लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

दाराशा नौशेरवां वाडिया

सूची दाराशा नौशेरवां वाडिया

प्रोफेसर दाराशा नौशेरवां वाडिया (Darashaw Nosherwan Wadia FRS; 25 अक्तूबर 1883 – 15 जून 1969) भारत के अग्रगण्य भूवैज्ञानिक थे। वे भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में कार्य करने वाले पहले कुछ वैज्ञानिकों में शामिल थे। वे हिमालय की स्तरिकी पर विशेष कार्य के लिये प्रसिद्ध हैं। उन्होने भारत में भूवैज्ञानिक अध्ययन तथा अनुसंधान स्थापित करने में सहायता की। उनकी स्मृति में 'हिमालयी भूविज्ञान संस्थान' का नाम बदलकर १९७६ में 'वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्‍थान' कर दिया गया। उनके द्वारा रचित १९१९ में पहली बार प्रकाशित 'भारत का भूविज्ञान' (Geology of India) अब भी प्रयोग में बना हुआ है। .

2 संबंधों: वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्‍थान, देहरादून, १९५८ में पद्म भूषण धारक

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्‍थान, देहरादून

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून में स्थित भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, का एक स्वायत्तशासी शोध संस्थान है। यह भारत सरकार द्वारा 1968 में स्थापित किया गया था। इसे पहले 'हिमालय भूविज्ञान संस्थान' नाम से जाना जाता है। पिछले वर्षों के दौरान यह संस्थान हिमालय भूविज्ञान के एक उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में विकसित हो गया है तथा इसे एक अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त राष्ट्रीय प्रयोगशाला के रूप में मान्यता दी जा चुकी है जहां देश में उन्नत स्तर का शोध निष्पादित करने के लिए आधुनिकतम उपकरणों तथा अन्य आधारिक सुविधाओं से सुसज्जित प्रयोगशालाएं हैं। जनरल माधवसिंह रोड पर घंटाघर से 5 कि॰मी॰ दूर पहाड़ी के ऊपर स्थित वाडिया संस्थान उत्तराखंड हिमनदों का एक अनोखा संग्रहालय है। इनका अपना शोध संस्थान और प्रकाशन संस्थान भी है जो मानचित्र, शोधपत्र तथा पुस्तकें आदि प्रकाशित करता है। .

नई!!: दाराशा नौशेरवां वाडिया और वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्‍थान, देहरादून · और देखें »

१९५८ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

नई!!: दाराशा नौशेरवां वाडिया और १९५८ में पद्म भूषण धारक · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

डी एन वाडिया, दाराशाह नोशेरवान वाडिया

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »