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पंजाबी

सूची पंजाबी

पंजाबी का इनमें से मतलब हो सकता: संस्कृति में.

252 संबंधों: चण्डीगढ़, चमनलाल, चंददास, चक्रम्, टशन-ए-इश्क़, टुन टुन, डोगरी भाषा, तत्सम, तारिक़ फ़तह, तेजेंद्र शर्मा, द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - १८५७, दयाराम, दल्हेड़ी, दामोदर राव, दार्दी भाषाएँ, दिलजीत दोसांझ, दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालय, दक्ष अजीत सिंह, दक्षिण एशिया की पाक-प्रणाली में प्रयुक्त पादपों की सूची, दक्षिण एशियाई भोजन में प्रयुक्त पादप, दक्खिनी, देहरादून जिला, देव-डी, देवदास (२००२ फ़िल्म), देवनागरी, देवनागरी अंक, देवेन्द्र सत्यार्थी, दीप सिद्धू, दीपावली, दीपिका सिंह, दीवान (शायरी), धनबाद, धनीराम 'चातृक', धर्मेन्द्र द्वारा अभिनीत फ़िल्में, नात ए शरीफ़, नाभा, नाम की व्युत्पत्ति के आधार पर भारत के राज्य, निरुपमा दत्त, निर्गुन्डी, नवजोत सिंह सिद्धू, नगमा, नौगाजा पीर, नीरू बाजवा, नीलाभ अश्क, पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट, पर्मिश वर्मा, पाश (पंजाबी कवि), पाकड़, पाकिस्तान, पिन्नी, ..., पंडित तारा सिंह नरोत्तम, पंजाब (बहुविकल्पी), पंजाब विधान सभा, पंजाबी चिट्ठाजगत, पंजाबी साहित्य, प्रताप सिंह, प्रवासी पंजाबी, प्रेमनाथ, प्रीति ज़िंटा, पूर्णसिंह, पॉण्टी चड्ढा, फ़रीदुद्दीन गंजशकर, फ़िरोज़पुर ज़िला, फाजिल्का जिला, बठिंडा, बनिया, बब्बु मान, बादशाह (गायक), बाङ्ला भाषा, बृजमोहन लाल मुंजाल, बैसाखी, बीकानेर की संस्कृति, भारत, भारत में स्थानीय वक्ताओं की संख्यानुसार भाषाओं की सूची, भारत के पशुपक्षियों की बहुभाषीय सूची, भारत के भाषाई परिवार, भारत की बोलियाँ, भारतेन्दु हरिश्चंद्र, भारती सिंह, भारतीय पेड़ों पौधों तथा फूलों के नामों की बहुभाषी सूची, भारतीय सिनेमा, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भाषा, भाषा-परिवार, भाई संतोख सिंह, भाई गुरदास, भगत सिंह, भूपेंद्र नाथ कौशिक, मदनलाल पाहवा, मनमोहन (अभिनेता), मनित जौरा, मरयम नवाज़, मलवई बोली, मल्लिका दुआ, महाजनी लिपि, महक चहल, मानवजीत सिंह सन्धू, मालवा (पंजाब), मित्तर प्यारे नूँ, मिलिन्द गाबा, मंजे बिस्तरे (2017 फ़िल्म), मंगल ढ़िल्लों, मुस्सरत नज़ीर, मुकेश, मूलचन्द, मेहतर लाम, मेघवाल, मोहन सिंह (कवि), मोहम्मद रफ़ी, मीर ज़फ़रुल्लाह ख़ान जमाली, यारां नाल बहारां (2005 फ़िल्म), यूनिनागरी (सम्पादित्र), योग संदेश, रणजीत सिंह की समाधि, रसम पगड़ी, राम प्रसाद 'बिस्मिल', राष्‍ट्रीय चैनल, राजपाल एण्ड सन्स, राजेश खट्टर, रावलपिंडी, रघु वीर, रुड़की, रोटी - गुरदास मान, रोमानी भाषा, लस्सी ते चा, लाला लाजपत राय, लाला हरदयाल, लाहोरीए (२०१७ फ़िल्म), लंगर (सिख धर्म), लौंग दा लश्कारा (1986 फ़िल्म), शाहमुखी लिपि, शिव दयाल सिंह, श्रद्धा कपूर, श्रद्धाराम शर्मा, श्रेया घोषाल, शौरसेनी, सदाफूली, सन्नी लियोन, सरस्वती सम्मान, सलवार कमीज़, साउंड एण्ड विजन इंडिया, सिन्धी भाषा, सिख, संतोख सिंह, संदेश रासक, संजीव कुमार, संगरूर ज़िला, सुनील दत्त, सुपर सिंह (२०१७ फ़िल्म), सुल्तान राही, सुखदेव, सुंदरदास, सुकेश साहनी, स्टेविया, स्वरचक्र, स्काईमेट, सेलिना जेटली, सोनम बाजवा, सोनू निगम, हनुमन्नाटक, हम हिन्दू नहीं, हरिपुर ज़िला, हलवाई, हामिद मीर, हार्डी संधु, हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार, हिन्द-ईरानी भाषाएँ, हिन्द-आर्य भाषाएँ, हिन्दको भाषा, हिन्दुस्तान ग़दर, हिन्दी, हिमाचल प्रदेश, हिमांशी खुराना, हकीकत राय, हृदयराम, हेज़ल कीच, जयसिंहपुर, ज़िरकपुर, जिमी शेरगिल, ज्ञानपीठ पुरस्कार, वरियाम सिंह संधू, वसीम तरड़, वामिका गब्बी, वाह जनाब, वाघा, विभिन्न भाषाओं में रामायण, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, विवान अरोड़ा, विकीर्णन (डायसपोरा), वेरोनिका मेहता, खींप, ग़दर दी गूंज, ग़दर पार्टी, गिद्दड़बाहा, गिप्पी ग्रेवाल, गुरदयाल सिंह, गुरप्रीत घुग्गी, गुरबचन सिंह भुल्लर, गुरु नानक, गुरु नानक कालेज,किल्लियांवाली, गुरु ग्रन्थ साहिब, गुरु अंगद देव, गुरू(सिख धर्म), गुल बलोच, गुलज़ार (गीतकार), गूगल अनुवाद, गीता टंडन, आदमपुर, आदरसूचक, आदिल खान, आशा भोंसले, इन्द्र कुमार गुजराल, इस्लामाबाद, इक्का सिंह, कनिका कपूर, कबीर, कमल कपूर, करण मल्होत्रा, करतार सिंह दुग्गल, करन सिंह ग्रोवर, कलीरें, कश्मीरी भाषा, काटल, कान्ह सिंह नाभा, कांगड़ी भाषा, किस देश में है मेरा दिल, कविता कोश, कविश्री, कुदाल, कुलवंत सिंह विर्क, कुल्चा, कृप सूरी, के॰एस॰ चित्रा, कोलकाता, कोलकाता में मीडिया, अपूर्वा अरोड़ा, अफ़ज़ल अहसन रंधावा, अभिनव बिंद्रा, अभिषेक सक्सेना, अमरिंदर गिल, अमृता प्रीतम, अरहर दाल, अहाना देओल, अजीत कौर, अखिल (गायक), अंगिका भाषा, उड़द दाल, उत्तर भारत, उपासना सिंह, उपेन्द्रनाथ अश्क, उर्दू साहित्य, छल्ला (लोकगीत) सूचकांक विस्तार (202 अधिक) »

चण्डीगढ़

चण्डीगढ़, (पंजाबी: ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ), भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो दो भारतीय राज्यों, पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के एक मंदिर के कारण पड़ा है। यह मंदिर आज भी शहर में स्थित है। इसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है। चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में मोहाली, पंचकुला और ज़ीरकपुर आते हैं, जिनकी २००१ की जनगणना के अनुसार जनसंख्या ११६५१११ (१ करोड़ १६ लाख) है। भारत की लोकसभा में प्रतिनिधित्व हेतु चण्डीगढ़ के लिए एक सीट आवण्टित है। वर्तमान सोलहवीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की श्रीमति किरण खेर यहाँ से साँसद हैं। इस शहर का नामकरण दुर्गा के एक रूप ‘चंडिका’ के कारण हुआ है और चंडी का मंदिर आज भी इस शहर की धार्मिक पहचान है। नवोदय टाइम्स इस शहर के निर्माण में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भी निजी रुचि रही है, जिन्होंने नए राष्ट्र के आधुनिक प्रगतिशील दृष्टिकोण के रूप में चंडीगढ़ को देखते हुए इसे राष्ट्र के भविष्य में विश्वास का प्रतीक बताया था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहरी योजनाबद्धता और वास्तु-स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध यह शहर आधुनिक भारत का प्रथम योजनाबद्ध शहर है।, चंडीगढ़ के मुख्य वास्तुकार फ्रांसीसी वास्तुकार ली कार्बूजियर हैं, लेकिन शहर में पियरे जिएन्नरेट, मैथ्यु नोविकी एवं अल्बर्ट मेयर के बहुत से अद्भुत वास्तु नमूने देखे जा सकते हैं। शहर का भारत के समृद्ध राज्यों और संघ शसित प्रदेशों की सूची में अग्रणी नाम आता है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय ९९,२६२ रु (वर्तमान मूल्य अनुसार) एवं स्थिर मूल्य अनुसार ७०,३६१ (२००६-०७) रु है। .

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चमनलाल

चमनलाल से निम्नलिखित व्यक्तियों का बोध होता है-.

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चंददास

चंददास हिन्दी के कवि थे। उनका जन्म अठारहवीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के हस्वा (हंसपुरी) में हुआ था। बाद में इन्होने सन्यास ले लिया। उनकी भाषा में संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश आदि के अतिरिक्त मराठी, पंजाबी, अरबी और फारसी आदि के शब्दों का भी प्रयोग हुआ है। .

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चक्रम्

चक्रम् (पंजाबी: चक्कर; मलय: चकेरम्) भारत में प्रचलित एक शत्र है जिसको शत्रु की ओर फेंककर मारा जाता है। यह वृत्ताकार होता है और इसका बाहरी व्यास १२ से ३० सेन्टीमीटर होता है। श्रेणी:भारतीय शस्त्र.

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टशन-ए-इश्क़

टशन-ए-इश्क़ ज़ी टीवी पर प्रसारित होने वाला भारतीय हिन्दी धारावाहिक है। यह धारावाहिक 10 अगस्त 2015 से सोमवार से शुक्रवार रात 8 बजे देता है। इस धारावाहिक में मुख्य भूमिका में ज़ैन इमाम, जैस्मिन भसीन, सिद्धान्त गुप्ता और रिशीना कंधारी हैं। .

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टुन टुन

टुन टुन (11 जुलाई 1923 – 24 नवम्बर 2003) Press Release, Ministry of Information & Broadcasting, 25 November, 2003.

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डोगरी भाषा

डोगरी भारत के जम्मू और कश्मीर प्रान्त में बोली जाने वाली एक भाषा है। वर्ष 2004 में इसे भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है। पश्चिमी पहाड़ी बोलियों के परिवार में, मध्यवर्ती पहाड़ी पट्टी की जनभाषाओं में, डोगरी, चंबयाली, मडवाली, मंडयाली, बिलासपुरी, बागडी आदि उल्लेखनीय हैं। डोगरी इस विशाल परिवार में कई कारणों से विशिष्ट जनभाषा है। इसकी पहली विशेषता यह है कि दूसरी बोलियों की अपेक्षा इसके बोलनेवालों की संख्या विशेष रूप से अधिक है। दूसरी यह कि इस परिवार में केवल डोगरी ही साहित्यिक रूप से गतिशील और सम्पन्न है। डोगरी की तीसरी विशिष्टता यह भी है कि एक समय यह भाषा कश्मीर रियासत तथा चंबा राज्य में राजकीय प्रशासन के अंदरूनी व्यवहार का माध्यम रह चुकी है। इसी भाषा के संबंध से इसके बोलने वाले डोगरे कहलाते हैं तथा डोगरी के भाषाई क्षेत्र को सामान्यतः "डुग्गर" कहा जाता है। .

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तत्सम

तत्सम (तत् + सम .

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तारिक़ फ़तह

तारिक़ फ़तह (طارق فتح. (शाहमुखी), जन्म 20, 1949), पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक, प्रसारक एवं सेक्युलर उदारवादी कार्यकर्ता हैं। चेजिंग अ मिराज: द ट्रैजिक इल्लुझ़न ऑफ़ ऐन इस्लामिक स्टेट (Chasing a Mirage: The Tragic Illusion of an Islamic State) उनकी प्रसिद्ध कृति है। तारिक़ फ़तह इस्लामी अतिवाद के ख़िलाफ़ बोलने और एक उदारवादी इस्लाम के पक्ष को बढ़ावा देने के लिये प्रसिद्ध हैं। तारिक़ फ़तह दक्षिण एशिया और विशेष रूप से कट्टरपंथी भारतीय और पाकिस्तानी मुसलमानों की अलगाववादी संस्कृति के विरुद्ध भी बोलते हैं, तथा वे समलैंगिक व्यक्तियों के सामान अधिकारों और हितों के भी पक्षधर हैं। साथ ही वे बलोचिस्तान में मानवाधिकार के हनन और पाकिस्तान द्वारा बलोचिस्तान में किये जा रहे ज़्यादतियों के विषय पर भी बोलते और लिखते हैं, और 'आज़ाद बलोचिस्तान' के पक्षधर के रूप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने कनाडाई मुस्लिम कांग्रेस का स्थापना किया और वे इस्लाम का उदारवादी और प्रगतिशील रूप के समर्थक हैं। वे ज़ी न्यूज़ के फ़तह का फ़तवा कार्यक्रम में इस्लाम पर लगातार अपना नजरिया पेश करते आ रहे हैं। पाकिस्तानी व्यवस्थापिका तथा इस्लामिक कट्टरपंथ, एवं इस्लामिक इतिहास और कुछ परंपराओं के विषय में बोलने के कारण, उनके विचार, अक्सर बहस और विवाद का पात्र रहते हैं। .

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तेजेंद्र शर्मा

तेजेंद्र शर्मा (जन्म २१ अक्टूबर १९५२) ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी कवि लेखक एवं नाटककार है। इनका जन्म 21 अक्टूबर 1952 में पंजाब के जगरांव शहर में हुआ। तेजेन्द्र शर्मा की स्कूली पढ़ाई दिल्ली के अंधा मुग़ल क्षेत्र के सरकारी स्कूल में हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विषय में एम.ए. तथा कम्प्यूटर में डिप्लोमा करने वाले तेजेन्द्र शर्मा हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू तथा गुजराती भाषाओं का ज्ञान रखते हैं। उनके द्वारा लिखा गया धारावाहिक 'शांति' दूरदर्शन से १९९४ में अंतर्राष्ट्रीय लोकप्रियता प्राप्त कर चुका है। अन्नू कपूर निर्देशित फ़िल्म 'अमय' में नाना पाटेकर के साथ उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई है। वे इंदु शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट के संस्थापक तथा हिंदी साहित्य के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय सम्मान इन्दु शर्मा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान प्रदान करनेवाली संस्था 'कथा यू॰के॰' के सचिव हैं। .

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द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - १८५७

द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - १८५७ प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर द्वारा लिखित एक पुस्तक है, जिसमें उन्होंने सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिख कर ब्रिटिश शासन को हिला डाला था। अधिकांश इतिहासकारों ने १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक सिपाही विद्रोह या अधिकतम भारतीय विद्रोह कहा था। दूसरी ओर भारतीय विश्लेषकों ने भी इसे तब तक एक योजनाबद्ध राजनीतिक एवं सैन्य आक्रमण कहा था, जो भारत में ब्रिटिष साम्राज्य के ऊपर किया गया था। सावरकर ने १८५७ की घटनाओं को भारतीय दृष्टिकोण से देखा। स्वयं एक तेजस्वी नेता व क्रांतिकारी होते हुए, वे १८५७ के शूरवीरों के साहस, वीरता, ज्वलंत उत्साह व दुर्भाग्य की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने इस पूरी घटना को उस समय उपलब्ध साक्ष्यों व पाठ सहित पुनरव्याख्यित करने का निश्चय किया। उन्होंने कई महीने इण्डिया ऑफिस पुस्तकालय में इस विषय पर अध्ययन में बिताये। सावरकर ने पूरी पुस्तक मूलतः मराठी में लिखी व १९०८ में पूर्ण की। क्योंकि उस समय इसका भारत में मुद्रण असंभव था, इसकी मूल प्रति इन्हें लौटा दी गई। इसका मुद्रण इंग्लैंड व जर्मनी में भी असफाल रहा। इंडिया हाउस में रह रहेक छ छात्रों ने इस पुस्तक का अंग्रेज़ी अनुवाद किया। और अन्ततः यह पुस्तक १९०९ में हॉलैंड में मुद्रित हुयी। इसका शीर्षक था द इण्डियन वार ऑफ इंडिपेन्डेंस – १८५७। इसप स्तक का द्वितीय संस्करण लाला हरदयाल द्वारा गदर पार्टी की ओर से अमरीका में निकला और तृतीय संस्करण सरदार भगत सिंह द्वारा निकाला गया। इसका चतुर्थ संस्करण नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा सुदूर-पूर्व में निकाला गया। फिर इस पुस्तक का अनुवाद उर्दु, हिंदी, पंजाबी व तमिल में किया गया। इसके बाद एक संस्करण गुप्त रूप से भारत में भी द्वितीय विश्व यु्द्ध के समाप्त होने के बाद मुद्रित हुआ। इसकी मूल पांडु-लिपि मैडम भीकाजी कामा के पास पैरिस में सुरक्षित रखी थी। यह प्रति अभिनव भारत के डॉ॰क्यूतिन्हो को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान पैरिसम संकट आने के दौरान सौंपी गई। डॉ॰क्युतिन्हो ने इसे किसी पवित्र धार्मिक ग्रंथ की भांति ४० वर्षों तक सुरक्षित रखा। भारतीय स्वतंत्रता उपरांत उन्होंने इसे रामलाल वाजपेयी और डॉ॰मूंजे को दे दिया, जिन्होंने इसे सावरकर को लौटा दिया। इस पुस्तक पर लगा निषेध अन्ततः मई, १९४६ में बंबई सरकार द्वारा हटा लिया गया। .

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दयाराम

दयाराम (1777-1853 ई) मध्यकालीन गुजराती भक्ति-काव्य परंपरा के अंतिम महत्वपूर्ण वैष्णव कवि थे। वे गरबी साहित्य रचने के लिए प्रसिद्ध हैं। वे पुष्टिमार्गी कवि थे। उनके अवसान के साथ मध्यकाल और कृष्ण-भक्ति-काव्य दोनों का पर्यवसान हो गया। इस युगपरिवर्तन के चिह्न-कुछ कुछ दयाराम के काव्य में ही लक्षित होते हैं। भक्ति का वह तीव्र भावावेग एवं अनन्य समर्पणमयी निष्ठा जो नरसी और मीरा के काव्य में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होती है उनकी रचनाओं में उस रूप में प्राप्त नहीं होती। उसके स्थान पर मानवीय प्रेम और विलासिता का समावेश हो जाता है यद्यपि बाह्य रूप परंपरागत गोपी-कृष्ण लीलाओं का ही रहता है। इसी संक्रमणकालीन स्थिति को लक्षित करते हुए गुजरात के प्रसिद्ध इतिहासकार-साहित्यकार कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने अपना अभिमत व्यक्त किया कि दयारामनुं भक्तकवियों मां स्थान न थी, प्रणयना अमर कवियोमां छे। यह कथन अत्युक्तिपूर्ण होते हुए भी दयाराम के काव्य की आंतरिक वास्तविकता की ओर स्पष्ट इंगित करता है। .

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दल्हेड़ी

दल्हेड़ी भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के सहारनपुर ज़िले का एक गांव है। 2011 की जनगणना के अनुसार दल्हेड़ी की जनसंख्या ४८४० है। जानकारी के रूप में दल्हेड़ी गांव का पिनकोड २४७४५२ है। .

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दामोदर राव

दामोदर  राव (जन्म २१ अगस्त १९७७)  एक भारतीय गायक, संगीतकार व अभिनेता हैं, इनके पिता का नाम रामधनी राव और माता का नाम लालपरी देवी है, इन्होंने गायकी और संगीत में लगभग ९५ भोजपुरी और हिंदी सिनेमा तथा ८०० वीडियो एल्बम किये है और इन्हें भोजपुरी के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में से जाना जाता है, इनका संगीत मधुर और कर्णप्रिय होता है।  .

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दार्दी भाषाएँ

दार्दी या दार्दिक भाषाएँ (ज़बान दार्दी) हिन्द-आर्य भाषाओं की एक उपशाखा है जिसकी सबसे जानी-मानी भाषा कश्मीरी है। दार्दी भाषाएँ उत्तरी पाकिस्तान, उत्तर-पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान और भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में बोली जातीं हैं।, Peter K. Austin, University of California Press, ISBN 0-520-25560-7,...

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दिलजीत दोसांझ

दिलजीत सिंह दोसांझ (जन्म 6 जनवरी 1984), पंजाबी फ़िल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार एवं गायक है। उन्हें उनके मंच नाम 'दिलजीत' से ही जाना जाता है। उन्होंने बहुचर्चित हिंदी फिल्म 'उड़ता पंजाब' एवं ब्लॉकबस्टर पंजाबी फिल्म 'जट्ट एंड जूलिएट' (भाग १ और २), 'पंजाब 1984', 'सरदार जी' (भाग १ और २), 'सुपर सिंह', 'अंबरसरीया' जैसी सुपरहिट फिल्मों में भूमिका निभायी। दिलजीत ने कई संगीत एल्बम एवं फिल्मों में गीत गाएं, विशेषत: उनके 'बैक टू बेसिक' एल्बम को बहुत लोकप्रियता हासिल हुयी। उनके द्वारा हिंदी फिल्म 'उड़ता पंजाब' में गाये गए 'इक कुड़ी' गाने ने दर्शकों का दिल जीत लिया। साथ ही उन्होंने अन्य कई हिंदी एवं पंजाबी फिल्मों में गीत गाये, जैसे की 'तेरे नाल लव हो गया', 'मेरे डैड की मारूती', 'यमला पगला दिवाना २', 'राबता', 'जब हैरी मेट सेजल' इत्यादि। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त एवं ऐतिहासिक तथ्य दर्शानेवाली दिग्दर्शक अनुराग सिंह की पंजाबी फ़िल्म 'पंजाब 1984' में किये उमदा अभिनय की वजह से दिलजीत के लिए हिन्दी फ़िल्मों के रास्ते खुल गए। निर्देशक अभिषेक चौबे की बहुचर्चित हिंदी फ़िल्म 'उड़ता पंजाब' में प्रमुख भुमिका द्वारा दिलजीत ने बॉलिवूड में कदम रखा, इस फिल्म में दिलजीत द्वारा किये गए अभिनय को काफी नवाज़ा गया, उन्हें इस किरदार के लिए फिल्मफेअर एवं आईफा एवार्ड के 'बेस्ट डेब्यू एक्टर' का पुरस्कार प्राप्त हुवा। साथ ही उन्होंने अनुष्का शर्मा के साथ हिन्दी फ़िल्म 'फिल्लौरी' में अभिनय किया। .

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दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालय

दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालय के अंदर का दृश्य। दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालय (दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी), पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संगठन है जो दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड द्वारा शासित तथा भारत सरकार द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित है। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी भारत सरकार द्वारा वर्ष 1951 में यूनेस्को परियोजना के रूप में प्रारंभ हुई थी। इस लाइब्रेरी का उदघाटन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री माननीय पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने एक छोटे से पुस्तकालय के रूप में किया गया था। अब यह दिल्ली के महानगरीय सार्वजनिक पुस्तकालय सिस्टम के रूप में विकसित हो गई है। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के क्षेत्रीय पुस्तकालयों, शाखाओं एवं उपशाखाओं, पुनर्वास कालोनी पुस्तकालयों, समुदाय पुस्तकालयों, निक्षेप केद्रों, खेल पुस्कालयों, चल पुस्तकालयों, ब्रेल पुस्तकालय आदि का जाल दिल्ली में सर्वत्र फैला हुआ है। लाइब्रेरी में 14 लाख से अधिक पुस्तकों का संग्रह है जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी एवं अन्य भारतीय भाषाओं की अधिकतर समस्त विषयों की पुस्तकें सम्मिलित हैं। पुस्तक एवं समाचार पत्र (पब्लिक लाइब्रेरी) वितरण अधिनियम, 1954 के प्रावधानों के अधीन दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी चतुर्थ प्रापी पुस्तकालय भी है। यह लाइब्रेरी दिल्ली के नागरिकों को नि:शुल्क पुस्तकालय सेवाएं प्रदान करती है। लाइब्रेरी का मुख्य कार्यकलाप पुस्तक परिचालन है। यह लाइब्रेरी बाल पाठकों को भी अपनी सेवाएं प्रदान करती है तथा सांस्कृतिक कार्यकलापों जैसे- भाषण, वाद-विवाद, प्रदर्शनी आदि का भी आयोजन करती है। लाइब्रेरी की विशिष्ट गतिविधियों में से दृष्टिहीनों एवं बंदियों को पुस्तक सेवा तथा चल पुस्तकालय वाहन द्वारा पुस्तक सेवा प्रदान करना है। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी भारत की विशालतम तथा दक्षिण पूर्व एशिया की व्यस्ततम पब्लिक लाइब्रेरी है। .

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दक्ष अजीत सिंह

दक्ष अजीत सिंह (पंजाबी: ਦਾਕ੍ਸ੍ਸ਼ ਅਜੀਤ ਸਿੰਘ) पंजाबी फ़िल्मों और हिंदी धारावाहिकों में कार्य करने वाले एक भारतीय अभिनेता,गायक तथा लेखक है। ये "मर्यादा" धारावाहिक में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं इनके अलावा ये "शपथ" "भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप" और हाल ही की उनकी फ़िल्म आर्शो के लिये जाने जाते हैं। दक्ष अजीत सिंह एक पार्श्वगायक के रूप में भी जाने जाते है ' इन्होंने अपनी "आर्शो" फ़िल्म में चार गाने गाए थे। इनके हाल ही में ये गीत काफ़ी हिट हुए - "जा" और "किवण दसा ओए" हैं। इन्होंने "आर्शो" सहित विभिन्न हिंदी टेलीविज़न धारावाहिकों और पंजाबी फ़िल्मों लिए गीत लिखे है। .

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दक्षिण एशिया की पाक-प्रणाली में प्रयुक्त पादपों की सूची

नीचे की दक्षिण एशिया के व्यंजनों में प्रयोग किए जाने वाले पादप या उनके अंगों के नाम हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में दिए गए हैं- .

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दक्षिण एशियाई भोजन में प्रयुक्त पादप

दक्षिण एशिया और विशेषतः भारतीय, भोजन अधिकांशतः शाकमय होता है जिसमें विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियाँ, अन्न, तथा मसाले होते हैं। इस लेख में दणिण एशिया के देशों के भोजन में प्रयुक्त पौधों के नाम विभिन्न भाषाओं में दिए गये हैं। .

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दक्खिनी

दखनी या दक्कनी या दखिनी:Dakhni (Hindi: दक्खिनी), और Dakkhani, ये बोली उर्दू ज़बान की एक अहम बोली है, जो जनूबी हिंदूस्तान में बोली जाती है। दखनी हिंदी मूलतः हिंदी का ही पूर्व रूप है जिसका विकास ईसा की १४वी शती से १८बी शती तक दक्खिन के बहमनी, क़ुतुब शाही और आदिल शाही आदि राज्यों के सुल्तानों के संरक्षण मैं हुआ था। वह मूलतः दिल्ली के आस पास की हरियाणी एवं खडी बोली ही थी जिस पर ब्रजभाषा, अवधी और पंजाबी के साथ-साथ मराठी, गुजराती तथा दक्षिण की सहवर्ती भाषाओं तेलुगु तथा कन्नड आदि का भी प्रभाव पडा था और इसने अरबी फारसी तथा तुर्की आदि के भी शब्द ग्रहण किए थे। यह मुख्यत फारसी लिपि में ही लिखी जाती थी। इसके कवियों ने इस भाषा को मुख्यत 'हिंदवी', हिंदी और 'दक्खिनी' ही कहा था। इसे एक प्रकार से आधुनिक हिंदी और उर्दु की पूर्वगामी भाषा कहा जा सकता है। .

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देहरादून जिला

यह लेख देहरादून जिले के विषय में है। नगर हेतु देखें देहरादून। देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है। इस जिले में ६ तहसीलें, ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ शहर और ७६४ आबाद गाँव हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ कोई नहीं रहता। देश की राजधानी से २३० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह नगर अनेक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों के कारण भी जाना जाता है। यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अपनी सुंदर दृश्यवाली के कारण देहरादून पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और विभिन्न क्षेत्र के उत्साही व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशिष्ट बासमती चावल, चाय और लीची के बाग इसकी प्रसिद्धि को और बढ़ाते हैं तथा शहर को सुंदरता प्रदान करते हैं। देहरादून दो शब्दों देहरा और दून से मिलकर बना है। इसमें देहरा शब्द को डेरा का अपभ्रंश माना गया है। जब सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस क्षेत्र में आए तो अपने तथा अनुयायियों के रहने के लिए उन्होंने यहाँ अपना डेरा स्थापित किया। www.sikhiwiki.org.

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देव-डी

देव-डी, 6 फ़रवरी 2009 को प्रदर्शित एक हिन्दी रोमांटिक नाटक फिल्म है। फिल्म का लेखन और निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया है। फिल्म शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के कालजयी बंगाली उपन्यास देवदास का आधुनिक संस्करण है। इसके अलावा इस उपन्यास पर आधारित अन्य फ़िल्में पी सी ब्रूवा, बिमल रॉय और संजय लीला भंसाली बना चुके हैं। इस फ़िल्म को समालोचकों और जनता ने पसंद किया और जिस तरीके से इसने अपने आप को पेश किया उसके लिए इसे हिंदी की पथ तोड़ने वाली फिल्मों में से एक माना गया। .

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देवदास (२००२ फ़िल्म)

देवदास शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित चलचित्र है। यह इसी नाम पर बना तीसरा और प्रथम रंगीन चलचित्र है। इस चलचित्र में शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित प्रमुख भुमिका में हैं और इसका निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया है। जब यह चलचित्र प्रदर्शित किया गया था, तब यह बॉलीवुड का सर्वाधिक बजट वाला चलचित्र था जिसका बजट ५० करोड़ रु बताया जाता है। हिन्दी के अतिरिक्त इसे छः अन्य भाषाओं में प्रदर्शित किया गया था: अंग्रेजी़, गुजराती, फ्रांसीसी, मंदारिन (चीनी), थाई और पंजाबी। .

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देवनागरी

'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .

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देवनागरी अंक

देवनागरी लिपि में गिनती के लिए दस अंकों वाली दशमलव आधारित गणना पद्धति का प्रयोग किया जाता है। ये दस अंक भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप के समानांतर प्रचलित हैं। देवनागरी लिपि का प्रयोग करने वाली विभिन्न भाषाओं में ये अंक आम तौर पर प्रयुक्त होते हैं। प्राचीन काल से ही प्रयुक्त इन अंकों को 19वीं सदी के उत्तरार्ध में आधिकारीक दर्जा दिलाने की कोशिश शुरु हुई। भारतीय संविधान ने अनुच्छेद 351 में देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को तो संघ की राजभाषा घोषित कर दिया किंतु अंक अंतर्राष्ट्रीय ही रखा। 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने अपने संविधान प्रदत्त अधिकार का प्रयोग करते हुए देवनागरी अंक के प्रयोग का अध्यादेश जारी किया। तब से देवनागरी लिपि अंतर्राष्ट्रीय एवं देवनागरी अंकों के साथ भी लिखी जाने लगी। .

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देवेन्द्र सत्यार्थी

देवेन्द्र सत्यार्थी (28 मई 1908) हिंदी, उर्दू और पंजाबी भाषाओं के विद्वान तथा साहित्यकार हैं। उनका मूल नाम देवइंडर बत्ता है। श्री सत्यार्थी लोकगीत अध्ययन के प्रणेताओं मे से रहे हैं। उन्होंने देश के कोने-कोने की यात्रा कर वहां के लोकजीवन, गीतों और परंपराओं को आत्मसात किया और उन्हें पुस्तकों और वार्ताओं में संग्रहीत कर दिया जिसके लिये वे 'लोकयात्री' के रूप में जाने जाते हैं। देवेन्द्र सत्यार्थी ने लोकगीतों का संग्रह करने हेतु देश के विभिन्न क्षेत्रें की यात्रायें की थीं तथा इन स्थानों के संस्मरणों को भावात्मक शैली में उन्होंने लिखा है। "क्या गोरी क्या साँवली" तथा "रेखाएँ बोल उठीं" सत्यार्थी के संस्मरणों के अपने ढंग के संग्रह हैं। श्री सत्यार्थी का जन्म 28 मई 1908 को पटियाला के कई सौ साल पुराने भदौड़ ग्राम (जिला संगरूर) में जन्म। 1977 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित। .

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दीप सिद्धू

दीप सिद्धू (जन्म: 02 अप्रैल, 1984) हिन्दी फ़िल्मों के एक भारतीय अभिनेता हैं। वह पंजाबी में भी सक्रिय है। दीप सिद्धू ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत पंजाबी फ़िल्म रमता जोगी से की थी जिसके निर्माता जाने माने अभिनेता एवं निर्माता धर्मेन्द्र थे। .

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दीपावली

दीपावली या दीवाली अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है।The New Oxford Dictionary of English (1998) ISBN 0-19-861263-X – p.540 "Diwali /dɪwɑːli/ (also Divali) noun a Hindu festival with lights...". दीवाली भारत के सबसे बड़े और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।Jean Mead, How and why Do Hindus Celebrate Divali?, ISBN 978-0-237-534-127 भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अधिकतर ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है। दीपावली दीपों का त्योहार है। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो माऽ सद्गमय, तमसो माऽ ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीवाली नेपाल, भारत, श्रीलंका, म्यांमार, मारीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा पर क्रिसमस द्वीप पर एक सरकारी अवकाश है। .

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दीपिका सिंह

दीपिका सिंह एक भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री है। सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत स्टार प्लस की श्रृंखला दीया और बाती हम  में संध्या की भुमिका निभाकर की, जोकि मौज मस्ती करने वाली, उत्साही युवा लड़की की कहानी है। वह आईपीएस अधिकारी बनने की आकांक्षा रखती है, लेकिन कुछ तनावपूर्ण परिस्थितियों में, उसका विवाह मिठाई की दुकान के मालिक से हो जाता है। उसका पति उसके आईपीएस बनने के सपने को पूरा करने में उसकी मदद करता है। टेलीविजन में काम करने से पूर्व उन्होंने एक पंजाबी गीत एलबम में भी काम किया है। सिंह ने पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय से विपणन पर व्यवसाय प्रशासन में मास्टर्स की डिग्री ली है।   सिंह ने अपने टेलीविजन शो के निर्देशक रोहित राज गोयल से २ मई २०१४ में विवाह किया था।  .

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दीवान (शायरी)

अब्दुर रहमान चुग़तई द्वारा 1927 में संकलित दीवान-ए-ग़ालिब का एक पृष्ठ दीवान कविताओं के संग्रह को कहते हैं। अक्सर यह शब्द उर्दू, फ़ारसी, पश्तो, पंजाबी और उज़बेक भाषाओं के कविता संग्रह के लिए इस्तेमाल होता है। उदाहरण के लिए ग़ालिब की शायरी के संग्रह को 'दीवान-ए ग़ालिब' कहा जाता है। 'दीवान' मूल रूप से फ़ारसी का शब्द है और इसका मतलब सूची, बही या रजिस्टर होता है। इसी वजह से भारतीयf उपमहाद्वीप में किसी प्रशासन या व्यापार में हिसाब या बही-खाते रखने वाले व्यक्ति को भी 'दीवान जी' कहा जाता था। .

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धनबाद

धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह शहर भारत में कोयला व खनन में सबसे अमीर है। पुर्व मैं यह मानभुम जिला के अधीन था। यहां कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान हैं। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संसथान यहाँ पाए जाते हैं। यहां का वाणिज्य बहुत व्यापक है। झारखंड में स्थित धनबाद को भारत की कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानें देखी जा सकती हैं। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्‍व में प्रसिद्ध है। यह खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं। खदानों के अलावा भी यहां पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, चारक, तोपचांची और मैथन प्रमुख हैं। पर्यटकों को यह पर्यटक स्थल और खदानें बहुत पसंद आती है और वह इनके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। कम्बाइन्ड बिल्डिंग चौक .

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धनीराम 'चातृक'

धनीराम 'चातृक' (४ अक्टूबर १८७६ – १८ दिसम्बर १९५४) आधुनिक पंजाबी कविता के संस्थापक माने जाते हैं। आपकी कृतियाँ प्राचीन और अर्वाचीन पंजाबी काव्य की कड़ी हैं। आप ही सर्वप्रथम विद्वान्‌ हैं, जिन्हें साहित्यसेवा के उपलक्ष में 75वीं वर्षगाँठ पर 'अभिनंदन ग्रंथ' समर्पित करके सम्मानित किया गया। .

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धर्मेन्द्र द्वारा अभिनीत फ़िल्में

धर्मेन्द्र (पंजाबी: ਧਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦਿਉਲ जन्म: ८ दिसंबर, १९३५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी देओल और सनी देओल भी फ़िल्मों में काम करते हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक भारतीय राज्य राजस्थान के बीकानेर जिले से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे। इन्होंने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत १९६१ में बॉयफ्रैंडनामक फिल्म से की थी। .

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नात ए शरीफ़

नात ए शरीफ़: (अरबी - نعت) उर्दू और फ़ारसी में नात ए शरीफ़ (نعت شریف): इस्लामी पद्य साहित्य में एक पद्य रूप है, जिस में पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब की तारीफ़ करते लिखी जाती है। इस पद्य रूप को बडे अदब से गाया भी जाता है। अक्सर नात ए शरीफ़ लिखने वाले आम शायर को नात गो शायर कहते हैं और गाने वाले को नात ख्वां कहते हैं। यह नात ख्वानी का रिवाज भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश में आम है। भाशा अनुसार देखें तो, पश्तो, बंगाली, उर्दू और पंजाबी में नात ख्वानी आम है। नात ख्वां तुर्की, फ़ारसी, अरबी, उर्दू, बंगाली, पंजाबी, अंग्रेज़ी, कश्मीरी और सिंधी भाशाओं में आम है। .

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नाभा

नाभा भारत के पंजाब राज्य के पटियाला जिले का एक शहर है।नाभा नगर पश्चिमोत्तर भारत के दक्षिण-पूर्वी पंजाब राज्य के पटियाला ज़िले में पटियाला से लगभग 26 किमी पश्चिम में स्थित है। नाभा नगर 1763 में स्थापित नाभा रियासत की राजधानी था। बिखरे हुए 12 प्रदेश इसमें शामिल थे, जिन पर सिक्ख फुलकियां परिवार के एक सदस्य ने दावा किया था। 1807–1808 में नाभा के राजा ने रणजीत सिंह के हमलों और घुसपैठ के ख़िलाफ़ ब्रिटिश संरक्षण प्राप्त किया। 1857 के विद्रोह के दौरान नाभा के राजा अंग्रेज़ों के प्रति वफ़ादार रहे और इसके लिए इनामस्वरूप उन्हें राज्यक्षेत्र भी प्रदान किया गया। भारत के स्वतंत्र होने के एक साल बाद 1948 में नाभा पांच फुलकियां राज्यों के संघ में शामिल हो गया, जिसका अंतत: पंजाब राज्य में विलय हो गया। नाभा स्थित महाविद्यालयों में गवर्नमेंट रिपुदमन कॉलेज शामिल है तथा यहाँ पब्लिक स्कूल और संस्कृत विद्यालय भी हैं। नाभा में खाद्य पदार्थ से संबंधित उद्योग और कृषि विपणन केंद्र हैं। .

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नाम की व्युत्पत्ति के आधार पर भारत के राज्य

भारतीय गणराज्य का १९४७ में राज्यों के संघ के रूप में गठन हुआ। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ के अनुसार राज्यीय सीमाओं को भाषाई आधार पर पुनर्व्यवस्थित किया गया, इसलिए कई राज्यों के नाम उनकी भाषाओं के अनुसार हैं और आमतौर पर तमिल नाडु (तमिल) और कर्णाटक (कन्नड़) को छोड़कर, इन नामों की उत्पत्ति संस्कृत से होती है। तथापि अन्य राज्यों के नाम उनकी भौगोलिक स्थिति, विशेष इतिहास या जनसंख्याओं और औपनिवेशिक प्रभावों पर पड़े हैं। .

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निरुपमा दत्त

निरुपमा दत्त (जन्म १९५५) एक प्रसिद्ध अंग्रेजी पत्रकार, आलोचक, अनुवादक और कवित्री हैं। निरुपमा दत्त पंजाबी मूल की एक नारीवादी लेखिका हैं और पंजाबी व अंग्रेजी में लिखती हैं। "एक नदी सांवली सी" (पंजाबी:ਇੱਕ ਨਦੀ ਸਾਂਵਲੀ ਜਿਹੀ) उनका प्रसिद्ध काव्य संग्रह है जिस के लिए उन्हें सन २००० में दिल्ली साहित्य अकेडमी ने पुरस्कार से समानित किया था। सन २००४ में उन्होंने अजीत कौर से मिल कर कविता की एक पुस्तक "कवितांजली" सम्पादित की और पंजाबी की लघु कथाओं का अंग्रेजी में Our Voices शीर्षक के अधीन अनुवाद किया जो पेंगुअन ने प्रकाशित किया है। उन्होंने पाकिस्तानी लेखिकाओं की एक गल्प पुस्तक "Half the Sky अंग्रेजी में अनुवाद व संपादित की है। .

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निर्गुन्डी

300px निर्गुन्डी (वानस्पतिक नाम: Vitex negundo) एक औषधीय गुणों वाली क्षुप (झाड़ी) है। हिन्दी में इसे संभालू/सम्मालू, शिवारी, निसिन्दा शेफाली, तथा संस्कृत में इसे सिन्दुवार के नाम से जाना जाता है। इसके क्षुप १० फीट तक ऊंचे पाए जाते हैं। संस्कृत में इसे इन्द्राणी, नीलपुष्पा, श्वेत सुरसा, सुबाहा भी कहते हैं। राजस्थान में यह निनगंड नाम से जाना जाता है। इसकी पत्तियों के काढ़े का उपयोग जुकाम, सिरदर्द, आमवात विकारों तथा जोड़ों की सूजन में किया जाता है। यह बुद्धिप्रद, पचने में हल्का, केशों के लिए हितकर, नेत्र ज्योति बढ़ाने वाला तो होता ही है, साथ ही शूल, सूजन, आंव, वायु, पेट के कीड़े नष्ट करने, कोढ़, अरुचि व ज्वर आदि रोगाें की चिकित्सा में भी काम आता है। इसके पत्ते में रक्तशोधन का भी विशेष गुण होता है।; अन्य भाषाओं में नाम.

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नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू (अंग्रेजी: Navjot Singh Sidhu, पंजाबी: ਨਵਜੋਤ ਸਿੰਘ ਸਿੱਧੂ, जन्म: 20 अक्टूबर 1963, पटियाला) भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी (बल्लेबाज) एवं अमृतसर लोक सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद हैं। खेल से संन्यास लेने के बाद पहले उन्होंने दूरदर्शन पर क्रिकेट के लिये कमेंट्री करना आरम्भ किया उसके बाद राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे। राजनीति के अलावा उन्होंने टेलीविजन के छोटे पर्दे पर टी.वी.

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नगमा

चित्र:C:\Documents and Settings\user\Desktop\images.jpg नंदिता मोरारजी या नम्रता सदाना, जो नगमा के रूप में विख्यात हैं, नघमाநக்மா (जन्म 25 दिसम्बर 1974), बॉलीवुड, टॉलीवुड और कॉलीवुड की एक भारतीय अभिनेत्री हैं। 1990 के दशक में अपने चरम पर, द हिन्दू अख़बार के उद्धरणानुसार, "तमिल सिनेमा पर उनका प्रभुत्व" था। उनका जन्म क्रिसमस दिवस पर, एक मुससमान मां और हिन्दू पिता के घर हुआ। उन्होंने बॉलीवुड में अपना अभिनय कॅरिअर शुरू किया और कुछ फ़िल्मों में अभिनय किया, लेकिन दक्षिण में स्थानांतरित हो गईं, जहां उनकी मुंबई वापसी से पहले तक, उन्हें बेशुमार सफलता मिली। हालांकि कभी-कभी फ़िल्म नामावलियों में उन्हें नग़मा के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, पर उन्हें एक पुरानी अभिनेत्री न समझ लिया जाए, जिन्होंने इसी मंच नाम को अपनाया था - यह ग़लती इंटरनेट मूवी डेटाबेस वेबसाइट पर उनकी सूची में किया गया है। नगमा हिन्दी, तेलुगू, तमिल, कन्नड़, मलयालम, बंगाली, भोजपुरी, पंजाबी और अब मराठी जैसी भारतीय भाषाओं में विस्तृत रूप से काम करने के लिए उल्लेखनीय रही हैं। .

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नौगाजा पीर

नौगाजा पीर (पंजाबी: नोंगजा पीर) एक संत थे, जिनकी ऊंचाई 9 "गज" थी जो भारतीय मीट्रिक इकाइयों में 8 मीटर और 36 इंच या 27 फीट के बराबर होती है।Hindustan Times Vishal Joshi 12 09 2013 इनका नाम सैयद इब्राहिम बादशाह था, जो माना जाता है कि समय के साथ-साथ सभी कामों को पूरा करते थे। पंजाब क्षेत्र में नौगजा पीर के कई मंदिर हैं जो पंजाबी लोक धर्म का हिस्सा हैं।मंदिर नियमित रूप से पंजाब क्षेत्र के लोगों द्वारा दौरा किया जाता है।Hindustan Times Vishal Joshi 12 09 2013 .

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नीरू बाजवा

नीरू बाजवा (जन्म-२६ अगस्त,१९८०) कनाडा की जन्मी एक पंजाबी अभिनेत्री है। उन्होंने १९९८ में देव आनंद की बॉलीवुड फिल्म 'मैं सोलह बारस की' के साथ अपना करियर शुरू किया और फिर भारतीय डेली सोप और पंजाबी फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। .

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नीलाभ अश्क

नीलाभ अश्क (१६ अगस्त १९४५ - २३ जुलाई २०१६) एक भारतीय हिंदी कवि, पत्रकार और अनुवादक थे। उन्होंने विभिन्न कविता संग्रह प्रकाशित किए। वह कई उल्लेखनीय लेखकों के साहित्य के अनुवाद के लिए जाने जाते हैं, जैसे की अरुंधति राय, सलमान रुश्दी, विलियम शेक्सपीयर, बर्तोल्त ब्रेख्त, और मिखाइल लर्मोन्टोव। .

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पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट

पतंजलि योगपीठ का मुख्य द्वार पतंजलि योगपीठ का मुख्य भवन पतंजलि योगपीठ भारत का सबसे बड़ा योग शिक्षा संस्थान है। इसकी स्थापना स्वामी रामदेव द्वारा योग का अधिकाधिक प्रचार करने एवं इसे सर्वसुलभ बनाने के उद्देश्य से की गयी थी। यह हरिद्वार में स्थित है। आचार्य बालकृष्ण इसके महासचिव हैं। .

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पर्मिश वर्मा

पर्मिश वर्मा एक पंजाबी गायक, संगीतकार, संगीत निर्माता और निर्देशक है। वर्मा ने 'पंजाब बोल्दा' नाम की पंजाबी फिल्म से अपना निर्देशक व अभिनेता का सफर शुरू किया था। इनका जन्म पटियाला, पंजाब में हुआ था। वर्मा ने सभी बड़े बड़े पंजाबी अभिनेताओ के साथ काम किया है। .

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पाश (पंजाबी कवि)

अवतार सिंह संधू (9 सितम्बर 1950 - 23 मार्च 1988), जिन्हें सब पाश के नाम से जानते हैं पंजाबी कवि और क्रांतिकारी थे। .

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पाकड़

पाकड़, पिलखन या पकड़िया भारतवर्ष में बहुतायत से पाया जाने वाला एक हराभरा वृक्ष है। इसे अंग्रेजी में Ficus virens, असमिया में पकोड़ी, बांग्ला में পাকুড় (पाकड़), गुजराती में પેપરી (पेपरी), उर्दू में پاکڙيا (पकड़िया), तमिल में சிற்றால் (चिर्रल), तेलुगू में జువ్వి (ज़ुब्बी), मलयालम में ചെറള (चेरल), कन्नड़ में ಬಸರಿಮರ (बसरीमारा), मराठी में लघुपिंपरी, पंजाबी में जंगली पीपली, उड़िया में जरी, नेपाली में सफेद काबरा, मणिपुरी में চিঙ হৈবোঙ (छिंग हेवोंग) तथा संस्कृत में पर्कटी, भिदुरः, दृढप्रारोहः, हृस्वपर्ण, मंगलछायः, प्लक्ष या रामअंजीर कहते हैं। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पिन्नी

पिन्नी एक प्रकार का पंजाबी और उत्तरी भारतीय व्यंजन पकवान है जो ज्यादातर सर्दियों में खाया जाता है। इसे मिठाई के रूप में परोसा जाता है और यह देसी घी, गेहूं का आटा, गुड़ और बादाम से बना होता है। किशमिश भी इसमें इस्तेमाल किया जाता है। पिनी एक गोल आकार में तैयार की गयी मिठाई या लड्डू ही है। .

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पंडित तारा सिंह नरोत्तम

पंडित तारा सिंह नरोत्तम (1822–1891) पंजाबी भाषा के विद्वान थे। उन्होने सिख धर्मशास्त्र एवं सिख साहित्य में बहुत योगदान दिया। उन्होने हेमकुंट की खोज की और कनखल के निर्मल पंचायती अखाड़ा के 'श्री महन्त' (प्रमुख) बने। वे सिखों के निर्मल सम्प्रदाय के थे। .

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पंजाब (बहुविकल्पी)

पंजाब से इनमें से कोई मतलब हो सकता है: .

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पंजाब विधान सभा

पंजाब विधान सभा या पंजाब की विधान सभा (पंजाबी: ਪੰਜਾਬ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ) उत्तर भारत में पंजाब राज्य की सदनीय विधायिका है। .

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पंजाबी चिट्ठाजगत

पंजाबी चिट्ठाजगत से आशय है पंजाबी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .

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पंजाबी साहित्य

पंजाबी साहित्य का आरंभ कब से होता है, इस विषय में विद्वानों का मतैक्य नहीं है। फरीद को पंजाबी का आदि कवि कहा जाता है; किंतु यदि इस बात को स्वीकार किया जाय कि जिन फरीद की बाणी "आदि ग्रंथ" में संगृहीत है वे फरीद सानी ही थे तो कहना पड़ेगा कि 16वीं शती से पहले का पंजाबी साहित्य उपलब्ध नहीं है। इस दृष्टि से गुरु नानक को ही पंजाबी का आदि कवि मानना होगा। "आदि ग्रंथ" पंजाबी का आदि ग्रंथ है। इसमें सात गुरुओं और 16 भक्तों की वाणियाँ संगृहीत हैं। पदों की कुल संख्या 3384 है। गुरु नानक की रचनाओं में सर्वप्रसिद्ध "जपुजी" है; इसके अतिरिक्त "आसा दी वार," "सोहिला" और "रहिरास" तथा लगभग 500 फुटकर पद और है। भाव और अभिव्यक्ति एवं कला और संगीत की दृष्टि से यह बाणी अत्यंत सुंदर और प्रभावपूर्ण है। भक्ति में "सिमरन" और जीवन में "सेवा" नानक की वाणी के दो प्रमुख स्वर हैं। परवर्ती सिक्ख गुरुओं ने गुरु नानक के भावों की प्राय: अनुकृति और व्याख्या की है। गुरु रामदास (1534-1581 ई.) की कविता में काव्यगुण अधिक है। गुरु अर्जुनदेव (1561-1606 ई.) की वाणी में ज्ञान और विचार की प्रधानता है। "आदि" ग्रंथ में सबसे अधिक पद (1000 से कुछ ऊपर) इन्हीं के हैं। यह बात विशेषत: उल्लेखनीय है कि पूरे ग्रंथ में कुल मिलाकर 350-400 पद पंजाबी के होंगे। गुरु गोविंदसिंह के "दशम ग्रंथ" में भी "चंडी दी वार" एकमात्र पंजाबी की कृति है, जो सिरखंडी छंद में रचना है। इसमें दुर्गा देवी और दैत्यों के युद्ध का वर्णन है। सिक्ख गुरुओं के अतिरिक्त भाई गुरुदास (1558-1637 ई.) की वाणी को गुरुमत साहित्य के अंतर्गत मान्यता दी जाती है। उनके कवित्त और सवैए ब्रजभाषा में हैं, वारें और गीत शुद्ध साहित्यिक पंजाबी में हैं। सूफी कवियों में फरीद के बाद लुत्फ अली का नाम आता है। इनकी रचना "सैफलमलूक" संवेदना, वैराग्य भावना और सरसता के लिए बहुत प्रसिद्ध है। परवर्ती सूफियों पर इसका बहुत अधिक प्रभाव रहा है। प्रेम, विरह और वैराग्य से भरे शाह हुसेन लाहौरी (1538-1599 ई.) के गीत बड़े प्रभावोत्पादक और कवित्वपूर्ण हैं। इनकी काफियों में निरपेक्ष प्रेम का स्वर है। इस्लाम की शरअ से विद्रोह करनेवाला दूसरा कवि सुल्तान बाहू (1629-1690 ई.) हुआ है। इसने अपनी "सीहर्फियों" में अहंकार के त्याग, गुरु की कृपा और सहायता, अंतर्निरीक्षण और आत्मचिंतन पर बल दिया है और उस दुनिया में रहने की आकांक्षा प्रकट की है जहाँ "मैं" और "मेरे" का बखेड़ा नहीं है। शाह शरफ की काफियों में रूपकों द्वारा इश्क हकीकी के रहस्य समझाए गए हैं। पंजाबी सूफी साहित्य के प्रसिद्धतम कवि बुल्लेशाह कसूरी प्रेम, साधना और मिलन के साधक हैं। उनकी कविता की सबे बड़ी विशेषता है भाषा का ओज और प्रभाव। अली हैदर (1690-1785 ई.) की सीहफिंयाँ और काफियाँ कुछ दुरूह और दार्शनिक होने के कारण सर्वप्रिय नहीं हैं। परवर्ती सूफियों में वजीद, फरीद (1720-90 ई.), गुलाम जीलानी (1749-1819), हाशिम (1753-1823), बहादुर (1750-1850 ई.) आदि प्रसिद्ध हैं। पंजाबी सूफी साहत्य प्राय: गेय मुक्तक काव्य है। इस युग का लौकिक साहित्य विशेषतया वारों और शृंगाररसप्रधान किस्सों के रूप में उपलब्ध है। हीर राँझा का किस्सा सबसे अधिक पुरातन और प्रसिद्ध है। सबसे श्रेष्ठ रचना बारिस शाह (1738-1798 ई.) की "हीर" है। वारिस शाह बड़े अनुभवी, प्रतिभाशाली और बहुज्ञ कवि थे। भाषा पर उनका पूर्ण अधिकार था। "मिरजा साहिबाँ" की प्रेमकथा को भी कई कवियों ने काव्यबद्ध किया, पर सबसे पुरातन और उत्तम किस्सा जहाँगीर और शाहजहाँ के राज्यकाल में पीलू ने लिखा। पीलू के बाद हाफिज बरखुरदार ने भी मिरजासाहिबाँ का किस्सा लिखा। उसने "यूसूफ-जुलेखा" और "सस्सी पुन्नू" की प्रेमकथाएँ भी लिखीं। सस्सी और पुन्नू बिलोचिस्तन के एवं जुलेखा और यूसुफ मिस्र के थे। हाशिम (1753-1823 ई.) की "सस्सी" इस नाम के किस्सों में सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसके अतिरिक्त उनकी "सोहनी महीवाल," "शीरीं फरहाद" और "लैला मजनूँ" प्रबंध कृतियाँ हैं। पिछले दो किस्से फारसी से लिए गए हैं और "सोहनी महीवाल" गुजरात (पंजाब) की लोकवार्ता से। भावों की सूक्ष्म अभिव्यक्ति के लिए हाशिम अद्वितीय है। अहमदयार (1768-1845) ने 40 किस्से लिखे, जिनमें "हीर राँझा," "सस्सी पुन्नू," "कामरूप", "राजबीबी," "चंदरबदन" उच्च कोटि के हैं। इनके काव्य की विशेषता है वैचित्र्यपूर्ण घटनाओं का तारतम्य, संयत वर्णन एवं आलंकारिक भाषा शैली: किंतु विषय की मैलिकता कम है। अमामबख्श की कृतियों में "बहराम गोर" उत्तम काव्य के अंतर्गत गिना जाता है। इसी समय का एक और कवि कादरयार हुआ है। उसकी प्रसिद्धि "पूरनभगत" और "राजा रसालू" के किस्सों के कारण है। पूरन और रसालू दोनों स्यालकोट के राजा शालिवाहन के पुत्र थे। पंजाबी का वीर साहित्य बहुत समृद्ध है। इसके अंतर्गत गुरु गोविंदसिंह की "चंडी दी वार" शिरोमणि रचना है। नजाबत की "नादरशाह दी हीर" और शाह मुहम्मद (1782-1862 ई.) की अपने आश्रयदाता महाराजा रणजीतसिंह की कथा भी उल्लेखनीय है। मुकबल (1696 ई.) का "जगनामा", जिसमें हसन हुसैन और यजीद के युद्धों का मार्मिक वर्णन है, शिया मुसलमानों में बड़े चाव से पढ़ा जाता है। प्रारंभिक काल का पंजाबी गद्य साहित्य महापुरुषों की जन्मसाखियों, गोष्ठों और टीकाओं के रूप में प्राप्त होता है। भाई बालाकृत गुरु नानक की जन्मसाखी (1535 ई.) सबसे प्राचीन है। बाद में सेवासिंह (1588 ई.) और मनीसिंह (1737 ई.) ने भी गुरुनानक का जीवनचरित लिखा। भाई मनीसिंह की "ग्यान रतनावली" पंजाबी गद्य की उत्तम कृति है। उन्हीं की एक दूसरी गद्यरचना "भगत रतनावली" है जिसमें पहले पाँच गुरुओं के समकालीन कुछ प्रेमी भक्तों की कथाएँ है। इनके अतिरिक्त "पारसभाग," "भरथरी", "मैनावत," हजरत मुहम्मद साहब, कबीर और रविदास की जीवनियाँ, "सतयुग कथा," "पकी रोटी," "गीतासार", "लवकुश संवाद," "जपु परमार्थ" "सिंहासनबत्तीसी" और "विवेक" आदि छोटी बड़ी गद्यकृतियाँ उल्लेखनीय हैं। अमृता प्रीतम आधुनिक पंजाबी साहित्य मुख्यत: सिक्खों की देन हैं और उसमें सिक्खपन का अधिक स्थान मिला है। किंतु जीवन की एकांगिता रहते हुए भी साहित्य प्राय: लौकिक है। इस युग के आदि कवि भाई वीरसिंह (1872-1957 ई.) माने जाते हैं। उनका "राण सूरतसिंह" (1915) 35 सर्गों का अतुकांत प्रबंध काव्य है। इसका उद्देश्य सिक्ख सिद्धांतों की प्रतिष्ठा है। उनकी "लहराँ दे हार" रहस्यवादी रचना है। "मटक हुलारे" में प्रकृतिचित्रण और "बिजलियाँ दे हार" में देशप्रेम मिलता है। प्रो॰ पूर्ण सिंह (1882-1932 ई.) की कविता में वेदांती बौद्ध और पाश्चात्य विचारों का गूढ़ प्रभाव है। इनके विचारों और अलंकारों में अपनी मौलिकता भी स्पष्टत: लक्षित होती है। धनीराम चात्रिक (जन्म 1876 ई.) यथार्थवादी किंतु निराशावादी कवि हैं। उनके "भरथरी हरि" और "नल दमयंती" में शैली और विचारधारा पुरानी है, बाद की कविताओं में शहरी जीवन का चित्रण मौलिक ढंग से हुआ है। पंजाबी काव्य को नए मोड़ देनेवाले कवियों में प्रो॰ मोहनसिंह (जन्म 1905 ई.) सर्वविदित हैं। ईश्वर, जीवन, प्रेम, समाज और प्रकृति के प्रति उनकी नवीन और मौलिक दृष्टि है। "सावे पत्तर" "कसुंभड़े" में वे शरीरवादी और मानववादी हैं तो "अधवाटे" में समाजवादी और छायावादी बनकर आए हैं। मोहनसिंह गीतकार भी है और शैलीकार भी। काव्य में उन्होंने कई नए प्रयोग चलाए हैं। अमृता प्रीतम (जन्म 1909) के अनेक कवितासंग्रह प्रकाशित हैं। ये बड़ी सफल गीतकार हैं। इनकी कविता की प्रेरक शक्ति प्रेम है जो अब मानव प्रेम में परिवर्तित होता जा रहा है। गोपालसिंह दर्दी का "हनेरे सवेरे" काव्य संग्रह उल्लेखनीय है। वे समाज के पापों का चित्रण करने में दक्ष हैं। .

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प्रताप सिंह

ज्ञानी प्रताप सिंह (पंजाबी: ਗਿਆਨੀ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸਿੰਘ; 3 जनवरी, 1904 – 10 मई, 1984) एक सिख पुजारी और पंजाबी लेखक थे। वे 19 दिसंबर, 1937 से 1948 तक अकाल तख़्त के उप-जथेदार थे और 1952 से 5 फ़रवरी, 1955 तक वे अकाल तख़्त के मुख्य जथेदार रहे। .

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प्रवासी पंजाबी

प्रावासी पंजाबी वे होते हैं जो पंजाब क्षेत्र से निकलके दक्षिण एशिया से बहार जाते हैं। प्रवासी पाकित्सानी और भारतीय समूह में पंजाबी जातीय समूह की जनसंख्या काफ़ी बड़ी है। दुनिया में लगभग 1 करोड़ पंजाबी प्रवासी फैले है, विषेशतः ब्रिटेन, उत्तर अमेरिका, दक्षिण-पूर्व एशिया, और मध्य-पूर्व में। .

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प्रेमनाथ

प्रेमनाथ (जन्म: 21 नवंबर, 1926 निधन: 3 नवंबर, 1992) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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प्रीति ज़िंटा

प्रीटी ज़िंटा (जन्म ३१ जनवरी १९७५) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री है। वे हिन्दी, तेलगू, पंजाबी व अंग्रेज़ी फ़िल्मों में कार्य कर चुकी है। मनोविज्ञान में उपाधी ग्रहण करने के बाद ज़िंटा ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत दिल से.. में १९९८ से की और उसी वर्ष फ़िल्म सोल्जर में पुनः दिखी। इन फ़िल्मों में अभिनय के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नई अदाकारा का पुरस्कार प्रदान किया गया और आगे चलकर उन्हें फ़िल्म क्या कहना में कुँवारी माँ के किरदार के लिए काफ़ी सराहा गया। उन्होंने आगे चलकर भिन्न-भिन्न प्रकार के किरदार अदा किए व उनके अभिनय व किरदारों ने हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्रियों की एक नई कल्पना को जन्म दिया। जिंटा को २००३ में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार कल हो ना हो फ़िल्म में उनके अभिनय के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने सर्वाधिक कमाई वाली दो भारतीय फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमे काल्पनिक विज्ञान पर आधारित फ़िल्म कोई... मिल गया (२००३) और रोमांस फ़िल्म वीर-ज़ारा (२००४) शमिल है जिसके लिए उन्हें समीक्षकों द्वारा बेहद सराहा गया। उन्होंने आधुनिक भारतीय नारी का किरदार फ़िल्म सलाम नमस्ते और कभी अलविदा ना कहना में निभाया जो अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उच्च-कमाई वाली फ़िल्में रही। इन उपलब्धियों ने उन्हें हिन्दी सिनेमा के मुख्य अभिनेत्रियों में से एक बना दिया। उनका पहला अंतर्राष्ट्रीय किरदार कनेडियाई फ़िल्म हेवन ऑन अर्थ में था जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सिल्वर ह्यूगो पुरस्कार २००८ के शिकागो अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में प्रदान किया गया। फ़िल्मों में अभिनय के आलावा जिंटा ने बीबीसी न्यूज़ ऑनलाइन में कई लेख लिखे है, साथ ही वे एक सामाजिक कार्यकर्त्ता, टेलिविज़न मेज़बान और नियमित मंच प्रदर्शनकर्ता है। वे पीज़ेडएनज़ेड इण्डिया प्रोडक्शन कंपनी की संस्थापक भी है जिसकी स्थापना उन्होंने अपने पूर्व-साथी नेस वाडिया के साथ की है और दोनों साथ-ही-साथ इंडियन प्रीमियर लीग की क्रिकेट टीम किंग्स XI पंजाब के मालिक भी है। .

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पूर्णसिंह

सरदार पूर्ण सिंह पूर्णसिंह (पंजाबी: Punjabi: ਪ੍ਰੋ. ਪੂਰਨ ਸਿੰਘ; १८८१ - १८३१ ई.) भारत के देशभक्त, शिक्षाविद, अध्यापक, वैज्ञानिक एवं लेखक थे। वे पंजाबी कवि थे और आधुनिक पंजाबी काव्य के संस्थापकों में उनकी गणना होती है। .

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पॉण्टी चड्ढा

पॉण्टी चड्ढा जिसका असली नाम था गुरदीप सिंह चड्ढा (१९५७ - 17 नवम्बर २०१२) उत्तर प्रदेश, भारत से शराब व्यापारी था। चड्ढा ने लोकप्रियता हासिल की और करीब ६००० करोड़ रुपए (१.०९ अरब डॉलर) के अपने शराब के कारोबार का उत्तर भारत के ३ राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब और नई दिल्ली में विस्तार किया। वह कंपनी वेव इंक का सह-स्वामित्व भी था। वह नई दिल्ली में छतरपुर क्षेत्र में अपने स्वयं के खेत पर एक हिंसक शूट आउट में २०१२ में मारा गया। .

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फ़रीदुद्दीन गंजशकर

बाबा फरीद (1173-1266), हजरत ख्वाजा फरीद्दुद्दीन गंजशकर (उर्दू: حضرت بابا فرید الدین مسعود گنج شکر) भारतीय उपमहाद्वीप के पंजाब क्षेत्र के एक सूफी संत थे। आप एक उच्चकोटि के पंजाबी कवि भी थे। सिख गुरुओं ने इनकी रचनाओं को सम्मान सहित श्री गुरु ग्रंथ साहिब में स्थान दिया। वर्तमान समय में भारत के पंजाब प्रांत में स्थित फरीदकोट शहर का नाम बाबा फरीद पर ही रखा गया था। बाबा फरीद का मज़ार पाकपट्टन शरीफ (पाकिस्तान) में है। बाबा फरीद का जन्म ११७3 ई. में लगभग पंजाब में हुआ। उनका वंशगत संबंध काबुल के बादशाह फर्रुखशाह से था। १८ वर्ष की अवस्था में वे मुल्तान पहुंचे और वहीं ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के संपर्क में आए और चिश्ती सिलसिले में दीक्षा प्राप्त की। गुरु के साथ ही मुल्तान से देहली पहुँचे और ईश्वर के ध्यान में समय व्यतीत करने लगे। देहली में शिक्षा दीक्षा पूरी करने के उपरांत बाबा फरीद ने १९-२० वर्ष तक हिसार जिले के हाँसी नामक कस्बे में निवास किया। शेख कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की मृत्यु के उपरांत उनके खलीफा नियुक्त हुए किंतु राजधानी का जीवन उनके शांत स्वभाव के अनुकूल न था अत: कुछ ही दिनों के पश्चात् वे पहले हाँसी, फिर खोतवाल और तदनंतर दीपालपुर से कोई २८ मील दक्षिण पश्चिम की ओर एकांत स्थान अजोधन (पाक पटन) में निवास करने लगे। अपने जीवन के अंत तक वे यहीं रहे। अजोधन में निर्मित फरीद की समाधि हिंदुस्तान और खुरासान का पवित्र तीर्थस्थल है। यहाँ मुहर्रम की ५ तारीख को उनकी मृत्यु तिथि की स्मृति में एक मेला लगता है। वर्धा जिले में भी एक पहाड़ी जगह गिरड पर उनके नाम पर मेला लगता है। वे योगियों के संपर्क में भी आए और संभवत: उनसे स्थानीय भाषा में विचारों का आदान प्रदान होता था। कहा जाता है कि बाबा ने अपने चेलों के लिए हिंदी में जिक्र (जाप) का भी अनुवाद किया। सियरुल औलिया के लेखक अमीर खुर्द ने बाबा द्वारा रचित मुल्तानी भाषा के एक दोहे का भी उल्लेख किया है। गुरु ग्रंथ साहब में शेख फरीद के ११२ 'सलोक' उद्धृत हैं। यद्यपि विषय वही है जिनपर बाबा प्राय: वार्तालाप किया करते थे, तथापि वे बाबा फरीद के किसी चेले की, जो बाबा नानक के संपर्क में आया, रचना ज्ञात होते हैं। इसी प्रकार फवाउबुस्सालेकीन, अस्रारुख औलिया एवं राहतुल कूल्ब नामक ग्रंथ भी बाबा फरीद की रचना नहीं हैं। बाबा फरीद के शिष्यों में निजामुद्दीन औलिया को अत्यधिक प्रसिद्धि प्राप्त हुई। वास्तव में बाबा फरीद के आध्यात्मिक एवं नैतिक प्रभाव के कारण उनके समकालीनों को इस्लाम के समझाने में बड़ी सुविधा हुई। उनका देहावसान १२६५ ई. में हुआ। .

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फ़िरोज़पुर ज़िला

फिरोजपुर जिला (पंजाबी: ਫ਼ਿਰੋਜ਼ਪੁਰ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ) भारत गणराज्य के उत्तर-पश्चिम में स्थित पंजाब राज्य के बीस जिलों में से एक है। फिरोजपुर जिला ५,३०५किलोमीटर(२,०४८ वर्ग मील) के एक क्षेत्र शामिल हैं। फाजिल्का जिले के अलावा फिरोजपुर जिले के विभाजन से पहले, यह ११,१४२ किलोमीटर के एक क्षेत्र शामिल थे। फिरोजपुर जिले की राजधानी फ़िरोजपुर शहर है। यह दस दरवाजो के अंदर स्थित है - अमृतसरी गेट, वंसी गेट, मखु गेट, ज़ीरा गेट, बागडी गेट, मोरी गेट, दिल्ली गेट, मागणी गेट, मुलतानी गेट और कसूरी गेट। .

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फाजिल्का जिला

फाजिल्का जिला एक नया और पंजाब का २२ जिला है। इस जिले के अंतर्गत ३१४ राजस्व गाँव आते हैं। जिले के मुख्यालय फाजिल्का शहर और अबोहर है। यह जिला पंजाब का सबसे बड़ा शहर है। .

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बठिंडा

बठिंडा पंजाब का एक बहुत ही पुराना और महत्वपूर्ण शहर है। यह मालवा इलाके में स्थित है। बठिंडा के ही जंगलों में कहा जाता है कि गुरु गोविंद सिंह जी ने चुमक्का नामन ताकतों को ललकारा था और उन से लडे थे। बठिंडा का आजादी की लडाई में भी महत्वपूर्ण योगदान था। इस में एक खास किला है 'किला मुबारक'। बठिंडा बहुत तेजी से इन्डस्ट्रीस से भर रहा है। हाल ही में बने पलाँटों में थर्मल पावर पलाँट, फर्टलाईजर फैकटरी और एक बडी औयल (तेल) रिफाईनरी हैं। बठिंडा नौर्थ भारत की सबसे बडी अनाज के बजारों में से है और बठिंडा के आस पास के इलाके अंगूर की खेती में बढ रहे हैं। बठींडा एक बहुत बड़ा रेल जंकशन भी है। पैपसी यहां उपजाऊ आनाज को परोसैस करती है। .

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बनिया

बनिया एक भारतीय जाति हैं,इनमे विशेषतः गुप्ता, साहू आदि सम्मिलित है..

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बब्बु मान

तेजिंदर सिंह मान, जो बब्बू मान के नाम से प्रचलित हैं, एक पंजाबी गायक-गीतकार, अभिनेता और फिल्म निर्माता हैं। मान वर्तमान में मोहाली में रह रहे हैं। .

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बादशाह (गायक)

बादशाह एक भारतीय पंजाबी गायक कलाकार है ' इनका जन्मनाम आदित्य प्रतीक सिंह सिसोदिया है ' इन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत यो यो हनी सिंह के साथ २००६ में की थी ' इन्होंने कई फ़िल्मों में गाने गाये है, इन्होंने मुख्यत हिन्दी,पंजाबी और हरयाणवी भाषाओं में गाने गए है। उनके गाये हुए गाने कई बॉलीवुड फिल्मों में भी शामिल है जैसे की २०१४ की फिल्म हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया और खूबसूरत। .

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बाङ्ला भाषा

बाङ्ला भाषा अथवा बंगाली भाषा (बाङ्ला लिपि में: বাংলা ভাষা / बाङ्ला), बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है। इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं। बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग २३ करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है। इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फ़ैले हैं। .

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बृजमोहन लाल मुंजाल

बृजमोहन लाल मुंजाल (पंजाबी:ਬ੍ਰਿਜਮੋਹਨ ਲਾਲ ਮੁੰਜਾਲ; 1 जुलाई 1925 – 1 नवंबर 2015) भारत के विख्यात औद्योगिक घराने हीरो समूह के संस्थापक व चेयरमैन थे। वे भारत के ३० सबसे धनी व्यक्तियों में से एक थे। .

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बैसाखी

बैसाखी नाम वैशाख से बना है। पंजाब और हरियाणा के किसान सर्दियों की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं। इसीलिए बैसाखी पंजाब और आसपास के प्रदेशों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह रबी की फसल के पकने की खुशी का प्रतीक है। इसी दिन, 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिख इस त्योहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं। .

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बीकानेर की संस्कृति

कोई विवरण नहीं।

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में स्थानीय वक्ताओं की संख्यानुसार भाषाओं की सूची

भारत कई सौ भाषाओं का घर है। ज़्यादातर भारतीय इंडो-आर्यन परिवार (74%)की भाषा बोलते हैं जो इंडो-यूरोपियन की ही एक शाखा है। द्रविड़ (24%), ऑस्ट्रोएस्ट्रीएटिक मुंडा (1.2%) और साइनो-तिब्बतन (0.6%) भी बोली जाती हैं इसके अतिरिक्त हिमालय की कुछ भाषाएँ अभी भी वर्गीकृत नहीं हैं। एस आई एल एथनोलॉग की सूची अनुसार अनुसार भारत में 415 जीवित भाषाएँ हैं। .

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भारत के पशुपक्षियों की बहुभाषीय सूची

भारत के पशुपक्षियों के नाम अलग-अलग भारतीय भाषाओं में भिन्न-भिन्न हैं। .

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भारत के भाषाई परिवार

वृहद भारत के भाषा परिवार भारत में विश्व के सबसे चार प्रमुख भाषा परिवारों की भाषाएँ बोली जाती है। सामान्यत: उत्तर भारत में बोली जाने वाली भारोपीय परि वार की भाषाओं को आर्य भाषा समूह, दक्षिण की भाषाओं को द्रविड़ भाषा समूह, ऑस्ट्रो-एशियाटिक परिवार की भाषाओं को भुंडारी भाषा समूह तथा पूर्वोत्तर में रहने वाले तिब्बती-बर्मी, नृजातीय भाषाओं को चीनी-तिब्बती (नाग भाषा समूह) के रूप में जाना जाता है। .

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भारत की बोलियाँ

भारत में ‘भारतीय जनगणना 1961’ (संकेत चिह्न .

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भारतेन्दु हरिश्चंद्र

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (९ सितंबर १८५०-७ जनवरी १८८५) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी। उनका कार्यकाल युग की सन्धि पर खड़ा है। उन्होंने रीतिकाल की विकृत सामन्ती संस्कृति की पोषक वृत्तियों को छोड़कर स्वस्थ्य परम्परा की भूमि अपनाई और नवीनता के बीज बोए। हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है। भारतीय नवजागरण के अग्रदूत के रूप में प्रसिद्ध भारतेन्दु जी ने देश की गरीबी, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण का चित्रण को ही अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया। हिन्दी को राष्ट्र-भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने की दिशा में उन्होंने अपनी प्रतिभा का उपयोग किया। भारतेन्दु बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। हिंदी पत्रकारिता, नाटक और काव्य के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य योगदान रहा। हिंदी में नाटकों का प्रारंभ भारतेन्दु हरिश्चंद्र से माना जाता है। भारतेन्दु के नाटक लिखने की शुरुआत बंगला के विद्यासुंदर (१८६७) नाटक के अनुवाद से होती है। यद्यपि नाटक उनके पहले भी लिखे जाते रहे किंतु नियमित रूप से खड़ीबोली में अनेक नाटक लिखकर भारतेन्दु ने ही हिंदी नाटक की नींव को सुदृढ़ बनाया। उन्होंने 'हरिश्चंद्र पत्रिका', 'कविवचन सुधा' और 'बाल विबोधिनी' पत्रिकाओं का संपादन भी किया। वे एक उत्कृष्ट कवि, सशक्त व्यंग्यकार, सफल नाटककार, जागरूक पत्रकार तथा ओजस्वी गद्यकार थे। इसके अलावा वे लेखक, कवि, संपादक, निबंधकार, एवं कुशल वक्ता भी थे।। वेबदुनिया। स्मृति जोशी भारतेन्दु जी ने मात्र ३४ वर्ष की अल्पायु में ही विशाल साहित्य की रचना की। पैंतीस वर्ष की आयु (सन् १८८५) में उन्होंने मात्रा और गुणवत्ता की दृष्टि से इतना लिखा, इतनी दिशाओं में काम किया कि उनका समूचा रचनाकर्म पथदर्शक बन गया। .

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भारती सिंह

भारती सिंह (जन्म 3 जुलाई 1980) एक स्टैंड अप हास्य कलाकार व अभिनेत्रीहैं और ये पंजाब,भारत से हैं। .

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भारतीय पेड़ों पौधों तथा फूलों के नामों की बहुभाषी सूची

भारत एक विशाल देश है जिसमें बहुत सी भाषाएँ बोली जातीं हैं। भारत में पाए जाने वाले पेड़-पौधों एवं फूलों के नाम भी अलग-अलग भाषाओं एवं क्षेत्रों में अलग-अलग हैं। नीचे की सूची में भारत की प्रमुख भाषाओं में विभिन्न पेड़ों, पौधों एवं फूलों के नाम दिए गए हैं- .

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

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भाषा

भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त करते है और इसके लिये हम वाचिक ध्वनियों का उपयोग करते हैं। भाषा मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह है जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। किसी भाषा की सभी ध्वनियों के प्रतिनिधि स्वन एक व्यवस्था में मिलकर एक सम्पूर्ण भाषा की अवधारणा बनाते हैं। व्यक्त नाद की वह समष्टि जिसकी सहायता से किसी एक समाज या देश के लोग अपने मनोगत भाव तथा विचार एक दूसरे पर प्रकट करते हैं। मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। बोली। जबान। वाणी। विशेष— इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं। अपने समाज या देश की भाषा तो लोग बचपन से ही अभ्यस्त होने के कारण अच्छी तरह जानते हैं, पर दूसरे देशों या समाजों की भाषा बिना अच्छी़ तरह नहीं आती। भाषाविज्ञान के ज्ञाताओं ने भाषाओं के आर्य, सेमेटिक, हेमेटिक आदि कई वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग अलग शाखाएँ स्थापित की हैं और उन शाखाकों के भी अनेक वर्ग उपवर्ग बनाकर उनमें बड़ी बड़ी भाषाओं और उनके प्रांतीय भेदों, उपभाषाओं अथाव बोलियों को रखा है। जैसे हमारी हिंदी भाषा भाषाविज्ञान की दृष्टि से भाषाओं के आर्य वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है; और ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेलखंडी आदि इसकी उपभाषाएँ या बोलियाँ हैं। पास पास बोली जानेवाली अनेक उपभाषाओं या बोलियों में बहुत कुछ साम्य होता है; और उसी साम्य के आधार पर उनके वर्ग या कुल स्थापित किए जाते हैं। यही बात बड़ी बड़ी भाषाओं में भी है जिनका पारस्परिक साम्य उतना अधिक तो नहीं, पर फिर भी बहुत कुछ होता है। संसार की सभी बातों की भाँति भाषा का भी मनुष्य की आदिम अवस्था के अव्यक्त नाद से अब तक बराबर विकास होता आया है; और इसी विकास के कारण भाषाओं में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय आर्यों की वैदिक भाषा से संस्कुत और प्राकृतों का, प्राकृतों से अपभ्रंशों का और अपभ्रंशों से आधुनिक भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है। सामान्यतः भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा आभ्यंतर अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं वह हमारे आभ्यंतर के निर्माण, विकास, हमारी अस्मिता, सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का भी साधन है। भाषा के बिना मनुष्य सर्वथा अपूर्ण है और अपने इतिहास तथा परम्परा से विच्छिन्न है। इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं। अपने समाज या देश की भाषा तो लोग बचपन से ही अभ्यस्त होने के कारण अच्छी तरह जानते हैं, पर दूसरे देशों या समाजों की भाषा बिना अच्छी़ तरह सीखे नहीं आती। भाषाविज्ञान के ज्ञाताओं ने भाषाओं के आर्य, सेमेटिक, हेमेटिक आदि कई वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग अलग शाखाएँ स्थापित की हैं और उन शाखाओं के भी अनेक वर्ग-उपवर्ग बनाकर उनमें बड़ी बड़ी भाषाओं और उनके प्रांतीय भेदों, उपभाषाओं अथाव बोलियों को रखा है। जैसे हिंदी भाषा भाषाविज्ञान की दृष्टि से भाषाओं के आर्य वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है; और ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेलखंडी आदि इसकी उपभाषाएँ या बोलियाँ हैं। पास पास बोली जानेवाली अनेक उपभाषाओं या बोलियों में बहुत कुछ साम्य होता है; और उसी साम्य के आधार पर उनके वर्ग या कुल स्थापित किए जाते हैं। यही बात बड़ी बड़ी भाषाओं में भी है जिनका पारस्परिक साम्य उतना अधिक तो नहीं, पर फिर भी बहुत कुछ होता है। संसार की सभी बातों की भाँति भाषा का भी मनुष्य की आदिम अवस्था के अव्यक्त नाद से अब तक बराबर विकास होता आया है; और इसी विकास के कारण भाषाओं में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय आर्यों की वैदिक भाषा से संस्कृत और प्राकृतों का, प्राकृतों से अपभ्रंशों का और अपभ्रंशों से आधुनिक भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है। प्रायः भाषा को लिखित रूप में व्यक्त करने के लिये लिपियों की सहायता लेनी पड़ती है। भाषा और लिपि, भाव व्यक्तीकरण के दो अभिन्न पहलू हैं। एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। उदाहरणार्थ पंजाबी, गुरूमुखी तथा शाहमुखी दोनो में लिखी जाती है जबकि हिन्दी, मराठी, संस्कृत, नेपाली इत्यादि सभी देवनागरी में लिखी जाती है। .

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भाषा-परिवार

विश्व के प्रमुख भाषाकुलों के भाषाभाषियों की संख्या का पाई-चार्ट आपस में सम्बंधित भाषाओं को भाषा-परिवार कहते हैं। कौन भाषाएँ किस परिवार में आती हैं, इनके लिये वैज्ञानिक आधार हैं। इस समय संसार की भाषाओं की तीन अवस्थाएँ हैं। विभिन्न देशों की प्राचीन भाषाएँ जिनका अध्ययन और वर्गीकरण पर्याप्त सामग्री के अभाव में नहीं हो सका है, पहली अवस्था में है। इनका अस्तित्व इनमें उपलब्ध प्राचीन शिलालेखो, सिक्कों और हस्तलिखित पुस्तकों में अभी सुरक्षित है। मेसोपोटेमिया की पुरानी भाषा ‘सुमेरीय’ तथा इटली की प्राचीन भाषा ‘एत्रस्कन’ इसी तरह की भाषाएँ हैं। दूसरी अवस्था में ऐसी आधुनिक भाषाएँ हैं, जिनका सम्यक् शोध के अभाव में अध्ययन और विभाजन प्रचुर सामग्री के होते हुए भी नहीं हो सका है। बास्क, बुशमन, जापानी, कोरियाई, अंडमानी आदि भाषाएँ इसी अवस्था में हैं। तीसरी अवस्था की भाषाओं में पर्याप्त सामग्री है और उनका अध्ययन एवं वर्गीकरण हो चुका है। ग्रीक, अरबी, फारसी, संस्कृत, अंग्रेजी आदि अनेक विकसित एवं समृद्ध भाषाएँ इसके अन्तर्गत हैं। .

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भाई संतोख सिंह

भाई संतोख सिंह (सन् 1788-1843) वेदांत और सिक्ख दर्शन के विद्वान् और ज्ञानी संप्रदाय के विचारक थे। आपके पूर्वज छिंवा या छिब्बर नाम के मोह्याल ब्राह्मण थे। आपका जन्म अमृतसर में हुआ। आपके पिता श्री देवसिंह निर्मला संतों के संपर्क में रहे। आपकी माता का नाम राजादेई (राजदेवी) था। आप रूढ़िवाद के कट्टर विरोधी थे। अपनी परिवारिक परंपराओं की अवमानना करके आपने रोहिल्ला परिवार में विवाह किया। आपके सुपुत्र अजयसिंह भी बड़े विद्वान् हुए। भाई साहब ने ज्ञानी संतसिंह से काव्याध्ययन किया। तदनंतर संस्कृत की शिक्षा काशी में प्राप्त की। सन् 1823 में आप पटियालानरेश महाराज कर्मसिंह के दरबारी कवि के रूप में पधारे। दो वर्ष बाद कैथल के रईस श्री उदयसिंह आपको अपने यहाँ लिवा ले आए। पटियाला की भाँति कैथल में भी आपका बड़ा सम्मान हुआ और वहाँ पर अनेक विद्वानों का सहयोग भी प्राप्त हुआ। .

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भाई गुरदास

भाई गुरदास (1551 – 25 अगस्त 1636) पंजाबी लेखक, इतिहासकार, उपदेशक तथा धार्मिक नेता थे। गुरु ग्रन्थ साहिब का मूल लेखन उन्होने ही किया था। वे चार गुरुओं के साथी भी रहे। .

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भगत सिंह

भगत सिंह (जन्म: २८ सितम्बर या १९ अक्टूबर, १९०७, मृत्यु: २३ मार्च १९३१) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने देश की आज़ादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। पहले लाहौर में साण्डर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें २३ मार्च १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। सारे देश ने उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया। भगत सिंह को समाजवादी,वामपंथी और मार्क्सवादी विचारधारा में रुचि थी। सुखदेव, राजगुरु तथा भगत सिंह के लटकाये जाने की ख़बर - लाहौर से प्रकाशित ''द ट्रिब्युन'' के मुख्य पृष्ठ --> .

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भूपेंद्र नाथ कौशिक

व्यंग्यकार भूपेंद्र नाथ कौशिक "फ़िक्र" (७ जुलाई, १९२५-२७ अक्टूबर,२००७) आधुनिक काल के सशक्त व्यंग्यकार थे, उनकी कविता में बाज़ारवाद और कोरे हुल्लड़ के खिलाफ रोष बहुलता से मिलता है। हिमांचल प्रदेश के खुबसूरत इलाके "नाहन" में जन्मे फ़िक्र साहब के पिता का नाम पंडित अमरनाथ था और माता का नाम लीलावती था, पिताजी संगीत और अरबी भाषा की प्रकांड विद्वान थे। आध्यात्म के संस्कार फ़िक्र को बचपन में शैख़ सादी की फारसी हिकायत "गुलिस्तान" से मिले। प्रारंभिक शिक्षा संस्कृत और फारसी में हुयी। उच्च शिक्षा के लिए फ़िक्र जी अम्बाला छावनी आ गए। और यहाँ के राजकीय कॉलेज से अरबी, फारसी, उर्दू और अंग्रेजी की शिक्षा ली। नौकरी की तलाश में जबलपुर आना पड़ा, यहाँ आकर, बी.

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मदनलाल पाहवा

गान्धी वध के अभियुक्तों का एक समूह चित्र'' खड़े हुए '': शंकर किस्तैया, गोपाल गोडसे, मदनलाल पाहवा, दिगम्बर बड़गे. ''बैठे हुए'': नारायण आप्टे, वीर सावरकर, नाथूराम गोडसे, विष्णु करकरे मदनलाल पाहवा (अंग्रेजी: Madan Lal Pahwa, पंजाबी: ਮਦਨ ਲਾਲ ਪਾਹਵਾ, तमिल: மதன்லால் பக்வா) हिन्दू महासभा के एक कार्यकर्ता थे जिन्होंने नई दिल्ली स्थित बिरला हाउस में गान्धी-वध की तिथि से दस दिन पूर्व २० जनवरी १९४८ को उनकी प्रार्थना सभा में हथगोला फेंका था। उपस्थित जन समुदाय ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया था। उस घटना के ठीक १० दिन बाद जब नाथूराम गोडसे ने ३० जनवरी १९४८ को गोली मारकर गान्धी को मौत की नींद सुला दिया तो भारत सरकार ने फटाफट मुकद्दमा चलाकर गोडसे को फाँसी के साथ मदनलाल को भी गान्धी-वध के षड्यन्त्र में शामिल होने व हत्या के प्रयास के आरोप में आजीवन कारावास का दण्ड देकर मामला रफादफा कर दिया। .

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मनमोहन (अभिनेता)

मनमोहन हिन्दी फ़िल्मों के एक चरित्र अभिनेता थे जो मुख्यतः खलनायक की भूमिका के लिये जाने जाते हैं। उन्होनें कई बंगाली, पंजाबी तथा गुजराती फ़िल्मों में भी कार्य किया है। .

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मनित जौरा

मनित जौरा एक भारतीय अभिनेता है। जिसने फ़िल्म में अभिनय करने की शुरूआत यश राज फ़िल्म्स दूारा निर्मित फ़िल्म बैंड बाजा बारात से किया यह फ़िल्म 2010 में बनी है उसके बाद वह़ लव शगुन फ़िल्म में मुख्य भुमिका में निभाई। यह फ़िल्म 2016 में बनी है। उसके बाद वह बालाजी टेलीफ़िल्म्स के वेब सिरिज़ परीक्षण का मामला में नजर आए और वर्तमान में वह जी टीवी पर प्रसारित हो रहे कार्यक्रम कुंडली भाग्य में मुख्य भुमिका निभा रहे हैं। .

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मरयम नवाज़

मरयम नवाज़ पाकिस्तान की एक कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की बेटी है। मरयम का जन्म लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ। अपनी शिक्षा भी उसने वहीं से ली और स्नातकोत्तर पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से की। .

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मलवई बोली

मलवई, पंजाबी की एक उपभाषा (बोली) है जो इसके मालवा क्षेत्र में बोली जाती है। फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर आदि में मलवई प्रमुखता से बोली जाती है। श्रेणी:पंजाबी भाषा श्रेणी:भारत की बोलियाँ श्रेणी:भारत की क्षेत्रीय बोलियाँ.

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मल्लिका दुआ

मल्लिका दुआ एक अभिनेत्री और हास्य कलाकार है, जो अपनी इंस्टाग्राम और स्नैपचैट के पोस्ट से प्रसिद्ध है। वह एक अभिनेता बनने से पहले एक लेखक थी। वह प्रसिद्ध भारतीय पत्रकार विनोद दुआ की बेटी हैं। मल्लिका ने आधुनिक विद्यालय, बाराखंबा से स्कूली शिक्षा प्राप्त की। मल्लिका आधी-डेरावली पंजाबी और आधी-तमिल ब्राह्मण है। उनका विज्ञापन कैरियर मैककेन एरिक्सन और बाद में अनुबंध विज्ञापन में प्रशिक्षु के रूप में शुरू हुआ। २०१० मे वह मुंबई आ गई। मल्लिका ने बाइंडस वेब सीरीज़ 'द ट्रिप' मे काम किया और हाल ही में फिल्म "हिंदी माध्यम में। .

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महाजनी लिपि

महाजनी लिपि भारत के उत्तरी हिस्सों में लिखि जाती थी। अधिकतर इसे व्यापारी काम में लेते थे मारवाड़ी, हिंदी, एवं पंजाबी लिखने के लिये। इस लिपि का आधार ब्राह्मी लिपि हैं। .

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महक चहल

महक चहल एक भारतीय नोर्वेयाई बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। यह अब तक कई हिन्दी, तेलुगू, बंगाली, पंजाबी और नोर्वेयाई आदि भाषाओं में बनी फ़िल्मों में कार्य कर चुकी हैं। इसके अलावा कई धारावाहिकों में भी कार्य किया है। यह सबसे पहले सीआईडी नामक धारावाहिक में दिखीं जिसमें यह वांटेड फ़िल्म के प्रचार के लिए आईं थी। इसके पश्चात यह बिग बॉस के ५वें संस्करण में भी गईं और ८वे संस्करण में एक दावेदार के रूप में प्रवेश किया। .

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मानवजीत सिंह सन्धू

मानवजीत सिंह सन्धू (अंग्रेजी:Manavjit Singh Sandhu) (पंजाबी:ਮਾਨਵਜੀਤ ਸਿਂਘ ਸਂਧੂ) (जन्म ०३ नवम्बर १९७६) एक भारतीय पंजाबी निशानेबाज है। जो विशेषतः ट्रेप शूटिंग के लिए जाने जाते हैं इन्हें २००६ में राजीव गांधी खेल रत्न भी दिया गया तथा १९९८ में अर्जुन पुरस्कार से नवाज़ा गया। सन्धू ने लॉरेंस स्कूल सनावर में शिक्षा ग्रहण की थी। ये पंजाब के फिरोज़पुर ज़िले के रत्ता खेड़ा गांव से निवास करते हैं इनके पिता का नाम गुरबीर सिंह है। इन्होंने २००६ में आईएसएसएफ वर्ल्ड शूटिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। साथ ही इन्होंने १९९८ और २००२ के एशियन खेलों में चार रजत पदक भी जीते थे। १९९८ के राष्ट्रमण्डल खेलों में भी इन्होंने स्वर्ण पदक जीता था और २००६ के खेलों में कांस्य पदक जीता। मानवजीत सिंह सन्धू ने 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों में भी क़्वालीफाई किया। जो कि ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में आयोजित किया गया। .

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मालवा (पंजाब)

पंजाब में मालवा, सतलुज के दक्षिण वाले क्षेत्र को कहते हैं। इसके अन्तर्गत हरियाणा के कुछ भाग भी सम्मिलित हैं। इसके दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान का मरुस्थल है। मालवा का वातावरण शुष्क, मिट्टी रेतीली है। इस क्षेत्र में पानी की कमी है किन्तु नहरों का जाल बिछा हुआ है। मध्यकाल में यह क्षेत्र मुख्य रूप से राजपूतों के प्रभाव वाला क्षेत्र था। आज भी मालवा क्षेत्र के बहुत से गोत्र राजपूतों के गोत्र से मिलते-जुलते हैं। मालवा क्षेत्र के लोग पंजाबी की उपबोली 'मलवई' बोलते हैं। .

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मित्तर प्यारे नूँ

मित्तर प्यारे नूँ (हिंदी अनुवाद: मित्र प्यारे को) एक अतिप्रसिद्ध पंजाबी शबद है जो सिखों के दशम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा रचित है। माना जाता है कि इसकी रचना उन्होंने माछीवाड़ा के वनवास के समय की थी। .

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मिलिन्द गाबा

मिलिन्द गाबा एक पंजाबी गायक, संगीतकार और संगीत निर्माता है,जिन्हें म्यूजिक एमजी नाम से भी जाना जाता है।उनके द्वारा कई पंजाबी गानों में काम किया गया।वेलकम बैक फ़िल्म में उनके द्वारा शीर्षक गाना भी गया है।इसके अलावा उनके द्वारा बस तू,दिल्ली वाली ज़ालिम गर्लफ्रैंड में भी आवाज दी गयी है। .

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मंजे बिस्तरे (2017 फ़िल्म)

मंजे बिस्तरे एक पंजाबी फिल्म है जो एक सबसे अच्छे परिवार की कहानी है। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में गिप्पी ग्रेवाल, सोनम बजवा, कर्मजीत अनमोल, और जग्गी सिंह है। संवाद राणा रणबीर द्वारा लिखा तथा कहानी और पटकथा गिप्पी ग्रेवाल द्वारा लिखी गई है। यह बलजीत सिंह देओल द्वारा निर्देशित है और 14 अप्रैल २०१७ को जारी की गई। सोनी चैथा द्वारा फिल्मायी गई फ़िल्म है। .

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मंगल ढ़िल्लों

मंगल ढ़िल्लों हिन्दी एवं पंजाबी फ़िल्मोंं के एक अभिनेता हैं। .

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मुस्सरत नज़ीर

मुसर्रत नज़ीर एक पाकिस्तानी गायका और अदाकारा है जिसने बहुत सारी उर्दू और पंजाबी फ़िल्मों में गीत गाए। नज़ीर ने सोलो गाने वि गाए जो ज़्यादातर विवाह संबंधित और लोकगीत है। मुस्सरत का जन्म 13 अक्तूबर, 1940 को एक मध्यवर्गी परिवार में हुआ। इस के माँ-बाप का मूल लाहौर का था। इस के पिता, ख्वाज़ा नज़ीर अहमद, इसके जन्म समय नगर निगम के लिए बतौर ठेकेदार कम कर रहे थे। .

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मुकेश

मुकेश चंद माथुर (जुलाई २२, १९२३, दिल्ली, भारत - अगस्त २७, १९७६), लोकप्रिय तौर पर सिर्फ़ मुकेश के नाम से जाने वाले, हिन्दी सिनेमा के एक प्रमुख पार्श्व गायक थे। मुकेश की आवाज़ बहुत खूबसूरत थी पर उनके एक दूर के रिश्तेदार मोतीलाल ने उन्हें तब पहचाना जब उन्होंने उसे अपनी बहन की शादी में गाते हुए सुना। मोतीलाल उन्हें बम्बई ले गये और अपने घर में रहने दिया। यही नहीं उन्होंने मुकेश के लिए रियाज़ का पूरा इन्तजाम किया। इस दौरान मुकेश को एक हिन्दी फ़िल्म निर्दोष (१९४१) में मुख्य कलाकार का काम मिला। पार्श्व गायक के तौर पर उन्हें अपना पहला काम १९४५ में फ़िल्म पहली नज़र में मिला। मुकेश ने हिन्दी फ़िल्म में जो पहला गाना गाया, वह था दिल जलता है तो जलने दे जिसमें अदाकारी मोतीलाल ने की। इस गीत में मुकेश के आदर्श गायक के एल सहगल के प्रभाव का असर साफ़-साफ़ नज़र आता है। 1959 में अनाड़ी फ़िल्म के ‘सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी’ गाने के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था। १९७४ में मुकेश को रजनीगन्धा फ़िल्म में कई बार यूँ भी देखा है गाना गाने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। १९७६ में जब वे अमेरीका के डेट्रॉयट शहर में दौरे पर थे, तब उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गयी। .

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मूलचन्द

मूलचन्द हिन्दी तथा पंजाबी फ़िल्मों के एक चरित्र अभीनेता थे जिन्होंने १९५१ से लेकर १९८० के दशक के अंत तक अपनी मृत्यु तक लगभग २५० से भी ज़्यादा फ़िल्मों में काम किया था। जिन फिल्मों में मूलचन्द ने काम किया था वह दारा सिंह की पहलवानों वाली फिल्मों से लेकर् गुरु दत्त की समानांतर सिनेमा तक थीं। वह अपने बड़े पेट के लिए जाने जाते थे। मूलचंद का पहला ज्ञात फ़िल्मों में अभिनय १९५१ का है। उसी वर्ष वह एक अन्य फ़िल्म में दिखाई दिये। इन दोनों फिल्मों के निर्देशक गुरु दत्त और राज कपूर ने आगे चलकर भी उन्हें काम दिया और मूलचंद ने गुरु दत्त की ५ और राज कपूर की ७ और फिल्मों में काम किया। इसके अलावा उन्होंने देव आनंद, बी.आर. चोपड़ा, दारा सिंह और आई॰ एस॰ जौहर जैसे निर्माताओं की फ़िल्मों में भी काम किया। .

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मेहतर लाम

मेहतर लाम या मिहतर लाम (पश्तो:, अंग्रेज़ी: Mihtarlam) दक्षिण-पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के लग़मान प्रान्त की राजधानी है। यह उस प्रान्त का इकलौता बड़ा क़स्बा है। .

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मेघवाल

जम्मू, भारत में एक समारोह के दौरान मेघ बालिकाओं का एक समूह मेघ, मेघवाल, या मेघवार, (उर्दू:میگھواڑ, सिंधी:ميگھواڙ) लोग मुख्य रूप से उत्तर पश्चिम भारत में रहते हैं और कुछ आबादी पाकिस्तान में है। सन् 2008 में, उनकी कुल जनसंख्या अनुमानतः 2,807,000 थी, जिनमें से 2760000 भारत में रहते थे। इनमें से वे 659000 मारवाड़ी, 663000 हिंदी, 230000 डोगरी, 175000 पंजाबी और विभिन्न अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ बोलते हैं। एक अनुसूचित जाति के रूप में इनका पारंपरिक व्यवसाय बुनाई रहा है। अधिकांश हिंदू धर्म से हैं, ऋषि मेघ, कबीर, रामदेवजी और बंकर माताजी उनके प्रमुख आराध्य हैं। मेघवंश को राजऋषि वृत्र या मेघ ऋषि से उत्पन्न जाना जाता है।सिंधु सभ्यता के अवशेष (मेघ ऋषि की मुर्ति मिली) भी मेघो से मिलते है। हडप्पा,मोहन-जोद़ङो,कालीबंगा (हनुमानगढ),राखीगङी,रोपङ,शक्खर(सिंध),नौसारो(बलुचिस्तान),मेघढ़(मेहरगढ़ बलुचिस्तान)आदि मेघवंशजो के प्राचीन नगर हुआ करते थे। 3300ई.पू.से 1700ई.पू.तक सिंध घाटी मे मेघो की ही आधिक्य था। 1700-1500ई.पू.मे आर्यो के आगमन से मेघ, अखंड भारत के अलग अलग भागो मे बिछुङ (चले) गये । ये लोग बहुत शांत स्वभाव व प्रवृति के थे। इनका मुख्य साधन ऊंठ-गाङा व बैल-गाङा हुआ करता। आज मेघवालो को बहुत सारी उपजातीयो बांट रखा है जिसमे सिहमार, भगत, बारुपाल, मिड़ल (मिरल),केम्मपाल, अहम्पा, पंवार,पङिहार,लिलङ,जयपाल,पंवार,चावणीया, तुर्किया,गाडी,देवपाल,जालानी गोयल-मंगी,पन्नु, गोगली,गंढेर,दहीया,पुनङ,मुंशी,कोली आदि प्रमुख है। मेघवंशो के कूलगुरु गर्गाचार्य गुरङा होते है। .

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मोहन सिंह (कवि)

मोहन सिंह (20 सितम्बर 1905-3 मई 1978) एक पंजाबी प्रगतिवादी और रोमांसवादी कवि थे। आधुनिक पंजाबी कविता का प्रारंभ इनही से माना जाता है। .

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मोहम्मद रफ़ी

कोई विवरण नहीं।

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मीर ज़फ़रुल्लाह ख़ान जमाली

मीर ज़फ़रुल्लाह खान जमाली पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वह एक जनवरी 1944 को बलूचिस्तान के जिला नसीरआबाद के गांव रोझान जमाली में पैदा हुए। प्रारंभिक शिक्षा रोझान जमाली में ही प्राप्त की। बाद में सेंट लॉरेंस कॉलेज घोड़ा गली मरी, एलिसन कॉलेज लाहौर और 1965 में गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। ज़फ़रुल्लाह जमाली प्रांत बलूचिस्तान द्वारा अब तक पाकिस्तान के एकमात्र प्रधानमंत्री हैं। ज़फ़रुल्लाह जमाली अंग्रेजी, उर्दू, सिंधी, बलोची, पंजाबी और पश्तो भाषा में महारत रखते हैं। .

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यारां नाल बहारां (2005 फ़िल्म)

यारां नाल बहारां 2005 में बनी पंजाबी भाषा की फिल्म है। .

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यूनिनागरी (सम्पादित्र)

यूनिनागरी द्वारा विकसित एक भारतीय भाषाई ऑनलाइन सम्पादित्र है। इसमें हिन्दी, बांग्ला, गुजराती, पंजाबी (गुरुमुखी), कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु तथा उर्दू आदि शामिल हैं। इस सम्पादित्र में विभिन्न भारतीय भाषाओं हेतु विभिन्न कीबोर्ड लेआउट चुन सकते हैं तथा उसके प्रयोग से हिन्दी एवं अन्य भाषायें टाइप कर सकते हैं। यूनिनागकी नेपाली कीबोर्ड छाहरी से प्रेरित हैं। .

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योग संदेश

योग संदेश एक मासिक पत्रिका है। .

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रणजीत सिंह की समाधि

सन् 1848, लाहौर, पाकिस्तान रणजीत सिंह की समाधि (पंजाबी: رنجیت سنگھ دی سمادھی, ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੀ ਸਮਾਧੀ) पंजाब के सिख सरदार महाराजा रणजीत सिंह सन् 1839 के मरने की यादगार है। यह क़िला लाहौर और बादशाही मस्जिद के नज़दीक स्थित है। उनके बेटे खड़ग सिंह ने यह उस जगह पर बनानी शुरू की थी जहाँ रणजीत सिंह को मरने के बाद में जलाया गया था। बाद में उनके दूजे बेटे दलीप सिंह ने इसको सन् 1848 में पूरा किया। .

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रसम पगड़ी

रसम पगड़ी या रसम दस्तार (पंजाबी: ਰਸਮ ਪਗੜੀ, उर्दू) उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों की एक सामाजिक रीति है जिसका पालन हिन्दू, सिख और मुस्लिम सभी धार्मिक समुदाय करते हैं। इस रिवाज में किसी परिवार के सब से अधिक उम्र वाले पुरुष की मृत्यु होने पर अगले सब से अधिक आयु वाले जीवित पुरुष के सर पर रस्मी तरीक़े से पगड़ी (जिसे दस्तार भी कहते हैं) बाँधी जाती है। क्योंकि पगड़ी इस क्षेत्र के समाज में इज्ज़त का प्रतीक है इसलिए इस रस्म से दर्शाया जाता है के परिवार के मान-सम्मान और कल्याण की ज़िम्मेदारी अब इस पुरुष के कन्धों पर है। रसम पगड़ी का संस्कार या तो अंतिम संस्कार के चौथे दिन या फिर तेहरवीं को आयोजित किया जाता है। .

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राम प्रसाद 'बिस्मिल'

राम प्रसाद 'बिस्मिल' (११ जून १८९७-१९ दिसम्बर १९२७) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें ३० वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। राम प्रसाद एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी (निर्जला एकादशी) विक्रमी संवत् १९५४, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में जन्मे राम प्रसाद ३० वर्ष की आयु में पौष कृष्ण एकादशी (सफला एकादशी), सोमवार, विक्रमी संवत् १९८४ को शहीद हुए। उन्होंने सन् १९१६ में १९ वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रखा था। ११ वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उन पुस्तकों को बेचकर जो पैसा मिला उससे उन्होंने हथियार खरीदे और उन हथियारों का उपयोग ब्रिटिश राज का विरोध करने के लिये किया। ११ पुस्तकें उनके जीवन काल में प्रकाशित हुईं, जिनमें से अधिकतर सरकार द्वारा ज़ब्त कर ली गयीं। --> बिस्मिल को तत्कालीन संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध की लखनऊ सेण्ट्रल जेल की ११ नम्बर बैरक--> में रखा गया था। इसी जेल में उनके दल के अन्य साथियोँ को एक साथ रखकर उन सभी पर ब्रिटिश राज के विरुद्ध साजिश रचने का ऐतिहासिक मुकदमा चलाया गया था। --> .

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राष्‍ट्रीय चैनल

यह भारतीय टीवी दूरदर्शन के राष्‍ट्रीय चैनल हैं। इसमें (5): दूरदर्शन नेशनल, डीडी न्यूज़, डीडी भारती, डीडी स्पोर्ट्स और डीडी उर्दू ये पाँच चैनल आते हैं। डीडी-नेशनल पर ऐसे राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना तथा मन में एकता एवं भाई-चारे की भावना बैठाना है। यह चैनल दर्शकों की दृष्टि से देश का नम्बर एक चैनल है। डीडी-नेशनल पर मनोरंजन, सूचना एवं शिक्षा संबंधी कार्यक्रमों का स्वस्थ मिश्रण होता है। इस चैनल पर प्रात: 5.30 बजे से मध्य रात्रि तक स्थलीय मोड में सेवा उपलब्ध कराई जाती है। उपग्रह मोड में डीडी-नेशनल चौबीस घंटे उपलब्ध रहता है। लोक सेवा के इस मिश्रित चैनल के प्रसारण का समय इस ढंग से तैयार किया गया है कि यह विभिन्न समयों पर विभिन्न श्रेणी के दर्शकों की आवश्यकताओं को पूरा करता है। सभी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आयोजनों जैसे गणतंत्र दिवस परेड, स्वतंत्रता दिवस समारोहों राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधनों, संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण, संसद में होने वाली महत्वपूर्ण बहसों, रेलवे और आम बजट प्रस्तुत करने, लोकसभा और राज्यसभा के प्रश्न काल, चुनाव परिणाम और उनका विश्लेषण, शपथ ग्रहण समारोहों, राष्ट्रपति एवं प्रधान मंत्री की विदेश यात्राओं और विदेश से भारत आने वाले विशिष्ट व्यक्तियों की यात्राओं का डीडी-नेशनल पर सीधा प्रसारण किया जाता है। महत्वपूर्ण खेल-कूद आयोजनों जैसे ओलंपिक, एशियाई खेल, क्रिकेट टेस्ट मैचों और अन्तर्राष्ट्रीय एक दिवसीय मैचों, जिनमें भारत एवं अन्य महत्वपूर्ण खेल प्रतिद्वंदी भाग ले रहे हों, का भी सीधा प्रसारण किया जाता है। शिक्षा संबंधी कार्यक्रम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), केंद्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी) और राज्य शिक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (एसआईईटी) जैसे विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किए जाते हैं। इसके अलावा, टर्निंग प्वाइंट, प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम, टेरा क्विज और भूमि (पर्यावरण से संबंधित कार्यक्रम) जैसे प्रायोजित कार्यक्रम, महिलाओं, जनजातीय मामलों से जुड़े विषयों पर कार्यक्रम और लोक सेवा संबंधी अन्य कार्यक्रम भी नियमित आधार पर प्रसारित किए जाते हैं। .

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राजपाल एण्ड सन्स

राजपाल एण्ड सन्स हिन्दी पुस्तकों के एक प्रमुख प्रकाशक हैं। इसकी स्थापना १९१२ में लाहौर में की गयी थी। आरम्भ में इस प्रकाशन ने हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी तथा पंजाबी भाषाओं में आध्यात्मिक, सामाजिक तथा राजनीतिक विषयों पर पुस्तकें प्रकाशित कीं। भारत के विभाजन के उपरान्त १९४७ में यह प्रकाशन दिल्ली आ गया और भारत के प्रमुख हिन्दी प्रकाशक के रूप में जाने जाने लगा। .

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राजेश खट्टर

राजेश खट्टर (जन्म: १९६६, मुंबई) एक भारतीय अभिनेता, पटकथा लेखक और डबिंग कलाकार हैं। खट्टर अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी और उर्दू भाषा में दक्षता रखते हैं। एक फ़िल्म अभिनेता के रूप में वे मुख्यतः हिंदी बोलते हैं और उन्होंने हिंदी भाषा की कई भारतीय फ़िल्मों में अभिनय किया है। साथ ही अंग्रेजी और अन्य भाषाओं की कुछ फ़िल्मों में भी अभिनय किया है। एक हिंदी बहुमुखी डबिंग कलाकार के रूप में खट्टर ने हिंदी में कई हॉलीवुड हस्तियों - टॉम हैंक्स, जॉनी डेप, ह्यू जैकमैन, रॉबर्ट डॉनी जुनियर, ड्वेन जॉनसन, निकोलस केज, लैम्बर्ट विल्सन और माइकल फस्स्बेंदर आदि - को अपनी आवाज दी है। .

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रावलपिंडी

पंजाब, पाकिस्तान का एक नगर। श्रेणी:पाकिस्तान के शहर श्रेणी:रावलपिंडी.

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रघु वीर

आचार्य रघुवीर (३०, दिसम्बर १९०२ - १४ मई १९६३) महान भाषाविद, प्रख्यात विद्वान्‌, राजनीतिक नेता तथा भारतीय धरोहर के मनीषी थे। आप महान्‌ कोशकार, शब्दशास्त्री तथा भारतीय संस्कृति के उन्नायक थे। एक ओर आपने कोशों की रचना कर राष्ट्रभाषा हिंदी का शब्दभण्डार संपन्न किया, तो दूसरी ओर विश्व में विशेषतः एशिया में फैली हुई भारतीय संस्कृति की खोज कर उसका संग्रह एवं संरक्षण किया। राजनीतिक नेता के रूप में आपकी दूरदर्शिता, निर्भीकता और स्पष्टवादिता कभी विस्मृत नहीं की जा सकती। वे भारतीय संविधान सभा के सदस्य थे। दो बार (१९५२ व १९५८) राज्य सभा के लिये चुने गये। नेहरू की आत्मघाती चीन-नीति से खिन्न होकर जन संघ के साथ चले गये। भारतीय संस्कृति को जगत्गुरू के पद पर आसीन करने के लिये उन्होने विश्व के अनेक देशों का भ्रमण किया तथा अनेक प्राचीन ग्रन्थों को एकत्रित किया। उन्होने ४ लाख शब्दों वाला अंग्रेजी-हिन्दी तकनीकी शब्दकोश के निर्माण का महान कार्य भी किया। भारतीय साहित्य, संस्कृति और राजनीति के क्षेत्र में आपकी देन विशिष्ट एवं उल्लेखनीय है। भारत के आर्थिक विकास के संबंध में भी आपने पुस्तकें लिखी हैं और उनमें यह मत प्रतिपादित किया है कि वस्तु को केंद्र मानकर कार्य आरंभ किया जाना चाहिए। .

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रुड़की

रुड़की, भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित एक नगर और नगरपालिका परिषद है। इसे रुड़की छावनी के नाम से भी जाना जाता है और यह देश की सबसे पुरानी छावनियों में से एक है और १८५३ से बंगाल अभियांत्रिकी समूह (बंगाल सैप्पर्स) का मुख्यालय है। यह नगर गंग नहर के तट पर राष्ट्रीय राजमार्ग ५८ पर देहरादून और दिल्ली के मध्य स्थित है। .

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रोटी - गुरदास मान

रोटी पंजाब के सुप्रसिद्ध गायक श्री गुरदास मान की नई एलबम का नाम है, जो ३ अगस्त २०१३ को रिलीज़ हुई। इसमें कुल ८ गीत है, जिन्हें संगीतबद्ध किया है, जतिन्दर सिंह-शाह ने। गीत लिखे हैं स्वयं गुरदास मान ने। .

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रोमानी भाषा

रोमानी (rromani ćhib) क्षेत्रयूरोप, अमरीका, एशिया कुल बोलनेवाले ४८ लाख भाषाई परिवार हिन्द यूरोपीय हिन्द ईरानी हिन्द आर्य रोमानी भाषा कूट ISO 639-1_ ISO 639-2rom रोमानी भाषा हिन्द यूरोपीय भाषाई परिवार के अन्दर आती है। ये हिन्द ईरानी शाखा के हिन्द आर्य उपशाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है। हिन्द-आर्य भाषाएँ वो भाषाएँ हैं जो संस्कृत से उत्पन्न हुई हैं। हिन्दी, उर्दू, कश्मीरी, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, मराठी जैसी भाषाएँ हिन्द-आर्य भाषाएँ हैं। रोमानी यूरोप के बंजारों (रोमा लोग, जिनको अंग्रेज़ी में जिप्सी भी कहा जाता है) द्वारा बोली जाती है। ये भारी मात्रा में अन्य यूरोपीय भाषाओं से मिश्रित है। रोमानी भाषा के विश्लेषण से पता चला है कि यह मध्य और उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली भाषाओँ से संबंधित है। इस भाषाई संबंध को रोमानी लोगों के भौगोलिक मूल का संकेत माना जाता है। वे मूल रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के या अब के उत्तरी भारत और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों आए थे। रोमानी भाषा को आमतौर पर मध्य हिन्द-आर्य भाषाओं में शामिल किया जाता है। रोमानी भाषा कभी कभी बोलियों के एक समूह या संबंधित भाषाओं का एक संग्रह, जिसमे एक आनुवंशिक उपसमूह के सभी सदस्य शामिल हैं, माना जाता है। रोमानी भाषा किसी भी राष्ट्र की अधिकारिक भाषा नहीं है, पर कई देशों में इसे अल्पसंख्यक भाषा का दर्जा दिया जाता है। वे देश जिनमें रोमानी जनसँख्या अधिक है, वहां अब रोमानी भाषा की विभिन्न बोलियाँ संहिताबद्ध की जाने की प्रक्रिया में हैं। .

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लस्सी ते चा

लस्सी ते चा (अर्थ: लस्सी और चाय) अनवर मसूद द्वारा रचित पंजाबी भाषा की एक प्रसिद्ध व्यंग्य कविता है जो भारतीय और पाकिस्तानी पंजाब दोनों में लोकप्रिय है। इस कविता में उत्तर भारत और पाकिस्तान के दोनों लोकप्रिय पेय, लस्सी और चाय का एक काल्पनिक विवाद व्यंग्यपूर्ण अंदाज़ में दर्शाया है। .

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लाला लाजपत राय

लालाजी (१९०८ में) लाला लाजपत राय (पंजाबी: ਲਾਲਾ ਲਾਜਪਤ ਰਾਏ, जन्म: 28 जनवरी 1865 - मृत्यु: 17 नवम्बर 1928) भारत के जैन धर्म के अग्रवंश मे जन्मे एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। सन् 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और अन्तत: १७ नवम्बर सन् १९२८ को इनकी महान आत्मा ने पार्थिव देह त्याग दी। .

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लाला हरदयाल

लाला हरदयाल (१४ अक्टूबर १८८४, दिल्ली -४ मार्च १९३९) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के उन अग्रणी क्रान्तिकारियों में थे जिन्होंने विदेश में रहने वाले भारतीयों को देश की आजादी की लडाई में योगदान के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया। इसके लिये उन्होंने अमरीका में जाकर गदर पार्टी की स्थापना की। वहाँ उन्होंने प्रवासी भारतीयों के बीच देशभक्ति की भावना जागृत की। काकोरी काण्ड का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद मई, सन् १९२७ में लाला हरदयाल को भारत लाने का प्रयास किया गया किन्तु ब्रिटिश सरकार ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद सन् १९३८ में पुन: प्रयास करने पर अनुमति भी मिली परन्तु भारत लौटते हुए रास्ते में ही ४ मार्च १९३९ को अमेरिका के महानगर फिलाडेल्फिया में उनकी रहस्यमय मृत्यु हो गयी। उनके सरल जीवन और बौद्धिक कौशल ने प्रथम विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध लड़ने के लिए कनाडा और अमेरिका में रहने वाले कई प्रवासी भारतीयों को प्रेरित किया। .

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लाहोरीए (२०१७ फ़िल्म)

लाहोरीए (पंजाबी:ਲਹੌਰੀਏ) (उर्दू:لاہوریئے) एक २०१७ की भारतीय पंजाबी नाटक पर लिखित फिल्म है जो अमरदीप सिंह द्वारा निर्देशित है। इस फ़िल्म में अमरिंदर गिल, सर्गुण मेहता, युवराज हंस, निमरत खैरा, सरदार सोही और गुड्डू गिल अग्रणी भूमिकाओं में है। लाहोरीए १२ मई २०१७ को विश्व भर में जारी की गई दोनों आलोचकों और दर्शकों से एक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। लाहोरीए भारत से पंजाब के विभाजन के प्रभाव के बारे में है। आधुनिक भारत के साथ फिल्म सौदों और कैसे अलग दौड़ और देशों के दो लोगों को एक दूसरे से प्यार शुरू करते हैं सिखाती है। .

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लंगर (सिख धर्म)

लंगर का दृष्य लंगर (पंजाबी: ਲੰਗਰ) सिखों के गुरुद्वारों में प्रदान किए जाने वाले नि:शुल्क, शाकाहारी भोजन को कहते हैं। लंगर, सभी लोगों के लिये खुला होता है चाहे वे सिख हो या नहीं। लंगर शब्द सिख धर्म में दो दृष्टिकोणों से इस्तेमाल होता है। सिखों के धर्म ग्रंथ में "लंगर" शब्द को निराकारी दृष्टिकोण से लिया गया है, पर आम तौर पर "रसोई" को लंगर कहा जाता है जहाँ कोई भी आदमी किसी भी जाति का, किसी भी धर्म का, किसी भी पद का हो इकट्ठे बैठ कर अपने शरीर की भूख अथवा पानी की प्यास मिटा सकता है। इसी शब्द को निराकारी दृष्टिकोण में लिया जाता है, जिसके अनुसार कोई भी जीव आत्मा या मनुष्य अपनी आत्मा की ज्ञान की भूख, अपनी आत्मा को समझने और हुकम को बूझने की भूख गुरु घर में आकर किसी गुरमुख से गुरमत की विचारधारा को सुनकर/समझकर मिटा सकता है। सिखों के धर्म ग्रंथ में लंगर शब्द श्री सत्ता डूम जी और श्री बलवंड राइ जी ने अपनी वाणी में इस्तेमाल किया है। सिख धर्म की एक प्रमुख सिखावन है- "वंड छको" (हिंदी अनुवाद- मिल बांट कर खाओ)। लंगर की प्रथा इसी का व्यवहारिक स्वरूप है। .

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लौंग दा लश्कारा (1986 फ़िल्म)

लौंग दा लश्कारा 1986 में बनी पंजाबी भाषा की फिल्म है। .

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शाहमुखी लिपि

शाहमुखी लिपि (गुरुमुखी: ਸ਼ਾਹਮੁਖੀ; शाहमुखी में: شاہ مکھی) एक फारसी-अरबी लिपि है जो पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के मुसलमानों द्वारा पंजाबी भाषा लिखने के लिये उपयोग में लायी जाती है। भारतीय पंजाब के हिन्दू और सिख पंजाबी लिखने के लिये गुरुमुखी लिपि का उपयोग करते हैं। शाहमुखी, दायें से बायें लिखी जाती है और नस्तालिक शैली में लिखी जाती है। भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य की पोतोहारी बोली लिखने के लिये भी शाहमुखी का उपयोग किया जाता है। .

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शिव दयाल सिंह

श्री शिव दयाल सिंह साहब (1861 - 1878) (परम पुरुश पुरन धनी हुजुर स्वामी जी महाराज) राधास्वामी मत की शिक्षाओं का प्रारंभ करने वाले पहले सन्त सतगुरु थे। उनका जन्म नाम सेठ शिव दयाल सिंह था। उनका जन्म 24 अगस्त 1818 में आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत में जन्माष्टमी के दिन हुआ। पाँच वर्ष की आयु में उन्हें पाठशाला भेजा गया जहाँ उन्होंने हिंदी, उर्दू, फारसी और गुरमुखी सीखी। उन्होंने अरबी और संस्कृत भाषा का भी कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त किया। उनके माता-पिता हाथरस, भारत के परम संत तुलसी साहब के अनुयायी थे। छोटी आयु में ही इनका विवाह फरीदाबाद के इज़्ज़त राय की पुत्री नारायनी देवी से हुआ। उनका स्वभाव बहुत विशाल हृदयी था और वे पति के प्रति बहुत समर्पित थीं। शिव दयाल सिंह स्कूल से ही बांदा में एक सरकारी कार्यालय के लिए फारसी के विशेषज्ञ के तौर पर चुन लिए गए। वह नौकरी उन्हें रास नहीं आई.

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श्रद्धा कपूर

श्रद्धा कपूर एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। यह मुख्य रूप से आशिकी 2 में अपने अभिनय और गानों के कारण जानी जाती हैं। इन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत वर्ष 2010 में तीन पत्ती नामक फ़िल्म से की, जिसमें उनके किरदार का नाम अपर्णा खन्ना था। .

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श्रद्धाराम शर्मा

पं.

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श्रेया घोषाल

श्रेया घोषाल (जन्म तारीख़: 12 मार्च 1984) एक भारतीय पार्श्व गायिका है। उन्होंने बॉलीवुड में, क्षेत्रीय फिल्मों बहुत सारे गाने गाए और कस्तूरी जैसे भारतीय धारावाहिकों के लिए भी गाया है। हिंदी के अलावा, उन्होंने असमिया, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में भी गाने गाए हैं। .

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शौरसेनी

शौरसेनी नामक प्राकृत मध्यकाल में उत्तरी भारत की एक प्रमुख भाषा थी। यह नाटकों में प्रयुक्त होती थी (वस्तुतः संस्कृत नाटकों में, विशिष्ट प्रसंगों में)। बाद में इससे हिंदी-भाषा-समूह व पंजाबी विकसित हुए। दिगंबर जैन परंपरा के सभी जैनाचार्यों ने अपने महाकाव्य शौरसेनी में ही लिखे जो उनके आदृत महाकाव्य हैं। शौरसेनी उस प्राकृत भाषा का नाम है जो प्राचीन काल में मध्यप्रदेश में प्रचलित थी और जिसका केंद्र शूरसेन अर्थात् मथुरा और उसके आसपास का प्रदेश था। सामान्यत: उन समस्त लोकभाषाओं का नाम प्राकृत था जो मध्यकाल (ई. पू. ६०० से ई. सन् १००० तक) में समस्त उत्तर भारत में प्रचलित हुईं। मूलत: प्रदेशभेद से ही वर्णोच्चारण, व्याकरण तथा शैली की दृष्टि से प्राकृत के अनेक भेद थे, जिनमें से प्रधान थे - पूर्व देश की मागधी एवं अर्ध मागधी प्राकृत, पश्चिमोत्तर प्रदेश की पैशाची प्राकृत तथा मध्यप्रदेश की शौरसेनी प्राकृत। मौर्य सम्राट् अशोक से लेकर अलभ्य प्राचीनतम लेखों तथा साहित्य में इन्हीं प्राकृतों और विशेषत: शौरसेनी का ही प्रयोग पाया जाता है। भरत नाट्यशास्त्र में विधान है कि नाटक में शौरसेनी प्राकृत भाषा का प्रयोग किया जाए अथवा प्रयोक्ताओं के इच्छानुसार अन्य देशभाषाओं का भी (शौरसेनं समाश्रत्य भाषा कार्या तु नाटके, अथवा छंदत: कार्या देशभाषाप्रयोक्तृभि - नाट्यशास्त्र १८,३४)। प्राचीनतम नाटक अश्वघोषकृत हैं (प्रथम शताब्दी ई.) उनके जो खंडावशेष उपलब्ध हुए हैं उनमें मुख्यत: शौरसेनी तथा कुछ अंशों में मागधी और अर्धमागधी का प्रयोग पाया जाता है। भास के नाटकों में भी मुख्यत: शौरसेनी का ही प्रयोग पाया जाता है। पश्चात्कालीन नाटकों की प्रवृत्ति गद्य में शौरसेनी और पद्य में महाराष्ट्री की ओर पाई जाती है। आधुनिक विद्वानों का मत है कि शौरसेनी प्राकृत से ही कालांतर में भाषाविकास के क्रमानुसार उन विशेषताओं की उत्पत्ति हुई जो महाराष्ट्री प्राकृत के लक्षण माने जाते हैं। वररुचि, हेमचंद्र आदि वैयाकरणों ने अपने-अपने प्राकृत व्याकरणों में पहले विस्तार से प्राकृत सामान्य के लक्षण बतलाए हैं और तत्पश्चात् शौरसेनी आदि प्रकृतों के विशेष लक्षण निर्दिष्ट किए हैं। इनमें शौरसेनी प्राकृत के मुख्य लक्षण दो स्वरों के बीच में आनेवाले त् के स्थान पर द् तथा थ् के स्थान पर ध्। जैसे अतीत > अदीद, कथं > कधं; इसी प्रकार ही क्रियापदों में भवति > भोदि, होदि; भूत्वा > भोदूण, होदूण। भाषाविज्ञान के अनुसार ईसा की दूसरी शती के लगभग शब्दों के मध्य में आनेवाले त् तथा द् एव क् ग् आदि वर्णों का भी लोप होने लगा और यही महाराष्ट्री प्राकृत की विशेषता मानी गई। प्राकृत का उपलभ्य साहित्य रचना की दृष्टि से इस काल से परवर्ती ही है। अतएव उसमें शौरसेनी का उक्त शुद्ध रूप न मिलकर महाराष्ट्री मिश्रित रूप प्राप्त होता है और इसी कारण पिशल आदि विद्वानों ने उसे उक्त प्रवृत्तियों की बहुलतानुसार जैन शौरसेनी या जैन महाराष्ट्री नाम दिया है। जैन शौरसेनी साहित्य दिंगबर जैन परंपरा का पाया जाता है। प्रमुख रचनाएँ ये हैं - सबसे प्राचीन पुष्पदंत एव भूतवलिकृत षट्खंडागम तथा गुणधरकृत कषाय प्राभृत नामक सूत्रग्रंथ हैं (समय लगभग द्वितीय शती ई.)। वीरसेन तथा जिनसेनकृत इनकी विशाल टीकाएँ भी शौरसेनी प्राकृत में लिखी गई है (९वीं शती ई.)। ये सब रचनाएँ गद्यात्मक हैं। पद्य में सबसे प्राचीन रचनाएँ कुंदकुंदाचार्यकृत हैं (अनुमानत: तीसरी शती ई.)। उनके बारह तेरह ग्रंथ प्रकाश में आ चुके हैं, जिनके नाम हैं - समयसार, प्रवचनसार, पंचास्तिकाय, नियमसार, रयणसार, बारस अणुवेक्खा तथा दर्शन, बोध पाहुडादि अष्ट पाहुड। इन ग्रंथों में मुख्यतया जैन दर्शन, अध्यात्म एवं आचार का प्रतिपादन किया गया है। मुनि आचार संबंधी मुख्य रचनाएँ हैं- शिवार्य कृत भगवती आराधना और वट्टकेर कृत मूलाचार। अनुप्रेक्षा अर्थात् अनित्य, अशरण आदि बारह भावनाएँ भावशुद्धि के लिए जैन मुनियों के विशेष चिंतन और अभ्यास के विषय हैं। इन भावनाओं का संक्षेप में प्रतिपादन तो कुंदकुंदाचार्य ने अपनी 'बारस अणुवेक्खा' नामक रचना में किया है, उन्हीं का विस्तार से भले प्रकार वर्णन कार्त्तिकेयानुप्रेक्षा में पाया जाता है, जिसके कर्ता का नाम स्वामी कार्त्तिकेय है। (लगभग चौथी पाँचवीं शती ई.)। (१) यति वृषभाचार्यकृत तिलोयपण्णत्ति (९वीं शती ई. से पूर्व) में जैन मान्यतानुसार त्रैलाक्य का विस्तार से वर्णन किया गया है, तथा पद्मनंदीकृत जंबूदीवपण्णत्ति में जंबूद्वीप का। (२) स्याद्वाद और नय जैन न्यायशास्त्र का प्राण है। इसका प्रतिपादन शौरसेनी प्राकृत में देवसेनकृत लघु और बृहत् नयचक्र नामक रचनाओं में पाया जाता है (१०वीं शती ई.)। जैन कर्म सिद्धांत का प्रतिपादन करनेवाला शौरसेनी प्राकृत ग्रन्थ है- नेमिचंद्रसिद्धांत चक्रवर्ती कृत गोम्मटसार, जिसकी रचना गंगनरेश मारसिंह के राज्यकाल में उनके उन्हीं महामंत्री चामुंडराय की प्रेरणा से हुई थी, जिन्होंने मैसूर प्रदेश के श्रवणबेलगोला नगर में उस सुप्रसिद्ध विशाल बाहुबलि की मूर्ति का उद्घाटन कराया था (११वीं शती ई.)। उपर्युक्त समस्त रचनाएँ प्राकृत-गाथा-निबद्ध हैं। जैन साहित्य के अतिरक्त शौरसेनी प्राकृत का प्रयोग राजशेखरकृत कर्पूरमंजरी, रद्रदासकृत चंद्रलेखा, घनश्यामकृत आनंदसुंदरी नामक सट्टकों में भी पाया जाता है। यद्यपि कर्पूरमंजरी के प्रथम विद्वान् संपादक डा.

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सदाफूली

सदाफूली या सदाबहार बारहों महीने खिलने वाले फूलों का एक पौधा है। इसकी आठ जातियां हैं। इनमें से सात मेडागास्कर में तथा आठवीं भारतीय उपमहाद्वीप में पायी जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम केथारेन्थस है।Flora of Madagascar: Germplasm Resources Information Network: भारत में पायी जाने वाली प्रजाति का वैज्ञानिक नाम केथारेन्थस रोजस है। इसे पश्चिमी भारत के लोग सदाफूली के नाम से बुलाते है। मेडागास्कर मूल की यह फूलदार झाड़ी भारत में कितनी लोकप्रिय है इसका पता इसी बात से चल जाता है कि लगभग हर भारतीय भाषा में इसको अलग नाम दिया गया है- उड़िया में अपंस्कांति, तमिल में सदाकाडु मल्लिकइ, तेलुगु में बिल्लागैन्नेस्र्, पंजाबी में रतनजोत, बांग्ला में नयनतारा या गुलफिरंगी, मराठी में सदाफूली और मलयालम में उषामालारि। इसके श्वेत तथा बैंगनी आभावाले छोटे गुच्छों से सजे सुंदर लघुवृक्ष भारत की किसी भी उष्ण जगह की शोभा बढ़ाते हुए सालों साल बारह महीने देखे जा सकते हैं। इसके अंडाकार पत्ते डालियों पर एक-दूसरे के विपरीत लगते हैं और झाड़ी की बढ़वार इतनी साफ़ सुथरी और सलीकेदार होती है कि झाड़ियों की काँट छाँट की कभी ज़रूरत नहीं पड़ती। .

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सन्नी लियोन

सन्नी लियोन (जन्म केरेनजीत कौर वोहरा​​, 13 मई 1981) एक भारतीय-कैनेडियन अश्लील फिल्म अभिनेत्री, व्यापार-जगत से जुड़ी महिला और मॉडल है। उनके पास कनाडा व अमरीका की दोहरी राष्ट्रीयता है। वह 2003 में पॅण्टहाउस पॅट ऑफ़ द ईयर (Penthouse Pet of the Year) के लिए नामित हुई और विविड एंटरटेनमेंट के लिए अनुबंध स्टार थीं। इन्हें मैक्सिम (Maxim) द्वारा 2010 में 12 शीर्ष व्यस्क अभिनेताओं में नामांकित किया गया था। यह स्वतंत्र मुख्यधारा की फिल्मों और टीवी शो में भी भूमिका निभा चुकी हैं। 2011-12 में भारत आने के बाद रियलिटी शो बिग बॉस और महेश भट्ट की फिल्‍म जिस्म २ में काम करने के कारण चर्चा में रही हैं। .

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सरस्वती सम्मान

Saraswathi samman 1.jpg सरस्वती सम्मान के.

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सलवार कमीज़

सलवार कमीज(या शलवार क़मीज़) दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के पुरुषों और महिलाओं का पारंपरिक परिधान है। सलवार एक पतलून या पाईजामह है और क़मीस एक लंबा है। .

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साउंड एण्ड विजन इंडिया

साउंड एण्ड विजन इंडिया एक भारतीय डबिंग स्टूडियो समूह है जिसका मुख्य स्टूडियो अंधेरी पश्चिम मुंबई में स्थित है। यह नाट्य/टीवी फिल्मों, कार्टून, टीवी श्रृंखला, ऐनिमे और वृत्तचित्रों के लिए डब करते हैं। १९९२ में लीला रॉय घोष और उनकी बेटी मोना घोष शेट्टी द्वारा स्थापित कंपनी ने दुनिया भर में हजारों बहुराष्ट्रीय टीवी चैनलों, फिल्म निर्माताओं, हॉलीवुड फिल्मों, टीवी शो एवं विदेशी मीडिया के लिए डब किया है। .

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सिन्धी भाषा

सिंधी भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका संबंध भाषाई परिवार के स्तर पर आर्य भाषा परिवार से है जिसमें संस्कृत समेत हिन्दी, पंजाबी और गुजराती भाषाएँ शामिल हैं। अनेक मान्य विद्वानों के मतानुसार, आधुनिक भारतीय भाषाओं में, सिन्धी, बोली के रूप में संस्कृत के सर्वाधिक निकट है। सिन्धी के लगभग ७० प्रतिशत शब्द संस्कृत मूल के हैं। सिंधी भाषा सिंध प्रदेश की आधुनिक भारतीय-आर्य भाषा जिसका संबंध पैशाची नाम की प्राकृत और व्राचड नाम की अपभ्रंश से जोड़ा जाता है। इन दोनों नामों से विदित होता है कि सिंधी के मूल में अनार्य तत्व पहले से विद्यमान थे, भले ही वे आर्य प्रभावों के कारण गौण हो गए हों। सिंधी के पश्चिम में बलोची, उत्तर में लहँदी, पूर्व में मारवाड़ी और दक्षिण में गुजराती का क्षेत्र है। यह बात उल्लेखनीय है कि इस्लामी शासनकाल में सिंध और मुलतान (लहँदीभाषी) एक प्रांत रहा है और 1843 से 1936 ई. तक सिन्ध, बम्बई प्रांत का एक भाग होने के नाते गुजराती के विशेष संपर्क में रहा है। पाकिस्तान में सिंधी भाषा नस्तालिक (यानि अरबी लिपि) में लिखी जाती है जबकि भारत में इसके लिये देवनागरी और नस्तालिक दोनो प्रयोग किये जाते हैं। .

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सिख

भारतीय सेना के सिख रेजिमेन्ट के सैनिक सिख धर्म के अनुयायियों को सिख कहते हैं। इसे कभी-कभी सिक्ख भी लिखा जाता है। इनके पहले गुरू गुरु नानक जी हैं। गुरु ग्रंथ साहिब सिखों का पवित्र ग्रन्थ है। इनके प्रार्थना स्थल को गुरुद्वारा कहते हैं। हिन्दू धर्म की रक्षा में तथा भारत की आजादी की लड़ाई में और भारत की आर्थिक प्रगति में सिखों का बहुत बड़ा योगदान है। .

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संतोख सिंह

संतोख सिंह नाम के कई प्रसिद्ध व्यक्ति हुए हैं-.

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संदेश रासक

सन्देश रासक, अपभ्रंश में रचित एक एक काव्य है जिसकी रचना १०००-११०० ई के आसपास मुल्तान के कवि अब्दुर्रहमान ने किया था। यह ग्रन्थ उस अपभ्रंश में है जिससे लहन्दा, पंजाबी और सिन्धी आदि पश्चिमी भारतीय भाषाएँ जन्मी हैं। इस ग्रंथ की पाण्डुलिपियाँ मुनि जिनविजय ने जैन पुस्तकालयों से प्राप्त की थी। मुनि जिनविजय का विचार है कि यह कृति ११९२ में गोरी के आक्रमण के पहले की है और तब तक मुल्तान एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ हुआ करता था। पाण्डुलिपि में किसी जैन पण्डित द्वारा १४६५ में संस्कृत में लिखी व्याख्या भी सम्मिलित है। सन्देश रासक, रासक काव्यरूप की विशेषताओं से संयुक्त तीन प्रक्रमों में विभाजित 223 छंदों का एक छोटा-सा विरह काव्य है, जिसमें कथावस्तु का कोई विशेष महत्त्व नहीं है। विरहिणी नायिका का पथिक के द्वारा अपने प्रिय के पास संदेश भेजना भारतीय साहित्य में अति प्रचलित काव्य-रूढ़ि है। किन्तु ‘संदेश-रासक’ की विशेषता उसके कथानक में नहीं, उसकी अभिव्यक्ति और कथनशैली में है। महाकाव्य या भारी-भरकम काव्य न होने के कारण अद्दहमाण को छोटी-छोटी बातों का विशद वर्णन करने का अवसर नहीं था फिर भी जिस मार्मिकता, संयम और सहृदयता का परिचय कवि ने दिया है वह उसकी कवित्व शक्ति, पांडित्य, परंपरा-ज्ञान और लोकवादिता की पूर्ण प्रतिष्ठा पाठक के हृदय में कर देती है। जिस प्रकार पात्र दुर्लभ होने पर लोग शतपत्रिका में ही आश्वस्त हो लेते हैं, उसी प्रकार जिन लोगों को प्राचीन कवियों की रचनाएँ रस नहीं दे पातीं उन सबको ‘संदेश-रासक’ का कवि काव्य-रस पान के लिए निमंत्रण देता है। इससे यह भी ज्ञात होता है कि इस ग्रंथ की रचना करते समय अद्दहमाण का दृष्टिकोण लोकवादी था। उन्होंने ‘संदेश-रासक’ का प्रणयन, साधारण जनों को दृष्टि में रखकर, उनके आनंद और विनोद के लिए किया था, पंडितों और विद्वानों के लिए नहीं। .

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संजीव कुमार

संजीव कुमार (मूल नाम: हरीभाई जरीवाला; जन्म: 9 जुलाई 1938, मृत्यु: 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फ़िल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फ़िल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फ़िल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ़िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फ़िल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया। उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फ़िल्मों में सक्रिय रहे। उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फ़िल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा। .

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संगरूर ज़िला

संगरूर भारत के पंजाब राज्य का एक जिला है। यह पंजाब के उत्तर-पश्चिम में स्थित है जो भारत के गणतंत्र में भी अस्तित्व में था। पहले बरनाला संगरूर जिले का हिस्सा था, लेकिन अब बरनाला एक अलग जिला है। संगरूर पंजाब का एक बड़ा शहर है। संगरूर जिले में ८ उप-खण्ड हैं। .

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सुनील दत्त

सुनील दत्त (अंग्रेजी: Sunil Dutt, पंजाबी: ਸੁਨੀਲ ਦੱਤ, जन्म: 6 जून 1929, मृत्यु: 25 मई 2005), जिनका असली नाम बलराज दत्त था, भारतीय फिल्मों के विख्यात अभिनेता, निर्माता व निर्देशक थे, जिन्होंने कुछ पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय राजनीति में भी सार्थक भूमिका निभायी। मनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से 2005 तक वे खेल एवं युवा मामलों के कैबिनेट मन्त्री रहे। उनके पुत्र संजय दत्त भी फिल्म अभिनेता हैं। उन्होंने 1984 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुम्बई उत्तर पश्चिम लोक सभा सीट से चुनाव जीता और सांसद बने। वे यहाँ से लगातार पाँच बार चुने जाते रहे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी प्रिया दत्त ने अपने पिता से विरासत में मिली वह सीट जीत ली। भारत सरकार ने 1968 में उन्हें पद्म श्री सम्मान प्रदान किया। इसके अतिरिक्त वे बम्बई के शेरिफ़ भी चुने गये। .

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सुपर सिंह (२०१७ फ़िल्म)

सुपर सिंह २०१७ में रिलीज हुयी भारतीय पंजाबी सुपर हीरो फिल्म है जिसे अनुराग सिंह द्वारा निर्देशित व लिखा गया है। इस फ़िल्म में दिलजीत दोसांझ और सोनम बाजवा मुख्य भूमिका में है। सुपर सिंह १६ जून २०१७ को दुनिया भर में जारी की गई। फिल्म ने रिलीज पर महत्वपूर्ण ख्याति प्राप्त की। यह दिलजीत दोसांझ और निर्देशक अनुराग सिंह की साथ मे पाचवीं सुपर हिट सहयोग से चिह्नित एक सुपरहिट के रूप में बॉक्स कार्यालय द्वारा घोषित हुई। .

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सुल्तान राही

सुल्तान राही या सुल्तान खान पाकिस्तान फिल्म उद्योग के सुल्तान (जन्म 1938, लाहौर, पाकिस्तान, 9 जनवरी 1996 को निधन) एक पाकिस्तानी पंजाबी अभिनेता था। वह 1996 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।.

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सुखदेव

सुखदेव (पंजाबी: ਸੁਖਦੇਵ ਥਾਪਰ, जन्म: 15 मई 1907 मृत्यु: 23 मार्च 1931) का पूरा नाम सुखदेव थापर था। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्हें भगत सिंह और राजगुरु के साथ २३ मार्च १९३१ को फाँसी पर लटका दिया गया था। इनकी शहादत को आज भी सम्पूर्ण भारत में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। सुखदेव भगत सिंह की तरह बचपन से ही आज़ादी का सपना पाले हुए थे। ये दोनों 'लाहौर नेशनल कॉलेज' के छात्र थे। दोनों एक ही सन में लायलपुर में पैदा हुए और एक ही साथ शहीद हो गए। .

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सुंदरदास

सुन्दरदास (चैत्र शुक्ल ९, सं. १६५३ वि. - कार्तिक शुक्ल ८, सं. १७४६ वि.) भक्तिकाल में ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रमुख कवि थे। वे निर्गुण भक्त कवियों में सबसे अधिक शास्त्र निष्णात और सुशिक्षित संत कवि थे। सास्त्रज्ञानसंपन्न और काव्य कला निपुण कवि के रूप में सुंदरदास का हिंदी संत-काव्य-धारा के कवियों में विशिष्ट स्थान है। .

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सुकेश साहनी

सुकेश साहनी (जन्म: 5सितंबर 1956, लखनऊ, उ.प्र.), हिंदी के लघुकथा लेखक हैं, जिनका लघुकथा की विकास यात्रा में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके दो लघुकथा संग्रह 'डरे हुए लोग' तथा 'ठंडी रज़ाई'प्रकाशित हैं। उनकी दोनों पुस्तकें क्रमश: 'डरे हुए लोग' का पंजाबी, गुजराती, मराठी व अंग्रेज़ी में तथा 'ठंडी रज़ाई' का अंग्रेज़ी व पंजाबी भाषा में अनुवाद हुआ है। इसके अतिरिक्त एक कहानी संग्रह 'मैग्मा और अन्य कहानियाँ' तथा बालकथा संग्रह 'अक्ल बड़ी या भैंस' प्रकाशित हुए हैं। साथ हीं उनकी कुछ लघुकथाएँ जर्मन भाषा में भी अनूदित हुईं हैं। 'रोशनी' कहानी पर दूरदर्शन के लिए उन्होने टेलीफिल्म का निर्माण किया है। उनकी एक और पुस्तक "लघु अपराध कथाएं " प्रकाशित हुई हैं और उन्होने लघुकथाओं के आधे दर्जन से अधिक संकलनों का संपादन भी किया है। उन्हें 1994 में डॉ॰परमेश्वर गोयल लघुकथा सम्मान, 1996 में माता शरबती देवी पुरस्कार,1998 में डॉ॰ मुरली मनोहर हिन्दी साहित्यिक सम्मान तथा 2008 में माधवराव सप्रे सम्मान प्राप्त हुए हैं। .

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स्टेविया

स्टेविया' माने मीठी तुलसी, सूरजमुखी परिवार (एस्टरेसिया) के झाड़ी और जड़ी बूटी के लगभग 240 प्रजातियों में पाया जाने वाला एक जीनस है, जो पश्चमी उत्तर अमेरिका से लेकर दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। स्टेविया रेबउडियाना प्रजातियां, जिन्हें आमतौर पर स्वीटलीफ, स्वीट लीफ, सुगरलीफ या सिर्फ स्टेविया के नाम से जाना जाता है, मीठी पत्तियों के लिए वृहत मात्रा में उगाया जाता है। स्वीटनर और चीनी स्थानापन्न के रूप में स्टेविया, चीनी की तुलना में धीरे-धीरे मिठास उत्पन्न करता है और ज्यादा देर तक रहता है, हालांकि उच्च सांद्रता में इसके कुछ सार का स्वाद कड़वापन या खाने के बाद मुलैठी के समान हो सकता है। इसके सार की मिठास चीनी की मिठास से 300 गुणा अधिक मीठी होती है, न्यून-कार्बोहाइड्रेट, न्यून-शर्करा के लिए एक विकल्प के रूप में बढ़ती मांग के साथ स्टेविया का संग्रह किया जा रहा है। चिकित्सा अनुसंधान ने भी मोटापे और उच्च रक्त चाप के इलाज में स्टेविया के संभव लाभ को दिखाया है। क्योंकि रक्त ग्लूकोज में स्टेविया का प्रभाव बहुत कम होता है, यह कार्बोहाइड्रेट-आहार नियंत्रण में लोगों को स्वाभाविक स्वीटनर के रूप में स्वाद प्रदान करता है। स्टेविया की उपलब्धता एक देश से दूसरे देश में भिन्न होती है। कुछ देशों में, यह दशकों या सदियों तक एक स्वीटनर के रूप में उपलब्ध रहा, उदाहरण के लिए, जापान में वृहद मात्रा में स्वीटनर के रूप में स्टेविया का प्रयोग किया जाता है और यहां यह दशकों से उपलब्ध है। कुछ देशों में, स्टेविया प्रतिबंधित या वर्जित है। अन्य देशों में, स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और राजनीतिक विवादों के कारण इसकी उपलब्धता को सीमित कर दिया गया है, उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य में 1990 के दशक के प्रारंभ में स्टेविया को प्रतिबंधित कर दिया गया था, जब तक उसे एक पूरक के रूप में चिह्नित न किया गया हो, लेकिन 2008 में खाद्य योज्य के रूप में रिबाउडायोसाइड-A को मंजूरी दे दी गई है। कई वर्षों के दौरान, ऐसे देशों की संख्या में वृद्धि हुई है जहां स्टेविया स्वीटनर के रूप में उपलब्ध है। .

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स्वरचक्र

स्वरचक्र भारतीय लिपियों में एंड्रॉइड पर लिखने में सहायक एक निःशुल्क अनुप्रयोग (अप्लिकेशन) है। यह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुम्बई के औद्योगिक डिजाइन केन्द्र के IDID समूह द्वारा विकसित किया गया है। यह इंस्क्रिप्ट से बेहतर सिद्ध हो रहा है। सम्प्रति यह ११ भारतीय भाषाओं (हिन्दी, मराठी, गुजराती, तेलुगु, मलयालम, कन्नड, ओडिया, पंजाबी, बंगाली,कोंकणी,तमिळ) के लिये एंड्रॉयड फोनों के लिये उपलब्ध है। .

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स्काईमेट

स्काईमेट एक भारतीय मौसम संबंधी भविष्यवाणी करने और वर्तमान मौसम बताने वाली एक कंपनी है। इसकी स्थापना इसकी स्थापना 2003 में जतिन सिंह ने की थी। .

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सेलिना जेटली

सेलिना जेटली (जन्म २४ नवम्बर १९८१), एक भारतीय अभिनेत्री और पूर्व सुंदरी है। उन्हें २००१ में फेमिना मिस इंडिया का ताज पहनाया गया था। .

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सोनम बाजवा

सोनम बजवा एक पंजाबी एवं तमिल अभिनेत्री है जो मुख्य रूप से पंजाबी सिनेमा में सक्रिय है। उन्होंने 2014 की प्रसिद्ध फ़िल्म पंजाब 1984 में मुख्य किरदार निभाया। .

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सोनू निगम

सोनू निगम (जन्म: ३० जुलाई १९७३, फरीदाबाद, हरियाणा, भारत) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैँ। वे हिन्दी के अलावा कन्नड़, उड़िया, तमिल, असमिया, पंजाबी, बंगाली, मराठी और तेलुगु फ़िल्मों में भी गा चुके हैं। इन्होने बहुत से इन्डि-पॉप एलबम बनाए हैं और कुछ हिंदी फिल्मों में काम किया है। .

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हनुमन्नाटक

हनुमन्नाटक संवत १६२३ में संस्कृत भाषा मे रचित कवि हृदयराम द्वारा रचित भगवान राम के जीवन पर आधारित धार्मिक ग्रन्थ हैं। श्री बाली के अनुसार हृदयराम पंजाबी थे, तथा उनके "हनुमन्नाटक" को गुरु गोविन्द सिंह सदा अपने साथ रखते थे। इससे सीखो में भी बड़ा सम्मान हैं। पूरा ग्रन्थ लगभग डेढ़ हजार छंदों में समाप्त हुआ हैं। "हनुमन्नाटक" में हनुमान का चरित नहीं, अपितु भगवान राम का जीवन वृत्त, जानकी-स्वयंवर से लेकर राज्याभिषेक तक प्रस्तुत है। .

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हम हिन्दू नहीं

हम हिन्दू नहीं (पंजाबी: ਹਮ ਹਿੰਦੂ ਨਹੀਂ) भाई कान्ह सिंह नाभा द्वारा लिखी पंजाबी भाषा की एक पुस्तक है। पुस्तक का मूल विषय हिन्दू एवं सिक्ख धर्मशास्र के अन्तर पर आधारित है। उन्नीसवीं सदी के दौरान सिख धर्म को हिन्दू धर्म का हिस्सा माना जा रहा था। इस कारण से नाभा ने यह पुस्तक लिखी। 1898 को पुस्तक पहली बार छपी गई थी। 30 जून, 1899 को यह पुस्तक नंबर 447 के तहत पर पंजाब गज़ेट में दर्ज की गई। पुस्तक में हिन्दू और सिख के बीच प्रशन-उत्तर और जगह-जगह पर वेद, पुराण, दसम ग्रंथ और गुरु ग्रंथ साहिब से कई सन्दर्भ दिये गये हैं। .

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हरिपुर ज़िला

हरिपुर (उर्दू:, पश्तो:, अंग्रेज़ी: Mansehra) पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत का एक ज़िला है। इसके पश्चिम में स्वाबी ज़िला, पश्चिमोत्तर में बुनेर ज़िला, उत्तर में मानसेहरा ज़िला, पूर्वोत्तर में ऐब्टाबाद ज़िला और दक्षिण में पंजाब प्रांत पड़ता है। हरिपुर ज़िला ऐतिहासिक हज़ारा क्षेत्र का हिस्सा है, जो ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा में होने के बावजूद एक पंजाबी प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। .

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हलवाई

काका हलवाई की मिठाई की दुकान हलवाई भारत में मिष्ठान बनाने वाले को कहते हैं।हलवाई भारत और पकिस्तान में एक जाति हैं, जिनका मिठाईयों का पारंपरिक व्यवसाय होता हैं। अरबी शब्द हलवा, जिसका अर्थ मिठाई होता हैं, से हलवाई शब्द की उत्पत्ति मानी जाती हैं। हलवाई शब्द प्रसिद्द भारतीय मिष्ठान हलवा से लिया गया हैं। हलवाई हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्म में पाया जाता हैं। मोदनवाल, कांदु, आदि हलवाई समुदाय द्वारा प्रयोग किया जाने वाला उपनाम हैं। .

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हामिद मीर

हामिद मीर पाकिस्तान के एक प्रमुख पत्रकार, समाचार एंकर, आतंकवाद विशेषज्ञ और सुरक्षा विश्लेषक हैं। वे जियो टीवी से संपादक हैं तथा राजनीतिक टॉक शो कैपिटल टॉक ऑन जियो टीवी की मेजबानी करते हैं। इनको पाकिस्तान के मुक्त पत्रकारों में से एक माना जाता है, जियो टीवी एक अर्से से चले आ रहे अख़बार जंग का टीवी चैनल है। सन् २०११ में तालिबान की धमकी के बाद इनका बयान प्रसिद्ध हुआ था कि वो उनसे मिलने सिर्फ़ एक क़लम लेकर आएंगे। इन्होने ओसामा बिन लादेन, कोलिन पॉवेल और लाल कृष्ण आडवाणी का साक्षात्कार लिया हैं। .

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हार्डी संधु

हार्डी संधू (जन्म:६ सितम्बर १९८६) एक भारतीय सिक्ख गायक और पंजाबी अभिनेता है।इनका जन्म पटियाला, पंजाब में हुआ था।उनको अपने हिट गीत सोच से प्रसिद्धि मिली।उन्होंने अपनी पहली फ़िल्म यारां दा कैचअप के लिए भी काफ़ी प्रशंसा प्राप्त की। .

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हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार

हिन्द - यूरोपीय भाषाओं देश बोल रही हूँ. गाढ़े हरे रंग के देश में जो बहुमत भाषा हिन्द - यूरोपीय परिवार हैं, लाइट ग्रीन एक देश वह जिसका आधिकारिक भाषा हिंद- यूरोपीय है, लेकिन अल्पसंख्यकों में है। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा-परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार (यानी कि सम्बंधित भाषाओं का समूह) हैं। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं। आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं: हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच, फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि। ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है, उसे आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा का नाम दे सकता है। यह संस्कृत से बहुत मिलती-जुलती थी, जैसे कि वह सांस्कृत का ही आदिम रूप हो। .

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हिन्द-ईरानी भाषाएँ

हिन्द ईरानी शाखा हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की एक शाखा है। ये सातम वर्ग के अन्दर आती है। इसकी दो उपशाखाएँ हैं.

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हिन्द-आर्य भाषाएँ

हिन्द-आर्य भाषाएँ हिन्द-यूरोपीय भाषाओं की हिन्द-ईरानी शाखा की एक उपशाखा हैं, जिसे 'भारतीय उपशाखा' भी कहा जाता है। इनमें से अधिकतर भाषाएँ संस्कृत से जन्मी हैं। हिन्द-आर्य भाषाओं में आदि-हिन्द-यूरोपीय भाषा के 'घ', 'ध' और 'फ' जैसे व्यंजन परिरक्षित हैं, जो अन्य शाखाओं में लुप्त हो गये हैं। इस समूह में यह भाषाएँ आती हैं: संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, रोमानी, असमिया, गुजराती, मराठी, इत्यादि। .

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हिन्दको भाषा

हिन्दको (Hindko) पश्चिमोत्तरी पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत के हिन्दकोवी लोगों और अफ़ग़ानिस्तान के कुछ भागों में हिन्दकी लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक हिंद-आर्य भाषा है। कुछ भाषावैज्ञानिकों के अनुसार यह पंजाबी की एक पश्चिमी उपभाषा है हालांकि इसपर कुछ विवाद भी रहा है। कुछ पश्तून लोग भी हिन्दको बोलते हैं। पंजाबी के मातृभाषी बहुत हद तक हिन्दको समझ-बोल सकते हैं।, Aydin Yücesan Durgunoğlu, Ludo Th Verhoeven, pp.

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हिन्दुस्तान ग़दर

गदर अख़बार (उर्दू) वॉल्यूम। 1, नंबर 22, 24 मार्च 1914 हिन्दुस्तान ग़दर (उर्दू व पंजाबी: ہِندُوستان غدر) ग़दर पार्टी की प्रतिनिधि एक हफ़्तावार प्रकाशन था। इसको अमेरिकी शहर सैन फ़्रांसिस्को में 'युगांत्र आश्रम' से प्रकाशित किया गया था। इसका मक़्सद भारत के आज़ादी संग्राम के सेनानियों को दृढ़ करना, ख़ासकर ब्रितानी भारतीय सेना में भारतीय देश-भक्तों को मज़बूत बनाना था। 1912–1913 में प्रवासी भारतियों ने 'प्रशांत तट की हिंदी एसॉसिएशन' (Hindi Association of the Pacific Coast) बनाई थी। सोहन सिंह भकना को इसका प्रधान बनाया गया। यह एसॉसिएशन ही बाद में ग़दर पार्टी कहलवाई। भारतीय प्रवासी आबादी, ख़ासकर कैलिफ़ॉर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के भारत विद्यार्थियों के उगाहे फ़ंड से पार्टी ने 436 हिल स्ट्रीट में युगांत्र आश्रम की स्थापना की थी और वहाँ छापाख़ाना बनाया। हिन्दुस्तान ग़दर के उर्दू संस्करण का पहला अंक 1 नवंबर 1913 को छपा गया था, और इसके बाद 9 दिसंबर 1913 को पंजाबी संस्करण का पहला अंक छपा गया था। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश (अंग्रेज़ी: Himachal Pradesh, उच्चारण) उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। यह 21,629 मील² (56019 किमी²) से अधिक क्षेत्र में फ़ैला है तथा उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब (भारत), दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ "बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत" है। हिमाचल प्रदेश को "देव भूमि" भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के हाथ में आ गया। सन 1857 तक यह महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य (पंजाब हिल्स के सीबा राज्य को छोड़कर) का हिस्सा था। सन 1950 मे इसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, लेकिन 1971 मे इसे, हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971 के अन्तर्गत इसे 25 january 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बनाया गया। हिमाचल प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक है । बारहमासी नदियों की बहुतायत के कारण, हिमाचल अन्य राज्यों को पनबिजली बेचता है जिनमे प्रमुख हैं दिल्ली, पंजाब (भारत) और राजस्थान। राज्य की अर्थव्यवस्था तीन प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है जो हैं, पनबिजली, पर्यटन और कृषि। हिंदु राज्य की जनसंख्या का 95% हैं और प्रमुख समुदायों मे ब्राह्मण, राजपूत, घिर्थ (चौधरी), गद्दी, कन्नेत, राठी और कोली शामिल हैं। ट्रान्सपरेन्सी इंटरनैशनल के 2005 के सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश देश में केरल के बाद दूसरी सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। .

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हिमांशी खुराना

हिमांशी खुराना (जन्म-२७ नवम्बर,१९९१) एक पंजाबी अभिनेत्री है जों कि कीरतपुर साहिब, पंजाब से हैं। पंजाबी फिल्म "साड्डा हक" में बतौर अभिनेत्री उन्हें बहुत प्रसिद्धि मिली। उन्हें जाना जाता है पंजाब वीडियोस जैसे सोच (हार्डी संधू), इनसोम्निया (सिप्पी गिल), लादेन (जस्सी गिल) में काम करने के लिए। .

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हकीकत राय

हकीकत राय (१७१९–१७३४) एक साहसी था जिसने हिन्दू धर्म के अपमान का प्रतिकार किया और जबरन इस्लाम स्वीकारने के बजाय मृत्यु को गले लगा लिया। .

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हृदयराम

हृदयराम एक प्राचीन कवि एवं कृष्णदास जी के पुत्र थे। हृदयराम पंजाब के रहने वाले थे। वे रामभक्त थे, उनकी रचनाये भगवा राम को समर्पित थी। वे हनुमन्नाटक के रचयिता हैं। .

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हेज़ल कीच

हेज़ल कीच (जन्म रोज़ डॉन के नाम से) एक भारतीय मूल की ब्रिटिश मॉडल है जो भारतीय धारावाहिकों व फिल्मो में कार्य कर चुकी है.

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जयसिंहपुर

जयसिंहपुर (पंजाबी: ਜਯਸਿਂਹਪੁਰ) भारत में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की तहसील है। जयसिंहपुर शहर की जनसंख्या 1,273 और जयसिंहपुर तहसील की कुल आबादी 58,623 है। यह कांगड़ा के कटोच राजा, महाराजा जय सिंह के नाम के बाद नामित किया गया था। जयसिंहपुर ब्यास नदी के किनारे कांगडा, हमीरपुर व मंडी की संगम स्थली है। यह अपने चौगान के लिये जाना जाता है। यहा पर कई उल्लेखनीय मंदिर है, जानकी नाथ मंदिर, राधे कृष्ण मंदिर बस अड्डे के समीप, जानकी नाथ मंदिर, बाबा मणि राम मंदिर, शनि देव मंदिर, खड़ेश्वरी बाबा मंदिर और शीतला माता मंदिर तिन्बर-पालमपुर सड़क पर स्थित प्रसिद्ध मंदिर है। .

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ज़िरकपुर

ज़ीरकपुर पंजाब कॆ मोहाली जिले का एक कस्बा है। राष्ट्रीय राजमार्ग २१, २२ व ६४ के जंक्शन पर स्थित यह नगर चंडीगढ़ प्रवेशद्वार है। पिछले कुछ समय में हुए तीव्र विकास के कारण यह चंडीगढ़ का उपनगर ही बन गया है। .

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जिमी शेरगिल

जिमी शेरगिल एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। .

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ज्ञानपीठ पुरस्कार

पुरस्कार-प्रतीकः वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई २२ भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है। १९६५ में १ लाख रुपये की पुरस्कार राशि से प्रारंभ हुए इस पुरस्कार को २००५ में ७ लाख रुपए कर दिया गया जो वर्तमान में ग्यारह लाख रुपये हो चुका है। २००५ के लिए चुने गये हिन्दी साहित्यकार कुंवर नारायण पहले व्यक्ति थे जिन्हें ७ लाख रुपए का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार १९६५ में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था। उस समय पुरस्कार की धनराशि १ लाख रुपए थी। १९८२ तक यह पुरस्कार लेखक की एकल कृति के लिये दिया जाता था। लेकिन इसके बाद से यह लेखक के भारतीय साहित्य में संपूर्ण योगदान के लिये दिया जाने लगा। अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक सात बार यह पुरस्कार पा चुके हैं। यह पुरस्कार बांग्ला को ५ बार, मलयालम को ४ बार, उड़िया, उर्दू और गुजराती को तीन-तीन बार, असमिया, मराठी, तेलुगू, पंजाबी और तमिल को दो-दो बार मिल चुका है। .

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वरियाम सिंह संधू

वरियाम सिंह संधू (पंजाबी: ਵਰਿਆਮ ਸਿੰਘ ਸੰਧੂ, जन्म: 10 सितंबर 1945) पंजाबी कहानीकार हैं। 2000 में, उनको अपने कहानी संग्रह चौथी दिशा के लिए साहित्य अकादमी इनाम मिला। वे मूल रूप से पंजाबी लेखक है, लेकिन उनकी रचनाओं का हिन्दी, बंगाली, उर्दू और अंग्रेज़ी में अनुवाद हो चुका है। .

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वसीम तरड़

वसीम तरड़ एक मशहूर पाकिस्तानी पत्रकार, उर्दू स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक है। उसके स्तंभ दैनिक पाकिस्तान में नियमित रूप से आता है।इससे पहले वे प्रसिद्ध उर्दू अखबारों में काम करते रहे हैं। .

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वामिका गब्बी

वामीका गब्बी एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री है, जो हिंदी, पंजाबी, मलयालम, तमिल और तेलुगू फिल्मों में काम करती है। उन्हें 2012 में हिंदी फिल्म बिट्टू बॉस में अपने करियर की शुरुआत की थी। .

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वाह जनाब

वाह जनाब 1984 में दूरदर्शन पर प्रसारित एक लोकप्रिय धारावाहिक था। चन्न परदेसी नामक लोकप्रिय पंजाबी फिल्म से प्रसिद्ध होनेवाले चित्रार्थ ने इस धारावाहिक को निर्देशित किया था। फिल्म तथा टीवी अभिनेता व सूत्रधार शेखर सुमन का टीवी पर यह पहला कार्यक्रम था। इसमें उन्होंने हमेशा पान चबाते रहने वाले लखनवी छोटे नवाब का किरदार निभाया था। इस धारावाहिक में किरन जुनेजा और शेखर के लंगोटिया यार के रूप में शैलेंद्र गोयल ने मुख्य भूमिकायें निभाईं थीं। इस धारावाहिक के लेखक थे शरद जोशी जिन्होंने इसे रतन नाथ के उपन्यास फसाना-ए-आज़ाद को आधारित कर लिखा। .

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वाघा

right वाघा (पंजाबी: ਵਾਘਾ; उर्दू:واہگہ) भारत के अमृतसर, तथा पाकिस्तान के लाहौर के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित गाँव है जहाँ से दोनों देशों की सीमा गुजरती है। भारत और पाकिस्तान के बीच थल-मार्ग से सीमा पार करने का यही एकमात्र निर्धारित स्थान है। यह स्थान अमृतसर से ३२ किमी तथा लाहौर से २२ किमी दूरी पर स्थित है। .

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विभिन्न भाषाओं में रामायण

म्यांमार के रामायण (रामजात्तौ) पर आधारित नृत्य भिन्न-भिन्न प्रकार से गिनने पर रामायण तीन सौ से लेकर एक हजार तक की संख्या में विविध रूपों में मिलती हैं। इनमें से संस्कृत में रचित वाल्मीकि रामायण (आर्ष रामायण) सबसे प्राचीन मानी जाती है। साहित्यिक शोध के क्षेत्र में भगवान राम के बारे में आधिकारिक रूप से जानने का मूल स्रोत महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण है। इस गौरव ग्रंथ के कारण वाल्मीकि दुनिया के आदि कवि माने जाते हैं। श्रीराम-कथा केवल वाल्मीकीय रामायण तक सीमित न रही बल्कि मुनि व्यास रचित महाभारत में भी 'रामोपाख्यान' के रूप में आरण्यकपर्व (वन पर्व) में यह कथा वर्णित हुई है। इसके अतिरिक्त 'द्रोण पर्व' तथा 'शांतिपर्व' में रामकथा के सन्दर्भ उपलब्ध हैं। बौद्ध परंपरा में श्रीराम से संबंधित दशरथ जातक, अनामक जातक तथा दशरथ कथानक नामक तीन जातक कथाएँ उपलब्ध हैं। रामायण से थोड़ा भिन्न होते हुए भी ये ग्रन्थ इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ हैं। जैन साहित्य में राम कथा संबंधी कई ग्रंथ लिखे गये, जिनमें मुख्य हैं- विमलसूरि कृत 'पउमचरियं' (प्राकृत), आचार्य रविषेण कृत 'पद्मपुराण' (संस्कृत), स्वयंभू कृत 'पउमचरिउ' (अपभ्रंश), रामचंद्र चरित्र पुराण तथा गुणभद्र कृत उत्तर पुराण (संस्कृत)। जैन परंपरा के अनुसार राम का मूल नाम 'पद्म' था। अन्य अनेक भारतीय भाषाओं में भी राम कथा लिखी गयीं। हिन्दी में कम से कम 11, मराठी में 8, बाङ्ला में 25, तमिल में 12, तेलुगु में 12 तथा उड़िया में 6 रामायणें मिलती हैं। हिंदी में लिखित गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस ने उत्तर भारत में विशेष स्थान पाया। इसके अतिरिक्त भी संस्कृत,गुजराती, मलयालम, कन्नड, असमिया, उर्दू, अरबी, फारसी आदि भाषाओं में राम कथा लिखी गयी। महाकवि कालिदास, भास, भट्ट, प्रवरसेन, क्षेमेन्द्र, भवभूति, राजशेखर, कुमारदास, विश्वनाथ, सोमदेव, गुणादत्त, नारद, लोमेश, मैथिलीशरण गुप्त, केशवदास, गुरु गोविंद सिंह, समर्थ रामदास, संत तुकडोजी महाराज आदि चार सौ से अधिक कवियों तथा संतों ने अलग-अलग भाषाओं में राम तथा रामायण के दूसरे पात्रों के बारे में काव्यों/कविताओं की रचना की है। धर्मसम्राट स्वामी करपात्री ने 'रामायण मीमांसा' की रचना करके उसमें रामगाथा को एक वैज्ञानिक आयामाधारित विवेचन दिया। वर्तमान में प्रचलित बहुत से राम-कथानकों में आर्ष रामायण, अद्भुत रामायण, कृत्तिवास रामायण, बिलंका रामायण, मैथिल रामायण, सर्वार्थ रामायण, तत्वार्थ रामायण, प्रेम रामायण, संजीवनी रामायण, उत्तर रामचरितम्, रघुवंशम्, प्रतिमानाटकम्, कम्ब रामायण, भुशुण्डि रामायण, अध्यात्म रामायण, राधेश्याम रामायण, श्रीराघवेंद्रचरितम्, मन्त्र रामायण, योगवाशिष्ठ रामायण, हनुमन्नाटकम्, आनंद रामायण, अभिषेकनाटकम्, जानकीहरणम् आदि मुख्य हैं। विदेशों में भी तिब्बती रामायण, पूर्वी तुर्किस्तानकी खोतानीरामायण, इंडोनेशिया की ककबिनरामायण, जावा का सेरतराम, सैरीराम, रामकेलिंग, पातानीरामकथा, इण्डोचायनाकी रामकेर्ति (रामकीर्ति), खमैररामायण, बर्मा (म्यांम्मार) की यूतोकी रामयागन, थाईलैंड की रामकियेनआदि रामचरित्र का बखूबी बखान करती है। इसके अलावा विद्वानों का ऐसा भी मानना है कि ग्रीस के कवि होमर का प्राचीन काव्य इलियड, रोम के कवि नोनस की कृति डायोनीशिया तथा रामायण की कथा में अद्भुत समानता है। विश्व साहित्य में इतने विशाल एवं विस्तृत रूप से विभिन्न देशों में विभिन्न कवियों/लेखकों द्वारा राम के अलावा किसी और चरित्र का इतनी श्रद्धा से वर्णन न किया गया। .

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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

डॉ॰ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी (जन्म १९४०) प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार हैं और २०१३ से २०१७ तक की अवधि के लिए साहित्य अकादमी के अध्यक्ष हैं। वे गोरखपुर से प्रकाशित होने वाली 'दस्तावेज' नामक साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका के संस्थापक-संपादक हैं। यह पत्रिका रचना और आलोचना की विशिष्ट पत्रिका है, जो 1978 से नियमित प्रकाशित हो रही है। सन् २०११ में उन्हें व्यास सम्मान प्रदान किया गया। .

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विवान अरोड़ा

विवान अरोड़ा (अंग्रेजी:Vivaan Arora) एक भारतीय पंजाबी अभिनेता है इन्होंने कई पंजाबी फ़िल्मों में कार्य किया है। इनके अलावा विवान ने कई हिंदी धारावाहिकों में भी कार्य किया है। .

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विकीर्णन (डायसपोरा)

विकीर्णन या डायस्पोरा (diaspora) से आशय है -किसी भौगोलिक क्षेत्र के मूल वासियों का किसी अन्य बहुगोलिक क्षेत्र में प्रवास करना (विकीर्ण होना)। किन्तु डायसपोरा का विशेष अर्थ ऐतिहासिक अनैच्छिक प्रकृति के बड़े पैमाने वाले विकीर्ण, जैसे जुडा से यहूदियों का निष्कासन। .

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वेरोनिका मेहता

वेरोनिका मेहता एक भारतीय आर एंड बी गायक हैं, जों कि हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी और पंजाबी में गाती हैं। .

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खींप

खींप जिसका वानस्पतिक नाम (लेप्टाडेनिया पाइरोटेकनिका/Leptadenia pyrotechnica) होता है यह एक रेगिस्तानी आयुर्वेदिक अर्थात एक प्रकार की घास होती है जो विशेष रूप से राजस्थान के रेगिस्तानी हिस्सों में ही पाई जाती है इसे पंजाबी में खीप कहते हैं खींप का कूटने से में जो पानी निकलता है वो पानी अर्थात इसका रस शरीर के लिए काफी नुकसानदेह होता है इससे शरीर पर खुजली हो जाती है राजस्थान में खींप के सूखने के पश्चात झोंपड़ा बनाने में तथा झाड़ू बनाने में काफी हद तक प्रयोग किया जाता है। .

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ग़दर दी गूंज

'गदर दी गुंज' का मुखपृष्ट 'ग़दर दी गुंज' (पंजाबी: ਗ਼ਦਰ ਦੀ ਗੂੰਜ, अर्थ: विद्रोह की गूंज) ग़दर पार्टी द्वारा संकलित एक पुस्तक थी जिसे ब्रिटिश सरकार ने सन् १९१३ में भारत में प्रतिबन्धित कर दिया था। इस पुस्तक में राष्ट्रीय तथा समाजवादी विचारधारा का साहित्य संकलित किया गया था। श्रेणी:प्रतिबन्धित साहित्य श्रेणी:ग़दर पार्टी.

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ग़दर पार्टी

गदर पार्टी का झंडा ग़दर पार्टी पराधीन भारत को अंग्रेज़ों से स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से बना एक संगठन था। इसे अमेरिका और कनाडा के भारतीयों ने 25 जून1913 में बनाया था। इसे प्रशान्त तट का हिन्दी संघ (Hindi Association of the Pacific Coast) भी कहा जाता था। यह पार्टी "हिन्दुस्तान ग़दर" नाम का पत्र भी निकालती थी जो उर्दू और पंजाबी में छपता था। इस संगठन ने भारत को अनेक महान क्रांतिकारी दिए। ग़दर पार्टी के महान नेताओं सोहन सिंह भाकना, करतार सिंह सराभा, लाला हरदयाल आदि ने जो कार्य किये, उसने भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों को उत्प्रेरित किया। पहले महायुद्ध के छिड़ते ही जब भारत के अन्य दल अंग्रेज़ों को सहयोग दे रहे थे गदरियों ने अंग्रेजी राज के विरूध्द जंग घोषित कर दी। उनका मानना था- .

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गिद्दड़बाहा

गिद्दड़बाहा (पंजाबी: ਗਿੱਦੜਬਾਹਾ) भारतीय पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब ज़िले का एक शहर, विधान सभा चुनाव हलका और तहसील है। 2001 की मर्दुमशुमारी के मुताबिक़ इसकी आबादी 36,593 है। ज़िले का काफ़ी पुराना यह शहर बठिंडा-मलोट सड़क पर बसा हुआ है। यह मशहूर पंजाबी गायक गुरदास मान का गाँव है आम लोगों की सुविधा के लिए ज़िले के ओर जगहों की तरह पंजाब सरकार से यहाँ भी एक फ़र्द केंद्र खोला गया। .

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गिप्पी ग्रेवाल

गिप्पी ग्रेवाल (अंग्रेजी-Gippy Grewal) एक भारतीय फ़िल्म गायक तथा अभिनेता है। इनका जन्म पंजाब के लुधियाना के कूम कलाँ गाँव में हुआ था। ये मुख्य रूप से पंजाबी फ़िल्मों के लिए जाने जाते हैं। ये यो यो हनी सिंह जैसे गायकों के साथ काम कर चुके है। .

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गुरदयाल सिंह

गुरदयाल सिंह(10 जनवरी 1933 - 16 अगस्त 2016) एक पंजाबी साहित्यकार थे जो उपन्यास और कहानी लेखक थे। इन्हें 1999 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपनी प्रथम कहानी भागों वाले प्रो.मोहन सिंह के साहित्य मैगजीन पंज दरिया में प्रकाशित की थी। उनके पंजाबी साहित्य में आने से पंजाबी उपन्यास में बुनियादी तबदीली आई थी।उनके उपन्यास मढ़ी दा दीवा, .

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गुरप्रीत घुग्गी

2017 से तस्वीर गुरप्रीत सिंह वड़ैच (जन्म 19 जुलाई 1971), आम तौर पर गुरप्रीत घुग्गी (पंजाबी: ਗੁਰਪ੍ਰੀਤ ਘੁੱਗੀ) के नाम से जाने जाते एक भारतीय अदाकार, कामेडियन और सियासतदान हैं। घुग्गी ने अपने पेशे की शुरूआत 1990 के दशक में रंगमंच से थी, जिसके बाद उसने "रौनक मेला" और "पारचवेन" जैसे टीवी धारावाहिकों में लगातार भूमिकाएँ निभाईं। उसने अपने वीडियो "घुग्गी जंकशन" (2003) और "घुग्गी शू मंतर" (2004) द्वारा हास्य की प्रमुख भूमिकाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय जनतक मान्यता प्राप्त की। उसने 'पटवारी झिलमिल सिंह' के किरदार में "असाँ नूँ माण वतनाँ दा" (2004) में अभिनय किया। वह फ़िल्म "कैरी ऑन जट्टाँ" (2012) में अभिनय किया और "अरदास" (2015) में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उसकी प्रशंसा की जाती है। .

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गुरबचन सिंह भुल्लर

गुरबचन सिंह भुल्लर (पंजाबी: ਗੁਰਬਚਨ ਸਿੰਘ ਭੁੱਲਰ, जन्म 18 मार्च 1937) पंजाबी भाषा के नामवर कहानीकार हैं। उसने काविता, सफ़रनामा, अनुवाद, संपादन, पत्रकारिता, रेखाचित्र, आलोचना, बालसाहित्य आदि अनेक क्षेत्रों में साहित्य रचना की है। उसके कहानी-संग्रह अग्नि-कलश (ਅਗਨੀ-ਕਲਸ) को साल 2005 में साहित्य अकादमी, दिल्ली का पुरुस्कार मिल चुका है। .

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गुरु नानक

नानक (पंजाबी:ਨਾਨਕ) (15 अप्रैल 1469 – 22 सितंबर 1539) सिखों के प्रथम (आदि गुरु) हैं। इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। लद्दाख व तिब्बत में इन्हें नानक लामा भी कहा जाता है। नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु - सभी के गुण समेटे हुए थे। .

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गुरु नानक कालेज,किल्लियांवाली

गुरु नानक कालेज किल्लियांवाली यह पंजाब -हरियाणा सीमा पर मुक्तसर जिला में श्रेणी:पंजाब के कॉलेज.

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गुरु ग्रन्थ साहिब

एक ग्रन्थआदिग्रन्थ सिख संप्रदाय का प्रमुख धर्मग्रन्थ है। इसे 'गुरु ग्रंथ साहिब' भी कहते हैं। इसका संपादन सिख धर्म के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने किया। गुरु ग्रन्थ साहिब जी का पहला प्रकाश 16 अगस्त 1604 को हरिमंदिर साहिब अमृतसर में हुआ। 1705 में दमदमा साहिब में दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी ने गुरु तेगबहादुर जी के 116 शब्द जोड़कर इसको पूर्ण किया, इसमे कुल 1430 पृष्ठ है। गुरुग्रन्थ साहिब में मात्र सिख गुरुओं के ही उपदेश नहीं है, वरन् 30 अन्य हिन्दू संत और अलंग धर्म के मुस्लिम भक्तों की वाणी भी सम्मिलित है। इसमे जहां जयदेवजी और परमानंदजी जैसे ब्राह्मण भक्तों की वाणी है, वहीं जाति-पांति के आत्महंता भेदभाव से ग्रस्त तत्कालीन हिंदु समाज में हेय समझे जाने वाली जातियों के प्रतिनिधि दिव्य आत्माओं जैसे कबीर, रविदास, नामदेव, सैण जी, सघना जी, छीवाजी, धन्ना की वाणी भी सम्मिलित है। पांचों वक्त नमाज पढ़ने में विश्वास रखने वाले शेख फरीद के श्लोक भी गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज हैं। अपनी भाषायी अभिव्यक्ति, दार्शनिकता, संदेश की दृष्टि से गुरु ग्रन्थ साहिब अद्वितीय है। इसकी भाषा की सरलता, सुबोधता, सटीकता जहां जनमानस को आकर्षित करती है। वहीं संगीत के सुरों व 31 रागों के प्रयोग ने आत्मविषयक गूढ़ आध्यात्मिक उपदेशों को भी मधुर व सारग्राही बना दिया है। गुरु ग्रन्थ साहिब में उल्लेखित दार्शनिकता कर्मवाद को मान्यता देती है। गुरुवाणी के अनुसार व्यक्ति अपने कर्मो के अनुसार ही महत्व पाता है। समाज की मुख्य धारा से कटकर संन्यास में ईश्वर प्राप्ति का साधन ढूंढ रहे साधकों को गुरुग्रन्थ साहिब सबक देता है। हालांकि गुरु ग्रन्थ साहिब में आत्मनिरीक्षण, ध्यान का महत्व स्वीकारा गया है, मगर साधना के नाम पर परित्याग, अकर्मण्यता, निश्चेष्टता का गुरुवाणी विरोध करती है। गुरुवाणी के अनुसार ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सामाजिक उत्तरदायित्व से विमुख होकर जंगलों में भटकने की आवश्यकता नहीं है। ईश्वर हमारे हृदय में ही है, उसे अपने आन्तरिक हृदय में ही खोजने व अनुभव करने की आवश्यकता है। गुरुवाणी ब्रह्मज्ञान से उपजी आत्मिक शक्ति को लोककल्याण के लिए प्रयोग करने की प्रेरणा देती है। मधुर व्यवहार और विनम्र शब्दों के प्रयोग द्वारा हर हृदय को जीतने की सीख दी गई है। .

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गुरु अंगद देव

अंगद देव या गुरू अंगद देव सिखो के एक गुरू थे। गुरू अंगद देव महाराज जी का सृजनात्मक व्यक्तित्व था। उनमें ऐसी अध्यात्मिक क्रियाशीलता थी जिससे पहले वे एक सच्चे सिख बनें और फिर एक महान गुरु। गुरू अंगद साहिब जी (भाई लहना जी) का जन्म हरीके नामक गांव में, जो कि फिरोजपुर, पंजाब में आता है, वैसाख वदी १, (पंचम्‌ वैसाख) सम्वत १५६१ (३१ मार्च १५०४) को हुआ था। गुरुजी एक व्यापारी श्री फेरू जी के पुत्र थे। उनकी माता जी का नाम माता रामो जी था। बाबा नारायण दास त्रेहन उनके दादा जी थे, जिनका पैतृक निवास मत्ते-दी-सराय, जो मुख्तसर के समीप है, में था। फेरू जी बाद में इसी स्थान पर आकर निवास करने लगे। .

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गुरू(सिख धर्म)

गुरू (पंजाबी:ਗੁਰੂ) एक सर्व उतम शक्ति है जो हर जीव आत्मा में ज्ञान भरती है। गुरू, संस्कृत शब्द है जिस का अर्थ है अँधेरे से रौशनी की तरफ लेकर जाने वाला। सिख धर्म में गुरू अक्षर "शब्द" के लिए इस्तेमाल हुआ है। "शब्द" निरंकार दवारा प्रगट किया हुआ, उसका हुक्म/शक्ति है। "शब्द" को धुर की वाणी भी कहा गया है। यह वाणी सत पुरषों दवारा बिना कानो से सुनी जाती है और हृदये में प्रगट होती है। बाबा नानक व अन्य भक्तों ने इसी को अपना गुरू माना है। इसी द्वारा निरंकार का ज्ञान होता है। इसी को आसी ग्रंथ में सब से ऊपर माना गया है: ""श्री गुरू सब ऊपर"" - भट गयंद इसको बीज मन्त्र भी कहा जाता है। .

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गुल बलोच

गुल बलोच पंजाबी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1944 में प्रदर्शित हुई। .

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गुलज़ार (गीतकार)

ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त १९३६) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की। गुलजार को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

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गूगल अनुवाद

गूगल अनुवाद या गूगल ट्रान्स्लेट (Google Translate) एक अनुवादक साफ्टवेयर एवं सेवा है जो एक भाषा के टेक्स्ट या वेबपेज को दूसरी भाषा में अनुवाद करता है। यह गूगल नामक कंपनी द्वारा विकसित एवं परिचालित है। इसके लिये गूगल अपना स्वयं का अनुवादक सॉफ्टवेयर प्रयोग करता है जो सांख्यिकीय मशीनी अनुवाद है। जनवरी 2016 की स्थिति के अनुसार, गूगल अनुवाद विभिन्न स्तरों पर 90 भाषाओं का समर्थन करता है और प्रतिदिन 20 करोड़ लोगों को अनुवाद प्रदान करता है। .

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गीता टंडन

गीता टंडन एक भारतीय स्टंट्सवुमन है, वह खतरों के खिलाडी सीजन ५ से प्रसिद्ध हुई। .

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आदमपुर

आदमपुर (ਆਦਮਪੁਰ, Adampur.) भारतीय राज्य पंजाब के जालंधर ज़िले का एक शहर है। जिसका पिनकोड १४४१०२ है। यहाँ भारतीय वायु सेना का एयर फ़ोर्स स्टेशन भी है जिसका नाम आदमपुर एयर फ़ोर्स बेस है। .

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आदरसूचक

आदरसूचक (honorific) ऐसा शब्द या वाक्यांश होता है जो किसी के लिए प्रयोग करने से उसके लिए इज़्ज़त या सम्मान की भावना प्रकट करता है। हिन्दी, उर्दू, पंजाबी और अन्य हिन्द-आर्य भाषाओं के 'जी' ('मौलवी जी'), 'साहब' ('डॉक्टर साहब') और 'जान' ('भाई जान') शब्द इसके उदाहरण हैं। कभी-कभी यह शब्द सम्मानित वस्तुओं के लिए भी प्रयोग होते हैं, मसलन सिख सांगत को सामूहिक रूप से 'ख़ालसा जी' और लंका के देश को 'श्रीलंका' कहा जाता है। कुछ आदरसूचक पूरे नाम के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं। उदाहरण के लिए 'हाँ, शुक्ल जी' के स्थान पर 'जी हाँ, साहब' या केवल 'जी, साहब' या 'हाँ जी' कहा जा सकता है।, Pingali Sailaja, pp.

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आदिल खान

आदिल खान पंजाबी /पख्तून वंश के एक नॉर्वेजियाई नर्तक और अभिनेता हैं। आदिल, नॉर्वे में तब एक ‘सेलिब्रिटी’ बन गये जब वह दांसेफेबेर जीते। दांसेफेबेर एक नृत्य प्रतियोगिता कार्यक्रम था जिसे टीवी नोर्गे नामक एक नॉर्वेजियाई टीवी चैनल ने आयोजित किया था। दांसेफेबेर " सो यू थिंक यू कैन डांस " (So You Think You Can Dance) नामक अमेरिकी कार्यक्रम का नॉर्वेजियाई संस्करण था। यह एक कार्यक्रम था जिसे अमेरिकी चैनल फॉक्स टीवी द्वारा प्रस्तुत किया गया था। .

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आशा भोंसले

आशा भोंसले (जन्म: 8 सितम्बर 1933) हिन्दी फ़िल्मों की मशहूर पार्श्वगायिका हैं। लता मंगेशकर की छोटी बहन और दीनानाथ मंगेशकर की पुत्री आशा ने फिल्मी और गैर फिल्मी लगभग 16 हजार गाने गाये हैं और इनकी आवाज़ के प्रशंसक पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। हिंदी के अलावा उन्होंने मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा के भी अनेक गीत गाए हैं। आशा भोंसले ने अपना पहला गीत वर्ष 1948 में सावन आया फिल्म चुनरिया में गाया। आशा की विशेषता है कि इन्होंने शास्त्रीय संगीत, गजल और पॉप संगीत हर क्षेत्र में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है और एक समान सफलता पाई है। उन्होने आर॰ डी॰ बर्मन से शादी की थी। .

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इन्द्र कुमार गुजराल

इ Indra kumar raj Mistar sang m k न्द् र कुमार गुजराल (अंग्रेजी: I. K. Gujral जन्म: ४ दिसम्बर १९१९, झेलम - मृत्यु: ३० नवम्बर २०१२, गुड़गाँव) भारतीय गणराज्य के १३वें प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और १९४२ के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वे जेल भी गये। अप्रैल १९९७ में भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में विभिन्न पदों पर काम किया। वे संचार मन्त्री, संसदीय कार्य मन्त्री, सूचना प्रसारण मन्त्री, विदेश मन्त्री और आवास मन्त्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। राजनीति में आने से पहले उन्होंने कुछ समय तक बीबीसी की हिन्दी सेवा में एक पत्रकार के रूप में भी काम किया था। १९७५ में जिन दिनों वे इन्दिरा गान्धी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मन्त्री थे उसी समय यह बात सामने आयी थी कि १९७१ के चुनाव में इन्दिरा गान्धी ने चुनाव जीतने के लिये असंवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया है। इन्दिरा गान्धी के बेटे संजय गांधी ने उत्तर प्रदेश से ट्रकों में भरकर अपनी माँ के समर्थन में प्रदर्शन करने के लिये दिल्ली में लोग इकट्ठे किये और इन्द्र कुमार गुजराल से दूरदर्शन द्वारा उसका कवरेज करवाने को कहा। गुजराल ने इसे मानने से इन्कार कर दिया क्योंकि संजय गांधी को कोई सरकारी ओहदा प्राप्त नहीं था। बेशक वे प्रधानमन्त्री के पुत्र थे। इस कारण से उन्हें सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय से हटा दिया गया और विद्याचरण शुक्ल को यह पद सौंप दिया गया। लेकिन बाद में उन्हीं इन्दिरा गान्धी की सरकार में मास्को में राजदूत के तौर पर गुजराल ने १९८० में सोवियत संघ के द्वारा अफ़गानिस्तान में हस्तक्षेप का विरोध किया। उस समय भारतीय विदेश नीति में यह एक बहुत बड़ा बदलाव था। उस घटना के बाद ही आगे चलकर भारत ने सोवियत संघ द्वारा हंगरी और चेकोस्लोवाकिया में राजनीतिक हस्तक्षेप का विरोध किया। .

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इस्लामाबाद

इस्लामाबाद की फैज़ल मस्जिद इस्लामाबाद पाकिस्तान की राजधानी है। भारत विभाजन के पश्चात पाकिस्तान को एक राजधानी नगर की आवश्यकता थी। ना तो लाहौर और न ही कराची जैसे नगर इस हेतु सही पाए गए अंतः एक नए नगर की स्थापना का निर्णय लिया गया जो पूरी तरह से नियोजित हो। इस कार्य हेतु फ़्रांसीसी नगर नियोजक तथा वास्तुकार ली कार्बूजियर की सेवा ली गई। इन्हीं महोदय ने भारत में चंडीगढ़ की स्थापना की योजना बनाई थी। इस कारण ये दोनों नगर देखने में एक जैसे लगते हैं। २००९ के अनुमान अनुसार इस नगर की जनसंख्या ६,७३,७६६ है। .

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इक्का सिंह

अंकित सिंह पटियाला जो मुख्यतः (इक्का सिंह) के नाम से जाने जाते हैं एक भारतीय गायक,रैपर,संगीतकार तथा संगीत रचनाकार है। इन्होंने तमंचे (2014 फ़िल्म) में इन दा क्लब नामक गाना गाया था। .

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कनिका कपूर

कणिका कपूर (कनिका कपूर के रूप में भी जानी जाती है) बॉलीवुड की एक नवीनतम गायिका हैं। इनका जन्म २३ मार्च १९७८ को लखनऊ, उत्तरप्रदेश में हुआ, वर्तमान में यह लंदन की निवासी हैं। इनका बेबी डॉल नामक गाना प्रसिद्ध हुआ। इन्होंने अपन करियर हिन्दी भाषी संगीत में २०१२ में शुरू किया। .

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कबीर

कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनके लेखन सिक्खों के आदि ग्रंथ में भी मिला जा सकता है। Encyclopædia Britannica (2015)Accessed: July 27, 2015 वे हिन्दू धर्म व इस्लाम के आलोचक थे। उन्होंने यज्ञोपवीत और ख़तना को बेमतलब क़रार दिया और इन जैसी धार्मिक प्रथाओं की सख़्त आलोचना की थी। उनके जीवनकाल के दौरान हिन्दू और मुसलमान दोनों ने उन्हें अपने विचार के लिए धमकी दी थी। कबीर पंथ नामक धार्मिक सम्प्रदाय इनकी शिक्षाओं के अनुयायी हैं। .

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कमल कपूर

कमल कपूर (पंजाबी: ਕਮਲ ਕਪੂਰ) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता थे जिन्होंने लगभग 600 हिन्दी, पंजाबी और गुजराती फ़िल्मों मे काम किया था। .

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करण मल्होत्रा

करण मल्होत्रा एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक तथा लेखक हैं। ये मुख्य रूप से अपनी पहली फ़िल्म अग्निपथ (2012 फ़िल्म) के लिए जाने जाते हैं।इन्होंने 2012 में "धर्मा प्रोड्कशन" के साथ अपना डायरेक्शनल डेब्यू करने से पहले 10 साल तक सहायक निर्देशक (असिस्टेंट डायरेक्टर) के रूप में हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में काम किया। .

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करतार सिंह दुग्गल

'करतार सिंह दुग्गल (१ मार्च १९१७ - २६ जनवरी २०१२) एक पंजाबी लेखक जिस ने पंजाबी उर्दू, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में लिखा। उन्होंने लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटक और नाटकों की रचना की और उनकी रचनाएँ का भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के निदेशक के रूप में सेवा की है। उन को सन १९८८ में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली राज्य से हैं। श्रेणी:१९८८ पद्म भूषण श्रेणी:1917 में जन्मे लोग श्रेणी:२०१२ में निधन श्रेणी:साहित्य अकादमी फ़ैलोशिप से सम्मानित‎.

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करन सिंह ग्रोवर

करन सिंह ग्रोवर (जन्म 23 फ़रवरी 1982) भारत के एक लोकप्रिय टेलीविजन अभिनेता और मॉडल है। उन्होंने अपने टेलीविजन करियर की शुरुआत एमटीवी इंडिया (MTV India) पर एकता कपूर के 'कितनी मस्त है ज़िंदगी' से की '। उनको सबसे ज्यादा पहचान स्टार वन पर ''दिल मिल गऎ सीजन 1'' में डा अरमान मल्लिक की भूमिका से मिली। .

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कलीरें

कलीरें भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जिसका प्रसारण ज़ी टीवी पर 5 फरवरी 2018 से शुरू हुआ। इसका निर्माण निखिल सिन्हा और सोहाना सिन्हा ने किया है। इसमें अर्जित तनेजा और अदिति शर्मा मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इसकी कहानी दो विपरीत स्वभाव के लोगों, मीरा और विवान की है, जो एक दूसरे को बिलकुल भी पसंद नहीं करते थे, पर बाद में दोनों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है। वे दोनों कई सालों पहले हुए एक अपराध के पीछे का राज जानने की कोशिश करते हैं। .

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कश्मीरी भाषा

कश्मीरी भाषा एक भारतीय-आर्य भाषा है जो मुख्यतः कश्मीर घाटी तथा चेनाब घाटी में बोली जाती है। वर्ष २००१ की जनगणना के अनुसार भारत में इसके बोलने वालों की संख्या लगभग ५६ लाख है। पाक-अधिकृत कश्मीर में १९९८ की जनगणना के अनुसार लगभग १ लाख कश्मीरी भाषा बोलने वाले हैं। कश्मीर की वितस्ता घाटी के अतिरिक्त उत्तर में ज़ोजीला और बर्ज़ल तक तथा दक्षिण में बानहाल से परे किश्तवाड़ (जम्मू प्रांत) की छोटी उपत्यका तक इस भाषा के बोलने वाले हैं। कश्मीरी, जम्मू प्रांत के बानहाल, रामबन तथा भद्रवाह में भी बोली जाती है। प्रधान उपभाषा किश्तवाड़ की "कश्तवाडी" है। कश्मीर की भाषा कश्मीरी (कोशुर) है ये कश्मीर में वर्तमान समय में बोली जाने वाली भाषा है। कश्मीरी भाषा के लिए विभिन्न लिपियों का उपयोग किया गया है, जिसमें मुख्य लिपियां हैं- शारदा, देवनागरी, रोमन और परशो-अरबी है। कश्मीर वादी के उत्तर और पश्चिम में बोली जाने वाली भाषाएं - दर्ददी, श्रीन्या, कोहवाड़ कश्मीरी भाषा के उलट थीं। यह भाषा इंडो-आर्यन और हिंदुस्तानी-ईरानी भाषा के समान है। भाषाविदों का मानना ​​है कि कश्मीर के पहाड़ों में रहने वाले पूर्व नागावासी जैसे गंधर्व, यक्ष और किन्नर आदि,बहुत पहले ही मूल आर्यन से अलग हो गए। इसी तरह कश्मीरी भाषा को आर्य भाषा जैसा बनने में बहुत समय लगा। नागा भाषा स्वतः ही विकसित हुई है इस सब के बावजूद, कश्मीरी भाषा ने अपनी विशिष्ट स्वर शैली को बनाए रखा और 8 वीं-9 वीं शताब्दी में अन्य आधुनिक भारतीय भाषाओं की तरह, कई चरणों से गुजरना पड़ा। .

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काटल

काटल (अंग्रेजी Katal या Katil) सूर्यवंशी राजपूत राष्ट्र की एक शाखा है। .

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कान्ह सिंह नाभा

भाई कान्ह सिंह नाभा (पंजाबी: ਭਾਈ ਕਾਨ੍ਹ ਸਿੰਘ ਨਾਭਾ, जन्म: 1861 - मौत: 1938) उन्नीसवीं सदी के एक सिख विद्वान, कोशकार और लेखक थे जो अपने रचे विश्वज्ञानकोशीय ग्रंथ, 'महान कोश' के लिये जाने जाते हैं। उनके लिखे ग्रंथ महान कोश (गुरशब्द रत्नाकर महान कोश) को सिखमत, पंजाबी ज़बान और विरासत का विश्वज्ञानकोश का दर्जा हासिल है। उन्होंने सिंह सभा लहर में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिये। .

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कांगड़ी भाषा

कांगड़ी, उत्तरी भारत में मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में, कांगड़ा घाटी के लोगों की भाषा है। .

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किस देश में है मेरा दिल

किस देश में है मेरा दिल एक भारतीय नाट्य-श्रृंखला है जिसका प्रसारण स्टार प्लस पर होता था। यह श्रृंखला प्रसिद्ध भारतीय सोप ओपेरा निर्माता, बालाजी टेलीफ़िल्म्स की एकता कपूर द्वारा बनाई गई थी। आरंभिक कहानी हीर और प्रेम के रोमांस और रोमियो और जूलियट के जैसे उनके अमिट प्रेम पर केन्द्रित है। .

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कविता कोश

'''कविता कोश''' का लोगो कविता कोश अंतरजाल पर उपलब्ध भारतीय काव्य के सबसे बड़े और सुव्यवस्थित स्रोतो में से एक है। विकि तकनीक पर आधारित इस कोश की वेबसाइट पर हिन्दी व उर्दू भाषा के प्रमुख कवियों की कृतियों का संकलन है। इसके अतिरिक्त कविता कोश में अनूदित रचनाओं तथा लोकगीतो को भी संग्रहित किया गया है। यूनिकोड आधारित होने की वजह से कविता कोश में उपलब्ध सामग्री को किसी भी कम्प्यूटर पर बिना किसी विशेष सॉफ्टवेयर/फ़ॉन्ट के पढ़ा जा सकता है। .

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कविश्री

कविशरी या कविश्री (पंजाबी: ਕਵੀਸ਼ਰੀ) भारतीय लोक संगीत की एक शैली है जो पंजाब के मालवा क्षेत्र से जन्मी है। यह छन्दबद्ध कविता का गेय रूप है। श्रेणी:पंजाबी संगीत.

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कुदाल

जापानी कुदाल thumb कुदाल, खेतीबारी में उपयोग आने वाला एक उपकरण है। इसकी सहायता से जमीन को खोदा जाता है। यह गड़्ढा खोदने, नाली बनाने, मिट्टी खोदने आदि के काम आती है। इसमें लोहे की बनी एक चौड़ी फाल (ब्लेड) होती है जिसके लम्बवत लकड़ी की बेंट (हत्था) लगा होता है। इसे संस्कृत में कुद्दाल, कुद्दार; प्राकृत में कुदृलपा, कुद्दाली; गुजराती में कोदालों, पंजाबी में कुदाल; बंगाली में कोदाल, मराठी में कुदल कहते हैं। कुदाल में लगने वाले विभिन्न प्रकार के फलक .

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कुलवंत सिंह विर्क

कुलवंत सिंह विर्क (२० मई १९२१ - २४ दिसम्बर १९८७) समकालीन पंजाबी साहित्य के एक अग्रणी लेखक हैं। उन्होंने पंजाबी में और अंग्रेजी में भी बड़े पैमाने पर लिखा.उनकी कहानियों का रूसी और जापानी सहित कई अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया। लियो टालस्टाय की पोती नताशा टॉल्स्टॉय रूसी में और डॉ॰ ओसाका विश्वविद्यालय में भारतीय भाषाओं के प्रोफेसर तोमियो मीजोकामी द्वारा जापानी में अनुवाद किया गया। वह २० मई १९२१ को भारत में पंजाब प्रांत के शेखपुरा जिले में गांव फुल्ल्र्वान में पैदा हुए.

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कुल्चा

कुल्चा (کلچه; पंजाबी ਕੁਲਚਾ) एक उत्तर भारतीय रोटी की किस्म है। भारत के साथ-साथ ये पाकिस्तान में भी लोकप्रिय हैं। प्रायः इसे छोले के संग खाया जाता है। यह मैदा को खमीर उठा कर आवे में बनाया जाता है। कुल्चा मुख्यतः एक पंजाबी व्यंजन है, जो पंजाब से उद्गम हुआ है। अमृतसर का खास कुल्चा अमृतसरी कुल्चा कहलाता हैं। मैदा को दही के साथ मल कर खमीर उठाया जाता है। उसके बाद उसमें उबले मसालेदार आलू और कटी प्याज आदि भर कर भरवां कुल्चे बनाये जाते हैं। इन्हें सुनहरे रंग का होने तक आवे या तंदूर में पकाया जाता है। उसके बाद इसके ऊपर मक्खन लगा कर छोले के साथ परोसते हैं। ये अमृतसरी कुल्चे होते हैं। बिना भरे हुए सादे कुल्चे बनते हैं। कुल्चे का उद्गम ईरान में माना जाता है। इसके लखनऊ के व्यंजन विशेषज्ञों ने प्रयोग कर अंतरण बनाये हैं। इनमें कुल्चा नाहरी भी एक है। इसके विशेषज्ञ कारीगर हाजी जुबैर अहमद के अनुसार कुलचा अवधी व्यंजनों में शामिल खास रोटी है, जिसका साथ नाहरी बिना अधूरा है। लखनऊ के गिलामी कुलचे यानी दो भाग वाले कुलचे उनके परदादा ने तैयार किये। कुलचे रिच डाइट में आते हैं और ऐसा माना जाता है, कि कि अच्छी खुराक वाला इंसान भी तीन से अधिक नहीं खा सकता है। कुलचे गर्म खाने में ही मजा है यानी तंदूर से निकले और परोसे जायें। .

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कृप सूरी

कृप कपूर सूरी (जन्म 14 जून) एक भारतीय फिल्म तथा धारावाहिक अभिनेता है। इन्होंने कई धारावाहिकों में कार्य किया है। .

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के॰एस॰ चित्रा

कृष्णन नायर शान्तिकुमारी चित्रा (प्रचलित नाम: के॰एस॰ चित्रा या चित्रा, जन्म: २७ जुलाई १९६३) एक भारतीय पार्श्व गायिका है। वे भारतीय शास्त्रीय संगीत, भक्ति और लोकप्रिय संगीत भी गाती है। उन्होंने मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, उड़िया, हिंदी, असमिया, बंगाली, बड़गा, संस्कृत, तुलु, उर्दू और पंजाबी गीतों के लिए आवाज दी है। वे छह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (महिला गायिकाओं में से सबसे अधिक), पाँच फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार-दक्षिण और ३१ अलग -अलग राज्य फिल्म पुरस्कारों के  प्राप्तकर्ता है। वे सभी दक्षिण भारतीय राज्य फिल्म पुरस्कार जीत चुकी है। उनको दक्षिण भारत की छोटी बुलबुल एवम केरल की बुलबुल कहा जाता है। .

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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कोलकाता में मीडिया

टाटा कम्युनिकेशंस का वीएसएनएल टावर, शहर का एक प्रधान टेलीकॉम सेवा प्रदाता .

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अपूर्वा अरोड़ा

अपूर्वा अरोड़ा (जन्म ५ जून १९९६) एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल है। .

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अफ़ज़ल अहसन रंधावा

अफज़ल अहसन रंधावा एक पाकिस्तानी पंजाबी लेखक है जिसने दोआबा और सूरज ग्रहण जैसे नावल रचे। 1986 में इसे प्रो.

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अभिनव बिंद्रा

अभिनव बिंद्रा १० मीटर एयर रायफल स्पर्धा में भारत के एक प्रमुख निशानेबाज हैं। वे ११ अगस्त २००८ को बीजिंग ओलंपिक खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्‍वर्ण पदक जीतकर व्‍यक्तिगत स्‍वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। क्वालीफाइंग मुकाबले में ५९६ अंक हासिल करने के बाद बिंद्रा ने जबर्दस्त मानसिक एकाग्रता का परिचय दिया और अंतिम दौर में १०४.५ का स्कोर किया। उन्होंने कुल ७००.५ अंकों के साथ स्वर्ण पर निशाना साधने में कामयाबी हासिल की। बिंद्रा ने क्वालीफाइंग मुकाबले में चौथा स्थान हासिल किया था, जबकि उनके प्रतियोगी गगन नारंग बहुत करीबी अंतर से फाइनल में पहुंच पाने से वंचित रह गए। वे नौवें स्थान पर रहे थे। पच्‍चीस वर्षीय अभिनव बिंद्रा एयर राफल निशानेबाजी में वर्ष २००६ में विश्व चैम्पियन भी रह चुके हैं। .

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अभिषेक सक्सेना

अभिषेक सक्सेना एक भारतीय बॉलीवुड और पंजाबी फिल्म निर्देशक है जिन्होंने फुल्लू फिल्म निर्देशित की है। यह फुल्लू फिल्म १६ जून २०१७ को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी जिसमें शारिब हाशमी मुख्य कलाकार है। इनके अलावा इन्होंने पटियाला ड्रीम्ज जो कि एक पंजाबी फिल्म है भी निर्देशित की है। यह फ़िल्म २०१४ में सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी। .

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अमरिंदर गिल

अमरिंदर सिंह गिल एक पंजाबी गायक, संगीतकार व संगीत निर्माता है। उन्होंने अपना गायक के रूप में प्रदर्शन २००० में आये एक एल्बम अपनी जान के से किया था। वे हर समय एक सफल पंजाबी अभिनेता रहे है। .

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अमृता प्रीतम

अमृता प्रीतम (१९१९-२००५) पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थी। पंजाब (भारत) के गुजराँवाला जिले में पैदा हुईं अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। उन्होंने कुल मिलाकर लगभग १०० पुस्तकें लिखी हैं जिनमें उनकी चर्चित आत्मकथा 'रसीदी टिकट' भी शामिल है। अमृता प्रीतम उन साहित्यकारों में थीं जिनकी कृतियों का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ। अपने अंतिम दिनों में अमृता प्रीतम को भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मविभूषण भी प्राप्त हुआ। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से पहले ही अलंकृत किया जा चुका था। अमृता प्रीतम का जन्म १९१९ में गुजरांवाला पंजाब (भारत) में हुआ। बचपन बीता लाहौर में, शिक्षा भी वहीं हुई। किशोरावस्था से लिखना शुरू किया: कविता, कहानी और निबंध। प्रकाशित पुस्तकें पचास से अधिक। महत्त्वपूर्ण रचनाएं अनेक देशी विदेशी भाषाओं में अनूदित। १९५७ में साहित्य अकादमी पुरस्कार, १९५८ में पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा पुरस्कृत, १९८८ में बल्गारिया वैरोव पुरस्कार;(अन्तर्राष्ट्रीय) और १९८२ में भारत के सर्वोच्च साहित्त्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित। उन्हें अपनी पंजाबी कविता अज्ज आखाँ वारिस शाह नूँ के लिए बहुत प्रसिद्धी प्राप्त हुई। इस कविता में भारत विभाजन के समय पंजाब में हुई भयानक घटनाओं का अत्यंत दुखद वर्णन है और यह भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में सराही गयी। .

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अरहर दाल

अरहर की दाल को तुवर भी कहा जाता है। इसमें खनिज, कार्बोहाइड्रेट, लोहा, कैल्शियम आदि पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह सुगमता से पचने वाली दाल है, अतः रोगी को भी दी जा सकती है, परंतु गैस, कब्ज एवं साँस के रोगियों को इसका सेवन कम ही करना चाहिए। भारत में अरहर की खेती तीन हजार वर्ष पूर्व से होती आ रही है किन्तु भारत के जंगलों में इसके पौधे नहीं पाये जाते है। अफ्रीका के जंगलों में इसके जंगली पौधे पाये जाते है। इस आधार पर इसका उत्पत्ति स्थल अफ्रीका को माना जाता है। सम्भवतया इस पौधें को अफ्रीका से ही एशिया में लाया गया है। दलहन प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत है जिसको आम जनता भी खाने में प्रयोग कर सकती है, लेकिन भारत में इसका उत्पादन आवश्यकता के अनुरूप नहीं है। यदि प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ानी है तो दलहनों का उत्पादन बढ़ाना होगा। इसके लिए उन्नतशील प्रजातियां और उनकी उन्नतशील कृषि विधियों का विकास करना होगा। अरहर एक विलक्षण गुण सम्पन्न फसल है। इसका उपयोग अन्य दलहनी फसलों की तुलना में दाल के रूप में सर्वाधिक किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसकी हरी फलियां सब्जी के लिये, खली चूरी पशुओं के लिए रातव, हरी पत्ती चारा के लिये तथा तना ईंधन, झोपड़ी और टोकरी बनाने के काम लाया जाता है। इसके पौधों पर लाख के कीट का पालन करके लाख भी बनाई जाती है। मांस की तुलना में इसमें प्रोटीन भी अधिक (21-26 प्रतिशत) पाई जाती है। .

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अहाना देओल

अहाना देओल (पंजाबी: ਅਹਾਨਾ ਡੋਲ) जन्म.

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अजीत कौर

अजीत कौर आजादी के बाद की पंजाबी की सबसे उल्लेखनीए साहित्यकार मानी जाती हैं। इनका लेखन जीवन के उहापोह को समझने और उसके यथार्थ को उकेरने की एक ईमानदार कोशिश है। इनकी रचनाओं में न केवल नारी का संघर्ष और उसके प्रति समाज का असंगत दृष्टिकोण रेखांकित होता है बल्कि सामाजिक और राजनीतिक विकृतियों और सत्ता के गलियारों में व्याप्त बेहया भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक जोरदार मुहीम भी नजर आती है। पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए इन्होंने सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाइयाँ लड़ी है। इन्होंने दिल्ली में सार्क एकैडमी ऑफ आर्ट ऐंड कल्चर बनाया है। जहाँ आर्ट गैलरी भद्र जनों के साथ-साथ समाज के गरीब तबकों, झुग्गी के बच्चों और स्त्रियों के लिए भी खुली हैं। .

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अखिल (गायक)

अखिल एक पंजाबी गायक, संगीतकार और संगीत निर्माता है।इनका जन्म जालंधर, पंजाब में हुआ था।इन्होंने 'सुपने' नामक गाने से गायक के रूप में कदम रखा। .

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अंगिका भाषा

अंगिका लगभग तीन करोड़लोगों की भाषा है जो बिहार के पूर्वी, उत्तरी व दक्षिणी भागों,झारखण्ड के उत्तर पूर्वी भागों और पं.

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उड़द दाल

उरद या उड़द एक दलहन होता है। उरद को संस्कृत में 'माष' या 'बलाढ्य'; बँगला' में माष या कलाई; गुजराती में अड़द; मराठी में उड़ीद; पंजाबी में माँह, अंग्रेज़ी, स्पेनिश और इटालियन में विगना मुंगों; जर्मन में उर्डबोहने; फ्रेंच में हरीकोट उर्ड; पोलिश में फासोला मुंगों; पुर्तगाली में फेजों-द-इण्डिया तथा लैटिन में 'फ़ेसिओलस रेडिएटस', कहते हैं। इसका द्विदल पौधा लगभग एक हाथ ऊँचा है और भारतवर्ष में सर्वत्र ज्वार, बाजरा और रुई के खेतों में तथा अकेला भी बोया जाता है। इससे मिलनेवाली दाल भोजन और औषधि, दोनों रूपों में उपयोगी है। बीज की दो जातियाँ होती हैं: (1) काली और बड़ी, जो वर्षा के आरंभ में बोई जाती है और (2) हरी और छोटी, जिसकी बोआई दो महीने पश्चात्‌ होती है। इसकी हरी फलियों की भाजी तथा बीजों से दाल, पापड़ा, बड़े इत्यादि भोज्य पदार्थ बनाए जाते हैं। आयुर्वेद के मतानुसार इसकी दाल स्निग्ध, पौष्टिक, बलकारक, शुक्र, दुग्ध, मांस और मेदवर्धक; वात, श्वास और बवासीर के रोगों में हितकर तथा शौच को साफ करनेवाली है। रासायनिक विश्लेषणों से इसमें स्टार्च 56 प्रतिशत, अल्बुमिनाएड्स 23 प्रतिशत, तेल सवा दो प्रतिशत और फास्फोरस ऐसिड सहित राख साढ़े चार प्रतिशत पाई गई है। इसकी तासीर ठंडी होती है, अतः इसका सेवन करते समय शुद्ध घी में हींग का बघार लगा लेना चाहिए। इसमें भी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, केल्शियम व प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। बवासीर, गठिया, दमा एवं लकवा के रोगियों को इसका सेवन कम करना चाहिए। .

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उत्तर भारत

उत्तरी भारत में अनेक भौगोलिक क्षेत्र आते हैं। इसमें मैदान, पर्वत, मरुस्थल आदि सभी मिलते हैं। यह भारत का उत्तरी क्षेत्र है। प्रधान भौगोलिक अंगों में गंगा के मैदान और हिमालय पर्वतमाला आती है। यही पर्वतमाला भारत को तिब्बत और मध्य एशिया के भागों से पृथक करती है। उत्तरी भारत मौर्य, गुप्त, मुगल एवं ब्रिटिश साम्राज्यों का ऐतिहासिक केन्द्र रहा है। यहां बहुत से हिन्दू तीर्थ जैसे पर्वतों में गंगोत्री से लेकर मैदानों में वाराणासी तक हैं, तो मुस्लिम तीर्थ जैसे अजमेर.

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उपासना सिंह

उपासना सिंह (Upasana Singh) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री है जिनका जन्म पंजाब के होशियारपुर क्षेत्र में हुआ था। उपासना सिंह मुख्य रूप से हास्य कला के लिए जानी जाती है। इन्होने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत १९९७ में जुदाई फिल्म से की थी।इन्होंने सोनी टीवी के और कपिल शर्मा के शो कॉमेडी नाइट्स विद् कपिल में भी अभिनय किया था, उसमें इन्होंने एक भुआ की भूमिका निभाई थी और नादानियाँ में भी एक अहम रोल किया था।यह एक बॉलीवुड अभिनेत्री है जो क्षेत्रीय फिल्मों पंजाबी, राजस्थानी, भोजपुरी और गुजराती में भी कार्य करती है। .

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उपेन्द्रनाथ अश्क

उपेन्द्र नाथ अश्क (१९१०- १९ जनवरी १९९६) उर्दू एवं हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार तथा उपन्यासकार थे। ये अपनी पुस्तक स्वयं ही प्रकाशित करते थे। .

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उर्दू साहित्य

उर्दू भारत तथा पाकिस्तान की आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में से एक है। इसका विकास मध्ययुग में उत्तरी भारत के उस क्षेत्र में हुआ जिसमें आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पूर्वी पंजाब सम्मिलित हैं। इसका आधार उस प्राकृत और अपभ्रंश पर था जिसे 'शौरसेनी' कहते थे और जिससे खड़ीबोली, ब्रजभाषा, हरियाणी और पंजाबी आदि ने जन्म लिया था। मुसलमानों के भारत में आने और पंजाब तथा दिल्ली में बस जाने के कारण इस प्रदेश की बोलचाल की भाषा में फारसी और अरबी शब्द भी सम्मिलित होने लगे और धीरे-धीरे उसने एक पृथक् रूप धारण कर लिया। मुसलमानों का राज्य और शासन स्थापित हो जाने के कारण ऐसा होना स्वाभाविक भी था कि उनके धर्म, नीति, रहन-सहन, आचार-विचार का रंग उस भाषा में झलकने लगे। इस प्रकार उसके विकास में कुछ ऐसी प्रवृत्तियाँ सम्मिलित हो गईं जिनकी आवश्यकता उस समय की दूसरी भारतीय भाषाओं को नहीं थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बोलचाल में खड़ीबोली का प्रयोग होता था। उसी के आधार पर बाद में उर्दू का साहित्यिक रूप निर्धारित हुआ। इसमें काफी समय लगा, अत: देश के कई भागों में थोड़े-थोड़े अंतर के साथ इस भाषा का विकास अपने-अपने ढंग से हुआ। उर्दू का मूल आधार तो खड़ीबोली ही है किंतु दूसरे क्षेत्रों की बोलियों का प्रभाव भी उसपर पड़ता रहा। ऐसा होना ही चाहिए था, क्योंकि आरंभ में इसको बोलनेवाली या तो बाजार की जनता थी अथवा वे सुफी-फकीर थे जो देश के विभिन्न भागों में घूम-घूमकर अपने विचारों का प्रचार करते थे। इसी कारण इस भाषा के लिए कई नामों का प्रयोग हुआ है। अमीर खुसरो ने उसको "हिंदी", "हिंदवी" अथवा "ज़बाने देहलवी" कहा था; दक्षिण में पहुँची तो "दकिनी" या "दक्खिनी" कहलाई, गुजरात में "गुजरी" (गुजराती उर्दू) कही गई; दक्षिण के कुछ लेखकों ने उसे "ज़बाने-अहले-हिंदुस्तान" (उत्तरी भारत के लोगों की भाषा) भी कहा। जब कविता और विशेषतया गजल के लिए इस भाषा का प्रयोग होने लगा तो इसे "रेख्ता" (मिली-जुली बोली) कहा गया। बाद में इसी को "ज़बाने उर्दू", "उर्दू-ए-मुअल्ला" या केवल "उर्दू" कहा जाने लगा। यूरोपीय लेखकों ने इसे साधारणत: "हिंदुस्तानी" कहा है और कुछ अंग्रेज लेखकों ने इसको "मूस" के नाम से भी संबोधित किया है। इन कई नामों से इस भाषा के ऐतिहासिक विकास पर भी प्रकार पड़ता है। .

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छल्ला (लोकगीत)

छल्ला एक प्रसिद्ध पंजाबी लोकगीत है। वर्तमान भारत-पाक सीमा के दोनों ओर के पंजाब में कई गायकों ने कई अवसरों पर यह गीत गाया है और इसके कई संस्करण प्रसिद्ध हैं। भारतीय पंजाब में १९८६ में आई पंजाबी फ़िल्म लौंग दा लिश्कारा में जगजीत सिंह द्वारा संगीतबद्ध गुरदास मान द्वारा गाया गया संस्करण बहुत प्रसिद्ध हुआ। शाहरुख खान अभिनीत हिन्दी फ़िल्म जब तक है जान में रब्बी शेरगिल ने छल्ला गाया। इस गाने का वीडियो 1 अक्टूबर 2012 को रिलीज़ किया गया और पहले ही दिन इसके दर्शकों का आँकड़ा दस लाख को पार कर गया। इसे उस वर्ष के फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ गीत का पुरस्कार भी मिला। 2010 में रिलीज हुई इमरान हाशमी अभिनीत फिल्म क्रुक में इस गीत का प्रवासी भारतीय संस्करण छल्ला इंडिया तों आया प्रस्तुत किया गया। इसे बब्बू मान व सुज़ैन डिमेलो ने स्वर दिए। इस गीत को पंजाबी म्यूज़िक अवार्ड्स में उस वर्ष का हिंदी फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ पंजाबी गीत का पुरस्कार दिया गया। यह बब्बल राय के गीत ऑस्ट्रेलियन छल्ला का ही परिवर्धित संस्करण था। Challa https://g.co/kgs/McC1lB.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

पन्जाबी, पंजाबी (बहुविकल्पी)

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