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दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन

सूची दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। संगठन के सदस्य देशों की जनसंख्या (लगभग 1.5 अरब) को देखा जाए तो यह किसी भी क्षेत्रीय संगठन की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली है। इसकी स्थापना ८ दिसम्बर १९८५ को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी। अप्रैल २००७ में संघ के 14 वें शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान इसका आठवा सदस्य बन गया। .

20 संबंधों: दक्षिण एशिया, दक्षिण एशिया उपग्रह, दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र, दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय, दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन, दक्षेस सचिवालय, दक्षेस गान, प्रणब मुखर्जी, भारत सारावली, भारत का प्रधानमन्त्री, भारत-पाकिस्तान सम्बन्ध, भारत-बांग्लादेश संबंध, भूटान के वैदेशिक सम्बन्ध, सार्क, सार्क दस्तावेज केंद्र, सार्क शिखर सम्मेलन की सूची, सार्क कॉन्सोर्टियम ऑन ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग, जी ७७ राष्ट्र समूह, अर्जुन बहादुर थापा, 2016 उड़ी हमला

दक्षिण एशिया

thumb दक्षिण एशिया एक अनौपचारिक शब्दावली है जिसका प्रयोग एशिया महाद्वीप के दक्षिणी हिस्से के लिये किया जाता है। सामान्यतः इस शब्द से आशय हिमालय के दक्षिणवर्ती देशों से होता है जिनमें कुछ अन्य अगल-बगल के देश भी जोड़ लिये जाते हैं। भारत, पाकिस्तान, श्री लंका और बांग्लादेश को दक्षिण एशिया के देश या भारतीय उपमहाद्वीप के देश कहा जाता है जिसमें नेपाल और भूटान को भी शामिल कर लिया जाता है। कभी कभी इसमें अफगानिस्तान और म्याँमार को भी जोड़ लेते हैं। दक्षिण एशिया के देशों का एक संगठन सार्क भी है जिसके सदस्य देश निम्नवत हैं.

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दक्षिण एशिया उपग्रह

दक्षिण एशिया उपग्रह (इंग्लिश: South Asia Satellite) जिसका नाम पहले सार्क उपग्रह (SAARC Satellite) था, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) क्षेत्र के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा बनाया गया भू-समकालिक संचार और मौसम विज्ञान उपग्रह है। २०१४ में नेपाल में आयोजित १८वें सार्क शिखर सम्मेलन के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उपग्रह सार्क के सदस्य देशों की आवश्यकताओं की सेवा का विचार रखा था। जो उनकी 'पहले पड़ोस' नीति का हिस्सा था। हालांकि उपग्रह सार्क क्षेत्र में सेवा करने का इरादा है, पाकिस्तान कार्यक्रम से बाहर निकल गया, जबकि अफगानिस्तान और बांग्लादेश ने अपनी वचनबद्धता देने का वायदा नहीं किया था।, Economic Times .

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दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र

दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र के बारे में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन के बारहवें अधिवेशन में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हुआ था। जिसमें भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान एवं मालदीव के बीच 2016 तक मुक्त व्यापार क्षेत्र कायम करने का प्रस्ताव रखा गया। इसमें सार्क देशों के सारे विदेश मंत्री उपस्थित थे। इसमें साप्टा पर इन देशों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किये थे। .

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दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय

दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (एसएयू), दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के आठ सदस्य राज्यों द्वारा प्रायोजित एक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है। आठ देश हैं: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका। दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय ने अकबर भवन, भारत में अस्थायी परिसर में, 2010 में छात्रों को स्वीकार करना शुरू किया। इसका स्थायी परिसर भारत में दक्षिण दिल्ली, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (आईजीएनओयू) के बगल में मैदान गढ़ी में होगा। विश्वविद्यालय का पहला अकादमिक सत्र अगस्त 2010 में दो स्नातकोत्तर शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ अर्थशास्त्र और कंप्यूटर विज्ञान में शुरू हुआ था। 2014 के रूप में एसएयू ने गणित, जैव प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर विज्ञान, विकास अर्थशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय संबंधों, कानून और समाजशास्त्र में मास्टर और एमफिल / पीएचडी कार्यक्रमों की पेशकश की। 8 देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा हस्ताक्षरित एक अंतर-सरकारी समझौते के अनुसार सार्क के सभी सदस्य राष्ट्रों द्वारा विश्वविद्यालय की डिग्री मान्यता प्राप्त है। दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय, प्रमुख रूप से सभी आठ सार्क देशों से छात्रों को आकर्षित करता है, हालांकि अन्य महाद्वीपों के छात्र भी भाग लेते हैं। छात्रों के प्रवेश के लिए कोटा प्रणाली है। हर साल एसएयू सभी 8 देशों में कई केन्द्रों में प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। .

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दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन

दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (अंग्रेज़ी:एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस, लघु:आसियान) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी कार्य करते हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है। आसियान की स्थापना ८ अगस्त, १९६७ को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी। इसके संस्थापक सदस्य थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे। ब्रूनेई इस संगठन में १९८४ में शामिल हुआ और १९९५ में वियतनाम। इनके बाद १९९७ में लाओस और बर्मा इसके सदस्य बने। १९७६ में आसियान की पहली बैठक में बंधुत्व और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए गए। १९९४ में आसियान ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम (एशियन रीजनल फोरम) (एआरएफ) की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था। अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया सहित एआरएफ के २३ सदस्य हैं। अपने चार्टर में आसियान के उद्देश्य के बारे में बताया गया है। पहला उद्देश्य सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता को कायम रखा जाए, इसके साथ ही झगड़ों का शांतिपूर्ण निपटारा हो। सेक्रेट्री जनरल, आसियान द्वारा पारित किए प्रस्तावों को लागू करवाने और कार्य में सहयोग प्रदान करने का काम करता है। इसका कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। वर्तमान में थाईलैंड के सूरिन पिट्स्वान इसके सेक्रेट्री जनरल है। आसियान की निर्णायक बॉडी में राज्यों के प्रमुख होते हैं, इसकी वर्ष में एक बार बैठक होती है। भारत आसियान देशों से सहयोग करने और संपर्क रखने का सदा ही इच्छुक रहा है। हाल ही में १३ अगस्त,२००९को भारत ने आसियन के संग बैंगकॉक में सम्मेलन किया, जिसमें कई महत्त्वपूर्ण समझौते हुए थे। भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2008, नई दिल्ली में आसियान मुख्य केन्द्र बिन्दु रहा था। नई व्यापार ब्लॉक के तहत दस देशों की कंपनियों और कारोबारियों ने मेले में भाग लिया था। थाइलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, वियतनाम, फिलिपींस, ब्रुनेई, कंबोडिया और लाओस आसियान के सदस्य देश हैं, जिनके उत्पाद व्यापार मेले में खूब दिखे थे। आसियान भारत का चौथा सबसे बडा व्यापारिक भागीदार है। दोनों पक्षों के बीच २००८ में ४७ अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। फिक्की के महासचिव अमित मित्रा के अनुसार भारत और आसियान के बीच हुआ समझौता दोनों पक्षों के लिए उत्तम होगा। समझौता जनवरी २००९ से लागू हुआ था। .

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दक्षेस सचिवालय

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन सचिवालय, काठमांडू में स्थित एक कॉमप्लेक्स है, जो नेपाल की राजधानी है। यह कॉम्प्लेक्स दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के आधिकारिक मुख्यालय के रूप में कार्य करता है, जो कि मुख्य रूप से दक्षिण एशिया में स्थित आठ सदस्य देशों का एक आर्थिक और भू-राजनीतिक संघ है। मुख्यालय गतिविधियों के समन्वय व कार्यान्वयन पर नज़र रखता है, और सेवा बैठकों के लिए तैयारी करता है, और एसोसिएशन और इसके सदस्य राज्यों के साथ ही अन्य क्षेत्रीय संगठनों के बीच संचार के एक चैनल के रूप में कार्य करता है। .

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दक्षेस गान

दक्षेस गान जो आठ दक्षिण एशियाई देशों के लिए एक प्रस्तावित क्षेत्रीय गान है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका इस दक्षेस के सदस्य हैं। इस गान रचनाकार भारतीय राजनयिक और कवि अभय कुमार हैं। वें नेपाल स्थित भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (प्रेस, सूचना एवं संस्कृति) के रूप में तैनात हैं। अभय कुमार ने दक्षेस गान को मूलत: हिंदी में लिखा है लेकिन अब इसका अनुवाद सात अन्य दक्षेस राष्ट्रों की मातृभाषा में किया हैं। इस गान को लिखकर अभय कुमार ने दक्षेस देशों में परस्पर सहयोग की भावना को और पुष्ट करने की कोशिश की हैं। गान में दक्षेस के सभी आठ देशों- नेपाल, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मालदीव, श्रीलंका और भूटान की भाषाओं का इस्तेमाल किया गया है। दक्षेस गान को सर्वप्रथम नेपाल से प्रकाशित हिन्दी मासिक ‘हिमालिनी’ नामक वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया। .

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प्रणब मुखर्जी

प्रणव कुमार मुखर्जी (প্রণবকুমার মুখোপাধ্যায়, जन्म: 11 दिसम्बर 1935, पश्चिम बंगाल) भारत के तेरहवें वें व पूर्व राष्ट्रपति रह चुके हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया। सीधे मुकाबले में उन्होंने अपने प्रतिपक्षी प्रत्याशी पी.ए. संगमा को हराया। उन्होंने 25 जुलाई 2012 को भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। प्रणब मुखर्जी ने किताब 'द कोलिएशन ईयर्स: 1996-2012' लिखा है। .

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

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भारत-पाकिस्तान सम्बन्ध

वाघा सीमा के पास शाम के वक्त झण्डा नीचे करने का समारोह राष्ट्रपति भवन में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा पाकिस्तान के प्रधनमंत्री नवाज शरीफ भारत और पाकिस्तान में संबंध हमेशा से ही ऐतिहासिक और राजनैतिक मुद्दों कि वजह से तनाव में रहे हैं। इन देशों में इस रिश्ते का मूल वजह भारत के विभाजन को देखा जाता है। कश्मीर विवाद इन दोनों देशों को आज तक कई उलझाए है और दोनों देश कई बार इस विवाद को लेकर सैनिक कार्रवाई कर चुके हैं। इन देशों में तनाव मौजूद है जबकि दोनों ही देश एक दूजे के इतिहास, सभ्यता, भूगोल और अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए हैं। .

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भारत-बांग्लादेश संबंध

भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश हैं और आमतौर पर उन दोनों के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं, हालांकि कभी-कभी सीमा विवाद होते हैं। बांग्लादेश की सीमा तीन ओर से भारत द्वारा ही आच्छादित है। ये दोनो देश सार्क, बिम्सटेक, हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ और राष्ट्रकुल के सदस्य हैं। विशेष रूप से, बांग्लादेश और पूर्व भारतीय राज्य जैसे पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा बंगाली भाषा बोलने वाले प्रांत हैं। १९७१ में पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के बिच बांग्लादेश मुक्ति युद्ध शुरु हुआ और भारत ने पूर्वी पाकिस्तान की ओर से दिसंबर १९७१ में हस्तक्षेप किया। फलस्वरूप बांग्लादेश राज्य के रूप में पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान की स्वतंत्रता को सुरक्षित करने में भारत ने मदद की। .

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भूटान के वैदेशिक सम्बन्ध

भूटान के यूरोपीय संघ के ५२ देशों के साथ राजनयिक सम्बन्ध हैं। १९७१ में भारत के सहयोग से भूटान ने अपना वैदेशिक संबंध सुधारना आरम्भ किया और संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बना। किन्तु संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद के किसी भी स्थायी सदस्य देश के साथ इसके राजनयिक संबंध नहीं हैं। १९८१ में भूटान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सदस्यता ली। इसके बाद १९८२ में विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा यूनेस्को की सदस्यता ली। भूटान दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) का सक्रिय सदस्य है। सम्प्रति भूटान ४५ अंतराराष्ट्रीय संगठनों का सदस्य है। .

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सार्क

कोई विवरण नहीं।

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सार्क दस्तावेज केंद्र

सार्क दस्तावेज केंद्र (एसडीसी) सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) का एक क्षेत्रीय केंद्र है एसडीसी नई दिल्ली में स्थित है। वर्तमान में यह एनआईएससीएआईआर के परिसर में स्थित है। .

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सार्क शिखर सम्मेलन की सूची

यह दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सम्मेलन की एक सूची है। हालांकि सार्क चार्टर अनुसार राज्य या सरकार के प्रमुखों को वर्ष में एक बार मिलने की आवश्यकता होती है, शिखर सम्मेलन आम तौर पर लगभग हर अठारह महीने में होते हैं। .

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सार्क कॉन्सोर्टियम ऑन ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग

सार्क कॉन्सोर्टियम ऑन ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (SACODiL) एक क्षेत्रीय सहयोग एजेंसी है, जो क्षेत्रीय सहयोग के लिए साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन (सार्क) के तत्वावधान में स्थापित है, जिसमें सदस्य राज्यों के संस्थानों के बीच खुले और दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से ज्ञान देने वाले संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य हैं और सभी स्तरों पर गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने की एक व्यवहारिक और लागत प्रभावी पद्धति के रूप में इसके उपयोग को बढ़ावा देना भी शामिल है। .

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जी ७७ राष्ट्र समूह

जी-७७ समूह (अंग्रेज़ी:ग्रुप ऑफ 77, या जी-77) विश्व के विकासशील देशों का एक समूह है। यह संगठन हालांकि संयुक्त राष्ट्र के शेष समूहों की अपेक्षा कम मजबूत है, किन्तु विकासशील देशों के हितों को आगे रखने वाला संयुक्त राष्ट्र में यह सबसे बड़ा समूह है। इसके कार्यालय विश्व के कई शहरों में हैं जिनमें जेनेवा, नैरोबी, रोम, वियना और वॉशिंगटन डी॰ सी॰ प्रमुख हैं। जी-77 समूह की मूल स्थापना ७७ देशों ने मिलकर की थी। बाद में बहुत से अन्य देश भी इसके सदस्य बनते गये और वर्तमान में इसकी कुल सदस्य संख्या १३० हो गई है, लेकिन इसकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता को देखते हुए इसका मूल नाम अभी तक वही पुराना जी-७७ समूह बनाये रखा गया है। अभी सूडान इस संगठन का नेतृत्व कर रहा है। भारत भी इसका सदस्य है। जी-७७ समूह की स्थापना जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) के सम्मेलन के पहले सत्र के बाद हुई थी। इस स्थापना की घोषणा सभी मूल संस्थापक ७७ देशों के संयुक्त घोषणा पत्र यानि ज्वाइंट डिक्लेरेशन ऑफ द सेवेंटी-सेवन कंट्रीज के तहत १५ जून, १९६४ को संयुक्त घोषणा के बाद हुई थी। जी-७७ की पहली मंत्रीस्तरीय बैठक अल्जीरिया की राजधानी अल्जियर्स में १०-२५ अक्तूबर, १९६७ को हुई थी। संयुक्त राष्ट्र में सूडान गणराज्य के स्थायी प्रतिनिधि अब्दल महमूद अब्दलहलीम मोहम्मद वर्तमान में इस समूह के अध्यक्ष हैं। अब्दल महमूद मुहम्मद संयुक्त राष्ट्र में सूडान के स्थायी प्रतिनिधि भी हैं। जी-७७ के अध्यक्ष पद के लिए एशिया, अफ्रीका और कैरीबियन देशों से पारीवार रूप में व्यक्ति का चुनाव होता है। दक्षिणी सम्मेलन यानि साउथ समिट जी-७७ समूह की सर्वोच्च निर्णायक इकाई है। इसकी बैठक प्रत्येक पांच वर्ष में एक बार होती है। विश्व के दक्षिणी गोलार्ध के देशों के हितों की देखरेख करने वाले इस समूह का व्यय सभी सदस्य देश मिलकर उठाते हैं। .

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अर्जुन बहादुर थापा

अर्जुन बहादुर थापा (जन्म १२ जनवरी १९५६) नेपाली राजनयिक और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के महासचिव हैं। .

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2016 उड़ी हमला

उरी हमला 18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हुआ, एक आतंकी हमला है जिसमें 18 जवान शहीद हो गए। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला है। उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया है। इनकी योजना के तहत ही सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया। हमलावरों के द्वारा निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जा सके। - एनडीटीवी - 19 सितम्बर 2016 अमेरिका ने उड़ी हमले को "आतंकवादी" हमला करार दिया। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन, दक्षिण एशियाई क्षेत्रिय सहयोग संघ, दक्षिण एशियाई क्षेत्रिय सहयोग संगठन, दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ, दक्षेस, साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन

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