पांच पक्षी शासत्रम। ज्योतिष की पंच-पक्षी पद्वति प्राचीन समय में विशेष रूप से दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में प्रचलित थी। परन्तु आज यह अपने खास विशेषताओं के कारण पूरे भारत में लोकप्रियता प्राप्त कर चुकी है। पंच-पक्षी सिद्धान्त के अन्तर्गत आने वाले पांच पक्षी गिद्ध, उल्लू, कौआ, मुर्गा और मोर है। पंच-पक्षी के आधारभूत सिद्धांत के अनुसार जब सभी प्रभावकारी तत्व अपने उच्चावस्था में होते हैं तो उस समय हम अपने लक्ष्य की दिशा में सरलता से बढ पाते है। इसी तरह जब शुभ पक्षी का समय चल रहा हो तो सरल प्रयास भी सफलता दिला देते हैं। ओर परिस्थिती इसके विपरीत होने पर कार्यो में बाधाएं आने के साथ साथ असफलता भी प्राप्त होती है। .
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