानों के लिए प्रसिद्ध) 'सेरेन्डा में लगभग 500 आदिवासियों के घर हैं। पहले तुलसी के लिए शिक्षा की आवश्यकता के बारे में लोगों को समझना कठिन था। "मुझे हर घर जाना पड़ा।" वास्तव में 'क्योंकि इस इलाके के बच्चे दिन के दौरान खानों में काम करते थे ' तुलसी ने गांव मुखी की मदद से एक रात को चलने वाला विद्यालय शुरू किया। फिर उसने खदान श्रमिकों को अपने बच्चों को दिन के लिए उसकी देखभाल में छोड़ने का आश्वासन दिया। उसने उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन और हमारे महान विद्वानों और राष्ट्रीय नेताओं के कामों के बारे में कहानियां सुनाने से शुरू किया। "मैं एक अशिक्षित थी और मुझे किताबी विद्या के बारे में कुछ नहीं पता था, लेकिन मुझे शिक्षा के महत्व के बारे में पता चल गया था और इसे प्रदान करने के लिए पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान मेरे पास था।" तुलसी ने अपना स्कूल एक महुआ वृक्ष के नीचे शुरू किया। धन जुटाने के लिए 'जो कम आपूर्ति में था' उसने सब्जियों और मूरी (फूफा हुआ चावल) को बेचने का काम किया। बाद में  जब 'उसने उनका विश्वास हासिल करना शुरू कर दिया', ग्रामीणों ने उन्हें भोजन और रहने के लिए जगह देना शुरू कर दिया। जल्द ही तुलसी ने ग्रामीणों को पहाड़ से पत्थरों को काटने और उन्हें स्कूल बनाने में मदद करने के लिए राजी किया। गांव के बाहर विद्यालय के बनने के लिए छह महीने लग गए। आज आदिवासी विकास समिति के पास दो ठोस भवन हैं। लंबे समय तक फंड एक समस्या बने रहे। तुलसी के पास शिक्षकों का भुगतान करने के लिए कोई पैसा नहीं था लेकिन उन्होंने गांव के युवाओं को इकट्ठा किया जिन्होंने प्राथमिक स्तर तक अध्ययन किया था। "वे सभी स्वेच्छा से आए थे। मेरे छात्रों ने फीस देने की पेशकश की तो चीजें हल होने लगी - यह मेरे मिशन में एक मील का पत्थर था। बड़े औद्योगिक घरानों और कुछ विदेशी एजेंसियों से भी दान शुरू हुआ।" अब वो छात्रावास के लिए प्रति माह 200 रुपये का शुल्क लेती हैं, लेकिन केवल उन लोगों के लिए जो उसे भुगतान कर सकते हैं आज स्कूल में सात शिक्षक हैं और 81 बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा वाले 354 छात्र हैं। "तुलसीदी हमारी मां की तरह है और वह जीवन में प्रेरणा का हमारा स्रोत रही है" श्रेणी चार को सिखाने वाले शरद कुमार पेरेई कहते हैं। उनके सहयोगी अभय कुमार मिश्रा सहमत हैं 'और वास्तव में सोचता है कि विद्यालय किसी भी सरकारी विद्यालय का मुकाबला करता है जहाँ तक शिक्षा के मानकों का संबंध है। "हम छात्रों को सब कुछ देने का प्रयास करते हैं" वे कहता है। शिक्षित करने के लिए अपने मिशन से आश्वस्त तुलसी को अपने आदिवासी विकास समिति के माध्यम से अन्य विकास कार्यक्रमों को करने की उम्मीद है। "पहली चीज जो मैं करना चाहती हूँ वह है आदिवासियों के बीच शराबनोशी की रोकथाम - वह नियमित रूप से हदीआ (स्थानीय काढ़ा) लेते हैं। मैं उनकी स्थिति में सुधार करने के बारे में चर्चा करने और तरीके खोजने के लिए ग्राम सभा और महिला संगठन भी बनाना चाहती हूँ" वे कहती हैं। वित्त के बारे में क्या? "निश्चित रूप से बहुत ज्यादा वित्तीय बाधाएं हैं, अब भी मैं अपने स्कूल शिक्षकों को उनके वेतन का समय पर भुगतान नहीं कर सकती, लेकिन मुझे समय-समय पर विदेशी एजेंसियों और व्यक्तियों से सहायता मिलती है। एसएसआरडी (टाटा स्टील ग्रामीण विकास समाज) का समर्थन और वित्तीय सहायता एक बड़ी मदद के रूप में है। " .

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तीजनबाई

तीजनबाई (जन्म- २४ अप्रैल १९५६) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के पंडवानी लोक गीत-नाट्य की पहली महिला कलाकार हैं। देश-विदेश में अपनी कला का प्रदर्शन करने वाली तीजनबाई को बिलासपुर विश्वविद्यालय द्वारा डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। वे सन १९८८ में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और २००३ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से अलंकृत की गयीं। उन्हें १९९५ में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार तथा २००७ में नृत्य शिरोमणि से भी सम्मानित किया जा चुका है। भिलाई के गाँव गनियारी में जन्मी इस कलाकार के पिता का नाम हुनुकलाल परधा और माता का नाम सुखवती था। नन्हीं तीजन अपने नाना ब्रजलाल को महाभारत की कहानियाँ गाते सुनाते देखतीं और धीरे धीरे उन्हें ये कहानियाँ याद होने लगीं। उनकी अद्भुत लगन और प्रतिभा को देखकर उमेद सिंह देशमुख ने उन्हें अनौपचारिक प्रशिक्षण भी दिया। १३ वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना पहला मंच प्रदर्शन किया। उस समय में महिला पंडवानी गायिकाएँ केवल बैठकर गा सकती थीं जिसे वेदमती शैली कहा जाता है। पुरुष खड़े होकर कापालिक शैली में गाते थे। तीजनबाई वे पहली महिला थीं जो जिन्होंने कापालिक शैली में पंडवानी का प्रदर्शन किया।। देशबन्धु।६ अक्टूबर, २००९ एक दिन ऐसा भी आया जब प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर ने उन्हें सुना और तबसे तीजनबाई का जीवन बदल गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से लेकर अनेक अतिविशिष्ट लोगों के सामने देश-विदेश में उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया। प्रदेश और देश की सरकारी व गैरसरकारी अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत तीजनबाई मंच पर सम्मोहित कर देनेवाले अद्भुत नृत्य नाट्य का प्रदर्शन करती हैं। ज्यों ही प्रदर्शन आरंभ होता है, उनका रंगीन फुँदनों वाला तानपूरा अभिव्यक्ति के अलग अलग रूप ले लेता है। कभी दुःशासन की बाँह, कभी अर्जुन का रथ, कभी भीम की गदा तो कभी द्रौपदी के बाल में बदलकर यह तानपूरा श्रोताओं को इतिहास के उस समय में पहुँचा देता है जहाँ वे तीजन के साथ-साथ जोश, होश, क्रोध, दर्द, उत्साह, उमंग और छल-कपट की ऐतिहासिक संवेदना को महसूस करते हैं। उनकी ठोस लोकनाट्य वाली आवाज़ और अभिनय, नृत्य और संवाद उनकी कला के विशेष अंग हैं। भारत भवन भोपाल में पंडवानी प्रस्तुति के दौरान .

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थेनुम्‍गल पॉलूस जैकब

थेनुम्‍गल पॉलूस जैकब को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे तमि‍लनाडु राज्य से हैं। .

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दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे

दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे (31 जनवरी 1896 – 26 अक्टूबर 1981) एक कन्नड साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह अरलु–मरलु के लिये उन्हें सन् १९५८ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन्हें १९७३ में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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दया कि‍शोर हाजरा

दया कि‍शोर हाजरा को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे उत्‍तर प्रदेश राज्य से हैं। .

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दशरथ माँझी

दशरथ मांझी (जन्म: 1934 – 17 अगस्त 2007) जिन्हें "माउंटेन मैन"के रूप में भी जाना जाता है, बिहार में गया के करीब गहलौर गांव के एक गरीब मजदूर थे। केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर इन्होंने अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली। 22 वर्षों परिश्रम के बाद, दशरथ के बनायी सड़क ने अतरी और वजीरगंज ब्लाक की दूरी को 55 किमी से 15 किलोमीटर कर दिया। .

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दामोदर बापट

दामोदर गणेश बापट छत्तीसगढ़ के रहने वाले एक समाज सेवक है जिन्हें साल २०१८ में सामाजिक कार्यों के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। .

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दारिपल्ली रामैया

दारिपल्ली रमैया (जन्म: १९३७) भारत के सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्हें २०१७ में हरियाली फैलाने में विशेष योगदान के लिये पद्मश्री से सम्मानित किया गया। श्री रमैया तेलंगण के खम्मम जिले के रेड्डिपल्लि गाँव के निवासी हैं। स्थानीय लोग उन्हें 'चेल्ता रमैया' (वृक्ष रमैया) कहते हैं। ऐसा अनुमान है कि खम्मम जिले में और उसके आसपास उन्होने १० लाख से अधिक पौधे लगाये हैं ताकि हरियाली को वपस लाया जा सके। वे उस तरह के पौधे लगाते हैं जो छाया देते हैं, फल देते हैं या बायोडीजल के लिये काम आते हैं। .

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दिवालीबेन भील

दीवालीबेन पुंजभाई भील (2 जून, 1943 - 19 मई, 2016) गुजरात की लोकगायिका थीं। उन्होंने कई तरह के लोक गीतों, गरबा और गुजराती फिल्म में गायन किया था। गुजरात की लोक गायिकी में उनका अनुठा योगदान रहा है, उनके गाए गीत आज भी प्रदेश के महिला पुरुष गुनगुनाते हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें वर्ष 1990 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। .

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दि‍नेश सिंह

दि‍नेश सिंह को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दि‍ल्‍ली राज्य से हैं। .

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दुर्गा लाल

पंडित दुर्गा लाल (1948 - 21 जनवरी 1990) जयपुर घर के प्रसिद्ध कथक नर्तक थे। उनका जन्म महेंद्रगढ़, राजस्थान में हुआ था। 1989 के नृत्य नाटक घनश्याम में उन्हें मुख्य भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है; जिसमें संगीतज्ञ पंडित रवि शंकर द्वारा निर्मित था और इसे बर्मिंघम ओपेरा कंपनी द्वारा निर्मित किया गया था। कथक रूप के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री, चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, सम्मानित किया गया था। 1984 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी मिला था। ये लाल सुंदर प्रसादजी के शिष्य था। कथक नर्तक होने के साथ ही वे एक गायक भी थे और पखवाज खेलते थे। उन्होंने कथक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कथक नृत्य (कथक केंद्र), नई दिल्ली में पढ़ाया करते थे। निघट चौधरी पाकिस्तान में पंडित लाल के उल्लेखनीय छात्र हैं। लाल के भाई पंडित देवीलाल भी एक प्रसिद्ध कथक नर्तक थे। देवीलाल की पत्नी गीतांजली लाल भी एक संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता (2007) हैं। दुर्गा लाल की मृत्यु के बाद उनके बच्चों और अन्य आर्ट बिरादरी सदस्य पंडित दुर्गा लाल मेमोरियल महोत्सव नामक वार्षिक त्यौहार का आयोजन कर रहे हैं। उनके दो बच्चे हैं, बड़ी बेटी नूपुर और छोटे बेटे मोहित नूपुर कथक कलाकार और गायक हैं और मोहित एक पर्सियन लेखक हैं।उनके शिष्यों में प्रसिद्ध नर्तक उमा डोगरा और जयंत कास्त्रुआर शामिल हैं। लाल की स्मृति में, डोगरा ने "पंडित दुर्गा लाल समरोह" का आयोजन 2005 तक 15 वर्षों से किया था। .

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दुर्गा जैन

दुर्गा जैन को समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराष्ट्र राज्य से हैं। .

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देविका रानी

देविका रानी (जन्म: 30 मार्च, 1908 निधन: 8 मार्च, 1994) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। निःसंदेह भारतीय सिनेमा के लिये देविका रानी का योगदान अपूर्व रहा है और यह हमेशा हमेशा याद रखा जायेगा। जिस जमाने में भारत की महिलायें घर की चारदीवारी के भीतर भी घूंघट में मुँह छुपाये रहती थीं, देविका रानी ने चलचित्रों में काम करके अदम्य साहस का प्रदर्शन किया था। उन्हें उनके अद्वितीय सुंदरता के लिये भी याद किया जाता रहेगा। .

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देवेन्द्र सत्यार्थी

देवेन्द्र सत्यार्थी (28 मई 1908) हिंदी, उर्दू और पंजाबी भाषाओं के विद्वान तथा साहित्यकार हैं। उनका मूल नाम देवइंडर बत्ता है। श्री सत्यार्थी लोकगीत अध्ययन के प्रणेताओं मे से रहे हैं। उन्होंने देश के कोने-कोने की यात्रा कर वहां के लोकजीवन, गीतों और परंपराओं को आत्मसात किया और उन्हें पुस्तकों और वार्ताओं में संग्रहीत कर दिया जिसके लिये वे 'लोकयात्री' के रूप में जाने जाते हैं। देवेन्द्र सत्यार्थी ने लोकगीतों का संग्रह करने हेतु देश के विभिन्न क्षेत्रें की यात्रायें की थीं तथा इन स्थानों के संस्मरणों को भावात्मक शैली में उन्होंने लिखा है। "क्या गोरी क्या साँवली" तथा "रेखाएँ बोल उठीं" सत्यार्थी के संस्मरणों के अपने ढंग के संग्रह हैं। श्री सत्यार्थी का जन्म 28 मई 1908 को पटियाला के कई सौ साल पुराने भदौड़ ग्राम (जिला संगरूर) में जन्म। 1977 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित। .

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दीपिका पल्लीकल

दीपिका पल्लीकल(जन्म: 21.9.1991) एक भारतीय महिला स्क्वैश खिलाड़ी हैं। अंडर 19 की कैटेगरी में उन्हें नंबर वन महिला स्क्वैश खिलाड़ी का दर्जा दिया गया था। अभी वे विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर हैं, जो उनकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैं‍किंग है। वे डब्ल्यू॰ एस॰ ए॰ रैंकिंग के अंतर्गत शीर्ष 10 में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला है।वे 2012 (स्क्वैश) चैंपियंस के टूर्नामेंट में उप विजेता रही थी। साथ ही ऑस्ट्रेलियन ओपन स्क्वैश-2012 महिला ऑस्ट्रेलियन ओपन स्क्वैश-2012 के सेमी फाइनल तक पहुँचने में सफल रही। उन्होने फरवरी 2013 में मिडोवूड फार्मेसी ओपन जीतकर छठा डब्ल्यू॰ एस॰ ए॰ खिताब जीता। अक्टूबर 2013 में उन्होने विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की राचेल ग्रिनहैम को हराकर मकाउ में मकाउ ओपन का खिताब जीता है। दीपिका के करियर का यह सातवां महिला स्क्वाश संघ (डब्ल्यूएसए) खिताब है। .

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दीपक पुरी

दीपक पुरी (Deepak Puri) मोजर बेयर के संस्थापक, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। मोजर बेयर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑप्टिकल स्टोरेज मीडिया निर्माता कंपनी हैं। पुरी ने शुरू में तेल कंपनी ईएसएसओ के साथ जूनियर कार्यकारी के रूप में काम किया था - 1962 में कोलकाता में, और बाद में शालीमार पेंट्स के साथ। 1964 में, पुरी ने अपनी पहली कंपनी, कलकत्ता में धातु उद्योग, एल्यूमीनियम के तारों और फर्नीचर के कारोबार शुरू किया था। दो साल बाद, उन्होने कारोबार को विनिर्माण के रूप का रूप दे दिया। कलकत्ता में श्रम मुद्दों के कारण, उन्होंने 1983 में नई दिल्ली में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। जहां उन्होंने स्विटज़रलैंड स्थित मोजर बेयर के साथ मोजर बेयर इंडिया के संयुक्त उपक्रम को शुरू किया था। पुरी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ की बहन नीता पुरी से शादी की है और उनका एक बेटा रातुल है। नीता और रतुल दोनों ही मोजर बेयर का हिस्सा हैं। .

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धनराज पिल्ले

धनराज पिल्ले (தன்ராஜ் பிள்ளை) (जन्म 16 जुलाई 1968) एक फील्ड हॉकी खिलाड़ी और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान हैं। इस समय वे भारतीय हॉकी टीम के प्रबंधक हैं। साथ ही, वे कंवर पाल सिंह गिल के निलंबन के पश्चात निर्मित भारतीय हॉकी फेडरेशन की अनौपचारिक (एडहॉक) समिति के सदस्य भी हैं। .

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धर्मवीर भारती

धर्मवीर भारती (२५ दिसंबर, १९२६- ४ सितंबर, १९९७) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। वे एक समय की प्रख्यात साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक भी थे। डॉ धर्मवीर भारती को १९७२ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनका उपन्यास गुनाहों का देवता सदाबहार रचना मानी जाती है। सूरज का सातवां घोड़ा को कहानी कहने का अनुपम प्रयोग माना जाता है, जिस श्याम बेनेगल ने इसी नाम की फिल्म बनायी, अंधा युग उनका प्रसिद्ध नाटक है।। इब्राहीम अलकाजी, राम गोपाल बजाज, अरविन्द गौड़, रतन थियम, एम के रैना, मोहन महर्षि और कई अन्य भारतीय रंगमंच निर्देशकों ने इसका मंचन किया है। .

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नन्दमूरि तारक रामाराव

हैदराबाद-श्रीसैलम मार्ग पर स्थित एन टी रामाराव की मूर्ति नन्दमूरि तारक रामाराव (तेलुगू: నందమూరి తారక రామా రావు) या एन.टी.

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नरगिस (अभिनेत्री)

नरगिस दत्त (१ जून १९२८ – ३ मई १९८१), जन्म नाम फ़ातिमा रशिद लेकिन बाद में नाम परिवर्तित कर दिया गया था। इनका जन्म कोलकाता,पश्चिम बंगाल में हुआ था। List of Nominated members, Rajya Sabha Official website.ये एक भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं जिन्होंने हिन्दी फ़िल्म अभिनेता सुनील दत्त से शादी की थी। इन्होंने अपने फ़िल्मी सफर की शुरुआत बचपन तलाश-ए-हक़ (१९३५) में ही कर दी थी लेकिन इन्होंने एक्टिंग करनी १९४२ में तमन्ना फ़िल्म से शुरू की थी। १९५७ की मदर इंडिया फ़िल्म के लिए इनको एकेडमी अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया था साथ ही इस फ़िल्म के लिए इन्हें सबसे अच्छी फ़िल्म अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिया गया था। इसके बाद इन्हें १९६७ में बनी रात और दिन फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित की गई थीं। .

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नरेन्द्र कोहली

डॉ॰ नरेन्द्र कोहली (जन्म ६ जनवरी १९४०) प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार हैं। कोहली जी ने साहित्य के सभी प्रमुख विधाओं (यथा उपन्यास, व्यंग्य, नाटक, कहानी) एवं गौण विधाओं (यथा संस्मरण, निबंध, पत्र आदि) और आलोचनात्मक साहित्य में अपनी लेखनी चलाई है। उन्होंने शताधिक श्रेष्ठ ग्रंथों का सृजन किया है। हिन्दी साहित्य में 'महाकाव्यात्मक उपन्यास' की विधा को प्रारंभ करने का श्रेय नरेंद्र कोहली को ही जाता है। पौराणिक एवं ऐतिहासिक चरित्रों की गुत्थियों को सुलझाते हुए उनके माध्यम से आधुनिक सामाज की समस्याओं एवं उनके समाधान को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना कोहली की अन्यतम विशेषता है। कोहलीजी सांस्कृतिक राष्ट्रवादी साहित्यकार हैं, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारतीय जीवन-शैली एवं दर्शन का सम्यक् परिचय करवाया है। जनवरी, २०१७ में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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नरेन्‍द्र कुमार पांडेय

नरेन्‍द्र कुमार पांडेय को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे हरि‍याणा राज्य से हैं। .

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नरेश बेदी

नरेश बेदी एक भारतीय फ़िल्म निर्माता है, जो वन्य-जीवन से संबंधित फिल्म निर्माण के लिए जाने जाते हैं। उन्हें वृत्तचित्र, एनिमेशन और लघुफिल्मों के लिए आयोजित मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव-2016, (एम.आई.एफ.एफ-2016) के उद्घाटन समारोह में वी शांताराम लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हें उनके प्रकृति तथा वन्य जीवन पर फिल्मांकन के लिए इससे पूर्व वाइल्ड स्क्रीन अवार्ड, पृथ्वी रत्न पुरस्कार, द ह्वेल अवार्ड जैसे अनेकों पुरस्कार दिये जा चुके हैं। इनकी एक अन्य फिल्म ‘गंगा घड़ियाल’ ने वाइल्ड स्क्रीन रेड पांडा पुरस्कार, जिसे ग्रीन आस्कर कहा जाता है, जीता है। यह पुरस्कार जीतने वाले वे प्रथम एशियाई हैं। उन्होंने अपने फिल्मों में दुर्लभ वन्य जीव क्षणों को फिल्माया है। इनके फिल्मों को बी.बी.सी.

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नलिनी बाला देवी

नलिनी बाला देवी (२३ मार्च १८९८ – २४ दिसम्बर १९७७) असमिया भाषा की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। वे अपनी राष्ट्रवादी तथा रहस्यवादी कविता के लिये प्रसिद्ध हैं।Das, p. 197 उनके साहित्यिक योगदान के लिये भारत सरकार ने १९५७ में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया तथा १९६८ में उनकी काव्यकृति अलकनन्दा के लिये उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार (असमिया) प्रदान किया गया। .

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नहीद आबि‍दी

नहीद आबि‍दी को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे उत्‍तर प्रदेश राज्य से हैं। .

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नाट्यकल्पद्रुमम्

नाट्यकल्पद्रुमम् नाट्याचार्य विदूषकाचार्य पद्मश्री गुरू माणि माधव चाकयार द्वारा रचित एक संस्कृत ग्रन्थ है। इसमें केरल के प्राचीन संस्कृत नाटक केरल कुटियट्टम के सभी पक्षों का विवेचन है। सम्पूर्ण ग्रंथ प्राचीन संस्कृत गद्य में नाट्यशास्त्र का अनुसरण करते हुए लिखी गयी है। इसपर केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था। .

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नाना पाटेकर

विश्वनाथ "नाना" पाटेकर (जन्म: 1 जनवरी, 1951) हिन्दी एवं मराठी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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नारायण सिंह भाटी

नारायण सिंह भाटी (1930–2004) पुलिस अधीक्षक तथा राजस्थानी भाषा के साहित्यकार थे। 1970 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वे 1976 से 1980 तक अजमेर के पुलिस अधीक्षक रहे। उन्हें चार बार राष्ट्रपति पुलिस पदक और 6 बार गैलेंट्री अवार्ड भी मिले। 1965 के भारत-पाक युद्ध में भी उन्होंने भाग लिया। आजादी से पहले वह जैसलमेर के कनोट के हाकम भी रहे। .

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नारायण सुर्वे

नारायण सुर्वे पद्म श्री से सम्मानित प्रसिद्ध मराठी कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता थे। .

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नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर

नारायण सेवा संस्थान भारत के राजस्थान प्रान्त के उदयपुर में स्थित एक सेवाकारी संस्था है। यह पोलियो रोगियों की असमर्थता को दूर करके उनको स्वावलंबी बनाने के प्रयास में संलग्न है। इसे आईएसओ 9001 प्रमाण पत्र प्राप्त है। इसके संस्थापक श्री कैलाश चंद्र अग्रवाल हैं। .

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नारायण कार्तिकेयन

नारायण कार्तिकेयन(जन्म: १४ जनवरी १९७७, मद्रास मेें) भारत के एकमात्र फॉरमूला वन चालक थे। पिछले कई वर्षों में फॉरमूला थ्री में शिरकत करने के पश्चात वर्ष २००५ में नारायण कार्तिकेयन ने आस्ट्रेलियन ग्रान्ड प्रिक्स से अपने फॉरमूला वन कैरियर की शुरूआत की। यद्यपि वह १५वें स्थान पर आये तब भी उनका उभर कर आना सराहनीय है। वर्ष २०११ मैं नारायण ने हिस्पेनिय रेसिंग टीम के लिए ड्राइविंग की है। 2013 में हिस्पेनिय रेसिंग टीम की फॉरमूला वन में लिस्ट न होने के कारण वह दोबारा ड्राइविंग नहीं कर पाए। भारत सरकार ने उन्हे 2010 में देश का चौथा उच्चतम नागरिक सम्मान पद्म श्री दिया। .

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नाहीद आबिदी

नाहीद आबिदी संस्कृत भाषा की एक भारतीय विदुषी और लेखिका हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2014 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया जो कि चौथा उच्च-स्तरीय नागरिक सम्मान है। यह पुरस्कार उन्हें साहित्य के क्षेत्र में प्रदान किया था। .

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निर्मल सिंह (बहुविकल्पी)

कोई विवरण नहीं।

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निर्मल सिंह खालसा

भाई निर्मल सिंह खालसा एक प्रख्यात गुरबाणी गायक रागी हैं। भारत सरकार ने सन 2009 में इन्हें भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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निर्मल कुमार बोस

निर्मल कुमार बोस (२२ जनवरी १९०१ – १५ अक्टूबर १९७२) भारतीय मानव विज्ञानी थे। उन्हें भारत सरकार ने १९६३ में पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा। .

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नंदना सेन

नंदना सेन (নন্দনা সেন) (या नंदना देव सेन) एक भारतीय अभिनेत्री हैं, जिन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री के रूप में अच्छी ख्याति अर्जित कर ली हैं। .

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नैना लाल किदवई

नैनालाल किदवई पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और एचएसबीसी बैंक की भारत में प्रमुख हैं। वे वर्तमान में फिक्की की अध्यक्ष भी हैं। वे कई बैंकों के अहम पदों पर रह चुकी हैं। वे पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने किसी विदेशी बैंक का भारत में संचालन किया। नैना ने शिमला, (हिमाचल प्रदेश) से स्कूली शिक्षा और दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद हावर्ड बिजनेस स्कूल' से एमबीए किया। वर्ष 1982 में ‘स्टैंडर्ड चाटर्ड बैंक’ से करियर की शुरुआत करने के बाद उन्होंने कुछ दिन ‘मोर्गन स्टेनले बैंक’ में काम किया और फिर एचएसबीसी से जुड़ गईं। .

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नैना आप्टे जोशी

नैना आप्टे जोशी को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराष्ट्र राज्य से हैं। .

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नेमाई घोष

नेमाई घोष (Nemai Ghosh) (जन्म 1934) एक प्रसिद्ध भारतीय फोटोग्राफर हैं जो सत्यजीत राय के साथ काम करने के लिए जाने जाते हैं। इन्होने सत्यजीत राय के साथ गोपी गने (1969) से लेखर सत्यजीत जी की अंतिम फिल्म अगंटुक (1991) तक दो दशक से अधिक समय तक फोटोग्राफी की। वह 2007 के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में एक न्यायपीठ सदस्य थे। और उन्हे 2010 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .

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नेमिचन्द्र जैन

नेमिचन्द्र जैन नेमिचन्द्र जैन (16 अगस्त 1919 -- 24 मार्च 2005) हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि, समालोचक, नाट्य-समीक्षक, पत्रकार, अनुवादक, शिक्षक थे। वे भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष में भी शामिल हुए थे। ये नटरंग प्रतिष्ठान के अध्यक्ष थे। वे 1959-76 राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में वरिष्ठ प्राध्यापक, 1976-82 जवाहरलाल नेरूह विश्वविद्यालय के कला अनुशीलन केन्द्र के फैलो एवं प्रभारी रहे। अंग्रेजी दैनिक ‘स्टेट्समैन’ के नाट्य-समीक्षक, ‘दिनमान’ तथा ‘नवभारत टाइम्स’ के स्तम्भकार एवं रंगमंच की विख्यात पत्रिका ‘नटरंग’ से संस्थापक संपादक रहे। नाट्य विशेषज्ञ के रूप में रूप, अमरीका, इंगलैंड, पश्चिम एवं पूर्वी जर्मनी, फ्रांस, यूगोस्लाविया, चेकोस्लोवाकिया, पौलेंड आदि देशों की यात्रा की। .

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नेक चन्द सैनी

नेक चन्द सैनी चंडीगढ़ के प्रसिद्ध 'रॉक गार्डन' के शिल्पकार थे। .

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नोबोरू कराशिमा

नोबोरू कराशिमा एक जापानी इतिहासकार और प्रोफ़ेसर हैं वह २०१३ में पद्म श्री से जीता हैं। .

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नीति‍श नायक

नीति‍श नायक को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दि‍ल्‍ली राज्य से हैं। .

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पद्म पुरस्कार

पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक हैं। ये पुरस्कार, विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, समाज सेवा, लोक-कार्य, विज्ञान और इंजीनियरी, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल-कूद, सिविल सेवा इत्यादि के संबंध में प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर उद्घोषित किये जाते हैं तथा सामान्यतः मार्च/अप्रैल माह में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किये जाने वाले सम्मान समारोहों में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं। .

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पद्म भूषण

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९५४-५९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९५४ से १९५९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९६०-६९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९५४ से १९५९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९७४ से १९७९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९८०–१९८९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९८४ से १९८९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९८४ से १९८९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (२०००–२००९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। सन् २००० से २००९ तक विजेताओं की सूची निम्न है: .

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पद्म सम्मान

विशिष्ट सेवा के लिए दिया हुआ प्र्धान पुरस्कारे पद्म सम्मान भारत सरकार द्वारा शासकीय सेवकों व अन्य भारतीयों को किसी भी क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री नामक पद्म सम्मान (पुरस्कार) प्रदान किए जाते हैं। पद्म पुरस्कारों की सिफारिशें राज्य सरकारों/संघ राज्य प्रशासनों, केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों, उत्कृष्टता संस्थानों आदि से प्राप्त की जाती हैं, जिन पर पुरस्कार समिति द्वारा विचार किया जाता है। पुरस्कार समिति की सिफारिश के आधार पर और प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तथा राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन पद्म सम्मानों की घोषणा की जाती है। परन्तु इस बार सामान्य नागरिकों को ये सम्मान देने की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किया गया है। प्रकार: नागरिकश्रेणी: सामान्यस्थापना: 1954 |- | पद्म भूषण | चित्र: pb1.jpg | चित्र: pb2.jpg | प्रदाता: भारत सरकारप्रकार: नागरिकश्रेणी: सामान्यस्थापना: 1954 |- | पद्म श्री | चित्र: ps2n.jpg | चित्र: ps1n.jpg | प्रदाता: भारत सरकारप्रकार: नागरिकश्रेणी: सामान्यस्थापना: 1954 |- |--> .

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पद्मश्री पुरस्कार (२०१०–२०१९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। सन् २०१० से २०१९ तक विजेताओं की सूची निम्न है: .

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पद्मा सचदेव

पद्मा सचदेव (जन्म: 17 अप्रैल 1940) एक भारतीय कवयित्री और उपन्यासकार हैं। वे डोगरी भाषा की पहली आधुनिक कवयित्री है।वे हिन्दी में भी लिखती हैं। उनके कतिपय कविता संग्रह प्रकाशित है, किन्तु "मेरी कविता मेरे गीत" के लिए उन्हें 1971 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ।उन्हें वर्ष 2001 में पद्म श्री और वर्ष 2007-08 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कबीर सम्मान प्रदान किया गया। .

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परवीन ताल्‍हा

सुश्रीपरवीन ताल्‍हा को सि‍वि‍ल सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे उत्‍तर प्रदेश राज्य से हैं। .

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परेश मैती

परेश मैती को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दिल्ली राज्य से हैं। .

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पियोंग तेमजिन जमीर

पियोंग तेमजिन जमीर (Piyong Temjen Jamir) नागालैण्ड के एक हिन्दीसेवी विद्वान एवं साहित्यकार हैं। उन्हें २०१८ में साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री प्रदान किया है। सम्प्रति वे दीमापुर जिले में पदुम पुखुरी में राष्ट्रभाषा हिन्दी शिक्षा संस्थान के प्रधानाध्यापक है। जमीर ने चार हजार से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाया है। इनमें से एक हजार विद्यार्थी आज हिन्दी शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। श्रेणी:२०१८ में पद्मश्री सम्मानित.

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पवन राज गोयल

पवन राज गोयल को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे हरि‍याणा राज्य से हैं। .

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पंडित बुद्धदेव दासगुप्ता

पद्मभूषण बुद्धदेव दासगुप्ता (1 फरवरी 1933 – 15 जनवरी 2018), एक भारतीय शास्त्रीय संगीतकार और सरोदवादक थे। उन्होंने पंडित राधिका मोहन माइत्रा से सरोद वादन सीखा था। भारत सरकार द्वारा उन्हें वर्ष 2012 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके पूर्व उन्हें वर्ष 2015 में संगीत महासम्मान और बंगाल विभूषण से सम्मानित किया गया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे "बहुत देर हो चुकी है" कहकर लौटा दिया था। तत्पश्चात उन्हें जनवरी 2012 में, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।15 जनवरी, 2018 को हृदयगति रुक जाने के कारण उनका कोलकाता में निधन हो गया। .

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पंजाब रेजिमेंट

पंजाब रेजीमेण्ट भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। श्रेणी:भारतीय सेना श्रेणी:भारतीय सेना के सैन्य-दल श्रेणी:भारतीय सेना की रेजिमेंट.

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पंकज उधास

पंकज उधास (जन्म 17 मई 1951) भारत के एक गज़ल गायक हैं। भारतीय संगीत उद्योग में उनको तलत अजीज़ और जगजीत सिंह जैसे अन्य संगीतकारों के साथ इस शैली को लोकप्रिय संगीत के दायरे में लाने का श्रेय दिया जाता है। उधास को फिल्म नाम में गायकी से प्रसिद्धि मिली, जिसमें उनका एक गीत चिठ्ठी आई है काफी लोकप्रिय हुआ था। उसके बाद से उन्होंने कई फिल्मों के लिए एक पार्श्व गायक के रूप में अपनी आवाज दी है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई एल्बम भी रिकॉर्ड किये हैं और एक कुशल गज़ल गायक के रूप में पूरी दुनिया में अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। २००६ में पंकज उधास को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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पुर्णेन्दु कुमार बनर्जी

पुर्णेन्दु कुमार बनर्जी (७ दिसम्बर १९१७ – ८ फ़रवरी २००३) भारत-चीन युद्ध के दौरान चीन में भारत के उपराजदूत थे। उन्हें भारत सरकार ने १९६३ में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मनित किया। वो कोस्टा रीका में प्रथम भारतीय राजदूत बने। .

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पुल्लेला गोपीचंद

पुल्लेला गोपीचंद (పుల్లెల గోపీచంద్) (इनका जन्म 16 नवम्बर 1973 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के नगन्दला में हुआ) एक भारतीय बैडमिन्टन खिलाडी हैं। उन्होंने 2001 में चीन के चेन होंग को फाइनल में 15-12,15-6 से हराते हुए ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीत हासिल की। इस तरह से प्रकाश पादुकोण के बाद इस जीत को हासिल करने वाले दूसरे भारतीय बन गए, जिन्होंने 1980 में जीत हासिल की थी। उन्हें वर्ष 2001 के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लेकिन बाद में, उनकी चोटों के कारण उनके खेल पर प्रभाव पड़ा और वर्ष 2003 में उनकी रैंकिंग गिर कर 126 पर आ गयी। 2005 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। अब, वे गोपीचंद बैडमिन्टन अकादमी चलाते हैं। अब वे एक जाने माने कोच हैं जिन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। और सायना नेहवाल को एक बैडमिन्टन खिलाडी के रूप में उभारने में मुख्य हाथ उनका ही है। पुलेला गोपीचंद भारत के एक शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी व कोच हैं। 2014 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। .

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पुखराज बाफना

पुखराज बाफना बच्चों के चिकित्सक और किशोर स्वास्थ्य सलाहकार हैं। इन्हें 2011 में पद्म श्री पुरस्कार मिल चुका है। इनका जन्म 14 नवम्बर 1946 में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था। .

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पुकाडील जॉन

पुकाडील जॉन (Pucadyil Ittoop John) एक प्रमुख भारतीय प्लाजा भौतिक विज्ञानी है। वह प्लाज्मा रिसर्च इंस्टीट्यूट में प्लाजामा साइंस एंड टेक्नोलॉजी में मेघनाद साहा चेयर पर हैं। अपना पीएचडी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पूरा करने के बाद, जॉन भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में शामिल हुए, जहां उन्होंने 1972 में एक प्रयोगात्मक प्लाज्मा भौतिकी कार्यक्रम की स्थापना की। वह 1982 तक भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में प्लाजमा भौतिक विज्ञानी ग्रुप के अध्यक्ष थे। 2010 में, प्रोफेसर जॉन को भारत सरकार से प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार मिला। जॉन कविता भी लिखते हैं। .

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प्रताप गोवि‍न्‍द राव पवार

प्रताप गोवि‍न्‍द राव पवार को व्‍यापार एवं उद्योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराष्‍ट्र राज्य से हैं। .

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प्रद्युम्न कृष्ण काव

प्रद्युम्न कृष्ण काव का जन्म स्थान प्रद्युम्न कृष्ण काव प्लाज्मा भौतिक विज्ञानी एवं प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक हैं। उनका जन्म १५ जनवरी १९४८ को श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर), भारत में हुआ। उन्होंने अपनी मैट्रीक परीक्षा पंजाब विश्वविद्यालय से (१९५८) और स्नातोकत्तर आगरा विश्वविद्यालय से १९६४ में उत्तीर्ण की। उन्होंने अपनी पीएचडी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से १९६६ में पूर्ण की। उनके पीएचडी पर्यवेक्षक प्रो॰ एम एस सोढ़ा थे और उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से प्रथम पीएचडी पूर्ण करने का गौरव प्राप्त किया। उन्हे भारत के नागरीक पुरस्कार के रूप में १९८५ में पद्म श्री और १९८६ में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से नवाजा गया। .

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प्रमोद करण सेठी

डॉक्टर प्रमोद करण सेठी (28 नवम्बर 1927 - 06 जनवरी 2008) दुनियाभर में मशहूर 'जयपुर पांव' के जनक थे। श्री रामचन्द्र शर्मा के साथ मिलकर उन्होने सन् १९६९ में 'जयपुर पांव' नामक सस्ता एवं लचीला कृत्रिम पैर का विकास किया। वे हड्डी रोग विशेषज्ञ और मैगसायसाय व पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित थे। .

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प्रहलाद सिंह टिपानिया

प्रहलाद सिंह टिपानिया कबीर के भजन गायक हैं। प्रह्लाद जी ने अपना जीवन व्यापन एक शिक्षक के रूप में किया। वर्ष २०११ में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरूस्कार द्वारा सम्मानित किया गया .

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प्राण कुमार शर्मा

प्राण द्वारा रचित कॉमिक पात्र चाचा चौधरी कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा (१५ अगस्त १९३८ – ६ अगस्त २०१४) जिन्हें प्राण के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय कार्टूनिस्ट प्राण ने १९६० से कार्टून बनाने की शुरुआत की। प्राण को सबसे ज्यादा लोकप्रिय उनके पात्र चाचा चौधरी और साबू ने बनाया। सर्वप्रथम लोटपोट के लिए बनाये उनके ये कार्टून पात्र बेहद लोकप्रिय हुए और आगे चलकर प्राण ने चाचा चौधरी और साबू को केन्द्र में रखकर स्वतंत्र कॉमिक पत्रिकाएं प्रकाशित की। उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र मिलाप से कार्टून बनाने की शुरुआत की थी। ६ अगस्त २०१४ को उनका कैंसर से निधन हो गया। .

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प्रियंवदा मोहंती हेजमादी

प्रियंवदा मोहंती हेजमादी ओडिसी की एक भारतीय शास्त्रीय नर्तकी, कला लेखिका अवं एक जीवविज्ञानी और संबलपुर विश्वविद्यालय में पूर्व वाइस चांसलर रह चुकी हैं। उनका जन्म 18 नवम्बर 1939 में हुआ, उन्होंने मास्टर की डिग्री और उसके बाद डॉक्टरेट की डिग्री में जीव विज्ञान में की। उन्होंने ओडिसी कम उम्र से ही सीखना शुरू करदी और नई दिल्ली में 1954 में इंटर यूनिवर्सिटी युवा महोत्सव में उनके 'ओडिसी' नृत्य के प्रदर्शन ने इस नृत्य कला को चार्ल्स फब्री, जो कि सभा में मौजूद थे, उनके सहयोग से अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया। प्रियंवदा भारतीय विज्ञान अकादमी की एक खोजकार हैं। उन्होंने कई लेख  और एक किताब, ओडिसी: एक भारतीय शास्त्रीय नृत्य रूप, जिसमें नृत्य के इतिहास और विकास का ब्यौरा दिया है, लिखे हैं। 2013 में उन्हें ''ओडिसी नृत्य सम्मान'' से सम्मानित किया गया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए, भारत सरकार ने उन्हें चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री से 1998 में सम्मानित किया। .

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प्रेम नज़ीर

अब्दुल खादिर (7 अप्रैल 1926 - 16 जनवरी 1989), जिन्हें उनके सिनेमाई नाम प्रेम नज़ीर (मलयालम: നസീര് പ്രേം) से बेहतर जाना जाता है, एक भारतीय फिल्म अभिनेता थे। इन्हें मलयालम सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक माना जाता है, साथ ही इन्हें नित्य हरित नायकन यानि सदाबहार नायक कह कर भी पुकारा जाता है। नज़ीर के नाम चार गिनीज रिकॉर्ड दर्ज है; पहला: 610 फिल्मों में नायक की भूमिका निभाने का कीर्तिमान, दूसरा: 107 फिल्मों में एक ही नायिका (शीला के साथ) नायक की भूमिका निभाने का कीर्तिमान, तीसरा: एक साल में प्रदर्शित अधिकतम फिल्मों का कीर्तिमान (1979 में उनतालीस फिल्में) और चौथा: 80 नायिकाओं के साथ नायक की भूमिका निभाने का कीर्तिमान। इन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक माना जाता है। भारत सरकार द्वारा नज़ीर को उनके भारतीय सिनेमा में योगदान को देखते हुए तीसरे और चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान क्रमशः पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। .

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प्रेमन्द्र मित्र

प्रेमन्द्र मित्र (প্রেমেন্দ্র মিত্র.; १९०४–१९८८) बंगाली भाषा के कवि और उपन्यासकार थे। उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए १९६१ में भारत सरकार ने पद्म श्री पुरस्कार से पुरस्कृत किया। .

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पी. कीलेमसुन्‍गला

पी.

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पीनाज़ मसानी

पीनाज़ मसानी एक भारतीय ग़ज़ल गायिका है इन्होंने वर्ष 1981 में अपना गायन प्रारंभ किया था तथा इनके 20 से अधिक एल्बम बनाए हैं इन्होंने कई पुरस्कार भी जीते हैं जिनमें से एक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सन 1996 में इन्हें शहजादी तरन्नुम उपनाम दिया गया एवं वर्ष 2002 में संगीत में उल्लेखनीय सहयोग हेतु वर्ष 2002 में कलाकार अवार्ड दिया गया.

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पी॰ टी॰ उषा

पिलावुळ्ळकण्टि तेक्केपरम्पिल् उषा (मलयालम: പിലാവുളളകണ്ടി തെക്കേപറമ്പില്‍ ഉഷ) (जन्म २७ जून १९६४), जो आमतौर पर पी॰ टी॰ उषा के नाम से जानी जाती हैं, भारत के केरल राज्य की एथलीट हैं। "भारतीय ट्रैक ऍण्ड फ़ील्ड की रानी" माने जानी वाली पी॰ टी॰ उषा भारतीय खेलकूद में १९७९ से हैं। वे भारत के अब तक के सबसे अच्छे खिलाड़ियों में से हैं। केरल के कई हिस्सों में परंपरा के अनुसार ही उनके नाम के पहले उनके परिवार/घर का नाम है। उन्हें "पय्योली एक्स्प्रेस" नामक उपनाम दिया गया था। पी॰ टी॰ उषा का जन्म केरल के कोज़िकोड जिले के पय्योली ग्राम में हुआ था। १९७६ में केरल राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए एक खेल विद्यालय खोला और उषा को अपने जिले का प्रतिनिधि चुना गया। .

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पी॰सी॰ सरकार

प्रोतुल चन्द्र सरकार (२३ फ़रवरी १९१३ – ६ जनवरी १९७१) प्रसिद्ध जादूगर थे। उन्हें भारत सरकार ने वर्ष १९६४ में पद्म श्री से पुरस्कृत किया। .

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पी॰वी॰ सिंधु

पुसरला वेंकट सिंधु (तेलुगु:పూసర్ల వెంకట సింధు, जन्म: 5 जुलाई 1995) एक विश्व वरीयता प्राप्त भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं तथा भारत की ओर से ओलम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन का रजत पदक जीतने वाली वे पहली खिलाड़ी हैं। इससे पहले वे भारत की नैशनल चैम्पियन भी रह चुकी हैं। सिंधु ने नवंबर 2016 में चीन ऑपन का खिताब अपने नाम किया है। .

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फणीश्वर नाथ "रेणु"

फणीश्वर नाथ 'रेणु' (४ मार्च १९२१ औराही हिंगना, फारबिसगंज - ११ अप्रैल १९७७) एक हिन्दी भाषा के साहित्यकार थे। इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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फातिमा ज़कारिया

फातिमा ज़कारिया (अँग्रेजी/कोंकणी: Fatima Zakaria) एक भारतीय महिला पत्रकार हैं। वे दैनिक समाचार पत्र मुंबई टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया के रविवारीय डेस्क की संपादक रह चुकी हैं।वर्तमान में वे ताज होटल की आंतरिक पत्रिका "ताज" की संपादक हैं।उनका कार्यालय मुंबई में कोलाबा नमक जगह पर स्थित ताजमहल पैलेस एंड टॉवर में है। भारत सरकार ने उन्हे वर्ष 2006 में पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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फिलिप अगस्तिन

डॉ फिलिप अगस्तिन (Philip Augustine) एक भारतीय गैस्ट्रोएन्टरोलॉजिस्ट, जठरांत्र संबंधी एंडोस्कोपी में विशेषज्ञ और केरल के एर्नाकुलम के एक अस्पताल प्रशासक हैं। उन्होंने 2003 में लखशेर अस्पताल और रिसर्च सेंटर की स्थापना की जो दक्षिण भारत में सबसे बड़ी मल्टीस्पेशियल अस्पताल में से एक था। भारत सरकार ने उन्हें दवाओं के क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए 2010 में नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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बर्था ग्याद्यकेस डखर

बर्था ग्याद्यकेस डखर एक दृष्टिहीन अस्पष्ट भारतीय शिक्षाविद है, जिन्हें खासी में ब्रेल कोड के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है। भारत सरकार ने उन्हें २०१० में पद्म श्री के तीसरे उच्चतम नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था। .

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बलबीर सिंह सीचेवाल

बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल भारत के पंजाब राज्य के एक पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। टाईम पत्रिका ने अपने पंजाब की प्रदूषित काली बेई नदी को साफ करने का अभियान चलाने वाले बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल को दुनिया भर से चुने गए 30 हीरोज ऑफ एन्वायरनमेंट या दुनिया के पर्यावरण नायक में शामिल किया है। (अक्टूबर, २००८)। जनवरी २०१७ में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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बलराम भार्गव

बलराम भार्गव को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे उत्‍तर प्रदेश राज्य से हैं। .

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बलराज कोमल

राज कोमल उर्दू के एक प्रसिद्ध शायर थे। उनका जन्म 25 सितंबर 1928 को सियालकोट (वर्तमान में पाकिस्तान) में हुआ था। देश के विभाजन के बाद उन्होंने दिल्ली को ही अपना निवास स्थल और कर्म भूमि बनाया था। .

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बशीर बद्र

डॉ॰ बशीर बद्र (जन्म १५ फ़रवरी १९३६) को उर्दू का वह शायर माना जाता है जिसने कामयाबी की बुलन्दियों को फतेह कर बहुत लम्बी दूरी तक लोगों की दिलों की धड़कनों को अपनी शायरी में उतारा है। साहित्य और नाटक आकेदमी में किए गये योगदानो के लिए उन्हें १९९९ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इनका पूरा नाम सैयद मोहम्मद बशीर है। भोपाल से ताल्लुकात रखने वाले बशीर बद्र का जन्म कानपुर में हुआ था। आज के मशहूर शायर और गीतकार नुसरत बद्र इनके सुपुत्र हैं। डॉ॰ बशीर बद्र 56 साल से हिन्दी और उर्दू में देश के सबसे मशहूर शायर हैं। दुनिया के दो दर्जन से ज्यादा मुल्कों में मुशायरे में शिरकत कर चुके हैं। बशीर बद्र आम आदमी के शायर हैं। ज़िंदगी की आम बातों को बेहद ख़ूबसूरती और सलीके से अपनी ग़ज़लों में कह जाना बशीर बद्र साहब की ख़ासियत है। उन्होंने उर्दू ग़ज़ल को एक नया लहजा दिया। यही वजह है कि उन्होंने श्रोता और पाठकों के दिलों में अपनी ख़ास जगह बनाई है। .

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बसंती बिष्ट

बसंती बिष्ट (जन्म) भारत की एक लोकगायिका हैं जो उत्तराखण्ड राज्य के घर-घर में गाए जाने वाले मां भगवती नंदा के जागरों के गायन के लिये प्रसिद्ध हैं। भारत सरकार ने 26 जनवरी 2017 को उन्हें पद्मश्री से विभूषित किया है। गांव और पहाड़ में महिलाओं के मंच पर जागर गाने की परंपरा नहीं थी। मां ने उन्हें सिखाया था लेकिन बाकि कोई प्रोत्साहन नहीं मिला। वह गीत-संगीत में तो रुचि लेती लेकिन मंच पर जाकर गाने की उनकी हसरत सामाजिक वर्जनाओं के चलते पूरी नहीं हो सकी। शादी के बाद उनके पति ने उन्हें प्रोत्साहित तो किया लेकिन समाज इतनी जल्दी बदलाव के लिए तैयार नहीं था। इसी बीच करीब 32 वर्ष की आयु में वह अपने पति रणजीत सिंह के साथ पंजाब चली गईं। पति ने उन्हें गुनगुनाते हुए सुना तो विधिवत रूप से सीखने की सलाह दी। पहले तो बसंती तैयार नहीं हुई लेकिन पति के जोर देने पर उन्होंने सीखने का फैसला किया। हारमोनियम संभाला और विधिवत रूप से सीखने लगी। उत्तराखण्ड आन्दोलन के फलःस्वरुप मुजफ्फरनगर, खटीमा और मसूरी गोलीकांड की पीड़ा को बसंती बिष्ट ने गीत में पिरोया और राज्य आंदोलन में कूद पड़ी। अपने लिखे गीतों के जरिये वह लोगों से राज्य आंदोलन को सशक्त करने का आह्वान करती। राज्य आंदोलन के तमाम मंचों पर वह लोगों के साथ गीत गाती। इससे उन्हें मंच पर खड़े होने का हौसला मिला। 40 वर्ष की आयु में पहली बार वह गढ़वाल सभा के मंच देहरादून के परेड ग्राउंड में पर जागरों की एकल प्रस्तुति के लिए पहुंची। अपनी मखमली आवाज में जैसे ही उन्होंने मां नंदा का आह्वान किया पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। दर्शकों को तालियों ने उन्हें जो ऊर्जा और उत्साह दिया, वह आज भी कायम है। उन्हें खुशी है कि उत्तराखंड के लोक संगीत को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।बसंती बिष्ट ने मां नंदा के जागर को उन्होंने स्वरचित पुस्तक ‘नंदा के जागर- सुफल ह्वे जाया तुम्हारी जात्रा’ में संजोया है। .

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बाबा सेवा सिंह

बाबा सेवा सिंह (Baba Sewa Singh) एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् हैं जो कि खडूर साहिब में ऐतिहासिक गुरुद्वारों के पुनर्स्थापना और रखरखाव में शामिल हैं। बाबा सेवा सिंह 2004 में गुरु गोबिंद सिंह फाउंडेशन सेवा पुरस्कार प्राप्तकर्ता हैं। भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया था। .

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बाबा आमटे

डॉ॰ मुरलीधर देवीदास आमटे (26 दिसंबर, 1914 - 9 फरवरी, 2008), जो कि बाबा आमटे के नाम से ख्यात हैं, भारत के प्रमुख व सम्मानित समाजसेवी थे। समाज से परित्यक्त लोगों और कुष्ठ रोगियों के लिये उन्होंने अनेक आश्रमों और समुदायों की स्थापना की। इनमें चन्द्रपुर, महाराष्ट्र स्थित आनंदवन का नाम प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त आमटे ने अनेक अन्य सामाजिक कार्यों, जिनमें वन्य जीवन संरक्षण तथा नर्मदा बचाओ आंदोलन प्रमुख हैं, के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया। 9 फ़रवरी 2008 को बाबा का 94 साल की आयु में चन्द्रपुर जिले के वड़ोरा स्थित अपने निवास में निधन हो गया। .

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बालकृष्ण भगवन्त बोरकर

बालकृष्ण भगवन्त बोरकर (कोंकणी: बाळकृष्ण भगवन्त शेणय बोरकार) (1910–1984) भारत के गोवा राज्य के एक कवि थे। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह ससया के लिये उन्हें सन् १९८१ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया गया। उन्हें 'बा-कि-बाब' नाम से भी जाना जाता है। बा भा बोरकर ने कम आयु से ही कविताएँ लिखना आरम्भ कर दिया था। वी सा खाण्डेकर, बोरकर की कविताओं के एक प्रारम्भिक समर्थक थे। बोरकर ने 1950 के दशक में गोवा के स्वतन्त्रता संग्राम से जुड़े और पूना चले गए जहाँ उन्होंने रेडियों सेवा में काम किया। उनका अधिकांश साहित्य मराठी में लिखा हुआ है लेकिन कोंकणी भाषा में भी उन्होंने बहुत साहित्य लिखा था। उन्होंने कहा कि साथ ही एक गद्य लेखक के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वे गद्य लेखक के रूप में भी उत्कृष्ट लेख रहे थे। उनके द्वारा लिखी गई कविताएँ महात्मायन (गाँधी जी को समर्पित एक अधूरी कविता) और तमहस्तोत्र (मधुमेह और बुढ़ापे के कारण अन्धेपन की सम्भावना पर) प्रसिद्ध हैं। .

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बाईचुंग भूटिया

बाईचुंग भूटिया (जन्म 15 दिसंबर 1976) सिक्किम-भूटिया वंश के एक सेवानिवृत्त भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी हैं जो स्ट्राइकर के रूप में खेलते थे। भूटिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फुटबॉल का मशालदार माना जाता है। फुटबॉल में उनकी शूटिंग कौशल की वजह से उन्हें अक्सर सिक्किमी स्निपर नाम दिया जाता है। सुप्रसिद्ध भारतीय खिलाड़ी आइ॰ एम॰ विजयन ने भूटिया को "भारतीय फुटबॉल के लिए भगवान का उपहार" बताया। भाईचुंग भूटिया के बड़े भाई का नाम चेवांग भूटिया हैं, चेवांग और भाईचुंग दोनों बोर्डिंग स्कूल गए। भूटिया का 2004 में एक होटल पेशेवर से विवाह हुआ और २०१४ में उनका तलाक़ हो गया। भूटिया ने आई-लीग फुटबॉल टीम ईस्ट बंगाल क्लब में अपना करियर शुरू किया। जब उन्होंने 1999 में इंग्लिश क्लब बरी में शामिल हुए, वह यूरोपीय क्लब के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाले पहले भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी बने और मोहम्मद सलीम के बाद यूरोप में पेशेवर रूप से खेलने वाले खिलाड़ी बने। बाद में मलेशियाई फुटबॉल क्लब पेराक एफ॰ए॰ के लिए खेले वो भी उधार पे। इस के साथ ही वो जे॰सी॰टी॰ मिल्स के लिए खेले,जो उनके कार्यकाल के दौरान एक बार लीग जीता; और मोहन बागान, जो अपने मूल भारत में उनकी दो कार्यावधि के दौरान एक बार लीग जीतने में नाकाम रहे थे। उनके अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल सम्मान में नेहरू कप, एलजी कप, एसएएफएफ चैम्पियनशिप तीन बार और एएफसी चैलेंज कप जीतना शामिल है। वह भारत के सबसे ज्यादा टोपी पाने वाले खिलाड़ी बार हैं, उनके नाम पर 104 अंतर्राष्ट्रीय कैप हैं, और नेहरू कप 2009 में उन्होंने अपनी 100 वीं अंतर्राष्ट्रीय कैप प्राप्त की। मैदान से बाहर, भूटिया, टेलीविजन कार्यक्रम झलक दिखला जा को जीतने के लिए जाने जाते हैं, जिसने उसके बाद उनके तब के क्लब मोहन बागान के साथ बहुत विवाद पैदा किया था और वो पहले भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होंने तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के समर्थन में ओलंपिक मशाल रिले का बहिष्कार किया। भारतीय फुटबॉल में अपने योगदान के सम्मान में भूटिया के नाम पर एक फुटबॉल स्टेडियम है, उन्होंने अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री जैसे कई पुरस्कार भी जीते हैं। अक्टूबर 2010 में, उन्होंने कार्लोस क्वियरोज और नाइकी द्वारा फुटबॉल के साथ साझेदारी में दिल्ली में बाईचुंग भूटिया फुटबॉल स्कूल की स्थापना की। अगस्त 2011 में, भूटिया ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की उनका विदाई मैच 10 जनवरी 2012 को दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में बायर्न म्युनिक के ख़िलाफ़ भारत की राष्ट्रीय टीम के साथ था। .

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बिमन बिहारी दास

बिमन बिहारी दास को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दिल्ली राज्य से हैं। .

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बिली अर्जन सिंह

कुँवर बिली अर्जन सिंह (१५ अगस्त १९१७ – १ जनवरी २०१०) विश्वप्रसिद्ध बाघ सरंक्षक एंव पर्यावरणविद् थे। दुधवा नेशनल पार्क के संस्थापक, बाघ एंव तेन्दुओं के पुनर्वासन कार्यक्रम के जनक बिली जीवन पर्यन्त खीरी जनपद के जंगलों के सरंक्षण व सवंर्धन में संघर्षरत रहे। ब्रिटिश-इंडिया में उत्तर-खीरी वन-प्रभाग के समीप सुहेली नदी पर निवास बनाकर वन्य जीवों की सुरक्षा में शिकारियों एंव भ्रष्ट सरकारी तन्त्र से लड़ाइया लड़ते रहे। वन्य जीवन के क्षेत्र में पूरी दुनिया में इनके प्रयोगों की चर्चा रही और आज के बाघ सरंक्षक इनके कार्यों से प्रेरणा लेते आ रहे हैं। .

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बंशी कौल

बंशी कौल को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे जम्मू एवं कश्मीर राज्य से हैं। .

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बछेंद्री पाल

बछेंद्री पाल (जन्म: 24 मई 1954) माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला हैं। वे एवरेस्ट की ऊंचाई को छूने वाली दुनिया की 5वीं महिला पर्वतारोही हैं। वर्तमान में वे इस्पात कंपनी टाटा स्टील में कार्यरत हैं, जहां वह चुने हुए लोगो को रोमांचक अभियानों का प्रशिक्षण देती हैं। .

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ब्रह्मदत्त

ब्रह्मदत्त को समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे हरियाणा राज्य से हैं। .

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ब्रह्मा सि‍ह

ब्रह्मा सि‍ह को वि‍ज्ञान एवं इंजीनि‍यरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दि‍ल्‍ली राज्य से हैं। .

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ब्रह्मानन्दम

ब्रह्मानन्दम भारतीय फिल्म अभिनेता और हास्यकार हैं। यह मुख्य रूप से तेलुगू फिल्मों में काम करते हैं। यह हिन्दी, तमिल और कन्नड़ फिल्मों में भी कार्य कर चुके हैं। इनका नाम जीवित अभिनेताओं में सबसे अधिक फिल्में करने के कारण गिनीज़ पुस्तक में दर्ज हुआ है। इन्हें भारतीय सिनेमा में अपने योगदान करने के कारण 2009 में पद्म श्री से सम्मानित भी हुए। .

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बृज कृष्ण चांदीवाला

बृज कृष्ण चांदीवाला भारतीय स्वतंत्रता सैनानी थे। वो मूल रूप से दिल्ली के हैं। उन्हें उनके सामाजिक कार्यों के लिए भारत सरकार ने १९६३ में पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किया। .

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बेग़म अख़्तर

बेगम अख़्तर के नाम से प्रसिद्ध, अख़्तरी बाई फ़ैज़ाबादी (७ अक्टूबर १९१४- ३० अक्टूबर १९७४) भारत की प्रसिद्ध गायिका थीं, जिन्हें दादरा, ठुमरी व ग़ज़ल में महारत हासिल थी। उन्हें कला के क्षेत्र में भारत सरकार पहले पद्म श्री तथा सन १९७५ में मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें "मल्लिका-ए-ग़ज़ल" के ख़िताब से नवाज़ा गया था। २०१४ की फ़िल्म डेढ़ इश्क़िया में विशाल भारद्वाज ने बेगम अख़्तर की प्रसिद्ध ठुमरी हमरी अटरिया पे का आधुनिक रीमिक्स रेखा भारद्वाज की आवाज में प्रस्तुत किया। .

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बेकल उत्साही

बेकल उत्साही (१९२८ – ३ दिसंबर २०१६) का वास्तविक नाम शफ़ी खाँ लोदी था। वे एक कवि, लेखक और राजीनीतिज्ञ थे। उत्साही हिंदी-उर्दू और अवधी भाषा से जुड़े थे। इन्ही भाषाओं करके उन्होंने कविताएँ और गीत लिखे हैं। इसके अलावा, उत्साही काँग्रेस पार्टी से जुड़े थे। वे राज्य सभा के सदस्य भी रहे। उत्साही को पद्मश्री और यश भारती सम्मान भी प्राप्त हुए। .

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बीना अग्रवाल

बीना अग्रवाल एक पुरस्कार जीतने वाले विकास अर्थशास्त्री हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में आर्थिक विकास संस्थान में अर्थशास्त्र के निदेशक और प्रोफेसर है। उन्होंने भूमि, आजीविका और संपत्ति के अधिकारों, पर्यावरण और विकास; लिंग की राजनीतिक अर्थव्यवस्था; गरीबी और असमानता; कानूनी परिवर्तन; और कृषि और तकनीकी परिवर्तन पर बड़े पैमाने पर लिखा है। उनके सर्वश्रेष्ठ ज्ञात कार्यों में पुरस्कार विजेता किताब- 'एक फ़ील्ड ऑफ वनस ओन: दक्षिण एशिया में लिंग और भूमि अधिकार पर थी। .

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भारत भूषण (योगी)

भारत भूषण (योगी) (अंग्रेजी: Bharat Bhushan (Yogi), जन्म: 30 अप्रैल 1952) एक भारतीय योग शिक्षक हैं। गृहस्थ धर्म का पालन करते हुए उन्होंने पूर्णत: सन्यस्त भाव से देश-विदेश में योग को प्रचारित और प्रसारित करने का उल्लेखनीय कार्य किया। भारत सरकार ने सन १९९१ में उन्हें पद्म श्री की उपाधि से अलंकृत किया। योग एवं शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रपति से पद्म श्री सम्मान प्राप्त करने वाले वे प्रथम भारतीय हैं। योग के साथ-साथ बॉडी बिल्डिंग में भी उन्हें भारतश्री का अतिविशिष्ट सम्मान मिल चुका है। उनका ऐसा मानना है कि योग में ही समस्त मनुष्य जाति की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं का एकमात्र समाधान निहित है। .

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भारत रत्‍न

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। .

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भारत की सम्मान प्रणाली

भारत की सम्मान प्रणाली, भारतीय गणराज्य द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों हेतु प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। निन्मलिखित अनेक प्रकार के पुरस्कार/ सम्मान हैं जो अलग-अलग भिन्न कारणों व परिस्थितियों के अनुसार दिए जाते हैं। भारत रत्न,परम वीर चक्र,पद्म सम्‍मान,शौर्य चक्र,अशोक चक्र इनमें से प्रमुख हैं। .

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भारत की संस्कृति

कृष्णा के रूप में नृत्य करते है भारत उपमहाद्वीप की क्षेत्रीय सांस्कृतिक सीमाओं और क्षेत्रों की स्थिरता और ऐतिहासिक स्थायित्व को प्रदर्शित करता हुआ मानचित्र भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि हिन्दू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म जैसे धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है। .

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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भारतीय सेना के युद्ध सम्मान

भारतीय सेना के युद्ध सम्मान उन उल्लेखनीय सेवा देने वाले सैनिको को दिए जाते है जिन्होंने शांति अथवा युद्ध काल में अपनी विशेष सेवाए दी। भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ सैन्य सम्मान के असंख्य पदको की पात्र हैं। असाधारण बहादुरी और साहस के लिए इन्हें सम्मानित किया जाता है, साथ ही साथ युद्ध और शांति के दौरान अनेको सेवा और अभियान पदक से सम्मानित किया गया है। .

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भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान

लखनऊ संम्स्थान् भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईटीआरसी या आईआईटीआर) लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित विष विज्ञान से संबंधित अनुसंधान संस्थान है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की संघटक प्रयोगशाला है। यह पर घेरु गांव के निकट महात्मा गांधी मार्ग पर स्थित है। इसकी स्थापना १९६५ में हुई थी। इसके संस्थापक-निदेशक प्रो॰सिब्ते हुसैन ज़ैदी (१९६५-१९७४) मृत्यु-पर्यन्त थे। ये पद्मश्री एवं सर शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के धारक थे। संसथान विषविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में शोध संचालित करता है। इसमें औद्योगिक और पर्यावरण संबंधी रसायनों के मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव एवं वायु, जल एवं मिट्टी में प्रदूषकों के पर्यावरण संबंधी अनुवीक्षण सम्मिलित हैं। संस्थान नियामक निकायों को रसायनों/उत्पादों के सुरक्षित उपयोग हेतु दिशा-निर्देश बनाने/संशोधित करने में भी सहायता प्रदान करता है एवं यह सुनिश्चित करता है कि जनसामान्य को इसका लाभ मिले। आई.आई.टी.आर.

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भालचंद्र नेमाडे

भालचंद्र नेमाडे (जन्म-१९३८) भारतीय मराठी लेखक, उपन्यासकार, कवि, समीक्षक तथा शिक्षाविद हैं। १९६३ में केवल २५ वर्ष की आयु में प्रकाशित 'कोसला' नामक उपन्यास से उन्हें अपार सफलता मिली। सन १९९१ में उनकी टीकास्वयंवर इस कृति के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें वर्ष २०१४ का प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा।श्री नेमाडे की प्रमुख कृतियों में 'कोसला' और 'हिन्‍दू' उपन्‍यास शामिल हैं। उनके साहित्य में 'देशीवाद' (स्वदेशीकरण) पर बल दिया गया है। वह 60के दशक के लघु पत्रिका आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर थे। प्राध्यापक भालचंद्र नेमाडे मराठी के प्रसिध्द लेखक वी.स. खांडेकर, वि.वा.

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भावना सोमाया

भावना सुमाया भावना सुमाया एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म पत्रकार, आलोचक, लेखक और इतिहासकार हैं। उन्हें भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा 2017 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। 1978 में फ़िल्म रिपोर्टर के रूप में अपने पेशे शुरू करने के बाद, वे 1980 और 1990 के दौरान कई फ़िल्म पत्रिकाओं के साथ काम करने लगी। वे आख़िरकार 2000 से 2007 तक 'स्क्रीन' नामक अग्रणी फ़िल्म पत्रिका की संपादक बनीं। उन्होंने हिन्दी सिनेमा के इतिहास और बॉलीवुड सितारों की आत्मकथाओं पर 13 किताबें लिखी हैं। .

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भवरलाल जैन

भवरलाल हीरालाल जैन (पद्म श्री), जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड (JISL) के संस्थापक थे। वह एक पक्के गांधीवादी थे और उन्होंने जलगाँव में गाँधी तीर्थ (म्यूजियम) की स्थापना थी। .

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भक्ति यादव

डॉक्टर भक्ति यादव (3 अप्रैल, १९२६ - १४ अगस्त, १९१७) भारत की एक् समाजसेवी चिकित्सक थीं। वे निर्धन लोगों की निःशुल्क चिकित्सा करतीं थीं। उन्हें वर्ष २०१७ मे पद्मश्री से सम्मानित किया गया। अधिक उम्र होने की वजह से डॉक्टर उस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकी थीं अतः नियमानुसार इंदौर कलेक्टर ने उन्हें उनके घर पर जा कर पुरुस्कार प्रदान किया। वर्ष 1952 में भक्ति यादव इंदौर की पहली महिला एमबीबीएस डॉक्टर बनीं थीं।Parag Natu (Jan 25, 2017) Dainik Bhaskar, Indore .

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भुपेन हजारिका

भुपेन हजारिका (ভূপেন হাজৰিকা भूपेन हाजोरिका) (8 सितंबर, 1926- ५ नवम्बर २०११) भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम से एक बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे। इसके अलावा वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी रहे थे। वे भारत के ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे। उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम जीवित सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है। उन्होंने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया। भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों दिलों को छुआ। हजारिका की असरदार आवाज में जिस किसी ने उनके गीत "दिल हूम हूम करे" और "ओ गंगा तू बहती है क्यों" सुना वह इससे इंकार नहीं कर सकता कि उसके दिल पर भूपेन दा का जादू नहीं चला। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाते रहे थे। उनहोने फिल्म "गांधी टू हिटलर" में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन "वैष्णव जन" गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। .

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मणीन्द्र अग्रवाल

मणीन्द्र अग्रवाल (जन्म: २० मई १९६६, इलाहाबाद) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के संगणक विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी विभाग में प्रोफेसर है। संगणक विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सन् २०१३ में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री प्रदान किया। .

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मथुर सवाणी

मथुर माधाभाई सवाणी को समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे गुजरात राज्य से हैं। .

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मदन लाल मधु

पद्म श्री डॉ० मदन लाल मधु रूस में हिन्दी-रूसी भाषा के अनुवादक के रूप में 57 साल काम किए थे। वे सबसे पह्रूले रूस में 1957 में आए थे। तब से वे यहीं काम करते रहे थे। .

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मदर टेरेसा

मदर टेरेसा (२६ अगस्त १९१० - ५ सितम्बर १९९७) जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया है, का जन्म अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कुब, उस्मान साम्राज्य (वर्त्तमान सोप्जे, मेसेडोनिया गणराज्य) में हुआ था। मदर टेरसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिन्होंने १९४८ में स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता ले ली थी। इन्होंने १९५० में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की। ४५ सालों तक गरीब, बीमार, अनाथ और मरते हुए लोगों की इन्होंने मदद की और साथ ही मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी के प्रसार का भी मार्ग प्रशस्त किया। १९७० तक वे गरीबों और असहायों के लिए अपने मानवीय कार्यों के लिए प्रसिद्द हो गयीं, माल्कोम मुगेरिज के कई वृत्तचित्र और पुस्तक जैसे समथिंग ब्यूटीफुल फॉर गॉड में इसका उल्लेख किया गया। इन्हें १९७९ में नोबेल शांति पुरस्कार और १९८० में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। मदर टेरेसा के जीवनकाल में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी का कार्य लगातार विस्तृत होता रहा और उनकी मृत्यु के समय तक यह १२३ देशों में ६१० मिशन नियंत्रित कर रही थीं। इसमें एचआईवी/एड्स, कुष्ठ और तपेदिक के रोगियों के लिए धर्मशालाएं/ घर शामिल थे और साथ ही सूप, रसोई, बच्चों और परिवार के लिए परामर्श कार्यक्रम, अनाथालय और विद्यालय भी थे। मदर टेरसा की मृत्यु के बाद इन्हें पोप जॉन पॉल द्वितीय ने धन्य घोषित किया और इन्हें कोलकाता की धन्य की उपाधि प्रदान की। दिल के दौरे के कारण 5 सितंबर 1997 के दिन मदर टैरेसा की मृत्यु हुई थी। .

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मधुमिता बिष्ट

  मधुमिता बिष्ट (5 अक्टूबर 1964 को जलपाईगुड़ी में मधुमिता गोस्वामी को जन्मी) भारत के पश्चिम बंगाल की एक पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।  वह आठ बार राष्ट्रीय एकल विजेता, नौ बार युगल विजेता और बारह बार मिश्रित युगल विजेता हैं।  .

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मन्ना डे

मन्ना डे (1 मई 1919 - 24 अक्टूबर 2013), जिन्हें प्यार से मन्ना दा के नाम से भी जाना जाता है, फिल्म जगत के एक सुप्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायक थे। उनका वास्तविक नाम प्रबोध चन्द्र डे था। मन्ना दा ने सन् 1942 में फ़िल्म तमन्ना से अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत की और 1942 से 2013 तक लगभग 3000 से अधिक गानों को अपनी आवाज दी। मुख्यतः हिन्दी एवं बंगाली फिल्मी गानों के अलावा उन्होंने अन्य भारतीय भाषाओं में भी अपने कुछ गीत रिकॉर्ड करवाये। भारत सरकार ने उन्हें 1971 में पद्म श्री, 2005 में पद्म भूषण एवं 2007 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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मनोरा जाफा

मनोरा जाफा को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दि‍ल्‍ली राज्य से हैं। .

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ममता सोधा

ममता सोधा को खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे हरि‍याणा राज्य से हैं। .

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मलाथी कृष्णामूर्ति हॉला

मलाथी कृष्णामूर्ति हॉला भारत की एक परा एथलीट है। अपनी उपलब्धियों के लिए उन्हें पद्मश्री व अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। .

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मल्लिका श्रीनिवासन

मल्लिका श्रीनिवासन (மல்லிகா ஸ்ரீனிவாசன்.) मैसी फार्ग्युसन ट्रैक्टर और कृषि उपकरण बनाने वाली कंपनी टैफे (टीएएफई) की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। .

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महमूदा अली शाह

महमूदा अली शाह एक भारतीय शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और सरकारी कॉलेज ऑफ विमेन, एमएए रोड श्रीनगर की प्रधान अध्यापक थी। वह एक करीबी दोस्त और सहयोगी थी इंदिरा गांधी की। उन्होंने शिक्षा के महत्व और उनके सामाजिक सशक्तिकरण के लिए कश्मीर की महिलाओं के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए काम किया है। भारत सरकार ने भारतीय शिक्षा में उनके योगदान के लिए, २००६ में पद्म श्री के चौथे उच्चतम नागरिक सम्मान से उन्हें सम्मानित किया। मेहमूदा अली शाह का जन्म १९२० में दुलहान बेगम और सैयद अहमद अली शाह के घर हुआ। उनके तीन भाई थे। स्थानीय मिशनरी गर्ल्स स्कूल में उनकी पढ़ाई की फिर उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से कला (बीए) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री (एमए)। वह पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर की पहली महिला स्नातकोत्तर के रूप में जानी जाती है। महमूदा श्री नगर लौट आए और एक शिक्षक के रूप में माईसुमा में एक स्थानीय स्कूल में पड़ने लगी फिर तत्कालीन महाराजा द्वारा बारामूला में नया विद्यालय खोला गया और उन्हें प्रमुख शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। वहाँ उन्होंने काफ़ी सालो तक काम किया। और बाद में वह सरकारी कॉलेज ऑफ विमेन, एमएए रोड श्रीनगर की प्रधान अध्यापक बन गई। ११ मार्च २०१४ को ९४ वर्ष की आयु में श्री नगर में उनके निवास पर निधन हो गया। .

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महाश्वेता देवी

महाश्वेता देवी (14 जनवरी 1926 – 28 जुलाई 2016) रेमन मैगसेसे पुरस्कार.

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महेन्द्र कपूर

महेन्द्र कपूर (९ जनवरी १९३४-२७ सितंबर २००८) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध पार्श्वगायक थे। उन्होंने बी आर चोपड़ा की फिल्मों हमराज़, ग़ुमराह, धूल का फूल, वक़्त, धुंध में विशेष रूप से यादगार गाने गाए। संगीतकार रवि ने इनमें से अधिकाश फ़िल्मों में संगीत दिया। .

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महेश वर्मा

महेश वर्मा को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दि‍ल्‍ली राज्य से हैं। .

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महेंद्र सिंह धोनी

महेंद्र सिंह धोनी अथवा मानद लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी (एम एस धोनी भी) झारखंड, रांची के एक राजपूत परिवार में जन्मे पद्म भूषण, पद्म श्री और राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित भारतीय क्रिकेटर हैं। धोनी भारतीय क्रिकेटर तथा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं और भारत के सबसे सफल एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कप्तान हैं। शुरुआत में एक असाधारण उज्जवल व आक्रामक बल्लेबाज़ के नाम पर जाने गए। धोनी धीरे-धीरे भारतीय एक दिवसीय के सबसे शांतचित्त कप्तानों में से जाने जाते हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने २००७ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०, २००७-०८ कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज २००७-२००८ के सीबी सीरीज़ और बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी जीती जिसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को २-० से हराया उन्होंने भारतीय टीम को श्रीलंका और न्यूजीलैंड में पहली अतिरिक्त वनडे सीरीज़ जीत दिलाई ०२ सितम्बर २०१४ को उन्होंने भारत को २४ साल बाद इंग्लैंड में वनडे सीरीज में जीत दिलाई। धोनी ने कई सम्मान भी प्राप्त किए हैं जैसे २००८ में आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ़ द इयर अवार्ड (प्रथम भारतीय खिलाड़ी जिन्हें ये सम्मान मिला), राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार और २००९ में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री पुरस्कार साथ ही २००९ में विस्डन के सर्वप्रथम ड्रीम टेस्ट ग्यारह टीम में धोनी को कप्तान का दर्जा दिया गया। उनकी कप्तानी में भारत ने २८ साल बाद एक दिवसीय क्रिकेट विश्व कप में दुबारा जीत हासिल की। सन् २०१३ में इनकी कप्तानी में भारत पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी का विजेता बना। धोनी दुनिया के पहले ऐसे कप्तान बन गये जिनके पास आईसीसी के सभी कप है। इन्होंने २०१४ में टेस्ट क्रिकेट को कप्तानी के साथ अलविदा कह दिया था। इनके इस फैसले से क्रिकेट जगत स्तब्ध रह गया। धोनी लगातार दूसरी बार क्रिकेट विश्व कप में २०१५ क्रिकेट विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया और पहली बार भारत ने सभी ग्रुप मैच जीते साथ ही इन्होंने लगातार ११ विश्व कप में मैच जीतकर नया रिकार्ड भी बनाया ये भारत के पहले ऐसे कप्तान बने जिन्होंने १०० वनडे मैच जिताए हो। और उन्होनें कहा है कि जल्द ही वो एक ऐसा कदम उठाएंगे जो किसी कप्तान ने अपने कैरियर में नहीं उठाया वो टीम को २ हिस्सों में बाटेंगे जो खिलाड़ी अच्छा नहीं खेलेगा उसे वो दूसरी टीम में डाल देंगे और जो खिलाड़ी अच्छा खेलेगा वो उसे अपनी टीम में रख लेंगे इसमें कुछ नये खिलाड़ी भी आ सकते हैं। धोनी ने ४ जनवरी २०१७ को भारतीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेन्टी-ट्वेन्टी टीम की कप्तानी छोड़ी। .

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माधवन चन्द्रदाथन

माधवन चन्द्रदाथन को विज्ञान एवं इंजीनियरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे केरल राज्य से हैं। .

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मामूट्टी

मामूट्टी (मलयालम: മമ്മൂട്ടി) (जन्म नाम मोहम्मद कुट्टी, जन्म - 7 सितंबर,1948) एक पुरस्कृत भारतीय अभिनेता हैं जो मुख्य रूप से मलयालम सिनेमा में अभिनय करते हैं। अपने पच्चीस वर्षों से भी अधिक के कैरियर के दौरान, उन्होंने शीर्ष अभिनेता के रूप में 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है और ^ MusicIndiaOnLine.com. 11 अप्रैल 2007.

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मायाधर राउत

गुरु मायाधर राउत (Guru Mayadhar Raut) (जन्म 6 जुलाई, 1930) एक भारतीय शास्त्रीय ओडिसी नर्तक, कोरियोग्राफर और गुरु हैं। .

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मारिया अरोड़ा कूटो

मारिया अरोड़ा कूटो गोवा की एक भारतीय लेखक, इतिहासकार और शिक्षाविद हैं। उनके उपन्यास गोवा: ए डस्टर्स स्टोरी ने विशेष रूप से व्यापक ध्यान प्राप्त किया है। उनका परिवार गोवा कैथोलिक समुदाय, गोवा में एक ईसाई समुदाय का हिस्सा है। उन्होंने भारत में कई कॉलेजों (विशेष रूप से नई दिल्ली) में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया और भारत और संयुक्त राजशाही में पत्रिकाओं में योगदान दिया। वह अल्दाना के उत्तरी गोवा गांव में रहती हैं, जहाँ से उन्होंने गोवा के साहित्यिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके दिवंगत पति अल्बान काऊटो गोवा सरकार और अन्य सरकारों के साथ एक वरिष्ठ सिविल सेवक थे, और उन्होंने भारत के कई हिस्सों में काम किया। १९६१ में गोवा में पुर्तुगालियों के शासन के अंत के बाद, अल्बान कटो गोवा में नागरिक सेवा की एक वरिष्ठ सदस्या रही है। २०१० में, उन्हें पद्म श्री पुरस्कार मिला। .

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मारियो मिरांडा

१९९८ में पद्मश्री और २००२ में पद्मभूषण प्राप्त करने वाले मारियो डी मिरांडा का जन्म दमन में हुआ। मारियो मिरांडा के कार्टून वर्षों से द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और इकोनोमिक टाइम्स में प्रकाशित होते आए हैं। मारियो को विशेष तौर पर इलेस्ट्रेटेड वीकली के लिए बनाये इनके कार्टून्स के लिए जाना जाता है। इन्होनें दो दशक तक गोआ के जीवन शैली को कैनवस पर हमारे लिये लाया। इनके कार्टून्स में विशेषकर मिस फोन्सेन्का को हमेशा मिस करेंगे। Category:व्यंग्यकार Category:कार्टूनिस्ट Category:कार्टून Category:भारतीय कार्टूनिस्ट Category:Indian editorial cartoonists.

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मालिनी अवस्थी

मालिनी अवस्थी एक भारतीय लोक गायक है। वह हिन्दी भाषा की बोलियों जैसे अवधी, बुंदेली भाषा और भोजपुरी में गाती है। वह ठुमरी और कजरी में भी प्रस्तुत करती है।  भारत सरकार ने उसे नागरिक सम्मान पद्म श्री से 2016 में सम्मानित किया। .

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मालविका सभरवाल

मालविका सभरवाल, अपोलो स्वास्थ्य सेवा समूह के नोवा स्पेशियलिटी अस्पतालों और जीवन माला अस्पताल, नई दिल्ली में एक भारतीय स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रसूति विशेषज्ञ हैं। उनके नेतृत्व में टीम द्वारा सबसे बड़ी दर्ज फिब्रोइड को लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से हटाने का सफल प्रदर्शन किया गया।  वह स्त्री रोग का संक्षिप्त एंडोस्कोपी से उपचार की 140 डॉक्टरों एक टीम का निर्देशन करती हैं, जो कि स्त्री रोगों में सर्जरी प्रथाओं से संबंधित है।  सभरवाल ने चिकित्सा विज्ञान (एमबीबीएस) में ग्रेजुशन लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से की और पोस्ट ग्रेजुएशन (DGO) भी वहीँ से की। इसे पूरा करने से पहले उन्होंने  गर्भाशयदर्शन में प्रशिक्षण वामस्टीकर, हार्लेम, नीदरलैंड और लेप्रोस्कोपी में प्रशिक्षण एडम मागोस के निरीक्षण में रॉयल फ्री अस्पताल, ब्रिटेन से किया। वह कई चिकित्सा संगठनों जैसे इंडियन एसोसिएशन ऑफ गाइनेकोलोजिकल ऐंडोस्कोपिस्ट, भारतीय फर्टिलिटी सोसायटी, भारतीय मेनोपौसल सोसायटी, इंडियन एसोसिएशन ऑफ इंडोस्कोपिक सर्जन, इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ़ गाइनेकोलोजिकल एंडोस्कोपी, गैसलेस इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ़ ओब्सटेत्रिक्स एंड गाइनेकोलोजी, और एसोसिएशन ऑफ़ इंडोस्कोपिक सर्जन ऑफ़ इंडिया की सदस्य हैं और कई व्याख्यान और कई जगह पर प्रमुख वक्ता रह चुकी हैं। उन्हें महिलाओं, बच्चों और कर्मचारियों के लिए नि: शुल्क स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन के लिए जाना जाता है।  भारत सरकार ने उन्हें चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री से 2008 में, चिकित्सा में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।  .

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मि‍लि‍न्‍द वसन्‍त कि‍रतने

मि‍लि‍न्‍द वसन्‍त कि‍रतने को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराट्र राज्य से हैं। .

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मगध महिला कॉलेज

बिहार में महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा के अग्रणी संस्थान मगध महिला कॉलेज की स्थापना 1946 में हुई थी । वर्तमान में पटना विश्वविद्यालय की एक घटक इकाई, जिसमें 1 9 52 से यूजीसी अधिनियम की धारा 12 बी के तहत स्थायी संबद्धता है । यह एक सीसीआरएटेड 'ए' ग्रेड है जनवरी 2013 में एनएएसी द्वारा सीजीपीए (3.02) के साथ विभिन्न विषयों में 4500 से अधिक छात्रों को शिक्षा प्रदान करना। इसे 2011-2016 के लिए यूजीसी, नई दिल्ली द्वारा सीपीई (उत्कृष्टता के लिए संभावित कॉलेज) से सम्मानित किया गया है, और 2021 तक सीपीई की स्थिति को बरकरार रखा है। कॉलेज को बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा 'शिक्षा दिवस 2014' पर 'सर्वश्रेष्ठ कॉलेज पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है और उन्हें महामहिम श्री राम नाथकोविंद द्वारा 'बिहार में लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा का उत्कृष्ट संस्थान' से सम्मानित किया गया है, बिहार विश्वविद्यालयों के गवर्नर-सह चांसलर, राष्ट्रीय शिक्षा बिहार शिखर सम्मेलन और पुरस्कार 2016 के अवसर पर। कॉलेज ने मानव पूंजी और मानव संसाधनों के विकास के लिए अकादमिक सत्र 2018-19 में छात्रों के लिए व्यक्तित्व विकास कक्षाएं पेश कीं। कॉलेज प्रशासन संकाय सदस्यों को अनुसंधान गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है। कई प्रमुख और मामूली शोध परियोजनाएं जमा की गई हैं और कुछ जमा होने की स्थिति में हैं। अकादमिक वर्ष 2018-19 में कॉलेज में व्यापक अकादमिक विकास एजेंडा है। इस संबंध में स्मार्ट शैक्षणिक उपयोग और डिजिटल व्याख्यान बनाने के संबंध में शिक्षण संकाय के लिए कई आईसीटी आधारित संकाय विकास कार्यक्रम और प्रशिक्षण कार्यक्रम नए शैक्षणिक सत्र में आयोजित किए जाएंगे। 9 फरवरी, 2018 पटना विश्वविद्यालय के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन है जब मगध महिला कॉलेज भारत में उच्च शिक्षा का पहला संस्थान बन गया है ताकि ' सहोदरा - उसी मां की बेटियों ' के नाम से हाउस सिस्टम शुरू करने के लिए विभिन्न गतिविधियों को सुव्यवस्थित किया जा सके। उठाए जाएंगे और छात्रों को उनके विकास और सीखने के सभी पहलुओं को विकसित करने के लिए जगह दे रहे हैं। इस साल (2018) हमारे लोकमान्य डॉ। शारदा सिन्हा में से एक, प्रसिद्ध लोक गायिका को गणतंत्र दिवस 2018 की पूर्व संध्या पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पदमभूषण से सम्मानित किया गया था, इससे पहले उन्हें पद्मश्री भी सम्मानित किया गया था। पुरस्कार। प्रतिष्ठित साहित्यिक और इतिहासकार , अल्माना डॉ उषाकिरन खान को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह गर्व का विषय है कि कॉलेज ने माननीय मंत्री श्री जय कुमार सिंह, भारत के माननीय मंत्री श्री जय कुमार सिंह का उद्घाटन किया। । बिजनेस ऊष्मायन के लिए कुशल युवा उद्यमियों को तैयार करने के लिए 15 मई 2018 को बिहार के ।   चार छात्रों का सर्टिफिकेट कोर्स और गर्ल स्टूडेंट्स के कौशल विकास के लिए दो छः महीने सर्टिफिकेट कोर्सअकादमिक सत्र 2018-2019 से शुरू किए जाएंगे।ललित कला धारा से, नए पाठ्यक्रमों का नाम हैं: (i) ब्लॉक प्रिंटिंग, (ii) मधुबनी चित्रकारी (iii) टिकुली कला और (iv) जूट कला, शिल्प और डिजाइनिंग। आईसीटी धारा से पाठ्यक्रम का नाम 'ग्राफिक्स और वेब-डिजाइनिंग में आईटी स्किल डेवलपमेंट और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन स्ट्रीम से पाठ्यक्रम का नाम' ऑफिस मैनेजमेंट कोर्स 'है। .

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मंजुला अनागनी

मंजूला अनागणी एक भारतीय स्त्री रोग विशेषज्ञ और कम से कम आक्रामक शल्यचिकित्सक में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने गांधी मेडिकल कॉलेज अनागणी से स्नातक उपाधि प्राप्त की दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना से और उस्मानिया मेडिकल कॉलेज, हैदराबाद से एमडी। बाद में उन्हें प्रसूतिपूर्व आनुवंशिक मूल्यांकन, बांझपन, अल्ट्रासोनोग्राफी और हाइरोर्सोस्कोपी और लैपरोस्कोपी जैसे न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाओं में उच्च प्रशिक्षण प्राप्त की। उन्होंने केयर अस्पताल में २००४ से २०११ तक काम किया फिर उन्होंने बीमस अस्पताल में कम किया २०११ से २०१४ तक। वह सनशाइन सुपर स्पेशलिटी इंस्टीट्यूट, हैदराबाद में शामिल हुई जहां वह विभाग की प्रमुख थी। उन्होंने १०००० से अधिक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की है। उन्हें पद्म श्री से २०१५ में भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था, चौथा सबसे बड़ा भारतीय नागरिक पुरस्कार। .

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मकबूल फ़िदा हुसैन

मक़बूल फ़िदा हुसैन (जन्म सितम्बर १७, १९१५, पंढरपुर), (मृत्यु जून 09, 2011, लंदन),एम एफ़ हुसैन के नाम से जाने जाने वाले भारतीय चित्रकार थे। एक कलाकार के तौर पर उन्हे सबसे पहले १९४० के दशक में ख्याति मिली। १९५२ में उनकी पहली एकल प्रदर्शनी ज़्युरिक में हुई। इसके बाद उनकी कलाकृतियों की अनेक प्रदर्शनियां यूरोप और अमेरिका में हुईं। १९६६ में भारत सरकार ने उन्हे पद्मश्री से सम्मानित किया। उसके एक साल बाद उन्होने अपनी पहली फ़िल्म बनायी: थ्रू द आइज़ ऑफ अ पेन्टर (चित्रकार की दृष्टि से)। यह फ़िल्म बर्लिन उत्सव में दिखायी गयी और उसे 'गोल्डेन बियर' से पुरस्कृत किया गया। .

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मकरध्वज दारोगा

मकरध्वज दारोगा भारत देश के झारखंड राज्य में रहनेवाले एक परंपरागत सांस्कृतिक कलाकार है। इस कलाकार को अभिनय क्षेत्रमें झारखंड का सांस्कृतिक नृत्य (छाउ - Chhau Dance) के लिये इनके द्वारा किये उत्कृष्ट योगदान के लिये ई॰स॰ २०११ के साल में भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार द्वारा सन्मानित किया गया था।.

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मुनि जिनविजय

मुनि जिनविजय (१८८८-१९७६) ने अपने जीवनकाल में अनेक अमूल्य ग्रंथों का अध्ययन, संपादन तथा प्रकाशन किया। पुरातत्वचार्य मुनि जिनविजय ने साहित्य तथा संस्कृति के प्रोत्साहन हेतु कई शोध संस्थानों का संस्थापन तथा संचालन किया। भारत सरकार ने आपको पद्मश्री की उपाधि से सम्मानित किया। .

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मुसाफिर राम भारद्वाज

मुसाफिर राम भारद्वाज को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे हिमाचल प्रदेश राज्य से हैं। .

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मुस्तानसिर बार्मा

पद्म श्री डॉ॰ मुस्तानसिर बार्मा सांख्यिकीय भौतिकी के क्षेत्र में कार्यरत भारतीय वैज्ञानिक हैं। वो टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक हैं। .

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मुस्ताक अली

सैयद मुस्ताक अली (१७ दिसम्बर १९१४ – १८ जून २००५) भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी थे। भारतीय बल्लेबाजों में टेस्ट क्रिकेट में विदेशी मैदान पर शतक लगाने वाले वो प्रथम बल्लेबाज थे। भारत सरकार ने उन्हें १९६३ में पद्म श्री से पुरस्कृत किया। .

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मुजफ्फर हुसैन (पत्रकार)

मुजफ्फर हुसैन (२० मार्च १९४५ -- १३ फरवरी २०१८) भारत के राष्ट्रवादी पत्रकार व चिन्तक थे। सन २००२ में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। कई भाषाओं में प्रवीणता हासिल करने वाले हुसैन विभिन्न भाषाओं में कई पत्रिकाओं के लिए और कई स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों के लिए भी लिखते थे। वे मुसलमानों के एक वर्ग में पनपनेवाली जेहादी मानसिकता के सदैव निंदक रहे। .

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मुकुटधर पाण्डेय

मुकुटधर पाण्डेय छायावाद के जनक और चायावाद युग के महत्वपूर्ण कवि थे। .

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मुकुल चंद गोस्वामी

मुकुल चंद गोस्वामी को समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे असम राज्य से हैं। .

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मैरी कॉम

मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम (एम सी मैरी कॉम) (जन्मः १ मार्च १९८३) जिन्हें मैरी कॉम के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय महिला मुक्केबाज हैं। वे मणिपुर, भारत की मूल निवासी हैं। मैरी कॉम पांच बार ‍विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं।http://www.hindu.com/holnus/007200901261333.htm Mary makes women's boxing's Olympic case stronger: AIBA President २०१२ के लंदन ओलम्पिक में उन्होंने काँस्य पदक जीता। 2010 के ऐशियाई खेलों में काँस्य तथा 2014 के एशियाई खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया। दो वर्ष के अध्ययन प्रोत्साहन अवकाश के बाद उन्होंने वापसी करके लगातार चौथी बार विश्व गैर-व्यावसायिक बॉक्सिंग में स्वर्ण जीता। उनकी इस उपलब्धि से प्रभावित होकर एआइबीए ने उन्हें मॅग्नीफ़िसेन्ट मैरी (प्रतापी मैरी) का संबोधन दिया। उनके जीवन पर एक फिल्म भी बनी जिसका प्रदर्शन 2014 में हुआ। इस फिल्म में उनकी भूमिका प्रियंका चोपड़ा ने निभाई। .

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मेलविल डि मेलो

मेलविल डि मेलो (१९१३ – ४ जून १९८९) आकाशवाणी में भारतीय रेडियो प्रसारक थे। वो उच्च गुणवता की रपटों और स्वतंत्र भारत में विभिन्न समयों पर उत्तम भाष्य के लिए जाने जाते थे। उनका सबसे महत्वपूर्ण कार्य दिल्ली में महात्मा गाँधी के दाह संस्कार को लगातार सात घण्टे तक प्रसारित करने के लिए जाना जाता है। उन्हें उनकी प्रसारण सेवा के लिए भारत सरकार ने १९६३ में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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मोना चंद्रवती गुप्ता

मोना चंद्रवती गुप्ता (१८९६-१९८४) एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद् और नारी सेवा समिति की संस्थापक, एक गैर-सरकारी संगठन जो महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए काम कर रहा हैं। गुप्ता का जन्म २० अक्टूबर १८९६ को, रंगून में हुआ था, जो आज यांगून है और म्यांमार की राजधानी है। उन्होंने कोलकाता के डायकेशान कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने सरकारी गर्ल्स कॉलेज, लखनऊ के उप प्रधान के रूप में काम किया और महिलाओं की शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय की समीक्षा समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। १९३० के दशक में गुप्ता ने दो महिला संगठन शुरू किए.

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मोहन बाबू

मांचू भक्तवत्सलम नायडू के रूप में जन्मे मोहन बाबू (डॉ॰ एम. मोहन बाबू) आंध्र प्रदेश भारत से एक अभिनेता, निर्माता, राजनीतिज्ञ हैं। 2007 में उन्होंने भारत के राष्ट्रपति से, प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान पद्मश्री प्राप्त किया। .

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मोहन मि‍श्रा

मोहन मि‍श्रा को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे बि‍हार राज्य से हैं। .

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मोहन आगाशे

डॉ मोहन महादेव आगाशे (जन्म 23 जुलाई 1947) एक भारतीय रंगमंच और फिल्म अभिनेता और मनोचिकित्सक है। 1996 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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मोहनलाल (अभिनेता)

मोहनलाल विश्वनाथन नायर (जन्म 21 मई 1960), एक नाम मोहनलाल या लाल के नाम से जाने जाने वाले, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध भारतीय फिल्म अभिनेता और निर्माता हैं, जो मलयालम सिनेमा का सब सबसे बड़ा नाम है।മോഹന്‍ലാല്‍ चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रहे मोहनलाल ने दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार, एक विशेष जूरी पुरस्कार और एक सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार (निर्माता के रूप में) जीता। 2001 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। सन 2009 में भारतीय प्रादेशिक सेना द्वारा उन्हें मानद लेफ्टिनेंट कर्नल का पद दिया गया,Lt.Col.

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मोहम्मद रफ़ी

कोई विवरण नहीं।

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मोहम्मद शाहिद

मोहम्मद शाहिद (14 अप्रैल 1960-20 जुलाई 2016) एक भारतीय हॉकी खिलाड़ी थे। वे वर्ष 1980 में मॉस्को में हुए ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे थे। इसके अलावा, वह वर्ष 1982 के एशियन गेम्स में रजत पदक और 1986 के एशियाड खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे। उन्हें वर्ष 1980-81 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हॉकी में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1986 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। .

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मोहम्मद हामिद अंसारी

मोहम्मद हामिद अंसारी (जन्म १ अप्रैल १९३४), भारत के उपराष्ट्रपति थे। वे भारतीय अल्पसंख्यक आयोग के भूतपूर्व अध्यक्ष भी हैं। वे एक शिक्षाविद, तथा प्रमुख राजनेता हैं, एवं अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उपकुलपति भी रह चुके हैं। वे 10 अगस्त 2007 को भारत के 13वें उपराष्ट्रपति चुने गये। .

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मोहम्मद अली बेग

मोहम्मद अली बेग को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे आंध्र प्रदेश राज्य से हैं। .

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मीना शाह (बैडमिंटन)

मीना शाह भारत की राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियन थी। लखनऊ के सहारा अस्पताल में 10 मार्च 2015 को उनकी मृत्यु हो गई। शाह ने सात साल (1959 से 1965) तक सीनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती और उन्होंने महिला युगल का खिताब तीन बार और मिश्रित युगल का खिताब दो बार जीता। वह पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार की प्राप्तकर्ता हैं। .

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यलवर्ती नायुदम्मा

यलवर्ती नायुदम्मा (तेलुगु: యలవర్తి నాయుడమ్మ) http://idrinfo.idrc.ca/Archive/ReportsINTRA/pdfs/v14n3-4e/67124.pdf (१० सितम्बर १९२२ - २३ जून १९८५) भारत के राशायन अभियन्ता और वैज्ञानिक थे जिनका एयर इंडिया फ़्लाइट 182 (एम्परर कनिष्क बॉम्बिंग) में निधन हुआ।"".

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रणजीत देसाई

रणजीत रामचंद्र देसाई (जन्म- 8 अप्रैल 1928 ई०, निधन- 6 मार्च 1998 ई०) मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके हिन्दी में अनूदित उपन्यास भी काफी लोकप्रिय रहे हैं। .

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रमाकांत देशपांडे

रमाकांत देशपांडे को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराष्‍ट्र राज्य से हैं। .

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रमाकांत अचरेकर

रमाकांत विठ्ठल अचरेकर (Ramakant Vithal Achrekar) (जन्म 1932) मुंबई के एक भारतीय क्रिकेट कोच हैं। वह दादर, मुंबई के शिवाजी पार्क में युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं खासकर सचिन तेंदुलकर को। वह मुंबई क्रिकेट टीम के लिए भी चयनकर्ता रहे हैं। 2010 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .

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रमेश कृष्णन

रमेश कृष्णन (तमिल: ரமேஷ் கிருஷ்ணன்) (जन्म: ५ जुलाई, १९६१, मद्रास, भारत) टेनिस प्रशिक्षक और पूर्व टेनिस खिलाड़ी हैं। १९७० के दशक के अंत में कनिष्ठ खिलाड़ी के रूप में इन्होंने विंबल्डन और फ्रेंच ओपन में बॉय्ज़ एकल उपाधि जीती थी। १९८० के दशक में तीन ग्रैंड स्लैम के क्वार्टर फ़ाइनल तक पहुंचे और डेविस कप टीम में भी फैनल तक पहुंचे थे। २००७ में ये भारत के डैविस कप कप्तान रहे थे। रमेश रामनाथन कृष्णन के पुत्र हैं, जो भारत के प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी रहे हैं। इन्हें १९९८ में भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था। .

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रस्किन बॉण्ड

रस्किन बॉण्ड (जन्म 19 मई 1934) अंग्रेजी भाषा के एक विश्वप्रसिद्ध भारतीय लेखक हैं। .

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रानी कर्णा

रानी कर्णा को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे पश्चिम बंगाल राज्य से हैं। .

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राफेल फर्नांडीज

राफेल फर्नांडीज (Rafael Iruzubieta Fernández) एक स्पेनिश शिक्षाविद, वकील और भारतविद हैं। भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया था। .

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राम दयाल मुंडा

आरडी मुंडा के नाम से पूरी दुनिया में लोकप्रिय राम दयाल मुंडा (23 अगस्त 1939-30 सितंबर 2011) भारत के एक प्रमुख बौद्धिक और सांस्कृतिक शख्सियत थे। आदिवासी अधिकारों के लिए रांची, पटना, दिल्ली से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों तक उन्होंने आवाज उठायी, दुनिया के आदिवासी समुदायों को संगठित किया और देश व अपने गृहराज्य झारखंड में जमीनी सांस्कृतिक आंदोलनों को नेतृत्व प्रदान किया। 2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी का सम्मान मिला, तो 22 मार्च 2010 में राज्यसभा के सांसद बनाए गए और 2010 में ही वे पद्मश्री से सम्मानित हुए। भारत सरकार ने बहुत उपेक्षा के बाद जब उन्हें सम्मान दिया तब तक कैंसर ने उन्हें जकड़ लिया था जिससे उनके सपने अधूरे रह गए। वे रांची विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति भी रहे। उनका निधन कैंसर से 30 सितंबर शुक्रवार, 2011 को हुआ। .

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राम नाथ शास्त्री

राम नाथ शास्त्री (15 अप्रैल, 1914 - 8 मार्च, 2009) डोगरी कवि, नाटककार, कोशकार, निबन्धकार, शिक्षाशास्त्री, अनुवादक तथा सम्पादक थे। उन्होने डोगरी भाषा के उत्थान और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उन्हें 'डोगरी का जनक' कहा जाता है। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह बदनामी दी छां के लिये उन्हें सन् १९७६ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (डोगरी) से सम्मानित किया गया। सन २००१ में उन्हें साहित्य अकादमी फेलोशिप प्रदान किया गया था। .

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राम मोहन

राम मोहन को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराष्ट्र राज्य से हैं। .

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राम सुतार

राम सुतार (अंग्रेजी: Ram Vanji Sutar, जन्म: 19 फ़रवरी 1925) भारत के एक सुप्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। महाराष्ट्र में जन्मे इस शिल्पकार का पूरा नाम राम वनजी सुतार है। आपने कई महापुरुषों की बहुत विशाल मूर्तियाँ बनायीं और उनके माध्यम से प्रचुर मात्रा में नाम और नामा दोनों कमाया। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमन्त्रित्व काल में भारत सरकार ने आपकी कलात्मक शिल्प साधना को सम्मानित करते हुए 1999 में पद्मश्री से अलंकृत किया। .

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रामाराव ओनुमोलू

रामाराव ओनुमोलू को समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे आंध्र प्रदेश राज्य से हैं। .

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रामारंजन मुखर्जी

रामारंजन मुखर्जी (Ramaranjan Mukherji) (1928-2010) एक भारतीय लेखक, शिक्षाविद्, भारतविद और राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के पूर्व चांसलर थे। वह संस्कृत साहित्य में अपनी विद्वत्ता के लिए जाना जाता है। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2010 में, देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। .

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राशिद खान

उस्ताद राशिद खान (उर्दू: رشید خان‎) (जन्म 1 जुलाई 1966) एक भारतीय शास्त्रीय संगीत के कलाकार हैं। ये रामपुर-सहास्वन घराबे से हैं। इन्हे पद्म श्री वा संगीत नातक अकादमी पुरस्कार मिल चिका है। श्रेणी:गीतकार श्रेणी:शास्त्रीय संगीत गीतकार en:Rashid Khan.

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राहुल द्रविड़

राहुल शरद द्रविड़ (कन्नड़: ರಾಹುಲ್ ಶರದ್ ದ್ರಾವಿಡ,राहुल शरद द्रविड) (11 जनवरी 1973 को जन्मे) भारतीय राष्ट्रीय टीम के सबसे अनुभवी क्रिकेटरों में से एक हैं, 1996 से वे इसके नियमित सदस्य रहें हैं।अक्टूबर 2005 में वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में नियुक्त किये गए और सितम्बर 2007 में उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया। १६ साल तक भारत का प्रतिनिधित्व करते रहने के बाद उन्होंने वर्ष २०१२ के मार्च में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मैट से सन्यास ले लिया। द्रविड़ को वर्ष 2000 में पांच विसडेन क्रिकेटरों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया। द्रविड़ को 2004 के उद्घाटन पुरस्कार समारोह में इस वर्ष के आईसीसी प्लेयर और वर्ष के टेस्ट प्लेयर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लम्बे समय तक बल्लेबाजी करने की उनकी क्षमता के कारण उन्हें दीवार के रूप में जाना जाता है, द्रविड़ ने क्रिकेट की दुनिया में बहुत से रिकॉर्ड बनाये हैं। द्रविड़ बहुत शांत व्यक्ति है। "दीवार" के रूप में लोकप्रिय द्रविड़ पिच पर लम्बे समय तक टिके रहने के लिए जाने जाते हैं। सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर के बाद वे तीसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दस हज़ार से अधिक रन बनाये हैं, 14 फ़रवरी 2007 को, वे दुनिया के क्रिकेट इतिहास में छठे और भारत में सचिन तेंडुलकर और सौरव गांगुली के बाद तीसरे खिलाड़ी बन गए जब उन्होंने एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट में दस हज़ार रन का स्कोर बनाया वे पहले और एकमात्र बल्लेबाज हैं जिन्होंने सभी 10 टेस्ट खेलने वाले राष्ट्र के विरुद्ध शतक बनाया है। 182 से अधिक कैच के साथ वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच का रिकॉर्ड द्रविड़ के नाम है। द्रविड़ ने 18 अलग-अलग भागीदारों के साथ 75 बार शतकीय साझेदारी की है, यह एक विश्व रिकॉर्ड है। .

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राज मोहिनी देवी

राजमोहनी देवी गांधीवादी विचार धारा वाली एक समाज सेविका थी जिन्होंने बापू धर्म सभा आदिवासी मण्डल की स्थापना की। ये संस्था गोंडवाना स्थित आदिवासियों के हित के लिए कार्य करती है। वे स्वयं एक आदिवासी जाति मांझी में जन्मी थी। १९५१ के अकाल के समय गांधीवादी विचारधाराओ व आदर्शों से प्रभावित होकर इन्होंने एक जन आंदोलन चलाया जिसे राजमोहनी आंदोलन के नाम से जाना जाता है। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी महिलाओं की स्वतन्त्रता व स्वायत्ता निश्चित करना था साथ ही अंधविश्वास और मदिरा पान की समस्याओं का उन्मूलन था। धीरे धीरे इस आंदोलन से ८०००० से भी ज्यादा लोग जुड़ गए। बाद में ये आंदोलन एक अशाष्कीय संस्थान के रूप में सामने आया। इस संस्थान के आश्रम न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि उत्तर प्रदेश और बिहार में भी है। सन १९८९ को भारत सरकार द्वारा इन्हे भारत के चतुर्थ सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पद्म श्री" से सम्मानित किया गया। उनके जीवन पर सीमा सुधीर जी द्वारा एक किताब की रचना की गयी है जिसका शीर्षक है "सामाजिक क्रांति की अग्रदूत राजमोहनी देवी" जिसका प्रकाशन छत्तीसगढ़ राज्य हिन्दी ग्रंथ अकादेमी द्वारा सन 2013 में किया गया। उनके नाम पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालीत "राजमोहनी देवी कॉलेज ऑफ एग्रिकल्चर अँड रिसर्च स्टेशन" व "राजमोहनी देवी पीजी महिला महाविद्यालय" अंबिका पुर में स्थित है। .

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राजकुमार अछौबा सिंह

राजकुमार अछौबा सिंह (Rajkumar Achouba Singh) (जन्म 5 दिसंबर 1938) एक भारतीय शास्त्रीय नर्तक और शिक्षक हैं जिन्हें मणिपुरी नृत्य रूप रास और लाई हरोबा पर उनके विद्वत्ता के लिए जाना जाता है। उन्हे मणिपुरी संस्कृति पर कई किताबों और लेखों का श्रेय दिया जाता है। वह जवाहरलाल नेहरू मणिपुर नृत्य अकादमी, इम्फाल के पूर्व प्रधानाध्यापक हैं। वह रास और लाई हरोबा में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री धारक हैं। वह सरकारी नृत्य कॉलेज, इंफाल में एक अतिथि शिक्षक भी रहे हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2010 में, देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वह मणिपुर राज्य पुरस्कार के भी प्राप्तकर्ता हैं। .

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राजेन्द्र कुमार (अभिनेता)

राजेन्द्र कुमार (२० जुलाई १९२९ – १२ जुलाई १९९९) ६० तथा ७० के दशकों में बॉलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में से एक थे। ८० के दशक में वह कई फ़िल्मों के निर्माता थे जिनमें उनके पुत्र कुमार गौरव ने अभिनय किया है। उनका जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रान्त के सियालकोट शहर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। .

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राजेश सरैया

राजेश सरैया को व्‍यापार एवं उद्योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराष्‍ट्र राज्य से हैं। .

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राजेश कुमार ग्रोवर

राजेश कुमार ग्रोवर को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दि‍ल्‍ली राज्य से हैं। .

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राखी गुलज़ार

रक्षाबंधन त्योहार के लिये यहाँ क्लिक करें राखी गुलज़ार (जन्म: 15 अगस्त, 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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रितु मेनन

रितु मेनन एक भारतीय नारीवादी और वामपंथी लेखिका तथा प्रकाशक हैं। उन्होने 1984 में उर्वशी बुटालिया के साथ मिलकर भारत की पहली फेमिनिस्ट पब्लिशिंग हाउस की सह स्थापना की। यह संस्था लंबे समय तक महिला अधिकारों के लिए संघर्षरत रही हैं। वर्ष 2003 में मेनन और बुटालिया के बीच कट्टर विरोधी व्यक्तिगत मतभेदों के फलस्वरूप यह संस्था बंद हो गयी और उसके बाद मेनन ने स्वतंत्र रूप से महिलाओं के असीमित अधिकारों के आलोक में एक और नारीवादी पब्लिशिंग हाउस की स्थापना की। उन्होने विभिन्न समाचार पत्रों में अपने लेखों के माध्यम से महिलाओं के खिलाफ हिंसा तथा धर्म की आड़ में महिलाओं के अधिकार हनन के साथ-साथ समाज में लिंग विभाजन पर खुलकर अपनी आवाज़ बुलंद की हैं। वर्ष-2011 में साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु उन्हें उर्वशी बुटालिया के साथ पद्मश्री प्रदान किया गया। .

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रितु कुमार

रितु कुमार एक भारतीय महिला फैशन डिजाइनर हैं। वे एक ऐसी पहली महिला डिजाइनर हैं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति को नए रूप में स्थापित कर अन्तराष्ट्रीय प्रसिद्धि पाई। उन के कपडे उच्चवर्ग के साथ-साथ मध्य वर्ग के लिये भी बने होते हैं। इन कपड़ों में वे रेशम, चमडा और कपास का उपयोग अधिक करती हैं। उन की इंब्राइडरी पारंपरिक होती है। पंजाब के अमृतसर में जन्मी रितु कुमार स्वभाव से नर्म, हंसमुख और असीम धैर्य की धनी हैं। उन्होने दिल्ली के लेडी इर्विन कालेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर अमेरिका में उच्च शिक्षा पूरी की। 1960 में उन्होंने कोलकाता के एक छोटे शहर में 4 हैण्ड प्रिंटर्स और 2 ब्लाक्स की सहायता से यह उधोग मात्र 50 हजारे रूपये में शुरू किया। तब उन्हें पता नहीं था की यह उघोग इतना आगे बढेगा और उन्हें इतनी कामयाबी मिलेगी। आज पूरे भारत में उन की 34 और अमेरिका में 1 दूकान है। वे भारी परम्परा और संस्कृति को ध्यान में रख कर कपडे बनाती हैं। इसलिए उन के बनाए हुए 'ईवनिंग गाउन' अन्तराष्ट्रीय प्रतियोगताओं में हमेशा इनाम के हकदार होते हैं। 2000 में उन्हें किंगफिशर ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज ने लाइफ टाइम अवार्ड से नवाजा। .

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रजनी कुमार

रजनी कुमार एक ब्रिटिश जनित भारतीय शिक्षाविद् और संस्थापक है स्प्रिंगडलेस समूह का स्कूलस की। भारत सरकार ने २०११ में उन्हें पद्म श्री के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था। उनका असल नाम नैन्सी जॉइस मार्गरेट जोन्स है। रजनी ५ मार्च १९२३ को इंग्लैंड में जन्म हुआ। उन्होंने १९४१ में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक किया। २३ वर्ष की उम्र में युधिष्ठ कुमार जो उनके सह छात्र थे उनसे विवाह किया और भारत चली गई और भारतीय नाम रखा रजनी। १९५० में, वह एक स्थानीय स्कूल, सलवान गर्ल्स स्कूल में काम करना शुरु किया प्रिंसिपल के रूप में और १९५५ तक वहां काम किया। इस अवधि के दौरान, वह भारतीय महिला नेशनल फेडरेशन में शामिल हुईं और १९५३ में इसके संस्थापक सदस्यों में से एक बन गई। कुमार को २००५ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दक्षिण अफ्रीका सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था। भारत सरकार ने २०११ में उन्हें पद्म श्री के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था। २०१२ में, उन्हें दक्षिण अफ्रीका सरकार द्वारा ओ आर ताम्बो (रजत) के साथियों के आदेश से सम्मानित किया गया था। .

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रघुनाथ मोहपात्रा

रघुनाथ मोहपात्रा (२४ मार्च १९४३-२० अप्रैल २०१४) को सन २००१ में भारत सरकार ने कला क्षेत्र में पद्म भूषण और २०१३ में ६४वें गणतंत्र के मौके पर पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। ये उड़ीसा से थे। .

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रवि भूषण ग्रोवर

रवि भूषण ग्रोवर को विज्ञान एवं इंजीनियरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराष्ट्र राज्य से हैं। .

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रवि कुमार नारा

रवि कुमार नारा को व्‍यापार एवं उद्योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे आंध्रप्रदेश राज्य से हैं। .

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रविशंकर रावल

रविशंकर रावल (१८९२– १९७७) भारतीय चित्रकार, कला अध्यापक, कला समीक्षक, पत्रकार और निबंधकार थे। वो गुजराती मूल के थे। उन्होंने विसवीं सदी नामक पत्रिका के लिए भी काम किया। १९६५ में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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रवीन्द्र नारायण सिंह

रवीन्द्र नारायण सिंह (Rabindra Narain Singh) एक भारतीय हड्डी रोग चिकित्सक और बिहार ओर्थोपेडिक एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष (2006-07) हैं। वह पटना स्थित आर्थोपेडिक हेल्थकेयर सेंट्रैण्ड अनूप मेमोरियल ऑर्थोपेडिक सेंटर और रिसर्च इंस्टीट्यूट में एक माननीय परामर्शदाता हैं और अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन के निदेशक हैं। वह एडिनबर्ग के रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन और मेडिकल स्पेशलिस्ट के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अकादमी के एक सहचर भी हैं। वह ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पटना के संस्थान आचार समिति की अध्यक्ष भी हैं। चिकित्सा विज्ञान में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के चौथे उच्चतम नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया था। .

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रंजना गौहर

रंजना गौहर प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना, केरियोग्राफर तथा फिल्म निर्मात्री हैं। उन्हे पद्मश्री व संगीत नाटक अकादमी के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। वह ओडिसी नृत्य के संदर्भ में एक किताब ('ओडिसी द डांस डिवाइन') भी लिख चुकी हैं। .

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रंजीत भार्गव

रणजीत भार्गव (Ranjit Bhargava) एक भारतीय पर्यावरणविद् हैं जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने प्रयासों के लिए जाना जाता है। और वह ऊपरी गंगा क्षेत्र के लिए यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल का दर्जा प्राप्त करने के प्रयासों के लिए भी जाना जाता है। भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया था। वह नीदरलैंड के राजकुमार बर्नार्ड और जर्मनी की सरकार के मेरिट का ऑर्डर प्राप्तकर्ता भी हैं। .

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रेहाना खातुन

रेहाना खातुन को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दि‍ल्‍ली राज्य से हैं। .

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रोमुअलड डी'सुजा

रोमुअलड डी'सुजा (Romuald D'Souza) (20 दिसंबर 1925) एक ईसाई पादरी और गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के संस्थापक निदेशक हैं। इसका जन्म एल्डनो, गोवा, भारत मे हुआ था। वह 1982-1989 तक जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, जमशेदपुर के निदेशक रहे। 1987 में, उन्होंने जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, भुवनेश्वर की स्थापना की और 1 99 3 तक इसके निदेशक रहे थे। डी सूजा ने विभिन्न अकादमिक संगठनों के सदस्य के रूप में कार्य किया है जैसे दक्षिण एशिया के प्रबंधन विकास संस्थान एसोसिएशन, ऑल इंडिया बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, भारत सरकार, गोवा विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद, उत्कल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद आदि। उन्होंने मैरिएन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थकेयर मैनेजमेंट, गोवा की स्थापना भी की है। 26 जनवरी 2010 को उन्हें शिक्षा और साहित्य में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता के रूप में घोषित किया गया। .

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लालज़ुइया कॉलेनी

लालज़ुइया कॉलेनी (Lalzuia Colney) एक भारतीय अकादमिक और मिजो साहित्य के लेखक हैं। वह सरकारी चमेई कॉलेज के एक छात्र थे। और वह केवीएम हाई स्कूल, मिजोरम में एक शिक्षक है। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं और अन्य लोगों द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में कई अध्यायों का योगदान दिया है। मिज़ोरा में शैक्षिक अध्ययन के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षा के भारतीय प्रमाण पत्र (आईसीएसई) परीक्षाओं के लिए उनकी कुछ किताबें निर्धारित हैं। उनकी पुस्तक, ए फाक रोपीई चुंगह, ने 2014 में बुक ऑफ द ईयर अवार्ड जीता। साहित्यिक योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश का चौथा उच्चतम नागरिक सम्मान पद्म श्री दिया था। .

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लालगुडी जयरामन

लालगुडी जयराम अय्यर (லால்குடி ஜயராம ஐயர்) (जन्म - 17 सितम्बर 1930, भारत) एक प्रसिद्ध कर्नाटिक वायलिनवादक, गायक और संगीतकार हैं। .

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लिएंडर पेस

लिएंडर पेस (जन्म: 17 जून 1973) भारत के व्यावसायिक टेनिस खिलाड़ी हैं जो आजकल युगल एवं मिश्रित युगल मुकाबलों में भाग लेते हैं। वह भारत के सफलतम खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने कई युगल एवं मिश्रित युगल स्पर्धायें जीती हैं। उनको भारत का खेल जगत में सबसे ऊँचा पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार 1996-1997 में दिया गया और साथ ही २००१ में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। 2014 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। युगल मैचों के अलावा उन्होंने डेविस कप टेनिस स्पर्धा में भारत के लिये कई यादगार जीतें हासिल की और 1996 अटलांटा ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता। .

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लवराज सिंह धर्मशक्‍तु

लवराज सिंह धर्मशक्‍तु को खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दि‍ल्‍ली राज्य से हैं। .

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लखनऊ विश्वविद्यालय

लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय भारत के प्रमुख शैक्षिक-संस्थानों में से एक है। यह लखनऊ के समृद्ध इतिहास को तो प्रकट करता ही है नगर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से भी एक है। इसका प्राचीन भवन मध्यकालीन भारतीय स्थापत्य का सुंदर उदाहरण है। इसमें पढ़ने और पढाने वाले अनेक शिक्षक और विद्यार्थी देश और विदेश में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हैं। .

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लक्ष्मी चंद गुप्ता

लक्ष्मी चंद गुप्ता (Laxmi Chand Gupta) (1939-2010) एक भारतीय मेडिकल चिकित्सक, विकिरण चिकित्सक, लेखक और खेल चिकित्सा में विशेषज्ञ थे। वह सीमा सुरक्षा बल में चिकित्सा के निदेशक थे और वह सार्क साहित्य पुरस्कार और बी सी रॉय पुरस्कार जैसे चिकित्सा श्रेणी के सर्वोच्च भारतीय पुरस्कार से सम्मानित थे। चिकित्सा विज्ञान में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के चौथे उच्चतम नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया था। .

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लक्ष्मी मजुमदार

लक्ष्मी मजुमदार दिल्ली से नवम्बर १९६४ से अप्रैल १९८३ तक भारतीय स्काउटिंग संगठन भारत स्काउट और गाइड के राष्ट्रीय आयुक्त रहीं। उन्हें १९६५ में भारत सरकार ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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लक्ष्मीनारायण साहू

डॉ लक्ष्मीनारायण साहू (३ अक्टूबर १८९० - १८ जनवरी १९६३) ओडिशा के एक प्रसिद्ध लेखक, कवि, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, सुधारक, इतिहासकार, और राजनीतिज्ञ थे। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए १९५५ में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। .

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लूसी उम्मेन

लूसी उम्मेन एक भारतीय मूल की स्त्री रोग विशेषज्ञ और सेंट स्टीफन हॉस्पिटल, नई दिल्ली की पहली चिकित्सा निर्देशक हैं।   दक्षिण भारतीय राज्य केरल में उनका जन्म पी.

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लेंटिना ओ ठक्कर

लेंटिना ओ ठक्कर नागालैण्ड की एक समाजसेविका हैं जिन्हें भारत सरकार ने २०१८ में उनके सामाजिक सेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दशकों से पहाड़ियों में गांधी की विचारधारा का प्रसार कर रहीं हैं। वे नागालैण्ड में 'गांधीवादी दादी' के नाम से प्रसिद्ध हैं। 86 साल की लेंटिना ओ ठक्कर का चेहरा उनके संघर्ष की दास्तां बताने के लिए काफी है। नागा हिल्स जिले में मोकोकचुंग जिले के मरेंकोंग गांव में जन्मी लेंटिना शुरुआत से ही समाज से आगे रहीं। इसके साथ ही वह अपने गांव में सातवीं कक्षा तक पहुंचने वाली पहली लड़की थी। ये अपना गांव (चुचुइमलांग) की पहली महिला हैं, जिन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की। लेंटीना ए ठक्कर अभी 86 साल की है आैर ये स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नटवर ठक्कर की पत्नी है। वे एेसी पहली महिला है, जिन्होंने गांधीवादी विचारों से प्रभावित होकर 1950 में असम की राजधानी गुवाहाटी स्थित कस्तूरबा गांधी आश्रम से शिक्षा ली है। लेंटिना ने ना सिर्फ राज्य में गांधीवादी विचारधारा को जीवित रखने का काम किया है बल्कि समाज में महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए भी काम किया है। उनके द्वारा निर्मित आश्रम में महिलाओं को शिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें पढाई और तकनीकी का भी ज्ञान प्रदान किया जाता है। टाटा समाज विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) ने लेंटिना द्वारा निर्मित आश्रम में शिक्षा केंद्र का स्थापित किया है जिसका उद्घाटन सन्स 2015 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने किया था। यह संस्थान लोगों को सामाजिक उद्यमिता और मानव विकास में मास्टर डिग्री प्रदान करता है। श्रेणी:२०१८ में पद्मश्री से सम्मानित.

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लीलाधर जगूड़ी

लीलाधर जगूड़ी साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत हिन्दी कवि है जिनके कृति अनुभव के आकाश में चांद को १९९७ मे पुरस्कार प्राप्त हुआ। उनका जन्म 1 जुलाई 1940 को धंगड़, टिहरी-गढ़वाल जिला, उत्तराखंड में हुआ था। उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन में कई कविता, गद्य व नाटक लिखे हैं, जिनमें प्रमुख उनकी कविता संग्रह अनुभव के आकाश में चांद है। .

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शतरंज

शतरंज (चैस) दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला एक बौद्धिक एवं मनोरंजक खेल है। किसी अज्ञात बुद्धि-शिरोमणि ने पाँचवीं-छठी सदी में यह खेल संसार के बुद्धिजीवियों को भेंट में दिया। समझा जाता है कि यह खेल मूलतः भारत का आविष्कार है, जिसका प्राचीन नाम था- 'चतुरंग'; जो भारत से अरब होते हुए यूरोप गया और फिर १५/१६वीं सदी में तो पूरे संसार में लोकप्रिय और प्रसिद्ध हो गया। इस खेल की हर चाल को लिख सकने से पूरा खेल कैसे खेला गया इसका विश्लेषण अन्य भी कर सकते हैं। शतरंज एक चौपाट (बोर्ड) के ऊपर दो व्यक्तियों के लिये बना खेल है। चौपाट के ऊपर कुल ६४ खाने या वर्ग होते है, जिसमें ३२ चौरस काले या अन्य रंग ओर ३२ चौरस सफेद या अन्य रंग के होते है। खेलने वाले दोनों खिलाड़ी भी सामान्यतः काला और सफेद कहलाते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी के पास एक राजा, वजीर, दो ऊँट, दो घोडे, दो हाथी और आठ सैनिक होते है। बीच में राजा व वजीर रहता है। बाजू में ऊँट, उसके बाजू में घोड़े ओर अंतिम कतार में दो दो हाथी रहते है। उनकी अगली रेखा में आठ पैदल या सैनिक रहते हैं। चौपाट रखते समय यह ध्यान दिया जाता है कि दोनो खिलाड़ियों के दायें तरफ का खाना सफेद होना चाहिये तथा वजीर के स्थान पर काला वजीर काले चौरस में व सफेद वजीर सफेद चौरस में होना चाहिये। खेल की शुरुआत हमेशा सफेद खिलाड़ी से की जाती है। .

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शमशाद बेगम (सामाजिक कार्यकर्ता)

शमशाद बेगम एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता है, जिसे छत्तीसगढ़ के पिछड़े वर्गों की शिक्षा के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों में शिक्षा के लिए जाना जाता है। उन्हें भारत सरकार द्वारा २०१२ में, पद्म श्री के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार के साथ सम्मानित किया गया था। शमशाद बेगम का जन्म भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ में बालोद जिले में हुआ था। उन्होंने भारत सरकार के दुवारा चलाए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन कार्यक्रम में हिस्सा लिया और यह बताया गया है कि १९९५ में गंदरदेही में मिशन गतिविधियों को शुरू करने के छह महीने के भीतर, बेगम और उनके सहयोगियों ने १२२६९ महिलाओं को साक्षर बनाने में सक्षम बनाया, कुल १८२६५ अशिक्षित महिलाओं में से। शमसाद बेगम जनकलेन समिति के साथ जुडी हुए हैं जो एक सामाजिक कल्याण समूह, महिलाओं और बच्चों की शिक्षा और कल्याण गतिविधियों में शामिल है। शमसाद बेगम को २०१२ में भारत सरकार ने पद्म श्री के पुरस्कार से सम्मानित किया था। .

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शमीम देव आज़ाद

शमीम देव आज़ाद जम्मू और कश्मीर से एक प्रसिद्ध गायिका हैं। वे ग़ुलाम नबी आज़ाद की पत्नी हैं। उसकी ख़ूबसूरत आवाज़ के लिए उनको पद्म श्री का कला पुरस्कार दिया गया।  .

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शरण रानी

शरण रानी (९ अप्रैल १९२९ - ८ अप्रैल २००८) हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की विद्वान और सुप्रसिद्ध सरोद वादक थीं। गुरु शरन रानी प्रथम महिला थीं जिन्होंने सरोद जैसे मर्दाना साज को संपूर्ण ऊँचाई दी। वे प्रथम महिला थीं जो संगीत को लेकर पूरे भूमंडल में घूमीं, विदेश गईं, जिन्हें सरोद के कारण विभिन्न‍ प्रकार के सम्मान मिले और सरोद पर डॉक्टलरेट की उपाधियों से नवाज़ा गया। वे प्रथम महिला थीं जिन्होंडने पंद्रहवीं शताब्दी के बाद बने हुए वाद्य यंत्रों को न केवल संग्रहीत किया बल्कि राष्ट्री य संग्रहालय को दान में दे दिया। उन्होंने यूनेस्को के लिए रिकार्डिग भी की। इसलिए पं॰ नेहरू ने उन्हें 'सांस्कृतिक राजदूत' और पं॰ ओंकार नाथ ठाकुर ने 'सरोद रानी' का खिताब दिया था। दिल्ली में पैदा हुई सरोद साम्राज्ञी ने उस्ताद अलाउद्दीन खां और उस्ताद अली अकबर खां जैसे गुरुओं से सरोद की शिक्षा ग्रहण की थी। वह मैहर सेनिया घराने से ताल्लुक रखती थीं। पद्मभूषण से अलंकृत शरण रानी ने कई रागों की रचना की थी। वाद्य संगीत तथा सरोद वादन के क्षेत्र में वह देश की पहली महिला कलाकार थीं, जिन्होंने अमेरिका तथा ब्रिटेन की संगीत कंपनियों के साथ रिकार्डिंग कीं। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू उन्हें ‘भारत की सांस्कृतिक दूत’ कहा करते थे। शरण रानी ने "दि डिवाइन सरोद: इट्स आ॓रिजिन एंटिक्विटी एंड डेवलपमेंट इन इंडिया सिंस बीसी सेकेंड सेंचुरी" किताब लिखी थीं। वे दुर्लभ वाद्यों का संग्रह करती थीं। उन्होंने ‘शरण रानी बाकलीवाल वीथिका’ की स्थापना भी की जिसमें ४५० शास्त्रीय संगीत के वाद्यों को प्रदर्शित किया गया है। संगीत के प्रति समर्पण के कारण उन्हें १९६८ में पद्मश्री, १९७४ में साहित्य कला परिषद, १९८६ में संगीत नाटक अकादमी, २००० में पद्मभूषण व २००४ में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। १९९२ में उन्होंने सरोद के उद्भव, इतिहास व विकास पर किताब भी लिखी। उन्हें सरकार की ओर से ‘राष्ट्रीय कलाकार’, ‘साहित्य कला परिषद पुरस्कार’ और ‘राजीव गांधी राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। उनकी वीथिका से चार वाद्य लेकर वर्ष १९९८ में डाक टिकट भी जारी किए गए थे। .

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शशांक आर जोशी

शशांक आर जोशी को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराष्‍ट्र राज्य से हैं। .

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शशि कला

शशि कला हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। .

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शहनाज़ हुसैन

शहनाज हुसैन शहनाज हर्बल्स इकाई की सीईओ हैं। वह एक प्रमुख भारतीय महिला उद्यमी है जिन्हें अपने हर्बल सौंदर्य प्रसाधनों के लिए जाना जाता है जिनमें त्वचा की देखभाल के उत्पाद सबसे प्रमुख हैं। २००६ में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था जोकि भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक नागरिक पुरस्कार है। वर्ष १९९६ में उन्हें सफलता पत्रिका "विश्व की सबसे महान महिला उद्यमी" का पुरस्कार मिला था। शहनाज हुसैन स्वर्गीय न्यायमूर्ति नसीरुल्लाह बेग की बेटी हैं जोकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के भूतपूर्व मुख्य न्यायधीश थे। उनके दादा, न्यायधीश समीउल्लाह बेग, संयुक्त प्रांत के एक प्रमुख मुस्लिम राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने बाद में हैदराबाद उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की। उनके चाचा, मिर्जा हमीदुल्लाह बेग, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे, जिन्होंने न्यायमूर्ति एच आर खन्ना को पद पर विवादास्पद रूप से दबा दिया। उनकी शिक्षा ला मार्टीर्नियर,लखनऊ से हुई थी। हाल ही में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल की उभरते बाजारों की परियोजना के लिए दिए गये अपने साक्षात्कार में हुसैन ने अपने व्यापार की उत्पत्ति, बढ़ोतरी और विकास के बारे में बताया, कि कैसे सौंदर्य के प्रति उनके नवीन दृष्टिकोण ने उनके उत्पादों को वैश्विक सफलता दिलवाई है। .

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शान्ताराम बलवन्त मजुमदार

कोई विवरण नहीं।

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शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा बिहार की एक लोकप्रिय गायिका हैं। इनका जन्म 1 अक्टुबर 1952 को हुआ। इन्होंने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी के अलावे हिन्दी गीत गाये हैं। मैंने प्यार किया तथा हम आपके हैं कौन जैसी फिल्मों में इनके द्वारा गाये गीत काफी प्रचलित हुए हैं। इनके गाये गीतों के कैसेट संगीत बाजार में सहजता से उपलब्ध है। दुल्हिन, पीरितिया, मेंहदी जैसे कैसेट्स काफी बिके हैं। बिहार एवं यहाँ से बाहर दुर्गा-पूजा, विवाह-समारोह या अन्य संगीत समारोहों में शारदा सिन्हा द्वारा गाये गीत अक्सर सुनाई देते हैं। लोकगीतों के लिए इन्हें 'बिहार-कोकिला', 'पद्म श्री' एवं 'पद्म भूषण' सम्मान से विभूषित किया गया है। .

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शालिनी ताई मोघे

श्रीमती शालिनी ताई मोघे (१९१२ - ३० जून २०११) शिक्षाविद एवं समाजसेविका थीं। वे शिक्षा में हिंदी मांटेसरी की जनक एवं प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक थी। १९६८ मे भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। सामाजिक गतिविधियों में तत्पर रहने वाली मोघे की देखरेख में शहर में 12 विभिन्न सामाजिक संस्थाओं संचालित हो रही थीं। वे इन्दौर के बाल निकेतन संघ की संस्थापिका थीं। इन्दौर शहर की विभिन्न हस्तियों में शालिनी मोघे का अपना एक अलग ही स्थान था। गरीब-आदिवासी महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए हमेशा आगे रहने वाली ताई के परिवार में दो लड़के व दो लड़कियां है। सुधीर और विजय मुंबई में रहते हैं, रिटायर्ड इंजीनियर हैं। जबकि दो लड़कियां मीना फड़के और डॉ॰ नीलिमा अदमणे नागपुर में रहती हैं। पति मोटेश्वर मोघे का स्वर्गवास 17 अक्टूबर 2005 में हुआ था। शालिनी मोधे पागनीसपागा में अपने पोते नंदन हर्डिकर के साथ रहती थीं। .

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शाहरुख़ ख़ान

शाहरुख़ ख़ान (उच्चारण; जन्म 2 नवम्बर 1965), जिन्हें अक्सर शाहरुख खान के रूप में श्रेय दिया जाता है और अनौपचारिक रूप में एसआरके नाम से सन्दर्भित किया जाता, एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है। अक्सर मीडिया में इन्हें "बॉलीवुड का बादशाह", "किंग खान", "रोमांस किंग" और किंग ऑफ़ बॉलीवुड नामों से पुकारा जाता है। खान ने रोमैंटिक नाटकों से लेकर ऐक्शन थ्रिलर जैसी शैलियों में 75 हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया है। फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिये उन्होंने तीस नामांकनों में से चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते हैं। वे और दिलीप कुमार ही ऐसे दो अभिनेता हैं जिन्होंने साथ फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। अर्थशास्त्र में उपाधी ग्रहण करने के बाद इन्होने अपने करियर की शुरुआत १९८० में रंगमंचों व कई टेलिविज़न धारावाहिकों से की और १९९२ में व्यापारिक दृष्टी से सफल फ़िल्म दीवाना से फ़िल्म क्षेत्र में कदम रखा। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके पश्च्यात उन्होंने कई फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं अदा की जिनमे डर (१९९३), बाज़ीगर (१९९३) और अंजाम (१९९४) शामिल है। वे कई प्रकार की भूमिकाओं में दिखे व भिन्न-भिन्न प्रकार की फ़िल्मों में कार्य किया जिनमे रोमांस फ़िल्में, हास्य फ़िल्में, खेल फ़िल्में व ऐतिहासिक ड्रामा शामिल है। उनके द्वारा अभिनीत ग्यारह फ़िल्मों ने विश्वभर में १ बिलियन का व्यवसाय किया है। खान की कुछ फ़िल्में जैसे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (१९९५), कुछ कुछ होता है (१९९८), ''देवदास'' (२००२), ''चक दे! इंडिया'' (२००७), ओम शांति ओम (२००७), रब ने बना दी जोड़ी (२००८) और रा.वन (२०११) अबतक की सबसे बड़ी हीट फ़िल्मों में रही है और कभी खुशी कभी ग़म (२००१), कल हो ना हो (२००३), वीर ज़ारा (२००६)। वेल्थ रिसर्च फर्म वैल्थ एक्स के मुताबिक किंग खान पहले सबसे अमीर भारतीय अभिनेता बन गए हैं। फर्म ने अभिनेता की कुल संपत्ति 3660 करोड़ रूपए आंकी थी लेकिन अब 4000 करोङ बताई जाती है। .

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शिवमंगल सिंह 'सुमन'

शिवमंगल सिंह 'सुमन' (1 915-2002) एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और शिक्षाविद् थे। उनकी मृत्यु के बाद, भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री ने कहा, "डॉ शिव मंगल सिंह 'सुमन' केवल हिंदी कविता के क्षेत्र में एक शक्तिशाली हस्ताक्षर ही नहीं थे, बल्कि वह अपने समय की सामूहिक चेतना के संरक्षक भी थे। न केवल अपनी भावनाओं का दर्द व्यक्त किया, बल्कि युग के मुद्दों पर भी निर्भीक रचनात्मक टिप्पणी भी थी। " .

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शिवकुमार शर्मा

पंडित शिवकुमार शर्मा (जन्म १३ जनवरी, १९३८, जम्मू, भारत) प्रख्यात भारतीय संतूर वादक हैं। संतूर एक कश्मीरी लोक वाद्य होता है। इनका जन्म जम्मू में गायक पंडित उमा दत्त शर्मा के घर हुआ था। १९९९ में रीडिफ.कॉम को दिये एक साक्षातकार में उन्होंने बताया कि इनके पिता ने इन्हें तबला और गायन की शिक्षा तब से आरंभ कर दी थी, जब ये मात्र पाँच वर्ष के थे। इनके पिता ने संतूर वाद्य पर अत्यधिक शोध किया और यह दृढ़ निश्चय किया कि शिवकुमार प्रथम भारतीय बनें जो भारतीय शास्त्रीय संगीत को संतूर पर बजायें। तब इन्होंने १३ वर्ष की आयु से ही संतूर बजाना आरंभ किया और आगे चलकर इनके पिता का स्वप्न पूरा हुआ। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में १९५५ में किया था। १९८८ में वादन करते हुए शिवकुमार शर्मा संतूर के महारथी होने के साथ साथ एक अच्छे गायक भी हैं। एकमात्र इन्हें संतूर को लोकप्रिय शास्त्रीय वाद्य बनाने में पूरा श्रेय जाता है। इन्होंने संगीत साधना आरंभ करते समय कभी संतूर के विषय में सोचा भी नहीं था, इनके पिता ने ही निश्चय किया कि ये संतूर बजाया करें। इनका प्रथम एकल एल्बम १९६० में आया। १९६५ में इन्होंने निर्देशक वी शांताराम की नृत्य-संगीत के लिए प्रसिद्ध हिन्दी फिल्म झनक झनक पायल बाजे का संगीत दिया। १९६७ में इन्होंने प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया और पंडित बृजभूषण काबरा की संगत से एल्बम कॉल ऑफ द वैली बनाया, जो शास्त्रीय संगीत में बहुत ऊंचे स्थान पर गिना जाता है। इन्होंने पं.

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शुभा मुद्गल

शुभा मुद्गल (जन्म १९४९) भारत की एक प्रसिद्ध हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, खयाल, टुमरी, दादरा और प्रचलित पॉप संगीत गायिका हैं। इन्हें १९९६ में सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म संगीत निर्देशन का नेशनल अवार्ड अमृत बीज के लिये मिला था। Shubha Mudgal Official website.

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श्याम बेनेगल

श्याम बेनेगल (जन्म 14 दिसंबर, 1934) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध निर्देशक हैं। अंकुर, निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फिल्मों के लिये चर्चित बेनेगल समानांतर सिनेमा के अग्रणी निर्देशकों में शुमार किये जाते हैं। श्याम को 1976 में पद्मश्री और 1961 में पद्मभूषण सम्मान दिये गये। 2007 में वे अपने योगदान के लिये भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़े गये। सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फीचर फिल्म के लिये राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाँच बार जीतने वाले वे एकमात्र फिल्म निर्देशक हैं। श्याम बेनेगल को भारत सरकार द्वारा सन १९९१ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र से हैं। .

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श्याम सिंह 'शशि'

डॉ श्याम सिंह 'शशि' (१९३५) हिन्दी साहित्यकार तथा समाजविज्ञानी हैं। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया है। २०१२ में उन्हें सर्बिया रिपब्लिक की राजधानी बेलग्रेड में नवगठित अंतरराष्ट्रीय रोमा संस्कृति विश्वविद्यालय का अध्यक्ष व कुलाधिपति मनोनीत किया गया है। डॉ॰ शशि के साहित्य पर विभिन्न विश्वविद्यालयों से अनेक एम.फिल, पी.एचडी.

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श्यामलाल गुप्त 'पार्षद'

इसी झण्डे पर गीत लिखा था श्यामलाल गुप्त 'पार्षद' ने श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक सेनानी, पत्रकार, समाजसेवी एवं अध्यापक थे। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान उत्प्रेरक झण्डा गीत (विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा) की रचना के लिये वे इतिहास में सदैव याद किये जायेंगे। .

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श्रेयान्स प्रसाद जैन

श्रेयान्स प्रसाद जैन (१९०८- १९९२) साहित्य, संस्कृति और कला के संवर्धन में अग्रणी नाम है। ये भारतीय ज्ञानपीठ के अध्यक्ष रहें एवं पद्मश्री की उपाधि से अलंकृत किए गये। श्रेणी:ज्ञानपीठ.

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श्री लाल जोशी

श्री लाल जोशी (5 मार्च 1931 – 2 मार्च 2018) फड़ चित्रकला के भारतीय कलाकार है, यह राजस्थान की लोकप्रिय लोक चित्रकला है। .

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श्रीदेवी

श्रीदेवी (जन्म: श्री अम्मा येंजर अय्यपन; १३ अगस्त १९६३ – २४ फरवरी २०१८) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री थीं, जिन्होंने तमिल, मलयालम, तेल्गु, कन्नड़ और हिन्दी सिनेमा में काम किया था। भारतीय सिनेमा की पहली "महिला सुपरस्टार" कही जाने वाली श्रीदेवी ने पाँच फिल्मफेयर पुरस्कार भी प्राप्त किये। १९८० और १९९० के दशक में श्रीदेवी सबसे अधिक वेतन प्राप्त करने वाली अभिनेत्रयों में शामिल थीं, और उन्हें उस युग की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्री माना जाता है। २०१३ में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। १९७५ की फिल्म जूली से उन्होंने हिन्दी सिनेमा में बाल अभिनेत्री के रूप में प्रवेश किया था। अपनी पहली फिल्म मून्द्र्हु मुदिछु नामक तमिल में थी। श्रीदेवी का बॉलीवुड में प्रवेश १९७८ की फिल्म सोलहवाँ सावन से हुआ। लेकिन उन्हे सबसे अधिक पहचान १९८३ की फिल्म हिम्मतवाला से मिली। सदमा, नागिन,निगाहें, मिस्टर इन्डिया, चालबाज़, लम्हे, ख़ुदागवाह और जुदाई उनकी प्रसिद्ध फ़िल्में हैं। २४ फरवरी २०१८ को दुबई में उनका निधन हुआ। अपने फिल्मी करियर में श्रीदेवी ने 63 हिंदी, 62 तेलुगु, 58 तमिल, 21 मलयालम तथा कुछ कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया। .

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शेखर पाठक

प्रसिद्ध भारतीय लेखक डॉक्टर शेखर पाठक। डा.

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शेखर बासु

शेखर बासु भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्‍यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव हैं। 23 अक्‍टूबर, 2015 को डॉ॰ रतन कुमार सिन्‍हा की सेवानिवृत्‍ति के पश्‍चात् कार्यभार सँभाला। उन्हें विज्ञान एवं इंजीनियरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराष्ट्र राज्य से हैं। .

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शीतल राणे महाजन

शीतल राणे महाजन एक भारतीय महिला स्काईडाइविंग एडवंचरिस्ट हैं। वे सात महाद्वीपों में स्काईडाइविंग कर चुकी हैं, जिसके लिए उन्हें एयरो क्लब ऑफ इंडिया ने पिछले साल उन्हें प्रतिष्ठित साबिहा गोक्सेन मेडल के लिए नामित किया था। स्काईडाइविंग में 18 नेशनल और 6 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड उनके नाम हैं। दुनियाभर में अब तक वे 704 जंप लगा चुकी हैं। उन्होने अप्रैल, 2004 में एडवेंचर स्पोर्ट की शुरुआत की। तब उन्होंने नॉर्थ पोल पर माइनस 37 डिग्री टेम्परेचर में 2400 फीट से छलांग लगाई। 2016 में एंटार्कटिका में 11,600 फीट से जंप किया। तब शीतल की उम्र महज 23 साल थी और ऐसा करने वाली दुनिया की पहली और यंगेस्ट महिला बनीं। अभी हाल ही में उन्होने नऊवारी साड़ी पहनकर स्काइ डाइव करके थाइलैंड में एक खास रिकार्ड अपने नाम किया है। शीतल राणे महाराष्ट्र के पुणे की निवासी हैं। उनके दो जुड़वां बेटे हैं, जिनकी उम्र 9 वर्ष है।वे पद्मश्री से सम्मानित हैं। .

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शीला झुनझुनवाला

शीला झुनझुनवाला दिल्ली की एक पत्रकार हैं। टाइम्स ऑफ इण्डिया तथा हिन्दुस्तान टाइम्स प्रकाशन समूह की हिन्दी साहित्यिक पत्रिकाऑं (धर्मयुग व कादम्बिनी) का उन्होंने सम्पादन किया। भारत सरकार ने उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिये सन् १९९१ में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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शीला मेहरा

शीला मेहरा एक भारतीय स्त्री रोग और प्रसूति विशेषज्ञ हैं। वह मूलचन्द अस्पताल, नई दिल्ली के स्त्री रोग और प्रसूति विभाग की निर्देशिका हैं।  1959 में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से ग्रैजुएशन करने के बाद उन्होंने DRCOG और MRCOG की डिग्री रॉयल कॉलेज ऑफ ओब्सटेटरीशीअन्स एंड गाइनीकोलोजिस्टस, ब्रिटेन से की।  वह इंडियन कॉलेज ऑफ ओब्सटेटरीशीअन्स एंड गाइनीकोलोजिस्टस (ICOG) में शोधकर्ता हैं और बहुत से पुरुस्कार जैसे कि- राधा रमन पुरस्कार (1998) और  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार (2006) पा चुकी हैं।  भारत सरकार ने उन्हें चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से 1991 में सम्मानित किया।  .

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सचिन तेंदुलकर

सचिन रमेश तेंदुलकर (अंग्रेजी उच्चारण:, जन्म: २४ अप्रैल १९७३) क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ौं में गिने जाते हैं। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सन् २००८ में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। सन् १९८९ में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात् वह बल्लेबाजी में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में १४००० से अधिक रन बनाने वाले वह विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है।    उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुम्बई के लिये १४ वर्ष की उम्र में खेला था। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत १९८९ में पाकिस्तान के खिलाफ कराची से हुई। सचिन क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्व भर में उनके अनेक प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं जिनमें सबसे प्रचलित लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर है। क्रिकेट के अलावा वह अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं। तत्काल में वह राज्य सभा के सदस्य हैं, सन् २०१२ में उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर फिल्म ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’ बनी। इस फ़िल्म का टीज़र भी बहुत रोमांचक हैं। टीजर में एक ऐसे इंसान को उसी की कहानी सुनाते हुए देखेंगे जो एक शरारती बच्चे से एक हीरो बनकर उभरता है। ख़ुद सचिन तेंदुलकर का भी ये मानना है कि क्रिकेट खेलने से अधिक चुनौतीपूर्ण अभिनय करना है।सचिन – ए बिलियन ड्रीम्स’ का निर्माण रवि भगचंदका ने किया है और इसका निर्देशन जेम्स अर्सकिन ने। .

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सच्चिदानंद राउतराय

सच्चिदानंद राउतराय एक उड़िया साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह कविता–1962 के लिये उन्हें सन् १९६३ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (ओड़िया) से सम्मानित किया गया। इन्हें १९८६ में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। स्वाधीनता-संग्राम सहित अनेक आन्दोलनों में भाग लेने के कारण कई बार जेल-यात्रा। स्नातक करने के उपरान्त बीस वर्ष कोलकाता में नौकरी और फिर कटक-वास। .

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सतपाल (पहलवान)

सतपाल भारत के प्रसिद्ध कुश्ती पहलवान हैं। वे १९८२ के एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता हैं। आजकल वे दिल्ली में पहलवानों के प्रशिक्षण में संलग्न हैं। ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार भी उनके शिष्य रहे हैं। सतपाल पहलवान को पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। सतपाल आजकल दिल्ली के शिक्षा विभाग में उप शिक्षा निदेशक पद पर कार्य कर रहे हॅ। .

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सत्यजित राय को मिले सम्मान

निम्नांकित सूची विख्यात भारतीय फ़िल्म निर्देशक सत्यजित राय को मिले सम्मानों को प्रदर्शित करती है। इससे उनके विश्वव्यापी ख्याति, उनकी दृष्टि एव्ं उनके कार्यों का परिचय मिलता है़। .

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सम्मान

सम्मान एक अमूर्त अवधारणा है जो योग्यता और प्रतिष्ठा का आवेश है जो किसी व्यक्ति या संस्था जैसे कि परिवार, विद्यालय, रेजिमेंट या राष्ट्र के सामाजिक स्तर और स्व-मूल्यांकन दोनों को प्रभावित करता है। तदनुसार, व्यक्तियों (या संस्थानों) को विशिष्ट कार्यों के सामंजस्य के आधार पर मूल्य और कद प्रदान किया जाता है। कामुकता के संबंध में, पारम्परिक रूप से सम्मान "शुद्धता" या "कौमार्य" के साथ जुड़ा रहा है या विवाहित पुरुषों और महिलाओं के मामले में "निष्ठा" से। सम्मान की अवधारणा के महत्व में आधुनिक दुनिया में गिरावट आई है और अंत:करण ने इस की जगह ले ली है। एक संज्ञा के रूप में, सम्मान किसी पुरस्कार का उल्लेख भी कर सकता है। उदाहरण के लिये किसी राष्ट्र द्वारा दिए गए। इस तरह के सम्मान में सैन्य पदक शामिल होते हैं, लेकिन अधिकतर आम तौर पर इसका मतलब नागरिक पुरस्कार होता है, जैसे कि पद्म श्री, नाइटहुड या पाकिस्तानी निशान-ए–पाकिस्तान। .

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सरदार सिंह

सरदार सिंह (जन्म: 15 जुलाई 1986 सिरसा, हरियाणा) भारत के फील्ड हॉकी खिलाड़ी हैं। इन्हें सरदारा सिंह के नाम से भी जाना जाता है। सरदार मिडफील्डर के स्थान पर खेलते हैं। भारत सरकार ने २०१२ में सरदार को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।.

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सरदार अंजुम

सरदार अंजुम भारत के एक प्रख्यात शायर एवं लेखक हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा सन २००५ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये हरियाणा राज्य के पंचकुला से हैं। इससे पहले १९९१ में उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

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सरुन्ग्बम बिमला कुमारी देवी

सरुन्ग्बम बिमला कुमारी देवी एक भारतीय चिकित्सक हैं और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के तौर पर इंफाल में जो कि भारतीय राज्य मणिपुर के पश्चिमी क्षेत्रमें मौजूद है, में काम करती हैं। मणिपुर राज्य चिकित्सा सेवा में वह 1979 से सेवा कर रही हैं और ज्यादातर काम उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में किया है। भारत के प्रधानमंत्री,नरेन्द्र मोदी,  के दो यात्राओं के दौरान खाद्य सुरक्षा कार्यालयराज्य उनके नेतृत्व में था। देवी, को 2014 में अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, से सम्मानित किया गया और 2015 में पद्म श्री, जो कि चौथा सर्वोच्च भारतीय नागरिक सम्मान है, से नवाज़ा गया। .

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सर्वेश्‍वर सहारि‍या

सर्वेश्‍वर सहारि‍या को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे आंध्र प्रदेश राज्य से हैं। .

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सादिक-उर-रहमान किदवई

सादिक-उर-रहमान किदवई (Sadiq-ur-Rahman Kidwai) एक भारतीय लेखक, शिक्षाविद और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लैड्ग्वेज के एक पूर्व डीन हैं। यह उर्दू साहित्य में अपनी विद्वत्ता के लिए जाना जाता है। वह दिल्ली में प्रसिद्ध शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थान ग़ालिब संस्थान के सचिव और भारत के गोएथे सोसाइटी के सदस्य हैं। भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया था। .

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सानिया मिर्ज़ा

सानिया मिर्ज़ा (उर्दू: ثانیہ مرزا, तेलुगू: సాన్యా మీర్జా, जन्म: 15 नवम्बर 1986, मुंबई,महाराष्ट्र) भारत की एक टेनिस खिलाड़ी हैं। 2003 से 2013 में लगातार एक दशक तक उन्होने महिला टेनिस संघ (डब्ल्यू टी ए) के एकल और डबल में शीर्ष भारतीय टेनिस खिलाड़ी के रूप में अपना स्थान बनाए रखने में सफल रही और उसके बाद एकल प्रतियोगिता से उनकी सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष स्थान पर अंकिता रैना विराजमान हुई। मात्र 18 वर्ष की आयु में वैश्विक स्तर पर चर्चित होने वाली इस खिलाड़ी को 2006 में 'पद्मश्री' सम्मान प्रदान किया गया। वे यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी है। उन्हें 2006 में अमेरिका में विश्व की टेनिस की दिग्गज हस्तियों के बीच डब्लूटीए का 'मोस्ट इम्प्रेसिव न्यू कमर एवार्ड' प्रदान किया गया था। अपने कॅरियर की शुरुआत उन्होंने 1999 में विश्व जूनियर टेनिस चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर किया। इसके बाद उन्होंने कई अंतररार्ष्ट्रीय मैचों में हिस्सा लिया और सफलता भी पाई। 2003 उनके जीवन का सबसे रोचक मोड़ बना जब भारत की तरफ से वाइल्ड कार्ड एंट्री करने के बाद सानिया मिर्ज़ा ने विम्बलडन में डबल्स के दौरान जीत हासिल की। वर्ष 2004 में बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें 2005 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2005 के अंत में उनकी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग 42 हो चुकी थी जो किसी भी भारतीय टेनिस खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा थी। 2009 में वह भारत की तरफ से ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं। सानिया के पिता इमरान मिर्ज़ा एक खेल संवाददाता थे। कुछ समय के बाद उन्हें हैदराबाद जाना पड़ा जहां एक पारंपरिक शिया खानदान के रूप में सानिया का बचपन गुजरा। निज़ाम क्लब हैदराबाद में सानिया ने छ्ह साल की उम्र से टेनिस खेलना शुरु किया था। महेश भूपति के पिता और भारत के सफल टेनिस प्लेयर सीके भूपति से सानिया ने अपनी शुरुआती कोचिंग ली। उनके पिता के पास इतने पैसे नहीं थे जो वह सानिया को प्रोफेशनल ट्रेनिंग करवा सकें। इसके लिए उन्होंने कुछ बड़े व्यापारिक समुदायों से स्पाँशरशिप ली। जीवेके इंड्रस्ट्रीज और एडीडास ने सानिया मिर्ज़ा को 12 साल से ही स्पाँशर करना शुरु कर दिया। उसके बाद उनके पिता ने उनकी ट्रेनिंग का जिम्मा ले लिया। अक्टूबर 2005 में टाइम पत्रिका के द्वारा सानिया को एशिया के 50 नायकों में नामित किया गया था। मार्च 2010 में नवभारत टाइम्स समाचार पत्र के द्वारा उन्हें भारत की गौरवान्वित 33 महिलाओं की सूची में नामित किया गया। वर्तमान में, वे नवगठित भारतीय राज्य तेलंगाना की 'ब्रांड एंबेसडर' हैं। .

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साबरी खान

साबरी खान (उर्दू: استاد صابری خان‎; 21 मई 1927 – 1 दिसंबर 2015) एक भारतीय सारंगी वादक थे, जिन्होंने इस भारतीय वाद्य को संपूर्ण विश्व में लोकप्रिय बनाया। उनका जन्म 21 मई, 1927 में मुरादाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। ये सैनिया घराना से संबंधित वादक थे। संगीत में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें वर्ष 1990 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार तथा भारत सरकार ने 1992 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। भारत सरकार द्वारा सन २००६ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से थे।1 दिसंबर, 2015 को उनका निधन सांस की बीमारी के कारण हो गया। .

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सावित्री चटर्जी

सावित्री चटर्जी को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे पश्चिम बंगाल राज्य से हैं। .

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साइना नेहवाल

साइना नेहवाल (जन्म:१७ मार्च १९९०) भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वर्तमान में वह दुनिया की शीर्ष वरीयता प्राप्त महिला बैडमिंटन खिलाडी हैं तथा इस मुकाम तक पहुँचने वाली वे प्रथम भारतीय महिला हैं। साथ ही एक महीने में तीसरी बार प्रथम वरीयता पाने वाली भी वो अकेली महिला खिलाडी हैं। लंदन ओलंपिक २०१२ मे साइना ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। बैडमिंटन मे ऐसा करने वाली वे भारत की पहली खिलाड़ी हैं। २००८ में बीजिंग में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों मे भी वे क्वार्टर फाइनल तक पहुँची थी। वह बीडबल्युएफ विश्व कनिष्ठ प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय हैं। वर्तमान में वह शीर्ष महिला भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और भारतीय बैडमिंटन लीग में अवध वैरियर्स की तरफ से खेलती हैं। साइना भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं हैं। .

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साइखोम मीराबाई चानू

साइखोम मीराबाई चानू (जन्म 8 अगस्त 1994) एक भारतीय भारोत्तोलन खिलाड़ी हैं। वह 2014 से नियमित रूप से 48 किग्रा श्रेणी की अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले रहीं हैं। चानू ने विश्व चैम्पियनशिप तथा राष्ट्रमण्डल खेलों में पदक जीते हैं। उन्हें खेल के क्षेत्र में योगदान के लिये भारत सरकार से पद्म श्री पुरस्कार मिल चुका है। चानू ने 2014 राष्ट्रमण्डल खेलें में 48 किग्रा श्रेणी में रजत पदक जीता तथा गोल्ड कोस्ट में हुए 2018 संस्करण में विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण पदक जीता। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2017 में अनाहाइम, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित हुई विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना था। .

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सितारा देवी

मोटे अक्षर'तिरछे अक्षर सितारा देवी (8 नवम्बर, 1920 – 25 नवम्बर, 2014)) भारत की प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना थीं। जब वे मात्र १६ वर्ष की थीं, तब उनके नृत्य को देखकर रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने उन्हें 'नृत्य सम्राज्ञी' कहकर सम्बोधित किया था। उन्होने भारत तथा विश्व के विभिन्न भागों में नृत्य का प्रदर्शन किया। इनका जन्म 1920 के दशक की एक दीपावली की पूर्वसंध्या पर कलकत्ता हुआ था। इनका मूल नाम धनलक्ष्मी और घर में धन्नो था। इनको बचपन में मां-बाप के लाड-दुलार से वंचित होना पड़ा था। मुंह टेढ़ा होने के कारण भयभीत मां-बाप ने उसे एक दाई को सौंप दिया जिसने आठ साल की उम्र तक उसका पालन-पोषण किया। इसके बाद ही सितारा देवी अपने मां बाप को देख पाईं। उस समय की परम्परा के अनुसार सितारा देवी का विवाह आठ वर्ष की उम्र में हो गया। उनके ससुराल वाले चाहते थे कि वह घरबार संभालें लेकिन वह स्कूल में पढना चाहती थीं।|हिन्दुस्तान लाईव स्कूल जाने के लिए जिद पकड लेने पर उनका विवाह टूट गया और उन्हें कामछगढ हाई स्कूल में दाखिल कराया गया। वहां उन्होंने मौके पर ही नृत्य का उत्कृष्ट प्रदर्शन करके सत्यवान और सावित्री की पौराणिक कहानी पर आधारित एक नृत्य नाटिका में भूमिका प्राप्त करने के साथ ही अपने साथी कलाकारों को नृत्य सिखाने का उत्तरदायित्व भी प्राप्त कर लिया। .

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सिद्धार्थ मुखर्जी

सिद्धार्थ मुखर्जी सिद्धार्थ मुखर्जी कैंसर पर लिखी अपनी किताब के लिए 2011 में पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। सि‍द्धार्थ मुखर्जी को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे यू.एस.ए से हैं। .

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सिल्वरिन स्वर

सिल्वरिन स्वर (१९१०-२०१४), जो लोकप्रिय रूप से कोंग सिल (कांग का अर्थ है खसी भाषा में बड़ी बहन) के रूप में जानी जाती है, एक भारतीय सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता, शिक्षाविद् और सिविल कर्मचारी थे। वह पहली महिला थी जो मेघालय सरकार में वरिष्ठ पद पर थी। भारत सरकार ने १९९० में पद्म श्री के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था। .

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संतोष यादव

संतोष यादव भारत की एक पर्वतारोही हैं। वह माउंट एवरेस्ट पर दो बार चढ़ने वाली विश्व की प्रथम महिला हैं। इसके अलावा वे कांगसुंग (Kangshung) की तरफ से माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ने वाली विश्व की पहली महिला भी हैं। उन्होने पहले मई १९९२ में और तत्पश्चात मई सन् १९९३ में एवरेस्ट पर चढ़ाई करने में सफलता प्राप्त की।jay hind .

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संतोष सीवान

संतोष सीवान भारत के एक विख्यात फिल्मकार हैं। उन्हें कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे तमिलनाडु राज्य से हैं। .

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संजीव कपूर

संजीव कपूर एक भारतीय सेलिब्रिटी शेफ (खानसामा/ रसोइया), उद्यमी लेखक और टेलीविजन के व्यक्तित्व हैं।इनका जन्म १० अप्रैल १९६४ को अंबाला, पूर्वी पंजाब, भारत में हुआ।वे खाना खज़ाना नमक टीवी कार्यक्रम, जो की एशिया में अपनी तरह का सबसे लंबा टेलीविजन कार्यक्रम था, का हिस्सा रहे। यह कार्यक्रम १२० देशों में प्रसारित हुआ और वर्ष २०१० में इसके ५० करोड़ से अधिक दर्शक थे। उन्होंने जनवरी २०११ में अपना खुद का टेलीविजन चैनल 'फ़ूड फ़ूड' भी लॉन्च किया। अपने भारतीय संगठन के माध्यम से डिस्कवरी कम्युनिकेशंस ने कपूर के चैनल में एक बड़ा हिस्सा हासिल किया है। वह झलक दिखला जा नामक टेलीविजन पर दिखाई जाने वाली नृत्य प्रतियोगिता के एक प्रतियोगी थे। .

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सुदर्शन पटनायक

सुदर्शन पटनायक सुदर्शन पटनायक द्वारा निर्मित बालू की एक मूर्ति सुदर्शन पटनायक (जन्म: १५ अप्रैल १९७७) भारत के ओडिशा के प्रसिद्ध रेत-कलाकार हैं। उनको कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे ओडिशा राज्य से हैं। वे रेत से कलाकृतियाँ बनाते हैं। .

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सुधा कौल

सुधा कौल (Sudha Kaul) एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद हैं जो शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के पुनर्वास के लिए उनकी सेवाओं के लिए जानी जाती हैं। डॉ कौल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सेरेब्रल पाल्सी (आईआईसीपी) की उपाध्यक्ष हैं। और विशेष शिक्षा केंद्र की संस्थापक हैं। उसने कई सरकारी समितियों में सेवा की है और भारत के विकलांग नागरिकों के नए कानूनों का मसौदा तैयार करने के लिए बनाई गई एक सरकारी कमेटी की अध्यक्ष रही है। भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया था। .

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सुधीर तैलंग

सुधीर तैलंग (26 फ़रवरी 1960 – 6 फ़रवरी 2016) भारतीय कर्टूनिस्ट थे। .

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सुनीता नारायण

सुनीता नारायण (जन्म १९६१--) भारत की प्रसिद्ध पर्यावरणविद है। वे हरित राजनीति और अक्षय विकास की महान समर्थक हैं। कु॰ सुनीता नारायणन सन १९८२ से भारत स्थित विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र से जुडी रहीं हैं। इस समय वे इस केन्द्र की निदेशक हैं। वे पर्यावरण संचार समाज (Society for Environmental Communication) की निदेशक भी हैं। वे डाउन टू अर्थ नामक एक अंग्रेजी पाक्षिक पत्रिका भी प्रकाशित करती हैं जो पर्यावरण पर केन्द्रित पत्रिका है। सन २००५ में भारत सरकार ने उन्हे पद्मश्री से अलंकृत किया। प्रकृति से प्यार करने वाली सुनीता नारायण को इंग्लैण्ड की पत्रिका ने दुनिया भर में मौजूद सर्वश्रेष्ठ 100 बुद्धिजीवियों की श्रेणी में शामिल किया है। (अगस्त २०१०) .

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सुनीता रानी

सुनीता रानी (जन्म ४ दिसंबर १९७९) एक भारतीय एथलीट है जिन्होंने १४वीं एशियाई खेलों में १५०० मीटर में स्वर्ण पदक और ५००० मीटर में कांस्य पदक जीता। उनका समय ४: ६०.०३ १५०० मीटर में वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री  से सम्मानित किया गया। वह वर्तमान में पंजाब पुलिस में एसपी के रूप में काम कर रही हैं। .

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सुनील डबास

सुश्री सुनील डबास को खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे हरि‍याणा राज्य से हैं। .

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सुनील दत्त

सुनील दत्त (अंग्रेजी: Sunil Dutt, पंजाबी: ਸੁਨੀਲ ਦੱਤ, जन्म: 6 जून 1929, मृत्यु: 25 मई 2005), जिनका असली नाम बलराज दत्त था, भारतीय फिल्मों के विख्यात अभिनेता, निर्माता व निर्देशक थे, जिन्होंने कुछ पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय राजनीति में भी सार्थक भूमिका निभायी। मनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से 2005 तक वे खेल एवं युवा मामलों के कैबिनेट मन्त्री रहे। उनके पुत्र संजय दत्त भी फिल्म अभिनेता हैं। उन्होंने 1984 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुम्बई उत्तर पश्चिम लोक सभा सीट से चुनाव जीता और सांसद बने। वे यहाँ से लगातार पाँच बार चुने जाते रहे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी प्रिया दत्त ने अपने पिता से विरासत में मिली वह सीट जीत ली। भारत सरकार ने 1968 में उन्हें पद्म श्री सम्मान प्रदान किया। इसके अतिरिक्त वे बम्बई के शेरिफ़ भी चुने गये। .

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सुनील दास

सुनील दास (४ अगस्त १९३९ – १० अगस्त २०१५) भारतीय अभिव्यंजनावादी चित्रकार थे। उनको कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे पश्चिम बंगाल राज्य से हैं। .

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सुनील प्रधान

सुनील प्रधान को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे उत्‍तर प्रदेश राज्य से हैं। .

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सुप्रिया देवी

सुप्रिया देवी को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे पश्चिम बंगाल राज्य से हैं। .

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सुभाष पालेकर

सुभाष पालेकर (जन्म:१९४९) एक भारतीय कृषक एवं कृषि वि‍शेषज्ञ हैं। उन्होंने 'शून्य बजट आध्यात्मिक कृषि' के बारे में अभ्यास किया है और कई पुस्तकें लिखी है। उन्होंने 'शून्य बजट प्राकृतिक (आध्‍यात्‍मि‍क) कृषि' का आवि‍ष्‍कार किया है और ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसमें कृषि करने के लिए न ही किसी भी रासायनिक कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता और न ही बाजार से अन्‍य औषधि‍यां खरीदने की आवश्‍यकता पड़ती है। उन्होंने भारत में इस वि‍षय पर कई कार्यशालाओं का आयोजन किया है। उन्हें वर्ष 2016 का भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया है। .

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सुमन साहय

सुमन साहय एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं और जीन अभियान के संस्थापक हैं। सहाय ने पीएचडी प्राप्त की १९७५ में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से। उन्होंने क्रमशः अलबर्टा विश्वविद्यालय, शिकागो विश्वविद्यालय, और हीडलबर्ग विश्वविद्यालय में काम किया, जहां उन्होंने मानव आनुवांशिकी में अपना अधिवास प्राप्त किया।.

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सुमित्रा गुहा

विदुषी सुमित्रा गुहा (Vidushi Sumitra Guha) एक भारतीय शास्त्रीय गायिका हैं, जो शास्त्रीय संगीत के कर्नाटिक और हिंदुस्तानी स्कूलों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती हैं। भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया था। .

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सुरव्रत कुमार आचार्य

सुरव्रत कुमार आचार्य को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दि‍ल्‍ली; राज्य से हैं। .

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सुरेंद्र दुबे

सुरेंद्र दुबे (Surendra Dubey) कॉमिक कविताओं के एक भारतीय व्यंग्यवादी और लेखक हैं। वह पेशे से एक आयुर्वेदिक चिकित्सक भी हैं। दुबे का जन्म 8 जनवरी 1953 को भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ में दुर्ग के बेमेतरा में हुआ था। उन्होंने पांच किताबें लिखी हैं वह कई मंचो और टेलीविजन शो पर दिखाई दिया है। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2010 में, देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वह 2008 में काका हाथ्री से हसया रत्न पुरस्कार के भी प्राप्तकर्ता हैं। .

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सुशान्त कुमार दासगुप्ता

सुशान्त कुमार दासगुप्ता को विज्ञान एवं इंजीनियरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे पश्चिम बंगाल राज्य से हैं। .

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स्मिता पाटिल

स्मिता पाटिल (जन्म: 17 अक्टूबर, 1955; निधन: 13 दिसम्बर, 1986) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। भारतीय संदर्भ में स्मिता पाटिल एक सक्रिय नारीवादी होने के अतिरिक्त मुंबई के महिला केंद्र की सदस्य भी थीं। वे महिलाओं के मुद्दों पर पूरी तरह से वचनबद्ध थीं और इसके साथ ही उन्होने उन फिल्मो मे काम करने को प्राथमिकता दी जो परंपरागत भारतीय समाज मे शहरी मध्यवर्ग की महिलाओं की प्रगति उनकी कामुकता तथा सामाजिक परिवर्तन का सामना कर रही महिलाओं के सपनों की अभिवयक्ति कर सकें.

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स्वाति पिरामल

स्वाति पिरामल भारत की अग्रणी वैज्ञानिकों और उद्योगपतियों में से एक है और सार्वजनिक स्वास्थ्य और नवाचार के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा में शामिल है। वे पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड की उपाध्यक्ष हैं, यह एक अग्रणी दवा की खोज कंपनी है जो सस्ती दवाएं लाने के उद्देश्य से कार्यरत है और रोग के बोझ को कम करने के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। नई दवाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नवाचारों में उनके योगदान से हजारों लोगों का जीवन संवरा है। 28 मार्च 1956 को जन्मी पिरामल ने 1980 में मुंबई विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। उन्होने हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से मास्टर डिग्री ली हैं। वे पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हैं। .

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सौरव गांगुली

सौरव चंडीदास गांगुली (जन्म ८ जुलाई १९७२) भारत क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान है। वे भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। बंगाल के एक संभ्रांत परिवार में जन्मे सौरव गांगुली अपने भाई स्नेहाशीष गांगुली के द्वारा क्रिकेट की दुनिया में लाए गए। अपने कैरियर की शुरुआत उन्होंने स्कूल की और राज्य स्तरीय टीम में खेलते हुए की। वर्तमान में वह एक दिवसीय मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाडियों में ५ वें स्थान पर हैं और १०,००० बनाने वाले ५ वें खिलाडी और सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय खिलाडी हैं। क्रिकेट पत्रिका Wisden के अनुसार वे अब तक के सर्वश्रेष्ठ एक दिवसीय बल्लेबाजों में ६ठे स्थान पर हैं। कई क्षेत्रीय टूर्नामेंटों (जैसे रणजी ट्राफी, दलीप ट्राफी आदि) में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद गांगुली को राष्ट्रीय टीम में इंग्लैंड के खिलाफ खेलने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने पहले टेस्ट में १३१ रन बनाकर टीम में अपनी जगह बना कर ली। लगातार श्री लंका, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने और कई मैन ऑफ द मैच ख़िताब जीतने के बाद के बाद टीम में उनकी जगह सुनिश्चित हो गयी। १९९९ क्रिकेट विश्व कप में उन्होंने राहुल द्रविड़ के साथ ३१८ रन के साझेदारी की जो की आज भी विश्व कप इतिहास में सर्वाधिक है। सन २००० में टीम के अन्य सदस्यों के मैच फिक्सिंग के कांड के कारण और के खराब स्वास्थ्य तात्कालिक कप्तान सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी त्याग दी, जिसके फलस्वरूप गांगुली को कप्तान बनाया गया। जल्द ही गांगुली को काउंटी क्रिकेट में durham की ओर से खराब प्रदर्शन और २००२ में नेटवेस्ट फायनल में शर्ट उतारने के कारण मीडिया में आलोचना का सामना करना पड़ा | सौरव ने २००३ विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और भारत विश्व कप फायनल में ऑस्ट्रेलिया से हरा.

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सूनी तारापोरवाला

सूनी तारापोरेवाला (जन्म 1957) एक पटकथा लेखक और फोटोग्राफर हैं। उन्हें मीरा नायर द्वारा निर्देशित मिसिसिपी मसाला, द नेमसेक और ऑस्कर के लिए नामित सलाम बॉम्बे! (1988) के लिए किए गये पटकथा लेखन के लिए जाना जाता है। .

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सेन्‍गाकू मायदा

सेन्‍गाकू मायदा को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे जापान से हैं। .

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सेरिंग लैंडौल

सेरिंग लैंडौल एक भारतीय स्त्री रोग विशेषज्ञ और उत्तरी भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर लद्दाख क्षेत्र में महिलाओं के स्वास्थ्य के अग्रदूतों में से एक हैं। वह सोनम नोरबू मेमोरियल सरकारी अस्पताल, लेह में कार्य करता हैं और अन्य शैक्षिक संस्थानों के साथ भी जुडी हैं। भारत सरकार ने उन्हें चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से वर्ष 2006 में चिकित्सा  में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। वह यह पुरस्कार पाने वाली जम्मू और कश्मीर की कुछ महिला प्राप्तकर्ताओं में से एक हैं और लद्दाख से यह सम्मान पाने वाली पहली महिला चिकित्सक हैं।  .

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सोहन लाल द्विवेदी

सोहन लाल द्विवेदी (22 फरवरी 1906 - 1 मार्च 1988) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। ऊर्जा और चेतना से भरपूर रचनाओं के इस रचयिता को राष्ट्रकवि की उपाधि से अलंकृत किया गया। महात्मा गांधी के दर्शन से प्रभावित, द्विवेदी जी ने बालोपयोगी रचनाएँ भी लिखीं। 1969 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया था। .

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सी॰ एन॰ आर॰ राव

चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव (कन्नड़: ಚಿಂತಾಮಣಿ ನಾಗೇಶ ರಾಮಚಂದ್ರ ರಾವ್) जिन्हें सी॰ एन॰ आर॰ राव के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय रसायनज्ञ हैं जिन्होंने घन-अवस्था और संरचनात्मक रसायन शास्त्र के क्षेत्र में मुख्य रूप से काम किया है। वर्तमान में वह भारत के प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के प्रमुख के रूप में सेवा कर रहे हैं। डॉ॰ राव को दुनिया भर के 60 विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट प्राप्त है। उन्होंने लगभग 1500 शोध पत्र और 45 वैज्ञानिक पुस्तकें लिखी हैं। वर्ष 2013 में भारत सरकार ने उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया। सी वी रमण और ए पी जे अब्दुल कलाम के बाद इस पुरस्कार से सम्मानित किये जाने वाले वे तीसरे ऐसे वैज्ञानिक हैं। .

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हबीब तनवीर

हबीब तनवीर चित्र में दाहिने हबीब तनवीर (जन्म: 1 सितंबर 1923) भारत के मशहूर पटकथा लेखक, नाट्य निर्देशक, कवि और अभिनेता थे। हबीब तनवीर का जन्म छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ था, जबकि निधन 8 जून,2009 को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुआ। उनकी प्रमुख कृतियों में आगरा बाजार (1954) चरणदास चोर (1975) शामिल है। उन्होंने 1959 में दिल्ली में नया थियेटर कंपनी स्थापित किया था। .

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हम्पी कोनेरु

हम्पी कोनेरु (तेलुगू: కోనేరు హంపీ; जन्म 31 मार्च 1987 गुडिवाडा, आन्ध्र प्रदेश) एक भारतीय, शतरंज की ग्रैंडमास्टर खिलाडी है। इनका जनवरी २०१० में फाईड स्तर 2614 था, जिससे वह संसार की दुसरे स्थान की (जुड़ीट पोल्गर के बाद) महिला शतरंज खिलाडी बन गई। 2007 में इन्होने सुशान पोल्गर द्वारा स्थापित 2577 के स्तर को पार किया और विश्व में दुसरे स्थान की सबसे बड़ी खिलाडी होने का गौरव प्राप्त किया। 2007 में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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हरि उप्पल

हरि उप्पल (Hari Uppal) (1926-2011) एक भारतीय शास्त्रीय नर्तक और एक शास्त्रीय नृत्य अकादमी भारतीय नृत्यिका मंदिर के संस्थापक थे। वह कथकली और मणिपुरी के नृत्य रूपों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2010 में, देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। .

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हरिहरन

2014 का चित्र हरिहरन भारतीय पार्श्वगायक और गज़ल गायक है। हिन्दी फिल्मों के कई मशहूर गीत उन्होंने गाये हैं। 2004 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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हरिकृष्ण जैन

हरिकृष्ण जैन (जन्म २८ मई १९३०) भारतीय कायटोजेनेटिक्स के विशेषज्ञ है। वे केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक रह चुके है। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने, जो भारत की सर्वोच्च विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की अनुसंधान एवं विकास संबंधी संस्थान है, इन्हे १९६६ में जीव विज्ञान श्रेणी का शांति स्वरूप भटनागर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार प्रदान किया। इन्हे भारत सरकार ने १९८१ में चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानीत किया। .

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हर्षवर्धन नियोतिया

हर्षवर्धन नियोतिया (जन्म: 19 जुलाई 1961), अंबुजा नियोतिया ग्रुप के अध्यक्ष हैं। उन्हें वर्ष 2016 के लिए भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) का अध्यक्ष चुना गया है। सामाजिक आवास में उनके उत्कृष्ट पहल के लिए इन्हें वर्ष 1999 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इसके पूर्व वे फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे। नियोतिया राजस्थान की मुख्यमंत्री की सलाहकार परिषद और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के उद्योग प्रमुख समिति के सदस्य भी हैं। .

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हरी शंकर शर्मा

हरी शंकर शर्मा (१८९१ – १९६८) भारत के ऊर्दू शायर और हिन्दी कवि थे। उन्हें १९६६ में भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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हरीश चन्द्र सिंह रावत

हरीश चन्द्र सिंह रावत (३ जुलाई १९३४ – २० जनवरी २००८) एक भारतीय पर्वतारोही थे जो १९६५ में माउंट एवरेस्ट पर चढ़े। १९६५ में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से पुरस्कृत किया। .

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हलधर नाग

हलधर नाग ओड़ीसा के कोसली भाषा के कवि एवम लेखक हैं। वे 'लोककवि रत्न' के नाम से प्रसिद्ध हैं। भारत सरकार द्वारा उन्हें २०१६ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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हसमुख चमनलाल साह

हसमुख चमनलाल साह को लोक-कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे गुजरात राज्य से हैं। .

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हाओबाम ओंगबी निंगबी देवी

हाओबाम ओंगबी निंगबी देवी (Haobam Ongbi Ngangbi Devi) (1 अगस्त 1924 - 12 जून 2014) एक भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना और संगीतकार थी जो ला हाराबा और रास मनीपुरी नृत्य रूपों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती थी। वह भारत सरकार द्वारा 2010 में देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। .

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हाकि‍म सैयद खलफेतुल्लाह

हाकि‍म सैयद खलफेतुल्लाह को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे तमि‍लनाडु राज्य से हैं। .

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हकीम सय्यद ज़िल्लुर रहमान

हकीम सय्यद ज़िल्लुर रहमान (حکیم سید ظل ا لرحمن.) (হাকিম সৈয়দ জিল্লুর রহমান), एक मशहूर यूनानी चिकित्सा के अनुसंधानकर्ता हैं। उनका योगदान यूनानी वैद्य विधान के लिये काफ़ी महत्वपूर्ण माना जाता है। इन्हों ने २००० ई को इब्न सीना अकाडेमी आफ़ मेडिसिन अंड सैन्सेस की स्थापना की। यह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अजमल खान तिब्बिया कालेज के प्रोफ़ेसर और चैरमन रह चुके हैं। में चलीस साल की सेवा के बाद वह डीन और इतर सेवाओं के बाद रिटैर हुए। उन्होंने 45 ग्रन्थ एवम पुस्तक लिखे, जो यूनानी वैद्य विधान पर निर्भर हैं। इन के पास यूनानी पुस्तक भंडार भी मौजूद है। भारत की सरकार ने इनको यूनानी वैद्यविधान पर विशेश काम के लिये, पद्मश्री पुरस्कार से २००६ में सम्मानित किया। .

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हेस्नाम कन्हाईलाल

हेस्नाम कन्हाईलाल (17 जनवरी 1941 – 6 अक्तूबर 2016)मणिपुर से एक प्रसिद्ध भारतीय रंगमंच निर्देशक थे। वे ‘कलाक्षेत्र मणिपुर’ के संस्थापक-निदेशक थे। ‘मेमायर्स ऑफ अफ्रीका’, ‘कर्ण’, ‘पेबेट’ ‘डाकघर’, ‘अचिन गायनेर गाथा’ तथा ‘द्रोपदी’ आदि उनकी चर्चित नाट्य प्रस्तुतियां हैं। महाश्वेता देवी की कहानी पर आधारित उनकी प्रस्तुति द्रोपदी अत्यंत प्रशंसित और विवादित रही है। उन्हें वर्ष 1985 में संगीत नाटक अकादमी, वर्ष 2004 में पद्मश्री तथा वर्ष 2016 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। वे संगीत नाटक अकादमी के फेलो भी थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में भारतीय रंगमंच की विविधिता को समृद्ध किया है। उनकी मृत्यु 6 अक्टूबर, 2016 को मणिपुर की राजधानी इम्फालमें हो गयी। .

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जतिन गोस्वामी

श्रेणी:असम के लोग श्रेणी:1933 में जन्मे लोग श्रेणी:शास्त्रीय नृतक श्रेणी:पद्म श्री पुरस्कार विजेता श्रेणी:जीवित लोग.

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जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर

जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय (जेईसी), जिसे पहले शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर के नाम से जाना जाता था, जबलपुर, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक संस्थान है। यह भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर के रूप में स्थापित किया गया था और यह भारत का १५ वां सबसे पुराना अभियांत्रिकी संस्थान है। यह भारत का पहला संस्थान है जिसने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार अभियांत्रिकी की शिक्षा शुरू की और यह भारत में ब्रिटिश द्वारा स्थापित अंतिम शैक्षिक संस्थान भी है। संस्थान अभियांत्रिकी अनुप्रयुक्त विज्ञान में स्नातक, स्नाकोत्तर और डॉक्टरेट उपाधि प्रदान करता है। संस्थान ने मार्च २०१३ में एक घोषणा की, कि वह अभियांत्रिकी में नए पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है जैसे प्रबंधन, रचना विज्ञान, वास्तुकला, नगर नियोजन, भेषज विज्ञान, साइबर और व्यवसाय और कानून में स्नाकोत्तर आदि। .

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जय भगवान चौधरी

जे.बी.

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जयंता कुमार घोष

जयंता कुमार घोष को वि‍ज्ञान एवं इंजीनि‍यरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे पश्‍चि‍म बंगाल राज्य से हैं। .

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जसपाल राणा

जसपाल राणा एक प्रमुख भारतीय निशानेबाज़ हैं जिन्हें २००२ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर

ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर (15 जून 1932 - 8 मई 2013) एक भारतीय ध्रुपद गायक थे। वे ध्रुपदिया गायक उस्ताद ज़ियाउददीन डागर के बेटे थे, जो उदयपुर के महाराणा भूपाल सिंह के दरबार में संगीतज्ञ थे। उन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा "तानसेन सम्मान" दिया गया। संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से वे सम्मानित किए गए। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2012 में पद्म श्री से सम्मानित करने की घोषणा की गई पर उन्होंने सम्मान लेने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि सरकार ने सीनियरिटी को नजरअंदाज़ करते हुए उनसे जूनियर ध्रुपद गायकों यह सम्मान पहले ही दे दिया था। .

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जानकी अम्माल

एडावलेठ कक्कट जानकी अम्माल (Edavaleth Kakkat Janaki Ammal) (१८९७-१९८४) भारत की एक महिला वैज्ञानिक थीं। अम्माल एक ख्यातिनाम वनस्पति और कोशिका वैज्ञानिक थीं जिन्होंने आनुवांशिकी, उद्विकास, वानस्पतिक भूगोल और नृजातीय वानस्पतिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। पद्म श्री से सम्मानित जानकी अम्माल भारतीय विज्ञान अकादमी की संस्थापक फेलो रहीं हैं। .

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जानकीवल्लभ शास्त्री

बिहार-जन्म स्थान् आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री (५ फरवरी १९१६ - ०७ अप्रैल, २०११) हिंदी व संस्कृत के कवि, लेखक एवं आलोचक थे। उन्होने २०१० में पद्मश्री सम्मान लेने से मना कर दिया था। इसके पूर्व १९९४ में भी उन्होने पद्मश्री नहीं स्वीकारी थी। वे छायावादोत्तर काल के सुविख्यात कवि थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें भारत भारती पुरस्कार से सम्मानित किया था। आचार्य का काव्य-संसार बहुत ही विविध और व्यापक है।वे थोड़े-से कवियों में रहे हैं, जिन्हें हिंदी कविता के पाठकों से बहुत मान-सम्मान मिला है। प्रारंभ में उन्होंने संस्कृत में कविताएँ लिखीं। फिर महाकवि निराला की प्रेरणा से हिंदी में आए। .

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जागर

जागर का मतलब होता है जगाना। उत्तराखण्ड तथा नेपाल के पश्चिमी क्षेत्रोँ में कुछ ग्राम देवताओँ की पूजा कि जाती है, जैसे गंगनाथ, गोलु, भनरीया, काल्सण आदि। बहुत देवताओँ को स्थानीय भाषा में 'ग्राम देवता' कहा जाता है। ग्राम देवता का अर्थ गांव का देवता है। अत: उत्तराखण्ड और डोटी के लोग देवताओँ को जगाने हेतु जागर लगाते हैँ। जागर मन्दिर अथवा घर में कहीं भी किया जाता है। जागर "बाइसी" तथा "चौरास" दो प्रकार के होते हैँ.

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जितेन्द्र उधमपुरी

जितेन्द्र उधमपुरी (Jitendra Udhampuri) डोगरी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह इक शहर यादें दा के लिये उन्हें सन् 1981 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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जगदीश प्रसाद

पण्डित जगदीश प्रसाद (१९३७ – १८ जुलाई २०११) कलकत्ता आधारित पटियाला घराने के हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक थे। उन्हें १९६६ में भारत सरकार ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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जुथिका रॉय

जुथिका रॉय (बांग्ला: युथिका राय; २० अप्रैल १९२०: फर्स्टपोस्ट डॉट कॉम, अभिगमन तिथि: १२ फ़रवरी २०१४ – ५ फ़रवरी २०१४) भारतीय भजन (भक्ति संगीत) गायिका थीं। उन्होंने अपने चार दशक लम्बे करीयर में २०० से अधिक हिन्दी और १०० से अधिक बंगाली गानों को अपनी आवाज दी। उन्होंने हिन्दी फ़िल्मों हेतु हिन्दी भक्ति संगीत भी रिकॉर्ड करवाये। उन्हें १९७२ में भारत के चतुर्थ सर्वोच्य नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से पुरस्कृत किया गया। .

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जैक गिब्सन (अध्यापक)

जॉन ट्रेवर्स मेंड्स गिब्सन (सामान्यतः जैक गिब्सन) (३ मार्च १९०८ - २३ अक्टूबर १९९४) एक भारतीय विद्वान और अध्यापक थे। १९६५ में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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जे.आर. गंगारमणी

जवाहरलाल आर गंगारामणी (Jawaharlal R. Gangaramani) एक भारतीय परोपकारी, व्यवसायी और अल फ़ारा समूह के सहयोगी हैं जो यूएई, सऊदी अरब और ओमान में मौजूद है। भारत सरकार ने उन्हें सामाजिक कार्य के क्षेत्र में अपनी सेवाओं के लिए 2010 में देश के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया था। .

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जेमिनी गणेशन

जेमिनी गणेशन (तमिल: ஜெமினி கணேசன்)(17 नवम्बर 1920-22 मार्च 2005) एक भारतीय अभिनेता थे। फिल्मों में रोमांटिक भूमिकाएं निभाने के लिए तमिल सिनेमा जगत में उन्हें "कादल मन्नान"(रोमांस का देवता) का उपनाम दिया गया था। .

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जेरुसा झिरद

जेरुसा झिरद (२१ मार्च, १८९१ - २ जून १९८४) एक भारतीय चिकित्सक थी। वह बेनि इज़राइल यहूदी समुदाय की सदस्य थी। वह भारत सरकार द्वारा विदेश में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने वाली पहली महिला थीं। वह मुंबई में कामा अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर थी। वह प्रगतिशील यहूदी धर्म का अग्रणी भी थी; यहूदी धार्मिक संघ में मिश्रित-लिंग प्रार्थना में भाग लेने के बाद, वह मुंबई लौटे और १९४५ में अपनी बहन लेह के साथ बेयर्न इज़रायल में एक जेआरयू-संबद्ध मण्डली की स्थापना की। .

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जीतेंद्र अभिषेकी

पंडित जितेंद्र अभिषेकी (जितेंद्र अभिषेकी; 21 सितंबर 1929 – 7 नवंबर 1998) एक भारतीय गायक, संगीतकार और भारतीय शास्त्रीय, अर्द्ध शास्त्रीय, भक्ति संगीत तथा हिन्दुस्तानी संगीत के प्रतिष्ठित विद्वान थे। इन्हें 1960 के दशक में मराठी थिएटर संगीत के पुनरुद्धार के लिए भी श्रेय दिया जाता है। .

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जीव मिलखा सिंह

जीव मिलखा सिंह भारत के पहले प्रोफेशनल गोल्फर हैं। वे फ़्लाइंग सिंह नाम से जाने जाने वाले प्रसिद्द भारतीय धावक मिलखा सिंह के पुत्र हैं। उनकी माता निर्मल कौर भारत की महिला वॉलीबाल टीम की कप्तान रह चुकी हैं। २००६ में उन्होनें विश्व के श्रेष्ठ १०० गोल्फरों में अपनी जगह बनायी थी। वे चंडीगढ़ में रहते हैं। .

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ई डी जेमीस

एलुवत्तिंगल देवस्सी जेमीस अथवा ई डी जेमीस को विज्ञान एवं इंजीनियरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे कर्नाटक राज्य से हैं। .

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ई श्रीधरन

ई श्रीधरन (जन्म- 12 जून 1932) भारत के एक प्रख्यात सिविल इंजीनियर हैं। वे 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक रहे। उन्हें भारत के 'मेट्रो मैन' के रूप में भी जाना जाता है। भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्म श्री तथा 2008 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया। .

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ई कृष्णा ऐय्यर

श्री ई कृष्णा ऐय्यर (९ अगस्त १८९७ - १९६८) एक भारतीय वकील, स्वतंत्रता सेनानी, शास्त्रीय कलाकार एवं कार्यकर्ता थे। इनको दक्षिण भारत में भरतनाट्यम को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता हैं क्योंकि भरतनाट्यम एक ऐसी कला थी जो भारत में मरने की स्थिति में आ गयी थी। .

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वर्गीज कुरियन

डॉ॰ वर्गीज़ कुरियन (26 नवम्बर 1921 - 9 सितंबर 2012) एक प्रसिद्ध भारतीय सामाजिक उद्यमी थे और 'फादर ऑफ़ द वाइट रेवोलुशन' के नाम से अपने 'बिलियन लीटर आईडिया' (ऑपरेशन फ्लड) - विश्व का सबसे बड़ा कृषि विकास कार्यक्रम - के लिए आज भी मशहूर हैं। इस ऑपरेशन ने 1998 में भारत को अमरीका से भी ज़यादा तरक्की दी और दूध -अपूर्ण देश से दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बना दिया| डेयरी खेती भारत की सबसे बड़ी आत्मनिर्भर उद्योग बन गयी। उन्होंने पदभार संभालकर भारत को खाद्य तेलों के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता दी। उन्होंने लगभग 30 संस्थाओं कि स्थापना की (AMUL, GCMMF, IRMA, NDDB) जो किसानों द्वारा प्रबंधित हैं और पेशेवरों द्वारा चलाये जा रहे हैं। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (GCMMF), का संस्थापक अध्यक्ष होने के नाते डॉ॰ कुरियन अमूल इंडिया के उत्पादों के सृजन के लिए ज़िम्मेदार थे। अमूल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी की उन्होंने प्रमुख दुग्ध उत्पादक राष्ट्रों मैं गाय के बजाय भैंस के दूध का पाउडर उपलब्ध करवाया| डॉ॰ कुरियन की अमूल से जुडी उपलब्धियों के परिणाम स्वरुप तब प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें 1965 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का संस्थापक अध्यक्ष नियुक्त किया तांकि वे राष्ट्रव्यापी अमूल के "आनंद मॉडल" को दोहरा सकें.

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वहीदा रहमान

वहीदा रहमान (जन्म: 14 मई, 1938) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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वामसी मुथा

वामसी मुथा को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे यू॰एस॰ए॰ से हैं। .

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वाराणसी

वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।" .

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वासिफुद्दीन डागर

फैयाज वासिफुद्दीन डागर (Faiyaz Wasifuddin Dagar) ध्रुपद शैली के एक भारतीय शास्त्रीय गायक हैं और ध्रुपद गायक उस्ताद नासिर फैयाजुद्दीन डागर के पुत्र हैं। अपने पिता की मृत्यु के बाद और बाद में अपने चाचा की मृत्यु के बाद वासिफुद्दीन ध्रुपद शैली के अकेले गायन कर रहे थे। उन्हें 2010 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .

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वासुदेव एस गायतोंडे

वासुदेव एस गायतोंडे (1924-2001) भारत के सर्वश्रेष्ठ अमूर्त कलाकार के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने 1971 में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त किया। .

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वाईखोम गोजेन मि‍तेई

वाईखोम गोजेन मि‍तेई को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे मणि‍पुर राज्य से हैं। .

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विनायक पांडुरंग करमरकर

विनायक पांडुरंग करमरकर (१८९१– १९६७) भारतीय कलाकार थे जिन्हें मूर्तियाँ बनाने के लिए जाना जाता था। उन्हें भारत सरकार ने १९६४ में पद्म श्री से पुरस्कृत किया। .

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विनोद दुआ

विनोद दुआ (जन्म: ११ मार्च १९५४) पद्म श्री से सम्मानित भारत के जाने माने हिंदी टेलीविजन पत्रकार एवं कार्यक्रम निर्देशक है। वर्तमान मे यह नई दिल्ली टेलीविजन के समाचार चैनल एन.डी.टी.वी इन्डिया के प्रमुख प्रस्तुतकर्ता एवं समाचार वाचक है। .

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विल्सन जोन्स (बिलियर्ड्स खिलाड़ी)

विल्सन लियोनेल गार्तोन जोन्स (२ मई १९२२ – ५ अक्टूबर २००३) भारत के पेशेवर बिलियर्ड्स खिलाड़ी थे। उन्हें भारत सरकार ने १९६५ में पद्म श्री और १९६६ में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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विश्व मोहन भट्ट

विश्व मोहन भट्ट या पंडित विश्व मोहन भट्ट भारतीय संगीत की प्रमुख हस्तियों में से एक हैं। .

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विश्वनाथन आनंद

विश्वनाथन आनंद भारत शतरंज खिलाड़ी, अंतरराष्ट्रीय ग्रैंडमास्टर एवं पूर्व विश्व चैंपियन हैं। विश्वनाथन आनंद क जन्म ११ दिसम्बर १९६९ में हुआ था। विश्वनाथन आनंद् एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी और वह एक भूत्पुर्व शतर्र्ंज विजेता हैं। आनंद ने पाँन्च बार विश्व शतरंज प्रतियोगिता जीते हैं और वह निर्विवाद विजेता रहे हैं। विश्वनाथन आनंद २००३ में फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप में विश्व शतरंज बने और वह अपने समय के ड्रीड खिलाड़ी माने जाते हैं। सन १९८८ में विश्वनाथन आनंद भारत के ग्रांडमास्टर बने। उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सबसे पहले सम्मानित किया गया जो कि भारत का सबसे माननीय खेल पुरस्कार है (सन १९९१-९२)। विश्वनाथन आनंद को सन २००७ में भारत का द्वितीय सबसे श्रेष्ठ नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण दिया गया, जिससे वे भारतीय इतिहास के सबसे पहले खिलाड़ी बने जिसे यह पुरस्कार मिला। आनंद ने शतरंज ऑस्कर ६ बार जीता है (सन १९९७, १९९८, २००३, २००७, २००८)। उन्होने फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप सन २००० से २००२ तक अपने नाम कर लिया था। वह सन २००७ में निर्विवाद विश्व विजेता बने और सन २००८ में उन्होंने अपना खिताब व्लाडामीर क्राम्निक से बचाया, तब उन्होने उसके बाद सफलता से अपने विश्व विजेता प्रतियोगिता का खिताब हासिल किया जो कि वेसेलीन तपोलाव के खिलाफ था और उन्होने विश्व शतर्र्ंज प्रतियोगिता फिरसे २०१२ में जीता जो बोरिस गेल्फ के खिलाफ था। विश्व शतर्र्ंज प्रतियोगिता २०१३ में वेह मागनुस कार्सलेन के खिलाफ पराजय हुए। विश्वनाथन आनंद इतिहास के उन ६ खिलाडियों में से एक हैं जिन्होने फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप दर्ज़ा सूची में २८०० के अंक को तोड़ा हैं और अप्रैल २००७ में जब वेह ३७ वर्ष के हुए तो पेहलि दफा वेह विश्व के नंबर १ खिलाड़ी बने। उन्होने ६ में से ५ दफा वेह विश्व दर्जे में सब्से उच्च स्थान पर थे (सन २००७ से २००८ तक) जिस्से वेह कुल १५ महिनो तक नंबर बन सके। पेहली दफा जुलाई १९९६ से लेकर अक्टूबर २००८ में वेह सब्से ऊपर के तीन स्थान से गीर गये। आनंद ने अपना विश्व क नंबर १ होने क दर्जा नवंबर २०१० में फिर से वापस हासील कर लिया पर उसे उन्हे वापस कार्सलेन को वापस सौपना पड़ा। .

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विष्‍णु नारायणन नम्‍बूति‍री

विष्‍णु नारायणन नम्‍बूति‍री को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे केरल राज्य से हैं। .

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विजय प्रसाद दीम्री

विजय प्रसाद दीम्री (Vijay Prasad Dimri) एक भारतीय भूभौतिकीय वैज्ञानिक हैं जो पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में एक नए शोध क्षेत्र को खोलने में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया था। .

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विजय भटकर

डॉ विजय भटकर (बायें से दूसरे स्थान पर) डॉ विजय पाण्डुरंग भटकर (जन्म: ११ अक्टूबर, १९४६) भारत के वैज्ञानिक एवं आईटी प्रध्यापक हैं। भारतीय सुपर कम्प्यूटरों के विकास में उनका योगदन अद्वितीय है। उनकी सबसे बड़ी पहचान देश के पहले सुपरकंप्यूटर परम के निर्माता और देश में सुपरकंप्यूटिंग की शुरुआत से जुड़े सी-डेक के संस्थापक कार्यकारी निदेशक के तौर पर है। वर्तमान में वे नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं। नालंदा विश्वविद्यालय एक अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जिसकी स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत हुई है। उनका कार्यकाल 25 जनवरी, 2017 से तीन वर्षों के लिए सुनिश्चित है। इस पद पर उन्होने जार्ज येओ का स्थान लिया है, जिन्होंने नवंबर, 2016 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वे भारत में आईटी लीडर के नाम से प्रसिद्ध है। उनको पद्म श्री पद्म भूषण, महाराष्ट्र भूषण अवार्ड, संत ज्ञानेश्वर विश्व शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। .

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विजय घाटे

विजय घाटे(जन्म- अक्टूबर 18, 1964) भारत के एक विख्यात तबला वादक हैं। उन्हें कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे महाराष्ट्र राज्य से हैं। .

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विजय कुमार सारस्वत

विजय कुमार सारस्वत भारतीय वैज्ञानिक है। सारस्वत ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में महाप्रबंधक के रूप में और रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार के सेवा की और वर्ष 2013 में सेवा निवृत्त हो गए। वर्तमान में नीति आयोग के सदस्य हैं।http://niti.gov.in/team-niti/shri-vk-saraswat .

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विजयदान देथा

विजयदान देथा (१ सितम्बर १९२६ - १० नवम्बर २०१३) जिन्हें बिज्जी के नाम से भी जाना था राजस्थान के विख्यात लेखक और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति थे। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और साहित्य चुड़ामणी पुरस्कार जैसे विभिन्न अन्य पुरस्कारों से भी समानित किया जा चुका था। १० नवम्बर २०१३ को ८७ वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। .

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विक्रम सेठ

विक्रम सेठ विक्रम सेठ (जन्म 20 जून, 1952) भारतीय साहित्य में एक जाने माने नाम है। मुख्य रूप से ये उपन्यासकार और कवि हैं। इनकी पैदाइश और परवरिश कोलकाता में हुई। दून स्कूल और टानब्रिज स्कूल में इनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में इन्होंने दर्शनशास्त्र राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र का अध्यन किया, बाद में इन्होंने नानजिंग विश्वविद्यालय में क्लासिकल चीनी कविता का भी अध्यन किया। उन्हें उनके चार प्रमुख उपन्यासों के लिये जाना जाता है.

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वुप्पलादादियम नगय्या

चित्तोर वि॰ नगय्या (जन्म वुप्पलादादियम नगय्या) भारतीय अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक, निर्माता, लेखक और पार्श्व गायक थे। उन्हें भारत सरकार ने १९६५ में पद्म श्री से पुरस्कृत किया। .

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वैरामुत्तु

वैरामुत्तु (வைரமுத்து) (जन्म: 13 1953 जुलाई) एक पुरस्कार विजेता तमिल कवि और गीतकार हैं। निड़लगल (1980) फिल्म से शुरूआत करते हुए तथा 'पोनमलई पोड़ुडु' के लिए बोल लिखते हुए, यथा जनवरी 2009 अब उनके नाम 5800 गीतों का श्रेय है।.

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वैजयन्ती माला

वैजयन्ती माला बाली (जन्म: 13 अगत 1936 --) को अधिकांश रूप से एक ही नाम "वैजयन्ती" के नाम से जाना जाता है, एक हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री रही हैं और एक राजनीतिज्ञा हैं। वह भरतनाट्यम की नृत्यांगना, कर्नाटक गायिका, नृत्य प्रशिक्षक और सांसद की भी भूमिका निभा चुकी हैं। उसने अपनी शुरुआत तमिल भाषीय फ़िल्म "वड़कई" से 1949 में की। इसके पश्चात उसने तमिल फ़िल्म "जीवितम" में 1950 में काम किया। इसके बाद वह दक्षिण भारत की प्रमुख नायिकाओं में से एक बनी और बॉलिवुड के सुनहरे दौर की अभिनेत्रियों में एक रही। वैजयन्ती माला हिन्दी फ़िल्मों पर लगभग दो दशकों तो राज करती रही। दक्षिण भारत से आकर राष्ट्रीय अभिनेत्री का दर्जा पाने वह पहली महिला हैं। वैजयन्ती माला एक प्रसिद्ध नृत्यांगना है। उसी ने हिन्दी फ़िल्मों में अर्थ-शास्त्रीय नृत्य के लिए जगह बनाई। वैजयन्ती माला के थिरकते पाँवों ने उसे "ट्विन्कल टोज़" (twinkle toes) का खिताब दिलाया। 1950-1960 के दशके उसे प्रथम श्रेणी की नायिका के नाम से जाना जाता था। .

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वैकम मुहम्मद बशीर

वैकम मुहम्मद बशीर (१९१०) मलयालम के वरिष्ठ साहित्यकार हैं। अनर्थ निमिष, जन्मदिन, मूर्खों का स्वर्ग, मेरे दादा का हाथी आदि उनकी २५ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे साहित्य अकादमी के वरिष्ठ पदों पर भी रह चुके हैं। .

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वेण्डल ऑगस्टीन रॉड्रीक्स

वेण्डल ऑगस्टीन रॉड्रीक्स एक स्थायी फैसन डिजाइनर हैं जो भारत के पश्चिमी राज्य गोवा से हैं। वे भारत के उत्कृष्ट दश डिजाइनरों में से एक हैं। कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। .

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वेद कुमारी घई

वेद कुमारी घई को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे जम्‍मू एवं कश्‍मीर राज्य से हैं। .

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वेरा हिंगोरानी

वेरा हिंगोरानी एक भारतीय स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रसूति, चिकित्सा लेखक हैं। वह प्राध्यापक और प्रमुख है ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में स्त्री रोग और प्रसूति विभाग की। .

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वेंकटरमण कृष्णमूर्ति

वेंकटरमण कृष्णमूर्ति एक प्रशासकी सेवक हैं जो मूल रूप से दिल्ली के हैं। .

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वीणा टंडन

वीणा टंडन एक भारतीय परजीव विज्ञानी,शैक्षिक एवं बायोटेक पार्क,लखनऊ में एक नासी वरिष्ठ वैज्ञानिक है। वह नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी में जूलॉजी की भूतपूर्व प्रोफेसर है एवं पूर्व भारत में पेट के परजीवी से जुड़ी जानकारी का डेटाबेस जुटाने में मुख्य रूप से कार्यरत है।  उन्हें उनके कीड़ा संक्रमण पर शोध के लिए जाना है जोकि भोजन के लिए मुल्यवान जानवरों को प्रभावित करते हैं। वह दो पुस्तकों की लेखिका हैं और परजीवी विज्ञान पर उनके काफी लेख है। भारत सरकार ने विज्ञान में योगदान के लिए उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री, से २०१६ में सम्मानित किया। .

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खुशदेव सिंह

डॉ॰ खुशदेव सिंह को 1957 में चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वे पंजाब राज्य के पटियाला से हैं। .

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गणेश नारायणदास देवी

आदिवासी संग्रहालय तेजगढ़ में प्रदर्शित कुछ कलात्मक वस्तुएँ जनजातीय अकादमी संग्रहालय में प्रदर्शित जनजातीय हस्तशिल्प गणेश नारायणदास देवी (जन्म:१९५०) प्रसिद्ध साहित्यिक आलोचक एवं भाषा अनुसन्धान एवं प्रकाशन केन्द्र, वडोदरा के संस्थापक निदेशक हैं। वे पहले सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय, वडोदरा के अंग्रेजी के प्राध्यापक थे। डॉ॰ गणेश और उनकी पत्नी सुरेखा देवी 'भाषा' नामक गैर राजनीतिक ट्रस्ट संचालित करते हैं, जो गुजरात के जनजातीय क्षेत्रों में विशेष रूप से सक्रिय हैं। डॉ॰ गणेश का प्रबल दावा है कि भारत से 'लोक' की जुबान काटने की सुनियोजित साजिश रची जा रही है। 'भाषा' इसी के विरूद्ध एक अभियान है। भारत की लुप्त होती भाषाओं पर व्यापक सर्वेक्षण, संवर्धन और संरक्षण तथा दस्तावेजीकरण करने का उन्होंने स्वेच्छा से बीड़ा उठाया है। इसी सर्वेक्षण के माध्यम से उनका कहना है कि हिन्दी आम धारणा को तोड़ती हुई तेजी से आगे बढ़ रही है। २०१० उनके नेतृत्व में पीपल्स लिंग्विटिक सर्वे ऑफ इण्डिया ने भारत की ७८० जीवित भाषाओं का सर्वेक्षण प्रकाशित किया। श्री गणेश देवी को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। .

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गान्धर्व महाविद्यालय

गान्धर्व महाविद्यालय भारत का एक प्रमुख संगीत शिक्षण संस्थान है। यह दिल्ली में स्थित है। .

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गिरिराज किशोर (साहित्यकार)

पद्मा श्री गिरिराज किशोर गिरिराज जी का जन्म 8 जुलाई 1937 को मुजफ्फररनगर में हुआ, इनके पिता ज़मींदार थे। गिरिराज जी ने कम उम्र में ही घर छोड़ दिया और स्वतंत्र लेखन किया। शिक्षा: मास्टर ऑफ सोशल वर्क 1960, समाज विज्ञान संस्थान, आगरा अनुभव: 1960 से 1964 तक सेवायोजन अधिकारी व प्रोबेशन अधिकारी उ.प्र.

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गिरीश कर्नाड

गिरीश कार्नाड (जन्म 19 मई, 1938 माथेरान, महाराष्ट्र) भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार हैं। कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों में इनकी लेखनी समानाधिकार से चलती है। 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता कार्नाड द्वारा रचित तुगलक, हयवदन, तलेदंड, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक अत्यंत लोकप्रिय हुये और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है। प्रमुख भारतीय निदेशको - इब्राहीम अलकाजी, प्रसन्ना, अरविन्द गौड़ और बी.वी. कारंत ने इनका अलग- अलग तरीके से प्रभावी व यादगार निर्देशन किया हैं। .

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गुरु हनुमान

गुरु हनुमान (अंग्रेजी: Guru Hanuman, जन्म: १९०१, मृत्यु: १९९९) भारत के प्रख्यात कुश्ती प्रशिक्षक (कोच) तो थे ही, स्वयं बहुत अच्छे पहलवान भी थे। उन्‍होंने सम्‍पूर्ण विश्‍व में भारतीय कुश्‍ती को महत्‍वपूर्ण स्‍थान दिलाया। कुश्‍ती के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों के लिये उन्हें १९८३ में पद्मश्री पुरस्कार.

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गुल बर्धन

गुल बर्धन (Gul Bardhan) (1928 - 29 नवंबर 2010) भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत स्थित कोरियोग्राफर और थियेटर व्यक्तित्व थी। वह भारतीय पीपुल्स थियेटर एसोसिएशन के साथ जुडी हुई थी। वह लिटिल बैलेट मंडली की सह-संस्थापक भी थी। लिटिल बैलेट मंडली 1952 में बॉम्बे में गठित एक नृत्य कंपनी थी। 1954 में अपने पति की मृत्यु के बाद, गुल बर्धन लिटिल बैलेट मंडली कंपनी की अध्यक्षता की। बाद में इसे "रंग श्री लिटिल बैलेट मंडली" का नाम दिया गया और जिसने विभिन्न देशों में अपना प्रदर्शन किया। उन्होंने 2010 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और पद्म श्री (भारत का चौथा उच्चतम नागरिक पुरस्कार) सहित कई पुरस्कार प्राप्त किए। .

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गोपालदास नीरज

गोपालदास नीरज (जन्म: 4 जनवरी 1925), हिन्दी साहित्यकार, शिक्षक, एवं कवि सम्मेलनों के मंचों पर काव्य वाचक एवं फ़िल्मों के गीत लेखक हैं। वे पहले व्यक्ति हैं जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया, पहले पद्म श्री से, उसके बाद पद्म भूषण से। यही नहीं, फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये उन्हें लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला। .

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गोपालप्रसाद व्यास

पंडित गोपालप्रसाद व्यास (जन्म- 13 फरवरी 1915, गोवर्धन, मथुरा; मृत्यु - 28 मई 2005, नई दिल्ली) हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। वे ब्रजभाषा और पिंगल के मर्मज्ञ माने जाते थे। व्यास को भारत सरकार ने पद्मश्री, दिल्ली सरकार ने शलाका सम्मान और उत्तर प्रदेश सरकार ने यश भारती सम्मान से विभूषित किया था। दिल्ली में हिंदी भवन के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। लाल किले पर हर वर्ष होने वाले राष्ट्रीय कवि सम्मेलन की शुरुआत में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। .

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गोविन्द चन्द्र पाण्डेय

डॉ॰ गोविन्द चन्द्र पाण्डेय (30 जुलाई 1923 - 21 मई 2011) संस्कृत, लेटिन और हिब्रू आदि अनेक भाषाओँ के असाधारण विद्वान, कई पुस्तकों के यशस्वी लेखक, हिन्दी कवि, हिन्दुस्तानी अकादमी इलाहबाद के सदस्य राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति और सन २०१० में पद्मश्री सम्मान प्राप्त, बीसवीं सदी के जाने-माने चिन्तक, इतिहासवेत्ता, सौन्दर्यशास्त्री और संस्कृतज्ञ थे। .

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गोवि‍न्‍दन सुन्‍दरराजन

गोवि‍न्‍दन सुन्‍दरराजन को वि‍ज्ञान एवं इंजीनि‍यरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे आंध्रप्रदेश राज्य से हैं। .

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गीत सेठी

भारत के गीत श्रीराम सेठी (जन्म 17 अप्रैल 1961) इंग्लिश बिलियर्ड्स के एक पेशेवर खिलाड़ी हैं जिनका 1990 के अधिकांश दशक में इस खेल में प्रभुत्व रहा था। वे स्नूकर (एक्स-प्रो) के भी उल्लेखनीय शौकिया (एमेच्योर) खिलाड़ी हैं। वे छह बार पेशेवर स्तर और तीन बार शौकिया वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीत चुके हैं और इंग्लिश बिलियर्ड्स में उनके नाम दो विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं। उन्होंने प्रकाश पादुकोण के साथ मिलकर ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट की स्थापना की जो भारत में खेलों को बढ़ावा देने वाली एक संस्था है। .

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गीता महालिक

गीता महालिक को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दिल्ली राज्य से हैं। .

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ओम पुरी

ओम पुरी हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। इनका जन्म 18 अक्टूबर 1950 में अम्बाला, पंजाब (अब हरियाणा) में हुआ। इन्होने ब्रिटिश तथा अमेरिकी सिनेमा में भी योगदान किया है। ये पद्मश्री पुरस्कार विजेता भी हैं, जोकि भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में चौथा पुरस्कार है। दिल का दौरा पड़ने के कारण 6 जनवरी 2017 को 66 साल की उम्र में इनका निधन हो गया। - नवभारत टाइम्स - 6 जनवरी 2016 .

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ओम प्रकाश उपाध्‍याय

ओम प्रकाश उपाध्‍याय को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे पंजाब राज्य से हैं। .

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ओ॰ ऍन॰ वी॰ कुरुप

ओट्टपलाक्कल नीलकंठन वेलु कुरुप (मलयालम: ഒറ്റപ്ലാക്കല്‍ നീലകണ്ഠന്‍ വേലു കുറുപ്പ്; 27 मई, 1931 – 13 फरवरी, 2016), एक मलयाली कवि और गीतकार थे। वे 'ओ.एन.वी.

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आचार्य रामचंद्र वर्मा

आचार्य रामचंद्र वर्मा (1890-1969 ई.) हिन्दी के साहित्यकार एवं कोशकार रहे हैं। हिन्दी शब्दसागर के सम्पादकमण्डल के प्रमुख सदस्य थे। आपने आचार्य किशोरीदास वाजपेयी के साथ मिलकर 'अच्छी हिन्दी' का आन्दोलन चलाया। आपके समय में हिन्दी का मानकीकरण हुआ। .

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आरती साहा

आरती साहा (24 सितंबर 1940-23 अगस्त 1994) भारत तथा एशिया की पहली महिला इंग्लिश चैनल पार करने वाली प्रसिद्ध तैराक थीं। .

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आलोक मेहता

आलोक मेहता (जन्म: 07 सितम्बर 1952) हिन्दी के पत्रकार हैं। वे "नई दुनिया" के प्रधान सम्पादक हैं। .

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आशा देवी आर्ययानाकम

आशा देवी आर्ययानाकम एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और गांधीवादी थी। वह महात्मा गांधी के सेवाग्राम और विनोबा भावे के भूदान आंदोलन के साथ जुड़ी हुए थी। उनका जन्म १९०१ में लाहौर में हुआ था। उन्होंने लाहौर से ही अपनी शिक्षा पप्राप्त की और फिर संकाय के सदस्य के रूप में महिला कॉलेज, बनारस में काम करना शुरु कर दिया। भारत सरकार ने उन्हें १९५४ में सम्मानित किया, पद्म श्री के पुरस्कार के साथ, समाज में उनके योगदान के लिए चौथा उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार, उन्हें इस पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ताओं में शामिल किया गया। १९७२ में उनकी मृत्यु हो गई। .

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आशा पारेख

आशा पारेख (जन्म 2 अक्टूबर 1942) एक बॉलीवुड अभिनेत्री, निर्माता और निर्देशक हैं। वह 1959 से 1973 के मध्य सर्वश्रेष्ठ तारिकाओं में से एक थीं। 1992 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री के साथ सम्मानित किया गया। आशा पारेख हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। .

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आशापूर्णा देवी

आशापूर्णा देवी (बांग्ला: আশাপূর্ণা দেবী, 8 जनवरी 1909-13 जुलाई 1995) भारत से बांग्ला भाषा की कवयित्री और उपन्यासकार थीं, जिन्होंने 13 वर्ष की अवस्था से लेखन प्रारम्भ किया और आजीवन साहित्य रचना से जुड़ीं रहीं। गृहस्थ जीवन के सारे दायित्व को निभाते हुए उन्होंने लगभग दो सौ कृतियाँ लिखीं, जिनमें से अनेक कृतियों का भारत की लगभग सभी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उनके सृजन में नारी जीवन के विभिन्न पक्ष, पारिवारिक जीवन की समस्यायें, समाज की कुंठा और लिप्सा अत्यंत पैनेपन के साथ उजागर हुई हैं। उनकी कृतियों में नारी का वयक्ति-स्वातन्त्र्य और उसकी महिमा नई दीप्ति के साथ मुखरित हुई है। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं स्वर्णलता, प्रथम प्रतिश्रुति, प्रेम और प्रयोजन, बकुलकथा, गाछे पाता नील, जल, आगुन आदि। उन्हें 1976 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली वे पहली महिला हैं। .

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इन्दिरा नाथ

प्रो॰ इन्दिरा नाथ (जन्म 14 जनवरी 1938) एक भारतीय प्रतिरक्षा वैज्ञानिक हैं। वे भारत की अग्रणी महिला वैज्ञानिक और कुष्ठ रोग की एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जानीमानी विशेषज्ञ है। उन्होने लेप्रा-ब्लू हैदराबाद में पीटर रिसर्च सेंटर के निदेशक के रूप में कुष्ठ रोग के खिलाफ भारत की तरफ से लड़ाई लड़ते हुए अहम भूमिका निभाई हैं। .

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इन्‍दि‍रा चक्रवर्ती

इंदिरा चक्रवर्ती एक भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, विद्वान और पर्यावरणविद् हैं। इन्‍दि‍रा चक्रवर्ती को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए २०१४ में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे पश्‍चि‍म बंगाल राज्य से हैं। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से जैव रसायन में डॉक्टरेट की डिग्री (पीएचडी) प्राप्त की। डॉ चक्रवर्ती ने कई पदों पर काम किया है जैसे की.

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इब्राहीम अलकाजी

इब्राहीम अलकाजी-भारतीय रंगमंच निदेशक और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व निदेशक है। ऊन्होने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के साथ कई नाटकों का निर्देशन किया। प्रसिद्ध प्रस्तुतियों, गिरीश कर्नाड का तुगलक, मोहन राकेश का आश़ाड् का एक दिन और धर्मवीर भारती का अंधा युग .

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इरफ़ान ख़ान

शाहबजादे इरफान अली खान (इरफ़ान ख़ान, इरफान) (जन्मः ७ जनवरी १९६७) हिन्दी अंग्रेजी फ़िल्मों, व टेलीविजन के एक अभिनेता हैं। उन्होने द वारियर, मकबूल, हासिल, द नेमसेक, रोग जैसी फिल्मों मे अपने अभिनय का लोहा मनवाया। हासिल फिल्म के लिये उन्हे वर्ष २००४ का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। वह बालीवुड की ३० से ज्यादा फिल्मों मे अभिनय कर चुके हैं। इरफान हॉलीवुड मे भी एक जाना पहचाना नाम हैं। वह ए माइटी हार्ट, स्लमडॉग मिलियनेयर और द अमेजिंग स्पाइडर मैन फिल्मों मे भी काम कर चुके हैं। 2011 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया। 60वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में इरफ़ान खान को फिल्म पान सिंह तोमर में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार दिया गया। .

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इला रमेश भट्ट

इला रमेश भट्ट (जन्म - ७ सितंबर १९३३) भारत की एक प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्होंने भारत की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया। 1972 में सेल्फ-एम्पलॉयड वीमन एसोसिएशन (सेवा) नामक महिला व्यापार संघ की स्थापना की थी। 12 लाख से अधिक महिलाएं इसकी सदस्य हैं। इसी तरह उन्होंने 1974 में सेवा को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना की थी। उन्हें 13 मई २०१० को 2010 के निवानो शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्तमान में वे भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड की एक निदेशक भी हैं। भारत के पहले मज़दूर संगठन कपड़ा कामगार संघ के महिला प्रकोष्ठ के नेतृत्व से 1968 में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाली इला भट्ट ने अनौपचारिक क्षेत्र में श्रम करने वाली ग़रीब स्त्रियों को सम्पूर्ण रोज़गार दिलाने स्वयंसेवी का के किये गये संस्थानीकरण की कोशिशों में अनूठा स्थान है। सेल्फ़ इम्पलॉयड वुमॅन एसोसिएशन (सेवा) की शुरुआत इला भट्ट ने 1971 में केवल सात सदस्यों के साथ की थी। आज इसके साथ तेरह लाख से ज़्यादा स्त्रियाँ जुड़ी हैं। यह संगठन अनपढ़ कामगार महिलाओं का अपना बैंक चलाता है जिसके ज़रिये औरतों को स्वरोज़गार के लिए पूँजी मुहैया करायी जाती है। यह नारी आंदोलन, मज़दूर आंदोलन और सहकारिता आंदोलन का एक संगम है। .

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इंदिरा मिरी

इंदिरा मिरी, जिन्हें मेरंग नाम से जाना भी जाता है, असम की एक शिक्षाविद् थीं, जो उत्तर पूर्वी सीमांत एजेंसी में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये किये गये अपने प्रयासों के लिये जानी जाती हैं। इन्हें इनके कार्यों के लिए चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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इंदिरा हिंदुजा

डॉ इंदिरा हिंदुजा मुंबई में स्थित एक भारतीय महिला चिकित्सक और स्त्री रोग, प्रसूति एवं बांझपन विशेषज्ञ हैं। at Hinduja Hospital.

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कन्हैयालाल नन्दन

कन्हैयालाल एक जानेमाने भारतीय साहित्यकार,पत्रकार और गीतकार थे। डाक्टर कन्हैयालाल नंदन (१ जुलाई १९३३ - २५ सितम्बर १०१०) हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, मंचीय कवि और गीतकार थे। पराग, सारिका और दिनमान जैसी पत्रिकाओं में बतौर संपादक अपनी छाप छोड़ने वाले नंदन ने कई किताबें भी लिखीं। कन्हैयालाल नंदन को भारत सरकार के पद्मश्री पुरस्कार के अलावा भारतेन्दु पुरस्कार और नेहरू फेलोशिप पुरस्कार से भी नवाजा गया। .

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कन्हैयालाल सेठिया

महाकवि श्री कन्हैयालाल सेठिया (11 सितम्बर 1919-11 नवंबर 2008) राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि थे। आपको 2004 में पद्मश्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा 1988 में ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी साहित्य पुरास्कार से भी सम्मानित किया गया था। .

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कपिलदेव

कपिलदेव रामलाल निखंज (जन्म ६ जन्वरी १९५९) भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी हैं। भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ियों में उनकी गणना होती है। वे भारतीय क्रिकेट के कप्तान के पद पर रह चुके हैं। १९८३ के क्रिकेट विश्वकप में वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे और उनके नेतृत्व में टीम ने विश्वकप जीतने का गौरव प्राप्त किया। वे विस्डेन द्वारा वर्ष २००२ में 'सदी के भारतीय क्रिकेटर' चुने गये। वे १० माह के लिये भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशिक्षक भी रहे थे। कपिलदेव का जन्म चंडीगढ़ में हुआ। उनका विवाह रोमी भाटिया से सन १९८० में हुआ। उनकी बेटी, अमिया देव का जन्म १६ जनवरी, १९९६ को हुआ। Kapil Dev ka another name kya h .

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कमल हासन

कमल हासन (जन्म 7 नवम्बर 1954 को परमकुडी, मद्रास राज्य, भारत में) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता, भारतीय सिनेमा के प्रमुख, किरदार को जीने वाले अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं। कमल हासन, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सहित कई भारतीय फ़िल्म पुरस्कारों के विजेता के तौर पर जाने जाते हैं और उन्हें सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए अकादमी पुरस्कार प्रतियोगिता में भारत द्वारा प्रस्तुत सर्वाधिक फिल्मों वाले अभिनेता होने का गौरव प्राप्त है। अभिनय और निर्देशन के अलावा, वे एक पटकथा लेखक, गीतकार, पार्श्वगायक और कोरियोग्राफर हैं। उनकी फ़िल्म निर्माण कंपनी, राजकमल इंटरनेशनल ने उनकी कई फ़िल्मों का निर्माण किया। कमल हासन ने अपने 63वें जन्मदिन पर एक ऐप लॉन्च किया, जिसका नाम है 'मय्यम व्हिसल'.

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कमल जीत संधू

कमलजीत संधू एक पूर्व भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने 1992 बैंकाक एशियाई खेलों में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था। वह 57.3 सेकंड में दूरी पर थी। वह एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं। वह भारत के पंजाब राज्य से है । 1971 में उन्हें पद्म श्री पुरस्कार मिला। 1971 में, वह 400 मीटर की दौड़ में ट्यूरिन, इटली में आयोजित विश्व विश्वविद्यालय खेलों में फाइनल में पहुँचने वाली महिलाओं में से एक थी। उन्होंने 1973 म्युनिक ओलंपिक में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में भाग लिया। कमलजीत १९७३ में एथलेटिक्स से सेवानिवृत्त हुई। वह एक राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल और अंतर विश्वविद्यालय हॉकी खिलाड़ी भी थी। 1982 में उन्होंने भारतीय महिला स्प्रिंट टीम के कोच के रूप में एशियाई खेलों में भाग लिया। .

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कमलाबाई होसपेट

कमलाबाई होसपेट (उन्हें कमलाताई होसपेट के नाम से भी जाना जाता है) (१८९६–१९८१) नागपुर स्थित मटरू सेवा संघ नामक सामाजिक संस्था की सहसंस्थापिका थी। इसमें उनकी सहयोगी वेणुताई नेने थीं। उन्हें उनके सामाजिक कार्यों के लिए १९६१ में भारत सरकार ने पद्म श्री और बाद में १९८० में जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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कर्णम मल्लेश्वरी

कर्णम मल्लेश्वरी (जन्म: 1 जून 1975) भारत की महिला भारोत्तोलक (वेटलिफ़्टर) हैं। वे ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी हैं। .

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कर्मेल बर्कसन

कर्मेल बर्कसन (Carmel Berkson) (1924 में जन्म) एक अमेरिकी मूर्तिकार है जो अपनी दस्तावेजों और भारतीय कला, सौंदर्यशास्त्र और वास्तुकला पर किताबों के लिए जानी जाती हैं। उन्हें 2010 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। .

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कलामण्डलम सत्यभामा

कलामण्डलम सत्यभामा (अँग्रेजी: Kalamandalam V. Satyabhama, लगभग 1937-13 सितंबर, 2015), एक भारतीय शास्त्रीय नर्तकी, शिक्षक और कोरियोग्राफर के साथ-साथ भारत के केरल राज्य की प्रसिद्ध मोहिनीअट्टम नृत्यांगना थीं। उन्होने मोहिनीअट्टम के साथ कई प्रयोगात्मक सुधार करके इस पारंपरिक नृत्य शैली को राज्य में लोकप्रिय बनाया। उन्हें कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से तथा वर्ष 1994 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया। वे केरल राज्य से हैं। उन्होने बारह वर्ष की उम्र में त्रिसूर स्थित कला प्रशिक्षण संस्थान कलामंडलम में दाखिला लिया। इस संस्थान की स्थापना मलयाली कवि वल्लाठोल नारायण मेनन ने की थी। बाद में वह इस संस्थान की वे प्राचार्य भी बनीं और 1992 में यहां से सेवानिवृत्त हुईं। उनका विवाह कथकली के नर्तक दिवंगत कलामंडलम पद्मनाभन नायर के साथ हुआ था। .

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कलीम आजिज़

कलीम आजिज़ (जन्म: १९२६) उर्दू के शायर और शिक्षाविद थे। कलीम साहब का जन्म बिहार के पटना जिले में हुआ था। पटना कॉलेज से उन्होंने स्नातक तथा पटना विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। पटना विश्वविद्यालय से ही उन्होंने बिहार में उर्दू साहित्य का विकास विषय पर पीएच डी की उपाधि अर्जित की। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष १९७६ के दौरान विज्ञान भवन में भारत के राष्ट्रपति द्वारा उनकी प्रथम पुस्तक का लोकार्पण किया गया। कलीम आजिज़ ६० और ७० के दशक में स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर होने वाले लाल किले के मुशायरे में बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र शायर थे। उनकी प्रसिद्धि तुम कत़्ल करो हो कि करामात करो हो जैसी गज़लों के कारण रही है। रविवार १५ फरवरी २०१५ को बिहार के हजारीबाग में उनका निधन हो गया। .

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कामिनी ए.राव

डॉ कामिनी ए राव भारत में सहायक प्रजनन के क्षेत्र में अग्रणी हैं। उनकी विशेषज्ञता प्रजनन एंडोक्रिनोलॉजी, डिम्बग्रंथि की बनावट और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी। उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया, जो कि भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। डॉ कामिनी ए राव मिलन (Milann) में चिकित्सा निर्देशक हैं जो कि प्रजनन चिकित्सा का केंद्र (BACC हेल्थकेयर प्रा. लि.का एक यूनिट) है। .

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कामिल बुल्के

फादर कामिल बुल्के (अंग्रेजी: Father Kamil Bulcke) (1 सितंबर 1909 – 17 अगस्त 1982) बेल्जियम से भारत आये एक मिशनरी थे। भारत आकर मृत्युपर्यंत हिंदी, तुलसी और वाल्मीकि के भक्त रहे। इन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1974 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। .

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किरण मार्टिन

किरण मार्टिन एक बच्चों की चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ता और  की संस्थापक हैं जो कि एक गैर सरकारी संगठन है, और लगभग दिल्ली के लगभग 50 स्लम कालोनियों और आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास की दिशा में काम करता है। एक रिपोर्ट अनुसार स्लम में रहने वाले लोगों की संख्या 400,000 से 500,000 थी। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2002 में, चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक सम्मान, पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।  .

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किरण कार्निक

किरण कार्निक (जन्म: 16 मार्च 1947) भारतीय आउटसोर्सिंग उद्योग के एक प्रमुख व्यक्तित्व और महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हैं। वे नैसकॉम (NASSCOM) (द नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेस कंपनिज) के भूतपूर्व अध्यक्ष हैं और वर्तमान में इसके एक ट्रस्टी हैं। गंभीर अनियमितताओं और लेखा में धोखाधड़ी करने के लिए भारत सरकार द्वारा सत्यम कम्प्यूटर के बोर्ड को भंग कर देने के बाद, हाल ही में श्री कार्निक को सत्यम कंप्यूटर सर्विसेस बोर्ड के तीन सदस्यों में से एक सदस्य चुना गया और साथ ही उन्हें चेयरमैन भी बनाया गया। वर्तमान में वे भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक भी हैं। .

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किशन महाराज

पण्डित किशन महराज अपने शिष्य विनीत व्यास तथा शाहिद परवेज खान के साथ किशन महाराज या पंडित किशन महाराज (1923 - 4 मई, 2008) विख्यात तबला वादक थे। .

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कि‍रण कुमार अलुर सेलि‍न

कि‍रण कुमार अलुर सेलि‍न को वि‍ज्ञान एवं इंजीनि‍यरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे गुजरात राज्य से हैं। .

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कि‍रि‍टकुमार मनसुखलाल आचार्य

कि‍रि‍टकुमार मनसुखलाल आचार्य को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे गुजरात राज्य से हैं। .

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कविता कृष्णमूर्ति

कविता कृष्णमूर्ति(जन्म:१९५८) भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण पार्श्वगायिका है।कविता जब आठ साल की थीं तो उन्होंने एक गायन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता। तभी से वह बड़ी होकर एक मशहूर गायिका बनने का सपना देखने लगी थीं। .

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कंवर पाल सिंह गिल

कंवर पाल सिंह गिल ('1934/35 – 26 May 2017) (के पी एस गिल) भारत के पंजाब राज्य के दो बार पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) थे। उन्हें पंजाब के आतंकवादी एवं उग्रवादी विद्रोह को नियंत्रित करने के लिए श्रेय दिया जाता है । .

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कुमार सानु

कुमार सानु (पूरा नाम केदारनाथ भट्टाचार्य) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैं। इन्होंने अपने गाने की शुरुआत वर्ष 1989 में शुरू की। 2009 में इन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री भी मिल चुका है। .

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कुर्अतुल ऐन हैदर

ऐनी आपा के नाम से जानी जानी वाली क़ुर्रतुल ऐन हैदर (२० जनवरी १९२७ - २१ अगस्त २००७) प्रसिद्ध उपन्यासकार और लेखिका थीं। .

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क्षत्रियम ओन्गबी थोरैनीसबी देवी

क्षत्रियम ओन्गबी थोरैनीसबी देवी एक भारतीय शास्त्रीय नर्तक और लेखक है, जो मणिपुरी के भारतीय शास्त्रीय नृत्य रूप में विशेषज्ञता है। उन्हें २००३ में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री, चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका ३ नवंबर १९४६ को भारत के मणिपुर में एक छोटे से गांव सिंगजैमी सपम लेईकाई में पैदा हुई। उन्होंने ६ वर्ष की आयु में मंच प्रदर्शन शुरू कर दिया था। उन्होंने भारत और कनाडा, पश्चिम जर्मनी, लंदन, दुबई और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे अन्य देशों में कई कला त्योहारों में प्रदर्शन किया है। देवी महाराजा ओकद्रजीत सिंह से रॉयल बागे के प्राप्तकर्ता हैं और मणिपुर सरकार से स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। मणिपुर राज्य कला अकादमी ने १९७७ में उन्हें वार्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया। १९८० में संगीत नाटक अकादमी ने एक पुरस्कार से सम्मानित किया। १९९१ में मणिपुर सरकार से उन्हें प्रमाण पत्र का सम्मान मिला। उन्हें २००३ में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री, चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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क्षमा मैत्रेय

डॉ॰ क्षमा मैत्रेय को समाज - कार्य क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे हिमाचल प्रदेश राज्य से हैं।.

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क्षेम चंद 'सुमन'

आचार्य क्षेम चन्द 'सुमन' (16 सितम्‍बर, 1916 -- 23 अक्‍तूबर, 1993) हिन्दी साहित्यकार एवं पत्रकार थे। उन्हें १९८४ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है- 'दिवंगत हिन्दी साहित्यसेवी कोश' का दो भागों में प्रकाशन। इस असाधारण ग्रन्थ को तैयार करने के लिये सुमन जी ने सम्पूर्ण भारत के गाँव-गाँव, नगर-नगर को दो बार लगभग पैदल ही नाप दिया। बनारसीदास चतुर्वेदी का लक्ष्य यदि स्वतन्त्रता सेनानियों और शहीदों के बलिदानों को उजागर करना तथा उनके आश्रितों की सहायता करना और करवाना था तो 'सुमन' जी का लक्ष्य लेखकों की मदद करना था। .

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कृष्ण चंद्र चुनेकर

कृष्ण चन्द्र चुनेकर (जन्म:1928) भारत के एक आयुर्वेदिक चिकित्सक एवं आयुर्वैज्ञानिक लेखक हैं। सन २०१३ में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्होने औषधीय पादपों पर अनेक पुस्तकों की रचना की है, जिसमें से 'मेडिसिनल प्लान्ट्स ऑफ सुश्रुत संहिता' प्रमुख है। श्रेणी:पद्मश्री प्राप्तकर्ता.

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कृष्ण बिहारी मिश्र

कृष्ण बिहारी मिश्र (जन्म: १ जुलाई, १९३६) हिंदी के शिक्षक, साहित्यकार और समीक्षक हैं। .

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कृष्ण लाल

कृष्ण लालकृष्ण लाल (२ फ़रवरी १९१७ – २३ जून १९८०) मध्य प्रदेश के महू में जन्मे कृष्ण लाल हॉकी के प्रसिद्ध खिलाडी थे। कृष्ण लाल 1948 की ओलिंपिक स्वर्ण विजेता हॉकी टीम के कप्तान थे। 1966 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से पुरस्कृत किया। .

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कृष्णा पूनिया

कृष्णा पूनिया (अंग्रेजी:Krishna Poonia) (जन्म ०५ मई १९७७) एक भारतीय डिस्कस थ्रोअर है। इन्होंने ११ अक्टूबर २०१० में दिल्ली में आयोजित किये राष्ट्रमंडल खेलों में फाइनल मैच में क्लीन स्वीप कर ६१.५१ मीटर में स्वर्ण पदक जीता था। इसके पश्चात २०११ में भारत सरकार ने नागरिक सम्मान में इन्हें पद्मश्री का पुरस्कार दिया गया था। .

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कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन

कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन राज्यसभा के सांसद एवं प्रसिद्ध भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं। इन्हें भारत सरकार ने १९९२ में विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये कर्नाटक से हैं एवं वर्तमान में भारतीय योजना आयोग के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। .

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कैफ़ी आज़मी

कैफ़ी आज़मी (असली नाम: अख्तर हुसैन रिजवी) उर्दू के एक अज़ीम शायर थे। उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए भी कई प्रसिद्ध गीत व ग़ज़लें भी लिखीं, जिनमें देशभक्ति का अमर गीत -"कर चले हम फिदा, जान-ओ-तन साथियों" भी शामिल है। .

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कैलाश चंद्र अग्रवाल

श्री कैलाश 'मानव' पद्मश्री से सम्मानित होते हुए पद्मश्री कैलाश चन्द्र अग्रवाल एक समाजसेवी हैं जो नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक एवं मैनेजिंग ट्रस्टी हैं। वे कैलाश 'मानव' के नाम से अधिक विख्यात हैं। .

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कैलाश सांखला

कैलाश शंखला (30 जनवरी 1925 - 15 अगस्त 1994) एक भारतीय प्रकृतिवादी और संरक्षणवादी थे। ये दिल्ली जूलॉजिकल पार्क के निदेशक और राजस्थान के चीफ वन्यजीव वार्डन थे। ये बाघों के संरक्षण के लिए काफी लोकप्रिय हुए हैं। इन्हें "भारत का टाइगर मैन" के रूप में भी जाना जाता था, और 1973 में भारत में स्थापित एक संरक्षण कार्यक्रम प्रोजेक्ट टाइगर के गठन में भी शामिल था। .

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के ए दिनशा

केतयूँ आर्देशिर दिनशा (Ketayun Ardeshir Dinshaw) (16 नवम्बर 1943 – 26 अगस्त 2011) भारतीय चिकित्सा क्षेत्र की प्रमुख हस्ती थीं। उन्होने भारत में कैंसर चिकित्सा के विकास में महती भूमिका अदा की। वर्ष २००१ में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। श्रेणी:भारतीय चिकित्सक श्रेणी:कैंसर.

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के पी सक्सेना

के पी सक्सेना (जन्म: 1934 बरेली- मृत्यु: 31 अक्टूबर 2013 लखनऊ) भारत के एक हिन्दी व्यंग्य और फिल्म पटकथा लेखक थे। साहित्य जगत में उन्हें केपी के नाम से अधिक लोग जानते थे। उनकी गिनती वर्तमान समय के प्रमुख व्यंग्यकारों में होती है। हरिशंकर परसाई और शरद जोशी के बाद वे हिन्दी में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले व्यंग्यकार थे। उन्होंने लखनऊ के मध्यवर्गीय जीवन को लेकर अपनी रचनायें लिखीं। उनके लेखन की शुरुआत उर्दू में उपन्यास लेखन के साथ हुई थी लेकिन बाद में अपने गुरु अमृत लाल नागर की सलाह से हिन्दी व्यंग्य के क्षेत्र में आ गये। उनकी लोकप्रियता इस बात से ही आँकी जा सकती है कि आज उनकी लगभग पन्द्रह हजार प्रकाशित फुटकर व्यंग्य रचनायें हैं जो स्वयं में एक कीर्तिमान है। उनकी पाँच से अधिक फुटकर व्यंग्य की पुस्तकों के अलावा कुछ व्यंग्य उपन्यास भी छप चुके हैं। भारतीय रेलवे में नौकरी करने के अलावा हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं के लिये व्यंग्य लिखा करते थे। उन्होंने हिन्दी फिल्म लगान, हलचल और स्वदेश की पटकथायें भी लिखी थी। उन्हें 2000 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वे कैंसर से पीड़ित थे। उनका निधन 31 अक्टूबर 2013 को लखनऊ में हुआ। .

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के राघवन

के॰ राघवन (കെ.) (2 दिसम्बर 1913 – 19 अक्टूबर 2013), जिन्हें मुख्यतः राघवन मास्टर के नाम से जाना जाता है, एक मलयाली संगीत रचयिता थे। बाबूराज के साथ-साथ राघवन को अक्सर मलयालम फिल्म संगीत के पुनरोधार के लिए जाना जाता है। के राघवन ने मलयाली संगीत को पहचाना एवं एक नई दिशा दी। उन्होंने लगभग ४०० मलयाली सिनेमा में गानों की रचना की और मलयालम फ़िल्म उद्योग में चार दशकों तक सक्रिय रहे। .

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के शंकर पिल्लई

के शंकर पिल्लई (मलयालम: കെ ശങ്കര് പിള്ള.) (1902-31 जुलाई 1989 26 दिसंबर), बेहतर शंकर के रूप में जाना, एक भारतीय कार्टूनिस्ट था। उन्होंने भारत में राजनीतिक cartooning के पिता के रूप में माना जाता है। उन्होंने 1948 में शंकर वीकली, भारत पंच स्थापना, Utara भी अबू अब्राहम, रंगा और कुट्टी तरह कार्टूनिस्टों उत्पादित, वह नीचे 1975 में पत्रिका बंद होने के कारण इमरजेंसी को फिर पर वह बच्चों के काम पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित.

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के. के. अग्रवाल

डॉ के के अग्रवाल (K. K. Aggarwal) एक भारतीय चिकित्सक और हृदय रोग विशेषज्ञ हैं जो भारत के हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष और गैर सरकारी संगठन के तत्काल पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय चिकित्सा संघ हैं। उन्हें भारत सरकार ने दवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए, देश के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से 2010 में उन्हें सम्मानित किया। .

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के.के. हेब्बार

के.के.

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के॰ जी॰ सुब्रमण्यम

के॰ जी॰ सुब्रमण्यम(15 फरवरी 1924- 29 जून 2016), एक भारतीय मूर्तिकार और भित्ति चित्रकार थे। वे भारतीय आधुनिक कला के प्रणेताओं में शामिल रहे हैं। उन्होंने भित्ति चित्र टेराकोटा और कई तरह के खिलौने भी बनाए। उन्होंने सत्तर के दशक में कई तरह के नए प्रयोग शुरू किये जिसमें कांच के पत्रक पर रिवर्स चित्रकला प्रमुख रूप से शामिल थे। उन्होंने बच्चों के लिए कई किताबें भी लिखीं। उन्हें वर्ष 2012 में पद्म विभूषण, 2006 में पद्मभूषण तथा 1975 में पद्मश्री से सम्मानित किया। 29 जून, 2016 में उनका बड़ोदरा, गुजरात में निधन हो गया। .

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कोदगानुर एस. गोपीनाथ

डॉ कोडगनुर एस गोपीनाथ (Kodaganur S. Gopinath) एक भारतीय सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, जो ऑन्कोलॉजिकल अनुसंधान पर अपने अग्रणी काम के लिए जाना जाता है। वह डॉ सी रॉय अवॉर्ड सहित कई पुरस्कार के प्राप्तकर्ता हैं जिन्हें देश में प्रमुख मेडिकल सम्मान माना जाता है। भारत के राष्ट्रपति ने 2010 में इसकी ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में अपनी सेवाएं के लिए देश के चौथा उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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कोमल कोठारी

कोमल कोठारी (१९२९ -- २००४) या कोमल दा ने लोक कलाओं को संरक्षित करने में अपूर्व योगदान दिया था। उन्होने राजस्थान की लोक कलाओं, लोक संगीत और वाद्यों के संरक्षण, लुप्त हो रही कलाओं की खोज आदि के लिए बोरूंदा में रूपायन संस्था की स्थापना की थी। भारत सरकार द्वारा सन २००४ में उन्हें कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .

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कोलाकालुरी इनौच

कोलाकालुरी इनौच को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे आंध्र प्रदेश राज्य से हैं। .

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अतुल कुमार

अतुल कुमार (ज्न्म २८ अप्रिल १९६३, लखनऊ) भारत के एक रासायन शास्त्री और औषधि खोज कर्ता हैं। .

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अनन्त आत्माराम काणेकर

अनन्त आत्माराम काणेकर (२ दिसम्बर १९०५ – १९८०) मराठी लेखक थे भारत सरकार ने १९६५ में उन्हें पद्म श्री से पुरस्कृत किया। .

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अनिल काकोदकर

अनिल काकोदकर (जन्म:11 नवम्बर 1943) एक भारतीय परमाणु वैज्ञानिक है। नवम्बर, २००९ तक वे भारत के परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष एवं भारत सरकार के परमाण उर्जा विभाग के सचिव थे। इसके पूर्व वे सन् १९९६ से २००० तक भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के निदेशक (director) थे। वे भारतीय रिज़र्व बैंक में भी निदेशक हैं। .

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अनिल कुमार भल्ला

अनिल कुमार भल्ला (Anil Kumar Bhalla) जिन्हें डॉ ए. के.

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अनिल कुमार गुप्त

प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्त अनिल कुमार गुप्त जमीनी स्तर के नवाचारों के क्षेत्र में विश्वप्रसिद्ध व्यक्ति हैं। वे हनी बी नेटवर्क नामक संस्था के संस्थापक तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में प्राध्यापक हैं। इसके अतिरिक्त वे राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान के उप कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। उन्हें सन २००४ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। .

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अनिल कोहली

अनिल कोहली को भारत सरकार द्वारा सन २००५ में चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:२००५ पद्म भूषण श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अनुपम खेर

अनुपम खेर हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। वह किरन खेर के पति हैं। 2004 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया। .

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अनुज (रामानुज) शर्मा

अनुज (रामानुज) शर्मा को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे छत्तीसगढ़ राज्य से हैं। .

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अन्ना हजारे

किसन बाबूराव हजारे (जन्म: १५ जून १९३७) एक भारतीय समाजसेवी हैं। अधिकांश लोग उन्हें अन्ना हजारे के नाम से जानते हैं। सन् १९९२ में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। सूचना के अधिकार के लिये कार्य करने वालों में वे प्रमुख थे। जन लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिये अन्ना ने १६ अगस्त २०११ से आमरण अनशन आरम्भ किया था। .

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अनीता देसाई

अनीता देसाई (जन्म: 24 जून 1937) एक प्रख्यात लेखिका हैं।.

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अमिताभ मट्टू

अमिताभ मट्टू (जन्म: 26 जून 1962) कश्मीरी प्रोफेसर हैं। उन्हें २००८ में पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया। .

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अमृत तिवारी

अमृत कौर तिवारी एक भारतीय दंत चिकित्सक और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़ के पूर्व डीन हैं। भारतीय समाज के पेडोडॉनटिक्स और निवारक दंत चिकित्सा (ISPPD) में जीवन भर की सदस्यता के लिए चयन होने वाली वह पहली व्यक्ति हैं। और साथ ही वह भारतीय डेंटल एसोसिएशन और नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज की शोधकार हैं। वह चंडीगढ़ में नगर निगम की सदस्य रह चुकी हैं। PGIMER से सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें संस्थान का प्रोफेसर एमेरिटस बनाया गया। उसने कई सहकर्मी की समीक्षा पत्रिकाओं  में कई चिकित्सा लेख लिखे हैं  और एक पुस्तक, फ्लोराईड्स और दंत क्षय: एक संग्रह भी प्रकाशित की है।  1992 में भारत सरकार से उन्हें चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री से सम्मानित किया गया। तिवारी पीएर फौचर्ड अकादमी से योग्यता प्रमाण पत्र प्राप्तकर्ता हैं। उनकी शादी पंजाब विश्वविद्यालय में पंजाबी के लेखक और प्रोफेसर, वी.

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अमोद गुप्‍ता

अमोद गुप्‍ता को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे हरि‍याणा राज्य से हैं। संप्रति वे पीजीआई चंडीगढ़ में कार्यरत हैं। .

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अरविंद कुमार (शैक्षणिक)

अरविंद कुमार (Arvind Kumar) एक भारतीय भौतिक विज्ञानी और शिक्षाविद हैं। वह 1994-2008 की अवधि के दौरान केंद्र शिक्षा विभाग, होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र, मुंबई के निदेशक थे। विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए, उन्हें 2010 में भारत के चौथे उच्चतम नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वह नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज सहचर भी हैं और कई अन्य सम्मान और पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं जिसमें विज्ञान शिक्षा के लिए द वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज क्षेत्रीय पुरस्कार भी शामिल है। .

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अरविंदर सिंह सोइन

अरविंदर सिंह सोइन (Arvinder Singh Soin) एक सर्जन और लीवर प्रत्यारोपण के क्षेत्र में अग्रणी है। वर्तमान में, वह लिवर प्रत्यारोपण और रीजनेटिव चिकित्सा संस्थान, मेदांता-द मेडिसिटी, गुड़गांव, भारत के अध्यक्ष हैं। 2010 में, डॉक्टरी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा अरविंदर सिंह को पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .

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अरुण शर्मा (पुरातत्वविद)

डॉ अरुण शर्मा (जन: १९३३) भारत के पुरातत्त्वविद हैं। जनवरी २०१७ में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। सम्प्रति वे छत्तीसगढ़ शासन के पुरातात्विक सलाहकार हैं। उन्होने छत्तीसगढ़ के अलावा भारत के अन्य स्थानों पर भी खुदाई करायी है। अरुण शर्मा ने सिरपुर तथा राजिम में काफी काम किया है। उन्होंने सिरपुर में मिले प्राचीन मूर्तियों तथा मुखौटों के आधार पर कहा था कि हजारों वर्ष पहले यहाँ एलियंस आते रहे हैं। सिरपुर में मिले कई मूर्तियों में पश्चिमी देशों में मिले मूर्तियों से समानता के आधार पर उन्होंने यह बात की थी। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में पुरावैभव का भंडार है और इस बात की जरूरत है कि इस विषय पर और अधिक खोज की जाये और खासकर छत्तीसगढ़ के दो-तीन ऐतिहासिक पुरास्थलों में खुदाई की जाये, ताकि छत्तीसगढ़ का पुरावैभव प्रकाश में आ सके। डॉ.

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अरुण शर्मा (असमिया साहित्यकार)

अरुण शर्मा (३ नवम्बर, १९३१) असमिया भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास आशीर्वादर रंग के लिये उन्हें सन् 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। असमिया साहित्य में उनके योगदान की मान्यता में उन्हें 2010 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .

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अर्जुन प्रजापति

अर्जुन प्रजापति (Arjun Prajapati) (जन्म 1957) राजस्थान की एक भारतीय कलाकार है जो अपनी मिट्टी के बर्तनों की कला के लिए जाना जाता है। उनका जन्म 1957 में भारत में हुआ था। उन्होंने 2010 में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त किया। .

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अलका क्रिप्लानी

अलका क्रिप्लानी एक भारतीय स्त्री रोग विशेषज्ञ है, चिकित्सा लेखक और शैक्षणिक, प्रजननशील एंडोक्रिनोलॉजी और गायनोकोलोजी एंडोस्कोपी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जानी जाती हैं। वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में प्रोफेसर और गायनोकोलॉजी और प्रसूतिशास्त्र विभाग की प्रमुख हैं। उन्हें २०१५ में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री, चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार के साथ सम्मानित किया गया था। .

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अशोक चक्रधर

डॉ॰ अशोक चक्रधर (जन्म ८ फ़रवरी सन् १९५१) हिंदी के विद्वान, कवि एवं लेखक है। हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट प्रतिभा के कारण प्रसिद्ध वे कविता की वाचिक परंपरा का विकास करने वाले प्रमुख विद्वानों में से भी एक है। टेलीफ़िल्म लेखक-निर्देशक, वृत्तचित्र लेखक निर्देशक, धारावाहिक लेखक, निर्देशक, अभिनेता, नाटककर्मी, कलाकार तथा मीडिया कर्मी के रूप में निरंतर कार्यरत अशोक चक्रधर जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंदी व पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर के पद से सेवा निवृत्त होने के बाद संप्रति केन्द्रीय हिंदी संस्थानतथा हिन्दी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .

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अशोक पनगडि‍या

अशोक पनगडि‍या को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे राजस्‍थान राज्य से हैं। .

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अशोक राजगोपाल

अशोक राजगोपाल को चि‍कि‍त्‍सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दि‍ल्‍ली राज्य से हैं। .

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अशोक सेन

अशोक सेन, एफ आर एस (অশোক সেন; जन्म: 1956) एक भारतीय सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी है। .

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अशोक कुमार मागो

अशोक कुमार मागो को व्‍यापार एवं उद्योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे यू॰एस॰ए॰ से हैं। .

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अजय कुमार परि‍दा

अजय कुमार परि‍दा को वि‍ज्ञान एवं इंजीनि‍यरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे तमि‍लनाडु राज्य से हैं। .

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अजित वाडेकर

अजित लक्ष्मण वाडेकर (Ajit Laxman Wadekar)(जन्म;०१ अप्रैल १९४१, बॉम्बे अभी (मुम्बई, महाराष्ट्र, मुम्बई) एक पूर्व भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी है। इन्होंने भारत की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए १९६६ से १९७४ तक क्रिकेट खेला था। वाडेकर ने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत १९५८ में कर दी थी जबकि अंतर्राष्ट्रीय कैरियर की शुरुआत १९६६ में जाकर की थी। ये अपने क्रिकेट कैरियर में तीसरे नम्बर पर बल्लेबाजी करने आते थे। ये भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के पहले कप्तान है। इनकी कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड क्रिकेट टीम और वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के ख़िलाफ़ शृंखला भी जीती थी। अजित वाडेकर को भारत सरकार ने इनके अच्छे प्रदर्शन के लिए १९६७ में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा था और फिर १९७२ में एक बार भी सरकार ने पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा था। ये अपने जमाने में एक अच्छे स्लिप के फील्डर भी जाने जाते थे। .

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अजॉय चक्रबर्ती

पण्डित अजॉय चक्रबर्ती (जन्म: २५ दिसम्बर १९५२) एक प्रतिष्ठित भारतीय हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीतकार, गीतकार, गायक और गुरु हैं। उन्हें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीतकारी के विशिष्ठ व्यक्तित्वों में गिना जाता है। पटियाला कसूर घराना उनकी विशेष दक्षता है, तथा वे मूलतः उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली साहब और उस्ताद बरकत अली खान की गायकी का प्रतिनिधित्व करता हैं। तथा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय परम्परा के अन्य घराने, जैसे इंदौर, दिल्ली, जयपुर, ग्वालियर, आगरा, किराना, रामपुर तथा दक्षिण भारतीय कर्नाटिक संगीत की शैलियों का भी इनकी गायिकी पर प्रभाव पड़ता है। .

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अवतार सिंह चीमा

अवतार सिंह चीमा (1933–1989) प्रथम भारतीय थे जो सफलता पूर्वक माउंट ऐवरेस्ट फतह किया। वो भारतीय सेना के दो असफल प्रयासों के पश्चात १९६५ में माउंट ऐवरेस्ट पर चढ़ने के लिए तैयार किये गये तीसरे मिशन का हिस्सा थे। उन्होंने २० मई १९६५ को सफलतापूर्वक विजय प्राप्त की। वो भारतीय सेना में पैराशूट पलटन का हिस्सा थे। बाद में उन्हें कर्नल के रूप में प्रोन्नति मिली। उन्हें उनकी उपलब्द्धियों के लिए अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वो राजस्थान राज्य के श्रीगंगानगर जिले के निवासी थे। .

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अंजलि एला मेनन

अंजलि एला मेनन (जन्म:1940) भारत की एक कलाकार हैं। उन्हें सन २००० में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से अलंकृत किया गया था। .

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अंजू बॉबी जॉर्ज

अंजू बॉबी जॉर्ज അഞ്ജു ബോബി ജോര്‍ജ്ജ് (जन्म 19 अप्रैल 1977) एक भारतीय एथलीट है। अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में पेरिस में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा था। इस उपलब्धि के साथ वह पहली ऐसी भारतीय एथलीट बनीं, जिसने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 6.70 मीटर की छलांग लगाते हुए पदक जीता। 2005 में आईएएएफ (आइएएएफ) विश्व एथलेटिक्स फाइनल में उन्होंने रजत पदक जीता, इस प्रदर्शन को वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन मानती हैं। .

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अक्षय कुमार को प्राप्त पुरस्कारों और नामांकनों की सूची

यह भारतीय अभिनेता अक्षय कुमार को प्राप्त पुरस्कारों और नामांकनों की सूची है। अक्षय कुमार (जन्म ९ सितम्बर १९६७ को राजीव हरी ओम भाटिया) भारतीय अभिनेता फ़िल्म निर्माता और युद्ध कला का कलाकार हैं। उन्होंने अब तक सैकड़ों हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया है। उन्हें कई बार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों के लिए नामित किया गया और ३ बार उन्होंने ये पुरस्कार जीता। सन् २००८, २०११ और २०१३ में उन्होंने वर्ष के पुरुष सितारे का स्टारडस्ट पुरस्कार जीता। वर्ष २००८ में, विंडसर विश्वविद्यालय ने भारतीय सिनेमा में उनके योगदानों के लिए कुमार को विधि में मानद डॉक्ट्रेट की उपाधि प्रदान की। अगले वर्ष उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री से पुरस्कृत किया। सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए कुमार को द एशियन अवार्ड से नवाज़ा गया। .

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उदित नारायण

उदित नारायण हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध नेपाली गायक हैं। उदित नारायण का जन्म 27 नवम्बर को नेपाल के सप्तरी जिले में हुआ। उन्होंने अपना पहला हिन्दी गाना मुकेश जी के साथ गाया। उन्हें तीन देशीय पुरस्कार तथा पांच फिल्म फेयर पुरस्कार मिले हैं। वर्ष 2009 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। उदित नारायण नेपाल में और भारत में भी एक प्रख्यात गायक के रूप में जाने जाते हैं। नेपाली फ़िल्म में उन्होंने बहुत हिट गाने गाए हैं और उनका गीत अधिकतर लोगों को पसंद है। उनके स्वर में जादू है। वे किशोर अवस्था से ही गायन कला के क्षेत्र में लग गये थे जो कि आज इस मुकाम पर है। संपूर्ण बॉलीवुड में उन्हें आज भी एक बेहतर गायक माना जाता है। नेपाल में अभी के समय में भी उनके स्वर से तुलना किसी भी गायक से नहीं की जा सकती है। उदित जी का मातृभाषा मैथिली हैं और वो नेपाल के मिथिलांचल इलाके से आते हैं। जैसे कि नेपाल और भारत के बीच बेटी और रोटी का सम्बन्ध है उसी तरह उनका ननिहाल भारत के बिहार राज्य में है। .

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उल्हास काशलकर

पंडित उल्हास काशलकर (Pandit Ulhas N Kashalkar) (जन्म 14 जनवरी 1955) एक हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक है। उन्होंने ग्वालियर, जयपुर और आगरा घरानों में पहले से प्रशिक्षण प्राप्त किया है और वह इन तीनों स्कूलों के प्रतिनिधि के रूप में माने जाते है। भारत सरकार ने उन्हें 2010 में देश के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया था। .

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उस्ताद मोइनुद्दीन खान

उस्ताद मोइनुद्दीन खान भारत के एक विख्यात सारंगी वादक हैं। उन्हें कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे राजस्थान राज्य से हैं। .

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२०१३ में निधन

निम्नलिखित सूची २०१३ में निधन हो गये लोगों की है। यहाँ पर सभी दिनांक के क्रमानुसार हैं और एक दिन की दो या अधिक प्रविष्टियाँ होने पर उनके मूल नाम को वर्णक्रमानुसार में दिया गया है। यहाँ लिखने का अनुक्रम निम्न है.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

पद्म श्री पुरस्कार, पद्मश्री, पद्मश्री पुरस्कार, पद्मश्री सम्मान

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