लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

नायनमार

सूची नायनमार

नयनार गुरु ६३ नयनमार सन्तों की मूर्तियाँ हिन्दू धर्म में नयनार भगवान शिव के भक्त सन्त थे। इनका उद्भव मध्यकाल में मुख्यतः दक्षिण भारत के तमिलनाडु में हुआ था। कुल 63 नयनारों ने शैव सिद्धान्तो के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी प्रकार विष्णु के भक्त सन्तों को आलवार कहते हैं। ये सभी नायत्मार मुक्तात्मा माने जाते हैं। इनकी मूर्तियाँ मंदिरों में स्थापित की गई है और इनकी पूजा भगवान के समान ही की जाती है। इन संतों का चरित्र शेक्किषार नामक भक्तकवि के पेरियपुराण में वर्णित है। इन संतों का जीवन तेलुगु में 'शिवभक्त चरितमु' के नाम से प्रकाशित हुआ है। .

69 संबंधों: चंदेश्वर, चेरमन परुमल, एनादिनाथ, एरिपथ, ऐयदिगल कडवर्कों, तिरु नलै पोवार, तिरु नीलकण्ठ यईपनर, तिरु कुरिप थोन्द, तिरुनीलनक, तिरुमुल, थिरु नीलकण्ठ, थिरुनवुकरसर, दान्डि अडिगल, नमि नन्दि अदिगल्, नरसिंह मुनैयार, नायर, निर्म सीर नेदुमर, नेस, परुमिय्यलै कुरुम्ब, पुसलर, पुगल चोल, पुगई तुनै, भारतीय नाम, भक्त कवियों की सूची, भक्ति आन्दोलन, मणकंचर, मनगयकरसिअर, माणिक्कवाचकर, मुदलियार, मुनय्य दुवर, मुरख, मुरुग (नायनमार), मुर्थि नायनमार, मैपोरुल, रुद्र पशुपति, शैव दर्शन, सत्ति, सदय, सिरपुल्लि, सिरुथोन्ड, सक्कैया, सुन्दरमूर्ति, सैरुथूनै, सोमसीर, वयिलर, विरल्मिन्द, गणनाथ, आलवार सन्त, इदंगई, इय्यरकोन कालिकाम, ..., इलयन्कुदि मर, इसज्ञनियार, कणम्पुल्ल, कनप्प, कारि (नायनमार), कारइक्काल अम्मई, कालिकम्ब, कालिअ, कईरसिंघ, कुलच्चिरै, कुंगिलिय कालय, कूतरुव, कोचंगत चोल, कोतपुलि, अणय, अप्पुदि अदिगल्, अमरनीदि, अरिवटय, 824 सूचकांक विस्तार (19 अधिक) »

चंदेश्वर

चंदेश्वर नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और चंदेश्वर · और देखें »

चेरमन परुमल

चेरमन परुमल (मर जया ८२५) केरला का राजा था। वो सुन्दरमुर्थि नयनार का दोस्त था। इस् राजा तो एक् नायनमार सन्थ् था। .

नई!!: नायनमार और चेरमन परुमल · और देखें »

एनादिनाथ

एनादिनाथ नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और एनादिनाथ · और देखें »

एरिपथ

एरिपथ नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और एरिपथ · और देखें »

ऐयदिगल कडवर्कों

ऐयदिगल कडवर्कों नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और ऐयदिगल कडवर्कों · और देखें »

तिरु नलै पोवार

तिरु नलै पोवर नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और तिरु नलै पोवार · और देखें »

तिरु नीलकण्ठ यईपनर

Iतिरु नीलकण्ठ यईपनर नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और तिरु नीलकण्ठ यईपनर · और देखें »

तिरु कुरिप थोन्द

तिरु कुरिप थोन्द नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और तिरु कुरिप थोन्द · और देखें »

तिरुनीलनक

तिरुनीलनक नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और तिरुनीलनक · और देखें »

तिरुमुल

तिरुमुल नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और तिरुमुल · और देखें »

थिरु नीलकण्ठ

थिरु नीलकण्ठ एक नायनमार सन्थ था तमिल नादु मे। .

नई!!: नायनमार और थिरु नीलकण्ठ · और देखें »

थिरुनवुकरसर

तिरुनवुकरसर एक शिव भक्त था तमिलनाडु ७०० मे। वे नयनार सन्घ के सन्त थे। सबसे चार महत्वपूर्ण नयनार और तमिलनाडु में उनका नाम कुरवार था (हिन्दी में "गुरु")। उन्होने भगवान शन्कर के लिए बहुत भजन लिखे और इस वक्त को हमारे पास ३०६६ हे। .

नई!!: नायनमार और थिरुनवुकरसर · और देखें »

दान्डि अडिगल

Iदान्डि अडिगल नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और दान्डि अडिगल · और देखें »

नमि नन्दि अदिगल्

नमि नन्दि अदिगल नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और नमि नन्दि अदिगल् · और देखें »

नरसिंह मुनैयार

नरसिंह मुनिअरयार थन्जवूर का राजा था। सातवाँ सदिमे मे live किया | वोह तो एक नायनमार सन्थ था। .

नई!!: नायनमार और नरसिंह मुनैयार · और देखें »

नायर

नायर (मलयालम: നായര്,, जो नैयर और मलयाला क्षत्रिय के रूप में भी विख्यात है), भारतीय राज्य केरल के हिन्दू उन्नत जाति का नाम है। 1792 में ब्रिटिश विजय से पहले, केरल राज्य में छोटे, सामंती क्षेत्र शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक शाही और कुलीन वंश में, नागरिक सेना और अधिकांश भू प्रबंधकों के लिए नायर और संबंधित जातियों से जुड़े व्यक्ति चुने जाते थे। नायर राजनीति, सरकारी सेवा, चिकित्सा, शिक्षा और क़ानून में प्रमुख थे। नायर शासक, योद्धा और केरल के भू-स्वामी कुलीन वर्गों में संस्थापित थे (भारतीय स्वतंत्रता से पूर्व).

नई!!: नायनमार और नायर · और देखें »

निर्म सीर नेदुमर

निर्म सीर नेदुमर नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और निर्म सीर नेदुमर · और देखें »

नेस

नेस नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और नेस · और देखें »

परुमिय्यलै कुरुम्ब

परुमिय्यलै कुरुम्ब नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और परुमिय्यलै कुरुम्ब · और देखें »

पुसलर

पुसलर नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और पुसलर · और देखें »

पुगल चोल

पुगल चोल नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और पुगल चोल · और देखें »

पुगई तुनै

पुगई तुनै नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और पुगई तुनै · और देखें »

भारतीय नाम

भारतीय पारिवारिक नाम अनेक प्रकार की प्रणालियों व नामकरण पद्धतियों पर आधारित होते हैं, जो एक से दूसरे क्षेत्र के अनुसार बदलतीं रहती हैं। नामों पर धर्म व जाति का प्रभाव भी होता है और वे धर्म या महाकाव्यों से लिये हुए हो सकते हैं। भारत के लोग विविध प्रकार की भाषाएं बोलते हैं और भारत में विश्व के लगभग प्रत्येक प्रमुख धर्म के अनुयायी मौजूद हैं। यह विविधता नामों व नामकरण की शैलियों में सूक्ष्म, अक्सर भ्रामक, अंतर उत्पन्न करती है। उदाहरण के लिये, पारिवारिक नाम की अवधारणा तमिलनाडु में व्यापक रूप से मौजूद नहीं थी। कई भारतीयों के लिये, उनके जन्म का नाम, उनके औपचारिक नाम से भिन्न होता है; जन्म का नाम किसी ऐसे वर्ण से प्रारंभ होता है, जो उस व्यक्ति की जन्म-कुंडली के आधार पर उसके लिये शुभ हो। कुछ बच्चों को एक नाम दिया जाता है (दिया गया नाम).

नई!!: नायनमार और भारतीय नाम · और देखें »

भक्त कवियों की सूची

* आलवार सन्त.

नई!!: नायनमार और भक्त कवियों की सूची · और देखें »

भक्ति आन्दोलन

भक्ति आन्दोलन मध्‍यकालीन भारत का सांस्‍कृतिक इतिहास में एक महत्‍वपूर्ण पड़ाव था। इस काल में सामाजिक-धार्मिक सुधारकों की धारा द्वारा समाज विभिन्न तरह से भगवान की भक्ति का प्रचार-प्रसार किया गया। यह एक मौन क्रान्ति थी। यह अभियान हिन्‍दुओं, मुस्लिमों और सिक्‍खों द्वारा भारतीय उप महाद्वीप में भगवान की पूजा के साथ जुड़े रीति रिवाजों के लिए उत्तरदायी था। उदाहरण के लिए, हिन्‍दू मंदिरों में कीर्तन, दरगाह में कव्‍वाली (मुस्लिमों द्वारा) और गुरुद्वारे में गुरबानी का गायन, ये सभी मध्‍यकालीन इतिहास में (800 - 1700) भारतीय भक्ति आंदोलन से उत्‍पन्‍न हुए हैं। .

नई!!: नायनमार और भक्ति आन्दोलन · और देखें »

मणकंचर

मणकंचर नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और मणकंचर · और देखें »

मनगयकरसिअर

मनगयकरसिअर नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और मनगयकरसिअर · और देखें »

माणिक्कवाचकर

290px माणिक्कवाचकर (माणिकवासगर) तमिल कवि थे। यद्यपि उनकी गिनती नायनारों में नहीं की जाती है किन्तु तिरुवसाकम नामक ग्रन्थ की रचना में उनका भी योगदान है। इस पुस्तक में शंकर भगवान के भजन और गीत हैं। माणिक्कवाचकर तिरुमुरै के रचनाकारों में से एक हैं जो तमिल शैव सिद्धान्त का प्रमुख ग्रन्थ है। वे पाण्ड्य राजा वरगुणवर्मन द्वितीय (८६२ - ८८५ ई.) के मंत्री थे और मदुरै मे रहते थे। .

नई!!: नायनमार और माणिक्कवाचकर · और देखें »

मुदलियार

मुदलियार या मुदालियर भी कहा जाता है, मुदाली और मूदले तमिल जातियों द्वारा प्रयोग की जाने वाली एक पदवी/उपाधि है। यह शब्द मानद पदवी मुदाली से बना है जो मध्यकालीन दक्षिण भारत में शीर्ष दर्ज़े के नौकरशाही अधिकारियों और सैन्य अफसरों को प्रदान की जाती थी, व जिसका तमिल भाषा में अर्थ है पहले दर्ज़े का व्यक्ति.

नई!!: नायनमार और मुदलियार · और देखें »

मुनय्य दुवर

मुनय्य दुवर नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और मुनय्य दुवर · और देखें »

मुरख

मुरख नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और मुरख · और देखें »

मुरुग (नायनमार)

मुरुग नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और मुरुग (नायनमार) · और देखें »

मुर्थि नायनमार

मुर्थि नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और मुर्थि नायनमार · और देखें »

मैपोरुल

मैपोरुल नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और मैपोरुल · और देखें »

रुद्र पशुपति

रुद्र पशुपति नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और रुद्र पशुपति · और देखें »

शैव दर्शन

शैव दर्शन के अनुसार ३६ तत्त्व हैं। .

नई!!: नायनमार और शैव दर्शन · और देखें »

सत्ति

सत्ति नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और सत्ति · और देखें »

सदय

सदय नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और सदय · और देखें »

सिरपुल्लि

सिरपुल्लि नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और सिरपुल्लि · और देखें »

सिरुथोन्ड

सिरुथोन्ड नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और सिरुथोन्ड · और देखें »

सक्कैया

सक्कैया नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और सक्कैया · और देखें »

सुन्दरमूर्ति

सुन्दरमूर्ति स्वमिगल नयन्नर (d. 824) आठवी सदी के तमिलनाडु के एक नायनमार सन्त थे। वे भगवान शिव के भक्त थे और चार तमिल साम्य अचार्यो मे से एक है। .

नई!!: नायनमार और सुन्दरमूर्ति · और देखें »

सैरुथूनै

सैरुथूनै नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और सैरुथूनै · और देखें »

सोमसीर

सोमसीर नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। सुन्दरार को इस आद्मि surrender किया। .

नई!!: नायनमार और सोमसीर · और देखें »

वयिलर

वयिलर नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और वयिलर · और देखें »

विरल्मिन्द

विरल्मिन्द एक नायनमार सन्थ था तमिल नादु से। .

नई!!: नायनमार और विरल्मिन्द · और देखें »

गणनाथ

गणनाथ नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और गणनाथ · और देखें »

आलवार सन्त

आलवार (तमिल: ஆழ்வார்கள்) (अर्थ: ‘भगवान में डुबा हुआ') तमिल कवि एवं सन्त थे। इनका काल ६ठी से ९वीं शताब्दी के बीच रहा। उनके पदों का संग्रह "दिव्य प्रबन्ध" कहलाता है जो 'वेदों' के तुल्य माना जाता है। आलवार सन्त भक्ति आन्दोलन के जन्मदाता माने जाते हैं। विष्णु या नारायण की उपासना करनेवाले भक्त 'आलवार' कहलाते हैं। इनकी संख्या 12 हैं। उनके नाम इस प्रकार है - इन बारह आलवारों ने घोषणा की कि भगवान की भक्ति करने का सबको समान रूप से अधिकार प्राप्त है। इन्होंने, जिनमें कतिपय निम्न जाति के भी थे, समस्त तमिल प्रदेश में पदयात्रा कर भक्ति का प्रचार किया। इनके भावपूर्ण लगभग 4000 गीत मालायिर दिव्य प्रबंध में संग्रहित हैं। दिव्य प्रबंध भक्ति तथा ज्ञान का अनमोल भंडार है। आलवारों का संक्षिप्त परिचय नीचे दिया जा रहा है- प्रथम तीन आलवारों में से पोरगे का जन्मस्थान काँचीपुरम, भूतन्तालवार का जन्मस्थन महाबलिपुरम और पेयालवार का जन्म स्थान चेन्नै (मैलापुर) बतलाया जाता है। इन आलवारों के भक्तिगान 'ज्ञानद्वीप' के रूप में विख्यात हैं। मद्रास से 15 मील दूर तिरुमिषिसै नामक एक छोटा सा ग्राम है। यहीं पर तिरुमिष्सिे का जन्म हुआ। मातापिता ने इन्हें शैशवावस्था में ही त्याग दिया। एक व्याध के द्वारा इनका लालन-पालन हुआ। कालांतर में ये बड़े ज्ञानी और भक्त बने। नम्मालवार का दूसरा नाम शठकोप बतलाया जाता है। पराकुंश मुनि के नाम से भी ये विख्यात हैं। आलवारों में यही महत्वपूर्ण आलवार माने जाते हैं। इनका जन्म ताम्रपर्णी नदी के तट पर स्थित तिरुक्कुरुकूर नामक ग्राम में हुआ। इनकी रचनाएँ दिव्य प्रबंधम् में संकलित हैं। दिव्य प्रबंधम् के 4000 पद्यों में से 1000 पद्य इन्हीं के हैं। इनकी उपासना गोपी भाव की थी। छठे आलवार मधुर कवि गरुड़ के अवतार माने जाते हैं। इनका जन्मस्थान तिरुक्कालूर नामक ग्राम है। ये शठकोप मुनि के समकालीन थे और उनके गीतों को मधुर कंठ में गाते थे। इसीलिये इन्हें मधुरकवि कहा गया। इनका वास्तविक नाम अज्ञात है। सातवें आलवार कुलशेखरालवार केरल के राजा दृढ़क्त के पुत्र थे। ये कौस्तुभमणि के अवतार माने जाते हैं। भक्तिभाव के कारण इन्होने राज्य का त्याग किया और श्रीरंगम् रंगनाथ जी के पास चले गए। उनकी स्तुति में उन्होंने मुकुंदमाला नामक स्तोत्र लिखा है। आठवें आलवार पेरियालवार का दूसरा नाम विष्णुचित है। इनका जन्म श्रीविल्लिपुत्तुर में हुआ। आंडाल इन्हीं की पोषित कन्या थी। बारह आलवारों में आंडाल महिला थी। एकमात्र रंगनाथ को अपना पति मानकार ये भक्ति में लीन रहीं। कहते हैं, इन्हें भगवान की ज्योति प्राप्त हुई। आंडाल की रचनाएँ निरुप्पाबै और नाच्चियार तिरुमोषि बहुत प्रसिद्ध है। आंडाल की उपासना माधुर्य भाव की है। तोंडरडिप्पोड़ियालवार का जन्म विप्रकुल में हुआ। इनका दूसरा नाम विप्रनारायण है। बारहवें आलवार तिरुमगैयालवार का जन्म शैव परिवार में हुआ। ये भगवान की दास्य भावना से उपासना करते थे। इन्होनें तमिल में छ ग्रंथ लिखे हैं, जिन्हें तमिल वेदांग कहते हैं। इन आलवारों के भक्तिसिद्धांतों को तर्कपूर्ण रूप से प्रतिष्ठित करने वाले अनेक आचार्य हुए हैं जिनमें रामानुजाचार्य और वेदांतदेशिक प्रमुख हैं। .

नई!!: नायनमार और आलवार सन्त · और देखें »

इदंगई

इदंगई नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और इदंगई · और देखें »

इय्यरकोन कालिकाम

इय्यरकोन कालिकाम नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और इय्यरकोन कालिकाम · और देखें »

इलयन्कुदि मर

इलयन्कुदि मर एक नायनमार सन्थ था तमिल नाद मे। .

नई!!: नायनमार और इलयन्कुदि मर · और देखें »

इसज्ञनियार

इसज्ञनियार नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और इसज्ञनियार · और देखें »

कणम्पुल्ल

कणम्पुल् नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और कणम्पुल्ल · और देखें »

कनप्प

कनप्प नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और कनप्प · और देखें »

कारि (नायनमार)

कारि नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और कारि (नायनमार) · और देखें »

कारइक्काल अम्मई

कारइक्काल अम्मई तमिल सन्त लेखिका थीं। कारइक्काल चोल तमिलनादड्ड के समुद्रि व्यापारिक शहर हे।धानथनथनार नामक सोदागर को जन्म हुआ था।बचपन से अम्माई बगवान की कठिन भक्त थी।कारइक्काल अम्माई ने बचपन मे शिवलिंग रेत के साथ बनाया।अम्माई ने पाँच पत्र मंत्र नमसिवाय बोले और भाग लिया शिव भक्तों कि जरुरतों के लिए।उसे बहुत ही कम उम्र में शिव परवाह एक माँ की तरह श्रद्धालुओं।अम्मई नागपटन कि एक धनि व्यापारी के बेटे के सत शादि हुआ था।शिव भक्तों जो उस्के घर का दोरा किया आराम से तंग आ चुके थे। एक दिन अम्मई के पति परमानथान दो आम उसके लिये लखा जाना करने केलिए कहा था।एक भुखा शिव भक्त उस दिन अम्मई के पास आया।और खाना का लंच तयार नही था।अम्मई ने दहि चावल और एक आम भी दिया।जब उनके पथि आये समय वो आम पुछा और वो परेशान लग गया।वो बापस कमरे मे अया और दो आम देखा।तब वो आश्चर्य होगया और भगवान शिव को प्रशंसा कीया।उन्की पति भगवान शिव कि बक्त नही था।और उनोने पेहेले विशवास नहीं किया हे कि ये आम भगवान से अये थे।और पति ने फिर भी आम पुछ्ने केलिये कहा।और फिर भी वो पुछा और फिर भी भगवान ने आम दिया।एस समय अम्मई की पति को विस्वास होगया।और वो भी भगवान शिव की कठिन भक्त बन गया। अम्मई मउंट कौलाश की यात्रा की,और उल्टा उस्के सिर पर नीछे चढाई।वहान देवि पार्वती शिव की पत्नी अम्मैयर के बारे मेइन पूछा। .

नई!!: नायनमार और कारइक्काल अम्मई · और देखें »

कालिकम्ब

कालिकम्ब नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और कालिकम्ब · और देखें »

कालिअ

कालिअ नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और कालिअ · और देखें »

कईरसिंघ

कईरसिंघ नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। सैरुथूनै क husband था। .

नई!!: नायनमार और कईरसिंघ · और देखें »

कुलच्चिरै

कुलच्चिर नायनमार, तमिल नाडु, में एक सन्त थे। .

नई!!: नायनमार और कुलच्चिरै · और देखें »

कुंगिलिय कालय

कुंगिलिय कालय नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और कुंगिलिय कालय · और देखें »

कूतरुव

कूतरुव नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और कूतरुव · और देखें »

कोचंगत चोल

कोचंगत चोल नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और कोचंगत चोल · और देखें »

कोतपुलि

कोतपुलि नयनार एक शिव धर्म के सन्त थे तमिलनाडु में। वोह एक नयनार थे। .

नई!!: नायनमार और कोतपुलि · और देखें »

अणय

अणय नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और अणय · और देखें »

अप्पुदि अदिगल्

अप्पुदि अदिगल नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। थिरुनवुकरसर क भक्थ था। .

नई!!: नायनमार और अप्पुदि अदिगल् · और देखें »

अमरनीदि

अमरनीदि नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और अमरनीदि · और देखें »

अरिवटय

अरिवटय नायनमार तमिल नाडु में सन्त था। .

नई!!: नायनमार और अरिवटय · और देखें »

824

824 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

नई!!: नायनमार और 824 · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

नयनार, नायनार, नायन्मार सन्त

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »