लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

दक्षिण कन्नड़ जिला

सूची दक्षिण कन्नड़ जिला

दक्षिण कन्नड का स्थान कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ (तुलु,कन्नड:ದಕ್ಷಿಣ ಕನ್ನಡ) भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय मैंगलूर है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - 1,897,730 (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

19 संबंधों: तुलू भाषा, धर्मस्थल, कर्नाटक, नलिन कुमार कटील, मद्रास प्रैज़िडन्सी, मद्रास स्टेट, मध्वाचार्य, मलयालम भाषा, मुदबिद्री, मैसूर मल्लिगे, मैंगलुरु, यूबी समूह, सूरतकल, हव्यक, कन्नड़, करावली, कर्नाटक, कर्नाटक के मण्डल, कर्नाटक के जिले, कर्नाटक/आलेख

तुलू भाषा

तुलू भारत के कर्नाटक राज्य के पश्चिमी किनारे में स्थित दक्षिण कन्नड़ और उडुपि जिलों में तथा उत्तरी केरल के कुछ भागों में प्रचलित भाषा है। पहले तुलू ब्राह्मण वैदिक और संस्कृत साहित्य लिखने के लिये 'तिगलारि' नामक लिपि को उपयोग करते थे। लेकिन बहुत कम साहित्य तुलू भाषा में मिला है। पर आज इस लिपि को जाननेवाले बहुत कम हैं। पुरानी तिगलारि लिपि मलयालम लिपि से बहुत मिलती है। अब तुलू लिखने के लिये कन्नड़ लिपि का प्रयोग किया जाता है। यह पंच द्राविड भाषाओं में एक है। दक्षिण कन्नड और उडुपी जिलों की अधिकांश लोगों की मातृभाषा तुळु है। इसलिए ये दोनो जिले सम्मिलित रूप से तुलुनाडु नाम से जाने जाते हैं। केरल के कासरगोड जिले में भी बहुत लोग तुलू भाषा बोलते हैं। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और तुलू भाषा · और देखें »

धर्मस्थल, कर्नाटक

श्रीमंजुनाथ स्वामी मंदिर धर्मस्थल (ಧರ್ಮಸ್ಥಳ) कर्नाटक राज्य के बेलथंगड़ी ताल्लुके में नेत्रवती नदी के तीर पर स्थित एक मंदिर गांव है। यह दक्षिण कन्नड़ जिला में पड़ता है। Lakshadeepa http://www.ourkarnataka.com/temples/dharmasthala2.htm.

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और धर्मस्थल, कर्नाटक · और देखें »

नलिन कुमार कटील

नलिन कुमार कटील भारतीय जनता पार्टी से संबंधित भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे २००९ में हुए आमचुनाव में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ चुनाव क्षेत्र से १५ वीं लोकसभा के लिए सदस्य निर्वाचित हुए हैं। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और नलिन कुमार कटील · और देखें »

मद्रास प्रैज़िडन्सी

मद्रास प्रेसीडेंसी (சென்னை மாகாணம், చెన్నపురి సంస్థానము, മദ്രാസ് പ്രസിഡന്‍സി, ಮದ್ರಾಸ್ ಪ್ರೆಸಿಡೆನ್ಸಿ, ମଦ୍ରାସ୍ ପ୍ରେସୋଦେନ୍ଚ୍ଯ), जिसे आधिकारिक तौर पर फोर्ट सेंट जॉर्ज की प्रेसीडेंसी तथा मद्रास प्रोविंस के रूप में भी जाना जाता है, ब्रिटिश भारत का एक प्रशासनिक अनुमंडल था। अपनी सबसे विस्तृत सीमा तक प्रेसीडेंसी में दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों सहित वर्तमान भारतीय राज्य तमिलनाडु, उत्तरी केरल का मालाबार क्षेत्र, लक्षद्वीप द्वीपसमूह, तटीय आंध्र प्रदेश और आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र, गंजाम, मल्कानगिरी, कोरापुट, रायगढ़, नवरंगपुर और दक्षिणी उड़ीसा के गजपति जिले और बेल्लारी, दक्षिण कन्नड़ और कर्नाटक के उडुपी जिले शामिल थे। प्रेसीडेंसी की अपनी शीतकालीन राजधानी मद्रास और ग्रीष्मकालीन राजधानी ऊटाकामंड थी। 1639 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मद्रासपट्टनम गांव को खरीदा था और इसके एक साल बाद मद्रास प्रेसीडेंसी की पूर्ववर्ती, सेंट जॉर्ज किले की एजेंसी की स्थापना की थी, हालांकि मछलीपट्टनम और आर्मागोन में कंपनी के कारखाने 17वीं सदी के प्रारंभ से ही मौजूद थे। 1655 में एक बार फिर से इसकी पूर्व की स्थिति में वापस लाने से पहले एजेंसी को 1652 में एक प्रेसीडेंसी के रूप में उन्नत बनाया गया था। 1684 में इसे फिर से एक प्रेसीडेंसी के रूप में उन्नत बनाया गया और एलीहू येल को पहला प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया। 1785 में पिट्स इंडिया एक्ट के प्रावधानों के तहत मद्रास ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा स्थापित तीन प्रांतों में से एक बन गया। उसके बाद क्षेत्र के प्रमुख को "प्रेसिडेंट" की बजाय "गवर्नर" का नाम दिया गया और कलकत्ता में गवर्नर-जनरल का अधीनस्थ बनाया गया, यह एक ऐसा पद था जो 1947 तक कायम रहा.

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और मद्रास प्रैज़िडन्सी · और देखें »

मद्रास स्टेट

मद्रास स्टेट भारत के वर्तमान राज्य तमिल नाडु को २६ जनवरी, १९५० से १९६८ तक बुलाया जाने वाला नाम था। मूल रूप में इस राज्य में वर्तमान आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र, उत्तरी केरल (मालाबार) और कर्नाटक से बेल्लारी, दक्षिण कन्नड़ आदि क्षेत्र आते थे। इस राज्य को १९५६ में वर्तमान स्थिति में घटा दिया गया था। १९५३ में इस राज्य का भाषा कारण विभाजन किया गया। राज्य पुनर्संगठन अधिनियम, १९५६ के अन्तर्गत केरल और मैसूर राज्यों को इससे अलग निकाल लिया गया था। १९६८ में इसे तमिल नाडु क वर्तमान नाम मिला। इन्हें भी देखें: चेन्नई का इतिहास, मद्रास प्रेसिडेंसी श्रेणी:चेन्नई का इतिहास श्रेणी:तमिल नाडु का इतिहास श्रेणी:भारत का इतिहास.

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और मद्रास स्टेट · और देखें »

मध्वाचार्य

मध्वाचार्य, माधवाचार्य विद्यारण्य से भिन्न हैं। ---- मध्वाचार्य मध्वाचार्य (तुलु: ಶ್ರೀ ಮಧ್ವಾಚಾರ್ಯರು) (1238-1317) भारत में भक्ति आन्दोलन के समय के सबसे महत्वपूर्ण दार्शनिकों में से एक थे। वे पूर्णप्रज्ञ व आनंदतीर्थ के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। वे तत्ववाद के प्रवर्तक थे जिसे द्वैतवाद के नाम से जाना जाता है। द्वैतवाद, वेदान्त की तीन प्रमुख दर्शनों में एक है। मध्वाचार्य को वायु का तृतीय अवतार माना जाता है (हनुमान और भीम क्रमशः प्रथम व द्वितीय अवतार थे)। मध्वाचार्य कई अर्थों में अपने समय के अग्रदूत थे, वे कई बार प्रचलित रीतियों के विरुद्ध चले गये हैं। उन्होने द्वैत दर्शन का प्रतिपादन किया। इन्होने द्वैत दर्शन के ब्रह्मसूत्र पर भाष्य लिखा और अपने वेदांत के व्याख्यान की तार्किक पुष्टि के लिये एक स्वतंत्र ग्रंथ 'अनुव्याख्यान' भी लिखा। श्रीमद्भगवद्गीता और उपनिषदों पर टीकाएँ, महाभारत के तात्पर्य की व्याख्या करनेवाला ग्रंथ महाभारततात्पर्यनिर्णय तथा श्रीमद्भागवतपुराण पर टीका ये इनके अन्य ग्रंथ है। ऋग्वेद के पहले चालीस सूक्तों पर भी एक टीका लिखी और अनेक स्वतंत्र प्रकरणों में अपने मत का प्रतिपादन किया। ऐसा लगता है कि ये अपने मत के समर्थन के लिये प्रस्थानत्रयी की अपेक्षा पुराणों पर अधिक निर्भर हैं। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और मध्वाचार्य · और देखें »

मलयालम भाषा

मलयालं (മലയാളം, मलयालम्‌) या कैरली (കൈരളി, कैरलि) भारत के केरल प्रान्त में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है। केरल के अलावा ये तमिलनाडु के कन्याकुमारी तथा उत्तर में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला, लक्षद्वीप तथा अन्य कई देशों में बसे मलयालियों द्वारा बोली जाती है। मलयालं, भाषा और लिपि के विचार से तमिल भाषा के काफी निकट है। इस पर संस्कृत का प्रभाव ईसा के पूर्व पहली सदी से हुआ है। संस्कृत शब्दों को मलयालम शैली के अनुकूल बनाने के लिए संस्कृत से अवतरित शब्दों को संशोधित किया गया है। अरबों के साथ सदियों से व्यापार संबंध अंग्रेजी तथा पुर्तगाली उपनिवेशवाद का असर भी भाषा पर पड़ा है। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और मलयालम भाषा · और देखें »

मुदबिद्री

मूदबिदरी (ಮೂಡಬಿದ್ರಿ, ಮೂಡಬಿದ್ರಿ) जिसे मुदबिद्री, मूदबिरी या बेद्रा भी कहते हैं, दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में मुख्यालय से ३७ कि॰मी॰ पूर्वोत्तर में स्थित एक कस्बा है। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और मुदबिद्री · और देखें »

मैसूर मल्लिगे

यह लेख फूल मल्लिगे के बारे में है। इस फूल के नाम पर लिखी गई के.

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और मैसूर मल्लिगे · और देखें »

मैंगलुरु

मैंगलुरु (तुळु: कुड्ला; कोंकणी: कोडयाल; ब्यारि: मायकला; कन्नड: ಮಂಗಳೂರು / मंगलुरु) भारत के कर्नाटक प्रान्त का एक शहर है। यह शहर देश के पश्चिमी भाग में आता है। इस शहर के पूर्व में पश्चिमी घाट और पशिचम में अरब सागर है। मैंगलूर दक्षिण कन्नड जिले का मुख्यालय है। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और मैंगलुरु · और देखें »

यूबी समूह

गोवा में किंगफिशर बीयर का एक विज्ञापन किंगफिशर प्रीमियम लार्ज बीयर की एक बोतल बैंगलौर में स्थित, युनाइटेड ब्रूअरीज़ समूह या यूबी (UB) समूह, शराब (बीयर) और मादक पेय उद्योग पर विशेष ध्यान देने वाली कई अलग-अलग कंपनियों का एक विस्तृत समूह है। यह कंपनी अपने अधिकाँश बीयर किंगफिशर ब्रांड के तहत बाज़ार में बेचती है और यह कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस भी चलाती है, जो भारत की एक प्रमुख एयरलाइन सेवा है, जिसमें हाल ही में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की गयी हैं। युनाइटेड ब्रूअरीज़ भारत की सबसे बड़ी बीयर निर्माता कंपनी है, जिसकी बिक्री के आधार पर बाज़ार में हिस्सेदारी 48% के आसपास है। समूह का नेतृत्व डॉ॰ विजय माल्या के हाथों में है जो भारतीय संसद के एक सदस्य भी हैं। युनाइटेड ब्रूअरीज़ के पास अब भारतीय मादक पेय बाज़ार की 40% से अधिक हिस्सेदारी है जिसकी दुनिया भर में 79 डिस्टीलरीज़ और बॉटलिंग इकाइयां हैं। हाल ही में यूबी (UB) समूह ने भारत के स्पिरिट्स कारोबार का अधिकाँश हिस्सा देकर अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी शॉ-वालेस के स्पिरिट्स कारोबार के अधिग्रहण को वित्तपोषित किया। समूह के पास संयुक्त राज्य अमेरिका में मेंडोसिनो ब्रूइंग कंपनी (Mendocino Brewing Company) का स्वामित्व है। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और यूबी समूह · और देखें »

सूरतकल

सूरतकल (तुलु: ಸುರತ್ಕಲ್) मंगलौर नगर निगम के अधीन एक क्षेत्र है। यह दक्षिण कन्नड़ जिला, कर्नाटक में स्थित है। यहां भारत का एक बेहतरीन तकनीकी संस्थान राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (एन.आई.टी.के) स्थापित है। इसे पूर्व में कर्नाटक रीजनल इंजीनियरिंग कालिज कहा जाता था। सूरतकल मंगलौर शहर का उपनगरीय क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग - 17 पर पड़ता है। सूरतकल सागरतट .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और सूरतकल · और देखें »

हव्यक

हव्यक ब्राह्मण हिन्दु पंच द्राविड वैदिक ब्राह्मणों में एक है। इन्हे "हवीका", "हैगा" तथा "हवीगा" नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान में अधिकांश हव्यक भारत का कर्नाटक राज्य के निवासी हैं। हव्यक, आदि शंकराचार्य द्वारा प्रतिपादित अद्वैत दर्शन को मान्ते हैं। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और हव्यक · और देखें »

कन्नड़

कोई विवरण नहीं।

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और कन्नड़ · और देखें »

करावली

कन्नड़ क्षेत्र (टुलु:ಕರಾವಳಿ) या करावली क्षेत्र कर्नाटक राज्य के तीन तटीय जिलों, दक्षिण कन्नड़, उडुपी एवं उत्तर कन्नड़ को मिलाकर कहा जाता है। यह कोंकण तटरेखा का दक्षिणी भाग बनाता है। इस क्षेत्र की उत्तर से दक्षिण लंबाई ३०० कि.मी तक और चौड़ाई ३० से ११० कि.मी तक जाती है। क्षेत्र में बहती हवा के साथ झूलते हुए चीड़ के वृक्ष दृश्य होते हैं। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और करावली · और देखें »

कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और कर्नाटक · और देखें »

कर्नाटक के मण्डल

कर्नाटक दक्षिण भारत में स्थित एक राज्य है, जिसका गठन १ नवंबर १९५६ को किया गया था। १ नवम्बर १९७३ को राज्य का नाम मैसूर से बदलकर कर्नाटक किया गया था। कर्नाटक राज्य को ४ मण्डलों में बांटा गया है।.

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और कर्नाटक के मण्डल · और देखें »

कर्नाटक के जिले

कर्नाटक के जिले यह सूची कर्नाटक के जिलों की है:-.

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और कर्नाटक के जिले · और देखें »

कर्नाटक/आलेख

कर्नाटक (उच्चारण), जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का सृजन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्संगठन अधिनियम के अधीन किया गया था। मूलतः यह मैसूर राज्य कहलाता था और १९७३ में इसे पुनर्नामकरण कर कर्नाटक नाम मिला था। कर्नाटक की सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। राज्य का कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है और इसमें २९ जिले हैं। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। हालांकि कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई सन्दर्भ हैं, फिर भी उनमें से सर्वाधिक स्वीकार्य तथ्य है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्खन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द प्रयोग किया गया है, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयोग किया गया है और कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन याज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

नई!!: दक्षिण कन्नड़ जिला और कर्नाटक/आलेख · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

दक्षिण कन्नड जिला, दक्षिण कन्नड़, दक्षिण कन्नङ जिला

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »