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दुर्ग जिला

सूची दुर्ग जिला

दुर्ग भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ का एक जिला है। दुर्ग जिला ८,५ ३ ७ वर्ग किलोमीटर की एरिया में फैला हुआ है। यहाँ की जनसंख्या सन १९ ९ १ में २,३९ ७, १ ३ ४ था। जिले का मुख्यालय दुर्ग है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

14 संबंधों: तीजनबाई, दुर्ग विश्वविद्यालय, नवागढ़, बेमेतरा, भिलाई, खारून नदी, करकाभाट, छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल, छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक स्थल, छत्तीसगढ़ के भारत सरकार संरक्षित स्थल, छत्तीसगढ़ के राज्य संरक्षित स्थल, छत्तीसगढ़ के जिले

तीजनबाई

तीजनबाई (जन्म- २४ अप्रैल १९५६) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के पंडवानी लोक गीत-नाट्य की पहली महिला कलाकार हैं। देश-विदेश में अपनी कला का प्रदर्शन करने वाली तीजनबाई को बिलासपुर विश्वविद्यालय द्वारा डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। वे सन १९८८ में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और २००३ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से अलंकृत की गयीं। उन्हें १९९५ में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार तथा २००७ में नृत्य शिरोमणि से भी सम्मानित किया जा चुका है। भिलाई के गाँव गनियारी में जन्मी इस कलाकार के पिता का नाम हुनुकलाल परधा और माता का नाम सुखवती था। नन्हीं तीजन अपने नाना ब्रजलाल को महाभारत की कहानियाँ गाते सुनाते देखतीं और धीरे धीरे उन्हें ये कहानियाँ याद होने लगीं। उनकी अद्भुत लगन और प्रतिभा को देखकर उमेद सिंह देशमुख ने उन्हें अनौपचारिक प्रशिक्षण भी दिया। १३ वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना पहला मंच प्रदर्शन किया। उस समय में महिला पंडवानी गायिकाएँ केवल बैठकर गा सकती थीं जिसे वेदमती शैली कहा जाता है। पुरुष खड़े होकर कापालिक शैली में गाते थे। तीजनबाई वे पहली महिला थीं जो जिन्होंने कापालिक शैली में पंडवानी का प्रदर्शन किया।। देशबन्धु।६ अक्टूबर, २००९ एक दिन ऐसा भी आया जब प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर ने उन्हें सुना और तबसे तीजनबाई का जीवन बदल गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से लेकर अनेक अतिविशिष्ट लोगों के सामने देश-विदेश में उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया। प्रदेश और देश की सरकारी व गैरसरकारी अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत तीजनबाई मंच पर सम्मोहित कर देनेवाले अद्भुत नृत्य नाट्य का प्रदर्शन करती हैं। ज्यों ही प्रदर्शन आरंभ होता है, उनका रंगीन फुँदनों वाला तानपूरा अभिव्यक्ति के अलग अलग रूप ले लेता है। कभी दुःशासन की बाँह, कभी अर्जुन का रथ, कभी भीम की गदा तो कभी द्रौपदी के बाल में बदलकर यह तानपूरा श्रोताओं को इतिहास के उस समय में पहुँचा देता है जहाँ वे तीजन के साथ-साथ जोश, होश, क्रोध, दर्द, उत्साह, उमंग और छल-कपट की ऐतिहासिक संवेदना को महसूस करते हैं। उनकी ठोस लोकनाट्य वाली आवाज़ और अभिनय, नृत्य और संवाद उनकी कला के विशेष अंग हैं। भारत भवन भोपाल में पंडवानी प्रस्तुति के दौरान .

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दुर्ग विश्वविद्यालय

दुर्ग विश्वविद्यालय भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिला में स्थित विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना २४ अप्रैल २०१५ को जारी अधिसूचना के साथ की गई है। विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्र में पांच जिलों- दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, राजनांदगांव और कबीरधाम के ५० सरकारी और ६८ गैर सरकारी महाविद्यालय शामिल किए गए हैं। .

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नवागढ़

नवागढ़ बेमेतरा जिले में है। पहले यह अवभाजित दुर्ग जिले में था। यह दुर्ग से इसकी दूरी करीब 100 कि०मी० और बेमेतरा से 25 कि०मी० है। यह मुंगेली व बेमेतरा जिले के ठीक मध्य में स्थित है। मंदिरों की नगरी कहा जाने वाला नवागढ़ अपने आप में पुरातात्विक इतिहास संजोए है। कल्चुरी राजाओं के 36 गढ़ों में से एक गढ़ के रूप में नवागढ़ आज भी प्रतिष्टित है। जहाँ राजा के द्वारा निर्माण करायी हुई बावड़ी आज भी बावली पारा में विद्यमान है, जिसमें अत्यधिक पानी होने के कारण लोहे के दरवाजे से बंद कर दिया गया है, जो पहले पुरे नगर में जल का स्रोत हुआ करता था। यहाँ समय-समय पर अनेक प्राचीन अवशेष मिलते हैं, जो इसकी पुरातात्विक महत्त्व को प्रदर्शित करता है। नवागढ़ और उसके आसपास उपजाऊ भूमि है। लेकिन सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण कृषि उन्नत नहीं है। श्री शमी गणेश का विश्व का एक मात्र प्रसिद्ध मन्दिर नवागढ़ की शोभा को चार चाँद लगाता है। इस मन्दिर की रचना तांत्रिक विधि द्वारा की गयी है। इसके अतिरिक्त यहाँ पर बहुत प्राचीन तालाब है,यहाँ तालाबो की बहुत संख्या है| .

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बेमेतरा

बेमेतरा छत्तीसगढ़ का एक शहर हैं, जो दुर्ग जिले से अलग होकर नए जिले के रूप में १४ जनवरी २०१२ को अस्तित्व में आया। यह जिला मूल रूप से अपने उन्हारी उत्पादन के लिए पुरे एशिया में विख्यात हैं। यहाँ चना का अत्यधिक उत्पादन होता है। शिक्षा के क्षेत्र में भी यह जिला अग्रिणी रहा हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कवि सुरेन्द्र दुबे भी इसी माटी के हैं, इन्टरनेट पर न्यूज़ सर्विस दे रहे अजीत कुमार शर्मा बेमेतरा जिले के पहले अधिमान्य प्राप्त पत्रकार हैं। माता भद्रकाली संस्थान, योगिद्वीप.

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भिलाई

भिलाई शहर करीबन भारत के मध्य में बसा है। 5,53,837 की जनसंख्या के साथ, भिलाई भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का दूसरा बड़ा शहर है। मुम्बई-नागपुर-बिलासपुर-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग 6 पर स्थित, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 30 किलोमीटर पश्चिम में भारतीय इस्पात प्राधिकरण के अंतर्गत एकीकृत इस्पात संयंत्र के लिये जगप्रसिद्ध शहर शिक्षा और खेल के क्षेत्र में भी नाम रखता है। भारत-रूस मैत्री के फ़लस्वरूप बना भिलाई इस्पात संयंत्र श्रेष्ठ एकीकृत इस्पात संयंत्र के लिये लगातार ग्यारह बार प्रधानमंत्री ट्रॉफ़ी जीत चुका है। भिलाई नाम की उत्पत्ति भिलाई गांव से हुई है, जो इस नगर के उत्तर में स्थित है। सन् 1956 तक भिलाई गांव एक छोटा सा ग्राम था, जिसकी जनसंख्या 350 थी। सन् 1955 में भारत एवं सोवियत रुस में संपन्न एक समझौते के अंतर्गत इस्पात कारखाना स्थापित किया गया। भिलाई इस्पात संयंत्र कारखाना स्थापित होने से क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों में वृद्वि हुई। संक्षिप्त परिचय - नगर पालिक निगम भिलाई मुम्बई - हावड़ा रेल्वे लाइन तथा राष्ट्रीय राजपथ क्रमांक-6 के किनारे,21013 उत्तर अक्षांश एवं 81026 पूर्व देशांश में, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित भिलाई, सन् 1955 तक एक छोटा, शांत और धान की खेती पर पोषित गांव मात्र था। 14 मार्च 1955 को भारत शासन और तत्कालीन सोवियत संघ के मध्य, भिलाई में एक मिलीयन टन क्षमता के इस्पात कारखाना लगाने का समझौता हुआ जिसने न केवल भिलाई जिसने न केवल भिलाई की, वरन् इसके आस-पास बसे सैकड़ों गांवों की काया पलट दी। मुंबई-हावड़ा रेल्वे लाइन के उत्तर में भिलाई इस्पात संयंत्र और उसकी टाउनशीप बनाने का निर्णय लिया गया और इसके दक्षिण में श्रमिकों के लिए अस्थायी निवास हेतु भूमि दी गई। अवधारणा यह थी कि कारखाना प्रारंभ होने के बाद, उक्त अस्थायी निवास हट जावेंगे और भूमि खाली हो जावेगी, किन्तु ऐसा हो न सका। बसाहट बढ़ती गई और मूलभूत सुविधा विहीन बस्तियाँ बनती गई। दुर्ग-भिलाई की जनसंख्या सन् 1951-71 के दशक में 86 प्रतिशत तथा 1971-81 के दशक में 113 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सन् 1981-91 के दशक में 89 प्रतिशत एवं सन् 1991-2001 के दशक में 77 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चित्र:Gayatri Shakti Peeth, Sec-6.jpg|सेक्टर-6 स्थित गायत्री शक्ति पीठ चित्र:Nehru art gallary.jpg|सिविक सेंटर स्चित नेहरू आर्ट गैलरी चित्र:Bhilai Railway Station.jpg|भिलाई रेलवे स्टेशन श्रेणी:छत्तीसगढ़ के नगर hr:Bilaj hu:Bilaj sl:Bilaj.

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खारून नदी

खारुन नदी शिवनाथ नदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह शिवनाथ नदी में मिलकर महानदी की संपन्न जलराशि में भी अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करती है। दुर्ग जिले के संजारी क्षेत्र से निकलने वाली यह नहीं रायपुर तहसील की सीमा से बहती हुई सोमनाथ के पास शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसी जगह पर यह बेमेनय और बलौदाबाजार तहसील को अलग करती है। बलौदाबाजार के उत्तर में अरपा नदी, जो बिलासपुर जिले से निकलती है, शिवनाथ से आ मिलती है। हावड़ा नागपुर रेल लाइन इस खारुन नदी के ऊपर से गुजरती है। खारुन में एक शान्ति है जो देखने वालों को अपनी ओर खींचती हैं। श्रेणी:भारत की नदियाँ श्रेणी:छत्तीसगढ़.

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करकाभाट

करकाभाट, छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिले में नगर में स्थित है। यहाँ महापाषाण काल के स्मारक मिले हैं। यह स्मारक छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा संरक्षित है। श्रेणी:छत्तीसगढ़ के नगर.

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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ भारत का एक राज्य है। छत्तीसगढ़ राज्य का गठन १ नवम्बर २००० को हुआ था। यह भारत का २६वां राज्य है। भारत में दो क्षेत्र ऐसे हैं जिनका नाम विशेष कारणों से बदल गया - एक तो 'मगध' जो बौद्ध विहारों की अधिकता के कारण "बिहार" बन गया और दूसरा 'दक्षिण कौशल' जो छत्तीस गढ़ों को अपने में समाहित रखने के कारण "छत्तीसगढ़" बन गया। किन्तु ये दोनों ही क्षेत्र अत्यन्त प्राचीन काल से ही भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं। "छत्तीसगढ़" तो वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष इंगित करते हैं कि यहाँ पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है। .

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छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय

सीएसवीटीयू का नेवईभाठा स्थित नवीन भवन छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिले के भिलाई शहर में स्थित तकनीकी विश्वविद्यालय है। इसे संक्षिप्त रूप से सीएसवीटीयू के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के हाथों ३० जुलाई २००५ को हुई थी। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध राज्य में ४५ इंजीनियरिंग महाविद्यालय, एक आर्किटेक्चर महाविद्यालय, ३८ पॉलीटेक्निक और ११ फार्मेसी महाविद्यालय शामिल हैं। .

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छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल

छत्तीसगढ़ में कई ऐसे स्थल हैं जो विभिन्न कारणों से पर्यटन हेतु महत्वपूर्ण हैं। इनमें से कुछ पुरातात्विक कारणों से महत्वपूर्ण हैं तो कुछ प्राकृतिक दृश्यों और वन्य जीवों के लिये प्रसिद्द हैं। इन पर्यटन स्थलों की सूची इस प्रकार से है: .

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छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक स्थल

Temple Carvings in Malhar Bilaspur Chhattisgarh 2009.jpg बिलासपुर के मन्दिरो की कारिगिरी छत्तीसगढ़ में कई पुरातात्विक महत्व के स्थल हैं। इन पुरातात्विक स्थलों की सूची इस प्रकार से है। .

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छत्तीसगढ़ के भारत सरकार संरक्षित स्थल

छत्तीसगढ के भारत सरकार का एक संरक्षित स्थल छत्तीसगढ़ में अनेकों संरक्षित स्मारक स्थल हैं। इनमें से कई राज्य सरकार द्वारा संरक्षित है, कई भारत सरकार द्वारा संरक्षित हैं, व कुछ विश्व धरोहर स्थल घोषित हैं। .

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छत्तीसगढ़ के राज्य संरक्षित स्थल

शिव मंदिर,बस्तर,छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ में अनेकों संरक्षित स्मारक स्थल हैं। इनमें से कई राज्य सरकार द्वारा संरक्षित है, कई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित स्थल, व कुछ विश्व धरोहर स्थल घोषित हैं। .

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छत्तीसगढ़ के जिले

यह सूची छत्तीसगढ़ के जिलों की है:-.

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