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नारा

सूची नारा

नारा, राजनैतिक, वाणिज्यिक, धार्मिक और अन्य संदर्भों में, किसी विचार या उद्देश्य को बारंबार अभिव्यक्त करने के लिए प्रयुक्त एक यादगार आदर्श-वाक्य या सूक्ति है। अंग्रेज़ी में नारे के लिए प्रयुक्त slogan शब्द, स्कॉटिश तथा आयरिश गैलिक sluagh-ghairm (sluagh "सेना", "मेजबान" + gairm "रोना") के अंग्रेज़ीकृत शब्द slogorn से व्युत्पन्न है।मरियम-वेबस्टर (2003), पृ.

25 संबंधों: एडिडास, एलेफ़्थ़ेरिआ इ थ़ानातोस, निम्बी, पार्ले-जी, पाकिस्तान मुर्दाबाद, पाकिस्तान खपे, पाकिस्तान के दूरभाष कोडों की सूची, ब्लूज़, भारत माता की जय, मैरीलिन मैनसन, मूल्य शृंखला, या मुहम्मद, रक्त और लोहा, स्वामी दयानन्द सरस्वती, सूत्रवाक्य, हारा हाची बू, होरेशियो नेलसन, जय हिन्द, जर्मनी, जापान का इतिहास, वेब २.०, कैट स्टीवंस, कीप काम ऐण्ड कैरी ऑन, अच्छे दिन आने वाले हैं, अधिप्रचार

एडिडास

(registered in 1949) | founder .

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एलेफ़्थ़ेरिआ इ थ़ानातोस

यूनानी राष्ट्रध्वज की नौ धारियाँ "एलेफ़्थ़ेरिआ इ थ़ानातोस" के नौ शब्दांशों का प्रतीक हैं एलेफ़्थ़ेरिआ इ थ़ानातोस (यूनानी: Ελευθερία ή θάνατος) यूनान का राष्ट्रीय नारा है, जिसका अर्थ है "आज़ादी या मौत"। यह सबसे पहले 1820 ई॰ के दशक में उस्मानी साम्राज्य के विरुद्ध लड़े गए यूनानी स्वतंत्रता संग्राम में इस्तेमाल होना शुरू हुआ। इस नारे में नौ शब्दांश हैं जिनसे प्रेरित होकर यूनानी ध्वज पर नौ धारियाँ रखी गईं। .

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निम्बी

सैन फ्रैंसिस्को का एक दूकानदार अपनी दूकान के आगे शौचालय बनाने के विरोध में निम्बी (NIMBY) निशान दर्शा रहा है निम्बी (अंग्रेज़ी: NIMBY) एक परिवर्णी शब्द (ऐक्रोनिम) और नारा है जो आम नागरिकों द्वारा ऐसे विकास-कार्यों के विरुद्ध बुलंद किया जाता है जो उनके घरों के पास बन रहे हों और जिनसे उनके जीवन पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में यह परमाणु उर्जा स्टेशनों, हवाई अड्डों, कूड़ा इकठ्ठा करने के केन्द्रों और क़ैदख़ानों के निर्माण के विरुद्ध उठाया जा चूका है। "निम्बी" (NIMBY) का पूरा रूप है "नॉट इन माए बैकयार्ड" (not in my backyard) यानि "मेरे घर के पीछे नहीं"। उदहारण के लिए अगर किसी मोहल्ले के पास कचड़ा इकठ्ठा करने का केंद्र बनाने का प्रस्ताव हो जिस से उस मोहल्ले में बदबू-ही-बदबू रहने के आसार लगें, तो वहाँ के रहने वाले विरोध में निशान लिए धरना दे सकते हैं। ऐसे निशानों को "निम्बी" की श्रेणी का निशान कहा जाता है और यह नेताओं को संकेत होता है के "अगर इतना ही बढ़िया विकासकार्य है तो अपने घर के पास बनाओ, हमारे मोहल्ले में नहीं"। .

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पार्ले-जी

पार्ले ग्लूकोज बिस्कुट पार्ले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित पार्ले-जी या पार्ले ग्लूकोज बिस्कुट भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय बिस्कुटों में से एक थी। पार्ले-जी सबसे पुराने ब्रांड नामों में से एक होने के साथ-साथ भारत में सर्वाधिक बिक्री वाला बिस्कुट ब्रांड भी थी। 30 जुलाई 2016 को इसकी फैक्ट्री को बंद कर दिया गयाl दशकों तक इस उत्पाद का मोम के कागज (वैक्स पेपर) से निर्मित सफ़ेद और पीले रंग का अति लोकप्रिय रैपर इसकी पहचान बना रहा जिस पर एक छोटी लड़की को दिखाया गया था। नकली कंपनियां लगभग समान पैकेज डिजाइन और समान नामों किन्तु निम्न गुणवत्ता वाले उत्पादों को बेचने का प्रयास करती रही हैं। कंपनी का नारा है, जी का मतलब जीनियस (प्रतिभाशाली).

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पाकिस्तान मुर्दाबाद

मुस्लम लीग के लीडर मोहम्मद अली जिन्नाह और पंजाब संघवादी पार्टी के लीडर मलिक ख़िज़र हयात टिवाणा। पाकिस्तान मुर्दाबाद (लातिनी लिपि: Pakistan Murdabad, नस्तालीक़) हिन्दुस्तानी भाषा और एक हद तक पंजाबी भाषा में भारत के बंटवारे और ख़ास कर पंजाब बंटवारे के समय के दौरान लगाया गया एक राजनैतिक नारा है। इसका मतलब है: "पाकिस्तान की मौत हो" या और ज़्यादा उचित "पाकिस्तान का विनाश हो" और इसकी शब्द निरुक्ति फ़ारसी भाषा से है। Quote: Glossary: "Pakistan Murdabad (death to Pakistan), a phrase used by Master Tara Singh and his followers." यह स्लोगन भारत बंटवारे से पहले पाकिस्तान लहर यानि दक्षिण एशिया में एक नये इस्लामी मुल्क की स्थापना करने के लिए आंदोलन के दौरान पहली बार सिक्खों के लीडर मास्टर तारा सिंह द्वारा उच्चारित किया गया था क्योंकि पंजाब क्षेत्र के सिक्ख मुसलमानों की प्रसावित हकूमत के ज़ोरदार ख़िलाफ़ थे। यह मुहम्मद अली जिन्ना के स्लोगन "पाकिस्तान ज़िन्दाबाद" के उलट में लगाया गया था। पिछले कुछ सालों में यह स्लोगन का वर्णन दक्षिण एशियायी साहित्य में मिला जा रहा है, सआदत हसन मंटो, बापसी सिद्धवा और खुशवंत सिंह जैसे हरमन प्यारे लेखक की रचनायों में इस स्लोगन उल्लिखित है। भारत बंटवारे से कुछ ही समय बाद नये मुल्क पाकिस्तान में रैफ़्यूजी कैंपों में फंसे गए लोगों ने नयी पाकिस्तानी हकूमत की नाक़ाबलियत के विरुद्ध अपने ग़ुस्से व्यक्त करने के लिए यह स्लोगन उच्चारित किया था। .

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पाकिस्तान खपे

पाकिस्तान खपे (नस्तालीक़) पंजाबी, सिन्धी और उर्दू भाषाओँ का एक विवादित नारा है। इसका पंजाबी और उर्दू में अर्थ होता है "पाकिस्तान खप जाए (यानि उसका नाश हो)" लेकिन सिन्धी में अर्थ होता है "पाकिस्तान चाहिए (यानि नाश से बचा रहे)।" इसके विपरीत सिन्धी भाषा में "पाकिस्तान न खपे" का मतलब है के "हमें पाकिस्तान नहीं चाहिए।" सिन्धी अलगाववादी अक्सर अपने जलसों में "पाकिस्तान न खपे" के नारे लगते हैं। बेनज़ीर भुट्टो की मौत पर उनकी "पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी" के कार्यकर्ताओं ने "पाकिस्तान न खपे" के राष्ट्र-विरोधी नारे लगाए थे। इस विद्रोही भावना को शांत करने के लिए बेनज़ीर भुट्टो के पति और आगे चलकर पाकिस्तान के बनने वाले राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने "पाकिस्तान खपे" का जवाब दिया। इसपर उनके आलोचकों ने प्रश्न उठाया है के उनका तात्पर्य इस नारे का सिन्धी अर्थ है या पंजाबी। .

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पाकिस्तान के दूरभाष कोडों की सूची

टेलीफ़ोन पाकिस्तान के शहरों और ज़िलों के दूरभाष कोडों की सूची निम्न है। .

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ब्लूज़

ब्लूज़ 19वीं के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका के सुदूर दक्षिण में मूलतः अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय के भीतर आध्यात्मिक, श्रमिक गीत, खेत के सामूहिक गीत, नारे और भजन और तुकांत सरल कथात्मक गाथा-गीतों से तैयार संगीत-रचना और संगीत-शैली है। जैज़, रिदम एंड ब्लूज़ तथा रॉक एंड रोल में सर्वत्र ब्लूज़ की विशेषता है विशिष्ट कॉर्ड स्वरक्रम - सबसे आम है ट्वेल्व-बार ब्लूज़ कॉर्ड स्वरक्रम - और ब्लू नोट्स, मेजर स्केल के सुर के साथ, नोट अर्थपूर्ण प्रयोजनों के लिए गाए या फ़्लैट बजाए या क्रमशः मोड़े (माइनर तीसरे से मेजर तीसरे तक) जाते हैं। ब्लूज़ शैली ब्लूज़-संगीत रचना पर आधारित है, लेकिन इसमें विशिष्ट बोल, बेस लाइन और वाद्य-यंत्र जैसी अन्य विशेषताएं शामिल हैं। ब्लूज़ को 20वीं सदी की विविध अवधियों में कमोबेश लोकप्रिय कंट्री (ग्रामीण) से अर्बन (शहरी) ब्लूज़ तक विविध उप-शैलियों में उप-विभाजित किया जा सकता है। सर्वाधिक ख्यात ब्लूज़ शैलियां हैं डेल्टा, पीडमॉन्ट, जंप और शिकागो ब्लूज़.

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भारत माता की जय

भारत माता की जय भारतीय स्वाधीनता संग्राम के समय सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला नारा था। 'भारत माता' का उल्लेख किरन चन्द्र बन्दोपाध्याय के नाटक में सर्वप्रथम आया था जो की सन् १८७३ में खेला गया था भारत भूमि को जीवन का पालन करने वाली माता के रूप में रूपायित कर उसकी मुक्ति के लिए की गई कोशिशों में उसकी संतानों ने इस नारे का बार बार प्रयोग किया। भारत माता की विजय का उद्घोष करने वाली यह उक्ति स्वाधीनता संग्राम के सिपाहियों में नए उत्साह का संचार करती थी। आज भी इस नारे का प्रयोग राष्ट्रप्रेम या राष्ट्र निर्माण से जुड़े अवसरों, कार्यक्रमों एवं आंदोलनों में किया जाता है। .

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मैरीलिन मैनसन

मैरीलिन मैनसन (पैदायशी नाम ब्रायन ह्यू वॉर्नर; जन्म 5 जनवरी 1969) एक अमेरिकी संगीतकार और कलाकार हैं जो कि अपने विवादास्पद स्टेज छवि और 'इपौनिमस' (विशिष्ट व्यक्ति विषयक) बैंड मैरीलिन मैनसन के मुख्य गायक के रूप में जाने जाते हैं। उनका स्टेज नाम अभिनेत्री मैरीलिन मनरो और अभिशस्त हत्यारे चार्ल्स मैनसन के नाम पर रखा गया था। बच्चों पर एक बुरे प्रभाव के रूप में मीडिया में दर्शाए जा रहे उनके चिरकालिक विरासत, इसके साथ-साथ उनकी प्रकटनीय उपद्रवी अंदाज़ों जिसके लिए वह मॉडलिंग करते हैं और उनके प्रगीत से जुड़े विवाद, सभी ने उनके अति सुस्पष्ट सार्वजनिक आकर्षण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। .

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मूल्य शृंखला

लोकप्रिय मानसदर्शन मूल्य शृंखला अथवा मूल्य शृंखला विश्लेषण (वैल्यू चेन) व्यवसाय प्रबंधन से एक अवधारणा है जो सबसे पहले 1985 में माइकल पोर्टर द्वारा उनकी सर्वश्रेष्ठ-विक्रयी, कोम्पीटिटिव एडवेंटेज: क्रिएटिंग एंड ससटेनिंग सुपीरिअर परफोर्मैंस में वर्णित और प्रचलित की गई। .

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या मुहम्मद

या मुहम्मद, या अली, या अली मदद, या हुसैन और या रसूल धार्मिक नारे हैं जो इस्लाम के अनुयायी इश्वर से शक्ति या सहायता मांगने के लिए कहते हैं। अक्सर यह किसी जोखिम वाले या कठिन काम करने से बिलकुल पहले कहे जाते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत से ग़ैर-मुस्लिम लोग, जैसे की हिन्दू, भी कभी-कभी "या ख़ुदा" जैसे किसी विशेष धर्म से सम्बन्ध न रखे वाले नारों का प्रयोग करते हैं। .

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रक्त और लोहा

"ख़ून और लोहा" बिस्मार्क के एक भाषण का शीर्षक था और आगे जाकर "बल और साहस" के लिए एक नारा बन गया रक्त और लोहा सन् 1862 में जर्मन नेता बिस्मार्क द्वारा दिए गए एक भाषण का शीर्षक था जो आगे चलकर एक नारा बन गया। जर्मन में इसका मूल रूप "ब्लूट उन्ट आइज़ॅन" (Blut und Eisen) था, जिसका अंग्रेजी में अनुवादित रूप "ब्लड ऐण्ड आयरन" (Blood and Iron) है। यह भाषण बिस्मार्क ने जर्मनी के भिन्न राज्यों को इकठ्ठा गूंथकर एक राष्ट्र बनाने के विचार को आगे बढ़ाने के लिए दिया था। इस ख़िताब से वह अपने राज्य प्रुशिया को इस अभियान में नेतृत्व के लिए उकसाना चाहते थे। उनका कहना था के यह ध्येय उदारता के सिद्धांतों को अपनाने से नहीं बल्कि बल और साहस दिखने से प्राप्त होगा। उनके भाषण के अंतिम वाक्य थे - .

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स्वामी दयानन्द सरस्वती

स्वामी दयानन्द सरस्वती महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती (१८२४-१८८३) आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक व देशभक्त थे। उनका बचपन का नाम 'मूलशंकर' था। उन्होंने ने 1874 में एक महान आर्य सुधारक संगठन - आर्य समाज की स्थापना की। वे एक संन्यासी तथा एक महान चिंतक थे। उन्होंने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना। स्वामीजी ने कर्म सिद्धान्त, पुनर्जन्म, ब्रह्मचर्य तथा सन्यास को अपने दर्शन के चार स्तम्भ बनाया। उन्होने ही सबसे पहले १८७६ में 'स्वराज्य' का नारा दिया जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया। स्वामी दयानन्द के विचारों से प्रभावित महापुरुषों की संख्या असंख्य है, इनमें प्रमुख नाम हैं- मादाम भिकाजी कामा, पण्डित लेखराम आर्य, स्वामी श्रद्धानन्द, पण्डित गुरुदत्त विद्यार्थी, श्यामजी कृष्ण वर्मा, विनायक दामोदर सावरकर, लाला हरदयाल, मदनलाल ढींगरा, राम प्रसाद 'बिस्मिल', महादेव गोविंद रानडे, महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय इत्यादि। स्वामी दयानन्द के प्रमुख अनुयायियों में लाला हंसराज ने १८८६ में लाहौर में 'दयानन्द एंग्लो वैदिक कॉलेज' की स्थापना की तथा स्वामी श्रद्धानन्द ने १९०१ में हरिद्वार के निकट कांगड़ी में गुरुकुल की स्थापना की। .

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सूत्रवाक्य

"मैं वापस आऊँगा" ("आई'ल बी बैक") हालीवुड अभिनेता अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर का तकिया कलाम था जिसे कहकर वह अपनी फ़िल्मों में खलनायकों को धमकाते थे सूत्रवाक्य या तकिया कलाम एक ऐसे वाक्य या वाक्यांश को बोलते हैं जो बार-बार किसी व्यक्ति या चीज़ के सन्दर्भ में सुने जाने से लोक संस्कृति में पहचाना जाने लगता है। दूसरे शब्दों में यह केवल एक वाक्य न रह के एक सूत्र बन गया हो। मसलन, "कुत्ते-कमीने, मैं तेरा ख़ून पी जाऊँगा" हिन्दी फिल्म अभिनेता धर्मेन्द्र का तकिया कलाम माना जाता है। सूत्रवाक्य और नारों में एक समानता यह है के दोनों के शब्दों को बहुत से लोग पहचानते हैं, लेकिन एक अंतर यह है के नारों का मक़सद लोगों को किसी कार्य को करने के लिए उत्तेजित करना होता है जबकि यह किसी तकिया कलाम के साथ ज़रूरी नहीं है। इंदिरा गांधी का "ग़रीबी हटाओ" नारा भी था और उनका तकिया कलाम भी था। .

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हारा हाची बू

हारा हाची बू (腹八分) एक जापानी कहावत और नारा है जिसका अर्थ है "दस में से आठ भाग भरना"। यह जापान के कई क्षेत्रों में, विशेषकर ओकिनावा, में खाना खाने से सम्बंधित एक प्रथा है जिसके अनुसार किसी भी व्यक्ति को भोजन करते हुए केवल उतना ही खाना चाहिए जिसमें उसे लगे के उसका पेट 80% भर चुका है। यानि उतना कभी नहीं खाना चाहिए के पूरी तृप्ति हो जाये। काफ़ी अध्ययन के बाद पाया गया है के ओकिनावा के लोगों में मोटापा, मधुमेह और इनसे सम्बंधित हृदय रोग लगभग न के बराबर देखे जाते हैं। ओकिनावा के 29% लोग 100 साल की उम्र से ज़्यादा जीतें हैं जो पश्चिमी देशों का चार गुना है। इस स्वास्थ्य का श्रेय "हारा हाची बू" और ओकिनावा की अन्य सेहत सुरक्षित रखने वाली प्रथाओं को दिया जाता है। .

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होरेशियो नेलसन

होरेशियो नेलसन ट्रफ़ैलगर की जीत की २००वीं सालगिरह पर समुद्री झंडे नेलसन का प्रसिद्ध कथन संकेत-भाषा में दिखाते हुए: "इंग्लॅण्ड हर आदमी से अपना कर्तव्य पूरा करने की अपेक्षा रखता है" होरेशियो नेलसन (अंग्रेज़ी: Horatio Nelson, जन्म: २९ सितम्बर १७५८, देहांत: २१ अक्टूबर १८०५) (अन्य उच्चारण: होराशियो नेल्सन या होरेटियो नेल्सन) ब्रिटेन की नौसेना के एक प्रसिद्ध सिपहसालार (ऐडमिरल) थे जिन्होनें फ्रांस के सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट के ख़िलाफ़ हुए युद्धों में जीत पाने के लिए बहुत ख्याति प्राप्त करी। उन्हें एक प्रेरणात्मक फ़ौजी नेता के रूप में जाना जाता था और उनकी युद्ध-परिस्थितियों को जल्दी से भांपकर शत्रु को चौंकाने वाली चाल चलने के कौशल के लिए याद किया जाता है। वे बहुत दफ़ा लड़ियों में घायल हुए, जिसमें उन्हें एक बाज़ू और एक आँख भी खोनी पड़ी। नेलसन की बहुत-सी जीतों में से सन् १८०५ के ट्रफ़ैलगर के युद्ध में भारी जीत के लिए श्रेय मिलता है। इसमें उन्होने ब्रिटिश नौसेना के २७ जहाज़ों वाले दस्ते से फ़्रांसिसी-स्पेनी मिश्रित नौसेना के ३३ जहाज़ों वाले बेड़े से मुक़ाबला किया, जिसमें ब्रिटेन का एक भी जहाज़ नहीं डूबा जबकि दुश्मन के २२ जहाज़ ध्वस्त किये गए। इसी मुठभेड़ में उन्हें गहरी चोट लगी जिस से उनका देहांत हो गया। इस विजय की स्मृति में लन्दन के ट्रफ़ैलगर चौक (Trafalgar Square) में नेलसन काॅलम (Nelson's Column) नाम का एक स्तम्भ खड़ा किया गया साथ ही एडिनबर्ग के काॅल्टन पहाड़ी पर नेल्सन माॅन्युमेन्ट(Nelson Monument) नामक एक स्मारक भी खड़ा किया है। .

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जय हिन्द

जय हिन्द" का यादगारी डाक चिह्न सुभाष चन्द्र बोस के भक्त ग्वालियर निवासी रामचन्द्र मोरेश्वर करकरे ने मार्च १९४७ में 'जय हिन्द' नामक देशभक्तिपूर्ण हिन्दी नाटक लिखा। जय हिन्द विशेषरुप से भारत में प्रचलित एक देशभक्तिपूर्ण नारा है जो कि भाषणों में तथा संवाद में भारत के प्रति देशभक्ति प्रकट करने के लिये प्रयोग किया जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ "भारत की विजय" है। यह नारा भारतीय क्रान्तिकारी आबिद हसन सफ़रानी द्वारा दिया गया था । तत्पश्चात यह भारतीयों में प्रचलित हो गया एवं नेता जी सुभाषचन्द्र बोस द्वारा आज़ाद हिन्द फ़ौज के युद्ध घोष के रूप में प्रचलित किया गया। सुभाषचन्द्र बोस के अनुयायी तथा नौजवान स्वतन्त्रता सेनानी ग्वालर (वर्तमान नाम ग्वालियर), मध्य भारत के रामचन्द्र मोरेश्वर करकरे ने तथ्यों पर आधारित एक देशभक्तिपूर्ण नाटक "जय हिन्द" लिखा तथा "जय हिन्द" नामक एक हिन्दी पुस्तक प्रकाशित की। कुछ वर्षों पश्चात रामचन्द्र करकरे केन्द्रीय भारतीय प्रोविंस के काँग्रेस अध्यक्ष बने। उन्होंने प्रसिद्ध क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आजाद के साथ स्वतन्त्रता संग्राम में हिस्सा लिया। .

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जर्मनी

कोई विवरण नहीं।

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जापान का इतिहास

जापान के प्राचीन इतिहास के संबंध में कोई निश्चयात्मक जानकारी नहीं प्राप्त है। जापानी लोककथाओं के अनुसार विश्व के निर्माता ने सूर्य देवी तथा चन्द्र देवी को भी रचा। फिर उसका पोता क्यूशू द्वीप पर आया और बाद में उनकी संतान होंशू द्वीप पर फैल गए। हँलांकि यह लोककथा है पर इसमें कुछ सच्चाई भी नजर आती है। पौराणिक मतानुसार जिम्मू नामक एक सम्राट् ९६० ई. पू.

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वेब २.०

एक टैग क्लाउड (अपने आप में एक विशिष्ट Web 2.0 घटना) द्वारा प्रदर्शित Web 2.0 विषय "Web 2.0" शब्द सामान्यतः ऐसे वेब प्रोग्रामों/एप्लीकेशन्स के लिए प्रयुक्त होता है जो पारस्पारिक क्रियात्मक जानकारी बांटने, सूचनाओं के आदान प्रदान करने, उपयोगकर्ता को ध्यान में रख कर डिज़ाइन बनाने और वर्ल्ड वाइड वेब से जोड़ने की सुविधा प्रदान करते हैं। Web 2.0 के उदाहरणों में वेब आधारित कम्यूनिटी/समुदाय, होस्ट सर्विस, वेब प्रोग्राम, सोशल नेटवर्किंग साइट, वीडियो शेयरिंग साइट, wiki, ब्लॉग, तथा मैशप (दो या अधिक स्त्रोतों से जानकारी एकत्रित करके बनाया गया वेब पेज) व फोक्सोनोमी (टैगिंग) शामिल हैं। एक Web 2.0 साइट अपने उपयोगकर्ताओं को अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ वेबसाइट की सामग्री देखने या बदलने की अनुमति देती है जबकि नॉन-इंटरएक्टिव वेब साइटों के द्वारा उपयोगकर्ता किसी जानकारी को केवल उतना ही देख सकते हैं जितनी जानकारी उन्हें देखने के लिए उपलब्ध कराई जाती है। 2004 में ओ रेली मीडिया Web 2.0 सम्मेलन होने के कारण यह शब्द टिम ओ रेली से जुड़ा हुआ है। हालांकि शब्द से वर्ल्ड वाइड वेब के एक नए संस्करण का पता चलता है, यह किसी तकनीकी विशेषताओं को अपडेट करने का उल्लेख नहीं करता, अपितु एक एंड यूज़र/उपयोगकर्ता और सॉफ्टवेयर डेवलपर द्वारा वेब को प्रयोग करने के तरीकों में आये बदलावों को परिलक्षित करता है। क्या Web 2.0 पहली वेब प्रौद्योगिकियों से गुणात्मक रूप से अलग है - यह चुनौती वर्ल्ड वाइड वेब के आविष्कारक टिम बर्नर्स ली द्वारा दी गयी है जो कि इस शब्द को"शब्दजाल का एक हिस्सा" मानते हैं - क्योंकि उनके अनुसार वेब पहले से ही इन सब विशेषताओं को प्रदर्शित करता है। .

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कैट स्टीवंस

युसुफ इस्लाम (जन्म - स्टीवंस डेमेट्रे जॉर्जियो; 21 जुलाई 1948, लन्दन, इंग्लैण्ड), जिन्हें मूल रूप से और आम तौर पर उनके पूर्व मंच नाम कैट स्टीवंस द्वारा जाना जाता है, एक ब्रिटिश संगीतकार हैं। वह एक गायक-गीतकार, बहु-वाद्ययंत्रवादक, शिक्षक, लोकहितैषी और इस्लाम के प्रमुख नवधर्मी हैं। 1970 के दशक के आरंभिक दौर में रिकॉर्ड किए गए उनके एल्बमों, टी फॉर द टिलरमैन और टीज़र एण्ड द फायरकैट, में से दोनों को संयुक्त राज्य अमेरिका में रिया (RIAA) द्वारा ट्रिपल प्लेटिनम की प्रमाणिकता दी गई थी; उनके 1972 के एल्बम, कैच बुल ऐट फोर के रिलीज़ होने के बाद पहले दो सप्ताह में ही इसकी आधी मिलियन प्रतियां बिक गईं और लगातार तीन सप्ताह तक बिलबोर्ड (Billboard) का नंबर-एक एलपी (LP) बना रहा। उन्होंने "द फर्स्ट कट इज द डीपेस्ट" के लिए लगातार दो वर्षों में दो एस्कैप (ASCAP) साँगराइटिंग अवार्ड भी हासिल किया है, जो चार अलग-अलग कलाकारों का एक हिट एकल है। दिसंबर 1977 में, स्टीवंस जब अपनी प्रसिद्धि के चरम पर थे, तब उन्होंने अपना धर्म बदल कर इस्लाम धर्म के अनुयायी बन गए और इसके अगले वर्ष अपना नाम बदलकर एक मुस्लिम नाम, युसुफ इस्लाम रख लिया। 1979 में, उन्होंने दान-धर्म के उद्देश्य से अपने सभी गिटारों को नीलाम कर दियाइस कहानी को वास्तव में 3 दिसम्बर 2006 को प्रसारित किया गया था। और मुस्लिम समुदाय को अपना शैक्षिक और लोकहितैषी सहयोग प्रदान करने के लिए अपने आपको समर्पित करने के लिए उन्होंने अपना संगीत करियर छोड़ दिया.

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कीप काम ऐण्ड कैरी ऑन

सन् 1939 में जारी किया गया "कीप काम ऐण्ड कैरी ऑन" का एक पोस्टर कीप काम ऐण्ड कैरी ऑन (keep calm and carry on, अर्थ: "शांत रहिये और जारी रखिये") एक प्रसिद्ध ब्रिटिश नारा है जो ब्रिटिश सरकार ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश जनता का हौसला बुलंद रखने के लिए सन् 1939 में बनाया था। इसका प्रयोग कभी भी बड़े पैमाने पर नहीं किया गया था लेकिन सन् 2009 में कुछ कंपनियों ने इसे ढूंढ निकाला और तब से यह ब्रिटिश लोक संस्कृति का हिस्सा बन चुका है। कुछ समाजशास्त्रीयों का कहना है यह इसलिए हुआ है क्योंकि इस नारे का मूल सन्देश कहता है के ब्रिटिश लोग बुरे-से-बुरे वक़्त में ना घबराने वाले लोग हैं और बहुत से ब्रिटिश लोग अपने लिए यह छवि चाहते हैं। .

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अच्छे दिन आने वाले हैं

अच्छे दिन आने वाले हैं भारतीय जनता पार्टी द्वारा २०१४ के लोकसभा चुनावों के दौरान प्रचारित किया गया एक नारा है जो पूरे भारत में बहुत अधिक लोकप्रिय हुआ। प्रवासी भारतीय दिवस के परिचर्चा सत्र को सम्बोधित करते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने प्रवासी भारतीयों से चुनावी प्रक्रिया और देश में हो रही क्रान्ति में हिस्सा लेने को कहा था। मोदी ने काँग्रेस प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह द्वारा की गयी टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए कहा हमारे प्रधानमन्त्री जी ने कल ही कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं, अच्छे दिन जल्द आने वाले हैं। मोदी का संकेत लोकसभा चुनाव के बाद केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व में बनने वाली अपनी सरकार की ओर था। नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के पहले चरण में जनता माफ नहीं करेगी नारे के साथ लोगों की समस्याओं पर ध्यान केन्द्रित किया और अगले चरण में समस्याओं को सुलझाने के लिये ‘'अच्छे दिन आने वाले हैं'’ जैसा क्रान्तिकारी नारा देकर भारतीय राजनीति में इतिहास रच दिया। .

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अधिप्रचार

सैम चाचा के बाहों में बाहें डाले ब्रितानिया: प्रथम विश्वयुद्ध में अमेरिकी-ब्रितानी सन्धि का प्रतीकात्मक चित्रण अधिप्रचार (Propaganda) उन समस्त सूचनाओं को कहते हैं जो कोई व्यक्ति या संस्था किसी बड़े जन समुदाय की राय और व्यवहार को प्रभावित करने के लिये संचारित करती है। सबसे प्रभावी अधिप्रचार वह होता है जिसकी सामग्री प्रायः पूर्णतः सत्य होती है किन्तु उसमें थोडी मात्रा असत्य, अर्धसत्य या तार्किक दोष से पूर्ण कथन की भी हो। अधिप्रचार के बहुत से तरीके हैं। दुष्प्रचार का उद्देश्य सूचना देने के बजाय लोगों के व्यवहार और राय को प्रभावित करना (बदलना) होता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

नारे, नारों

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