7 संबंधों: देवनारायण की फड़, भोपा, राजा बिसलदेव चौहान गुर्जर, हिन्दी पुस्तकों की सूची/त, हिन्दी पुस्तकों की सूची/प, आसीन्द, कुंचन नम्बियार।
देवनारायण की फड़
देवनारायण की फड़ (राजस्थानी: देवनारायण री पड़) एक कपड़े पर बनाई गई भगवान विष्णु के अवतार देवनारायण की महागाथा है जो मुख्यतः राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में गाई जाती है। राजस्थान में भोपे फड़ पर बने चित्रों को देखकर गाने गाते हैं जिसे राजस्थानी भाषा में 'पड़ का बाचना' कहा जाता है। देवनारायण भगवान विष्णु के अवतार थे। इनका जन्म विक्रम संवत के अनुसार 968 में हुआ था। .
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भोपा
भोपा राजस्थान,भारत में एक लोक देवताओं का गायन करने वाला समुदाय है। ये मुख्य रूप से राजस्थान में ही है। भोपा शब्द पुरुषों के लिए प्रयोग करते है तथा भोपी स्त्रियों के लिए प्रयोग किया जाता है। भोपा राजस्थान में पाबूजी की फड़ और देवनारायण की फड़ में चित्रों को देखकर गायन करते हैं। ये भोपे मन्दिरों में भी गायन करते हैं। .
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राजा बिसलदेव चौहान गुर्जर
बगड़ावत देवनारायण लोकगाथा अजमेर के राजा बिसलदेवजी के भाई माण्डलजी से शुरु होती है जो कि देवनारायण के पूर्वज थे। माण्डलजी के बड़े भाई राजा बिसलदेवजी उन्हें घोड़े खरीदने के लिये मेवाड़ भेजते हैं।राजा बिसलदेव चौहान की कचहरी .
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हिन्दी पुस्तकों की सूची/त
* तकीषी की कहानियां - बी.डी. कृष्णन.
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हिन्दी पुस्तकों की सूची/प
* पंच परमेश्वर - प्रेम चन्द्र.
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आसीन्द
आसीन्द, राजस्थान के भीलवाड़ा जिले का नगर तथा तहसील मुख्यालय है। आसीन्द मुख्यतः देवनारायण मन्दीर के लिये जाना जाता हें। आसिंद एक शहर हैं और भीलवाड़ा जिले, राजस्थान, भारत में एक नगरपालिका है। यह कई गांवों के लिए एक तहसील है शहर में एक मजिस्ट्रेट कार्यालय, लोअर न्याय न्यायालय और कई बड़े गांवों के लिए कई प्रशासनिक केंद्र हैं। .
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कुंचन नम्बियार
कुंचन नाम्बियार का घर कुंचन नंबियार (लगभग १७०५- १७७० ई.) मलयालम के आरम्भिक कवि, व्यंगकार थे। .