4 संबंधों: पारितंत्र, लोक प्रशासन का इतिहास, सहायक और आंतरिक मूल्य, क्रमचय।
पारितंत्र
पारितंत्र (ecosystem) या पारिस्थितिक तंत्र (ecological system) एक प्राकृतिक इकाई है जिसमें एक क्षेत्र विशेष के सभी जीवधारी, अर्थात् पौधे, जानवर और अणुजीव शामिल हैं जो कि अपने अजैव पर्यावरण के साथ अंतर्क्रिया करके एक सम्पूर्ण जैविक इकाई बनाते हैं। इस प्रकार पारितंत्र अन्योन्याश्रित अवयवों की एक इकाई है जो एक ही आवास को बांटते हैं। पारितंत्र आमतौर अनेक खाद्य जाल बनाते हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर इन जीवों के अन्योन्याश्रय और ऊर्जा के प्रवाह को दिखाते हैं। क्रिस्टोफरसन, आरडब्ल्यू (1996) .
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लोक प्रशासन का इतिहास
एक व्यवस्थित अध्ययन के रूप में लोक-प्रशासन का विकास अभी नया ही है। लोक-प्रशासन के शैक्षिक अध्ययन का प्रारम्भ करने का श्रेय वुडरो विल्सन को जाता है जिसने १८८७ में प्रकाशित अपने लेख ‘द स्टडी ऑफ ऐडमिनिस्ट्रेशन' में इस शास्त्र के वैज्ञानिक आधार को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस लेख में राजनीति तथा प्रशासन के बीच स्पष्ट भिन्नता दिखाई गई और घोषित किया गया कि प्रशासन की राजनीति से दूर रहना चाहिए। इसी को तथाकथित ‘राजनीति-प्रशासन-द्विभाजन’ कहते हैं। लोक प्रशासन का इतिहास निम्नलिखित 5 चरणों में विभाज्य है- .
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सहायक और आंतरिक मूल्य
सहायक और आंतरिक मूल्य (Instrumental and intrinsic value) एक प्राचीन द्विभाजन के दो स्तंभों के तकनीकी लेबल हैं। Category:नीतिशास्त्र में अवधारणाएँ Category:मूल्य (नीतिशास्त्र) Category:समाजशास्त्रीय पारिभाषिकी Category:सामाजिक दर्शन Category:विज्ञान का दर्शन.
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क्रमचय
गणित में, क्रमचय (परमुटेशन) की संकल्पना को सूक्ष्म रूप से विभिन्न अर्थों में प्रयोग किया जाता है, सभी अर्थ वस्तुओं या मूल्य के क्रमपरिवर्तन (क्रमबद्ध रूप से पुनर्व्यवस्थित करना) की कार्रवाई से संबंधित हैं। अनौपचारिक रूप से, कुछ मानों (values) के एक सेट को विशेष क्रम में व्यवस्थित करना क्रमचय है। इस प्रकार सेट (1, 2, 3) के छह क्रमचय हैं अर्थात्,,,, और.
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