दिसंबर १९११ में इंग्लैंड के राजा, पंचम जार्ज के स्वागत में शाहजहाँनाबाद (अर्थात् पुरानी दिल्ली) के उत्तर की ओर एक विशाल राज्यारोहण दरबार लगा। अनेक राजनीतिक कारणों से यह निश्चय किया जा चुका था कि भारत की राजधानी कलकत्ता से हटाकर दिल्ली लाई जाए। दरबार में ही इसकी घोषणा भी कर दी गई और तभी नई राजधानी का शिलान्यास भी हो गया। .
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