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नागासाकी

सूची नागासाकी

250px नागासाकी (長崎市) जापान का एक शहर है। यह वही शहर है जो बम गिरने से तबाह हुआ था। नागासाकी का मतलब "लम्बा प्रायद्वीप" है। वह दक्षिण पश्चिम क्यूशू द्वीप में समुद्र के किनारे पर है। वह दूसरा शहर है जिसपर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1945 में अमरीका ने परमाणु बम गिराया था। नागासाकी की आबादी (२००४) ४,४७,४१९ है और उसका क्षेत्रफल ४०६.३५ km² है। .

14 संबंधों: टोक्यो स्टॉक एक्स्चेंज, त्सुतोमु यामागुची, द वूल्वरिन (फिल्म), नाभिकीय ऊर्जा, निचिदात्सू फुजी, सुभाष चन्द्र बोस, हार्ले-डेविडसन, हिरोशिमा, हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी, जर्मनी का इतिहास, जापान का इतिहास, जेम्स कैमरून, काज़ुओ इशिगुरो, १९९१ बीए

टोक्यो स्टॉक एक्स्चेंज

 (東京証券取引所, Tōkyō Shōken Torihikijo?) संक्षेप में  (東証?) या टी एस ई/टी वाय ओ एक स्टॉक एक्सचेंज है जो टोक्यो, जापान में स्थित है। अपनी सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण के आधार पर यह एशिया का सबसे बड़ा व दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। अप्रैल 2015 में 2,292 सूचीबद्ध कंपनियों के साथ इसका संयुक्त बाजार पूंजीकरण 4.09 खरब अमेरिकी डॉलर था। जुलाई 2012 में ओसाका सिक्योरिटीज एक्सचेंज के साथ विलय की योजना को जापान फेयर ट्रेड कमीशन द्वारा अनुमोदित किया गया जिसके परिणामस्वरूप इकाई, जापान एक्सचेंज समूह (JPX) (日本取引所グループ निहोन Torihikijo Gurūpu), 1 जनवरी, 2013 को अस्तित्व में आई।:ja:マザーズ?) श्रेणी:लेख जिनमें जापानी-भाषा के पाठ हैं (अंग्रेज़ी में) अनुभाग के लिए उच्च विकास स्टार्टअप कंपनियों. के रूप में अक्टूबर 31, 2010, वहाँ रहे हैं 1675 में प्रथम खंड की कंपनियों, 437 दूसरे खंड की कंपनियों और 182 माताओं कंपनियों. (अंग्रेज़ी में) मुख्य सूचकांक पर नज़र रखने के लिए यह कर रहे हैं के निक्केई 225 सूचकांक की कंपनियों द्वारा चयनित Nihon Keizai Shimbun (जापान का सबसे बड़ा व्यापार समाचार पत्र), TOPIX सूचकांक के आधार पर शेयर की कीमतों में पहले खंड कंपनियों, और J30 सूचकांक की बड़े औद्योगिक कंपनियों द्वारा बनाए रखा जापान की प्रमुख ब्रॉडशीट अखबारों. नब्बे-चार घरेलू और 10 विदेशी प्रतिभूतियों कंपनियों में भाग लेने टीएसई व्यापार. देखें: सदस्यों के टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज अन्य टीएसई-संबंधित संस्थाओं में शामिल हैं.

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त्सुतोमु यामागुची

त्सुतोमु यामागुची (जापानी: 山口 彊) (१६ मार्च १९१६ - ४ जनवरी २०१०), दोनो हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी को झेलने वाले व्यक्ति थे, उन्हे ९ अगस्त को नागासाकी हमले में बचे लोगों में से एक के रूप में चिह्नित किया गया था। पर २४ मार्च २००९ को जापानी सरकार ने आधिकारिक रूप में उन्हे हिरोशिमा बम हमलों में भी बचे व्यक्ति के रूप में चिह्नित किया। .

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द वूल्वरिन (फिल्म)

द वूल्वरिन / द वोल्वेराइन एक 2013 की सुपर हीरो आधारित फिल्म है जिसमें '''मार्वल कॉमिक्स''' चरित्र '''वूल्वरिन''' है। 20 वीं सदी फॉक्स द्वारा वितरित यह फिल्म, एक्स-मेन फ़िल्म श्रृंखला में छठी किश्त है। इसमें अभिनेता ह्यू जैकमैन ने पिछली फिल्मों कें शीर्षक भूमिका के रूप में अपनी भूमिका को दोहराया, साथ ही जेम्स मोंगोले ने स्कॉट फ्रैंक और मार्क बौम्बैक द्वारा लिखित एक पटकथा का निर्देशन किया, जो क्रिस क्लेरमॉन्ट और फ्रैंक मिलर द्वारा 1982 की सीमित श्रृंखला वूल्वरिन पर आधारित था। फिल्म में, जो एक्स-मेन: '''द लास्ट स्टैंड''' की घटनाओं का अनुसरण करती है, लोगन जापान की यात्रा करता है, जहां वह एक पुराने परिचित से ऐसे संघर्ष में शामिल होता है जिसके स्थायी परिणाम होते है। यहाँ जीन ग्रे की मौत के अपराध बोध के साथ संघर्ष करते हुए वूल्वरिन को अपने "उपचार कारक" के छीनने के बाद एक घातक समुराई का सामना करना पड़ता है। .

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नाभिकीय ऊर्जा

इकाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र, एक दबावयुक्त जल रिएक्टर जो समुद्र के साथ माध्यमिक शीतलक विनिमय द्वारा ठंडा करता है। सुसक्युहाना वाष्प विद्युत् केंद्र, एक उबलता जल रिएक्टर. रिएक्टर, शीतलक टावरों के सामने की ओर आयताकार रोकथाम इमारतों के अंदर स्थित हैं। परमाणु ऊर्जा चालित तीन जहाज, (ऊपर से नीचे) परमाणु क्रूजर USS बेनब्रिज और USS लोंग ब्रिज, USS इंटरप्राइज़ के साथ जो 1964 में पहला परमाणु संचालित विमान वाहक. चालक दल के सदस्य, उड़ान डेक पर आइंस्टीन के द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता सूत्र को लिख रहे हैं E.

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निचिदात्सू फुजी

निचिदात्सू फुजी (१८८५-१९८५) एक जापानी बौद्ध भिक्षु और बौद्ध धर्म के निप्पोंज़न-म्योहोजी संप्रदाय के संस्थापक माने जाते हैं। फ़ूजी ने १९३१ में महात्मा गांधी के साथ हुई मुलाकात से प्रेरित होकर अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित करने का निर्णय लिया। १९४७ में उन्होंने विश्व शांति के तीर्थ के रूप में शांति मंदिर (पीस पगोडा) का निर्माण प्रारंभ किया। शांति के एक प्रतीक के रूप में पहला शांति पगोडा जापानी शहरों हिरोशिमा और नागासाकी की बनाया, जहां द्वितीय विश्व युद्घ के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा गिराए गए परमाणु बम की वजह से १,५०,००० निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। २००० तक यूरोप, एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दुनिया भर में ८० शांति पगोडा का निर्माण किया जा चुका था। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन.

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सुभाष चन्द्र बोस

सुभाष चन्द्र बोस (बांग्ला: সুভাষ চন্দ্র বসু उच्चारण: शुभाष चॉन्द्रो बोशु, जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945) जो नेता जी के नाम से भी जाने जाते हैं, भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से मदद लेने की कोशिश की थी तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें ख़त्म करने का आदेश दिया था। नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया। 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष बोस ने आजाद हिन्द फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतन्त्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड ने मान्यता दी। जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिये। सुभाष उन द्वीपों में गये और उनका नया नामकरण किया। 1944 को आजाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। कोहिमा का युद्ध 4 अप्रैल 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यही एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ। 6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनायें माँगीं। नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से सम्बंधित दस्तावेज़ अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किये? 16 जनवरी 2014 (गुरुवार) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने नेताजी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की माँग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिये स्पेशल बेंच के गठन का आदेश दिया। .

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हार्ले-डेविडसन

हार्ले-डेविडसन (पूर्व में HDI), जिसे संक्षिप्त में अक्सर H-D या हार्ले कहते हैं, एक अमेरिकी मोटरसाइकिल निर्माता है। 20 वीं सदी के पहले दशक के दौरान मिलवॉकी, विस्कॉन्सिन में स्थापित यह उन दो बड़े अमेरिकी मोटर साइकिल निर्माताओं में एक है जो भयावह मंदी के दौर में भी बचा रहा। http://www.popularmechanics.com/automotive/new_cars/1268626.html?page.

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हिरोशिमा

हिरोशिमा (जापानी: 広島市) जापान का एक नगर है जहाँ द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1945 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराया गया था जिससे पूरा का पूरा नगर बरबाद हो गया था। इस विभिषका के परिणाम आज भी इस नगर के लोग भुगत रहे हैं। जापान के एक दूसरे नगर नागासाकी पर भी परमाणु बम से हमला किया गया था। इसी का परिणाम है कि जापान ने परमाणु हथियार कभी निर्माण न करने की नीति स्थापित की है। आज हिरोशिमा जापान का एक बड़ा नगर है। हिरोशिमा में ११,९६,२७४ लोग रहते हैं। बराक ओबामा हिरोशिमा गया २०१७ में और काग़ज़ के सारस बनाये हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क में। हिरोशिमा में बहुत लोग काग़ज़ के सारस बनाते हैं, शांति के लिए। यह है क्योंकि जब हिरोशिमा पे बम गिरा एक लड़की, जिसका नाम सडाको ससाकी था, को ल्यूकेमिया हुई। उसने हज़ार सारस बनाने की कोशिश की क्योंकि जापान में कहते हैं कि अगर आप हज़ार सारस बनाये, आपकी एक ख़्वाहिश सच होगी। सडाको ने हज़ार सारस बनाये मगर बेहतर नहीं हुई और मरी। सडाको के लिए आज भी लोग सारस बनाते हैं हिरोशिमा में। श्रेणी:जापान के नगर.

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हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी

हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी 6 अगस्त 1945 की सुबह अमेरिकी वायु सेना ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम "लिटिल बॉय" गिराया था। तीन दिनों बाद अमरीका ने नागासाकी शहर पर "फ़ैट मैन" परमाणु बम गिराया। हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम को अमेरीका पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट के सन्दर्भ में "लिटिल ब्वाय" और नागासाकी के बम को विन्सटन चर्चिल के सन्दर्भ में "फ़ैट मैन" कहा गया। .

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जर्मनी का इतिहास

प्राचीन रोमन डैन्यूब नदी के उत्तर में रहने वाले "बर्बर कबीलों" वाले देशों को गेर्मानिया (Germania) कहा करते थे, जिसके नाम पर अंग्रेज़ी शब्द 'Germany' पड़ा। ये कबीले 'पुरानी जर्मन भाषा' की बोलियाँ बोलते थे। धीरे-धीरे इनका ईसाईकरण हुआ और जर्मन देश ईसाई पवित्र रोमन साम्राज्य का केन्द्र बन गया। दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में पश्चिमी यूरोप में जर्मन जातियों के अभ्युदय का उल्लेख मिलता है। कुछ जातियाँ जैसे अलामन्नी (Alamanni) बरगंडियाई (Burgundians), फ्रांक (Franks) लंबार्ड (Lombards) ओस्ट्रोगोथ (Ostrogoths) और विज़ीगोथ (Visigoths) पूर्व में राइन नदी के मुहाने, पश्चिम में एल्बे नदी और दक्षिण में उत्तरी इटली के भागों के बीच धीरे-धीरे बसीं। उनमें से कुछ ने इटली पर आक्रमण किया और रोम साम्राज्य का विनाश किया, अन्य फ्रांस और ब्रिटेन में बस गई। राइन नदी के दोनों ओर का क्षेत्र कुछ दिन विवाद में रहने के पश्चात्‌ फ्रांकों के रोमन सम्राट् शार्लमेन द्वारा नवीं शताब्दी में अधिकृत किया गया। लेकिन शताब्दी के अंतिम दिनों जर्मन साम्राज्य तीन भागों में बँट गया। सैस्कन सम्राट् ओटो प्रथम ने 962 ई. में इटली और जर्मनी को एक सूत्र में बाँधा। आगे चलकर अशांतिपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। फ्रैडरिक द्वितीय ने अपने शासन को सिसली में ही केंद्रित रखा, इस प्रकार जर्मनी लगभग उपेक्षित रहा। 1273 में हप्सबर्ग का रुडाल्फ सम्राट् निर्वाचित हुआ, किंतु उसके लिये भी बड़े साम्राज्य को कायम रखना असाध्य हो गया था। रोमन साम्राज्य जिस समय लड़खड़ा रहा था, इंग्लैंड, फ्रांस ओर स्पेन शक्तिशाली राज्य बन रहे थे। जर्मनी उस समय समृद्ध था- इसके विरुद्ध उपर्युक्त तीनों राज्यों ने संधि की। लेकिन जर्मनी की राजनैतिक अस्थिरता के कारण वहाँ 16वीं शताब्दी में मार्टिन लूथर के नेतृत्व में आंदोलन हुआ। अंत में इस आंदोलन ने 30 वर्षीय धर्मयुद्ध (1618-1648) का रूप लिया। इसमें जर्मनी के लगभग 300 टुकड़े हुए। 18वीं शताब्दी में इन छोटी-छोटी स्वतंत्र इकाइयों ने प्रशा में अत्यधिक उन्नति की। फ्रांसीसी क्रांति ओर नेपोलियन के युद्धों के समय से जर्मनी में राष्ट्रीयता की चेतना का आविर्भाव हुआ। यह चेतना आगे चलकर उदारवादी आंदोलन के रूप में बदली। 1871 में तत्कालीन चाँसलर ओटाबान बिसमार्क ने आस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से युद्ध करके जर्मन राज्य को संगठित किया। फ्रांस की पराजय के बाद जर्मनी ने सैनिक, औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की। विसमार्क ने इस स्थिति में अन्य यूरोपीय शक्तियों से संबंध स्थापित किया। 1888 ई. में विलियम द्वितीय सम्राट् हुआ। देश की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में पुन: अशांति उत्पन्न हुई, जिसने 20वीं शताब्दी में प्रथम विश्वयुद्ध का रूप लिय। इस युद्ध में जर्मन सेनाएँ पराजित हुई। इस पराजय से उत्पन्न आर्थिक और सामाजिक अव्यवस्थाओं तथा 'मित्र राष्ट्रों' की 'वार्सा-संधि' के अनुसार आर्थिक दबावों की परिस्थिति में एडाल्फ हिटलर तथा नेशनल सोशलिस्ट पार्टी (नाजी दल) ने 1933 में जर्मनी की सत्ता ग्रहण की। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद वीमर (Weimer) संविधान के अनुसार गणराज्य घोषित जर्मनी में हिटलर ने अपना अधिनायकत्व स्थापित किया। उसने अपने शासनकाल में जर्मनी को सभी क्षेत्रों में सुदृढ़ किया। उसकी साम्राज्यवादी नीति ने, जिससे उसने यूरोप का बड़ा भाग 1939 तक कुछ संधियों से और कुछ सैनिक तरीकों से जर्मनी में जोड़ लिया, द्वितीय विश्वयुद्ध की परिस्थितियाँ मित्र राष्ट्रों के समक्ष आत्मसमर्पण करना पड़ा। रूस, ब्रिटेन, संयुक्तराज्य अमरीका और फ्रांस ने जर्मनी के चार भाग करके परस्पर बाँट लिए। 1949 में शांति समझौते के अनुसार जर्मनी की फेडरल जर्मन रिपब्लिक (पश्चिमी) और जर्मन डिमाक्रेटिक रिपब्लिक (पूर्वी) दो भाग हुए। पूर्वी भाग, जिसमें पूर्वी प्रशा भी संमिलित है, जो कि 1937 के पूर्व जर्मनों के और अब पोलैंड और रूस के अधिकार में हैं। 1990 में कम्युनिस्ट पूर्वी जर्मनी की मार्क्सवादी सरकार ढह गयी और जर्मनी का वापिस एकीकरण हुआ। .

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जापान का इतिहास

जापान के प्राचीन इतिहास के संबंध में कोई निश्चयात्मक जानकारी नहीं प्राप्त है। जापानी लोककथाओं के अनुसार विश्व के निर्माता ने सूर्य देवी तथा चन्द्र देवी को भी रचा। फिर उसका पोता क्यूशू द्वीप पर आया और बाद में उनकी संतान होंशू द्वीप पर फैल गए। हँलांकि यह लोककथा है पर इसमें कुछ सच्चाई भी नजर आती है। पौराणिक मतानुसार जिम्मू नामक एक सम्राट् ९६० ई. पू.

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जेम्स कैमरून

जेम्स फ्रांसिस कैमरूनस्पेस फाउंडेशन.

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काज़ुओ इशिगुरो

काज़ुओ इशिगुरो ओबीई FRSA FRSL (カズオ・イシグロ या; जन्म 8 नवंबर 1954) एक ब्रिटिश उपन्यासकार, पटकथा लेखक, और लघु कहानी लेखक है। वह  नागासाकी, जापान में पैदा हुआ था; उसका परिवार 1960 में  इंग्लैंड में स्थानांतरित कर गया था, जब वह पांच साल का था। ईशिगुरु ने 1978 में अंग्रेजी और दर्शन में स्नातक की डिग्री के साथ केंट विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1980 में ईस्ट एंग्लिया के रचनात्मक लेखन पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय से मास्टर की उपाधि प्राप्त की। इशिगुरो को अंग्रेजी भाषाई दुनिया में मशहूर समकालीन कथालेखकों में से एक माना जाते है, इन्होनें चार मैन बुकर पुरस्कार नामांकन और 1989 के अपने उपन्यास 'The Remains of the Day' के लिए एक पुरस्कार भी जीत चुके हैं। उनका 2005 का उपन्यास, नेवर लेट मी गो, को 2005 के सर्वश्रेष्ठ उपन्यास के रूप में टाइम मैग्जिन द्वारा नामित किया गया था और 1923 से 2005 तक 100 सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी-भाषा के उपन्यासों की सूची में शामिल किया गया था। 2017 में, स्वीडिश अकादमी ने इशिगुरो को साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिसमें उन्होंने एक लेखक के रूप में उनके प्रशस्ति पत्र में "महान भावनात्मक बल के उपन्यासों में, दुनिया के साथ संबंध के हमारे विवेकपूर्ण भावनाओं को गहराई से खोल कर रख दिया" लिखा था। .

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१९९१ बीए

१९९१ बीए (1991 BA) एक पत्थरीला पृथ्वी-समीप क्षुद्रग्रह है। इसकी खोज १८ जनवरी १९९१ में हुई थी। भूतकाल में यह पृथ्वी से १,६०,००० किमी की दूरी तक पहुँच चुका है, जो धरती-चंद्रमा की दूरी का केवल आधा है। इसका व्यास (डायामीटर) ५-१० मीटर है। अपने छोटे आकार के कारण यह पृथ्वी से तभी देखा जा सकता है जब यह पृथ्वी के पास हो। वर्तमान समय में यह ज्ञात नहीं है कि यह किस स्थान पर है और इसे एक खोया हीन ग्रह श्रेणित किया जाता है। क्योंकि यह भविष्य में पृथ्वी पर प्रहार करने का ख़तरा रखता है, इसलिये इसे सेन्ट्री संकट तालिका में शामिल किया गया है। .

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