लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

नायमन लोग

सूची नायमन लोग

चंगेज़ ख़ान के मंगोल साम्राज्य से पहले १३वीं सदी में यूरेशिया के स्थिति - नायमन (Naiman) राज्य नक़्शे में दिख रहा है नायमन या नायमन तुर्क या नायमन मंगोल (मंगोल: Найман ханлиг, नायमन ख़ानलिग) मध्य एशिया के स्तेपी इलाक़े में बसने वाली एक जाति का मंगोल भाषा में नाम था, जिनके कारा-ख़ितान के साथ सम्बन्ध थे और जो सन् ११७७ तक उनके अधीन रहे। मंगोल नाम होने के बावजूद, नायमानों को एक मंगोल जाति नहीं बल्कि एक तुर्की जाति माना जाता है।, René Grousset, Rutgers University Press, 1970, ISBN 978-0-8135-1304-1,...

4 संबंधों: मंगोल लिपि, ज़ुन्गार लोग, कारा-ख़ितान ख़ानत, काराख़ानी ख़ानत

मंगोल लिपि

मंगोल लिपि में गुयुक ख़ान का सन् १२४६ का राजचिह्न इस सिक्के पर मंगोल लिपि में लिखा है कि यह 'रिन्छिन्दोर्जी ग​एख़ातू ने ख़ागान के नाम पर ज़र्ब किया' मंगोल लिपि (मंगोल: ᠮᠣᠩᠭᠣᠯ ᠪᠢᠴᠢᠭ᠌, सिरिलिक लिपि: Монгол бичиг, मोंगयोल बिचिग), जिसे उईग़ुरजिन भी कहते हैं, मंगोल भाषा को लिखने की सर्वप्रथम लिपि और वर्णमाला थी। यह उईग़ुर भाषा के लिए प्रयोग होने वाली प्राचीन लिपि को लेकर विकसित की गई थी और बहुत अरसे तक मंगोल भाषा लिखने के लिए सब से महत्वपूर्ण लिपि का दर्जा रखती थी।, Urgunge Onon, Brill Archive, 1990, ISBN 978-90-04-09236-5,...

नई!!: नायमन लोग और मंगोल लिपि · और देखें »

ज़ुन्गार लोग

सरल (Saral), जो मान्छु लोगों के चीन और मंगोलिया पर राज करने वाले चिंग राजवंश की फ़ौज में ज़ुन्गार जाति का एक अफसर था ज़ुन्गार (मंगोल: Зүүнгар, कज़ाख़: Жоңғар, अंग्रेज़ी: Dzungar) मंगोल लोगों की ओइरत शाखा की एक उपशाखा का नाम है जिन्होनें १७वीं और १८वीं सदी में अपनी ज़ुन्गार ख़ानत चलाई थी। ऐतिहासिक रूप से वे ओइरत उपजाति के चार प्रमुख क़बीलों में से एक रहे हैं (अन्य तीन तोरग़ुत​, दोरबेत और ख़ोशूत​ हैं)। मंगोल भाषा में 'ज़ुउन्गार' शब्द का मतलब 'बाहिनें हाथ' होता है। आधुनिक युग में ज़ुन्गार लोग मंगोलिया और चीन में रहते हैं और मंगोलिया में उनकी जनसँख्या १५,५२० अनुमानित की गई थी। .

नई!!: नायमन लोग और ज़ुन्गार लोग · और देखें »

कारा-ख़ितान ख़ानत

सन् १२०० में कारा-ख़ितान ख़ानत (हरे रंग में) कारा-ख़ितान ख़ानत (मंगोल: Хар Хятан, ख़ार ख़ितान; चीनी: 西遼, शी लियाओ; अंग्रेजी: Kara-Khitan Khanate), जिसे पश्चिमी लियाओ साम्राज्य भी कहा जाता है, मध्य एशिया में स्थित ख़ितानी लोगों का एक साम्राज्य था जो सन् ११२४ ईसवी से १२१८ ईसवी तक चला। ख़ितानियों का लियाओ राजवंश उत्तरी चीन पर राज करा करता था लेकिन जुरचेन लोगों के आक्रमण से वे पश्चिम की ओर चले गए और वहाँ लियाओ राजघराने के वंशज येलू दाशी (耶律達實, Yelü Dashi) ने कारा-ख़ितान नाम की ख़ानत शुरू करी।, Barbara A. West, Infobase Publishing, 2009, ISBN 978-0-8160-7109-8,...

नई!!: नायमन लोग और कारा-ख़ितान ख़ानत · और देखें »

काराख़ानी ख़ानत

१००० ईसवी में काराख़ानी ख़ानत अर्सलान ख़ान द्वारा ११२७ में आज़ान के लिए बनवाई गई बुख़ारा की कलयन मीनार काराख़ानी ख़ानत (Kara-Khanid Khanate) मध्यकाल में एक तुर्की क़बीलों का परिसंघ था जिन्होंने मध्य एशिया के आमू-पार क्षेत्र और कुछ अन्य भूभाग में ८४० से १२१२ ईसवी तक अपनी ख़ानत (साम्राज्य) चलाई। इसमें कारलूक, यग़मा, चिग़िल​ और कुछ अन्य क़बीले शामिल थे जो पश्चिमी तियान शान और आधुनिक शिनजियांग इलाक़ों के रहने वाले थे। काराख़ानियों ने मध्य एशिया में ईरानी मूल के सामानी साम्राज्य का ख़ात्मा कर दिया और इसके बाद मध्य एशिया में तुर्की-भाषियों का अधिक बोलबाला रहा। काराख़ानी दौर में ही महमूद काश्गरी ने अपनी प्रसिद्ध 'दीवान-उ-लुग़ात​-उत-तुर्क' नामक तुर्की भाषा के कोष की रचना की।, Rafis Abazov, pp.

नई!!: नायमन लोग और काराख़ानी ख़ानत · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

नायमन लोगों

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »