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पण्डित जसराज

सूची पण्डित जसराज

पण्डित जसराज (जन्म - २८ जनवरी १९३०) भारत के सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायकों में से एक हैं। पण्डितजी का संबंध मेवाती घराने से है। जब जसराज काफी छोटे थे तभी उनके पिता श्री पण्डित मोतीरामजी का देहान्त हो गया था और उनका पालन पोषण बड़े भाई पण्डित मणीरामजी के संरक्षण में हुआ। .

8 संबंधों: पटना, पटना में दशहरा, पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९), पद्म विभूषण धारकों की सूची, प्रोतिमा बेदी, भारतीय संगीत का इतिहास, जतिन-ललित, विजयता पंडित

पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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पटना में दशहरा

पटना में दशहरा में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की लम्बी पर क्षीण होती परम्परा है। .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९७४ से १९७९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म विभूषण धारकों की सूची

यह भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से अलंकृत किए गए लोगों की सूची है: .

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प्रोतिमा बेदी

प्रोतिमा गौरी बेदी (12 अक्टूबर 1948 - 18 अगस्त 1998) एक भारतीय मॉडल थी जो बाद में भारतीय शास्त्रीय नृत्य, ओडिसी की व्याख्याता बनी, तथा जिन्होनें 1990 में बैंगलोर के पास एक नृत्य गांव 'नृत्यग्राम' की स्थापना की.

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भारतीय संगीत का इतिहास

पाँच गन्धर्व (चौथी-पाँचवीं शताब्दी, भारत के उत्तर-पश्चिम भाग से प्राप्त) प्रगैतिहासिक काल से ही भारत में संगीत कीसमृद्ध परम्परा रही है। गिने-चुने देशों में ही संगीत की इतनी पुरानी एवं इतनी समृद्ध परम्परा पायी जाती है। माना जाता है कि संगीत का प्रारम्भ सिंधु घाटी की सभ्यता के काल में हुआ हालांकि इस दावे के एकमात्र साक्ष्य हैं उस समय की एक नृत्य बाला की मुद्रा में कांस्य मूर्ति और नृत्य, नाटक और संगीत के देवता रूद्र अथवा शिव की पूजा का प्रचलन। सिंधु घाटी की सभ्यता के पतन के पश्चात् वैदिक संगीत की अवस्था का प्रारम्भ हुआ जिसमें संगीत की शैली में भजनों और मंत्रों के उच्चारण से ईश्वर की पूजा और अर्चना की जाती थी। इसके अतिरिक्त दो भारतीय महाकाव्यों - रामायण और महाभारत की रचना में संगीत का मुख्य प्रभाव रहा। भारत में सांस्कृतिक काल से लेकर आधुनिक युग तक आते-आते संगीत की शैली और पद्धति में जबरदस्त परिवर्तन हुआ है। भारतीय संगीत के इतिहास के महान संगीतकारों जैसे कि स्वामी हरिदास, तानसेन, अमीर खुसरो आदि ने भारतीय संगीत की उन्नति में बहुत योगदान किया है जिसकी कीर्ति को पंडित रवि शंकर, भीमसेन गुरूराज जोशी, पंडित जसराज, प्रभा अत्रे, सुल्तान खान आदि जैसे संगीत प्रेमियों ने आज के युग में भी कायम रखा हुआ है। भारतीय संगीत में यह माना गया है कि संगीत के आदि प्रेरक शिव और सरस्वती है। इसका तात्पर्य यही जान पड़ता है कि मानव इतनी उच्च कला को बिना किसी दैवी प्रेरणा के, केवल अपने बल पर, विकसित नहीं कर सकता। .

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जतिन-ललित

जतिन और ललित पंडित जतिन-ललित हिन्दी फिल्मों की संगीतकार जोड़ी है। इसमें दो भाई जतिन पंडित और ललित पंडित है। दोनों का ताल्लुक उल्लेखनीय संगीत परिवार से है जिसका मूल हिसार, हरियाणा में है। उनके चाचा पण्डित जसराज है और अभिनेत्रियाँ सुलक्षणा पंडित और विजयता पंडित उनकी बहनें है। पहली फिल्म जिसमें उन्होंने संगीत दिया था वो थी 1991 की यारा दिलदारा। इस फिल्म का एक गीत बिन तेरे सनम काफी सफल हुआ था। सफलता उन्हें खिलाड़ी से मिली थी। कई सफल फ़िल्में जिसमें इन्होंने संगीत दिया वह है:- जो जीता वोही सिकंदर, कभी हाँ कभी ना, खामोशी: द म्युजकल, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, यस बॉस, जब प्यार किसी से होता है, कुछ कुछ होता है, मोहब्बतें, कभी खुशी कभी ग़म और फना वगैरह। दोनों को फ़िल्मफेयर पुरस्कार के सर्वश्रेष्ठ संगीतकार की श्रेणी में 11 बार नामित किया लेकिन वह यह पुरस्कार एक बार भी नहीं जीत पाए। 2006 में दोनों भाई ने जोड़ी तोड़ दी। ललित पंडित ने कुछ फ़िल्मों में अकेले संगीत दिया जिसमें उन्हें साजिद-वाजिद के साथ दबंग के लिये अंतत ये पुरस्कार प्राप्त हुआ। .

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विजयता पंडित

विजयता अपने पति आदेश के साथ (2012) विजयता पंडित भारतीय अभिनेत्री और पार्श्व गायिका है जिन्हें उनकी पहली फिल्म लव स्टोरी (1981) के लिये जाना जाता है। पंडित जसराज उनके चाचा हैं। जबकि सुलक्षणा पंडित उनकी बड़ी बहन और जतिन-ललित उनके छोटे भाई हैं। .

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