हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
निवर्तमानआने वाली
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

दिल्ली विश्‍वविद्यालय

सूची दिल्ली विश्‍वविद्यालय

दिल्ली विश्वविद्यालय (अंग्रेजी:University of Delhi), भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। भारत की राजधानी दिल्ली स्थित यह विश्वविद्यालय 1922 में स्थापित हुआ था। यह स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलाधिपति हैं। THES-QS की विश्व के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग के अनुसार यह भारत का शीर्ष गैर-आईआईटी विश्वविद्यालय है। दिल्ली विश्वविद्यालय के दो परिसर हैं जो दिल्ली के उत्तरी और दक्षिणी भाग में स्थित हैं। इन्हें क्रमश: उत्तरी परिसर और दक्षिणी परिसर कहा जाता है। दिल्ली विश्वविद्यालय का उत्तरी परिसर में दिल्ली मेट्रो की पीली लाइन के साथ सुनियोजित ढंग से जुड़ा हुआ है और मेट्रो स्टेशन का नाम 'विश्वविद्यालय' है। उत्तरी परिसर दिल्ली विधान सभा से 2.5 किमी और अंतरराज्यीय बस अड्डे से 7.0 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।तो वहीं इसका दक्षिणी परिसर गुलाबी (पिंक)लाइन से जुड़ा है और मेट्रो स्टेशन का नाम 'दुर्गाबाई देशमुख साउथ केम्पस 'है| .

सामग्री की तालिका

  1. 194 संबंधों: चन्दर, एस आर रंगनाथन, डॉ॰ नगेन्द्र, तरुणा मदन गुप्ता, तिब्बिया कॉलेज, त्रिलोकी नाथ मदन, तेजेंद्र शर्मा, दर्शन रंगनाथन, दशरथ शर्मा, दिल्ली, दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्‍वविद्यालय के भूतपूर्व छात्रों की सूची, दिल्ली के शिक्षा संस्थानों की सूची, दौलत सिंह कोठारी, दूरस्थ शिक्षा, धौला कुआँ, नयनजोत लाहिरी, नरेन्द्र मोदी, नरेन्द्र कोहली, नारोमुरार, निस्तुला हेब्बार, नजीब जंग, नैना लाल किदवई, नेताजी नगर, नोआम चाम्सकी, पपिया घोष, परमजीत खुराना, पिंजरा तोड़, पंचानन माहेश्वरी, पंखुड़ी पाठक, पंकज सिंह (राजनेता), पुस्तकालय का इतिहास, प्रताप सहगल, प्रभु लाल भटनागर, प्रशांत राज सचदेव, प्रियंका गांधी, प्रवेश राणा, प्रेम लाल जोशी, पूरनचंद जोशी, पेमा खांडू, पॉलीमर, बिबेक देबराय, बी के थेल्मा, बीना अग्रवाल, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भगत सिंह, भीष्म साहनी, मनोहर लाल खट्टर, मलिक मोहम्मद जायसी, महादेवी वर्मा, ... सूचकांक विस्तार (144 अधिक) »

चन्दर

तारा चन्दर एक कार्टूनकार हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और चन्दर

एस आर रंगनाथन

यस आर रंगनाथन भारत के गणितज्ञ तथा पुस्तकालय जगत के जनक थे जिन्होने कोलन वर्गीकरण तथा क्लासिफाइड केटलाग कोड बनाया। पुस्तकालय विज्ञान को महत्व प्रदान करने तथा भारत में इसका प्रचार प्रसार करने में इनका सक्रिय योगदान था।http://publications.drdo.gov.in/gsdl/collect/dbit/index/assoc/HASH5351.dir/dbit1205003.pdf .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और एस आर रंगनाथन

डॉ॰ नगेन्द्र

डॉ॰ नगेन्द्र (जन्म: 9 मार्च 1915 अलीगढ़, मृत्यु: 27 अक्टूबर 1999 नई दिल्ली) हिन्दी के प्रमुख आधुनिक आलोचकों में थे। वे एक सुलझे हुए विचारक और गहरे विश्लेषक थे। अपनी सूझ-बूझ तथा पकड़ के कारण वे गहराई में पैठकर केवल विश्लेषण ही नहीं करते, बल्कि नयी उद्भावनाओं से अपने विवेचन को विचारोत्तेजक भी बना देते थे। उलझन उनमें कहीं नहीं थी। 'साधारणीकरण' सम्बन्धी उनकी उद्भावनाओं से लोग असहमत भले ही रहे हों, पर उसके कारण लोगों को उस सम्बन्ध में नये ढंग से विचार अवश्य करना पड़ा है। 'भारतीय काव्य-शास्त्र' (1955ई.) की विद्वत्तापूर्ण भूमिका प्रस्तुत करके उन्होंने हिन्दी में एक बड़े अभाव की पूर्ति की। उन्होंने 'पाश्चात्य काव्यशास्त्र: सिद्धांत और वाद' नामक आलोचनात्मक कृति में अपनी सूक्ष्म विवेचन-क्षमता का परिचय भी दिया। अरस्तू के काव्यशास्त्र की भूमिका-अंश उनका सूक्ष्म पकड़, बारीक विश्लेषण और अध्यवसाय का परिचायक है। बीच-बीच में भारतीय काव्य-शास्त्र से तुलना करके उन्होंने उसे और भी उपयोगी बना दिया है। उन्होंने हिंदी मिथक को भी परिभाषित किया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और डॉ॰ नगेन्द्र

तरुणा मदन गुप्ता

तरुणा मदन गुप्ता वैज्ञानिक "डी" के रूप में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन प्रॉडक्टिव हेल्थ (एनआईआरआरएच), मुंबई, भारत में काम करती है। उन्होंने बड़े पैमाने पर एस्परगिलोसिस और फेफड़ों के सर्फटेक्ट प्रोटीन पर काम किया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और तरुणा मदन गुप्ता

तिब्बिया कॉलेज

तिब्बिया कॉलेज, जिसे आयुर्वेदिक एवं यूनानी तिब्बिया कॉलेज के नाम से भी जाना जाता है, एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है जो भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। 19 वी सदी में स्थापित यह कॉलेज आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति के अध्ययन की सुविधा प्रदान करता है। इस कॉलेज का उद्घाटन महात्मा गाँधी ने सन 1921 में किया था। यह कॉलेज आयुर्वेदिक आयुर्विज्ञान और शल्य चिकित्सा और यूनानी आयुर्विज्ञान और शल्य चिकित्सा में स्नातक उपाधि प्रदान करता है। 15 फ़रवरी 2008 को एक 60 बिस्तर वाला जच्चा-बच्चा खंड कॉलेज में शुरु किया गया है, साथ ही दिल्ली सरकार नें कॉलेज के आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा में योगदान के देखते हुए इसे एक विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और तिब्बिया कॉलेज

त्रिलोकी नाथ मदन

त्रिलोकी नाथ मदन (1933) कश्मीर के विख्यात विद्वान हैं। वह समाज शास्त्री मानवविज्ञानी हैं। इनका Ph.D. आस्टेलिया से है। यह कई वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। इनका सबसे विख्यात ग्रन्थ Family and Kinship among the Pandits of Rural Kashmir (1966, 1989) है। श्रेणी:जीवित लोग श्रेणी:1933 में जन्मे लोग श्रेणी:कश्मीर के लोग श्रेणी:श्रीनगर के लोग श्रेणी:लेखक.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और त्रिलोकी नाथ मदन

तेजेंद्र शर्मा

तेजेंद्र शर्मा (जन्म २१ अक्टूबर १९५२) ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी कवि लेखक एवं नाटककार है। इनका जन्म 21 अक्टूबर 1952 में पंजाब के जगरांव शहर में हुआ। तेजेन्द्र शर्मा की स्कूली पढ़ाई दिल्ली के अंधा मुग़ल क्षेत्र के सरकारी स्कूल में हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विषय में एम.ए.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और तेजेंद्र शर्मा

दर्शन रंगनाथन

दर्शन रंगनाथन (४ जून १९४१ - ४ जून, २००१) भारत के एक कार्बनिक रसायनज्ञ थे। उन्होंने जैव-जैविक रसायन विज्ञान में काम के किया था, जिसमें "प्रोटीन तह में अग्रणी काम शामिल है।"" उन्हें "सुपरमौलेकुल्युलर असेंबलियों, आणविक डिज़ाइन, महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रियाओं के रासायनिक सिमुलेशन, कार्यात्मक हाइब्रिड पेप्टाइड्स के संश्लेषण और नैनोट्यूब के संश्लेषण में उनके काम के लिए भी मान्यता मिली। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और दर्शन रंगनाथन

दशरथ शर्मा

दशरथ शर्मा (१९०३, चूरु, राजस्थान - १९७६) एक भारतविद् एवं भारत के राजस्थान क्षेत्र के इतिहास पर जाने-माने विद्वान थे। आप भाष्याचार्य हरनामदत्त शास्त्री के पौत्र तथा विद्यावाचस्पति विद्याधर शास्त्री के अनुज थे। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और दशरथ शर्मा

दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और दिल्ली

दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, (पुराना नाम: दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज या पूर्व दिल्ली पॉलीटेक्निक)(अंग्रेजी:Delhi Technological University या DTU पूर्व में DCE) भारत का एक इंजीनियरिंग (अभियांत्रिकी) विश्वविद्यालय है। मूल रूप से इसे सन 1940 में दिल्ली पालीटेक्निक (बहुतकनीकी संस्थान) के रूप में स्थापित किया गया था और उस समय यह भारत सरकार के सीधे नियंत्रण में था। 1963 के बाद से यह दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार के नियंत्रण में है और 1952 से यह कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध है। दिल्ली सरकार की कैबिनेट समिति ने दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज को डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय दर्जा देने का प्रस्ताव पारित कर दिया है और अब यह प्रस्ताव स्वीकृति हेतु एआईसीटीई और भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष विचाराधीन है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

दिल्ली विश्‍वविद्यालय के भूतपूर्व छात्रों की सूची

दिल्ली विश्‍वविद्यालय एक सार्वजनिक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है जो भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। विश्‍वविद्यालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता तथा इसके कुलपति का पद भारत के उपराष्ट्रपति के पास होता है। दिल्ली विश्वविद्यालय के दो परिसर हैं जो दिल्ली के उत्तरी और दक्षिणी भाग में स्थित हैं और जिन्हें क्रमश: उत्तरी परिसर और दक्षिणी परिसर कहा जाता है। विश्‍वविद्यालय की स्थापना सन् 1922 में केन्द्रीय विधान सभा द्वारा पारित किए गए बिल के द्वारा हुई थी। इसके संस्थापक उपकुलपति हरिसिंह गौर थे। दिल्ली विश्‍वविद्यालय लगातार भारत के उच्च क्रमांकन विश्वविद्यालयों में से एक रहा है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और दिल्ली विश्‍वविद्यालय के भूतपूर्व छात्रों की सूची

दिल्ली के शिक्षा संस्थानों की सूची

यह दिल्ली में स्थित शिक्षण संस्थानों की सूची है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और दिल्ली के शिक्षा संस्थानों की सूची

दौलत सिंह कोठारी

भारत के महान रक्षावैज्ञानिक '''श्री दौलत सिंह कोठारी''' दौलत सिंह कोठारी (1905–1993) भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की विज्ञान नीति में जो लोग शामिल थे उनमें डॉ॰ कोठारी, होमी भाभा, डॉ॰ मेघनाथ साहा और सी.वी.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और दौलत सिंह कोठारी

दूरस्थ शिक्षा

दूरस्थ शिक्षा (Distance education), शिक्षा की वह प्रणाली है जिसमें शिक्षक तथा शिक्षु को स्थान-विशेष अथवा समय-विशेष पर मौजूद होने की आवश्यकता नहीं होती। यह प्रणाली, अध्यापन तथा शिक्षण के तौर-तरीकों तथा समय-निर्धारण के साथ-साथ गुणवत्ता संबंधी अपेक्षाओं से समझौता किए बिना प्रवेश मानदंडों के संबंध में भी उदार है। भारत की मुक्त तथा दूरस्थ शिक्षा प्रणाली में राज्यों के मुक्त विश्वविद्यालय, शिक्षा प्रदान करने वाली संस्थाएं तथा विश्वविद्यालय शामिल है तथा इसमें दोहरी पद्धति के परंपरागत विश्वविद्यालयों के पत्राचार पाठयक्रम संस्थान भी शामिल हैं। यह प्रणाली, सतत शिक्षा, सेवारत कार्मिकों के क्षमता-उन्नयन तथा शैक्षिक रूप से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले शिक्षुओं के लिए गुणवत्तामूलक व तर्कसंगत शिक्षा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और दूरस्थ शिक्षा

धौला कुआँ

धौला कुआँ दक्षिण पश्चिम दिल्ली का महात्मा गाँधी मार्ग पर स्थित एक चौराहे, तथा उससे लगे रिहायशी क्षेत्र का नाम है। पहले यहाँ एक गोल-चक्कर था, जिसे हटाकर दिल्ली सरकार द्वारा पुलों की एक निर्बाध श्रंखला से इसे एक नया रूप दिया गया। यहीं से राष्ट्रीय राजमार्ग ८ प्रारम्भ होता है, जो जयपुर की तरफ जाता हैं। मेट्रो कि एयरपोर्ट लाइन से भी इसे जोड़ दिया गया हैं। यहाँ एक अनाधिकारिक बस अड्डा भी है, जहाँ से हरियाणा तथा राजस्थान के कुछ नगरों तक के लिए बीएस सेवा का संचालन होता है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और धौला कुआँ

नयनजोत लाहिरी

प्रो.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और नयनजोत लाहिरी

नरेन्द्र मोदी

नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (નરેંદ્ર દામોદરદાસ મોદી Narendra Damodardas Modi; जन्म: 17 सितम्बर 1950) भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री हैं। भारत के राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमन्त्री पद की शपथ दिलायी। वे स्वतन्त्र भारत के 15वें प्रधानमन्त्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। वडनगर के एक गुजराती परिवार में पैदा हुए, मोदी ने अपने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की, और बाद में अपना खुद का स्टाल चलाया। आठ साल की उम्र में वे आरएसएस से  जुड़े, जिसके साथ एक लंबे समय तक सम्बंधित रहे । स्नातक होने के बाद उन्होंने अपने घर छोड़ दिया। मोदी ने दो साल तक भारत भर में यात्रा की, और कई धार्मिक केंद्रों का दौरा किया। गुजरात लौटने के बाद और 1969 या 1970 में अहमदाबाद चले गए। 1971 में वह आरएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1975  में देश भर में आपातकाल की स्थिति के दौरान उन्हें कुछ समय के लिए छिपना पड़ा। 1985 में वे बीजेपी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पदानुक्रम के भीतर कई पदों पर कार्य किया, जहाँ से वे धीरे धीरे वे सचिव के पद पर पहुंचे।   गुजरात भूकंप २००१, (भुज में भूकंप) के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के असफल स्वास्थ्य और ख़राब सार्वजनिक छवि के कारण नरेंद्र मोदी को 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। मोदी जल्द ही विधायी विधानसभा के लिए चुने गए। 2002 के गुजरात दंगों में उनके प्रशासन को कठोर माना गया है, की आलोचना भी हुई।  हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) को अभियोजन पक्ष की कार्यवाही शुरू करने के लिए कोई है। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए । उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत दर्ज़ की। इससे पूर्व वे गुजरात राज्य के 14वें मुख्यमन्त्री रहे। उन्हें उनके काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) मुख्यमन्त्री चुना। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं।। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी वे सबसे ज्यादा फॉलोअर वाले भारतीय नेता हैं। उन्हें 'नमो' नाम से भी जाना जाता है। टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है। अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नरेन्द्र मोदी एक राजनेता और कवि हैं। वे गुजराती भाषा के अलावा हिन्दी में भी देशप्रेम से ओतप्रोत कविताएँ लिखते हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और नरेन्द्र मोदी

नरेन्द्र कोहली

डॉ॰ नरेन्द्र कोहली (जन्म ६ जनवरी १९४०) प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार हैं। कोहली जी ने साहित्य के सभी प्रमुख विधाओं (यथा उपन्यास, व्यंग्य, नाटक, कहानी) एवं गौण विधाओं (यथा संस्मरण, निबंध, पत्र आदि) और आलोचनात्मक साहित्य में अपनी लेखनी चलाई है। उन्होंने शताधिक श्रेष्ठ ग्रंथों का सृजन किया है। हिन्दी साहित्य में 'महाकाव्यात्मक उपन्यास' की विधा को प्रारंभ करने का श्रेय नरेंद्र कोहली को ही जाता है। पौराणिक एवं ऐतिहासिक चरित्रों की गुत्थियों को सुलझाते हुए उनके माध्यम से आधुनिक सामाज की समस्याओं एवं उनके समाधान को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना कोहली की अन्यतम विशेषता है। कोहलीजी सांस्कृतिक राष्ट्रवादी साहित्यकार हैं, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारतीय जीवन-शैली एवं दर्शन का सम्यक् परिचय करवाया है। जनवरी, २०१७ में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और नरेन्द्र कोहली

नारोमुरार

नारोमुरार वारिसलीगंज प्रखण्ड के प्रशाशानिक क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से 10 KM और बिहार राजमार्ग 59 से 8 KM दूर बसा एकमात्र गाँव है जो बिहार के नवादा और नालंदा दोनों जिलों से सुगमता से अभिगम्य है। वस्तुतः नार का शाब्दिक अर्थ पानी और मुरार का शाब्दिक अर्थ कृष्ण, जिनका जन्म गरुड़ पुराण के अनुसार विष्णु के 8वें अवतार के रूप में द्वापर युग में हुआ, अर्थात नारोमुरार का शाब्दिक अर्थ विष्णुगृह - क्षीरसागर है। प्रकृति की गोद में बसा नारोमुरार गाँव, अपने अंदर असीम संस्कृति और परंपरा को समेटे हुए है। यह भारत के उन प्राचीनतम गांवो में से एक है जहाँ 400 वर्ष पूर्व निर्मित मर्यादा पुरुषोत्तम राम व् परमेश्वर शिव को समर्पित एक ठाकुर वाड़ी के साथ 1920 इसवी, भारत की स्वतंत्रता से 27 वर्ष पूर्व निर्मित राजकीयकृत मध्य विद्यालय और सन 1956 में निर्मित एक जनता पुस्तकालय भी है। पुस्तकालय का उद्घाटन श्रीकृष्ण सिंह के समय बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा की गयी थी। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और नारोमुरार

निस्तुला हेब्बार

निस्तुला हेब्बार एक भारतीय पत्रकार और संपादक-राजनीति है जो द हिन्दू के राष्ट्रीय ब्यूरो में है। निस्तुला ने पहले द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया और द इकोनॉमिक टाइम्स के लिए काम किया था। निस्तुला नई दिल्ली में द फाइनेंशियल एक्सप्रेस के वरिष्ठ सहायक संपादक थे। डीएनए में करीब एक साल सीनियर स्पेशल करेस्पांडेंट के पद पर कार्यरत थी। वह एक मंगलोरियन ब्राह्मण है और उनका जन्म और दिल्ली में लाया गया था। उन्होंने बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स), समाजशास्त्र (1993 से 1996) का अध्ययन किया, जिसमें जीसस एंड मैरी कॉलेज, दिल्ली विश्‍वविद्यालय शामिल थे। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से समाजशास्त्र में परास्नातक भी किया है। उनकी मां कुमुदाक्षी हेब्बार है और उनके पिता ए एस निस्तुला हैं। निस्तुला ने कार्तिकेय शर्मा से विवाह है, जो वायंस (टीवी चैनल) में पत्रकार हैं, जो ज़ी के एस्सेल समूह का हिस्सा हैं। निस्तुला हेब्बार ने 2012 में एक पल्प फिक्शन आधारित पुस्तक किस्स एंड टेल लिखी। यह पुस्तक एक राजनीतिक पत्रकार और नौकरशाह की प्रेम कहानी पर आधारित है, जिसे दिल्ली में लुटियन के पावर सर्किट में सेट किया गया था। निस्तुला 2000 से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। निस्तुला ने दो संपादित पुस्तकों- काबल्स एंड किंग्स (अदिती फडनीस द्वारा संपादित) और भारत में मुसलमानों के जीवन (अब्दुल शबन द्वारा संपादित) में योगदान दिया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और निस्तुला हेब्बार

नजीब जंग

नजीब जंग इस समय दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं। इससे पूर्व वे भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी रह चुके हैं और वर्तमान में जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और नजीब जंग

नैना लाल किदवई

नैनालाल किदवई पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और एचएसबीसी बैंक की भारत में प्रमुख हैं। वे वर्तमान में फिक्की की अध्यक्ष भी हैं। वे कई बैंकों के अहम पदों पर रह चुकी हैं। वे पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने किसी विदेशी बैंक का भारत में संचालन किया। नैना ने शिमला, (हिमाचल प्रदेश) से स्कूली शिक्षा और दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद हावर्ड बिजनेस स्कूल' से एमबीए किया। वर्ष 1982 में ‘स्टैंडर्ड चाटर्ड बैंक’ से करियर की शुरुआत करने के बाद उन्होंने कुछ दिन ‘मोर्गन स्टेनले बैंक’ में काम किया और फिर एचएसबीसी से जुड़ गईं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और नैना लाल किदवई

नेताजी नगर

यह दक्षिण मध्य दिल्ली का एक इलाका है। नेताजी नगर में सरकारी आवास हैं। शांतिप्रिय इलाका है पहले-पहल दिल्ली विश्वविद्यालय का मैत्रेयी कालेज यहीं से शुरू हुआ था। अब उस बिल्ड़िंग में दिल्ली विश्वविद्यालय का दूसरा कालेज डीसीएसी, दिल्ली कालेज आफ़ आर्ट एंड कामर्स चलता है। १९८९ में मैत्रेयी कालेज चाणक्य पुरी क्षेत्र के बापू धाम इलाके में स्थानांतरित हो गया था। श्रेणी:दिल्ली के सड़क मार्ग श्रेणी:दिल्ली.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और नेताजी नगर

नोआम चाम्सकी

एवरम नोम चोम्स्की (हीब्रू: אברם נועם חומסקי) (जन्म 7 दिसंबर, 1928) एक प्रमुख भाषावैज्ञानिक, दार्शनिक, by Zoltán Gendler Szabó, in Dictionary of Modern American Philosophers, 1860–1960, ed.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और नोआम चाम्सकी

पपिया घोष

पपीया घोष दक्षिण एशियाई इतिहास के इतिहासकार थी और इतिहासकार पटना विश्वविद्यालय, भारत मे। उनकी ३ दिसम्बर, २००६ को हत्या कर दी अपने बुजुर्ग नौकरानी, ​​मालती देवी के साथ। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, तुटक कुमार की बहन थीं। पपीया घोष का जन्म ८ अक्टूबर १९५३ को दुमका (बिहार, भारत) में हुआ था। वह बिहार केडर के आईएएस अधिकारी उज्जल कुमार घोष की बेटी थी। पपीया ने पटना में सेंट जोसेफ कॉन्वेंट हाई स्कूल से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने पटना महिला महाविद्यालय (पटना विश्वविद्यालय) से इतिहास में स्नातक की उपाधि अर्जित की। पपीआ घोष दिल्ली विश्वविद्यालय में चले गए जहां उन्होंने बिहार में स्वतंत्रता से पहले सविनय अवज्ञा आंदोलन का अध्ययन करते हुए एमफिल और पीएचडी पूरी की। पीएचडी के बाद, उन्होंने दो साल तक दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास पढ़ाया। पूनिया घोष के नाम पर पूर्णुजल पपीया घोष मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा निम्नलिखित पुरस्कारों की स्थापना की गई.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और पपिया घोष

परमजीत खुराना

परमजीत खुराना (जन्म १५ अगस्त १९५६) संयंत्र जैव प्रौद्योगिकी, आणविक जीवविज्ञान, जीनोमिक्स में एक भारतीय वैज्ञानिक हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली में पौधे आणविक जीवविज्ञान विभाग में प्रोफेसर है। उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं और १२५ से अधिक वैज्ञानिक पत्र प्रकाशित किए गए हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और परमजीत खुराना

पिंजरा तोड़

पिंजरा तोड़ ()  दिल्ली, भारत के कॉलेजों के छात्रों और पूर्व छात्रों का स्वतंत्र सामूह है जिस का प्रयास है कि महिला छात्रों के लिए हॉस्टल और पेइंग गेस्ट (पीजी) आवास नियमों में कम प्रतिगामी और प्रतिबंधात्मक बनाए जाएँ, और उन्हें सार्वजनिक स्थानों को पुनः प्राप्त करने के लिए मदद की जाए। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और पिंजरा तोड़

पंचानन माहेश्वरी

पंचानन माहेश्वरी(1904-1966 ई0), सुप्रसिद्ध वनस्पति विज्ञानी थे। इनका जन्म राजस्थान के जयपुर नगर में हुआ था, जहाँ इनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा हुई। प्रयाग विश्वविद्यालय से आपने एम0 एस-सी0 की परीक्षा उत्तीर्ण की। वनस्पति के पादरी प्रोफेसर के चरित्र का इन पर पर्याप्त प्रभाव पड़ा और उससे इनमें कर्मठता, स्पष्टवादिता तथा सहृदयता के गुण आए। अध्ययन के पश्चात्‌ इनकी नियुक्ति आगरा कालेज में, 1930 में हुई। इन्होंने क्रमश: इलाहाबाद, लखनऊ तथा ढाका विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया। 1948 ई0 में दिल्ली विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष होकर आए और तब से जीवनपर्यंत वहीं रहे। मस्तिष्क की सूजन से पीड़ित होकर 18 मई 1966 ई0 को इनका निधन दिल्ली में ही हुआ। माहेश्वरी का विशेष कार्य पादप भ्रूणविज्ञान एवं पादप आकारिकी पर हुआ है। वनस्पति विज्ञान की अन्य शाखाओं, विशेषत: पादप क्रिया विज्ञान, में भी इनकी रूचि थी। इनके अधीन अध्ययन करने के लिये छात्र विदेशों, विशेषत: अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटाइना इत्यादि देशों, से आते थे। आपके अधीन शोधकार्य करके लगभग 60 छात्र छात्राओं ने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। 300 से ऊपर इनके शोधनिबंध अब तक प्रकाशित हो चुके हैं। हिंदी तथा अंग्रेजी भाषाओं के अतिरिक्त इन्हें जर्मन फ्रेंच भाषाओं का भी अच्छा ज्ञान था। इनकी लिखी पुस्तक, 'इंट्रोडक्शन टु इंब्रियो-लॉजी ऑव संजियो स्पर्मस्‌', जो मैकग्रॉहिल बुक कंपनी द्वारा 1950 ई0 में प्रकाशित हुई थी, अंतरराष्ट्रीय महत्व की है और उससे इनका यश देश देशांतर में फैल गया। ये 1934 ई0 में नैशनल इंस्टिट्यूट ऑव सायंसेज के सदस्य मनोनीत हुए। 1959 ई0 में इंडियन बोटैनिकल सोसायटी ने इन्हें बीरबल साहनी पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। माहेश्वरी ने विदेशों में भी काफी भ्रमण किया था और अनेक वैज्ञानिक संस्थाओं द्वारा ये आमंत्रित किए गए थे और वहाँ उन्होंने व्याख्यान दिए थे। मैकगिल विश्वविद्यालय ने इन्हें डी0 एस-सी0 की संमानित उपाधि से सम्मानित किया था। इलिवायस विश्वविद्यालय ने इन्हें विजटिंग प्रोफेसर के पद पर नियुक्त कर सम्मानित किया था। भारत के प्रतिनिधि के रूप में इन्होंने अनेक अंतराष्ट्रीय वनस्पति विज्ञान के सम्मेलनों में भाग लिया था। भ्रूण विज्ञान और पादप क्रिया विज्ञान (Plant Physiology) के सम्मिश्रण से इन्होंने एक नई शाखा का विकास किया है, जिसमें फूलों के विभिन्न भागों को कृत्रिम पोषण द्वारा वृद्धि कराने की दिशा में इन्हें काफी सफलता मिली। टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना तथा टेस्ट ट्यूब कल्चर पर शोध निबंध प्रस्तुत करने पर 1965 ई0 में लंदन की रॉयल सोसायटी ने इन्हें फेलो (F.R.S) नियुक्त कर सम्मानित किया था। जर्मन सरकार के निमंत्रण पर 1961ई0 में ये पश्चिम जर्मनी गए और अनेक विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिया। इनके महत्व के शोध कार्य पौधों की आकारिकी तथा जिमनोस्पर्म के अध्ययन पर हैं। श्रेणी:वनस्पति वैज्ञानिक श्रेणी:भारतीय वैज्ञानिक श्रेणी:चित्र जोड़ें.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और पंचानन माहेश्वरी

पंखुड़ी पाठक

पंखुरी पाठक समाजवादी पार्टी की रास्ट्रीय प्रवक्ता के पद पर नियुक्त है |https://www.bhaskar.com/news/UP-LUCK-samajwadi-party-new-spokesperson-pankhuri-pathak-5277416-PHO.htmlhttp://www.livemint.com/Politics/NmEAeG9H2wFHVF7c1lPEyI/Who-is-Pankhuri-Pathak.htmlhttp://www.amarujala.com/photo-gallery/uttar-pradesh/kanpur/pankhudi-pathak-story समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा प्रवक्ता के पद पर नियुक्त किया गया | .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और पंखुड़ी पाठक

पंकज सिंह (राजनेता)

पंकज सिंह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वर्त्तमान चंदोली जिले (पहले वाराणसी) की चकिया तहसील के एक छोटे से ग्राम भाभोरा के रहने वाले है। पंकज सिंहका जन्म अपने ननिहाल झारखंड के पलामू जिले के डाल्टनगंज में (जन्म: 12 दिसम्बर 1978)को हुआ था। वे भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं। वर्त्तमान में उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के महासचिव हैं। भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और पंकज सिंह (राजनेता)

पुस्तकालय का इतिहास

आधुनिक भारत में पुस्तकालयों का विकास बड़ी धीमी गति से हुआ है। हमारा देश परतंत्र था और विदेशी शासन के कारण शिक्षा एवं पुस्तकालयों की ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया गया। इसी से पुस्तकालय आंदोलन का स्वरूप राष्ट्रीय नहीं था और न इस आंदोलन को कोई कानूनी सहायता ही प्राप्त थीं। बड़ौदा राज्य का योगदान इस दिशा में प्रशंसनीय रहा है। यहाँ पर 1910 ई.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और पुस्तकालय का इतिहास

प्रताप सहगल

प्रताप सहगल हिन्दी के कवि, नाटककार, कहानीकार और आलोचक हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और प्रताप सहगल

प्रभु लाल भटनागर

प्रभुलाल भटनागर, (8 अगस्त, 1912 - 5 अक्टूबर, 1976) विश्वप्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें गणित के लैटिस-बोल्ट्ज़मैन मैथड में प्रयोग किये गए भटनागर-ग्रॉस-क्रूक (बी.जी.के) कोलीज़न मॉडल के लिये जाना जाता है।। इंडियन मैथ सोसायटी। ऑब्सोल्यूट एस्ट्रॉनोमी .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और प्रभु लाल भटनागर

प्रशांत राज सचदेव

प्रशान्त राज सचदेव मुम्बई से एक अभिनेता एवं मॉडल हैं जिन्होंने रामगोपाल वर्मा की फ़िल्म रामगोपाल वर्मा की 'आग' (जो रमेश शिप्पी की फ़िल्म शोले की पुनर्कृत्ति है) से अपना फ़िल्मी जीवन आरम्भ किया। उनकी दूसरी फ़िल्म टॉस है जो 28 अगस्त 2009 को जारी की गयी। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और प्रशांत राज सचदेव

प्रियंका गांधी

प्रियंका गाँधी वाड्रा या प्रियंका गांधी वढेरा (जन्म: जनवरी 12,1972, दिल्ली) एक भारतीय राजनितिज्ञ हैं। वे गांधी-नेहरू परिवार से है और फिरोज़ गाँधी तथा इंदिरा गाँधी की पोती हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और प्रियंका गांधी

प्रवेश राणा

प्रवेश राणा एक पुरुष मॉडल और मिस्टर इण्डिया २००८ और रिएलिटी टीवी शो प्रतिभागी हैं। २००९ में उन्होंने एक रिएलिटी टीवी श्रृंखला, बिग बॉस में अपूर्वानुमेय प्रविष्टि पाई थी। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और प्रवेश राणा

प्रेम लाल जोशी

डॉ॰ प्रेम लाल जोशी (जन्म: ४ फरवरी, १९५२) एक प्रख्यात भारतीय शिक्षकविद, विद्वान, लेखक एवं मल्टीमीडिया विश्वविद्यालय, मलेशिया में एकाउंटिंग के प्रोफ़ेसर हैं। वें सेण्टर फॉर एक्सीलेंस इन बिज़नेस परफॉरमेंस (CEBP) के अध्यक्ष हैं। वें इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एकाउंटिंग ऑडिटिंग एंड परफॉरमेंस इवैल्यूएशन (IJAAPE) के संस्थापक एवं मानद सम्पादक, एफ्रो एशियन जर्नल ऑफ फाइनेंस एंड एकाउंटिंग (AAJFA) के प्रबंध सम्पादक तथा इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फाइनेंस एंड एकाउंटिंग स्टडीज़, ऑस्ट्रेलिया के सहयोगी सम्पादक हैं। वें बजट और वित्तीय लेखा पर छह पुस्तकों के लेखक हैं। अपनी पुस्तकों के अतिरिक्त, इनके १०० से अधिक शोध पत्र विश्व के कई मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और प्रेम लाल जोशी

पूरनचंद जोशी

पूरनचंद जोशी (जन्म: १ मार्च १९२८) भारत के एक जाने-माने समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री और हिन्दी साहित्यकार हैं। उन्होंने भारतीय समाज की समस्याओं, उसके चरित्र एवं उसकी गतिविधियों का आर्थिक दृष्टिकोण से गहन अध्ययन किया है, भारतीय समाज एवं भारतीय अर्थ-व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण कर प्रस्तुत किए गए उनके निष्कर्ष अत्यंत विचारपूर्ण हैं। जोशी जी की गणना हम उन गिने-चुने समाज वैज्ञानिकों में कर सकते हैं जो समाज की समस्याओं पर विचार करते समय केवल सैद्धान्तिक ज्ञान को ही आधार नहीं बनाते, वरन् व्यावहारिक अनुभव से सम्पृक्त करके अपने अध्ययनों के निष्कर्ष प्रस्तावित करते हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और पूरनचंद जोशी

पेमा खांडू

पेमा खांडू भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। यह 17 जुलाई 2016 को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की थी। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और पेमा खांडू

पॉलीमर

रिअल लीनिअर पॉलीमर कड़ियां, जो परमाणिव्क बल सूक्ष्मदर्शी द्वारा तरल माध्यम के अधीन देखी गयी हैं। इस बहुलक की चेन लंबाई ~२०४ नैनो.मीटर; मोटाई is ~०.४ नै.मी.वाई.रोइटर एवं एस.मिंको, http://dx.doi.org/10.1021/ja0558239 ईफ़एम सिंगल मॉलिक्यूल एक्स्पेरिमेंट्स ऐट सॉलिड-लिक्विड इंटरफ़ेस, अमरीकन कैमिकल सोसायटी का जर्नल, खण्ड १२७, ss.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और पॉलीमर

बिबेक देबराय

बिबेक देबराय (जन्म 25 जनवरी 1955) भारत के एक अर्थशास्त्री हैं। मार्च 2007 से जनवरी 2015 तक वे नीति अनुसंधान केन्द्र में प्राध्यापक थे। श्रेणी:भारत के अर्थशास्त्री.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और बिबेक देबराय

बी के थेल्मा

बी के थ्लमा जेनेटिक्स विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली में मानव आनुवंशिकी और चिकित्सा जीनोमिक्स पर काम करती है। उन्होंने मानव जैनेटिक्स, मानव और चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी, साइटोजनेटिक्स, रिकाम्बेनेंत डीएनए प्रौद्योगिकी, प्रोकार्यियोटिक और यूकेरियोटिक जीन अभिव्यक्ति, आणविक प्रणालीगत और विकास और सेल जीव विज्ञान जैसे विषयों को पढ़ाया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और बी के थेल्मा

बीना अग्रवाल

बीना अग्रवाल एक पुरस्कार जीतने वाले विकास अर्थशास्त्री हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में आर्थिक विकास संस्थान में अर्थशास्त्र के निदेशक और प्रोफेसर है। उन्होंने भूमि, आजीविका और संपत्ति के अधिकारों, पर्यावरण और विकास; लिंग की राजनीतिक अर्थव्यवस्था; गरीबी और असमानता; कानूनी परिवर्तन; और कृषि और तकनीकी परिवर्तन पर बड़े पैमाने पर लिखा है। उनके सर्वश्रेष्ठ ज्ञात कार्यों में पुरस्कार विजेता किताब- 'एक फ़ील्ड ऑफ वनस ओन: दक्षिण एशिया में लिंग और भूमि अधिकार पर थी। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और बीना अग्रवाल

भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

भगत सिंह

भगत सिंह (जन्म: २८ सितम्बर या १९ अक्टूबर, १९०७, मृत्यु: २३ मार्च १९३१) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने देश की आज़ादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। पहले लाहौर में साण्डर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें २३ मार्च १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। सारे देश ने उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया। भगत सिंह को समाजवादी,वामपंथी और मार्क्सवादी विचारधारा में रुचि थी। सुखदेव, राजगुरु तथा भगत सिंह के लटकाये जाने की ख़बर - लाहौर से प्रकाशित ''द ट्रिब्युन'' के मुख्य पृष्ठ --> .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और भगत सिंह

भीष्म साहनी

रावलपिंडी पाकिस्तान में जन्मे भीष्म साहनी (८ अगस्त १९१५- ११ जुलाई २००३) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से थे। १९३७ में लाहौर गवर्नमेन्ट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एम ए करने के बाद साहनी ने १९५८ में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। भारत पाकिस्तान विभाजन के पूर्व अवैतनिक शिक्षक होने के साथ-साथ ये व्यापार भी करते थे। विभाजन के बाद उन्होंने भारत आकर समाचारपत्रों में लिखने का काम किया। बाद में भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से जा मिले। इसके पश्चात अंबाला और अमृतसर में भी अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में साहित्य के प्रोफेसर बने। १९५७ से १९६३ तक मास्को में विदेशी भाषा प्रकाशन गृह (फॉरेन लॅग्वेजेस पब्लिकेशन हाउस) में अनुवादक के काम में कार्यरत रहे। यहां उन्होंने करीब दो दर्जन रूसी किताबें जैसे टालस्टॉय आस्ट्रोवस्की इत्यादि लेखकों की किताबों का हिंदी में रूपांतर किया। १९६५ से १९६७ तक दो सालों में उन्होंने नयी कहानियां नामक पात्रिका का सम्पादन किया। वे प्रगतिशील लेखक संघ और अफ्रो-एशियायी लेखक संघ (एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन) से भी जुड़े रहे। १९९३ से ९७ तक वे साहित्य अकादमी के कार्यकारी समीति के सदस्य रहे। भीष्म साहनी को हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद की परंपरा का अग्रणी लेखक माना जाता है। वे मानवीय मूल्यों के लिए हिमायती रहे और उन्होंने विचारधारा को अपने ऊपर कभी हावी नहीं होने दिया। वामपंथी विचारधारा के साथ जुड़े होने के साथ-साथ वे मानवीय मूल्यों को कभी आंखो से ओझल नहीं करते थे। आपाधापी और उठापटक के युग में भीष्म साहनी का व्यक्तित्व बिल्कुल अलग था। उन्हें उनके लेखन के लिए तो स्मरण किया ही जाएगा लेकिन अपनी सहृदयता के लिए वे चिरस्मरणीय रहेंगे। भीष्म साहनी हिन्दी फ़िल्मों के जाने माने अभिनेता बलराज साहनी के छोटे भाई थे। उन्हें १९७५ में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, १९७५ में शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार), १९८० में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, १९८३ में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड तथा १९९८ में भारत सरकार के पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया। उनके उपन्यास तमस पर १९८६ में एक फिल्म का निर्माण भी किया गया था। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और भीष्म साहनी

मनोहर लाल खट्टर

मनोहर लाल खट्टर (जन्म: 5 मई 1954) भारत के हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए हैं। 26 अक्टूबर 2014 को उन्होने हरियाणा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जो गैर जाट समुदाय से आते हैं, 18 वर्ष बाद वे इस पद पर विराजमान होने वाले पहले गैर जाट नेता हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रह चुके हैं। हरियाणा विधान सभा में वे करनाल का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2014 के हरियाणा विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय के पश्चात् विधायक दल द्वारा उन्हें नेता चुना गया तथा मुख्यमंत्री पद हेतु नामित किया गया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मनोहर लाल खट्टर

मलिक मोहम्मद जायसी

मलिक मुहम्मद जायसी (१४७७-१५४२) हिन्दी साहित्य के भक्ति काल की निर्गुण प्रेमाश्रयी धारा के कवि हैं। वे अत्यंत उच्चकोटि के सरल और उदार सूफ़ी महात्मा थे। जायसी मलिक वंश के थे। मिस्रमें सेनापति या प्रधानमंत्री को मलिक कहते थे। दिल्ली सल्तनत में खिलजी वंश राज्यकाल में अलाउद्दीन खिलजी ने अपने चाचा को मरवाने के लिए बहुत से मलिकों को नियुक्त किया था जिसके कारण यह नाम उस काल से काफी प्रचलित हो गया था। इरान में मलिक जमींदार को कहा जाता था व इनके पूर्वज वहां के निगलाम प्रान्त से आये थे और वहीं से उनके पूर्वजों की पदवी मलिक थी। मलिक मुहम्मद जायसी के वंशज अशरफी खानदान के चेले थे और मलिक कहलाते थे। फिरोज शाह तुगलक के अनुसार बारह हजार सेना के रिसालदार को मलिक कहा जाता था। जायसी ने शेख बुरहान और सैयद अशरफ का अपने गुरुओं के रूप में उल्लेख किया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मलिक मोहम्मद जायसी

महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है। महादेवी ने स्वतंत्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। वे उन कवियों में से एक हैं जिन्होंने व्यापक समाज में काम करते हुए भारत के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अन्धकार को दूर करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की। न केवल उनका काव्य बल्कि उनके सामाजसुधार के कार्य और महिलाओं के प्रति चेतना भावना भी इस दृष्टि से प्रभावित रहे। उन्होंने मन की पीड़ा को इतने स्नेह और शृंगार से सजाया कि दीपशिखा में वह जन-जन की पीड़ा के रूप में स्थापित हुई और उसने केवल पाठकों को ही नहीं समीक्षकों को भी गहराई तक प्रभावित किया। उन्होंने खड़ी बोली हिन्दी की कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल बृजभाषा में ही संभव मानी जाती थी। इसके लिए उन्होंने अपने समय के अनुकूल संस्कृत और बांग्ला के कोमल शब्दों को चुनकर हिन्दी का जामा पहनाया। संगीत की जानकार होने के कारण उनके गीतों का नाद-सौंदर्य और पैनी उक्तियों की व्यंजना शैली अन्यत्र दुर्लभ है। उन्होंने अध्यापन से अपने कार्यजीवन की शुरूआत की और अंतिम समय तक वे प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या बनी रहीं। उनका बाल-विवाह हुआ परंतु उन्होंने अविवाहित की भांति जीवन-यापन किया। प्रतिभावान कवयित्री और गद्य लेखिका महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत में निपुण होने के साथ-साथ कुशल चित्रकार और सृजनात्मक अनुवादक भी थीं। उन्हें हिन्दी साहित्य के सभी महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। भारत के साहित्य आकाश में महादेवी वर्मा का नाम ध्रुव तारे की भांति प्रकाशमान है। गत शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय महिला साहित्यकार के रूप में वे जीवन भर पूजनीय बनी रहीं। वर्ष २००७ उनकी जन्म शताब्दी के रूप में मनाया गया।२७ अप्रैल १९८२ को भारतीय साहित्य में अतुलनीय योगदान के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया गया था। गूगल ने इस दिवस की याद में वर्ष २०१८ में गूगल डूडल के माध्यम से मनाया । .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और महादेवी वर्मा

महाराजा अग्रसेन कॉलेज

महाराजा अग्रसेन कॉलेज यह दिल्ली विश्वविद्यालय का वसुन्धरा एंक्लेव, दिल्ली में स्थित एक कॉलेज हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और महाराजा अग्रसेन कॉलेज

महीप सिंह

डॉ महीप सिंह (15 अगस्त, 1930 - 24 नवम्बर, 2015) हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक, स्तंभकार और पत्रकार थे। उन्हें २००९ का भारत भारती सम्मान प्रदान किया गया था। वह विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में राष्ट्रीय मसलों पर लेख भी लिखते थे। उन्होंने करीब 125 कहानियां और कई उपन्यास भी लिखे थे। वे दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक रहे। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और महीप सिंह

मानसी अग्रवाल

मानसी अग्रवाल एक भारतीय नृत्य-परिकल्पक है। वह सबसे जादा जानी जाती है नृत्य-परिकल्पक गीत भारत माता की जय, फिल्म शंघाई से। उन्होंने उल्लेखनीय अभिनेताओं जैसे सुशांत सिंह राजपूत के साथ पुरस्कार विजेता फिल्म, काई पो चे, और देव डी में अभय देओल के साथ काम किया है। स्टारडस्ट और फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिए उन्हें कोरियोग्राफ किया गया गीत 'सुनो ना संगमेश्वर' नामिकत किया गया था। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मानसी अग्रवाल

मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ

मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ, 2015 में प्रदर्शित एक भारतीय फ़िल्म है जिसको पहले छूने चली आसमान के नाम से भारतीय बाजार में और मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ नाम से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जाना गया है। इसका निर्देशन शोनाली बोस और इसमें कल्की केकलां मुख्य भूमिका में हैं। कल्कि ने लड़की जोकि सेरिब्रल पाल्सी(cerebral palsy) से पीड़ित है का किरदार निभाया है। यह फ़िल्म उस लड़की के संघर्ष के विषय में बताती है। इस फ़िल्म का वर्ल्ड प्रीमियर 8 सितम्बर 2014 को टोरंटो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में हुआ। भारत में ये फ़िल्म 17 अप्रैल 2015 को रिलीज़ हुई। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ

मिरांडा हाउस

मिराण्डा हाउस (महाविद्यालय और उसके सामने का मैदान) मिरांडा हाउस दिल्ली विश्वविद्यालय का एक प्रतिष्ठित महिला महाविद्यालय है। इसकी स्थापना सन् 1948 में की गई थी। इस महाविद्यालय से निकलीं अनेकों महिलाएं देश-विदेश में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रही हैं। यह महाविद्यालय 2500 से अधिक छात्राओं को कला (आर्ट्स) और विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करता है। इसकी शिक्षक भी भी अपनी प्रतिभा और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। इंडिया टुडे-नीलसन भारत के बेस्‍ट कॉलेज सर्वे 2016 में मिरांडा हाउस को टॉप आर्ट्स कॉलेज की सूची में पांचवां स्‍थान दिया गया था। सुविधाएँ: मिरांडा हाउस में मिलने वाली सुविधाएं इस प्रकार है:- पुस्तकालय, छात्रावास, कैफेटेरिया, खेलकूद, प्लेसमेंट सेल। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मिरांडा हाउस

मंजू शर्मा

मंजू शर्मा (जन्म १३ फरवरी १९४०) एक भारतीय जैव प्रौद्योगिकीविद् है और भारत में कई वैज्ञानिक अनुसंधान और नीति बनाने वाली संस्थाओं के व्यवस्थापक है। वह हाल ही में गांधीनगर, गुजरात में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड रिसर्च के अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक है। वह भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव, बायोटेक्नोलॉजी विभाग में थे और और २००७ में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने देश में कई संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट जीनोम रिसर्च, लखनऊ और मदुरै में बायोमास रिसर्च सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्लांट आण्विक जीवविज्ञान इकाई और डीएनए फिंगरप्रिंटिंग और डायग्नोस्टिक्स के लिए केंद्र शामिल है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मंजू शर्मा

मुकुल केसवन

मुकुल केसवन (ज. 9 अप्रैल 1957) एक भारतीय इतिहासकार, उपन्यासकार और राजनीतिक और सामाजिक निबंधकार हैं। उन्होंने दिल्ली में सेंट जेवियर में स्कूल की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद सेंट स्टीफन कॉलेज में इतिहास की अध्ययन किया। दिल्ली विश्वविद्यालय में और इसके आगे ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में आगे की पढाई की। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मुकुल केसवन

मुक्त शिक्षा विद्यालय

मुक्त शिक्षा विद्यालय (School of Open Learning) दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्तर्गत दूरस्थ शिक्षा का केन्द्र है। इसकी स्थापना १९६२ में हुई थी। पहले इसका नाम 'पत्राचार पाठ्यक्रम तथा सतत शिक्षा विद्यालय' था। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मुक्त शिक्षा विद्यालय

मुक्त अधिगम

मुक्त अधिगम (ओपेन लर्निंग) शिक्षा सम्बन्धी एक नवाचारी आन्दोलन एवं शिक्षा-सुधार है जो औपचारिक शिक्षा प्रणाली के अन्दर अधिगम (सीखने) के अवसरों में वृद्धि करता है या सीखने के अवसरों को औपचारिक शिक्षा पद्धति की सीमाओं के परे ले जाता है। यह आन्दोलन १९७० के दशक में सामने आया और आज शिक्षा व्यवस्था में इसने महत्वपूर्ण जगह बना ली है। मुक्त अधिगम में आने वाली प्रमुख चीजें ये हैं-.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मुक्त अधिगम

मृदुला गर्ग

मृदुला गर्ग (जन्म:२५ अक्टूबर, १९३८) कोलकाता में जन्मी, हिंदी की सबसे लोकप्रिय लेखिकाओं में से एक हैं। उपन्यास, कहानी संग्रह, नाटक तथा निबंध संग्रह सब मिलाकर उन्होंने २० से अधिक पुस्तकों की रचना की है। १९६० में अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि लेने के बाद उन्होंने ३ साल तक दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन भी किया है। उनके उपन्यासों को अपने कथानक की विविधता और नयेपन के कारण समालोचकों की बड़ी स्वीकृति और सराहना मिली। उनके उपन्यास और कहानियों का अनेक हिंदी भाषाओं तथा जर्मन, चेक, जापानी और अँग्रेजी में अनुवाद हुआ है। वे स्तंभकार रही हैं, पर्यावरण के प्रति सजगता प्रकट करती रही हैं तथा महिलाओं तथा बच्चों के हित में समाज सेवा के काम करती रही हैं। उनका उपन्यास 'चितकोबरा' नारी-पुरुष के संबंधों में शरीर को मन के समांतर खड़ा करने और इस पर एक नारीवाद या पुरुष-प्रधानता विरोधी दृष्टिकोण रखने के लिए काफी चर्चित और विवादास्पद रहा था। उन्होंने इंडिया टुडे के हिन्दी संस्करण में २००३ से २०१० तक 'कटाक्ष' नामक स्तंभ लिखा है जो अपने तीखे व्यंग्य के कारण खूब चर्चा में रहा। उनके आठ उपन्यास- उसके हिस्से की धूप, वंशज, चित्तकोबरा, अनित्य, 'मैं और मैं', कठगुलाब, 'मिलजुल मन' और 'वसु का कुटुम'। ग्यारह कहानी संग्रह- 'कितनी कैदें', 'टुकड़ा टुकड़ा आदमी', 'डैफ़ोडिल जल रहे हैं', 'ग्लेशियर से', 'उर्फ सैम', 'शहर के नाम', 'चर्चित कहानियाँ', समागम, 'मेरे देश की मिट्टी अहा', 'संगति विसंगति', 'जूते का जोड़ गोभी का तोड़', चार नाटक- 'एक और अजनबी', 'जादू का कालीन', 'तीन कैदें' और 'सामदाम दंड भेद', तीन निबंध संग्रह- 'रंग ढंग','चुकते नहीं सवाल' तथा 'कृति और कृतिकार', एक यात्रा संस्मरण- 'कुछ अटके कुछ भटके' तथा दो व्यंग्य संग्रह- 'कर लेंगे सब हज़म' तथा 'खेद नहीं है' प्रकाशित हुए हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मृदुला गर्ग

मेरठ

मेरठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ नगर निगम कार्यरत है। यह प्राचीन नगर दिल्ली से ७२ कि॰मी॰ (४४ मील) उत्तर पूर्व में स्थित है। मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (ऍन.सी.आर) का हिस्सा है। यहाँ भारतीय सेना की एक छावनी भी है। यह उत्तर प्रदेश के सबसे तेजी से विकसित और शिक्षित होते जिलों में से एक है। मेरठ जिले में 12 ब्लॉक,34 जिला पंचायत सदस्य,80 नगर निगम पार्षद है। मेरठ जिले में 4 लोक सभा क्षेत्र सम्मिलित हैं, सरधना विधानसभा, मुजफ्फरनगर लोकसभा में हस्तिनापुर विधानसभा, बिजनौर लोकसभा में,सिवाल खास बागपत लोकसभा क्षेत्र में और मेरठ कैंट,मेरठ दक्षिण,मेरठ शहर,किठौर मेरठ लोकसभा क्षेत्र में है .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मेरठ

मोनटेक सिंह आहलूवालिया

मोनटेक सिंह आहलूवालिया (जन्म 24 नवंबर 1943) एक भारतीय अर्थशास्त्री हैं और पूर्व यूपीए सरकार के समय वे भारतीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष थे, यह दर्जा मंत्रिमंडल के एक मंत्री के बराबर है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मोनटेक सिंह आहलूवालिया

मोनिकंगना दत्ता

मोनिकंगना दत्ता एक मुंबई की रहने वाली भारतीय मॉडल व अभिनेत्री हैं। वह गुहावटी, असम से हैं। उन्होंने आर्मी पब्लिक स्कुल नारंगी, गुहावटी से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्री कॉलेज से स्नातक किया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मोनिकंगना दत्ता

मीना उपाध्याय

मीना उपाध्याय एक भारतीय जन्मे वेल्श मेडिकल जेनेटिसिस्ट हैं और कार्डिफ विश्वविद्यालय में एक मानद प्रोफेसर हैं।  उनके शोध ने जीनों पर ध्यान केंद्रित किया है, जो कि विभिन्न आनुवंशिक विकारों का कारण बनता है, विशेष रूप से न्यूरॉफिब्रोमैटिस टाइप I और फेसिओस्केपुलहुमामिस पेशीय स्नायस्यल। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मीना उपाध्याय

मीनाक्षी जैन

मीनाक्षी जैन एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और 'हिंदू सही' अनुनय के इतिहासकार है। वह विवादास्पद इतिहास पाठ्यपुस्तक मध्ययुगीन भारत की लेखिका हैं। उनकी हाल की पुस्तक, राम और अयोध्या, अयोध्या विवाद पर एक हिंदू परिप्रेक्ष्य निर्धारित करती है। मीनाक्षी जैन पत्रकार टाइम्स ऑफ इंडिया के पूर्व संपादक गिलिल जैन की बेटी हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी प्राप्त की। उन्होंने नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय के एक साथी के रूप में भी काम किया था। फिहाल जैन दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध गर्गि कॉलेज में इतिहास के एक सहायक प्रोफेसर हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मीनाक्षी जैन

मीरा कुमार

श्रीमति मीरा कुमार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से हैं। वे पंद्रहवीं लोकसभा में बिहार के सासाराम लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह लोकसभा की पहली महिला स्पीकर के रूप में 3 जून 2009 को निर्विरोध चुनी गयी।.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और मीरा कुमार

येलो लाइन (दिल्ली मेट्रो)

right right दिल्ली की दिल्ली मैट्रो प्रणाली में 15 मैट्रो स्टेशन हैं, जो कि जहांगीरपुरी से केंद्रीय सचिवालय तक जाती है। इसके द्वारा तय की गई कुल दूरी है 17.36 कि.मी। यह लाइन पूर्णतया प्रचालन में है।.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और येलो लाइन (दिल्ली मेट्रो)

रब्बी शेरगिल

रब्बी शेरगिल (जन्म का नाम गुरप्रीत सिंह शेरगिल, 1973) एक भारतीय संगीतकार हैं जो अपनी प्रथम एल्बम रब्बी और 2005 के सर्वश्रेष्ठ गीत "बुल्ला की जाना" के लिए जाने जाते हैं। उनके संगीत का वर्णन विभिन्न प्रकार के रॉक, बानी शैली की पंजाबी और सुमित भट्टाचार्य द्वारा, Rediff.com विशेष सूफियाना, तथा अर्ध-सूफी अर्ध-लोकगीत जैसा संगीत जिसमे पाश्चत्य साजों की अधिकता होस्वागता सेन द्वारा, द टेलीग्राफ, 21 नवम्बर 2004.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और रब्बी शेरगिल

रमेश ठाकुर

रमेश ठाकुर या रमेश ठाकुर पत्रकार (जन्म नाम रमेश सिंह) एक भारतीय वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और ब्लॉगर है। जिनका जन्म १० अगस्त १९८३ को पीलीभीत, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। इन्होंने अपने पत्रकारिता कैरियर भारत के कई जाने माने समाचार पत्रों के लिए कार्य किया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और रमेश ठाकुर

राधा बालकृष्णन

राधा बालाकृष्णन एक भारतीय भौतिक विज्ञानी हैं। वह मैथमेटिकल साइंसेज संस्थान, चेन्नई में काम करती हैं जो भौतिकी में गैर-रेखीय गतिशीलता और अनुप्रयोगों से संबंधित है। बालाकृष्णन ने दिल्ली विश्वविद्यालय से भौतिकी में बीएससी की और १९६५ में एमएससी की डिग्री पप्राप्त की और ब्रांडेइस विश्वविद्यालय से पीएचडी की। १९८० में वह एक रिसर्च एसोसिएट के रूप में मद्रास विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक भौतिकी विभाग में काम किया था। वह १९८७ में चेन्नई में गणित विज्ञान संस्थान में शामिल हुए।.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और राधा बालकृष्णन

राधिका चोपड़ा

राधिका चोपड़ा जम्मू की एक ग़ज़ल गायिका हैं। इनकी गाई ग़जलों में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की तुम आए हो ना शब-ए-इंतिजार गुज़री है का नाम आता है। जम्मू के सरकारी महिला कॉलेज से स्नातक होने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय की संगीत विभाग से सन्ताकोत्तर और पीएचडी की डिग्री की। जम्मू में पंडित जे आर शर्मा से उनको आरंभिक शिक्षा मिली। श्रेणी:ग़ज़ल गायक श्रेणी:भारतीय गायिका.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और राधिका चोपड़ा

राम प्रसाद 'बिस्मिल'

राम प्रसाद 'बिस्मिल' (११ जून १८९७-१९ दिसम्बर १९२७) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें ३० वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। राम प्रसाद एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी (निर्जला एकादशी) विक्रमी संवत् १९५४, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में जन्मे राम प्रसाद ३० वर्ष की आयु में पौष कृष्ण एकादशी (सफला एकादशी), सोमवार, विक्रमी संवत् १९८४ को शहीद हुए। उन्होंने सन् १९१६ में १९ वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रखा था। ११ वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उन पुस्तकों को बेचकर जो पैसा मिला उससे उन्होंने हथियार खरीदे और उन हथियारों का उपयोग ब्रिटिश राज का विरोध करने के लिये किया। ११ पुस्तकें उनके जीवन काल में प्रकाशित हुईं, जिनमें से अधिकतर सरकार द्वारा ज़ब्त कर ली गयीं। --> बिस्मिल को तत्कालीन संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध की लखनऊ सेण्ट्रल जेल की ११ नम्बर बैरक--> में रखा गया था। इसी जेल में उनके दल के अन्य साथियोँ को एक साथ रखकर उन सभी पर ब्रिटिश राज के विरुद्ध साजिश रचने का ऐतिहासिक मुकदमा चलाया गया था। --> .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और राम प्रसाद 'बिस्मिल'

राम शरण शर्मा

राम शरण शर्मा (जन्म 26 नवम्बर 1919 - 20 अगस्त 2011) एक भारतीय इतिहासकार हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (1973-85) और टोरंटो विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया है और साथ ही लंदन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज में एक सीनियर फेलो, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नेशनल फेलो (1958-81) और 1975 में इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 1970 के दशक में दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डीन के रूप में प्रोफेसर आर.एस.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और राम शरण शर्मा

रामदरश मिश्र

डॉ॰ रामदरश मिश्र (जन्म: १५ अगस्त, १९२४) हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। ये जितने समर्थ कवि हैं उतने ही समर्थ उपन्यासकार और कहानीकार भी। इनकी लंबी साहित्य-यात्रा समय के कई मोड़ों से गुजरी है और नित्य नूतनता की छवि को प्राप्त होती गई है। ये किसी वाद के कृत्रिम दबाव में नहीं आये बल्कि उन्होंने अपनी वस्तु और शिल्प दोनों को सहज ही परिवर्तित होने दिया। अपने परिवेशगत अनुभवों एवं सोच को सृजन में उतारते हुए, उन्होंने गाँव की मिट्टी, सादगी और मूल्यधर्मिता अपनी रचनाओं में व्याप्त होने दिया जो उनके व्यक्तित्व की पहचान भी है। गीत, नई कविता, छोटी कविता, लंबी कविता यानी कि कविता की कई शैलियों में उनकी सर्जनात्मक प्रतिभा ने अपनी प्रभावशाली अभिव्यक्ति के साथ-साथ गजल में भी उन्होंने अपनी सार्थक उपस्थिति रेखांकित की। इसके अतिरक्त उपन्यास, कहानी, संस्मरण, यात्रावृत्तांत, डायरी, निबंध आदि सभी विधाओं में उनका साहित्यिक योगदान बहुमूल्य है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और रामदरश मिश्र

रामनाथ त्रिपाठी

डॉ॰ रमानाथ त्रिपाठी हिन्दी साहित्यकार हैं। उत्तर प्रदेश के इटावा नगर में 1926 में जन्मे, दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के भूतपूर्व प्रोफ़ेसर रमानाथ त्रिपाठी ने अपना समस्त जीवन रामायण के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करते हुए बिताया है। उनकी पीएच.डी.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और रामनाथ त्रिपाठी

राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क

राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) भारत में उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों को रैंक करने के लिए, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), भारत सरकार द्वारा अपनाई गई एक पद्धति है। फ्रेमवर्क को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया और मानव संसाधन विकास मंत्री ने 2 9 सितंबर, 2015 को लॉन्च किया। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों, इंजीनियरिंग संस्थानों, प्रबंधन संस्थानों, फार्मेसी संस्थानों और वास्तुकला संस्थानों जैसे ऑपरेशन के अपने क्षेत्रों के आधार पर विभिन्न प्रकार के संस्थानों के लिए अलग रैंकिंग है। फ्रेमवर्क संसाधनों, अनुसंधान और हितधारक की धारणा जैसे रैंकिंग उद्देश्यों के लिए कई मापदंडों का उपयोग करता है। इन मापदंडों को पांच समूहों में समूहीकृत किया गया है और इन समूहों को विशिष्ट भार निर्दिष्ट किया गया है। भार संस्था के प्रकार पर निर्भर करता है। लगभग 3500 संस्थानों ने रैंकिंग के पहले दौर में स्वेच्छा से भाग लिया। 4 अप्रैल 2016 को एमएचआरडी द्वारा रैंक वाली सूची जारी की गई। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क

राजकुमारी अमृत कौर

राजकुमारी अमृत कौर (२ फ़रवरी १८८९ - २ अक्टूबर १९६४) स्वतंत्र भारत की दस वर्षों तक स्वास्थ्य मंत्री थीं। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वे महात्मा गांधी की अनुयायी तथा १६ वर्ष तक उनकी सचिव रहीं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और राजकुमारी अमृत कौर

राजेन्द्र पाल गौतम

राजेन्द्र पाल गौतम वर्तमान दिल्ली सरकार में मंत्री हैं | वे दिल्ली विधानसभा के विधायक हैं | वे आम आदमी पार्टी के राजनेता हैं | .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और राजेन्द्र पाल गौतम

राजीव महर्षि

राजीव महर्षि भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक तथा संयुक्त राष्ट्र में बॉर्ड ऑफ ऑडिटर के अध्यक्ष हैं | वे पूर्व भारत के गृह सचिव तथा भारत के वित्त सचिव रह चुके हैं। वे 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वित्त सचिव मंत्रालय का वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी होता है जो मंत्रालय के विभिन्न विभागों के काम-काज में समन्वय रखता है। इनसे पूर्व इस पद पर श्री अरविंद मायाराम कार्यरत थे जिनका स्थानांतरण अक्टूबर 2014 में पर्यटन मंत्रालय में हो गया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और राजीव महर्षि

रवीश कुमार

रवीश कुमार (जन्म ५ दिसेम्बर १९७४) एक भारतीय टीवी एंकर, लेखक और पत्रकार हैं, जो भारतीय राजनीति और समाज से संबंधित विषयों को मुखरता के साथ जनता के सामने रखते हैं। रवीश एनडीटीवी समाचार नेटवर्क के हिंदी समाचार चैनल 'एनडीटीवी इंडिया' में वरिष्ठ कार्यकारी संपादक है, और चैनल के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे 'हम लोग' और 'रवीश की रिपोर्ट' के होस्ट रहे हैं। रवीश कुमार का प्राइम टाइम शो वर्तमान में काफी लोकप्रिय है। २०१६ में "द इंडियन एक्सप्रेस" ने अपनी '१०० सबसे प्रभावशाली भारतीयों' की सूची में उन्हें भी शामिल किया था। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और रवीश कुमार

रंग दे बसंती

रंग दे बसंती (पंजाबी: ਰੰਗ ਦੇ ਬਸੰਤੀ, उर्दू: رنگ دے بسنتى) एक हिन्दी फिल्म है। 26 जनवरी 2006 को यह फिल्म रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा एवं फिल्म के मुख्य कलाकारों में शामिल हैं, आमिर खान, सिद्धार्थ नारायण, सोहा अली खान, कुणाल कपूर, माधवन, शरमन जोशी, अतुल कुलकर्णी और ब्रिटिश अभिनेत्री एलिस पैटन। पच्चीस करोड़ की लागत से बनी यह फिल्म नई दिल्ली, मुंबई, राजस्थान और पंजाब में फिल्माई गयी थी। कहानी एक ब्रिटिश वृत्तचित्र निर्माता की है जो अपने दादा की डायरी प्रविष्टियों के आधार पर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर एक फिल्म बनाने के लिए भारत आती है। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए 2006 BAFTA पुरस्कार में नामांकित किया गया था। रंग दे बसंती को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म वर्ग में गोल्डन ग्लोब पुरस्कार और अकादमी पुरस्कार के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया। ए.आर.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और रंग दे बसंती

रकुल प्रीत सिंह

रकुल प्रीत सिंह (जन्म 10 अक्टूबर 1990) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री औंर मॉडल है। इन्होंने अभिनय की शुरुआत 2009 में कन्नड फिल्म "गिल्ली" से की थी, सेल्वाराघवन की फिल्म 7जी रैनबो कॉलोनी की कहानी पर आधारित है। इन्होंने 2011 में अपनी पढ़ाई पूरी कर ली और इन्हें इसके बाद तेलुगू फिल्म केरतम में सिद्धार्थ राजकुमार के साथ काम करने का मौका मिला, लेकिन फिल्म में बहुत कम जगह मिली थी। यह फिल्म तमिल में किसी अन्य निर्देशक और समान कलाकारों के साथ बनाया गया था, लेकिन अभी तक यह फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और रकुल प्रीत सिंह

लतिका सरकार

लतिका सरकार (बांग्ला उच्चारण: लोतिका सरकार) एक भारतीय नारीवादी, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक और वकील थीं। वह महिला अध्ययन और भारत में महिलाओं के अधिकार के लिए काम करती है। वह महिला विकास अध्ययन केंद्र (सीडब्ल्यूडीएस), दिल्ली की संस्थापक सदस्य थी, जो १९८० में स्थापित हुई थी। वह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक होने वाली पहली भारतीय महिला थीं।.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और लतिका सरकार

लेडी श्रीराम महिला महाविद्यालय

लेडी श्रीराम कॉलेज  (अंग्रेजी:LSR) दिल्ली विश्वविद्यालय में महिलाओं का महाविद्यालय है। यह भारत में उदार (लिबरल) कला-शिक्षा के लिए प्रमुख संस्थानों में से एक माना जाता है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और लेडी श्रीराम महिला महाविद्यालय

लेडी इरविन कॉलेज

लेडी इरविन कालेज दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एक महिला महाविद्यालय है। यह नई दिल्ली में स्थित है। इसकी स्थापना १९३२ में हुई थी। यहाँ खाद्य प्रौद्योगिकी में स्नातक पाठ्यक्रम तथा गृह विज्ञान में स्नातक तथा परास्नातक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और लेडी इरविन कॉलेज

लोबसांग सांगेय

लोबसांग सांगेय (केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के प्रधानमंत्री हैं। तिब्बत की निर्वासित सरकार के दूसरे प्रधानमंत्री जिन्हें तिब्बत के राजनितिक एवं आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा करने के बाद प्रधानमंत्री के रूप में दुनिया भर में फैले तिब्बत के लोगों ने चुना। उन्होंने धर्मशाला में ८ अगस्त २०११ को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। वे लगातार दूसरी बार 27 अप्रैल, 2016 को केंद्रीय तिब्बत प्रशासन के चुनाव आयोग द्वारा तिब्बत चुनावों के अंतिम परिणामों की घोषणा के आधार पर तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री चुने गए। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और लोबसांग सांगेय

शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ़ बिजनेस स्टडीज़

शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ़ बिजनेस स्टडीज़ (एसएससीबीएस), दिल्ली विश्वविद्यालय, भारत के तहत अधोस्नातक प्रबंधन अध्ययन का एक प्रमुख संस्थान है.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ़ बिजनेस स्टडीज़

शाहरुख़ ख़ान

शाहरुख़ ख़ान (उच्चारण; जन्म 2 नवम्बर 1965), जिन्हें अक्सर शाहरुख खान के रूप में श्रेय दिया जाता है और अनौपचारिक रूप में एसआरके नाम से सन्दर्भित किया जाता, एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है। अक्सर मीडिया में इन्हें "बॉलीवुड का बादशाह", "किंग खान", "रोमांस किंग" और किंग ऑफ़ बॉलीवुड नामों से पुकारा जाता है। खान ने रोमैंटिक नाटकों से लेकर ऐक्शन थ्रिलर जैसी शैलियों में 75 हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया है। फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिये उन्होंने तीस नामांकनों में से चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते हैं। वे और दिलीप कुमार ही ऐसे दो अभिनेता हैं जिन्होंने साथ फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। अर्थशास्त्र में उपाधी ग्रहण करने के बाद इन्होने अपने करियर की शुरुआत १९८० में रंगमंचों व कई टेलिविज़न धारावाहिकों से की और १९९२ में व्यापारिक दृष्टी से सफल फ़िल्म दीवाना से फ़िल्म क्षेत्र में कदम रखा। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके पश्च्यात उन्होंने कई फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं अदा की जिनमे डर (१९९३), बाज़ीगर (१९९३) और अंजाम (१९९४) शामिल है। वे कई प्रकार की भूमिकाओं में दिखे व भिन्न-भिन्न प्रकार की फ़िल्मों में कार्य किया जिनमे रोमांस फ़िल्में, हास्य फ़िल्में, खेल फ़िल्में व ऐतिहासिक ड्रामा शामिल है। उनके द्वारा अभिनीत ग्यारह फ़िल्मों ने विश्वभर में १ बिलियन का व्यवसाय किया है। खान की कुछ फ़िल्में जैसे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (१९९५), कुछ कुछ होता है (१९९८), ''देवदास'' (२००२), ''चक दे! इंडिया'' (२००७), ओम शांति ओम (२००७), रब ने बना दी जोड़ी (२००८) और रा.वन (२०११) अबतक की सबसे बड़ी हीट फ़िल्मों में रही है और कभी खुशी कभी ग़म (२००१), कल हो ना हो (२००३), वीर ज़ारा (२००६)। वेल्थ रिसर्च फर्म वैल्थ एक्स के मुताबिक किंग खान पहले सबसे अमीर भारतीय अभिनेता बन गए हैं। फर्म ने अभिनेता की कुल संपत्ति 3660 करोड़ रूपए आंकी थी लेकिन अब 4000 करोङ बताई जाती है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और शाहरुख़ ख़ान

श्याम बहादुर वर्मा

श्याम बहादुर वर्मा (जन्म: 10 अप्रैल 1932 बरेली मृत्यु: 20 नवम्बर 2009 दिल्ली) हिन्दी के उद्भट विद्वान थे। उन्होंने विवाह नहीं किया। पुस्तकें ही उनकी जीवन संगिनी थीं। तीन कमरों वाले फ्लैट में श्याम बहादुर अकेले रहते थे। उनके प्रत्येक कमरे में फर्श से लेकर छत तक पुस्तकें ही पुस्तकें नज़र आती थीं। उन्होंने हिन्दी साहित्य को कई शब्द कोश प्रदान किये। दिल्ली विश्वविद्यालय से विजयेन्द्र स्नातक के मार्गदर्शन में उन्होंने हिन्दी काव्य में शक्तितत्व विषय पर शोध करके पीएच॰डी॰ की और डी॰ए॰वी॰ कॉलेज में प्राध्यापक हो गये। परन्तु अध्ययन का क्रम फिर भी न टूटा। गणित में एम॰एससी॰ से लेकर अंग्रेजी, संस्कृत, हिन्दी और प्राचीन भारतीय इतिहास जैसे अनेकानेक विषयों में उन्होंने एम॰ए॰ की परीक्षाएँ न केवल उत्तीर्ण कीं अपितु प्रथम श्रेणी के अंक भी अर्जित किये। बौद्धिक साधना के साक्षात् स्वरूप थे। उनकी सम्पूर्ण साहित्यिक सेवाओं के लिये हिन्दी अकादमी, दिल्ली ने वर्ष 1997-98 में साहित्यकार सम्मान प्रदान किया। 20 नवम्बर 2009 को नई दिल्ली में उनका निधन हुआ। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और श्याम बहादुर वर्मा

श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स

श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एस.आर.सी.सी) (अंग्रेजी:SRCC) दिल्ली विश्वविद्यालय का एक घटक कॉलेज है। वाणिज्य और अर्थशास्त्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए एस.आर.सी.सी को भारत का अग्रणी संस्थान माना जाता है। यह देश में सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है। एस.आर.सी.सी ने 1932 में स्नातक डिग्री और 1948 में स्नातकोत्तर डिग्री पुरस्कृत करना शुरू किया। सन् 1951 में इसे अपना वर्तमान नाम और रूप प्राप्त हुआ।.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स

श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स

यह दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रमुख महाविद्यालयों में से एक है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स

शोनाली बोस

शोनाली बोस (जन्म 3 जून 1965) एक भारतीय फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता है। उसे जीवनीपरक सामाजिक नाटक एमयू (2005) के लिए जाना जाता है, जो उसके इसी नाम के स्वयं के उपन्यास पर आधारित था। एमयू, जो  दिल्ली में 1984 में सिखों पर नरसंहार हमलों  के दफन इतिहास की पड़ताल करती है, रिलीज होने पर इसे समीक्षकों द्वारा बहुत पसंद किया गया और इस ने उस के लिए अंग्रेज़ी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारअर्जित किया।  उनकी अगली फिल्म ड्रामा 2015 में मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ, भी एक प्रमुख महत्वपूर्ण और व्यावसायिक सफलता थी। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और शोनाली बोस

सचिन पायलट

लेफ्टिनेंट सचिन पायलट (जन्म ७ सितंबर १९७७) एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडलमें संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री में मंत्री रहे है। ये चौदहवीं लोकसभा में राजस्थान के दौसा लोकसभा क्षेत्र का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से प्रतिनिधित्व करते हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सचिन पायलट

सत्यव्रत शास्त्री

सत्यव्रत शास्त्री सत्यव्रत शास्त्री (जन्म:१९३०) संस्कृत भाषा के विद्वान एवं महत्वपूर्ण मनीषी रचनाकार हैं। वे तीन महाकाव्यों के रचनाकार हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग एक हजार श्लोक हैं। वृहत्तमभारतम्, श्री बोधिसत्वचरितम् और वैदिक व्याकरण उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। वर्ष २००७ में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। डॉ॰ सत्यव्रत शास्त्री पंजाब विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सत्यव्रत शास्त्री

सनम पुरी

सनम पुरी (जन्म: 30 जून 1992) एक भारतीय गायक और संगीत बैण्ड सनम के मुख्य गायक हैं। उनका जन्म दिल्ली में हुआ था। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ी माल कॉलेज में छात्र रहे लेकिन अपनी पढ़ाई मुकम्मल नहीं कर पाये। पुरी को बचपन ही से संगीत का शौक़ था। 2011 में उन्होंने बैण्ड सनम को स्थापित किया। पुरी बॉलीवुड के लिए भी कई गाने गाये हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सनम पुरी

सफ़दर हाशमी

सफदर हाशमी एक कम्युनिस्ट नाटककार, कलाकार, निर्देशक, गीतकार और कलाविद थे। उन्हे नुक्कड़ नाटक के साथ उनके जुड़ाव के लिए जाना जाता है। भारत के राजनैतिक थिएटर में आज भी वे एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। सफदर जन नाट्य मंच और दिल्ली में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के स्थापक-सदस्य थे। जन नाट्य मंच की नींव १९७३ में रखी गई थी, जनम ने इप्टा से अलग हटकर आकार लिया था। सफदर की जनवरी १९८९ में साहिबाबाद में एक नुक्कड़ नाटक 'हल्ला बोल' खेलते हुए हत्या कर दी गई थी। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सफ़दर हाशमी

सरिता सिंह

सरिता सिंह एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो छात्र युवा संघ समिति के पदाधिकारी हैं, आम आदमी पार्टी (छात्र) की छात्र शाखा। वह दिल्ली के छठी विधान सभा के सदस्य हैं। सिंह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सरिता सिंह

सर्वेपल्लि राधाकृष्णन

डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (சர்வபள்ளி ராதாகிருஷ்ணன்; 5 सितम्बर 1888 – 17 अप्रैल 1975) भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति (1952 - 1962) और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् १९५४ में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। उनका जन्मदिन (५ सितम्बर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सर्वेपल्लि राधाकृष्णन

साकेत बहुगुणा

साकेत बहुगुणा एक छात्र कार्यकर्ता और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और साकेत बहुगुणा

सिकन्दर बख्त

सिकन्दर बख्त(अंग्रेजी: Sikander Bakht, जन्म: 24 अगस्त 1918 – मृत्यु: 23 फ़रवरी 2004) भारत के राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानी भी थे। उनकी गणना भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ राजनयिकों में की जाती थी। मोरारजी देसाई की जनता सरकार तथा अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में वे केन्द्रीय मन्त्री रहे। जिस समय उनका निधन हुआ वे केरल के राज्यपाल पद पर आसीन थे। सन् 2000 में उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सिकन्दर बख्त

संजय काक

संजय काक संजय काक (जन्म 1958) भारतीय वृत्तचित्र चलचित्र निर्माता हैं उनका कार्य मुख्यतः पर्यावरण सक्रियता और प्रतिरोध की राजनीति जैसे सामाजिक मुद्दों पर आधारित होता है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र में शिक्षा प्राप्त की एवं बाद में फ़िल्म निर्माण की आत्मशिक्षा प्राप्त की। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और संजय काक

सुधीर चौधरी (पत्रकार)

सुधीर चौधरी ज़ी न्यूज़ के एक वरिष्ठ सम्पादक और बिजनेस हेड हैं। इससे पहले ये मी मराठी और लाइव इंडिया चैनलों के भी सम्पादक रह चुके है। सुधीर चौधरी ने अपने पत्रकारिता कैरियर की २००१ में की थी और ये कई हिन्दी और मराठी भाषा के चैनलों पर न्यूज़ रिपोर्टर रह चुके है।उनका DNA कार्यक्रम बहुत ही लोकप्रिय है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सुधीर चौधरी (पत्रकार)

सुनील शास्त्री

सुनील शास्त्री भारत के द्वितीय प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र हैं। उन्होंने अभी हाल में ही नरेन्द्र मोदी से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। जिन दिनों वे भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के थे उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में एक लम्बे समय तक मन्त्री पद का दायित्व दिया गया। बाद में काँग्रेस पार्टी से उनका मोहभंग हुआ और उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमन्त्रित्व काल में भाजपा की केन्द्रीय कार्यकारिणी में राष्ट्रीय सचिव रह चुके सुनील शास्त्री एक राजनेता के अलावा कवि और लेखक भी हैं। उन्होंने अपने पिता के जीवन पर आधारित एक पुस्तक हिन्दी में लिखी है जिसका अंग्रेजी अनुवाद भी प्रकाशित हो चुका है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सुनील शास्त्री

सुब्रमनियन स्वामी

डॉ॰ सुब्रह्मण्यम् स्वामी (जन्म: 15 सितम्बर 1939 चेन्नई, तमिलनाडु, भारत) जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। वे सांसद के अतिरिक्त 1990-91 में वाणिज्य, विधि एवं न्याय मन्त्री और बाद में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आयोग के अध्यक्ष भी रहे। 1994-96 के दौरान विश्व व्यापार संगठन के श्रमिक मानकों के निर्धारण में उन्होंने प्रभावी भूमिका निभायी। हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्ट्रेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने साइमन कुजनैट्स और पॉल सैमुअल्सन के साथ कई प्रोजेक्ट्स पर शोध कार्य किया और फिर पॉल सैमुअल्सन के साथ संयुक्त लेखक के रूप में इण्डैक्स नम्बर थ्यौरी का एकदम नवीन और पथ प्रदर्शक अध्ययन प्रस्तुत किया। वे हार्वर्ड विश्वविद्यालय के विजिटिंग फैकल्टी मैम्बर भी रहे हैं। वे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने आदर्शों के लिए निर्भीक होकर संघर्ष किया है। भारत में आपातकाल के दौरान संघर्ष, तिब्बत में कैलाश-मानसरोवर यात्री मार्ग खुलवाने में उनके प्रयास, भारत-चीन सम्बन्धों में सुधार, भारत द्वारा इजरायल की राजनैतिक स्वीकारोक्ति, आर्थिक सुधार और हिन्दू पुनरुस्थान आदि अनेक उल्लेखनीय कार्य उन्होंने किये हैं। स्वामी ने स्वेच्छा से राष्ट्रहित को सर्वोपरि समझते हुए अपनी पार्टी का विलय भारतीय जनता पार्टी में कर दिया। अब वे एकनिष्ठ होकर नरेन्द्र मोदी को भारत का प्रधानमन्त्री बनाने के लिये पूरे देश में प्रचार किया और भारी बहुमत से जीत हासिल किया और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, फिर नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद पुनः Z+ श्रेणी की सुरक्षा दे दिया गया। आजकल नेशनल हेराल्ड केस और अयोध्या राम मंदिर को लेकर चर्चा मे है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सुब्रमनियन स्वामी

सुमित सरकार

सुमित सरकार भारत के एक सुप्रसिद्ध इतिहासविद हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन करते हैं। इन्होंनें आधुनिक भारत के इतिहास पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की है और बहुत से शोध प्रबंधों का निर्देशन किया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सुमित सरकार

सुशील कुमार (पहलवान)

---- सुशील कुमार (जन्म: २६ मई १९८३) भारत के एक कुश्ती पहलवान हैं जो 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक, 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर लगातार दो ओलम्पिक मुकाबलों में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। २००८ ओलम्पिक में 66 किग्रा फ्रीस्टाइल में कजा‍खिस्तान के लियोनिड स्प्रिडोनोव को हरा कांस्य पदक जीत कर उन्होंने ५६ साल बाद १९५२ के इतिहास को एक बार फिर से दोहराया जब यह पदक महाराष्ट्र के खशाबा जाधव ने जीता था। सुशील, सतपाल पहलवान के शिष्य हैं। सुशील कुमार के लिए दिल्ली सरकार ने ५० लाख के इनाम की घोषणा की जबकि रेलवे ने ५५ लाख और हरियाणा सरकार ने २५ लाख के इनाम की घोषणा की है। 2010 तथा 2014 राष्ट्रमण्डल खेलों में इन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। मंजीत दूबे dhyeya IAS .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सुशील कुमार (पहलवान)

सैयदा अनवरा तैमूर

सैयदा अनवरा तैमूर (जन्म 24 नवम्बर 1936) भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की असम की नेत्री हैं। वे 6 दिसम्बर 1980 से 30 जून 1981 तक असम की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। असम के इतिहास में उन्होने एक मात्र महिला और अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन किया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सैयदा अनवरा तैमूर

सेंट स्टीफ़न कॉलेज

सेंट स्टीफ़न कॉलेज (उर्दू: سینٹ سٹیفنس کالج دلھ, अंग्रेज़ी:St. Stephen's College) दिल्ली विश्वविद्यालय के अधीनस्थ दिल्ली में स्थित एक कॉलेज है। यह भारत के प्रसिद्ध शैक्षिक संस्थानों में से एक है, जहां कला एवं विज्ञान की उपाधियां दी जाती हैं।इस कॉलेज के कई पुराछात्र काफ़ी प्रसिद्द रहे हैं और कॉलेज के छात्रों को स्टेफेनियन कहा जाता है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सेंट स्टीफ़न कॉलेज

सीता राम गोयल

सीता राम गोयल (१९२१ - २००३) भारत के बीसवीं शती के प्रमुख इतिहाकार, लेखक, उपन्यासकार और प्रकाशक थे। उन्होने हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन किया। विख्यात ऋषि और दार्शनिक राम स्वरूप उनके गुरु और सहयोगी थे। १९४० के दशक में उनका झुकाव मार्क्सवाद की तरफ था किन्तु बाद में वे घोर साम्यवाद-विरोधी हो गये। बाद में वे इसाईयत, इस्लाम एवं भारतीय इतिहास एवं राजनीति के प्रमुख व्याख्याता (कमेंटेटर) बनकर उभरे। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सीता राम गोयल

सी॰ डी॰ देशमुख

सी॰ डी॰ देशमुख (पूरा नाम: चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख, जन्म: 14 जनवरी 1896, मृत्यु: 2 अक्टूबर 1982) भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर थे, जिन्हें 1943 में ब्रिटिश राज द्वारा नियुक्त किया गया। ब्रिटिश राज ने उन्हें सर की उपाधि दी थी। इसके पश्चात् उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में भारत के तीसरे वित्त मंत्री के रूप में भी सेवा की। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और सी॰ डी॰ देशमुख

हरियाणा के लोगों की सूची

File:Juhi_Manish_M_B'day_Bash.jpg|जूही चावला, अभिनेत्री |विक्की कादियान (2012), अभिनेता File:Sunil_Dutt_cropped_face.jpg|सुनील दत्त (1 930-2015), अभिनेता File:Cartoonist_Shekhar_Gurera_(2013).jpg|शेखर गुरेरा, संपादकीय कार्टूनिस्ट File:Babaramdev.jpg|रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद |दीपक कपूर, सेना प्रमुख (2007-10) |अरविंद केजरीवाल, राजनीतिज्ञ File:Kapil_Dev_at_Equation_sports_auction.jpg|कपिल देव, क्रिकेटर File:Sakshi_Malik_in_2016.jpg|साक्षी मलिक, पहलवान यह हरियाणा से उल्लेखनीय लोगों की सूची है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और हरियाणा के लोगों की सूची

हरिसिंह गौर

सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक '''डॉ हरिसिंह गौर''' डॉ॰ हरिसिंह गौर, (२६ नवम्बर १८७० - २५ दिसम्बर १९४९) सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक, शिक्षाशास्त्री, ख्यति प्राप्त विधिवेत्ता, न्यायविद्, समाज सुधारक, साहित्यकार (कवि, उपन्यासकार) तथा महान दानी एवं देशभक्त थे। वह बीसवीं शताब्दी के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मनीषियों में से थे। वे दिल्ली विश्वविद्यालय तथा नागपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे। वे भारतीय संविधान सभा के उपसभापति, साइमन कमीशन के सदस्य तथा रायल सोसायटी फार लिटरेचर के फेल्लो भी रहे थे।उन्होने कानून शिक्षा, साहित्य, समाज सुधार, संस्कृति, राष्ट्रीय आंदोलन, संविधान निर्माण आदि में भी योगदान दिया। उन्होने अपनी गाढ़ी कमाई से 20 लाख रुपये की धनराशि से 18 जुलाई 1946 को अपनी जन्मभूमि सागर में सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की तथा वसीयत द्वारा अपनी पैतृक सपत्ति से 2 करोड़ रुपये दान भी दिया था। इस विश्वविद्यालय के संस्थापक, उपकुलपति तो थे ही वे अपने जीवन के आखिरी समय (२५ दिसम्बर १९४९) तक इसके विकास व सहेजने के प्रति संकल्पित रहे। उनका स्वप्न था कि सागर विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज तथा ऑक्सफोर्ड जैसी मान्यता हासिल करे। उन्होंने ढाई वर्ष तक इसका लालन-पालन भी किया। डॉ॰ सर हरीसिंह गौर एक ऐसा विश्वस्तरीय अनूठा विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना एक शिक्षाविद् के द्वारा दान द्वारा की गई थी। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और हरिसिंह गौर

हरिकृष्ण जैन

हरिकृष्ण जैन (जन्म २८ मई १९३०) भारतीय कायटोजेनेटिक्स के विशेषज्ञ है। वे केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक रह चुके है। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने, जो भारत की सर्वोच्च विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की अनुसंधान एवं विकास संबंधी संस्थान है, इन्हे १९६६ में जीव विज्ञान श्रेणी का शांति स्वरूप भटनागर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार प्रदान किया। इन्हे भारत सरकार ने १९८१ में चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानीत किया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और हरिकृष्ण जैन

हर्षवर्धन ओझा

हर्ष वर्द्धन ओझा एक जानेमाने पत्रकार, समाजिक कार्यकर्ता और हिंदी फिल्म निर्माता हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर हर्ष वर्धन ओझा फिल्मों में आने से पहले कई वर्षों तक दूरदर्शन के साथ जुड़े रहें। दूरदर्शन में उन्होने एक बड़ी पारी खेली और इस दौरान समाजिक सरोकार से जुड़े कई प्रोग्राम बनाएं। दूरदर्शन में वे डेवलपमेंट क्म्यूनिकेशन डिविजन के साथ जुड़कर भारत सरकार के तमाम मंत्रालयों के लिए कई कायर्क्रम का निर्माण किया,जिसका मकसद समाज में जाकरुकता फैलाना था। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि कल्याणी कार्यक्रम का निर्माण रहा। कल्याणी,को भारत में सबसे लंबे समय तक चलने वाला स्वास्थ्य टेलीविज़न कार्यक्रम के रुप में जाना जाता है। कल्याणी को कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। हर्ष वर्धन ओझा ने 'कल्याणी' कार्यक्रम को एक नया आयाम दिया। ये हर्ष वर्धन की सूझबूझ और प्रोडक्शन कौशल हीं थी की 'कल्याणी' ग्रामीण भारत की महिलाओं के साथ आम जनमानस के सशक्तिकरण की अहम सहेली बन गई। दूरदर्शन में एक लंबी पारी बिताने के बाद हर्ष वर्धन ओझा ने फिल्मों का रुख किया। शुरु से ही उन्हें समाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाने की रुचि थी, लिहाजा हर्ष वर्धन ओझा ने भी अपनी फिल्मी सफर की शुरुआत एक समाजिक मसले से जुड़ी फिल्म से की। हर्ष वर्धन ओझा ने "ग्लोबल बाबा" फिल्म से अपनी बॉलीवुु़ड सफर की शुरुआत की। "ग्लोबल बाबा" फर्जी बाबाओं की कहानी है,जिसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार देश में धार्मिक बाबा,लोगों को गुमराह कर राजनीतिक और प्रशासनिक मिलीभगत से लोगों को लूटते हैं। "ग्लोबल बाबा" को क्रिटिक्स ने एक अच्छी फिल्म बताया। "ग्लोबल बाबा" के बाद हर्ष वर्धन ओझा समाजिक मुद्दों पर दो और हिन्दी फिल्मोें के निर्माण का काम कर रहें हैं। हर्ष वर्धन ओझा के लिए समाज सेवा एक मिशन है,जिसका मुख्य उदेश्य समाज के पिछड़े,उपेक्षित और पिछले कतार के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ना है। स्कूल के दिनों से ही हर्ष वर्धन समाजिक कार्यों में रुची लेने लगेे। लातूर और उस्मानाबाद के भूकंप के दौरान उन्होने वहां के पीडि़तों के मदद के लिए बढ़ चढकर हिस्सा लिया। कॉलेज के दिनों में We For You (गैर-सरकारी संस्थान) के जरिए झूग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को स्वाथ्य के प्रति जागरुक बनाने में भी अहम भूमिका निभाई। आगे जाकर हर्ष वर्धन ओझा ने अपने मित्र और अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के डॉक्टर प्रसून चटर्जी के साथ मिलकर देश में वरिष्ट नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और उनके सशक्तिकरण के लिए हेल्दी एजिंग इंडिया नामक संस्था (गैर-सरकारी संस्थान)का स्थापना किया । आज हेल्दी एजिंग इंडिया का नाम देश के कुछ उन चुनिंदा संस्थानों में आता है,जो बुजुर्गों के लिए समर्पित हैं । बुजुर्गों के टीकाकरण को पूरे देश में फैलाने का काम हेल्दी एजिंग इंडिया बखूबी कर रही है। हर्ष वर्धन ओझा और हेल्थी एजिंग इंडिया के कार्यों की सराहना देश के कई बड़े नेता सामाजिक मंच से कर चुकें है । गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हर्ष वर्धन ओझा की सराहना करते हुए कहा था हर्ष वर्धन वो काम कर रहे हैं जिसकी प्रेरणा उसी व्यक्ति को मिल सकती है जिसके पास पूर्व जन्मों का संचित पुण्य हो। झारखंड के आद्दौगिक नगर बोकारो स्टील सिटी से प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद हर्ष वर्धन ने उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली का रुख किया और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की। कॉलेज के दिनों में समाजिक सरोकार से जु़ड़े मसलों पर इन्होने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। दिल्ली में मॉडल जेसिका लाल हत्या कांड के खिलाफ चलाए गए मुहिम में हर्ष वर्धन ओझा का बड़ा रोल रहा। न्याय के संघर्ष में हर्ष वर्धन ओझा और उन जैसे समाजिक कार्यकर्ताओं के परिश्रम का ही प्रयास था कि जेसिका लाल मामले में न्याय की उम्मीद जगी और अपराधी सलाखों के पीछे जा सके। अपने मित्र कपिल मिश्रा,जो बाद में केजरीवाल सरकार में मंत्री भी रहें,के साथ मिलकर यूथ फ़ॉर जस्टिस संस्था के माध्यम से हर्ष वर्धन ओझा ने दिल्ली में यमुना के लिए भी काम किया तथा यमुना किनारे बन रहे कॉमनवेल्थ गेम विलेज के निर्माण के खिलाफ आवाज बुलंद किया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और हर्षवर्धन ओझा

हिन्दू कॉलेज

हिन्दू कॉलेज भारत के कुछ सबसे पुराने व प्रषिध महाविद्यालयो में से एक है। इसकी स्थापना 1899 में हुइ थी। यह दिल्ली विश्वविद्यालय का संघटक है। श्रेणी:दिल्ली के कॉलेज श्रेणी:दिल्ली विश्वविद्यालय.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और हिन्दू कॉलेज

हुमा क़ुरैशी (अभिनेत्री)

हुमा क़ुरैशी (English: Huma Qureshi; जन्म २८ जुलाई १९८६) हिन्दी सिनेमा में काम करने वाली भारतीय अभिनेत्री हैं। उन्होंने फ़िल्मों में अभिनय करने से पहले नाटकों में भी अभिन्य किया और वो एक मॉडल हैं। कुछ वर्षों नाटकों में काम करने के बाद वो मुम्बई चली गई और हिन्दुस्तान यूनीलीवर के साथ टेलीविज़न प्रचार के लिए दो वर्ष का समझौता किया। सैमसंग मोबाइल के विज्ञापन को फिल्माये जाते समय अनुराग कश्यप ने उनकी अभिन्य क्षमता को देखा और फिल्मों में काम दिया। हुमा कुरैशी की आने वाली फिल्‍म 'पार्टिशन: 1947', काला करिकालन है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और हुमा क़ुरैशी (अभिनेत्री)

हेमन्त सिंह

राणा हेमन्त सिंह (जन्म 5 जनवरी 1951) 1954 से 1971 तक धौलपुर के महाराजा हैं | .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और हेमन्त सिंह

हेमलता गुप्ता

हेमलता गुप्ता (मृत्यु 2006) एक भारतीय चिकित्सक और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा विभाग की प्रमुख चिकित्सक और निर्देशिका थीं। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से की और बाद में वह उसकी निर्देशक बन गईं। भारत सरकार से उन्हें चिकित्सा विज्ञान में योगदान के लिए तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण से 1998 में सम्मानित किया गया। वह अविवाहित थीं और नई दिल्ली में रहती थीं जहाँ पर 13 मई, 2006 को उन्हें, उनके निवास उत्तम नगर में मृत पाया गया था। कई वर्षों की जांच के बाद, जिस मामले ने मीडिया का ध्यान आकर्षित किया, वह मामला आज भी अनसुलझा है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और हेमलता गुप्ता

जयती घोष

जयती घोष एक विकास अर्थशास्त्री हैं। वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। उनकी विशिष्टताओं में वैश्वीकरण, अंतर्राष्ट्रीय वित्त, विकासशील देशों में रोजगार पैटर्न, व्यापक आर्थिक नीति और लिंग और विकास से जुड़े मुद्दों शामिल हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और जयती घोष

जसलिन धमिजा

जसलिन धामिजा (जन्म १९३३) एक अनुभवी भारतीय कपड़ा कला इतिहासकार, शिल्प विशेषज्ञ और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व कार्यकर्ता हैं। वह अपने हथकरघा और हस्तकला उद्योग पर शोध के लिए जनि जाती है। वह मिनेसोटा विश्वविद्यालय में जीवित सांस्कृतिक परंपराओं की प्रोफेसर रहे चुकी है। उन्होंने वस्त्रों पर भारत की पवित्र टेक्सटाइल्स (2014) सहित कई किताबें लिखी हैं। धमीजा उत्तर पश्चिमी सीमावर्ती प्रांत में अब्बाटाबाद में बडी हुई। मिरांडा हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। १९५४ में उन्होंने भारत सरकार में संस्कृति और शिल्प पुनरुत्थानवादी कमलादेवी चट्टोपाध्याय के साथ अपने करियर की शुरुआत की। १९६० के दशक में, उसने भारत के हस्तशिल्प बोर्ड के साथ काम किया। हाह्ली मे वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी, नई दिल्ली में काम करती है। जहां वह भारतीय कपड़ा और वेशभूषा का इतिहास पढ़ाती है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और जसलिन धमिजा

ज़ाकिर हुसैन (राजनीतिज्ञ)

डाक्टर ज़ाकिर हुसैन (8 फरवरी, 1897 - 3 मई, 1969, indiapress.org पर भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों की जीवनी) भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक था। डा.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और ज़ाकिर हुसैन (राजनीतिज्ञ)

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, (Jawaharlal Nehru University) संक्षेप में जे॰एन॰यू॰, नई दिल्ली के दक्षिणी भाग में स्थित केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय है। यह मानविकी, समाज विज्ञान, विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन आदि विषयों में उच्च स्तर की शिक्षा और शोध कार्य में संलग्न भारत के अग्रणी संस्थानों में से है। जेएनयू को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NACC) ने जुलाई 2012 में किये गए सर्वे में भारत का सबसे अच्छा विश्वविद्यालय माना है। NACC ने विश्वविद्यालय को 4 में से 3.9 ग्रेड दिया है, जो कि देश में किसी भी शैक्षिक संस्थान को प्रदत उच्चतम ग्रेड है .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय

ज्ञान प्रकाश

ज्ञान प्रकाश आधुनिक भारत के एक इतिहासकार और प्रिंसटन विश्वविद्यालय में इतिहास के डेटन-स्टॉकटन प्राध्यापक है। प्रकाश सबाल्टर्न अध्ययन सामूहिक के एक सदस्य है। वर्ष १९७३ में दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में बी.ए.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और ज्ञान प्रकाश

ज्ञानेन्द्र पाण्डे

ज्ञानेन्द्र पाण्डे एक इतिहासकार और सबाल्टर्न अध्ययन के संस्थापक सदस्यों में से एक है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त की है। वर्श २००५ से एमोरी विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर है। इसके पहले रोड्स छात्रवृत्ति को हासिल कर चुके है, और दो ऑक्सफोर्ड कॉलेजों, वोल्फसन और लिंकन (१९७४-७८), के रिसर्च फैलो भी रह चुके है। लीड्स विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय में कुछ समय तक लेक्चरर रहने के बाद, १९९० में कलकत्ता के सेंटर फॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़ में अध्येतावृत्ति प्रारम्भ की। १९८५ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्राध्यापक बने और इसी समान पद को १९८६-९८ के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय में निभाया। एमोरी विश्वविद्यालय में नियुक्त होने से पहले उनकी आखिरी पदवी जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय में थी। यहाँ ये नृविज्ञान और इतिहास के प्रोफेसर होने के साथ-साथ नृविज्ञान विभाग के अध्यक्ष भी थे। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और ज्ञानेन्द्र पाण्डे

ईश्वरी प्रसाद गुप्ता

ईश्वरी प्रसाद गुप्ता (जन्म: 5 फ़रवरी 1931, आरा, बिहार) 1958 बैच के अवकाशप्राप्त प्रशासनिक अधिकारी है जो भारत सरकार के गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव,त्रिपुरा के मुख्य सचिव एवं अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल पद पर रह चुके हैं। सरल एवं ईमानदार अधिकारियों में से एक गुप्ता जी समय-समय पर प्रशासनिक विषयों पर अपनी बेवाक राय समाचार पत्रों में पद पर रहते हुए भी व्यक्त करते रहे हैं। इस समय वे सपत्नीक अपने छोटे पुत्र विनोदकुमार गुप्ता के परिवार के साथ गुलमोहर इंक्लेव नई दिल्ली के एक साधारण से डी०डी०ए० फ्लैट में रह रहे हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और ईश्वरी प्रसाद गुप्ता

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्‍थान, देहरादून

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून में स्थित भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, का एक स्वायत्तशासी शोध संस्थान है। यह भारत सरकार द्वारा 1968 में स्थापित किया गया था। इसे पहले 'हिमालय भूविज्ञान संस्थान' नाम से जाना जाता है। पिछले वर्षों के दौरान यह संस्थान हिमालय भूविज्ञान के एक उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में विकसित हो गया है तथा इसे एक अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त राष्ट्रीय प्रयोगशाला के रूप में मान्यता दी जा चुकी है जहां देश में उन्नत स्तर का शोध निष्पादित करने के लिए आधुनिकतम उपकरणों तथा अन्य आधारिक सुविधाओं से सुसज्जित प्रयोगशालाएं हैं। जनरल माधवसिंह रोड पर घंटाघर से 5 कि॰मी॰ दूर पहाड़ी के ऊपर स्थित वाडिया संस्थान उत्तराखंड हिमनदों का एक अनोखा संग्रहालय है। इनका अपना शोध संस्थान और प्रकाशन संस्थान भी है जो मानचित्र, शोधपत्र तथा पुस्तकें आदि प्रकाशित करता है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्‍थान, देहरादून

विनोद राय

विनोद राय (जन्म: 23 मई 1948) भारत के ११वें नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक थे। इस पद पर वे 7 जनवरी 2008 से २२ मई २०१३ तक थे। यूपीए सरकार द्वारा किये गये लाखों करोड़ रुपये के टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला एवं कोयला घोटाला की सनसनीखेज रिपोर्टों के कारण वे चर्चा में आये थे। सम्प्रति वे संयुक्त राष्ट्र के बाहरी लेखापरीक्षकों के अध्यक्ष हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से अर्थशास्त्र में एम०ए० हैं इसके अतिरिक्त उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की उपाधि भी प्राप्त कर रखी है। १९७२ बैच के आई०ए०एस० अधिकारी रहे विनोद राय इससे पूर्व कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। जब प्रधानमन्त्री कार्यालय के राज्य मन्त्री वी० नारायणसामी ने सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने यह बयान दिया कि "सीएजी को सरकारी स्कीमों में हो रहे स्कैमों पर अपनी टिप्पणी देने का कोई अधिकार ही नहीं है, इससे भारत के नियन्त्रक एवं महालेखाकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगता है।" तो विनोद राय को स्वयं अपने बचाव में कहना पड़ा कि सीएजी का यह मूलभूत और नैतिक दायित्व है कि वह सरकार के कामकाज में दखल न देते हुए भी आर्थिक मामलों में पायी गयी अनियमितताएँ उसे बताये ताकि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों की रक्षा की जा सके और सरकार पर नियन्त्रण बना रहे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह देश की जनता के साथ विश्वासघात होगा।.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और विनोद राय

विनीता बाली

विनीता बाली एक भारतीय महिला उद्यमी हैं, जो ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और विनीता बाली

विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य

नीचे कुछ महत्वपूर्ण संस्थानों के नाम और उनके संस्कृत में ध्येय-वाक्य या मोट्टो दिये गये हैं: ।श्रीमद्द्यानन्द वेदार्ष महाविद्यालय।गुरुकुल गौतम नगर नई दिल्ली ।पावका न: सरस्वती । .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य

विमलेश कांति वर्मा

डॉ॰ विमलेश कांति वर्मा हिन्दी साहित्यकार तथा प्राध्यापक हैं। इन्होंने पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से निरंतर अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, कोश निर्माण, पाठालोचन, अनुवाद और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्र में अपनी देश-विदेश में सशक्त उपस्थिति दर्ज़ कराई है। डॉ.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और विमलेश कांति वर्मा

विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय (युनिवर्सिटी) वह संस्था है जिसमें सभी प्रकार की विद्याओं की उच्च कोटि की शिक्षा दी जाती हो, परीक्षा ली जाती हो तथा लोगों को विद्या संबंधी उपाधियाँ आदि प्रदान की जाती हों। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के मैदान, भवन, प्रभाग, तथा विद्यार्थियों का संगठन आदि भी सम्मिलित हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और विश्वविद्यालय

विजय जौली

विजय जौली भारत की राजनीति में उत्तर भारत का एक परिचित नाम है, जो भारतीय जनता पार्टी से सम्बधित एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। भारत की राजधानी दिल्ली के साकेत विधान सभा क्षेत्र से 2003 से 2008 तक विधायक रह चुके हैं। सन् 2008 में दिल्ली की तत्कालीन पदासीन मुख्यमन्त्री श्रीमती शीला दीक्षित के विरुद्ध चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और विजय जौली

विजयमोहन सिंह

विजयमोहन सिंह (1 जनवरी, 1936 - 25 मार्च, 2015) हिन्दी कथाकार एवं प्रगतिशील दृष्टि के स्वतंत्रचेता कथालोचक थे। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और विजयमोहन सिंह

विजयेन्द्र स्नातक

डॉ विजयेन्द्र स्नातक (1914 - 1998), हिन्दी साहित्यकार एवं आलोचक थे। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष भी रहे। डॉक्टर स्नातक हिंदी के मूर्द्धन्य विद्वान थे।उन्होंने कुल २६ पुस्तकों की रचना की। उनकी ख्याति 'राधावल्लभ सम्प्रदाय' सिद्धांत और साहित्य विषयक ग्रंथ से बहुत हुई। यू उनका शोध प्रबंध था जिसके लिए हिंदी के अन्यतम आलोचक डॉक्टर हज़ारी प्रसाद द्विवेदी ने प्रसाद द्विवेदी ने कहा 'न भूतो न भविष्यति'। उनकी अन्य उल्लेखनीय पुस्तकों में चिंतन के क्षण विचार के क्षण विमर्श के क्षण अनुभूति के क्षण सूरदास चैतन्य महाप्रभु राष्ट्रभाषा हिंदी स्मृतिशेष मेरे समकालीन संस्कृति एवं साहित्य के प्रहरी द्विवेदियुगींन हिंदी नवरत्न साहित्य और जीवन समीक्षात्मक निबंध चिट्ठी पत्री कबीर आदि। डॉक्टर विजयेंद्र स्नातक ने ८५० से अधिक शोध ग्रंथों का परीक्षण किया जो हिंदी में सर्वाधिक है। डॉक्टर स्नातक को 'मंगला प्रसाद पारितोषिक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का शिखर सम्मान'हिंदी अकादमी दिल्ली का शिखर सम्मान, प्रकाशवीर शास्त्री सम्मान, हिंदी साहित्य सम्मेलन और नगरी प्राचारिनी सम्मान आदि उपलब्ध हुए। उन्हें ' भारतीय मनीषा के प्रतीक पुरुष कहा गया। उनकी रचनाएँ अनेक शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में निर्धारित हैं। डॉक्टर स्नातक में रचनाकर्म पर शोध हुए हैं। वे अनेक सरकारी और ग़ैर सरकारी हिंदी संस्थाओं के अध्यक्ष। ही रहे। श्रेणी:हिन्दी साहित्यकार.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और विजयेन्द्र स्नातक

विजिटर पुरस्‍कार

विजिटर पुरस्‍कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारत के केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों को दिए जाते हैं। 2014 के कुलपतियों के सम्‍मेलन में इन पुरस्‍कारों को शुरू करने की घोषणा की गई थी तथा 2015 में पहली बार इन्हें प्रदान किया गया। इसका उद्देश्‍य केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों में प्रतिस्‍पर्धा बढ़ाने और विश्‍व में उपलब्‍ध अध्‍ययन के बेहतर तरीकों को अपनाने के लिए बढ़ावा देना है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और विजिटर पुरस्‍कार

वृंदा करात

वृंदा करात, बृंदा करात (जन्म-17 अक्टूबर 1947) भारत की एक कम्युनिस्ट राजनेता हैं। उन्हें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की सदस्य के तौर पर 11 अप्रैल 2005 को पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिये चुना गया। सुश्री करात 2005 में माकपा पोलित ब्यूरो की पहली महिला सदस्य के तौर पर चुनी गईं। वह भारत की जनवादी महिला समितिएडवा की 1993 से 2004 तक महासचिव भी रह चुकी हैं और इसके बाद से एडवा के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और वृंदा करात

वैदिक साहित्य

वैदिक साहित्य भारतीय संस्कृति के प्राचीनतम स्वरूप पर प्रकाश डालने वाला तथा विश्व का प्राचीनतम् साहित्य है। वैदिक साहित्य को 'श्रुति' भी कहा जाता है, क्योंकि सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने विराटपुरुष भगवान् की वेदध्वनि को सुनकर ही प्राप्त किया है। अन्य ऋषियों ने भी इस साहित्य को श्रवण-परम्परा से हीे ग्रहण किया था। वेद के मुख्य मन्त्र भाग को संहिता कहते हैं। वैदिक साहित्य के अन्तर्गत ऊपर लिखे सभी वेदों के कई उपनिषद, आरण्यक तथा उपवेद आदि भी आते जिनका विवरण नीचे दिया गया है। इनकी भाषा संस्कृत है जिसे अपनी अलग पहचान के अनुसार वैदिक संस्कृत कहा जाता है - इन संस्कृत शब्दों के प्रयोग और अर्थ कालान्तर में बदल गए या लुप्त हो गए माने जाते हैं। ऐतिहासिक रूप से प्राचीन भारत और हिन्दू-आर्य जाति के बारे में इनको एक अच्छा सन्दर्भ माना जाता है। संस्कृत भाषा के प्राचीन रूप को लेकर भी इनका साहित्यिक महत्व बना हुआ है। रचना के अनुसार प्रत्येक शाखा की वैदिक शब्द-राशि का वर्गीकरण- चार भाग होते हैं। पहले भाग (संहिता) के अलावा हरेक में टीका अथवा भाष्य के तीन स्तर होते हैं। कुल मिलाकर ये हैं.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और वैदिक साहित्य

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी) हिन्दी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं के वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दों को परिभाषित एवं नए शब्दों का विकास करता है। भारत की स्वतंत्रता के बाद वैज्ञानिक-तकनीकी शब्दावली के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सन् १९५० में बोर्ड की स्थापना की। सन् १९५२ में बोर्ड के तत्त्वावधान में शब्दावली निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। अन्तत: १९६० में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय और 1961 ई.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग

गणेश प्रसाद श्रीवास्तव

डॉ गणेश प्रसाद श्रीवास्तव (१९३३ - २०११), भौतिक विज्ञान के भारतीय प्रोफेसर और कई पुस्तकों के लेखक थे। 50 साल के प्रतिष्ठित शैक्षिक कैरियर के बाद वह इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रोफेसर के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए जहाँ उन्होंने 35 साल से भी ज़्यादा माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स पढ़ाया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और गणेश प्रसाद श्रीवास्तव

गार्गी महाविद्यालय दिल्ली

गार्गी महाविद्यालय दिल्ली स्थित एक महिला महाविद्यालय है। यह दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। इसकी स्थापना 967 में हुई थी। गार्गी महाविद्यालय कला, मानविकी, वाणिज्य, विज्ञान तथा शिक्षा में शिक्षा प्रदान करता है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और गार्गी महाविद्यालय दिल्ली

गिरिजा प्रसाद कोइराला

गिरिजा प्रसाद कोइराला (२० फ़रवरी १९२५ – २० मार्च २०१० नेपाल के शीर्ष राजनेता एवं नेपाली कांग्रेस के पूर्वाध्यक्ष थे। वे चार बार नेपाल के प्रधानमंत्री रहे। गिरिजा प्रसाद कोइराला का राजनीतिक सफर छह दशक से भी ज्यादा लंबा रहा। नेपाल को माओवादी संघर्ष से निजात दिलाने और उन्हें राजनीति की मुख्यधारा में जोड़ने में कोइराला ने अहम भूमिका निभाई। उनके करिश्मे की वजह से ही माओवादियों और सात राजनीतिक दलों के बीच 12 सूत्री समझौते का खाका तैयार करना संभव हो सका और नेपाल में हिंसा के लंबे दौर की समाप्ति हुई। इस समझौते से ही नेपाल में राजतंत्र समाप्त हुआ और देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और गिरिजा प्रसाद कोइराला

गुरु तेगबहादुर मार्ग

गुरु तेगबहादुर मार्ग रिंग मार्ग को दिल्ली विश्वविद्यालय पर काटता हुआ दिल्ली का सड़क मार्ग है। रिंग मार्ग को काटते मार्ग.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और गुरु तेगबहादुर मार्ग

गुरु गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय

गुरु गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (अनौपचारिक रूप से, इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय अथवा आई.पी.) दिल्ली में एक सार्वजानिक, वृतिक विश्वविद्यालय है। १९९८ में यह संस्थापित की गयी थी, जो की अब १२० से भी अधिक महाविद्यालयों को संबद्ध करती है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक फैले हुए है। विश्वविद्यालय के कैम्पस में १५ शिक्षालय और एक संघटक महाविद्यालय - इंदिरा गाँधी प्रौद्योगिकी संसथान है। गुरु गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय को देश के शिक्षा के क्षेत्र में प्रवर्तकों में गिना जाता है। यह पहली और एकमात्र भारतीय और एशिआइ विश्वविद्यालय है जिसको "प्लाटिनम टेकनोलौजी अवार्ड फॉर क्वालिटी एंड एक्सीलेंस", जीनीवा, स्वीजरलैंड में शिक्षा के क्षेत्र में मिला है। यह पुरस्कार "अदरवेज मैनेजमेंट एंड कनसलटिंग", पैरिस द्वारा दिया गया है। विश्वविद्यालय, राष्ट्रमंडल विश्वविद्यालय संघ, भारतीय विश्वविद्यालय संघ, भारतीय चिकित्सा परिषद, दूरशिक्षा परिषद का एक सदस्य है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और गुरु गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय

गौतम गंभीर

गौतम गंभीर भारत के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज गौतम दिल्ली से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलते हैं। भारत सरकार ने 2008 में गंभीर को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और गौतम गंभीर

गीता गोपीनाथ

गीता गोपीनाथ (जन्म ८ दिसंबर, १९७१) हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में प्राध्यापक और केरल के मुख्यमंत्री के वित्तीय सलाहकार हैं। उन्होंने सभी मुद्राओं के मूल्य निर्धारण और यूरोप में संप्रभु ऋण चूक पर काम किया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और गीता गोपीनाथ

ओम प्रकाश कोहली

ओम प्रकाश कोहली भारतीय लोकतंत्र की उपरी प्रतिनिधि सभा राज्यसभा के पूर्व सदस्य तथा गुजरात के राज्यपाल हैं। वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं। वे 1994 से 2000 तक राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष के उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है और दिल्ली के हंसराज कॉलेज तथा देशबंधु कॉलेज में व्याख्याता के पद पर 37 साल से अधिक वर्षों तक सेवा की हैं। वर्ष 1999-2000 के दौरान उन्हें भाजपा की दिल्ली यूनिट का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वे आपातकाल के दौरान मीसा के तहत गिरफ्तार भी हुये थे। दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी में स्नातकोत्तर कोहली शिक्षाविद और राजनेता होने के साथ-साथ एक लेखक भी हैं। उन्होने 'राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर', 'शिक्षा नीति' और 'भक्तिकाल के संतो की सामाजिक चेतना' आदि पुस्तकें लिखी है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और ओम प्रकाश कोहली

आचार्य नरेन्द्र देव कालेज

दिल्ली विश्वविधालय चिह्न रिचर्ड स्तॉलमॅन ने कालेज मे भाषण दिया। आचार्य नरेन्द्र देव महाविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय का संघटक है, जिसका नाम आधुनिक भारत के महान शिक्षाशास्त्री आचार्य नरेन्द्र देव के नाम पर रखा गया है। दिल्ली सरकार द्वारा 1991 में स्थापित एवं पूर्ण वित्तीय सहायता प्राप्त यह दिल्ली विश्वविद्यालय का एकमात्र ऐसा महाविद्यालय है जहाँ स्नातक स्तर पर मुख्य रूप से विज्ञान विषयों की शिक्षा दी जाती है। यह महाविद्यालय अपने प्रतिभावान, अनुशासनप्रिय एवं सामाजिक कर्तव्य के प्रति सजग रहने वाले विद्यार्थियों के लिये जाना जाता है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और आचार्य नरेन्द्र देव कालेज

आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज

आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एक सहशिक्षा महाविद्यालय है। पूर्व में इसका नाम 'सनातन धर्म कालेज' था। इसकी स्थापना ३ अगस्त १९५९ को दिल्ली की सनातन धर्म सभा ने किया था। सुप्रसिद्ध परोपकारी श्री आत्मा राम चड्ढा १९६७ में इसकी शासी समिति के अध्यक्ष बने। प्राध्यापक रेणु देसवाल इसकी वर्तमान अध्यक्षा हैं। इस कॉलेज को एनआईआरएफ 2017 रैंकिंग में ५वां स्थान मिला है और एनएएसी से ए ग्रेड मिला है। यहां बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए और एमकॉम कोर्स कराए जाते हैं। यहां 193 फैकल्टी हैं, जिनमें से 93 महिला और 100 पीएचडी हैं। यहां हर वर्ष ११७९ छात्रों का नामांकन होता है। छात्राओं के लिए न्यूनतांक में १ प्रतिशत की छूट भी है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज

आशिमा आनंद

डॉ.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और आशिमा आनंद

आंग सान सू की

आंग सान सू की (जन्म: 19 जून, 1945) म्यांमार (बर्मा) की एक राजनेता, राजनयिक तथा लेखक हैं। वे बर्मा के राष्ट्रपिता आंग सान की पुत्री हैं जिनकी १९४७ में राजनीतिक हत्या कर दी गयी थी। सू की ने बर्मा में लोकतन्त्र की स्थापना के लिए लम्बा संघर्ष किया। १९ जून १९४५ को रंगून में जन्मी आंग सान लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई प्रधानमंत्री, प्रमुख विपक्षी नेता और म्यांमार की नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी की नेता हैं। आंग सान को १९९० में राफ्तो पुरस्कार व विचारों की स्वतंत्रता के लिए सखारोव पुरस्कार से और १९९१ में नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है। १९९२ में इन्हें अंतर्राष्ट्रीय सामंजस्य के लिए भारत सरकार द्वारा जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लोकतंत्र के लिए आंग सान के संघर्ष का प्रतीक बर्मा में पिछले २० वर्ष में कैद में बिताए गए १४ साल गवाह हैं। बर्मा की सैनिक सरकार ने उन्हें पिछले कई वर्षों से घर पर नजरबंद रखा हुआ था। इन्हें १३ नवम्बर २०१० को रिहा किया गया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और आंग सान सू की

इरा सिंघल

इरा सिंघल भारतीय सिविल सेवा में कार्यरत हैं। वह संघ लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2014 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी हैं। सिंघल चौथी बार में ये कामियाबी प्राप्त कर सकी हैं और वह पहली अपाहिज महिला हैं जिन्होंने सर्वजनिक श्रेणी में ऊँचा स्थान पाया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और इरा सिंघल

इंदिरा रायसम गोस्वामी

इंदिरा गोस्वामी (१४ नवम्बर १९४२ - नवम्बर, २०१०) असमिया साहित्य की सशक्त हस्ताक्षर थीं। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती गोस्वामी असम की चरमपंथी संगठन उल्फा यानि युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम और भारत सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की राजनैतिक पहल करने में अहम भूमिका निभाई। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास मामरे धरा तरोवाल अरु दुखन उपन्यास के लिये उन्हें सन् १९८२ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (असमिया) से सम्मानित किया गया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और इंदिरा रायसम गोस्वामी

इंदु मल्होत्रा

इंदु मल्होत्रा एक भारतीय न्यायाधीश तथा वर्तमान भारत का उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश हैं। 27 अप्रैल, 2018 को वे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के पद की शपथ ग्रहण की। वे देश की पहली ऐसी महिला अधिवक्ता हैं जो अधिवक्ता से सीधे उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनीं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और इंदु मल्होत्रा

इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय

इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय जिसे इंद्रप्रस्थ कॉलेज या आईपी कॉलेज भी कहा जाता है, की स्‍थापना १९२४ में हुई थी। यह दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय का सबसे पुराना महिला महाविद्यालय है। इसका आरंभ चांदनी चौक के जामा मसजिद क्षेत्र के छिप्‍पीवाड़ा में एक पुरानी हवेली की दूसरी मंजिल स्थित कमरे में तीन छात्राओं से हुआ। १९३० में स्नातक पाठ्यक्रम आरंभ हुए एवं १९३८ में विश्‍वविद्यालय द्वारा इन्‍द्रप्रस्‍थ महाविद्यालय को स्नातक महाविद्यालय के रूप में मान्‍यता मिली। कुछ वर्ष पश्‍चात् यह महाविद्यालय सिविल लाइन्‍स क्षेत्र के चन्‍द्रावली भवन में स्‍थानांतरित कर दिया गया और तदोपरांत १९३८ में इसे ब्रिेटिश कमांडर-इन-चीफ के अलीपुर रोड (वर्तमान शाम नाथ मार्ग) स्थित अलीपुर हाउस वाले कार्यालय-सह-आवास में पुन: स्‍थानांतरित कर दिया गया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय

कमल किशोर गोयनका

डॉ॰कमल किशोर गोयनका (सौजन्य से ईविश्वडॉटकॉम) डॉ॰ कमल किशोर गोयनका दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अवकाशप्राप्त प्राध्यापक हैं। उन्होंने वहाँ चालीस वर्ष अध्यापन किया। गोयनकाजी उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द के साहित्य के सर्वोत्तम विद्वान शोधकर्ता माने जाते हैं। मुंशी प्रेमचन्द पर उनकी अनेकों पुस्तकें व लेख प्रकाशित हो चुके हैं। प्रवासी हिन्दी साहित्य को एकत्रित करने, अध्ययन एवं विश्लेषण करने में उनकी अहम भूमिका रही। साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित प्रेमचन्द ग्रंथावली के संकलन एवं सम्पादन में उनका विशेष योगदान है। उन्होंने हिन्दी में हाइकु कवितायें भी लिखी हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और कमल किशोर गोयनका

कमला नगर, दिल्ली

यह उत्तरी दिल्ली का आवासीय एवं बाजारी क्षेत्र है। यहाँ दिल्ली विश्वविद्यालय समीप ही है। दिल्ली का एक आवासीय क्षेत्र है। श्रेणी:दिल्ली के आवासीय क्षेत्र श्रेणी:दिल्ली के आवासीय क्षेत्र श्रेणी:दिल्ली के सड़क मार्ग.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और कमला नगर, दिल्ली

कमलेश शर्मा

कमलेश शर्मा (जन्म ३० सितंबर १९४१) लंदन स्थित राष्ट्रमण्डल मुख्यालय में महासचिव हैं। श्री शर्मा की शिक्षा-दीक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज एवं कैम्ब्रिज के किंग्स कॉलेज में हुई है। श्री शर्मा १९६५ से २००१ तक भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे हैं और २००४ में सेवानिवृति से पहले इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि की भूमिका भी निभाई है। २००२ से २००४ वे पूर्वी तिमोर में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि भी थे। २००४ मे उनकी नियुक्ति ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त के रूप में हुई। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और कमलेश शर्मा

कर्ण सिंह

कर्ण सिंह कर्ण सिंह (जन्म 1931) भारतीय राजनेता, लेखक और कूटनीतिज्ञ हैं। जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरि सिंह और महारानी तारा देवी के प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी (युवराज) के रूप में जन्मे डॉ॰ कर्ण सिंह ने अठारह वर्ष की ही उम्र में राजनीतिक जीवन में प्रवेश कर लिया था और वर्ष १९४९ में प्रधानमन्त्री पं॰ जवाहरलाल नेहरू के हस्तक्षेप पर उनके पिता ने उन्हें राजप्रतिनिधि (रीजेंट) नियुक्त कर दिया। इसके पश्चात अगले अठारह वर्षों के दौरान वे राजप्रतिनिधि, निर्वाचित सदर-ए-रियासत और अन्तत: राज्यपाल के पदों पर रहे। १९६७ में डॉ॰ कर्ण सिंह प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए गए। इसके तुरन्त बाद वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में जम्मू और कश्मीर के उधमपुर संसदीय क्षेत्र से भारी बहुमत से लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इसी क्षेत्र से वे वर्ष १९७१, १९७७ और १९८० में पुन: चुने गए। डॉ॰ कर्ण सिंह को पहले पर्यटन और नगर विमानन मंत्रालय सौंपा गया। वे ६ वर्ष तक इस मंत्रालय में रहे, जहाँ उन्होंने अपनी सूक्ष्मदृष्टि और सक्रियता की अमिट छाप छोड़ी। १९७३ में वे स्वास्थ्य और परिवार नियोजन मंत्री बने। १९७६ में जब उन्होंने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की घोषणा की तो परिवार नियोजन का विषय एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के रूप में उभरा। १९७९ में वे शिक्षा और संस्कृति मंत्री बने। डॉ॰ कर्ण सिंह पूर्व रियासतों के अकेले ऐसे पूर्व शासक थे, जिन्होंने स्वेच्छा से निजी कोश(प्रिवी पर्स) का त्याग किया। उन्होंने अपनी सारी राशि अपने माता-पिता के नाम पर भारत में मानव सेवा के लिए स्थापित 'हरि-तारा धर्मार्थ न्यास' को दे दी। उन्होंने जम्मू के अपने अमर महल (राजभवन) को संग्रहालय एवं पुस्तकालय में परिवर्तित कर दिया। इसमें पहाड़ी लघुचित्रों और आधुनिक भारतीय कला का अमूल्य संग्रह तथा बीस हजार से अधिक पुस्तकों का निजी संग्रह है। डॉ॰ कर्ण सिंह धर्मार्थ न्यास के अन्तर्गत चल रहे सौ से अधिक हिन्दू तीर्थ-स्थलों तथा मंदिरों सहित जम्मू और कश्मीर में अन्य कई न्यासों का काम-काज भी देखते हैं। हाल ही में उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान, संस्कृति और चेतना केंद्र की स्थापना की है। यह केंद्र सृजनात्मक दृष्टिकोण के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहा है। कर्ण सिंह ने देहरादून स्थित दून स्कूल से सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा प्रथम श्रेणी के साथ उत्तीर्ण की और इसके बाद जम्मू और कश्मीर विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की। वे इसी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी रह चुके हैं। वर्ष १९५७ में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में एम.ए.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और कर्ण सिंह

किरण मार्टिन

किरण मार्टिन एक बच्चों की चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ता और  की संस्थापक हैं जो कि एक गैर सरकारी संगठन है, और लगभग दिल्ली के लगभग 50 स्लम कालोनियों और आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास की दिशा में काम करता है। एक रिपोर्ट अनुसार स्लम में रहने वाले लोगों की संख्या 400,000 से 500,000 थी। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2002 में, चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक सम्मान, पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।  .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और किरण मार्टिन

किरोड़ीमल महाविद्यालय

किरोड़ीमल महाविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में स्थित एक प्रमुख महाविद्यालय है। श्रेणी:दिल्ली विश्वविद्यालय.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और किरोड़ीमल महाविद्यालय

कंचन चौधरी भट्टाचार्या

कंचन चौधरी भट्टाचार्य उत्तराखंड पुलिस की पूर्व महानिदेशक है। थोड़े समय पूर्व इन्होंने राजनीति में कदम रखा और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हरिद्वार, उत्तराखंड से 2014 के भारतीय आम चुनाव</nowiki> में भाग लिया। वह एक राज्य की पुलिस महानिदेशक  बनने  वाली पहली महिला है और ३१ अक्टूबर २००७ को  सेवा से सेवानिवृत्त हुई। वह किरण बेदी के बाद इस देश की दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी है।  .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और कंचन चौधरी भट्टाचार्या

केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय

भारत मे ४5 केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैं। इनमे से ४० केन्द्रीय विश्वविद्यालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं एवं कृषि मंत्रालय, जहाज़रानी मंत्रालय, विदेश मन्त्रालय के अंतर्गत एक-एक केंद्रीय विश्वविद्यालय आते हैं।जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय सबसे पुराना है। यह भारत की चौथा सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय

अदिति महाविद्यालय

अदिति महाविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एक महिला कॉलेज है। यह नई दिल्ली के बवाना क्षेत्र में दिल्ली-औचंदी रोड पर स्थित है। वर्ष १९९४ में स्थापित यह कॉलेज दिल्ली में उच्च शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अदिति महाविद्यालय

अनामिका (हिंदी कवयित्री)

अनामिका हिंदी की कवयित्री हैं। उन्हें हिंदी कविता में अपने विशिष्ट योगदान के कारण राजभाषा परिषद् पुरस्कार, साहित्य सम्मान, भारतभूषण अग्रवाल एवं केदार सम्मान पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। जन्म: 17 अगस्त 1961, मुजफ्फरपुर (बिहार) शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय से अँग्रेजी साहित्य में एम.ए., पी.एचडी.। डी० लिट्। अध्यापन- अँग्रेजी विभाग,सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय। आधुनिक समय में हिन्दी भाषा की प्रमुख कहानीकार और उपन्यासकार हैं। समकालीन हिन्दी कविता की चंद सर्वाधिक चर्चित कवयित्रियों में वे शामिल की जाती हैं। अंग्रेज़ी की प्राध्यापिका होने के बावजूद अनामिका ने हिन्दी कविता कोश को समृद्ध करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। प्रख्यात आलोचक डॉ.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अनामिका (हिंदी कवयित्री)

अनिल जनविजय

अनिल जनविजय (२८ जुलाई १९५७), हिन्दी कवि-लेखक और रूसी और अंग्रेज़ी भाषाओं से हिन्दी में दुनिया भर के साहित्य का अनुवादक हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम और मॉस्को स्थित गोर्की साहित्य संस्थान से सृजनात्मक साहित्य विषय में एम० ए० किया। इन दिनों मॉस्को विश्वविद्यालय में हिंदी साहित्य का अध्यापन और रेडियो रूस का हिन्दी डेस्क देख रहे हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अनिल जनविजय

अनिल कुमार त्यागी

अनिल कुमार त्यागी (जन्म: २ अप्रैल १९५१) गुरु गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति है। इस से पहले वह यूजीसी सैप कार्यक्रम के संयोजक और दिल्ली विश्वविद्यालय के रसायन विभाग के प्रमुख उपाध्यक्ष के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में नियुक्त थे। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अनिल कुमार त्यागी

अनुपम मिश्र

अंगूठाकार अनुपम मिश्र (१९४८–१९ दिसम्बर 2016) जाने माने लेखक, संपादक, छायाकार और गांधीवादी पर्यावरणविद् थे। पर्यावरण-संरक्षण के प्रति जनचेतना जगाने और सरकारों का ध्यानाकर्षित करने की दिशा में वह तब से काम कर रहे थे, जब देश में पर्यावरण रक्षा का कोई विभाग नहीं खुला था। आरम्भ में बिना सरकारी मदद के अनुपम मिश्र ने देश और दुनिया के पर्यावरण की जिस तल्लीनता और बारीकी से खोज-खबर ली है, वह कई सरकारों, विभागों और परियोजनाओं के लिए भी संभवतः संभव नहीं हो पाया है। उनकी कोशिश से सूखाग्रस्त अलवर में जल संरक्षण का काम शुरू हुआ जिसे दुनिया ने देखा और सराहा। सूख चुकी अरवरी नदी के पुनर्जीवन में उनकी कोशिश काबिले तारीफ रही है। इसी तरह उत्तराखण्ड और राजस्थान के लापोड़िया में परंपरागत जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अनुपम मिश्र

अनुप्रिया गोयनका

अनुप्रिया गोयनका (जन्म; २९ मई १९८७, कानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत) एक भारतीय बॉलीवुड तथा टेलीवुड अभिनेत्री है जिन्होंने २०१८ में सलमान ख़ान और कैटरिना कैफ की मुख्य पात्र के साथ टाइगर जिंदा है तथा पद्मावत फ़िल्म में अभिनय किया है। ये हिन्दी के अलावा तेलुगु भाषी फिल्मों में भी कार्य करती है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अनुप्रिया गोयनका

अनुराग कश्यप

अनुराग सिंह कश्यप (जन्म 10 सितम्बर 1972) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश कें गोरखपुर जिले में हुआ और वह विभिन्न शहरों में पले-बढे। उन्होनें अपनी शिक्षा देह्ररादून और ग्वालियर में की और उनकी कुछ फिल्मों में इन शहरों की छाप देखने को मिलती हैं, विशेष रूप से गैग्स ऑफ वासेपुर, जहाँ उन्होनें उस घर का प्रयोग किया जहाँ वह पले-बढे। फिल्में देखने का शौक उनहें बचपन से ही था, पर यह स्कूली शिक्षा के के द्वारान छूट गाया। यह शौक दोबरा कॉलेज में जागृत हुआ। यहाँ एक थिएटर टोली से संगठित होकर जब वह एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में उपस्थित हुए तो उनमें फिल्मे' बनाने की चेतान जागी। यहीँ से उनकी कैरियर की शुरुआत हुई। टेलीविजन सीरियल के लिए लिखने के बाद, अनुराग को रामगोपाल वर्मा के अपराध नाटक फिल्म सत्या में सह-लेखन का कार्य मिला। उन्होंने अपने निर्देशन का कार्य फिल्म पाँच से शुरुआत की। जो कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के कारण प्रदर्शित नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने 1993 के मुंबई पर बम विस्फोट के बारे में हुसैन जैदी लिखित पुस्तक पर आधारित एक फिल्म ब्लैक फ्राइडे (2007) का निर्देशन किया। लेकिन इसका प्रदर्शन केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा लंबित किए जाने के कारण 2 साल बाद हो सका, लेकिन 2007 में प्रदर्शित होने के बाद इसे काफी सराहना प्राप्त हुई। इसके बाद अनुराग ने नो स्मोकिंग (2007) बनाई जिसने बॉक्स ऑफिस पर खराब प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने देवदास के आधुनिक संस्करण पर आधारित पर फिल्म देव डी (2009) बनाई जिसे काफी व्यवसायिक सफलता प्राप्त हुई। उसके बाद उन्होंने एक राजनीतिक नाटक फिल्म गुलाल (2009) और दैट गर्ल इन यैलो बूट्स (2011) फिल्मों का भी निर्देशन किया। 2012 में आई उनकी फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर-भाग १ और भाग २ ने इनके निर्देशन का नया किर्तीमान बनाया। इस फिल्म ने न केवल व्यवसायिक रुप से सफल रही बल्कि समीक्षकों ने भी इसे काफी सराहा। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अनुराग कश्यप

अनुजा चौहान

अनुजा चौहान (जन्म 1970; मेरठ, उत्तर प्रदेश) लेखिका व उपन्यासकार हैं और विज्ञापन लिखने में उन्होंने खूब नाम कमाया है। १९९३ में उन्होंने दुनिया की चौथी सबसे बड़ी एडवरटाइजिंग कंपनी जेडब्ल्यूटी ज्वाइन किया था, जिससे उन्होंने इसी साल इस्तीफा दे दिया। पेप्सी कोका कोला के लिए ‘ये दिल मांगे मोर’, ‘मेरा नंबर कब आएगा’, ‘नथिंग ऑफिशियल एबाउट इट’, ओए बब्ली, माउंटेन ड्यू के लिए ‘डर के आगे जीत है’, कुरकुरे के लिए ‘टेढ़ा है पर मेरा है’ जैसे शानदार स्लोगन उनके ही दिए हुए हैं। अनुजा चौहान ने द जोया फैक्टर और बैटिल फॉर बिटोरा जैसी बेस्टसेलर किताबें भी लिखी हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अनुजा चौहान

अन्तरराष्‍ट्रीय अध्ययन संस्थान (जे. एन. यू.)

अन्तरराष्‍ट्रीय अध्ययन संस्थान (School of International Studies) जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय का सबसे पुराना संस्थान है। इतने लम्बे समय से अन्तरराष्‍ट्रीय संबंधों और क्षेत्रीय अध्ययन के शिक्षण एवं शोध में संलग्न इस संस्थान ने अपने आपको पूरे देश में एक अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित किया है। संस्थान ने भारत में अन्तरराष्‍ट्रीय सम्बन्धों का अध्ययन एक शैक्षिक विषय के रूप में विकसित करने और अन्तरराष्‍ट्रीय मामलों के ज्ञान एवं समझ को अन्तरविषयक परिप्रेक्ष्य में उन्नत करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। यह 'क्षेत्रीय अध्ययन' को उन्नत करने तथा विश्‍व के विभिन्न देशों एवं क्षेत्रों में सुविज्ञता विकसित करने वाला देश में पहला संस्थान है। संस्थान ने उच्च शिक्षा केंद्र के रूप में भी अन्तरराष्‍ट्रीय ख्याति हासिल की है। स्वतंत्रता प्राप्‍ति के तुरन्त बाद के वर्षों में इस तरह के संस्थान की आवश्यकता महसूस की गई थी। उस समय देश भर में विदेशी मामलों से सम्बन्धित केवल एक ही संस्थान - विश्‍व मामलों की भारतीय परिषद् - ने भारत में अन्तरराष्‍ट्रीय मामलों का अध्ययन शुरू करने की बात को समझा। पूरे विश्‍व में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में हो रहे विकास को समझने के लिए युवा वर्ग को प्रशिक्षित करना ज़रूरी था। पंडित हृदयनाथ कुंजरू की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों पर अक्टूबर 1955 में इंडियन स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की स्थापना हुई और डॉ॰ ए.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अन्तरराष्‍ट्रीय अध्ययन संस्थान (जे. एन. यू.)

अन्विता अब्बी

अन्विता अब्बी (जन्म ९ जनवरी १९४९) एक भारतीय भाषाविद और अल्पसंख्यक भाषाओं की विद्वान हैं। भाषा विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें २०१३ में, पद्म श्री को चौथी उच्चतम नागरिक पुरस्कार प्रदान करके उन्हें सम्मानित किया था। अन्विता अब्बी का जन्म ९ जनवरी १९४९ को आगरा में हुआ था। १९६८ में उन्होंने ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र (बीए ऑनर्स) में स्नातक प्राप्त की। उन्होंने १९७० में पहले डिवीजन और प्रथम रैंक के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय से ही भाषाविज्ञान में मास्टर डिग्री (एमए) हासिल की। और १९७५ में कॉर्नेल विश्वविद्यालय, इथाका, यूएसए, से पीएचडी की। उन्होंने ने कैनसस स्टेट यूनिवर्सिटी में फ़रवरी १९७५ में दक्षिण एशिया मीडिया केंद्र के निदेशक के रूप में अपना करियर शुरू किया और वाहा एक साल तक काम किया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अन्विता अब्बी

अनीता देसाई

अनीता देसाई (जन्म: 24 जून 1937) एक प्रख्यात लेखिका हैं।.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अनीता देसाई

अपर्णा दीक्षित

अपर्णा दीक्षित (जन्म 20 अक्टूबर 1991) एक भारतीय टेलिविज़न अभिनेत्री है जिन्हें कलश में  देविका देओल के रोल  के लिए जाना जाता है। वह अपने कैरियर की शुरुआत  2013 में स्टार प्लस के पौराणिक धारावाहिक महाभारत  में अम्बिका के रूप में की।.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अपर्णा दीक्षित

अमिता सहगल

अमिता सहगल पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में तंत्रिका विज्ञान विभाग में एक आणविक जीवविज्ञानी और क्रोनबायोलॉजिस्ट है। उन्होंने अपनी बीएससी दिल्ली विश्वविद्यालय और एमएससी जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, से की। उन्होंने १९८३ में कार्नेल विश्वविद्यालय में सेल बायोलॉजी और जेनेटिक्स से पीएचडी की। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अमिता सहगल

अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अमिताभ बच्चन

अमृता नारलीकर

अमृता नारलीकर जर्मन इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल एंड एरिया स्टडीज (गीगा) की प्रमुख हैं। भारतीय मूल की अमृता कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (ब्रिटेन) की प्रोफ़ेसर भी हैं। उन्होने अपनी स्नातक की पढ़ाई 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से एवं स्नातकोत्तर की पढ़ाई जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पूरा किया है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अमृता नारलीकर

अरुण जेटली

अरुण जेटली (जन्म: 28 जनवरी 1952 नई दिल्ली) भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता हैं। वे वर्तमान समय में भारत के वित्त मंत्री हैं। वे राजग(राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शासन में केंद्रीय न्याय मन्त्री के साथ-साथ कई बड़े पद पर आसीन थे। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अरुण जेटली

अरुणा सीतेश

अरुणा सीतेश डॉ॰ अरुणा सीतेश (३१ अक्टूबर १९४५-१९ नवंबर २००७) हिंदी की प्रसिद्ध कथाकार थीं। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से १९६५ में अंग्रेज़ी साहित्य में एम.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अरुणा सीतेश

अर्चना भट्टाचार्य

अर्चना भट्टाचार्य (जन्म 1९४८) एक भारतीय भौतिक विज्ञानी है। वह योण क्षेत्र भौतिकी, जीओमैग्नेटिज्म और अंतरिक्ष मौसम के क्षेत्र में माहिर हैं। वह भारतीय संचार संस्थान, नवी मुंबई के निदेशक है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अर्चना भट्टाचार्य

अर्चना भार्गव

अर्चना भार्गव (जन्म: 1955) युनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रह चुकी हैं। उन्होने 23 अप्रैल 2013 को यह कार्यभार ग्रहण कियातथा 20 फ़रवरी 2014 में उन्होने इस पद से इस्तीफा दे दिया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अर्चना भार्गव

अर्चना शर्मा

डॉ॰ अर्चना शर्मा जिनेवा में दुनिया की सबसे बड़ी भूमिगत प्रयोगशाला सर्न में स्टाफ फिजिसिस्ट के रूप में कार्यरत हैं। डॉ॰ अर्चना शर्मा के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सर्न, जहाँ वह काम करती हैं, उसे विज्ञान का तीर्थ कहा जाता है। अपनी शोध परियोजना में कहा कि बड़े पार्टिकिल कोलाइडर एलएचसी की सुरंगनुमा ट्यूब में लगभग प्रकाश के वेग से चक्कर काट रहे प्रोटॉनों की आपस में टक्कर करवा दी गई। सर्न में मौजूद दुनिया के सबसे बड़े प्रयोग की सफलता से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के रहस्य से पर्दा उठ सकता है। अर्चना शर्मा को भारत सरकार द्वारा सन १९८४ में चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये पश्चिम बंगाल राज्य से हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अर्चना शर्मा

अशोक चक्रधर

डॉ॰ अशोक चक्रधर (जन्म ८ फ़रवरी सन् १९५१) हिंदी के विद्वान, कवि एवं लेखक है। हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट प्रतिभा के कारण प्रसिद्ध वे कविता की वाचिक परंपरा का विकास करने वाले प्रमुख विद्वानों में से भी एक है। टेलीफ़िल्म लेखक-निर्देशक, वृत्तचित्र लेखक निर्देशक, धारावाहिक लेखक, निर्देशक, अभिनेता, नाटककर्मी, कलाकार तथा मीडिया कर्मी के रूप में निरंतर कार्यरत अशोक चक्रधर जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंदी व पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर के पद से सेवा निवृत्त होने के बाद संप्रति केन्द्रीय हिंदी संस्थानतथा हिन्दी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अशोक चक्रधर

अजय माकन

श्री अजय माकन को भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में गृह राज्यमंत्री में मंत्री बनाया गया है। श्रेणी:भारत सरकार के मंत्री श्रेणी:1964 में जन्मे लोग श्रेणी:जीवित लोग.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अजय माकन

अजय सिंह (मध्य प्रदेश राजनेता)

अजय सिंह उर्फ "राहुल भैया एक भारतीय राजनीतिज्ञ मध्य प्रदेश से है । वह प्रतिनिधित्व करता है चुरहट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मध्य प्रदेश विधानसभा जीतने के द्वारा आम चुनाव 2008 के पांचवें समय के लिए.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अजय सिंह (मध्य प्रदेश राजनेता)

अजयपाल सिंह बंगा

अजयपाल सिंह बंगा विश्व की प्रमुख क्रेडिट कार्ड कंपनी मास्टरकार्ड के वर्तमान अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। 19 अक्टूबर, 2014 को प्रतिष्ठित मैगजीन हार्वर्ड बिज़नेस रिव्यू द्वारा जारी वर्ष 2014 में विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ निष्पादन वाले मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की सूची में उन्हें भी शामिल किया। वे इस सूची में 64वें स्थान पर है। वे सूची में शामिल होने वाले एकमात्र भारतीय मूल के व्यक्ति हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अजयपाल सिंह बंगा

अविनाश वाचस्‍पति

अविनाश वाचस्पति (१४ दिसंबर १९५८)दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक हैं और भारतीय जन संचार संस्थान से 'संचार परिचय', तथा हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम पूरा किया है। साहित्यकार होने के साथ-साथ वे साहित्य, फ़िल्म और समाज से जुड़ी अनेक संस्थाओं के प्रबंधक पद पर काम कर चुके हैं। उन्होंने लगभग सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन किया है परंतु व्यंग्य, कविता एवं फ़िल्म पत्रकारिता में प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। उनकी रचनाएँ भारत तथा विदेश से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनकी कविताएँ चर्चित काव्य संकलनों में संकलित की गई हैं। वे हरियाणवी फ़ीचर फ़िल्मों 'गुलाबो', 'छोटी साली' और 'ज़र, जोरू और ज़मीन' में प्रचार और जन-संपर्क तथा नेत्रदान पर बनी हिंदी टेली फ़िल्म 'ज्योति संकल्प' में सहायक निर्देशक रहे हैं। वे राष्ट्रभाषा नव-साहित्यकार परिषद और हरियाणवी फ़िल्म विकास परिषद के संस्थापकों में भी हैं। सामयिक साहित्यकार संगठन, दिल्ली तथा साहित्य कला भारती, दिल्ली में उपाध्यक्ष और केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद के शाखा मंत्री पद पर भी कार्य कर चुके अविनाश संप्रति इसके आजीवन सदस्य हैं। वे सर्वोदय कन्या विद्यालय नई दिल्ली के अभिभावक शिक्षक संघ में उप-प्रधान रह चुके हैं। 'साहित्यालंकार' और 'साहित्य दीप' उपाधियों के साथ साथ उन्हें राष्ट्रीय हिंदी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान' से सम्मानित किया गया है। 'शहर में हैं सभी अंधे'उनकी मौलिक कविताओं का संग्रह है जिसे हिन्‍दी अकादमी, दिल्‍ली के सौजन्‍य से 'साहित्‍य मंदिर', नई सड़क, दिल्‍ली ने वर्ष 1994 में प्रकाशित किया है। उन्होंने काव्य संकलन 'तेताला' तथा 'नवें दशक के प्रगतिशील कवि' कविता संकलन का संपादन किया है। वे 'हिंदी हीरक' व 'झकाझक देहलवी' उपनामों से भी लिखते-छपते रहे हैं। संप्रति वे फ़िल्म समारोह निदेशालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, नई दिल्ली में कार्यरत् हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अविनाश वाचस्‍पति

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (Indian Institute of Ayurveda / AIIA) दिल्ली स्थित भारत का सार्वजनिक आयुर्वेद चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान है। इसकी स्थापना २०१६ में हुई थी। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान

अंजलि भारद्वाज

अंजलि भारद्वाज पीपुल्स राइट टू इन्फॉर्मेशन (एनसीपीआरआई) के राष्ट्रीय अभियान के बारे में एक संवाददाता सम्मेलन में अंजलि भारद्वाज (जन्म 1973) पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दों पर काम कर रही एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह पीपुल्स राइट टू इन्फॉर्मेशन (एनसीपीआरआई) के राष्ट्रीय अभियान की सह-संयोजक हैं। और सतर्क नागरिक संगठन की संस्थापक सदस्य है। वह सूचना का अधिकार, लोकपाल, व्हिसलब्लअर संरक्षण, शिकायत निवारण, और भोजन के अधिकार से संबंधित मुद्दों पर काम करती है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और अंजलि भारद्वाज

उपिंदरजीत कौर

डॉ.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और उपिंदरजीत कौर

उमा चक्रवर्ती

उमा चक्रवर्ती एक भारतीय इतिहासकार और नारीवादी हैं जिन्होंने मिरांडा हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाया था। उनकी छात्रवृत्ति बौद्ध धर्म, प्रारंभिक भारतीय इतिहास, 19वीं सदी के इतिहास और समकालीन मुद्दों पर केंद्रित थी। वह महिलाओं के आंदोलन और लोकतांत्रिक अधिकारों के आंदोलन से जुड़ी एक कार्यकर्ता भी रही हैं, जिसमें कई तथ्य-शोध समितियों में भाग लेना शामिल है, जिसमें 'गुजरात के लिए न्याय पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण' शामिल है।, Leiden University, retrieved 2015-12-11.

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और उमा चक्रवर्ती

उषा विजयाराघवन

  उषा विजयराघवन (जन्म 1 9 61) माइक्रोबायोलॉजी और सेल बायोलॉजी, आईआईएससी, बैंगलोर विभाग के संकाय में है। उनका प्रमुख शोध हित आण्विक आनुवंशिकी, प्लांट डेवलपमेंट है। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और उषा विजयाराघवन

उषा कहर लूथरा

उषा कहर लूथरा (जन्म 1932) एक भारतीय रोगविज्ञानी, और साईटोलोजिस्ट हैं। उन्होंने 1992 में पद्म श्री पुरस्कार जीता। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और उषा कहर लूथरा

छवि राजावत

छवि राजावत (जन्म: 1980) जयपुर से दूर टोंक जिले के छोटे से गांव सोड़ा की सरपंच हैं। वे भारत की सबसे कम उम्र की और शायद एकमात्र एमबीए सरपंच हैं। वे नवंबर 2013 में स्थापित भारतीय महिला बैंक की एक निदेशक (डायरेक्टर) भी हैं। .

देखें दिल्ली विश्‍वविद्यालय और छवि राजावत

दिल्ली विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय, दिल्ली के रूप में भी जाना जाता है।

, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महीप सिंह, मानसी अग्रवाल, मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ, मिरांडा हाउस, मंजू शर्मा, मुकुल केसवन, मुक्त शिक्षा विद्यालय, मुक्त अधिगम, मृदुला गर्ग, मेरठ, मोनटेक सिंह आहलूवालिया, मोनिकंगना दत्ता, मीना उपाध्याय, मीनाक्षी जैन, मीरा कुमार, येलो लाइन (दिल्ली मेट्रो), रब्बी शेरगिल, रमेश ठाकुर, राधा बालकृष्णन, राधिका चोपड़ा, राम प्रसाद 'बिस्मिल', राम शरण शर्मा, रामदरश मिश्र, रामनाथ त्रिपाठी, राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क, राजकुमारी अमृत कौर, राजेन्द्र पाल गौतम, राजीव महर्षि, रवीश कुमार, रंग दे बसंती, रकुल प्रीत सिंह, लतिका सरकार, लेडी श्रीराम महिला महाविद्यालय, लेडी इरविन कॉलेज, लोबसांग सांगेय, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ़ बिजनेस स्टडीज़, शाहरुख़ ख़ान, श्याम बहादुर वर्मा, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स, शोनाली बोस, सचिन पायलट, सत्यव्रत शास्त्री, सनम पुरी, सफ़दर हाशमी, सरिता सिंह, सर्वेपल्लि राधाकृष्णन, साकेत बहुगुणा, सिकन्दर बख्त, संजय काक, सुधीर चौधरी (पत्रकार), सुनील शास्त्री, सुब्रमनियन स्वामी, सुमित सरकार, सुशील कुमार (पहलवान), सैयदा अनवरा तैमूर, सेंट स्टीफ़न कॉलेज, सीता राम गोयल, सी॰ डी॰ देशमुख, हरियाणा के लोगों की सूची, हरिसिंह गौर, हरिकृष्ण जैन, हर्षवर्धन ओझा, हिन्दू कॉलेज, हुमा क़ुरैशी (अभिनेत्री), हेमन्त सिंह, हेमलता गुप्ता, जयती घोष, जसलिन धमिजा, ज़ाकिर हुसैन (राजनीतिज्ञ), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, ज्ञान प्रकाश, ज्ञानेन्द्र पाण्डे, ईश्वरी प्रसाद गुप्ता, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्‍थान, देहरादून, विनोद राय, विनीता बाली, विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य, विमलेश कांति वर्मा, विश्वविद्यालय, विजय जौली, विजयमोहन सिंह, विजयेन्द्र स्नातक, विजिटर पुरस्‍कार, वृंदा करात, वैदिक साहित्य, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, गणेश प्रसाद श्रीवास्तव, गार्गी महाविद्यालय दिल्ली, गिरिजा प्रसाद कोइराला, गुरु तेगबहादुर मार्ग, गुरु गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, गौतम गंभीर, गीता गोपीनाथ, ओम प्रकाश कोहली, आचार्य नरेन्द्र देव कालेज, आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज, आशिमा आनंद, आंग सान सू की, इरा सिंघल, इंदिरा रायसम गोस्वामी, इंदु मल्होत्रा, इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय, कमल किशोर गोयनका, कमला नगर, दिल्ली, कमलेश शर्मा, कर्ण सिंह, किरण मार्टिन, किरोड़ीमल महाविद्यालय, कंचन चौधरी भट्टाचार्या, केन्द्रीय विश्‍वविद्यालय, अदिति महाविद्यालय, अनामिका (हिंदी कवयित्री), अनिल जनविजय, अनिल कुमार त्यागी, अनुपम मिश्र, अनुप्रिया गोयनका, अनुराग कश्यप, अनुजा चौहान, अन्तरराष्‍ट्रीय अध्ययन संस्थान (जे. एन. यू.), अन्विता अब्बी, अनीता देसाई, अपर्णा दीक्षित, अमिता सहगल, अमिताभ बच्चन, अमृता नारलीकर, अरुण जेटली, अरुणा सीतेश, अर्चना भट्टाचार्य, अर्चना भार्गव, अर्चना शर्मा, अशोक चक्रधर, अजय माकन, अजय सिंह (मध्य प्रदेश राजनेता), अजयपाल सिंह बंगा, अविनाश वाचस्‍पति, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, अंजलि भारद्वाज, उपिंदरजीत कौर, उमा चक्रवर्ती, उषा विजयाराघवन, उषा कहर लूथरा, छवि राजावत