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नोदक

सूची नोदक

वायुयान का नोदक नोदक या प्रोपेलर (propeller) ऐसे यंत्र या मशीन को कहते हैं जो किसी वाहन पर लगा हो और उसे आगे धकेलने का काम करे। नोदकों के घूर्णन (रोटेशन) के द्वारा वायु या जल को पीछे फेंकने में मदद मिलती है जिससे यान पर आगे की ओर बल लगता है। समुद्री जहाज़ों और वायुयानों पर लगे पंखेनुमा नोदक जल या हवा को पीछे फेंककर यान को आगे की तरफ धकेलते हैं। नोदक शब्द से निम्नलिखित का तात्पर्य निकल सकता है.

15 संबंधों: एयर फोर्स वन, नोदक, नोदक (जलयान), नोदक (वायुयान), प्रणोदन, प्रोपेलर (बहुविकल्पी), मैग्लेव ट्रेन, मोरेन सौल्निएर एल, यूनाइटेड किंगडम, राइट बंधु, सीई-२०, जल चक्की, जलयान, जैकूज़ी, क्रायोजेनिक इंजन-20

एयर फोर्स वन

एयर फोर्स वन संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति की सवारी ले जानेवाले किसी अमेरिकी एयर फोर्स विमान के आधिकारिक वायु यातायात नियंत्रण कॉल का चिह्न है। संघीय विमानन प्रशासन ने 14 मार्च 2007.

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नोदक

वायुयान का नोदक नोदक या प्रोपेलर (propeller) ऐसे यंत्र या मशीन को कहते हैं जो किसी वाहन पर लगा हो और उसे आगे धकेलने का काम करे। नोदकों के घूर्णन (रोटेशन) के द्वारा वायु या जल को पीछे फेंकने में मदद मिलती है जिससे यान पर आगे की ओर बल लगता है। समुद्री जहाज़ों और वायुयानों पर लगे पंखेनुमा नोदक जल या हवा को पीछे फेंककर यान को आगे की तरफ धकेलते हैं। नोदक शब्द से निम्नलिखित का तात्पर्य निकल सकता है.

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नोदक (जलयान)

एक मध्य-आकार के व्यापारिक समुद्री जहाज़ पर लगा नोदक जलयान के नोदक (marine propellors), जिन्हें अनौपचारिक भाषा में स्क्रू (screw, अर्थ: पेच) भी कहते हैं, ऐसे पंखेनुमा यंत्र होते हैं जिनसे समुद्री जहाज़ों और नौकाओं के इंजनों द्वारा उत्पन्न घूर्णन (रोटेशन) का प्रयोग पानी को पीछे की ओर फेंककर नौका को आगे की तरफ़ धकेलने के लिए जाता है। नोदकों का आकार ऐसा होता है कि जब वह घूमते हैं तो उनके आगे और पीछे के पानी के दबावों में अंतर पैदा हो जाता है जिस से पानी तेज़ी से पंखे के पीछे खींचा जाता है। वैज्ञानिक रूप से नोदक के आगे और पीछे के दबाव में अंतर बरनौली सिद्धांत द्वारा समझा जा सकता है।, Ronald R. Pethig, Stewart Smith, pp.

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नोदक (वायुयान)

एटीआर७२ वायुयान के घूमता हुआ नोदक वायुयान के नोदक (aircraft propellors), जिन्हें एयरस्क्रू (airscrew, अर्थ: हवाई पेच) भी कहते हैं, हवाई जहाज़ों पर लगे ऐसे पंखेनुमा यंत्र होते हैं जिनसे विमानों के इंजनों द्वारा उत्पन्न घूर्णन (रोटेशन) का प्रयोग हवा को पीछे की ओर फेंककर विमान को आगे की तरफ़ धकेलने के लिए किया जाता है। बीते दिनों में हवाई नोदकों को लकड़ी से बनाया जाता था और बाद में इन्हें धातु से बनाया जाने लगा। आधुनिक युग में यह मिश्रित पदार्थों से बनते हैं। नोदकों के पंखों का रुझाव (pitch) एक महत्वपूर्ण पहलु होता है और हवा उसी के अनुसार विमान को आगे की तरफ़ धकेलती है। अच्छे नोदकों के पंखे मुड़े हुए होते हैं, क्योंकि सर्वाधिक धक्का प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि हवा-बहाव की दिशा के साथ उनका कोण (ऐंगल) नोदक के केंद्र में अलग और पंखों के अंत में अलग हो। वैज्ञानिक अध्ययन की दृष्टि से नोदकों के ऊपर से होते वायु प्रवाह और विमान के पंख के ऊपर से होते प्रवाह में बहुत सामानताएँ हैं।, Scott A. Ostrow, pp.

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प्रणोदन

प्रणोदन (propulsion) किसी वस्तु को गति देने के लिये लगाये गये बल का उत्पादन करने के साधन को कहते हैं। किसी भी प्रणोदन प्रणाली (propulsion system) में यांत्रिक शक्ति (mechanical power) बनाने का स्रोत और फिर इस शक्ति को धकेलने के लिए बल में परिवर्तित करने का कोई प्रणोदक (propulsor) आवश्यक होता है। प्रौद्योगिक प्रणालियों में यांत्रिक शक्ति स्रोत को अक्सर इंजन (engine) या मोटर (motor) कहा जाता है। फिर इस शक्ति को पहियों व धुरी, नोदक या तेज़ी से पीछे की ओर गैस या अन्य सामग्री फेंकने वाले राकेट द्वारा धकेलने के बल में परिवर्तित कर के गति प्राप्त की जाती है। जैविक प्रणोदन प्रणालियों में कोई प्राणी अपनी मांसपेशियों को शक्ति स्रोत और पंखों, फ़िनों या टांगों को प्रणोदक बनाता है। .

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प्रोपेलर (बहुविकल्पी)

प्रोपेलर नाम के कई सम्भव अर्थ हो सकते हैं.

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मैग्लेव ट्रेन

नवम्बर 2005 में जापान के यामानाशी के परीक्षण ट्रैक पर जेआर-मैग्लेव. 581 किमी प्रति घंटा.गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्राधिकरण. जर्मनी में एम्सलैंड परीक्षण केंद्र में ट्रांसरैपिड 09 मैग्लेव, या चुंबकीय प्रोत्थापन या आकाशगामिता, एक परिवहन प्रणाली है जो उत्तोलन एवं प्रणोदन के लिए बहुत बड़े पैमाने पर चुम्बकों की चुम्बकीय उत्तोलन शक्ति का इस्तेमाल करके वाहनों, मुख्य रूप से ट्रेनों, को बिना जमीन छुए नियंत्रित और आगे बढ़ाने का काम करती है। इस विधि में पहिया युक्त सामूहिक पारगमन प्रणालियों की अपेक्षा अधिक तेज, शांत और चिकनी होने की क्षमता है। आम तौर पर उत्तोलन के लिए आवश्यक शक्ति का प्रतिशत खास तौर पर समग्र खपत के प्रतिशत से अधिक नहीं होता है; अन्य किसी भी द्रुत गति वाले ट्रेन की तरह घर्षण पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए इस प्रयुक्त शक्ति में से अधिकांश शक्ति की जरूरत पड़ती है। अभी तक मैग्लेव ट्रेन की उच्चतम गति दर्ज की गई है। इस कीर्तिमान को वर्ष 2003 में जापान में स्थापित किया गया था, जो पारंपरिक टीजीवी (TGV) की दर्ज की गई गति से अधिक तेज थी। प्रथम वाणिज्यिक मैग्लेव "लोक-परिवाहक" को आधिकारिक तौर पर वर्ष 1984 में इंग्लैण्ड के बर्मिंघम में चालू किया गया था। इसे बर्मिंघम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और बर्मिघम अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन के बीच, की गति से, मोनोरेल ट्रैक के एक उन्नत सेक्शन पर चलाया गया था। विश्वसनीयता और डिज़ाइन समस्याओं की वजह से इस प्रणाली को अंत में वर्ष 1995 में बंद कर दिया गया। शायद वर्तमान में वाणिज्यिक तौर पर संचालित होने वाली द्रुत-गति मैग्लेव प्रौद्योगिकी का सबसे जाना माना कार्यान्वयन चीन के शंघाई में चलने वाले जर्मन-निर्मित ट्रांसरैपिड ट्रेन की आईओएस (IOS अर्थात् इनिशियल ऑपरेटिंग सेगमेंट या आरंभिक प्रचालन खंड) प्रदर्शन लाइन है जो अधिकतम और औसतन की गति से केवल 7 मिनट 20 सेकण्ड में लोगों को एयरपोर्ट तक 30 किमी (18.6 मील) का सफ़र तय कराता है। .

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मोरेन सौल्निएर एल

एक जेर्मन वायु सेना का पकड़ा गया मोरेन सौल्निएर एल मोरेन सौल्निएर एल एक फ्रेंच छत्र पंख, एक या दो सीट वाला प्रथम विश्व युद्ध का लड़ाकू विमान था। जब इनमे एकल मशीन गन लगाईं गयी जो की प्रोपेल्लर के चाप के माध्यम से गोलिया दागती थी, एल प्रकार के विमान कुछ पहले सफल लड़ाकू विमानों में शामिल हो गए। अपनी इस प्रभाव के वजह से इसने लड़ाकू विमानों के विकास में हथियारों की दौड़ शुरू कर दी और इस प्रकार एल तेजी से अप्रचलित भी हो गया क्यों की इससे उन्नत विमान पहले से भी तेजी से आने लगे.

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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राइट बंधु

राइट बंधु (अंग्रेजी: Wright brothers), ऑरविल (अंग्रेजी: Orville, १९ अगस्त, १८७१ – ३० जनवरी १९४८) और विलबर (अंग्रेजी: Wilbur, १६ अप्रैल, १८६७ – ३० मई, १९१२), दो अमरीकन बंधु थे जिन्हें हवाई जहाज का आविष्कारक माना जाता है। बीबीसी न्यूज़, मार्च १९, १९९९। अभिगमन तिथि: १७ जुलाई २००९ इन्होंने १७ दिसंबर १९०३ को संसार की सबसे पहली सफल मानवीय हवाई उड़ान भरी जिसमें हवा से भारी विमान को नियंत्रित रूप से निर्धारित समय तक संचालित किया गया। इसके बाद के दो वर्षों में अनेक प्रयोगों के बाद इन्होंने विश्व का प्रथम उपयोगी दृढ़-पक्षी विमान तैयार किया। ये प्रायोगिक विमान बनाने और उड़ाने वाले पहले आविष्कारक तो नहीं थे, लेकिन इन्होंने हवाई जहाज को नियंत्रित करने की जो विधियाँ खोजीं, उनके बिना आज का वायुयान संभव नहीं था। इस आविष्कार के लिए आवश्यक यांत्रिक कौशल इन्हें कई वर्षों तक प्रिंटिंग प्रेस, बाइसिकल, मोटर और अन्य कई मशीनों के साथ काम करते करते मिला। बाइसिकल के साथ काम करते करते इन्हें विश्वास हो गया कि वायुयान जैसे असंतुलित वाहन को भी अभ्यास के साथ संतुलित और नियंत्रित किया जा सकता है। १९०० से १९०३ तक इन्होंने ग्लाइडरों पर बहुत प्रयोग किये जिससे इनका पायलट कौशल विकसित हुआ। इनके बाइसिकल की दुकान के कर्मचारी चार्ली टेलर ने भी इनके साथ बहुत काम किया और इनके पहले यान का इंजन बनाया। जहाँ अन्य आविष्कारक इंजन की शक्ति बढ़ाने पर लगे रहे, वहीं राइट बंधुओं ने आरंभ से ही नियंत्रण का सूत्र खोजने पर अपना ध्यान लगाया। इन्होंने वायु-सुरंग में बहुत से प्रयोग किए और सावधानी से जानकारी एकत्रित की, जिसका प्रयोग कर इन्होंने पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली पंख और प्रोपेलर खोजे। इनके पेटेंट (अमरीकन पेटेंट सं. ८२१, ३९३) में दावा किया गया है कि इन्होंने वायुगतिकीय नियंत्रण की नई प्रणाली विकसित की है जो विमान की सतहों में बदलाव करती है। अनेक अन्य आविष्कारकों ने भी हवाई जहाज के आविष्कार का दावा किया है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि राइट बंधुओं की सबसे बड़ी उपलब्धि थी तीन-ध्रुवीय नियंत्रण का आविष्कार, जिसकी सहायता से ही पायलट विमान को संतुलित रख सकता है और दिशा-परिवर्तन कर सकता है। नियंत्रण का यह तरीका सभी विमानों के लिये मानक बन गया और आज भी सब तरह के दृढ़-पक्षी विमानों के लिए यही तरीका उपयुक्त होता है। .

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सीई-२०

सीई-२० का मॉडल सीई-२० (CE-20) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की 'लिक्विड प्रोपल्सन सिस्टम सेन्टर' नामक इकाई द्वारा विकसित किया जा रहा क्रायोजेनिक इंजन है। इसका विकास जीएसएलवी तृतीय (GSLV III) के ऊपरी चरण को शक्ति प्रदान करने के लिये किया जा रहा है। .

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जल चक्की

तरह की टरबाइन जल चक्कियों को कृषि के लिए प्रयोग में लाते थे। इस तरह टरबाइन वाटर व्हील की प्राकृतिक रूप से विकसित तकनीक है। हालांकि, जब तक औद्योगिक क्रांति नहीं हुई थी, तब तक आधुनिक टरबाइन का विकास नहीं हुआ था। ऐतिहासिक तौर पर देखें तो 19वीं सदी में यह बड़ी-बड़ी फैक्टरियों में इस्तेमाल होता था। लेकिन, जब बिजली की उत्पत्ति हुई तब से कारखानों में जेनरेटर का इस्तेमाल होने लगा.

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जलयान

न्यूयॉर्क पत्तन पर इटली का जलयान ''' अमेरिगो वेस्पुक्की''' (१९७६) जलयान या पानी का जहाज (ship), पानी पर तैरते हुए गति करने में सक्षम एक बहुत बडा डिब्बा होता है। जलयान, नाव (बोट) से इस मामले में भिन्न भिन्न है कि जलयान, नाव की तुलना में बहुत बडे होते हैं। जलयान झीलों, समुद्रों एवं नदियों में चलते हैं। इन्हें अनेक प्रकार से उपयोग में लाया जाता है; जैसे - लोगों को लाने-लेजाने के लिये, सामान ढोने के लिये, मछली पकडने के लिये, मनोरंजन के लिये, तटों की देखरेख एवं सुरक्षा के लिये तथा युद्ध के लिये। जहाज समुद्र के आवागमन तथा दूर देशों की यात्रा के लिये जिन बृहद् नौकाओं का उपयोग प्राचीनकाल से होता आया है उन्हें जहाज कहते है। पहले जहाज अपेक्षाकृत छोटे होते थे तथा लकड़ी के बनते थे। प्राविधिक तथा वैज्ञानिक उन्नति के आधुनिक काल में बहुत बड़े, मुख्यत: लोहे से बने तथा इंजनों से चलनेवाले जहाज बनते हैं। .

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जैकूज़ी

जैकूज़ी वर्लपूल बाथटब और स्पा का उत्पादन करने वाली कंपनी है। इसका सबसे पहला उत्पाद मैसेजिंग जेट वाला बाथ था। किसी पानी का जेट को दर्शाने के लिए जैकूज़ी ट्रेडमार्क नाम का प्रयोग बिल्कुल आम बात है और इस प्रकार से जेनेरिसाइज्ड ट्रेडमार्क माना जा सकता है। कंपनी ने यह विज्ञापन करके केवल इस बात का सामने लाने का प्रयास किया है कि उनके टब "जैकूज़ी हैं और अन्यों के हॉट टब मात्र हैं।" .

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क्रायोजेनिक इंजन-20

क्रायोजेनिक इंजन-२० (Cryogenic engine-20 या CE-20) भारत का दूसरा क्रायोजेनिक इंजन है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जीएसएलवी मार्क-3 के ऊपरी चरण के लिए विकसित किया गया है।.

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नोदक (बहुविकल्पी), प्रोपेलर, प्रोपेल्लर

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