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नेपालभाषा

सूची नेपालभाषा

नेपालभाषा, नेपाली भाषा से भिन्न भाषा है; इनमें भ्रमित न हों। ---- नेपाल भाषा ('नेवारी' अथवा 'नेपाल भाय्') नेपाल की एक प्रमुख भाषा है। यह भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार के अन्तर्गत तिब्बती-बर्मेली समूह मे संयोजित है। यह देवनागरी लिपि मे भी लिखी जाने वाली एक मात्र चीनी-तिब्बती भाषा है। यह भाषा दक्षिण एशिया की सबसे प्राचीन इतिहास वाली तिब्बती-बर्मेली भाषा है और तिब्बती बर्मेली भाषा में चौथी सबसे प्राचीन काल से उपयोग में लाई जाने वाली भाषा। यह भाषा १४वीं शताब्दी से लेकर १८वीं शताब्दी के अन्त तक नेपाल की प्रशासनिक भाषा थी। .

29 संबंधों: तारा देवी तुलाधर, थांका चित्रकला, थौंकन्हे (पत्रिका), देवनागरी, निष्ठानन्द बज्राचार्य, नेपाल भाषा विकिपीडिया, नेपाल का साहित्य, नेपालभाषा साहित्य, नेपालभाषा का प्राचीन वाङ्मय काल, नेपाली (बहुविकल्पी), नेपाली भाषाएँ एवं साहित्य, नेवारी, बागमती, भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत की भाषाएँ, भुजिमोल लिपि, मल्ल राजवंश, योगवीरसिं कसाः, रंजना लिपि, ललितपुर, नेपाल, सरस्वती भवन पुस्तकालय, सिद्धिदास महाजु, सिक्किम, हिप्पी, जगतसुन्दर मल्ल, विभिन्न भाषाओं में रामायण, काठमाण्डु, काठमांडू उपत्यका, कीर्तिपुर

तारा देवी तुलाधर

तारा देवी एक नर्स के रूप में 1961 में. ज़नाना मठ धर्मकृति विहार  काठमांडू. तारा देवी तुलाधर  (21 मई 1931 – 27 जुलाई 2012)  नेपाल की पहली महिला रक्त दाता और एक सामाजिक कार्यकर्ता थी  जिसने  समाज की सेवा के लिए अपना जीवन  समर्पित कर दिया। .

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थांका चित्रकला

थांका चित्रकला(नेपाल भाषा: पौभा किपा) भारतीय, नेपाली तथा तिब्बती संस्कृति की अनुकाम मिसाल है। इस के माध्यम से तिब्बती धर्म, संस्कृति एवं दार्शनिक मूल्यों को अभिव्यक्त किया जाता रहा है। इस का निर्माण सामान्यत: सूती वस्त्र के धुले हुए काटल कार किया जाता है। .

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थौंकन्हे (पत्रिका)

थौंकन्हे का मई १९५१ में छपा सर्वप्रथम अंक थौंकन्हे नेपाल में छपने वाली नेपालभाषा की एक पत्रिका है। इसका प्रकाशन २१ मई १९५१ को आरम्भ हुआ। हालांकि कोलकाता, भारत से १९२५ में 'बुद्ध धर्म व नॆपाल भाषा' नामक नेपालभाषाई पत्रिका छपनी शुरु हो गई थी, थौंकन्हे नेपाल में प्रकाशित होने वाली पहली नेपालभाषाई पत्रिका मानी जाती है। बीच में यह १९५७ से लेकर १९९२ के लम्बे अरसे के लिये प्रकाशित होनी बंद हो गई थी लेकिन १९९२ में इसकी छपाई फिर से आरम्भ हो गई। .

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देवनागरी

'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .

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निष्ठानन्द बज्राचार्य

निष्ठानन्द बज्राचार्य (नेपालभाषा मै पदवी: गद्यगुरु पण्डित निष्ठानन्द बज्राचार्य) नेपालभाषा पुनर्जागरण काल के एक महारथी थे। इन को नेपालभाषा के पुनर्जागरण के चार स्तम्भ मै एक भी कहा जाता है। नेपालभाषा मै सबसे पहले थासा अक्षर मै पुस्तक छपानेका श्रेय इन को जाता है। इन्हौंने ने.सं. १०२९मै प्रज्ञापारमिता पुस्तक छपाया था जो नेपालभाषा का सबसे पहले छापी गयी पुस्तक है। .

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नेपाल भाषा विकिपीडिया

नेपाल भाषा विकिपीडिया विकिपीडिया का नेपाल भाषा का अवतरण है। ६ जून, २००९ तक इस विकिपीडिया पर लेखों की संख्या ७०,०००+ और सदस्य संख्या ३,०००+ है जिनमें से १ संपादक है। यह विकिपीडिया का ३८वां सबसे बड़ा संस्करण है। .

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नेपाल का साहित्य

नेपाल का साहित्य नेपाल का विभिन्न भाषाऔं में लिखा हुआ साहित्य है। इन साहित्यौं में संस्कृत, पाळि, नेपालभाषा, मैथिली, नेपाली, भोजपुरी, तिब्बती आदि भाषायें प्रमुख है। नेपालभाषा ही एक ऐसी भाषा है जिसका प्रयोजन् नेपाल के साहित्य के सभी युगों में हुआ है। .

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नेपालभाषा साहित्य

नेपालभाषा मै लिखी गयी साहित्य को नेपालभाषा साहित्य कहते है। चिनी-तिब्बती भाषा परिवार मै चिनिया, तिब्बती, बर्मेली के बाद सबसे पुराना साहित्यिक इतिहास होने वाला भाषा नेपालभाषा है। .

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नेपालभाषा का प्राचीन वाङ्मय काल

लिखित नेपालभाषा का प्रथम काल प्राचीन वाङ्मय काल है। यह नेपालभाषा का वह काल है जिसमें नेपालभाषा में लिखित परम्परा का विकास हो चुका था, परन्तु साहित्य का निर्माण नहीं हुआ था। नेपालभाषा के बहुत सारे प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थ प्राकृतिक व मानवीय का‍रण से नष्ट होने का कारण दर्शाते हुए कुछ विज्ञ इस काल का अस्तित्त्व पर प्रश्न करते है। परन्तु, उपलब्ध ग्रन्थ, शिलालेख, ताम्रपत्र, ताडपत्र आदि के आधार पर इस युग को मूलप्रवाह भाषाविद नेपालभाषा के इतिहास का एक हिस्सा मानते है। इस काल व इसके उपकालौं का समयावधि (शुरुवात व अन्त्य) विभिन्न समय पर मिल रहा विभिन्न दस्ताबेज के साथ परिवर्तनशील है। अभी के तथ्य अनुसार, इस काल का शुरुवात ९वीं शताब्दी में और अन्त्य नेपालभाषा के प्रथम साहित्यिक ग्रन्थ तन्त्रख्यान के लिखने के साथ सन १५१८ में हुआ था। .

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नेपाली (बहुविकल्पी)

नेपाली शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं:-.

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नेपाली भाषाएँ एवं साहित्य

नेपाल में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, जैसे किराँती, गुरुंग, तामंग, मगर, नेवारी, गोरखाली आदि। काठमांडो उपत्यका में सदा से बसी हुई नेवार जाति, जो प्रागैतिहासिक गंधर्वों और प्राचीन युग के लिच्छवियों की आधुनिक प्रतिनिधि मानी जा सकती है, अपनी भाषा को नेपाल भाषा कहती रही है जिसे बोलनेबालों की संख्या उपत्यका में लगभग 65 प्रतिशत है। नेपाली, तथा अंग्रेजी भाषाओं में प्रकाशित समाचार पत्रों के ही समान नेवारी भाषा के दैनिक पत्र का भी प्रकाशन होता है, तथापि आज नेपाल की सर्वमान्य राष्ट्रभाषा नेपाली ही है जिसे पहले परवतिया "गोरखाली" या खस-कुरा (खस (संस्कृत: कश्यप; कुराउ, संस्कृत: काकली) भी कहते थे। .

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नेवारी

नेवार समुदायसे जुदे हुए सभी चीजको नेवारी कहते हे| नेपाल भाषा को भी कुछ लोग नेवारी कहते है|.

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बागमती

बागमती (नेपाल भाषा:बागमती खुसी, बागमती नदी) नेपाल और भारत की एक बहुत महत्त्वपूर्ण नदी है। इस नदी के तट पर काठमांडू अवस्थित है। नेपाल का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल पशुपतिनाथ मंदिर भी इसी नदी के तट पर अवस्थित है। इस नदी का उद्गम स्थान बागद्वार है। काटमाण्डौ के टेकु दोभान मैं विष्णुमति नदी इसमें समाहित होती है। नेपाली सभ्यता में इस नदी का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस नदी के किनारे में अवस्थित आर्य घाटौं पर राजा से लेकर रंक तक सभी का अन्तिम संस्कार किया जाता है। .

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भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

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भारत की भाषाएँ

भारत बहुत सारी भाषाओं का देश है, लेकिन सरकारी कामकाज में व्यवहार में लायी जाने वाली दो भाषायें हैं, हिन्दी और अंग्रेज़ी। वृहद भारत के भाषा परिवार .

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भुजिमोल लिपि

'''भुजिमोल लिपि''' में तालपत्र पर लिखी देवीमाहात्म्य की पाण्डुलिपि भुजिलिपि एवं नेपाल की अन्य लिपियों की तुलना नेपाल की लिपि के सबसे प्राचीन रूप का नाम भुजिमोल या भुजिंमोल है। इसका उपयोग नेपाल भाषा एवं संस्कृत लिखने के लिये होता रहा है। श्रेणी:लिपि.

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मल्ल राजवंश

काठमाण्डू (कान्तिपुर) का पुराना शाही महल मल्ल वंश के शासकों ने १२वीं शताब्दी से १८वीं शताब्दी तक नेपाल में शासन किया। मल्ल क्षत्रिय है। संस्कृत में 'मल्ल' शब्द का अर्थ 'योद्धा' होता है। मल्ल वंश का शासन लगभग १२०० ई के आसपास काठमांडू उपत्यका में आरम्भ हुआ। उन्होने लगभग ५५० वर्षों तक नेपाल में शासन किया। उनका शासन नेपाल का स्वर्णयुग माना जाता है। मल्ल राजाओं के शासनकाल में ही काठमाण्डू घाटी और उसके आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग 'नेवारी' (नेपाल भाषा में 'नेवामी') कहलाये। पाटन (ललितपुर) के मन्दिर और राजमहल .

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योगवीरसिं कसाः

योगवीरसिं कसाः नेपालभाषा पुनर्जागरण के एक कवि थे। इन्हौंने नेपालभाषा मैं शिक्षा और महिलाऔं को शिक्षित करने के लिए योगदान दिया। .

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रंजना लिपि

रंजना लिपि ११वीं शती में ब्राह्मी से व्युत्पन्न एक लिपि है। यह मुख्यतः नेपाल भाषा लिखने के लिए प्रयुक्त होती है किन्तु भारत, तिब्बत, चीन, मंगोलिया और जापान के मठों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। यह प्रायः बाएँ से दाएँ लिखी जाती है किन्तु 'कूटाक्षर प्रारूप' के लिये ऊपर से नीचे लिखी जाती है। यह मानक नेपाली की कैलिग्राफिक लिपि मानी जाती है। .

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ललितपुर, नेपाल

ललितपुर, नेपालललितपुर वा पाटन (नेपाल भाषा:यल) नेपाल का एक प्रमुख नगर है। यह काठमाडौं उपत्यका के ललितपुर जिले में स्थित एक उप-महानगरपालिका है। पाटन यहाँ की सांस्कृतिक सम्पदा के लिए प्रसिद्ध है। .

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सरस्वती भवन पुस्तकालय

सरस्वती भवन पुस्तकालय वाराणसी में स्थित भारत का एक प्रसिद्ध पुस्तकालय है। यह सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में है। यहाँ दुर्लभ पाण्डुलिपियाँ रखी हैं। इस समय यहाँ एक लाख से ज्यादा पांडुलिपियाँ हैं। भारतीय ज्ञान-विज्ञान का अनमोल खजाना संजोने वाली दुर्लभ प्राचीनतम पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए ही सरस्वती भवन की स्थापना की गई थी। .

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सिद्धिदास महाजु

सिद्धिदास महाजु (सिद्धिदास अमात्य) नेपालभाषा के महाकवि है। उन्हे नेपालभाषा पुनर्जागरण का चार स्तम्भ मै एक के रूप मै भी लेते है। नेपालभाषा मै आधुनिक कविता एवम्‌ आधुनिक कथा लेखन के सुरुवात मै इनका बडा हात था। उन्हौंने रामायण को नेपालभाषा मै अनुवाद किया था। .

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सिक्किम

(या, सिखिम) भारत पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक पर्वतीय राज्य है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में नेपाल, उत्तर तथा पूर्व में चीनी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व में भूटान से लगा हुआ है। भारत का पश्चिम बंगाल राज्य इसके दक्षिण में है। अंग्रेजी, नेपाली, लेप्चा, भूटिया, लिंबू तथा हिन्दी आधिकारिक भाषाएँ हैं परन्तु लिखित व्यवहार में अंग्रेजी का ही उपयोग होता है। हिन्दू तथा बज्रयान बौद्ध धर्म सिक्किम के प्रमुख धर्म हैं। गंगटोक राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है। सिक्किम नाम ग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते तथा भारत से विलय के जनमत के कारण १९७५ में एक जनमत-संग्रह के अनुसार भारत में विलीन हो गया। उसी जनमत संग्रह के पश्चात राजतन्त्र का अन्त तथा भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के ढाचें में प्रजातन्त्र का उदय हुआ। सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम तथा क्षेत्रफल गोआ के पश्चात न्यूनतम है। अपने छोटे आकार के बावजूद सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। कंचनजंगा जो कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है, सिक्किम के उत्तरी पश्चिमी भाग में नेपाल की सीमा पर है और इस पर्वत चोटी चको प्रदेश के कई भागो से आसानी से देखा जा सकता है। साफ सुथरा होना, प्राकृतिक सुंदरता पुची एवं राजनीतिक स्थिरता आदि विशेषताओं के कारण सिक्किम भारत में पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है। .

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हिप्पी

वुडस्टाक समारोह में हिप्पी, 1969 हिप्पी उप-संस्कृति मूल रूप से युवाओं का एक आंदोलन था जो 1960 के दशक के मध्य में संयुक्त राज्य अमेरिका में उभरा और बड़ी तेजी से दुनिया के अन्य देशों में फ़ैल गया। 'हिप्पी' शब्द की व्युत्पत्ति हिप्स्टर से हुई है, शुरुआत में इसका इस्तेमाल बीटनिकों (परंपराओं का विरोध करने वाले लोग) को सन्दर्भित करने के लिए किया जाता था जो न्यूयॉर्क शहर के ग्रीनविच विलेज और सैन फ्रांसिस्को के हाईट-ऐशबरी जिले में जाकर बस गए थे। हिप्पी की शुरुआती विचारधारा में बीट पीढ़ी के सांस्कृतिक विरोधी (काउंटरकल्चर) मूल्य शामिल थे। कुछ लोगों ने अपने स्वयं के सामाजिक समूहों और समुदायों का निर्माण किया जो मनोविकृतिकारी रॉक धुनों को सुनते थे, यौन क्रांति को अंगीकार करते थे और चेतना की वैकल्पिक अवस्थाओं को प्राप्त करने के लिए मारिजुआना एवं एलएसडी जैसी नशीली दवाओं का सेवन करते थे। जनवरी 1967 में सैन फ्रांसिस्को के गोल्डन गेट पार्क में ह्यूमन बी-इन ने हिप्पी संस्कृति को लोकप्रियता दिलाई जिसने आगे चलकर संयुक्त राज्य अमेरिका के वेस्ट कोस्ट के अति प्रसिद्ध समर ऑफ लव और ईस्ट कोस्ट में 1969 वुडस्टॉक फेस्टिवल को जन्म दिया। जिपिटेकस के नाम से जाने जानेवाले मेक्सिको के हिप्पियों ने ला ओंडा चिकाना का गठन किया और एवेंडारो में इकट्ठा हुए जबकि न्यूजीलैंड में खानाबदोश हाउसट्रकर्स ने वैकल्पिक जीवनशैली को अपनाया और नाम्बासा में चिरस्थायी ऊर्जा को बढ़ावा दिया। यूनाइटेड किंगडम में न्यू एज ट्रैवलर्स के घुमंतू "शांति रक्षकों" ने स्टोनहेंज के मुफ्त संगीत समारोहों के लिए गर्मियों के तीर्थ स्थानों का निर्माण किया। ऑस्ट्रेलिया में हिप्पी 1973 के एक्वेरियस फेस्टिवल और वार्षिक कैनाबिस लॉ रिफॉर्म रैली या मार्डीग्रास के लिए निम्बिन में एकत्र हुए.

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जगतसुन्दर मल्ल

जगतसुन्दर मल्ल (माष्टर जगतसुन्दर मल्ल) नेपाल भाषा का पुनर्जागरण काल के नेपालभाषा शिक्षा प्रचारक थे। वेह नेपालभाषा पुनर्जागरण के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक है। इन्होने बालबालिकाओं के लिए इसप के कहानियों को नेपालभाषा में अनुवाद करके इसपं दयेकातःगु बाखं नामक पुस्तक प्रकाशित किया। इन्होने भक्तपुर में नेपालभाषा में पठन-पाठन के लिए एक विद्यालय की भी स्थापना की। इनकी मान्यता थी कि बच्चे अपने मातृभाषा में पढें तो ज्ञान आर्जन जल्दी कर सकते है। .

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विभिन्न भाषाओं में रामायण

म्यांमार के रामायण (रामजात्तौ) पर आधारित नृत्य भिन्न-भिन्न प्रकार से गिनने पर रामायण तीन सौ से लेकर एक हजार तक की संख्या में विविध रूपों में मिलती हैं। इनमें से संस्कृत में रचित वाल्मीकि रामायण (आर्ष रामायण) सबसे प्राचीन मानी जाती है। साहित्यिक शोध के क्षेत्र में भगवान राम के बारे में आधिकारिक रूप से जानने का मूल स्रोत महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण है। इस गौरव ग्रंथ के कारण वाल्मीकि दुनिया के आदि कवि माने जाते हैं। श्रीराम-कथा केवल वाल्मीकीय रामायण तक सीमित न रही बल्कि मुनि व्यास रचित महाभारत में भी 'रामोपाख्यान' के रूप में आरण्यकपर्व (वन पर्व) में यह कथा वर्णित हुई है। इसके अतिरिक्त 'द्रोण पर्व' तथा 'शांतिपर्व' में रामकथा के सन्दर्भ उपलब्ध हैं। बौद्ध परंपरा में श्रीराम से संबंधित दशरथ जातक, अनामक जातक तथा दशरथ कथानक नामक तीन जातक कथाएँ उपलब्ध हैं। रामायण से थोड़ा भिन्न होते हुए भी ये ग्रन्थ इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ हैं। जैन साहित्य में राम कथा संबंधी कई ग्रंथ लिखे गये, जिनमें मुख्य हैं- विमलसूरि कृत 'पउमचरियं' (प्राकृत), आचार्य रविषेण कृत 'पद्मपुराण' (संस्कृत), स्वयंभू कृत 'पउमचरिउ' (अपभ्रंश), रामचंद्र चरित्र पुराण तथा गुणभद्र कृत उत्तर पुराण (संस्कृत)। जैन परंपरा के अनुसार राम का मूल नाम 'पद्म' था। अन्य अनेक भारतीय भाषाओं में भी राम कथा लिखी गयीं। हिन्दी में कम से कम 11, मराठी में 8, बाङ्ला में 25, तमिल में 12, तेलुगु में 12 तथा उड़िया में 6 रामायणें मिलती हैं। हिंदी में लिखित गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस ने उत्तर भारत में विशेष स्थान पाया। इसके अतिरिक्त भी संस्कृत,गुजराती, मलयालम, कन्नड, असमिया, उर्दू, अरबी, फारसी आदि भाषाओं में राम कथा लिखी गयी। महाकवि कालिदास, भास, भट्ट, प्रवरसेन, क्षेमेन्द्र, भवभूति, राजशेखर, कुमारदास, विश्वनाथ, सोमदेव, गुणादत्त, नारद, लोमेश, मैथिलीशरण गुप्त, केशवदास, गुरु गोविंद सिंह, समर्थ रामदास, संत तुकडोजी महाराज आदि चार सौ से अधिक कवियों तथा संतों ने अलग-अलग भाषाओं में राम तथा रामायण के दूसरे पात्रों के बारे में काव्यों/कविताओं की रचना की है। धर्मसम्राट स्वामी करपात्री ने 'रामायण मीमांसा' की रचना करके उसमें रामगाथा को एक वैज्ञानिक आयामाधारित विवेचन दिया। वर्तमान में प्रचलित बहुत से राम-कथानकों में आर्ष रामायण, अद्भुत रामायण, कृत्तिवास रामायण, बिलंका रामायण, मैथिल रामायण, सर्वार्थ रामायण, तत्वार्थ रामायण, प्रेम रामायण, संजीवनी रामायण, उत्तर रामचरितम्, रघुवंशम्, प्रतिमानाटकम्, कम्ब रामायण, भुशुण्डि रामायण, अध्यात्म रामायण, राधेश्याम रामायण, श्रीराघवेंद्रचरितम्, मन्त्र रामायण, योगवाशिष्ठ रामायण, हनुमन्नाटकम्, आनंद रामायण, अभिषेकनाटकम्, जानकीहरणम् आदि मुख्य हैं। विदेशों में भी तिब्बती रामायण, पूर्वी तुर्किस्तानकी खोतानीरामायण, इंडोनेशिया की ककबिनरामायण, जावा का सेरतराम, सैरीराम, रामकेलिंग, पातानीरामकथा, इण्डोचायनाकी रामकेर्ति (रामकीर्ति), खमैररामायण, बर्मा (म्यांम्मार) की यूतोकी रामयागन, थाईलैंड की रामकियेनआदि रामचरित्र का बखूबी बखान करती है। इसके अलावा विद्वानों का ऐसा भी मानना है कि ग्रीस के कवि होमर का प्राचीन काव्य इलियड, रोम के कवि नोनस की कृति डायोनीशिया तथा रामायण की कथा में अद्भुत समानता है। विश्व साहित्य में इतने विशाल एवं विस्तृत रूप से विभिन्न देशों में विभिन्न कवियों/लेखकों द्वारा राम के अलावा किसी और चरित्र का इतनी श्रद्धा से वर्णन न किया गया। .

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काठमाण्डु

काठमांडू (नेपालभाषा:येँ देय्, प्राचीन नेपालभाषा:ञे देय्, संस्कृत:कान्तिपुर नगर, नेपाली:काठमाडौँ), नेपाल की राजधानी है। यह नगर, समुद्रतल से 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं, और 50.8 वर्ग किमी में फैला हुआ हैं। काठमांडू नेपाल का सबसे बड़ा शहर है, जहां पर्यटक का सबसे ज्यादा आगमन होता हैं। चार ओर से पहाड़ियों से घिरा काठमांडू उपत्यका के पश्चिमी क्षेत्र में अवस्थित यह नगर, यूनेस्को की विश्‍व धरोहरों में शामिल हैं। यहाँ की रंगीन संस्कृति और परंपराओं के अलावा विशिष्ट शैली में बने शानदार घर सैलानियों को आकर्षिक करते हैं। यहाँ के विश्वप्रसिद्ध मंदिर, पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखते हैं। साथ ही यहां के प्राचीन बाजारों की रौनक भी देखते ही बनती है। .

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काठमांडू उपत्यका

नगरकोट के समीप काठमाण्डू उपत्यका का दृष्य काठमांडू उपत्यका (नेपाली: काठमाडौं उपत्यका, नेपाल भाषा: स्वनिगः / नेपाः गाः), नेपाल में स्थित उपत्यका है जो एशिया के प्राचीन सभ्यताओं के सन्धिबिन्दु पर स्थित है। इसके अन्तर्गत १३० से भी अधिक महत्वपूर्ण स्मारक एवं हिन्दू और बौद्ध तीर्थस्थान हैं। इस उपत्यका में यूनेस्को द्वारा घोषित सात विश्व विरासत स्थल भी हैं। श्रेणी:नेपाल श्रेणी:काठमांडू श्रेणी:नेपाल में विश्व धरोहर स्थल.

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कीर्तिपुर

यह भारत में काठमाण्डौ घाटी के दक्षिण-पश्चिम मै स्थाहिक कीर्तिरपु नगर की तस्वीर है। कीर्तिरपु (नेपाल भाषा:क्यपू) काठमाण्डौ घाटी के दक्षिण-पश्चिम मै अवस्थित एक नगर है। यह नगर काठमाडौं जिला मै अवस्थित है। यह नगर एक पहाड मै बसा हुवा है। यह एक ऐतिहासिक नगर है। यहाँ ऐतिहासिक बाघभैरव मन्दिर है। इस नगर के उत्तर-पूर्व मै घाटी का सबसे बडा जलभण्डार टौदह (झील) अवस्थित है। नेपाल का प्रथम विश्वविद्यालय त्रिभुवन विश्वविद्यालय यही नगर मै अवस्थित है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

नेपाल भाषा, नेवाड़ी

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