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पण्य

सूची पण्य

अर्थशास्त्र में, पण्य एक विपणीक्रिय चीज़ है, जिसका उत्पादन इच्छाओं और आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए होता है। अक़्सर, यह चीज़ प्रतिमोच्य होती है। आर्थिक पण्यों में वस्तु और सेवाएँ सम्मिलित होते हैं। .

6 संबंधों: डेरिवेटिव्स, पण्य रसायन, प्रतिमोच्यता, सबप्राइम मोर्टगेज क्राइसिस, वस्तु (अर्थशास्त्र), अन्तिम वस्तु

डेरिवेटिव्स

विकल्प अनुबंध खरीदार पर या भविष्य मे एक निर्धारित तिथि से पहले एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीद या अन्तर्निहित परिसंपत्ति (शेयर्स, बांड, मुद्रा, वस्तु आदि), बजने के लिए एक विकल्प देता है। कीमत जो पूर्व निर्धारित है उसे ‘हड़ताल मूल्य’ या ‘व्यायाम कीमत’ कहा जाता है। विकल्प के प्रकार:- विकल्प दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है। १. पूट विकल्प २. डबल विकल्प पूट विकल्प:- यह ऐसा विकल्प है जो विकल्प धारक को निर्धारित तिथि से पहले पूर्व निर्धारिक मूल्य पर एक अन्तर्निहित परिसंपत्ति को बेचने का अधिकार देता है.

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पण्य रसायन

केमिकल एवं कई अन्य प्रकार के उत्पादों और संपादन के प्रकार। पण्य रसायन (Commodity chemicals या bulk commodities या bulk chemicals) रासायनिक पदार्थों के उस समूह को कहते हैं जिसना उत्पादन बहुत बड़े पैमाने पर किया जाता है ताकि वैश्विक मांग को पूरा किया जा सके। इन रसायनों के औसत मूल्य नियमित रूप से रासायनिक आंकड़े प्रकाशित करने वाले पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहते हैं, जैसे और में। पण्य रसायन, रासायनिक उद्योग का एक उपक्षेत्र (सब-सेक्तर) है (अन्य क्षेत्र हैं- फाइन रसायन (fine chemical), विशिष्ट रसायन (speciality chemicals), अकार्बनिक रसायन (inorganic chemicals), शैल-रसायन (petrochemicals), औषध रसायन (pharmaceuticals), नवीकरणीय ऊर्जा (जैसे जैवैईंधन) आदि)। .

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प्रतिमोच्यता

प्रतिमोच्यता (Fungibility, फ़ंजिबिलिटी) किसी ऐसे प्रकार के माल या जिन्स जिसकी इकाईयाँ एक-दूसरे से सरलता से बदली जा सकें। उदाहरण के लिये एक किलो लोहा की एक इकाई किसी भी अन्य एक किलो लोहे के लगभग बराबर ही मानी जा सकती है। तेल, गेंहू, दस रुपये के नोट, इत्यादि ऐसी अन्य प्रतिमोच्य चीज़ों के उदाहरण हैं। .

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सबप्राइम मोर्टगेज क्राइसिस

सबप्राइम मोर्टगेज क्राइसिस निरंतर जारी अचल संपत्ति और वित्तीय संकट है जो संयुक्त राज्य में गिरवी अपराधों और पुरोबंधों में नाटकीय उत्थान से विश्वभर में बैंकों और वित्तीय बाजारों पर प्रतिकूल परिणामों से फ़ैल गया। यह संकट, जिसकी जड़ें 20 वीं सदी के समापन वर्षों में हैं, 2007 में स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आया और वित्तीयउद्योग के नियमन एवं वैश्विक वित्तीय प्रणाली की कमजोरियों को व्यापक रूप से उजागर कर दिया। हाल के वर्षों में संयुक्त राज्य के अनुमानतः 80% गिरवी समायोज्य दर पर सबप्राइम उधारकर्ताओं को दी गयी। जब संयुक्त राज्य में आवास की कीमतों में 2006-07 में गिरावट आने लगी पुनर्वित्तीयन और भी अधिक दुष्कर हो गया और जैसा कि समायोज्य दर पर गिरवी को ऊंची दरों पर दोबारा स्थिर करना पड़ा, बंधक अपराध बहुत बढ़ गए। सबप्राइम गिरवी से समर्थित प्रतिभूतियां जो व्यापक रूप से वित्तीय संस्थाओं के अधीन थीं, उनकी अधिकतम कीमत समाप्त हो गई। फलतः सारे विश्व में ऋण में कसाव लाते हुए कई बैंकों एवं संयुक्त राज्य सरकार के प्रायोजित उद्यमों की पूंजी में व्यापक गिरावट आ गई। .

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वस्तु (अर्थशास्त्र)

अर्थव्यवस्था में, वस्तु एक माल है, जो मानवीय चाहों को संतुष्ट करता है, और उपयोगिता प्रदान करता है, उदाहरणार्थ, ऐसे उपभोक्ता को, जो पर्याप्त-संतोषजनक उत्पाद पाते वक़्त, क्रय कर रहा हो। एक आम अन्तर "वस्तुओं" और "सेवाओं" के बीच किया जाता है कि वस्तु मूर्त सम्पत्ति होते हैं, और सेवाएँ अभौतिक होती हैं। वस्तु एक उपभोज्य चीज़ है, जो लोगों के लिए उपयोगी है, पर माँग की तुलना में दुर्लभ है, जिससे उसे प्राप्त करने के लिए मानवीय उद्यम की आवश्यकता होती है। इसके विपरीत, मुफ़्त वस्तु, जैसे कि हवा, प्राकृतिक रूप से प्रचुर आपूर्ति में हैं, और उन्हें प्राप्त करने के लिए किसी अभिज्ञ उद्यम की ज़रुरत नहीं पड़ती। पण्य, आर्थिक वस्तुओं के लिए समानार्थी के रूप में उपयुक्त हो सकते हैं, पर अक़्सर उनका सन्दर्भ विपणीक्रिय कच्चे माल और प्राथमिक उत्पादों से होता हैं। यद्यपि आर्थिक सिद्धान्त में, सभी वस्तु मूर्त माने जाते हैं, पर वास्तव में, कुछ वस्तुओं के वर्ग जैसे कि सूचना केवल अमूर्त रूप लेते हैं। उदाहरणार्थ, अन्य वस्तुओं के बीच, सेब एक मूर्त वस्तु है, जबकि समाचार, वस्तुओं के अमूर्त वर्ग का हिस्सा हैं, जो किसी साधन जैसे कि प्रिंट या दूरदर्शन के माध्यम से ही दृष्टिगोचर हो सकता हैं। .

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अन्तिम वस्तु

अर्थशास्त्र में, कोई भी पण्य जो उत्पादित किया जाएँ और तत्पश्चात् उपभोक्ता द्वारा अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपभुक्त किया जाएँ, वह एक उपभोक्ता वस्तु (consumer good) अथवा अन्तिम वस्तु (final good) है। उपभोक्ता वस्तु वे वस्तु होते हैं, जो अन्य वस्तु के उत्पादन में उपयुक्त होने के बजाए, अन्ततः उपभुक्त कियें जाते हैं। उदाहरणार्थ, एक माइक्रोवेव ओवन या बाइसिकल जो उपभोक्ता को बेचे जाते हैं, एक अन्तिम वस्तु अथवा उपभोक्ता वस्तु है; जबकि जो कॉम्पोनेन्ट उन वस्तुओं में उपयुक्त होने के लिए बेचे जाते हैं, मध्यवर्ती वस्तु कह लाते हैं। उदाहरणार्थ, टेक्सटाइल या ट्रांज़िस्टर, जिनका उपयोग और भी कुछ वस्तु बनाने में हो सकता हैं। श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

जिन्स, कमोडिटी

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