द्विजदेव (कवि) (१८३० -१८७१):रीति कालीन स्वच्छन्द मुक्तक काव्य परम्परा के अंतिम कवि हैं। ये अयोध्या के महाराज मान सिंह माने जाते हैं जो द्विजदेव के नाम से कविता करते थे। ये जाति से ब्राह्मण थे। वर्ष १८५७ की गदर में अंग्रेजों का साथ दिया था और जागीर प्राप्त की थी लेकिन अंत समय में सब कुछ त्याग कर वृन्दावन चले गए। https://plus.google.com/107807291734419802285/posts/YGUNzazWC7L .
0 संबंधों।