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धारणी

सूची धारणी

धारणी (सिंहल: ධරණී; पारम्परिक चीनी: 陀羅尼; फ़ीनयिन: tuóluóní; जापानी: 陀羅尼 darani; तिब्बती: གཟུངས་ gzungs) मन्त्र जैसा एक प्रकार का धार्मिक पाठ है। .

4 संबंधों: नीलकण्ठ धारणी, शान्ति मंत्र, स्तोत्र, स्वस्तिक मन्त्र

नीलकण्ठ धारणी

नीलकण्ठ धारणी या महाकरुणा धारणी महायान बौद्ध सम्रदाय की एक धारणी है। इसको चीनी भाषा में 大悲咒; फ़ीनयिन में Dàbēi zhòu, वियतनामी भाषा में Chú đại bi कहते हैं। महाकारुणिकचित्तसूत्र के अनुसार, बोधिसत्त्व अवलोकितेश्वर बोधिसत्त्वों, देवों और राजाओं की सभा में इस धारणी का पाठ करते थे। ॐ नमो महाकरुणिक श्रीसर्वबुद्धबोधिसत्त्वेभ्यः नमो रत्नत्रयाय नमो आर्य अवलोकितेश्वराय बोधिसत्त्वाय महासत्त्वाय महाकारुणिकाय। ॐ सर्वरभये सुधनदस्य। नमस्कृत्वा इमम् आर्यावलोकितेश्वर रंधव नमो नरकिन्दि ह्रीः। महावधसम सर्व अथदु शुभुं अजेयं सर्व सत्त्य नम वस्त्य नमो वाक मार्ग दातुह् तद्यथा ऊँ अवलोकि लोचते करते ए ह्रीः महाबोधिसत्त्व। सर्व सर्व मल मल महिम हृदयम् कुरु कुरु कर्मं धुरु धुरु विजगते महाविजयते धर धर धिरिनिश्वराय चल चल मम विमल मुक्तेले एहि एहि शिन शिन आरषं प्रचलि विष विश प्राशय। हुरु हुरु मार हुलु हुलु ह्रिह् सर सर शिरि शिरि सुरुसुरु बोधिय बोधिय बोधय बोधय मैत्रिया। नारकिन्दि धर्षिनिन भयमान स्वाहा सिद्धाय स्वाहा। महासिद्धाय स्वाहा सिद्धायोगेश्वराय स्वाहा। नरकिन्दि स्वाहा। मारणर स्वाहा। सिरा संह मुखाय स्वाहा सर्व महा आसिद्धाय स्वाहा चक्र आसिद्धाय स्वाहा। पद्म हस्त्राय स्वाहा। नरकिन्दि वगलय स्वाहा मवरि शन्खराय स्वाहा। नमः रत्नत्रयाय नमो आर्यावलोकितेश्वराय स्वाहा। ॐ सिध्यन्तु मन्त्र पदाय स्वाहा। .

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शान्ति मंत्र

शान्ति मन्त्र वेदों के वे मंत्र हैं जो शान्ति की प्रार्थना करते हैं। प्राय: हिन्दुओं के धार्मिक कृत्यों के आरम्भ और अन्त में इनका पाठ किया जाता है। Shanti Mantras are found in Upanishads, where they are invoked in the beginning of some topics of Upanishads.

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स्तोत्र

संस्कृत साहित्य में किसी देवी-देवता की स्तुति में लिखे गये काव्य को स्तोत्र कहा जाता है। संस्कृत साहित्य में यह स्तोत्रकाव्य के अन्तर्गत आता है। महाकवि कालिदास के अनुसार 'स्तोत्रं कस्य न तुष्टये' अर्थात् विश्व में ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है जो स्तुति से प्रसन्न न हो जाता हो। इसलिये विभिन्न देवताओं को प्रसन्न करने हेतु वेदों, पुराणों तथा काव्यों में सर्वत्र सूक्त तथा स्तोत्र भरे पड़े हैं। अनेक भक्तों द्वारा अपने इष्टदेव की आराधना हेतु स्तोत्र रचे गये हैं। विभिन्न स्तोत्रों का संग्रह स्तोत्ररत्नावली के नाम से उपलब्ध है। निम्नलिखित स्तोत्र 'सरस्वतीस्तोत्र' से लिया गया है- .

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स्वस्तिक मन्त्र

हिन्दू धर्म का प्रतिक यह चिन्ह हैं और कई पीढ़ियों से इस्तेमाल में हैं। स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है। स्वस्ति .

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