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दूरस्थ शिक्षा

सूची दूरस्थ शिक्षा

दूरस्थ शिक्षा (Distance education), शिक्षा की वह प्रणाली है जिसमें शिक्षक तथा शिक्षु को स्थान-विशेष अथवा समय-विशेष पर मौजूद होने की आवश्यकता नहीं होती। यह प्रणाली, अध्यापन तथा शिक्षण के तौर-तरीकों तथा समय-निर्धारण के साथ-साथ गुणवत्ता संबंधी अपेक्षाओं से समझौता किए बिना प्रवेश मानदंडों के संबंध में भी उदार है। भारत की मुक्त तथा दूरस्थ शिक्षा प्रणाली में राज्यों के मुक्त विश्वविद्यालय, शिक्षा प्रदान करने वाली संस्थाएं तथा विश्वविद्यालय शामिल है तथा इसमें दोहरी पद्धति के परंपरागत विश्वविद्यालयों के पत्राचार पाठयक्रम संस्थान भी शामिल हैं। यह प्रणाली, सतत शिक्षा, सेवारत कार्मिकों के क्षमता-उन्नयन तथा शैक्षिक रूप से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले शिक्षुओं के लिए गुणवत्तामूलक व तर्कसंगत शिक्षा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। .

15 संबंधों: चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, पण्डित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय, मुक्त शिक्षा, मुक्त शिक्षा विद्यालय, मुक्त विश्वविद्यालय, मुक्त अधिगम, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, शिक्षा, शैक्षिक प्रौद्योगिकी, ई-शिक्षा, व्यवसाय प्रबंध में स्नातकोत्तर, आकाश एजुकेशनल सेवाएँ लिमिटेड, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्‍वविद्यालय, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय

चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय

चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल, के नाम पर हरियाणा सरकार के द्वारा ५ अप्रैल २००३ को स्थापित किया गया था। यह विश्वविद्यालय दिल्ली से २५६ किमी और चंडीगढ़ से २८५ किमी दूर बरनाला रोड, सिरसा पर ६ एकड़ के एक विशाल परिसर में स्थित है। विश्वविद्यालय में १६ शैक्षणिक विभाग हैं, जिनमे की छात्रों के लिए 21 भविष्य उन्मुख और विशेष पाठ्यक्रम हैं। यह विश्वविद्यालय नौकरी उन्मुख पाठ्यक्रम दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से भी प्रदान करता है। .

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पण्डित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय

पं.

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मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय

मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय (Madhya Pradesh Bhoj Open University) भोपाल स्थित एक मध्य प्रदेश का मुक्त विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा प्रदान करता है। इसका नामकरण भारत के महान राजा परमार भोज के नाम पर हुआ है। .

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मुक्त शिक्षा

मुक्त शिक्षा (Open education) से मतलब उन शैक्षिक संस्थानों से है जो प्रवेश से सम्बन्धित अवरोधों को समाप्त करने के पक्ष में है। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि ऐसे संस्थानों में प्रवेश के लिए कोई भी शैक्षिक योग्यता आवश्यक न हो। .

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मुक्त शिक्षा विद्यालय

मुक्त शिक्षा विद्यालय (School of Open Learning) दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्तर्गत दूरस्थ शिक्षा का केन्द्र है। इसकी स्थापना १९६२ में हुई थी। पहले इसका नाम 'पत्राचार पाठ्यक्रम तथा सतत शिक्षा विद्यालय' था। .

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मुक्त विश्वविद्यालय

मुक्त विश्वविद्यालय (Open University) ऐसे विश्वविद्यालय होते हैं जो दूरस्थ शिक्षा के उद्देश्य से स्थापित किये जाते हैं। ऐसे विश्वविद्यालय भारत, यूके तथा अन्य देशों में कार्य कर रहे हैं। इन विश्वविद्यालयों में प्रवेश/नामांकन की नीति खुली या शिथिल होती है अर्थात विद्यार्थियों को अधिकांश स्नातक स्तर के प्रोग्रामों में प्रवेश देने के लिये उनके पूर्व शैक्षिक योग्यताओं की जरूरत का बन्धन नहीं लगाया जाता। भारत में 14 खुले विश्वविद्यालय तथा 75 नियमित विश्वविद्यालय और कई अन्य संस्थाएं दूरस्थ अध्ययन कार्यक्रम चलाते हैं। दूरस्थ शिक्षा पद्धत्ति कई श्रेणियों के शिक्षार्थियों, विशेष रूप से.

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मुक्त अधिगम

मुक्त अधिगम (ओपेन लर्निंग) शिक्षा सम्बन्धी एक नवाचारी आन्दोलन एवं शिक्षा-सुधार है जो औपचारिक शिक्षा प्रणाली के अन्दर अधिगम (सीखने) के अवसरों में वृद्धि करता है या सीखने के अवसरों को औपचारिक शिक्षा पद्धति की सीमाओं के परे ले जाता है। यह आन्दोलन १९७० के दशक में सामने आया और आज शिक्षा व्यवस्था में इसने महत्वपूर्ण जगह बना ली है। मुक्त अधिगम में आने वाली प्रमुख चीजें ये हैं-.

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राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS, NOS या राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय), भारत के मुक्त विद्यालयों की शिक्षा-परिषद है। यह एक स्वायत्त संगठन है। इसकी स्थापना भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 1989 के नवम्बर में हुई थी। इसका उद्देश्य देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विद्यार्थियों को सस्ती शिक्षा सुलभ कराना है। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद आदि की भांति राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान भी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर पर परीक्षा संचालित करता है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर लगभग 15 लाख छात्रों के वर्तमान नामांकन के साथ यह दुनिया में सबसे बड़ी खुली स्कूली शिक्षा प्रणाली है। .

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शिक्षा

अफगानिस्तान के एक विद्यालय में वृक्ष के नीचे पढ़ते बच्चे शिक्षा में ज्ञान, उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति आदि समाविष्ट हैं। इस प्रकार यह कौशलों (skills), व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और सौन्दर्यविषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है। शिक्षा, समाज की एक पीढ़ी द्वारा अपने से निचली पीढ़ी को अपने ज्ञान के हस्तांतरण का प्रयास है। इस विचार से शिक्षा एक संस्था के रूप में काम करती है, जो व्यक्ति विशेष को समाज से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा समाज की संस्कृति की निरंतरता को बनाए रखती है। बच्चा शिक्षा द्वारा समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों को सीखता है। बच्चा समाज से तभी जुड़ पाता है जब वह उस समाज विशेष के इतिहास से अभिमुख होता है। शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्त्व का विकसित करने वाली प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया उसे समाज में एक वयस्क की भूमिका निभाने के लिए समाजीकृत करती है तथा समाज के सदस्य एवं एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए व्यक्ति को आवश्यक ज्ञान तथा कौशल उपलब्ध कराती है। शिक्षा शब्द संस्कृत भाषा की ‘शिक्ष्’ धातु में ‘अ’ प्रत्यय लगाने से बना है। ‘शिक्ष्’ का अर्थ है सीखना और सिखाना। ‘शिक्षा’ शब्द का अर्थ हुआ सीखने-सिखाने की क्रिया। जब हम शिक्षा शब्द के प्रयोग को देखते हैं तो मोटे तौर पर यह दो रूपों में प्रयोग में लाया जाता है, व्यापक रूप में तथा संकुचित रूप में। व्यापक अर्थ में शिक्षा किसी समाज में सदैव चलने वाली सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास, उसके ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि एवं व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है और इस प्रकार उसे सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाया जाता है। मनुष्य क्षण-प्रतिक्षण नए-नए अनुभव प्राप्त करता है व करवाता है, जिससे उसका दिन-प्रतिदन का व्यवहार प्रभावित होता है। उसका यह सीखना-सिखाना विभिन्न समूहों, उत्सवों, पत्र-पत्रिकाओं, दूरदर्शन आदि से अनौपचारिक रूप से होता है। यही सीखना-सिखाना शिक्षा के व्यापक तथा विस्तृत रूप में आते हैं। संकुचित अर्थ में शिक्षा किसी समाज में एक निश्चित समय तथा निश्चित स्थानों (विद्यालय, महाविद्यालय) में सुनियोजित ढंग से चलने वाली एक सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा छात्र निश्चित पाठ्यक्रम को पढ़कर अनेक परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना सीखता है। शिक्षा एक गतिशील प्रकिया है निखिल .

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शैक्षिक प्रौद्योगिकी

शैक्षिक प्रौद्योगिकी (अधिगम प्रौद्योगिकी भी कहा जाता है) उचित तकनीकी प्रक्रियाओं और संसाधनों के सृजन, उपयोग तथा प्रबंधन के द्वारा अधिगम और कार्य प्रदर्शन सुधार के अध्ययन और नैतिक अभ्यास को कहते हैं। शैक्षिक प्रौद्योगिकी शब्द के साथ प्रायः अनुदेशात्मक सिद्धांत तथा अधिगम सिद्धांत संबद्ध और शामिल होते हैं। जबकि अनुदेशी प्रौद्योगिकी में अधिगम एवं अनुदेश की प्रक्रियाएं तथा प्रणालियां शामिल हैं, शैक्षिक प्रौद्योगिकी में मानवीय क्षमताओं के विकास हेतु प्रयुक्त अन्य प्रणालियां शामिल होती हैं। शैक्षिक प्रौद्योगिकी सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और इंटरनेट अनुप्रयोगों तथा गतिविधियों का समावेश करती है किंतु इन तक सामित नहीं है। लेकिन इन शब्दों के अर्थ को लेकर अब भी बहस होती है। .

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ई-शिक्षा

ई-शिक्षा (ई-लर्निंग) को सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक समर्थित शिक्षा और अध्यापन के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो स्वाभाविक तौर पर क्रियात्मक होते हैं और जिनका उद्देश्य शिक्षार्थी के व्यक्तिगत अनुभव, अभ्यास और ज्ञान के सन्दर्भ में ज्ञान के निर्माण को प्रभावित करना है। सूचना एवं संचार प्रणालियां, चाहे इनमें नेटवर्क की व्यवस्था हो या न हो, शिक्षा प्रक्रिया को कार्यान्वित करने वाले विशेष माध्यम के रूप में अपनी सेवा प्रदान करती हैं। ई-शिक्षा अनिवार्य रूप से कौशल एवं ज्ञान का कंप्यूटर एवं नेटवर्क समर्थित अंतरण है। ई-शिक्षा इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों और सीखने की प्रक्रियाओं के उपयोग को संदर्भित करता है। ई-शिक्षा के अनुप्रयोगों और प्रक्रियाओं में वेब-आधारित शिक्षा, कंप्यूटर-आधारित शिक्षा, आभासी कक्षाएं और डिजीटल सहयोग शामिल है। पाठ्य-सामग्रियों का वितरण इंटरनेट, इंट्रानेट/एक्स्ट्रानेट, ऑडियो या वीडियो टेप, उपग्रह टीवी और सीडी-रोम (CD-ROM) के माध्यम से किया जाता है। इसे खुद ब खुद या अनुदेशक के नेतृत्व में किया जा सकता है और इसका माध्यम पाठ, छवि, एनीमेशन, स्ट्रीमिंग वीडियो और ऑडियो है। ई-शिक्षा के समानार्थक शब्दों के रूप में सीबीटी (CBT) (कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षा), आईबीटी (IBT) (इंटरनेट-आधारित प्रशिक्षा) या डब्ल्यूबीटी (WBT) (वेब-आधारित प्रशिक्षा) जैसे संक्षिप्त शब्द-रूपों का इस्तेमाल किया जा सकता है। आज भी कोई व्यक्ति ई-शिक्षा (ई-लर्निंग/e-learning) के विभिन्न रूपों, जैसे - elearning, Elearning और eLearning (इनमें से प्रत्येक - ईलर्निंग/ईशिक्षा), के साथ-साथ उपरोक्त शब्दों का भी इस्तेमाल होता देख सकता है। .

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व्यवसाय प्रबंध में स्नातकोत्तर

व्यवसाय प्रबंध में स्नातकोत्तर (एमबीए (MBA)) व्यवसाय प्रशासन में मास्टर की डिग्री है, जो विस्तृत श्रृंखला के शैक्षिक विषयों से लोगों को आकर्षित करती है। व्यवसाय प्रबंध में स्नातकोत्तर पद संयुक्त राज्य अमेरिका में आरम्भ हुआ, अतिकाल 19 वीं सदी से उभरता हुआ जैसे देश औद्योगिक बना और कंपनियों ने प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण की तलाश की.

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आकाश एजुकेशनल सेवाएँ लिमिटेड

आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (AESL) समूह के मेडिकल संस्थान, आकाश आईआईटी-जेईई और आकाशा जिसका गठन किया गया था 2008 में.

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इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्‍वविद्यालय

इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का प्रवेश-द्वार इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (संक्षेप में इग्नू‎ -IGNOU) भारतीय संसदीय अधिनियम के द्वारा सितम्बर, 1985 में स्थापित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इसका मुख्य कार्यालय नयी दिल्ली (मैदान गढ़ी) में स्थापित है। यह दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। भारत और अन्य 33 देशों के लगभग 40 लाख विद्यार्थी इसमें अध्ययन करते हैं। यह विश्वविद्यालय भारत में मुक्त और दूरवर्ती अध्ययन का राष्ट्रीय संसाधन केंद्र भी है तथा दूरवर्ती शिक्षा में दुनिया का नायक है। शिक्षण और अनुसंधान के अलावा, विस्तार और प्रशिक्षण इस विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों का मुख्य आधार है। .

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उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University) इलाहाबाद में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। यह राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के नाम पर है। इसका स्थायी परिसर इलाहाबाद स्थित फाफामऊ में है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, अधिनियम 1999 उत्तर प्रदेश (अधिनियम संख्या-10, 1999) के अन्तर्गत हुई। इस विश्वविद्यालय को दूरस्थ शिक्षा योजना के अन्तर्गत एक मुक्त विश्वविद्यालय, बनाया गया, जिससे पूरे उत्तर प्रदेश में सुनियोजित ढंग से उच्च शिक्षा का प्रचार एवं प्रसार दूरस्थ प्रणाली के माध्यम से संचालित हो सके। आबादी के एक बड़े क्षेत्र में काम कर रहे लोगों, गृहणियों और अन्य वयस्कों को उच्च शिक्षा से जोड़ने तथा उनके उन्नत भविष्य के लिए ज्ञानार्जन हेतु विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। विश्वविद्यालय का प्रथम शैक्षणिक सत्र जुलाई, 1999 से प्रारम्भ हुआ। खासकर दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, विशेषकर उच्च शिक्षा से वंचित तथा उन लोगों के लिए जो पढ़ाई के माध्यम से स्वतंत्र रूप से ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए इस विश्वविद्यालय में कई योजनाएँ संचालित है। इसके पाठ्यक्रम दूरस्थ पद्धति द्वारा संचालित होते हैं। ग्रामीण विकास डिप्लोमा पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए उम्मीदवार का स्नातक होना अनिवार्य है। लेकिन उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने बारहवीं कक्षा में भी इसे मान्यता दी है। ग्रामीण विकास में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की अवधि एक वर्ष की है लेकिन उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में एक से तीन वर्ष तक का पाठ्यक्रम है। पाठ्यक्रम का माध्यम केवल हिन्दी और अंग्रेजी ही हैं। .

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