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देवेन्द्रनाथ ठाकुर

सूची देवेन्द्रनाथ ठाकुर

देवेन्द्रनाथ ठाकुर शान्तिनिकेतन में देवेन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा १८६३ में निर्मित '''उपासना गृह''' देवेन्द्रनाथ ठाकुर (15 मई 1817 – 19 जनवरी 1905) हिन्दू दार्शनिक, ब्रह्मसमाजी तथा धर्मसुधारक थे। १८४८ में ब्रह्म समाज के संस्थापकों में से एक थे। .

10 संबंधों: ठाकुर परिवार, तत्वबोधिनी पत्रिका, तत्वबोधिनी सभा, द्वारकानाथ ठाकुर, रबीन्द्रनाथ ठाकुर, स्वामी दयानन्द सरस्वती, गगनेन्द्रनाथ ठाकुर, गृह विज्ञान, केशवचन्द्र सेन, अवनींद्र नाथ टैगोर

ठाकुर परिवार

ठाकुर परिवार इस परिवार से कई महान लेखक, नेता और चित्रकार उत्पन्न हुए। .

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तत्वबोधिनी पत्रिका

तत्वबोधिनी पत्रिका, महर्षि देवेन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा १६ अगस्त १८४३ को स्थापित की गयी थी। यह तत्वबोधिनी सभा की पत्रिका थी जिसका प्रकाशन १८८३ तक होता रहा। यह कोलकाता से बांग्ला में प्रकाशित होती थी। .

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तत्वबोधिनी सभा

तत्वबोधिनी सभा, ब्रह्म समाज से टूटकर अलग हुए लोगों द्वारा स्थापित एक संघ था। .

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द्वारकानाथ ठाकुर

Grave of Dwarkanath Tagore in London. Photo:Tony Mitra द्वारकानाथ ठाकुर (१७९४-१८४६) बंगाल प्रदेश में जन्मे। वह ठाकुर परिवार के पूर्वज थे। .

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रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (बंगाली: রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। .

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स्वामी दयानन्द सरस्वती

स्वामी दयानन्द सरस्वती महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती (१८२४-१८८३) आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक व देशभक्त थे। उनका बचपन का नाम 'मूलशंकर' था। उन्होंने ने 1874 में एक महान आर्य सुधारक संगठन - आर्य समाज की स्थापना की। वे एक संन्यासी तथा एक महान चिंतक थे। उन्होंने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना। स्वामीजी ने कर्म सिद्धान्त, पुनर्जन्म, ब्रह्मचर्य तथा सन्यास को अपने दर्शन के चार स्तम्भ बनाया। उन्होने ही सबसे पहले १८७६ में 'स्वराज्य' का नारा दिया जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया। स्वामी दयानन्द के विचारों से प्रभावित महापुरुषों की संख्या असंख्य है, इनमें प्रमुख नाम हैं- मादाम भिकाजी कामा, पण्डित लेखराम आर्य, स्वामी श्रद्धानन्द, पण्डित गुरुदत्त विद्यार्थी, श्यामजी कृष्ण वर्मा, विनायक दामोदर सावरकर, लाला हरदयाल, मदनलाल ढींगरा, राम प्रसाद 'बिस्मिल', महादेव गोविंद रानडे, महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय इत्यादि। स्वामी दयानन्द के प्रमुख अनुयायियों में लाला हंसराज ने १८८६ में लाहौर में 'दयानन्द एंग्लो वैदिक कॉलेज' की स्थापना की तथा स्वामी श्रद्धानन्द ने १९०१ में हरिद्वार के निकट कांगड़ी में गुरुकुल की स्थापना की। .

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गगनेन्द्रनाथ ठाकुर

१९१५ में चित्रित ''प्रतिमा विसर्जन'' गगनेन्द्रनाथ ठाकुर (१७ सितम्बर, १८६७ - १९३८) भारत के बंगाल प्रदेश में जन्मे एक चित्रकार एवं कार्टूनकार थे। वह और उनके भाई अवनीन्द्रनाथ ठाकुर भारत के आधुनिक कलाकारों में अग्रणी थे।। वह ठाकुर परिवार के थे और चित्रकार थे। .

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गृह विज्ञान

'गृह अर्थशास्त्र' की एक कक्षा का दृष्य (टोरन्टो; सन् १९११) एक गृहिणी (कोलम्बिया) गृह विज्ञान (Home Sciences) शिक्षा की वह विधा है जिसके अन्तर्गत पाक शास्त्र, पोषण, गृह अर्थशास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, बच्चों की परवरिश, मानव विकास, आन्तरिक सज्जा, वस्त्र एवं परिधान, गृह-निर्माण आदि का अध्ययन किया जाता है। ऐतिहासिक रूप से जब बालकों को कृषि या 'शॉप' (लोहारी, बढ़ईगिरी, आटो की मरम्मत) आदि की शिक्षा दी जाने लगी तो बालिकाओं के लिये इस विषय के शिक्षण की आवश्यकता महसूस की गयी। .

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केशवचन्द्र सेन

समाज सुधारक '''केशवचन्द्र सेन''' केशवचन्द्र सेन (बंगला: কেশব চন্দ্র সেন केशोब चोन्दो शेन) (19 नवम्बर 1838 - 8 जनवरी 1884) बंगाल के हिन्दू दार्शनिक, धार्मिक उपदेशक एवं समाज सुधारक थे। 1856 मेंब्रह्मसमाज के अंतर्गत केशवचंद्र सेन के आगमन के साथ द्रुत गति से प्रसार पानेवाले इस आध्यात्मिक आंदोलन के सबसे गतिशील अध्याय का आरंभ हुआ। केशवचन्द्र सेन ने ही आर्यसमाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती को सलाह दी की वे सत्यार्थ प्रकाश की रचना हिन्दी में करें। .

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अवनींद्र नाथ टैगोर

अवनीन्द्रनाथ ठाकुर की कृति "गणेश-जननी" अवनीन्द्रनाथ ठाकुर (१८७१-१९५१) भारत के बंगाल प्रदेश में जन्मे चित्रकार थे। .

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देवेन्द्र नाथ ठाकुर

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