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द्ज़ोंग

सूची द्ज़ोंग

द्ज़ोंग (तिब्बती भाषा: རྫོང་, अंग्रेज़ी: dzong या jong) तिब्बत, भूटान और इनके कुछ पड़ोसी इलाक़ों में मिलने वाले तिब्बती शैली के क़िलों को कहा जाता है। इस शैली में ऊँची बाहरी दीवारों के भीतर मंदिर, कार्यकक्ष, भिक्षुओं के निवासकक्ष, खुले आंगन, इत्यादी बने होते हैं। ऐतिहासिक रूप से अक्सर किसी क्षेत्र का द्ज़ोंग ही उस इलाक़े का सांस्कृतिक, धार्मिक और प्रशासनिक केन्द्र होता था।, pp.

5 संबंधों: त्सेथंग, द्ज़ोंग्खग, द्ज़ोक त्रुन त्रुन, ग्यांत्से, गोम्पा

त्सेथंग

त्सेथंग तिब्बत का एक शहर है। यह यरलुंग नदी की घाटी में स्थित है जो तिब्बती संस्कृति का जन्मस्थल माना जाता है। प्रशासनिक दृष्टि से यह तिब्बत के ल्होखा विभाग में आता है और उस विभाग की राजधानी भी है। यह शहर तिब्बत के सबसे बड़े नगरों में से एक है और तिब्बत के कई प्राचीन राजा यहीं से राज किया करते थे। १९वीं सदी में यहाँ से गुज़रने वाले यात्रियों के अनुसार यहाँ १,००० घर, गोम्पा (बौद्ध-मठ), बाज़ार और एक द्ज़ोंग (तिब्बती शैली का क़िला) खड़े हुए थे। ल्हासा के बाद यह तिब्बत के इउ-त्संग क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर था। ३,१०० मीटर (१०,१७० फ़ुट) पर बसे हुए इस शहर की आबादी २००५ में ५२,००० अनुमानित की गई थी।, Rod Purcell, pp.

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द्ज़ोंग्खग

द्ज़ोंग्खग या द्ज़ोंग्खक (द्ज़ोंगखा: རྫོང་ཁག, dzongkhag) भूटान के प्रशासनिक व न्यायिक ज़िले को कहते हैं। इसका मूल "द्ज़ोंग" शब्द है, जिसका अर्थ "दुर्ग" होता है। भूटान के २० द्ज़ोंग्खगों को आगे २०५ गेओग या गेओक (རྒེད་འོག, gewog) में विभाजित करा गया है। कुछ बड़े ज़िलों में दुंग्खग (उपज़िला, དྲུང་ཁག་, dungkhag) नामक बीच का विभाजन भी है। .

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द्ज़ोक त्रुन त्रुन

द्ज़ोक त्रुन त्रुन (जन्म: 1964, (द्ज़ोंग: བོ་ཡིག་ག། །མ་རྫོང अँग्रेजी: Dzok Trun Trun) एक भूटानी लेखक और उल्लेखनीय साहित्यिक विद्वान हैं। वे भूटान के रॉयल विश्वविद्यालय में प्रवक्ता होने के साथ-साथ सकल राष्ट्रीय खुशी जैसे सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखने वाले प्रखर वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। वे भूटान के प्रधानमंत्री जिग्मे थिनले की कैबिनेट के लिए बौद्ध धर्म से संबंधित विशेषज्ञ, प्रचारक और सलाहकार हैं। 2009 में प्रकाशित इनके पहले उपन्यास "स्वालेन स्वालों, ग्रीन टी लीफ" से ये अचानक चर्चा में आए। इनकी अन्य प्रकाशित कृतियाँ हैं: "आई एम ए किंग, यू आर नॉट" (1997) और "सोशल लाइफ इन ईस्टर्न भूटान" (2004) है। .

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ग्यांत्से

ग्यांत्से (Shigatse, तिब्बती: རྒྱལ་རྩེ་) तिब्बत का एक शहर है। ऐतिहासिक रूप से यह ल्हासा और शिगात्से के बाद तिब्बत का तीसरा सबसे बड़ा शहर हुआ करता था लेकिन अब तिब्बत में ग्यांत्से से बड़े दस और नगर हैं। यह चुम्बी घाटी, यातोंग और सिक्किम से आने वाले ऐतिहासिक व्यापारिक मार्गों पर स्थित है।, Michael Buckley, pp.

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गोम्पा

लकिर दगोन पा (लद्दाख) गोम्पा या गोम्बा या गोन्पा (तिब्बती: དགོན་པ། / दगोन पा; अर्थ- 'एकान्त स्थान') तिब्बती शैली में बने एक प्रकार के बौद्ध-मठ के भवन या भवनों को कहते हैं। तिब्बत, भूटान, नेपाल और उत्तर भारत के लद्दाख़, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम व अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रों में यह कई स्थानों में मिलते हैं। भिक्षुओं की सुरक्षा के लिए मज़बूत दिवारों और द्वारों से घिरे यह भवन साधना, पूजा, धार्मिक शिक्षा और भिक्षुओं के निवास के स्थान होते हैं। इनका निर्माण अक्सर एक ज्यामीतीय धार्मिक मण्डल के आधार पर होता है जिसके केन्द्र में बुद्ध की मूर्ति या उन्हें दर्शाने वाली थांका चित्रकला होती है।, Shridhar Kaul, Hriday Nath Kaul, pp.

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